5 संबंधों: तार सप्तक, नेपाली साहित्य, लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा, हिन्दी की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ, अज्ञेय।
तार सप्तक
अज्ञेय द्वारा १९४३ ई० में नयी कविता के प्रणयन हेतु सात कवियों का एक मण्डल बनाकर तार सप्तक का संकलन एवं संपादन किया गया। तार सप्तक नयी कविता का प्रस्थान बिंदु माना जाता है। तार सप्तक का ऐतिहासिक महत्त्व इस रूप में है कि इसी संकलन से हिन्दी काव्य साहित्य में प्रयोगवाद का आरम्भ होता है। आज भी अनेक काव्य प्रेमियों में इस संग्रह की कविताएँ आधुनिक हिन्दी कविता के उस रचनाशील दौर की स्मृतियाँ जगाएँगी जब भाषा और अनुभव दोनों में नये प्रयोग एक साथ कर सकना ही कवि कर्म को सार्थक बनाता था। तार सप्तक में गजानन माधव मुक्तिबोध, नेमिचन्द्र जैन, भारतभूषण अग्रवाल, प्रभाकर माचवे, गिरिजाकुमार माथुर, रामविलास शर्मा एवं अज्ञेय सहित सात कवियों की कविताएँ संकलित की गई हैं। तार सप्तक का प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा सन् १९४३ ई० में किया गया है। इसके बाद दूसरा सप्तक तथा तीसरा सप्तक का प्रकाशन हुआ .
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नेपाली साहित्य
नेपाली साहित्य नेपाली भाषा का साहित्य है। यह साहित्य नेपाल, सिक्किम, दार्जिलिंग, भूटान, उत्तराखण्ड,असम आदि स्थानौं में प्रमुखतः लिखे जाते हैं। इस साहित्य में ज्यादातार पहाडी खस ब्राह्मण अर्थात बाहुन जाति के हैं। आदिकवि भानुभक्त आचार्य, महाकवि लक्ष्मी प्रसाद देवकोटा, कविशिरोमणि लेखनाथ पौड्याल, राष्ट्रकवि माधव प्रसाद घिमिरे, मोतीराम भट्ट, हास्यकार भैरव अर्याल, आदि श्रेष्ठतम नेपाली साहित्यकार बाहुन (पहाडी ब्राह्मण) समुदाय के थे। भारत का पड़ोसी देश होने के नाते नेपाल में भी भारत से चली खुलेपन की ताज़ी हवा बराबर पहुँचती रही है और उसके साहित्य पर भी समय-समय पर विभिन्न वादों और साहित्यिक आंदोलनों का पराभूत प्रभाव रहा है। हिन्दी कविता की तरह नेपाली कविता में भी छायावाद,रहस्यवाद, प्रगतिवाद और प्रयोगवाद की तमाम विशेषताएँ मिलती है। प्रकृति, सौन्दर्य, शृंगार और नारी-मन की सुकोमल अभिव्यक्ति के साथ ही जीवन-संघर्ष की आधुनिकतम समस्याओं को वाणी देने में भी नेपाली कवि किसी से पीछे नहीं रहे हैं। आज नेपाली कविता में समय-सापेक्षता, सामाजर्थिक दबाब तथा जीवन का व्यर्थता बोध आदि प्रबरीतियों को जो प्रमुखता मिली हुयी है, वह उसकी इसी शानदार विरासत का प्रतिफल है। .
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लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा (जन्म १२ नवम्बर १९०९, मृत्यु १४ सितम्बर १९५९) नेपाली साहित्य के महाकवि हैं। देवकोटा नेपाली साहित्य के बिभिन्न विधाओं में कलम चलाने वाले बहुमुखी प्रतिभाशाली थे। उनके द्वारा लिखित कविता और निबन्ध उच्च कोटि के माने जाते हैं। उन्होंने मुनामदन, सुलोचना, शाकुन्तल जैसे अमर काव्य लिखे जिसके कारण नेपाली साहित्यको समृद्धि मिली। नेपाली साहित्य में मुनामदन सर्वोत्कृष्ट काव्य माना जाता है। .
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हिन्दी की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ
यहाँ पर हिंदी (खड़ी बोली) की साहित्यिक प्रवृत्तियों का विवरण है। .
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अज्ञेय
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987) को कवि, शैलीकार, कथा-साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और अध्यापक के रूप में जाना जाता है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 को उत्तर प्रदेश के कसया, पुरातत्व-खुदाई शिविर में हुआ। बचपन लखनऊ, कश्मीर, बिहार और मद्रास में बीता। बी.एससी.
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