4 संबंधों: फ़ख़रुद्दीन अहमद, फजले कबीर, बांग्लादेशी टका, भारतीय रिज़र्व बैंक।
फ़ख़रुद्दीन अहमद
फकरुद्दीन अहमद, (बांग्ला:ফাকরুদ্দীন আহমেদ, जन्म 1 मई 1940) एक बांग्लादेशी अर्थशास्त्री, नौकरशाह और बांग्लादेश बैंक (बांग्लादेश का केंद्रीय बैंक) के गवर्नर थे। 12 जनवरी 2007 को उन्हें, राजनीतिक संकट के बीच, निष्पक्ष अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर तकरीबन 2 वर्ष तक विराजमान रहे, जोकि साधारण कार्यकाल से कहीं अधिक है। तत्पश्चात 29 दिसंबर 2008 को साधारण चुनाव घोषित किए गए और अवामी लीग सत्ता पर काबिज हुई। .
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फजले कबीर
फजले कबीर (जन्म:4 जुलाई, 1955) बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ‘बांग्लादेश बैंक’ के गवर्नर हैं। इसके पूर्व वे सोनाली बैंक के निदेशक मंडल के अध्यक्ष थे। उन्हें बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अतिउर रहमान के पद से इस्तीफा देने के उपरांत बांग्लादेश बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया। न्यूयार्क स्थित फेडरल बैंक में बांग्लादेश बैंक के खाते से हैकर्स द्वारा लगभग 81 मिलियन की चोरी की घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अतिउर रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। .
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बांग्लादेशी टका
बांग्लादेशी टका (बंगाली: টাকা, प्रतीक: ৳ या Tk, मुद्रा कूट: BDT) बांग्लादेश गणतन्त्र की आधिकारिक मुद्रा है। ৳10 या इससे अधिक मूल्य के बैंक नोटों को बांग्लादेश बैंक द्वारा जारी और नियंत्रित किया जाता है जबकि ৳1, ৳2 और ৳5 के बैंक नोटों को जारी करने की जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार के वित्त मंत्रालय की है। ৳1 को 100 पोइशा (पैसा) में विभाजित किया गया है। .
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भारतीय रिज़र्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .