लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

१९७२

सूची १९७२

१९७२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

238 संबंधों: चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव, टी ए पाइ, एडवर्ड ८, एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स, एना कोर्निकोवा, एम भारद्वाज रामचंद्र राव, एम॰ एस॰ स्वामीनाथन, एयर मार्शल एच सी दीवान, एयर मार्शल एम एम इंजीनियर, एल ए कृष्ण अइयर, एक बेचारा (1972 फ़िल्म), एक हसीना दो दीवाने (1972 फ़िल्म), एक खिलाड़ी बावन पत्ते (1972 फ़िल्म), झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची, डबल क्रॉस (1972 फ़िल्म), डाक सूचक संख्या, ताँगेवाला (1972 फ़िल्म), द गॉडफ़ादर, द इनर आइ (१९७२ फ़िल्म), दत्तात्रेय यशवंत फड़के, दास्तान (1972 फ़िल्म), दिल दौलत दुनिया (1972 फ़िल्म), दूरदर्शन (चैनल), दो चोर (1972 फ़िल्म), दो यार (1972 फ़िल्म), दीपक शर्मा, नम्रता शिरोडकर, नियंत्रण रेखा, निर्मल वर्मा, नूरी गोपाल कृष्णमूर्ति, नेहरु सेन्टर, नोआम चाम्सकी, प-पत्र, पद्म भूषण, परिचय (1972 फ़िल्म), परछाइयाँ (1972 फ़िल्म), पापनाशन रमैया शिवम, पाइथागोरस, पिया का घर, पिज़्ज़ा हट, प्रतिद्वंद्वी (१९७२ फ़िल्म), प्रतिभा देवीसिंह पाटिल, प्राणनाथ लूथरा, प्राणनाथ छुटानी, पृथ्वीराज कपूर, पूजा भट्ट, पॉल न्युमैन, पी॰ सी॰ महालनोबिस, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार, ..., फुल्ल बिना डाली, बलदेव सिंह, बाबुल की गलियाँ (1972 फ़िल्म), बाल दत्तात्रेय तिलक, बांग्लादेश के राष्ट्रपति, बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची, बिनय शुषन घोष, बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची, बंसी बिरजू (1972 फ़िल्म), बुनी हुई रस्सी, बैडमिंटन, बेल्जियम, बेईमान (1972 फ़िल्म), बॉबी जिंदल, बॉम्बे टू गोआ (1972 फ़िल्म), बी एन सरकार, बीसवीं शताब्दी, भरत राम, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत रत्‍न, भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची, भारत के अभयारण्य, भारतीय गणितज्ञों की सूची, भारतीय इतिहास तिथिक्रम, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, भालचंद्र नीलकांत पुरंदरे, भाई हो तो ऐसा (1972 फ़िल्म), भवानी प्रसाद मिश्र, मनमोहन सिंह, मनोजदासक कथा ओ काहिनी, ममता कुलकर्णी, महेश्वर दयाल, माधवराव खंडाराव बागल, मार्टिन डैम, मालिक (1972 फ़िल्म), माइकल डगलस, मित्तर पिआर, मिलवॉकी बक्स, मिज़ूरी, मुद्रा वायदा, मुहम्मद हयात, मैनहटन, मेरे जीवन साथी (1972 फ़िल्म), मोम की गुड़िया (1972 फ़िल्म), मोहन राकेश, मोहिंदर सिंह रणधावा, मीना कुमारी, यशोधरा दसप्पल, यह गुलिस्ताँ हमारा (1972 फ़िल्म), योनास ब्योर्कमैन, रतन नवल टाटा, रानी मेरा नाम (1972 फ़िल्म), राम नारायण चक्रवर्ती, राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, नई दिल्ली, रास्ते का पत्थर, राज कपूर, राज कुमार, राजा जानी (1972 फ़िल्म), राजेश खन्ना, राखी और हथकड़ी (1972 फ़िल्म), रिवाज़ (1972 फ़िल्म), रजत जयंती, रूप तेरा मस्ताना (1972 फ़िल्म), लक्खुमल हीरानंद हीरानंदानी, लॉस एंजेल्स लेकर्स, लीयों नील कूपर, लीसा रे, शहज़ादा (1972 फ़िल्म), शादी के बाद (1972 फ़िल्म), शांतिलाल सी सेठ, शिल नेरंगळिल शिल मणितर्कळ, श्री श्री साहित्यमु, श्रीलंकाई गृहयुद्ध का इतिहास, शैलेश मटियानी, शून्यसंपादनेय परामर्शे, शेष नमस्कार, शोर (1972 फ़िल्म), सब का साथी (1972 फ़िल्म), सबसे बड़ा सुख (1972 फ़िल्म), समाधि (1972 फ़िल्म), सरताज सिंह, सरताज सिंह साही, सा रे गा मा पा (1972 फ़िल्म), सिंध के राज्यपाल, सगत सिंह, संचार उपग्रह, सुबह ओ श्याम (1972 फ़िल्म), सुय्या, सुरिंदर सिंह बेदी, सुजय भूषण रॉय, स्टीव जॉब्स, स्पुटनिक, सैयद हुसैन ज़हीर, सीता और गीता (1972 फ़िल्म), हनुमान सेतु मंदिर, जबान (1972 फ़िल्म), जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान, जय कृष्ण, ज़मीन आसमान (1972 फ़िल्म), ज़ानेले मुहोली, ज़िन्दगी ज़िन्दगी (1972 फ़िल्म), ज़्याँ मेरी गुस्ताव लेक्लेज़ियो, जानवर और इंसान (1972 फ़िल्म), जिमी कोनर्स, जगजीत सिंह अरोड़ा, जंगल में मंगल (1972 फ़िल्म), जंक फूड, जुडास प्रीस्ट, जे एडगर हूवर, जेव्हा माणूस जागा होतो, जॉर्ज पंचम, जोरू का गुलाम (1972 फ़िल्म), जीत (1972 फ़िल्म), घासीराम कोतवाल (नाटक), वन्यजीव न्यायालयिक विज्ञान, वफ़ा (1972 फ़िल्म), वाशिंगटन विज़र्डस, वाइस नीलकांत कृष्णन, वाइस सुरिंदरनाथ कोहली, विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल, विनायकराव पटवर्धन, विश्व धरोहर, विजय तेंडुलकर, विक्टोरिया नम्बर २०३ (1972 फ़िल्म), खुसरो फारामर्ज़ रुस्तमजी, खेम करण सिंह, गरम मसाला (1972 फ़िल्म), गुलिस्तान रुस्तम बिल्लीमोरिया, गुजरात के मुख्यमंत्रियों की सूची, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, गोपाल गुरुनाथ बेवूर, गोरा और काला (1972 फ़िल्म), गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, ओड़िशा का इतिहास, ओरु देशतिण्टे तथा, आँख मिचौली (1972 फ़िल्म), आँखों आँखों में (1972 फ़िल्म), आद्य रंगाचार्य, आन बान (1972 फ़िल्म), इराकी दीनार, इला रमेश भट्ट, इंद्रजीत सिंह गिल, कयलाथ पोथेन फिलिप, कश्मीर का इतिहास, कृष्णस्वामी स्वामिनाथन, के पी कंडेथ, कोशिश (1972 फ़िल्म), अन्तरजाल का इतिहास, अन्वेषणों की समय-रेखा, अनोखी पहचान (1972 फ़िल्म), अपना देश (1972 फ़िल्म), अपराध (1972 फ़िल्म), अमृति वी मोदी, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, अय्यगिरी साम्बशिव राव, अश्विनी कुमार (प्रशासकीय अधिकारी), अघरी आत्मार काहिनी, १ फ़रवरी, १ अगस्त, १० जून, ११ जनवरी, १२ जून, १५ अगस्त, १७ दिसम्बर, १७ जुलाई, १८ जनवरी, २० अप्रैल, २१ फ़रवरी, २१ अगस्त, २२ जनवरी, २३ मार्च, २४ अप्रैल, २४ अक्टूबर, २६ जनवरी, २७ सितम्बर, २८ अगस्त, ३ दिसम्बर, ३ जनवरी, ३ जुलाई, ३१ मार्च, ४ अप्रैल, ५०० होम रन दल, ६ अक्टूबर, ८ जुलाई, ९ दिसम्बर, ९ अप्रैल सूचकांक विस्तार (188 अधिक) »

चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव

चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये संयुक्त राजशाही से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1920 में जन्मे लोग श्रेणी:२०१३ में निधन.

नई!!: १९७२ और चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव · और देखें »

टी ए पाइ

टी ए पाइ को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1898 में जन्मे लोग श्रेणी:१९७९ में निधन.

नई!!: १९७२ और टी ए पाइ · और देखें »

एडवर्ड ८

एडवर्ड ८ (एडवर्ड अल्बर्ट क्रिस्टियन जोर्ज एन्ड्रु पेट्रिक डेविड; बाद मे राजकुमार एडवर्ड, विन्स्डोर का ड्युक; जुन २३ १८९४ – मई २८ १९७२) ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड, कमनवेल्थ और भारत के राजा थे। उन का राजकाल उन के पिता जर्ज ५(1910–36) के जनवरी 20 1936 का स्वर्गारोहन से उनका दिसम्बर 11 1936 के पदत्याग तक रही। वे विन्स्डर गृह के दुसरे सम्राट थे।.

नई!!: १९७२ और एडवर्ड ८ · और देखें »

एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स

सर एड्विन्स लैंडसीयर लूट्यन्स, OM, KCIE,PRA,FRIBA,LLD (29 मार्च 1869 – 1 जनवरी 1944) बीसवीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार थे, जिन्हें अपने युग की आवश्यकताओं के अनुसार परंपरागत शैली को कल्पनापूर्वक अपनाने के लिये याद किया जाता है। इन्होंने कई इंग्लिश भवन बनाये, व मुख्यतः इन्हें भारत की तत्कालीन राजधानी नई दिल्ली की अभिकल्पना के लिये जाना जाता है। इनका जन्म व मृत्यु लंदन में ही हुई। इनका नाम इनके पिता के एक मित्र, एक शिल्पकार, एड्विन लैण्डसियर के नाम पर रखा गया था। इन्हें महानतम ब्रिटिश वास्तुकार कहा जाता है। .

नई!!: १९७२ और एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स · और देखें »

एना कोर्निकोवा

एना सर्जेयेव्ना कोर्निकोवा (Анна Сергеевна Ку́рникова; जन्म: 7 जून 1981) एक रूसी पेशेवर टेनिस खिलाड़ी तथा मॉडल हैं। उनकी प्रसिद्धि ने उन्हें दुनिया के नामचीन टेनिस खिलाड़ियों में शुमार कर दिया है। अपनी प्रसिद्धि के शीर्ष पर, प्रशंसकों द्वारा कोर्निकोवा की तस्वीरों की खोज के कारण उनका नाम इंटरनेट के सर्च इंजन गूगल पर सर्वाधिक तलाश किए जाने वाले नामों में एक बन गया है। यद्यपि सिंगल्स में भी वे सफल रहीं और वर्ष 2000 में दुनिया के नम्बर 8 पर जा पहुंची, पर कोर्निकोवा की खासियत डबल्स ही रही, जहां वे दुनिया की पहले नम्बर की खिलाड़ी रहीं। मार्टिना हिंगिस की जोड़ी के साथ उन्होंने वर्ष 1999 तथा 2002 में ऑर्स्टेलिया में ग्रैंड स्लैम का खिताब हासिल किया। कोर्निकोवा का पेशेवर टेनिस करियर पिछ्ले कुछ सालों से धीमा रहा है और रीढ़ एवं स्पाइनल की गंभीर समस्याओं के कारण संभवतः समाप्त ही हो चला है। वर्तमान में वे फ्लोरिडा के मियामी तट पर रहती हैं तथा कभी-कभी प्रदर्शनियों एवं वर्ल्ड टेनिस टीम के सेंट लुईस एसेस के लिए खेलती हैं। .

नई!!: १९७२ और एना कोर्निकोवा · और देखें »

एम भारद्वाज रामचंद्र राव

एम भारद्वाज रामचंद्र राव को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और एम भारद्वाज रामचंद्र राव · और देखें »

एम॰ एस॰ स्वामीनाथन

एम एस स्वामिनाथन (जन्म: 7 अगस्त 1925, कुम्भकोणम, तमिलनाडु) पौधों के जेनेटिक वैज्ञानिक हैं जिन्हें भारत की हरित क्रांति का जनक माना जाता है। उन्होंने १९६६ में मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए। उन्हें विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 'हरित क्रांति' कार्यक्रम के तहत ज़्यादा उपज देने वाले गेहूं और चावल के बीज ग़रीब किसानों के खेतों में लगाए गए थे। इस क्रांति ने भारत को दुनिया में खाद्यान्न की सर्वाधिक कमी वाले देश के कलंक से उबारकर 25 वर्ष से कम समय में आत्मनिर्भर बना दिया था। उस समय से भारत के कृषि पुनर्जागरण ने स्वामीनाथन को 'कृषि क्रांति आंदोलन' के वैज्ञानिक नेता के रूप में ख्याति दिलाई। उनके द्वारा सदाबाहर क्रांति की ओर उन्मुख अवलंबनीय कृषि की वकालत ने उन्हें अवलंबनीय खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में विश्व नेता का दर्जा दिलाया। एम.

नई!!: १९७२ और एम॰ एस॰ स्वामीनाथन · और देखें »

एयर मार्शल एच सी दीवान

एयर मार्शल एच सी दीवान को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1921 में जन्मे लोग.

नई!!: १९७२ और एयर मार्शल एच सी दीवान · और देखें »

एयर मार्शल एम एम इंजीनियर

एयर मार्शल एम एम इंजीनियर को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1921 में जन्मे लोग श्रेणी:१९९७ में निधन.

नई!!: १९७२ और एयर मार्शल एम एम इंजीनियर · और देखें »

एल ए कृष्ण अइयर

एल ए कृष्ण अइयर को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये केरल से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और एल ए कृष्ण अइयर · और देखें »

एक बेचारा (1972 फ़िल्म)

एक बेचारा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और एक बेचारा (1972 फ़िल्म) · और देखें »

एक हसीना दो दीवाने (1972 फ़िल्म)

एक हसीना दो दीवाने 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और एक हसीना दो दीवाने (1972 फ़िल्म) · और देखें »

एक खिलाड़ी बावन पत्ते (1972 फ़िल्म)

एक खिलाड़ी बावन पत्ते 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और एक खिलाड़ी बावन पत्ते (1972 फ़िल्म) · और देखें »

झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची

झारखण्ड पूर्वी भारत का एक राज्य है जिसकी स्थापना 15 नवम्बर 2000 को हुई और इसके प्रथमा मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी बने। .

नई!!: १९७२ और झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची · और देखें »

डबल क्रॉस (1972 फ़िल्म)

डबल क्रॉस 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और डबल क्रॉस (1972 फ़िल्म) · और देखें »

डाक सूचक संख्या

डाक सूचक संख्या या पोस्टल इंडेक्स नंबर (लघुरूप: पिन नंबर) एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से किसी स्थान विशेष को एक विशिष्ट सांख्यिक पहचान प्रदान की जाती है। भारत में पिन कोड में ६ अंकों की संख्या होती है और इन्हें भारतीय डाक विभाग द्वारा छांटा जाता है। पिन प्रणाली को १५ अगस्त १९७२ को आरंभ किया गया था। .

नई!!: १९७२ और डाक सूचक संख्या · और देखें »

ताँगेवाला (1972 फ़िल्म)

ताँगेवाला 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और ताँगेवाला (1972 फ़िल्म) · और देखें »

द गॉडफ़ादर

द गॉडफ़ादर एक 1972 की अमेरिकी थ्रिलर फ़िल्म है, जो मारियो प्युज़ो के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है और प्यूज़ो, कोपोला और रॉबर्ट टाउन (श्रेयरहित) की पटकथा के आधार पर फ्रांसिस फोर्ड कोपोला द्वारा निर्देशित की गई है। इसके सितारे हैं मार्लन ब्रैंडो, ऍल पचीनो, जेम्स कान, रिचर्ड एस. कैस्टेलानो, रॉबर्ट डुवाल, स्टर्लिंग हेडन, जॉन मार्ले, रिचर्ड कॉन्टी और डैयान कीटन, तथा इसमें जॉन कैज़ेल, टालिया शैर, ऍल मार्टिनो और एब विगोडा ने भी अभिनय किया है। कहानी 1945 से 1955 तक दस वर्षों की अवधि में विस्तृत है और एक काल्पनिक इतालवी अमेरिकी अपराधी परिवार कोरलियॉन का इतिवृत्त दर्शाती है। दो उत्तरकथाएं बाद में प्रस्तुत हुईं: 1974 में गॉडफ़ादर भाग II और 1990 में गॉडफादर भाग III.

नई!!: १९७२ और द गॉडफ़ादर · और देखें »

द इनर आइ (१९७२ फ़िल्म)

द इनर आइ 1972 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और द इनर आइ (१९७२ फ़िल्म) · और देखें »

दत्तात्रेय यशवंत फड़के

दत्तात्रेय यशवंत फड़के को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और दत्तात्रेय यशवंत फड़के · और देखें »

दास्तान (1972 फ़िल्म)

दास्तान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और दास्तान (1972 फ़िल्म) · और देखें »

दिल दौलत दुनिया (1972 फ़िल्म)

दिल दौलत दुनिया 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और दिल दौलत दुनिया (1972 फ़िल्म) · और देखें »

दूरदर्शन (चैनल)

अंगूठाकार दूरदर्शन नाम से संबोधित अन्य लेखों को देखने के लिये दूरदर्शन (बहुविकल्पी) पर जायें। दूरदर्शन (अंग्रेज़ी: Doordarshan) भारत का सरकारी दूरदर्शन प्रणाल (चैनल) है। यह भारत सरकार द्वारा नामित पर्षद् प्रसार भारती के अंतर्गत चलाया जाता है। दूरदर्शन के प्रसारण की शुरूआत भारत में दिल्ली सितंबर, १९५९ को हुई। प्रसार-कक्ष तथा प्रेषित्रो की आधारभूत सेवाओं के लिहाज़ से यह विश्व का दूसरा सबसे विशाल प्रसारक है। हाल ही मे इसने अंकीय पार्थिव प्रेषित्रो (डिजिटल स्थलचर संचारी (Digital Terrestrial Transmitters)) सेवा शुरु की। दूरदर्शन के राष्‍ट्रीय नेटवर्क में 64 दूरदर्शन केन्‍द्र / निर्माण केन्‍द्र, 24 क्षेत्रीय समाचार एकक, 126 दूरदर्शन रखरखाव केन्द्र, 202 उच्‍च शक्ति ट्रांसमीटर, 828 लो पावर ट्रांसमीटर, 351 अल्‍पशक्ति ट्रांसमीटर, 18 ट्रांसपोंडर, 30 चैनल तथा डीटीएच सेवा भी शामिल है। .

नई!!: १९७२ और दूरदर्शन (चैनल) · और देखें »

दो चोर (1972 फ़िल्म)

दो चोर 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और दो चोर (1972 फ़िल्म) · और देखें »

दो यार (1972 फ़िल्म)

दो यार 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और दो यार (1972 फ़िल्म) · और देखें »

दीपक शर्मा

दीपक शर्मा दीपक शर्मा (जन्म ३० नवंबर १९४६) हिन्दी की जानी मानी कथाकार हैं। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से अँग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। उनके पिता आल्हासिंह भुल्लर पाकिस्तान के लब्बे गाँव के निवासी थे तथा माँ मायादेवी धर्मपरायण गृहणी थीं। १९७२ में उनका विवाह श्री प्रवीण चंद्र शर्मा से हुआ जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। संप्रति वे लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के अंग्रेज़ी विभाग में वरिष्ठ प्रवक्ता हैं। .

नई!!: १९७२ और दीपक शर्मा · और देखें »

नम्रता शिरोडकर

नम्रता शिरोडकर (जन्म: 22 जनवरी, 1972) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

नई!!: १९७२ और नम्रता शिरोडकर · और देखें »

नियंत्रण रेखा

हरे रंग में दो पाकिस्तानी अधिकार क्षेत्र दिखाए गये हैं - फैडरली एड्मिनिस्टर्ड नॉर्थर्न एरियाज़ (एफ ए एन ए) उत्तर में, तथा आज़ाद जम्मू एवं कश्मीर (ए जे के) दक्षिण में। नारंगी रंग में भारतीय नियंत्रण वाले जम्मू कश्मीर राज्य को दिखाया गया है और हैचिंग किये क्षेत्र में चीनी नियंत्रण वाला अकसाई चिन क्षेत्र दिखाया गया है। नियंत्रण रेखा (अंग्रेज़ी:लाइन ऑफ कंट्रोल), भारत और पाकिस्तान के बीच खींची गयी ७४० किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। यह रेखा दोनो देशों के बीच पिछले ५० वर्षों से विवाद का विषय बनी हुई है। वर्तमान नियंत्रण रेखा यहां १९४७ में दोनों देशों के बीच हुए युद्ध को विराम देकर तत्कालीन नियंत्रण स्थिति पर खींची गयी थी, जो आज भी लगभग वैसी ही है।। अमर उजाला तब कश्मीर के कई भागों में पाकिस्तान ने आक्रमण कर दिया था और भारतीय सेनाएं कश्मीर की सुरक्षा हेतु आगे आयीं थीं। उत्तरी भाग में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को कारगिल सैक्टर से पीछे श्रीनगर-लेह राजमार्ग तक पछाड़ दिया था। १९६५ में पाकिस्तान ने फिर आक्रमण किया किन्तु लड़ाई में गतिरोध उत्पन्न हुआ, जिसके चलते यथास्थिति १९७१ तक बनी रही। नियंत्रण रेखा का संयुक्त राज्य मानचित्र। सियाचिन हिमनद के निकट रेखा स्पष्ट नहीं की गयी है। १९७१ में बांग्लादेश युद्ध के उत्तर में पाकिस्तान ने फिर कश्मीर पर आक्रमण किया जिससे नियंत्रण रेखा के दोनों ओर दोनों ही देशों ने एक दूसरे की चौकियों पर नियंण्त्रण किया था। भारत को नियंत्रण रेखा के उत्तरी भाग में लद्दाख क्षेत्र से लगभग ३०० वर्ग मील भूमि मिली थी। ३ जुलाई, १९७२ में शिमला समझौते के परिणामस्वरूप शांतिवार्ता के बाद नियंत्रण रेखा को बहाळ किया गया। पारस्परिक समझौते में आपसी वार्ता से मामले के सुलझ जाने तक यथास्थिति बहाल रखे जाने की बात मानी गयी। यह प्रक्रिया कई माह तक चली और फील्ड कमाण्डरों अगले पांच माहों में लगभग बीस मानचित्र एक दूईसरे को दिये और अंततः कुछ समझौते हुए। फिर भी दोनों देशों के बीच समय समय पर छिटपुट युद्ध होते रहते हैं। साथ ही एक बड़ा युद्ध कार्गिल युद्ध भी हो चुका है। इस रेखा के भारतीय ओर इंडियन कश्मीर बैरियर है जो लंबा पृथक्करण अवरोध है और लंबी विवादित १९७२ लाइन ऑफ कंट्रोल (या सीज़फायर लाइन) पर बना है। यहां भारत द्वारा रेखा के काफी अंदर भारतीय नियंत्रण की ओर दोहरी बाड़ लगायी गई है। इसका उद्देश्य हथियारों की तस्करी और पाकिस्तानी आतंकवादियों व अलगाववादियों द्वारा घुसपैठ रोकना है। यह अवरोध दोहरी बाड़ और कन्सर्टीना तारों के ८-१२ फीट (२.४-३.७ मी.) ऊंचाई तक बना है और विद्युतीकृत है। इसमें गति-सेंसर, ताप-चित्र (थर्मल इमेजिंग) व अलार्म सायरनों का जाल है, जहां जहां विद्युत आपूर्ति उपलब्ध है। एक छोटा भाग ऐसा भि है, जिसमें दोनों बाड़ों के बीच खंदक भी खुदी हुई है। इस अवरोध का निर्माण १९९० के दशक में आरंभ हुआ था, जो २००० में पाक घुसपैठ के चलते कुछ धीमा पड़ गया था, किन्तु नवंबर, २००३ के बाद घोषित रुद्ध विराम के उपरांत फिर आरंभ हुआ और २००४ के अंत तक पूर्ण हुआ। कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र में बाड़ ३० सितंबर २००४ को पूर्ण हुई थी। भारतीय सेना स्रोतों व आंकड़ों के अनुसार इस अवरोध से पाक घुसपैठ में ८०% की कमी आयी है। यहीं से पहले पाक घुसपैठिये व आतंकवादी आकर भारतीय क्षेत्र में सैनिकों पर हमले किया करते थे। .

नई!!: १९७२ और नियंत्रण रेखा · और देखें »

निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा निर्मल वर्मा (३ अप्रैल १९२९- २५ अक्तूबर २००५) हिन्दी के आधुनिक कथाकारों में एक मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार थे। शिमला में जन्मे निर्मल वर्मा को मूर्तिदेवी पुरस्कार (१९९५), साहित्य अकादमी पुरस्कार (१९८५) उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। परिंदे (१९५८) से प्रसिद्धि पाने वाले निर्मल वर्मा की कहानियां अभिव्यक्ति और शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ समझी जाती हैं। ब्रिटिश भारत सरकार के रक्षा विभाग में एक उच्च पदाधिकारी श्री नंद कुमार वर्मा के घर जन्म लेने वाले आठ भाई बहनों में से पांचवें निर्मल वर्मा की संवेदनात्मक बुनावट पर हिमांचल की पहाड़ी छायाएं दूर तक पहचानी जा सकती हैं। हिन्दी कहानी में आधुनिक-बोध लाने वाले कहानीकारों में निर्मल वर्मा का अग्रणी स्थान है। उन्होंने कम लिखा है परंतु जितना लिखा है उतने से ही वे बहुत ख्याति पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहानी की प्रचलित कला में तो संशोधन किया ही, प्रत्यक्ष यथार्थ को भेदकर उसके भीतर पहुंचने का भी प्रयत्न किया है। हिन्दी के महान साहित्यकारों में से अज्ञेय और निर्मल वर्मा जैसे कुछ ही साहित्यकार ऐसे रहे हैं जिन्होंने अपने प्रत्यक्ष अनुभवों के आधार पर भारतीय और पश्चिम की संस्कृतियों के अंतर्द्वन्द्व पर गहनता एवं व्यापकता से विचार किया है।। सृजन शिल्पी। ७ अक्टूबर २००६ .

नई!!: १९७२ और निर्मल वर्मा · और देखें »

नूरी गोपाल कृष्णमूर्ति

नूरी गोपाल कृष्णमूर्ति को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और नूरी गोपाल कृष्णमूर्ति · और देखें »

नेहरु सेन्टर

दक्षिण मुम्बई के पाश इलाके वर्ली मे स्थित नेहरु सेन्टर एक बड़ा सभागार है, जिसमे शामिल है नेहरु प्लेनिटोरियम, डिस्कवरी ऑफ इण्डिया, कल्चर विंग, आर्ट गैलेरी। नेहरु सेन्टर की स्थापना 1972 में की गई थी। इसके निर्माण के पीछे पुर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरु की मानवता प्रेम, विजन, उनका देश के संस्कृति के प्रति प्यार को यह संपुर्ण रूप से दिखाता है। नेहरु ताराघर्, मुंबई नेहरु सेन्टर् नेहरु सेन्टर.

नई!!: १९७२ और नेहरु सेन्टर · और देखें »

नोआम चाम्सकी

एवरम नोम चोम्स्की (हीब्रू: אברם נועם חומסקי) (जन्म 7 दिसंबर, 1928) एक प्रमुख भाषावैज्ञानिक, दार्शनिक, by Zoltán Gendler Szabó, in Dictionary of Modern American Philosophers, 1860–1960, ed.

नई!!: १९७२ और नोआम चाम्सकी · और देखें »

प-पत्र

एक ई-मेल परमाणु पत्र (प-पत्र) ईमेल इलॅक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रूप है। यह संगणक द्वारा अंतरजाल के माध्यम से पत्र भेजने का एक तरीका है। एक ईमेल को भेजने के लिए एक ईमेल पते की आवश्यकता होती है जो यूजर-नेम आैर डोमेन नेम से मिल कर बना होता है | आमतौर इण्टरनेट पर कई मुफ्त ईमेल सेवायें उपलब्ध हैं और जिस प्रकार एक ईमेल को कंप्यूटर से भेजा जाता है उसी प्रकार से एक ईमेल को स्मार्टफ़ोन से भी भेजा जा सकता है | .

नई!!: १९७२ और प-पत्र · और देखें »

पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

नई!!: १९७२ और पद्म भूषण · और देखें »

परिचय (1972 फ़िल्म)

परिचय 1972 में गुलज़ार द्वारा निर्मित एक पारिवारिक कथा आधारित हिन्दी फिल्म है। यह प्रमुख अंग्रेज़ी फ़िल्म दि साऊँड ऑफ़ म्युज़िक से प्रेरित पर यथार्थ चित्रण नहीं है। .

नई!!: १९७२ और परिचय (1972 फ़िल्म) · और देखें »

परछाइयाँ (1972 फ़िल्म)

परछाइयाँ 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और परछाइयाँ (1972 फ़िल्म) · और देखें »

पापनाशन रमैया शिवम

पापनाशन रमैया शिवम को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और पापनाशन रमैया शिवम · और देखें »

पाइथागोरस

सामोस के पाईथोगोरस (Ὁ Πυθαγόρας ὁ Σάμιος, ओ पुथागोरस ओ समिओस, "पाईथोगोरस दी समियन (Samian)," या साधारण रूप से; उनका जन्म 580 और 572 ई॰पू॰ के बीच हुआ और मृत्यु 500 और 490 ई॰पू॰ के बीच हुई), या फ़ीसाग़ोरस, एक अयोनिओयन (Ionian) ग्रीक (Greek)गणितज्ञ (mathematician) और दार्शनिक थे और पाईथोगोरियनवाद (Pythagoreanism) नामक धार्मिक आन्दोलन के संस्थापक थे। उन्हें अक्सर एक महान गणितज्ञ, रहस्यवादी (mystic) और वैज्ञानिक (scientist) के रूप में सम्मान दिया जाता है; हालाँकि कुछ लोग गणित और प्राकृतिक दर्शन में उनके योगदान की संभावनाओं पर सवाल उठाते हैं। हीरोडोट्स उन्हें "यूनानियों के बीच सबसे अधिक सक्षम दार्शनिक" मानते हैं। उनका नाम उन्हें पाइथिआ (Pythia) और अपोलो से जोड़ता है; एरिस्तिपस (Aristippus) ने उनके नाम को यह कह कर स्पष्ट किया कि "वे पाइथियन (पाइथ-) से कम सच (एगोर-) नहीं बोलते थे," और लम्ब्लिकास (Iamblichus) एक कहानी बताते हैं कि पाइथिआ ने भविष्यवाणी की कि उनकी गर्भवती माँ एक बहुत ही सुन्दर, बुद्धिमान बच्चे को जन्म देगी जो मानव जाती के लिए बहुत ही लाभकारी होगा। (The Savisier-) उन्हें मुख्यतः पाईथोगोरस की प्रमेय (Pythagorean theorem) के लिए जाना जाता है, जिसका नाम उनके नाम पर दिया गया है। पाइथोगोरस को "संख्या के जनक" के रूप में जाना जाता है, छठी शताब्दी ईसा पूर्व में धार्मिक शिक्षण और दर्शनमें उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। पूर्व सुकराती (pre-Socratic) काल के अन्य लोगों की तुलना में उनके कार्य ने कथा कहानियों को अधिक प्रभावित किया, उनके जीवन और शिक्षाओं के बारे में अधिक विश्वास के साथ कहा जा सकता है। हम जानते हैं कि पाइथोगोरस और उनके शिष्य मानते थे कि सब कुछ गणित से सम्बंधित है और संख्याओं में ही अंततः वास्तविकता है और गणित के माध्यम से हर चीज के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है तथा हर चीज को एक ताल बद्ध प्रतिरूप या चक्र के रूप में मापा जा सकता है। लम्बलीकस (Iamblichus) के अनुसार, पाइथोगोरस ने कहा कि "संख्या ही विचारों और रूपों का शासक है और देवताओं और राक्षसों का कारण है।" वो पहले आदमी थे जो अपने आप को एक दार्शनिक, या बुद्धि का प्रेमी कहते थे, और पाइथोगोरस के विचारों ने प्लेटो पर एक बहुत गहरा प्रभाव डाला। दुर्भाग्य से, पाइथोगोरस के बारे में बहुत कम तथ्य ज्ञात हैं, क्योंकि उन के लेखन में से बहुत कम ही बचे हैं। पाइथोगोरस की कई उपलब्धियां वास्तव में उनके सहयोगियों और उत्तराधिकारियों की उपलब्धियां हैं। पाईथोगोरस का जन्म सामोस (Samos) में हुआ, जो एशिया माइनर (Asia Minor) के किनारे पर, पूर्वी ईजियन में एक यूनानी द्वीप है। उनकी माँ पायथायस (समोस की निवासी) और पिता मनेसार्चस (टायर (Tyre) के एक फोनिसियन (Phoenicia) व्यापारी) थे। जब वे जवान थे तभी उन्होंने, अपने जन्म स्थान को छोड़ दिया और पोलिक्रेट्स (Polycrates) की अत्याचारी (tyrannical) सरकार से बच कर दक्षिणी इटलीमें क्रोटोन (Croton) केलेब्रिया (Calabria) में चले गए। लम्ब्लिकस (Iamblichus) के अनुसार थेल्स (Thales) उनकी क्षमताओं से बहुत अधिक प्रभावित था, उसने पाइथोगोरस को इजिप्त में मेम्फिस (Memphis) को चलने और वहाँ के पुजारियों के साथ अध्ययन करने की सलाह दी जो अपनी बुद्धि के लिए जाने जाते थे। वे फोनेशिया में टायर और बैब्लोस में शिष्य बन कर भी रहे। इजिप्ट में उन्होंने कुछ ज्यामितीय सिद्धांतों को सिखा जिससे प्रेरित होकर उन्होंने अंततः प्रमेय दी जो अब उनके नाम से जानी जाती है। यह संभव प्रेरणा बर्लिन पेपाइरस (Berlin Papyrus) में एक असाधारण समस्या के रूप में प्रस्तुत है। समोस से क्रोटोन (Croton), केलेब्रिया (Calabria), इटली, आने पर उन्होंने एक गुप्त धार्मिक समाज की स्थापना की जो प्रारंभिक ओर्फिक कल्ट (Orphic cult) से बहुत अधिक मिलती जुलती थी और संभवतः उससे प्रभावित भी थी। Vatican) पाइथोगोरस ने क्रोटन के सांस्कृतिक जीवन में सुधर लाने की कोशिश की, नागरिकों को सदाचार का पालन करने के लिए प्रेरित किया और अपने चारों और एक अनुयायियों का समूह स्थापित कर लिया जो पाइथोइगोरियन कहलाते हैं। इस सांस्कृतिक केन्द्र के संचालन के नियम बहुत ही सख्त थे। उसने लड़कों और लड़कियों दोनों के liye सामान रूप से अपना विद्यालय खोला.जिन लोगों ने पाइथोगोरस के सामाज के अंदरूनी हिस्से में भाग लिए वे अपने आप को मेथमेटकोई कहते थे। वे स्कूल में ही रहते थे, उनकी अपनी कोई निजी संपत्ति नहीं थी, उन्हें मुख्य रूप से शाकाहारी भोजन खाना होता था, (बलि दिया जाने वाला मांस खाने की अनुमति थी) अन्य विद्यार्थी जो आस पास के क्षेत्रों में रहते थे उन्हें भी पाइथोगोरस के स्कूल में भाग लेने की अनुमति थी। उन्हें अकउसमेटीकोई के नाम से जाना जाता था और उन्हें मांस खाने और अपनी निजी सम्पति रखने की अनुमति थी। रिचर्ड ब्लेक्मोर ने अपनी पुस्तक दी ले मोनेस्ट्री (१७१४) में पाइथोगोरियनो के धार्मिक प्रेक्षणों को बताया, "यह इतिहास में दर्ज संन्यासी जीवन का पहला उदाहरण था। लम्ब्लिकास (Iamblichus) के अनुसार, पाइथोगोरस ने धार्मिक शिक्षण, सामान्य भोजन, व्यायाम, पठन और दार्शनिक अध्ययन से युक्त जीवन का अनुसरण किया। संगीत इस जीवन का एक आवश्यक आयोजन कारक था: शिष्य अपोलो के लिए नियमित रूप से मिल जुल कर भजन गाते थे; वे आत्मा या शरीर की बीमारी का इलाज करने के लिए वीणा (lyre) का उपयोग करते थे; याद्दाश्त को बढ़ाने के लिए सोने से पहले और बाद में कविता पठन किया जाता था। फ्लेवियस जोजेफस (Flavius Josephus), एपियन के विरुद्ध (Against Apion), यहूदी धर्म की रक्षा में ग्रीक दर्शनशास्त्र (Greek philosophy) के खिलाफ कहा कि समयरना के हर्मिपस (Hermippus of Smyrna) के अनुसार पाइथोगोरस यहूदी विश्वासों से परिचित था, उसने उनमें से कुछ को अपने दर्शन में शामिल किया। जिंदगी के अंतिम चरण में उसके और उसके अनुयायियों के खिलाफ क्रोतों के एक कुलीन सैलों (Cylon) द्वारा रचित शाजिश की वजह से वह मेतापोंतुम (Metapontum) भाग गया। वह अज्ञात कारणों से मेटापोंटम म में ९० साल की उम्र में मर गया। बर्ट्रेंड रसेल, ने पश्चिमी दर्शन के इतिहास (History of Western Philosophy), में बताया कि पाइथोगोरस का प्लेटो और अन्य लोगों पर इतना अधिक प्रभाव था कि वह सभी पश्चिमी दार्शनिकों में सबसे ज्यादा प्रभावी माना जाता था। .

नई!!: १९७२ और पाइथागोरस · और देखें »

पिया का घर

पिया का घर १९७२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और पिया का घर · और देखें »

पिज़्ज़ा हट

पिज़्ज़ा हट (कॉर्पोरेट शब्दावली में जिसे पिज़्ज़ा हट, इंक. कहा जाता है) एक अमेरिकन रेस्तरां चेन और अंतर्राष्ट्रीय फ्रेंचाइज़ है जो पिज़्ज़ा के विभिन्न स्टाइल उपलब्ध कराता है। साथ ही, इसमें पिज़्ज़ा के अलावा कुछ अन्य उप-व्यंजन जैसे पास्ता, बफलो विंग, ब्रेडस्टिक और गार्लिक ब्रेड की भी व्यवस्था होती है। पिज़्ज़ा हट यम!ब्रांड्स, इंक (दुनिया की सबसे बड़ी रेस्तरां कम्पनी) के अंतर्गत 100 देशों में लगभग 34,000 रेस्तरां, डेलिवरी/कैरी-आउट लोकेशन और कियोस्क हैं। इस समय टेक्सास के एडिशन (डलास का एक उत्तरी उपनगरीय क्षेत्र) में स्थित पिज़्ज़ा हट अपना मुख्यालय प्लैनों के निकट लेगसि ऑफिस पार्क में पुनर्स्थापित कर रहा है, जबकि 1995 में अधिकृत इसके वर्तमान भवन की लीज़ 2010 के अंत में समाप्त हो रही है। .

नई!!: १९७२ और पिज़्ज़ा हट · और देखें »

प्रतिद्वंद्वी (१९७२ फ़िल्म)

प्रतिद्वंद्वी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और प्रतिद्वंद्वी (१९७२ फ़िल्म) · और देखें »

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (जन्म १९ दिसंबर १९३४) स्वतन्त्र भारत के ६० साल के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति तथा क्रमानुसार १२वीं राष्ट्रपति रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिभा पाटिल ने अपने प्रतिद्वंदी भैरोंसिंह शेखावत को तीन लाख से ज़्यादा मतों से हराया था। प्रतिभा पाटिल को ६,३८,११६ मूल्य के मत मिले, जबकि भैरोंसिंह शेखावत को ३,३१,३०६ मत मिले। उन्होंने २५ जुलाई २०१२ को संसद के सेण्ट्रल हॉल में आयोजित समारोह में नव निर्वाचित राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को अपना कार्यभार सौंपते हुए राष्ट्रपति भवन से विदा ली। .

नई!!: १९७२ और प्रतिभा देवीसिंह पाटिल · और देखें »

प्राणनाथ लूथरा

प्राणनाथ लूथरा को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और प्राणनाथ लूथरा · और देखें »

प्राणनाथ छुटानी

प्राणनाथ छुटानी को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये चंडीगढ़ से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और प्राणनाथ छुटानी · और देखें »

पृथ्वीराज कपूर

पृथ्वीराज कपूर (3 नवंबर 1901 - 29 मई 1972) हिंदी सिनेमा जगत एवं भारतीय रंगमंच के प्रमुख स्तंभों में गिने जाते हैं। पृथ्वीराज ने बतौर अभिनेता मूक फ़िल्मो से अपना करियर शुरू किया। उन्हें भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के संस्थापक सदस्यों में से एक होने का भी गौरव हासिल है। पृथ्वीराज ने सन् 1944 में मुंबई में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की, जो देश भर में घूम-घूमकर नाटकों का प्रदर्शन करता था। इन्हीं से कपूर ख़ानदान की भी शुरुआत भारतीय सिनेमा जगत में होती है। 1972 में उनकी मृत्यु के पश्चात उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया। पृथ्वीराज कपूर को कला क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पृथ्वीराज ने पेशावर पाकिस्तान के एडवर्ड कालेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने एक साल तक कानून की शिक्षा भी प्राप्त की जिसके बाद उनका थियेटर की दुनिया में प्रवेश हुआ। 1928 में उनका मुंबई आगमन हुआ। कुछ एक मूक फ़िल्मों में काम करने के बाद उन्होंने भारत की पहली बोलनेवाली फ़िल्म आलम आरा में मुख्य भूमिका निभाई। .

नई!!: १९७२ और पृथ्वीराज कपूर · और देखें »

पूजा भट्ट

पूजा भट्ट (जन्म: 24 फरवरी, 1972) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। वह अपने पिता महेश भट्ट की तरह एक निर्देशक भी हैं। .

नई!!: १९७२ और पूजा भट्ट · और देखें »

पॉल न्युमैन

पॉल लियोनार्ड न्युमैन (26 जनवरी 1925 - 26 सितंबर 2008) एक अमेरिकी अभिनेता, फिल्म निर्देशक, उद्यमी, मानवतावादी और ऑटो रेसिंग के शौक़ीन व्यक्ति थे। उन्होंने कई पुरस्कार जीते, जिनमें 1986 की मार्टिन स्कौर्सेसे की फिल्म द कलर ऑफ मनी में उनके अभिनय के लिए दिया गया सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अकादमी पुरस्कार और आठ अन्य नामांकन, तीन गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, एक बाफ्टा (BAFTA) पुरस्कार, एक स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड पुरस्कार, एक कान फिल्म समारोह पुरस्कार, एक एमी पुरस्कार और कई मानद पुरस्कार शामिल थे। उन्होंने स्पोर्ट्स कार क्लब ऑफ अमेरिका की रोड रेसिंग में एक ड्राइवर के रूप में कई राष्ट्रीय चैंपियनशिप भी जीते और उनकी रेसिंग टीमों ने ओपन व्हील इंडीकार रेसिंग में कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की। न्युमैन अपनी खुद की एक फ़ूड कंपनी के सह-संस्थापक भी थे, जहां से उन्होंने अपने समस्त कर पश्चात लाभ एवं रॉयल्टी चैरिटी को दान कर दिया। Newman's Own.com.

नई!!: १९७२ और पॉल न्युमैन · और देखें »

पी॰ सी॰ महालनोबिस

प्रशान्त चन्द्र महालनोबिस (बंगला: প্রশান্ত চন্দ্র মহলানবিস; २९ जून १८९३- २८ जून १९७२) एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद थे। उन्हें दूसरी पंचवर्षीय योजना के अपने मसौदे के कारण जाना जाता है। भारत की स्वत्रंता के पश्चात नवगठित मंत्रिमंडल के सांख्यिकी सलाहकार बने तथा औद्योगिक उत्पादन की तीव्र बढ़ोतरी के जरिए बेरोजगारी समाप्त करने के सरकार के प्रमुख उद्देश्य को पूरा करने के लिए योजना का खाका खींचा। महालनोबिस की प्रसिद्धि महालनोबिस दूरी के कारण है जो उनके द्वारा सुझाया गयी एक साख्यिकीय माप है। उन्होने भारतीय सांख्यिकीय संस्थान की स्थापना की। आर्थिक योजना और सांख्‍यि‍की विकास के क्षेत्र में प्रशांत चन्‍द्र महालनोबिस के उल्‍लेखनीय योगदान के सम्‍मान में भारत सरकार उनके जन्‍मदिन, 29 जून को हर वर्ष 'सांख्‍यि‍की दिवस' के रूप में मनाती है। इस दिन को मनाने का उद्देश्‍य सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्धारण में प्रो॰ महालनोबिस की भूमिका के बारे में जनता में, विशेषकर युवा पीढ़ी में जागरूकता जगाना तथा उन्‍हें प्रेरित करना है। .

नई!!: १९७२ और पी॰ सी॰ महालनोबिस · और देखें »

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

नई!!: १९७२ और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार · और देखें »

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

नई!!: १९७२ और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार · और देखें »

फुल्ल बिना डाली

फुल्ल बिना डाली डोगरी भाषा के विख्यात साहित्यकार श्रीवत्स विकल द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में डोगरी भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और फुल्ल बिना डाली · और देखें »

बलदेव सिंह

बलदेव सिंह को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और बलदेव सिंह · और देखें »

बाबुल की गलियाँ (1972 फ़िल्म)

बाबुल की गलियाँ 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और बाबुल की गलियाँ (1972 फ़िल्म) · और देखें »

बाल दत्तात्रेय तिलक

बाल दत्तात्रेय तिलक को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। 1963 में इन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

नई!!: १९७२ और बाल दत्तात्रेय तिलक · और देखें »

बांग्लादेश के राष्ट्रपति

बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पद गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वर्तमान नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद द्वारा, खुले चुनाव प्रक्रिया द्वारा निर्वाचित होते हैं। राष्ट्रपति, बांग्लादेश की कार्यपालिका न्यायपालिका एवं विधानपालिका के सर्व शाखाओं के, पारंपरिक, प्रमुख एवं बांग्लादेश के सारे सशस्त्र बलों के सर्वादिनायक हैं। इस पद पर नियुक्त प्रत्येक राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। संसदीय बहुमत द्वारा निर्वाचित होने के कारण इस पद पर साधारण तौर पर शासक दल के प्रतिनिधि ही चुने जाते हैं। हालाँकि, एक बार निर्वाचित हो चुके पदाधिकारी चुनाव में पुनः खड़े होने के लिए मुक्त होते हैं। वर्ष 1991 में संसदीय गणतंत्र की शुरुआत से पूर्व, राष्ट्रपति का चुनाव जनता के मतों द्वारा होता था। संसदीय प्रणाली के पुनर्स्थापन के पश्चात से यह पद मूलतः एक पारंपरिक पद रह गया है, जिसकी, विशेषतः कोई सार्थक कार्यकारी शक्तियाँ नहीं हैं। प्रत्येक संसदीय साधारण चुनाव के पश्चात संसद की प्रथम अधिवेशन में राष्ट्रपति अपना उद्घाधाटनी अभिभाषण देते हैं। प्रत्येक वर्ष के प्रथम संसदीय अधिवेशन में भी राष्ट्रपति अपना उद्घाटनी अभिभाषण देते हैं। इसके अतिरिक्त, संसद में पारित हुई किसी भी अधिनियम को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके अलावा राष्ट्रपति अपने विवेक पर क्षमादान भी दे सकते हैं। सन 1956 में संसद में नए कानून पारित किए, जिनके द्वारा राष्ट्रपति की, संसद के भंग होने के बाद की कार्यकारी शक्तियों को, संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत बढ़ाया गया था। बांग्लादेश के राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर ढाका के बंगभवन में निवास करते हैं। कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह अपने पद पर तब तक विराजमान रहते हैं जब तक उनका उत्तराधिकारी पद पर स्थापित नहीं हो जाता। .

नई!!: १९७२ और बांग्लादेश के राष्ट्रपति · और देखें »

बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची

बांग्लादेश के राष्ट्रपतियों की सूची .

नई!!: १९७२ और बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची · और देखें »

बिनय शुषन घोष

बिनय शुषन घोष को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और बिनय शुषन घोष · और देखें »

बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: १९७२ और बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची · और देखें »

बंसी बिरजू (1972 फ़िल्म)

बंसी बिरजू 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और बंसी बिरजू (1972 फ़िल्म) · और देखें »

बुनी हुई रस्सी

बुनी हुई रस्सी हिन्दी के विख्यात साहित्यकार भवानीप्रसाद मिश्र द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और बुनी हुई रस्सी · और देखें »

बैडमिंटन

बैडमिंटन रैकेट से खेला जानेवाला एक खेल है, जो दो विरोधी खिलाडियों (एकल) या दो विरोधी जोड़ों (युगल) द्वारा नेट से विभाजित एक आयताकार कोर्ट में आमने-सामने खेला जाता है खिलाड़ी अपने रैकेट से शटलकॉक को मारकर के अपने विरोधी पक्ष के कोर्ट के आधे हिस्से में गिराकर प्वाइंट्स प्राप्त करते हैं। एक रैली तब समाप्त हो जाती है जब शटलकॉक मैदान पर गिर जाता है। प्रत्येक पक्ष शटलकॉक के उस पार जाने से पहले उस पर सिर्फ़ एक बार वार कर सकता है। शटलकॉक (या शटल) चिड़ियों के पंखों से बना प्रक्षेप्य है, जिसकी अनोखी उड़ान भरने की क्षमता के कारण यह अधिकांश रैकेट खेलों की गेंदों की तुलना में अलग तरह से उड़ा करती है। खासतौर पर, पंख कहीं ज़्यादा ऊंचाई तक खिंची जा सकती हैं, जिस कारण गेंद की तुलना में शटलकॉक कहीं अधिक तेज़ी से अवत्वरण करता है। अन्य रैकेट के खेलों की तुलना में शटलकॉक की शीर्ष गति बहुत अधिक होती है। चूंकि शटलकॉक की उड़ान हवा से प्रभावित होती है, इसीलिए बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा इनडोर में ही खेलना अच्छा होता है। कभी-कभी मनोरंजन के लिए बगीचे या समुद्र तट पर भी खुले में बैडमिंटन खेला जाता है। सन् 1992 से, पांच प्रकार के आयोजनों के साथ बैडमिंटन एक ओलम्पिक खेल रहा है: पुरुषों और महिलाओं के एकल, पुरुषों और महिलाओं के युगल और मिश्रित युगल, जिसमें प्रत्येक जोड़ी में एक पुरूष और एक महिला होती है। खेल के उच्च स्तर पर, खेल उत्कृष्ट शारीरिक फिटनेस की मांग करता है: खिलाड़ियों को एरोबिक क्षमता, दक्षता, शक्ति, गति और दुरूस्तता की आवश्यकता होती है। यह एक तकनीकी खेल भी है, इसमें अच्छे संचालन समन्वय और परिष्कृत रैकेट जुम्बिशों के विकास की ज़रुरत होती है। .

नई!!: १९७२ और बैडमिंटन · और देखें »

बेल्जियम

किंगडम ऑफ़ बेल्जियम उत्तर-पश्चिमी यूरोप में एक देश है। यह यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य है और उसके मुख्यालय का मेज़बान है, साथ ही, अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों का, जिसमें NATO भी शामिल है। 10.7 मीलियन की जनसंख्या वाले बेल्जियम का क्षेत्रफल है। जर्मनिक और लैटिन यूरोप के मध्य अपनी सांस्कृतिक सीमा को विस्तृत किये हुए बेल्जियम, दो मुख्य भाषाई समूहों, फ्लेमिश और फ्रेंच-भाषी, मुख्यतः वलून्स सहित जर्मन भाषियों के एक छोटे समूह का आवास है। बेल्जियम के दो सबसे बड़े क्षेत्र हैं, उत्तर में 59% जनसंख्या सहित फ्लेंडर्स का डच भाषी क्षेत्र और वालोनिया का फ्रेंच भाषी दक्षिणी क्षेत्र, जहाँ 31% लोग बसे हैं। ब्रुसेल्स-राजधानी क्षेत्र, जो आधिकारिक तौर पर द्विभाषी है, मुख्यतः फ्लेमिश क्षेत्र के अंतर्गत एक फ्रेंच भाषी एन्क्लेव है और यहाँ 10% जनसंख्या बसी है। * * * * पूर्वी वालोनिया में एक छोटा जर्मन भाषी समुदाय मौजूद है। मूल (पहले ही) 71,500 निवासियों के बजाय 73,000 का उल्लेख करता है। बेल्जियम की भाषाई विविधता और संबंधित राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संघर्ष, राजनीतिक इतिहास और एक जटिल शासन प्रणाली में प्रतिबिंबित होता है। बेल्जियम नाम, गॉल के उत्तरी भाग में एक रोमन प्रान्त, गैलिया बेल्जिका से लिया गया है, जो केल्टिक और जर्मन लोगों के एक मिश्रण बेल्जी का निवास स्थान था। ऐतिहासिक रूप से, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग, निचले देश के रूप में जाने जाते थे, जो राज्यों के मौजूदा बेनेलक्स समूह की तुलना में अपेक्षाकृत कुछ बड़े क्षेत्र को आवृत किया करते थे। मध्य युग की समाप्ति से लेकर 17 वीं सदी तक, यह वाणिज्य और संस्कृति का एक समृद्ध केन्द्र था। 16वीं शताब्दी से लेकर 1830 में बेल्जियम की क्रांति तक, यूरोपीय शक्तियों के बीच बेल्जियम के क्षेत्र में कई लड़ाइयाँ लड़ी गईं, जिससे इसे यूरोप के युद्ध मैदान का तमगा मिला - एक छवि जिसे दोनों विश्व युद्ध ने और पुष्ट किया। अपनी स्वतंत्रता पर, बेल्जियम ने उत्सुकता के साथ औद्योगिक क्रांति में भाग लिया और उन्नीसवीं सदी के अंत में, अफ्रीका में कई उपनिवेशों पर अधिकार जमाया। 20वीं सदी के उत्तरार्ध को फ्लेमिंग्स और फ्रैंकोफ़ोन के बीच साँप्रदायिक संघर्ष की वृद्धि के लिए जाना जाता है, जिसे एक तरफ तो सांस्कृतिक मतभेद ने भड़काया, तो दूसरी तरफ फ्लेनडर्स और वालोनिया के विषम आर्थिक विकास ने. अब भी सक्रिय इन संघर्षों ने पूर्व में एक एकात्मक राज्य बेल्जियम को संघीय राज्य बनाने के दूरगामी सुधारों को प्रेरित किया। .

नई!!: १९७२ और बेल्जियम · और देखें »

बेईमान (1972 फ़िल्म)

बेईमान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और बेईमान (1972 फ़िल्म) · और देखें »

बॉबी जिंदल

बॉबी और सुप्रिया राष्ट्रपति जॉर्ज बुश क साथ पीयूष " बॉबी " जिंदल (जन्म: 10 जून 1971) अमेरिकी राज्य लुईज़ियाना के वर्तमान रिपब्लिकन गवर्नर हैं। अपने गवर्नर के रूप में चुने जाने से, वो अमरीकी राज्य लुईज़ियाना की प्रतिनिधि सभा के एक सदस्य थे। प्रतिनिधि सभा के लिए वो 2004 के चुनाव में चुने गये थे। जिंदल फिर से 2006 के चुनाव में 88 के साथ वोट प्रतिशत के साथ चयनित हुये थे। 20 अक्टूबर 2007 को जिंदल 54 % वोट के साथ लुईज़ियाना के गवर्नर चुने गए। 36 वर्ष की आयु में जिंदल, संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे कम उम्र के मौजूदा गवर्नर बने। वह लुईज़ियाना के पहले अश्वेत और अमेरिकी इतिहास में अमेरिका के प्रथम भारतीय अमेरिकी गवर्नर चुने गये हैं। .

नई!!: १९७२ और बॉबी जिंदल · और देखें »

बॉम्बे टू गोआ (1972 फ़िल्म)

बॉम्बे टू गोआ 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और बॉम्बे टू गोआ (1972 फ़िल्म) · और देखें »

बी एन सरकार

बी एन सरकार को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये बिहार से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1901 में जन्मे लोग श्रेणी:१९८० में निधन.

नई!!: १९७२ और बी एन सरकार · और देखें »

बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

नई!!: १९७२ और बीसवीं शताब्दी · और देखें »

भरत राम

भरत राम को उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1914 में जन्मे लोग श्रेणी:२००७ में निधन.

नई!!: १९७२ और भरत राम · और देखें »

भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

नई!!: १९७२ और भारत में विश्वविद्यालयों की सूची · और देखें »

भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

नई!!: १९७२ और भारत रत्‍न · और देखें »

भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

नई!!: १९७२ और भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश · और देखें »

भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची

भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची में भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश अपनी स्थापना तिथि के साथ दिए गए हैं। .

नई!!: १९७२ और भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची · और देखें »

भारत के अभयारण्य

भारत में 500 से अधिक प्राणी अभयारण्य हैं, जिन्हें वन्य जीवन अभयारण्य (IUCN श्रेणी IV सुरक्षित क्षेत्र) कहा जाता है। इनमें से 28 बाघ अभयारण्य बाघ परियोजना द्वारा संचालित हैं, जो बाघ-संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ वन्य अभयारण्यों को पक्षी-अभयारण्य कहा जाता रहा है, (जैसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) जब तक कि उन्हें राष्ट्रीय उद्यान का दर्ज़ा नहीं मिल गया। कई राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीवन अभयारण्य ही थे। कुछ वन्य जीवन अभयारण्य संरक्षण हेतु राष्ट्रीय महत्व रखते हैं, अपनी कुछ मुख्य प्राणी प्रजातियों के कारण। अतः उन्हें राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य कहा जाता है, जैसे.

नई!!: १९७२ और भारत के अभयारण्य · और देखें »

भारतीय गणितज्ञों की सूची

सिन्धु सरस्वती सभ्यता से आधुनिक काल तक भारतीय गणित के विकास का कालक्रम नीचे दिया गया है। सरस्वती-सिन्धु परम्परा के उद्गम का अनुमान अभी तक ७००० ई पू का माना जाता है। पुरातत्व से हमें नगर व्यवस्था, वास्तु शास्त्र आदि के प्रमाण मिलते हैं, इससे गणित का अनुमान किया जा सकता है। यजुर्वेद में बड़ी-बड़ी संख्याओं का वर्णन है। .

नई!!: १९७२ और भारतीय गणितज्ञों की सूची · और देखें »

भारतीय इतिहास तिथिक्रम

भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं तिथिक्रम में।;भारत के इतिहास के कुछ कालखण्ड.

नई!!: १९७२ और भारतीय इतिहास तिथिक्रम · और देखें »

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम

भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम डॉ विक्रम साराभाई की संकल्पना है, जिन्हें भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा गया है। वे वैज्ञानिक कल्पना एवं राष्ट्र-नायक के रूप में जाने गए। वर्तमान प्रारूप में इस कार्यक्रम की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हाथों में है। .

नई!!: १९७२ और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम · और देखें »

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

नई!!: १९७२ और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन · और देखें »

भालचंद्र नीलकांत पुरंदरे

भालचंद्र नीलकांत पुरंदरे को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और भालचंद्र नीलकांत पुरंदरे · और देखें »

भाई हो तो ऐसा (1972 फ़िल्म)

भाई हो तो ऐसा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और भाई हो तो ऐसा (1972 फ़िल्म) · और देखें »

भवानी प्रसाद मिश्र

भवानी प्रसाद मिश्र (जन्म: २९ मार्च १९१४ - मृत्यु: २० फ़रवरी १९८५) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। वे दूसरे तार-सप्तक के एक प्रमुख कवि हैं। गाँधीवाद की स्वच्छता, पावनता और नैतिकता का प्रभाव तथा उसकी झलक उनकी कविताओं में साफ़ देखी जा सकती है। उनका प्रथम संग्रह 'गीत-फ़रोश' अपनी नई शैली, नई उद्भावनाओं और नये पाठ-प्रवाह के कारण अत्यंत लोकप्रिय हुए थे। प्यार से लोग उन्हें भवानी भाई कहकर सम्बोधित किया करते थे। उन्होंने स्वयं को कभी भी कभी निराशा के गर्त में डूबने नहीं दिया। जैसे सात-सात बार मौत से वे लड़े वैसे ही आजादी के पहले गुलामी से लड़े और आजादी के बाद तानाशाही से भी लड़े। आपातकाल के दौरान नियम पूर्वक सुबह दोपहर शाम तीनों बेलाओं में उन्होंने कवितायें लिखी थीं जो बाद में त्रिकाल सन्ध्या नामक पुस्तक में प्रकाशित भी हुईं।http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4488/3/52 भवानी भाई को १९७२ में उनकी कृति बुनी हुई रस्सी के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। १९८१-८२ में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का साहित्यकार सम्मान दिया गया तथा १९८३ में उन्हें मध्य प्रदेश शासन के शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया। .

नई!!: १९७२ और भवानी प्रसाद मिश्र · और देखें »

मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह (ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ; जन्म: २६ सितंबर १९३२) भारत गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। साथ ही साथ वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। लोकसभा चुनाव २००९ में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बन गये हैं, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है। इन्हें २१ जून १९९१ से १६ मई १९९६ तक पी वी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मन्त्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भी श्रेय दिया जाता है। .

नई!!: १९७२ और मनमोहन सिंह · और देखें »

मनोजदासक कथा ओ काहिनी

मनोजदासक कथा ओ काहिनी ओड़िया भाषा के विख्यात साहित्यकार मनोज दास द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में ओड़िया भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और मनोजदासक कथा ओ काहिनी · और देखें »

ममता कुलकर्णी

ममता कुलकर्णी एक पूर्व भारतीय अभिनेत्री हैं। .

नई!!: १९७२ और ममता कुलकर्णी · और देखें »

महेश्वर दयाल

महेश्वर दयाल को समाज सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और महेश्वर दयाल · और देखें »

माधवराव खंडाराव बागल

माधवराव खंडाराव बागल को समाज सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और माधवराव खंडाराव बागल · और देखें »

मार्टिन डैम

मार्टिन डैम (जन्म: 1 अगस्त, 1972) एक युगल टेनिस खिलाड़ी हैं। श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी.

नई!!: १९७२ और मार्टिन डैम · और देखें »

मालिक (1972 फ़िल्म)

मालिक 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और मालिक (1972 फ़िल्म) · और देखें »

माइकल डगलस

माइकल कर्क डगलस (जन्म 25 सितंबर 1944) मुख्यतः फिल्मों और टेलीविजिन के एक अमरीकी अभिनेता और निर्माता हैं। उन्हें एक एमी, एक गोल्डन ग्लोब और दो एकेडमी अवार्ड्स, पहला 1975 की सर्वश्रेष्ठ फिल्म वन फ़्लियु ओवर द कुकूज़ नेस्ट के निर्माता के रूप में और 1987 में वॉल स्ट्रीट में उनकी भूमिका के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में, से सम्मानित किया गया था। 2009 में डगलस ने AFI जीवन उपलब्धि पुरस्कार प्राप्त किया। .

नई!!: १९७२ और माइकल डगलस · और देखें »

मित्तर पिआर

मित्तर पिआर पंजाबी भाषा के विख्यात साहित्यकार संतसिंह सेखों द्वारा रचित एक नाटक है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में पंजाबी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और मित्तर पिआर · और देखें »

मिलवॉकी बक्स

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

नई!!: १९७२ और मिलवॉकी बक्स · और देखें »

मिज़ूरी

अमेरिका के मानचित्र पर मिज़ूरी (Missouri) आयोवा, इलिनॉय, केन्टकी, टेनेसी, अर्कन्सास, ओक्लाहोमा, केन्सास और नेब्रास्का से घिरा संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य-पश्चिम क्षेत्र का एक राज्य है। मिसौरी सबसे अधिक जनसंख्या वाला 18वां राज्य है जिसकी 2009 में अनुमानित जनसंख्या 5,987,580 थी। यह 114 प्रान्तों और एक स्वतंत्र शहर से मिलकर बना है। मिसौरी की राजधानी जेफ़रसन शहर है। तीन सबसे बड़े शहरी क्षेत्र सेंट लुई, कन्सास शहर और स्प्रिंगफील्ड हैं। मिसौरी को मूल रूप से लुइसियाना खरीद के भाग के रूप में फ्रांस से अधिग्रहण किया गया था। मिसौरी राज्य क्षेत्र के भाग को 10 अगस्त 1821 में 24वें राज्य के रूप में संघ में शामिल कर लिया गया। मिसौरी में राष्ट्र के जनसांख्यिकीय, आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण संस्कृति का मिश्रण देखने को मिलता है। इसे लंबे समय से एक राजनीतिक कसौटी राज्य माना जाता रहा है। 1956 और 2008 को छोड़कर, मिसौरी के U.S. राष्ट्रपति के पद के चुनाव के परिणाम ने 1904 से प्रत्येक चुनाव में संयुक्त राज्य अमेरिका के अगले राष्ट्रपति की सही-सही भविष्यवाणी की है। यह मध्य पश्चिमी और दक्षिणी दोनों संस्कृतियों से प्रभावित है और अपने इतिहास में एक सीमा राज्य के रूप में प्रदर्शित है। यह पूर्वी और पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक अवस्थांतर भी है क्योंकि सेंट लुई को अक्सर "सुदूर-पश्चिमी पूर्वी शहर" और कन्सास शहर को "सुदूर-पूर्वी पश्चिमी शहर" कहते हैं। मिसौरी के भूगोल में अत्यधिक विविधता है। राज्य का उत्तरी भाग विच्छेदित गोल मैदानों में पड़ता है जबकि दक्षिणी भाग ओज़ार्क पर्वतों (विच्छेदित पठार) में पड़ता है जिसे मिसोरी नदी दो भागों में बांटती है। मिसिसिपी और मिसौरी नदियों का संगम सेंट लुई के पास स्थित है। .

नई!!: १९७२ और मिज़ूरी · और देखें »

मुद्रा वायदा

मुद्रा वायदा, जिसे एफएक्स फ़्यूचर (FX future) या विदेशी विनिमय (एक्सचेंज) भी कहते हैं, भविष्य में होनेवाले एक-दूसरे के साथ मुद्रा के विनिमय का एक ऐसा अनुबंध है, जो खरीदारी करने की तारीख़ पर, किसी निर्धारित तारीख़ और निर्धारित विनिमय दर (एक्सचेंज रेट) पर तय किया गया हो; विदेशी मुद्रा विनिमय व्युत्पन्न देखें.

नई!!: १९७२ और मुद्रा वायदा · और देखें »

मुहम्मद हयात

मुहम्मद हयात को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:कर्नाटक के लोग.

नई!!: १९७२ और मुहम्मद हयात · और देखें »

मैनहटन

न्यू जर्सी के हैमिल्टन पार्क से मैनहटन. मैनहटन न्यूयॉर्क शहर के नगरों में से एक है। हडसन नदी के मुंहाने पर मुख्य रूप से मैनहटन द्वीप पर स्थित, इस नगर की सीमाएं न्यूयॉर्क राज्य के न्यूयॉर्क प्रान्त नामक एक मूल प्रान्त की सीमाओं के समान हैं। इसमें मैनहटन द्वीप और कई छोटे-छोटे समीपवर्ती द्वीप: रूज़वेल्ट द्वीप, रंडाल्स द्वीप, वार्ड्स द्वीप, गवर्नर्स द्वीप, लिबर्टी द्वीप, एलिस द्वीप, 523 यू.एस.

नई!!: १९७२ और मैनहटन · और देखें »

मेरे जीवन साथी (1972 फ़िल्म)

मेरे जीवन साथी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और मेरे जीवन साथी (1972 फ़िल्म) · और देखें »

मोम की गुड़िया (1972 फ़िल्म)

मोम की गुड़िया 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और मोम की गुड़िया (1972 फ़िल्म) · और देखें »

मोहन राकेश

मोहन राकेश(८ जनवरी १९२५ - ३ जनवरी, १९७२) नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे। पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए किया। जीविकोपार्जन के लिये अध्यापन। कुछ वर्षो तक 'सारिका' के संपादक। 'आषाढ़ का एक दिन','आधे अधूरे' और लहरों के राजहंस के रचनाकार। 'संगीत नाटक अकादमी' से सम्मानित। ३ जनवरी १९७२ को नयी दिल्ली में आकस्मिक निधन। मोहन राकेश हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और उपन्यासकार हैं। समाज के संवेदनशील व्यक्ति और समय के प्रवाह से एक अनुभूति क्षण चुनकर उन दोनों के सार्थक सम्बन्ध को खोज निकालना, राकेश की कहानियों की विषय-वस्तु है। मोहन राकेश की डायरी हिंदी में इस विधा की सबसे सुंदर कृतियों में एक मानी जाती है। .

नई!!: १९७२ और मोहन राकेश · और देखें »

मोहिंदर सिंह रणधावा

मोहिंदर सिंह रणधावा को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1909 में जन्मे लोग श्रेणी:१९८८ में निधन.

नई!!: १९७२ और मोहिंदर सिंह रणधावा · और देखें »

मीना कुमारी

मीना कुमारी (1 अगस्त, 1933 - 31 मार्च, 1972) भारत की एक मशहूर अभिनेत्री थीं। इन्हें खासकर दुखांत फ़िल्मों में इनकी यादगार भूमिकाओं के लिये याद किया जाता है। मीना कुमारी को भारतीय सिनेमा की ट्रैजेडी क्वीन भी कहा जाता है। अभिनेत्री होने के साथ-साथ मीना कुमारी एक उम्दा शायारा एवम् पार्श्वगायिका भी थीं। मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था और ये बंबई में पैदा हुई थीं। उनके पिता अली बक्श पारसी रंगमंच के एक मँझे हुए कलाकार थे और उन्होंने "ईद का चाँद" फिल्म में संगीतकार का भी काम किया था। उनकी माँ प्रभावती देवी (बाद में इकबाल बानो), भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी। मीना कुमारी की बड़ी बहन खुर्शीद बानो भी फिल्म अभिनेत्री थीं जो आज़ादी के बाद पाकिस्तान चलीं गईं।कहा जाता है कि दरिद्रता से ग्रस्त उनके पिता अली बक़्श उन्हें पैदा होते ही अनाथाश्रम में छोड़ आए थे चूँकि वे उनके डाॅक्टर श्रीमान गड्रे को उनकी फ़ीस देने में असमर्थ थे।हालांकि अपने नवजात शिशु से दूर जाते-जाते पिता का दिल भर आया और तुरंत अनाथाश्रम की ओर चल पड़े।पास पहुंचे तो देखा कि नन्ही मीना के पूरे शरीर पर चीटियाँ काट रहीं थीं।अनाथाश्रम का दरवाज़ा बंद था, शायद अंदर सब सो गए थे।यह सब देख उस लाचार पिता की हिम्मत टूट गई,आँखों से आँसु बह निकले।झट से अपनी नन्हीं-सी जान को साफ़ किया और अपने दिल से लगा लिया।अली बक़्श अपनी चंद दिनों की बेटी को घर ले आए।समय के साथ-साथ शरीर के वो घाव तो ठीक हो गए किंतु मन में लगे बदकिस्मती के घावों ने अंतिम सांस तक मीना का साथ नहीं छोड़ा। महजबीं पहली बार 1939 में फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म फ़रज़न्द-ए-वतन में बेबी महज़बीं के रूप में नज़र आईं। 1940 की फिल्म "एक ही भूल" में विजय भट्ट ने इनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया। 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल से बेबी मीना 14 वर्ष की आयु में मीना कुमारी बनीं। मार्च 1947 में लम्बे समय तक बीमार रहने के कारण उनकी माँ की मृत्यु हो गई। मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थीं जिनमें हनुमान पाताल विजय, वीर घटोत्कच व श्री गणेश महिमा प्रमुख हैं। 1952 में आई फिल्म बैजू बावरा ने मीना कुमारी के फिल्मी सफ़र को नई उड़ान दी। मीना कुमारी द्वारा चित्रित गौरी के किरदार ने उन्हें घर-घर में प्रसिद्धि दिलाई। फिल्म 100 हफ्तों तक परदे पर रही और 1954 में उन्हें इसके लिए पहले फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1953 तक मीना कुमारी की तीन फिल्में आ चुकी थीं जिनमें: दायरा, दो बीघा ज़मीन और परिणीता शामिल थीं। परिणीता से मीना कुमारी के लिये एक नया युग शुरु हुआ। परिणीता में उनकी भूमिका ने भारतीय महिलाओं को खास प्रभावित किया था चूँकि इस फिल्म में भारतीय नारी की आम जिंदगी की कठिनाइयों का चित्रण करने की कोशिश की गयी थी। उनके अभिनय की खास शैली और मोहक आवाज़ का जादू छाया रहा और लगातार दूसरी बार उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। वर्ष 1951 में फिल्म तमाशा के सेट पर मीना कुमारी की मुलाकात उस ज़माने के जाने-माने फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही से हुई जो फिल्म महल की सफलता के बाद निर्माता के तौर पर अपनी अगली फिल्म अनारकली के लिए नायिका की तलाश कर रहे थे।मीना का अभिनय देख वे उन्हें मुख्य नायिका के किरदार में लेने के लिए राज़ी हो गए।दुर्भाग्यवश 21 मई 1951 को मीना कुमारी महाबलेश्वरम के पास एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं जिससे उनके बाहिने हाथ की छोटी अंगुली सदा के लिए मुड़ गई। मीना अगले दो माह तक बम्बई के ससून अस्पताल में भर्ती रहीं और दुर्घटना के दूसरे ही दिन कमाल अमरोही उनका हालचाल पूछने पहुँचे। मीना इस दुर्घटना से बेहद दुखी थीं क्योंकि अब वो अनारकली में काम नहीं कर सकती थीं। इस दुविधा का हल कमाल अमरोही ने निकाला, मीना के पूछने पर कमाल ने उनके हाथ पर अनारकली के आगे 'मेरी' लिख डाला।इस तरह कमाल मीना से मिलते रहे और दोनों में प्रेम संबंध स्थापित हो गया। 14 फरवरी 1952 को हमेशा की तरह मीना कुमारी के पिता अली बख़्श उन्हें व उनकी छोटी बहन मधु को रात्रि 8 बजे पास के एक भौतिक चिकित्सकालय (फिज़्योथेरेपी क्लीनिक) छोड़ गए। पिताजी अक्सर रात्रि 10 बजे दोनों बहनों को लेने आया करते थे।उस दिन उनके जाते ही कमाल अमरोही अपने मित्र बाक़र अली, क़ाज़ी और उसके दो बेटों के साथ चिकित्सालय में दाखिल हो गए और 19 वर्षीय मीना कुमारी ने पहले से दो बार शादीशुदा 34 वर्षीय कमाल अमरोही से अपनी बहन मधु, बाक़र अली, क़ाज़ी और गवाह के तौर पर उसके दो बेटों की उपस्थिति में निक़ाह कर लिया। 10 बजते ही कमाल के जाने के बाद, इस निक़ाह से अपरिचित पिताजी मीना को घर ले आए।इसके बाद दोनों पति-पत्नी रात-रात भर बातें करने लगे जिसे एक दिन एक नौकर ने सुन लिया।बस फिर क्या था, मीना कुमारी पर पिता ने कमाल से तलाक लेने का दबाव डालना शुरू कर दिया। मीना ने फैसला कर लिया की तबतक कमाल के साथ नहीं रहेंगी जबतक पिता को दो लाख रुपये न दे दें।पिता अली बक़्श ने फिल्मकार महबूब खान को उनकी फिल्म अमर के लिए मीना की डेट्स दे दीं परंतु मीना अमर की जगह पति कमाल अमरोही की फिल्म दायरा में काम करना चाहतीं थीं।इसपर पिता ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे पति की फिल्म में काम करने जाएँगी तो उनके घर के दरवाज़े मीना के लिए सदा के लिए बंद हो जाएँगे। 5 दिन अमर की शूटिंग के बाद मीना ने फिल्म छोड़ दी और दायरा की शूटिंग करने चलीं गईं।उस रात पिता ने मीना को घर में नहीं आने दिया और मजबूरी में मीना पति के घर रवाना हो गईं। अगले दिन के अखबारों में इस डेढ़ वर्ष से छुपी शादी की खबर ने खूब सुर्खियां बटोरीं। लेकिन स्वछंद प्रवृति की मीना अमरोही से 1964 में अलग हो गयीं। उनकी फ़िल्म पाक़ीज़ा को और उसमें उनके रोल को आज भी सराहा जाता है। शर्मीली मीना के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे कवियित्री भी थीं लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी कवितायें छपवाने की कोशिश नहीं की। उनकी लिखी कुछ उर्दू की कवितायें नाज़ के नाम से बाद में छपी। .

नई!!: १९७२ और मीना कुमारी · और देखें »

यशोधरा दसप्पल

यशोधरा दसप्पल को समाज सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:कर्नाटक के लोग.

नई!!: १९७२ और यशोधरा दसप्पल · और देखें »

यह गुलिस्ताँ हमारा (1972 फ़िल्म)

यह गुलिस्ताँ हमारा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और यह गुलिस्ताँ हमारा (1972 फ़िल्म) · और देखें »

योनास ब्योर्कमैन

Jonas Lars Björkman (उच्चारण: YO-nas BYERK-mann) (जन्म 23 मार्च, 1972, स्वीडन) स्वीडन के टेनिस खिलाड़ी हैं जो पूर्व एकल में विश्व न.4 और युगल विश्व न. 1 थे। श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:1972 में जन्मे लोग.

नई!!: १९७२ और योनास ब्योर्कमैन · और देखें »

रतन नवल टाटा

रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार संभाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी २% थी और घाटा बिक्री का ४०% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया। 1972 से 1975 तक, अंततः नेल्को ने अपनी बाज़ार में हिस्सेदारी २०% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया। लेकिन 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने आपात स्थिति घोषित कर दी, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई। इसके बाद 1977 में यूनियन की समस्यायें हुईं, इसलिए मांग के बढ़ जाने पर भी उत्पादन में सुधार नहीं हो पाया। अंततः, टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात माह के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई। रतन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका। 1977 में रतन को Empress Mills सोंपा गया, यह टाटा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। जब उन्होंने कम्पनी का कार्य भार संभाला, यह टाटा समुह की बीमार इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। चूँकि कम श्रम गहन उद्यमों की प्रतियोगिता ने इम्प्रेस जैसी कई उन कंपनियों को अलाभकारी बना दिया, जिनकी श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। चूंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था), एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा। बॉम्बे हाउस, टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनिओं से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, मुख्यतः नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल समाप्त कर देनी चाहिए, जिसे अंत में 1986 में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में हिन्दुस्तान टाईम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ ५० लाख रुपये की जरुरत थी। वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्री््ज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे। 1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार संभाला.

नई!!: १९७२ और रतन नवल टाटा · और देखें »

रानी मेरा नाम (1972 फ़िल्म)

रानी मेरा नाम 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और रानी मेरा नाम (1972 फ़िल्म) · और देखें »

राम नारायण चक्रवर्ती

राम नारायण चक्रवर्ती को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और राम नारायण चक्रवर्ती · और देखें »

राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, नई दिल्ली

राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, दिल्ली। राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय नई दिल्ली के बाराखंभा मार्ग पर स्थित है। यह ५ जून, १९७२ में स्थापित किया गया संग्रहालय है, जो कि प्राकृतिक इतिहास पर केन्द्रित है। यह भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय के अधीन आता है। 26 अप्रैल 2016 को संग्रहालय की इमारत में आग लगने के कारण सारा संग्रह नष्ट हो गया। .

नई!!: १९७२ और राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, नई दिल्ली · और देखें »

रास्ते का पत्थर

रास्ते का पत्थर १९७२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और रास्ते का पत्थर · और देखें »

राज कपूर

राज कपूर (१९२४-१९८८) प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता एवं निर्देशक थे। नेहरूवादी समाजवाद से प्रेरित अपनी शुरूआती फ़िल्मों से लेकर प्रेम कहानियों को मादक अंदाज से परदे पर पेश करके उन्होंने हिंदी फ़िल्मों के लिए जो रास्ता तय किया, इस पर उनके बाद कई फ़िल्मकार चले। भारत में अपने समय के सबसे बड़े 'शोमैन' थे। सोवियत संघ और मध्य-पूर्व में राज कपूर की लोकप्रियता दंतकथा बन चुकी है। उनकी फ़िल्मों खासकर श्री ४२० में बंबई की जो मूल तस्वीर पेश की गई है, वह फ़िल्म निर्माताओं को अभी भी आकर्षित करती है। राज कपूर की फ़िल्मों की कहानियां आमतौर पर उनके जीवन से जुड़ी होती थीं और अपनी ज्यादातर फ़िल्मों के मुख्य नायक वे खुद होते थे। .

नई!!: १९७२ और राज कपूर · और देखें »

राज कुमार

राज कुमार (अंग्रेज़ी: Raaj Kumar, जन्म- 8 अक्तूबर 1926 बलूचिस्तान (अब पाकिस्तान में), मृत्यु- 3 जुलाई 1996 मुम्बई) हिन्दी फ़िल्मों में एक भारतीय अभिनेता थे। इनका नाम कुलभूषण पंडित था लेकिन फ़िल्मी दुनिया में ये अपने दूसरे नाम 'राज कुमार' के नाम से प्रसिद्ध हैं। पारम्परिक पारसी थियेटर की संवाद अदाइगी को इन्होंने अपनाया और यही उनकी विशेष पहचान बनी। इनके द्वारा अभिनीत प्रसिद्ध फ़िल्मों में पैग़ाम, वक़्त, नीलकमल, पाकीज़ा, मर्यादा, हीर रांझा, सौदाग़र आदि हैं। .

नई!!: १९७२ और राज कुमार · और देखें »

राजा जानी (1972 फ़िल्म)

राजा जानी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और राजा जानी (1972 फ़िल्म) · और देखें »

राजेश खन्ना

राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .

नई!!: १९७२ और राजेश खन्ना · और देखें »

राखी और हथकड़ी (1972 फ़िल्म)

राखी और हथकड़ी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और राखी और हथकड़ी (1972 फ़िल्म) · और देखें »

रिवाज़ (1972 फ़िल्म)

रिवाज़ 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और रिवाज़ (1972 फ़िल्म) · और देखें »

रजत जयंती

रजत जयंती का प्रयोग पच्चीसवीं जयंती अथवा पच्चीसवीं वर्षगाँठ के लिये किया जाता है। उदाहरण के लिये यदि भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतन्त्र हुआ तो 15 अगस्त 1972 को स्वतंत्रता प्राप्ति की रजत जयंती होगी। ध्यान देने की बात ये भी है कि इसी उदाहरण मे 15 अगस्त 1972 भारत का छब्बीसवां स्वतंत्रता दिवस होगा। चूंकि जयंती घटना के एक साल बाद से प्रारम्भ होती है इसलिये ये घटना की वास्तविक सँख्या से एक कम चलती है। अंग्रेजी भाषा मे रजत जयंती के लिये सिल्वर जुबली (en:Silver Jubilee) शब्द का प्रयोग होता है। .

नई!!: १९७२ और रजत जयंती · और देखें »

रूप तेरा मस्ताना (1972 फ़िल्म)

रूप तेरा मस्ताना 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और रूप तेरा मस्ताना (1972 फ़िल्म) · और देखें »

लक्खुमल हीरानंद हीरानंदानी

लक्खुमल हीरानंद हीरानंदानी को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और लक्खुमल हीरानंद हीरानंदानी · और देखें »

लॉस एंजेल्स लेकर्स

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - पैसिफिक डिवीज़न श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - पश्चिमी कांफ्रेंस श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

नई!!: १९७२ और लॉस एंजेल्स लेकर्स · और देखें »

लीयों नील कूपर

लीयों नील कूपर अमेरिका के प्रसिद्द वैज्ञानिक हैं। 1972 में इन्हें भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। श्रेणी:वैज्ञानिक श्रेणी:नोबेल पुरस्कार विजेता.

नई!!: १९७२ और लीयों नील कूपर · और देखें »

लीसा रे

लीजा रे (बंगाली: লিসা রায়), जन्म 4 अप्रैल 1972, एक कैनेडियन अभिनेत्री तथा पूर्व फैशन मॉडल हैं। 23 जून 2009 को उनका डाइग्नोसिस करने पर उन्हें मल्टीपल मायेलोमा से ग्रस्त पाया गया और 2 जुलाई 2009 को उनके उपचार का पहला उपक्रम शुरू किया गया। .

नई!!: १९७२ और लीसा रे · और देखें »

शहज़ादा (1972 फ़िल्म)

शहज़ादा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और शहज़ादा (1972 फ़िल्म) · और देखें »

शादी के बाद (1972 फ़िल्म)

शादी के बाद 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और शादी के बाद (1972 फ़िल्म) · और देखें »

शांतिलाल सी सेठ

शांतिलाल सी सेठ को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और शांतिलाल सी सेठ · और देखें »

शिल नेरंगळिल शिल मणितर्कळ

शिल नेरंगळिल शिल मणितर्कळ तमिल भाषा के विख्यात साहित्यकार डी. जयकांतन द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में तमिल भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और शिल नेरंगळिल शिल मणितर्कळ · और देखें »

श्री श्री साहित्यमु

श्री श्री साहित्यमु तेलुगू भाषा के विख्यात साहित्यकार ‘श्री श्री’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में तेलुगू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और श्री श्री साहित्यमु · और देखें »

श्रीलंकाई गृहयुद्ध का इतिहास

श्रीलंकाई गृहयुद्ध श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहला और अल्पसंख्यक तमिलो के बीच २३ जुलाई, १९८३ से आरंभ हुआ गृहयुद्ध है। मुख्यतः यह श्रीलंकाई सरकार और अलगाववादी गुट लिट्टे के बीच लड़ा जाने वाला युद्ध है। ३० महीनों के सैन्य अभियान के बाद मई २००९ में श्रीलंकाई सरकार ने लिट्टे को परास्त कर दिया। लगभग २५ वर्षों तक चले इस गृहयुद्ध में दोनों ओर से बड़ी संख्या में लोग मारे गए और यह युद्ध द्वीपीय राष्ट्र की अर्थव्यस्था और पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हुआ। लिट्टे द्वारा अपनाई गई युद्ध-नीतियों के चलते ३२ देशों ने इसे आतंकवादी गुटो की श्रेणी में रखा जिनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ के बहुत से सदस्य राष्ट्र और अन्य कई देश हैं। एक-चौथाई सदी तक चले इस जातीय संघर्ष में सरकारी आँकड़ों के अनुसार ही लगभग ८०,००० लोग मारे गए हैं। .

नई!!: १९७२ और श्रीलंकाई गृहयुद्ध का इतिहास · और देखें »

शैलेश मटियानी

शैलेश मटियानी (१४ अक्टूबर १९३१ - २४ अप्रैल २००१) आधुनिक हिन्दी साहित्य-जगत् में नयी कहानी आन्दोलन के दौर के कहानीकार एवं प्रसिद्ध गद्यकार थे। उन्होंने 'बोरीवली से बोरीबन्दर' तथा 'मुठभेड़', जैसे उपन्यास, चील, अर्धांगिनी जैसी कहानियों के साथ ही अनेक निबंध तथा प्रेरणादायक संस्मरण भी लिखे हैं। उनके हिन्दी साहित्य के प्रति प्रेरणादायक समर्पण व उत्कृष्ट रचनाओं के फलस्वरूप आज भी उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पुरस्कार का वितरण होता है। .

नई!!: १९७२ और शैलेश मटियानी · और देखें »

शून्यसंपादनेय परामर्शे

शून्यसंपादनेय परामर्शे कन्नड़ भाषा के विख्यात साहित्यकार एस. एस. भुसनूरमठ द्वारा रचित एक टीका है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में कन्नड़ भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और शून्यसंपादनेय परामर्शे · और देखें »

शेष नमस्कार

शेष नमस्कार बंगाली भाषा के विख्यात साहित्यकार संतोष कुमार घोष द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में बंगाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और शेष नमस्कार · और देखें »

शोर (1972 फ़िल्म)

शोर १९७२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और शोर (1972 फ़िल्म) · और देखें »

सब का साथी (1972 फ़िल्म)

सब का साथी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और सब का साथी (1972 फ़िल्म) · और देखें »

सबसे बड़ा सुख (1972 फ़िल्म)

सबसे बड़ा सुख 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और सबसे बड़ा सुख (1972 फ़िल्म) · और देखें »

समाधि (1972 फ़िल्म)

समाधि 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और समाधि (1972 फ़िल्म) · और देखें »

सरताज सिंह

सरताज सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से थे। २४ अप्रैल १९९८ को उनका निधन हो गया। .

नई!!: १९७२ और सरताज सिंह · और देखें »

सरताज सिंह साही

सरताज सिंह साही को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये चंडीगढ़ से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और सरताज सिंह साही · और देखें »

सा रे गा मा पा (1972 फ़िल्म)

सा रे गा मा पा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और सा रे गा मा पा (1972 फ़िल्म) · और देखें »

सिंध के राज्यपाल

सिंध के राज्यपाल पाकिस्तान के प्रांत, सिंध की प्रांतीय सरकार का प्रमुख होते हैं। इनकी नियुक्ति पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की परामर्श पर करते हैं और, पाकिस्तान के अन्य प्रांतीय राज्यपाल पदों के समान ही, आमतौर पर यह भी एक औपचारिक पद है, यानी राज्यपाल पास बहुत अधिक अधिकार नहीं होते हैं। हालाँकि इतिहास में कई बार ऐसे अवसर आए हैं जब प्रांतीय गवर्नरों को अतिरिक्त व पूर्ण कार्याधिकार मिला है, खासकर इस मामले में जब प्रांतीय विधायिका भंग कर दी गई हो, तब प्रशासनिक विकल्प सीधे राज्यपाल के अधिकार-अंतर्गत आ जाते हैं। 1958 से 1972 और 1977 से 1985 तक सैन्य शासन और 1999 से 2002 के राज्यपाल शासन के दौरान राज्यपालों को जबरदस्त प्रशासनिक शक्ति मिलते रहे हैं। सिंध में दो बार सीधे राज्यपाल शासन रहा है जिनके दौरान 1951 से 1953 के दौरान मियां अमीन दीन और 1988 में रहीम दीन खान राज्यपाल थे। .

नई!!: १९७२ और सिंध के राज्यपाल · और देखें »

सगत सिंह

पाकिस्तानी जनरल नियाजी, जगदीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण के प्रपत्र पर हस्ताक्षर करते हुए। इनके ठीक पीछे खड़े हैं (बायें से दायें) नीलकान्त कृष्णन, हरि चन्द दीवान, ले जनरल सगत सिंह, तथा जनरल जैकब लेफ्टिनेन्ट जनरल सगत सिंह (परम विशिष्ट सेवा मेडल) (14 जुलाई 1918 – 26 सितम्बर, 2001) भारतीय सेना के तीन-सितारा रैंक वाले जनरल थे। वे गोवा मुक्ति संग्राम और बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में अपनी विशिष्ट भूमिका के लिये प्रसिद्ध हैं। अपने सैन्य जीवन में उन्होने अनेकों सम्मनिति पदों की शोभा बढ़ाई। सगत सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

नई!!: १९७२ और सगत सिंह · और देखें »

संचार उपग्रह

U.स सैन्य MILSTAR संचार उपग्रह दूरसंचार के प्रयोजनों के लिए संचार उपग्रह (कभी-कभी संक्षेप में SATCOM प्रयुक्त) अंतरिक्ष में तैनात एक कृत्रिम उपग्रह है। आधुनिक संचार उपग्रह भू-स्थिर कक्ष, मोलनीय कक्ष, अन्य दीर्घवृत्ताकार कक्ष और पृथ्वी के निचले (ध्रुवीय और ग़ैर-ध्रुवीय) कक्ष सहित विभिन्न प्रकार के परिक्रमा-पथों का उपयोग करते हैं। निश्चित (बिंदु-दर-बिंदु) सेवाओं के लिए, संचार उपग्रह पनडुब्बी संचार केबल के पूरक माइक्रोवेव रेडियो प्रसारण तकनीक उपलब्ध कराते हैं। उनका इस्तेमाल मोबाइल अनुप्रयोगों, जैसे जहाज, वाहनों, विमानों और हस्तचालित टर्मिनलों तथा टी.वी.

नई!!: १९७२ और संचार उपग्रह · और देखें »

सुबह ओ श्याम (1972 फ़िल्म)

सुबह ओ श्याम 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और सुबह ओ श्याम (1972 फ़िल्म) · और देखें »

सुय्या

सुय्या कश्मीरी भाषा के विख्यात साहित्यकार अली मोहम्मद लोण द्वारा रचित एक नाटक है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में कश्मीरी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और सुय्या · और देखें »

सुरिंदर सिंह बेदी

सुरिंदर सिंह बेदी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और सुरिंदर सिंह बेदी · और देखें »

सुजय भूषण रॉय

सुजय भूषण रॉय को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और सुजय भूषण रॉय · और देखें »

स्टीव जॉब्स

"> Steve jobs full biography in hindi स्टीवन पॉल "स्टीव" जॉब्स (Steven Paul "Steve" Jobs) (जन्म: २४ फरवरी, १९५५ - अक्टूबर ५, २०११) एक अमेरिकी बिजनेस टाईकून और आविष्कारक थे। वे एप्पल इंक के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। अगस्त २०११ में उन्होने इस पद से त्यागपत्र दे दिया। जॉब्स पिक्सर एनीमेशन स्टूडियोज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी रहे। सन् २००६ में वह दि वाल्ट डिज्नी कम्पनी के निदेशक मंडल के सदस्य भी रहे, जिसके बाद डिज्नी ने पिक्सर का अधिग्रहण कर लिया था। १९९५ में आई फिल्म टॉय स्टोरी में उन्होंने बतौर कार्यकारी निर्माता काम किया। .

नई!!: १९७२ और स्टीव जॉब्स · और देखें »

स्पुटनिक

स्पुटनिक स्पुटनिक (रूसी: Спутник) जिसका शाब्दिक अर्थ है "यात्रा का साथी", सोवियत संघ का प्रथम उपग्रह कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ४ अक्टूबर, १९५७ के बाद से पाँच उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए। स्पुटनिक १ विश्व का सर्वप्रथम मानव निर्मित उपग्रह था। .

नई!!: १९७२ और स्पुटनिक · और देखें »

सैयद हुसैन ज़हीर

सैयद हुसैन ज़हीर को उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और सैयद हुसैन ज़हीर · और देखें »

सीता और गीता (1972 फ़िल्म)

सीता और गीता 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमे हेमा मालिनी दोहरी भूमिका मे है। .

नई!!: १९७२ और सीता और गीता (1972 फ़िल्म) · और देखें »

हनुमान सेतु मंदिर

मंदिर में स्थापित हनुमानजी की मूर्ति हनुमान सेतु मंदिर, लखनऊ में गोमती नदी के किनारे एक हनुमान मंदिर है। यह मंदिर नदी पर बने एक पुल के किनारे बना है। इस कारण यह पुल हनुमान सेतु एवं मंदिर हनुमान सेतु मंदिर कहलाता है। यह मंदिर नीम करौरी बाबा ने बनवाया है। इस मंदिर से लगा बाबा का भी एक मंदिर बना है। यह सेतु लखनऊ विश्वविद्यालय से हज़रतगंज को जोड़ता है। पहले इस स्थान पर मंकी ब्रिज हुआ करता था, जो १९७२ में आई गोमती नदी की बाढ़ में बह गया था। उस ही स्थान पर नया सेतु बना है। सेतु के किनारे ही लखनऊ विश्वविद्यालय का यूनियन भवन एवं केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआराई) की आवासीय कालोनी है। दूसरी ओर सेतु से उतरते ही परिवर्तन चौक है, जिसके दायीं ओर होटाल क्लार्क्स अवध एवं छतर मंजिल है। .

नई!!: १९७२ और हनुमान सेतु मंदिर · और देखें »

जबान (1972 फ़िल्म)

जबान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और जबान (1972 फ़िल्म) · और देखें »

जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान

जमात ए इस्लामी पाकिस्तान की सबसे बड़ी और पुरानी सैद्धांतिक इस्लामी पुनरुद्धार आंदोलन है जिसका शुरुआत बीसवीं सदी के इस्लामी विचारक सैयद अहमद, जो समकालीन इस्लाम पुनर्जीवित संघर्ष के नायक माने जाते हैं ने पाकिस्तान की स्थापना से पहले 3 शाबान 1360 हिजरी (26 अगस्त 1941 ई।) को लाहौर में किया था। जमाते इस्लामी पाकिस्तान आधी सदी से अधिक समय से दुनिया भर में इस्लामी पुनरुद्धार के लिए शांतिपूर्ण रूप से प्रयासरत कुछ इस्लामी आंदोलनों में शुमार की जाती है। .

नई!!: १९७२ और जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान · और देखें »

जय कृष्ण

जय कृष्ण को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये उत्तर प्रदेश से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1912 में जन्मे लोग श्रेणी:१९९९ में निधन.

नई!!: १९७२ और जय कृष्ण · और देखें »

ज़मीन आसमान (1972 फ़िल्म)

ज़मीन आसमान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और ज़मीन आसमान (1972 फ़िल्म) · और देखें »

ज़ानेले मुहोली

मुहोली (इंटरनेशनल गे और लेस्बियन फ़िल्म फ़ेस्टिवल सेंट पीटर्सबर्ग, 2011) ज़ानेले मुहोली (जन्म: उम्लाज़ी डरबन, 19 जुलाई 1972) दक्षिण अफ़्रीकी फ़ोटोग्राफ़र हैं। वे अपनी लेस्बियन पहचान संबंधित फ़ोटोग्राफ़ी के लिए जानी जाती है। 2013 में उनको प्रिन्स क्लाज़ इनाम मिला। .

नई!!: १९७२ और ज़ानेले मुहोली · और देखें »

ज़िन्दगी ज़िन्दगी (1972 फ़िल्म)

ज़िन्दगी ज़िन्दगी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और ज़िन्दगी ज़िन्दगी (1972 फ़िल्म) · और देखें »

ज़्याँ मेरी गुस्ताव लेक्लेज़ियो

ज़्याँ मेरी गुस्ताव लेक्लेज़ियो (जन्म-१३ अप्रैल १९४०) फ़्रांसिसी उपन्यासकार हैं। उन्हें साल २००८ के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस साल १० दिसम्बर को स्टॉकहोम में होने वाले समारोह में उन्हें अन्य नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साथ सम्मानित किया जाएगा। १९०१ में प्रथम नोबेल साहित्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता फ्रेंच लेखक सुली प्रुधोम से आरम्भ हुए इस सफर में क्लेजियो १४वें फ्रेंच साहित्यकार हैं। स्वीडन की नोबेल पुरस्कार समिति ने उन्हें नई दिशा में लेखन करने वाला और काव्यात्मक प्रयोगधर्मी लेखक बताया है। स्वीडिश एकेडमी ने उन्हें मौजूदा सभ्यता के दायरे से परे और इसके अंदर जाकर मानवता की खोज करने वाले लेखक की संज्ञा की। एक उपन्यासकार के रूप में लेक्लेज़ियो उस समय चर्चा में आए, जब वर्ष १९८० में उनका उपन्यास मरूस्थल (फ्रांसिसी नाम डेज़र्ट) आया। इस उपन्यास में उन्होंने अवांछित व अप्रवासियों के जरिए उत्तरी अमेरिका के रेगिस्तान में खो चुकी संस्कृति का चित्रण किया गया है। स्वीडिश एकेडमी ने उनके इस उपन्यास की भी जम कर सराहना की। एकेडमी ने कहा कि इस उपन्यास में उत्तरी अफ़्रीका के रेगिस्तानों में खो चुकी सभ्यता को बेहतरीन अंदाज़ में पेश किया गया। उनके हाल के लेखन में शामिल है वर्ष २००७ में आया उपन्यास बैलासिने। इसमें उन्होंने फ़िल्म आर्ट के इतिहास पर लिखा है। इसके अलावा लेक्लेज़ियो ने बच्चों पर भी कई किताबें लिखी हैं। अपने लेखन के लिए लेक्लेज़ियो को फ़्रांस में कई सम्मान मिल चुके हैं। इनमें १९७२ में मिला प्री लरबॉ और १९९७ में मिला ग्रा प्रीं ज्याँ जियोनो शामिल है। वर्ष १९४० में फ्रांस के नीस शहर में जन्मे लेक्लेज़ियो बचपन में दो साल नाइजीरिया में भी रहे हैं। उन्होंने बैंकॉक, बोस्टन और मैक्सिको सिटी के विश्वविद्यालयों में पढ़ाया भी है। उनके पूर्वज मूलत: मॉरीशस के थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद क्लेजियो की माँ फ्रांस में बस गईं जहाँ उनका जन्म हुआ। तब किसने सोचा था कि एक दिन मॉरीशस मूल का यह व्यक्ति फ्रेंच साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार अर्जित करेगा। फ्रेंच पब्लिक स्कूल में अपना आरम्भिक अध्ययन करने वाले क्लेजियो का फ्रेंच भाषा से अटूट जुड़ाव रहा। किशोरावस्था से ही लेखन में प्रवृत्त रहे क्लेजियो का पहला उपन्यास २३ वर्ष की आयु में १९६३ में 'ली प्रोसेस वर्बल' नाम से प्रकाशित हुआ था। उनकी आरम्भिक कृतियाँ रोजमर्रा के भाब्दों के उपयोग के साथ गहन संवेदनात्मक अनुभूति पैदा करने वाले अलंकृत शब्दों के विलक्षण एवं अनुपम प्रयोग व अद्भुत कल्पनाशीलता की मिसाल मानी जाती हैं। कालांतर में उन्होंने बाल-साहित्य जैसी उपेक्षित विधा पर जोर देते हुए बचपन पर केन्द्रित कई अविस्मरणीय कथायें भी रचीं। इन कृतियों में उनके बचपन और पारिवारिक पृष्ठभूमि की झलक देखी जा सकती है। उन्होंने लगातार फ्रांस में रहने वाले आप्रवासी नार्थ अमेरिकन्स, मैक्सिको में रहने वाले इंडियन्स और हिन्द महासागर में आइसलैंड वासियों के बारे में उसी तरह से लिखा है जैसे कि वे अपने अतीत के बारे में लिखते आए हैं। युवा लेखक के रूप में क्लेजियो की पहचान अस्तित्ववादी चिंतन के बाद साहित्य जगत में रोमन नवयुग के प्रणेता की है। उनकी अन्य कृतियों में टेरा अमाटा, युद्ध (मूल पुस्तक के शीर्षक का हिन्दी अनुवाद), उड़ान पुस्तक (मूल पुस्तक के शीर्षक का हिन्दी अनुवाद), महाकाय (मूल पुस्तक के शीर्षक का हिन्दी अनुवाद), लुलाबी (१९८०), बेलाबिलो (१९८५), इटॉइल इरैन्ट (१९९२), बैलेसिनर (२००७) इत्यादि प्रमुख हैं। टेरा अमाटा, वार, द बुक ऑफ फ्लाइट्स, द जाइन्टस कृतियों से क्लेजियो का पारिस्थितिकी की तरफ झुकाव देखा जा सकता है। 'इटॉइल इरैन्ट' में यहूदी और फिलिस्तीनी लड़कियों के बहाने विस्थापित होने और इस दौर की यातनाओं को उन्होंने बखूबी बयां किया गया है तो 'बैलेसिनर' को सिनेमा पर आधारित किया है। इस कृति में बचपन में सिनेमा के दाखिल होने, फिर उसकी दखलंदाजी और इस बहाने पूरा सिनेमाई इतिहास महसूस किया जा सकता है। क्लेजियो को सशक्त रचनाधर्मिता के चलते फ्रेंच एकेडमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

नई!!: १९७२ और ज़्याँ मेरी गुस्ताव लेक्लेज़ियो · और देखें »

जानवर और इंसान (1972 फ़िल्म)

जानवर और इंसान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और जानवर और इंसान (1972 फ़िल्म) · और देखें »

जिमी कोनर्स

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता.

नई!!: १९७२ और जिमी कोनर्स · और देखें »

जगजीत सिंह अरोड़ा

जगजीत सिंह अरोड़ा (13 फरवरी, 1916 – 3 मई 2005) भारतीय सेना के तीन-सितारा जनरल थे जिन्होने बंगलादेश मुक्ति संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय वे पूर्वी कमान के जनरल आफिसर कमाण्डिंग-इन चीफ थे। भारत सरकार द्वारा उन्हें सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

नई!!: १९७२ और जगजीत सिंह अरोड़ा · और देखें »

जंगल में मंगल (1972 फ़िल्म)

जंगल में मंगल 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और जंगल में मंगल (1972 फ़िल्म) · और देखें »

जंक फूड

चीटोज़ को भी जंक खाद्य श्रेणी में स्थान मिला है, क्योंकि ये औद्योगिक रसोई में ही निर्मित होते हैं व पैक किये जाते हैं लूथर बर्गर, बेकन चीज़ बर्गर में डोनट का प्रयोग होने पर भी उच्च शर्करा और वसा मात्रा होने से जंक खाद्य में रखा गया है जंक फूड आमतौर पर विश्व भर में चिप्स, कैंडी जैसे अल्पाहार को कहा जाता है। बर्गर, पिज्जा जैसे तले-भुने फास्ट फूड को भी जंक फूड की संज्ञा दी जाती है तो कुछ समुदाय जाइरो, तको, फिश और चिप्स जैसे शास्त्रीय भोजनों को जंक फूड मानते हैं। इस श्रेणी में क्या-क्या आता है, ये कई बार सामाजिक दर्जे पर भी निर्भर करता है। उच्चवर्ग के लिए जंक फूड की सूची काफी लंबी होती है तो मध्यम वर्ग कई खाद्य पदार्थो को इससे बाहर रखते हैं। कुछ हद तक यह सही भी है, खासकर शास्त्रीय भोजन के मामले में। सदियों से पारंपरिक विधि से तैयार होने वाले ये खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। संजय गांधी स्नातकोत्तर अनुसंधान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ॰ सुशील गुप्ता के अनुसार जंक फूड आने से पिछले दस सालों में मोटापे से ग्रस्त रोगियों की संख्या काफी बढ़ी है। इनमें केवल बच्चे ही नहीं बल्कि युवा वर्ग भी शामिल है।। जोश १८।।१९ मार्च,२००८। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस। अनुपमा त्रिपाठी। इसी संस्थान के गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग के प्रोफेसर जी.

नई!!: १९७२ और जंक फूड · और देखें »

जुडास प्रीस्ट

जुडास प्रीस्ट बर्मिंघम के ग्रेमी पुरस्कार विजेता एक इग्लिश हैवी मेटल बैंड हैं, जिनका गठन 1969 में हुआ था। जुडास प्रीस्ट की मुख्य लाइन अप में गायक रोब हलफोर्ड, गिटारवादक ग्लेन टिपटान, के.के. डाउनिंग और बासिस्ट इयान हिल शामिल हैं। हालांकि बैंड के पिछले वर्षों में कई ड्रमर आए, फिर भी स्कोट ट्रेविस 1989 से अपने स्थान को बनाए हुए हैं। उन्हें, कई हैवी मेटल संगीतकारों और बैंड के ऊपर एक प्रभाव के रूप में उद्धृत किया जाता है। एक निश्चित हैवी मेटल बैंड के रूप में उनकी लोकप्रियता और स्तर के कारण उन्हें "मेटल गॉड्स" का उपनाम दिया गया, जो उनके इसी नाम के एक गीत से प्रेरित है। उन्होंने 35 लाख से भी अधिक एल्बमों को दुनिया भर में बेचा है। .

नई!!: १९७२ और जुडास प्रीस्ट · और देखें »

जे एडगर हूवर

जॉन एड्गर हूवर (१ जनवरी १८९५– मई २, १९७२) फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के प्रथम निदेशक थे। इनका जन्म १८९५ के नव वर्श दिवस पर ऐन्ना मरी शाइट्लीन् और डिकर्सन् नेय्लोर हूवर (सीनियर्) को वाशिंगटन डीसी मे हुआ था। जान् की मा के पूर्वज स्विट्झरलैन्ड मे किराये के सैनिक हुआ करते थे और उनके पिता अन्ग्रेजी और जर्मनी की मिली-जुली धरोहर के थे। हूवर ने कालेज मे पधते समय लायब्रेरी आफ् कान्ग्रे मे काम किय था और इस ही दौरान वे काप्पा आल्फा आर्डर (आल्फा न्यु १९१४) के सदस्य थे। उन्होने १९१७ मे जार्ज वाशिन्ग्टन यूनिवर्सिटी से वकालत की उपाधी प्राप्त करी। श्रेणी:एफ बी आई.

नई!!: १९७२ और जे एडगर हूवर · और देखें »

जेव्हा माणूस जागा होतो

जेव्हा माणूस जागा होतो मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार गोदावरी परुलेकर द्वारा रचित एक आत्मकथा है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में मराठी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और जेव्हा माणूस जागा होतो · और देखें »

जॉर्ज पंचम

जॉर्ज पंचम (जॉर्ज फ्रेडरिक अर्नेस्ट अल्बर्ट; 3 जून 1865 – 20 जनवरी 1936) प्रथम ब्रिटिश शासक थे, जो विंडसर राजघराने से संबंधित थे। संयुक्त राजशाही एवं अन्य राष्ट्रमंडल समूह के महाराजा होने के साथ साथ, जॉर्ज भारत के सम्राट एवं स्वतन्त्र आयरिश राज्य के राजा भी थे। जॉर्ज ने सन 1910 से प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) के दौरान और बाद में 1936 में अपनी मृत्यु पर्यन्त राज्य किया। जॉर्ज के पिता महाराज एडवर्ड सप्तम की १९१० में मृत्यु होने पर, वे महाराजा बने। वे एकमात्र ऐसे सम्राट थे, जो कि अपने स्वयं के दिल्ली दरबार में, अपनी भारतीय प्रजा के सामने प्रस्तुत हुए, जहां उनका भारत के राजमुकुट से राजतिलक हुआ। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने सारी जर्मन उपाधियां, वापस कर दीं। इनके शासन ने फासीवाद, नाजीवाद, समाजवाद इत्यादि देखे; एवं प्रथम मजदूर मंत्रालय भी, जिन सभी घटनाओं ने राजनैतिक क्रम को बदल दिया। जॉर्ज को उनके अंतिम दिनों में प्लेग व अन्य बीमारियों ने घेर लिया था; जब उनकी मृत्यु पर उनके ज्येष्ठ पुत्र एडवर्ड अष्टम ने राजगद्दी संभाली। .

नई!!: १९७२ और जॉर्ज पंचम · और देखें »

जोरू का गुलाम (1972 फ़िल्म)

जोरू का गुलाम 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और जोरू का गुलाम (1972 फ़िल्म) · और देखें »

जीत (1972 फ़िल्म)

जीत 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। मुख्य भूमिकाओं में रणधीर कपूर और बबीता हैं। .

नई!!: १९७२ और जीत (1972 फ़िल्म) · और देखें »

घासीराम कोतवाल (नाटक)

घासीराम कोतवाल विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित मराठी नाटक है। यह ब्राह्मणों के गढ़ पूना में रोजगार की तलाश में गए एक हिंदी भाषी ब्राह्मण घासीराम के त्रासदी की कहानी है। ब्राह्मणों से अपमानित घासीराम मराठा पेशवा नाना फड़नबीस से अपनी बेटी के विवाह का सौदा करता है और पूना की कोतवाली हासिल कर उन ब्राह्मणों से बदला लेता है। किंतु नाना उसकी बेटी की हत्या कर देता है। घासीराम चाहकर भी इसका बदला नहीं ले पाता। उल्टे नाना उसकी हत्या करवा देता है। इस नाटक के मूल मराठी स्वरूप का पहली बार प्रदर्शन 16 दिसंबर, 1972 को पूना में ‘प्रोग्रेसिव ड्रामाटिक एसोसिएशन’ द्वारा भरत नाट्य मन्दिर में हुआ। निर्देशक थे डॉ॰ जब्बार पटेल। .

नई!!: १९७२ और घासीराम कोतवाल (नाटक) · और देखें »

वन्यजीव न्यायालयिक विज्ञान

वन्यजीव न्यायालयिक विज्ञान (wildlife forensic science) न्यायालयिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें वन्य जीवन से जुड़े कानूनी मामले आते हैं। उदाहरण के लिए संरक्षित वन्यजीवों के अंग बेचना या उनकी चोरी करना, अन्य देश से प्रतिबंधित वन्यजीव उत्पाद मँगाना, खरीदना या बेचना। .

नई!!: १९७२ और वन्यजीव न्यायालयिक विज्ञान · और देखें »

वफ़ा (1972 फ़िल्म)

वफ़ा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और वफ़ा (1972 फ़िल्म) · और देखें »

वाशिंगटन विज़र्डस

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - दक्षिण पूर्व डिवीज़न श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन – पूर्वी कांफ़्रेंस श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

नई!!: १९७२ और वाशिंगटन विज़र्डस · और देखें »

वाइस नीलकांत कृष्णन

वाइस नीलकांत कृष्णन को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1919 में जन्मे लोग श्रेणी:१९८२ में निधन.

नई!!: १९७२ और वाइस नीलकांत कृष्णन · और देखें »

वाइस सुरिंदरनाथ कोहली

वाइस सुरिंदरनाथ कोहली को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1916 में जन्मे लोग श्रेणी:१९९७ में निधन.

नई!!: १९७२ और वाइस सुरिंदरनाथ कोहली · और देखें »

विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल

वी एस नाइपॉल या विद्याधर सूरजप्रसाद नैपालका जन्म १७ अगस्त सन १९३२ को ट्रिनिडाड के चगवानस (Chaguanas) में हुआ। उनहे नुतन अंग्रेज़ी छंद का गुरु कहा जाता है। वे कई साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हे, इनमे जोन लिलवेलीन रीज पुरस्कार (१९५८), दी सोमरसेट मोगम अवाङँ (१९८०), दी होवथोरडन पुरस्कार (1964), दी डबलु एच स्मिथ साहित्यिक अवाङँ (१९६८), दी बुकर पुरस्कार (१९७१), तथा दी डेविड कोहेन पुरस्कार (१९९३) ब्रिटिश साहित्य मे जीवन परयंत कायँ के लिए, प्रमुख है। वी एस नैपाल को २००१ मे साहित्य मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। २००८ मे दी टाईम्स ने वी एस नैपाल को अपनी ५० महान ब्रिटिश साहित्यकारो की सुची मे सातवां स्थान दिया। .

नई!!: १९७२ और विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल · और देखें »

विनायकराव पटवर्धन

विनायकराव पटवर्धन को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और विनायकराव पटवर्धन · और देखें »

विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

नई!!: १९७२ और विश्व धरोहर · और देखें »

विजय तेंडुलकर

विजय तेंडुलकर विजय तेंडुलकर (६ जनवरी १९२८ - १९ मई २००८) प्रसिद्ध मराठी नाटककार, लेखक, निबंधकार, फिल्म व टीवी पठकथालेखक, राजनैतिक पत्रकार और सामाजिक टीपकार थे। भारतीय नाट्य व साहित्य जगत में उनका उच्च स्थान रहा है। वे सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया में पटकथा लेखक के रूप में भी पहचाने जाते हैं। .

नई!!: १९७२ और विजय तेंडुलकर · और देखें »

विक्टोरिया नम्बर २०३ (1972 फ़िल्म)

विक्टोरिया नम्बर २०३ 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और विक्टोरिया नम्बर २०३ (1972 फ़िल्म) · और देखें »

खुसरो फारामर्ज़ रुस्तमजी

खुसरो फारामर्ज़ रुस्तमजी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये मध्य प्रदेश से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1916 में जन्मे लोग श्रेणी:२००३ में निधन.

नई!!: १९७२ और खुसरो फारामर्ज़ रुस्तमजी · और देखें »

खेम करण सिंह

खेम करण सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1926 में जन्मे लोग.

नई!!: १९७२ और खेम करण सिंह · और देखें »

गरम मसाला (1972 फ़िल्म)

गरम मसाला 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और गरम मसाला (1972 फ़िल्म) · और देखें »

गुलिस्तान रुस्तम बिल्लीमोरिया

गुलिस्तान रुस्तम बिल्लीमोरिया को समाज सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और गुलिस्तान रुस्तम बिल्लीमोरिया · और देखें »

गुजरात के मुख्यमंत्रियों की सूची

गुजरात के मुख्यमंत्रियों की क्रमवार सूची ** resumed office श्रेणी:गुजरात की राजनीति श्रेणी:गुजरात श्रेणी:मुख्यमंत्री श्रेणी:भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सूचियाँ.

नई!!: १९७२ और गुजरात के मुख्यमंत्रियों की सूची · और देखें »

ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

नई!!: १९७२ और ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची · और देखें »

गोपाल गुरुनाथ बेवूर

गोपाल गुरुनाथ बेवूर को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से थे। .

नई!!: १९७२ और गोपाल गुरुनाथ बेवूर · और देखें »

गोरा और काला (1972 फ़िल्म)

गोरा और काला 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और गोरा और काला (1972 फ़िल्म) · और देखें »

गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (पंतनगर विश्वविद्यालय या केवल "पंतनगर") भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय है। इसका उद्घाटन जवाहरलाल नेहरू द्वारा १७ नवंबर, १९६० को उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के नाम से किया गया था। वर्ष १९७२ में इसका नाम महान स्वतन्त्रता सेनानी गोविन्द बल्लभ पंत के नाम पर गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कर दिया गया। यह विश्वविद्यालय पंतनगर नामक परिसर-कस्बे में पड़ता है जो उत्तराखण्ड के उधमसिंहनगर जिले में है। यह विश्वविद्यालय भारत में हरित क्रांति का अग्रदूत माना जाता है। .

नई!!: १९७२ और गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय · और देखें »

ओड़िशा का इतिहास

प्राचीन काल से मध्यकाल तक ओडिशा राज्य को कलिंग, उत्कल, उत्करात, ओड्र, ओद्र, ओड्रदेश, ओड, ओड्रराष्ट्र, त्रिकलिंग, दक्षिण कोशल, कंगोद, तोषाली, छेदि तथा मत्स आदि नामों से जाना जाता था। परन्तु इनमें से कोई भी नाम सम्पूर्ण ओडिशा को इंगित नहीं करता था। अपितु यह नाम समय-समय पर ओडिशा राज्य के कुछ भाग को ही प्रस्तुत करते थे। वर्तमान नाम ओडिशा से पूर्व इस राज्य को मध्यकाल से 'उड़ीसा' नाम से जाना जाता था, जिसे अधिकारिक रूप से 04 नवम्बर, 2011 को 'ओडिशा' नाम में परिवर्तित कर दिया गया। ओडिशा नाम की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द 'ओड्र' से हुई है। इस राज्य की स्थापना भागीरथ वंश के राजा ओड ने की थी, जिन्होने अपने नाम के आधार पर नवीन ओड-वंश व ओड्र राज्य की स्थापना की। समय विचरण के साथ तीसरी सदी ई०पू० से ओड्र राज्य पर महामेघवाहन वंश, माठर वंश, नल वंश, विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोदभव वंश, भौमकर वंश, नंदोद्भव वंश, सोम वंश, गंग वंश व सूर्य वंश आदि सल्तनतों का आधिपत्य भी रहा। प्राचीन काल में ओडिशा राज्य का वृहद भाग कलिंग नाम से जाना जाता था। सम्राट अशोक ने 261 ई०पू० कलिंग पर चढ़ाई कर विजय प्राप्त की। कर्मकाण्ड से क्षुब्द हो सम्राट अशोक ने युद्ध त्यागकर बौद्ध मत को अपनाया व उनका प्रचार व प्रसार किया। बौद्ध धर्म के साथ ही सम्राट अशोक ने विभिन्न स्थानों पर शिलालेख गुदवाये तथा धौली व जगौदा गुफाओं (ओडिशा) में धार्मिक सिद्धान्तों से सम्बन्धित लेखों को गुदवाया। सम्राट अशोक, कला के माध्यम से बौद्ध धर्म का प्रचार करना चाहते थे इसलिए सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को और अधिक विकसित करने हेतु ललितगिरि, उदयगिरि, रत्नागिरि व लगुन्डी (ओडिशा) में बोधिसत्व व अवलोकेतेश्वर की मूर्तियाँ बहुतायत में बनवायीं। 232 ई०पू० सम्राट अशोक की मृत्यु के पश्चात् कुछ समय तक मौर्य साम्राज्य स्थापित रहा परन्तु 185 ई०पू० से कलिंग पर चेदि वंश का आधिपत्य हो गया था। चेदि वंश के तृतीय शासक राजा खारवेल 49 ई० में राजगद्दी पर बैठा तथा अपने शासन काल में जैन धर्म को विभिन्न माध्यमों से विस्तृत किया, जिसमें से एक ओडिशा की उदयगिरि व खण्डगिरि गुफाऐं भी हैं। इसमें जैन धर्म से सम्बन्धित मूर्तियाँ व शिलालेख प्राप्त हुए हैं। चेदि वंश के पश्चात् ओडिशा (कलिंग) पर सातवाहन राजाओं ने राज्य किया। 498 ई० में माठर वंश ने कलिंग पर अपना राज्य कर लिया था। माठर वंश के बाद 500 ई० में नल वंश का शासन आरम्भ हो गया। नल वंश के दौरान भगवान विष्णु को अधिक पूजा जाता था इसलिए नल वंश के राजा व विष्णुपूजक स्कन्दवर्मन ने ओडिशा में पोडागोड़ा स्थान पर विष्णुविहार का निर्माण करवाया। नल वंश के बाद विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोद्भव वंश और भौमकर वंश ने कलिंग पर राज्य किया। भौमकर वंश के सम्राट शिवाकर देव द्वितीय की रानी मोहिनी देवी ने भुवनेश्वर में मोहिनी मन्दिर का निर्माण करवाया। वहीं शिवाकर देव द्वितीय के भाई शान्तिकर प्रथम के शासन काल में उदयगिरी-खण्डगिरी पहाड़ियों पर स्थित गणेश गुफा (उदयगिरी) को पुनः निर्मित कराया गया तथा साथ ही धौलिगिरी पहाड़ियों पर अर्द्यकवर्ती मठ (बौद्ध मठ) को निर्मित करवाया। यही नहीं, राजा शान्तिकर प्रथम की रानी हीरा महादेवी द्वारा 8वीं ई० हीरापुर नामक स्थान पर चौंसठ योगनियों का मन्दिर निर्मित करवाया गया। 6वीं-7वीं शती कलिंग राज्य में स्थापत्य कला के लिए उत्कृष्ट मानी गयी। चूँकि इस सदी के दौरान राजाओं ने समय-समय पर स्वर्णाजलेश्वर, रामेश्वर, लक्ष्मणेश्वर, भरतेश्वर व शत्रुघनेश्वर मन्दिरों (6वीं सदी) व परशुरामेश्वर (7वीं सदी) में निर्माण करवाया। मध्यकाल के प्रारम्भ होने से कलिंग पर सोमवंशी राजा महाशिव गुप्त ययाति द्वितीय सन् 931 ई० में गद्दी पर बैठा तथा कलिंग के इतिहास को गौरवमयी बनाने हेतु ओडिशा में भगवान जगन्नाथ के मुक्तेश्वर, सिद्धेश्वर, वरूणेश्वर, केदारेश्वर, वेताल, सिसरेश्वर, मारकण्डेश्वर, बराही व खिच्चाकेश्वरी आदि मन्दिरों सहित कुल 38 मन्दिरों का निर्माण करवाया। 15वीं शती के अन्त तक जो गंग वंश हल्का पड़ने लगा था उसने सन् 1038 ई० में सोमवंशीयों को हराकर पुनः कलिंग पर वर्चस्व स्थापित कर लिया तथा 11वीं शती में लिंगराज मन्दिर, राजारानी मन्दिर, ब्रह्मेश्वर, लोकनाथ व गुन्डिचा सहित कई छोटे व बड़े मन्दिरों का निर्माण करवाया। गंग वंश ने तीन शताब्दियों तक कलिंग पर अपना राज्य किया तथा राजकाल के दौरान 12वीं-13वीं शती में भास्करेश्वर, मेघेश्वर, यमेश्वर, कोटी तीर्थेश्वर, सारी देउल, अनन्त वासुदेव, चित्रकर्णी, निआली माधव, सोभनेश्वर, दक्क्षा-प्रजापति, सोमनाथ, जगन्नाथ, सूर्य (काष्ठ मन्दिर) बिराजा आदि मन्दिरों को निर्मित करवाया जो कि वास्तव में कलिंग के स्थापत्य इतिहास में अहम भूमिका का निर्वाह करते हैं। गंग वंश के शासन काल पश्चात् 1361 ई० में तुगलक सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने कलिंग पर राज्य किया। यह वह दौर था जब कलिंग में कला का वर्चस्व कम होते-होते लगभग समाप्त ही हो चुका था। चूँकि तुगलक शासक कला-विरोधी रहे इसलिए किसी भी प्रकार के मन्दिर या मठ का निर्माण नहीं हुअा। 18वीं शती के आधुनिक काल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी का सम्पूर्ण भारत पर अधिकार हो गया था परन्तु 20वीं शती के मध्य में अंग्रेजों के निगमन से भारत देश स्वतन्त्र हुआ। जिसके फलस्वरूप सम्पूर्ण भारत कई राज्यों में विभक्त हो गया, जिसमें से भारत के पूर्व में स्थित ओडिशा (पूर्व कलिंग) भी एक राज्य बना। .

नई!!: १९७२ और ओड़िशा का इतिहास · और देखें »

ओरु देशतिण्टे तथा

ओरु देशतिण्टे तथा मलयालम भाषा के विख्यात साहित्यकार एस. के. पोट्टेक्काट द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में मलयालम भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और ओरु देशतिण्टे तथा · और देखें »

आँख मिचौली (1972 फ़िल्म)

आँख मिचौली 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और आँख मिचौली (1972 फ़िल्म) · और देखें »

आँखों आँखों में (1972 फ़िल्म)

आँखों आँखों में 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और आँखों आँखों में (1972 फ़िल्म) · और देखें »

आद्य रंगाचार्य

आद्य रंगाचार्य को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1904 में जन्मे लोग श्रेणी:१९८४ में निधन श्रेणी:साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत कन्नड़ भाषा के साहित्यकार.

नई!!: १९७२ और आद्य रंगाचार्य · और देखें »

आन बान (1972 फ़िल्म)

आन बान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और आन बान (1972 फ़िल्म) · और देखें »

इराकी दीनार

दीनार (अरबी: دينار, कुर्द: دینار) (संकेत: ع.د; कोड: IQD) इराक की मुद्रा है। यह इराक के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है और 1,000 फिल्स (فلس) में समविभाजित है, हालांकि मुद्रास्फीति ने फिल्स को प्रचलन से बाहर कर दिया है। .

नई!!: १९७२ और इराकी दीनार · और देखें »

इला रमेश भट्ट

इला रमेश भट्ट (जन्म - ७ सितंबर १९३३) भारत की एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने भारत की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया। 1972 में सेल्फ-एम्पलॉयड वीमन एसोसिएशन (सेवा) नामक महिला व्यापार संघ की स्थापना की थी। 12 लाख से अधिक महिलाएं इसकी सदस्य हैं। इसी तरह उन्होंने 1974 में सेवा को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना की थी। उन्हें 13 मई २०१० को 2010 के निवानो शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्तमान में वे भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड की एक निदेशक भी हैं। भारत के पहले मज़दूर संगठन कपड़ा कामगार संघ के महिला प्रकोष्ठ के नेतृत्व से 1968 में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाली इला भट्ट ने अनौपचारिक क्षेत्र में श्रम करने वाली ग़रीब स्त्रियों को सम्पूर्ण रोज़गार दिलाने स्वयंसेवी का के किये गये संस्थानीकरण की कोशिशों में अनूठा स्थान है। सेल्फ़ इम्पलॉयड वुमॅन एसोसिएशन (सेवा) की शुरुआत इला भट्ट ने 1971 में केवल सात सदस्यों के साथ की थी। आज इसके साथ तेरह लाख से ज़्यादा स्त्रियाँ जुड़ी हैं। यह संगठन अनपढ़ कामगार महिलाओं का अपना बैंक चलाता है जिसके ज़रिये औरतों को स्वरोज़गार के लिए पूँजी मुहैया करायी जाती है। यह नारी आंदोलन, मज़दूर आंदोलन और सहकारिता आंदोलन का एक संगम है। .

नई!!: १९७२ और इला रमेश भट्ट · और देखें »

इंद्रजीत सिंह गिल

इंद्रजीत सिंह गिल को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1919 में जन्मे लोग श्रेणी:२००१ में निधन.

नई!!: १९७२ और इंद्रजीत सिंह गिल · और देखें »

कयलाथ पोथेन फिलिप

कयलाथ पोथेन फिलिप को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और कयलाथ पोथेन फिलिप · और देखें »

कश्मीर का इतिहास

भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू और कश्मीर का इतिहास अति प्राचीन काल से आरंभ होता है। राजधानी में डल झील में एक शिकारे से दृश्य .

नई!!: १९७२ और कश्मीर का इतिहास · और देखें »

कृष्णस्वामी स्वामिनाथन

कृष्णस्वामी स्वामिनाथन को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

नई!!: १९७२ और कृष्णस्वामी स्वामिनाथन · और देखें »

के पी कंडेथ

के पी कंडेथ को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। कंडेथ, के पी श्रेणी:1916 में जन्मे लोग श्रेणी:२००३ में निधन.

नई!!: १९७२ और के पी कंडेथ · और देखें »

कोशिश (1972 फ़िल्म)

कोशिश 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और कोशिश (1972 फ़िल्म) · और देखें »

अन्तरजाल का इतिहास

muki don सर्वप्रथम १९६२ में विश्वविद्यालय के जे सी आर लिकलिडर ने अभिकलित्र जाल तैयार किया था। वे चाहते थे कि अभिकलित्र का एक एसा जाल हो, जिससे आंकड़ो, क्रमादेश और सूचनायें भेजी जा सके। 1966 में डारपा (मोर्चाबंदी प्रगति अनुसंधान परियोजना अभिकरण) (en:DARPA) ने आरपानेट के रूप में अभिकलित्र जाल बनाया। यह जाल चार स्थानो से जुडा था। बाद में इसमें भी कई परिवर्तन हुए और 1972 में बाँब काँहन ने अन्तर्राष्ट्रीय अभिकलित्र संचार सम्मेलन ने पहला सजीव प्रदर्शन किया। 1 जनवरी 1983 को आरपानेट (en:ARPANET) पुनर्स्थापित हुआ TCP-IP। इसी वर्ष एक्टीविटी बोर्ड (IAB) का गठन हुआ।नवंबर में पहली प्रक्षेत्र नाम सेवा (DNS) पॉल मोकपेट्रीज द्वारा सुझाई गई। अंतरजाल सैनिक और असैनिक भागों में बाँटा गया| हालाँकि 1971 में संचिका अन्तरण नियमावली (FTP) विकसित हुआ, जिससे संचिका अन्तरण करना आसान हो गया। 1990 में टिम बर्नर्स ली ने विश्व व्यापी वेब (WWW) से परिचित कराया अमरीकी सेना की सूचना और अनुसंधान संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 1973 में ``यू एस एडवांस रिसर्च प्र्रोजेक्ट एजेंसी´´ ने एक कार्यक्रम की शुरुआत की। उस कार्यक्रम का उद्देश्य था कम्प्यूटरों के द्वारा विभिन्न प्रकार की तकनीकी और प्रौद्योगिकी को एक-दूसरे से जोड़ा जाए और एक `नेटवर्क´ बनाया जाए। इसका उद्देश्य संचार संबंधी मूल बातों (कम्यूनिकेशन प्रोटोकॉल) को एक साथ एक ही समय में अनेक कम्प्यूटरों पर नेटवर्क के माध्यम से देखा और पढ़ा जा सके। इसे ``इन्टरनेटिंग प्रोजेक्ट´´ नाम दिया गया जो आगे चलकर `इंटरनेट´ के नाम से जाना जाने लगा। 1986 में अमरीका की ``नेशनल सांइस फांउडेशन´´ ने ``एनएसएफनेट´´ का विकास किया जो आज इंटरनेट पर संचार सेवाओं की रीढ़ है। एक सैकण्ड में 45 मेगाबाइट संचार सुविधा वाली इस प्रौद्योगिकी के कारण `एनएसएफनेट´ बारह अरब -12 बिलियन- सूचना पैकेट्स को एक महीने में अपने नेटवर्क पर आदान-प्रदान करने में सक्षम हो गया। इस प्रौद्योगिकी को और अधिक तेज गति देने के लिए `नासा´ और उर्जा विभाग ने अनुसंधान किया और ``एनएसआईनेट´´ और `ईएसनेट´ जैसी सुविधाओं को इसका आधार बनाया। इन्टरनेट हेतु `क्षेत्रीय´ सहायता कन्सर्टियम नेटवर्कों द्वारा तथा स्थानीय सहायता अनुसंधान व शिक्षा संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। अमरीका में फेडरल तथा राज्य सरकारों की इसमें अहम भूमिका है परन्तु उद्योगों का भी इसमें काफी हाथ रहा है। यूरोप व अन्य देशों में पारस्परिक अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग व राष्ट्रीय अनुसंधान संगठन भी इस कार्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1991 के अन्त तक इन्टरनेट इस कदर विकसित हुआ कि इसमें तीन दर्जन देशों के 5 हजार नेटवर्क शामिल हो गए, जिनकी पहुंच 7 लाख कम्प्यूटरों तक हो गई। इस प्रकार 4 करोड़ उपभोक्ताओं ने इससे लाभ उठाना शुरू किया। इन्टरनेट समुदाय को अमरीकी फेडरल सरकार की सहायता लगातार उपलब्ध होती रही क्योंकि मूल रूप से इन्टरनेट अमरीका के अनुसंधान कार्य का ही एक हिस्सा था। आज भी यह अमरीकी अनुसंधान कार्यशाला का महत्त्वपूर्ण अंग है किन्तु 1980 के दशक के अन्त में नेटवर्क सेवाओं व इन्टरनेट उपभोक्ताओं में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व वृद्धि हुई और इसका इस्तेमाल व्यापारिक गतिविधियों के लिये भी किया जाने लगा। सच तो ये है कि आज की इन्टरनेट प्रणाली का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा व अनुसंधान संस्थानों एवं विश्व-स्तरीय निजी व सरकारी व्यापार संगठनों की निजी नेटवर्क सेवाओं से ही बना है। .

नई!!: १९७२ और अन्तरजाल का इतिहास · और देखें »

अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

नई!!: १९७२ और अन्वेषणों की समय-रेखा · और देखें »

अनोखी पहचान (1972 फ़िल्म)

अनोखी पहचान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और अनोखी पहचान (1972 फ़िल्म) · और देखें »

अपना देश (1972 फ़िल्म)

अपना देश 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और अपना देश (1972 फ़िल्म) · और देखें »

अपराध (1972 फ़िल्म)

अपराध 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९७२ और अपराध (1972 फ़िल्म) · और देखें »

अमृति वी मोदी

अमृति वी मोदी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:चित्र जोड़ें.

नई!!: १९७२ और अमृति वी मोदी · और देखें »

अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

नई!!: १९७२ और अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची · और देखें »

अय्यगिरी साम्बशिव राव

अय्यगिरी साम्बशिव राव को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश से थे। ७ नवम्बर २००३ को उनका निधन हो गया। .

नई!!: १९७२ और अय्यगिरी साम्बशिव राव · और देखें »

अश्विनी कुमार (प्रशासकीय अधिकारी)

अश्विनी कुमार को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से हैं। कुमार, अश्विनी.

नई!!: १९७२ और अश्विनी कुमार (प्रशासकीय अधिकारी) · और देखें »

अघरी आत्मार काहिनी

अघरी आत्मार काहिनी असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार सैयद अब्दुल मलिक द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1972 में असमिया भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: १९७२ और अघरी आत्मार काहिनी · और देखें »

१ फ़रवरी

1 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 32वां दिन है। साल मे अभी और 333 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 334)। .

नई!!: १९७२ और १ फ़रवरी · और देखें »

१ अगस्त

1 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 213वॉ (लीप वर्ष मे 214 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 152 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और १ अगस्त · और देखें »

१० जून

१० जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १६१वाँ (लीप वर्ष में १६२ वाँ) दिन है। साल में अभी और २०४ दिन बाकी हैं। .

नई!!: १९७२ और १० जून · और देखें »

११ जनवरी

११ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ११वाँ दिन है। साल में अभी और ३५४ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३५५)। .

नई!!: १९७२ और ११ जनवरी · और देखें »

१२ जून

12 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 163वाँ (लीप वर्ष में 164 वाँ) दिन है। साल में अभी और 202 दिन बाकी हैं। .

नई!!: १९७२ और १२ जून · और देखें »

१५ अगस्त

15 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 227वॉ (लीप वर्ष मे 228 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 138 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और १५ अगस्त · और देखें »

१७ दिसम्बर

17 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 351वॉ (लीप वर्ष मे 352 वॉ) दिन है। साल में अभी और 14 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और १७ दिसम्बर · और देखें »

१७ जुलाई

१७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९८वॉ (लीप वर्ष में १९९वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १६७ दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और १७ जुलाई · और देखें »

१८ जनवरी

18 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 18वाँ दिन है। साल में अभी और 347 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 348)। .

नई!!: १९७२ और १८ जनवरी · और देखें »

२० अप्रैल

20 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 110वॉ (लीप वर्ष मे 111 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 255 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और २० अप्रैल · और देखें »

२१ फ़रवरी

२१ फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ५२वाँ दिन है। वर्ष मे अभी और ३१३ दिन बाकी है (लीप वर्ष मे ३१४)। .

नई!!: १९७२ और २१ फ़रवरी · और देखें »

२१ अगस्त

२१ अगस्त। 21 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 233वॉ (लीप वर्ष मे 234 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 132 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और २१ अगस्त · और देखें »

२२ जनवरी

22 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 22वाँ दिन है। साल में अभी और 343 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 344)। .

नई!!: १९७२ और २२ जनवरी · और देखें »

२३ मार्च

23 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 82वॉ (लीप वर्ष मे 83 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 283 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और २३ मार्च · और देखें »

२४ अप्रैल

24 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 114वॉ (लीप वर्ष मे 115 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 251 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और २४ अप्रैल · और देखें »

२४ अक्टूबर

24 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 297वॉ (लीप वर्ष मे 298 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 68 दिन बाकी है।.

नई!!: १९७२ और २४ अक्टूबर · और देखें »

२६ जनवरी

26 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 26वाँ दिन है। साल में अभी और 339 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 340)।.

नई!!: १९७२ और २६ जनवरी · और देखें »

२७ सितम्बर

27 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 270वॉ (लीप वर्ष मे 271 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 95 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और २७ सितम्बर · और देखें »

२८ अगस्त

28 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 240वॉ (लीप वर्ष में 241 वॉ) दिन है। साल में अभी और 125 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और २८ अगस्त · और देखें »

३ दिसम्बर

3 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 337वॉ (लीप वर्ष में 338 वॉ) दिन है। साल में अभी और 28 दिन बाकी है। १२३४५६७८९ .

नई!!: १९७२ और ३ दिसम्बर · और देखें »

३ जनवरी

3 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 3रॉ दिन है। साल में अभी और 362 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 363)। .

नई!!: १९७२ और ३ जनवरी · और देखें »

३ जुलाई

३ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८४वॉ (लीप वर्ष में १८५वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १८१ दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और ३ जुलाई · और देखें »

३१ मार्च

चित्र:BP Sinha, Lion of Dhanbad.jpg ३१ मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ९०वॉ (लीप वर्ष में ९१ वॉ) दिन है। साल में अभी और २७५ दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और ३१ मार्च · और देखें »

४ अप्रैल

4 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 94वॉ (लीप वर्ष मे 95 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 271 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और ४ अप्रैल · और देखें »

५०० होम रन दल

In मेजर लीग बेसबॉल, the ५०० होम रन क्लब is an informal term applied to the group of players who have hit 500 or more career home runs.

नई!!: १९७२ और ५०० होम रन दल · और देखें »

६ अक्टूबर

6 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 279वॉ (लीप वर्ष में 280 वॉ) दिन है। साल में अभी और 86 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और ६ अक्टूबर · और देखें »

८ जुलाई

८ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८९वॉ (लीप वर्ष में १९० वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १७६ दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और ८ जुलाई · और देखें »

९ दिसम्बर

9 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 343वॉ (लीप वर्ष मे 344 वॉ) दिन है। साल में अभी और 22 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और ९ दिसम्बर · और देखें »

९ अप्रैल

9 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 99वॉ (लीप वर्ष में 100 वॉ) दिन है। साल में अभी और 266 दिन बाकी है। .

नई!!: १९७२ और ९ अप्रैल · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

1972

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »