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बेलगाँव

सूची बेलगाँव

बेलगांव कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। बेलगाबं एक जेल का नाम हे जहां वीर_सावरकर जी को रखा गया था। श्रेणी:कर्नाटक श्रेणी:कर्नाटक के शहर.

41 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, एल्युमिनियम, थाना, देशभूषण, नागराज नागप्पा, पुस्तकालय का इतिहास, बयालुसीमा, बलवंत पांडुरंग अण्णा साहब किर्लोस्कर, भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची, भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची, भारत के दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के शहरों की सूची, भारत के हवाई अड्डे, भारतीय थलसेना, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्षों की सूची, मंजू नादगोड़ा, रानी चेन्नम्मा, राष्ट्रीय राजमार्ग ४, राष्ट्रीय राजमार्ग ४ए, शिवराम महादेव परांजपे, शिवाजी, सिल्हारा राजवंश, हलसी, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, विद्यानंद, विद्यासागर (जैन संत), विनायक दामोदर सावरकर, विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: V, गोआ एक्स्प्रेस २७७९, कदंब राजवंश, कर्नाटक, कर्नाटक में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची, कर्नाटक में शिक्षा, कर्नाटक/आलेख, कर्नाटका प्रीमियर लीग, कित्तूर, कुमार गंधर्व, अतुल कुलकर्णी, अंगदि सुरेश चन्नाबसप्पा

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा

चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (சென்னை பன்னாட்டு வானூர்தி நிலையம்), जो मद्रास इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से भी विख्यात है, चेन्नई (मद्रास), भारत के दक्षिण में, तिरूसूलम में स्थित है। यह देश के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय प्रवेश द्वारों में से एक है और भारत में तीसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है (दिल्ली और मुंबई के बाद) और एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र, जो 2007 से लगभग 12 करोड़ यात्रियों का संचालन कर रहा है और 25 से अधिक विभिन्न एयरलाइनों को सेवा प्रदान करता है। देश में मुंबई के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा नौभार केंद्र है। यह मीनमबाक्कम और तिरूसूलम के पास स्थित है, जहां यात्री प्रवेश तिरूसूलम में और माल प्रवेश मीनमबाक्कम में होता है। .

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एल्युमिनियम

एलुमिनियम एक रासायनिक तत्व है जो धातुरूप में पाया जाता है। यह भूपर्पटी में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु है। एलुमिनियम का एक प्रमुख अयस्क है - बॉक्साईट। यह मुख्य रूप से अलुमिनियम ऑक्साईड, आयरन आक्साईड तथा कुछ अन्य अशुद्धियों से मिलकर बना होता है। बेयर प्रक्रम द्वारा इन अशुद्धियों को दूर कर दिया जाता है जिससे सिर्फ़ अलुमिना (Al2O3) बच जाता है। एलुमिना से विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध एलुमिनियम प्राप्त होता है। एलुमिनियम धातु विद्युत तथा ऊष्मा का चालक तथा काफ़ी हल्की होती है। इसके कारण इसका उपयोग हवाई जहाज के पुर्जों को बनाने में किया जाता है। भारत में जम्मू कश्मीर, मुंबई, कोल्हापुर, जबलपुर, रांची, सोनभद्र, बालाघाट तथा कटनी में बॉक्साईट के विशाल भंडार पाए जाते है। उड़ीसा स्थित नाल्को (NALCO) दुनिया की सबसे सस्ती अलुमिनियम बनाने वाली कम्पनी है। .

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थाना

थाना (अंग्रेजी:Prison) एक ऐसी जगह होती है जहाँ पर चोर, डकैत, आतंक करने वालों को रखा जाता है। समाज में शांति स्थापित रहे इसके लिए हर देश का एक कानून होता है। कानून का उलंघन करने वालो को कानून का रखवाला यानि प्रहरी अथवा पुलिस पकड़ती है और जब तक उस पर न्यायालय से कोई सुनवाई नही हो जाता तब तक पुलिस उस आतंकी या दोषी को अपने गिरफ्त में रखती है। जेल, कारागार, कारावास आदी सभी एक ही शब्द थाना के पर्यायवाची हैं। .

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देशभूषण

आचार्य देशभूषण एक Digambara जैन आचार्य 20 वीं सदी के हैं, जो रचना का अनुवाद और कई कन्नड़ शास्त्रों करने के लिए हिंदी.

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नागराज नागप्पा

320x 207 px।प्रसिद्ध हिंदीसेवी नागराज नागप्पा। https://commons.wikimedia.org/wiki/ नागराज नागप्पा (१९१२ - 02 जुलाई २००९) भारत के प्रसिद्ध हिन्दीसेवी थे। गाँधीजी के आह्वान पर उन्होने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आकर हिन्दी सीखी और दक्षिण भारत में इसका प्रचार-प्रसार किया। उन्हें 'हिन्दी नागप्पा' के नाम से जाना जाता है। उनकी सेवाओं के लिये केन्द्रीय हिन्दी संस्थान ने उन्हें १९८९ में 'सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार' से सम्मानित किया। .

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पुस्तकालय का इतिहास

आधुनिक भारत में पुस्तकालयों का विकास बड़ी धीमी गति से हुआ है। हमारा देश परतंत्र था और विदेशी शासन के कारण शिक्षा एवं पुस्तकालयों की ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया। इसी से पुस्तकालय आंदोलन का स्वरूप राष्ट्रीय नहीं था और न इस आंदोलन को कोई कानूनी सहायता ही प्राप्त थीं। बड़ौदा राज्य का योगदान इस दिशा में प्रशंसनीय रहा है। यहाँ पर 1910 ई. में पुस्तकालय आंदोलन प्रारंभ किया गया। राज्य में एक पुस्तकालय विभाग खोला गया और पुस्तकालयों चार श्रेणियों में विभक्त किया गया- जिला पुस्तकालय, तहसील पुस्तकालय, नगर पुस्तकालय, एवं ग्राम पुस्तकालय आदि। पूरे राज्य में इनका जाल बिछा दिया गया था। भारत में सर्वप्रथम चल पुस्तकालय की स्थापना भी बड़ौदा राज्य में ही हुई। श्री डब्ल्यू.

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बयालुसीमा

बयालुसीमा(कन्नड़ ಬಯಲುಸೀಮೆ) दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के मालनाड क्षेत्र के पूर्वी ओर के क्षेत्र को कहा जाता है। यह फैला हुआ खुला मैदानी क्षेत्र है जिसमें कुछ टीले मिल जाते हैं। इसमें धारवाड़, बेलगाम, गडग, हवेरी, बीजापुर, बागलकोट, गुलबर्ग, रायचूर, कोप्पल, बेल्लारी, चित्र दुर्ग, देवनगिरी, तुमकुर, हस्सन और मांड्या जिले आते हैं। यह नाम संभवतः कन्नड़ भाषा से व्युत्पन्न है, जिसका अर्थ है समतल भूमि या खुली भूमि, क्योंकि यहां से पड़ोसी क्षेत्रों का निर्बाध दृश्य सुलभ होता है। इसी कारण से इसे कई बार मैदान भी कहा जाता है। बयालसीमा की स्थिति दक्खिन पठार में मालनाड क्षेत्र के पूर्वी ओर पश्चिमी घाट के पूर्वी छोर पर है। बयालुसीमा के खानपान, बोलियां और शैलियाम भिन्न स्थानों पर बदलते रहते हैं। बयालसीमा की स्थिति दक्खिन पठार में मालनाड क्षेत्र के पूर्वी ओर पश्चिमी घाट के पूर्वी छोर पर है। श्रेणी:कर्नाटक के क्षेत्र.

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बलवंत पांडुरंग अण्णा साहब किर्लोस्कर

अण्णा साहब किर्लोस्कर बलवंत पांडुरंग अण्णा साहब किर्लोस्कर (1843-1885 ई0) मराठी रंगमंच के आदि संगीत-नाटककार थे। आपका जन्म महाराष्ट्र के बेलगाँव जिले के एक गाँव में हुआ था। विद्याध्ययन के लिए 1863 में पूना भेजे गए किंतु संगीत और नाटक में आरंभ से ही रुचि होने के कारण स्कूली पढ़ाई में मन नहीं लगा। पढ़ाई छोड़कर आपने अध्यापक, सिपाही आदि की नौकरी की पर उनके जीवन का विकास नाटक के क्षेत्र में ही हुआ। उन्होंने 1866 में भारत शास्त्रोत्तेजक मंडली की स्थापना की और अपने लिखे नाटक श्री शंकर-दिग्विजय और 'अलाउद्दीन' का मंचन किया। इसमें उन्हें पर्याप्त सफलता मिली। इससे उत्साहित होकर उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर किर्लोस्कर संगीत नाटक मंडली के नाम से एक व्यावसायिक संस्था की स्थापना की और 1880 ई. में पूना में अभिज्ञान शाकुंतल का मराठी संगीत रूपक संगीत शाकुंतल प्रस्तुत किया। इस नाटक की सफलता ने मराठी रंगमंच में एक नया युग उपस्थित कर दिया। किर्लोस्कर ने 'संगीत शाकुंतल' के अतिरिक्त सौभद्र रामराज्य वियोग आदि अन्य कई नाटक लिखे और वे सभी समादरित हुए। 42 वर्ष की अवस्था में आपका 1885 ई. में देहांत हो गया। .

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भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची

शिकोहाबाद तहसील के ग्राम नगला भाट में श्री मुकुट सिंह यादव जो ग्राम पंचायत रूपसपुर से प्रधान भी रहे हैं उनके तीन पुत्र हैं गजेंद्र यादव नगेन्द्र यादव पुष्पेंद्र यादव प्रधान जी का जन्म सन १९५० में हुआ था उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीबों के लिए क़ुर्बान कर दिया था और वो ५ भाईओ में सबसे छोटे थे और अपने परिवार को बाँधे रखा ११ मार्च २०१५ को उनका देहावसान हो गया ! वो आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं इस लेख में भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची है। भारत में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 7,000 और 8,500 के बीच अनुमानित है। भारतीय रेलवे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने के साथ दुनिया में चौथा सबसे बड़ा नियोक्ता है। सूची तस्वीर गैलरी निम्नानुसार है। .

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भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची

इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .

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भारत के दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर

* अमृतसर.

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारत के हवाई अड्डे

यह सूची भारत के हवाई यातायात है। .

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भारतीय थलसेना

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्षों की सूची

१९३८ के हरिपुरा सम्मेलन में (बाएं से दाएं) महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, सुभाष चन्द्र बोस और वल्लभ भाई पटेल। गले में फीता पहने बोस इस सम्मेलन के अध्यक्ष थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्वतंत्र भारत का प्रमुख राजनीतिक दल है और इस की स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व १८८५ में हुई थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष दल के चुने हुए प्रमुख होते है जो आम जनता के साथ दल के रिश्ते को प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार होते है। .

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मंजू नादगोड़ा

मंजू नादगोड़ा (Manju Nadgoda) (जन्म;११ जुलाई १९७६, बेलगाम,कर्नाटक) एक पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी है जो भारतीय अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम के लिए accessdate.

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रानी चेन्नम्मा

रानी चेनम्मा की अश्वारोही प्रतिमा रानी चेनम्मा (कन्नड: ಕಿತ್ತೂರು ರಾಣಿ ಚೆನ್ನಮ್ಮ) (१७७८ - १८२९) भारत के कर्नाटक के कित्तूर राज्य की रानी थीं। सन् १८२४ में (सन् १८५७ के भारत के स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम से भी ३३ वर्ष पूर्व) उन्होने हड़प नीति (डॉक्ट्रिन ऑफ लेप्स) के विरुद्ध अंग्रेजों से सशस्त्र संघर्ष किया था। संघर्ष में वह वीरगति को प्राप्त हुईं। भारत में उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने वाले सबसे पहले शासकों में उनका नाम लिया जाता है। रानी चेनम्मा के साहस एवं उनकी वीरता के कारण देश के विभिन्न हिस्सों खासकर कर्नाटक में उन्हें विशेष सम्मान हासिल है और उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष के पहले ही रानी चेनम्मा ने युद्ध में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। हालांकि उन्हें युद्ध में कामयाबी नहीं मिली और उन्हें कैद कर लिया गया। अंग्रेजों के कैद में ही रानी चेनम्मा का निधन हो गया। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग ४

१२३५ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग महाराष्ट्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 3 के पास थाणे से निकलकर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई तक जाता है। इसका रूट थाणे - पुणे - बेलगाम - हुबली - बेंगलोर – रानीपेट - चेन्नई है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ४ए

१५३ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग कर्नाटक में बेलगाम से निकलकर गोआ की राजधानी पणजी तक जाता है। इसका रूट बेलगाम – अनमोड़ - पोंडा - पणजी है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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शिवराम महादेव परांजपे

शिवराम महादेव परांजपे (1864-1929 ई.) मराठी के प्रतिभाशाली साहित्यकार, वक्ता, पत्रकार और ध्येयनिष्ठ राजनीतिज्ञ थे। उन्होने 'काल' नामक साप्ताहिक द्वारा महाराष्ट्र में ब्रितानी शासन के विरुद्ध जनचेतना के निर्माण में सफलता पायी। .

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शिवाजी

छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले (१६३० - १६८०) भारत के महान योद्धा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने १६७४ में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन १६७४ में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और छत्रपति बने। शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध (Gorilla War) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने शिवाजी के जीवनचरित से प्रेरणा लेकर भारत की स्वतन्त्रता के लिये अपना तन, मन धन न्यौछावर कर दिया। .

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सिल्हारा राजवंश

हिन्दू सिल्हारा राजवंश वर्तमान मुंबई क्षेत्र पर ८१० से १२४० ई. के लगभग शासन करता था। इनकी तीन शाखाएं थीं:-.

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हलसी

हलसी (कन्नड़ ಹಳಸಿ) जिसे हालसी या हालशी भी कहते हैं, उत्तरी कर्नाटक के बेलगाम जिला के खानपुर ताल्लुक का का एक शहर है। यह खानापुर से १४ कि.मी और कित्तूर से २५ कि.मी दूर है। यह कदंब वंश की राजधानी रहा है। इस कारण यहां अनेक ऐतिहासिक स्मारक एवं इमारतें हैं। हलसी की पृष्ठभूमि पश्चिमी घाट के हरे-भरे वनों से भरी है। यहाम एक वृहत भूवाराह मंदिर भी है इस मंदिर में भगवान नृसिंह, वाराह, नारायण और सूर्य की बड़ी मूर्तियां स्थापित हैं। इसके अलावा यहां अगोकामेश्वर, हाटकेश्वर, कपिलेश्वर, स्वामेश्वर, आदि भी मंदिर हैं। Image:Halasi_1.jpg Image:Halasi_2.jpg Image:Halasi_3.jpg Image:Halasi_4.jpg Image:Halasi_5.jpg Image:Halasi_6.jpg Image:Halasi_7.jpg Image:Halasi_8.jpg Image:Halasi_9.jpg Image:Halasi_2.jpg Image:Halasi_11.jpg Image:Halasi_12.jpg Image:Halasi_13.jpg Image:Halasi_14.jpg Image:Halasi_15.jpg .

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जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज

कोई विवरण नहीं।

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विद्यानंद

आचार्य Vidyanand जी (हिंदी: आचार्य विद्यानंद) (जन्म 22 अप्रैल 1925) के एक वरिष्ठ सबसे प्रमुख विचारक, दार्शनिक, लेखक, संगीतकार, संपादक, क्यूरेटर और एक बहुमुखी जैन साधु समर्पित किया है, जो अपने पूरे जीवन में उपदेश और अभ्यास महान अवधारणा की अहिंसा (अहिंसा) के माध्यम से जैन धर्महै। वह है के शिष्य आचार्य Deshbhushan.

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विद्यासागर (जैन संत)

आचार्य विद्यासागर (कन्नड़:ಆಚಾರ್ಯ ವಿದ್ಯಾಸಾಗರ್) एक प्रख्यात दिगम्बर जैन आचार्य हैं। उन्हें उनकी विद्वाता और तप के लिए जाना जाता है। .

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विनायक दामोदर सावरकर

विनायक दामोदर सावरकर (जन्म: २८ मई १८८३ - मृत्यु: २६ फ़रवरी १९६६) भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें प्रायः स्वातंत्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय सावरकर को जाता है। वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढँग से लिपिबद्ध किया है। उन्होंने १८५७ के प्रथम स्वातंत्र्य समर का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं आंदोलन चलाये। सावरकर ने भारत के एक सार के रूप में एक सामूहिक "हिंदू" पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा । उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद और सकारात्मकवाद, मानवतावाद और सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक नास्तिक और एक कट्टर तर्कसंगत व्यक्ति थे जो सभी धर्मों में रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे । .

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विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: V

प्रविष्टियों का प्रारूप है.

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गोआ एक्स्प्रेस २७७९

गोवा एक्सप्रेस वास्को डा गामा से हजरत निजामुद्दीन,नई दिल्ली तक जानेवालि भारतीय रेल द्वारा संचालित एक दैनिक सुपरफास्ट ट्रेन है। इस ट्रेन के संबंधित राज्यों की राजधानियों और नई दिल्ली के बीच सुविधाजनक लिंक उपलब्ध कराने में दूसरे ट्रेनों कि तरह, जैसे कर्नाटक एक्सप्रेस और आंध्र प्रदेश एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के समान है। वास्को डा गामा (आईआर कोड: वि एस जी) रेलवे स्टेशन पणजी, गोवा के निकटतम है। पंजिम द्वारा रेल कि कोई सुविधा नहीं है। .

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कदंब राजवंश

५०० ईसवी में कदम्ब साम्राज्य कदंब दक्षिण भारत का एक ब्राह्मण राजवंश। कदंब कुल का गोत्र मानव्य था और उक्त वंश के लोग अपनी उत्पत्ति हारीति से मानते थे। ऐतिहासिक साक्ष्य के अनुसार कदंब राज्य का संस्थापक मयूर शर्मन्‌ नाम का एक ब्राह्मण था जो विद्याध्ययन के लिए कांची में रहता था और किसी पल्लव राज्यधिकारी द्वारा अपमानित होकर जिसने चौथी शती ईसवी के मध्य (लगभग 345 ई.) प्रतिशोधस्वरूप कर्नाटक में एक छोटा सा राज्य स्थापित किया था। इस राज्य की राजधानी वैजयंती अथवा बनवासी थी। समुद्रगुप्त की दक्षिण विजय से संत्रस्त पल्लव इस राज्य की स्थापना को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप न कर सके। मयूर शर्मन्‌ के पुत्र कंग वर्मन्‌ ने वाकाटक नरेश विंध्यशक्ति द्वितीय (बासिम शाखा) के आक्रमण का सफलतापूर्वक सामना किया, तो भी उसके राज्य का कुछ क्षेत्र वाकाटकों के अधिकार में चला गया। इस कुल का अन्य शक्तिशाली राजा काकुस्थ वर्मन्‌ था जिसने इस वंश के यश तथा राज्यसीमा में पर्याप्त विस्तार किया। छठी शती के आरंभिक दशाब्दों में रवि वर्मन्‌ राजा हुआ जिसने अपनी राजधानी बनवासी से हटाकर पालाशिका अथवा हाल्सी (बेलगाँव जिले में) बनाई। रवि वर्मन्‌ को पल्लवों तथा गंगवंशियों से निरंतर युद्ध करना पड़ा। वातापि के चालुक्यों के उत्कर्ष का कदंब राज्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। चालुक्यराज पुलकेशिन्‌ प्रथम ने कदंबों से उत्तरी प्रांत छीन लिए और पुलकेशिन्‌ द्वितीय ने उनको सर्वथा शक्तिहीन कर डाला। उधर कदंब राज्य के दक्षिण में स्थित गंगराज्य के राजा ने भी अवसर देखकर पुराने वैर का बदला लेने के लिए, आक्रमण किया और कदंबों के दक्षिणी प्रांतों पर अधिकार कर लिया। फिर भी कदंब वंश का अंत न हुआ और 10वीं शती के अंतिम चरण में राष्ट्रकूटों के पतन के बाद उन्होंने एक बार पुन: सिर उठाया। 13वीं शती के अंत तक कदंबों की अनेक छोटी-छोटी शाखाएँ दक्कन और कोंकण में राज करती रहीं। धारवाड़ जिले में हंगल और गोआ उनके राज्य के प्रमुख केंद्र थे। इस प्रकार लगभग एक हजार वर्ष तक कदंब दक्षिण के विभिन्न स्थानों पर गिरते पड़ते शासन करते रहे हालाँकि उनका असाधारण उत्कर्ष कभी भी संभव न हो सका। श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:भारतीय राजवंश श्रेणी:भूतपूर्व राजतन्त्र.

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची

यह सूची कर्नाटक के राष्ट्रीय राजमार्गओं की है। श्रेणी:कर्नाटक श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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कर्नाटक में शिक्षा

भारतीय विज्ञान संस्थान, भारत का एक प्रतिष्ठित विज्ञान संस्थान, बंगलुरु में स्थित है २००१ की जनसंख्या अनुसार, कर्नाटक की साक्षरता दर ६७.०४% है, जिसमें ७६.२९% पुरुष तथा ५७.४५% स्त्रियाँ हैं। राज्य में भारत के कुछ प्रतिष्ठित शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान भी स्थित हैं, जैसे भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कर्नाटक और भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय। मार्च २००६ के अनुसार, कर्नाटक में ५४,५२९ प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें २,५२,८७५ शिक्षक तथा ८४.९५ लाख विद्यार्थी हैं। इसके अलावा ९४९८ माध्यमिक विद्यालय जिनमें ९२,२८७ शिक्षक तथा १३.८४ लाख विद्यार्थी हैं। राज्य में तीन प्रकार के विद्यालय हैं, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त निजी (सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्राप्त) एवं पूर्णतया निजी (कोई सरकारी सहायता नहीं)। अधिकांश विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम कन्नड़ एवं अंग्रेज़ी है। विद्यालयों में पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम या तो सीबीएसई, आई.सी.एस.ई या कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग के अधीनस्थ राज्य बोर्ड पाठ्यक्रम (एसएसएलसी) से निर्देशित होता है। कुछ विद्यालय ओपन स्कूल पाठ्यक्रम भी चलाते हैं। राज्य में बीजापुर में एक सैनिक स्कूल भि है। विद्यालयों में अधिकतम उपस्थिति को बढ़ावा देने हेतु, कर्नाटक सरकार ने सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क अपराह्न-भोजन योजना आरंभ की है। राज्य बोर्ड परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा अवधि के अंत में आयोजित की जाती हैं, जिसमें उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को द्विवर्षीय विश्वविद्यालय-पूर्व कोर्स में प्रवेश मिलता है। इसके बाद विद्यार्थी स्नातक पाठ्यक्रम के लिये अर्हक होते हैं। राज्य में यहां के विश्वविद्यालयों जैसे बंगलुरु विश्वविद्यालय,गुलबर्ग विश्वविद्यालय, कर्नाटक विश्वविद्यालय, कुवेंपु विश्वविद्यालय, मंगलौर विश्वविद्यालय तथा मैसूर विश्वविद्यालय, आदि से मान्यता प्राप्त ४८१ स्नातक महाविद्यालय हैं। १९९८ में राज्य भर के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों को नवगठित बेलगाम स्थित विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत्त लाया गया, जबकि चिकित्सा महाविद्यालयों को राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारक्षेत्र में लाया गया था। इनमें से कुछ अच्छे महाविद्यालयों को मानित विश्वविद्यालय का दर्जा भि प्रदान किया गया था। राज्य में १२३ अभियांत्रिकी, ३५ चिकित्सा ४० दंतचिकित्सा महाविद्यालय हैं। राज्य में वैदिक एवं संस्कृत शिक्षा हेतु उडुपी, शृंगेरी, गोकर्ण तथा मेलकोट प्रसिदध स्थान हैं। केन्द्र सरकार की ११वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत्त मुदेनहल्ली में एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की सथापना को स्वीकृति मिल चुकी है। ये राज्य का प्रथम आई.आई.टी संस्थान होगा। इसके अतिरिक्त मेदेनहल्ली-कानिवेनारायणपुरा में विश्वेश्वरैया उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान का ६०० करोड़ रुपये की लागत से निर्माण प्रगति पर है। .

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कर्नाटक/आलेख

कर्नाटक (उच्चारण), जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का सृजन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्संगठन अधिनियम के अधीन किया गया था। मूलतः यह मैसूर राज्य कहलाता था और १९७३ में इसे पुनर्नामकरण कर कर्नाटक नाम मिला था। कर्नाटक की सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है और इसमें २९ जिले हैं। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। हालांकि कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई सन्दर्भ हैं, फिर भी उनमें से सर्वाधिक स्वीकार्य तथ्य है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्खन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द प्रयोग किया गया है, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयोग किया गया है और कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन याज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटका प्रीमियर लीग

कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) एक भारतीय ट्वेंटी-20 क्रिकेट लीग अगस्त में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए), 2009 द्वारा स्थापित किया गया है। घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता लोकप्रिय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तर्ज पर मॉडलिंग की है। केपीएल, कार्बन स्मार्ट द्वारा प्रायोजित, केएससीए श्रीकांत नरसिंहराजा वोडेयार के दिवंगत राष्ट्रपति इस प्रकार लीग को आधिकारिक तौर पर कार्बन स्मार्ट कर्नाटक प्रीमियर लीग के रूप में जाना जाता है के लिए एक श्रद्धांजलि है। बस इंडियन प्रीमियर लीग, जिसका शीर्षक प्रायोजकों चीनी की तरह मोबाइल निर्माताओं विवो, कर्नाटक प्रीमियर लीग का खिताब प्रायोजक (केपीएल) बेंगलूर स्थित रियल एस्टेट डेवलपर, मंत्री डेवलपर्स था। मंत्री डेवलपर्स की राशि के लिए पांच वर्ष की अवधि के लिए इस घटना का शीर्षक प्रायोजक होने का अधिकार हासिल किया था। तब केपीएल 2011, 2012 और 2013 में आयोजित नहीं किया गया था। 3 साल के अंतराल के बाद कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) के तीसरे संस्करण 28 अगस्त (गुरुवार) को मैसूर में शुरू किया गया। 2014 में, कार्बन मोबाइल्स अगले 3 साल के लिए ईपीएल का अधिकार हासिल किया। पहले सत्र 23 सितम्बर 2009 के लिए 9 सितंबर 2009 से आयोजित किया गया था।.

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कित्तूर

कित्तूरु (कन्नड़ ಕಿತ್ತೂರು), जिसे कित्तूर भी कहते हैं, कर्नाटक के बेलगाम जिला में स्थित है। यहां कि रानी चेन्नम्मा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रही हैं। इस कारण यह स्थान प्रसिद्धि प गया। श्रेणी:बेलगाम जिले के शहर.

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कुमार गंधर्व

कुमार गंधर्व के नाम से प्रसिद्ध शिवपुत्र सिद्धराम कोमकाली को सन १९७७ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वह मध्य प्रदेश से हैं। .

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अतुल कुलकर्णी

अतुल कुलकर्णी (जन्म: १० सितंबर, १९६५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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अंगदि सुरेश चन्नाबसप्पा

अंगदि सुरेश चन्नाबसप्पा भारतीय जनता पार्टी से संबंधित भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे २००९ में हुए आमचुनाव में कर्नाटक के बेलगाम चुनाव क्षेत्र से १५ वीं लोकसभा के लिए सदस्य निर्वाचित हुए हैं। .

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