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मुद्रा (भाव भंगिमा)

सूची मुद्रा (भाव भंगिमा)

---- एक मुद्रा (संस्कृत: मुद्रा, (अंग्रेजी में: "seal", "mark," या "gesture")) हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में एक प्रतीकात्मक या आनुष्ठानिक भाव या भाव-भंगिमा है। जबकि कुछ मुद्राओं में पूरा शरीर शामिल रहता है, लेकिन ज्यादातर मुद्राएं हाथों और उंगलियों से की जाती हैं। एक मुद्रा एक आध्यात्मिक भाव-भंगिमा है और भारतीय धर्म तथा धर्म और ताओवाद की परंपराओं के प्रतिमा शास्त्र व आध्यात्मिक कर्म में नियोजित प्रामाणिकता की एक ऊर्जावान छाप है। नियमित तांत्रिक अनुष्ठानों में एक सौ आठ मुद्राओं का प्रयोग होता है। योग में, आम तौर पर जब वज्रासन की मुद्रा में बैठा जाता है, तब सांस के साथ शामिल शरीर के विभिन्न भागों को संतुलित रखने के लिए और शरीर में प्राण के प्रवाह को प्रभावित करने के लिए मुद्राओं का प्रयोग प्राणायाम (सांस लेने के योगिक व्यायाम) के संयोजन के साथ किया जाता है। नवंबर 2009 में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में प्रकाशित एक शोध आलेख में दिखाया गया है कि हाथ की मुद्राएं मस्तिष्क के उसी क्षेत्र को उत्तेजित या प्रोत्साहित करती हैं जो भाषा की हैं। .

91 संबंधों: चौर्य व्यापार, चॅक, टकसाल, ऐरण, डेरिवेटिव्स, दाशमिक मुद्रावली, दीनार, नाईजीरिया, निगम (श्रेणी), नकदीविहीन समाज, न्यूज़ीलैण्ड, न्यूज़ीलैण्ड डॉलर, नेपाली रुपया, परिसम्पत्ति, पश्चिमी एशिया, पापुआ न्यू गिनीयाई किना, पाकिस्तानी रुपया, पंचमकार, पुर्तगाल, प्रचलित मुद्राओं की सूची, प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी के साधन, पोलैंड, फ्रांस की रूपरेखा, बचाव (वित्त), बांग्ला भाषा आन्दोलन, बिस्मार्क, बौद्ध धर्म एवं हिन्दू धर्म, बैंक के नोट, बोरोबुदुर, भरतपुरा, भारत सारावली, भारतीय रुपया, भारतीय सिक्के, भारतीय सुसंगत विवाह, मध्य पूर्व, मंगोलियाई तोगरोग, मुद्रा (करेंसी), मुद्रा वायदा, म्यान्मार क्यात, मौद्रिक नीति, युद्धरत साम्यवाद, युग वर्णन, यूरोपीय संघ, यूरोपीय संघ की मुद्राएँ, योगा फॉर यू, रुपए का इतिहास, लघु वित्त, शिवसंहिता, सात्राप, सिंगापुर डॉलर, ..., संचार, संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द, स्प्रेडशीट, स्कॉट्लैण्ड, सेण्ट (मुद्रा), सोना, हठयोग प्रदीपिका, हवन, हैम्बर्ग, हीनार्थ प्रबन्धन, जयसिंह द्वितीय (पश्चिमी चालुक्य), जर्मनी, जापानी येन, जाली मुद्रा, जॉर्ज सोरोस, घेरण्ड संहिता, वाणिज्यवाद, विदेशी मुद्रा बाज़ार, विनिमय, विनिमय दर, विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य, विमुद्रीकरण, व्यापार, खेचरी, गंडभेरुंड, गोरक्षशतक, आभासी मुद्रा, आर्थिक नीति, आर्थिक शब्दावली, इण्डोनेशियाई रुपिया, कम्बोडियाई रिएल, कराटे, काच (राजा), कायोत्सर्ग, अचल सम्पत्ति, अभयमुद्रा, अर्थव्यवस्था, अशाब्दिक संप्रेषण, अवमूल्यन, अक्षर कला, ऋण सूचकांक विस्तार (41 अधिक) »

चौर्य व्यापार

करों या वैधानिक प्रतिबंधों से आँख छिपाकर या उनकी चोरी कर लाभ कमाने के लिये अवैध रूप से मुद्रा, वस्तु या व्यक्तियों का किया गया आयात, निर्यात, अंतर्देशीय या अंतर्प्रातीय व्यापार (क्रय विक्रय की प्रक्रिया) चौर्य व्यापार माना जाता है। स्वतंत्र व्यापार पर कर या प्रतिबंध- विलासमयी विदेशी वस्तुओं के उपयोग की आदत की समाप्ति या उनमें कमी करने के उद्देश्य, विदेशी मुद्रा के अभाव या उसके संकट से मुक्ति, राष्ट्रीय उत्पादन को प्रोत्साहन, राष्ट्रीय उद्योगों के संरक्षण तथा प्रवर्धन, राष्ट्र की आर्थिक योजनाओं के कार्यान्वयन, विदेशी-व्यापार-संतुलन तथा सामरिक एवं दैवी आपदाओं से त्राण पाने आदि के लिये लगाया जाता है। इन करों तथा प्रतिबंधों के कारण या तो वस्तुओं आदि का मूल्य बढ़ जाता है या उनकी माँग बढ़ जाती है। फलस्वरूप प्रतिबंधित तथा अधिक करवाली वस्तुओं आदि के उपयोग के लिये लोगों में सहज स्वाभाविक रुचि बढ़ जाती है। चौर्य व्यापार में करों की चोरी की जाती है, इसलिये वैध रूप से यातायात की हुई वस्तुएँ अवैध माध्यम से उपलब्ध वस्तुओं की अपेक्षा महँगी पड़ती हैं। इस लाभ के कारण लोग इन्हें क्रय करते हैं। जिन वस्तुओं आदि के यातायात पर पूर्ण या सीमित प्रतिबंध हैं वे भी इस अवैध माध्यम से उपलब्ध हो जाती हैं। इसलिये ऐसी अनुपलब्ध वस्तुओं को लोग आदत या ऐसी वस्तुओं की अधिक उपादेयता या ऐसी वस्तुओं के उपयोग के प्रदर्शन की सहज मानवीय दुर्बलता के कारण अधिक मूल्य देकर तथा कानून भंग करके भी लोग क्रय करना अधिक पसंद करते हैं और इस अवैध अनैतिक व्यापार को जीवन प्रदान करने में योगदान करते हैं। ऐडम स्मिथ ने इसलिये इन अवैध व्यापार करनेवालों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए लिखा है कि "इसमें संदेह नहीं कि चौर्य व्यापार करनेवाले देश के विधान की मर्यादाओं को भंग करने के लिये निश्चय ही अत्यधिक दोषी हैं, तो भी प्राय: वे सहज स्वाभाविक न्याय को तोड़ने में असमर्थ हैं क्योंकि सभी दृष्टियों से ऐसे व्यक्ति अति श्रेष्ठ नागरिक माने जाते यदि उनके देश का विधान उस बात को अपराध घोषित न कर देता जिसे प्रकृति कभी भी रोकना नहीं चाहती। .

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चॅक

चॅक (आम तौर पर) काग़ज़ का एक ऐसा टुकड़ा होता है जो धन के भुगतान का आदेश देता है। चॅक लिखने वाला व्यक्ति, जिसे निर्माता कहते हैं, उसका आम तौर पर एक जमा खाता होता है (एक "मांग खाता"), जहां उसका धन जमा होता है। चॅककर्ता, चॅक पर धनराशि, दिनांक और आदाता सहित कई विवरण लिखता है और यह आदेश देते हुए हस्ताक्षर करता है कि उल्लिखित धनराशि को इस व्यक्ति या कंपनी को उनके बैंक द्वारा भुगतान किया जाए. मूलतः, इसमें कोई बैंक शामिल नहीं होता था और प्राप्तकर्ता के लिए यह ज़रूरी था कि वह भुगतान पाने के लिए व्यक्तिगत रूप से चॅककर्ता को ढूंढ़ निकाले. बैंक का प्रयोजन चॅक की विश्वसनीयता को बढ़ाना था; फिर, आदाता को केवल उस बैंक को खोजने की जरुरत होती थी जिससे वह आहरित था। आधुनिक बैंक इलेक्ट्रॉनिक तौर पर जुड़े हैं, इसलिए कम से कम उसी देश में, कोई भी चॅक किसी भी बैंक में सुसंगत है। काग़ज़ी पैसे चॅकों से विकसित हुए, जो उसे कब्जे में रखने वाले व्यक्ति ("वाहक") को निश्चित राशि की अदायगी का आदेश है। तकनीकी रूप से, चॅक एक परक्राम्य लिखत हैहालांकि अधिकांश देशों में चॅकों को परक्राम्य लिखतों के रूप में विनियमित किया जाता है, कई देशों में वे वस्तुतः परक्राम्य नहीं हैं, अर्थात् आदाता अन्य पार्टी के पक्ष में चॅक का पृष्ठांकन नहीं कर सकता है। भुगतानकर्ता आम तौर पर एक चॅक को किसी नामित आदाता को देय के रूप में केवल चॅक के "रेखन" द्वारा अभिहित कर सकते हैं, तद्द्वारा उसे केवल आदाता के खाते में देय के रूप प्राधिकृत करते हैं, लेकिन वित्तीय अपराधों का मुकाबला करने के प्रयास में कई देशों ने क़ानून और विनियमन के संयोजन द्वारा प्रावधान है कि सभी चॅकों को रेखित या केवल खाते में देय के रूप में माना जाए और वे परक्राम्य नहीं हैं। जो वित्तीय संस्था को उस संस्था के पास चॅककर्ता/जमाकर्ता के नाम धारित विशिष्ट मांग खाते से विशिष्ट मुद्रा में भुगतान करने के लिए निर्दिष्ट करता है। दोनों, चॅककर्ता और आदाता प्राकृतिक व्यक्ति या क़ानूनी हस्ती हो सकते हैं। .

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टकसाल

टकसाल (Mint) उस कारखाने को कहते हैं जहाँ देश की सरकार द्वारा, या उसके दिए अधिकार से, मुद्राओं का निर्माण होता है। भारत में टकसालें कलकत्ता, मुंबई, हैदराबाद और नोएडा, उ॰प्र॰ में हैं। .

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ऐरण

एरण स्थित वराह की विशालकाय प्रतिमा एरण का विष्णु मंदिर मण्डप एरण नामक ऐतिहासिक स्थान मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित है। प्राचीन सिक्कों पर इसका नाम ऐरिकिण लिखा है। एरण में वाराह, विष्णु तथा नरसिंह मन्दिर स्थित हैं। एरण, सागर से करीब 90 किमी दूर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के अलावा ट्रेन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सागर-दिल्ली रेलमार्ग के एक महत्वपूर्ण जंक्शन बीना से इसकी दूरी करीब 25 किमी है। बीना और रेवता नदी के संगम पर स्थित एरण का नाम यहां अत्यधिक मात्रा में उगने वाली प्रदाह प्रशामक तथा मंदक गुणधर्म वाली 'एराका' नामक घास के कारण रखा गया है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि एरण के सिक्कों पर नाग का चित्र है, अत: इस स्थान का नामकरण एराका अर्थात नाग से हुआ है। .

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डेरिवेटिव्स

विकल्प अनुबंध खरीदार पर या भविष्य मे एक निर्धारित तिथि से पहले एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीद या अन्तर्निहित परिसंपत्ति (शेयर्स, बांड, मुद्रा, वस्तु आदि), बजने के लिए एक विकल्प देता है। कीमत जो पूर्व निर्धारित है उसे ‘हड़ताल मूल्य’ या ‘व्यायाम कीमत’ कहा जाता है। विकल्प के प्रकार:- विकल्प दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है। १. पूट विकल्प २. डबल विकल्प पूट विकल्प:- यह ऐसा विकल्प है जो विकल्प धारक को निर्धारित तिथि से पहले पूर्व निर्धारिक मूल्य पर एक अन्तर्निहित परिसंपत्ति को बेचने का अधिकार देता है.

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दाशमिक मुद्रावली

दशमिक मुद्रावली (Decimal Coinage या Decimalization) ऐसी किसी भी मुद्रावली को कहते हैं, जिसमें विभिन्न मानों की मुद्राएँ किसी मानक एकक के सपेक्ष दसगुनी और दशमांशों में होती हैं। इस प्रकार यदि मानक एकक 1 है तो उच्चतर मानों की मुद्राएँ 10, 100, 1000 इत्यादि होंगी और निम्नतर मानों की 0.1, 0.01, 0.001, इत्यादि। परिपूर्ण निकाय में कोई भंजन अथवा अंतवेंशन नहीं होगा, किंतु वस्तुत: दशमिक कहीं जानेवाली मुद्रावलियों में ऐसी दृढ़ परिपूर्णता नहीं होती। भारतीय दशमिक मुद्रावली में मानक एकक एक रुपया है। इसके अपवर्त्य 2 रु., 5 रु., 10 रु., 100 रु.

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दीनार

वे देश जहाँ दिनार नाम से मुद्रा का प्रचलन है/था। गहरे हरे रंग से प्रदर्शित देशों में दिनार वर्तमान समय में भी प्रचलित है। हल्के हरे रंग वाले भागों में दिनार भूतकाल में प्रचलित था। दीनार: (अरबी دينار) (dīnār) वर्तमान समय में दीनार या दिनार विश्व के अनेक देशों की मुद्राओं का नाम है। मुसमालनों के आने के बहुत पहले से भारतवर्ष में दीनार चलता था। दीनार नामक सिक्के का प्रचार किसी समय एशिया और यूरोप के बहुत से भागों में था। यह कहीं सोने का, कहीं चाँदी का होता था। हिंदुस्तान की तरह अरब और फारस में भी प्राचीन काल में दीनार नाम का सिक्का प्रचलित था। अरबी फालकी के कोशकारों ने दीनार शब्द को अरबी लिखा है, पर फारस में दीनार का प्रचार बहुत प्राचीन काल में था। इसके अतिरिक्त रोमन (रोमक) लोगों में भी यह सिक्का दिनारियस के नाम से प्रचलित था। धात्वर्थ पर ध्यान देने से भी दीनार शब्द आर्यभाषा ही का प्रतीत होता है। अब प्रश्न यह होता है कि यह सिक्का भारत से फारस, अरब होते हुए रोम में गया अथवा रोम से इधर आया। यदि हरिवंश आदि संस्कृत ग्रंथों की अधिक प्राचीनता स्वीकार की जाय तो दीनार को भारत का मानना पडे़गा। .

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नाईजीरिया

thumb फेडेरल रिपब्लिक ऑफ नाईजीरिया या नाईजीरिया संघीय गणराज्य पश्चिम अफ्रीका का एक देश है। इसकी सीमाएँ पश्चिम में बेनीन, पूर्व में चाड, उत्तर में hiकैमरून और दक्षिण में गुयाना की खाड़ी से लगती हैं। इस देश के बड़े शहरों में राजधानी अबुजा, भूतपूर्व राजधानी लागोस के अलावा इबादान, कानो, जोस और बेनिन शहर शामिल हैं। नाइजीरिया पश्चिमी अफ्रीका का एक प्रमुख देश है। पूरे अफ्रीका महाद्वीप में इस देश की आबादी सबसे अधिक है। नाइजीरिया की सीमा पश्चिम में बेनिन, पूर्व में चाड और कैमरून और उत्तर में नाइजर से मिलती हैं। .

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निगम (श्रेणी)

धर्मशास्त्र में व्यापारियों के संघ के लिए प्राय: 'नैगम' शब्द प्रयुक्त हुआ है। निगम शब्द नगर का द्योतक था, किंतु कुछ स्थलों पर यह स्पष्ट है कि निगम एक विशेष प्रकार का नगर था जिसका संबंध व्यापारियों से था। वृहत्कल्पसूत्र भाष्य में निगम लेनदेन का काम करनेवाले व्यापारियों की बस्ती के अर्थ में आता है- सांग्रहिक निगम केवल यही कार्य करते थे और असांग्रहिक निगम इसके अतिरिक्त दूसरे कार्य भी करते थे। निगम का उपयोग व्यापारियों के समूह और संघ के लिए भी हुआ है। वैशाली से प्राप्त चौथी शताब्दी के अंत की ओर की कुछ मुद्राएँ श्रेष्ठि, सार्थवाह और कुलिकों के निगम की हैं। ऐसी मुद्राएँ भीटा से भी प्राप्त हुई हैं। अमरावती के 'धंंकाटकस निगमस' लेख में भी निगम का उपयोग नगर के लिए नहीं अपितु व्यापारियों के संघ के रूप में हुआ है। निगम शब्द का यह उपयोग ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी की एक मुद्रा में भी मिलता है जिसमें 'शाहिजितिये निगमश' लेख उत्कीर्ण है। .

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नकदीविहीन समाज

नकदीविहीन समाज (cashless society describes) ऐसा काल्पनिक मानव समाज है जिसमें वित्तीय लेनदेन बिना नकदी के ही होती हो। मुद्रा के प्रचलन के पहले भी नकदीविहीन समाज अस्तित्व में था जिसमें आर्थिक आदान-प्रदान वस्तु-विनिमय (barter) के माध्यम से किया जाता था। आधुनिक समय में इलेक्ट्रानिक तरीकों से तथा बिटकॉयन (bitcoin) आदि द्वारा बिना नकदी के भी आर्थिक क्रियाकलाप किये जा रहे हैं। .

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न्यूज़ीलैण्ड

न्यूज़ीलैंड प्रशान्त महासागर में ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित देश है। ये दो बड़े द्वीपों से बना है। न्यूजीलैंड (माओरी भाषा में: Aotearoa आओटेआरोआ) दक्षिण पश्चिमि पेसिफ़िक ओशन में दो बड़े द्वीप और अन्य कई छोटे द्वीपों से बना एक देश है। न्यूजीलैंड के ४० लाख लोगों में से लगभग तीस लाख लोग उत्तरी द्वीप में रहते हैं और दस लाख लोग दक्षिणि द्वीप में। यह द्वीप दुनिया के सबसे बडे द्वीपों में गिने जाते हैं। अन्य द्वीपों में बहुत कम लोग रहतें हैं और वे बहुत छोटे हैं। इनमें मुख्य है.

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न्यूज़ीलैण्ड डॉलर

न्यूज़ीलैण्ड डॉलर (चिह्न: $; कूट: NZD) (Tāra o Aotearoa) न्यूज़ीलैण्ड, कुक द्वीपसमूह, निउए, रॉस अधीनक्षेत्र, टोकेलाउ तथा ब्रिटिश क्षेत्र पिटकेर्न द्वीपसमूह की वैध मुद्रा है। न्यूज़ीलैण्ड में इसे लगभग सदैव इसे डॉलर चिह्न $ चिह्न के साथ प्रदर्शित किया जाता है तथा कभी-कभी अन्य डॉलर मुद्राओं से विलग करने के लिये "NZ$" से भी प्रदर्शित किया जाता है। मुद्रा व्यापार के सन्दर्भ में कभी कभी अनौपचारिक रूप से इसे "किवी" भी कहा जाता है, क्योंकि न्यूज़ीलैण्ड की पहचान सामान्यतः वहाँ के स्वदेशी पक्षी किवी के साथ जुड़ी हुई है। १९६७ में प्रचलन में आई यह मुद्रा १०० सेण्ट में विभाजित है। इसमे पाँच मूल्यवर्ग हैं—जिसमे पाँच नोट तथा पाँच सिक्के हैं—जिसमे सबसे छोटा १० सेण्ट का सिक्का है। औपचारिक रूप से इससे छोटे भी मूल्यवर्ग हैं, परन्तु महंगाई व अत्यधिक उत्पादन मूल्य के कारण प्रचलन से बाहर हैं। न्यूज़ीलैण्ड डॉलर लगातार विश्व की १० सबसे अधिक मुद्रा व्यापार मुद्राओं में बना हुआ है, जिसका २०१३ के अनुसार वैश्विक विनिमय बाज़ार में लगभग २.०% दैनिक भाग है। .

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नेपाली रुपया

रुपया (रूपैयाँ) नेपाल का आधिकारिक मुद्रा है। वर्तमान मुद्रा का कोड है ISO 4217 NPR और इसका सामान्यत: चिन्ह रू है। नेपाली रुपया 100 पैसों में बँटे हुए हैं। नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा इस मुद्रा के निर्गमन पर नियंत्रण रहता है। कई अन्य राष्ट्रों के मुद्रा भी रुपया कहलाते हैं। नेपाली मुद्रा का भारतीय रुपया के साथ स्थिर विनिमय है। .

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परिसम्पत्ति

वित्तीय लेखांकन में, परिसम्पत्ति (asset) एक आर्थिक संसाधन है। हर मूर्त या अमूर्त वस्तु जिसका मूल्योत्पादन के लिए स्वामी बना जा सके या नियन्त्रण किया जा सके और जिसके पास धनात्मक आर्थिक मूल्य हो, परिसम्पत्ति मानी जाती है। सरल शब्दों में, परिसम्पत्तियाँ स्वामित्व के मूल्य का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो कैश में रूपान्तरित किये जा सकें (यद्यपि, कैश स्वयं एक परिसम्पत्ति मानी जाती है)। परिसम्पत्ति से आशय उद्यम के आर्थिक स्रोत से है जिन्हें मुद्रा में व्यक्त किया जा सकता है, जिनका मूल्य होता है और जिनका उपयोग व्यापर के संचालन व आय अर्जन के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, मशीन, भूमि, भवन, ट्रक, आदि। .

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पश्चिमी एशिया

पश्चिमी एशिया, या दक्षिण पश्चिम एशिया, शब्दावली का प्रयोग एशिया के सुदूर पश्चिमी भाग का वर्णन करने के लिए किया जाता है। यह शब्द आंशिक रूप से मध्य पूर्व (Middle East) का समानार्थी ही है, जो कि (मध्य पूर्व) एशिया के भीतर अपनी स्थिति के बजाय पश्चिमी यूरोप के साथ भौगोलिक स्थिति के सम्बन्ध का वर्णन करता है। .

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पापुआ न्यू गिनीयाई किना

किना (कूट: PGK) पापुआ न्यू गिनी की मुद्रा है। यह १०० टोएआ में विभाजित है। किना को ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के स्थान पर १९ अप्रैल १९७५ को पापुआ न्यू गिनी की मुद्रा के रूप में स्वीकार किया गया। किना शब्द तोलाई क्षेत्र की तोलाई भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ मोती के खोल से है जिसका देश के तटीय व मुख्यभूमि दोनों क्षेत्रों में व्यापक रूप से व्यापर किया जाता है।.

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पाकिस्तानी रुपया

रुपया पाकिस्तान की मुद्रा है जो स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित एवं संचालित होता है। श्रेणी:पाकिस्तान श्रेणी:मुद्रा.

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पंचमकार

पंचमकार तंत्र से सम्बन्धित शब्द है जिसका अर्थ 'म से आरम्भ होने वाली पाँच वस्तुएँ' है, ये पाँच वस्तुएँ तांत्रिक साधना में उपयोग में लायी जाती हैं-.

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पुर्तगाल

पुर्तगाली गणराज्य यूरोप खंड में स्थित देश है। यह देश स्पेन के साथ आइबेरियन प्रायद्वीप बनाता है। इस राष्ट्र का भाषा पुर्तगाली भाषा है। इस राष्ट्र का राजधानी लिस्बन है। पुर्तगाली नाविक वास्को द गामा ने 1498 AD में भारत के समुद्री मार्ग की खोज की थी। .

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प्रचलित मुद्राओं की सूची

यहाँ विभिन्न देशों में प्रचलित मुद्राओं की सूची दी गयी है। मुद्रा, विनिमय की इकाई है। यह एक तरह से धन है क्योंकि यह विनिमय का माध्यम भी है। .

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प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी के साधन

यों तो भारत के प्राचीन साहित्य तथा दर्शन के संबंध में जानकारी के अनेक साधन उपलब्ध हैं, परन्तु भारत के प्राचीन इतिहास की जानकारी के साधन संतोषप्रद नहीं है। उनकी न्यूनता के कारण अति प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं शासन का क्रमवद्ध इतिहास नहीं मिलता है। फिर भी ऐसे साधन उपलब्ध हैं जिनके अध्ययन एवं सर्वेक्षण से हमें भारत की प्राचीनता की कहानी की जानकारी होती है। इन साधनों के अध्ययन के बिना अतीत और वर्तमान भारत के निकट के संबंध की जानकारी करना भी असंभव है। प्राचीन भारत के इतिहास की जानकारी के साधनों को दो भागों में बाँटा जा सकता है- साहित्यिक साधन और पुरातात्विक साधन, जो देशी और विदेशी दोनों हैं। साहित्यिक साधन दो प्रकार के हैं- धार्मिक साहित्य और लौकिक साहित्य। धार्मिक साहित्य भी दो प्रकार के हैं - ब्राह्मण ग्रन्थ और अब्राह्मण ग्रन्थ। ब्राह्मण ग्रन्थ दो प्रकार के हैं - श्रुति जिसमें वेद, ब्राह्मण, उपनिषद इत्यादि आते हैं और स्मृति जिसके अन्तर्गत रामायण, महाभारत, पुराण, स्मृतियाँ आदि आती हैं। लौकिक साहित्य भी चार प्रकार के हैं - ऐतिहासिक साहित्य, विदेशी विवरण, जीवनी और कल्पना प्रधान तथा गल्प साहित्य। पुरातात्विक सामग्रियों को तीन भागों में बाँटा जा सकता है - अभिलेख, मुद्राएं तथा भग्नावशेष स्मारक। अधोलिखित तालिका इन स्रोत साधनों को अधिक स्पष्ट करती है-.

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पोलैंड

पोलैंड आधिकारिक रूप से पोलैंड गणराज्य एक मध्य यूरोप राष्ट्र है। पोलैंड पश्चिम में जर्मनी, दक्षिण में चेक गणराज्य और स्लोवाकिया, पूर्व में युक्रेन, बेलारूस और लिथुआनिया एवं उत्तर में बाल्टिक सागर व रूस के कालिनिनग्राद ओब्लास्ट के द्वारा घिरा हुआ है। पोलैंड का कुल क्षेत्रफ़ल ३ लगभग लाख वर्ग कि.मि. (1.20 लाख वर्ग मील) है, जिससे ये दुनिया का ६९वां व युरोप का ९वां विशालतम राष्ट्र बन जाता है। लगभग 4 करोड़ की जनसंख्या के साथ यह दुनिया का ३३वां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाता है। एक राष्ट्र के रूप में पोलैंड की स्थापना को इसके शासक मिस्जको प्रथम द्वारा ९६६ इसवी में इसाई धर्म को राष्ट्रधर्म बनाने के साथ जोड़ कर देखा जाता है। तत्कालीन समय में पोलैंड का आकार वर्तमान पोलैंड के जैसा ही था। १०२५ में पोलैंड राजाओं के अधीन आया और १५६९ में पोलैंड ने लिथुआनिया के ग्रैंड डचि के साथ मिलकर पोलिश-लिथुआनियन कामनवेल्थ की स्थापना करते हुए एक लंबे रिश्ते की नींव डाली। ये कामनवेल्थ १७९५ में तोड़ दिया गया और पोलैंड को आस्ट्रिया, रूस और प्रुसिया के बीच बांट लिया गया। पोलैंड ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद १९१८ में अपनी स्वाधीनता पुनः हसिल की मगर द्वितीय विश्वयुद्ध के समय फ़िर से पराधीन होकर नाजी जर्मनी और सोवियत संघ के अधीन चला गया। द्वितीय विश्वयुद्ध में पोलैंड ने अपने साठ लाख नागरिकों को खो दिया। कई साल बाद पोलैंड रूस से प्रभावित एक साम्यवादी गणराज्य के रूप में ईस्टर्न ब्लॉक में उभरा। १९८९ में साम्यवादी शासन का पतन हुआ और पोलैंड एक नये राष्ट्र के रूप में उभरा जिसे सांविधानिक तौर पे "तृतीय पोलिश गणतंत्र" कहा जाता है। पोलैंड एक स्वयंशासित स्वतंत्र राष्ट्र है जो कि सोलह अलग-अलग वोइवोदेशिप या राज्यों (पोलिश: वोयेवुद्ज़त्वो) को मिलाकर गठित हुआ है। पोलैंड यूरोपीय संघ, नाटो एवं ओ.ई.सि.डी का सदस्य राष्ट्र है। .

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फ्रांस की रूपरेखा

निम्नलिखित रूपरेखा, फ्रांस का एक अवलोकन और सामयिक गाइड के रूप में है: फ़्रांस – पश्चिमी यूरोप में कई विदेशी क्षेत्रों और क्षेत्रों के साथ एक देश है। मेट्रोपॉलिटन फ्रांस भूमध्य सागर से अंग्रेजी चैनल और उत्तरी सागर तक और राइन से अटलांटिक महासागर तक फैला हुआ है। इसके आकार से, इसे अक्सर फ्रेंच में 'षट्कोण' ("द हेक्सागोन") के रूप में जाना जाता है। .

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बचाव (वित्त)

वित्त में बचाव, किसी व्यक्ति के ऋण जोखिम को कम करने के उद्देश्य से बाज़ार में स्थापित एक ऐसी स्थिति है, जो अवांछित जोखिम के प्रति, अन्य बाज़ार की किसी प्रतिकूल स्थिति में मूल्यों के उतार-चढ़ाव के मामले में, ऋण जोखिम के प्रति-संतुलन का प्रयास है। इसे हासिल करने के लिए बीमा पॉलिसी, वायदा संविदा, विनिमय, विकल्प संविदा, काउंटर पर कई तरह से शेयरों की ख़रीद-बिक्री और व्युत्पन्न उत्पाद और संभवतः सबसे लोकप्रिय भावी संविदाएं जैसे कई विशिष्ट वित्तीय साधन मौजूद हैं। 1800 के दशक में कृषि पण्य क़ीमतों में पारदर्शी, मानक और कुशल बचाव-व्यवस्था को अनुमत करने के लिए सार्वजनिक वायदा सट्टा बाज़ार स्थापित किए गए; अब इनमें ऊर्जा, बहुमूल्य धातु, विदेशी-मुद्रा के मूल्यों, तथा ब्याज दर उतार-चढ़ाव के लिए बचाव-व्यवस्था हेतु भावी संविदाओं को शामिल करने के लिए, इन्हें विस्तृत किया गया। .

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बांग्ला भाषा आन्दोलन

२१ फ़रवरी १९५२ को ढाका में आयोजित विशाल प्रदर्शन २१ फरवरी १९५३ को ढाका विश्वविद्यालय की छात्राएँ बांग्ला भाषा के लिये शान्तिपूर्ण मार्च करते हुए बांग्ला भाषा आन्दोलन (१९५२) तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में संघटित एक सांस्कृतिक एवं राजनैतिक आन्दोलन था। इसे 'भाषा आन्दोलन' भी कहते हैं। आन्दोलन की मांग थी कि बांग्ला भाषा को पाकिस्तान की एक आधिकारिक भाषा की मान्यता दी जाय तथा इसका उपयोग सरकारी कामकाज में, शिक्षा के माध्यम के रूप में, संचार माध्यमों में, मुद्रा तथा मुहर आदि पर जारी रखी जाय। इसके अलावा यह भी मांग थी कि बांग्ला भाषा को बांग्ला लिपि में ही लिखना जारी रखा जाय। यह आन्दोलन अन्ततः बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में परिणित हो गया। १९७१ में इसी के चलते भारत और पाकिस्तान में युद्ध हुआ और बांग्लादेश मुक्त हुआ। बांग्लादेश में २१ फ़रवरी को 'भाषा आन्दोलन दिवस' के रूप में याद किया जाता है तथा इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इस आन्दोलन तथा इसके शहीदों की स्मृति में ढाका मेडिकल कॉलेज के निकट 'शहीद मिनार' का निर्माण किया गया। .

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बिस्मार्क

250px ओटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क (1 अप्रैल 1815 - 30 जुलाई 1898), जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर तथा तत्कालीन यूरोप का प्रभावी राजनेता था। वह 'ओटो फॉन बिस्मार्क' के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। उसने अनेक जर्मनभाषी राज्यों का एकीकरण करके शक्तिशाली जर्मन साम्राज्य स्थापित किया। वह द्वितीय जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर बना। वह "रीअलपालिटिक" की नीति के लिये प्रसिद्ध है जिसके कारण उसे "लौह चांसलर" के उपनाम से जाना जाता है। वह अपने युग का बहुत बड़ा कूटनीतिज्ञ था। अपने कूटनीतिक सन्धियों के तहत फ्रांस को मित्रविहीन कर जर्मनी को यूरोप की सर्वप्रमुख शक्ति बना दिया। बिस्मार्क ने एक नवीन वैदेशिक नीति का सूत्रपात किया जिसके तहत शान्तिकाल में युद्ध को रोकने और शान्ति को बनाए रखने के लिए गुटों का निर्माण किया। उसकी इस 'सन्धि प्रणाली' ने समस्त यूरोप को दो गुटों में बांट दिया। .

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बौद्ध धर्म एवं हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म दोनों ही प्राचीन धर्म हैं और दोनों ही भारतभूमि से उपजे हैं। हिन्दू धर्म के वैष्णव संप्रदाय में गौतम बुद्ध को दसवाँ अवतार माना गया है हालाँकि बौद्ध धर्म इस मत को स्वीकार नहीं करता। ओल्डेनबर्ग का मानना है कि बुद्ध से ठीक पहले दार्शनिक चिंतन निरंकुश सा हो गया था। सिद्धांतों पर होने वाला वाद-विवाद अराजकता की ओर लिए जा रहा था। बुद्ध के उपदेशों में ठोस तथ्यों की ओर लौटने का निररंतर प्रयास रहा है। उन्होंने वेदों, जानवर बलि और इश्वर को नकार दिया। भुरिदत जातक कथा में ईश्वर, वेदों और जानवर बलि की आलोचना मिलती है। बौद्धधर्म भारतीय विचारधारा के सर्वाधिक विकसित रूपों में से एक है और हिन्दुमत (सनातन धर्म) से साम्यता रखता है। हिन्दुमत के दस लक्षणों यथा दया, क्षमा अपरिग्रह आदि बौद्धमत से मिलते-जुलते है। यदि हिन्दुमत में मूर्ति पूजा का प्रचलन है तो बौद्ध मन्दिर भी मूर्तियों से भरे पड़े हैं। भारतीय कर्मकाण्ड में मन्त्र-तंत्र का प्रचलन है तो बौद्ध मत में भी तन्त्र-मन्त्र का विशेष महत्व है। प्रसिद्ध अंग्रेज यात्री डाॅ.

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बैंक के नोट

बारहवीं शती में चीन में नोट छापने का तांबे की प्लेट तथा उसके द्वारा छपी नोट सन् १९४७ में १०० रूबल का नोट तकनीकी रूप से बैंक के नोट या केवल नोट एक बैंक द्वारा की गयी घोषणा है। इसमें बैंक घोषणा करता है कि मांगे जाने पर, बैंक उस नोट के धारक को उस नोट के मूल्य के बराबर धनराशि देने का वचन देता है। इसका उपयोग धन (money) के रूप में होता है। सिक्के और बैंकनोट आधुनिक युग में धन के नकदी (कैश) रूप हैं जो लेकर चलने, सुरक्षित रखने, व्यवहार आदि में अत्यन्त सुविधाजनक हैं। किसी देश के सामाजिक-आर्थिक दर्पण में रूप में मुद्रा उसकी सांस्कृतिक धरोहर का एक आंतरिक संधटक होती है। भारत सिक्का जारी करनेवाला विश्व का सबसे प्राचीनतम देश है और इतिहास में दर्ज कई प्रकार के मौद्रिक प्रयोगों की भूमि रहा है। .

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बोरोबुदुर

बोरोबुदुर विहार अथवा बरबुदुर इंडोनेशिया के मध्य जावा प्रान्त के मगेलांग नगर में स्थित 750-850 ईसवी के मध्य का महायान बौद्ध विहार है। यह आज भी संसार में सबसे बड़ा बौद्ध विहार है। छः वर्गाकार चबूतरों पर बना हुआ है जिसमें से तीन का उपरी भाग वृत्ताकार है। यह २,६७२ उच्चावचो और ५०४ बुद्ध प्रतिमाओं से सुसज्जित है। इसके केन्द्र में स्थित प्रमुख गुंबद के चारों और स्तूप वाली ७२ बुद्ध प्रतिमायें हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा और विश्व के महानतम बौद्ध मन्दिरों में से एक है। इसका निर्माण ९वीं सदी में शैलेन्द्र राजवंश के कार्यकाल में हुआ। विहार की बनावट जावाई बुद्ध स्थापत्यकला के अनुरूप है जो इंडोनेशियाई स्थानीय पंथ की पूर्वज पूजा और बौद्ध अवधारणा निर्वाण का मिश्रित रूप है। विहार में गुप्त कला का प्रभाव भी दिखाई देता है जो इसमें भारत के क्षेत्रिय प्रभाव को दर्शाता है मगर विहार में स्थानीय कला के दृश्य और तत्व पर्याप्त मात्रा में सम्मिलित हैं जो बोरोबुदुर को अद्वितीय रूप से इंडोनेशियाई निगमित करते हैं। स्मारक गौतम बुद्ध का एक पूजास्थल और बौद्ध तीर्थस्थल है। तीर्थस्थल की यात्रा इस स्मारक के नीचे से आरम्भ होती है और स्मारक के चारों ओर बौद्ध ब्रह्माडिकी के तीन प्रतीकात्मक स्तरों कामधातु (इच्छा की दुनिया), रूपध्यान (रूपों की दुनिया) और अरूपध्यान (निराकार दुनिया) से होते हुये शीर्ष पर पहुँचता है। स्मारक में सीढ़ियों की विस्तृत व्यवस्था और गलियारों के साथ १४६० कथा उच्चावचों और स्तम्भवेष्टनों से तीर्थयात्रियों का मार्गदर्शन होता है। बोरोबुदुर विश्व में बौद्ध कला का सबसे विशाल और पूर्ण स्थापत्य कलाओं में से एक है। साक्ष्यों के अनुसार बोरोबुदुर का निर्माण कार्य ९वीं सदी में आरम्भ हुआ और १४वीं सदी में जावा में हिन्दू राजवंश के पतन और जावाई लोगों द्वारा इस्लाम अपनाने के बाद इसका निर्माण कार्य बन्द हुआ। इसके अस्तित्व का विश्वस्तर पर ज्ञान १८१४ में सर थॉमस स्टैमफोर्ड रैफल्स द्वारा लाया गया और इसके इसके बाद जावा के ब्रितानी शासक ने इस कार्य को आगे बढ़ाया। बोरोबुदुर को उसके बाद कई बार मरम्मत करके संरक्षित रखा गया। इसकी सबसे अधिक मरम्मत, यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्द करने के बाद १९७५ से १९८२ के मध्य इंडोनेशिया सरकार और यूनेस्को द्वारा की गई। बोरोबुदुर अभी भी तिर्थयात्रियों के लिए खुला है और वर्ष में एक बार वैशाख पूर्णिमा के दिन इंडोनेशिया में बौद्ध धर्मावलम्बी स्मारक में उत्सव मनाते हैं। बोरोबुदुर इंडोनेशिया का सबसे अधिक दौरा किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। .

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भरतपुरा

भरतपुरा गांव में प्रवेश करते ही दूर-दूर तक हरे-भरे खेत दिखाई देते है और उन्हीं के बीच एक ऊंचे टीले पर सरकारी सुरक्षा गार्डो से घिरी लाइब्रेरी की इमारत नजर आती है। लाइब्रेरीके साथ-साथ भरतपुरा का ऐतिहासिक महत्व है। लाइब्रेरी के संस्थापक गोपाल नारायण सिंह के पूर्वज राजा कान्हचन्द अपने वक्त के बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति थे।राजा गुलालचन्द राजा कांचन के दत्तक पुत्र थें। उनका परिवार महाराष्ट्र से चलकर बिहार में आकर बस गया था। यह मुगल बादशाह शाहजहां का वक्त था। बादशाह के यहां उनकी अच्छी प्रतिष्ठा थी। बाद में मुगल बादशाह फारूखशियर और शाह आलम ने फरमान के जरिए राजा गुलालचन्द को राजा साहब का खिताब दिया। उन्हीं के पुत्र राजा भरत सिंह ने रामपुर मोहकम में एक किला बनवाया जो कालान्तर में भरतपुरा गढ़ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। पुस्तकालय की नींव 19वी सदी के उत्तरार्ध में राजा गुलाल नारायण सिंह ने रखी। बाद में 12 दिसंबर 1912 को उनके पुत्र बाबू गोपाल नारायण सिंह ने इसकी विधिवत स्थापना की। यह गुलामी के दिन थे। शिक्षा का घोर अभाव था। ऐसे समय में इस पुस्तकालय की स्थापना एक बड़ी घटना थी। पुस्तकालय का उदघाटन तत्कालीन जिलाधीश डब्लू.डी.आर.

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारतीय रुपया

भारतीय रुपया (प्रतीक-चिह्न: 8px; कोड: INR) भारत की राष्ट्रीय मुद्रा है। इसका बाज़ार नियामक और जारीकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक है। नये प्रतीक चिह्न के आने से पहले रुपये को हिन्दी में दर्शाने के लिए 'रु' और अंग्रेजी में Re.

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भारतीय सिक्के

शेर शाह सूरी (१५४०-१५४५) द्वारा प्रचालित सिक्के भारत में सिक्के ढालने का एकमात्र अधिकार भारत सरकार को है। सिक्का निर्माण का दायित्व समय-समय पर यथासंशोधित सिक्का निर्माण अधिनियम, 1906 के अनुसार भारत सरकार का है। विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों के अभिकल्प तैयार करने और उनकी ढलाई करने का दायित्व भी भारत सरकार का है। सिक्कों की ढलाई भारत सरकार के चार टकसालों यथा मुंबई, अलीपुर (कोलकाता), सैफाबाद (हैदराबाद), चेरियापल्ली (हैदराबाद) और नोयडा (उ.प्र.) में की जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुसार परिचालन के लिए सिक्के भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से जारी किए जाते हैं। .

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भारतीय सुसंगत विवाह

सुसंगत विवाह दक्षिण एशियाई समाज में प्रचलित पारंपरिक विवाह है। विशेष रूप से भारत मे यह एक परंपरा के रूप में प्रचलित है। यह विवाह, भारतीय समाज का एक अभिन्न भाग रहा है। इस विवाह की शुरुवात भारतीय उपमहाद्वीप में प्रमुखता से बड़ी है जब वैदिक धर्म धीरे-धीरे शास्त्रीय हिंदु धर्म काफी हद तक अन्य विकल्प है कि एक बार फिर प्रमुख थे विस्थापित करने के लिए रास्ता दे दिया माना जाता है। इस विवाह की व्यवस्था मे शामिल माता-पिता, मैच बनाने एजेंटों, वैवाहिक साइटों या एक विश्वसिनीया तृतीय पक्ष हो सकता है। वास्तव मे मैच बनाने का कार्य काफी पुजारियों, धार्मिक नेताओ, भरोसेमन रिश्तेदारी, परिवार, दोस्तों आदि के द्वारा किया जाता है। .

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मध्य पूर्व

मध्य पूर्व का राजनीतिक नक्शा मध्य पूर्व (या पूर्व में ज्यादा प्रचलित पूर्व के करीब (Near East)) दक्षिण पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्वी यूरोप और उत्तरी पूर्वी अफ़्रीका में विस्तारित क्षेत्र है। इसकी कोई स्पष्ट सीमा रेखा नहीं है, अक्सर इस शब्द का प्रयोग पूर्व के पास (Near East) के एक पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता, ठीक सुदूर पूर्व (Far East) के विपरित। मध्य पूर्व शब्द का प्रचलन १९०० के आसपास के यूनाइटेड किंगडम में शुरू हुआ। .

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मंगोलियाई तोगरोग

तोगरोग या तुगरिक (ᠲᠥᠭᠥᠷᠢᠭ, төгрөг, तोगरोग; चिह्न: ₮; कूट: MNT) मंगोलिया की आधिकारिक मुद्रा है। प्राचीन काल में यह १०० मोंगो (мөнгө) में विभाजित था। इस मुद्रा में सबसे कम मूल्य का १०-तोगरोग का तथा सबसे अधिक २०,००० तोगरोग का नोट है। यूनिकोड में मुद्रा का चिह्न U+20AE ₮ Tugrik sign है। २०१० में तोगरोग का मूल्य डॉलर के मुकाबले १५% तक बढ़ गया था, क्योंकि मंगोलिया में खनन उद्योगों में भारी बढ़ोत्तरी हुई थी। परन्तु विदेशी निवेश तथा खनन उद्योगों से प्राप्त राजस्व में गिरावट के कारण इसकी विनिमय दर २०१३ के पूर्वार्द्ध से जून २०१४ के मध्य २४% तक घट गयी। .

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मुद्रा (करेंसी)

---- विभिन्न देशों की मुद्राएँ मुद्रा (currency, करन्सी) पैसे या धन के उस रूप को कहते हैं जिस से दैनिक जीवन में ख़रीद और बिक्री होती है। इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। आमतौर से किसी देश में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है। मसलन भारत में रुपया व पैसा मुद्रा है जिसके सिक्के व नोट भारतीय सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। भारत एक ऐसा देश है जहाँ रुपया का उन्मूलन हुआ है १९७८ में देश के प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे पहले देश में एक हजार का नोट बंद किया जिससे काला धन को साफ़ किया जा सके और २०१६ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ५०० और १००० के नोट बंद कर देश के धन का उन्मूलन किया। .

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मुद्रा वायदा

मुद्रा वायदा, जिसे एफएक्स फ़्यूचर (FX future) या विदेशी विनिमय (एक्सचेंज) भी कहते हैं, भविष्य में होनेवाले एक-दूसरे के साथ मुद्रा के विनिमय का एक ऐसा अनुबंध है, जो खरीदारी करने की तारीख़ पर, किसी निर्धारित तारीख़ और निर्धारित विनिमय दर (एक्सचेंज रेट) पर तय किया गया हो; विदेशी मुद्रा विनिमय व्युत्पन्न देखें.

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म्यान्मार क्यात

म्यान्मार क्यात म्यान्मार की मुद्रा का नाम है। इसे संक्षेप मे अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन के अक्षर "K" के माध्यम द्वारा लिखा जाता है, तथा इसे नोट के अंकीय मूल्य से पूर्व लिखा जाता है। उदाहरण के लिये ३५ क्यात को K ३५ से दर्शाया जाता है। श्रेणी:म्यान्मार.

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मौद्रिक नीति

जिस नीति के अनुसार किसी देश का मुद्रा प्राधिकारी मुद्रा की आपूर्ति का नियमन करता है उसे मौद्रिक नीति (Monetary policy) कहते हैं। इसका उद्देश्य राज्य का आर्थिक विकास एवं आर्थिक स्थायित्व सुनिश्चित करना होता है। मौद्रिक नीति के रूप में या तो एक विस्तारवादी नीति और अधिक तेजी से सामान्य से अर्थव्यवस्था में पैसे की कुल आपूर्ति बढ़ जाती है, और संकुचनकारी नीति सामान्य से अधिक धीरे धीरे पैसे की आपूर्ति बढ़ती है या यह भी सिकुड़ती जहां, विस्तार या संकुचनकारी होने के लिए जाना जाता है। विस्तारवादी नीति को पारंपरिक रूप से आसान ऋण विस्तार में व्यवसायों को लुभाने जाएगा कि उम्मीद में ब्याज दरों को कम करके एक मंदी के दौर में बेरोजगारी से निपटने के लिए प्रयास करने के लिए प्रयोग किया जाता है। संकुचनकारी नीति परिणामस्वरूप विकृतियों और परिसंपत्ति मूल्यों की गिरावट से बचने के लिए मुद्रास्फीति को धीमा करने का इरादा है। .

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युद्धरत साम्यवाद

बोल्शेविक क्रांति के पश्चात् रूसी गृह युद्ध के दौरान सोवियत शासन के द्वारा 1918-1921 के मध्य जो नीति तथा राजनैतिक एवं आर्थिक प्रणाली अपनायी गयी, उसे युद्धरत साम्यवाद (War Communism या military communism; रूसी: Военный коммунизм) के नाम से जाना जता है। इस काल में साम्यवादी आदर्शों के आधार पर व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास किया गया। युद्ध साम्यवाद के तहत भूमि, किसानों और जमींदारों से छीनकर राज्य की घोषित कर दी गई और फिर उसको किसानों में बांट दिया गया। सरकार ने किसानों से जबरन अनाज लेने की नीति अपनाई, अपने खाने लायक अनाज को छोड़कर बाकी संपूर्ण उत्पादन सरकार को देने के लिए किसान बाध्य था। अपने उत्पादन को बाजार में बेचने से रोकने के लिए श्रमजीवियों की सशस्त्र टुकड़ियों को किसानों के अनाजों को जब्त करने के लिए भेजा गया। अनाज संग्रह करने वाले को कठारे सजाएें दी गई। गृह युद्ध और बोल्शेविक सरकार की बलपूर्वक अनाज लेने की नीति के प्रति कृषकों के विरोध के कारण कृषि उत्पादन में भारी गिरावट आई। देश में भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई और अकाल पड़े। उद्योगों के संबंध में भी वोल्शेविक सरकार ने कठोर नीतियां लागू की। कारखानों पर सरकारी नियंत्रण स्थापित किया गया। कारखानों का समस्त उत्पादन सरकार ने अपने नियंत्रण में लेकर जनता को अपनी ओर से माल देना आरंभ किया। इस प्रकार निजी व्यापार भी बंद हो गया। बैंकिंग प्रणाली भी अव्यवस्थित हो गई, क्याेंकि सरकार ने वस्तु विनियम प्रणाली पर बल दिया। इसी प्रकार युद्ध साम्यवाद की शासन व्यवस्था को आतंक तथा स्वेच्छाचारिता से चलाया गया। इस शासन व्यवस्था में रूसी जनता को मिले कष्टों से रूस में असंतोष व्याप्त था जो एक के बाद एक कई कृषक विद्रोहों के रूप में सामने आया। इतना ही नहीं, नौसेनिकों ने भी विद्रोह किया। इस प्रकार गृह युद्ध एवं विश्वयुद्ध की हानियों के कारण पहले से ही जर्जर राष्ट्र को युद्ध साम्यवाद ने और भी ज्यादा दुष्प्रभावित किया। अतः लेनिन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए असंतोष के कारणों को दूर करने और रूस के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए युद्धरत साम्यवाद (आर्थिक क्रांति) के स्थान पर नई आर्थिक नीति लाई। .

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युग वर्णन

युग का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। उदाहरणः कलियुग, द्वापर, सत्ययुग, त्रेतायुग आदि। युग वर्णन का अर्थ होता है कि उस युग में किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन, आयु, ऊँचाई होती है एवं उनमें होने वाले अवतारों के बारे में विस्तार से परिचय दे। प्रत्येक युग के वर्ष प्रमाण और उनकी विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है: .

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यूरोपीय संघ

यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है। इसका अभ्युदय 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपिय आर्थिक परिषद के माध्यम से छह यूरोपिय देशों की आर्थिक भागीदारी से हुआ था। तब से इसमें सदस्य देशों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती रही और इसकी नीतियों में बहुत से परिवर्तन भी शामिल किये गये। 1993 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी। दिसम्बर 2007 में लिस्बन समझौता जिसके द्वारा इसमें और व्यापक सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु की गयी है। यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है एवं इसके कानून सभी सदस्य राष्ट्रों पर लागू होता है जो सदस्य राष्ट्र के नागरिकों की चार तरह की स्वतंत्रताएँ सुनिश्चित करता है:- लोगों, सामान, सेवाएँ एवं पूँजी का स्वतंत्र आदान-प्रदान.

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यूरोपीय संघ की मुद्राएँ

, यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों द्वारा आधिकारिक रूप से ग्यारह मुद्राएँ प्रयोग की जा रही हैं। अधिकांश सदस्य राष्ट्रों के लिये यूरो खाते हैं जबकि उनकी मौद्रिक नीतियाँ स्वतंत्र रूप से चलती हैं। जिन यूरोपीय संघ के राष्ट्रों ने इसे अपनाया है वे यूरोक्षेत्र कहलाते हैं, साथ ही उनका यूरोपीय केन्द्रीय बैंक (ईसीबी) में शेयर भी हैं। ईसीबी तथा यूरोपीय संघ के सभी राष्ट्रों के राष्ट्रीय बैंक यूरोपीय केन्द्रीय बैंक प्रणाली के भाग हैं, जिनमे वे राष्ट्र भी शामिल है जिनकी अपनी अलग मुद्राएँ हैं। .

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योगा फॉर यू

योगा फॉर यू एक लोकप्रिय भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जिसे वर्ष 2008 में अमेरिका में भी दिखाया गया था। यह कुछ प्राचीन भारतीय योग पद्धतियों का अपने कार्यक्रम में परिचय देता है जो कि एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और बनाए रखने में मदद करती हैं I इनमें शामिल हैं घरेलू उपचार, मर्म, आहार, योग और अन्य प्राचीन चिकित्सा के रहस्य। यह शो ज़ी टी वी यूएसए (USA) पर प्रसारित किया गया। .

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रुपए का इतिहास

भारतीय १० रुपये के नोटों की गड्डियां भारतीय १ रुपये का सिक्का भारत विश्व कि उन प्रथम सभ्यताओं में से है जहाँ सिक्कों का प्रचलन लगभग छठी सदी ईसापूर्व में शुरू हुआ। रुपए शब्द का अर्थ शब्द रूपा से जोड़ा जा सकता है जिसका अर्थ होता है चाँदी। संस्कृत में रूप्यकम् का अर्थ है चाँदी का सिक्का। रुपया शब्द सन 1540 - 1545 के बीच शेरशाह सूरी के द्वारा जारी किए गए चाँदी के सिक्कों लिए उपयोग में लाया गया। मूल रुपया चाँदी का सिक्का होता था, जिसका वजन 11.34 ग्राम था। यह सिक्का ब्रिटिश भारत के शासन काल में भी उपयोग मे लाया जाता रहा। बीसवीं सदी में फ़ारस की खाड़ी के देशों (खाड़ी देश) तथा अरब मुल्कों में भारतीय रुपया मुद्रा के तौर पर प्रचलित था। सोने की तस्करी को रोकने तथा भारतीय मुद्रा के बाहर में प्रयोग को रोकने के लिए मई १९५९ में भारतीय रिज़र्व बैंक ने गल्फ़ रुपी (खाड़ी रुपया) का विपणन किया। साठ के दशक में कुवैत तथा बहरीन ने अपनी स्वतंत्रता के बाद अपनी ख़ुद की मुद्रा प्रयोग में लानी शुरु की तथा १९६६ में भारतीय रुपये में हुए अवमूल्यन से बचने के लिए क़तर ने भी अपनी मुद्रा शुरु कर दी। .

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लघु वित्त

कंबोडिया में समुदाय-आधारित बचत बैंक. ग़रीबों की सेवा करने वाले विविध वित्तीय संस्थान हैं। व्यष्टि-वित्त का मतलब है, उपभोक्ताओं तथा स्व-नियोजित व्यक्तियों सहित निम्न आय वर्ग के ग्राहकों को वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना.

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शिवसंहिता

शिवसंहिता योग से सम्बन्धित संस्कृत ग्रन्थ है। इसके रचनाकार के नाम के बारे में पता नहीं है। इस ग्रन्थ में शिव जी पार्वती को सम्बोधित करते हुए योग की व्याख्या कर रहे हैं। योग से सम्बन्धित वर्तमान समय में उपलब्ध तीन मुख्य ग्रन्थों में से यह एक है।दो अन्य ग्रन्थ हैं - हठयोग प्रदीपिका तथा घेरण्ड संहिता। शिवसंहिता में ५ अध्याय हैं। प्रथम अध्याय अद्वैत वेदान्त को सार रूप में प्रस्तुत करता है। इस पर दक्षिणभारतीय श्रीविद्या सम्प्ररदाय का प्रभाव दिखता है। शेष अध्याय योग से सम्बन्धित हैं, गुरु का महत्व प्रदिपादित किया गया है, आसन, मुद्रा, तथा योग तथा तंत्र से प्राप्त होने वाली विभिन्न सिद्धियों की चर्चा है। .

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सात्राप

रुद्रदमन का सिक्का, जो पश्चिमी सात्राप कहलाने वाले गुजरात-राजस्थान क्षेत्र के शक राजाओं में से एक था सात्राप या क्षत्राप (फ़ारसी:, Satrap) प्राचीन ईरान के मीदि साम्राज्य और हख़ामनी साम्राज्य के प्रान्तों के राज्यपालों को कहा जाता था। इस शब्द का प्रयोग बाद में आने वाले सासानी और यूनानी साम्राज्यों ने भी किया। आधुनिक युग में किसी बड़ी शक्ति के नीचे काम करने वाले नेता को कभी-कभी अनौपचारिक रूप से 'सात्राप' कहा जाता है। किसी सात्राप के अधीन क्षेत्र को सात्रापी (satrapy) कहा जाता था।, Krishna Chandra Sagar, Northern Book Centre, 1992, ISBN 978-81-7211-028-4,...

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सिंगापुर डॉलर

सिंगापुर डॉलर (चिह्न: S$; कूट: SGD) सिंगापुर की आधिकारिक मुद्रा है। यह १०० सेण्ट में विभाजित है। इसे सामान्य रूप से $ चिह्न से अथवा अन्य डॉलर मुद्राओं से विभिन्नता दर्शाने के लिये S$ से प्रदर्शित किया जाता है। इसके नोट तथा सिक्के मॉनेटरी अथाॅरिटी ऑफ़ सिंगापुर द्वारा जारी किये जाते हैं। 2016 के अनुसार, सिंगापुर डॉलर विश्व की बारहवीं सबसे अधिक विनिमय होने वाली मुद्रा है। सिंगापुर डॉलर सिंगापुर के अलावा ब्रुनेई में भी प्रथागत निविदा के लिये मान्य है क्योंकि मॉनेटरी अथाॅरिटी ऑफ़ सिंगापुर तथा अथाॅरिटी मॉनेटरी ब्रुनेई दरुस्ल्लम के मध्य इस सम्बन्ध में मुद्रा विनिमय समझौता हुआ है। इसी प्रकार से ब्रुनेई डॉलर भी सिंगापुर में मुद्रा के रूप में मान्य है। .

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संचार

संचार प्रेषक का प्राप्तकर्ता को सूचना भेजने की प्रक्रिया है जिसमे जानकारी पहुंचाने के लिए ऐसे माध्यम (medium) का प्रयोग किया जाता है जिससे संप्रेषित सूचना प्रेषक और प्राप्तकर्ता दोनों समझ सकें यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिस के द्वारा प्राणी विभिन्न माध्यमों के द्वारा सूचना का आदान प्रदान कर सकते हैं संचार की मांग है कि सभी पक्ष एक समान भाषा का बोध कर सकें जिस का आदान प्रदान हुआ हो, श्रावानिक (auditory) माध्यम हैं (जैसे की) बोली, गान और कभी कभी आवाज़ का स्वर एवं गैर मौखिक (nonverbal), शारीरिक माध्यम जैसे की शारीरिक हाव भाव (body language), संकेत बोली (sign language), सम भाषा (paralanguage), स्पर्श (touch), नेत्र संपर्क (eye contact) अथवा लेखन (writing) का प्रयोग संचार की परिभाषा है - एक ऐसी क्रिया जिस के द्वारा अर्थ का निरूपण एवं संप्रेषण (convey) सांझी समझ पैदा करने का प्रयास में किया जा सके इस क्रिया में अंख्या कुशलताओं के रंगपटल की आवश्यकता है अन्तः व्यक्तिगत (intrapersonal) और अन्तर व्यक्तिगत (interpersonal) प्रक्रमण, सुन अवलोकन, बोल, पूछताछ, विश्लेषण और मूल्यांकनइन प्रक्रियाओं का उपयोग विकासात्मक है और जीवन के सभी क्षेत्रों के लिए स्थानांतरित है: घर, स्कूल, सामुदायिक, काम और परे.संचार के द्बारा ही सहयोग और पुष्टिकरण होते हैं संचारण विभिन्न माध्यमों द्बारा संदेश भेजने की अभिव्यक्ति है चाहे वह मौखिक अथवा अमौखिक हो, जब तक कोई विचारोद्दीपक विचार संचारित (transmit) हो भाव (gesture) क्रिया इत्यादि संचार कई स्तरों पर (एक एकल कार्रवाई के लिए भी), कई अलग अलग तरीकों से होता है और अधिकतम प्राणियों के लिए, साथ ही कुछ मशीनों के लिए भी.यदि समस्त नहीं तो अधिकतम अध्ययन के क्षेत्र संचार करने के लिए ध्यान के एक हिस्से को समर्पित करते हैं, इसलिए जब संचार के बारे में बात की जाए तो यह जानना आवश्यक है कि संचार के किस पहलू के बारे में बात हो रही है। संचार की परिभाषाएँ श्रेणी व्यापक हैं, कुछ पहचानती हैं कि पशु आपस में और मनुष्यों से संवाद कर सकते हैं और कुछ सीमित हैं एवं केवल मानवों को ही मानव प्रतीकात्मक बातचीत के मापदंडों के भीतर शामिल करते हैं बहरहाल, संचार आमतौर पर कुछ प्रमुख आयाम साथ में वर्णित है: विषय वस्तु (किस प्रकार की वस्तुएं संचारित हो रहीं हैं), स्रोत, स्कंदन करने वाला, प्रेषक या कूट लेखक (encoder) (किस के द्वारा), रूप (किस रूप में), चैनल (किस माध्यम से), गंतव्य, रिसीवर, लक्ष्य या कूटवाचक (decoder) (किस को) एवं उद्देश्य या व्यावहारिक पहलू.पार्टियों के बीच, संचार में शामिल है वेह कर्म जो ज्ञान और अनुभव प्रदान करें, सलाह और आदेश दें और सवाल पूछें यह कर्म अनेक रूप ले सकते है, संचार के विभिन्न शिष्टाचार के कई रूपों में से उस का रूप समूह संप्रेषण की क्षमता पर निर्भर करता हैसंचार, तत्त्व और रूप साथ में संदेश (message) बनाते हैं जो गंतव्य (destination) की ओर भेजा जाता हैलक्ष्य ख़ुद, दूसरा व्यक्ति (person) या हस्ती, दूसरा अस्तित्व (जैसे एक निगम या हस्ती के समूह) हो सकते हैं संचार प्रक्रियासूचना प्रसारण (information transmission) के तीन स्तरों द्वारा नियंत्रित शब्दार्थ वैज्ञानिक (semiotic) नियमों के रूप में देखा जा सकता है.

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संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द

हिन्दी भाषी क्षेत्र में कतिपय संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द प्रचलित हैं। जैसे- सप्तऋषि, सप्तसिन्धु, पंच पीर, द्वादश वन, सत्ताईस नक्षत्र आदि। इनका प्रयोग भाषा में भी होता है। इन शब्दों के गूढ़ अर्थ जानना बहुत जरूरी हो जाता है। इनमें अनेक शब्द ऐसे हैं जिनका सम्बंध भारतीय संस्कृति से है। जब तक इनकी जानकारी नहीं होती तब तक इनके निहितार्थ को नहीं समझा जा सकता। यह लेख अभी निर्माणाधीन हॅ .

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स्प्रेडशीट

स्प्रेडशीट एक कंप्यूटर अनुप्रयोग है जो कार्यपत्रक का हिसाब करने वाले एक कागज़ की नकल है। यह कई कक्षों को प्रदर्शित करता है जो एकसाथ मिलकर एक जाल बनाते हैं जिनमें पंक्तियां और स्तंभ शामिल होते हैं, प्रत्येक कक्ष में अल्फ़ान्यूमेरिक पाठ, संख्यात्मक मूल्य, या सूत्र शामिल होते हैं। एक सूत्र यह परिभाषित करता है कि उस कक्ष की अंतर्वस्तु की किसी अन्य कक्ष (या कक्षों के संयोजन) की अंतर्वस्तु से, जब भी कोई कक्ष अद्यतन किया जाता है तो कैसे गणना की जा सकती है। स्प्रेडशीट का इस्तेमाल वित्तीय जानकारी के लिए अक्सर किया जाता है इसका कारण है एक एकल कक्ष में बदले जाने के बाद भी संपूर्ण पत्रक की स्वतः ही पुन: गणना कर लेने की क्षमता.

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स्कॉट्लैण्ड

स्काटलैंड यूनाइटेड किंगडम का एक देश है। यह ग्रेट ब्रिटेन का उत्तरी भाग है। यह पहाड़ी देश है जिसका क्षेत्रफल ७८,८५० वर्ग किमी है। यह इंगलैंड के उत्तर में स्थित है। यहां की राजधानी एडिनबरा है। ग्लासगो यहाँ का सबसे बड़ा शहर है। स्कॉटलैण्ड की सीमा दक्षिण में इंग्लैंड से सटी है। इसके पूरब में उत्तरी सागर तथा दक्षिण-पश्चिम में नॉर्थ चैनेल और आयरिश सागर हैं। मुख्य भूमि के अलावा स्कॉटलैण्ड के अन्तर्गत ७९० से भी अधिक द्वीप हैं। यूँ तो स्कॉटलैंड यूनाइटेड किंगडम के अधीन एक राज्य है लेकिन यहाँ का अपना मंत्रिमंडल है। यहाँ की मुद्रा का रंग और उस पर बने चित्र भी लंदन के पौंड से कुछ अलग है। लेकिन उनकी मान्यता और मूल्य दोनों ही पौंड के समान है। यहाँ घूमने और लोगों से बात करने पर पता चलता है कि यहाँ के लोग इंग्लैंड सरकार से थोड़े से खफा रहते हैं। .

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सेण्ट (मुद्रा)

बहुत से देशों की राष्ट्रीय मुद्राओं की सेण्ट उप-इकाई है जो कि मूलभूत इकाई के १⁄१०० भाग के बराबर होती है। इसे सामान्य रूप से इसे तिरक्षे कटे हुये अंग्रेजी अक्षर "c" से (¢) से अथवा सामान्य "c" से प्रदर्शित किया जाता है। इस शब्द की उत्पत्ति लातिन भाषा के शब्द "सेण्टम" से हुई है, जिसका अर्थ सौ होता है। एक सेण्ट के सिक्के को भी सेण्ट कहते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में १¢ के सिक्के को सामान्य रूप से पेनी कहते हैं। कनाडा में २०१२ से १¢ के सिक्के मुद्रित नहीं हो रहे। श्रेणी:मुद्रा चिह्न.

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सोना

सोना या स्वर्ण (Gold) अत्यंत चमकदार मूल्यवान धातु है। यह आवर्त सारणी के प्रथम अंतर्ववर्ती समूह (transition group) में ताम्र तथा रजत के साथ स्थित है। इसका केवल एक स्थिर समस्थानिक (isotope, द्रव्यमान 197) प्राप्त है। कृत्रिम साधनों द्वारा प्राप्त रेडियोधर्मी समस्थानिकों का द्रव्यमान क्रमश: 192, 193, 194, 195, 196, 198 तथा 199 है। .

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हठयोग प्रदीपिका

हठयोगप्रदीपिका हठयोग से सम्बन्धित प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके रचयिता गुरु गोरखनाथ के शिष्य स्वामी स्वात्माराम थे। यह हठयोग के प्राप्त ग्रन्थों में सर्वाधिक प्रभावशाली ग्रन्थ है। हठयोग के दो अन्य प्रसिद्ध ग्रन्थ हैं - घेरण्ड संहिता तथा शिव संहिता। इस ग्रन्थ की रचना १५वीं शताब्दी में हुई। इस ग्रन्थ की कई पाण्डुलिपियाँ प्राप्त हैं जिनमें इस ग्रन्थ के कई अलग-अलग नाम मिलते हैं। वियना विश्वविद्यालय के ए सी वुलनर पाण्डुलिपि परियोजना के डेटाबेस के अनुसार इस ग्रंथ के निम्नलिखित नाम प्राप्त होते हैं- See, e.g., the work of the members of the Modern Yoga Research cooperative इसमें चार अध्याय हैं जिनमें आसन, प्राणायाम, चक्र, कुण्डलिनी, बन्ध, क्रिया, शक्ति, नाड़ी, मुद्रा आदि विषयों का वर्णन है। यह सनातन हिन्दू योगपद्धति का अनुसरण करती है और श्री आदिनाथ (भगवान शंकर) के मंगलाचरण से आरम्भ होती है। इसके चार उपदेशों ९अध्यायों) के नाम ये हैं-.

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हवन

हवन अथवा यज्ञ भारतीय परंपरा अथवा हिंदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है। कुण्ड में अग्नि के माध्यम से देवता के निकट हवि पहुँचाने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं। हवि, हव्य अथवा हविष्य वह पदार्थ हैं जिनकी अग्नि में आहुति दी जाती है (जो अग्नि में डाले जाते हैं).

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हैम्बर्ग

हैम्बर्ग हैमबुर्ग जर्मनी का एक प्रमुख नगर एवं बन्दरगाह है| एक समय यह हैमबूर्ग राज्य की राजधानी था। यहाँ की भूमि बड़ी उपजाऊ है। राई, जौ, गेहूँ तथा आलू की अच्छी फसलें होती हैं। हैमबूर्ग के अतिरिक्त बरगेडोर्फ (Bergedorf) और कुक्सहहैवन अन्य बड़े नगर हैं। हैमबूर्ग नगर समुद्र से १२० किमी अंदर एल्वे नदी की उत्तरी शाखा पर बर्लिन से २८५ किमी उत्तर पश्चिम में सपाट भूमि पर स्थित है। इस नगर में नहरों का जाल बिछा हुआ है। इसके बीच से ऐल्सटर नदी (Alster) भी बहती है जो इसे दो भागों में विभक्त करती है। छोटे भाग को बिनेन एल्सटर (Binnen alster) कहते हें। द्वितीय विश्वयुद्ध में बमबारी से इसे बहुत क्षति पहुँची थी परन्तु युद्ध के बाद नगर का पुर्ननिर्माण हो गया है। द्वितीय युद्ध के पहले यह कॉफी का बहुत बड़ा केंद्र था और यहाँ मुद्रा का भी विनिमय होता था। आजकल यहाँ से चीनी, कॉफी, ऊनी और सूती सामान, लोहे के सामान, तंबाकू, लोहे, अनाज और कॉफी के कच्चे माल मँगाए जाते हैं। जहाज निर्माण का अच्छा व्यवसाय होता है, जहाजों की मरम्मत भी होती है। यह बंदरगाह वर्ष भर खुला रहता है। यहाँ का विश्वविद्यालय सुप्रसिद्ध है। इसमें अनेक आधुनिक विषयों की पढ़ाई होती है। श्रेणी:जर्मनी के राज्य.

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हीनार्थ प्रबन्धन

हीनार्थ प्रबन्धन (Deficit Financing) जब सरकार का बजट घाटे का होता है, अर्थात आय कम होती है और व्यय के इस आधिक्य को केंद्रीय बैंक से ऋण लेकर अथवा अतिरिक्त पत्र मुद्रा निर्गमित कर पूरा किया जाता है,तो यह व्यवस्था घाटे की वित्त व्यवस्था अथवा हीनार्थ प्रबन्धन कहलाती है। सीमित मात्रा में ही इसे उचित माना जाता है,हीनार्थ प्रबन्धन को स्थायी नीति बना लेने के परिणाम अच्छे नहीं होते हैं। .

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जयसिंह द्वितीय (पश्चिमी चालुक्य)

जय सिंह द्वितीय से भ्रमित न हों। जयसिंह भी देखें। ---- पुरानी कन्नड में जयसिंह द्वितीय का एक अभिलेख जयसिंह द्वितीय (1015 - 1042), पश्चिमी भारत में प्रतीच्य चालुक्य राजवंश का राजा था। उसने "जगदेकमल्ल" की पदवी धारण की थी, इसलिए उसे जगदेकमल्ल प्रथम के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा उसे 'मल्लिकामोद' के नाम से भी जानते हैं। कल्याणि के चालुक्य घराने में विक्रमादित्य पंचम की मृत्यु के एक वर्ष के भीतर ही उसके दो छोटे भाई सिंहासन पर बैठे- अय्यन और उसके बाद जयसिंह द्वितीय। जयसिंह के विरुदों (पदवी) में 'जगदेकमल्ल' भी है और वह "जगदेकमल्ल प्रथम" के नाम से भी प्रसिद्ध है। जयसिंह का नाम सिंगदेव भी था और 'त्रैलोक्यमल्ल', 'मल्लिकामोद' और 'विक्रमसिंह' उसके दूसरे विरुद थे। जयसिंह द्वितीय का राज्यकाल सन् १०१५ से १०४३ ई. तक था। जयसिंह के राज्यकाल के पूर्वार्ध में अनेक युद्ध हुए। भोज परमार ने आक्रमण कर उत्तरी कोंकण की विजय कर ली थी और वह कोल्हापुर तक पहुँच गया था। उत्तर में उसकी दिग्विजय की योजनाएँ थी किन्तु उनके विषय में स्पष्टतः कुछ ज्ञात नहीं है। इन युद्धों में उसकी सफलता उसके सेनापति चावनरस, चट्टुग कदंब और कुंदमरस के कारण हुई थी। राजेन्द्र चोल प्रथम की व्यस्तता से लाभ उठाकर जयसिंह ने सत्याश्रय के समय चालुक्यों के विजित प्रदेशों को चोलों से फिर से लेने के लिए और वेंगि के सिंहासन पर चोल राजकन्या की संतान राजराज के स्थान पर अपने व्यक्ति को आसीन कराने का प्रयत्न किया। इन युद्धों में भी जयसिंह को अपने सेनापतियों के कारण प्रारंभ में सफलता प्राप्त हुई। उसने रायचूर द्वाब पर अधिकार कर लिया और उसकी सेना तुंगभद्रा पार करती हुई बेल्लारि और संभवत: गंगवाडि तक पहुँच तक गई थी। दूसरी ओर वेंगि में बेजवाड़ा पर उसकी सेना ने अधिकार कर लिया और राजराज दो-तीन वर्ष तक वेंगि के सिंहासन पर न बैठ सका। किंतु शीघ्र ही राजेंद्र चोल ने दोनों ही क्षेत्रों में विजय प्राप्त की। १०२२ ई. में राजराज का वेंगि के सिंहासन के लिये अभिषेक हुआ। दूसरी ओर राजेन्द्र की विजय करती हुई सेना का जयसिंह की सेना के साथ १०२०-२१ ई. में मुशंगि (मस्की) में घमासान युद्ध हुआ। विजय यद्यपि राजेंद्र की हुई और जयसिंह को युद्ध से भागना पड़ा किंतु शीघ्र ही दोनों राज्य की सीमा तुंगभद्रा बनी। जयसिंह के शासन के अंतिम २० वर्षों में उल्लेखनीय युद्ध नहीं हुआ। अभिलेखों से इस काल की शांत स्थिति का ज्ञान होता है। ऐसे तो कल्याणी, चालुक्य राज्य की राजधानी बन गई थी किंतु मान्यखेट का महत्व बना रहा। इसके अतिरिक्त कई उपराजधानियों के भी उल्लेख मिलते हैं यथा, एतगिरि, कोल्लिपाके होट्टलकेरे तथा घट्टदकेरे। उसके अधीन शासन करनेवाले कुछ सामंतों के नाम हैं, कुंदमरस, सत्याश्रय, षष्ठदेव कदंब, जगदेकमल्ल, नोलंब-पल्लव उदयादित्य, खेरस हैहय और नागादित्य सिंद। उसकी बहिन अक्कादेवी अपने पति मयूरवर्मन् के साथ बवासि, वेल्बोल और पुलिणेर पर राज्य करती थी। उसकी दो रानियों के नाम मालूम हैं- सुग्गलदेवी जिसके बारे में अनुश्रुति है कि उसने अपने जैन पति को शैव बनाया, और दूसरी नोलंब राजकुमारी देवलदेवी। उसकी पुत्री हंमा अथवा आवल्लदेवी का विवाह भिल्लम तृतीय से से हुआ था। जयसिंह के सोने के सिक्के दो शैलियों में मिलते हैं। उसके अभिलेख उस काल की शासन-व्यवस्था के ज्ञान के लिये महत्वपूर्ण हैं। एक अभिलेख में उल्लेख है कि उसने धर्मबोलल के सोलह सेट्टियों को छत्र, चामर और शासन देकर सम्मानित किया। पार्श्वनाथचरित और यशोधर चरित्र के रचयिता जैन विद्वान् वादिराज इसी के दरबार में थे। इनके मंत्री दुर्गसिंह ने कन्नड में पंचतंत्र नाम के चंपू की रचना की थी। श्रेणी: भारत का इतिहास श्रेणी: दक्षिण भारत का इतिहास.

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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जापानी येन

येन (संकेत: ¥ कोड;: JPY) जापान की मुद्रा है। यह अमेरिकी डॉलर और यूरो के बाद विदेशी मुद्रा बाजार में तीसरी सबसे बड़ी कारोबारी मुद्रा है। यह आरक्षित मुद्रा के रूप में भी अमेरिकी डॉलर, यूरो और पाउंड स्टर्लिंग के बाद व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है। .

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जाली मुद्रा

जाली मुद्रा (Counterfeit money) वह मुद्रा है जो राज्य या सरकार की अनुमति के बिना अवैध तरीके से बनायी एवं प्रचालित की जाती है। जाली मुद्रा, जितना सम्भव हो, वैध मुद्रा से मिलती-जुलती बनायी जाती है ताकि लोगों को इसके अवैध होने का आसानी से पता न चल सके। जाली मुद्रा बनाना एवं प्रचालित करना कपट या जालसाजी का एक रूप है। जाली मुद्रा बनाने (Counterfeiting) का इतिहास उतना ही पुराना है जितना स्वयं मुद्रा का इतिहास। .

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जॉर्ज सोरोस

जॉर्ज सोरोस (या, श्वार्ट्ज़ गियोर्गी, हंगरी में 12 अगस्त 1930 में जन्म) हंगरी-अमेरिकी मुद्रा सटोरिया, स्टॉक निवेशक, व्यापारी, जन-हितैषी और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। 1992 में UK मुद्रा संकट ब्लैक वेन्ज्डे के दौरान उनके एक बिलियन डॉलर बनाने के बाद वे "उस आदमी जिसने बैंक ऑफ इंग्लैंड को कड़का बना दिया" के रूप में जाने जाने लगे। सोरोस, सोरोस फंड मैनेजमेंट और ओपेन सोसाइटी इंस्टीच्यूट के अध्यक्ष हैं और काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स के निदेशक बोर्ड के पूर्व सदस्य हैं। हंगरी (1984-89) में, साम्यवाद से पूंजीवाद में संक्रमण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, और यूरोप में उच्च शिक्षा के लिए अब तक की सबसे बड़ी स्थायी निधि बुडापेस्ट में सेंट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी को प्रदान की है। बाद में जॉर्जिया के संगठन रोज रिवोल्यूशन की सफलता के लिए उनके कोष मुहैया कराए जाने को रूसी और पश्चिमी पर्यवेक्षकों द्वारा महत्वपूर्ण माना गया। संयुक्त राज्य अमेरिका में, 2004 में राष्ट्रपति जॉर्ज डबल्यू. बुश को उनके पुनर्निवार्चित होने के प्रयास को मात देने के अभियान के लिए चंदे में एक बड़ी रकम देने के लिए वे जाने जाते हैं। उन्होंने सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस को स्थापित करने में सहायता की। फेडरल रिजर्व के पूर्व अध्यक्ष पॉल वोल्कर ने 2003 में सोरोज के किताब द अल्केमी ऑफ फिनांस की प्रस्तावना में लिखा: खेल काफी बाक़ी होते हुए भी जार्ज सोरोस ने बहुत ही बुद्धिमानी से पूरी रकम निकाल कर एक बहुत ही सफल सटोरिये के रूप में पहचान बनाई है। उनकी विशाल जीत अब उत्साहवर्द्धक तरीके से संक्रमणकालीन और एक उभरते हुए राष्ट्र को ‘खुला समाज’, खुला वाणिज्य स्वतंत्रता के अर्थ में नहीं; बल्कि – इससे ज्यादा महत्वपूर्ण – नए विचारों और विभिन्न विचारधाराओं तथा व्यवहारों के प्रति सहिष्णु होने के अर्थ में, बनाने में समर्पित हो गयी। .

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घेरण्ड संहिता

महर्शि घेरण्ड की योग शिक्षा। घेरण्डसंहिता हठयोग के तीन प्रमुख ग्रन्थों में से एक है। अन्य दो गर्न्थ हैं - हठयोग प्रदीपिका तथा शिवसंहिता। इसकी रचना १७वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में की गयी थी। हठयोग के तीनों ग्रन्थों में यह सर्वाधिक विशाल एवं परिपूर्ण है। इसमें सप्तांग योग की व्यावहारिक शिक्षा दी गयी है। घेरण्डसंहिता सबसे प्राचीन और प्रथम ग्रन्थ है, जिसमे योग की आसन, मुद्रा, प्राणायाम, नेति, धौति आदि क्रियाओं का विशद वर्णन है। इस ग्रन्थ के उपदेशक घेरण्ड मुनि हैं जिन्होंने अपने शिष्य चंड कपालि को योग विषयक प्रश्न पूछने पर उपदेश दिया था। .

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वाणिज्यवाद

वाणिज्यवाद (Mercantilism) १६वीं से १८वीं शदी में यूरोप में प्रचलित एक आर्थिक सिद्धान्त तथा व्यवहार का नाम है जिसके अन्तर्गत राज्य की शक्ति बढाने के उद्देश्य से राष्ट्र की अर्थव्यवस्थाओं का सरकारों द्वारा नियंत्रन को प्रोत्साहन मिला। व्यापारिक क्रांति ने एक नवीन आर्थिक विचारधारा को जन्म दिया। इसका प्रारंभ सोलहवीं सदी में हुआ। इस नवीन आर्थिक विचारधारा को वाणिज्यवाद, वणिकवाद या व्यापारवाद कहा गया है। फ्रांस में इस विचारधारा को कोल्बर्टवाद और जर्मनी में केमरलिज्म कहा गया। 1776 ई. में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने भी अपने ग्रन्थ ‘द वेल्थ ऑफ नेशन्स' में इसका विवेचन किया है। .

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विदेशी मुद्रा बाज़ार

विदेशी मुद्रा बाजार, विश्व की मुद्राओं के क्रय-विक्रय (व्यापार) का बाजार है जो विकेन्द्रित, चौबीसों घंटे चलने वाला, काउन्टर पर किया जाने वाले (over the counter) कारोबार है। अन्य वित्तीय बाजारों की अपेक्षा यह बहुत नया है और पिछली शताब्दी में सत्तर के दशक में आरम्भ हुआ। फिर भी सम्पूर्ण कारोबार की दृष्टि से यह सबसे बड़ा बाजार है। विदेशी मुद्राओं में प्रतिदिन लगभग ४ ट्रिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य कामकाज होता है। अन्य बाजारों की तुलना में यह सबसे अधिक स्थायित्व वाला बाजार है। .

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विनिमय

विनिमय का अर्थ है किसी वस्तु के बदले किसी दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान करना। जब हम किसी वस्तु के बदले दूसरी वास्तु देते या प्राप्त करते हैं तो वह विनिमय कार्य कहलाता हैं। विनिमय को दो वर्गों में विभाजित किया गया हैं। विनिमय अर्थशास्त्र विषय की विषय सामग्री है। .

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विनिमय दर

विनिमय दर दो अलग अलग मुद्राओं की सापेक्ष कीमत होती है, अर्थात एक मुद्रा के पदों में दूसरी मुद्रा के मूल्य की माप है। किन्हीं दो मुद्राओं के मध्य विनिमय की दर उनकी पारस्परिक माँग(Demand) और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होती है। .

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विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य

यहाँ पर विभिन्न देशों के राष्ट्रीय ध्येयवाक्यों का संकलन है। ध्येयवाक्य देशों की मुद्राओं पर, बैंकनोटों आदि पर अंकित किया रहता है। .

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विमुद्रीकरण

विमुद्रीकरण एक आर्थिक गतिविधि है जिसके अंतर्गत सरकार पुरानी मुद्रा को समाप्त कर देती है और नई मुद्रा को चालू करती है। जब काला धन बढ़ जाता है और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन जाता है तो इसे दूर करने के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता है। जिनके पास काला धन होता है,वे उसके बदले में नई मुद्रा लेने का साहस नहीं जुटा पाते हैं और काला धन स्वयं ही नष्ट हो जाता है। इसका प्रयोग ८ नवम्बर २०१६ को भारत के प्रधानमंञी नरेंद्र मोदी किया गया है। इस दिन से पुराने ₹५०० और ₹१‍००० की मुद्रा बंद कर दिए और नए मुद्रा लाए। भारत के चौथ्‍ो प्रधानमंञी मोरारजी देसाई के द्वारा सन्र 1978 में सर्वप्रथम मुद्रा का विमुद्रीकरण किया गया जिसमे 1000 और 5000 के नोट बैंड करे थे। .

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व्यापार

उनीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पुणे के शनिवार पेठ का दृष्य व्यापार (Trade) का अर्थ है क्रय और विक्रय। दूसरे शब्दों में, एक व्यक्ति (या संस्था) से दूसरे व्यक्ति (या संस्था) को सामानों का स्वामित्व अन्तरण ही व्यापार कहलाता है। स्वामित्व का अन्तरण सामान, सेवा या मुद्रा के बदले किया जाता है। जिस नेटवर्क (संरचना) में व्यापार किया जाता है उसे 'बाजार' कहते हैं। आरम्भ में व्यापार एक सामान के बदले दूसरा सामान लेकर (वस्तु-विनिमय या बार्टर) किया जाता था। बाद में अधिकांश वस्तुओं के बदले धातुएँ, मूल्यवान धातुएँ, सिक्के, हुण्डी (bill) अथवा पत्र-मुद्रा से हुईँ। आजकल अधिकांश क्रय-विक्रय मुद्रा (मनी) द्वारा होता है। मुद्रा के आविष्कार (तथा बाद में क्रेडिट, पत्र-मुद्रा, अभौतिक मुद्रा आदि) से व्यापार में बहुत सरलता और सुविधा आ गयी। .

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खेचरी

खेचरी योगसाधना की एक मुद्रा है। इस मुद्रा में चित्त एवं जिह्वा दोनों ही आकाश की ओर केंद्रित किए जाते हैं जिसके कारण इसका नाम 'खेचरी' पड़ा है (ख .

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गंडभेरुंड

गंडभेरुंड गंडभेरुंड एक काल्पनिक पक्षी जिसका अंकन भारतीय कला में पाया जाता है। इसके एक धड़ गरुड़ के सदृश होता है। यह अपने दोनों चोंच तथा पंजे में हाथी दबोचे अंकित किया जाता है। इसका प्राचीनतम अंकन विजयनगर के आरंभकालिक कतिपय सिक्कों पर पाया जाता है दक्षिण के शैव मंदिरों में उत्सव मूर्तियों के रूप में गंडभेरुंड देखने में आता है। मैसूर रियासत के राजचिन्ह के रूप में इस प्रतीक का प्रयोग हुआ है। इस पक्षी के संबंध में जनश्रुति है कि हिरण्यकश्यप के मारने के पश्चात् भी जब नृसिंह का क्रोध शांत नहीं हुआ तब गंडभेरुंड उन्हें अपने पंजे में दबोच कर आकाश में ले उड़ा था। .

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गोरक्षशतक

गोरक्षशतक हठयोग का ग्रन्थ है। इसके रचयिता गुरु गोरखनाथ हैं। यह ग्रन्थ हठयोग का सम्भवतः सबसे प्राचीन उपलब्ध ग्रन्थ है। गोरक्षशतक में १०१ श्लोक हैं जिनमें आसन, प्राण-संरोध (प्राणायाम, मुद्रा तथा जपेदोंकार (ओंकार का जाप) का वर्णन है। इसके अलावा योग के 'कार्यिकी' के कुछ विषयों जैसे कण्ड, नाड़ी, चक्र, कुण्डलिनी आदि का वर्णन है। .

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आभासी मुद्रा

आभासी मुद्रा या कूटमुद्रा (क्रिप्टो-करेंसी) क्रिप्टोग्राफी प्रोग्राम पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी या ऑनलाइन मुद्रा है। यह पीयर-टू-पीयर कैश सिस्टम है। क्रिप्टो-करेंसी को डिजिटल वालेट में ही रखा जा सकता है। वास्तव में, क्रिप्टो-करेंसी के इस्तेमाल के लिये बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्थान की आवश्यकता नहीं होती। क्रिप्टोक्रुरेंसी मार्केट कैप 2018 में 1-2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। .

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आर्थिक नीति

आर्थिक नीति (Economic policy) से आशय उन सरकारी नीतियों से होता है जिनके द्वारा किसी देश के आर्थिक क्रियाकलापों का नियमन होता है। आर्थिक नीति के अन्तर्गत करों के स्तर निर्धारित करना, सरकार का बजट, मुद्रा की आपूर्ति, ब्याज दर के साथ-साथ श्रम-बाजार, राष्ट्रीय स्वामित्व, तथा अर्थव्यवस्था में सरकार के हस्तक्षेप के अनेकानेक क्षेत्र आते हैं। आर्थिक नीति का सम्बन्ध आर्थिक मामलों से सम्बन्धित कुछ निर्धारित परिणामों की प्राप्ति हेतु अपनाई गई कार्यविधि से होता है। आर्थिक नीति एक व्यापक नीति है और इसमें अनेक नीतियों का समावेश किया जाता है। सामाजिक विज्ञान के विश्वकोष के अनुसार, ‘‘आर्थिक नीति शब्द का प्रयोग आर्थिक क्षेत्र में सरकार की उन सभी क्रियाओं में सम्मिलित किया जा सकता है, जिनका सम्बन्ध उत्पादन, वितरण एवं उपयोग में जानबूझकर अथवा अधिक सरकारी हस्तक्षेप से होता है।’’ इस प्रकार आर्थिक नीति किसी सरकार का वह आर्थिक दर्शन और व्यापक शब्द है जिसके अन्तर्गत विभिन्न नीतियाँ, जैसे - कृषि नीति, औद्योगिक नीति, वाणिज्य नीति, राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति, नियोजन नीति, आय नीति, रोजगार नीति, परिवहन नीति एवं जनसंख्या नीति आदि सम्मिलित हैं, में समन्वय कर निर्धारित लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वह कदम उठाती है। .

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आर्थिक शब्दावली

; डिबेंचर यह एक ऋण का एक साधन है जिसके माध्यम से सरकार या कंपनियां धन जुटाती हैं। यह इक्विटी शेयरों से भिन्न होता है। डिबेंचर खरीदने वाला वास्तव में कर्जदाता होता है। डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी या संस्थान गिरवी के तौर पर कुछ नहीं रखती, खरीदार उनकी साख और प्रतिष्ठा को देखते हुए डिबेंचर खरीदते हैं। डीबेंचर जारी करने वाली कंपनी या संस्थान कर्जदाताओं (डिबेंचर खरीदने वालों को) निश्चित ब्याज देते हैं। कंपनियां शेयरधारकों को भले ही लाभांश नहीं दे लेकिन उसे कर्जदाताओं (डिबेंचरधारकों) को ब्याज देना ही होता है। सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला ट्रेजरी बॉन्ड या ट्रेजरी बिल आदि भी जोखिम रहित डिबेंचर ही होते हैं क्योंकि सरकार इस प्रकार के कर्ज चुकाने के लिए कर बढ़ा सकती है या अधिक नोटों का मुद्रण कर सकती है।; ऑफशोर फंड (Offshore Fund) जिस फंड के अंतर्गत म्युचुअल फंड कंपनियां विदेश से धन जुटा कर देश के भीतर विनियोजित करती हैं उसे ऑफशोर फंड कहते हैं।; वेंचर कैपिटल (Venture Capital) नये व्यवसाय की शुरुआत के लिए जुटाई जाने वाली पूंजी को वेंचर कैपिटल या साहस पूंजी या दायित्व पूंजी कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो निवेशकों द्वारा शुरु हो रही छोटी कंपनियों, भविष्य में जिनके विकास की प्रबल संभावना होती है, को उपलब्ध कराई जाने वाली पूंजी को वेंचर कैपिटल कहते हैं। कंपनियां ऐसी पूंजी जुटाने के लिए इक्विटी शेयर जारी करती हैं।; फॉरवर्ड सौदा (Forward Contract) नकदी बाजार (शेयरों के मामले में) या हाजिर बाजार (कमोडिटी के मामले में) में किया जाने वाला सौदा जिसका निपटारा भविष्य की एक निश्चित तारीख को सुपुर्दगी के साथ निपटाया जाता है।; डेरिवेटिव (Derivative) वैसी प्रतिभूति जिसका मूल्य उसके अंतर्गत एक या एक से अधिक परिसंपत्तियों के ऊपर निर्भर करता है या उनसे प्राप्त किया जाता है। डेरिवेटिव दो या दो से अधिक पक्षों के बीच किया जाने वाला करार है। इसका मूल्य निर्धारण उन परिसंपत्तियों के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव के आधार पर किया जाता है। आमतौर पर ऐसी परिसंपत्तियों में स्टॉक, बॉन्ड, जिन्स, मुद्राएं, ब्याज-दर और बाजार सूचकांक शामिल होते हैं। डेरिवेटिव का इस्तेमाल साधारणत: जोखिमों की हेजिंग के लिए किया जाता है लेकिन इसका प्रयोग सट्टेबाजी के उद्देश्य से भी किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर एक यूरोपियन निवेशक अमेरिकन कंपनी के शेयरों की खरीदारी अमेरिकन एक्सचेंज से (डॉलर का इस्तेमाल करते हुए) करता है। शेयर अपने पास रखते हुए उसे विनिमय दर का जोखिम बना रहता है। इस जोखिम की हेजिंग के लिए वह निवेशक विशेष विनिमय दर के मुताबिक डॉलर को यूरो में परिवर्तित करना चाहेगा। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वह मुद्रा की वायदा खरीद सकता है ताकि जब कभी वह अपना शेयर बेचे और मुद्रा को यूरो में परिवर्तित करे तो उसे विनिमय दर संबंधी हानि नहीं हो।;ओपेन एन्डेड फण्ड (Open Ended Fund) सतत खुली योजनाएंम्युचुअल फंडों की वैसी योजनाएं जिनकी कोई लॉक इन अवधि (वह पूर्व-निर्धारित अवधि जिससे पहले निवेश किए गए पैसों की निकासी की अनुमति नहीं होती है) नहीं होती है। इनके यूनिटों की खरीद-बिक्री तत्कालीन शुध्द परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) पर कभी भी की जा सकती है।; प्रतिभूतियां (Securities) प्रतिभूतियां लिखित प्रमाणपत्र होती हैं जो ऋण लेने के बदले दी जाती है। इनमें जारी करने के शर्र्तों एवं मूल्यों का उल्लेख होता है तथा इनका क्रय-विक्रय भी किया जाता है। सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला बॉन्ड, तरजीही शेयर, ऋण पत्र आदि प्रतिभूतियों की श्रेणी में आते हैं। प्रतिभूति शब्द का इस्तेमाल व्यापक तौर पर किया जाता है।; शेयर विभाजन (Stock Split) कोई कंपनी अपने महंगे शेयर को छोटे निवेशकों के लिए वहनीय बनाने और उसे आकर्षक बनाने के लिए शेयरों का विभाजन करती है। अगर कोई कंपनी अपने शेयरों का विभाजन 2:1 में करती है तो उसका मतलब होता है कि शेयरों की संख्या दोगुनी कर दी गई है और उसका मूल्य आधा कर दिया गया है।; मुद्रा का विनिमय मूल्य (Exchange Value of Money): जब देश की प्रचलित मुद्रा का मूल्य किसी विदेशी मुद्रा के साथ निर्धारित किया जाता है ताकि मुद्रा की अदला-बदली की जा सके तो इस मूल्य को मुद्रा का विनिमय मूल्य कहा जाता है। वह मूल्य दोनों देशों की मुद्राओं की आंतरिक क्रय शक्ति पर निर्भर करता है।; मुद्रास्फीति (Inflation): मुद्रास्फीति वह स्थिति है जिसमें मुद्रा का आंतरिक मूल्य गिरता है और वस्तुओं के मूल्य बढ़ते हैं। यानी मुद्रा तथा साख की पूर्ति और उसका प्रसार अधिक हो जाता है। इसे मुद्रा प्रसार या मुद्रा का फैलाव भी कहा जाता है।; मुदा अवमूल्यन (Money Devaluation): यह कार्य सरकार द्वारा किया जाता है। इस क्रिया से मुद्रा का केवल बाह्य मूल्य कम होता है। जब देशी मुद्रा की विनिमय दर विदेशी मुद्रा के अनुपात में अपेक्षाकृत कम कर दी जाती है, तो इस स्थिति को मुद्रा का अवमूल्यन कहा जाता है।; रेंगती हुई मुद्रास्फीति (Creeping Inflation): मुद्रास्फीति का यह नर्म रूप है। यदि अर्थव्यवस्था में मूल्यों में अत्यंत धीमी गति से वृद्धि होती है तो इसे रेंगती हुई स्फीति कहते हैं। अर्थशास्त्री इस श्रेणी में एक फीसदी से तीन फीसदी तक सालाना की वृद्धि को रखते हैं। यह स्फीति अर्थव्यवस्था को जड़ता से बचाती है।; रिकॉर्ड तारीख (Record List): बोनस शेयर, राइट शेयर या लाभांश आदि घोषित करने के लिए कंपनी एक ऐसी तारीख की घोषणा करती है जिस तारीख से रजिस्टर बंद हो जाएंगे। इस घोषित तारीख तक कंपनी के रजिस्टर में अंकित प्रतिभूति धारक ही वास्तव में धारक माने जाते हैं। इस तारीख को ही रेकॉर्ड तारीख माना जाता है।; रिफंड ऑर्डर (Refun Order): यदि किसी शेयर आवेदन पत्र पर शेयर आवंटन की कार्यवाही नहीं होती तो कंपनी को आवेदन पत्र के साथ संपूर्ण रकम वापस करनी होती है। रकम वापसी के लिए कंपनी जो प्रपत्र भेजती है उसे रिफंड ऑर्डर कहा जाता है। रिफंड ऑर्डर चेक, ड्राफ्ट या बैंकर चेक के रूप में होता है तथा जारीकर्ता बैंक की स्थानीय शाखा में सामान्यत: सममूल्य पर भुनाए जाते हैं।;लाभांश (Dividend): विभाजन योग्य लाभों का वह हिस्सा जो शेयरधारकों के बीच वितरित किया जाता है, लाभांश कहा जाता है। यह करयुक्त और करमुक्त दोनों हो सकता है। यह शेयरधारकों की आय है।;लाभांश दर (Dividend Rate): कंपनी के एक शेयर पर दी जाने वाली लाभांश की राशि को यदि शेयर के अंकित मूल्य के साथ व्यक्त किया जाए तो इसे लाभांश दर कहा जाता है। इसे अमूमन फीसदी में व्यक्त किया जाता है।;लाभांश प्रतिभूतियां (Dividend Securities): जिन प्रतिभूतियों पर प्रतिफल के रूप में निवेशक को लाभांश मिलता है, उन्हें लाभांश वाली प्रतिभूतियां कहा जाता है। जैसे समता शेयर, पूर्वाधिकारी शेयर।;शून्य ब्याज ऋणपत्र (Zero Rated Deventure) इस श्रेणी के डिबेंचरों या बॉन्डों पर सीधे ब्याज नहीं दिया जाता, बल्कि इन्हें जारी करते वक्त कटौती मूल्य पर बेचा जाता है और परिपक्व होने पर पूर्ण मूल्य पर शोधित किया जाता है। जारी करने के लिए निर्धारित कटौती मूल्य के अंतर को ही ब्याज मान लिया जाता है।.

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इण्डोनेशियाई रुपिया

रुपिया (Rp) इण्डोनेशिया की आधिकारिक मुद्रा है। इसका आईएसओ ४२१७ कोड IDR है तथा इसे बैंक इण्डोनेशिया द्वारा जारी किया जाता है। रुपिया एक शब्द भारतीय शब्द है जो कि संस्कृत भाषा के रूप्यकम् शब्द से लिया गया है। इण्डोनेशियाई लोग अनौपचारिक रूप से रुपिया के लिये "पेराक" शब्द का भी उपयोग करते हैं, जिसका अर्थ इण्डोनेशियाई भाषा में चांदी होता है। एक इण्डोनेशियाई रुपिया १०० सेन में विभाजित होता है, मगर महंगाई बढ़ने के कारण बैंक इण्डोनेशिया ने सारे सेन के नोट व सिक्के बंद कर दिये हैं। .

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कम्बोडियाई रिएल

रिएल (ख्मेर: រៀល; चिह्न: ៛; कूट: KHR) कम्बोडिया देश की मुद्रा है। अभी तक दो प्रकार की विभिन्न रिएल जारी हुई है, जिनमे पहली १९५३ से १९७५ के मध्य जारी हुई। १९७५ से १९८० के मध्य देश में कोई मौद्रिक नीति नहीं थी। वर्तमान रिएल २० मई १९८० को जारी हुई जो अब भी प्रचलन में है। इसके मुद्रा के बारे में यह मान्यता है कि इसका नाम मीकांग नदी की मछली रिएल (ख्मेर में "छोटी मछली") के नाम पर पड़ा है। हालाँकि अधिक मान्य मान्यता यह है कि इसका नाम का उद्भव मध्य १९वीं शताब्दी में मलय, भारतीय तथा चीनी व्यापारियों द्वारा उपयोग की जाने वाली उच्च मात्रा की मेक्सिकन रिएल मुद्रा से हुआ है। .

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कराटे

() यूक्यू द्वीप समूह में विकसित एक युद्धकला है जो अब ओकिनावा, जापान में है। इसका विकास देशी युद्ध पद्धति से हुआ था जिसे चीनी केम्पो कहते हैंओकिनवान कराटे का इतिहास कराटे एक प्रहार कला है जिसमें मुक्केबाजी, पाद प्रहार और घुटना प्रहार और मुक्त-हस्त प्रौद्योगिकी जैसे नाइफ-हैंड्स (कराटे चोप) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कुछ शैलियो में ग्रेपलिंग, लॉक्स, अटकाव, थ्रो और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रहार करना सिखाया जाता है अध्याय 9 में मोटोबु-यू और बुजेइकन, दो टी शैली के साथ ग्रेपलिंग और महत्वपूर्ण बिंदुओं में प्रहार तकनीक को बताया गया है। पृष्ठ 165, सेइटोकु हिगा: "एक प्रहार को निष्प्रभाव करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव, कलाई पर पकड़, ग्रेपलिंग, प्रहार और पाद प्रहार का प्रयोग एक सौम्य तरीका है।" एक कराटे अभ्यस्त कर्मी को कहा जाता है। 19 वीं शताब्दी में जापान द्वारा यूक्यु साम्राज्य को मिलाने से पहले यहां कराटे को विकसित किया गया था। जापानी और यूक्यूवांश के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के समय के दौरान 20वीं शताब्दी की प्रारम्भ में इसे जापान की मुख्य भूमि में शामिल किया गया था। 1922 में जापान के शिक्षा मंत्रालय ने गिचिन फुनाकोशी को कराटे के प्रदर्शन के लिए टोक्यो आमंत्रित किया था। 1924 में केइयो विश्वविद्यालय ने पहला विश्वविद्यालय कराटे क्लब की स्थापना की और 1932 तक प्रमुख जापानी विश्वविद्यालयों में कराटे क्लब खुल चुके थे। जापानी सैन्यवाद के इस बढ़ते युग में, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ओकिनावा संयुक्त राज्य सैन्य का एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया और वहां तैनात सैनिकों के बीच कराटे लोकप्रिय बन गया। 1960 और 1970 के दशक की फिल्मों के चलते मार्शल आर्ट की लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ और कराटे शब्द का प्रयोग सभी प्रहार-आधारित ओरिएंटल मार्शल आर्ट का उल्लेख करने के लिए एक सामान्य तरीके की शुरूआत की गई। उसके बाद दुनिया भर में कराटे स्कूल खुलने लगे थे और कम रूचि के साथ-साथ जो आर्ट का गहन अध्ययन करना चाहते थे, दोनों की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर स्कूलों को खोला गया। शोटोकोन डोजो के मुख्य प्रशिक्षक शिगेरु एगामी ने कहा कि "विदेशी देशों में कराटे के अनुयायी कराटे का अनुसरण केवल लड़ाई के तकनीक के लिए करते हैं।..फिल्म और टेलीविजन...कराटे को एक रहस्यमयी युद्ध शैली के रूप में दर्शाया गया है जिसमें बताया गया है कि उसमें एक घूंसा भी चोट या मौत का कारण बनने में सक्षम होता है।..

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काच (राजा)

काच सम्भवतः कोई गुप्त वंध का शासक था जिसका नाम भारत में प्राप्त कुछ स्वर्णमुद्रओं पर खुदा मिलता है। इन मुद्राओं पर सामने बाएँ हाथ में चक्रध्वज लिए खड़े राजा की आकृति मिलती है। उसके बाएँ हाथ के नीचे गुप्तकालीन ब्राह्मी लिपि में राजा का नाम 'काच' लिखा रहता है। मुद्रा पर वर्तुलाकार ब्राह्मी लेख 'काचो गामवजित्य दिवं कर्मभिरुत्तमै: जयति' मिलता है, जिसका अर्थ है 'पृथ्वी को जीतकर काच पुण्यकर्मों द्वारा स्वर्ग की विजय करता है।' सिक्के के पीछे लक्ष्मी की आकृति तथा 'सर्व्वराजोच्छेत्ता' (सब राजाओं को नष्ट करनेवाला) ब्राह्मी लेख रहता है। .

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कायोत्सर्ग

कायोत्सर्ग की खड़ी मुद्रा में भगवान बाहुबली कायोत्सर्ग (जैन प्रकृत: काउस्सग्ग) एक यौगिक ध्यान की मुद्रा का नाम है। अधिकांश तीर्थंकरों को कायोत्सर्ग या पद्मासन मुद्रा में ही दर्शाया जाता है| .

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अचल सम्पत्ति

घर, जमीन आदि सम्पत्तियाँ अचल सम्पत्ति (Immovable property) कहलाती हैं। इन्हें मुद्रा, सोना, एवं अन्य चल सम्पत्तियों की तरह एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरित नहीं किया जा सकता। इसे 'रीयल एस्टेट' या 'वास्तविक सम्पत्ति' भी कहते हैं। .

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अभयमुद्रा

अभयमुद्रा (भयरहित होने की मुद्रा) एक मुद्रा है जो भय से मुक्ति और सुरक्षा की भावना का द्योतक है। यह भारत के सभी प्राचीन धर्मों की मूर्तियों में देखने को मिलती है। इसमें दायें हाथ को ऊपर की ओर करके हथेली बार की ओर दर्शायी जाती है। यह सबसे प्राचीन मुद्राओं में से एक है। .

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अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था (Economy) उत्पादन, वितरण एवम खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है। यह किसी देश या क्षेत्र विशेष में अर्थशास्त्र का गतित चित्र है। यह चित्र किसी विशेष अवधि का होता है। उदाहरण के लिए अगर हम कहते हैं ' समसामयिक भारतीय अर्थव्यवस्था ' तो इसका तात्पर्य होता है। वर्तमान समय में भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों का वर्णन। अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र की अवधारणाओं और सिद्धांतों का व्यवहारिक कार्य रूप है। .

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अशाब्दिक संप्रेषण

अशाब्दिक संप्रेषण (non-verbal communication /NVC) से तात्पर्य सामान्यतः शब्द रहित संदेशों को भेजने एवं प्राप्त करने की संप्रेषण प्रक्रिया से है। अर्थात् भाषा ही संप्रेषण का एकमात्र माध्यम नहीं है, कुछ अन्य माध्यम भी हैं। इस प्रकार के संप्रेषण के लिए 'अवाचिक संप्रेषण', 'वाचेतर संपेष्रण'; 'अशाब्दिक संचार' आदि शब्दों का भी प्रयोग होता है। अशाब्दिक संप्रेषण को शारीरिक हाव-भाव एवं स्पर्श (हैपटिक संप्रेषण), शारीरिक भाषा एवं भावभंगिमा, चेहरे की अभिव्यक्ति या आँखों के संपर्क से भी संप्रेषित किया जा सकता है। एन वी सी (NVC) को वस्तु सामग्री संप्रेषण यथा - वस्त्र, बालों की स्टाइल या स्थापत्य, प्रतीकों व चित्रों के माध्यम से भी संप्रेषित किया जा सकता है। आवाज या वाणी में पैरालैग्वेज नामक अशाब्दिक तत्व सम्मिलित होते हैं जिनमें आवाज की गुणवत्ता, भावना, बोलने के तरीके के साथ-साथ ताल, लय, आलाप एवं तनाव जैसे छन्द शास्त्र संबंधी लक्षण भी सम्मिलित हैं। नृत्य को भी अशाब्दिक संप्रेषण माना जाता है। इसी तरह, लिखित पाठ में भी अशाब्दिक तत्व होते हैं जैसे - हस्तलेखन तरीका, शब्दों की स्थान संबंधी व्यवस्था या इमोटिकॉन (emoticons) का प्रयोग.

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अवमूल्यन

अवमूल्यन आर्थिक शब्दावली का एक हिस्सा है; जब किसी देश द्वारा मुद्रा की विनिमय दर अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में जानबूझ कर कम कर दिया जाये ताकि निवेश को बढ़ावा मिल सके तो उसे अवमूल्यन कहते हैं। आधुनिक मौद्रिक नीति, एक अवमूल्यन एक नियत विनिमय दर प्रणाली के भीतर देश के मुद्रा के मूल्य का आधिकारिक कम है, जिसके द्वारा मौद्रिक प्राधिकरण एक विदेशी संदर्भ मुद्रा या मुद्रा टोकरी के संबंध में एक नया निर्धारित दर निर्धारित करता है। इसके विपरीत, एक अवरोधन विनिमय दर के तहत बाजार बलों के कारण, सरकारी या केंद्रीय बैंक नीति कार्यों के मुकाबले किसी मुद्रा के मूल्य (अन्य प्रमुख मुद्रा मानक के मुकाबले) में एक मूल्यह्रास कम है। एक केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा के निर्धारित मूल्य पर अपनी मुद्रा के साथ विदेशी मुद्रा खरीदने या बेचने के लिए तैयार खड़े होने का निश्चित मूल्य बनाए रखता है; एक अवमूल्यन इस घोषित दर में बदलाव है जो घरेलू मुद्रा के संदर्भ में विदेशी मुद्रा को और अधिक महंगा बनाता है। अवमूल्यन के विपरीत, विदेशी मुद्रा को कम खर्चीला बनाकर निर्धारित दर में बदलाव को पुनर्मूल्यांकन कहा जाता है संबंधित लेकिन अलग अवधारणाओं में मुद्रास्फ़ीति शामिल है, जो माल और सेवाओं (इसकी क्रय शक्ति से संबंधित) के मामले में मुद्रा के मूल्य में एक बाजार-निर्धारित गिरावट है। मुद्रा विनिमय दर को कम किए बिना मुद्रा के अंकित मूल्य को बदलना एक पुनरीक्षण है, अवमूल्यन या पुनर्मूल्यांकन नहीं। ऐतिहासिक उपयोग अवमूल्यन का उपयोग अक्सर ऐसी स्थिति में किया जाता है जहां मुद्रा का आधार रेखा के आधार पर परिभाषित मूल्य होता है। ऐतिहासिक रूप से, प्रारंभिक मुद्राएं आम तौर पर सोने या चांदी से जारी किए जाने वाले सिक्कों द्वारा जारी किए जाने वाले प्राधिकरण द्वारा कीमती धातु के वजन और शुद्धता प्रमाणित करती थीं। एक ऐसी सरकार जिसे कीमती धातुओं की ज़रूरत है और कम होने पर किसी भी घोषणा के बिना सिक्कों की वज़न या शुद्धता कम हो सकती है, या फिर डिक्री कि नए सिक्कों के पास पुराने के बराबर मूल्य है, इस प्रकार मुद्रा का अवमूल्यन करना। बाद में, सिक्कों के विरोध में कागज मुद्रा जारी करने के साथ, सरकारों ने उन्हें सोने या चांदी (एक स्वर्ण मानक) के लिए प्रतिदेय होने का आदेश दिया। फिर, सोने या चांदी पर एक सरकार कम हो सकती है, जिससे मुद्रा की मोचन मूल्य में कटौती की जा सकती है, जिससे हर किसी की होल्डिंग्स के मूल्य में कमी आ सकती है।.

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अक्षर कला

मुद्रण कला मुद्रण को सजाने, मुद्रण डिजाइन तथा मुद्रण ग्लिफ्स को संशोधित करने की कला एवं तकनीक है। मुद्रण ग्लिफ़ को विभिन्न उदाहरण तकनीकों का उपयोग करके बनाया और संशोधित किया जाता है। मुद्रण की सजावट में टाइपफेस का चुनाव, प्वायंट साईज, लाइन की लंबाई, लिडिंग (लाइन स्पेसिंग) अक्षर समूहों के बीच स्पेस (ट्रैकिंग) तथा अक्षर जोड़ों के बीच के स्पेस (केर्निंग) को व्यवस्थित करना शामिल हैं। टाइपोग्राफी का टाइपसेटर, कम्पोजिटर, टाइपोग्राफर, ग्राफिक डिजाइनर, कला निर्देशक, कॉमिक बुक कलाकार, भित्तिचित्र कलाकार तथा क्लैरिकल वर्करों द्वारा किया जाता है। डिजिटल युग के आने तक टाइपोग्राफी एक विशेष प्रकार का व्यवसाय था। डिजिटलीकरण ने टाइपोग्राफी को नई पीढ़ी के दृश्य डिजाइनरों और ले युजरों के लिए सुगम बना दिया.

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ऋण

ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.

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