3 संबंधों: तमिल ईलम के मुक्ति बाघ, श्रीलंका का जातीय संघर्ष, श्रीलंकाई गृहयुद्ध का इतिहास।
तमिल ईलम के मुक्ति बाघ
|ideology .
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श्रीलंका का जातीय संघर्ष
मृत विद्रोहियों के शरीर कचरे में फेंक दिए गए है, 1989 श्रीलंका के कई अल्पसंख्यक तमिलों को गृहयुद्ध के अंत में बहुत काम शांति मिली है। .
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श्रीलंकाई गृहयुद्ध का इतिहास
श्रीलंकाई गृहयुद्ध श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहला और अल्पसंख्यक तमिलो के बीच २३ जुलाई, १९८३ से आरंभ हुआ गृहयुद्ध है। मुख्यतः यह श्रीलंकाई सरकार और अलगाववादी गुट लिट्टे के बीच लड़ा जाने वाला युद्ध है। ३० महीनों के सैन्य अभियान के बाद मई २००९ में श्रीलंकाई सरकार ने लिट्टे को परास्त कर दिया। लगभग २५ वर्षों तक चले इस गृहयुद्ध में दोनों ओर से बड़ी संख्या में लोग मारे गए और यह युद्ध द्वीपीय राष्ट्र की अर्थव्यस्था और पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हुआ। लिट्टे द्वारा अपनाई गई युद्ध-नीतियों के चलते ३२ देशों ने इसे आतंकवादी गुटो की श्रेणी में रखा जिनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ के बहुत से सदस्य राष्ट्र और अन्य कई देश हैं। एक-चौथाई सदी तक चले इस जातीय संघर्ष में सरकारी आँकड़ों के अनुसार ही लगभग ८०,००० लोग मारे गए हैं। .
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