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महर्षि महेश योगी

सूची महर्षि महेश योगी

महर्षि महेश योगी १९७८ में महर्षि महेश योगी महर्षि महेश योगी का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम महेश प्रसाद वर्मा था। उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की उपाधि अर्जित की। उन्होने तेरह वर्ष तक ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती के सानिध्य में शिक्षा ग्रहण की। महर्षि महेश योगी ने शंकराचार्य की मौजूदगी में रामेश्वरम में 10 हजार बाल ब्रह्मचारियों को आध्यात्मिक योग और साधना की दीक्षा दी। हिमालय क्षेत्र में दो वर्ष का मौन व्रत करने के बाद सन् 1955 में उन्होने टीएम तकनीक की शिक्षा देना आरम्भ की। सन् 1957 में उनने टीएम आन्दोलन आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। महर्षि महेश योगी द्वारा चलाया गए आंदोलन ने उस समय जोर पकड़ा जब रॉक ग्रुप 'बीटल्स' ने 1968 में उनके आश्रम का दौरा किया। इसके बाद गुरुजी का ट्रेसडेंशल मेडिटेशन अर्थात भावातीत ध्यान पूरी पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय हुआ। उनके शिष्यों में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी से लेकर आध्यात्मिक गुरू दीपक चोपड़ा तक शामिल रहे। महर्षि महेश योगी ने वेदों में निहित ज्ञान पर अनेक पुस्तकों की रचना की। महेश योगी अपनी शिक्षाओं एवं अपने उपदेश के प्रसार के लिये आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हैं। उन्होने महर्षि मुक्त विश्वविद्यालय स्थापित किया जिसके माध्यम से 'आनलाइन' शिक्षा दी जाती है। वे साप्ताहिक विडियो पत्रकार वार्ता आयोजित करते हैं। वे महर्षि प्रसारण के लिये उपग्रह व अन्तरजाल का सहारा लेते हैं। अपनी विश्व यात्रा की शुरूआत 1959 में अमेरिका से करने वाले महर्षि योगी के दर्शन का मूल आधार था, ' जीवन परमआनंद से भरपूर है और मनुष्य का जन्म इसका आनंद उठाने के लिए हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति में ऊर्जा, ज्ञान और सामर्थ्य का अपार भंडार है तथा इसके सदुपयोग से वह जीवन को सुखद बना सकता है।' वर्ष 1990 में हॉलैंड के व्लोड्राप गाँव में ही अपनी सभी संस्थाओं का मुख्यालय बनाकर वह यहीं स्थायी रूप से बस गए और संगठन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन किया। दुनिया भर में फैले लगभग 60 लाख अनुयाईयों के माध्यम से उनकी संस्थाओं ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक तरीके से बनाई गई कॉस्मेटिक हर्बल दवाओं के प्रयोग को बढ़ावा दिया। हॉलैंड के व्लोड्राप नगर में महर्षि का वैदिक विश्वविद्यालयडच के स्थानीय समय के अनुसार एम्सटर्डम के पास छोटे से गाँव व्लोड्राप में स्थित अपने आवास में मंगलवार देर रात उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया। पिछले महीने 11 जनवरी को महर्षि योगी ने ये कहते हुए अपने आपको सेवानिवृत्त घोषित कर दिया था कि उनका काम पूरा हो गया है और अपने गुरु के प्रति जो कर्तव्य था वो पूरा कर दिया है। .

13 संबंधों: पतञ्जलि योगसूत्र, बृहस्पति देव त्रिगुण, रवि शंकर (आध्यात्मिक गुरू), हितकारिणी सभा, जबलपुर, विश्व शांति का वैश्विक देश, इलाहाबाद, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, क्लिंट ईस्टवुड, १२ जनवरी, १९१७, २००८, ५ फ़रवरी

पतञ्जलि योगसूत्र

योगसूत्र, योग दर्शन का मूल ग्रंथ है। यह छः दर्शनों में से एक शास्त्र है और योगशास्त्र का एक ग्रंथ है। योगसूत्रों की रचना ४०० ई॰ के पहले पतंजलि ने की। इसके लिए पहले से इस विषय में विद्यमान सामग्री का भी इसमें उपयोग किया। योगसूत्र में चित्त को एकाग्र करके ईश्वर में लीन करने का विधान है। पतंजलि के अनुसार चित्त की वृत्तियों को चंचल होने से रोकना (चित्तवृत्तिनिरोधः) ही योग है। अर्थात मन को इधर-उधर भटकने न देना, केवल एक ही वस्तु में स्थिर रखना ही योग है। योगसूत्र मध्यकाल में सर्वाधिक अनूदित किया गया प्राचीन भारतीय ग्रन्थ है, जिसका लगभग ४० भारतीय भाषाओं तथा दो विदेशी भाषाओं (प्राचीन जावा भाषा एवं अरबी में अनुवाद हुआ। यह ग्रंथ १२वीं से १९वीं शताब्दी तक मुख्यधारा से लुप्तप्राय हो गया था किन्तु १९वीं-२०वीं-२१वीं शताब्दी में पुनः प्रचलन में आ गया है। .

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बृहस्पति देव त्रिगुण

बृहस्पति देव त्रिगुण (1920 - 2013) एक वैद्य अथवा आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। वो पल्स निदान के विशेषज्ञ और पल्स निदान के आयुर्वेदिक तकनिज्ञ थे। उन्हें १९९२ में पद्म भूषण और २००३ में भारत सरकार का द्वितीय सर्वश्रेष्ठ नागरीक सम्मान पद्म विभूषण मिला। .

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रवि शंकर (आध्यात्मिक गुरू)

श्री श्री रविशंकर रवि शंकर सामान्यतः श्री श्री रवि शंकर के रूप में जाने जाते हैं, (जन्म: १३ मई १९५६) एक आध्यात्मिक नेता एवं मानवतावादी धर्मगुरु हैं। उनके भक्त उन्हें आदर से प्राय: "श्री श्री" के नाम से पुकारते हैं। वे आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक हैं। .

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हितकारिणी सभा

हितकारिणी सभा मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित एक ऐतिहासिक, शैक्षणिक संस्था है। यह संस्था इस क्षेत्र के कुछ सबसे पुराने शिक्षण संस्थान संचालित करती है। इसकी स्थापना १८६८ में राज बलवन्त राव खेर, दीवान बिहारीलाल खजांची, तथा श्री अम्बिका चरण बनर्जी ने की थी। सेठ गोविन्ददास के अनुरोध पर हितकारिणी सभा ने राष्ट्रवादी विचारों को पोषण देना आरम्भ किया। इसके द्वारा संचालित विद्यालयों के विद्यार्थियों ने स्वराज आन्दोलन में बढ़चढ़कर भाग लिया। इस सभा ने हिन्दी भाषा के विकास में महती भूमिका निभायी। 1871 में हुई एक बैठक में सभा ने न्यायालयों में प्रयुक्त भाषा के प्रश्न पर विचार किया। १० में से ८ सदस्यों ने माना कि इस कार्य के लिये उर्दू की अपेक्षा हिन्दी अधिक उपयुक्त है। संस्था ने कुछ समय तक एक साहित्यिक पत्रिका का भी प्रकाशन किया तथा प्रमुख हिन्दी लेखकों के सम्मेलन भी आयोजित किये।सेठ गोविन्ददास इस सभा के ट्रस्टी के थे। उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस सभा की सेवा करते आ रहे हैं। रविशंकर शुक्ल, रजनीश, महर्षि महेश योगी, गजानन माधव मुक्तिबोध आदि विद्वान इस सभा द्वारा संचालित संस्थाओं से ही निखरे थे। .

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जबलपुर

जबलपुर भारत के मध्यप्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय तथा राज्य विज्ञान संस्थान है। इसे मध्यप्रदेश की संस्कारधानी भी कहा जाता है। थलसेना की छावनी के अलावा यहाँ भारतीय आयुध निर्माणियों के कारखाने तथा पश्चिम-मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। .

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विश्व शांति का वैश्विक देश

'''राम''': विश्व शांति का वैश्विक देश की मुद्रा विश्व शांति का वैश्विक देश (Global Country of World Peace (GCWP)) एक लाभनिरपेक्ष संस्था है जिसका उद्घाटन ७ अक्टूबर २००० को महर्षि महेश योगी ने किया था। यह संस्था ध्यान, शिक्षा, तथा 'शान्ति भवनों' के निर्माण को प्र्त्साहन देती है। मूलतः GCWP की संकल्पना शान्तिकामी लोगों के लिए 'सीमा रहित देश' के रूप में की गयी थी। विश्व शान्ति के वैश्विक देश की मुद्रा का नाम राम है। .

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इलाहाबाद

इलाहाबाद उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इसका प्राचीन नाम प्रयाग है। इसे 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) भी कहते हैं। इलाहाबाद भारत का दूसरा प्राचीनतम बसा नगर है। हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। इलाहाबाद में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान महालेखाधिकारी (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा इलाहाबाद को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। .

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह आधुनिक भारत के सबसे पहले विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 'पूर्व के आक्सफोर्ड' नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना सन् 1887 ई को एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से हुयी थी। इस विश्वविद्यालय का नक्शा प्रसिद्ध अंग्रेज वास्तुविद इमरसन ने बनाया था। १८६६ में इलाहाबाद में म्योर कॉलेज की स्थापना हुई जो आगे चलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। आज भी यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। म्योर कॉलेज का नाम तत्कालीन संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम म्योर के नाम पर पड़ा। उन्होंने २४ मई १८६७ को इलाहाबाद में एक स्वतंत्र महाविद्यालय तथा एक विश्वविद्यालय के निर्माण की इच्छा प्रकट की थी। १८६९ में योजना बनी। उसके बाद इस काम के लिए एक शुरुआती कमेटी बना दी गई जिसके अवैतनिक सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने। ९ दिसम्बर १८७३ को म्योर कॉलेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई द्वारा रखी गई। ये वायसराय तथा भारत के गवर्नर जनरल थे। म्योर सेंट्रल कॉलेज का आकल्पन डब्ल्यू एमर्सन द्वारा किया गया था और ऐसी आशा थी कि कॉलेज की इमारतें मार्च १८७५ तक बनकर तैयार हो जाएँगी। लेकिन इसे पूरा होने में पूरे बारह वर्ष लग गए। १८८८ अप्रैल तक कॉलेज के सेंट्रल ब्लॉक के बनाने में ८,८९,६२७ रुपए खर्च हो चुके थे। इसका औपचारिक उद्घाटन ८ अप्रैल १८८६ को वायसराय लार्ड डफरिन ने किया। २३ सितंबर १८८७ को एक्ट XVII पास हुआ और कलकत्ता, बंबई तथा मद्रास विश्वविद्यालयों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय उपाधि प्रदान करने वाला भारत का चौथा विश्वविद्यालय बन गया। इसकी प्रथम प्रवेश परीक्षा मार्च १८८९ में हुई। .

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क्लिंट ईस्टवुड

क्लिंटन "क्लिंट" ईस्टवुड, जूनियर (जन्म 31 मई 1930) एक अमेरिकी अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक, फ़िल्म निर्माता और संगीतकार हैं। उन्हें पांच अकादमी पुरस्कार, पांच गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, एक स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड पुरस्कार और पांच पीपुल्स च्वाइस अवार्ड प्राप्त हुए हैं, जिनमें फ़ेवरिट ऑल टाइम मोशन पिक्चर स्टार शामिल है। ईस्टवुड को हिंसक एक्शन और वेस्टर्न फ़िल्मों में मुख्य रूप से अपने अलग, नैतिक रूप से अस्पष्ट, नायक-विरोधी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है, विशेष रूप से 1960, 1970 और 1980 के दशक के दौरान.

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१२ जनवरी

12 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 12वाँ दिन है। साल में अभी और 353 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 354)। .

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१९१७

1917 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००८

२००८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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५ फ़रवरी

5 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 36वॉ दिन है। साल में अभी और 329 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 330)। .

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