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स्वर

सूची स्वर

यह लेख संगीत से सम्बन्धित 'स्वर' के बारे में है। मानव एवं अन्य स्तनपोषी प्राणियों के आवाज के बारे में जानकारी के लिए देखें - स्वर (मानव का) ---- संगीत में वह शब्द जिसका कोई निश्चित रूप हो और जिसकी कोमलता या तीव्रता अथवा उतार-चढ़ाव आदि का, सुनते ही, सहज में अनुमान हो सके, स्वर कहलाता है। भारतीय संगीत में सात स्वर (notes of the scale) हैं, जिनके नाम हैं - षड्ज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत व निषाद। यों तो स्वरों की कोई संख्या बतलाई ही नहीं जा सकती, परंतु फिर भी सुविधा के लिये सभी देशों और सभी कालों में सात स्वर नियत किए गए हैं। भारत में इन सातों स्वरों के नाम क्रम से षड्ज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद रखे गए हैं जिनके संक्षिप्त रूप सा, रे ग, म, प, ध और नि हैं। वैज्ञानिकों ने परीक्षा करके सिद्ध किया है कि किसी पदार्थ में २५६ बार कंप होने पर षड्ज, २९८ २/३ बार कंप होने पर ऋषभ, ३२० बार कंप होने पर गांधार स्वर उत्पन्न होता है; और इसी प्रकार बढ़ते बढ़ते ४८० बार कंप होने पर निषाद स्वर निकलता है। तात्पर्य यह कि कंपन जितना ही अधिक और जल्दी जल्दी होता है, स्वर भी उतना ही ऊँचा चढ़ता जाता है। इस क्रम के अनुसार षड्ज से निषाद तक सातों स्वरों के समूह को सप्तक कहते हैं। एक सप्तक के उपरांत दूसरा सप्तक चलता है, जिसके स्वरों की कंपनसंख्या इस संख्या से दूनी होती है। इसी प्रकार तीसरा और चौथा सप्तक भी होता है। यदि प्रत्येक स्वर की कपनसंख्या नियत से आधी हो, तो स्वर बराबर नीचे होते जायँगे और उन स्वरों का समूह नीचे का सप्तक कहलाएगा। भारत में यह भी माना गया है कि ये सातों स्वर क्रमशः मोर, गौ, बकरी, क्रौंच, कोयल, घोड़े और हाथी के स्वर से लिए गए हैं, अर्थात् ये सब प्राणी क्रमशः इन्हीं स्वरों में बोलते हैं; और इन्हीं के अनुकरण पर स्वरों की यह संख्या नियत की गई है। भिन्न भिन्न स्वरों के उच्चारण स्थान भी भिन्न भिन्न कहे गए हैं। जैसे,—नासा, कंठ, उर, तालु, जीभ और दाँत इन छह स्थानों में उत्पन्न होने के कारण पहला स्वर षड्ज कहलाता है। जिस स्वर की गति नाभि से सिर तक पहुँचे, वह ऋषभ कहलाता है, आदि। ये सब स्वर गले से तो निकलते ही हैं, पर बाजों से भी उसी प्रकार निकलते है। इन सातों में से सा और प तो शुद्ध स्वर कहलते हैं, क्योंकि इनका कोई भेद नहीं होता; पर शेष पाचों स्वर दो प्रकार के होते हैं - कोमल और तीव्र। प्रत्येक स्वर दो दो, तीन तीन भागों में बंटा रहता हैं, जिनमें से प्रत्येक भाग 'श्रुति' कहलाता है। .

54 संबंधों: , चोका, , , तानपूरा, देव नेगी, देवनागरी, देवनागरी वर्णमाला, प्रकाश न्यौपाने, बाँसुरी, बाली लिपि, ब्राह्मी परिवार की लिपियाँ, भारत की भाषाएँ, भारतीय संगीत का इतिहास, मानव स्वर, मिज़ो भाषा, यहोवा, यूनानी वर्णमाला, राग मुल्ताली, लिंकिन पार्क, षड्ज, सन्धि, सिंहली भाषा, संस्कृत भाषा, संजीव अभ्यंकर, संवाद सूक्त, संगीत, स्वर (बहुविकल्पी), हिन्दी, हिन्दी व्याकरण, , विसर्ग, व्यंजन वर्ण, वॉल-ई, , , , आगम (भाषा सम्बन्धी), आइसलैंडिक लिपि, , काफी राग, किंग मैथर्स, कोरिया, , अ:, अदिति महसिन, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला, अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला, अं, अंगिका भाषा, ..., अंग्रेज़ी भाषा, अक्षर, , सूचकांक विस्तार (4 अधिक) »

ऊ देवनागरी लिपि का छठा वर्ण है। यह एक स्वर भी है। श्रेणी:स्वर.

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चोका

चोका जापानी कविता की एक शैली है। ये लम्बी कविताएँ हैं। जापान के सबसे पहले कविता-संकलन मान्योशू में २६२ चोका कविताएँ संकलित हैं, जिनमें सबसे छोटी कविता ९ पंक्तियों की है। चोका कविताओं में ५ और ७ वर्णों की आवृत्ति मिलती है। अन्तिम पंक्तियों में प्रायः ५, ७, ५, ७, ७ वर्ण होते हैं। चोका पहली से तेरहवीं शताब्दी में जापानी काव्य विधा में महाकाव्य की कथाकथन शैली रही है। मूलत; चोका गाए जाते रहे हैं। इनका वाचन उच्च स्वर में किया जाता रहा है। यह प्राय: वर्णनात्मक रहा है। इसको एक ही कवि रचता है। .

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ए की ध्वनि सुनिए ऐ की ध्वनि सुनिए - यह ए से भिन्न है ऍ की ध्वनि सुनिए - यह भी ए से भिन्न है ऐ देवनागरी लिपि का सातवाँ वर्ण है और एक स्वर भी है। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध॰व॰) में इसके उच्चारण को e के चिन्ह से लिखा जाता है। इसका प्रयोग आधुनिक मानक हिंदी के बहुत से शब्दों में होता है (जैसे एक, मेरा, ने और केन्द्र) और इस से रूप में मिलते-जुलते 'ऐ' और 'ऍ' स्वरों के उच्चारण से अलग है। 'ए' का स्वर बहुत सी अन्य भाषाओँ में भी मिलता है, जैसे की अंग्रेज़ी, यूनानी और जापानी। .

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ऐ की ध्वनि सुनिए ए की ध्वनि सुनिए - यह ऐ से भिन्न है ऍ की ध्वनि सुनिए - यह भी ऐ से भिन्न है ऐ देवनागरी लिपि का आठवाँ वर्ण है और एक स्वर भी है। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध॰व॰) में इसके उच्चारण को æ के चिन्ह से लिखा जाता है। इसका प्रयोग आधुनिक मानक हिंदी के बहुत से शब्दों में होता है (जैसे ऐनक, बैल, सैर) और इस से रूप में मिलते-जुलते 'ए' और 'ऍ' स्वरों के उच्चारण से अलग है। पूर्वी हिंदी की कुछ उपभाषाओं, मराठी और कुछ अन्य भाषाओँ में इसका उच्चारण मानक हिंदी से भिन्न होता है और उनमें इसे एक संयुक्त स्वर (डिप्थाँग) की तरह उच्चारित किया जाता है। .

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तानपूरा

तानपुरा बजाती एक महिला तानपूरा अथवा ""तम्बूरा"" भारतीय संगीत का लोकप्रिय तंतवाद्य यंत्र है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है। तानपूरे में चार तार होते हैं सितार के आकार का पर उससे कुछ बड़ा एक प्रसिद्ध बाजा जिसका उपयोग बड़े बड़े गवैये गाने के समय स्वर का सहारा लेने के लिए करते हैं। .

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देव नेगी

देव नेगी (जन्म: २५ जून १९८९, द्वाराहाट, उत्तराखंड, भारत) एक भारतीय पार्श्व गायक हैं। उन्होंने बॉलीवुड के साथ-साथ मराठी, तेलगु एवं पंजाबी गीतों में अपने स्वर दिए हैं। इसके अलावा नेगी ने कई टेलीविजन नाट्यों एवं विज्ञापनों के शीर्षक गीत गाए हैं। .

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देवनागरी

'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .

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देवनागरी वर्णमाला

देवनागरी वर्णमाला में निम्न स्वर व व्यंजन अक्षर आते है। श्रेणी:हिन्दी.

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प्रकाश न्यौपाने

प्रकाश न्यौपाने नेपाल के गीत संगीत जगत में एक पॉप गायक है । । .

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बाँसुरी

दुनिया भर से बांसुरियों का एक संकलन बांसुरी काष्ठ वाद्य परिवार का एक संगीत उपकरण है। नरकट वाले काष्ठ वाद्य उपकरणों के विपरीत, बांसुरी एक एरोफोन या बिना नरकट वाला वायु उपकरण है जो एक छिद्र के पार हवा के प्रवाह से ध्वनि उत्पन्न करता है। होर्नबोस्टल-सैश्स के उपकरण वर्गीकरण के अनुसार, बांसुरी को तीव्र-आघात एरोफोन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। बांसुरीवादक को एक फ्लूट प्लेयर, एक फ्लाउटिस्ट, एक फ्लूटिस्ट, या कभी कभी एक फ्लूटर के रूप में संदर्भित किया जाता है। बांसुरी पूर्वकालीन ज्ञात संगीत उपकरणों में से एक है। करीब 40,000 से 35,000 साल पहले की तिथि की कई बांसुरियां जर्मनी के स्वाबियन अल्ब क्षेत्र में पाई गई हैं। यह बांसुरियां दर्शाती हैं कि यूरोप में एक विकसित संगीत परंपरा आधुनिक मानव की उपस्थिति के प्रारंभिक काल से ही अस्तित्व में है। .

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बाली लिपि

अक्षर बाली बाली लिपि इण्डोनेशिया के बाली द्वीप की आस्ट्रोनेशियन बाली भाषा, पुरानी बाली भाषा, तथा संस्कृत लिखने के लिये प्रयुक्त होती है। कभी-कभी यह समीप के द्वीप लोम्बोक की शशक भाषा (Sasak) लिखने के लिये भी प्रयुक्त होती है। बाली में इसे 'अक्षर बाली' या 'हनचरक' कहते हैं। इसमेंमें ३३ व्यंजन, १८ स्वर तथा २ विसर्ग हैं। बाली लिपि, ब्राह्मी से व्युत्पन्न है। यह लिपि दक्षिण एशिया तथा दक्षिणपूर्व एशिया की अनेकानेक लिपियों से अत्यधिक समानता रखती है। .

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ब्राह्मी परिवार की लिपियाँ

ब्राह्मी परिवार उन लिपियों का परिवार हैं जिनकी पूर्वज ब्राह्मी लिपि है। इनका प्रयोग दक्षिण एशिया, दक्षिणपूर्व एशिया में होता है, तथा मध्य व पूर्व एशिया के कुछ भागों में भी होता है। इस परिवार की किसी लेखन प्रणाली को ब्राह्मी-आधारित लिपि या भारतीय लिपि कहा जा सकता है। इन लिपियों का प्रयोग कई भाषा परिवारों में होता था, उदाहरणार्थ इंडो-यूरोपियाई, चीनी-तिब्बती, मंगोलियाई, द्रविडीय, ऑस्ट्रो-एशियाई, ऑस्ट्रोनेशियाई, ताई और संभवतः कोरियाई में। इनका प्रभाव आधुनिक जापानी भाषा में प्रयुक्त अक्षर क्रमांकन पर भी दिखता है। .

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भारत की भाषाएँ

भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, लेकिन सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषायें हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। वृहद भारत के भाषा परिवार .

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भारतीय संगीत का इतिहास

पाँच गन्धर्व (चौथी-पाँचवीं शताब्दी, भारत के उत्तर-पश्चिम भाग से प्राप्त) प्रगैतिहासिक काल से ही भारत में संगीत कीसमृद्ध परम्परा रही है। गिने-चुने देशों में ही संगीत की इतनी पुरानी एवं इतनी समृद्ध परम्परा पायी जाती है। माना जाता है कि संगीत का प्रारम्भ सिंधु घाटी की सभ्यता के काल में हुआ हालांकि इस दावे के एकमात्र साक्ष्य हैं उस समय की एक नृत्य बाला की मुद्रा में कांस्य मूर्ति और नृत्य, नाटक और संगीत के देवता रूद्र अथवा शिव की पूजा का प्रचलन। सिंधु घाटी की सभ्यता के पतन के पश्चात् वैदिक संगीत की अवस्था का प्रारम्भ हुआ जिसमें संगीत की शैली में भजनों और मंत्रों के उच्चारण से ईश्वर की पूजा और अर्चना की जाती थी। इसके अतिरिक्त दो भारतीय महाकाव्यों - रामायण और महाभारत की रचना में संगीत का मुख्य प्रभाव रहा। भारत में सांस्कृतिक काल से लेकर आधुनिक युग तक आते-आते संगीत की शैली और पद्धति में जबरदस्त परिवर्तन हुआ है। भारतीय संगीत के इतिहास के महान संगीतकारों जैसे कि स्वामी हरिदास, तानसेन, अमीर खुसरो आदि ने भारतीय संगीत की उन्नति में बहुत योगदान किया है जिसकी कीर्ति को पंडित रवि शंकर, भीमसेन गुरूराज जोशी, पंडित जसराज, प्रभा अत्रे, सुल्तान खान आदि जैसे संगीत प्रेमियों ने आज के युग में भी कायम रखा हुआ है। भारतीय संगीत में यह माना गया है कि संगीत के आदि प्रेरक शिव और सरस्वती है। इसका तात्पर्य यही जान पड़ता है कि मानव इतनी उच्च कला को बिना किसी दैवी प्रेरणा के, केवल अपने बल पर, विकसित नहीं कर सकता। .

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मानव स्वर

संगीत से सम्बन्धित 'स्वर' के लिए देखें - स्वर ---- स्वर (Voice) या कंठध्वनि की उत्पत्ति उसी प्रकार के कंपनों से होती है जिस प्रकार वाद्ययंत्र से ध्वनि की उत्पत्ति होती है। अत: स्वरयंत्र और वाद्ययंत्र की रचना में भी कुछ समानता है। वायु के वेग से बजनेवाले वाद्ययंत्र के समकक्ष मनुष्य तथा अन्य स्तनधारी प्राणियों में निम्नलिखित अंग होते हैं: 1.

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मिज़ो भाषा

मिजो भाषा मिजोरम की एक प्रमुख भाषा है। मिजोरम को 1954 तक 'लुशाई पर्वतीय जिले' के नाम से जाना जाता था मिजोरम के अतिरिक्त यह भाषा मिजोरम से सटे मणिपुर, त्रिपुरा, चटगांव हिल और चिन हिल्स के आसपास के क्षेत्रों में भी बोली जाती है। मिजो का शाब्दिक अर्थ "उंची भूमि के वासी" है (मि .

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यहोवा

यहोवा (en:Yahweh) यहूदी धर्म में और इब्रानी भाषा में परमेश्वर का नाम है। यहूदी मानते हैं कि सबसे पहले ये नाम परमेश्वर ने हज़रत मूसा को सुनाया था। ये शब्द ईसाईयों और यहूदियों के धर्मग्रन्थ बाइबिल के पुराने नियम में कई बार आता है। .

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यूनानी वर्णमाला

यूनानी वर्णमाला (Greek alphabet) चौबीस अक्षरों की वर्ण व्यवस्था है जिनके प्रयोग से यूनानी भाषा को आठवीं सदी ईसा-पूर्व से लिखा जा रहा है। प्रत्येक स्वर एवं व्यंजन लिए पृथक चिन्ह वाली यह पहली एवं प्राचीनतम वर्णमाला है। यह वर्णमाला फ़ोनीशियाई वर्णमाला से उत्पन्न हुई थी और यूरोप की कई वर्ण-व्यवस्थाएँ इसी से जन्मी हैं। अंग्रेज़ी लिखने के लिये प्रयुक्त रोमन लिपि तथा रूसी भाषा लिखने के लिए प्रयोग की जाने वाली सीरिलिक वर्णमाला दोनों यूनानी लिपि से जन्मी हैं। दूसरी शताब्दी ईसापूर्व के बाद गणितज्ञों ने यूनानी अक्षरों को अंक दर्शाने के लिए भी प्रयोग करना शुरू कर दिया। यूनानी वर्णों का प्रयोग विज्ञान के कई क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे भौतिकी में तत्वों के नाम, सितारों के नाम, बिरादरी एवं साथी सम्प्रदाय के नाम, ऊष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों के नाम के लिए। .

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राग मुल्ताली

* नीचे आप जहाँ भी ~ चिन्ह देखें, ये मीड़ दर्शाने के लिये है।.

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लिंकिन पार्क

लिंकिन पार्क अगौरा हिल्स, कैलिफ़ोर्निया से एक अमेरिकी रॉक बैंड है। 1996 में स्थापित, बैंड ने 60 मिलियन से अधिक एल्बम बेचे हैं और दो ग्रैमी पुरस्कार जीते हैं। उसे अपनी पहली एल्बम, हायब्रिड थीयरी से ही मुख्य धारा में सफलता हासिल हुई, जो 2005 में आरआईएए (RIAA) द्वारा हीरक के रूप में प्रमाणित की गई। इसके बाद के स्टूडियो एल्बम मिटिओरा ने बैंड की सफलता को जारी रखा, जो 2003 में बिलबोर्ड 200 एल्बम चार्ट में चोटी पर रही और वे दुनिया भर में व्यापक दौरे और सहायतार्थ प्रदर्शनों के साथ आगे बढ़े। 2003 में, एमटीवी2 ने लिंकिन पार्क को म्यूज़िक वीडियो युग के छठवें स्थान पर सर्वाधिक महान और ओएसिस और कोल्डप्ले के पीछे, नई सदी के सर्वश्रेष्ठ में तीसरे स्थान पर नामित किया। हाइब्रिड थिअरी और मीटियोरा में नु मेटल और रैप रॉक शैलियों को रेडियो के अनुकूल, लेकिन सघन-स्तरित शैली में अपनाने के बाद,MSN म्यूज़िक, 14 जून 2007 को पुनःप्राप्त बैंड ने अपने अगले स्टूडियो एल्बम मिनट्स टू मिडनाइट में अन्य शैलियों पर प्रयोग शुरू किया। एल्बम बिलबोर्ड चार्ट में सबसे ऊपर रहा और उस वर्ष के किसी भी एल्बम के लिए, तीसरा सर्वेश्रेष्ठ सप्ताह साबित हुआ।Billboard.com, 28 मई 2007 को पुनःप्राप्तउनका नया अल्बम अ थाउज़ंड सन्स ८ सितंबर २०१० को रिलीज़ किया गया। उन्होंने कई अन्य कलाकारों के साथ मिल कर, विशेष रूप से रैपर जे-ज़ी के साथ, अपने मैशप एल्बम कोलिशन कोर्स और कई अन्य कलाकारों के साथ रीएनिमेशन पर काम किया। वे विश्व में सहस्राब्दि के बाद बनी ऐसी संगीत रचनाएं रही हैं, जिनकी दुनिया भर में 50 मिलियन रिकॉर्डों से अधिक की बिक्री हुई है। .

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षड्ज

संगीत के सात स्वरों में से पहला स्वर जो साधारणतः ‘सा’ कहलाता है। संगीत शास्त्र के अनुसार इस स्वर का उच्चारण नासा, कण्ठ, उर, तालु, जीभ और दाँतों के सम्मिलित प्रयत्न से होता है इसलिए इसका नाम षडज् (शाब्दिक अर्थ: छः से उत्पन्न) पड़ा है। श्रेणी:भारतीय संगीत.

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सन्धि

यह पृष्ठ संस्कृत व्याकरण में प्रयुक्त सन्धि के बारे में है। अन्तरराष्ट्रीय विधि के सन्दर्भ में सन्धि अलग पृष्ठ पर देखें। ---- सन्धि का अर्थ होता है जोड़ (Addition या Joint)। संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं में जब दो शब्दों के मेल से एक नया शब्द बनता है तो इसे सन्धि कहते हैं। सन्धि के नियम केवल भारोपीय भाषाओं में ही नहीं हैं बल्कि कोरियायी जैसी यूराल-आल्टिक परिवार की भाषाओं में भी हैं। जिस प्रकार नीला और लाल मिलकर बैगनी रंग बन जाता है उसी प्रकार सन्धि एक "प्राकृतिक" या सहज क्रिया है। .

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सिंहली भाषा

सिंहली भाषा श्रीलंका में बोली जाने वाली सबसे बड़ी भाषा है। सिंहली के बाद श्रीलंका में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा तमिल है। प्राय: ऐसा नहीं होता कि किसी देश का जो नाम हो, वही उस दश में बसने वाली जाति का भी हो और वही नाम उस जाति द्वारा व्यवहृत होने वाली भाषा का भी हो। सिंहल द्वीप की यह विशेषता है कि उसमें बसने वाली जाति भी "सिंहल" कहलाती चली आई है और उस जाति द्वारा व्यवहृत होने वाली भाषा भी "सिंहल"। .

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संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

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संजीव अभ्यंकर

पंडित संजीव अभ्यंकर (Sanjeev Abhyankar) (जन्म 1969) मेवाती घराना के एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक हैं। 1999 में उन्होंने अपने हिंदी फिल्म गॉडमदर के गीत सुनो रे भाइला में सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। और शास्त्रीय कला के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता के लिए मध्य प्रदेश सरकार से कुमार गंधर्व राष्ट्रीय पुरस्कार 2008 में भी जीता है। .

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संवाद सूक्त

संवाद सूक्त अर्थात वे सूक्त, जिनमें दो या दो से अधिक देवताओं, ऋषियों या किन्हीं और के मध्य वार्तालाप की शैली में विषय को प्रस्तुत किया गया हो। वेदों में विभिन्न सूक्तों के माध्यम से विभिन्न देवताओं की स्तुति तथा विभिन्न विषयों को प्रस्तुत किया गया है उनमें कुछ सूक्त संवाद-सूक्त के नाम से जाने जाते हैं प्रमुख संवाद सूक्त ऋग्वेद में प्राप्त होते हैं । संवाद सूक्तों की व्याख्या और तात्पर्य वैदिक विद्वानों का एक विचारणीय विषय रहा है; क्योंकि वार्तालाप करने वालों को मात्र व्यक्ति मानना सम्भव नहीं है। इन आख्यानों और संवादों में निहित तत्त्वों से उत्तरकाल में साहित्य की कथा और नाटक विधाओं की उत्पत्ति हुर्इ है। .

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संगीत

नेपाल की नुक्कड़ संगीत-मण्डली द्वारा पारम्परिक संगीत सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि करे, संगीत कहलाती है। गायन, वादन व नृत्य ये तीनों ही संगीत हैं। संगीत नाम इन तीनों के एक साथ व्यवहार से पड़ा है। गाना, बजाना और नाचना प्रायः इतने पुराने है जितना पुराना आदमी है। बजाने और बाजे की कला आदमी ने कुछ बाद में खोजी-सीखी हो, पर गाने और नाचने का आरंभ तो न केवल हज़ारों बल्कि लाखों वर्ष पहले उसने कर लिया होगा, इसमें संदेह नहीं। गान मानव के लिए प्राय: उतना ही स्वाभाविक है जितना भाषण। कब से मनुष्य ने गाना प्रारंभ किया, यह बतलाना उतना ही कठिन है जितना कि कब से उसने बोलना प्रारंभ किया। परंतु बहुत काल बीत जाने के बाद उसके गान ने व्यवस्थित रूप धारण किया। जब स्वर और लय व्यवस्थित रूप धारण करते हैं तब एक कला का प्रादुर्भाव होता है और इस कला को संगीत, म्यूजिक या मौसीकी कहते हैं। .

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स्वर (बहुविकल्पी)

स्वर के कई अर्थ हो सकते है -.

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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हिन्दी व्याकरण

हिंदी व्याकरण, हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है। यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें हिंदी के सभी स्वरूपों का चार खंडों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है; यथा- वर्ण विचार के अंतर्गत ध्वनि और वर्ण तथा शब्द विचार के अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों और वाक्य विचार के अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों एवं छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है। .

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ई देवनागरी लिपि का चोथा वर्ण है। यह एक स्वर भी है। श्रेणी:स्वर.

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विसर्ग

यह जानकारी HEMANG VERMA द्वारा पुष्ट है। गायत्री मंत्र में तीन बार विसर्ग आया है। 'विसर्ग (ः) महाप्राण सूचक एक स्वर है। ब्राह्मी से उत्पन्न अधिकांश लिपियों में इसके लिये संकेत हैं। उदाहरण के लिये, रामः, प्रातः, अतः, सम्भवतः, आदि में अन्त में विसर्ग आया है। जैसे आगे बताया गया है, विसर्ग यह अपने आप में कोई अलग वर्ण नहीं है; वह केवल स्वराश्रित है। विसर्ग का उच्चार विशिष्ट होने से उसे पूर्णतया शुद्ध लिखा नहीं जा सकता, क्यों कि विसर्ग अपने आप में हि किसी उच्चार का प्रतिक मात्र है ! किसी भाषातज्ज्ञ के द्वारा उसे प्रत्यक्ष सीख लेना ही जादा उपयुक्त होगा।   सामान्यतः  विसर्ग के पहले हृस्व स्वर/व्यंजन हो तो उसका उच्चार त्वरित ‘ह’ जैसा करना चाहिए; और यदि विसर्ग के पहले दीर्घ स्वर/व्यंजन हो तो विसर्ग का उच्चार त्वरित ‘हा’ जैसा करना चाहिए। विसर्ग के पूर्व ‘अ’कार हो तो विसर्ग का उच्चार ‘ह’ जैसा; ‘आ’ हो तो ‘हा’ जैसा; ‘ओ’ हो तो ‘हो’ जैसा, ‘इ’ हो तो ‘हि’ जैसा...

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व्यंजन वर्ण

व्यंजन (en:consonant) शब्द का प्रयोग वैसी ध्वनियों के लिये किया जाता है जिनके उच्चारण के लिये किसी स्वर की जरुरत होती है। ऐसी ध्वनियों का उच्चारण करते समय हमारे मुख के भीतर किसी न किसी अंग विशेष द्वारा वायु का अवरोध होता है। इस तालिका में सभी भाषाओं के व्यंजन गिये गये हैं, उनके IPA वर्णाक्षरों के साथ। नोट करें.

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वॉल-ई

WALL-E (वॉल-ई) का प्रचार एक मध्य बिंदु (इंटरपंक्ट) के साथ WALL•E के रूप में किया गया, जो 2008 में बनायी गयी एक कंप्यूटर-एनीमेटेड विज्ञान कथा फिल्म है, जिसका निर्माण पिक्सर एनीमेशन स्टुडियोज ने किया और जिसके निर्देशक एंड्रयू स्टैनटॉन तथा सह-निर्देशक ली अन्क्रीच हैं। कहानी WALL-E नामक एक रोबोट की है, जिसे भविष्य में कूड़े-कचरे से भरी पृथ्वी की सफाई के लिए बनाया गया है। अंततः वह EVE नामक एक अन्य रोबोट के साथ प्रेम करने लगता है और एक साहसिक अभियान में वह उसका अनुसरण करता हुआ बाहरी अंतरिक्ष में चला जाता है, जिससे उसके स्वभाव और मनुष्यत्व - दोनों की नियति में परिवर्तन आ जाता है। फाइंडिंग नेमो का निर्देशन करने के बाद स्टैंटन ने महसूस किया कि पिक्सर ने पानी के नीचे की प्रकृति का विश्वसनीय अनुकरण किया है और वे अंतरिक्ष के सेट पर एक फिल्म निर्देशित करने की सोचने लगे। अधिकांश पात्रों की आवाज वास्तविक मानव की नहीं है, बल्कि इसके बजाय भाव-भंगिमाओं और रोबोट की ध्वनियां हैं, जो आवाज के सदृश हैं, जिसे बेन बर्ट द्वारा डिजाइन किया गया है, जो आवाज़ के सदृश है। इसके अलावा, यह पिक्सर द्वारा पहली एनीमेटेड फीचर है जिसमें एक खंड में पात्र लाइव-एक्शन करते नजर आते हैं। वॉल्ट डिज़्नी पिक्चर्स (Walt Disney Pictures) ने इसे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में 27 जून 2008 को रिलीज किया। फिल्म ने पहले दिन कुल 23.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर कमाया और पहले सप्ताहांत के दौरान 3,992 थिएटरों से 63 मिलियन डॉलर कमा कर बॉक्स ऑफिस में इसका रैंक #1 रहा। 31 मई 2009 तक पिक्सर फिल्म के लिए अब तक का यह चौथा सर्वोच्च पहले सप्ताहांत का रैंक है। थिएटरों में इसे रिलीज करने के लिए पिक्सर की परंपरा का अनुसरण करते हुए WALL-E के साथ एक लघु फिल्म प्रेस्टो को भी रखा गया। समीक्षकों ने WALL-E जबरदस्त सकारात्मक समालोचना की, इसे समूहक राटन टमैटोज की समीक्षा में 96% रेटिंग का अनुमोदन मिला। दुनिया भर से इसने 534 डॉलर कमाया, 2008 में इसने सर्वश्रेष्ठ एनीमेटेड फीचर फिल्म के लिए गोल्डेन ग्लोब अवार्ड मिला, 2009 में बेस्ट ड्रामैटिक प्रेजेंटेशन के लिए हुगो अवार्ड, लौंग फोरम, सर्वश्रेष्ठ एनीमेटेड फीचर का ऐकडमी अवार्ड के साथ ही साथ 81वें ऐकडमी अवार्ड में अन्य पांच ऐकडमी अवार्ड मिले। WALL-E को पहली बार TIME का दशक का सर्वश्रेष्ठ सिनेमा का खिताब मिला। .

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ओ देवनागरी लिपि का नोवा वर्ण है। यह एक स्वर भी है। श्रेणी:स्वर.

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औ देवनागरी लिपि का दस्वा वर्ण है। यह एक स्वर भी है। श्रेणी:स्वर.

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thumb आ देवनागरी लिपि का दूसरा वर्ण है। यह एक स्वर है। इसकी ध्वनि को भाषाविज्ञान में ? कहा जाता है। आ.

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आगम (भाषा सम्बन्धी)

आगम एक प्रकार का भाषायी परिवर्तन है। इसका संबंध मुख्य रूप से ध्वनिपरिवर्तन से है। व्याकरण की आवश्यकता के बिना जब किसी शब्द में कोई ध्वनि बढ़ जाती है तब उसे आगम कहा जाता है। यह एक प्रकार की भाषायी वृद्धि है। उदाहरणार्थ "नाज' शब्द के आगे "अ'-ध्वनि जोड़कर "अनाज' शब्द बनाया जाता है। वास्तव में यहाँ व्याकरण की दृष्टि से "अ'-की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि "नाज' एवं "अनाज' शब्दों की व्याकरणात्मक स्थिति में कोई अंतर नहीं है। इसलिए "अनाज' में "अ' स्वर का आगम समझा जाएगा। आगम तीन प्रकार का होता है.

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आइसलैंडिक लिपि

आइसलैंडिक भाषा जिस लिपि में लिखी जाती है, उसे ही आइसलैंडिक लिपि कहा जाता है। यह वास्तव में लैटिन लिपि ही है जिसमें कुछ वर्ण बदलकर इस लिपि का निर्माण किया गया है। आइसलैण्डिक लिपि में निम्नलिखित 32 वर्ण है-;Deleted letter a, á, e, é, i, í, o, ó, u, ú, y, ý, æ और ö स्वर माने जाते हैं और शेष व्यंजन.

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इ देवनागरी लिपि का तीसरा वर्ण है। यह एक स्वर भी है। श्रेणी:स्वर.

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काफी राग

काफी राग हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक राग हैं। पंडित विष्णू नारायण भातखंडे के वर्गीकरण में, यह राग काफी थाट में है। .

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किंग मैथर्स

रिलैप्स अमरीकी रैपर एमिनेम की छठी स्टूडियो एल्बम है, जो 15 मई 2009 को इंटरस्कोप रिकार्ड्स पर रिलीज़ (जारी) की गयी। अपनी नींद की गोलियों की लत और लेखकों से विवाद के कारण, पांच साल तक रिकॉर्डिंग से दूर रहने के बाद, यह एन्कोर (2004) के बाद मूल रचना पर आधारित उसकी पहली एल्बम है। एलबम के लिए 2007 से 2009 के दौरान कई रिकॉर्डिंग स्टूडियो में रिकॉर्डिंग सत्र हुए और मुख्य रूप से डॉ॰ ड्रे, मार्क बेट्सन, और एमिनेम ने निर्माण संभाला.

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कोरिया

कोरिया (कोरियाई: 한국 या 조선) एक सभ्यता और पूर्व में एकीकृत राष्ट्र जो वर्तमान में दो राज्यों में विभाजित है। कोरियाई प्रायद्वीप पर स्थित, इसकी सीमाएं पश्चिमोत्तर में चीन, पूर्वोत्तर में रूस और जापान से कोरिया जलसन्धि द्वारा पूर्व में अलग है। कोरिया 1948 तक संयुक्त था; उस समय इसे दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में विभाजित कर दिया गया। दक्षिण कोरिया, आधिकारिक तौर पर कोरिया गणराज्य, एक पूंजीवादी, लोकतांत्रिक और विकसित देश है, जिसकी संयुक्त राष्ट्र संघ, WTO, OECD और G-20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सदस्यता है। उत्तर कोरिया, आधिकारिक तौर पर लोकतांत्रिक जनवादी कोरिया गणराज्य, किम इल-सुंग द्वारा स्थापित एक एकल पार्टी कम्युनिस्ट देश है और सम्प्रति उनके बेटे किम जोंग-इल के दूसरे बेटे किम जोंग-उन द्वारा शासित है। उत्तर कोरिया की वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ में सदस्यता है। पुरातत्व और भाषाई सबूत यह सुझाते हैं कि कोरियाई लोगों की उत्पत्ति दक्षिण-मध्य साइबेरिया के अल्टायाक भाषा बोलने वाले प्रवासियों में हुई थी, जो नवपाषाण युग से कांस्य युग तक लगातार बहाव में प्राचीन कोरिया में बसते गए। 2 शताब्दी ई.पू.

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thumb अ देवनागरी लिपि का पहला वर्ण तथा संस्कृत, हिंदी, मराठी, नेपाली आदि भाषाओं की वर्णमाला का पहला अक्षर एवं ध्वनि है। यह एक स्वर है। यह कंठ्य वर्ण है।। इसका उच्चारण स्थान कंठ है। इसकी ध्वनि को भाषाविज्ञान में श्वा कहा जाता है। यह संस्कृत तथा भारत की समस्त प्रादेशिक भाषाओं की वर्णमाला का प्रथम अक्षर है। इब्राली भाषा का 'अलेफ्', यूनानी का 'अल्फा' और लातिनी, इतालीय तथा अंग्रेजी का ए (A) इसके समकक्ष हैं। अक्षरों में यह सबसे श्रेष्ठ माना जाता हैं। उपनिषदों में इसकी बडी महिमा लिखी है। तंत्रशास्त्र के अनुसार यह वर्णमाला का पहला अक्षर इसलिये है क्योंकि यह सृष्टि उत्पन्न करने के पहले सृष्टिवर्त की आकुल अवस्था को सूचित करता है। श्रीमद्भग्वद्गीता में कृष्ण स्वयं को अक्षरों में अकार कहते हैं- 'अक्षराणामकारोस्मि'। अ हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण है उच्चारण की दृष्टि से अ निम्नतर,मध्य,अगोलित,हृस्व स्वर है कुछ स्थितियों में अ का उच्चारण स्थान ह वर्ण से पूर्वभी होता है जैसे कहना में वह में अ का उच्चारण स्थानभी है अ हिंदी में पूर्व प्रत्यय के रूप में भी बहुप्रयुक्त वर्ण है अ पूर्व प्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होकर प्रायः मूल शब्द के अर्थ का नकारात्मक अथवा विपरीत अर्थ देता है,जैसे-अप्रिय,अन्याय,अनीति ऊ अन्यत्र मूल शब्द के पूर्ण न होने की स्थिति भी दर्शाता है,जैसे-अदृश्य,अकर्म अ पूर्व प्रत्यय की एक अन्य विशेषता यह भी है कि वह मूल शब्द के भाव के अधिकार को सूचित करता है,जैसे-अघोर अक्स उतारने वाला अक्कास कहलाता है चित्रकार;अक्कास कहलाता है .

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अ:

अ: देवनागरी लिपि का बारवा वर्ण है। यह एक स्वर है। श्रेणी:स्वर श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अदिति महसिन

अदिति महसिन (Aditi Mohsin; जन्म: ढाका) एक बांग्लादेशी गायक हैं। वह एक मधुर रवींद्र संगीत गायक है। .

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अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला

अंतर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध्व॰व॰, अंग्रेज़ी: International Phonetic Alphabet, इंटरनैशनल फ़ोनॅटिक ऐल्फ़ाबॅट) एक ऐसी लिपि है जिसमें विश्व की सारी भाषाओं की ध्वनियाँ लिखी जा सकती हैं। इसके हर अक्षर और उसकी ध्वनि का एक-से-एक का सम्बन्ध होता है। आरम्भ में इसके अधिकतर अक्षर रोमन लिपि से लिए गए थे, लेकिन जैसे-जैसे इसमें विश्व की बहुत सी भाषाओँ की ध्वनियाँ जोड़ी जाने लगी तो बहुत से यूनानी लिपि से प्रेरित अक्षर लिए गए और कई बिलकुल ही नए अक्षरों का इजाद किया गया। इसमें सन् २०१० तक १६० से अधिक ध्वनियों के लिए चिह्न दर्ज किए जा चुके थे, लेकिन किसी भी एक भाषा को दर्शाने के लिए इस वर्णमाला का एक भाग की ही ज़रुरत होती है। इस प्रणाली के ध्वन्यात्मक प्रतिलेखन (ट्रान्सक्रिप्शन) में सूक्ष्म प्रतिलेखन के चिन्हों के बीच में और स्थूल प्रतिलेखन / / के चिन्हों के अन्दर लिखे जाते हैं। इसकी नियामक अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक संघ है। उदाहरण के लिए.

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अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला

अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला (अंग्रेजी: IAST - International Alphabet of Sanskrit Transliteration) एक लोकप्रिय लिप्यन्तरण स्कीम है जो कि इण्डिक लिपियों के हानिरहित (लॉसलॅस) रोमनकरण हेतु प्रयोग की जाती है। इसमें गैर-आस्की वर्णों का भी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा छोटे-वर्ण (small letters) और बड़े-वर्ण दोनो का प्रयोग किया गया है। .

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अं

अं देवनागरी लिपि का गयारवाह वर्ण है। यह एक स्वर है। श्रेणी:स्वर श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अंगिका भाषा

अंगिका लगभग तीन करोड़लोगों की भाषा है जो बिहार के पूर्वी, उत्तरी व दक्षिणी भागों,झारखण्ड के उत्तर पूर्वी भागों और पं.

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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अक्षर

भाषाविज्ञान में 'अक्षर' या शब्दांश (अंग्रेज़ी: syllable सिलाबल) ध्वनियों की संगठित इकाई को कहते हैं। किसी भी शब्द को अंशों में तोड़कर बोला जा सकता है और शब्दांश शब्द के वह अंश होते हैं जिन्हें और ज़्यादा छोटा नहीं बनाया जा सकता वरना शब्द की ध्वनियाँ बदल जाती हैं। उदाहरणतः 'अचानक' शब्द के तीन शब्दांश हैं - 'अ', 'चा' और 'नक'। यदि रुक-रुक कर 'अ-चा-नक' बोला जाये तो शब्द के तीनों शब्दांश खंडित रूप से देखे जा सकते हैं लेकिन शब्द का उच्चारण सुनने में सही प्रतीत होता है। अगर 'नक' को आगे तोड़ा जाए तो शब्द की ध्वनियाँ ग़लत हो जातीं हैं - 'अ-चा-न-क'.

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उ देवनागरी लिपि का पाचवा वर्ण है। यह एक स्वर भी है। श्रेणी:स्वर.

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ऋ देवनागरी लिपि का तेरवा वर्ण है। यह एक स्वर भी है। श्रेणी:वर्णमाला.

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