लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

भारतीय रिज़र्व बैंक

सूची भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .

115 संबंधों: चलनिधि समायोजन सुविधा, एचडीएफसी बैंक, एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर, एन सुंदरेसन, एन॰ एस॰ विश्वनाथन, एयरटेल भुगतान बैंक लिमिटेड, एल के झा, एकीकृत भुगतान अन्तरापृष्ठ, तत्काल सकल निपटान, दुव्वुरी सुब्बाराव, दीपाली पंत जोशी, धीरूभाई अंबानी, निर्धनता दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम, प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स, पॉलीमर, पी सी भट्टाचार्य, पी. जयरामन, फेडरल रिज़र्व सिस्टम, बिटकॉइन, बंधन बैंक, बैंक, बैंक आश्वासन, बैंकर्स बैंक, बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट, बेनेगल रामा राव, बी एन आदरकार, बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, भारत, भारत बिल भुगतान प्रणाली, भारत में बैंकिंग, भारत में भुगतान और निपटान प्रणालियाँ, भारत में महिलाएँ, भारत में मोबाईल बैंकिंग, भारत में कार्यरत बैंकों की सूची, भारत सरकार अधिनियम, १९३५, भारत सारावली, भारत का प्रधानमन्त्री, भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण, भारत के नियामक अभिकरणों की सूची, भारत की मौद्रिक नीति, भारतीय 1000 रूपया नोट, भारतीय डाक भुगतान बैंक, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, भारतीय रुपया, भारतीय सिक्के, भारतीय अर्थव्यवस्था की समयरेखा, ..., भारतीय १० रुपये का नोट, भारतीय २००० हजार का नोट, भारतीय ५०० रुपये का नोट, भुगतान बैंक, भीमराव आम्बेडकर, मणिलाल नानावती, मनमोहन सिंह, मालविका सिन्हा, मुम्बई, मौद्रिक नीति समिति (भारत), मेघालय, मोहन राकेश, यूनाइटेड किंगडम में यूरोपीय संघ पर जनमत संग्रह, राम नाथ, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, राजकोषीय नीति, राकेश मोहन, रघुराम राजन, रुपए का इतिहास, रुपया, रुपे, श्यामला गोपीनाथ, शेफ़ाली शाह, शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली, सार्वभौमिक स्वर्ण बांड योजना, सिकंदर हयात खान, सुबीर गोकर्ण, सी॰ डी॰ देशमुख, जयंती प्रसाद नौटियाल, ज़िया फतेहबादी, जगदीश कपूर, जेम्स ब्रेड टेलर, वित्त आयोग, वित्तीय समावेशन, वित्तीय आसूचना एकक (भारत), विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999, विदेशी मुद्रा विनियम अधिनियम, विरल आचार्य, विश्व का आर्थिक इतिहास, विजयशंकर व्यास, वजाहत हुसैन, गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान, ऑनलाइन बैंकिंग, ओसबोर्न स्मिथ, आनंद सिन्हा, आर गांधी (डिप्टी गवर्नर), आर्थिक नीति, आईडीबीआई बैंक, आंबेडकर जयंती, इला रमेश भट्ट, इंटरबैंक मोबाईल भुगतान सेवा, करेंसी बिल्डिंग, कोलकाता, किरण कार्निक, क्रेडिट नियंत्रण, के जी अम्बेगाओंकर, केंद्रीय बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, अनुसूचित बैंक, अरुन्धति भट्टाचार्य, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रतिवेदन मानक, उर्जित पटेल, १२ नवम्बर, १९९१ का भारत का आर्थिक संकट, 2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी, 2013 में भारत सूचकांक विस्तार (65 अधिक) »

चलनिधि समायोजन सुविधा

चलनिधि समायोजन सुविधा (Liquidity Adjustment Facility or LAF, अंग्रेज़ी में - लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकों को दी गई एक सुविधा है। यह मौद्रिक नीति के क्रियान्वयन में प्रयुक्त किया जाने वाला एक प्रमुख टूल है। इसके अंतर्गत रेपो और रिवर्स रेपो आते हैं, जिनकी दरों पर नियंत्रण करके भारतीय रिज़र्व बैंक बाज़ार में उपलब्ध मुद्रा को नियंत्रित करता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और चलनिधि समायोजन सुविधा · और देखें »

एचडीएफसी बैंक

एचडीएफसी बैंक भारत का एक प्रमुख बैंक है। मुंबई, भारत में इसकी स्थापना अगस्त 1994 में की गयी थी। एचडीएफसी बैंक ने जनवरी 1995 में एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के रूप में कार्य शुरू किया। मोबाइल बैंकिंग भी हिंदी में उपलब्ध है। इसके शाखाओं की अधिकतम संख्या मुंबई और नई दिल्ली में हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और एचडीएफसी बैंक · और देखें »

एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर

हूराव वरदराज आयंगर 1 मार्च 1957 से लेकर 28 फ़रवरी 1962 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के छठे गवर्नर थे। अपनी नियुक्ति के पूर्व वह भारतीय सिविल सेवा के सदस्य और भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर · और देखें »

एन सुंदरेसन

श्री एन सुंदरेसन 01.01.1950 से 31.12.1954 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और एन सुंदरेसन · और देखें »

एन॰ एस॰ विश्वनाथन

एन॰ एस॰ विश्वनाथनभारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर है। 28 जून, 2016 को भारत सरकार के मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक के नए डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी। इसके पूर्व वे भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के पद पर कार्यरत थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और एन॰ एस॰ विश्वनाथन · और देखें »

एयरटेल भुगतान बैंक लिमिटेड

एयरटेल भुगतान बैंक लिमिटेड पब्लिक लिमिटेड कंपनी है जो भारती एयरटेल की सहायक है। इसे ११ अप्रैल २०१६ को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग व्यवसाय के लिए लाइसेंस प्रदान किया गया। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और एयरटेल भुगतान बैंक लिमिटेड · और देखें »

एल के झा

लक्ष्मी कांत झा (22 नवम्बर 1913-16 जनवरी 1988) (जन्म: दरभंगा,बिहार ) जिन्हें एल के झा के नाम से जाना जाता था, 1 जुलाई 1967 से लेकर 3 मई 1970 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के आठवें गवर्नर थे। भारतीय सिविल सेवा के 1937 बैच के सदस्य झा ने आपूर्ति विभाग ने उप सचिव का पद हासिल किया। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में उनकी नियुक्ति पहले उन्होंने प्रधानमंत्री के सचिव के रूप में सेवा की। उनके कार्यकाल में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर 1969 को 2, 5, 10 और 100 के मूल्यवर्ग के भारतीय नोट, जारी किये गए थे। इन नोटों पर उनके हस्ताक्षर हैं, जबकि इसके बाद वाली नोटों की श्रृंखला पर बी एन आदरकार के हस्ताक्षर हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और एल के झा · और देखें »

एकीकृत भुगतान अन्तरापृष्ठ

एकीकृत भुगतान अन्तरापृष्ठ (Unified Payments Interface (UPI)), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम एवं भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुरू किया गया ऑनलाइन भुगतान का एक नया तरीका है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और एकीकृत भुगतान अन्तरापृष्ठ · और देखें »

तत्काल सकल निपटान

तत्काल सकल निपटान अथवा वास्तविक समय सकल भुगतान प्रणाली (अंग्रेजी: Real time gross settlement (RTGS)), या आर टी जी एस एक ऐसी निधि अंतरण पद्धति है जिसमें एक बैंक से दूसरे बैंक में मुद्रा का अंतरण 'वास्तविक समय' और 'सकल' आधार पर होता है। यह किसी बैंकिंग चैनल द्वारा मुद्रा अंतरण का सबसे तेज माध्यम है। 'वास्तविक समय' में भुगतान से तात्पर्य है कि भुगतान लेनदेनों (संव्यवहारों) के लिए कोई प्रतीक्षा अवधि नहीं होती। जैसे ही कोई लेनदेन प्रसंस्कृत होता है ठीक उसी समय उसका निपटान हो जाता है। 'सकल भुगतान' से तात्पर्य लेनदेनों का किसी अन्य लेनदेन जैसे कि बंचिंग या नेटिंग आदि के लिए प्रतीक्षा किए बिना, एक के लिए एक आधार पर निपटान होना है। किसी लेनदेन के प्रसंस्कृत होने के बाद भुगतान अंतिम और अप्रतिसंहरणीय हो जाता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और तत्काल सकल निपटान · और देखें »

दुव्वुरी सुब्बाराव

दुव्वरी सुब्बाराव (तेलुगु: దువ్వూరి సుబ్బారావు) का जन्म ११ अगस्त १९४९ को हुआ। वे एक भारतीय अर्थशास्त्री, केन्द्रीय बैंकर हैं। वे ५ सितंबर २००८ से ४ सितंबर २०१३ भारतीय रिज़र्व बैंक के २२वें गवर्नर रहे। श्री सुब्बाराव १९७२ बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के आंध्र प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और दुव्वुरी सुब्बाराव · और देखें »

दीपाली पंत जोशी

डॉ॰ दीपाली पंत जोशी आर्थिक सलाहकार और लेखिका हैं। वे भारतीय रिज़र्व बैंक में कार्यपालक निदेशक हैं। उनके पास ग्राहक सेवा विभाग और ग्रामीण आयोजना व ऋण विभाग के दायित्व के साथ-साथ सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वैकल्पिक अपीलीय अधिकारी का उत्तरदायित्व भी हैं। कार्यपालक निदेशक के रूप में अपनी नियुक्ति के पूर्व डॉ॰ जोशी राजस्थान की क्षेत्रीय निदेशक थी। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया 1975-1980 के विकास की राजनीतिक अर्थव्यवस्था में पीएचडी डिग्री प्राप्त की है। डॉ॰ जोशी ने प्रशासनिक विधि में विशेषता के साथ विधि में स्नातक डिग्री भी प्राप्त की है। उन्होंने ग्रामीण ऋण और वित्तीय समावेशन पर व्यापक रूप से लिखा है। "ग्रामीण और विकासोन्मुख बैंकिंग" और "सोशल बैंकिंग: प्रोमिस, परफ़ोर्मेंस एंड पोटेन्शियल" (अंग्रेजी) उनकी प्रमुख पुस्तकें है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और दीपाली पंत जोशी · और देखें »

धीरूभाई अंबानी

धीरजलाल हीरालाल अंबानी (२८ दिसम्बर, १९३३, - ६ जुलाई, २००२) जिन्हें धीरुभाई भी कहा जाता है) भारत के एक चिथड़े से धनी व्यावसायिक टाइकून बनने की कहानी है जिन्होनें रिलायंस उद्योग की स्थापना मुम्बई में अपने चचेरे भाई के साथ की। कई लोग अंबानी के अभूतपूर्व/उल्लेखनीय विकास के लिए अन्तरंग पूंजीवाद और सत्तारूढ़ राजनीतिज्ञों तक उनकी पहुँच को मानते हैं क्योंकि ये उपलब्धि अति दमनकारी व्यावसायिक वातावरण में पसंदीदा वर्ताव द्वारा प्राप्त की गई थी। (लाइसेंस राज ने भारतीयों को दबाया। १९९० तक भारतीय व्यवसाय का गला घोंट दिया और उन्हीं को राजनीतिज्ञों ने लाइसेंस प्रदत्त किया जो की उनके इष्ट थे, जिसने प्रतियोगिता के कोई आसार नहीं छोड़े)। अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस को १९७७ में सार्वजानिक क्षेत्र में सम्मिलित किया और २००७ तक परिवार (बेटे अनिल और मुकेश) की सयुंक्त धनराशी १०० अरब डॉलर थी, जिसने अम्बानियों को विश्व के धनी परिवारों में से एक बना दिया। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और धीरूभाई अंबानी · और देखें »

निर्धनता दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को 16 सितम्बर 2013 की स्थिति तक निर्धनता की दर के आधार पर क्रमित करती है। यह सूची भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित 2013 के वार्षिक प्रतिवेदन से संकलित की गई है। क्रम-स्थान प्रतिशत में निर्धनता सीमा से नीचे रह रहे लोगों की गणना अनुसार दिया गया है और ऍम.आर.पी.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और निर्धनता दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम

निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (निबीप्रगानि / Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) भारत का एक सार्वजनिक प्राधिकरण है। यह भारतीय रिज़र्व बैंक की सम्पूर्ण स्वामित्व वाला सहयोगी संगठन है। यह परिसमापनाधीन बीमाकृत बैंकों के जमाकर्तांओं के दावों के निपटान से संबंधित कार्यपध्दति में अतिरिक्त आशोधन करता है। निगम का प्रधान कार्याल मुंबई में है। एक कार्यपालक निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक इसके वरिष्ठ अधिकारियों के समग्र दैनंदिन कार्यों के लिए प्रभारी अधिकारी है। निगम की चार शाखाएं हैं - कोलकाता, चेन्नई, नागपुर और नई दिल्ली। इनमें से कोलकाता, चेन्नई और नागपुर स्थित शाखाएं 30 नवम्बर 2006 से बंद कर दी गयी है चूंकि लगभग सभी बैंकों ने ऋण गारंटी योजना से बाहर निकल गए और कई लंबित दावों का निपटान कर दिया गया। जबकि, इन तीनों शखाओं के प्रमुख कार्य मदों को निगम के मुख्य कार्यालय द्वारा किया जा रहा है कुछ अवशेष कार्य मद निबीप्रगानि के कक्ष के पास हैं जिन्हें विशेष रूप से भारत्यी रिज़र्व बैंक के ग्रामीण आयोजना और ऋण गारंटी निगम के संबंधित केंद्रों में स्थापित किया गया है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम · और देखें »

प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स

1998 मर्जर के पहले पीडब्लू (PW) लोगो मर्जर के पहले सी&एल लोगो प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स (या पीडब्ल्यूसी) दुनिया की सबसे बड़ी प्रोफेशनल सर्विसेज फर्मों में से एक और चार बड़ी लेखा फर्मों में से सबसे बड़ी फर्म हैं। इसका गठन 1998 में प्राइस वॉटरहाउस और कूपर्स एंड लेब्रैंड, दोनों लंदन में गठित हुईं कंपनियों के बीच विलय के बाद किया गया था। प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स ने 2009 के वित्तीय वर्ष में दुनिया भर में 26.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एकत्रित राजस्व अर्जित किया और 151 देशों में लगभग 163,000 लोगों को इसने रोजगार प्रदान किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, जहां 2009 में यह सबसे बड़ा निजी स्वामित्व वाला आठवां संगठन था, यह प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स एलएलपी (LLP) के रूप में संचालित होता है। प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के केपीएमजी, अर्नस्ट एंड यंग और डेलोटी टच तोहमात्सू सहित चार बड़े ऑडिटर हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स · और देखें »

पॉलीमर

रिअल लीनिअर पॉलीमर कड़ियां, जो परमाणिव्क बल सूक्ष्मदर्शी द्वारा तरल माध्यम के अधीन देखी गयी हैं। इस बहुलक की चेन लंबाई ~२०४ नैनो.मीटर; मोटाई is ~०.४ नै.मी.वाई.रोइटर एवं एस.मिंको, http://dx.doi.org/10.1021/ja0558239 ईफ़एम सिंगल मॉलिक्यूल एक्स्पेरिमेंट्स ऐट सॉलिड-लिक्विड इंटरफ़ेस, अमरीकन कैमिकल सोसायटी का जर्नल, खण्ड १२७, ss. 45, pp. 15688-15689 (2005) वहुलक या पाॅलीमर बहुत अधिक अणु मात्रा वाला कार्बनिक यौगिक होता है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता; के बहुत अधिक इकाईयों के पॉलीमेराइजेशन के फलस्वरूप बनता है।। नैनोविज्ञान। वर्ल्डप्रेस पर पॉलीमर में बहुत सारी एक ही तरह की आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ यानि मोनोमर संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से जुड़ी होती हैं। सेल्यूलोज, लकड़ी, रेशम, त्वचा, रबर आदि प्राकृतिक पॉलीमर हैं, ये खुली अवस्था में प्रकृति में पाए जाते हैं तथा इन्हें पौधों और जीवधारियों से प्राप्त किया जाता है। इसके रासायनिक नामों वाले अन्य उदाहरणों में पालीइथिलीन, टेफ्लान, पाॅली विनाइल क्लोराइड प्रमुख पाॅलीमर हैं। कृत्रिम या सिंथेटिक पॉलीमर मानव निर्मित होते हैं। इन्हें कारखानों में उत्पादित किया जा सकता है। प्लास्टिक, पाइपों, बोतलों, बाल्टियों आदि के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली पोलीथिन सिंथेटिक पॉलीमर है। बिजली के तारों, केबलों के ऊपर चढ़ाई जाने वाली प्लास्टिक कवर भी सिंथेटिक पॉलीमर है। फाइबर, सीटकवर, मजबूत पाइप एवं बोतलों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली प्रोपाइलीन भी सिंथेटिक पॉलीमर है। वाल्व सील, फिल्टर क्लॉथ, गैस किट आदि टेफलॉन से बनाए जाते हैं। सिंथेटिक रबर भी पॉलीमर है जिससे मोटरगाड़ियों के टायर बनाए जाते हैं। हॉलैंड के वैज्ञानिकों के अनुसार मकड़ी में उपस्थित एक डोप नामक तरल पदार्थ उसके शरीर से बाहर निकलते ही एकप प्रोटीनयुक्त पॉलीमर के रूप में जाला बनाता है। पॉलीमर शब्द का प्रथम प्रयोग जोंस बर्जिलियस ने १८३३ में किया था। १९०७ में लियो बैकलैंड ने पहला सिंथेटिक पोलीमर, फिनोल और फॉर्मएल्डिहाइड की प्रक्रिया से बनाया। उन्होंने इसे बैकेलाइट नाम दिया। १९२२ में हर्मन स्टॉडिंगर को पॉलीमर के नए सिद्धांत को प्रतिपादित करने के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इससे पहले यह माना जाता था कि ये छोटे अणुओं का क्लस्टर है, जिन्हें कोलाइड्स कहते थे, जिसका आण्विक भार ज्ञात नहीं था। लेकिन इस सिद्धांत में कहा गया कि पाॅलीमर एक शृंखला में कोवेलेंट बंध द्वारा बंधे होते हैं। पॉलीमर शब्द पॉली (कई) और मेरोस (टुकड़ों) से मिलकर बना है। एक ही प्रकार की मोनोमर इकाईयों से बनने वाले बहुलक को होमोपॉलीमर कहते हैं। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है। भिन्न प्रकार की मोनोमर इकाईयों से बनने वाले बहुलक को कोपॉलीमर कहते हैं। जैसे इथाइल-विनाइल-एसीटेट भिन्न प्रकार के मोनोमरों से बनता है। भौतिक व रासायनिक गुणों के आधार पर इन्हें दो वर्गों में बांटा जा सकता है: right.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और पॉलीमर · और देखें »

पी सी भट्टाचार्य

पी सी भट्टाचार्य 1 मार्च 1962 से लेकर 30 जून 1967 तक भारतीय रिज़र्व बैंक सातवें गवर्नर थे। अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत वह भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा के सदस्य थे। गवर्नर के रूप में नियुक्ति से पहले उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष और वित्त मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवा की। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और पी सी भट्टाचार्य · और देखें »

पी. जयरामन

राष्ट्रपति अबुल कलाम आजाद से प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त करते हुए। डॉ॰ पी.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और पी. जयरामन · और देखें »

फेडरल रिज़र्व सिस्टम

फैडरल रिसर्व बैंक या फैडरल रिसर्व सिस्टम अमेरिका का केन्द्रीय बैंकिंग सिस्टम है। जिस तरह भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है, उस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका के केंद्रीय बैंक को फेडरल रिज़र्व बैंक कहते हैं। इसे फ़ैड भी कहते हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और फेडरल रिज़र्व सिस्टम · और देखें »

बिटकॉइन

Koबिटकाइन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है। यह पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है जिसका अर्थ है की यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं संचालित होती। कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है। इसका विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने किया है। सामूहिक संगणक जाल पर पारस्परिक भुगतान हेतु कूट-लेखन द्वारा सुरक्षित यह एक नवीन मुद्रा है। अंकीय प्रणाली से बनाई गई यह मुद्रा अंकीय पर्स में ही रखी जाती है। इसकी शुरुआत ३ जनवरी २००९ को हुई थी। यह विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तंत्र है। दुनिया भर में १ करोड़ से अधिक बिटकॉइन हैं। बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है, आभासी मतलब कि अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं है यह एक डिजिटल करेंसी है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है। वर्तमान में संसार में बिटकॉइन काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसका आविष्कार  सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने  2008 में किया था और 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था। वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं। आम डेबिट /क्रेडिट  कार्ड से भुगतान करने में लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है। इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज है  जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। किसी अन्य क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है। खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन देन के बारे में पता किया जा सकता है। यह एकदम सुरक्षित और सुपर फास्ट है और यह दुनिया में कहीं भी कारगर है और इसकी कोई सीमा भी नहीं है। ऐसे सैकड़ों हजारों वेबसाइट कंपनी है जो बिटकोइन को स्वीकार कर रही हैं। प्लेन की टिकट, होटल रूम, इलेक्ट्रॉनिक्स, कार, कॉफी और किसी अन्य चीज के लिए भी पेमेंट कर सकते हैं। हर साल दुनिया में  $1 से लेकर एक मिलियन डॉलर तक इधर से उधर हो जाता है। वैसे भी पैसे लेने के लिए हम लोग बैंक और कई कंपनी का सहारा लेते हैं यह सभी कंपनियां हमारे भेजे हुए पैसे को हमारे लोगों तक पहुचाने के लिए अतिरिक्त राशि  लेती है और हमें उन पर भरोसा करना पड़ता है। वेस्टर्न यूनियन, मनी ग्राम और उन जैसी दूसरी कंपनियां की मदद चाहिए होती है मगर  इस सुविधा को प्राप्त  करने के लिए कोई मंजूरी भी लेनी नहीं पड़ती है। आज भी कई लोगों के पास बैंकिंग सुविधा नहीं है, लेकिन उन लोगों की संख्या अधिक है जिनके पास इंटरनेट के साथ सेल फोन है और यह इंटरनेट के माध्यम से व्यापार नहीं कर सकते। लेकिन अब यह बिटकॉइन की वजह से ऐसा कर सकते हैं क्योंकि बिटकॉइन पर किसी व्यक्ति विशेष सरकार या कंपनी का कोई स्वामित्व नहीं होता है। बिटकॉइन करेंसी पर कोई भी सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी नहीं है। आज बिटकॉइन काफी प्रसिद्ध है। इसे शक्ति उन हजारों लोगों से मिलती है जिनके पास विशेष कंप्यूटर है जो नेटवर्क को शक्ति संपन्न बनाते हैं नेट पर विनिमय को  सुरक्षित करते हैं और लेनदेन की जांच करते हैं। इसे माइनिंग कहा जाता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बिटकॉइन · और देखें »

बंधन बैंक

बंधन बैंक भारत की एक बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा कम्पनी है जिसका मुख्यालय कोलकाता में है। दिनांक २३ अगस्त २०१५ को पश्चिम बंगाल में बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज ने "बंधन बैंक " नाम का पूर्ण बैंक शुरू कर दिया। यह भारत का नया पूर्ण बैंक है। जून माह में भारतीय रिजर्व बैंक ने माइक्रो संस्थान बंधन को पूर्ण वाणिज्यिक बैंक आरम्भ करने की स्वीकृत दी थी। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बंधन बैंक · और देखें »

बैंक

जर्मनी के फ्रैंकफुर्त में डश-बैंक बैंक (Bank) उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करती है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं। बैंक इस प्रकार जमा से प्राप्त राशि को व्यापारियों एवं व्यवसायियों को ऋण देकर ब्याज कमाते हैं। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है। राशि जमा रखने तथा ऋण प्रदान करने के अतिरिक्त बैंक अन्य काम भी करते हैं जैसे, सुरक्षा के लिए लोगों से उनके आभूषणादि बहुमूल्य वस्तुएँ जमा रखना, अपने ग्राहकों के लिए उनके चेकों का संग्रहण करना, व्यापारिक बिलों की कटौती करना, एजेंसी का काम करना, गुप्त रीति से ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना देना। अत: बैंक केवल मुद्रा का लेन देन ही नहीं करते वरन् साख का व्यवहार भी करते हैं। इसीलिए बैंक को साख का सृजनकर्ता भी कहा जाता है। बैंक देश की बिखरी और निठल्ली संपत्ति को केंद्रित करके देश में उत्पादन के कार्यों में लगाते हैं जिससे पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है और उत्पादन की प्रगति में सहायता मिलती है। भारतीय बैंकिग कंपनी कानून, १९४९ के अंतर्गत बैंक की परिभाषा निम्न शब्दों में दी गई हैं: एक ही बैंक के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग तथा कृषि की समुचित वित्तव्यवस्था करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होता है। अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक। इन सब प्रकार के बैंकों को नियमपूर्वक चलाने तथा उनमें पारस्परिक तालमेल बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक होता है जो देश भर की बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करता है। समय के साथ कई अन्य वित्तीय गतिविधियाँ जुड़ गईं। उदाहरण के लिए बैंक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण खिलाडी हैं और निवेश फंड जैसे वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कुछ देशों (जैसे जर्मनी) में बैंक औद्योगिक निगमों के प्राथमिक मालिक हैं, जबकि अन्य देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका) में बैंक गैर वित्तीय कंपनियों स्वक्मित्व से निषिद्ध रहे हैं। जापान में बैंक को आमतौर पर पार शेयर होल्डिंग इकाई (ज़ाइबत्सू) के रूप में पहचाना जाता है। फ़्रांस में अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को बिमा सेवा प्रदान करते हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंक · और देखें »

बैंक आश्वासन

बैंक आश्वासन कंपनी बैंक बीमा मॉडल (बीआईएम), कभी कभी भी रूप में जाना जाता बैंक आश्वासन, साझेदारी या एक के बीच संबंध है बैंक और बीमा कंपनी, या एक एकल एकीकृत संगठन, जिसके तहत बीमा कंपनी के क्रम में बीमा उत्पादों को बेचने के लिए बैंक बिक्री चैनल का उपयोग करता है, एक व्यवस्था है जिसमें एक बैंक और एक बीमा कंपनी के लिए इतना है कि बीमा कंपनी बैंक के ग्राहक आधार के लिए अपने उत्पादों को बेच सकते हैं एक साझेदारी के रूप में।बीआईएम बीमा कंपनी छोटे प्रत्यक्ष बिक्री टीमों को बनाए रखने के रूप में अपने उत्पादों के रूप में अच्छी तरह से बैंक कर्मचारियों और कर्मचारियों द्वारा बैंक के ग्राहकों को बैंक के माध्यम से बेच रहे हैं अनुमति देता है।बैंक कर्मचारियों और टेल्लेर्स्, बल्कि एक बीमा विक्रेता से, बिक्री और ग्राहक के लिए संपर्क का बिंदु के बिंदु बन गया है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंक आश्वासन · और देखें »

बैंकर्स बैंक

बैंकर्स बैंक या "बैंकों का बैंक" से अभिप्राय केन्द्रीय बैंक से हैं। किसी देश का केन्द्रीय बैंक इस नाम से इसलिए जाना जाता है कि देश के मौद्रिक तथा बैँकिंग क्षेत्र में उसका स्थान केन्द्रीय होता है। केन्द्रीय बैंकों में सबसे पुराना बैंक इग्लैंड का बैंक ऑफ इंग्लैंड है जिसकी स्थापना १६९४ ईसवी में हुई थी। इसके पहले सन् १६६८ ईसवी में ही स्वीडन में स्टेट बैंक ऑफ स्वीडन की स्थापना हो चुकी थी। अगर भारत में इसकी बात की जाय तो केन्द्रीय बैंक की स्थापना का प्रयास १७७३ में बंगाल के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने किया था। परन्तु यहाँ पर केन्द्रीय बैंक की स्थापना १ अप्रैल १९३५ को हुई थी। चूँकि यहाँ पहले से ही सेण्ट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया नाम से एक स्वदेशी बैंक चल रहा था अत: ब्रिटिश राज को विवश होकर इसका नाम रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया रखना पड़ा। १५ अगस्त १९४७ को भारत विभाजन के बाद बने नये देश पाकिस्तान के लिए भी भारतीय रिजर्व बैंक ने ३० जून १९४८ तक केन्द्रीय बैंक के रूप में कार्य किया। बाद में इसका राष्ट्रीयकरण १ जनवरी १९४९ को कर दिया गया।.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंकर्स बैंक · और देखें »

बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट

बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट योजना भारत में वित्तीय समावेशन हेतु चलाई जा रही भारतीय रिज़र्व बैंक की एक महत्वाकाँक्षी योजना है। इस योजना की शुरुआत जनवरी 2006 में हुई। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट · और देखें »

बेनेगल रामा राव

सर बेनेगल रामा राव (1 जुलाई 1889 - 13 दिसम्बर 1969) 1 जुलाई 1949 से लेकर 14 जनवरी 1957 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के चौथे गवर्नर थे। भारतीय सिविल सेवा में शामिल होने के बाद एवं भारतीय रिजर्व बैंक के शामिल होने से पहले उन्होंने निम्न पदों पर कार्य किया -.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बेनेगल रामा राव · और देखें »

बी एन आदरकार

बी एन आदरकार 4 मई 1970 में से 15 जून 1970 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के नौवें गवर्नर थे। उनका कार्यकाल केवल 42 दिनों का रहा, जो की अमिताभ घोष (20 दिन) के बाद दूसरा सबसे छोटा था। उनका कार्यकाल इतना छोटा इसलिए था क्यूंकि वह एस जगन्नाथन के पदभार सँभालने के पहले केवल अंतरिम रूप से इस पद को भर रहे थे। अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत, जो की भारतीय सिविल सेवा से थे, आदरकार एक अर्थशास्त्री थे और भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार के कार्यालय में काम किया। इससे पहले वह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों का कार्यभार संभाल चुके थे। अंतरिम गवर्नर बनने के पूर्व वह रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। उनके कार्यकाल में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में 24 अगस्त 1970 को 2, 5, 10 और 100 के मूल्यवर्ग के भारतीय नोट, फिर से जारी किये गए थे। इन नोटों पर उनके हस्ताक्षर हैं, जबकि इसके पहले जारी की गयी नोट श्रृंखला पर एल के झा के हस्ताक्षर हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बी एन आदरकार · और देखें »

बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण

इरडा से जुड़े हुए संसथान बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority / IRDA) भारत सरकार का एक प्राधिकरण (एजेंसी) है। इसका उद्देश्य बीमा की पालसी धारकों के हितों कि रक्षा करना, बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन, संवर्धन तथा संबधित व आकस्मिक मामलों पर कार्य करना है। इसका मुख्यालय हैदराबाद में है। इसकी स्‍थापना संसद के अधिनियम आईआरडीए अधिनियम, 1999 द्वारा की गई थी। यह प्राधिकरण विनियमों को जारी कर रही है जिसमें बीमा एजेंटों, विलेयता लाभ, पुन: बीमा, बीमाकर्ताओं का पंजीकरण, ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्र के बीमाकर्ताओं के दायित्‍व, लेखांकन की प्रक्रियाओं आदि सहित बीमा उद्योग को लगभग सम्‍पूर्ण भाग शामिल है। बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) उपभोक्ता के हितों को सुनिश्चित करने के लिए बीमा कंपनियों का निरीक्षण करती है। वह आईआरडीए अधिनियम, 1999 की धारा 14(2) (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसार, सभी कंपनियों का मौके पर और मौके के अलावा निरीक्षण करता है। आईआरडीए मौके के अलावा निरीक्षणों के माध्यम से उनके शोध क्षमता मामलों और वित्तीय रिर्पोटिंग मानदडों की नियमित निगरानी करता है। आईआरडीए ने बीमा कंपनियों के कार्यालयों का स्थल पर निरीक्षण करने के लिए एक निरीक्षण विभाग की अलग से स्थापना की है। स्थल पर निरीक्षणों के दौरान, आईआरडीए, बीमा कंपनियों के माकिर्ट संचालन, परिचालन के तरीके और अभिशासन के मानदंडों सहित उनके सांविधिक प्रावधानों और विनियामक निर्देशों के अनुपालन की सीमा का निरीक्षण करता है। आईआरडीए पर बीमा पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करने की ज़िम्‍मेदारी है। इस उद्देश्‍य को हासिल करने के लिए, प्राधिकरण ने निम्‍नलिखित उपाय किए हैं:-.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत · और देखें »

भारत बिल भुगतान प्रणाली

भारत बिल भुगतान प्रणाली(अंग्रेज़ी-Bharat Bill Payment System, BBPS) भारत की एक समन्वित बिल भुगतान प्रणाली है जो ग्राहकों को एक सुविधाजनक तरीके से भिन्न भिन्न प्रकार के बिल, फीस आदि का भुगतान एक ही स्थान पर करने की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इस हेतु ग्राहक को एजेंट्स के नेटवर्क, विभिन्न प्रकार के भुगतान माध्यम तथा भुगतान की तुरंत पुष्टि की सुविधा मिल सकेगी। इस प्रणाली की स्थापना हेतु दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 नवंबर, 2014 को जारी किए। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत बिल भुगतान प्रणाली · और देखें »

भारत में बैंकिंग

भारत की बैंकिंग-संरचना भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। भारत के आधुनिक बैंकिंग की शुरुआत ब्रिटिश राज में हुई। १९वीं शताब्दी के आरंभ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ३ बैंकों की शुरुआत की - बैंक ऑफ बंगाल १८०९ में, बैंक ऑफ बॉम्बे १८४० में और बैंक ऑफ मद्रास १८४३ में। लेकिन बाद में इन तीनों बैंको का विलय एक नये बैंक 'इंपीरियल बैंक' में कर दिया गया जिसे सन १९५५ में 'भारतीय स्टेट बैंक' में विलय कर दिया गया। इलाहाबाद बैंक भारत का पहला निजी बैंक था। भारतीय रिजर्व बैंक सन १९३५ में स्थापित किया गया था और बाद में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन बैंक स्थापित हुए। प्रारम्भ में बैंकों की शाखायें और उनका कारोबार वाणिज्यिक केन्द्रों तक ही सीमित होती थी। बैंक अपनी सेवायें केवल वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को ही उपलब्ध कराते थे। स्वतन्त्रता से पूर्व देश के केन्द्रीय बैंक के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक ही सक्रिय था। जबकि सबसे प्रमुख बैंक इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया था। उस समय भारत में तीन तरह के बैंक कार्यरत थे - भारतीय अनुसूचित बैंक, गैर अनुसूचित बैंक और विदेशी अनुसूचित बैंक। स्वतन्त्रता के उपरान्त भारतीय रिजर्व बैंक को केन्द्रीय बैंक का दर्जा बरकरार रखा गया। उसे 'बैंकों का बैंक' भी घोषित किया गया। सभी प्रकार की मौद्रिक नीतियों को तय करने और उसे अन्य बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा लागू कराने का दायित्व भी उसे सौंपा गया। इस कार्य में भारतीय रिजर्व बैंक की नियंत्रण तथा नियमन शक्तियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत में बैंकिंग · और देखें »

भारत में भुगतान और निपटान प्रणालियाँ

भारत में भुगतान और निपटान प्रणालियाँ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत संचालित एवं नियंत्रित की जाती हैं। > भारत में नकदी ही भुगतान का प्रमुख माध्यम है। बैंक नोट और सिक्कों की कीमत देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 12.04 प्रतिशत है जो कि ब्राज़ील, मैक्सिको और रूस जैसे अन्य विकासशील देशों की तुलना में काफी अधिक है। भारत में प्रति नागरिक नकदी-रहित लेनदेन की संख्या मात्र 6 है। http://www.rbi.org.in/hindi/Upload/Content/PDFs/DPSSVION_100113.pdf भुगतान प्रणाली विज़न दस्तावेज़ः 2012-15 खुदरा (छोटे) भुगतानों में चेक भी एक प्रमुख माध्यम है। वर्ष 2011-12 में चेक भुगतानों की हिस्सेदारी मात्रात्मक रूप में 54 प्रतिशत और कीमत के संदर्भ में 82 प्रतिशत थी। गैर नकदी भुगतानों में इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों की हिस्सेदारी कीमत के रूप में 91 प्रतिशत (2009-10 में 88 प्रतिशत) और मात्रात्मक रूप में 48 प्रतिशत (2009-10 में 35 प्रतिशत)। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत में भुगतान और निपटान प्रणालियाँ · और देखें »

भारत में महिलाएँ

ताज परिसर में भारतीय महिलाएँऐश्वर्या राय बच्चन की अक्सर उनकी सुंदरता के लिए मीडिया द्वारा प्रशंसा की जाती है।"विश्व की सर्वाधिक सुंदर महिला?"cbsnews.com. अभिगमन तिथि २७ अक्टूबर २००७01 भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है। प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक, भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है। आधुनिक भारत में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष की नेता आदि जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत में महिलाएँ · और देखें »

भारत में मोबाईल बैंकिंग

भारत में मोबाईल बैंकिंग की विधिवत शुरुआत अक्टूबर 2008 में हुई जब भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पहली बार मोबाईल बैंकिंग ट्रांसैक्शन्स के लिए नियम निर्धारित किए। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत में मोबाईल बैंकिंग · और देखें »

भारत में कार्यरत बैंकों की सूची

यहाँ सहकारी बैंको को छोड़कर भारत में कार्यरत अन्य बैंकों की सूची दी गयी है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत में कार्यरत बैंकों की सूची · और देखें »

भारत सरकार अधिनियम, १९३५

इस अधिनियम को मूलतः अगस्त 1935 में पारित किया गया था (25 और 26 जियो. 5 C. 42) और इसे उस समय के अधिनियमित संसद का सबसे लंबा (ब्रिटिश) अधिनियम कहा जाता था। इसकी लंबाई की वजह से, प्रतिक्रिया स्वरूप भारत सरकार (पुनःमुद्रित) द्वारा अधिनियम 1935 को (26 जियो. 5 & 1 EDW. 8 C. 1) को दो अलग-अलग अधिनियमों में विभाजित किया गया.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत सरकार अधिनियम, १९३५ · और देखें »

भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत सारावली · और देखें »

भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत का प्रधानमन्त्री · और देखें »

भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण

भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबंदी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे (आईएसटी) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किये गए संबोधन के द्वारा की गयी। यह संबोधन टीवी के द्वारा किया गया। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने का ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था। - नवभारत टाइम्स - 9 नवम्बर 2016 .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण · और देखें »

भारत के नियामक अभिकरणों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत के नियामक अभिकरणों की सूची · और देखें »

भारत की मौद्रिक नीति

भारत की मौद्रिक नीति का क्रियान्वयन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया जाता है। मौद्रिक नीति एक ऐसी नीति होती है जिसके माध्यम से किसी देश का मौद्रिक प्राधिकरण खासकर उस देश का सेंट्रल बैंक उस देश की अर्थव्यवस्था के अन्दर ब्याज़ की दरों के नियंत्रण के माध्यम से मुद्रा की पूर्ति को नियमित और नियंत्रित करता है ताकि वस्तुओं के दामों में बढ़ोत्तरी से बचा जा सके और अर्थव्यवस्था को विकास की तरफ अग्रसर किया जा सके.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत की मौद्रिक नीति · और देखें »

भारतीय 1000 रूपया नोट

भारतीय रुपया 1000-नोट (1000 ₹) भारतीय मुद्रा के एक संप्रदाय था। यह पहली बार 1954 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पेश किया गया था जनवरी 1978, सभी उच्च संप्रदाय पैसों (₹ 1000, ₹ 5000, और ₹ 10,000) बेहिसाब पैसा अंकुश लगाने के लिए रद्द किए थे। आदेश में मुद्रास्फीति नोट नवंबर 8 मार्च, 2016 को 2000 में फिर से शुरू किया गया था की वजह संचलन में पैसों की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा की 1000 की मुद्दे को बंद किआ जाये जिससे वह भष्ट्राचार को रोख सखे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय 1000 रूपया नोट · और देखें »

भारतीय डाक भुगतान बैंक

भारतीय डाक भुगतान बैंक भारत सरकार की एक कंपनी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय डाक को भुगतान बैंक का व्यवसाय शुरू करने का लाइसेंस दे दिया है।http://www.jagran.com/business/biz-rbi-gives-india-post-payment-bank-licence-to-start-services-15444485.html?src.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय डाक भुगतान बैंक · और देखें »

भारतीय प्रशासनिक सेवा

भारतीय प्रशासनिक सेवा (अंग्रेजी: Indian Administrative Service) अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। इसके अधिकारी अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (तथा भारतीय पुलिस सेवा) में सीधी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है तथा उनका आवंटन भारत सरकार द्वारा राज्यों को कर दिया जाता है। आईएएस अधिकारी केंद्रीय सरकार, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रणनीतिक और महत्वपूर्ण पदों पर काम करते हैं। सरकार के वेस्टमिंस्टर प्रणाली के बाद दूसरे देशों की तरह, भारत में स्थायी नौकरशाही के रूप में आईएएस भारत सरकार के कार्यकारी का एक अविभाज्य अंग है, और इसलिए प्रशासन को तटस्थता और निरंतरता प्रदान करता है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस / आईएफओएस) के साथ, आईएएस तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है - इसका संवर्ग केंद्र सरकार और व्यक्तिगत राज्यों दोनों के द्वारा नियोजित है। उप-कलेक्टर/मजिस्ट्रेट के रूप में परिवीक्षा के बाद सेवा की पुष्टि करने पर, आईएएस अधिकारी को कुछ साल की सेवा के बाद जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के रूप में जिले में प्रशासनिक आदेश दिया जाता है, और आमतौर पर, कुछ राज्यों में सेवा के १६ साल की सेवा करने के बाद, एक आईएएस अधिकारी मंडलायुक्त के रूप में राज्य में एक पूरे मंडल का नेतृत्व करता है। सर्वोच्च पैमाने पर पहुंचने पर, आईएएस अधिकारी भारत सरकार के पूरे विभागों और मंत्रालयों की का नेतृत्व करते हैं। आईएएस अधिकारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ता में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रतिनियुक्ति पर, वे विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, एशियाई विकास बैंक और संयुक्त राष्ट्र या उसकी एजेंसियों जैसे अंतरसरकारी संगठनों में काम करते हैं। भारत के चुनाव आयोग की दिशा में भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर आईएएस अधिकारी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा उक्त नियमावली के अनुसार सेवा संबंधी मामलों का क्रियान्वयन किया जाता है।पदोन्नति, अनुशासनिक कार्यवाही इत्यादि के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा ही दिशानिर्देश तैयार की जाती है। इन मामलों पर कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार को आख्या/रिपोर्ट भेजी जाती है। जिस पर भारत सरकार विचार कर राज्य सरकार (कार्मिक विभाग) को मामलों पर कार्यवाही करने का आदेश देती है। तत्पश्चात् कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार के आदेशों को जारी कर कार्यवाही की जाती है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय प्रशासनिक सेवा · और देखें »

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (Indian Institute of Technology Kanpur), जो कि आईआईटी कानपुर अथवा आईआईटीके के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना सन् १९५९ में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में हुई। आईआईटी कानपुर मुख्य रूप से विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी में शोध तथा स्नातक शिक्षा पर केंद्रित एक प्रमुख भारतीय तकनीकी संस्थान बनकर उभरा है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर · और देखें »

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थापित एक निगम है जिसे भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों के लिए एक मातृसंस्था के रूप में कल्पित किया गया है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम · और देखें »

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, भारत के केन्द्रीय बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक, के सबसे वरिष्ठ बैंककर्मी होते हैं। 1935 में स्थापना के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक की कमान अब तक कुल 24 गवर्नर संभाल चुके हैं। रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे और वर्त्तमान पदधारी उर्जित पटेल हैं, जिन्होंने 5 सितंबर 2016 को पदभार ग्रहण किया।। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर · और देखें »

भारतीय रुपया

भारतीय रुपया (प्रतीक-चिह्न: 8px; कोड: INR) भारत की राष्ट्रीय मुद्रा है। इसका बाज़ार नियामक और जारीकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक है। नये प्रतीक चिह्न के आने से पहले रुपये को हिन्दी में दर्शाने के लिए 'रु' और अंग्रेजी में Re.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय रुपया · और देखें »

भारतीय सिक्के

शेर शाह सूरी (१५४०-१५४५) द्वारा प्रचालित सिक्के भारत में सिक्के ढालने का एकमात्र अधिकार भारत सरकार को है। सिक्का निर्माण का दायित्व समय-समय पर यथासंशोधित सिक्का निर्माण अधिनियम, 1906 के अनुसार भारत सरकार का है। विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों के अभिकल्प तैयार करने और उनकी ढलाई करने का दायित्व भी भारत सरकार का है। सिक्कों की ढलाई भारत सरकार के चार टकसालों यथा मुंबई, अलीपुर (कोलकाता), सैफाबाद (हैदराबाद), चेरियापल्ली (हैदराबाद) और नोयडा (उ.प्र.) में की जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुसार परिचालन के लिए सिक्के भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से जारी किए जाते हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय सिक्के · और देखें »

भारतीय अर्थव्यवस्था की समयरेखा

यहाँ भारतीय उपमहाद्वीप के आर्थिक इतिहास की प्रमुख घटनाएँ संक्षेप में दी गई हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय अर्थव्यवस्था की समयरेखा · और देखें »

भारतीय १० रुपये का नोट

भारतीय १० रुपये का नोट (₹१०) भारतीय रुपये का एक सामान्य मूल्यवर्ग है। ₹१० का नोट महात्मा गाँधी श्रेणी का के सबसे पहले नोटों में से एक है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा जारी किया गया था। यह नोट वर्तमान में चलन में है। औपनिवेशिक काल में जारी व प्रचलित १० रुपये का नोट का १९२३ से ही लगातार मुद्रण हो रहा है, जब भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोटों के मुद्रण का पदभार सम्भाला। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय १० रुपये का नोट · और देखें »

भारतीय २००० हजार का नोट

भारतीय 2000 रुपये का नोट (₹ 2000) भारतीय रुपये का मूल्य है। इसे 8 नवंबर 2016 को ₹ 500 और ₹ 1000 बैंकनोटों की बंदी के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किया गया था और 10 नवंबर 2016 से परिसंचरण में रहा है। यह पूरी तरह से नए डिजाइन के साथ बैंकनोट्स की महात्मा गांधी नई श्रृंखला का हिस्सा है। भारतीय ₹ 2000 रुपये का नोट आरबीआई द्वारा मुद्रित उच्चतम मुद्रा नोट है जो सक्रिय परिसंचरण में है, इस नोट को नवंबर 2016 में 1,000 रुपये के नोट का विमुद्रीकरण के वाद लागू किया गया था।.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय २००० हजार का नोट · और देखें »

भारतीय ५०० रुपये का नोट

भारतीय 500 रुपये का नोट (₹500) भारतीय रुपये का मूल्य है। मौजूदा ₹500 बैंकनोट, 10 नवंबर 2016 से परिसंचरण में, महात्मा गांधी नई श्रृंखला का हिस्सा है। महात्मा गांधी पुरानी सीरीज़ के पिछले ₹500 बैंकनोट्स,नवम्बर 2016 के विमुद्रीकरण के दौरान बंद कर दिए थे जिसकी स्थान पर नया बैंकनोट जारी किया था। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय ५०० रुपये का नोट · और देखें »

भुगतान बैंक

भुगतान बैंक एक विशेष प्रकार के बैंक हैं जिन्हें कुछ सीमित बैंकिंग क्रियाकलाप की अनुमति है, जिसमें प्रमुख है कि ये बैंक ग्राहकों से जमा ले सकते हैं किंतु लोन नहीं दे सकते। साथ ही यह भी निर्देश हैं कि इन बैंकों का परिचालन शुरुआत से ही पूर्णत: नेटवर्क व प्रौद्योगिकी साधित हो।https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/PressReleases.aspx?Id.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भुगतान बैंक · और देखें »

भीमराव आम्बेडकर

भीमराव रामजी आम्बेडकर (१४ अप्रैल, १८९१ – ६ दिसंबर, १९५६) बाबासाहब आम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की। जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता; वह भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और बातचीत में शामिल हो गए, पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत और भारत की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और भीमराव आम्बेडकर · और देखें »

मणिलाल नानावती

श्री मणिलाल नानावती 21.12.1936 से 21.12.1941 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और मणिलाल नानावती · और देखें »

मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह (ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ; जन्म: २६ सितंबर १९३२) भारत गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। साथ ही साथ वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। लोकसभा चुनाव २००९ में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बन गये हैं, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है। इन्हें २१ जून १९९१ से १६ मई १९९६ तक पी वी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मन्त्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भी श्रेय दिया जाता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और मनमोहन सिंह · और देखें »

मालविका सिन्हा

श्रीमती मालविका सिन्हा भारतीय रिजर्व बैंक में एक कार्यपालक निदेशक (ईडी) हैं। उन्हें 3 अप्रैल 2017 को इस पद पर नियुक्त किया गया। कार्यपालक निदेशक के रूप में श्रीमती सिन्हा विदेशी मुद्रा विभाग, सरकारी और बैंक लेखा विभाग और आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग देखती हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और मालविका सिन्हा · और देखें »

मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और मुम्बई · और देखें »

मौद्रिक नीति समिति (भारत)

मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee / एमपीसी), भारत सरकार द्वारा गठित एक समिति है जिसका गठन ब्याज दर निर्धारण को अधिक उपयोगी एवं पारदर्शी बनाने के लिये 27 जून, 2016 को किया गया। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करते हुए भारत में नीति निर्माण को एक नवगठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सौंप दिया गया है। मौद्रिक नीति वह उपाय या उपकरण है है जिसके द्वारा केंद्रीय बैंक ब्याज दरों पर नियंत्रण कर अर्थव्यवस्था में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करता है, मूल्य स्थिरता बनाये रखता है और उच्च विकास दर के लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास करता है। भारतीय सन्दर्भ में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) वह सर्वोच्च प्राधिकृत संस्था है जो अर्थव्यवस्था में मूल्य स्थिरता हेतु इस नीति का प्रयोग करता है। नयी एमपीसी में छः सदस्यों का एक पैनल है जिसमें तीन सदस्य आरबीआई से होंगे और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा चुने जायेंगे। आरबीआई के तीन अधिकारीयों में एक गवर्नर, एक डिप्टी गवर्नर तथा एक अन्य अधिकारी शामिल होगा। मौद्रिक नीति निर्धारण के लिए यह समिति वर्ष में चार बार मिलेगी और सर्वसम्मति से निर्णय लेगी। यदि 'हाँ' या 'न' को लेकर बराबर का मत आता है तो गवर्नर को निर्णायक मत देने का अधिकार होगा। वर्तमान में इसमें भारत सरकार के तीन सदस्य पमी दुआ, चेतन घाटे तथा रविन्द्र ढोलकिया और आरबीआई के तीन सदस्य गवर्नर उर्जित पटेल, डिप्टी गवर्नर आर.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और मौद्रिक नीति समिति (भारत) · और देखें »

मेघालय

मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। इसका अर्थ है बादलों का घर। २०१६ के अनुसार यहां की जनसंख्या ३२,११,४७४ है। मेघालय का विस्तार २२,४३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौडाई अनुपात लगभग ३:१ का है। IBEF, India (2013) राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे "पूर्व का स्काटलैण्ड" की संज्ञा दी थी।Arnold P. Kaminsky and Roger D. Long (2011), India Today: An Encyclopedia of Life in the Republic,, pp.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और मेघालय · और देखें »

मोहन राकेश

मोहन राकेश(८ जनवरी १९२५ - ३ जनवरी, १९७२) नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे। पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए किया। जीविकोपार्जन के लिये अध्यापन। कुछ वर्षो तक 'सारिका' के संपादक। 'आषाढ़ का एक दिन','आधे अधूरे' और लहरों के राजहंस के रचनाकार। 'संगीत नाटक अकादमी' से सम्मानित। ३ जनवरी १९७२ को नयी दिल्ली में आकस्मिक निधन। मोहन राकेश हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और उपन्यासकार हैं। समाज के संवेदनशील व्यक्ति और समय के प्रवाह से एक अनुभूति क्षण चुनकर उन दोनों के सार्थक सम्बन्ध को खोज निकालना, राकेश की कहानियों की विषय-वस्तु है। मोहन राकेश की डायरी हिंदी में इस विधा की सबसे सुंदर कृतियों में एक मानी जाती है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और मोहन राकेश · और देखें »

यूनाइटेड किंगडम में यूरोपीय संघ पर जनमत संग्रह

यूनाइटेड किंगडम में यूरोपीय संघ पर जनमत संग्रह जिसे यूके में ईयू जनमत संग्रह के नाम से जाना जाता है, 23 जून 2016 को यूनाइटेड किंगडम में हुआ एक जनमत संग्रह है।इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि यूके को यूरोपीय संघ में आगे बने रहना चाहिए या इसे छोड़ देना चाहिए। ईयू की सदस्यता यूके में सन् 1973 में इसके यूरोपीय आर्थिक समुदाय में शामिल होने के बाद से ही बहस का मुद्दा रही है। यूके की कंज़र्वेटिव पार्टी के चुनावी घोषणापत्र के अनुसार हाउस ऑफ़ कॉमन्स (यूके की संसद) ने यूरोपोय संघ जनमत संग्रह कानून 2015 के तहत ईयू के सदस्य बने या ना बने रहने के लिये देश में एक जनमत संग्रह कराने की कानूनी घोषणा की। यूके के लोगों से यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिये मत देने के लिये दूसरी बार कहा गया। इसके पहले सन् 1975 में इसमें शामिल होने के लिये जनमत संग्रह कराया गया था जिसमें 67% लोगों ने इसके पक्ष में मतदान किया था। पूर्वोत्तर इंग्लैंड, वेल्स और मिडलैंड्स में से ज्यादातर मतदाताओं ने यूरोपीय संघ से अलग होना पसंद किया जबकि लंदन, स्कॉटलैंड और नॉर्दन आयरलैंड के ज्यादातर मतदाता यूरोपीय संघ के साथ ही रहना चाहते थे। जनमत संग्रह के नतीजे का ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर नाटकीय असर हो सकता है। ये असर यूरोप और अन्य देशों को भी अपने दायरे में ले सकता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और यूनाइटेड किंगडम में यूरोपीय संघ पर जनमत संग्रह · और देखें »

राम नाथ

श्री राम नाथ 08.06.1951 से 08.07.1959 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और राम नाथ · और देखें »

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) मुम्बई, महाराष्ट्र अवस्थित भारत का एक शीर्ष बैंक है। इसे "कृषि ऋण से जुड़े क्षेत्रों में, योजना और परिचालन के नीतिगत मामलों में तथा भारत के ग्रामीण अंचल की अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए मान्यता प्रदान की गयी है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक · और देखें »

राजकोषीय नीति

अर्थनीति के सन्दर्भ में, सरकार के राजस्व संग्रह (करारोपण) तथा व्यय के समुचित नियमन द्वारा अर्थव्यवस्था को वांछित दिशा देना राजकोषीय नीति (fiscal policy) कहलाता है। अतः राजकोषीय नीति के दो मुख्य औजार हैं - कर स्तर एवं ढांचे में परिवर्तन तथा विभिन्न मदों में सरकार द्वारा व्यय में परिवर्तन। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और राजकोषीय नीति · और देखें »

राकेश मोहन

श्री राकेश मोहन 09.09.2002 से 31.10.2004 तथा 02.07.2005 से 10.06.2009 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और राकेश मोहन · और देखें »

रघुराम राजन

रघुराम राजन (पूरा नाम: रघुराम गोविंद राजन, तमिल: ரகுராம் கோவிந்த ராஜன் जन्म: 3 फ़रवरी 1963) भारतीय रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर हैं। 4 सितम्बर 2013 को डी॰ सुब्बाराव की सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्होंने यह पदभार ग्रहण किया।http://rbi.org.in/scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और रघुराम राजन · और देखें »

रुपए का इतिहास

भारतीय १० रुपये के नोटों की गड्डियां भारतीय १ रुपये का सिक्का भारत विश्व कि उन प्रथम सभ्यताओं में से है जहाँ सिक्कों का प्रचलन लगभग छठी सदी ईसापूर्व में शुरू हुआ। रुपए शब्द का अर्थ शब्द रूपा से जोड़ा जा सकता है जिसका अर्थ होता है चाँदी। संस्कृत में रूप्यकम् का अर्थ है चाँदी का सिक्का। रुपया शब्द सन 1540 - 1545 के बीच शेरशाह सूरी के द्वारा जारी किए गए चाँदी के सिक्कों लिए उपयोग में लाया गया। मूल रुपया चाँदी का सिक्का होता था, जिसका वजन 11.34 ग्राम था। यह सिक्का ब्रिटिश भारत के शासन काल में भी उपयोग मे लाया जाता रहा। बीसवीं सदी में फ़ारस की खाड़ी के देशों (खाड़ी देश) तथा अरब मुल्कों में भारतीय रुपया मुद्रा के तौर पर प्रचलित था। सोने की तस्करी को रोकने तथा भारतीय मुद्रा के बाहर में प्रयोग को रोकने के लिए मई १९५९ में भारतीय रिज़र्व बैंक ने गल्फ़ रुपी (खाड़ी रुपया) का विपणन किया। साठ के दशक में कुवैत तथा बहरीन ने अपनी स्वतंत्रता के बाद अपनी ख़ुद की मुद्रा प्रयोग में लानी शुरु की तथा १९६६ में भारतीय रुपये में हुए अवमूल्यन से बचने के लिए क़तर ने भी अपनी मुद्रा शुरु कर दी। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और रुपए का इतिहास · और देखें »

रुपया

रुपया (रु.) (हिंदी और उर्दू: रुपया, संस्कृत: रूप्यकम् से उत्प्रेरित जिसका अर्थ चांदी का सिक्का है) भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस और सेशल्स में उपयोग मे आने वाली मुद्रा का नाम है। इंडोनेशिया की मुद्रा को रुपिया जबकि मालदीव की मुद्रा को रुफियाह, के नाम से जाना जाता है जो असल मे हिन्दी शब्द रुपया का ही बदला हुआ रूप है। भारतीय और पाकिस्तानी रुपये मे सौ पैसे होते हैं (एकवचन पैसा) में, श्रीलंकाई रुपये में 100 सेंट, तथा नेपाली रुपये को सौ पैसे या चार सूकों (एकवचन सूक) या दो मोहरों (एकवचन मोहर) मे विभाजित किया जा सकता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और रुपया · और देखें »

रुपे

रुपे कार्ड (RuPay) भारत का स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित एटीएम कार्ड है। इसे वीजा व मास्टर कार्ड की तरह प्रयोग किया जाता है। अभी देश में भुगतान के लिए वीजा व मास्टर कार्ड के डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड प्रचलन में हैं। ये कार्ड विदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित है। रुपे कार्ड को अप्रैल 2011 में विकसित गया था। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने विकसित किया है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और रुपे · और देखें »

श्यामला गोपीनाथ

श्रीमती श्यामला गोपीनाथ 21 सितंबर 2004 से 20 जून 2011 भारतीय रिजर्व बैंक की डिप्टी गवर्नर रहीं। उनके पास आंतरिक ऋण प्रबंधन विभाग, विदेशी मुद्रा विभाग, सरकार और बैंक लेखा विभाग, गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, विदेश निवेश और संचालन, वित्तीय बाजार विभाग, सचिव का विभाग और संचार व कानूनी विभाग थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और श्यामला गोपीनाथ · और देखें »

शेफ़ाली शाह

शेफ़ाली शाह (Shefali Shah) (जन्म: जुलाई 1972) एक भारतीय टेलीविज़न तथा फ़िल्म अभिनेत्री है। इन्होंने कई फ़िल्मों में कार्य किया है। इनके पिता का नाम "सुधाकर शेट्टी" जो भारतीय रिज़र्व बैंक में कार्य कर चूके है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और शेफ़ाली शाह · और देखें »

शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली

कोई विवरण नहीं।

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली · और देखें »

सार्वभौमिक स्वर्ण बांड योजना

भारत सरकार ने सार्वभौमिक स्वर्ण बांड (एसजीबी / Sovereign Gold Bond) योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2015-16 में की थी जिसे अब स्वीकर कर लिया गया है। इस योजना से सोने की मांग में कमी आएगी और प्रतिवर्ष 300 टन सोने की छड़ें और सिक्कों की खरीदारी के लिए किए जाने वाले निवेश को स्वर्ण बांड में लगाया जा सकेगा। भारत में सोने की मांग अधिकतर आयात द्वारा पूरी की जाती है। इस योजना से देश के चालू खाते के घाटे को सीमित करने में मदद मिलेगी। एसजीबी को 2015-16 और उसके आगे की अवधि के लिए सरकार के बाजार उधार कार्यक्रम के दायरे में जारी किया जाएगा। वित्त मंत्रालय से सलाह के बाद जारी करने की वास्तविक मात्रा भारतीय रिजर्व बैंक तय करेगा। सोने की कीमतों में बदलाव संबंधी जोखिम को स्वर्ण भंडार निधि द्वारा वहन किया जाएगा। इससे सरकार को ऋण लागत में कमी लाने का लाभ होगा जिसे स्वर्ण भंडार निधि में हस्तांतरित किया जाएगा। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और सार्वभौमिक स्वर्ण बांड योजना · और देखें »

सिकंदर हयात खान

कैप्टन सर सिकंदर हयात खान 01.04.1935 से 20.10.1935 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। सर जेम्स ब्रेड टेलर के साथ वे इस पद को संभालन वाले प्रथम व्यक्ति बने। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और सिकंदर हयात खान · और देखें »

सुबीर गोकर्ण

श्री सुबीर गोकर्ण भारत के एक विख्यात अर्थशास्त्री हैं। वे 24.11.2009 से 31.12.2012 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और सुबीर गोकर्ण · और देखें »

सी॰ डी॰ देशमुख

सी॰ डी॰ देशमुख (पूरा नाम: चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख, जन्म: 14 जनवरी 1896, मृत्यु: 2 अक्टूबर 1982) भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर थे, जिन्हें 1943 में ब्रिटिश राज द्वारा नियुक्त किया गया। ब्रिटिश राज ने उन्हें सर की उपाधि दी थी। इसके पश्चात् उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भारत के तीसरे वित्त मंत्री के रूप में भी सेवा की। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और सी॰ डी॰ देशमुख · और देखें »

जयंती प्रसाद नौटियाल

डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल (जन्म: 3 मार्च 1956) हिन्दी के विद्वान लेखक हैं। नौटियाल जी हिन्दी साहित्य एवं भाषा और वित्त विज्ञान एवम भाषा प्रोद्योगिकी के विशेषज्ञ हैं। भारत सरकार के विभिन्न पदों पर नियुक्त रहे हैं। सम्प्रति कारपोरेशन बैंक मैंगलूर में सहायक महा प्रबंधक के पद पर नियुक्त हैं। आपकी तीस से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा 25 किताबें सन्युक्त रूप से लिखी हैं ' इस प्रकार कुल 55 पुस्तकोँ का योग्दान दिया है। इन्होने 1200 से अधिक लेख लिखे जो प्रकाशित हैं। 74 कार्यक्रम आकाशवाणी से प्रसारित, 90 से अधिक शोध लेख सेमिनारों में प्रस्तुत। इनकी पुस्तकें विश्वविद्यलयों में पढाई जाती हैं। वे बैंकिंग शब्दावली के विषय-विशेषज्ञ हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और जयंती प्रसाद नौटियाल · और देखें »

ज़िया फतेहबादी

ज़िया फतेहबादी, मूल नाम: मेहर लाल सोनी (1913–1986), भारत से एक उर्दू ग़ज़ल और नज़्म लेखक थे। वे सैयद आशिक हुसैन सिद्दीकी (सीमाब अकबराबादी) के शिष्य थे, जो नवाब मिर्जा खान (दाग देहलवी) के शिष्य थे। उन्होंने अपने उस्ताद गुलाम कादीर फारेख अमृतसरी के सुझाव पर अपने नाम के साथ जिया तख्ल्लुस का इस्तेमाल किया। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और ज़िया फतेहबादी · और देखें »

जगदीश कपूर

श्री जगदीश कपूर 01.01.1997 से 30.06.2001 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और जगदीश कपूर · और देखें »

जेम्स ब्रेड टेलर

सर जेम्स ब्रेड टेलर (21 अप्रैल 1891 - 17 फ़रवरी 1943) भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम डिप्टी गवर्नर व ओसबोर्न स्मिथ के बाद दूसरे गवर्नर थे। उन्होंने 1 जुलाई 1937 से 17 फ़रवरी 1943 को अपनी मृत्यु तक यह पद संभाला। 1 अप्रैल 1935 को उन्हें तथा सर सिकंदर हयात खान को भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया। 1 जुलाई 1937 को वे गवर्नर के पद पर पदोन्नत हुए। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और जेम्स ब्रेड टेलर · और देखें »

वित्त आयोग

भारतीय वित्त आयोग की स्थापना १९५१ में की गयी थी। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत के केन्द्रीय सरकार एवं राज सरकारों के बीच वित्तीय सम्बन्धों को पारिषित करना था। वित्त आयोग प्रत्येक पाँच वर्ष बाद नियुक्त किया जाता है। अभी तक १५ वित्त आयोग नियुक्त किए जा चुके हैं। २०१७ में नवीनतम वित्त आयोग एन के सिंह (भारतीय योजना आयोग के भूतपूर्व सदस्य) की अध्यक्षता में स्थापित किया गया था। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और वित्त आयोग · और देखें »

वित्तीय समावेशन

वित्तीय समावेशन (फाइनेंशयल इन्क्लूजन) का मतलब समाज के पिछड़े एवं कम आय वाले लोगों को वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना है। इसके साथ ही ये सेवाएँ उन लोगों को वहन करने योग्य मूल्य पर मिलनी चाहिए। कुछ प्रमुख वित्तीय सेवाएं हैं - ऋण, भुगतान और धनप्रेषण सुविधाएं और मुख्यधारा के संस्थागत खिलाड़ियों द्वारा उचित और पारदर्शी ढंग से वहनीय लागत पर बीमा सेवा। 'वित्तीय समावेशन' की चर्चा २००० के दशक से महत्वपूर्ण स्थान पाने लगी है। आजकल संसार के अधिकांश विकासशील देशों के केन्द्रीय बैंकों के मुख्य लक्ष्यों में वित्तीय समावेशन भी शामिल हो गया है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और वित्तीय समावेशन · और देखें »

वित्तीय आसूचना एकक (भारत)

वित्तीय आसूचना एकक (भारत) (अंग्रेज़ी में - फाईनैंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इ़डिया, Financial Intelligence Unit-India) वित्त मंत्रालय के अधीन एक एजेंसी है जिसका कार्य संदेहयुक्त वित्तीय सौदों की सूचनाओं का संग्रहण, प्रोसेसिंग, विश्लेषण व अपसारण करना है। यह अपने आप में एक नियामक संस्था नहीं है अपितु सूचना संग्रहण के माध्यम से विभिन्न नियामकों यथा भारतीय रिज़र्व बैंक, सेबी आदि के साथ सहयोग करता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और वित्तीय आसूचना एकक (भारत) · और देखें »

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 भारत में निवासी किसी व्‍यक्ति के स्‍वामित्‍वाधीन या नियंत्रित भारत के बाहर सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा अभिकरणों पर प्रयोज्‍य है। फेमा का आविर्भाव एक निवेशक अनुकूल विधान के रूप में हुआ है जो इस अर्थ में पूर्णतया सिविल विधान है कि इसके उल्‍लघंन में केवल मौद्रिक शास्तियों तथा अर्थदंड का भुगतान ही शामिल है, तथापि, इसके तहत किसी व्‍यक्ति को सिविल कारावास का दंड तभी दिया जा सकता है यदि वह नोटिस की तिथि से 90 दिन के भीतर निर्धारित अर्थदंड अदा न करे किन्‍तु ऐसा भी 'कारण बताओ नोटिस' तथा वैयक्तिक सुनवाई की औपचारिकताओं के पश्‍चात ही किया जाता है। फेमा में फेरा के अंतर्गत किए गए अपराधों के लिए एक द्विपक्षीय समाप्ति खंड की व्‍यवस्‍था भी की गई है जिसे एक 'कठोर' कानून से दूसरे 'उद्योग अनुकूल' विधान की ओर संचलन के लिए प्रदान की गई संक्रमण अवधि माना जा सकता है। मोटे तौर पर फेमा के उद्देश्‍य हैं: (i) विदेशी व्‍यापार तथा भुगतानों को सुकर बनाना; तथा (ii) विदेशी मुद्रा बाजार के व्‍यवस्थित विकास तथा अनुरक्षण का संवर्धन करना। अधिनियम में फेमा के प्रशासन में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को एक महत्‍वपूर्ण भूमिका समनुदेशित की गई है। अधिनियम की अनेक धाराओं से संबंधित नियम, विनियम तथा मानदंड केन्‍द्र सरकार के परामर्श से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित किए गए हैं। अधिनियम में केन्‍द्र सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह अधिनियम के उल्‍लंघन से संबंधित जांच करने के लिए न्‍याय निर्णयन प्राधिकारियों के समतुल्य हो केन्‍द्र सरकार के अधिकारियों की नियुक्ति करे। न्‍याय निर्णयन प्राधिकारियों के आदेश के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई के लिए एक या अधिक विशेष निदेशक (अपील) की नियुक्ति करने का प्रावधान भी किया गया है। केन्‍द्र सरकार न्‍याय निर्णय प्राधिकारियों तथा विशेष निदेशक (अपील) के आदेशों के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई के लिए एक विदेशी मुद्रा अपीलीय न्‍यायाधिकरण की नियुक्ति भी करेगा। फेमा में केन्‍द्र सरकार द्वारा एक प्रवर्तन निदेशालय की स्‍थापना की व्‍यवस्‍था भी की गई है जिसमें एक निदेशक तथा ऐसे अन्‍य अधिकारी या अधिकारी वर्ग होंगे जिन्‍हें वह इस अधिनियम के अंतर्गत उल्‍लंघनों की जांच पड़ताल करने के लिए उपयुक्‍त समझे। फेमा में केवल अधिकृत व्‍यक्तियों को ही विदेशी मुद्रा या विदेशी प्रतिभूति में लेन देन करने की अनुमति दी गई है। अधिनियम के अंतर्गत, ऐसे अधिकृत व्‍यक्ति का अर्थ है अधिकृत डीलर, मनी चेंजर, विदेशी बैंकिंग यूनिट या कोई अन्‍य व्‍यक्ति जिसे तत्‍समय रिजर्व बैंक द्वारा प्राधिकृत किया गया हो। इस प्रकार अधिनियम में किसी भी ऐसे व्‍यक्ति को प्रतिषिद्ध किया गया है जो:-.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 · और देखें »

विदेशी मुद्रा विनियम अधिनियम

विदेशी मुद्रा विनियम अधिनियम, १९७३ (अंग्रेज़ी:फ़ॉरेन एक्स्चेंज मैनेजमेंट ऍक्ट) भारत में विदेशी मुद्रा का नियामक अधिनियम है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और विदेशी मुद्रा विनियम अधिनियम · और देखें »

विरल आचार्य

विरल आचार्य भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर (अर्थशास्त्री) नियुक्त कियें गएँ।http://indianexpress.com/article/business/viral-acharya-rbi-deputy-governor-appointment-4448456/ वे २० जनवरी २०१७ को कार्यभार ग्रहण करेंगे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और विरल आचार्य · और देखें »

विश्व का आर्थिक इतिहास

सन १००० से सन २००० के बीच महाद्वीपों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वितरण का परिवर्तन विश्व के विभिन्न भागों का सकल घरेलू उत्पाद (सन् 2014 में) बीसवीं शताब्दी में विश्व का सकल घरेलू उत्पाद .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और विश्व का आर्थिक इतिहास · और देखें »

विजयशंकर व्यास

प्राध्यापक विजयशंकर व्यास (जन्म: २१ अगस्त १९३१) एक कृषि-अर्थशास्त्री हैं जिन्हें अर्थशास्त्र में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने सन् 2005 पद्मभूषण से सम्मानित किया। राजस्थान में ग्रामीण अर्थशास्त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म्भुषण का सम्मान प्राप्त करने वाले एकमात्र अर्थशास्त्री है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और विजयशंकर व्यास · और देखें »

वजाहत हुसैन

श्री वजाहत हुसैन 16.08.1943 से 04.12.1945 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और वजाहत हुसैन · और देखें »

गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान

आम तौर पर गोखले संस्थान के नाम से मशहूर गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान (गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एण्ड इकोनॉमिक्स / जीआईपीई) अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भारत के सबसे पुराने अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है। यह महाराष्ट्र के पुणे के डेक्कन जिमखाना क्षेत्र में बीएमसीसी रोड पर स्थित है - इस शहर को अक्सर पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान · और देखें »

ऑनलाइन बैंकिंग

नेट बैंकिग जिसे ऑनलाइन बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग भी कहते हैं, के माध्यम से बैंक-ग्राहक अपने कंप्यूटर द्वारा अपने बैंक नेटवर्क और वेबसाइट का प्रचालन कर सकते है। इस प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ है कि कोई भी व्यक्ति घर या कार्यालय या कहीं से भी से बैंक सुविधा का लाभ उठा सकता है। ऑनलाइन बैंकिंग इंटरनेट पर बैंकिंग संबंधी मिलनेवाली एक सुविधा है, जिसके माध्यम से कंप्यूटर का इस्तेमाल कर उपभोक्ता बैंकों के नेटवर्क्स और उसकी वेबसाइट पर अपनी पहुंच बना सकता है और घर बैठे ही खरीददारी, पैसे का स्थानांतरण के अलावा अन्य तमाम कार्यों और जानकारी के लिए बैंकों से मिलने वाली सुविधा का लाभ उठा सकता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ४ अगस्त २००९ भारत में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये गए शुरुआती आंकड़ों के अनुसार अप्रैल २००८ से जनवरी २००९ तक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ५५.८५८५ करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया।। इकनॉमिक टाइम्स। १ मई २००९ किन्तु इस लाभ पर प्रश्वनिह्न भी लग जाता है, जब आजकल फिशिंग द्वारा तकनीक के दुरुपयोग से इंटरनेट के जालसाज लोगों के खातों को हैक कर उन्हें हानि पहुंचा रहे हैं।|हिन्दुस्तान लाइव। ५ अप्रैल २०१० ऐसे में आवश्यक है कि नेट बैंकिंग के प्रयोग में अत्यंत सावधानियां बरती जाएं। नेट बैंकिंग का प्रयोग करते हुए उपयोक्ता को यूआरएल की जांच कर लेनी चाहिये। कई रिपोर्ट द्वारा ये पुष्टि होती है, कि प्रयोग की जाने वाली ५० प्रतिशत वेबसाइट असुरक्षित होती हैं। ऐसे में नेट सर्फिंग करने वाले व्यक्ति के लिये से यह अत्यंत आवश्यक है कि वह पूरी जाँच के उपरांत ही वेबसाइट खोले। किसी भी साइट के यूआरएल पते और डोमेन जांच करें और देखें कि यह उसी बैंक के यूआरएल और डोमेन की तरह हो, ऐसे में यह संभावना काफी हद तक प्रबल हो जाती है कि उपयोक्ता सुरक्षित वेबसाइट का प्रयोग कर रहे हैं। नेट बैंकिंग सेवा का प्रयोग करने वालों को इसे प्रत्येक तीन दिनों में जांचते रहना चाहिये। ऑनलाइन बैंकिंग में क्रेडिट कार्ड का भी प्रयोग किया जा सकता है इसके साथ ही उपयोक्ता को चाहिये कि वे इस सेवा का बाहर प्रयोग न करें। नेट बैंकिंग के लिए इंटरनेट कैफे और सांझे कंप्यूटर का प्रयोग इस सुविधा हेतु कम करें और यदि कैफे या सांझे कंप्यूटर से प्रयोग करते भी हैं, तो अपना पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहें। यह सुरक्षित तरीका रहेगा। उपयोक्ता अपने कंप्यूटर सिस्टम को सीधे बंद न करें। प्रायः लोग ब्राउजर बंद कर कंप्यूटर सीधे बंद कर देते हैं जो असुरक्षित हो सकता है। हमेशा कंप्यूटर सिस्टम ठीक से लॉग ऑफ करें। इसके अलावा अपने पासवर्ड का पूरा एवं उचित व सुरक्षित उपयोग करें। अपने पासवर्ड को किसी कागज पर न लिखें। इसे सरलता से हैक किया जा सकता है। अपनी मशीन में पावर ऑन पासवर्ड डाल दें ताकि उनके अलावा कोई और उनकी मशीन न खोल सके। सिस्टम पर स्क्रीनसेवर पासवर्ड डाल दें ताकि कोई और सिस्टम का प्रयोग न कर सके। इन कुछ बातों का ध्यान रखकर नेट बैंकिंग सुविधा का पूरा एवं सुरक्षित लाभ उठाया जा सकता है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और ऑनलाइन बैंकिंग · और देखें »

ओसबोर्न स्मिथ

सर ओसबोर्न आरकेल स्मिथ (26 दिसम्बर 1876 - 30 अगस्त 1952) 1 अप्रैल 1935 से 30 जून 1937 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर थे। स्मिथ एक पेशेवर बैंकर थे और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ बैंक में 20 साल एवं न्यू साउथ वेल्स बैंक में 10 साल की सेवा की। १९२६ में वे इंपीरियल बैंक ऑफ इण्डिया के प्रबंधक गवर्नर बने। 1 अप्रैल 1935 को उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया। अपने कार्यकाल में उन्होंने किसी बैंक नोट पर हस्ताक्षर नही़ किए। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और ओसबोर्न स्मिथ · और देखें »

आनंद सिन्हा

श्री आनंद सिन्हा 19.1.2011 से 18.01.2014 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और आनंद सिन्हा · और देखें »

आर गांधी (डिप्टी गवर्नर)

श्री आर गांधी को 03 अप्रैल 2014 से तीन वर्षों की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का उप गवर्नर नियुक्त किया गया है। इससे पूर्व वे बैंक के कार्यपालक निदेशकों में से एक थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और आर गांधी (डिप्टी गवर्नर) · और देखें »

आर्थिक नीति

आर्थिक नीति (Economic policy) से आशय उन सरकारी नीतियों से होता है जिनके द्वारा किसी देश के आर्थिक क्रियाकलापों का नियमन होता है। आर्थिक नीति के अन्तर्गत करों के स्तर निर्धारित करना, सरकार का बजट, मुद्रा की आपूर्ति, ब्याज दर के साथ-साथ श्रम-बाजार, राष्ट्रीय स्वामित्व, तथा अर्थव्यवस्था में सरकार के हस्तक्षेप के अनेकानेक क्षेत्र आते हैं। आर्थिक नीति का सम्बन्ध आर्थिक मामलों से सम्बन्धित कुछ निर्धारित परिणामों की प्राप्ति हेतु अपनाई गई कार्यविधि से होता है। आर्थिक नीति एक व्यापक नीति है और इसमें अनेक नीतियों का समावेश किया जाता है। सामाजिक विज्ञान के विश्वकोष के अनुसार, ‘‘आर्थिक नीति शब्द का प्रयोग आर्थिक क्षेत्र में सरकार की उन सभी क्रियाओं में सम्मिलित किया जा सकता है, जिनका सम्बन्ध उत्पादन, वितरण एवं उपयोग में जानबूझकर अथवा अधिक सरकारी हस्तक्षेप से होता है।’’ इस प्रकार आर्थिक नीति किसी सरकार का वह आर्थिक दर्शन और व्यापक शब्द है जिसके अन्तर्गत विभिन्न नीतियाँ, जैसे - कृषि नीति, औद्योगिक नीति, वाणिज्य नीति, राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति, नियोजन नीति, आय नीति, रोजगार नीति, परिवहन नीति एवं जनसंख्या नीति आदि सम्मिलित हैं, में समन्वय कर निर्धारित लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वह कदम उठाती है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और आर्थिक नीति · और देखें »

आईडीबीआई बैंक

भारतीय औद्योगिक विकास बैंक या आईडीबीआई भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक है। यह देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बैंक को 'अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक' की श्रेणी में रखा है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और आईडीबीआई बैंक · और देखें »

आंबेडकर जयंती

आंबेडकर जयंती या भीम जयंती डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जिन्हें बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है, के जन्म दिन १४ अप्रैल को तौहार के रूप में भारत समेत पुरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन को 'समानता दिवस' और 'ज्ञान दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकी जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले प्रतिभाशाली डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को समानता के प्रतिक और ज्ञान के प्रतिक भी कहां जाता है। भीमराव विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन, संविधान निर्माण और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर की पहली जयंती सदाशिव रणपिसे इन्होंने १४ अप्रेल १९२८ में पुणे शहर में मनाई थी। रणपिसे आंबेडकर के अनुयायी थे। उन्होंने आंबेडकर जयंती की प्रथा शुरू की और भीम जयंतीचे अवसरों पर बाबासाहेब की प्रतिमा हाथी के अंबारी में रखकर रथसे, उंट के उपर कई मिरवणुक निकाली थी। उनके जन्मदिन पर हर साल उनके लाखों अनुयायी उनके जन्मस्थल भीम जन्मभूमि महू (मध्य प्रदेश), बौद्ध धम्म दीक्षास्थल दीक्षाभूमि, नागपुर और उनका समाधी स्थल चैत्य भूमि, मुंबई में उन्हें अभिवादन करने लिए इकट्टा होते है। सरकारी दफ्तरों और भारत के हर बौद्ध विहार में भी आंबेडकर की जयंती मनाकर उन्हें नमन किया जाता है। विश्व के 55 से अधिक देशों में डॉ॰ भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई जाती है। गुगल ने डॉ॰ आंबेडकर की 124 वी जयंती 2015 पर अपने 'गुगल डुडल' पर उनकी तस्वीर लगाकर उन्हें अभिवादन किया। तीन महाद्विपों के देशों में यह डुडल था। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और आंबेडकर जयंती · और देखें »

इला रमेश भट्ट

इला रमेश भट्ट (जन्म - ७ सितंबर १९३३) भारत की एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने भारत की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया। 1972 में सेल्फ-एम्पलॉयड वीमन एसोसिएशन (सेवा) नामक महिला व्यापार संघ की स्थापना की थी। 12 लाख से अधिक महिलाएं इसकी सदस्य हैं। इसी तरह उन्होंने 1974 में सेवा को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना की थी। उन्हें 13 मई २०१० को 2010 के निवानो शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्तमान में वे भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड की एक निदेशक भी हैं। भारत के पहले मज़दूर संगठन कपड़ा कामगार संघ के महिला प्रकोष्ठ के नेतृत्व से 1968 में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाली इला भट्ट ने अनौपचारिक क्षेत्र में श्रम करने वाली ग़रीब स्त्रियों को सम्पूर्ण रोज़गार दिलाने स्वयंसेवी का के किये गये संस्थानीकरण की कोशिशों में अनूठा स्थान है। सेल्फ़ इम्पलॉयड वुमॅन एसोसिएशन (सेवा) की शुरुआत इला भट्ट ने 1971 में केवल सात सदस्यों के साथ की थी। आज इसके साथ तेरह लाख से ज़्यादा स्त्रियाँ जुड़ी हैं। यह संगठन अनपढ़ कामगार महिलाओं का अपना बैंक चलाता है जिसके ज़रिये औरतों को स्वरोज़गार के लिए पूँजी मुहैया करायी जाती है। यह नारी आंदोलन, मज़दूर आंदोलन और सहकारिता आंदोलन का एक संगम है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और इला रमेश भट्ट · और देखें »

इंटरबैंक मोबाईल भुगतान सेवा

इंटरबैंक मोबाईल भुगतान सेवा अथवा इंटरबैंक मोबाईल पेमेंट सर्विस, संक्षेप में आईएमपीएस, (Interbank Mobile Payment Service, IMPS) भारत में मोबाईल फोन, टैबलेट आदि माध्यमों से बैंकिंग, भुगतान, धन हस्ताँतरण आदि के लिए केंद्रीय सेवा है जो कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा संचालित की जाती है। इसका प्रारंभ 22 नवम्बर 2010 को हुआ। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और इंटरबैंक मोबाईल भुगतान सेवा · और देखें »

करेंसी बिल्डिंग, कोलकाता

करेंसी बिल्डिंग (अंग्रेजी: Currency Building), एक शानदार तीन मंजिला इमारत है, जिसे इतालवी वास्तु शैली में डिजाइन किया गया है। यह कोलकाता के डलहौज़ी स्क्वायर (बीबीडी बाग) में स्थित है। इमारत को 1833 में पहले पहल आगरा बैंक लिमिटेड के कार्यालय के रूप में बनाया गया था, लेकिन जब सरकार ने 1868 में अपने मुद्रा विभाग के लिए आगरा बैंक लिमिटेड से इसका एक बड़ा हिस्सा अधिग्रहित कर लिया तो इसका नाम बदलकर करेंसी बिल्डिंग कर दिया गया। आजकल भवन के नवीकरण का कार्य चल रहा है जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में इस इमारत में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का क्षेत्रीय कार्यालय कार्यरत है और इमारत के अंदर बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर कड़ाई से प्रतिबंधित लागू है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की योजना पुनर्निर्मित इमारत को दुर्लभ पुरातात्विक मूर्तियों का एक संग्रहालय बनाने की है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और करेंसी बिल्डिंग, कोलकाता · और देखें »

किरण कार्निक

किरण कार्निक (जन्म: 16 मार्च 1947) भारतीय आउटसोर्सिंग उद्योग के एक प्रमुख व्यक्तित्व और महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं। वे नैसकॉम (NASSCOM) (द नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेस कंपनिज) के भूतपूर्व अध्यक्ष हैं और वर्तमान में इसके एक ट्रस्टी हैं। गंभीर अनियमितताओं और लेखा में धोखाधड़ी करने के लिए भारत सरकार द्वारा सत्यम कम्प्यूटर के बोर्ड को भंग कर देने के बाद, हाल ही में श्री कार्निक को सत्यम कंप्यूटर सर्विसेस बोर्ड के तीन सदस्यों में से एक सदस्य चुना गया और साथ ही उन्हें चेयरमैन भी बनाया गया। वर्तमान में वे भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक भी हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और किरण कार्निक · और देखें »

क्रेडिट नियंत्रण

ऋण नियंत्रण या 'क्रेडिट नियंत्रण' यह केवल भुगतान करने में सक्षम हैं, जो ग्राहकों के लिए ऋण देता है कि कुछ करने के लिए एक व्यापार द्वारा इस्तेमाल किया प्रणाली है, और ग्राहकों को समय पर भुगतान करते हैं। ऋण नियंत्रण विशेष रूप से बिक्री किया जाता है एक बार वे नकद या तरल संसाधनों के रूप में महसूस कर रहे हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में व्यवसायों द्वारा नियोजित कर रहे हैं कि वित्तीय नियंत्रण का हिस्सा है। ऋण नियंत्रण ग्राहकों के लिए कारण ऋण के अनुचित और संयुक्त राष्ट्र के समन्वित जारी करने के लिए तरलता बनने या यहां तक ​​कि एक वित्तीय संस्थान में उधार देने से व्यापार को रोकता है और नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण प्रणाली है। ऋण स्वीकृति, क्रेडिट सीमा अनुमोदन, प्रेषण मंजूरी और साथ ही संग्रह की प्रक्रिया - क्रेडिट नियंत्रण भी शामिल है कि वर्गों के एक नंबर है। एक बड़े कारोबार में एक क्रेडिट प्रक्रिया एक वरिष्ठ प्रबंधक के द्वारा चलाया जाता है और इस तरह अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) खाता खोलने, ऋण और क्रेडिट सीमा की स्वीकृति के रूप में (मात्रा के मामले में दोनों प्रक्रियाओं के रूप में शामिल होंगे और शर्तों 30 दिनों उदा 30 दिनों नेट), ऋण का विस्तार और संग्रह कार्रवाई प्रभावशाली। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रेडिट नियंत्रण · और देखें »

के जी अम्बेगाओंकर

के जी अम्बेगाओंकर 14 जनवरी 1957 से लेकर 28 फ़रवरी 1957 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के पांचवे गवर्नर थे। वह भारतीय सिविल सेवा के सदस्य थे और भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले वित्त सचिव के रूप में सेवा कर चुके थे। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और के जी अम्बेगाओंकर · और देखें »

केंद्रीय बैंक

अंगूठाकार एक केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक, या मौद्रिक प्राधिकरण एक सफल हुआ है कि एक संस्था है कि राज्य की मुद्रा, पैसे की आपूर्ति, और ब्याज दरों। सेंट्रल बैंक भी आम तौर पर निगरानी वाणिज्यिक बैंकिंग प्रणाली अपने-अपने देशों की। एक वाणिज्यिक बैंक के विपरीत, एक केंद्रीय बैंक एक के पास एकाधिकार बढ़ाने पर मौद्रिक आधार राज्य में, और आमतौर पर यह भी राष्ट्रीय मुद्रा प्रिंट आम तौर पर राज्य के रूप में कार्य करता है जो कानूनी निविदा। एक केंद्रीय बैंक का प्राथमिक कार्य देश की मुद्रा आपूर्ति, ब्याज दरों, सेटिंग आरक्षित आवश्यकता है, और एक के रूप में अभिनय अंतिम उपाय के ऋणदाता के लिए बैंकिंग क्षेत्र बैंक दिवालियेपन के समय के दौरान या वित्तीय संकट। सेंट्रल बैंक आम तौर पर भी रोकने का इरादा पर्यवेक्षी शक्तियों है, बैंक रन और वाणिज्यिक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों लापरवाह या धोखाधड़ी के व्यवहार में संलग्न है कि जोखिम को कम करने के लिए। सबसे विकसित देशों में केंद्रीय बैंकों संस्थागत राजनीतिक हस्तक्षेप से स्वतंत्र होने के लिए तैयार कर रहे हैं। फिर भी, कार्यकारी और विधायी निकायों द्वारा सीमित नियंत्रण आम तौर पर मौजूद है। एक राष्ट्र (या राष्ट्रों के समूह) के लिए मौद्रिक प्रणाली की देखरेख के लिए जिम्मेदार इकाई। केंद्रीय बैंकों की देखरेख से, जिम्मेदारियों की एक विस्तृत श्रृंखला है कि मौद्रिक नीति में इस तरह के मुद्रा स्थिरता, कम मुद्रास्फीति और के रूप में विशिष्ट लक्ष्यों को लागू करने के लिए पूर्ण रोजगार। केंद्रीय बैंकों ने भी आम तौर पर, सरकार के बैंक के रूप में मुद्रा, समारोह मुद्दा क्रेडिट प्रणाली को विनियमित, देखरेख वाणिज्यिक बैंकों, एक के रूप में मुद्रा भंडार और अभिनय का प्रबंधन अंतिम उपाय के ऋणदाता। केंद्रीय बैंक ने यह वाणिज्यिक बैंकों एक आपूर्ति की कमी को कवर नहीं कर सकते हैं जब धन के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार है जिसका मतलब है कि "अंतिम उपाय के ऋणदाता" के रूप में वर्णित किया गया है। दूसरे शब्दों में, केंद्रीय बैंक में नाकाम रहने से देश की बैंकिंग प्रणाली को रोकता है। हालांकि, केंद्रीय बैंकों का प्राथमिक लक्ष्य अपने देशों के प्रदान करने के लिए है मुद्राओं को नियंत्रित करने से कीमतों में स्थिरता के साथ मुद्रास्फीति। एक केंद्रीय बैंक ने देश के नियामक प्राधिकारी के रूप में कार्य करता है मौद्रिक नीति और संचलन में नोटों और सिक्कों की एकमात्र प्रदाता और प्रिंटर है। केंद्रीय बैंक ने यह भी पूरी तरह से किसी भी व्यावसायिक बैंकिंग हितों का विनिवेश किया जाना चाहिए। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और केंद्रीय बैंक · और देखें »

कॉर्पोरेशन बैंक

कार्पोरेशन बैंक का प्रतीक चिह्न कार्पोरेशन बैंक, भारत का एक प्रमुख अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक है। इसकी संस्थापना 12 मार्च 1906 को 'केनरा बैंकिंग कार्पोरेशन (उडुपि) लिमिटेड' के नाम से उडुपि की मंदिर-शहर में क्रान्तदर्शियों के एक समूह के पुरोगामी प्रयत्नों से हुई। सन् 1952 में कार्पोरेशन बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक होने की अनुज्ञप्ति प्राप्त की व यह भारत का तीसरा अनुसूचित बैंक बन गया। कार्पोरेशन बैंक का राष्ट्रीयकरण, अप्रैल, 1980 में हुआ। उदारीकरण के बाद के दौर में वित्तीय क्षेत्र संबंधी सुधारों से उत्पन्न चुनौतियों का कार्पोरेशन बैंक ने सफलता पूर्वक सामना किया। रणनीतिपरक व्यापार योजनाओं एवं नवोन्मेषी कार्या की बदौलत भारत सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों में कार्पोरेशन बैंक एक दक्ष, सशक्त, लाभप्रद एवं सदृढ पूँजीकृत बैंक के रूप में उभर कर आया है। देश के सभी 100 उच्च बैंकिंग केन्द्रों में से सभी केन्द्रों में इसकी शाखाएँ हैं। बैंक में 12465 कर्मचारी काम करते हैं। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक · और देखें »

अनुसूचित बैंक

भारत में अनुसूचित बैंक, वह बैंक हैं जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची में शामिल किया गया है। रिजर्व बैंक इस अनुसूची में केवल उन बैंकों को ही शामिल करता है जो, उपर्युक्त अधिनियम की धारा 42(6) (क) के मानदंडों का अक्षरक्ष पालन करते हों। 30 जून 1999 तक भारत में कुल 300 अनुसूचित बैंक थे जिनका कुल नेटवर्क 64918 शाखाओं का था। भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी (8), राष्ट्रीयकृत बैंक (19), विदेशी बैंक (45), निजी क्षेत्र के बैंक (32), सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल हैं। "भारत में अनुसूचित बैंकों" से अभिप्राय भारतीय स्टेट बैंक जिसका गठन भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955 (1955 का 23), एक सहायक बैंक जैसा कि भारतीय स्टेट बैंक (सहायक बैंक) अधिनियम, 1959 (1959 का 38) में परिभाषित किया गया है, एक नया बैंक जिसका गठन बैंकिंग कंपनियां (अधिग्रहण और उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम 1970 (1970 का 5) के अनुच्छेद 3 के तहत या इसका गठन बैंकिंग कंपनियां (अधिग्रहण और उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम 1980 (1980 का 40) के अनुच्छेद 3 के तहत, या अन्य कोई बैंक जो भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2), की द्वितीय अनुसूची में तो शामिल हो लेकिन "एक सहकारी बैंक" ना हो। निम्नलिखित बैंक भारत में अनुसूचित बैंक हैं (सार्वजनिक क्षेत्र).

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और अनुसूचित बैंक · और देखें »

अरुन्धति भट्टाचार्य

अरुन्धति भट्टाचार्य (जन्म -18 मार्च 1956) पूर्व में भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन थी। उन्होंने 7 अक्टूबर 2013 को यह पद ग्रहण किया। उन्होंने 30 सितंबर को इस पद से रिटायर हुए श्री प्रतीप चौधरी का स्थान लिया। इससे पहले वे बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर सह चीफ फाईनैंशियल ऑफिसर थीं। उनके अतिरिक्त बैंक के अन्य तीन मैनेजिंग डायरेक्टर हेमंत कान्ट्रैक्टर, ए कृष्णकुमार व एस विश्वनाथन भी इस पद के लिए उम्मीदवार थे। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की अध्यक्षता में बनी चयन समिति ने अंततः अरुंधति का चयन किया।, .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और अरुन्धति भट्टाचार्य · और देखें »

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रतिवेदन मानक

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रतिवेदन मानक (IFRS), अंतर्राष्ट्रीय लेखांकन मानक बोर्ड (IASB) द्वारा अपनाए गए मानक, प्रतिपादन और रूपरेखा है। IFRS के गठन के कई मानक अंतर्राष्ट्रीय लेखांकन मानक (IAS) के पुराने नाम से जाने जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय लेखांकन मानक समिति (IASC) के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय लेखांकन मानक सन् 1973 और 2001 के बीच जारी किए गए। 1 अप्रैल 2001 को नई IASB ने IASC से अंतर्राष्ट्रीय लेखांकन मानक स्थापित करने का उत्तरदायित्व ग्रहण किया। नये बोर्ड ने अपनी पहली बैठक के दौरान मौजूदा IAS और SICs को अपनाया.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रतिवेदन मानक · और देखें »

उर्जित पटेल

* डॉ॰ उर्जित पटेल (जन्म- 28 अक्टूबर 1963) भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर हैं। सितंबर २०१६ में रघुराम राजन की सेवानिवृत्ति के पश्चात् इन्होंने यह पद ग्रहण किया।। उर्जित रविंद्र पटेल, एक भारतीय अर्थशास्त्री, जो वर्तमान में २०१६ के सितम्बर के बाद से रघुराम राजन की सेवानिवृत्ति के पश्चात् इन्होंने यह पद ग्रहण किया।इंडिया (आरबीआई) के रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में सेवारत है उन्होने  एक भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में, वह मौद्रिक नीति, आर्थिक नीति अनुसंधान, सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन देखा, जमा बीमा, संचार और सूचना का अधिकार में काम किया।नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पटेल ४ सितंबर २०१६ को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया।इससे पूर्व 14 जनवरी 2013 से वे उप-गवर्नर के पद पर कार्यरत थे। उप गवर्नर के रूप में उन्होंने मौद्रिक नीति संबंधी विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता की। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने ब्रिक्स देशों के साथ अंतर-सरकारी समझौते और अंतर-केंद्रीय बैंक करार (आईसीबीए) में मुख्य भूमिका निभाई आकस्मिक आरक्षित निधि व्यवस्था (सीआरए) की स्थापना हुई जो इन देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच स्वैप लाइन ढांचा है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और उर्जित पटेल · और देखें »

१२ नवम्बर

१२ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१६वॉ (लीप वर्ष मे ३१७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४९ दिन बाकी है। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और १२ नवम्बर · और देखें »

१९९१ का भारत का आर्थिक संकट

सन 1985 से ही भारत भुगतान संतुलन की समस्या झेल रहा था। किन्तु 1990 के बीतते-बीतते यह समस्या एक गम्भीर संकट का रूप धारन कर चुकी थी। सरकार्र दिवालिया होने के कगार पर आ चुकी थी, भारतीय रिजर्व बैंक नया क्रेडित देना बन्द कर दिया था, और विदेशी मुद्रा इतना कम रह गया था कि इससे मुश्किल से तीन सप्ताह का आयात सम्भव हो पाता। इस संकट को देखते हुए भारत सरकार ने सरकारी सोना को वायुयान से ले जाकर अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को दिया और इसके बदले में उससे ऋण प्राप्त किया। .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और १९९१ का भारत का आर्थिक संकट · और देखें »

2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी

2009 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर को दिखाते हुए दुनिया का नक्शा. 2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी (या ग्रेट रिसेशन (भयंकर मंदी)) एक गंभीर आर्थिक मंदी थी जो संयुक्त राज्य अमेरिका में दिसंबर 2007 में शुरू हुई और जून 2009 में समाप्त हुई (यू.एस. नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनोमिक रिसर्च के अनुसार)। यह औद्योगिक दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में फैला जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियों स्पष्ट रूप से कमी आई। यह वैश्विक आर्थिक मंदी एक ऐसे आर्थिक माहौल में अपने पाँव पसारती रही है जिसकी पहचान विभिन्न प्रकार के असंतुलनों से होती है और 2007-2010 के वित्तीय संकट के प्रकोप से एकदम भड़क उठी.

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और 2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी · और देखें »

2013 में भारत

ग्रेगोरी वर्ष 2013 मे़ भारत गणराज्य में घटित प्रमुख घटनाएं .

नई!!: भारतीय रिज़र्व बैंक और 2013 में भारत · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

Reserve Bank of India, भारतीय रिजर्व बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया, आरबीआई, आरबीआई, भोपाल

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »