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१६३८

सूची १६३८

1638 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

5 संबंधों: डोडो, दिल्ली, मास्को, रेयूनियों, कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा

डोडो

डोडो (रैफस कुकुलैटस) हिंद महासागर के द्वीप मॉरीशस का एक स्थानीय पक्षी था। यह पक्षी वर्ग में होते हुए भी थलचर था, क्योंकि इसमे उड़ने की क्षमता नहीं थी। १७वीं सदी के अंत तक यह पक्षी मानव द्वारा अत्याधिक शिकार किये जाने के कारण विलुप्त हो गया। यह पक्षी कबूतर और फाख्ता के परिवार से संबंधित था। यह मुर्गे के आकार का लगभग एक मीटर उँचा और २० किलोग्राम वजन का होता था। इसके कई दुम होती थीं। यह अपना घोंसला ज़मीन पर बनाता था, तथा इसकी खुराक में स्थानीय फल शामिल थे। डोडो मुर्गी से बड़े आकार का भारी-भरकम, गोलमटोल पक्षी था। इसकी टांगें छोटी व कमजोर थीं, जो उसका वजन संभाल नहीं पाती थीं। इसके पंख भी बहुत ही छोटे थे, जो डोडो के उड़ने के लिए पर्याप्त नहीं थे। इस कारण यह न तेज दौड़ सकता था, न उड़ सकता था। रंग-बिरंगे डोडो झुंड में लुढ़कते-गिरते चलते थे, तो स्थानीय लोगों का मनोरंजन होता था। डोडो शब्द की उत्पत्ति पुर्तगाली शब्द दोउदो से हुई है, जिसका अर्थ मूर्ख या बावला होता है। कहा जाता है कि उन्होंने डोडो पक्षी को मुगल दरबार में भी पेश किया था, जहाँ के दरबारी चित्रकार ने इस विचित्र और बेढंगे पक्षी का चित्र भी बनाया था। कुछ प्राणिशास्त्रियों के अनुसार पहले अतीत में उड़ानक्षम डोडो, परिस्थितिजन्य कारणों से धीरे-धीरे उड़ने की क्षमता खो बैठे। अब डोडो मॉरीशस के राष्ट्रीय चिह्न में दिखता है। इसके अलावा डोडो की विलुप्ति को मानव गतिविधियों के कारण हुई न बदलने वाली घटनाओं के एक उदाहरण के तौर पर देखा जाता है। मानवों के मॉरीशस द्वीप पर आने से पूर्व डोडो का कोई भी प्राकृतिक शिकारी इस द्वीप पर नहीं था। यही कारण है कि यह पक्षी उड़ान भरने मे सक्षम नहीं था। इसका व्यवहार मानवों के प्रति पूरी तरह से निर्भीक था और अपनी न उड़ पाने की क्षमता के कारण यह आसानी से शिकार बन गया। .

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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मास्को

thumb मास्को स्थित रेड स्केव्यर का एक दृश्य मास्को या मॉस्को (रूसी: Москва́ (मोस्कवा)), रूस की राजधानी एवं यूरोप का सबसे बडा शहर है, मॉस्को का शहरी क्षेत्र दुनिया के सबसे बडे शहरी क्षेत्रों में गिना जाता है। मास्को रूस की राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, वित्तीय एवं शैक्षणिक गतिविधियों का केन्द्र माना जाता है। यह मोस्कवा नदी के तट पर बसा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह पुराने सोवियत संघ एवं प्राचीन रूसी साम्राज्य की राजधानी भी रही है। मास्को को दुनिया के अरबपतियों का शहर भी कहा जाता है जहां दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपति बसते हैं। २००७ में मास्को को लगातार दूसरी बार दुनिया का सबसे महंगा शहर भी घोषित किया गया था। .

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रेयूनियों

रेयूनियों (Réunion) अफ्रीका में स्थित एक द्वीप है। यह हिन्द महासागर में मैडागास्कर के पूर्व में २०० किमी और मॉरीशस के दक्षिण में स्थित है। इसकी राजधानी सेण्ट डैनिस है। यह द्वीप फ्रांस का एक ओवरसीज़ विभाग है। .

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कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा

कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा (25 नवंबर, 1638 - 31 दिसंबर, 1705), पुर्तगाली: Catarina Henriqueta de Bragança) पुर्तगाली राजकुमारी और इंग्लैण्ड के राजा चार्ल्स द्वितीय की रानी थी। इनका जन्म पुर्तगाल में विला विसोज़ा में हुआ था। इनके पिता जॉन चतुर्थ के राजा बनने पर हुआन होसे दे आस्ट्रिया, फ्रांस्वा दे वेन्दोम, लुई चौदहवें और चार्ल्स द्वितीय के साथ इनके विवाह की बात चली। पिरेनेज़ की संधि के बाद जब फ्रांस ने पुर्तगाल को छोड़ दिया तो इन्हें पुर्तगाल और इंग्लैण्ड के बीच सम्बन्ध स्थापित करने का साधन माना जाने लगा। 1660 में जब चार्ल्स द्वितीय को शासन की बागडोर फ़िर से मिली तो इन दोनों का विवाह तय कर दिया गया। इंग्लैण्ड आने पर दो विवाह समारोह हुए- पहला कैथोलिक तरीके से गुप्त रूप से और दूसरा 21 मई, 1661 को, एंग्लिकन तरीके से बहुत धूमधाम से। इनके दहेज में चार्ल्स को बम्बई और टैन्जियर बन्दरगाह मिले और चार्ल्स द्वितीय ने बंबई ईस्ट इंडिया कंपनी को वार्षिक किराए पर दे दिया। भाषा अवरोध, चार्ल्स की बेवफाई और कैथोलिकों और एंग्लिकनों के बीच हो रहे संघर्ष की वजह से शुरू में कैथरीन को बहुत कठिनाइयाँ आईं। कैथोलिक होने के कारण इनपर कई बार आरोप लगाए गए, जिनमें से चार्ल्स को जहर देने की साज़िश शामिल है। ये सभी आरोप बेबुनियाद साबित हुए और चार्ल्स ने खुद हर कदम पर कैथरीन का समर्थन किया। चार्ल्स की मृत्यु के बाद इनकी कठिनाइयाँ और बढ़ने लगीं और अंततः मार्च 1692 में ये पुर्तगाल लौट गईं। वहाँ रहते हुए उसने पुर्तगाल ओर इंग्लैंड के राजनीतिक संबंध दृढ़ करने का प्रयास किया। १७०४ ई. में जब उसके भाई पुर्तगाल नरेश पेडरो द्वितीय बीमार पड़े तो वह पुर्तगाल के शासन की संरक्षिका बनाई गई और उसके इस शासनकाल में पुर्तगाल को स्पेन के विरूद्ध अनेक सफलता मिली। ३१ दिसम्बर १७०५ को उसकी मृत्यु हुई। मरते समय उसने अपनी सारी अर्जित संपत्ति अपने भाई को वसीयत कर दी थी। लिस्बन, पुर्तगाल में कैथरीन की प्रतिमा कैथरीन बहुत बार गर्भवती हुईं लेकिन कभी जीवित उत्तराधिकारी को जन्म नही दे पाईं। कैथरीन ने इंग्लैण्ड में चाय पीने का रिवाज शुरु किया। कहा जाता है कि नये यार्क के क्वीन्स इलाके का नाम इनपर रखा गया, लेकिन इसके समर्थन में ऐतिहासिक स्रोत नहीं मिले हैं। ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे.

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