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भारतीय प्रशासनिक सेवा

सूची भारतीय प्रशासनिक सेवा

भारतीय प्रशासनिक सेवा (अंग्रेजी: Indian Administrative Service) अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। इसके अधिकारी अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (तथा भारतीय पुलिस सेवा) में सीधी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है तथा उनका आवंटन भारत सरकार द्वारा राज्यों को कर दिया जाता है। आईएएस अधिकारी केंद्रीय सरकार, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रणनीतिक और महत्वपूर्ण पदों पर काम करते हैं। सरकार के वेस्टमिंस्टर प्रणाली के बाद दूसरे देशों की तरह, भारत में स्थायी नौकरशाही के रूप में आईएएस भारत सरकार के कार्यकारी का एक अविभाज्य अंग है, और इसलिए प्रशासन को तटस्थता और निरंतरता प्रदान करता है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस / आईएफओएस) के साथ, आईएएस तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है - इसका संवर्ग केंद्र सरकार और व्यक्तिगत राज्यों दोनों के द्वारा नियोजित है। उप-कलेक्टर/मजिस्ट्रेट के रूप में परिवीक्षा के बाद सेवा की पुष्टि करने पर, आईएएस अधिकारी को कुछ साल की सेवा के बाद जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के रूप में जिले में प्रशासनिक आदेश दिया जाता है, और आमतौर पर, कुछ राज्यों में सेवा के १६ साल की सेवा करने के बाद, एक आईएएस अधिकारी मंडलायुक्त के रूप में राज्य में एक पूरे मंडल का नेतृत्व करता है। सर्वोच्च पैमाने पर पहुंचने पर, आईएएस अधिकारी भारत सरकार के पूरे विभागों और मंत्रालयों की का नेतृत्व करते हैं। आईएएस अधिकारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ता में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रतिनियुक्ति पर, वे विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, एशियाई विकास बैंक और संयुक्त राष्ट्र या उसकी एजेंसियों जैसे अंतरसरकारी संगठनों में काम करते हैं। भारत के चुनाव आयोग की दिशा में भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर आईएएस अधिकारी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा उक्त नियमावली के अनुसार सेवा संबंधी मामलों का क्रियान्वयन किया जाता है।पदोन्नति, अनुशासनिक कार्यवाही इत्यादि के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा ही दिशानिर्देश तैयार की जाती है। इन मामलों पर कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार को आख्या/रिपोर्ट भेजी जाती है। जिस पर भारत सरकार विचार कर राज्य सरकार (कार्मिक विभाग) को मामलों पर कार्यवाही करने का आदेश देती है। तत्पश्चात् कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार के आदेशों को जारी कर कार्यवाही की जाती है। .

202 संबंधों: चण्डीगढ़, चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव, टी ए पाइ, टी.एस.आर. सुब्रमण्यन, एच॰ एस॰ ब्रह्मा, एन एम वागले, एम आर ब्राह्मण, एयर मार्शल एच सी दीवान, एयर मार्शल एम एम इंजीनियर, एल ऐयर वेंकटकृष्णन अइयर, एस आर शंकरन, एस के मिश्र, एअर चीफ पी चंद्र लाल, एअर मार्शल रामास्वामी राजाराम, झारखण्ड, डी॰ के॰ रवि, तरलोक सिंह, तिरुवेंगदम लक्ष्मण शंकर, तुमकुर रमैया सतीश चंद्रन, त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी, तेजेन्द्र खन्ना, थोप्पिल वर्घीज़ एन्टोनी, दमन, दया प्रकाश सिन्हा, दुर्गा शक्ति नागपाल, दुव्वुरी सुब्बाराव, दौलत सिंह कोठारी, देवयानी खोब्रागड़े, देवेंद्र सेन, दीपक शर्मा, दीपक संधू, धर्मनाथ प्रसाद कोहली, नरेश चन्द्रा, निरंजनदास गुलाटी, नजीब जंग, नूरी गोपाल कृष्णमूर्ति, नीलम कपूर, पदोन्नति, परमेश्वरी लाल वर्मा, पंचेति कोटेस्वरम, पुणे महानगर पालिका, प्रभात कुमार मुखर्जी, प्रभु लाल भटनागर, प्राणनाथ लूथरा, प्रेमनाथ वाही, पीएस अप्पू, पीतांबर पंत, फाजिल्का जिला, बड़वानी ज़िला, बिनय शुषन घोष, ..., बी एन राव, भारत सारावली, भारत का प्रधानमन्त्री, भारत के गृह सचिव, भारत के कैबिनेट सचिव, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, भारतीय लोक सेवा दिवस, भारतीय सिविल सेवा, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, भवानी चरन मुखर्जी, भगवान सहाय, भूपेंद्र कैन्थोला, भोलेनाथ मलिक, मणींद्रनाथ चक्रवर्ती, मनोहर लाल छिब्बर, महाराज कृष्ण रसगोत्रा, मायावती, मालुर श्रीनिवास तिरुमलै अयंगार, मुम्बई, मुल्कराज चोपड़ा, मुहम्मद हयात, मुहम्मब युनुस, मैल्कम सत्यनाथन आदिशेशैया, यशवंत सिन्हा, योगेन्द्र नारायण, रमाकांत महेश्वर मजूमदार, राधा कुमार, राम नारायण मल्होत्रा, राम मेहता, रामचंद्र दत्तात्रेय प्रधान, रामस्वरूप वर्मा, राज कुमार खन्ना, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया), राजेश कुमार चतुर्वेदी, राजीव महर्षि, राजीव सेठी, रजनी राज़दान, रुबैदा सलाम, रोमन सैनी, ललित के. पंवार, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, लक्ष्मी प्रसाद सिहरे, लोक सत्ता (पार्टी), शादी में ज़रूर आना, शारदा प्रसाद वर्मा, शाह फैसल, शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी, शांतु जवाहरमल साहनी, शक्ति मोहन, श्रीनिवास आनंदराम, श्रीनिवासन वरदराजन, श्रीलाल शुक्ल, शेखर दत्त, शीला दीक्षित, सरताज सिंह, सरताज सिंह साही, सरला ग्रेवाल, सिविल सेवा, सगत सिंह, संयुक्त रोजगार परीक्षा, सुधीर कृष्ण मुखर्जी, सुनील कुमार बर्नवाल, सुनील अरोड़ा, सुप्रिया साहू, सुमिता मिश्रा, सुरिंदर सिंह बेदी, सुरिंदर सिंह गिल, सुषमा सिंह, स्नेहलता श्रीवास्तव, सैयद नसीम अहमद ज़ैदी, सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी, सैयद ज़हूर कासिम, हनुमान प्रसाद, हरनारायण सिंह, हरबख्श सिंह, हसमुख अधिया, हंसमुख धीरजलाल सांकलिया, हैदराबाद, जय कृष्ण, जावेद उस्मानी, जिलाधिकारी, जग मोहन, जूलियो फ्रांसिस रिबेरो, जे एन जयश्री, जोधपुर, जोगिंदर सिंह ढिल्लों, ईश्वरी प्रसाद गुप्ता, वाइस नीलकांत कृष्णन, वाइस सुरिंदरनाथ कोहली, विश्वास पाटील, वजाहत हबीबुल्लाह, वी रामचंद्रन, वी श्रीनिवास राघवन अरुणाचलम, वी॰ एस॰ संपत, खुसरो फारामर्ज़ रुस्तमजी, खेम करण सिंह, गिरीशचंद्र सक्सेना, गुरबख्श सिंह, गुलशन लाल टंडन, ग्यानेन्दु नरसिंह राव, गोपाल गुरुनाथ बेवूर, गोपाल कृष्ण पिल्लई, गोपालकृष्ण गांधी, गोपीचेट्टीपालयम वेंकटरमण ऐयर रामकृष्ण, गोविन्द चन्द्र पाण्डेय, ओ पी डन्न, ओम प्रकाश रावत, आबिद हुसैन (राजनयिक), आर कार्लटन विवियन पिदादे नोरोन्हा, इंद्रजीत सिंह गिल, कर्नाटक, कर्नाटक सरकार, कर्नाटक की जनसांख्यिकी, कर्नाटक/आलेख, कश्मीर सिंह कटोच, कस्तूरी लाल विज, कारवार, कालंबुर शिवरामामूर्ति, कांथी सुरेश, कंवर नटवर सिंह, कुँवर सैन, कुमार पद्म शिव शंकर मेनन, कुमार सुरेश सिंह, के एल राव, के पद्मनाभैया, के पी कंडेथ, के कोविलागम कुट्टी एट्टन राजा, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अचल कुमार ज्योति, अनिल बंधु गुहा, अनिल बैजल, अन्ना राजम मल्होत्रा, अमरजीत सिंह, अमिताभ ठाकुर, अमिताभ कांत, अमृति वी मोदी, अरातिल सी नारायण नाम्बियार, अरविंद मायाराम, अरविंद केजरीवाल, अरुणा राय, अल्फोन्स कन्ननथनम, अली यावर जंग, अश्विनी कुमार (प्रशासकीय अधिकारी), अश्विनीकुमार (पौराणिक पात्र), अशोक वाजपेयी, अशोक खेमका, असम विधान सभा, अजीतगढ़, अखिल भारतीय सेवाएं, उमेश चौहान सूचकांक विस्तार (152 अधिक) »

चण्डीगढ़

चण्डीगढ़, (पंजाबी: ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ), भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो दो भारतीय राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। यह मंदिर आज भी शहर में स्थित है। इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं, जिनकी २००१ की जनगणना के अनुसार जनसंख्या ११६५१११ (१ करोड़ १६ लाख) है। भारत की लोकसभा में प्रतिनिधित्व हेतु चण्डीगढ़ के लिए एक सीट आवण्टित है। वर्तमान सोलहवीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की श्रीमति किरण खेर यहाँ से साँसद हैं। इस शहर का नामकरण दुर्गा के एक रूप ‘चंडिका’ के कारण हुआ है और चंडी का मंदिर आज भी इस शहर की धार्मिक पहचान है। नवोदय टाइम्स इस शहर के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी निजी रुचि रही है, जिन्होंने नए राष्ट्र के आधुनिक प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में चंडीगढ़ को देखते हुए इसे राष्ट्र के भविष्य में विश्वास का प्रतीक बताया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी योजनाबद्धता और वास्तु-स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध यह शहर आधुनिक भारत का प्रथम योजनाबद्ध शहर है।, चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर हैं, लेकिन शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी एवं अल्बर्ट मेयर के बहुत से अद्भुत वास्तु नमूने देखे जा सकते हैं। शहर का भारत के समृद्ध राज्यों और संघ शसित प्रदेशों की सूची में अग्रणी नाम आता है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय ९९,२६२ रु (वर्तमान मूल्य अनुसार) एवं स्थिर मूल्य अनुसार ७०,३६१ (२००६-०७) रु है। .

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चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव

चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये संयुक्त राजशाही से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1920 में जन्मे लोग श्रेणी:२०१३ में निधन.

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टी ए पाइ

टी ए पाइ को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1898 में जन्मे लोग श्रेणी:१९७९ में निधन.

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टी.एस.आर. सुब्रमण्यन

तिरुमनीलायूर सितपति रामन सुब्रमण्यम (11 दिसंबर 1938 – 26 फरवरी 2018) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जो अगस्त 1996 से मार्च 1998 तक भारत के कैबिनेट सचिव के के पद पर कार्यरत थे। वे 1961 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी उत्तर प्रदेश केडर से थे। .

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एच॰ एस॰ ब्रह्मा

हरिशंकर ब्रह्मा भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। जे॰ एम॰ लिंगदोह के बाद वे पूर्वोत्तर भारत के दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया है। .

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एन एम वागले

एन एम वागले को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं। श्रेणी:१९७० पद्म भूषण.

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एम आर ब्राह्मण

एम आर ब्राह्मण को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। श्रेणी:१९७० पद्म भूषण.

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एयर मार्शल एच सी दीवान

एयर मार्शल एच सी दीवान को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1921 में जन्मे लोग.

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एयर मार्शल एम एम इंजीनियर

एयर मार्शल एम एम इंजीनियर को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1921 में जन्मे लोग श्रेणी:१९९७ में निधन.

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एल ऐयर वेंकटकृष्णन अइयर

एल ऐयर वेंकटकृष्णन अइयर को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से हैं। श्रेणी:१९६१ पद्म भूषण.

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एस आर शंकरन

एस आर शंकरन को भारत सरकार द्वारा सन २००५ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये हैदराबाद राज्य से हैं। श्रेणी:२००५ पद्म भूषण.

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एस के मिश्र

एस के मिश्र को सन २००९ में भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये हरियाणा राज्य से हैं। .

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एअर चीफ पी चंद्र लाल

एअर चीफ पी चंद्र लाल को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब राज्य से हैं। श्रेणी:१९६५ पद्म भूषण.

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एअर मार्शल रामास्वामी राजाराम

एअर मार्शल रामास्वामी राजाराम को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु राज्य से हैं। श्रेणी:१९६५ पद्म भूषण.

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झारखण्ड

झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.

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डी॰ के॰ रवि

डी॰ के॰ रवि (पूरा नाम दोड्डकोप्पलू करियप्पा रवि, १० जून १९७९ - १६ मार्च २०१५) भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी थे। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के कर्नाटक कैडर के २००९ समूह के अधिकारी थे। ज़ी न्यूज़ (Zee News), १७ मार्च २०१५ एक कर्मठ और ईमानदार प्रशासक के रूप में उन्हें तब जनता के बीच में पहचान मिली जब कोलार ज़िले के उपायुक्त के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने ज़िले में सरकारी भूमि पर किये गए अतिक्रमण और बेरोकटोक रूप से चल रहे अवैध रेत खनन के विरुद्ध अभियान चलाया। कोलार ज़िले में लगभग चौदह माह के कार्यकाल के बाद अक्टूबर २०१४ में कर्नाटक सरकार द्वारा उन्हें बंगलौर में वाणिज्य कर (प्रवर्तन) के अतिरिक्त आयुक्त के पद पर स्थानान्तरित कर दिया गया। राजस्थान पत्रिका, १७ मार्च २०१५ अतिरिक्त आयुक्त के रूप में पांच माह तक कार्य करते हुए वे १६ मार्च २०१५ को अपने आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। अपने पांच माह के इस छोटे कार्यकाल में ही उनके द्वारा बीस से अधिक कर चोरी कर रही कम्पनियों, फर्मों और बिल्डरों पर की गयी छापेमारी, और इनसे की गयी करोड़ों रूपये की कर उगाही ने उनकी अचानक मृत्यु को संदेहास्पद बना दिया। राजस्थान पत्रिका, १८ मार्च २०१५ .

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तरलोक सिंह

तरलोक सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब राज्य से हैं। श्रेणी:१९६२ पद्म भूषण.

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तिरुवेंगदम लक्ष्मण शंकर

तिरुवेंगदम लक्ष्मण शंकर को भारत सरकार द्वारा सन २००४ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। श्रेणी:२००४ पद्म भूषण.

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तुमकुर रमैया सतीश चंद्रन

तुमकुर रमैया सतीश चंद्रन को भारत सरकार द्वारा सन २००५ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये कर्नाटक राज्य से हैं। श्रेणी:२००५ पद्म भूषण.

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त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी

त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी (अंग्रेजी: T.N. Chaturvedi, जन्म: 18 जनवरी 1928) सन् 2002 से 2007 तक कर्नाटक प्रान्त के राज्यपाल रह चुके हैं। अवकाश प्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी चतुर्वेदी 1984 से 1990 तक भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक पद पर भी रहे। उन्हें भारत सरकार ने सन् 1990 में पद्म विभूषण से अलंकृत किया।.

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तेजेन्द्र खन्ना

तेजेन्द्र खन्ना (जन्म:१६ दिसंबर १९३८), ये १९६१ बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। ये दिल्ली के उपराज्यपाल रह चुके हैं। ये पटना विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। .

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थोप्पिल वर्घीज़ एन्टोनी

थोप्पिल वर्घीज़ एन्टोनी को भारत सरकार द्वारा सन २००४ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु राज्य से हैं। श्रेणी:२००४ पद्म भूषण.

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दमन

दमन भारतीय केन्द्रशासित प्रदेश दमन और दीव के दमन जिले का एक नगरपालिका क्षेत्र और नगर है। दमन दमन गंगा नदी द्वारा दो भागों में विभाजित है – नानी-दमन (नानी का अर्थ यहाँ छोटा है) और मोटी-दमन (मोटी मतलब बड़ा)। विडम्बना यह है कि नानी-दमन बड़ा है। नगर में अस्पताल, बड़े बाजार और बड़े निवास स्थान स्थित हैं। मोटी-दमन मुख्यतः पुराना नगर है। .

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दया प्रकाश सिन्हा

दया प्रकाश सिन्हा (जन्म: २ मई १९३५, कासगंज, जिला एटा, उत्तर प्रदेश) एक अवकाशप्राप्त आई०ए०एस० अधिकारी होने के साथ-साथ हिन्दी भाषा के प्रतिष्ठित लेखक, नाटककार, नाट्यकर्मी, निर्देशक व चर्चित इतिहासकार हैं। प्राच्य इतिहास, पुरातत्व व संस्कृति में एम० ए० की डिग्री तथा लोक प्रशासन में मास्टर्स डिप्लोमा प्राप्त सिन्हा जी विभिन्न राज्यों की प्रशासनिक सेवाओं में रहे। साहित्य कला परिषद, दिल्ली प्रशासन के सचिव, भारतीय उच्चायुक्त, फिजी के प्रथम सांस्कृतिक सचिव, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी व ललित कला अकादमी के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ के निदेशक जैसे अनेकानेक उच्च पदों पर रहने के पश्चात सन् १९९३ में भारत भवन, भोपाल के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए। नाट्य-लेखन के साथ-साथ रंगमंच पर अभिनय एवं नाट्य-निर्देशन के क्षेत्र में लगभग ५० वर्षों तक सक्रिय रहे सिन्हा जी की नाट्य कृतियाँ निरन्तर प्रकाशित, प्रसारित व मंचित होती रही हैं। अनेक देशों में भारत के सांस्कृतिक प्रतिनिधि के रूप में भ्रमण कर चुके श्री सिन्हा को कई पुरस्कार व सम्मान भी मिल चुके हैं। .

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दुर्गा शक्ति नागपाल

दुर्गा शक्ति नागपाल (जन्म: 25 जून 1985) 2009 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं जो अपनी ईमानदारी के लिये जानी जाती हैं। उन्हें अवैध खनन के खिलाफ मोर्चा खोलने के कारण निलम्बित कर दिया गया। उन पर आरोप यह लगाया गया कि उन्होंने अवैध रूप से बनाई जा रही एक मस्जिद की दीवार को गिरा दिया था जिससे इलाके में साम्प्रदायिक तनाव फैल जाने की आशंका थी। बाद में जनता के विरोध के मद्देनज़र उन्हें राजस्व विभाग से सम्बद्ध कर दिया गया। मूल रूप से पंजाब कैडर की भारतीय प्रशासनिक अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने 2011 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी अभिषेक सिंह से शादी करके अपना स्थानान्तरण उत्तर प्रदेश में करा लिया था। उनकी पहली तैनाती सितम्बर 2012 के दौरान गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हुई जहाँ उन्हें उ०प्र० सरकार द्वारा सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एस०डी०एम०) के पद पर तैनात किया गया। 28 वर्षीय युवा व स्वभाव से ही तेजतर्रार इस महिला प्रशासनिक अधिकारी ने यमुना नदी के खादर में रेत से भरी 300 ट्रॉलियों को अपने कब्जे में ले लिया था। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यमुना और हिंडन नदियों में खनन माफियाओं पर नजर रखने के लिये विशेष उड़न दस्तों का गठन किया और उनका नेतृत्व भी स्वयं सम्भाला। जिसके चलते वे राजनीतिक हस्तक्षेप की शिकार हो गयीं। उत्तर प्रदेश आई०ए०एस० ऐसोसिएशन ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन पर विरोध दर्ज कराया और इसे रद्द करने की माँग की। इसके परिणाम स्वरूप नागपाल के निलम्बन पर विचार करने को यू०पी० सरकार तैयार हुई। उ०प्र० सरकार के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने ऐसोसिएशन को बताया कि मुख्य मन्त्री अखिलेश यादव ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन पर नियमानुसार पुनर्विचार करने का आदेश उन्हें दे दिया है जिसके चलते प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी। मुख्यमन्त्री से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्होंने अपना पक्ष प्रस्तुत किया जिससे सन्तुष्ट होकर अखिलेश यादव ने उन्हें चन्द घण्टों बाद ही बहाल कर दिया। .

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दुव्वुरी सुब्बाराव

दुव्वरी सुब्बाराव (तेलुगु: దువ్వూరి సుబ్బారావు) का जन्म ११ अगस्त १९४९ को हुआ। वे एक भारतीय अर्थशास्त्री, केन्द्रीय बैंकर हैं। वे ५ सितंबर २००८ से ४ सितंबर २०१३ भारतीय रिज़र्व बैंक के २२वें गवर्नर रहे। श्री सुब्बाराव १९७२ बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के आंध्र प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। .

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दौलत सिंह कोठारी

भारत के महान रक्षावैज्ञानिक '''श्री दौलत सिंह कोठारी''' दौलत सिंह कोठारी (1905–1993) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की विज्ञान नीति में जो लोग शामिल थे उनमें डॉ॰ कोठारी, होमी भाभा, डॉ॰ मेघनाथ साहा और सी.वी.

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देवयानी खोब्रागड़े

देवयानी खोब्रागड़े (जन्म: 1974, मुंबई, महाराष्ट्र) अमेरिका स्थित न्यूयॉर्क में नियुक्त भारतीय उप महावाणिज्य दूत रह चुकी हैं। वे 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं तथा वर्तमान में न्यूयॉर्क में ही संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में कार्यरत हैं। .

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देवेंद्र सेन

देवेंद्र सेन को भारत सरकार द्वारा सन १९७६ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:१९७६ पद्म भूषण.

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दीपक शर्मा

दीपक शर्मा दीपक शर्मा (जन्म ३० नवंबर १९४६) हिन्दी की जानी मानी कथाकार हैं। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से अँग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। उनके पिता आल्हासिंह भुल्लर पाकिस्तान के लब्बे गाँव के निवासी थे तथा माँ मायादेवी धर्मपरायण गृहणी थीं। १९७२ में उनका विवाह श्री प्रवीण चंद्र शर्मा से हुआ जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। संप्रति वे लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के अंग्रेज़ी विभाग में वरिष्ठ प्रवक्ता हैं। .

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दीपक संधू

दीपक संधू (जन्म 19 दिसम्बर 1948) भारत की पहली महिला मुख्य सूचना आयुक्त रह चुकी हैं। 5 सितंबर 2013 को इस पद पर उनकी नियुक्ति हुई थी और दिसंबर 2013 के अंत में वे इस पद से सेवानिवृत हो रही हैं। 1971 बैच की भारतीय सूचना सेवा की पूर्व अधिकारी संधू कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी हैं जिसमें पीआईबी की प्रधान महानिदेशक, मीडिया एवं संचार,डीडी न्यूज की महानिदेशक और 2009 में सूचना आयुक्त बनने से पहले ऑल इंडिया रेडियो, न्यूज की महानिदेशक रह चुकी हैं। वे कान, बर्लिन, वेनिस और टोक्यो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों, रूस के ग्लेनक्षीक और साइप्रस में आतंकवाद एवं इलेक्ट्रानिक मास मीडिया पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अलावा अटलांटा, अमेरिका एवं बीजिंग में समाचार प्रमुखों के सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। .

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धर्मनाथ प्रसाद कोहली

धर्मनाथ प्रसाद कोहली को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६७ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब राज्य से हैं। श्रेणी:१९६७ पद्म भूषण.

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नरेश चन्द्रा

नरेश चन्द्रा (जन्म 1934) पूर्व भारतीय सिविल सेवक हैं जो केबिनेट सचिव (1990–92) और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत (1996–2001) रह चुके हैं। उन्हें २००७ में भारत के द्वितीय सर्वोच्य नागरीक सम्मान पद्म विभूषण से नव़ाज़ा गया। .

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निरंजनदास गुलाटी

निरंजनदास गुलाटी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९६१ पद्म भूषण.

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नजीब जंग

नजीब जंग इस समय दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं। इससे पूर्व वे भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रह चुके हैं और वर्तमान में जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति हैं। .

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नूरी गोपाल कृष्णमूर्ति

नूरी गोपाल कृष्णमूर्ति को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

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नीलम कपूर

नीलम कपूर भारत सरकार की पत्र सूचना कार्यालय की प्रमुख तथा मुख्य प्रवक्ता हैं। वे भारतीय सूचना सेवा की 1982 बैच की अधिकारी हैं, जिन्होने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की विभिन्न मीडिया इकाइयों में विभिन्न पदों जैसे केंद्रीय फिल्म समारोह निदेशालय के निदेशक; समाचार पत्रों के पंजीयक व डी॰ ए॰ वी॰ पी॰ की महानिदेशक आदि के लंबे कैरियर में वित्त, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों के लिए प्रचार संभाला है और कार्य किया है। .

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पदोन्नति

किसी संगठन में किसी कर्मचारी का पद बदलकर उसे उससे ऊपर वाला पद देना पदोन्नति (promotion) कहलाता है। .

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परमेश्वरी लाल वर्मा

परमेश्वरी लाल वर्मा को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा, सन १९७१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये चंडीगढ़ राज्य से हैं। श्रेणी:१९७१ पद्म भूषण.

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पंचेति कोटेस्वरम

पंचेति कोटेस्वरम को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७५ मे पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से हैं। श्रेणी:१९७५ पद्म भूषण.

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पुणे महानगर पालिका

पूणे महानगरपालिका (अंग्रेजी:Pune municipal corporation) इसे म.न.पा तथा (PMC) के नाम से भी जानी जाती है। इसे 15 फ़रवरी 1950 में स्थापित किया गया था। इसका प्रशासक एक भारतीय प्रशासनिक सेवा का ऑफिसर है। यह पूना की महानगरपालिका है। .

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प्रभात कुमार मुखर्जी

प्रभात कुमार मुखर्जी को भारत सरकार द्वारा १९८१ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:पद्म भूषण.

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प्रभु लाल भटनागर

प्रभुलाल भटनागर, (8 अगस्त, 1912 - 5 अक्टूबर, 1976) विश्वप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें गणित के लैटिस-बोल्ट्ज़मैन मैथड में प्रयोग किये गए भटनागर-ग्रॉस-क्रूक (बी.जी.के) कोलीज़न मॉडल के लिये जाना जाता है।। इंडियन मैथ सोसायटी। ऑब्सोल्यूट एस्ट्रॉनोमी .

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प्राणनाथ लूथरा

प्राणनाथ लूथरा को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

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प्रेमनाथ वाही

प्रेमनाथ वाही को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९७० पद्म भूषण.

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पीएस अप्पू

पीएस अप्पू(1929-28 मार्च 2012) एक भारतीय सिविल सेवक थे जो लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (ला॰ब॰शा॰रा॰प्र॰अ॰) के निर्देशक पद से सेवानिवृत्त हुए। अप्पू ने अपना करियर १९५१ में भारतीय प्रशासनिक सेवा के बिहार कैडर से आरम्भ किया। इस राज्य में उन्होंने दरभंगा जिले का कलेक्टर, वित्त सचिव और मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएँ दी। राज्य से संघीय सरकार में प्रतिनियुक्ति पर उन्होंने १९७० से १९७५ तक कृषि और योजना आयोग मंत्रालय में भूमि सुधार आयुक्त के रूप में कार्य किया। ला॰ब॰शा॰रा॰प्र॰अ॰ के निर्देशक नियुक्त हो जाने के बाद १९८२ में उन्होंने उपरोक्त सेवा को स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति के लिए चुना। उनके कई तरह के विशेषण नाम भी थे, यथा "विकास अर्थशास्त्री"। ऐसा इंसान जिसे नेताओं से अपनी बात साफ़ साफ़ कहने में कोई गुरेज़ नहीं था, "ऐसा शख़्स जिसे दस्तूर की कोई फ़िक्र नहीं थी। पीएस अप्पू को २००६ में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। .

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पीतांबर पंत

पीतांबर पंत को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये उत्तर प्रदेश से हैं। श्रेणी:१९७३ पद्म भूषण.

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फाजिल्का जिला

फाजिल्का जिला एक नया और पंजाब का २२ जिला है। इस जिले के अंतर्गत ३१४ राजस्व गाँव आते हैं। जिले के मुख्यालय फाजिल्का शहर और अबोहर है। यह जिला पंजाब का सबसे बड़ा शहर है। .

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बड़वानी ज़िला

बड़वानी ज़िला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िला मुख्यालय बड़वानी में है। ज़िले का क्षेत्रफल 5,427 किमी² तथा जनसंख्या 1,385,881 (2011 जनगणना) है। यह ज़िला मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित है, नर्मदा नदी इसकी उत्तरी सीमा बनाती है। सेंधवा इसका प्रसिद्ध नगर है। यह कपास के लिये प्रसिद्ध है। यह एक तहसील भी है। जिले का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है यहाँ के किले का ऐतिहासिक महत्व है। बड़वानी नगर से 8 किलोमीटर दूर सतपुड़ा की पहाड़ियों में भगवान ऋषभदेव की 84 फ़ीट की एक पत्थर से निर्मित प्रतिमा पहाड़ों से निकली है। जो बावनगजा के नाम से प्रसिद्ध है। तथा यहाँ पर धान उद्यान केंद्र है बड़वानी ज़िले की तहसील:- 1.

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बिनय शुषन घोष

बिनय शुषन घोष को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

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बी एन राव

बेनगुल नरसिम्हा राव एक अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश थे | वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे | .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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भारत के गृह सचिव

भारत के गृह सचिव जो भारत के गृह मंत्रालय से संबंधित मामले को निपटाता हैं | .

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भारत के कैबिनेट सचिव

भारत के कैबिनेट सचिव भारत के सर्वोच्च कार्यकारी अधिकारी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं। कैबिनेट सचिव सिविल सेवा बोर्ड, कैबिनेट सचिवालय, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अध्यक्ष और भारत सरकार के नियमों के तहत सभी सिविल सेवाओं के प्रमुख हैं। भारत के वरीयता क्रम में यह पद ११वें क्रमांक पर आता है। .

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भारतीय पुलिस सेवा

भारतीय पुलिस सेवा, जिसे आम बोलचाल में भारतीय पुलिस या आईपीएस, के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के एक अंग के रूप में कार्य करता है, जिसके अन्य दो अंग भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईएएस और भारतीय वन सेवा या आईएफएस हैं जो ब्रिटिश प्रशासन के अंतर्गत इंपीरियल पुलिस के नाम से जाना जाता था। .

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भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा

भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा। आईएण्डएएस या भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा एक भारतीय केन्द्रीय सरकारी सेवा है जो भारत के महालेखापरीक्षक और लेखानियंता के अधीन है और किसी भी कार्यकारी अधिकारी के नियंत्रण से मुक्त है। भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग के अधिकारी एक लेखा परीक्षण प्रबंधक की हैसियत से कार्य करते हैं। आईएण्डएएस पर केन्द्र और राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के खातों के लेखापरीक्षण और राज्य सरकारों के खातों के रखरखाव की जिम्मेदारी होती है। आईएएण्डएएस सरकार का वित्तीय प्रहरी है और सरकार से संबंधित जांच-पड़ताल में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी भूमिका कुछ हद तक अमेरिकी जीएओ और राष्ट्रीय लेखापरीक्षण कार्यालय (यूनाइटेड किंगडम) के समान है। इस सेवा के लिए भारत के प्रत्येक राज्य के लिए प्रधान महालेखाकार और महालेखाकारों की व्यवस्था है। आम तौर पर प्रत्येक राज्य में लेखापरीक्षण कार्यों के लिए एक प्रधान महालेखाकार प्रभारी होता है। प्रधान महालेखाकार के अलावा प्रत्येक राज्य में लेखांकन और हकदारी संबंधी कार्यों (वेतन, भविष्य निधि, पेंशन इत्यादि) के लिए महालेखाकार प्रभारी भी होता है। बड़े राज्यों में प्रधान महालेखाकार के अलावा एक महालेखाकार (लेखापरीक्षण) भी हो सकता है। .

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भारतीय लोक सेवा दिवस

भारतीय लोक सेवा दिवस (अंग्रेजी:Indian Civil Servants day) 21 अप्रैल को मनाया जाता है जिस दिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्र भारत के प्रथम लोक सेवा सत्र को मेटकाफ हाउस में संबोधित किया था जहां उन्होंने लोक सेवकों को 'स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया' कहकर सम्मानित किया गया था इस दिन अखिल भारतीय सेवाओं के विभिन्न अधिकारियों को उनकी सर्वश्रेष्ठ सेवा के हेतु पुरस्कृत किया जाता है यह अधिकारियों में बेहतर प्रदर्शन को अपने व्यवहार में लाने के साथ ही आने वाली नई चुनौतियों को निपटने के लिए अपनी कार्य क्षमता को बढ़ाने तथा सुधारने एवं विभिन्न नीतियों पर चर्चा कर मनन करने का अवसर मिलता है। .

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भारतीय सिविल सेवा

भारतीय सिविल सेवा भारत सरकार की नागरिक सेवा तथा स्थायी नौकरशाही है। सिविल सेवा देश की प्रशासनिक मशीनरी की रीढ है। भारत के संसदीय लोकतंत्र में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों, जो कि मंत्रीगण होते हैं, के साथ वे प्रशासन को चलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये मंत्री विधायिकाओं के लिए उत्तरदायी होते हैं जिनका निर्वाचन सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर आम जनता द्वारा होता है। मंत्रीगण परोक्ष रूप से लोगों के लिए भी जिम्मेदार हैं। लेकिन आधुनिक प्रशासन की कई समस्याओं के साथ मंत्रीगण द्वारा व्यक्तिगत रूप से उनसे निपटने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस प्रकार मंत्रियों ने नीतियों का निर्धारण किया और नीतियों के निर्वाह के लिए सिविल सेवकों की नियुक्ति की जाती है। कार्यकारी निर्णय भारतीय सिविल सेवकों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। सिविल सेवक, भारतीय संसद के बजाए भारत सरकार के कर्मचारी हैं। सिविल सेवकों के पास कुछ पारंपरिक और सांविधिक दायित्व भी होते हैं जो कि कुछ हद तक सत्ता में पार्टी के राजनैतिक शक्ति के लाभ का इस्तेमाल करने से बचाता है। वरिष्ठ सिविल सेवक संसद के स्पष्टीकरण के लिए जिम्मेवार हो सकते हैं। सिविल सेवा में सरकारी मंत्रियों (जिनकी नियुक्ति राजनैतिक स्तर पर की गई हो), संसद के सदस्यों, विधानसभा विधायी सदस्य, भारतीय सशस्त्र बलों, गैर सिविल सेवा पुलिस अधिकारियों और स्थानीय सरकारी अधिकारियों को शामिल नहीं किया जाता है। .

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भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण

भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India) सन २००९ में गठित भारत सरकार का एक प्राधिकरण है जिसका गठन भारत के प्रत्येक नागरिक को एक बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र उपलब्ध करवाने की भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत किया गया। भारत के प्रत्येक निवासियों को प्रारंभिक चरण में पहचान प्रदान करने एवं प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाऐं उपलब्ध कराना इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य था। इस बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र (Multipurpose National Identity Card) का नाम "आधार" रखा गया। .

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भवानी चरन मुखर्जी

भवानी चरन मुखर्जी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६६ में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:१९६६ पद्म भूषण.

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भगवान सहाय

भगवान सहाय को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये उत्तर प्रदेश से हैं। श्रेणी:१९६१ पद्म भूषण श्रेणी:जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल.

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भूपेंद्र कैन्थोला

भूपेंद्र कैन्थोला भारतीय फिल्म और टेलिविज़न संस्थान के निदेशक हैं। वे भारतीय सूचना सेवा के वर्ष 1989 बैच के अधिकारी हैं। उन्होने मुंबई विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंध में स्नातकोत्तर किया है। इसके पूर्व वे जनवरी 2015 के बाद से निदेशक (समाचार कक्ष) डीडी न्यूज में सेवारत थे और 'न्यूज संचालन और उत्पादन के प्रबंधन' के लिए जिम्मेदार थे। इससे पहले उन्होने पीआईबी, ऑडियो दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी), फिल्म समारोह निदेशालय और लोक सभा टीवी (निदेशक, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और भारतीय पैनोरमा के रूप में) काम किया है। .

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भोलेनाथ मलिक

भोलेनाथ मलिक को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६४ में भारत सरकार द्वारा, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९६४ पद्म भूषण.

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मणींद्रनाथ चक्रवर्ती

मणींद्रनाथ चक्रवर्ती को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा, सन १९७१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। श्रेणी:१९७१ पद्म भूषण.

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मनोहर लाल छिब्बर

मनोहर लाल छिब्बर को भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८६ में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:पद्म भूषण.

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महाराज कृष्ण रसगोत्रा

महाराज कृष्ण रसगोत्रा (जन्म: ११ सितम्बर १९२४) को सन २००२ में भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:1924 में जन्मे लोग श्रेणी:पद्म भूषण.

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मायावती

मायावती (जन्मः १५ जनवरी १९५६; पूरा नाम: मायावती प्रभू दास) भारतीय राजनीतिज्ञ एवं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष है, जो भारतीय समाज के सबसे कमजोर वर्गों - बहुजनों या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग और धार्मिक अल्पसंख्यकों के जीवन में सुधार के लिए सामाजिक परिवर्तन के एक मंच पर केंद्रित है। दलित राजनीति की पुरोधा भारतीय राजनीति में अपना दखल रखने वाली इस दलित महिला ने चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली।https://web.archive.org/web/20080608020955/http://www.upgov.nic.in/upinfo/cm_profile_blue%20latest.htm .

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मालुर श्रीनिवास तिरुमलै अयंगार

मालुर श्रीनिवास तिरुमलै अयंगार को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में १९५६ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु राज्य से हैं। श्रेणी:१९५६ पद्म भूषण.

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुल्कराज चोपड़ा

मुल्कराज चोपड़ा को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६७ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये उत्तराखंड राज्य से हैं। श्रेणी:१९६७ पद्म भूषण.

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मुहम्मद हयात

मुहम्मद हयात को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:कर्नाटक के लोग.

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मुहम्मब युनुस

मुहम्मब युनुस को १९८६ में भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९८६ पद्म भूषण.

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मैल्कम सत्यनाथन आदिशेशैया

मैल्कम सत्यनाथन आदिशेशैया को भारत सरकार द्वारा सन १९७६ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से हैं। श्रेणी:१९७६ पद्म भूषण.

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यशवंत सिन्हा

यशवंत सिन्हा (जन्म: 6 नवम्बर 1937, पटना) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं, जो इस समय सत्ताधारी पार्टी है। वे भारत के पूर्व वित्त मंत्री रहने के साथ-साथ अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। .

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योगेन्द्र नारायण

योगेन्द्र नारायण (जन्म: 26 जून 1942, इलाहाबाद) 1965 बैच के एक भारतीय आई॰ए॰एस॰ अधिकारी हैं जो अपनी ईमानदार छवि और वक़्त की पाबन्दी के लिये जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव, केन्द्र सरकार में रक्षा सचिव और राज्य सभा में महासचिव रह चुके योगेन्द्र नारायण इस समय रिलाइंस पावर इण्डस्ट्रीज़ की ऑडिट कमेटी के सदस्य हैं। उन्होंने अंग्रेजी में कई पुस्तकें भी लिखी हैं। राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ लम्बे प्रशासनिक अनुभव के मद्देनज़र योगेन्द्र नारायण विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर अपनी बेवाक राय व्यक्त करते रहते हैं। 42 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहने के उपरान्त अवकाश प्राप्त कर वे आजकल अपने परिवार के साथ नोएडा में रह रहे हैं। .

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रमाकांत महेश्वर मजूमदार

रमाकांत महेश्वर मजूमदार को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से हैं। श्रेणी:१९७३ पद्म भूषण.

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राधा कुमार

डॉ राधा कुमार एक भारतीय नारीवादी लेखिका और शिक्षाविद् हैं। वे जातीय संघर्ष एवं शांति बहाली विषयों की विशेषज्ञ भी मानी जाती हैं। 28 अप्रैल, 2016 को संयुक्त राष्ट्र यूनिवर्सिटी ने उन्हें यूएन यूनिवर्सिटी काउंसिल में सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। वर्तमान में वे नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक दिल्ली पॉलिसी ग्रुप की महानिदेशक हैं। पूर्व में वे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली में निदेशक रह चुकी हैं। .

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राम नारायण मल्होत्रा

राम नारायण मल्होत्रा को भारत सरकार द्वारा सन १९९० में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९९० पद्म भूषण श्रेणी:महाराष्ट्र के लोग.

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राम मेहता

राम मेहता को भारत सरकार द्वारा सन १९७६ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७६ पद्म भूषण.

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रामचंद्र दत्तात्रेय प्रधान

रामचंद्र दत्तात्रेय प्रधान को १९८६ में भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं। श्रेणी:१९८६ पद्म भूषण.

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रामस्वरूप वर्मा

रामस्वरूप वर्मा (22 अगस्त, 1923 – 19 अगस्त, 1998), एक समाजवादी नेता थे जिन्होने 'अर्जक संघ' की स्थापना की। लगभग पचास साल तक राजनीति में सक्रिय रहे रामस्वरूप वर्मा को राजनीति का 'कबीर' कहा जाता है। वे डाॅ० राममनोहर लोहिया के निकट सहयोगी और उनके वैचारिक मित्र तथा १९६७ में उत्तर प्रदेश सरकार के चर्चित वित्तमंत्री थे जिन्होंने उस समय २० करोड़ लाभ का बजट पेश कर पूरे आर्थिक जगत को अचम्भित कर दिया। उनका सार्वजनिक जीवन सदैव निष्कलंक, निडर, निष्पक्ष और व्यापक जनहितों को समर्पित रहा। राजनीति में जो मर्यादाएं और मानदंण्ड उन्होंने स्थापित किये और जिन्हें उन्होंने स्वयं भी जिया उनके लिए वे सदैव आदरणीय और स्मरणीय रहेंगे। २२ अगस्त १९२३ को कानपुर (वर्तमान कानपुर देहात) के ग्राम गौरीकरन के एक किसान परिवार में जन्में रामस्वरूप ने राजनीति को अपने कर्मक्षेत्र के रूप में छात्र जीवन में ही चुन लिया था बावजूद इसके कि छात्र राजनीति में उन्होंने कभी हिस्सा नहीं लिया। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा कालपी और पुखरायां में हुई जहां से उन्होंने हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाएं उच्च श्रेणी में उत्तीर्ण की। वर्मा जी सदैव मेधावी छात्र रहे और स्वभाव से अत्यन्त सौम्य, विनम्र, मिलनसार थे पर आत्मस्म्मान और स्वभिमान उनके व्यक्तित्व में कूट-कूट कर भरा हुआ था। उन्होंने १९४९ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय हिन्दी में एम०ए० और इसके बाद कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा भी उत्तीर्ण की और इतिहास में सर्वोच्च अंक पाये जबकि पढ़ाई में इतिहास उनका विषय नहीं रहा। पर नौकरी न करने दृढ़ निश्चय के कारण साक्षात्कार में शामिल नहीं हुए। इनके पिता का नाम वंशगोपाल था। वर्मा जी अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे। अन्य तीन भाई गांव में खेती किसानी करते थे पर उनके सभी बड़े भाइयों ने वर्मा जी की पढ़ाई लिखाई पर न सिर्फ विशेष ध्यान दिया बल्कि अपनी रुचि के अनुसार कर्मक्षेत्र चुनने के लिए भी प्रोत्साहित किया। पढ़ाई के बाद सीधे राजनीति में आने पर परिवार ने कभी आपत्ति नहीं की बल्कि हर सम्भव उन्हें प्रोत्साहन और सहयोग दिया। सर्वप्रथम वे १९५७ में सोशलिस्ट पार्टी से भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश विधान सभा के सद्स्य चुने गये, उस समय उनकी उम्र मात्र ३४ वर्ष की थी। १९६७ में संयुक्त सोशलिस्ट पर्टी से, १९६९ में निर्दलीय, १९८०, १९८९ में शोषित समाजदल से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गये। १९९१ में छठी बार शोषित समाजदल से विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। जनान्दोलनों में भाग लेते हुए वर्मा जी १९५५, १९५७, १९५८, १९६०, १९६४, १९६९, और १९७६ में १८८ आई०पी०सी० की धारा ३ स्पेशल एक्ट धारा १४४ डी० आई० आर० आदि के अन्तर्गत जिला जेल कानपुर, बांदा, उन्नाव, लखनऊ तथा तिहाड़ जेल दिल्ली में राजनैतिक बन्दी के रूप में सजाएं भोगीं। वर्मा जी ने १९६७-६८ में उत्तर प्रदेश की संविद सरकार में वित्तमंत्री के रूप में २० करोड़ के लाभ का बजट पेश कर पूरे आर्थिक जगत को अचम्भे में डाल दिया। बेशक संविद सरकार की यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी। कहा जाता है कि एक बार सरकार घाटे में आने के बाद फायदे में नहीं लाया जा सकता है, अधिक से अधिक राजकोषीय घाटा कम किया जा सकता है। दुनिया के आर्थिक इतिहास में यह एक अजूबी घटना थी जिसके लिए विश्व मीडीया ने वर्मा जी से साक्षात्कार कर इसका रहस्य जानना चाहा। संक्षिप्त जबाब में तो उन्होंने यही कहा कि किसान से अच्छा अर्थशास्त्री और कुशल प्रशासक कोई नहीं हो सकता क्योंकि लाभ-हानि के नाम पर लोग अपना व्यवसाय बदलते रहते हैं पर किसान सूखा-बाढ़ झेलते हुए भी किसानी करना नहीं छोडता। वर्मा जी भले ही डिग्रीधारी अर्थशास्त्री नहीं थे पर किसान के बेटे होने का गौरव उन्हें प्राप्त था। बाबजूद इसके कि वर्मा जी ने कृषि, सिंचाई, शिक्षा, चिकित्सा, सार्वजनिक निर्माण जैसे तमाम महत्वपूर्ण विभागों को गत वर्ष से डेढ़ गुना अधिक बजट आवंटित किया तथा कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में वृद्धि करते हुए फायदे का बजट पेश किया। अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी करते करते वर्मा जी समाजवादी विचारधारा के प्रभाव में आ गये थे और डा0 लोहिया के नेतृत्व में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गये। डाॅ० राममनोहर लोहिया को अपनी पार्टी के लिए एक युवा विचारशील नेतृत्व मिल गया जिसकी तलाश उन्हें थी। डा० लोहिया को वर्मा जी के व्यक्तित्व की सबसे महत्वपूर्ण बात यह लगी कि उनके पास एक विचारशील मन है, वे संवेदनशील हैं, उनके विचारों में मौलिकता है, इन सबसे बड़ी बात यह थी किसान परिवार का यह नौजवान प्रोफेसरी और प्रशासनिक रुतबे की नौकरी से मुंह मोड़ कर राजनीति को सामाजिक कर्म के रूप में स्वीकार कर रहा है। डाॅ लोहिया को वर्मा जी का जिन्दगी के प्रति एक फकीराना नजरिया और निस्वार्थी-ईमानदार तथा विचारशील व्यक्तित्व बहुत भाया और उनके सबसे विश्वसनीय वैचारिक मित्र बन गये क्योंकि वर्मा जी भी डा० लोहिया की तरह देश और समाज के लिए कबीर की तरह अपना घर फूंकने वाले राजनैतिक कबीर थे। वर्मा जी अपने छात्र जीवन में आजादी की लड़ाई के चश्मदीद गवाह रहे पर उसमें हिस्सेदारी न कर पाने का मलाल उनके मन में था इसीलिए भारतीय प्रशासनिक सेवा की रुतबेदार नौकरी को लात मार कर राजनीति को देश सेवा का माध्यम चुना और राजनीति भी सिद्धान्तों और मूल्यों की। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए पहला चुनाव १९५२ में भोगनीपुर चुनाव क्षेत्र से एक वरिष्ठ कांगे्रसी नेता रामस्वरूप गुप्ता के विरुद्ध लड़ा और महज चार हजार मतों से वे हारे पर १९५७ के चुनाव में उन्होंने रामस्वरूप गुप्ता को पराजित किया। उन्हें राजनीति में स्वार्थगत समझौते अोहदों की दौड़ से सख्त नफरत थी। उनका ध्येय एक ऐसे समाज की संरचना करना था जिसमें हर कोई पूरी मानवीय गरिमा के साथ जीवन जी सके। वे सामाजिक आर्थिक, सामाजिक राजनैतिक न्याय के साथ साथ सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक बराबरी के प्रबल योद्धा थे और इसके लिए वे चतुर्दिक क्रान्ति अर्थात सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक क्रान्ति की लड़ाई एक साथ लड़े जाने पर जोर देते थे। वर्मा जी ने १९६९ में अर्जक संघ का गठन किया और अर्जक साप्ताहिक का सम्पादन और प्रकाशन प्रारंभ किया। अर्जक संघ अपने समय का सामाजिक क्रान्ति का एक ऐसा मंच था जिसने अंधविश्वास पर न सिर्फ हमला किया बल्कि उत्तर भारत में महाराष्ट्र और दक्षिण भारत की तरह सामाजिक न्याय के आन्दोलन का बिगुल फूंका। उन्हें उत्तर भारत का अंम्बेडकर भी कहा गया। मंगलदेव विशारद और महाराज सिंह भारती जैसे तमाम समाजवादी वर्मा जी के इस सामाजिक न्याय के आन्दोलन से जुड़े और अर्जक साप्ताहिक में क्रान्तिकारी वैचारिक लेख प्रकाशित हुए। उस समय के अर्जक साप्ताहिक का संग्रह विचारों का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। वर्मा जी ने "क्रांन्ति क्यों और कैसे", ब्राह्मणवाद की शव-परीक्षा, अछूत समस्या और समाधान, ब्राह्मणण महिमा क्यों और कैसे? मनुस्मृति राष्ट्र का कलंक, निरादर कैसे मिटे, अम्बेडकर साहित्य की जब्ती और बहाली, भंडाफोड़, 'मानववादी प्रश्नोत्तरी' जैसी महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी जो अर्जक प्रकाशन से प्रकाशित हुई़ं। महाराज सिंह भारती और रामस्वरूप वर्मा की जोड़ी "मार्क्स और एंगेल" जैसे वैचारिक मित्रों की जोड़ी थी और दोनों का अन्दाज बेबाक और फकीराना था। दोनों किसान परिवार के थे और दोनों के दिलों में गरीबी, अपमान अन्याय और शोषण की गहरी पीड़ा थी। महाराज सिंह भारती ने सांसद के रूप में पूरे विश्व का भ्रमण कर दुनिया के किसानों और उनकी जीवन पद्धति का गहन अध्ययन किया और उन्होंने महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी। उनकी पुस्तक "सृष्टि और प्रलय", डार्विन की "आॅरजिन आॅफ स्पसीज" की टक्कर की सरल हिन्दी में लिखी गयी पुस्तक है जो आम आदमी को यह बताती है कि यह दुनिया कैसी बनी और यह भी बताती है कि इसे ईश्वर ने नहीं बनाया है बल्कि यह स्वतः कुदरती नियमों से बनी है और इसके विकास में मनुष्य के ष्रम की अहम भूमिका है। उनकी "ईश्वर की खोज" और भारत का नियोजित दिवाला जैसी अनेक विचार परक पुस्तकें हैं जो अर्जक प्रकाशन से प्रकाशित हुई हैं। बिहार के 'लेनिन' कहे जाने वाले जगदेव बाबू ने वर्मा जी के विचारों और उनके संघर्षशील व्यक्तित्व से प्रभावित होकर शोषित समाज दल का गठन किया। जगदेव बाबू के राजनेतिक संघर्ष से आंतकित होकर उनके राजनैतिक प्रतिद्वन्दियों ने उनकी हत्या करा दी। जगदेव बाबू की शहादत से शोषित समाज दल को गहरा आघात लगा पर सामाजिक क्रान्ति की आग और तेज हुई। जगदेव बाबू बिहार के पिछड़े वर्ग के किसान परिवार से थे और वर्मा जी की तरह वे भी अपने संघर्ष के बूते बिहार सरकार मंत्री रहे। वर्मा जी का संपूर्ण जीवन देश और समाज को समर्पित था। उन्होंने “जिसमें समता की चाह नहीं/वह बढि़या इंसान नहीं, समता बिना समाज नहीं /बिन समाज जनराज नहीं जैसे कालजयी नारे गढ़े। राजनीति और राजनेता के बारे में एक साक्षात्कार में दिया गया उनका बयान गौर तलब है। राजनीति के बारे में उनका मानना है कि यह शुद्धरूप से अत्यन्त संवेदनशील सामाजिक कर्म है और एक अच्छे राजनेता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि उसे देश और स्थानीय समाज की समस्याअों की गहरी और जमीनी समझ हो और उनके हल करने की प्रतिबद्ध्ता हो। जनता अपने नेता को अपना आदर्श मानता है इसलिए सादगी, ईमानदारी, सिद्धान्तवादिता के साथ-साथ कर्तब्यनिष्ठा निहायत जरूरी है। वर्मा जी ने विधायकों के वेतन बढ़ाये जाने का विधान सभा में हमेशा विरोध किया और स्वयं उसे कभी स्वीकार नहीं किया। वर्मा जी ने संविद सरकार में सचिवालय से अंगे्रजी टाइप राइटर्स हटवा दिये और पहली बार हिन्दी में बजट पेश किया जो परंपरा अब बरकरार। वर्मा जी ने बजट में खण्ड-६ का समावेश किया जिसमें प्रदेश के कर्मचारियों/अधिकारियों का लेखा जोखा होता है, इसके पहले सरकारें कर्मचरियों के बिना किसी लेखे-जोखे के अपने कर्मचारियों को वेतन देती थी। वर्मा जी के चिन्तन में समग्रता थी। उन्होंने क्रन्ति को परिभाषित करते हुए कहा कि "क्रान्ति जीवन के पूर्व निर्धारित मूल्यों का जनहित में पुनिर्धारण करना है क्रान्ति है"। उनके विचार मौलिक होते हैं पर वे बाबा साहब डा० अम्बेडकर, चारवाक, कार्ल मार्क्स और गौतम बुद्ध के विचारों से प्रभावित थे पर कहीं कहीं इनसे असहमत भी थे। यही बेबाकी उनकी खासियत थी। .

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राज कुमार खन्ना

राज कुमार खन्ना को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७५ पद्म भूषण.

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राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम

राजस्थान राज्य का सबसे बड़ा इंटरसिटी बस परिवहन राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम है इसका मुख्यालय जयपुर राजस्थान में हैं। .

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राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया)

प्रो॰ राजेन्द्र सिंह (२९ जनवरी १९२२ - १४ जुलाई २००३) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चौथे सरसंघचालक थे, जिन्हें सर्वसाधारण जन से लेकर संघ परिवार तक सभी जगह रज्जू भैया के नाम से ही जाना जाता है। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में १९३९ से १९४३ तक विद्यार्थी रहे। तत्पश्चात् १९४३ से १९६७ तक भौतिकी विभाग में पहले प्रवक्ता नियुक्त हुए, फिर प्राध्यापक और अन्त में विभागाध्यक्ष हो गये। रज्जू भैया भारत के महान गणितज्ञ हरीशचन्द्र के बी०एससी० और एम०एससी० (भौतिक शास्त्र) में सहपाठी थे। .

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राजेश कुमार चतुर्वेदी

राजेश कुमार चतुर्वेदी भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं। वर्तमान में वे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वर्ष 1987 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। सीबीएसई अध्यक्ष का पद केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव के स्तर का है। यह पद दिसंबर, 2014 से खाली था। 14 जुलाई, 2016 को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनके नाम को मंजूरी प्रदान की। इस पद पर उनका कार्यकाल 5 वर्ष होगा। .

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राजीव महर्षि

राजीव महर्षि भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक तथा संयुक्त राष्ट्र में बॉर्ड ऑफ ऑडिटर के अध्यक्ष हैं | वे पूर्व भारत के गृह सचिव तथा भारत के वित्त सचिव रह चुके हैं। वे 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वित्त सचिव मंत्रालय का वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी होता है जो मंत्रालय के विभिन्न विभागों के काम-काज में समन्वय रखता है। इनसे पूर्व इस पद पर श्री अरविंद मायाराम कार्यरत थे जिनका स्थानांतरण अक्टूबर 2014 में पर्यटन मंत्रालय में हो गया। .

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राजीव सेठी

राजीव सेठी (जन्म २४ मई १९४९) को भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८६ में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली से हैं। .

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रजनी राज़दान

श्रीमती रजनी राज़दान भारत के संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की वर्तमान अध्यक्षा हैं। 16 अगस्त 2014 को आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष प्रो॰ डी.पी.

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रुबैदा सलाम

रुबैदा सलाम भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2013 बैच की अधिकारी हैं। वे जम्मू और कश्मीर की पहली महिला बनी हैं जिन्होंने सिविल सर्विसेस के लिए क्वालीफाई किया है। 26 साल की रुबैदा के पास मेडिसिन की डिग्री है। उन्होंने अपना एकमात्र लक्ष्य सिविल सेवा चुना, इसलिए अपनी प्रैक्टिस छोड़ी और दबावों के बावजूद शादी के प्रस्तावों को ठुकराया। उनकी रैंक 804 है और उन्हें पुलिस सर्विस एलॉट किया गया है। .

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रोमन सैनी

डॉ॰ रोमन सैनी एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी है, अनएकेडेमी नामक निःशुल्क ऑनलाइन शैक्षणिक संस्था के संस्थापक है। वे मोटिवेशनल स्पीकर और गिटारिस्ट भी हैं। जनवरी 2016, रोमन सैनी ने निःशुल्क शैक्षणिक पहल अनएकेडेमी पर ध्यान देने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया है। दैनिक भास्कर के साक्षात्कार में रोमन ने कहा की सिविल सर्विस छोड़ने का फैसला कठिन था। लेकिन हमारी ये पहल एजुकेशन की तस्वीर बदलेगी। .

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ललित के. पंवार

डॉ.

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लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी उद्देश्य (ला.ब.शा.रा.प्र.अ.) उच्चतर सिविल सेवाओं के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए समर्पित, भारत का अग्रणी संस्थान है। इसके मुख्य दायित्व हैं- अखिल भारतीय सेवाओं तथा केंद्रीय सेवाओं (समूह 'क') के सदस्यों को एक संयुक्त आधारिक पाठ्यक्रम के जरिए प्रवेशकालीन प्रशिक्षण प्रदान करना; भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए प्रवेशकालीन तथा प्रवेशोपरांत व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा मिड कैरिअर प्रशिक्षण प्रदान करना; भा.

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लक्ष्मी प्रसाद सिहरे

लक्ष्मी प्रसाद सिहरे को १९८६ में भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९८६ पद्म भूषण.

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लोक सत्ता (पार्टी)

लोक सत्ता पार्टी डॉ॰ जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित भारत की राजनीतिक पार्टी है। 2 अक्टूबर 2006 को लोक सत्ता स्वैच्छिक संगठन द्वारा शुरू हुई.

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शादी में ज़रूर आना

शादी में ज़रूर आना फ़िल्म एक ड्रामेटिक रोमांटिक ड्रामा है। फिल्म की डायरेक्टर रत्ना सिन्हा हैं। फ़िल्म में राजकुमार राव एक्‍ट्रेस कृति खरबंदा के साथ नजर आने वाले हैं। शादी में ज़रूर आना" की शूटिंग लखनऊ के बलरामपुर गार्डन में हो रही थी। .

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शारदा प्रसाद वर्मा

शारदा प्रसाद वर्मा को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६८ में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये उत्तर प्रदेश राज्य से हैं। श्रेणी:१९६८ पद्म भूषण.

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शाह फैसल

शाह फैसल  (जन्म 17 मई 1983)  जम्मू कश्मीर राज्य से एक सिविल सर्वेंट हैं। 2009 में वे भारतीय सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने वाले पहले कश्मीरी थे और खुले मेधा के द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित पहले कश्मीरी थे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उन्हें उनकी सफलता पर उन्हें बधाई दी। वह जम्मू और कश्मीर राज्य में यूथ आइकॉन की तरह उभरे हैं। .

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शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी

शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी (जन्म: ११ जुलाई १९४७) भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त है। ३० जुलाई २०१० से इनका पद प्रभावी है। सन् २०१० में बिहार विधानसभा चुनाव कुरैशी की देखरेख में संपन्न हुए। कुरैशी १९७१ बैच के आईएएस अफसर हैं। केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर उन्होंने ३५ वर्ष की सिविल सेवा के बाद जून २००६ में आयोग में प्रवेश किया था। आयोग से जुड़ने से पहले वे खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय में सचिव थे। .

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शांतु जवाहरमल साहनी

शांतु जवाहरमल साहनी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। श्रेणी:१९६५ पद्म भूषण.

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शक्ति मोहन

शक्ति मोहन (अंग्रेजी: Shakti Mohan) भारत से एक समकालीन नर्तकी है। वह ज़ी टीवी के नृत्य रियलिटी शो डांस इंडिया डांस (सीज़न 2) की विजेता रही थी। शक्ति ने ज़ी टीवी से 50 लाख का नकद पुरस्कार और एक सुजुकी वैगनार जीता। शक्ति तीस मार खान् फिल्म के शीर्षक गीत के वीडियो पर संक्षिप्त उपस्थित है। वह दैनिक ओपेरा चैनल वी पर दिल दोस्ती डांस पर क्रिया निभाती है और दुनिया भर के विभिन्न शो में प्रदर्शन करती है। .

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श्रीनिवास आनंदराम

श्रीनिवास आनंदराम को १९८६ में भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९८६ पद्म भूषण.

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श्रीनिवासन वरदराजन

श्रीनिवासन वरदराजन को भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९८५ पद्म भूषण.

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श्रीलाल शुक्ल

श्रीलाल शुक्ल (31 दिसम्बर 1925 - 28 अक्टूबर 2011) हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। वह समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात थे। श्रीलाल शुक्ल (जन्म-31 दिसम्बर 1925 - निधन- 28 अक्टूबर 2011) को लखनऊ जनपद के समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की। 1949 में राज्य सिविल सेवासे नौकरी शुरू की। 1983 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से निवृत्त हुए। उनका विधिवत लेखन 1954 से शुरू होता है और इसी के साथ हिंदी गद्य का एक गौरवशाली अध्याय आकार लेने लगता है। उनका पहला प्रकाशित उपन्यास 'सूनी घाटी का सूरज' (1957) तथा पहला प्रकाशित व्यंग 'अंगद का पाँव' (1958) है। स्वतंत्रता के बाद के भारत के ग्रामीण जीवन की मूल्यहीनता को परत दर परत उघाड़ने वाले उपन्यास 'राग दरबारी' (1968) के लिये उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके इस उपन्यास पर एक दूरदर्शन-धारावाहिक का निर्माण भी हुआ। श्री शुक्ल को भारत सरकार ने 2008 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है। .

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शेखर दत्त

शेखर दत्त भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के राज्यपाल रहे। इसके पहले वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए। .

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शीला दीक्षित

श्रीमती शीला दीक्षित भारत के केरल राज्य की पूर्व राज्यपाल हैं। केरल के राज्‍यपाल श्री निखिल कुमार के त्‍यागपत्र देने के पश्चात् उनकी नियुक्ति इस पद पर की गई थी। इससे पूर्व वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य की मुख्य मंत्री रह चुकी हैं। वे देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला। इनको 17 दिसंबर,2008 में लगातार तीसरी बार दिल्ली विधान सभा के लिये चुना गया था। 2013 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। वे दिल्ली की दूसरी महिला मुख्य मंत्री थीं।2017 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांगेस पार्टी की मुख्यमंत्री पद लिये उम्मीदवार घोषित की गई है। .

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सरताज सिंह

सरताज सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से थे। २४ अप्रैल १९९८ को उनका निधन हो गया। .

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सरताज सिंह साही

सरताज सिंह साही को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये चंडीगढ़ से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

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सरला ग्रेवाल

सरला ग्रेवाल (4 अक्टूबर 1927 - 29 जनवरी 2002) 1952 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी थी। वे 1989-1990 में मध्य प्रदेश की राज्यपाल भी रहीं। साथ ही वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रधान सचिव भी रही हैं। .

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सिविल सेवा

ग्वांगझोउ (चीन) में ७५०० कक्षों वाला परीक्षा-हाल (सन १८७३ में) सिविल सेवा (Civil servises) के दो अर्थ लगाये जाते हैं-.

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सगत सिंह

पाकिस्तानी जनरल नियाजी, जगदीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण के प्रपत्र पर हस्ताक्षर करते हुए। इनके ठीक पीछे खड़े हैं (बायें से दायें) नीलकान्त कृष्णन, हरि चन्द दीवान, ले जनरल सगत सिंह, तथा जनरल जैकब लेफ्टिनेन्ट जनरल सगत सिंह (परम विशिष्ट सेवा मेडल) (14 जुलाई 1918 – 26 सितम्बर, 2001) भारतीय सेना के तीन-सितारा रैंक वाले जनरल थे। वे गोवा मुक्ति संग्राम और बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में अपनी विशिष्ट भूमिका के लिये प्रसिद्ध हैं। अपने सैन्य जीवन में उन्होने अनेकों सम्मनिति पदों की शोभा बढ़ाई। सगत सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

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संयुक्त रोजगार परीक्षा

संयुक्त रोजगार परीक्षा (अंग्रेज़ी: Joint Employment Test (JET Exam) - जॉइंट एम्प्लॉयमेंट टेस्ट) व्यापार और वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत स्वायत्त संस्थान द्वारा संचालित एक प्रतियोगी परीक्षा हैं, जिसके माध्यम से तृतीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों के सामानांतर जैसे लेखपाल, लिपिक कर्मचारी इत्यादि हेतु चयन किया जाता हैं।उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जाता हैं। .

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सुधीर कृष्ण मुखर्जी

सुधीर कृष्ण मुखर्जी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:१९७३ पद्म भूषण.

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सुनील कुमार बर्नवाल

सुनील कुमार वर्णवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं एवं झारखंड में पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त हैं जिसका मुख्यालय जमशेदपुर में है। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:प्रशासनिक अधिकारी श्रेणी:झारखंड श्रेणी:जमशेदपुर.

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सुनील अरोड़ा

सुुनील अरोड़ा भारत के चुनाव आयुक्त हैैं | वेे राजस्थान कैडर केे 1980 बैच भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैैं | .

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सुप्रिया साहू

सुप्रिया साहू एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी है। वे वर्ष 1991 बैच की तमिलनाडु कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। 16 जून, 2016 को केंद्र सरकार ने उन्हें दूरदर्शन का महानिदेशक नियुक्त किया। उन्हें इस पद पर 3 वर्षों के लिए प्रतिनियुक्त के आधार पर नियुक्त किया गया है। यह पद वर्ष 2014 से रिक्त था। .

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सुमिता मिश्रा

सुमिता मिश्रा (जन्म: ३० जनवरी, १९६७; चंडीगढ, हरियाणा) एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी, साहित्यकार एवं प्रसिद्द कवियित्री हैं। इनकी तीन कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। .

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सुरिंदर सिंह बेदी

सुरिंदर सिंह बेदी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण.

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सुरिंदर सिंह गिल

सुरिंदर सिंह गिल को भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९८५ पद्म भूषण.

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सुषमा सिंह

सुषमा सिंह (जन्म 22 मई 1949) भारत की महिला मुख्य सूचना आयुक्त रह चुकी हैं। वे यह पद संभालने वाली भारत की दूसरी महिला हैं।22 मई 2014 को उनकी सेवानिवृति के बाद अब इस पद पर राजीव माथुर कार्यरत हैं। .

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स्नेहलता श्रीवास्तव

श्रीमति स्नेहलता श्रीवास्तव (जन्म 18 सितंबर 1957) लोकसभा की पहली महिला महासचिव हैं। वे 29 नवंबर, 2017 को लोकसभा की पहली महिला महासचिव नियुक्त हुईं। इस पद पर उनका कार्यकाल 1 दिसंबर, 2017 से 30 नवंबर, 2018 तक है। इसके पूर्व वे भारत के राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे मध्य प्रदेश कैडर के 1982 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं और वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में अपर सचिव के पद पर हैं। वे आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, आईडीएफसी लिमिटेड और भारतीय साधारण बीमा निगम के निदेशक मंडल में एक निदेशक भी हैं। ०१ दिसंबर २०१७ को भारत के लोकसभा की प्रथम महिला महासचिव पद पर उनकी नियुक्ति हुयी है। .

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सैयद नसीम अहमद ज़ैदी

नसीम अहमद जैदी भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त हुए हैं। डॉ.

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सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी

सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी (१४ अगस्त १९२३ – ७ फ़रवरी २०१४) भारत के प्रशासनिक अधिकारी, त्रिपुरा, नागालैण्ड, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल तथा भारत के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष थे। बर्नी उत्तर प्रदेश के बरेली महाविद्यालय के पूर्व छात्र थे। वो भारतीय प्रशासनिक सेवा के उड़िशा कैडर के अधिकारी थे जहाँ उनकी नियुक्ति राज्य के मुख्य सचिव के पद पर हुई थी। १९८१ और १९८४ में उन्होंने नागालैण्ड, त्रिपुरा और मणिपुर के राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया तथा १९८७ से १९८८ तक हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा के राज्यपाल रहे। वो १९८८ से १९९२ तक चतुर्थ एवं पंचम अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी रहे। वो दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के १९९० से १९९५ तक कुलाधिपति भी रहे। ७ फ़रवरी २०१४ को ९० वर्ष की आयु में वृद्धावस्था के कारण उनका निधन हो गया। बर्नी ने इक़बाल: पोइट - पेट्रियट ऑफ़ इंडिया (Iqbal: Poet – Patriot of India; हिन्दी: इक़बाल - कवि - भारत के देशभक्त) नामक पुस्तक की रचना भी की। .

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सैयद ज़हूर कासिम

सैयद ज़हूर कासिम को भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९८२ पद्म भूषण.

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हनुमान प्रसाद

हनुमान प्रसाद एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा राजस्थान विधानसभा में झुन्झुनू जिले के सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र (राजस्थान) से पूर्व विधायक है। .

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हरनारायण सिंह

हरनारायण सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब राज्य से हैं। श्रेणी:१९६३ पद्म भूषण.

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हरबख्श सिंह

हरबख्श सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९६५ पद्म भूषण.

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हसमुख अधिया

हसमुख अधिया भारत के वित्त सचिव हैं | वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में गुजरात कैडर के 1981 बैच के अधिकारी हैं | .

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हंसमुख धीरजलाल सांकलिया

हंसमुख धीरजलाल सांकलिया (सन १९४०) हंसमुख धीरजलाल सांकलिया (दिसंबर १०, १९०८, मुंबई - जनवरी २८, १९८९, पुणे) को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७४ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७४ पद्म भूषण श्रेणी:पुरातत्व वैज्ञानिक.

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हैदराबाद

हैदराबाद (तेलुगु: హైదరాబాదు,उर्दू: حیدر آباد) भारत के राज्य तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी है, जो दक्कन के पठार पर मूसी नदी के किनारे स्थित है। प्राचीन काल के दस्तावेजों के अनुसार इसे भाग्यनगर के नाम से जाना जाता था। आज भी यह प्राचीन नाम अत्यन्त ही लोकप्रिय है। कहा जाता है कि किसी समय में इस ख़ूबसूरत शहर को क़ुतुबशाही परम्परा के पाँचवें शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने अपनी प्रेमिका भागमती को उपहार स्वरूप भेंट किया था, उस समय यह शहर भागनगर के नाम से जाना जाता था। भागनगर समय के साथ हैदराबाद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसे 'निज़ामों का शहर' तथा 'मोतियों का शहर' भी कहा जाता है। यह भारत के सर्वाधिक विकसित नगरों में से एक है और भारत में सूचना प्रौधोगिकी एवं जैव प्रौद्यौगिकी का केन्द्र बनता जा रहा है। हुसैन सागर से विभाजित, हैदराबाद और सिकंदराबाद जुड़वां शहर हैं। हुसैन सागर का निर्माण सन १५६२ में इब्राहीम कुतुब शाह के शासन काल में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है। चारमीनार, इस क्षेत्र में प्लेग महामारी के अंत की यादगार के तौर पर मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने १५९१ में, शहर के बीचों बीच बनवाया था। गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया यह शहर ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर है और भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी अलग अहमियत रखता है। निज़ामों के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं। अपने उन्नत इतिहास, संस्कृति, उत्तर तथा दक्षिण भारत के स्थापत्य के मौलिक संगम, तथा अपनी बहुभाषी संस्कृति के लिये भौगोलिक तथा सांस्कृतिक दोनों रूपों में जाना जाता है। यह वह स्थान रहा है जहां हिन्दू और मुसलमान शांतिपूर्वक शताब्दियों से साथ साथ रह रहे हैं। निजामी ठाठ-बाट के इस शहर का मुख्य आकर्षण चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालारजंग संग्रहालय आदि है, जो देश-विदेश इस शहर को एक अलग पहचान देते हैं। यह भारतीय महानगर बंगलौर से 574 किलोमीटर दक्षिण में, मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में तथा चेन्नई से 700 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। किसी समय नवाबी परम्परा के इस शहर में शाही हवेलियाँ और निज़ामों की संस्कृति के बीच हीरे जवाहरात का रंग उभर कर सामने आया तो कभी स्वादिष्ट नवाबी भोजन का स्वाद। इस शहर के ऐतिहासिक गोलकुंडा दुर्ग की प्रसिद्धि पार-द्वार तक पहुँची और इसे उत्तर भारत और दक्षिणांचल के बीच संवाद का अवसर सालाजार संग्रहालय तथा चारमीनार ने प्रदान किया है। वर्ष २०११ की जनगणना के अनुसार इस महानगर की जनसंख्या ६८ लाख से अधिक है। .

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जय कृष्ण

जय कृष्ण को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये उत्तर प्रदेश से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1912 में जन्मे लोग श्रेणी:१९९९ में निधन.

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जावेद उस्मानी

वह भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद के एक पुराने छात्र था IIM Ahmedabad.JPG जावेद उस्मानी (Jawed Usmani.; جاوید عثمانی) भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी हैं। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त है। पूर्व में वे मार्च 2012 मई 2014 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके हैं। वे वर्ष 2003 से 2007 तक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के प्रमुख सचिव रह चुके हैं। उन्हें कुछ ही दिन पहले योजना आयोग का सचिव बनाया गया था। .

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जिलाधिकारी

जिलाधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक प्रमुख प्रशासनिक पद है। जिसे अंग्रेजी में "डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर" या फिर सिर्फ "कलेक्टर" के नाम से भी जाना जाता है भारत के प्रत्येक जिले का एक अपना उपायुक्त होता है। अंग्रेज शासन के दौरान सन 1772 में लोर्ड वॉरेन हेस्टिंग द्वारा बुनियादी रूप से नागरिक प्रशासन और 'भू राजस्व की वसूली' के लिए गठित 'जिलाधिकारी' का पद, अब राज्य के लोक-प्रशासन के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पदों में प्रमुख स्थान रखता है। 'जिलाधीश' और 'कलेक्टर' के रूप में जिले में राज्य सरकार का सर्वोच्च अधिकार संपन्न प्रतिनिधि या प्रथम लोक-सेवक होता है। जो मुख्य जिला विकास अधिकारी के रूप में सारे प्रमुख सरकारी विभागों- पंचायत एवं ग्रामीण विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद, अल्पसंख्यक कल्याण, कृषि, भू-संरक्षण, शिक्षा, महिला अधिकारता, ऊर्जा, उद्योग, श्रम कल्याण, खनन, खेलकूद, पशुपालन, सहकारिता, परिवहन एवं यातायात, समाज कल्याण, सिंचाई, सार्वजनिक निर्माण विभाग, स्थानीय प्रशासन आदि के सारे कार्यक्रमों और नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन करवाने के लिए अपने जिले के लिए अकेले उत्तरदायी होता है। वह जिला मजिस्ट्रेट के रूप में पुलिस अधीक्षक के साथ प्रमुखतः जिले की संपूर्ण कानून-व्यवस्था का प्रभारी होता है और सभी तरह के चुनावों का मुख्य प्रबंधक भी। साथ ही वह जनगणना-आयोजक, प्राकृतिक-आपदा प्रबंधक, भू-राजस्व-वसूलीकर्ता, भूअभिलेख-संधारक, नागरिक खाद्य व रसद आपूर्ति-व्यस्थापक, ई-गतिविधि नियंत्रक, जनसमस्या-विवारणकर्ता, भी है। श्रेणी:नागरिक शास्त्र श्रेणी:भारतीय प्रशासनिक सेवा.

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जग मोहन

जगमोहन मल्होत्रा (जन्म: 25 सितम्बर, 1927) भारतीय सिविल सेवा के भूतपूर्व नौकरशाह तथा भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं। उन्हें प्रायः केवल 'जगमोहन' नाम से पुकारा जाता है। वे दिल्ली तथा गोवा के उपराज्यपाल तथा जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल रहे। वे लोकसभा में भी निर्वाचित हुए थे तथा नगरीय विकास मंत्री तथा पर्यटन मंत्री रहे। उन्हे सन १९७७ में भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

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जूलियो फ्रांसिस रिबेरो

जूलियो फ्रांसिस रिबेरो को १९८६ में भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं। श्रेणी:१९८६ पद्म भूषण.

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जे एन जयश्री

जे एन जयश्री भारत से एक साधारण गृहणी हैं जिन्होंने कर्नाटक राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार को अनावृत किया और घूस खाने वाले भ्रष्ट सरकारी अफ़सरों का विरोध करने वाले अपने पति, व वरिष्ट आईएएस अधिकारी, एम एन विजयकुमार की प्राणरक्षा हेतु एक विकी जालघर का निर्माण किया। विकी के ज़रिये जयश्री लोगों के बीच मामले के प्रति जागरुकता फैलाना चाहती थीं क्योंकि उन्हें डर था कि उनके पति का अंजाम भी शणमुघम मंजुनाथ या सत्येंद्र दुबे जैसा होगा। मंजुनाथ और दुबे दोनों ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी व सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का विरोध करने पर अपनी जान से हाथ धो बैठे थे। .

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जोधपुर

जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इसकी जनसंख्या १० लाख के पार हो जाने के बाद इसे राजस्थान का दूसरा "महानगर " घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। वर्ष पर्यन्त चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण इसे "सूर्य नगरी" भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे "नीली नगरी" के नाम से भी जाना जाता था। यहां के पुराने शहर का अधिकांश भाग इस दुर्ग को घेरे हुए बसा है, जिसकी प्रहरी दीवार में कई द्वार बने हुए हैं, हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस दीवार के बाहर भी नगर का वृहत प्रसार हुआ है। जोधपुर की भौगोलिक स्थिति राजस्थान के भौगोलिक केन्द्र के निकट ही है, जिसके कारण ये नगर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है। वर्ष २०१४ के विश्व के अति विशेष आवास स्थानों (मोस्ट एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्लेसेज़ ऑफ़ द वर्ल्ड) की सूची में प्रथम स्थान पाया था। एक तमिल फ़िल्म, आई, जो कि अब तक की भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फ़िल्मशोगी, की शूटिंग भी यहां हुई थी। .

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जोगिंदर सिंह ढिल्लों

जोगिंदर सिंह ढिल्लों को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब राज्य से हैं। श्रेणी:१९६५ पद्म भूषण.

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ईश्वरी प्रसाद गुप्ता

ईश्वरी प्रसाद गुप्ता (जन्म: 5 फ़रवरी 1931, आरा, बिहार) 1958 बैच के अवकाशप्राप्त प्रशासनिक अधिकारी है जो भारत सरकार के गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव,त्रिपुरा के मुख्य सचिव एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल पद पर रह चुके हैं। सरल एवं ईमानदार अधिकारियों में से एक गुप्ता जी समय-समय पर प्रशासनिक विषयों पर अपनी बेवाक राय समाचार पत्रों में पद पर रहते हुए भी व्यक्त करते रहे हैं। इस समय वे सपत्नीक अपने छोटे पुत्र विनोदकुमार गुप्ता के परिवार के साथ गुलमोहर इंक्लेव नई दिल्ली के एक साधारण से डी०डी०ए० फ्लैट में रह रहे हैं। .

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वाइस नीलकांत कृष्णन

वाइस नीलकांत कृष्णन को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1919 में जन्मे लोग श्रेणी:१९८२ में निधन.

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वाइस सुरिंदरनाथ कोहली

वाइस सुरिंदरनाथ कोहली को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1916 में जन्मे लोग श्रेणी:१९९७ में निधन.

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विश्वास पाटील

विश्वास पाटील (जन्म:28 नवम्बर, 1959) मराठी भाषा के एक साहित्यकार, इतिहासकार और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उन्होंने रायगढ़ जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुंबई उपनगर जिला के जिलाधिकारी के रूप में काम किया है। .

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वजाहत हबीबुल्लाह

वजाहत हबीबुल्ला (जन्म 30 सितंबर 1945) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष थे। इससे पहले, उन्होंने भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त के तौर पर अपनी सेवाएँ दी थी। वे 1968 से अगस्त 2005 की अपनी सेवानिवृत्ति तक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रह चुके हैं। वे पंचायती राज मंत्रालय में भारत सरकार के सचिव रह चुके हैं। .

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वी रामचंद्रन

वी रामचंद्रन को सन २००८ में भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये केरल से हैं। २००८ पद्म भूषण श्रेणी:२००८ पद्म भूषण stub.

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वी श्रीनिवास राघवन अरुणाचलम

वी श्रीनिवास राघवन अरुणाचलम एक भारतीय वैज्ञानिक हैं जिन्हें भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८६ में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली से हैं। .

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वी॰ एस॰ संपत

वीरावल्ली सुंदरम् संपत भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त थे। उन्होंने ११ जून २०१२ को एस. वाई. कुरैशी के सेवानिवृत्त होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार सँभाला। .

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खुसरो फारामर्ज़ रुस्तमजी

खुसरो फारामर्ज़ रुस्तमजी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये मध्य प्रदेश से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1916 में जन्मे लोग श्रेणी:२००३ में निधन.

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खेम करण सिंह

खेम करण सिंह को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1926 में जन्मे लोग.

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गिरीशचंद्र सक्सेना

गिरीशचंद्र सक्सेना को भारत सरकार द्वारा सन २००५ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:२००५ पद्म भूषण.

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गुरबख्श सिंह

गुरबख्श सिंह को भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९८५ पद्म भूषण श्रेणी:साहित्य अकादमी फ़ैलोशिप से सम्मानित‎.

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गुलशन लाल टंडन

गुलशन लाल टंडन को भारत सरकार ने प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८६ में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:पद्म भूषण.

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ग्यानेन्दु नरसिंह राव

ग्यानेन्दु नरसिंह राव को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। श्रेणी:१९७० पद्म भूषण.

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गोपाल गुरुनाथ बेवूर

गोपाल गुरुनाथ बेवूर को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से थे। .

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गोपाल कृष्ण पिल्लई

गोपाल कृष्ण पिल्लई अथवा जी॰ के॰ पिल्लई (Gopal Krishna Pillai., 14 मार्च, 1949) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। वर्तमान में वे टाटा इंटरनेशनल कंपनी का अध्यक्ष हैं। उन्होने ने बी.

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गोपालकृष्ण गांधी

गोपालकृष्ण गांधी (जन्म 22 अप्रैल 1946) एक भारतीय सिविल सेवक और डिप्लोमैट, पश्चिम बंगाल के पुर्वतन राज्यपाल (2004 से 2009) है।भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व सदस्य के रूप में, उन्होंने अन्य प्रशासनिक और कूटनीतिक पदों के बीच भारत के राष्ट्रपति के सचिव के रूप में और दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के उच्चायुक्त के रूप में सेवा की। outlookindia.com.

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गोपीचेट्टीपालयम वेंकटरमण ऐयर रामकृष्ण

गोपीचेट्टीपालयम वेंकटरमण ऐयर रामकृष्ण को भारत सरकार द्वारा सन २००५ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये तमिलनाडु राज्य से हैं। श्रेणी:२००५ पद्म भूषण.

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गोविन्द चन्द्र पाण्डेय

डॉ॰ गोविन्द चन्द्र पाण्डेय (30 जुलाई 1923 - 21 मई 2011) संस्कृत, लेटिन और हिब्रू आदि अनेक भाषाओँ के असाधारण विद्वान, कई पुस्तकों के यशस्वी लेखक, हिन्दी कवि, हिन्दुस्तानी अकादमी इलाहबाद के सदस्य राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति और सन २०१० में पद्मश्री सम्मान प्राप्त, बीसवीं सदी के जाने-माने चिन्तक, इतिहासवेत्ता, सौन्दर्यशास्त्री और संस्कृतज्ञ थे। .

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ओ पी डन्न

ओ पी डन्न को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं। श्रेणी:१९६५ पद्म भूषण.

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ओम प्रकाश रावत

ओम प्रकाश रावत भारत के चुनाव आयुक्त है। वे उत्तरप्रदेश काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। .

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आबिद हुसैन (राजनयिक)

आबिद हुसैन (२६ दिसंबर १९२६ - २१ जून २०१२) एक भारतीय अर्थशास्त्री, सरकारी नौकर और राजनयिक थे। वह १९९० से १९९२ तक संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत थे। वे १९८५ से १९९० तक योजना आयोग के सदस्य थे। उन्हें सन १९८८ में भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। .

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आर कार्लटन विवियन पिदादे नोरोन्हा

आर कार्लटन विवियन पिदादे नोरोन्हा को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७५ मे पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये मध्य प्रदेश से हैं। श्रेणी:१९७५ पद्म भूषण.

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इंद्रजीत सिंह गिल

इंद्रजीत सिंह गिल को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से थे। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1919 में जन्मे लोग श्रेणी:२००१ में निधन.

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक सरकार

बंगलुरु स्थित कर्नाटक सरकार का विधान भवन: विधान सौध कर्नाटक राज्य में भारत के अन्र राज्यों कि भांति ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा चुनी गयी एक द्विसदनीय संसदीय सरकार है: विधान सभा एवं विधानपरिषद। विधाण सभा में २४ सदस्य हैं जो पांच वर्ष की अवधि हेतु चुने जाते हैं। विधान परिषद एक ७५ सदस्यीय स्थायी संस्था है और इसके एक-तिहाई सदस्य (२५) प्रत्येक २ वर्ष में सेवा से निवृत्त होते जाते हैं। कर्नाटक सरकार की अध्यक्षता शासन में आयी पार्टी के सदस्य द्वारा चुने गये मुख्य मंत्री करते हैं। मुख्य मंत्री अपने मंत्रिमंडल सहित तय किये गए विधायी एजेंडा का पालन अपनी अधिकांश कार्यकारी शक्तियों के उपयोग से करते हैं। फिर भी राज्य का संवैधानिक एवं औपचार्क अध्यक्ष राज्यपाल ही कहलाता है। राज्यपाल को ५ वर्ष की अवधि हेतु केन्द्र सरकार के परामर्ष से भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। कर्नाटक राज्य की जनता द्वारा आम चुनावों के माध्यम से २८ सदस्य लोक सभा हेतु भी चुने जाते हैं। विधान परिषद के सदस्य भारत के संसद के उच्च सदन, राज्य सभा हेतु १२ सदस्य चुन कर भेजते हैं। प्रशासनिक सुविधा हेतु कर्नाटक राज्य को चार राजस्व विभागों, ४९ उप-मंडलों, २९ जिलों, १७५ तालुक तथा ७४५ राजस्व वृत्तों में बांटा गया है। प्रत्येक जिले के प्रशासन का अध्यक्ष वहां का उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) होता है। उपायुक्त एक भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है तथा उसकी सहायता हेतु राज्य सरकार के अनेक उच्चाधिकारी तत्पर रहते हैं। भारतीय पुलिस सेवा से एक अधिकारी राज्य में उपायुक्त पद पर आसीन रह्ता है। उसके अधीन भी राज्य पुलिस सेवा के अनेक उच्चाधिकारी तत्पर रहते हैं। पुलिस उपायुक्त जिले में न्याय और प्रशासन संबंधी देखभाल के लिये उत्तरदायी होता है। भारतीय वन सेवा से एक अधिकारी वन उपसंक्षक अधिकारी (डिप्टी कन्ज़र्वेटर ऑफ फ़ॉरेस्ट्स) के पद पर तैनात होता है। ये जिले में वन और पादप संबंधी मामलों हेतु उत्तरदायी रहता है। प्रत्येक विभाग के विकास अनुभाग के जिला अधिकारी राज्य में विभिन्न प्रकार की प्रगति देखते हैं, जैसे राज्य लोक सेवा विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशुपालन आदि। ''गंद बेरुंड'' बीच में बना है। इसके ऊपर घेरे हुए चार सिंह चारों दिशाओं में देख रहे हैं। इसे सारनाथ में अशोक स्तंभ से लिया गया है। इस चिह्न में दो शरभ हैं, जिनके हाथी के सिर और सिंह के धड़ हैं। राज्य की न्यायपालिका में सर्वोच्च पीठ कर्नाटक उच्च न्यायालय है, जिसे स्थानीय लोग "अट्टार कचेरी" बुलाते हैं। ये राजधानी बंगलुरु में स्थित है। इसके अधीन जिला और सत्र न्यायालय प्रत्येक जिले में तथा निम्न स्तरीय न्यायालय ताल्लुकों में कार्यरत हैं। कर्नाटक राज के आधिकारिक चिह्न में ''गंद बेरुंड'' बीच में बना है। इसके ऊपर घेरे हुए चार सिंह चारों दिशाओं में देख रहे हैं। इसे सारनाथ में अशोक स्तंभ से लिया गया है। इस चिह्न में दो शरभ हैं, जिनके हाथी के सिर और सिंह के धड़ हैं। कर्नाटक की राजनीति में मुख्यतः तीन राजनैतिक पार्टियों: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल का ही वर्चस्व रहता है। कर्नाटक के राजनीतिज्ञों ने भारत की संघीय सरकार में प्रधानमंत्री तथा उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदों की भी शोभा बढ़ायी है। वर्तमान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यू.पी.ए सरकार में भी तीन कैबिनेट स्तरीय मंत्री कर्नाटक से हैं। इनमें से उल्लेखनीय हैं पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान क़ानून एवं न्याय मंत्रालय – वीरप्पा मोइली हैं। राज्य के कासरगोड और शोलापुर जिलों पर तथा महाराष्ट्र के बेलगाम पर दावे के विवाद राज्यों के पुनर्संगठन काल से ही चले आ रहे हैं। .

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कर्नाटक की जनसांख्यिकी

२००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार, कर्नाटक की कुल जनसंख्या ५२,८५०,५६२ है, जिसमें से २६,८९८,९१८ (५०.८९%) पुरुष और २५,९५१,६४४ स्त्रियाँ (४३.११%) हैं। यानि प्रत्येक १००० पुरुष ९६४ स्त्रियाँ हैं। इसके अनुसार १९९१ की जनसंख्या में १७.२५% की वृद्धि हुई है। राज्य का जनसंख्या घनत्व २७५.६ प्रति वर्ग कि.मी है और ३३.९८% लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। यहाँ की साक्षरता दर ६६.६% है, जिसमें ७६.१% पुरुष और ५६.९% स्त्रियाँ साक्षर हैं। यहाँ की कुल जनसंख्या का ८३% हिन्दू हैं और ११% मुस्लिम, ४% ईसाई, ०.७८% जैन, ०.७३% बौद्ध और शेष लोग अन्य धर्मावलंबी हैं। कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ है और स्थानीय भाषा के रूप में ६४.७५% लोगों द्वारा बोली जाती है। १९९१ के अनुसार अन्य भाषायी अल्पसंख्यकों में उर्दु (९.७२%), तेलुगु (८.३४%), तमिल (५.४६%), मराठी (३.९५%), टुलु (३.३८%, हिन्दी (१.८७%), कोंकणी (१.७८%), मलयालम (१.६९%) और कोडव तक्क भाषी ०.२५% हैं। राज्य की जन्म दर २.२% और मृत्यु दर ०.७२% है। इसके अलावा शिशु मृत्यु (मॉर्टैलिटी) दर ५.५% एवं मातृ मृत्यु दर ०.१९५% है। कुल प्रजनन (फर्टिलिटी) दर २.२ है। स्वास्थ्य एवं आरोग्य के क्षेत्र (सुपर स्पेशियलिटी हैल्थ केयर) में कर्नाटक की निजी क्षेत्र की कंपनियाँ विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं से तुलनीय हैं। कर्नाटक में उत्तम जन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं, जिनके आंकड़े व स्थिति भारत के अन्य अधिकांश राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है। इसके बावजूद भी राज्य के कुछ अति पिछड़े इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। प्रशासनिक उद्देश्य हेतु, कर्नाटक को चार रेवेन्यु मंडलों, ४९ उप-मंडलों, २९ जिलों, १७५ तालुकों और ७४५ होब्लीज़/रेवेन्यु वृत्तों में बांटा गया है। प्रत्येक जिला प्रशासन का अध्यक्ष जिला उपायुक्त होता है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस) से होता है और उसके अधीन कर्नाटक राज्य सेवाओं के अनेक अधिकारीगण होते हैं। राज्य के न्याय और कानून व्यवस्था का उत्तरदायित्व पुलिस उपायुक्त पर होता है। ये भारतीय पुलिस सेवा का अधिकारी होता है, जिसके अधीन कर्नाटक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारीगण कार्यरत होते हैं। भारतीय वन सेवा से वन उपसंरक्षक अधिकारी तैनात होता है, जो राज्य के वन विभाग की अध्यक्षता करता है। जिलों के सर्वांगीण विकास, प्रत्येक जिले के विकास विभाग जैसे लोक सेवा विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशु-पालन, आदि विभाग देखते हैं। राज्य की न्यायपालिका बंगलुरु में स्थित कर्नाटक उच्च न्यायालय (अट्टार कचेरी) और प्रत्येक जिले में जिले और सत्र न्यायालय तथा तालुक स्तर के निचले न्यायालय के द्वारा चलती है। .

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कर्नाटक/आलेख

कर्नाटक (उच्चारण), जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का सृजन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्संगठन अधिनियम के अधीन किया गया था। मूलतः यह मैसूर राज्य कहलाता था और १९७३ में इसे पुनर्नामकरण कर कर्नाटक नाम मिला था। कर्नाटक की सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है और इसमें २९ जिले हैं। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। हालांकि कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई सन्दर्भ हैं, फिर भी उनमें से सर्वाधिक स्वीकार्य तथ्य है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्खन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द प्रयोग किया गया है, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयोग किया गया है और कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन याज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कश्मीर सिंह कटोच

कश्मीर सिंह कटोच को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब राज्य से हैं। कटोच, कश्मीर सिंह.

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कस्तूरी लाल विज

कस्तूरी लाल विज को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा, सन १९७१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। विज, कस्तूरी लाल.

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कारवार

कारवार (कारवार, कन्नड़: ಕಾರವಾರ) उत्तर कन्नड़ जिले का प्रशासनिक केन्द्र है और कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह एक सागर तटीय क्षेत्र है और भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी ओर गिरने वाली काली नदी के किनारे स्थित है। यह कस्बा कर्नाटक-गोवा सीमा से १५ मि.मी.

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कालंबुर शिवरामामूर्ति

कालंबुर शिवरामामूर्ति को भारत सरकार द्वारा सन १९७६ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। श्रेणी:१९७६ पद्म भूषण.

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कांथी सुरेश

कांथी डी सुरेश (जन्म 25 अप्रैल) एक भारतीय खेल पत्रकार है और उन्होंने भारत के लिए राष्ट्रीय मेजबान प्रसारक पर ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों का होस्ट किया है! .

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कंवर नटवर सिंह

कुंवर नटवर सिंह को भारत सरकार द्वारा सन १९८४ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९८४ पद्मभूषण.

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कुँवर सैन

कुँवर सैन को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में १९५६ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये राजस्थान राज्य से हैं। श्रेणी:१९५६ पद्म भूषण.

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कुमार पद्म शिव शंकर मेनन

कुमार पद्म शिव शंकर मेनन (१८ अक्टूबर १८९८ – २२ नवम्बर १९८२) को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९५८ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये केरल राज्य से थे। श्रेणी:1898 में जन्मे लोग श्रेणी:१९५८ पद्म भूषण श्रेणी:१९८२ में निधन.

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कुमार सुरेश सिंह

'कुमार सुरेश सिंह' भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी व भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक रहे हैं। ये मुख्‍यतौर पर अपने शोधपूर्ण कार्य भारत के लोगके लिए जाने जाते हैं। इन्‍होंने पटना विश्‍वविद्यालय से बिरसा मुंडा और उनके आंदोलन पर पीएच.डी.

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के एल राव

के एल राव को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९६३ पद्म भूषण.

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के पद्मनाभैया

के पद्मनाभैया को सन २००८ में भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्मनाभैया, के stub.

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के पी कंडेथ

के पी कंडेथ को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से हैं। कंडेथ, के पी श्रेणी:1916 में जन्मे लोग श्रेणी:२००३ में निधन.

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के कोविलागम कुट्टी एट्टन राजा

के कोविलागम कुट्टी एट्टन राजा को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९५७ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। ये केरल राज्य से हैं। श्रेणी:१९५७ पद्म भूषण.

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केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (अंग्रेज़ी:Central Board of Secondary Education या CBSE) भारत की स्कूली शिक्षा का एक प्रमुख बोर्ड है। भारत के अन्दर और बाहर के बहुत से निजी विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं - शिक्षा संस्थानों को अधिक प्रभावशाली ढंग से लाभ पहुंचाना, उन विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी होना जिनके माता-पिता केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी हैं और निरंतर स्थानान्तरणीय पदों पर कार्यरत हों। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में शिक्षा का माध्यम हिन्दी या अंग्रेजी हो सकता है। इसमें कुल ८९७ केन्द्रीय विद्यालय, १७६१ सरकारी विद्यालय, ५८२७ स्वतंत्र विद्यालय, ४८० जवाहर नवोदय विद्यालय और १४ केन्द्रीय तिब्बती विद्यालय सम्मिलित हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। १८ फ़रवरी २०१० इसका ध्येय वाक्य है - असतो मा सद्गमय (हे प्रभु ! हमे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।)-के.मा.शि.बोर्ड। वर्ल्ड प्रेस .

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अचल कुमार ज्योति

अचल कुमार ज्योति (जन्म: २३ जनवरी १९५३) भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त है। दिनाँक ०६ जून २०१७ को मुख्य चुनाव आयुक्त के पद का कार्यभार ग्रहण किया। ज्योति 7 मई 2015 को तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में नियुक्त किया गया था। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1975 बैच के गुजरात राज्य के अधिकारी हैं। 03जुलाई 2017 को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त हुए http://www.punjabkesari.in/national/news/akal-kumar-jyoti-will-be-the-new-chief-election-commissioner-of-the-country-640801 06 जुलाई 2017 को कार्यभार ग्रहण करेंगे http://www.punjabkesari.in/national/news/akal-kumar-jyoti-will-be-the-new-chief-election-commissioner-of-the-country-640801 ज्योति को भारत का 21वां मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया है। .

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अनिल बंधु गुहा

अनिल बंधु गुहा को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९६४ में भारत सरकार द्वारा, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। ये पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। श्रेणी:१९६४ पद्म भूषण श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अनिल बैजल

अनिल बैजल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी है।यह अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में गृह सचिव के पद पर रह चुके हैं। दिनांक ३१ दिसंबर २०१६ को दिल्ली केंद्र शासित राज्य के २१ वें उप राज्यपाल के पद का कार्य भार ग्रहण किया। .

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अन्ना राजम मल्होत्रा

अन्ना राजम मल्होत्रा (जन्म: 1927) भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला हैं। वे 1951 बैच की आई॰ ए॰ एस॰ अधिकारी हैं। ये महाराष्ट्र से हैं। अन्ना का जन्म एर्नाकुलम में हुआ। पहले कालीकट और बाद में मद्रास में शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात उन्होने 1951 में भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 1951 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित आर एन बनर्जी और चार आईसीएस अधिकारियों के शामिल साक्षात्कार बोर्ड में उन्हें काफी हतोत्साहित किया गया और उन्हें विदेश सेवा और केन्द्रीय सेवाओं को चुनने हेतु कहा गया, किन्तु उन्होने बिना हतोत्साहित हुये मद्रास काडर चुना और पहले प्रयास में ही उसी वर्ष उनका चयन हुआ। उनका प्रारंभिक नाम अन्ना जॉर्ज है। उन्हें १९८९ में भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

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अमरजीत सिंह

अमरजीत सिंह को भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९८५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये राजस्थान से हैं। सिंह, अमरजीत श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमिताभ ठाकुर

अमिताभ ठाकुर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, कवि, व लेखक हैं। वे एक आई। पी.एस.

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अमिताभ कांत

अमिताभ कांत (जन्म: 1 मार्च 1956) भारत सरकार द्वारा गठित नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। इसके पूर्व वे औद्योगिक नीति व प्रोत्साहन विभाग के सचिव थे। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा केरल कैडर के 1980 बैच के अधिकारी हैं। .

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अमृति वी मोदी

अमृति वी मोदी को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अरातिल सी नारायण नाम्बियार

अरातिल सी नारायण नाम्बियार को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९५८ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये केरल राज्य से हैं। श्रेणी:१९५८ पद्म भूषण श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अरविंद मायाराम

अरविन्द मायाराम भारत के एक वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी हैं तथा वे वर्तमान में (अक्टूबर 2014 से) भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय में सचिव हैं। इससे पहले अप्रैल से अक्टूबर 2014 तक वे वित्त सचिव भी रहे।http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono.

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अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल (जन्म: १६ अगस्त १९६८) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। अपने पहले कार्यकाल के दौरान वह २८ दिसम्बर २०१३ से १४ फ़रवरी २०१४ तक इस पद पर रहे। इससे पहले वो एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं और सरकारी कामकाज़ में अधिक पारदर्शिता लाने के लिये संघर्ष किया। भारत में सूचना अधिकार अर्थात सूचना कानून (सूका) के आन्दोलन को जमीनी स्तर पर सक्रिय बनाने, सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने और सबसे गरीब नागरिकों को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये सशक्त बनाने हेतु उन्हें वर्ष २००६ में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नाम से एक नये राजनीतिक दल की स्थापना की। .

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अरुणा राय

अरुणा राय भारत की एक राजनैतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होने सन् १९६८ से १९७५ तक भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्य किया। उनके योगदान के लिये उन्हें मैगससे पुरस्कार एवं मेवाड़ सेवाश्री आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वे राजस्थान के निर्धन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये किये गये प्रयास के लिये विशेष रूप से जानी जातीं हैं। भारत में सूचना का अधिकार लागू करने के लिये उनके प्रयत्न एवं योगदान उल्लेखनीय हैं। वे मेवाड़ के राजसमन्द जिले में स्थित देवडूंगरी गांव से सम्पूर्ण देश में संचालित मजदूर किसान शक्ति संगठन की संस्थापिका एवं अध्यक्ष भी हैं। .

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अल्फोन्स कन्ननथनम

अल्फोन्स कन्ननथनम भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी तथा एक भारतीय राजनेता हैं। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1979 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं। वे टाइम मैगज़ीन के शीर्ष 100 युवा वैश्विक नेताओं में स्थान पा चुके हैं। इनका जन्म भारतीय राज्य केरल के कोट्टायम जिले में 8 अगस्त 1953 को हुआ था। वे केरल विधानसभा के कन्जिरापल्ली विधानसभा क्षेत्र से 2006 से 2011 के दौरान निर्दलीय सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने 2011 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली। उन्हें 3 सितम्बर 2017 को मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में विद्युत् एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी मिली है। .

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अली यावर जंग

अली यावर जंग को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन १९५९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं। जंग, अली यावर श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अश्विनी कुमार (प्रशासकीय अधिकारी)

अश्विनी कुमार को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब से हैं। कुमार, अश्विनी.

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अश्विनीकुमार (पौराणिक पात्र)

वैदिक साहित्य और हिन्दू धर्म में 'अश्विनौ' यानि दो अश्विनों का उल्लेख देवता के रूप में मिलता है जिन्हें अश्विनीकुमार के नाम से जाना जाता है। वे आयुर्वेद के आदि आचार्य माने जाते हैं। ऋग्वेद (१.३, १.२२, १.३४) के अलावे महाभारत में भी इनका वर्णन है। वैदिक व्याख्या के अनुसार गुणों से ये सूर्य से उत्पन्न माने जाते हैं। पौराणिक कथाओं में 'अश्विनीकुमार' त्वष्टा की पुत्री प्रभा नाम की स्त्री से उत्पन्न सूर्य के दो पुत्र। भारतीय दर्शन के विद्वान उदयवीर शास्त्री ने वैशेषिक शास्त्र की व्याख्या में अश्विनों को विद्युत-चुम्बकत्व बताया है जो आपस में जुड़े रहते हैं और सूर्य से उत्पन्न हुए हैं। इसके अलावे ये अश्व (द्रुत) गति से चलने वाले यानि 'आशु' भी हैं - इनके नाम का मूल यही है। .

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अशोक वाजपेयी

अशोक वाजपेयी समकालीन हिंदी साहित्य के एक प्रमुख साहित्यकार हैं। सामाजिक जीवन में व्यावसायिक तौर पर वाजपेयी जी भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक पूर्वाधिकारी है, परंतु वह एक कवि के रूप में ज़्यादा जाने जाते हैं। उनकी विभिन्न कविताओं के लिए सन् १९९४ में उन्हें भारत सरकार द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया। वाजपेयी महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के उपकुलपति भी रह चुके हैं। वर्तमान में यह ललित कला अकादमी के अध्यक्ष हैं। इन्होंने भोपाल में भारत भवन की स्थापना में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अशोक वाजपेयी के प्रमुख काव्य संग्रह:-.

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अशोक खेमका

अशोक खेमका भारत के हरियाणा राज्य में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं। .

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असम विधान सभा

असम विधान सभा भारत के असम राज्य की एक विधायिका हैं | .

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अजीतगढ़

अजीतगढ़ (ਮੋਹਾਲੀ, Mohali) चंडीगढ़ के पड़ोस में एक शहर है और भारत के राज्य पंजाब, का १८वाँ जिला है। इसका आधिकारिक नाम गुरु गोविंद सिंह के ज्येष्ठ पुत्र साहिबज़ादा अजीत सिंह की याद में (एस ए एस नगर) रखा गया है। अजीतगढ़, चंडीगढ़ और पंचकुला मिल कर चंडीगढ़ त्रिनगरी कहलाते हैं। यह पहले रूपनगर जिले का हिस्सा था, पर हाल के कुछ वर्षों में इसे अलग जिला बना दिया गया। .

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अखिल भारतीय सेवाएं

अखिल भारतीय सेवाएं भारत सरकार द्वारा नियुक्त की गईं तीन सेवाओं को संयुक्त रूप से नाम दिया गया है। ये तीन सेवाएं हैं.

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उमेश चौहान

उमेश कुमार सिंह चौहान (जन्म: 09 अप्रैल 1959; लखनऊ) एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (१९८६ केरल कैडर) के अधिकारी और कवि, अनुवादक व लेखक हैं। .

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IAS, प्रशासकीय सेवा, भारतीय प्रशासनिक सेवाएं, आई ए एस, आईएएस, आई०ए०एस०

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