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स्वात ज़िला

सूची स्वात ज़िला

स्वात जिला, पाकिस्तान स्वात एक पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी सीमा प्रान्त का एक जिला एवं सुन्दर घाटी है। यह इस्लामाबाद से १६० किमी की दूरी पर स्थित है। सैदू शरीफ यहाँ की राजधानी है किन्तु मिंगोरा यहाँ का मुख्य नगर है। इस घाटी की सुन्दरता को देखते हुए इसे पाकिस्तान का "स्विटजरलैण्ड" भी कहा जाता है। दिसम्बर २००८ में इसके अधिकांश भाग पर तालिबान का कब्जा हो गया। उसके बाद तालिबानों के दबाव में आकर पाकिस्तान सरकार को यहाँ शरीयत लागू करने की मांग माननी पड़ी। इस समय पर्यटन के लिये ययाँ जाना बहुत खतरनाक है। Babur and his party hunting for rhinoceros in Swati, from Illuminated manuscript Baburnama .

17 संबंधों: चित्राल ज़िला, एक इकाई व्यवस्था, तोरवाली भाषा, पाकिस्तान के शहर, पाकिस्तान के ज़िले, पाकिस्तान अधिराज्य, मलाला युसुफ़ज़ई, मलाकंद दर्रा, राजा बीरबल, सिन्धु नदी, सिकंदर, स्वात नदी, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के यूनियन परिषदों की सूची, अफगानिस्तान के शहरों की सूची, अक्टूबर २०१५ हिन्दू कुश भूकंप, उशोजी भाषा

चित्राल ज़िला

चित्राल (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Chitral) पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत के सबसे उत्तरी भाग में स्थित एक ज़िला है। यह उस प्रान्त का सबसे बड़ा ज़िला है। इसका क्षेत्रफल १४,८५० वर्ग किमी है और १९९८ की जनगणना में इसकी आबादी ३,१८,६८९ थी। ७,७०८ मीटर ऊँचा तिरिच मीर, जो दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से है, इस ज़िले में स्थित है। चित्राल ज़िले की राजधानी चित्राल शहर है।, Sarina Singh, Lindsay Brown, Paul Clammer, Rodney Cocks, John Mock, Lonely Planet, 2008, ISBN 978-1-74104-542-0 .

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एक इकाई व्यवस्था

एक इकाई व्यवस्था या नीति, (अथवा वन-यूनिट् सिस्टम्), पाकिस्तान की एक पुर्वतः परवर्तित प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसके अंतर्गत, तत्कालीन पाकिस्तानी भूमि के दोनों भिन्न टुकड़ों को "एक प्रशासनिक इकाई" के रूप में ही शासित किये जाने की योजना रखी गई थी। इस तरह की प्रशासनिक नीति को अपनाने का मुख्य कारण, सर्कार द्वारा, पाकिस्तानी अधिराज्य के दो विभक्त एवं पृथक भौगोलिक आंचलों की एक ही केंद्रीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन में आने वाली घोर प्रशासनिक असुविधाएँ, एवं भौगोलिक कठिनाईयाँ बताई गई थी। अतः इस भौगोलिक व प्रशासनिक विषय के समाधान के रूप में, सरकार ने इन दो भौगोलीय हिस्सों को ही, एक महासंघीय ढांचे के अंतर्गत, पाकिस्तान के दो वाहिद प्रशासनिक इकाइयों के रूप में स्थापित करने की नीति बनाई गई। इस्के तहत, तत्कालीन मुमलिकात-ए-पाकिस्तान के, पूर्वी भाग में मौजूद स्थिति के अनुसार ही, पश्चिमी भाग के पाँचों प्रांतों व उनकी प्रांतीय सरकारों को भंग कर, एक प्रांत, पश्चिमी पाकिस्तान गठित किया गया, वहीं पूर्वी भाग (जो अब बांग्लादेश है) को पूर्वी पाकिस्तान कह कर गठित किया गया। तत्प्रकार, पाकिस्तान, एक इकाई योजना के तहत, महज दो प्रांतों में विभाजित एक राज्य बन गया। वन यूनिट योजना की घोषणा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा के शासनकाल के दौरान 22 नवंबर 1954 को की गई, और 14 अक्टूबर 1955 को देश के पश्चिमी भाग के सभी प्रांतों को एकीकृत कर, पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत गठित किया गया, जिसमें, सभी प्रांतों के अलावा तत्कालीन, राजशाहियों और कबाइली इलाके भी शामिल थे। इस प्रांत में 12 प्रमंडल थे, और इसकी राजधानी लाहौर थी। दूसरी ओर पूर्वी बंगाल के प्रांत को पूर्वी पाकिस्तान का नाम दिया गया, जिसकी राजधानी ढाका थी। संघीय राजधानी(कार्यपालिका) को वर्ष 1959 में कराँची से रावलपिंडी स्थानांतरित किया गया, जहां सेना मुख्यालय था, और नई राजधानी, इस्लामाबाद के पूरा होने तक यहां मौजूद रहा जबकि संघीय विधानपालिका को ढाका में स्थापित किया गया। इस नीति का उद्देश्य बज़ाहिर प्रशासनिक सुधार लाना था लेकिन कई लिहाज से यह बहुत विनाशकारी कदम था। पश्चिमी पाकिस्तान में मौजूद बहुत सारी राज्यों ने इस आश्वासन पर विभाजन के समय पाकिस्तान में शामिल हो गए थे कि उनकी स्वायत्तता कायम रखी जाएगी लेकिन वन इकाई बना देने के फैसले से सभी स्थानीय राज्यों का अंत हो गया। इस संबंध में बहावलपुर, खीरिपोर और कलात के राज्य विशेषकर उल्लेखनीय हैं। मामले इस समय अधिक गंभीर समय 1958 ई। के तख्तापलट के बाद मुख्यमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया और राष्ट्रपति ने पश्चिमी पाकिस्तान के विकल्प अपने पास रख लिए। राजनीतिक विशेषज्ञों यह भी समझते हैं कि पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों को एकजुट करने के उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान की भाषाई और राजनीतिक इकाई का जोर तोड़ना था। अंततः एक जुलाई 1970 को राष्ट्रपति याह्या खान ने एक इकाई का सफाया करते हुए पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों बहाल कर दिया। .

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तोरवाली भाषा

तोरवाली (Torwali), जिसे तूरवाली भी कहते हैं, कोहिस्तानी उपशाखा की एक दार्दी भाषा है जो पाकिस्तान के ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के कोहिस्तान और स्वात ज़िलों में बोली जाती है। इसे तोरवाली समुदाय के लोग बोलते हैं जो स्वात वादी में मदयान शहर के पश्तो बोलने वालों से ऊपरी ऊँचाइयों में छोटी पर्वतीय बस्तियों में बिखरे हुए हैं। यहाँ से यह समुदाय कालाम नामक शहर तक विस्तृत हैं जहाँ से आगे फिर कालामी भाषा बोली जाती है। तोरवाली बोली की दो उपभाषाएँ हैं - बहरेन और चैल।, Sir George Abraham Grierson, Sir Aurel Stein, Asian Educational Services, 1929, ISBN 978-81-206-1605-9 .

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पाकिस्तान के शहर

पाकिस्तान का मानचित्र यह पाकिस्तान के बडे़ शहरों की सूची है। .

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पाकिस्तान के ज़िले

पाकिस्तान के ज़िले पाकिस्तान के तीसरे दर्जे की प्रशासनिक इकाइयाँ हैं। पाकिस्तान में कुल 135 ज़िले और 7 आदिवासी क्षेत्र हैं। अगस्त 2000 से पूर्व ज़िले डिवीज़न के तहत होते थे लेकिन उस वक़्त डिवीज़न को ख़त्म करके ज़िलों को सीधे सूबों के अधीन कर दिया गया। .

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पाकिस्तान अधिराज्य

पाकिस्तानी अधिराज्य (ﻣﻤﻠﮑﺖِ ﭘﺎﮐﺴﺘﺎﻥ., मुम्लिक़ात्'ए पाकिस्तान; পাকিস্তান অধিরাজ্য, पाकिस्तान ओधिराज्जो) नवनिर्मित देश, पाकिस्तान की स्वायत्त्योपनिवेशिय अवस्था थी। इस शासनप्रणाली के तहत पाकिस्तान को भारत विभाजन के बाद, ब्रिटिश साम्राज्य का एक स्वशासित व स्वतंत्र इकाइ(अधिराज्य) के रूप मे स्थापित किया गया था। पाकिस्तानी अधिराज्य की स्थापना भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७ के तहत ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद तथाकथित तौर पर भारतिय उपमहाद्वीप की मुस्लिम आबादी के लिए हुआ था। एसकी कुल भूभाग मौजूदा इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान व बांग्लादेश के बराबर थी। 1956 में पाकिस्तान का पहला संविधान के लागू होने के साथ ही "पाकिस्तान अधिराज्य" की विस्थापना हो गई जब अधिराजकिय राजतांत्रिक व्यवस्था को इस्लामिक गणराज्य से बदल दिया गया। इस व्यवस्था के तहत पाकिस्तान ब्रिटिश हुक़ूमत से स्वतंत्र हो गया एवं ब्रिटिश राष्ट्रमंडल का हिस्सा होने के नाते अन्य ब्रिटिश स्वायत्त्योपनिवेशों की ही तरह, ब्रिटेन के राजा(ततकालीन जार्ज षष्ठम) को पाकिस्तान के राजा का प्रभार भी सौंप दिया गया, हालांकी, (तथ्यस्वरूप) पाकिस्तान के राजा का लग-भग सारा संवैधानिक व कार्याधिकार पाकिस्तान में उनके प्रतिनिधी पाकिस्तान के महाराज्यपाल (गवर्नर-जनरल) के अधिकार में था। ऐसी व्यवस्था सारे ब्रिटिश-स्वायत्त्योपनिवेशों में रहती है। पाकिस्तान अधिराज्य कुल 9 सालों तक, १९४७ से १९५६ तक अस्तित्व में रहा था, जिस बीच 4 महाराज्यपालों की नियुक्ती हुई थी। भारत विभाजन व स्वतंत्रता के बाद संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटिश भारत की सदस्यता भारतीय अधिराज्य को दे दी गई जबकी पाकिस्तान ने नई सदस्यता प्राप्त की। .

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मलाला युसुफ़ज़ई

कैलाश सत्यार्थी मलाला युसुफ़ज़ई (पश्तो: ملاله یوسفزۍ जन्म: 12 जुलाई 1997) को बच्चों के अधिकारों की कार्यकर्ता होने के लिए जाना जाता है। वह पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के स्वात जिले में स्थित मिंगोरा शहर की एक छात्रा है। 13 साल की उम्र में ही वह तहरीक-ए-तालिबान शासन के अत्याचारों के बारे में एक छद्म नाम के तहत बीबीसी के लिए ब्लॉगिंग द्वारा स्वात के लोगों में नायिका बन गयी। अक्टूबर 2012 में, मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने उदारवादी प्रयासों के कारण वे आतंकवादियों के हमले का शिकार बनी, जिससे वे बुरी तरह घायल हो गई और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आ गई।http://www.guardian.co.uk/world/2012/oct/09/pakistan-girl-shot-activism-swat-taliban .

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मलाकंद दर्रा

मलाकन्द दर्रे में प्रवेश कराती सुरंग मलाकंद दर्रा (Malakand Pass) पाकिस्तान में पेशावर के ६० किमी उत्तर, उत्तर-पूर्व स्थित दक्षिणी स्वात क्षेत्र में एक दर्रा है। प्रशासनिक रूप से यह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मलाकंद जिले में स्थित है। सामरिक रूप से यह एक महत्वपूर्ण भौगोलिक संरचना है। इस दर्रे से होकर एक प्राचीन बौद्धकालीन सड़क जाती है। १६वीं शताब्दी के प्रारंभ में यूसुफजाई पठानों ने इसी दर्रे में से होकर स्वात घाटी में प्रेवश किया था। ब्रिटिश काल में इसी दर्रे और इसके उत्तरी भाग में १८९७ ई॰ में भारतीय और ब्रिटिश सेनाओं का स्वात क्षेत्र के पठान विद्रोहियों से युद्ध हुआ था जिसे मलाकंद की लड़ाई के नाम से जाना जाता है। इस लड़ाई में भारतीय-ब्रिटिश सेनाएँ विजयी रहीं थीं। ध्यातव्य है कि पाकिस्तान की मलाकंद डिविजन ही वह प्रमुख क्षेत्र है जहाँ मलाला युसुफजई ने लड़कियों को स्कूल पहुँचाने के लिये संघर्ष छेड़ रखा है समीप में स्थित मलाकंद गाँव में जलविद्युतगृह है। .

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राजा बीरबल

राजा बीरबल(1528-1586)-असली नाम महेश दास भट्ट(राव राजपूत) (जन्म-1528 ई.; मृत्यु- 1586 ई.) मुग़ल बादशाह अकबर के नवरत्नों में सर्वाधिक लोकप्रिय एक भट्ट ब्राह्मण(राव राजपूत) दरबारी था। बीरबल की व्यंग्यपूर्ण कहानियों और काव्य रचनाओं ने उन्हें प्रसिद्ध बनाया था। बीरबल ने दीन-ए-इलाही अपनाया था और फ़तेहपुर सीकरी में उनका एक सुंदर मकान था। बादशाह अकबर के प्रशासन में बीरबल मुग़ल दरबार का प्रमुख वज़ीर था और राज दरबार में उसका बहुत प्रभाव था। बीरबल कवियों का बहुत सम्मान करता था। वह स्वयं भी ब्रजभाषा का अच्छा जानकार और कवि था। .

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सिन्धु नदी

पाकिस्तान में बहती सिन्घु सिन्धु नदी (Indus River) एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लंबाई प्रायः 2880 किलोमीटर है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है। सिंधु की पांच उपनदियां हैं। इनके नाम हैं: वितस्ता, चन्द्रभागा, ईरावती, विपासा एंव शतद्रु.

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सिकंदर

सिकंदर (Alexander) (356 ईपू से 323 ईपू) मकदूनियाँ, (मेसेडोनिया) का ग्रीक प्रशासक था। वह एलेक्ज़ेंडर तृतीय तथा एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। इतिहास में वह कुशल और यशस्वी सेनापतियों में से एक माना गया है। अपनी मृत्यु तक वह उन सभी भूमि मे से लगभग आधी भूमि जीत चुका था, जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी(सत्य ये है की वह पृथ्वी के मात्र 5 प्रतीशत हिस्से को ही जीत पाया था) और उसके विजय रथ को रोकने में सबसे मुख्य भूमिका भारत के महान राजा पुरु (जिन्हे युनानी इतिहासकारों नें पोरस से सम्बोधित किया है।)और भारत के क्षेत्रीय सरदारो की थी, जिन्होंने सिकंदर की सेना में अपने पराक्रम के दम पर भारत के प्रति खौफ पैदा कर उसके हौसले पस्त कर दिये और उसे भारत से लौटने पर मजबूर कर दिया।। उसने अपने कार्यकाल में इरान, सीरिया, मिस्र, मसोपोटेमिया, फिनीशिया, जुदेआ, गाझा, बॅक्ट्रिया और भारत में पंजाब(जिसके राजा पुरु थे।) तक के प्रदेश पर विजय हासिल की थी परन्तु बाद में वो मगध की विशाल सेना से डर कर लौट गया ।।उल्लेखनीय है कि उपरोक्त क्षेत्र उस समय फ़ारसी साम्राज्य के अंग थे और फ़ारसी साम्राज्य सिकन्दर के अपने साम्राज्य से कोई 40 गुना बड़ा था। फारसी में उसे एस्कंदर-ए-मक्दुनी (मॅसेडोनिया का अलेक्ज़ेंडर, एस्कन्दर का अपभ्रंश सिकन्दर है) औऱ हिंदी में अलक्षेन्द्र कहा गया है। .

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स्वात नदी

ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त में बहने वाली स्वात नदी स्वात नदी (पश्तो:, द स्वात सीन्द; अंग्रेज़ी: Swat River) पाकिस्तान के पश्चिमोत्तरी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त में बहने वाली एक नदी है। इसका स्रोत हिन्दू-कुश पर्वतों में है जहाँ से निकलकर यह कालाम वादी और स्वात ज़िले से गुज़रती है। यहाँ से आगे यह मालाकंड ज़िले से निकलकर पेशावर वादी में चारसद्दा के पास काबुल नदी में मिल जाती है। स्वात नदी स्वात ज़िले के बहुत से इलाक़ों में सिंचाई के लिए बहुत महत्व रखती है और इसपर दो जल-विद्युत बाँध भी बने हुए हैं। इनसे पैदा होने वाली बिजली का स्थानीय इस्तेमाल किया जाता है। स्वात नदी एक रमणीय नज़ारा भी है जिसे देखने हर साल बहुत से सैलानी आते हैं। इसकी वादी के निचले हिस्से में बहुत से पुरातन स्थल हैं। .

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ख़ैबर पख़्तूनख़्वा

मकरा चोटी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा (पहले:उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त) पाकिस्तान का एक प्रान्त या सूबा है। इसे सूबा-ए-सरहद के नाम से भी जाना जाता है जो अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर पश्तूनों की आबादी अधिक है जिन्हें स्थानीय रूप से पख़्तून भी कहते हैं। इनकी मातृभाषा पश्तो है। इस प्रांत की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान से आए शरणार्थियों की 15 लाख की आबादी सम्मिलित नहीं है। .

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ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के यूनियन परिषदों की सूची

यूनियन परिषद या यूनियन काउंसिल पाकिस्तान का हीनतम् प्रशासनिक इकाई होती है। क्रमशः यह पाकिस्तान में छठे स्तर का प्रशासनिक निकाय है: यानी पहले संघीय सरकार, फिर प्रांत, फिर प्रमंडल, फिर जिले फिर तहसील और अंत्यतः यूनियन परिषद। लेकिन 2007 के बाद परिमंडल को समाप्त कर दिया गया इसलिए अब यूनियन परिषद पांचवें-स्तर की इकाई है। संघ परिषद स्थानीय सरकार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। संघ परिषद में 21 पार्षद होते हैं जिनकी अध्यक्षता नाज़िम और उप मॉडरेटर करते हैं। पाकिस्तान में इस समय 6000 से अधिक संघ परिषद हैं। .

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अफगानिस्तान के शहरों की सूची

अफगानिस्तान का मानचित्र यह सूची अफगानिस्तान के बारह प्रमुख नगरों की है।.

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अक्टूबर २०१५ हिन्दू कुश भूकंप

२६ अक्टूबर २०१५ को, १४:४५ पर (०९:०९ यूटीसी), हिंदू कुश के क्षेत्र में, एक 7.5 परिमाण के भूकंप ने दक्षिण एशिया को प्रभावित किया। मुख्य भूकंप के 40 मिनट बाद 4.8 परिमाण के पश्चात्वर्ती आघात ने फिर से प्रभावित किया; 4.1 परिमाण या उससे अधिक के तेरह और अधिक झटकों ने 29 अक्टूबर की सुबह को प्रभावित किया। मुख्य भूकंप 210 किलोमीटर की गहराई पर हुआ। 5 नवम्बर तक, यह अनुमान लगाया गया था कि कम से कम 398 लोगों की मौत हो गयी हैं, ज्यादातर पाकिस्तान में। http://abcnews.go.com/International/wireStory/latest-strong-afghan-earthquake-felt-south-asia-34730075 भूकंप के झटके अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, ताजिकिस्तान, और किर्गिस्तान में महसूस किए गए। भूकंप के झटके भारतीय शहरों नई दिल्ली, श्रीनगर, अमृतसर, चंडीगढ़ लखनऊ आदि और चीन के जनपदों झिंजियांग, आक़्सू, ख़ोतान तक महसूस किए गए जिनकी सूचना अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भी दिया गया। कंपन नेपालियों की राजधानी काठमांडू में भी महसूस किया गया, जहां लोगों ने शुरू में सोचा कि यह अप्रैल 2015 में आए भूकंप के कई मायनों आवर्ती झटकों में से एक था। दैनिक पाकिस्तानी "द नेशन" ने सूचित किया कि यह भूकंप पाकिस्तान में 210 किलोमीटर पर होने वाला सबसे बड़ा भूकंप है। .

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उशोजी भाषा

उशोजी (Ushoji), जिसे उशोजो (Ushojo) भी कहते हैं, शीना शाखा की एक दार्दी भाषा है जो पाकिस्तान के ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के कोहिस्तान और स्वात ज़िलों में बोली जाती है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

स्वात, स्वात ज़िले, स्वात जिला, (पाकिस्तान), स्वात घाटी

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