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भुज

सूची भुज

भुज भारत के गुजरात प्रांत का एक प्रमुख शहर है। भुज शहर की स्थापना 1548 में राव खेंगारजी ने की थी। राव लखपतिजी के शासनकाल में निर्मित आइना महल स्थापत्य कला का एक सुंदर नमूना है, जिसे अब संग्रहालय में बदल दिया गया है। २००१ में ईस ईलाके में भयनकार भूकंप आया था। .

17 संबंधों: नारायण दास ग्रोवर, नारायण सरोवर, नीरज वोरा, प्रणामी संप्रदाय, भारतीय दुर्गों की सूची, भारतीय स्थापत्यकला, भुज रुद्र माता वायुसेना बेस, भुज विमानक्षेत्र, ममुआरा, मोहेंजो दारो (फ़िल्म), संदेश दैनिक, स्वामिनारायण, विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: V, गुजरात, कच्छ, कोटेश्वर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद

नारायण दास ग्रोवर

महात्मा नारायण दास ग्रोवर (15 नवम्बर 1923 - 6 फ़रवरी 2008) भारत के महान शिक्षाविद थे। वे आर्य समाज के कार्यकर्ता थो जिन्होने 'दयानन्द ऐंग्लो-वैदिक कालेज आन्दोलन' (डीएवी आंदोलन) के प्रमुख भूमिका निभायी। उन्होने अपना पूरा जीवन डीएवी पब्लिक स्कूलों के विकास में लगा दिया। उन्होंने इस संस्था की आजीवन अवैतनिक सेवा प्रदान की। वे डीएवी पब्लिक स्कूल पटना प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक के साथ-साथ डीएवी कालेज मैनेजिंग कमेटी नई दिल्ली के उपाध्यक्ष थे। .

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नारायण सरोवर

नारायण सरोवर नारायण सरोवर गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तालुका में स्थित हिन्दुओं का एक तीर्थस्थान है। प्राचीन कोटेश्वर मन्दिर यहाँ से ४ किमी की दूरी पर है। श्रीमद्भागवत में वर्णित पाँच पवित्र सरोवरों में से एक है। Encyclopaedia of tourism resources in India, Volume 2 By Manohar Sajnani 'नारायण सरोवर' का अर्थ है - 'विष्णु का सरोवर'। यहां सिंधु नदी का सागर से संगम होता है। इसी संगम के तट पर पवित्र नारायण सरोवर है। यह सनातन-धर्मियों के पांच पवित्र सरोवरों में से एक है। अन्य सरोवर हैं- मानसरोवर, विन्दु सरोवर, पुष्कर सरोवर और पंपा सरोवर। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु इन पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाते हैं। नारायण सरोवर में कार्तिक पूर्णिमा से तीन दिन का भव्य मेला आयोजित होता है। इसमें उत्तर भारत के सभी सम्प्रदायों के साधु-संन्यासी और अन्य भक्त शामिल होते हैं। इस पवित्र सरोवर में अनेक प्राचीन सन्त-महात्माओं के आने के प्रसंग मिलते हैं। आद्य शंकराचार्य भी यहां आए थे। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी इस सरोवर की चर्चा अपनी पुस्तक 'सीयूकी' में की है। .

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नीरज वोरा

नीरज वोरा (22 जनवरी 1963 - 14 दिसंबर 2017), एक भारतीय फिल्म निर्देशक, लेखक, अभिनेता और संगीतकार थे। उन्होंने बॉलीवुड में आमिर खान की फिल्म रंगीला के लिए एक लेखक के रूप में अपना काम किया था। 2000 में उनकी पहली निर्देशित फिल्म खिलाड़ी 420 आई थी। बाद में 2006 में उन्होंने "फिर हेरा फेरी" फिल्म की पट्कथा और निर्देशन दोनो किया था। अक्टूबर 2016 में एक मस्तिष्क आघात के कारण वो कोमा में चले गये। कोमा में जाने से पहले वो "हेरा फेरी 3" पर काम कर रहे थे। दिसंबर 2017 में उनका निधन हो गया। .

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प्रणामी संप्रदाय

प्रणामी सम्प्रदाय एक हिन्दू सम्प्रदाय है जिसमे सर्वेसर्वा इश्वर "राज जी" (सदचित्त आनन्द) को मानने वाले अनुयायी शामिल है। यह संप्रदाय अन्य धर्मों की तरह बहुईश्वर में विश्वास नहीं रखता। यह ४००-वर्ष प्राचीन संप्रदाय है। इसकी स्थापना देवचंद्र महाराज द्वारा हुई तथा इसका प्रचार प्राणनाथ स्वामी व उनके शिष्य महाराज छत्रसाल ने किया। जामनगर में नवतनपुरी धाम प्रणामी धर्म का मुख्य तीर्थ स्थल है। इसे श्री कृष्ण प्रणामी धर्म या निजानंद सम्प्रदाय या परनामी संप्रदाय भी कहते हैं। परब्रह्म परमात्मा श्री राज जी एवं उनकी सह-संगिनी श्री श्यामा महारानी जी इस ब्रह्माण्ड के पालनहार एवं रचयिता है। इस संप्रदाय में जो तारतम ग्रन्थ है, वो स्वयं परमात्मा की स्वरुप सखी इंद्रावती ने प्राणनाथ के मनुष्य रूप में जन्म लेकर लिखा। वाणी का अवतरण हुआ और कुरान, बाइबल, भगवत आदि ग्रंथो के भेद खुले। प्रणामियो को ईश्वर ने ब्रह्म आत्मा घोषित किया है। अर्थात ब्रह्मात्मा के अंदर स्वयं परमात्मा का वास होता है। ये ब्रह्मात्माएँ परमधाम में श्री राज जी एवं श्यामा महारानी जी के संग गोपियों के रूप में रहती है। सबसे पहले परमात्मा का अवतरण अल्लाह के रूप में, दूसरी बार कृष्ण (केवल 11 वर्ष 52 दिन तक के गोपी कृष्ण के रूप में, बाकी जीवन में कृष्ण विष्णु अवतार थे। कृष्ण ने गीता भी परमात्मा अवतार - अक्षरातीत अवतार में ही कही है।) और सोहलवीं शताब्दी में श्री प्राणनाथ के रूप में ईश्वर के रूप में जन्म लिया। इस सम्प्रदाय में 11 साल और 52 दिन की आयु वाले बाल कृष्ण को पूजा जाता है। क्योकि इस आयु तक कृष्ण रासलीला किया करते थे। पाठक गलत न समझे कि कृष्ण अलग अलग है। कृष्ण तो केवल एक मनुष्य रूप का नाम है कोई ईश्वर का नही। बाल्यकाल में कृष्ण परमात्मा के अवतार थे और बाकी जीवन में विष्णु अवतार। .

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भारतीय दुर्गों की सूची

यहाँ भारत स्थित दुर्गों की सूची दी गयी है। .

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भारतीय स्थापत्यकला

सांची का स्तूप अजन्ता गुफा २६ का चैत्य भारत के स्थापत्य की जड़ें यहाँ के इतिहास, दर्शन एवं संस्कृति में निहित हैं। भारत की वास्तुकला यहाँ की परम्परागत एवं बाहरी प्रभावों का मिश्रण है। भारतीय वास्तु की विशेषता यहाँ की दीवारों के उत्कृष्ट और प्रचुर अलंकरण में है। भित्तिचित्रों और मूर्तियों की योजना, जिसमें अलंकरण के अतिरिक्त अपने विषय के गंभीर भाव भी व्यक्त होते हैं, भवन को बाहर से कभी कभी पूर्णतया लपेट लेती है। इनमें वास्तु का जीवन से संबंध क्या, वास्तव में आध्यात्मिक जीवन ही अंकित है। न्यूनाधिक उभार में उत्कीर्ण अपने अलौकिक कृत्यों में लगे हुए देश भर के देवी देवता, तथा युगों पुराना पौराणिक गाथाएँ, मूर्तिकला को प्रतीक बनाकर दर्शकों के सम्मुख अत्यंत रोचक कथाओं और मनोहर चित्रों की एक पुस्तक सी खोल देती हैं। 'वास्तु' शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के 'वस्' धातु से हुई है जिसका अर्थ 'बसना' होता है। चूंकि बसने के लिये भवन की आवश्यकता होती है अतः 'वास्तु' का अर्थ 'रहने हेतु भवन' है। 'वस्' धातु से ही वास, आवास, निवास, बसति, बस्ती आदि शब्द बने हैं। .

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भुज रुद्र माता वायुसेना बेस

भुज रुद्र माता वायु सेना बेस भारतीय वायुसेना का एक बेस है और गुजरात के भुज नामक शहर के भुज विमानक्षेत्र की उड़ानपट्टी का प्रयोग करता है। यह वायु सेना की दक्षिणी पश्चिम कमान का एक भाग है। .

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भुज विमानक्षेत्र

भुज विमानक्षेत्र भुज में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VABJ और IATA कोड है BHJ। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 8200 फी.

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ममुआरा

ममुआरा (गुजराती भाषा: મમુઆરા) भारतीय राज्य गुजरात के कच्छ जिले के भुज तालुका का एक गाँव है। यह भुज से पूर्व में तथा कच्छ से दक्षिण में स्थित है। श्रेणी:गुजरात के गाँव.

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मोहेंजो दारो (फ़िल्म)

मोहेंजो दारो (अंग्रेजी; Mohenjo Daro)(Mound of the Dead Men) वर्ष २०१६ की भारतीय रोमांचक-प्रेम गाथा आधारित हिन्दी भाषा की फ़िल्म है, जिसका लेखन एवं निर्देशन आशुतोष गोवारिकर, तथा निर्माण युटीवी मोशन पिक्चर्स के सिद्धार्थ राॅय कपूर व आशुतोष गोवारिकर प्रोड्क्शन्स लिमिटेड (एजीपीपीएल) की सुनीता गोवारिकर द्वारा किया गया है, और फ़िल्म में ऋतिक रोशन व पूजा हेगड़े मुख्य भूमिकाओं में अदाकारी कर रहे हैं। मोहेंजो दारो विश्व की प्रथम सिनेमाई प्रदर्शन है जो प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता को संदर्भित की गई है, तथा इस महान नगर, मोहेंजो दारो को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के तौर पर अंकित किया गया है (अब यह क्षेत्र पाकिस्तान स्थित सिंध जिले के लरकाना में पड़ता है)। फ़िल्म की शुरुआत मुताबिक प्राचीन समय के २०१६ के ईसा पूर्व की है जब सिंधु घाटी सभ्यता चरम पर थी, कहानी एक साधारण किसान (रोशन) के मोहेंजो दारो नगर की ओर यात्रा करने और फिर नगर की संभ्रांत वर्ग की औरत (हेगड़े) से हुए प्रेम को लेकर बुना गया है, और जिसके परिणाम में वह नगर के अभिजात वर्ग को चुनौती दे डालता है तथा आखिर में उसी नगर के अपरिहार्य विनाश के विरुद्ध संघर्ष भी करता है। गोवारिकर ने अपने तीन वर्ष शोध करने तथा पटकथा के विकास में व्यतीत किए, अपनी इस काल्पनिक कहानी को प्रामाणिकता पक्का करने के लिए पुरातत्ववेत्ताओं के साथ काफी नजदीकी कार्य किया। फ़िल्मांकन का कार्य भुज एवं मुंबई के साथ संक्षिप्त समयावधि में बेड़ाघाट (जबलपुर) एवं थाणे में भी किया गया। फ़िल्म का संगीत एवं एलबम रचना ए.आर. रहमान के साथ गीत लिखने का काम जावेद अख़्तर ने भी किया। फ़िल्म का प्रदर्शन १२ अगस्त २०१६ में वैश्विक स्तर पर जारी किया गया। .

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संदेश दैनिक

संदेश (Gujarati:સંદેશ) भारत में प्रकाशित होने वाला गुजराती भाषा का प्रमुख समाचारपत्र है। इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है। इस्वीसन १९२३ में इसके प्रकाशन की शरुआत हुई थी।Jeffrey, Robin.

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स्वामिनारायण

घनश्याम पाण्डे या स्वामिनारायण या सहजानन्द स्वामी (२ अप्रैल १७८१ - १ जून १८३०), हिंदू धर्म के स्वामिनारायण संप्रदाय के संस्थापक थे। स्वामिनारायण संप्रदाय को मानने वाले उन्हे भगवान मानते हैं। भागवत पुराण और स्कंद पुराण स्वामिनारायण के अवतार का संकेत है। | स्वामिनारायण की शिक्षापत्री स्वामिनारायण सम्प्रदाय का मूल ग्रन्थ है। .

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विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: V

प्रविष्टियों का प्रारूप है.

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गुजरात

गुजरात (गुजराती:ગુજરાત)() पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी है, पाकिस्तान से लगी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश इसके क्रमशः उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित राज्य हैं। महाराष्ट्र इसके दक्षिण में है। अरब सागर इसकी पश्चिमी-दक्षिणी सीमा बनाता है। इसकी दक्षिणी सीमा पर दादर एवं नगर-हवेली हैं। इस राज्य की राजधानी गांधीनगर है। गांधीनगर, राज्य के प्रमुख व्यवसायिक केन्द्र अहमदाबाद के समीप स्थित है। गुजरात का क्षेत्रफल १,९६,०७७ किलोमीटर है। गुजरात, भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। कच्छ, सौराष्ट्र, काठियावाड, हालार, पांचाल, गोहिलवाड, झालावाड और गुजरात उसके प्रादेशिक सांस्कृतिक अंग हैं। इनकी लोक संस्कृति और साहित्य का अनुबन्ध राजस्थान, सिंध और पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के साथ है। विशाल सागर तट वाले इस राज्य में इतिहास युग के आरम्भ होने से पूर्व ही अनेक विदेशी जातियाँ थल और समुद्र मार्ग से आकर स्थायी रूप से बसी हुई हैं। इसके उपरांत गुजरात में अट्ठाइस आदिवासी जातियां हैं। जन-समाज के ऐसे वैविध्य के कारण इस प्रदेश को भाँति-भाँति की लोक संस्कृतियों का लाभ मिला है। .

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कच्छ

कच्छ गुजरात प्रान्त का एक जिला है। गुजरात यात्रा कच्छ जिले के भ्रमण के बिना अधूरी मानी जाती है। पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां बहुत कुछ है। जिले का मुख्यालय है भुज। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष कच्छ महोत्सव आयोजित किया जाता है। 45652 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले गुजरात के इस सबसे बड़े जिले का अधिकांश हिस्सा रेतीला और दलदली है। जखाऊ, कांडला और मुन्द्रा यहां के मुख्‍य बंदरगाह हैं। जिले में अनेक ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, मस्जिद, हिल स्टेशन आदि पर्यटन स्थलों को देखा जा सकता है। मिलें अवशेषों के आधार पर कच्छ प्राचीन सिन्धु संस्कृति का हिस्सा माना जाता है। सन १२७० में कच्छ एक स्वतंत्र प्रदेश था। सन १८१५ में यह ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन हुआ। रजवाड़े के रूप में कच्छ के तत्कालीन महाराजा ने ब्रिटिश सत्ता स्वीकार कर ली। सन १९४७ में भारत की स्वतंत्रता के बाद कच्छ तत्कालीन ' महागुजरात ' राज्य का जिला बना। सन १९५० में कच्छ भारत का एक राज्य बना। १ नवम्बर सन १९५६ को यह मुंबई राज्य के अंतर्गत आया। सन १९६० में भाषा के आधार पर मुंबई राज्य का महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजन हो गया तथा कच्छ गुजरात का एक हिस्सा बन गया। सन १९४७ में भारत के विभाजन के पश्चात सिंध और कराची में स्थित बंदरगाह पाकिस्तान के अंतर्गत चला गया। स्वतंत्र भारत की सरकार ने कच्छ के कंडला में नवीन बंदरगाह विकसित करने का निर्णय लिया। कंडला बंदरगाह पश्चिम भारत का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। इतिहास में १६ जून सन १८१५ का दिन कच्छ के पहले भूकंप के रूप में दर्ज है। २६ जनवरी २००१ में आया प्रचंड भूकंप का केंद्र कच्छ जिले के अंजार में था। कच्छ के १८५ वर्ष के दर्ज भूस्तरीयशास्त्र के इतिहास में यह सबसे बड़ा भूकंप था। .

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कोटेश्वर

कोटेश्वर गुजरात के कच्छ ज़िले में स्थित एक प्राचीन बन्दरगाह एवम सुप्रसिद्ध यात्राधाम है। सिन्धु नदी और सागर का जहाँ संगम होता है इस सागर के तट पर स्थित ये स्थल पवित्र यात्राधाम नारायण सरोवर से ४ किमी की दूरी पर है। गुजरात की कच्छ से जूड़ने वाली भारतीय सीमा का ये अंतिम स्थान है। यहाँ से समुद्र में पड़ोशी राष्ट्र पाकिस्तान की सीमा का प्रारंभ हो जाता है। युवानच्वांग के यात्रा वृतांत में जिस 'ए-शिफाली' नगर का उल्लेख कच्छ की राजधानी के रूप में हुआ है। सम्भवतः वह कोटेश्वर नामक वर्तमान स्थान ही है। अति प्राचीन तीर्थस्थल नारायणसर यहाँ से दो मील की दूरी पर स्थित है। महाप्रभु वल्लभाचार्य इस स्थल पर 16वीं शताब्दी में आये थे। कोटेश्वर में कोटेश्वर नामक शिवमन्दिर भी है। .

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अखिल भारतीय साहित्य परिषद

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भारतीय भाषाओं का एक देशव्यापी संगठन है। इसकी स्थापना २७ अक्टूबर १९६६ को दिल्ली में हुई थी। उसी वर्ष इसका राष्ट्रीय अधिवेशन प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ था। सरदार जीतसिंह 'जीत' को इसके संगठन का दायित्व दिया गया था। वर्तमान में इसके अध्यक्ष त्रिभुवन नाथ शुक्ल हैं। जबकि संगठन का कार्य श्रीधर पराडकर देखते हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष के २१ प्रान्तों में इसका कार्य चल रहा है। .

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