लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

शुद्धि आंदोलन

सूची शुद्धि आंदोलन

स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को पुन: हिंदू बनने की प्रेरणा देकर शुद्धि आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन के तहत लाखों मुसलमानों तथा ईसाइयों की शुद्धि कराकर सत्य सनातन वैदिक धर्म में वापसी कराई थी।यह 11फरबरी 1923 को भारतीय शूदि सभा की स्थापना करते समय स्वामी दयानंद सरस्वती दारा सुद्री आंदोलन आरंभ किया गया .

6 संबंधों: परावर्तन (धर्म), भौतिक विज्ञान की पारिभाषिक शब्दावली, स्वामी श्रद्धानन्द, व्रात्य स्तोम, आर्य समाज, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा

परावर्तन (धर्म)

बलपूर्वक किसी अन्य धर्म में दीक्षित हिंदुओं को पुनः हिंदू धर्म में वापस लाने को परावर्तन या परावर्तन संस्कार कहा जाता है। मध्ययुग में सर्वप्रथम स्वामी रामानन्दाचार्य ने परावर्तन कार्यक्रम चलाया था। आधुनिक काल में आर्य समाज ने इसे आगे बढ़ाया। वर्तमान समय में विश्व हिन्दू परिषद एवं अन्य हिन्दू संगठन परावर्तन के लिये प्रयास करते हैं जिनमें उन्हें उल्लेखनीय सफलता भी मिली है। .

नई!!: शुद्धि आंदोलन और परावर्तन (धर्म) · और देखें »

भौतिक विज्ञान की पारिभाषिक शब्दावली

(abscissa) किसी ग्राफ पर किसी बिन्दु की Y-अक्ष से लम्बवत दूरी; इसे X-निर्देशांक भी कहते हैं। प्रति-कण (antiparticle) A counterpart of a subatomic particle having opposite properties (except for equal mass)। द्वारक (aperture) Any opening through which radiation may pass.

नई!!: शुद्धि आंदोलन और भौतिक विज्ञान की पारिभाषिक शब्दावली · और देखें »

स्वामी श्रद्धानन्द

स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती (२ फरवरी, १८५६ - २३ दिसम्बर, १९२६) भारत के शिक्षाविद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आर्यसमाज के संन्यासी थे जिन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती की शिक्षाओं का प्रसार किया। वे भारत के उन महान राष्ट्रभक्त संन्यासियों में अग्रणी थे, जिन्होंने अपना जीवन स्वाधीनता, स्वराज्य, शिक्षा तथा वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय आदि शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की और हिन्दू समाज को संगठित करने तथा १९२० के दशक में शुद्धि आन्दोलन चलाने में महती भूमिका अदा की। .

नई!!: शुद्धि आंदोलन और स्वामी श्रद्धानन्द · और देखें »

व्रात्य स्तोम

व्रात्यस्तोम संस्कार अवैदिकों (व्रात्यों) को वैदिक धर्म में सम्मानपूर्वक समाविष्ट करने के लिये किया जाता था। इसका वर्णन सामवेद के ब्राह्मणों में मिलता है। ये 'व्रात्य' चार प्रकार के होते थे-.

नई!!: शुद्धि आंदोलन और व्रात्य स्तोम · और देखें »

आर्य समाज

आर्य समाज एक हिन्दू सुधार आंदोलन है जिसकी स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने १८७५ में बंबई में मथुरा के स्वामी विरजानंद की प्रेरणा से की थी। यह आंदोलन पाश्चात्य प्रभावों की प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू धर्म में सुधार के लिए प्रारंभ हुआ था। आर्य समाज में शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास करते थे तथा मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बलि, झूठे कर्मकाण्ड व अंधविश्वासों को अस्वीकार करते थे। इसमें छुआछूत व जातिगत भेदभाव का विरोध किया तथा स्त्रियों व शूद्रों को भी यज्ञोपवीत धारण करने व वेद पढ़ने का अधिकार दिया था। स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रन्थ आर्य समाज का मूल ग्रन्थ है। आर्य समाज का आदर्श वाक्य है: कृण्वन्तो विश्वमार्यम्, जिसका अर्थ है - विश्व को आर्य बनाते चलो। प्रसिद्ध आर्य समाजी जनों में स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्वामी श्रद्धानन्द, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय, भाई परमानन्द, पंडित गुरुदत्त, स्वामी आनन्दबोध सरस्वती, स्वामी अछूतानन्द, चौधरी चरण सिंह, पंडित वन्देमातरम रामचन्द्र राव, बाबा रामदेव आदि आते हैं। .

नई!!: शुद्धि आंदोलन और आर्य समाज · और देखें »

अखिल भारतीय हिन्दू महासभा

अखिल भारतीय हिन्दू महासभा का ध्वज अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक राजनीतिक दल है। यह एक भारतीय राष्ट्रवादी संगठन है। इसकी स्थापना सन १९१५ में हुई थी। विनायक दामोदर सावरकर इसके अध्यक्ष रहे। केशव बलराम हेडगेवार इसके उपसभापति रहे तथा इसे छोड़कर सन १९२५ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। भारत के स्वतन्त्रता के उपरान्त जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तब इसके बहुत से कार्यकर्ता इसे छोड़कर भारतीय जनसंघ में भर्ती हो गये। .

नई!!: शुद्धि आंदोलन और अखिल भारतीय हिन्दू महासभा · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

शुद्धि, शुद्धि आन्दोलन

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »