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कोटेश्वर

सूची कोटेश्वर

कोटेश्वर गुजरात के कच्छ ज़िले में स्थित एक प्राचीन बन्दरगाह एवम सुप्रसिद्ध यात्राधाम है। सिन्धु नदी और सागर का जहाँ संगम होता है इस सागर के तट पर स्थित ये स्थल पवित्र यात्राधाम नारायण सरोवर से ४ किमी की दूरी पर है। गुजरात की कच्छ से जूड़ने वाली भारतीय सीमा का ये अंतिम स्थान है। यहाँ से समुद्र में पड़ोशी राष्ट्र पाकिस्तान की सीमा का प्रारंभ हो जाता है। युवानच्वांग के यात्रा वृतांत में जिस 'ए-शिफाली' नगर का उल्लेख कच्छ की राजधानी के रूप में हुआ है। सम्भवतः वह कोटेश्वर नामक वर्तमान स्थान ही है। अति प्राचीन तीर्थस्थल नारायणसर यहाँ से दो मील की दूरी पर स्थित है। महाप्रभु वल्लभाचार्य इस स्थल पर 16वीं शताब्दी में आये थे। कोटेश्वर में कोटेश्वर नामक शिवमन्दिर भी है। .

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  1. 1 संबंध: नारायण सरोवर

नारायण सरोवर

नारायण सरोवर नारायण सरोवर गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तालुका में स्थित हिन्दुओं का एक तीर्थस्थान है। प्राचीन कोटेश्वर मन्दिर यहाँ से ४ किमी की दूरी पर है। श्रीमद्भागवत में वर्णित पाँच पवित्र सरोवरों में से एक है। Encyclopaedia of tourism resources in India, Volume 2 By Manohar Sajnani 'नारायण सरोवर' का अर्थ है - 'विष्णु का सरोवर'। यहां सिंधु नदी का सागर से संगम होता है। इसी संगम के तट पर पवित्र नारायण सरोवर है। यह सनातन-धर्मियों के पांच पवित्र सरोवरों में से एक है। अन्य सरोवर हैं- मानसरोवर, विन्दु सरोवर, पुष्कर सरोवर और पंपा सरोवर। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु इन पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाते हैं। नारायण सरोवर में कार्तिक पूर्णिमा से तीन दिन का भव्य मेला आयोजित होता है। इसमें उत्तर भारत के सभी सम्प्रदायों के साधु-संन्यासी और अन्य भक्त शामिल होते हैं। इस पवित्र सरोवर में अनेक प्राचीन सन्त-महात्माओं के आने के प्रसंग मिलते हैं। आद्य शंकराचार्य भी यहां आए थे। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी इस सरोवर की चर्चा अपनी पुस्तक 'सीयूकी' में की है। .

देखें कोटेश्वर और नारायण सरोवर