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मोहम्मद रफ़ी

सूची मोहम्मद रफ़ी

कोई विवरण नहीं।

105 संबंधों: चरस (फ़िल्म), चुपके चुपके, चौदहवीं का चाँद (1960 फ़िल्म), झनक झनक पायल बाजे (1955 फ़िल्म), तलत महमूद, तीसरी मंज़िल (1966 फ़िल्म), दिल दिया दर्द लिया, दिल ने फिर याद किया, दिल अपना और प्रीत पराई, दिसम्बर, दो बीघा ज़मीन (1953 फ़िल्म), दो लड़कियाँ (1976 फ़िल्म), दोस्ताना (1980 फ़िल्म), दोस्ती (1964 फ़िल्म), धरती कहे पुकार के (1969 फ़िल्म), नया दिन नई रात (1974 फ़िल्म), नील कमल (1968 फ़िल्म), पत्थर के सनम, पद्म श्री पुरस्कार (१९६०-६९), प्यार ही प्यार, प्यासा (1957 फ़िल्म), प्रेम धवन, प्रोफ़ेसर (1962 फ़िल्म), फर्ज़ (1967 फ़िल्म), फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म), फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार, फांसी (1978 फ़िल्म), फूल खिले हैं गुलशन गुलशन (1978 फ़िल्म), बदलते रिश्ते (1978 फ़िल्म), बम्बई का बाबू (1960 फ़िल्म), बहारें फिर भी आएंगी, बालिका बधू (1976 फ़िल्म), बिनाका गीत माला, ब्रह्मचारी (1968 फ़िल्म), बैजू बावरा (1952 फ़िल्म), बूट पॉलिश (1954 फ़िल्म), बेनाम (1974 फ़िल्म), भारत में इस्लाम, भारतीय पार्श्वगायक, भारतीय सिनेमा, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय व्यक्तित्व, मदर इण्डिया, मधुमती, मन्ना डे, महानतम भारतीय (सर्वेक्षण), महेन्द्र कपूर, मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म), मुग़ल-ए-आज़म, मुक्ति (१९७७ फ़िल्म), ..., यादों की बारात (1973 फ़िल्म), राहुल देव बर्मन, लता मंगेशकर, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, शम्शुल हुदा बिहारी, शहीद (1965 फ़िल्म), शागिर्द, शिकार (1968 फ़िल्म), श्री ४२० (1955 फ़िल्म), सरगम (1950 फ़िल्म), साजन (1969 फ़िल्म), सुजाता (1959 फ़िल्म), स्वर्ग नर्क (१९७८ फ़िल्म), सोनू निगम, हँसते ज़ख़्म (१९७३ फ़िल्म), हम पाँच (१९८० फ़िल्म), हिन्दी सिनेमा, हिमालय की गोद में (1965 फ़िल्म), हीर रांझा (१९७० फ़िल्म), जब प्यार किसी से होता है (1961 फ़िल्म), जब जब फूल खिले, ज़ंजीर (1973 फ़िल्म), जाली नोट (1960 फ़िल्म), जागृति (1954 फ़िल्म), जगजीत सिंह, जुदाई (1980 फ़िल्म), जीत (1972 फ़िल्म), जीवन मृत्यु (1970 फ़िल्म), ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म), विदुप अग्रहरि, वक़्त (1965 फ़िल्म), खिलौना (1970 फ़िल्म), गाइड (1965 फ़िल्म), गुल बलोच, आँधी (1975 फ़िल्म), आदमी और इंसान, आन मिलो सजना (1970 फ़िल्म), आये दिन बहार के (1966 फ़िल्म), आराधना (1969 फ़िल्म), आरज़ू (1965 फ़िल्म), आख़िरी खत, आइना (1977 फ़िल्म), कर्तव्य (1979 फ़िल्म), कर्ज़ (१९८० फ़िल्म), काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म), काली घटा (1980 फ़िल्म), किशोर कुमार, कैफ़ भोपाली, अनुराग (१९७३ फ़िल्म), अनोखा (1975 फ़िल्म), अभिमान (1973 फ़िल्म), अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म), असद भोपाली, उपकार (1967 फ़िल्म), २४ दिसम्बर सूचकांक विस्तार (55 अधिक) »

चरस (फ़िल्म)

चरस 1976 की बॉलीवुड फ़िल्म है जिसका रामानंद सागर ने निर्माण और निर्देशन किया। फ़िल्म में मुख्य भूमिका में धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी सहित अजीत, अरुणा ईरानी, अमजद ख़ान, असरानी, सुजीत कुमार, केष्टो मुखर्जी और टॉम ऑल्टर हैं। इस फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया। .

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चुपके चुपके

चुपके चुपके १९७५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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चौदहवीं का चाँद (1960 फ़िल्म)

चौदहवीं का चाँद हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। .

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झनक झनक पायल बाजे (1955 फ़िल्म)

झनक झनक पायल बाजे १९५५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। फ़िल्म का निर्देशन वी शांताराम ने किया है और निर्माता वी शांताराम का ही अपना निर्माता घर राजकमल कलामंदिर है। इस फ़िल्म को सन् १९५६ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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तलत महमूद

तलत महमूद (२४ फरवरी, १९२४-९ मई, १९९८) एक भारतीय गायक तथा अभिनेता थे। अपनी थरथराती आवाज़ से मशहूर उनको गजल की दुनिया का राजा भी कहा जाता है। .

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तीसरी मंज़िल (1966 फ़िल्म)

तीसरी मंज़िल सन् 1966 में प्रदर्शित व विजय आनन्द द्वारा निर्देशित संगीतमय-रोमांचक हिन्दी फ़िल्म है। जिसमें शम्मी कपूर, आशा पारेख, प्रेमनाथ तथा प्रेम चोपड़ा सरीखे अभिनेता मुख्य भूमिका में है। .

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दिल दिया दर्द लिया

दिल दिया दर्द लिया १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फ़िल्म अंग्रेज़ी की लेखिका ऍमिली ब्रॉन्टी के उपन्यास वदरिंग हाइट्स पर आधारित है। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार हैं दिलीप कुमार, वहीदा रहमान तथा प्राण। .

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दिल ने फिर याद किया

दिल ने फिर याद किया १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दिल अपना और प्रीत पराई

दिल अपना और प्रीत पराई हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। .

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दिसम्बर

दिसंबर ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से वर्ष का बारहवां और आखिरी महीना है, साथ ही यह उन सात ग्रेगोरी महीनो में से एक है जिनमे 31 दिन होते हैं। लैटिन में, दिसेम (decem) का मतलब "दस" होता है। दिसम्बर भी रोमन कैलेंडर का दसवां महीना था जब तक कि मासविहीन सर्दियों की अवधि को जनवरी और फरवरी के बीच विभाजित नहीं कर दिया गया। दिसंबर से संबंधित फूल हॉली या नारसीसस है। दिसंबर के रत्न फीरोज़ा, लापीस लाजुली, जि़रकॉन, पुखराज (नीला), या टैन्जानाईट रहे हैं। दिसंबर माह में उत्तरी गोलार्द्ध में दिन के (सूर्य की रोशनी का समय) सबसे कम और दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे अधिक घंटे होते हैं। दिसंबर और सितम्बर सप्ताह के एक ही दिन से शुरू होते हैं। .

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दो बीघा ज़मीन (1953 फ़िल्म)

दो बीघा ज़मीन 1953 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दो लड़कियाँ (1976 फ़िल्म)

दो लड़कियाँ 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दोस्ताना (1980 फ़िल्म)

दोस्ताना 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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दोस्ती (1964 फ़िल्म)

दोस्ती १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्देशक सत्येन बोस और निर्माता अपने राजश्री प्रोडक्शन्स के तले ताराचंद बड़जात्या हैं। जैसा फ़िल्म का नाम है, यह फ़िल्म एक अपाहिज लड़के और एक अन्धे लड़के के बीच दोस्ती को दर्शाती है। इस फ़िल्म को १९६४ के फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में छ: पुरस्कारों से नवाज़ा गया जिसमें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार भी शामिल है। .

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धरती कहे पुकार के (1969 फ़िल्म)

धरती कहे पुकार के (अंग्रेजी: Call of the Earth) 1969 में वैशाली फिलम्स पताका अन्तर्गत दीनानाथ शास्त्री निर्मित, दुलाल गुहा निर्देशित हिन्दी भाषा की फिल्म है। जितेंद्र, नंदा, कन्हैयालाल, दुर्गा खोटे एवं संजीव कुमार इसके प्रमुख कलाकार तथा अभि भट्टाचार्य, अमोल सेन, असित सेन, ए के हंगल, तरुण बोस, मनमोहन व लीला मिश्रा सहायक कलाकार है। फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया तथा गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी है। .

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नया दिन नई रात (1974 फ़िल्म)

नया दिन नई रात 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नील कमल (1968 फ़िल्म)

नीलकमल 1968 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसमें वहीदा रहमान, राज कुमार, मनोज कुमार व ललिता पवार मुख्य भूमिका में है। .

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पत्थर के सनम

पत्थर के सनम 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह फ़िल्म नाडियाडवाला के बैनर के तले निर्मित है जिसे राजा नवाथे द्वारा निर्देशित किया गया है। इस फ़िल्म में मनोज कुमार, वहीदा रहमान, मुमताज़, प्राण, महमूद, ललिता पवार और अरुणा ईरानी ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस फ़िल्म के गीतकार थे मजरुह सुल्तानपुरी और गीतों को स्वरबद्ध किया था लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने। .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९६०-६९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९५४ से १९५९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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प्यार ही प्यार

प्यार ही प्यार 1969 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, वैजयन्ती माला, प्राण और महमूद मुख्य भूमिका में है। ये इकलौती फिल्म है जिसमे धर्मेन्द्र और वैजयन्ती माला ने साथ काम किया। .

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प्यासा (1957 फ़िल्म)

प्यासा गुरु दत्त निर्देशित, निर्मित और अभिनीत 1957 की भारतीय फ़िल्म है। फ़िल्म में विजय नामक संघर्षरत कवि कहानी है जो स्वतंत्र भारत में अपने कार्य को प्रकाशित करना चाहता है। फ़िल्म का संगीत एस॰डी॰ बर्मन ने दिया है। .

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प्रेम धवन

हिन्दी फिल्मों के मशहूर गीतकार प्रेम धवन का जन्म 13 जून 1923 को अम्बाला में हुआ और लाहौर में स्नातक की शिक्षा पूरी की। आपने हिन्दी फिल्मों के लिये कई मशहूर गीत लिखे। प्रेम धवन ना केवल गीतकार थे, वरन आपने हिन्दी फिल्मों के लिये कुछ फिल्मों में संगीत दिया, नृत्य निर्देशन किया और अभिनय तक किया। प्रेम धवन ने पंरवि शंकर से संगीत एवं पं.

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प्रोफ़ेसर (1962 फ़िल्म)

प्रोफ़ेसर (1962 फ़िल्म) प्रोफेसर 1962 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्माता एफ.

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फर्ज़ (1967 फ़िल्म)

फर्ज़ 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म)

फ़िर वही रात (अंग्रेज़ी: Same night again) 1980 में एन.एन.सिप्पी निर्मित डैनी डेंज़ोंग्पा निर्देशित हिन्दी भाषा की फ़िल्म है| डैनी द्वारा निर्देशित यह एक मात्र फ़िल्म है| इस भयभीत व सनसनी फ़िल्म के प्रमुख कलाकार किम व राजेश खन्ना, एक मनोवैज्ञानिक पात्र, तथा अरुणा ईरानी, ललिता पवार, जगदीप, डैनी डेंज़ोंग्पा, ए के हंगल, सुरेश ओबेरॉय, शशिकला, मुकरी व शुभा खोटे सहायक कलाकार है| .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार हिंदी फिल्मों के लिए वार्षिक फिल्मफेयर पुरस्कार के हिस्से के रूप में फिल्मफेयर द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह किसी पुरुष पार्श्व गायक को दिया जाता है जिसने फिल्म गीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यद्यपि पुरस्कार समारोह की स्थापना 1954 में हुई थी लेकिन 1959 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक की श्रेणी शुरू की गई थी। यह पुरस्कार 1967 तक पुरुष और माहिला गायक दोनों के लिए शुरू में एक ही था। इस श्रेणी को अगले वर्ष विभाजित किया गया था और जब से पुरुष और महिला गायक को अलग पुरस्कार से प्रस्तुत किया जाता है। .

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फांसी (1978 फ़िल्म)

फांसी एक भारतीय हिंदी फिल्म है जो 1978 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी। इस फिल्म का निर्देशन हर्मेश मल्होत्रा किया था। फांसी फिल्म के शशि कपूर, सुलक्षणा पंडित, प्राण, रंजीत तथा असरानी प्रमुख किरदार थे। .

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फूल खिले हैं गुलशन गुलशन (1978 फ़िल्म)

फूल खिले हैं गुलशन गुलशन 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बदलते रिश्ते (1978 फ़िल्म)

बदलते रिश्ते (अंग्रेजी: Changing Relations) 1978 में रघुनाथ झालानी द्वारा निर्देशित, पारिवारिक कथा आधारित हिंदी फिल्म जिसके मुख्या कलाकार जितेन्द्र, ऋषि कपूर व रीना रॉय है। असरानी व ए के हंगल सहायक पात्र में अभिनित इस फिल्म के संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल है। .

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बम्बई का बाबू (1960 फ़िल्म)

बम्बई का बाबू 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसका निर्देशन राज खोसला ने किया है। इस फ़िल्म में देव आनन्द और सुचित्रा सेन ने अभिनय किया है। जिन चार हिन्दी फ़िल्मों में सुचित्रा सेन ने काम किया है उनमें यह दूसरी है। .

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बहारें फिर भी आएंगी

बहारें फिर भी आएंगी १९६६ में बनी एक हिन्दी भाषा की फ़िल्म है जो गुरु दत्त द्वारा निर्मित और शहीद लतीफ द्वारा निर्देशित है। इस फ़िल्म के कलाकार माला सिन्हा, धर्मेंद्र, तनुजा और रहमान हैं। फ़िल्म अभी भी ओ पी नैय्यर के संगीत, अज़ीज़ कश्मीरी, कैफ़ी आज़मी, अंजान और एस.

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बालिका बधू (1976 फ़िल्म)

बालिका बधू (अंग्रेजी: The Young Wife) 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बिनाका गीत माला

अमीन सयानी; बिनाका गीत माला के उद्धोषक जिनके मनमोहक अंदाज़ ने सबको दीवाना बना दिया था बिनाका गीतमाला भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था रेडियो पर| 1950 और 1960 के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था उन दिनों मनोरंजन का| लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था। .

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ब्रह्मचारी (1968 फ़िल्म)

ब्रह्मचारी १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है जिसका निर्देशन भप्पी सोनी ने किया है और जिसके निर्माता जी.

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बैजू बावरा (1952 फ़िल्म)

बैजू बावरा हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1952 में प्रदर्शित हुई। यह प्रसिद्ध संगीतज्ञ बैजू बावरा के जीवन पर आधारित है हालांकि फ़िल्म की कहानी और बैजू बावरा पर प्रचलित दन्तकथाओं में काफ़ी असमानताएं हैं। फ़िल्म के निर्देशक हैं विजय भट्ट और मुख्य कलाकार हैं भारत भूषण और मीना कुमारी। फ़िल्म का काल सम्राट अकबर के समय का है और बैजू बावरा अपने पिता की मृत्यु का बदला संगीत सम्राट तानसेन से लेना चाहता है। तानसेन अकबर के दरबार के नव रत्नों में से एक था। .

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बूट पॉलिश (1954 फ़िल्म)

बूट पॉलिश 1954 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बेनाम (1974 फ़िल्म)

बेनाम 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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भारत में इस्लाम

भारतीय गणतंत्र में हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम दूसरा सर्वाधिक प्रचलित धर्म है, जो देश की जनसंख्या का 14.2% है (2011 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़)। भारत में इस्लाम का आगमन करीब 7वीं शताब्दी में अरब के व्यापारियों के आने से हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ इतिहासकार ये दावा करते हैं कि मुसलमानों के शासनकाल में हिंदुओं पर क्रूरता किए गए। मंदिरों को तोड़ा गया। जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि एक मुसलमान शासक टीपू शुल्तान खुद ये दावा करता था कि उसने चार लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रकाशित: 11 दिसम्बर 1992 विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सरकार हज यात्रा के लिए विमान के किराया में सब्सिडी देती थी और २००७ के अनुसार प्रति यात्री 47454 खर्च करती थी। हालांकि 2018 से रियायत हटा ली गयी है। .

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भारतीय पार्श्वगायक

प्रमुख भारतीय पार्श्वगायक और गायिकायें।.

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भारतीय व्यक्तित्व

यहाँ पर भारत के विभिन्न भागों एवं विभिन्न कालों में हुए प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची दी गयी है। .

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मदर इण्डिया

मदर इण्डिया (Mother India, مدر انڈیا) १९५७ में बनी भारतीय फ़िल्म है जिसे महबूब ख़ान द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। फ़िल्म में नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में हैं। फ़िल्म महबूब ख़ान द्वारा निर्मित औरत (१९४०) का रीमेक है। यह गरीबी से पीड़ित गाँव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने की मेहनत करती है। उसकी मेहनत और लगन के बावजूद वह एक देवी-स्वरूप उदाहरण पेश करती है व भारतीय नारी की परिभाषा स्थापित करती है और फिर भी अंत में भले के लिए अपने गुण्डे बेटे को स्वयं मार देती है। वह आज़ादी के बाद के भारत को सबके सामने रखती है। यह फ़िल्म अबतक बनी सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट भारतीय फ़िल्मों में गिनी जाती है और अब तक की भारत की सबसे बढ़िया फ़िल्म गिनी जाती है। इसे १९५८ में तीसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। मदर इण्डिया क़िस्मत (१९४३), मुग़ल-ए-आज़म (१९६०) और शोले (१९७५) के साथ उन चुनिन्दा फ़िल्मों में आती है जिन्हें आज भी लोग देखना पसंद करते हैं और यह हिन्दी सांस्कृतिक फ़िल्मों की श्रेणी में विराजमान है। यह फ़िल्म भारत की ओर से पहली बार अकादमी पुरस्कारों के लिए भेजी गई फ़िल्म थी। .

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मधुमती

मधुमती 1958 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह शायद पहली हिन्दी फ़िल्म है जिसमें एक कलाकार (वैजयन्ती माला) ने तीन-तीन रोल निभाये हों। इस फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे। फ़िल्म में मुख्य भूमिका दिलीप कुमार, वैजयन्ती माला और जॉनी वॉकर ने निभाई है। इस फ़िल्म को सन् १९५८ में अन्य पुरस्कारों के अलावा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इस फिल्म पे कइ रिमेक फिलमे भी बनी जैसे, कुदरत, बीस साल बाद, और ओम शांति ओम .

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मन्ना डे

मन्ना डे (1 मई 1919 - 24 अक्टूबर 2013), जिन्हें प्यार से मन्ना दा के नाम से भी जाना जाता है, फिल्म जगत के एक सुप्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायक थे। उनका वास्तविक नाम प्रबोध चन्द्र डे था। मन्ना दा ने सन् 1942 में फ़िल्म तमन्ना से अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत की और 1942 से 2013 तक लगभग 3000 से अधिक गानों को अपनी आवाज दी। मुख्यतः हिन्दी एवं बंगाली फिल्मी गानों के अलावा उन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं में भी अपने कुछ गीत रिकॉर्ड करवाये। भारत सरकार ने उन्हें 1971 में पद्म श्री, 2005 में पद्म भूषण एवं 2007 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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महानतम भारतीय (सर्वेक्षण)

सबसे महान भारतीय या महानतम भारतीय (अंग्रेजी:The Greatest Indian) एक सर्वेक्षण जो रिलायंस मोबाइल द्वारा प्रायोजित है और सीएनएन आईबीएन और हिस्ट्री चैनल के साथ साझेदारी में, आउटलुक पत्रिका द्वारा आयोजित किया गया था। आधुनिक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपुर्ण योगदान और भारतीयों के जीवन में अद्वितीय असाधारन बदलाव लाने वाला महानतम शख्सियत खोजने के लिए भारत में दि ग्रेटेस्ट इंडियन या सबसे महानतम भारतीय इस कार्यक्रम का जनमत सर्वेक्षण जून 2012 से अगस्त 2012 दौरान आयोजित किया गया था, इसके विजेता, डॉ॰ भीमराव आंबेडकर हैं, 11 अगस्त को इसकी घोषणा हुई थी। इस सर्वेक्षण में करीब 2 करोड़ वोटिंग डॉ॰ आंबेडकर को हुई थी। इस सर्वेक्षण में पहले भारत के विभिन्न छेत्रों (जैसे, कला, राजनिती, अर्थशास्त्र, समाज सेवा, खेल, उद्योग, संगीत आदी) के 100 महान हस्तियों में से ज्यूरी के जरीये उनमें से 50 महान भारतीयों को चूना गया। बाद में 50 नामों में से वोटिंग के जरीये जवाहरलाल नेहरू से ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तक के 10 नाम रखे गये और एक बार फिर सभी नागरिकों द्वारा की गई अंतरराष्ट्रीय ऑनलाईन वोटिंग ओपन की गई, इसमें सर्वाधिक मतदान या मतदान डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को मिले, वे दस में नंबर वन पर ही चुने गयें। भारत की स्वतंत्रता के बाद सबसे महान या महानतम भारतीय डॉ॰ भीमराव आंबेडकर हैं। वे स्वतंत्र्यता पूर्व के भी महानतम भारतीय है। महानतम ब्रिटेन स्पिन (Greatest Britons spin-offs) नापसंद के अन्य संस्करणों के विपरीत, महानतम भारतीय इतिहास के सभी समय अवधि से लोगों को शामिल नहीं किया था। दो कारणों से इस चुनाव के लिए दिए गए थे। इसमें महात्मा गांधी को नहीं लिया गया, उन्हें बिना सर्वेक्षण के महान बना दिया, नहीं तो विशेष रूप से डॉ.

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महेन्द्र कपूर

महेन्द्र कपूर (९ जनवरी १९३४-२७ सितंबर २००८) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध पार्श्वगायक थे। उन्होंने बी आर चोपड़ा की फिल्मों हमराज़, ग़ुमराह, धूल का फूल, वक़्त, धुंध में विशेष रूप से यादगार गाने गाए। संगीतकार रवि ने इनमें से अधिकाश फ़िल्मों में संगीत दिया। .

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मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म)

मुझे जीने दो (अंग्रेजी: Mujhe Jeene Do) सन 1963 में बनी एक मशहूर हिन्दी फिल्म का नाम है जिसका निर्देशन मणि भट्टाचार्य ने किया था। अजन्ता आर्ट के बैनर तले बनी व डकैतों के वास्तविक जीवन पर आधारित बालीवुड की इस फिल्म में सुनील दत्त, वहीदा रहमान, निरूपा रॉय, राजेन्द्र नाथ एवं मुमताज़ ने अभिनय किया था। चम्बल घाटी के डाकू समस्याग्रस्त इलाके भिण्ड एवं मुरैना जिलों के खतरनाक बीहड़ों में मध्य प्रदेश पुलिस के सुरक्षा कवच में फिल्मायी गयी, तथा मोहन स्टूडियो मुम्बई में बनी इस फिल्म में वहीदा रहमान व सुनील दत्त के अभिनय की बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ था। जयदेव के संगीत निर्देशन ने इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का दर्ज़ा दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। .

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मुग़ल-ए-आज़म

मुग़ल-ए-आज़म हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। यह फ़िल्म हिन्दी सिनेमा इतिहास की सफलतम फ़िल्मों में से है। इसे के॰ आसिफ़ के शानदार निर्देशन, भव्य सेटों, बेहतरीन संगीत के लिये आज भी याद किया जाता है। .

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मुक्ति (१९७७ फ़िल्म)

मुक्ति 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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यादों की बारात (1973 फ़िल्म)

यादों की बारात 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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राहुल देव बर्मन

राहुल देव बर्मन (27 जून 1939 – 4 जनवरी 1994) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। इन्हें पंचम या 'पंचमदा' नाम से भी पुकारा जाता था। मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन व उनकी पत्नी मीरा की ये इकलौती संतान थे। अपनी अद्वितीय सांगीतिक प्रतिभा के कारण इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है। माना जाता है कि इनकी शैली का आज भी कई संगीतकार अनुकरण करते हैं। पंचमदा ने अपनी संगीतबद्ध की हुई 18 फिल्मों में आवाज़ भी दी। भूत बंगला (1965) और प्यार का मौसम (1969) में इन्होने अभिनय भी किया। .

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लता मंगेशकर

लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर, 1929 इंदौर) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। .

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लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल एक लोकप्रिय भारतीय संगीतकार की जोड़ी है, लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर (१९३७-१९९८) और प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा (जन्म १९४०) से मिलकर बनी थी। उन्होंने १९६३ से १९९८ तक ६३५ हिंदी फिल्मों के लिए संगीत रचना की और इस समय के लगभग सभी उल्लेखनीय फिल्म निर्माताओं के लिए काम किया जिसमे सम्मिलित थे राज कपूर, देव आनंद, बी.आर.

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शम्शुल हुदा बिहारी

शम्शुल हुदा बिहारी या एस एच बिहारी एक प्रसिद्ध गीतकार थे। इन्होंने हिन्दी तथा उर्दू में रचनाएं की। इनका जन्म बिहार के आरा में हुआ था। आरंभ में कलकत्ता में रहते थे जहाँ से 1947 में उन्होंने बम्बई का रूख किया। इन्हें बांग्ला भाषा में भी महारथ हासिल थी पर इनकी रचनाएं मुख्यतः हिन्दी और उर्दू में रहीं। संगीतकार ओ पी नैय्यर तथा गायक रफ़ी एवं गायिका आशा भोंसले के साथ इनकी जोड़ी बहुत प्रसिद्ध हुई। 1987 में उनका देहावसान हो गया। .

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शहीद (1965 फ़िल्म)

शहीद (1965 फ़िल्म) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर हिन्दी भाषा की फिल्म है। भगत सिंह के जीवन पर 1965 में बनी यह देशभक्ति की सर्वश्रेष्ठ फिल्म है। जिसकी कहानी स्वयं भगत सिंह के साथी बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी। इस फ़िल्म में अमर शहीद राम प्रसाद 'बिस्मिल' के गीत थे। मनोज कुमार ने इस फिल्म में शहीद भगत सिंह का जीवन्त अभिनय किया था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर आधारित यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ प्रामाणिक फ़िल्म है। 13वें राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड की सूची में इस फ़िल्म ने हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के पुरस्कार के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के लिये नर्गिस दत्त पुरस्कार भी अपने नाम किया। बटुकेश्वर दत्त की कहानी पर आधारित सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखन के लिये दीनदयाल शर्मा को पुरस्कृत किया गया था। यह भी महज़ एक संयोग ही है कि जिस साल यह फ़िल्म रिलीज़ हुई थी उसी साल बटुकेश्वर दत्त का निधन भी हुआ। .

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शागिर्द

शागिर्द शागिर्द (अंग्रेजी: disciple) 1967 में बनी समीर गांगुली निर्देशित हास्य हिन्दी फिल्म जिसके मुख्या कलाकार जॉय मुखर्जी और सायरा बानो है। .

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शिकार (1968 फ़िल्म)

शिकार सन् 1968 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की रहस्यमयी रोमांचक फिल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, आशा पारेख, संजीव कुमार तथा जॉनी वॉकर मुख्य भूमिका में है। .

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श्री ४२० (1955 फ़िल्म)

श्री ४२० 1955 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सरगम (1950 फ़िल्म)

सरगम 1950 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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साजन (1969 फ़िल्म)

साजन 1969 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्माता व निर्देशक मोहन सेगल है। इसमे मनोज कुमार और आशा पारेख मुख्य भुमिका मे है। यह शत्रुघन सिन्हा की पहली हिन्दी फिल्म थी। .

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सुजाता (1959 फ़िल्म)

सुजाता १९५९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसके निर्माता व निर्देशक प्रसिद्ध बिमल रॉय थे तथा इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका सुनील दत्त तथा नूतन ने निभाई थी। यह फ़िल्म भारत में प्रचलित छुआछूत की कुप्रथा को उजागर करती है। इस फ़िल्म की कहानी एक ब्राह्मण पुरुष और एक अछूत कन्या के प्रेम की कहानी है। इस फ़िल्म को १९५९ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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स्वर्ग नर्क (१९७८ फ़िल्म)

स्वर्ग नरक (अंग्रेजी: Heaven and Hell) 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सोनू निगम

सोनू निगम (जन्म: ३० जुलाई १९७३, फरीदाबाद, हरियाणा, भारत) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैँ। वे हिन्दी के अलावा कन्नड़, उड़िया, तमिल, असमिया, पंजाबी, बंगाली, मराठी और तेलुगु फ़िल्मों में भी गा चुके हैं। इन्होने बहुत से इन्डि-पॉप एलबम बनाए हैं और कुछ हिंदी फिल्मों में काम किया है। .

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हँसते ज़ख़्म (१९७३ फ़िल्म)

हँसते ज़ख़्म १९७३ में बनी हिन्दी फ़िल्म है जिसके निर्माता और निर्देशक चेतन आनन्द हैं। .

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हम पाँच (१९८० फ़िल्म)

हम पाँच 1980 में बनी हिन्दी फ़िल्म है। .

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हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

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हिमालय की गोद में (1965 फ़िल्म)

हिमालय की गोद में १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्देशक विजय भट्ट हैं और निर्माता शंकरभाई भट्ट। फ़िल्म में मुख्य भूमिका मनोज कुमार, माला सिन्हा और शशि कला ने निभाई है। इस फ़िल्म को १९६५ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। .

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हीर रांझा (१९७० फ़िल्म)

हीर रांझा चेतन आनन्द द्वारा निर्देशित १९७० में बनी हिन्दी फ़िल्म है। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार राज कुमार और प्रिया राजवंश हैं। इस फ़िल्म की विशेषता यह है कि इसके संवाद पद्य में हैं। .

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जब प्यार किसी से होता है (1961 फ़िल्म)

जब प्यार किसी से होता है १९६१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जब जब फूल खिले

जब जब फ़ूल खिले १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ज़ंजीर (1973 फ़िल्म)

ज़ंजीर 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जाली नोट (1960 फ़िल्म)

जाली नोट 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जागृति (1954 फ़िल्म)

जागृति 1954 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जगजीत सिंह

जगजीत सिंह (८ फ़रवरी १९४१ - १० अक्टूबर २०११) का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं। उनका संगीत अंत्यंत मधुर है और उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती से घुल-मिल जाती है। खालिस उर्दू जानने वालों की मिल्कियत समझी जाने वाली, नवाबों-रक्कासाओं की दुनिया में झनकती और शायरों की महफ़िलों में वाह-वाह की दाद पर इतराती ग़ज़लों को आम आदमी तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को पहले पहल दिया जाना हो तो जगजीत सिंह का ही नाम ज़ुबां पर आता है। उनकी ग़ज़लों ने न सिर्फ़ उर्दू के कम जानकारों के बीच शेरो-शायरी की समझ में इज़ाफ़ा किया बल्कि ग़ालिब, मीर, मजाज़, जोश और फ़िराक़ जैसे शायरों से भी उनका परिचय कराया। जगजीत सिंह को सन २००३ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। फरवरी २०१४ में आपके सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए। .

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जुदाई (1980 फ़िल्म)

जुदाई 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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जीत (1972 फ़िल्म)

जीत 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। मुख्य भूमिकाओं में रणधीर कपूर और बबीता हैं। .

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जीवन मृत्यु (1970 फ़िल्म)

जीवन मृत्यु सन् 1970 में प्रदर्शित जुर्म पर आधारित एक रोमांचक हिन्दी फ़िल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, राखी, अजीत तथा राजेन्द्रनाथ मुख्य भुमिका मे है। फ़िल्म का निर्माण राजश्री प्रोडक्शन्स तथा निर्देशन सत्येन बोस ने किया है। यह राखी की पहली हिन्दी फ़िल्म थी। .

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ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म)

ईमान धर्म 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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विदुप अग्रहरि

विदुप अग्रहरि (जन्म: १९६९) एक भारतीय गायक, उद्यमी और भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं। वें श्याम ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज के डायरेक्टर हैं। वें उद्योगपति व लोकसभा सदस्य श्यामा चरण गुप्ता और जमुनोत्री गुप्ता के पुत्र हैं। .

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वक़्त (1965 फ़िल्म)

वक्त सन् 1965 में प्रदर्शित तथा चोपड़ा बंधुओ द्वारा निर्मित व निर्देशित हिन्दी फ़िल्म है। जिसमें उस दौर के प्रमुख अभिनेता सुनील दत्त, राज कुमार, साधना, बलराज साहनी, शशि कपूर, शर्मिला टैगोर व रहमान इत्यादि शामिल है। .

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खिलौना (1970 फ़िल्म)

खिलौना १९७० में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फ़िल्म के निर्देशक हैं चंदर वोहरा। इस फ़िल्म को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में छः श्रेणियों में नामांकित किया गया था और इसने दो श्रेणियों में पुरस्कार जीते। .

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गाइड (1965 फ़िल्म)

गाइड 1965 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह भारत के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखक आर के नारायण के द गाइड नाम के उपन्यास पर आधारित है। .

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गुल बलोच

गुल बलोच पंजाबी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1944 में प्रदर्शित हुई। .

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आँधी (1975 फ़िल्म)

आँधी (अंग्रेजी: storm) 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आदमी और इंसान

आदमी और इंसान सन् 1969 में प्रदर्शित व यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित हिन्दी फ़िल्म है जिसमें धर्मेन्द्र, सायरा बानो, फ़िरोज़ ख़ान, मुमताज़ तथा मदन पुरी आदि मुख्य भूमिका में है। ये इकलौती फ़िल्म है जिसमें धर्मेन्द्र व यश चोपड़ा ने साथ काम किया है। .

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आन मिलो सजना (1970 फ़िल्म)

आन मिलो सजना 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आये दिन बहार के (1966 फ़िल्म)

आये दिन बहार के सन् 1966 में प्रदर्शित व निर्माता जे ओम प्रकाश द्वारा निर्मित हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, आशा पारेख, बलराज साहनी और राजेन्द्रनाथ मुख्य भूमिका में है। .

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आराधना (1969 फ़िल्म)

आराधना १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है जिसके निर्माता एवं निर्देशक शक्ति सामंत थे। इस फ़िल्म को १९६९ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार के साथ दो अन्य फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से नवाज़ा गया था। .

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आरज़ू (1965 फ़िल्म)

आरज़ू १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। जो कश्मीर में बनाई गई है। जिसमें राजेंद्र कुमार, साधना एवं फ़िरोज़ ख़ान मुख्य भूमिका मे है। .

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आख़िरी खत

आख़िरी ख़त १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आइना (1977 फ़िल्म)

आइना (अंग्रेजी: Mirror) 1977 में के बालाचंदर द्वारा निर्मित हिंदी फिल्म जिसकी मुमताज़ प्रमुख अभिनेत्री थी। यह के बालाचंदर द्वारा निर्मित कमल हासन, प्रमीला व शिवकुमार अभिनित तमिल फ़िल्म अरंगेट्रम (1973) का हिंदी रूपांतर, जिसमे एक ब्राह्मण लड़की को अपने परिवार के लिए वेश्यावृत्ती अपनानी पड़ती है। वर्ष 2007 में इसे फ़िल्म लागा चुनरी में दाग रूप में पुनर्निर्मित किया गया जिसमे प्रमुख अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने मुमताज़ का पात्र निभाया और अन्त सुखद है। .

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कर्तव्य (1979 फ़िल्म)

कर्तव्य 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कर्ज़ (१९८० फ़िल्म)

कर्ज़ 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म)

काला पत्थर 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म की कहानी धनबाद में 1975 के चासनाला के खान दुर्घटना से प्रेरित थी। इस दुर्घटना मे सरकारी आँकडो़ के अनुसार 375 लोग मारे गये थे। .

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काली घटा (1980 फ़िल्म)

काली घटा (अंग्रेजी: Black cloud) 1980 में वेद राही लिखित, निर्मित एवं निर्देशित हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इस रूमानी एवं रोमांचक फ़िल्म के प्रमुख कलाकार शशि कपूर एवं रेखा तथा सहायक कलाकार नासिर हुसैन, ए के हंगल, डैनी डेंज़ोंग्पा, जगदीप, अरुणा ईरानी एवं ललिता पवार है| इसमें संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया तथा गीतकार आनंद बख्शी है| .

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किशोर कुमार

किशोर कुमार (जन्म: 4 अगस्त, 1929 खंडवा मध्यप्रदेश निधन: 13 अक्टूबर, 1987) भारतीय सिनेमा के मशहूर पार्श्वगायक समुदाय में से एक रहे हैं। वे एक अच्छे अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। हिन्दी फ़िल्म उद्योग में उन्होंने बंगाली, हिंदी, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में गाया था। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते और उस श्रेणी में सबसे ज्यादा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। उसी साल उन्हें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उस वर्ष के बाद से मध्यप्रदेश सरकार ने "किशोर कुमार पुरस्कार"(एक नया पुरस्कार) हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए चालु कर दिया था। .

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कैफ़ भोपाली

कैफ़ भोपाली (کیف بھوپالی) एक भारतीय उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार थे। वे 1972 में बनी कमाल अमरोही की फिल्म पाक़ीज़ा में मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत "चलो दिलदार चलो....." से लोकप्रिय हुए। .

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अनुराग (१९७३ फ़िल्म)

अनुराग १९७२ में निर्मित एक हिन्दी फ़िल्म है जिसके निर्माता व निर्देशक शक्ति सामंत हैं। यह फ़िल्म मौसमी चटर्जी की पहली हिन्दी फ़िल्म थी। इस फ़िल्म १९७३ का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार प्रदान किया गया। इस फ़िल्म में राजेश खन्ना एक छोटे से रोल में आये हैं। .

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अनोखा (1975 फ़िल्म)

चित्र के अभिनेथा अनोखा 1975 में बनी हिन्दी फिल्म है। .

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अभिमान (1973 फ़िल्म)

अभिमान 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म)

अमर अकबर एन्थोनी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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असद भोपाली

असद भोपाली (जन्म: 10 जुलाई 1921, मृत्यु: 9 जून 1990), बॉलीवुड के एक गीतकार हैं। असद का जन्म भोपाल में 10 जुलाई 1921 को हुआ था। उनके पिता का नाम मुंशी अहमद खान था और असद उनकी पहली संतान थे। उनका जन्म नाम असादुल्लाह खान था। उन्होंने फारसी, अरबी, उर्दू और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी। असद अपनी शायरी के चलते धीरे धीरे असद भोपाली के नाम से मशहूर हो गये। 28 साल की उम्र में यह गीतकार बनने के लिए बंबई आ गये, लेकिन अपनी पहचान बनाने के लिए उन्हें पूरे जीवन संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने पहले पहल 1949 की फिल्म "दुनिया" के लिए दो गीत लिखे, जिन्हे मोहम्मद रफी (रोना है तो चुपके चुपके रो) और सुरैया (अरमान लूटे दिल टूट गया) की आवाज में रिकॉर्ड किया गया था। इन्हे प्रसिद्धि इनके बी आर चोपडा की फिल्म अफसाना के गीतों से मिली। असद ने अपने समय के सबसे प्रमुख संगीत निर्देशकों जैसे कि श्याम सुन्दर, हुस्नलाल-भगतराम, सी.

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उपकार (1967 फ़िल्म)

उपकार 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसका निर्देशन मनोज कुमार ने किया है। इसी फ़िल्म से मनोज कुमार की भारत कुमार की छवि बनी थी। इस फ़िल्म को छ: फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। .

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२४ दिसम्बर

२४ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५८ वॉ (लीप वर्ष मे ३५९ वॉ) दिन है। साल में अभी और ७ दिन बाकी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

Mohammed Rafi, मुहम्मद रफ़ी, मो. रफी, मोहम्मद रफी, मोहम्मद रई, रफ़ी, रफी, रफी साहब

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