सामग्री की तालिका
55 संबंधों: च, ए, एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस, त्रिपिटक कोरिया, देवनागरी, देवनागरी वर्णमाला, नुक़्ता, पाठ संदेश, पासवर्ड (पारण शब्द), यूनानी वर्णमाला, रूनी लिपि, शब्दांश स्थानांतरण, शब्दांश-माला, सन्धि, सहस्वानिकी, संध्यक्षर, संरचनात्मक पहुंच, संस्कृत भाषा, संगणक संचिका, सूप, हस्तलेख, हिंदी भाषा में उपयोग होने वाले संस्कृत एवं फ़ारसी मूल धातुओं की सूची, जम्हूरियत् अनिती, घ, वर्ण (बहुविकल्पी शब्द), वर्णमाला, विज्ञापन एजेंसी, खि, खः, खं, खु, खौ, खै, खू, खे, खो, खी, ग, क, कि, कः, कं, कु, क्रम-विकास से परिचय, कौ, कै, कैरेक्टर (संगणन), कू, के, की, ... सूचकांक विस्तार (5 अधिक) »
च
च देवनागरी वर्णमाला का एक व्यंजन है व इसमें खुद के सहित १२ अक्षर आते हैं। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और च
ए
ए की ध्वनि सुनिए ऐ की ध्वनि सुनिए - यह ए से भिन्न है ऍ की ध्वनि सुनिए - यह भी ए से भिन्न है ऐ देवनागरी लिपि का सातवाँ वर्ण है और एक स्वर भी है। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध॰व॰) में इसके उच्चारण को e के चिन्ह से लिखा जाता है। इसका प्रयोग आधुनिक मानक हिंदी के बहुत से शब्दों में होता है (जैसे एक, मेरा, ने और केन्द्र) और इस से रूप में मिलते-जुलते 'ऐ' और 'ऍ' स्वरों के उच्चारण से अलग है। 'ए' का स्वर बहुत सी अन्य भाषाओँ में भी मिलता है, जैसे की अंग्रेज़ी, यूनानी और जापानी। .
देखें अक्षर और ए
एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस
यूनानी राष्ट्रध्वज की नौ धारियाँ "एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस" के नौ शब्दांशों का प्रतीक हैं एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस (यूनानी: Ελευθερία ή θάνατος) यूनान का राष्ट्रीय नारा है, जिसका अर्थ है "आज़ादी या मौत"। यह सबसे पहले 1820 ई॰ के दशक में उस्मानी साम्राज्य के विरुद्ध लड़े गए यूनानी स्वतंत्रता संग्राम में इस्तेमाल होना शुरू हुआ। इस नारे में नौ शब्दांश हैं जिनसे प्रेरित होकर यूनानी ध्वज पर नौ धारियाँ रखी गईं। .
देखें अक्षर और एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस
त्रिपिटक कोरिया
एक त्रिपिटक कोरियाना सांचे की नक़ल जिसे हएइंसा बौद्ध मंदिर में रखा गया है और जिस पर श्रद्धालु स्याही लगाकर छाप सकते हैं त्रिपिटक कोरिया (कोरियाई: 해인사 대장경판, गोरेयो त्रिपिटक; अंग्रेज़ी: Tripitaka Koreana) या त्रिपिटक कोरियाना या पालमान दाएजांग्गयेओंग (अर्थ: 'अस्सी हज़ार त्रिपिटक') बौद्ध त्रिपिटक धर्मग्रंथों का एक ऐतिहासिक कोरियाई संग्रह है। इसे 13वीं सदी ईसवी में 81,258 काठ के छपाई सांचों पर तराशा गया था। यह कोरियाई भाषा की हांजा लिपि में विश्व का सबसे पुराना और सम्पूर्ण त्रिपिटक है। कुल मिलाकार इसमें 5,23,82,960 अक्षर हैं जिन्हें 1,496 विषयों में और 6,568 अध्यायों में आयोजित किया गया है। हर छपाई सांचा 70 सेमी चौड़ा और 24 सेमी लम्बा है। इनकी मोटाई 2.6 से 4 सेमी तक है और हर एक का वज़न 3 से 4 किलो के बीच में है। इस पूरे संग्रह को दक्षिण कोरिया के दक्षिण ग्येओंगसांग प्रांत में स्थित हएइंसा बौद्ध मंदिर में सुरक्षित रखा गया है। 'त्रिपिटक' संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ 'तीन पेटियाँ' होता है और यह बौद्ध धर्म शिक्षा के तीन स्तंभों को कहा जाता है - सूत्र, विनय (यानि 'नियम') और अभिधर्म (यानि 'गुटके' या 'निबंध')।, Norbert Paxton, pp.
देखें अक्षर और त्रिपिटक कोरिया
देवनागरी
'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .
देखें अक्षर और देवनागरी
देवनागरी वर्णमाला
देवनागरी वर्णमाला में निम्न स्वर व व्यंजन अक्षर आते है। श्रेणी:हिन्दी.
देखें अक्षर और देवनागरी वर्णमाला
नुक़्ता
नुक़्ता देवनागरी, गुरमुखी और अन्य ब्राह्मी परिवार की लिपियों में किसी व्यंजन अक्षर के नीचे लगाए जाने वाले बिंदु को कहते हैं। इस से उस अक्षर का उच्चारण परिवर्तित होकर किसी अन्य व्यंजन का हो जाता है। मसलन 'ज' के नीचे नुक्ता लगाने से 'ज़' बन जाता है और 'ड' के नीचे नुक्ता लगाने से 'ड़' बन जाता है। नुक़्ते ऐसे व्यंजनों को बनाने के लिए प्रयोग होते हैं जो पहले से मूल लिपि में न हों, जैसे कि 'ढ़' मूल देवनागरी वर्णमाला में नहीं था और न ही यह संस्कृत में पाया जाता है। अरबी-फ़ारसी लिपि में भी अक्षरों में नुक़्तों का प्रयोग होता है, उदाहरणार्थ '' का उच्चारण 'र' है जबकि इसी अक्षर में नुक़्ता लगाकर '' लिखने से इसका उच्चारण 'ज़' हो जाता है। इन भाषाओं में ज एवं ज़, दोनों ही शब्द उपलब्ध एवं प्रयोग होते हैं, एनके अलावा एक अन्य ज़ भी होता है जिनके लिये निम्न शब्द प्रयोग होते हैं: ज के लिये जीम, ज़ के लिये ज़्वाद (ض)/ज़े (ژ)/ ज़ाल(ذ)/ज़ोए (ظ) - ये चार अक्षर होते हैं। यहां ध्यान योग्य ये है कि चार अक्षर ज़ के लिये होने के बावजूद ज के लिये जीम (ج) होता ही है। अतः जीम का प्रयोग भी होता है, जैसे जज़्बा में ज एवं ज़ दोनों ही प्रयुक्त हैं। ऐसे ही बहुत स्थानों पर ग के लिये गाफ़ (گ) एवं ग़ (غ) के लिये ग़ैन का भी प्रयोग होता है। मूल रूप से 'नुक़्ता' अरबी भाषा का शब्द है और इसका मतलब 'बिंदु' होता है। साधारण हिन्दी-उर्दू में इसका अर्थ 'बिंदु' ही होता है।, John T.
देखें अक्षर और नुक़्ता
पाठ संदेश
एक एक एलजी लि (VX9900) पर एक पाठ संदेश टाइप उपयोगकर्ता पाठ संदेशन, या पाठन का अभिप्राय एक नेटवर्क पर एक अचल लाइन फोन या मोबाइल फोन तथा अचल या सुवाह्य उपकरण के बीच संक्षिप्त लिखित संदेशों के आदान-प्रदान से है। जबकि मूल शब्द (नीचे देखें) रेडियो टोलीग्राफी से उत्पन्न लघु संदेश सेवा (एसएमएस (SMS)) का उपयोग करते हुए संदेशों के भेजे जाने की बात से व्युत्पन्न हुआ था, तब से छवि, वीडियो और ध्वनि सामग्री युक्त संदेशों को शामिल करने के लिए (एमएमएस (MMS) संदेशों के रूप में जाने जाते हैं) इसका विस्तार किया गया है। पाठ संदेश भेजने वाला प्रेषक (texter) के रूप में जाना जाता है, जबकि बोलचाल की भाषा में खुद इस सेवा के क्षेत्रों के आधार पर कई नाम हैं: उत्तरी अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपीन्स और इंगलैंड में इसे मात्र पाठ (टेक्स्ट), अधिकतर यूरोप में एसएमएस (SMS) और मध्य पूर्व और एशिया में टीएमएस (TMS) या एसएमएस (SMS) कहा जाता है। पाठ संदेशों का उपयोग मोबाइल फोन के लिए उत्पादों और सेवाओं के आदेश देने या प्रतियोगिताओं में भाग लेने जैसे स्वचालित तंत्रों के साथ परस्पर क्रिया करने में किया जा सकता है। विज्ञापनदाता और सेवा प्रदाता पाठ संदेशों का उपयोग मोबाइल फोन प्रयोक्ताओं को प्रोत्साहनों, भुगतान देय तिथियों तथा अन्य सूचनाएं जिन्हें सामान्यतः डाक से, ईमेल से या वॉयसमेल से भेजा जा सकता है, को भेजने में कर सकते हैं। सीधी और संक्षिप्त परिभाषा में, फोन या मोबाइल फोन से पाठ संदेशन में अंग्रेजी वर्णमाला के 26 अक्षर तथा 10 अंक शामिल होने चाहिएं, अर्थात प्रेषक द्वारा प्रेषित या प्राप्तकर्ता द्वारा प्राप्त पाठ या अक्षरांकिक संदेश.
देखें अक्षर और पाठ संदेश
पासवर्ड (पारण शब्द)
पासवर्ड एक गुप्त शब्द है या संकेताक्षरों की लड़ी है जिसका प्रयोग किसी संसाधन तक पहुंच के लिए या पहचान साबित करने के लिए बतौर प्रमाणीकरण किया जाता है (उदाहरण: कोई प्रवेश या एक्सेस कोड पासवर्ड का एक प्रकार है)। पासवर्ड को उनसे गुप्त रखा जाना चाहिए जिन्हें उसके उपयोग की अनुमति नहीं है। पासवर्ड के उपयोग को प्राचीन माना जाता है। किसी क्षेत्र विशेष में प्रवेश करने के इच्छुक व्यक्तियों या उसके करीब आने वालों को संतरी चुनौती देते हुए उनसे पासवर्ड या वाचवर्ड की मांग किया करते थे। संतरी सिर्फ उसी व्यक्ति या समूह को अनुमति देते हैं, जिन्हें पासवर्ड मालूम होता है। आधुनिक काल में, लोगों द्वारा उपयोगकर्ता के नाम और पासवर्ड का उपयोग आम तौर पर संरक्षित कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम में लॉगिन प्रक्रिया के दौरान, मोबाइल फोन, केबल टीवी डिकोडर्स (decoders), ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएमों (ATMs)) आदि में नियंत्रित प्रवेश पाने के लिए किया जाता है। एक आम कंप्यूटर उपयोगकर्ता को अनेक कामों के लिए पासवर्ड की जरूरत पड़ सकती है: कंप्यूटर विवरणी में प्रवेश के लिए, सर्वर से ई-मेल वापस पाने के लिए, कार्यक्रमों तक पहुंच बनाने के लिए, आंकडा संचय, नेटवर्क, वेब साईट और यहां तक कि सुबह का अखबार ऑनलाइन पढने के लिए। नाम के बावजूद, पासवर्ड के लिए वास्तविक शब्द होने की कोई जरूरत नहीं है; दरअसल वास्तविक शब्द नहीं होते, उनका अनुमान लगाना कठिन हो सकता है, यह एक काम्य सामग्री हो सकती है। कुछ पासवर्ड का गठन अनेक शब्दों से होता है और इसे सटीक रूप से पासफ्रेज (कूटशब्द) नहीं कहा जा सकता.
देखें अक्षर और पासवर्ड (पारण शब्द)
यूनानी वर्णमाला
यूनानी वर्णमाला (Greek alphabet) चौबीस अक्षरों की वर्ण व्यवस्था है जिनके प्रयोग से यूनानी भाषा को आठवीं सदी ईसा-पूर्व से लिखा जा रहा है। प्रत्येक स्वर एवं व्यंजन लिए पृथक चिन्ह वाली यह पहली एवं प्राचीनतम वर्णमाला है। यह वर्णमाला फ़ोनीशियाई वर्णमाला से उत्पन्न हुई थी और यूरोप की कई वर्ण-व्यवस्थाएँ इसी से जन्मी हैं। अंग्रेज़ी लिखने के लिये प्रयुक्त रोमन लिपि तथा रूसी भाषा लिखने के लिए प्रयोग की जाने वाली सीरिलिक वर्णमाला दोनों यूनानी लिपि से जन्मी हैं। दूसरी शताब्दी ईसापूर्व के बाद गणितज्ञों ने यूनानी अक्षरों को अंक दर्शाने के लिए भी प्रयोग करना शुरू कर दिया। यूनानी वर्णों का प्रयोग विज्ञान के कई क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे भौतिकी में तत्वों के नाम, सितारों के नाम, बिरादरी एवं साथी सम्प्रदाय के नाम, ऊष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों के नाम के लिए। .
देखें अक्षर और यूनानी वर्णमाला
रूनी लिपि
डेनमार्क के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखी विमोस कंघी (Vimose Comb) 160 ई के आसपास बनी थी और उसपर सबसे पुरानी ज्ञात रूनी लिखाई हैं रूनी वर्णमालाएँ (अंग्रेज़ी: Runic alphabets, रूनिक ऐल्फ़ाबॅट्स) प्राचीनकालीन यूरोप में कुछ जर्मैनी भाषाओं के लिए इस्तेमाल होने वाली वर्णमालाओं को कहा जाता था जो 'रून' (rune) नामक अक्षर प्रयोग करती थीं।, Benjamin W.
देखें अक्षर और रूनी लिपि
शब्दांश स्थानांतरण
भाषाविज्ञान में शब्दांश स्थानांतरण (अंग्रेज़ी: metathesis मेटाथीसिस) उस प्रक्रिया को कहते हैं जिससे किसी भी शब्द के शब्दांश या वर्ण अपना शब्द में स्थान बदल लेते हैं। अक्सर जब शब्द एक भाषा से दूसरी भाषा में जाते हैं तो शब्दांश स्थानांतरण देखा जाता है। उदाहरण के लिए संस्कृत का शब्द 'लघुक' शब्दांश स्थानांतरण के ज़रिये पहले तो प्राकृत में 'लहुक' और फिर हिंदी में 'हलुक' से धीरे-धीरे 'हल्का' बन गया - यानि 'ल' और 'ह' ने अपने स्थान एक-दूसरे के साथ बदल लिए। .
देखें अक्षर और शब्दांश स्थानांतरण
शब्दांश-माला
मूल अमेरिकी आदिवासी ओजिब्वे भाषा की शब्दांश-माला जापानी भाषा की हीरागाना शब्दांश-माला शब्दांश-माला (अंग्रेज़ी: syllabary, सिलेबेरी) लिखित चिह्नों के ऐसे समूह को कहते है जिसका हर एक चिह्न किसी एक की शब्दांश ध्वनि दर्शाता है और जिन्हें जोड़कर शब्द बनाए जाते हैं। शब्दांश-मालाओं और वर्णमालाओं में एक गहरा फ़र्क है कि शब्दांश-मालाओं में एक ही स्वर या व्यंजन शामिल करने वाले चिह्नों का रूप मिलता-जुलता नहीं होता। उदाहरण के लिए देवनागरी में (जो एक वर्णमाला है) 'का' और 'की' शब्दांशों में 'क' की ध्वनि आती है और दोनों में इस रूप का एक ही वर्ण देखा जा सकता है। इसके विपरीत जापानी भाषा में इस्तेमाल होने वाली हीरागाना शब्दांश-माला में 'का' को 'か' लिखा जाता है और 'की' को 'き' - इन दोनों में 'क' व्यंजन सामान होने के बावजूद इनके रूप एक दूसरे से बिलकुल नहीं मिलते।, Kristin Denham, Anne Lobeck, Cengage Learning, 2009, ISBN 978-1-4130-1589-8,...
देखें अक्षर और शब्दांश-माला
सन्धि
यह पृष्ठ संस्कृत व्याकरण में प्रयुक्त सन्धि के बारे में है। अन्तरराष्ट्रीय विधि के सन्दर्भ में सन्धि अलग पृष्ठ पर देखें। ---- सन्धि का अर्थ होता है जोड़ (Addition या Joint)। संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं में जब दो शब्दों के मेल से एक नया शब्द बनता है तो इसे सन्धि कहते हैं। सन्धि के नियम केवल भारोपीय भाषाओं में ही नहीं हैं बल्कि कोरियायी जैसी यूराल-आल्टिक परिवार की भाषाओं में भी हैं। जिस प्रकार नीला और लाल मिलकर बैगनी रंग बन जाता है उसी प्रकार सन्धि एक "प्राकृतिक" या सहज क्रिया है। .
देखें अक्षर और सन्धि
सहस्वानिकी
v की ध्वनि सुनिए - हिंदी में इसके लिए वर्ण 'व' है w की ध्वनि सुनिए - हिंदी में इसके लिए भी वर्ण 'व' ही है (इसकी ध्वनी 'v' से भिन्न है लेकिन हिंदी में 'v' और 'w' की सहस्वानिकी के कारण हिंदीभाषियों को अक्सर फ़र्क बताने में कठिनाई होती है भाषाविज्ञान में सहस्वानिक ध्वनियाँ, जिन्हें अंग्रेज़ी में एलोफ़ोन (allophone) कहा जाता है, वह ध्वनियाँ होती हैं जो किसी भाषा के बोलने वालों के लिए एक ही वर्ण या वर्ण-समूह को बोलने के भिन्न तरीक़े हों। सहस्वानिकी में बोलने वालों को स्वयं ज्ञात नहीं होता के वह एक ही वर्ण को अलग-अलग प्रकार से उच्चारित कर रहें हैं। उदहारण के तौर पर अंग्रेज़ी में 'ट', 'त', 'थ' और 'ठ' में सहस्वनिकी होती है। अंग्रेज़ी मातृभाषी (जो हिंदी ना जानते हों) 'ताली', 'थाली', 'टाली' और 'ठाली' में अक्सर फ़र्क नहीं बता सकते क्योंकि उनके लिए यह सारे स्वर अंग्रेज़ी अक्षर 't' से समन्धित हैं और उन्हें सब एक ही जैसे सुनाई देते हैं। उसी तरह हिंदी में 'v' और 'w' सहस्वनिक ध्वनियाँ होती हैं। हिंदी मातृभाषी अक्सर 'wow' (यानि 'वाह!') और 'vow' (यानि 'शपथ') को एक जैसा उच्चारित करते हैं, जो अंग्रेज़ी में ग़लत है। .
देखें अक्षर और सहस्वानिकी
संध्यक्षर
एक ही अक्षर (सिलैबल) में मौजूद दो क्रमागत स्वर ध्वनियों को कहते हैं संध्यक्षर या द्विस्वर संध्यक्षर (संधि + अक्षर, या diphthong) कहते हैं। श्रेणी:भाषा-विज्ञान.
देखें अक्षर और संध्यक्षर
संरचनात्मक पहुंच
अक्षारों की स्ंरचात्मक् .
देखें अक्षर और संरचनात्मक पहुंच
संस्कृत भाषा
संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .
देखें अक्षर और संस्कृत भाषा
संगणक संचिका
संगणक संचिका एकत्रित जानकारी का एक वर्ग है, या जानकारी को संचित करने के लिए एक संसाधन है जो कि किसी संगणक कार्यक्रम को उपलब्ध होता है और आमतौर पर यह किसी प्रकार की टिकाऊ संगणक भंडारण पर आधारित होता है। संचिका टिकाऊ इस लिहाज़ से होती है कि यह मौजूदा कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद भी अन्य कार्यक्रमों द्वारा इस्तेमाल के लिए मौजूद रहती है। संगणक संचिकाओं को पारंपरिक रूप से दफ़्तरों और पुस्तकालयों के फ़ाइलों में मौजूद कागज़ के दस्तावेज़ों का आधुनिक रूप माना जा सकता है, इसीलिए अंग्रेज़ी में इसका नाम फ़ाइल पड़ा है। .
देखें अक्षर और संगणक संचिका
सूप
फ़्रांसिसी प्याज सूप का एक कटोरा रोटी के साथ घर में बना हुआ चिकन नूडल सूप सूप या शोरबा एक प्रकार का खाद्य पदार्थ है जो मीट और सब्जियों जैसी सामग्रियों को, स्टॉक, जूस, पानी या किसी अन्य तरल पदार्थ में मिलाकर बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त गर्म सूप की अन्य विशेषता यह है कि इनमें एक पात्र में तरल पदार्थ में ठोस सामग्रियों को तब तक उबाला जाता है जब तक कि स्वाद उनसे निकलर तरल पदार्थ में न समा जाए और वह एक शोरबे जैसा हो जाये.
देखें अक्षर और सूप
हस्तलेख
हस्तलेख वह लिखाई है जो किसी प्रकार के उपकरण की मदद से लिखी जाती है। हर एक मनुष्य में लिखने का तरीका अलग होता है और उन्हें लिखने की यह क्रिया प्राप्त होती है। हर इंसान की लिखाई अलग होती है इसलिए यह उनकी लिखी को पहचान कर उस इंसान की पहचान करने में भी मदद करता है। हर इंसान में लिखने का यह गुण अलग होता है, किसी भी २ मनुष्य की लिखाई एक सामान होने के बहुत कम चान्स होता है। इंसान की लिखाई उसकी उंगलियों की छाप जैसी होती है जिसकी नक़ल करना बहुत ही मुश्किल कार्य होता है। अगर कोई इंसान किसी और की लिखाई की नक़ल कर भी लेता है तो भी वह पूर्ण रूप से उसकी नक़ल नहीं कर पाता| .
देखें अक्षर और हस्तलेख
हिंदी भाषा में उपयोग होने वाले संस्कृत एवं फ़ारसी मूल धातुओं की सूची
अनुगामित सूची, हिंदी भाषा में साधारणतः प्रयोग होने वाले संस्कृत तथा फ़ारसी भाषाई मूल के धातुओं, मूलशब्दों, शब्दांशों, अनुलग्नों व पूर्वलग्नों तथा उनके लैटिन/यूनानी/अंग्रेज़ी समकक्षों को देवनागरी वर्णक्रमानुसार अनुक्रमित करती है: .
देखें अक्षर और हिंदी भाषा में उपयोग होने वाले संस्कृत एवं फ़ारसी मूल धातुओं की सूची
जम्हूरियत् अनिती
जुम्हूरियत् अनिती या गणतंत्रता स्मारक, (Cumhuriyet Anıtı; उच्चारण:जुम्हूरियेत् अनिती या जुम्हूरियत आनिती) तुर्की गणराज्य के निर्माता कमाल पाशा के द्वारा बनबाया गया एक स्मारक है। यह स्मारक इस्ताम्बुल के तकसीम स्क्वायर पर स्थित है। यह ऐतिहासिक स्मारक उन बहादुर सेनानियों की जीवन्त स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिये बनबाया गया था जिन्होंने तुर्की में जनतान्त्रिक गणराज्य स्थापित करने में योगदान दिया था। इस खूबसूरत स्मारक में रंगीन संगमरमर के ढाँचे पर कांस्य की मूर्तियाँ स्थापित की गयी हैं। इतिहासकारों के अनुसार कमाल पाशा के नेतृत्व में तुर्की गणराज्य सन् १९२३ में स्थापित हुआ था। आम जनता से आर्थिक सहयोग लेकर लगभग ढाई साल में बनकर तैयार हुए इस स्मारक को आम जनता के दर्शनार्थ ९ अगस्त १९२८ को सार्वजनिक रूप से खोल दिया गया। .
देखें अक्षर और जम्हूरियत् अनिती
घ
घ अक्षर घ देवनागरी वर्णमाला का एक व्यंजन है व इसमें खुद के सहित १२ अक्षर आते है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और घ
वर्ण (बहुविकल्पी शब्द)
* अक्षर जो भाषा की सबसे छोटी इकाई है और वर्णमाला में एकत्रित किये जाते हैं।.
देखें अक्षर और वर्ण (बहुविकल्पी शब्द)
वर्णमाला
तिब्बती वर्णमाला चित्रलिपि-आधारित शब्द है, जिसका अर्थ 'किताब' या 'लेख' होता है - यह अक्षर नहीं है और इसका सम्बन्ध किसी ध्वनि से नहीं है - जापान में इसे "काकू" पढ़ा जाता है जबकि चीन में इसे "शू" पढ़ा जाता है किसी एक भाषा या अनेक भाषाओं को लिखने के लिए प्रयुक्त मानक प्रतीकों के क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला (.
देखें अक्षर और वर्णमाला
विज्ञापन एजेंसी
विज्ञापन एजेंसी या ऐड एजेंसी ऐसी सेवाओं का व्यापार है जिसमें अपने ग्राहकों के लिए विज्ञापन बनाना, उनका नियोजन करना और संभालना (कभी-कभी प्रचार के दूसरे तरीके) भी शामिल हैं। विज्ञापन एजेंसी ग्राहक से पूर्ण रूप से स्वतंत्र होती है और ग्राहक के उत्पादों या सेवाओं को बेचने के लिए अलग नज़रिया प्रदान करती है। एक एजेंसी अपने ग्राहकों के लिए विपणन, ब्रांड बनाने और बिक्री से जुड़े प्रचार की समग्र रणनीतियों को संभाल सकती है। विशिष्ट विज्ञापन एजेंसियों के ग्राहकों में उद्योग जगत औऱ निगम, लाभ निरपेक्ष संगठन और सरकारी एजेंसियां भी शामिल हैं। विज्ञापन के प्रचार के लिए एजेंसियों को किराये पर भी लिया जा सकता है। .
देखें अक्षर और विज्ञापन एजेंसी
खि
खि देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खि
खः
खः देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खः
खं
खं देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खं
खु
खु देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खु
खौ
खौ देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खौ
खै
खै देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खै
खू
खू देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खू
खे
खे देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खे
खो
खो देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खो
खी
खी देवनागरी व्यंजन के ख वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और खी
ग
ग अक्षर ग देवनागरी वर्णमाला का एक व्यंजन है व इसमें खुद के सहित १२ अक्षर आते है। .
देखें अक्षर और ग
क
क अक्षर क देवनागरी वर्णमाला का एक व्यंजन है व इसमें खुद के सहित १२ अक्षर आते हैं। .
देखें अक्षर और क
कि
कि देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और कि
कः
कः देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और कः
कं
कं देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और कं
कु
कु देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और कु
क्रम-विकास से परिचय
क्रम-विकास किसी जैविक आबादी के आनुवंशिक लक्षणों के पीढ़ियों के साथ परिवर्तन को कहते हैं। जैविक आबादियों में जैनेटिक परिवर्तन के कारण अवलोकन योग्य लक्षणों में परिवर्तन होता है। जैसे-जैसे जैनेटिक विविधता पीढ़ियों के साथ बदलती है, प्राकृतिक वरण से वो लक्षण ज्यादा सामान्य हो जाते हैं जो उत्तरजीवन और प्रजनन में ज्यादा सफलता प्रदान करते हैं। पृथ्वी की उम्र लगभग ४.५४ अरब वर्ष है। जीवन के सबसे पुराने निर्विवादित सबूत ३.५ अरब वर्ष पुराने हैं। ये सबूत पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ३.५ वर्ष पुराने बलुआ पत्थर में मिले माइक्रोबियल चटाई के जीवाश्म हैं। जीवन के इस से पुराने, पर विवादित सबूत ये हैं: १) ग्रीनलैंड में मिला ३.७ अरब वर्ष पुराना ग्रेफाइट, जो की एक बायोजेनिक पदार्थ है और २) २०१५ में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ४.१ अरब वर्ष पुराने पत्थरों में मिले "बायोटिक जीवन के अवशेष"। Early edition, published online before print.
देखें अक्षर और क्रम-विकास से परिचय
कौ
कौ देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी.
देखें अक्षर और कौ
कै
कै देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है।.
देखें अक्षर और कै
कैरेक्टर (संगणन)
कम्प्यूटर और दूरसंचार में कैरेक्टर (character) सूचना की इकाई होती है, जिसका स्थान किसी प्राकृतिक भाषा के लिखित रूप में अक्षर के बराबर-सा है। कैरेक्टर के उदाहरणों में अक्षर, अंक और भिन्न प्रकार के विराम चिन्ह शामिल हैं। लेकिन बहुत से नियंत्रण कैरेक्टर भी होते हैं जो किसी प्राकृतिक भाषा में नहीं पाये जाते, जैसे कि टैब। कैरेक्टरों को जोड़कर बनाई गई शृंख्लाओं को स्ट्रिंग कहा जाता है। .
देखें अक्षर और कैरेक्टर (संगणन)
कू
कू देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी.
देखें अक्षर और कू
के
के देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी.
देखें अक्षर और के
की
की देवनागरी व्यंजन के क वर्ण का एक अक्षर है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और की
अ
thumb अ देवनागरी लिपि का पहला वर्ण तथा संस्कृत, हिंदी, मराठी, नेपाली आदि भाषाओं की वर्णमाला का पहला अक्षर एवं ध्वनि है। यह एक स्वर है। यह कंठ्य वर्ण है।। इसका उच्चारण स्थान कंठ है। इसकी ध्वनि को भाषाविज्ञान में श्वा कहा जाता है। यह संस्कृत तथा भारत की समस्त प्रादेशिक भाषाओं की वर्णमाला का प्रथम अक्षर है। इब्राली भाषा का 'अलेफ्', यूनानी का 'अल्फा' और लातिनी, इतालीय तथा अंग्रेजी का ए (A) इसके समकक्ष हैं। अक्षरों में यह सबसे श्रेष्ठ माना जाता हैं। उपनिषदों में इसकी बडी महिमा लिखी है। तंत्रशास्त्र के अनुसार यह वर्णमाला का पहला अक्षर इसलिये है क्योंकि यह सृष्टि उत्पन्न करने के पहले सृष्टिवर्त की आकुल अवस्था को सूचित करता है। श्रीमद्भग्वद्गीता में कृष्ण स्वयं को अक्षरों में अकार कहते हैं- 'अक्षराणामकारोस्मि'। अ हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण है उच्चारण की दृष्टि से अ निम्नतर,मध्य,अगोलित,हृस्व स्वर है कुछ स्थितियों में अ का उच्चारण स्थान ह वर्ण से पूर्वभी होता है जैसे कहना में वह में अ का उच्चारण स्थानभी है अ हिंदी में पूर्व प्रत्यय के रूप में भी बहुप्रयुक्त वर्ण है अ पूर्व प्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होकर प्रायः मूल शब्द के अर्थ का नकारात्मक अथवा विपरीत अर्थ देता है,जैसे-अप्रिय,अन्याय,अनीति ऊ अन्यत्र मूल शब्द के पूर्ण न होने की स्थिति भी दर्शाता है,जैसे-अदृश्य,अकर्म अ पूर्व प्रत्यय की एक अन्य विशेषता यह भी है कि वह मूल शब्द के भाव के अधिकार को सूचित करता है,जैसे-अघोर अक्स उतारने वाला अक्कास कहलाता है चित्रकार;अक्कास कहलाता है .
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अ़
अ़ अर्थात नुक्ता सहित अ एक देवनागरी अक्षर है जो अरबी वर्ण (लफ़ज़) अयिन "ع" के लिए प्रयुक्त होता है। श्रेणी:स्वर.
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अंग्रेज़ी भाषा
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .
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छ
छ देवनागरी वर्णमाला का एक व्यंजन है व इसमें खुद के सहित १२ अक्षर आते है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और छ
ङ
ङ देवनागरी वर्णमाला का एक व्यंजन है और इसमें ख़ुद के सहित १२ अक्षर आते है। श्रेणी:देवनागरी वर्णमाला.
देखें अक्षर और ङ
मूलाक्षर, शब्दांश, शब्दांशों, हिन्दी वर्णमाला के अक्षर के रूप में भी जाना जाता है।