7 संबंधों: नैण्ड गेट, नॉर गेट, बूलीय बीजगणित (तर्कशास्त्र), बीजेटी, इन्वर्टर (लॉजिक गेट), कार्बन नैनोट्यूब, अर्धचालक युक्ति।
नैण्ड गेट
डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स में सात प्रकार के लॉजिक गेट (तर्क द्वार) होते हैं, उनमें से एक नैण्ड गेट है। नैण्ड गेट (नकार-ऐण्ड) एक डिजटल तर्क द्वार है जिसके दो या अधिक इनपुट और एक आउटपुट होते है। इसका व्यवहार ऐण्ड गेट से बिलकुल विपरीत होता है। जब इसके सारे इनपुट को लॉजिक हाइ (1) दिया जाय तब इसका आउटपुट लॉजिक लो (0) होता है और अन्य संयोजन में इसका आउटपुट लॉजिक हाइ (1) होता है। इसके विशेषताओं के कारण इसे सार्वभौमिक तर्क द्वार (यूनिवर्सल लॉजिक गेट) भी कहा जाता है, जिससे अन्य लॉजिक गेटों का निर्माण बडी आसानी से किया जा सकता है। इसके इनपुट A और B है तो आउटपुट Y.
नई!!: लॉजिक गेट और नैण्ड गेट · और देखें »
नॉर गेट
नॉर द्वार (NOR gate) एक तर्क द्वार है जो तर्क नॉर को निरूपित करता है – यह दायीं तरफ दी हुई सत्य सारणी के अनुरूप होता है। यदि दोनों निवेश निम्न (बन्द) अवस्था में हैं तो निर्गम उच्च (चालु) अवस्था में प्राप्त होता है; यदि कोई एक अथवा दोनों निवेश उच्च अवस्था में हैं तो निर्गम निम्न अवस्था में प्राप्त होता है। नॉर द्वार ऑर संक्रिया (OR operation) के निषेध को प्रस्तुत करता है। .
नई!!: लॉजिक गेट और नॉर गेट · और देखें »
बूलीय बीजगणित (तर्कशास्त्र)
बूलीय बीजगणित (बूलीयन अल्जब्रा) या बूली का तर्कशास्त्र, तार्किक ऑपरेशन का एक सम्पूर्ण तन्त्र है। इसे सबसे पहले जॉर्ज बूल ने उन्नीसवीं शदी के मध्य में बीजगणितीय तर्क के रूप में प्रस्तुत किया। बहुत दिनो तक इस पर लोगों का ध्यान नहीं गया और इसे महत्व नहीं दिया गया। इसके बहुत दिनों के बाद सन १९३८ में क्लॉड शैनन ने प्रदर्शित किया कि रिले-युक्त परिपथ का कार्य बूली के तर्क पर आधारित हैं। एक बार जब इसका प्रयोग डिजिटल एलेक्ट्रानिक परिपथों के डिजाइन एवं सरलीकरण में होने लगा तो क्रान्ति ही आ गयी। आज बूली का बीजगणित आंकिक एलेक्ट्रानिकी का आधार बन गया है तथा एलेक्ट्रानिकी, संगणक का हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर, डेटाबेस, खोजी-यंत्र (सर्च-इंजन) एवं अन्य तार्किक डिजाइनों में अत्यन्त उपयोगी है। .
नई!!: लॉजिक गेट और बूलीय बीजगणित (तर्कशास्त्र) · और देखें »
बीजेटी
बीजेटी के प्रतीक SOT-23 बाईपोलर जंक्शन ट्रांजिस्टर या बीजेटी (BJT), वे ट्रांजिस्टर हैं जिनमें इलेक्ट्रान और होल (hole) दोनों आवेश संवाहक का कार्य करते हैं। .
नई!!: लॉजिक गेट और बीजेटी · और देखें »
इन्वर्टर (लॉजिक गेट)
परम्परागत नॉट (NOT) गेट का प्रतीक। इसे इन्वर्टर भी कहते हैं। International Electrotechnical Commission द्वारा संस्तुत NOT गेट का प्रतीक डिजिटल लॉजिक में इन्वर्टर (inverter) अथवा नॉट गेट (NOT gate) वह लॉजिक गेट है जो तार्किक विलोम लागू करता है अर्थात जिसका आउटपुट तार्किक रूप से इनपुट का उल्टा होता है। उदाहरण के लिये यदि इन्पुट में "लॉजिक १" लगाया जाय तो इन्वर्टर के ुटपुट में "लॉजिक ०" मिलता है। .
नई!!: लॉजिक गेट और इन्वर्टर (लॉजिक गेट) · और देखें »
कार्बन नैनोट्यूब
कार्बन नैनोट्यूब का घूर्णन करता यह एनिमेशन उसकी 3 डी संरचना को दर्शाता है। कार्बन नैनोट्यूब (CNTs) एक बेलनाकार नैनोसंरचना वाले कार्बन के एलोट्रोप्स हैं। नैनोट्यूब को 28,000,000:1 तक के लंबाई से व्यास अनुपात के साथ निर्मित किया गया है, जो महत्वपूर्ण रूप से किसी भी अन्य द्रव्य से बड़ा है। इन बेलनाकार कार्बन अणुओं में नवीन गुण हैं जो उन्हें नैनोतकनीक, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रकाशिकी और पदार्थ विज्ञान के अन्य क्षेत्रों के कई अनुप्रयोगों के साथ-साथ वास्तु क्षेत्र में संभावित रूप से उपयोगी बनाते हैं। वे असाधारण शक्ति और अद्वितीय विद्युत् गुण प्रदर्शित करते हैं और कुशल ताप परिचालक हैं। उनका अंतिम उपयोग, लेकिन, उनकी संभावित विषाक्तता और रासायनिक शोधन की प्रतिक्रिया में उनके गुण परिवर्तन को नियंत्रित करने के द्वारा सीमित हो सकता है। नैनोट्यूब फुलरीन संरचनात्मक परिवार के सदस्य हैं, जिसमें गोलाकार बकिबॉल भी शामिल हैं। एक नैनोट्यूब के छोर को बकिबॉल संरचना के एक गोलार्द्ध के साथ ढका जा सकता है। उनका नाम उनके आकार से लिया गया है, चूंकि एक नैनोट्यूब का व्यास कुछ नैनोमीटर के क्रम में है (एक मानव बाल की चौड़ाई का लगभग 1/50,000 वां हिस्सा), जबकि वे लंबाई में कई मिलीमीटर हो सकते हैं (यथा 2008).
नई!!: लॉजिक गेट और कार्बन नैनोट्यूब · और देखें »
अर्धचालक युक्ति
अर्धचालक युक्तियाँ (Semiconductor devices) उन एलेक्ट्रानिक अवयवों को कहते हैं जो अर्धचालक पदार्थों के गुण-धर्मों का उपयोग करके बनाये जाते हैं। सिलिकॉन, जर्मेनियम और गैलिअम आर्सेनाइड मुख्य अर्धचालक पदार्थ हैं। अधिकांश अनुप्रयोगों में अब उन सभी स्थानों पर अर्धचालक युक्तियाँ प्रयोग की जाने लगी हैं जहाँ पहले उष्मायनिक युक्तियाँ (निर्वात ट्यूब) प्रयोग की जाती थीं। अर्धचालक युक्तियाँ, ठोस अवस्था में एलेक्ट्रानिक संचलन पर आधारित हैं जबकि ट्यूब युक्तियाँ उच्चा निर्वात या गैसीय अवस्था में उष्मायनों के चालन पर आधारित थीं। निर्माण के आधार पर अर्धचालक युक्तियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं - अकेली युक्तियाँ और एकीकृत परिपथ (IC) .
नई!!: लॉजिक गेट और अर्धचालक युक्ति · और देखें »