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पुंछ

सूची पुंछ

पुंछ नगर पुंछ जिले में स्थित एक नगर परिषद है, जो कि भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर में स्थित है। इस नगर का उल्लेख महाभारत में मिलता है तथा चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी इस नगर का उल्लेख किया है। .

11 संबंधों: टॉम एंड जेरी, पुंछ जिला, पेंगुइन, पीर पंजाल पर्वतमाला, भारतीय सैन्य अकादमी, मोहम्‍मद उस्मान, जम्मू, जम्मू और कश्मीर, जम्मू–सियालकोट लाइन, वैदूर्यरत्न, १९६५ का भारत-पाक युद्ध

टॉम एंड जेरी

टॉम एंड जेरी मेट्रो-गोल्डविन-मेयर|मेट्रो-गोल्डवाइन-मेयर के लिए विलियम हैन्ना और जोसेफ़ बारबेरा|जोसफ़ बारबरा द्वारा निर्मित एनिमेशन थिएटर लघु विषय|लघु-फ़िल्म श्रृंखला है, जो एक हाउसकैट|घरेलू बिल्ली (टॉम) और एक चूहे (जेरी) के मध्य अनंत प्रतिद्वंद्विता पर केन्द्रित है, जिनकी एक दूसरे का पीछा करने और आपसी लड़ाई में अक्सर हास्यास्पद भिडंत शामिल है। फ़िल्म में 1940|1940 से फ़िल्म में 1957|1957 के बीच, एनिमेशन इकाई के बंद होने तक, हैन्ना और बारबरा ने कैलिफ़ोर्निया, हॉलीवुड के मेट्रो-गोल्डविन-मेयर कार्टून स्टूडियो|MGM कार्टून स्टूडियो में टॉम एंड जेरी के एक सौ चौदह कार्टून लिखे एवं निर्देशित किए। उल्लेखनीय है कि बतौर सर्वाधिक ऑस्कर्स|ऑस्कर विजेता थिएटर एनिमेटेड श्रृंखला, वॉल्ट डिज़नी|वाल्ट डिज़नी की सिल्ली सिम्फ़ोनीस|सिली सिम्फ़ोनीस के बराबर का स्थान हासिल करते हुए, इसकी मूल श्रृंखला ने सात बार एनिमेटेड लघु-फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार|सर्वश्रेष्ठ लघु विषयक (कार्टून्स) अकादमी पुरस्कार जीता। 1960 से शुरू करते हुए, MGM के पास मूल फ़िल्मों के अलावा पूर्वी यूरोप में जीन डीच की अगुआई में रेमब्रांड्ट फ़िल्म्स द्वारा निर्मित नई लघु-फ़िल्में भी थीं। 1963 में चक जोन्स के सिब-टावर 12 प्रोडक्शन्स के अधीन टॉम एंड जेरी लघु-फ़िल्मों का निर्माण हॉलीवुड में पुनः आरंभ हुआ; 1967 तक चलने वाली इस श्रृंखला में कुल 161 लघु-फ़िल्में तैयार हुईं.बिल्ली और चूहे सितारों ने पुनः 1970, 1980 और 1990 दशक के दौरान हैन्ना -बारबरा और फ़िल्मेशन स्टूडियो द्वारा निर्मित टेलीविज़न कार्टून, 1992 में बनी और स्थानीय रूप से 1993 में प्रदर्शित होने वाली एक फ़ीचर फ़िल्म टॉम एंड जेरी: द मूवी में दुबारा अपनी जगह बनाई और 2000 में कार्टून नेटवर्क के लिए उनकी TV के लिए बनी पहली लघु-फ़िल्म थी, टॉम एंड जेरी: द मेंशन कैट.अद्यतन टॉम एंड जेरी थिएटर लघु-फ़िल्म, द कराटेगार्ड को सह-निर्माता, जो बारबरा ने लिखा और निर्देशित किया तथा 27 सितम्बर 2005 को यह लॉस एंजिल्स के सिनेमा-घरों में पहली बार प्रदर्शित हुई। इस समय, टाइम वार्नर के पास (टर्नर एंटरटेनमेंट डिवीज़न के माध्यम से) टॉम एंड जेरी के अधिकार हैं (जिनका वितरण वार्नर ब्रदर्स संभाल रहे हैं)। विलय के बाद से, टर्नर ने, CW के शनिवार की सुबह के कार्यक्रम "The CW4Kids" की माला में प्रदर्शन के लिए टॉम एंड जेरी टेल्स श्रृंखला का निर्माण किया, जिसके साथ-साथ हाल ही में 2005 के दौरान टॉम एंड जेरी लघु-फ़िल्म द कराटे गार्ड और डाइरेक्ट-टू-वीडियो फ़िल्म निर्मित की - ये सभी वार्नर ब्रदर्स एनीमेशन के सहयोग से बनी हैं। टॉम एंड जेरी अभिनीत कुल 162 थिएटर लघु- फ़िल्में मौजूद हैं। समस्त टॉम एंड जेरी थिएटर लघु-फ़िल्मों की सूची के लिएटॉम एंड जेरी कार्टून सूची देखें.

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पुंछ जिला

पुंछ जिला (ضلع پونچ) भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर का एक जिला है। यह जिला नियंत्रण रेखा से सटा हुआ है। जिले का मुख्यालय पुंछ है। .

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पेंगुइन

पेंगुइन (पीढ़ी स्फेनिस्कीफोर्मेस, प्रजाति स्फेनिस्कीडाई) जलीय समूह के उड़ने में असमर्थ पक्षी हैं जो केवल दक्षिणी गोलार्द्ध, विशेष रूप से अंटार्कटिक में पाए जाते हैं। पानी में जीवन के लिए अत्याधिक अनुकूलित, पेंगुइन विपरीत रंगों, काले और सफ़ेद रंग के बालों वाला पक्षी है और उनके पंख हाथ (फ्लिपर) बन गये हैं। पानी के नीचे तैराकी करते हुए अधिकांश पेंगुइन पकड़ी गयी छोटी मछलियों, मछलियों, स्क्विड और अन्य जलीय जंतुओं को भोजन बनाते हैं। वे अपना लगभग आधा जीवन धरती पर और आधा जीवन महासागरों में बिताते हैं। हालांकि सभी पेंगुइन प्रजातियां दक्षिणी गोलार्द्ध की मूल निवासी हैं, लेकिन ये केवल अंटार्कटिक जैसे ठंडे मौसम में ही नहीं पाई जातीं. वास्तव में, पेंगुइन की कुछ प्रजातियों में अब केवल कुछ ही दक्षिण में रहती हैं। कई प्रजातियां शीतोष्ण क्षेत्र में पाई जाती हैं और एक प्रजाति गैलापागोस पेंगुइन भूमध्य रेखा के पास रहती है। सबसे बड़ी जीवित प्रजाति एम्परर पेंगुइन (एप्टेनोडाईट्स फ़ोर्सटेरी): है - वयस्क की उंचाई औसतन 1.1 मी (3 फुट 7 इंच) लंबा और वजन 35 किलोग्राम (75 पौंड) होता है। सबसे छोटी प्रजाति लिटिल ब्लू पेंगुइन (यूडिपटुला माइनर), फेयरी पेंगुइन के नाम से भी जानी जाती है, की उंचाई लगभग 40 सेमी (16 इंच) और वजन 1 किलोग्राम (2.2 पौंड) होता है। वर्तमान में पाए जाने वाले पेंगुइनों में, बड़े पेंगुइन ठंडे क्षेत्रों में निवास करते हैं, जबकि छोटे पेंगुइन आम तौर पर शीतोष्ण या उष्णकटिबंधीय जलवायु में भी पाए जाते हैं (इसे भी देखें बर्गमैन'ज़ रूल). कुछ प्रागैतिहासिक प्रजातियां आकार में व्यस्क मानव जितनी उंची तथा वजनी थीं (अधिक जानकारी के लिए नीचे देखें). ये प्रजाति अंटार्कटिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं थी; बल्कि इसके विपरीत, अंटार्कटिक उपमहाद्वीप के क्षेत्रों में ज्यादा विविधता मिलती थी और कम से कम एक विशाल पेंगुइन उस क्षेत्र में मिला है जो भूमध्य रेखा के 35 से 2000 किमी दक्षिण से ज्यादा दूर नहीं था तथा जहां का वातावरण आज के अपेक्षाकृत ज्यादा गरम था। .

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पीर पंजाल पर्वतमाला

पीर पंजाल पर्वतमाला (Pir Panjal Range) हिमालय की एक पर्वतमाला है जो भारत के हिमाचल प्रदेश व जम्मू और कश्मीर राज्यों और पाक-अधिकृत कश्मीर में चलती है। हिमालय में धौलाधार और पीर पंजाल शृंख्लाओं की ओर ऊँचाई बढ़ने लगती है और पीर पंजाल निचले हिमालय की सर्वोच्च शृंख्ला है। सतलुज नदी के किनारे यह हिमालय के मुख्य भाग से अलग होकर अपने एक तरफ़ ब्यास और रावी नदियाँ और दूसरी तरफ़ चेनाब नदी रखकर चलने लगती है। पश्चिम में आगे जाकर उत्तरी पाकिस्तानी पंजाब और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा की पहाड़ी गलियाँ इसी पीर पंजाल शृंख्ला का अंतिम कम-ऊँचाई वाला भाग है। इसी में उत्तरी पंजाब का मरी हिल-स्टेशन स्थित है। पाक-अधिकृत कश्मीर के बाग़ ज़िले में गंगा चोटी पीर पंजाल शृंख्ला का एक प्रसिद्ध ३,०४४ मीटर (९,९८७ फ़ुट) ऊँचा पर्वत व पर्यटन-स्थल है। .

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भारतीय सैन्य अकादमी

इंडियन मिलिटरी ऐकडमी (भारतीय सैन्य अकादमी) भारतीय सेना के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए प्रमुख प्रशिक्षण स्कूल है। .

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मोहम्‍मद उस्मान

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान, एमवीसी (15 जुलाई 1912 - 3 जुलाई 1948) (जिन्हें उस्मान मोहम्मद भी कहा जाता है) 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैन्य अधिकारी थे। भारत के विभाजन के समय उन्होंने कई अन्य मुस्लिम अधिकारियों के साथ पाकिस्तान सेना में जाने से इनकार कर दिया और भारतीय सेना के साथ सेवा जारी रखी। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सैनिकों से लड़ते हुए 3 जुलाई 1948 में वो शहीद हो गए थे। तदोपरान्त उन्हें दुश्मन के सामने बहादुरी के लिए भारत के दूसरे सबसे बड़े सैन्य पदक महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। .

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जम्मू

जम्मू (جموں, पंजाबी: ਜੰਮੂ), भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू एवं कश्मीर में तीन में से एक प्रशासनिक खण्ड है। यह क्षेत्र अपने आप में एक राज्य नहीं वरन जम्मू एवं कश्मीर राज्य का एक भाग है। क्षेत्र के प्रमुख जिलों में डोडा, कठुआ, उधमपुर, राजौरी, रामबन, रियासी, सांबा, किश्तवार एवं पुंछ आते हैं। क्षेत्र की अधिकांश भूमि पहाड़ी या पथरीली है। इसमें ही पीर पंजाल रेंज भी आता है जो कश्मीर घाटी को वृहत हिमालय से पूर्वी जिलों डोडा और किश्तवार में पृथक करता है। यहाम की प्रधान नदी चेनाब (चंद्रभागा) है। जम्मू शहर, जिसे आधिकारिक रूप से जम्मू-तवी भी कहते हैं, इस प्रभाग का सबसे बड़ा नगर है और जम्मू एवं कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी भी है। नगर के बीच से तवी नदी निकलती है, जिसके कारण इस नगर को यह आधिकारिक नाम मिला है। जम्मू नगर को "मन्दिरों का शहर" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां ढेरों मन्दिर एवं तीर्थ हैं जिनके चमकते शिखर एवं दमकते कलश नगर की क्षितिजरेखा पर सुवर्ण बिन्दुओं जैसे दिखाई देते हैं और एक पवित्र एवं शांतिपूर्ण हिन्दू नगर का वातावरण प्रस्तुत करते हैं। यहां कुछ प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ भी हैं, जैसे वैष्णो देवी, आदि जिनके कारण जम्मू हिन्दू तीर्थ नगरों में गिना जाता है। यहाम की अधिकांश जनसंख्या हिन्दू ही है। हालांकि दूसरे स्थान पर यहां सिख धर्म ही आता है। वृहत अवसंरचना के कारण जम्मू इस राज्य का प्रमुख आर्थिक केन्द्र बनकर उभरा है। .

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जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर भारत के सबसे उत्तर में स्थित राज्य है। पाकिस्तान इसके उत्तरी इलाके ("पाक अधिकृत कश्मीर") या तथाकथित "आज़ाद कश्मीर" के हिस्सों पर क़ाबिज़ है, जबकि चीन ने अक्साई चिन पर कब्ज़ा किया हुआ है। भारत इन कब्ज़ों को अवैध मानता है जबकि पाकिस्तान भारतीय जम्मू और कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र मानता है। राज्य की आधिकारिक भाषा उर्दू है। जम्मू नगर जम्मू प्रांत का सबसे बड़ा नगर तथा जम्मू-कश्मीर राज्य की जाड़े की राजधानी है। वहीं कश्मीर में स्थित श्रीनगर गर्मी के मौसम में राज्य की राजधानी रहती है। जम्मू और कश्मीर में जम्मू (पूंछ सहित), कश्मीर, लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस राज्य का पाकिस्तान अधिकृत भाग को लेकर क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग कि॰मी॰ एवं उसे 1,38,124 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ के निवासियों अधिकांश मुसलमान हैं, किंतु उनकी रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं संस्कृति पर हिंदू धर्म की पर्याप्त छाप है। कश्मीर के सीमांत क्षेत्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिंक्यांग तथा तिब्बत से मिले हुए हैं। कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। .

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जम्मू–सियालकोट लाइन

जम्मू से सियालकोट की प्रथम रेलगाडी। १९वीं सदी का ''चित्र http://searchkashmir.org सर्चकश्मिर डॉट ओर्ग के सौजन्य से।'' विक्रम चौक में पुराना जम्मू स्टेशन। जम्मू–सियालकोट रेलवे लाइन की सियालकोट से होकर वज़ीराबाद, पंजाब से जम्मू जाने वाली छोटी लाइन की शाखा थी। इसका निर्माण 1897 में हुआ और जम्मू और कश्मीर की पहली रेलवे लाइन थी। जब तक यह परिवहन मार्ग खुला था तब तक यह व्यापार और वाणिज्य के लिए काम में लिया जाता था। यह मार्ग मुख्यतः चीनी और शक्कर के व्यापार के काम में लिया जाता था। यह मार्ग भारत के विभाजन के बाद बन्द हो गया – PRADEEP DUTTA.

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वैदूर्यरत्न

हीरा,मोती और जवाहरात में यह भी एक रत्न होता है, इसकी बनावट दुरंगा पत्थर की भांति होती है, अंग्रेजी में केट्स आई भी कहते है।शनि के दो शिष्य राहु और केतु माने जाते हैं,राहु शनि का मुख औरकेतु शनि की पूंछ मानी जाती है, जब जातक को साधारण कष्ट देना होता है, तो शनि केतु को जातक को प्रताडित करने का आदेश देता है, और बुराई या बुराई करने वाले जातक को खत्म करने का शनि मानस बनाता है तो यह राहु को आदेश देता है। श्रेणी:ज्योतिष श्रेणी:शनि देव.

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१९६५ का भारत-पाक युद्ध

१९६५ का भारत-पाक युद्ध उन मुठभेड़ों का नाम है जो दोनों देशों के बीच अप्रैल १९६५ से सितम्बर १९६५ के बीच हुई थी। इसे कश्मीर के दूसरे युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू और कश्मीर राज्य पर अधिकार के लिये बँटवारे के समय से ही विवाद चल रहा है। १९४७ में भारत-पाकिस्तान के बीच प्रथम युद्ध भी कश्मीर के लिये ही हुआ था। इस लड़ाई की शुरूआत पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को घुसपैठियों के रूप में भेज कर इस उम्मीद में की थी कि कश्मीर की जनता भारत के खिलाफ विद्रोह कर देगी। इस अभियान का नाम पाकिस्तान ने युद्धभियान जिब्राल्टर रखा था। पांच महीने तक चलने वाले इस युद्ध में दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गये। इस युद्ध का अंत संयुक्त राष्ट्र के द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के साथ हुआ और ताशकंद में दोनों पक्षों में समझौता हुआ। इस लड़ाई का अधिकांश हिस्सा दोनों पक्षों की थल सेना ने लड़ा। कारगिल युद्ध के पहले कश्मीर के विषय में कभी इतना बड़ा सैनिक जमावड़ा नहीं हुआ था। युद्ध में पैदल और बख्तरबंद टुकड़ियों ने वायुसेना की मदद से अनेक अभियानों में हिस्सा लिया। दोनो पक्षो के बीच हुए अनेक युद्धों की तरह इस युद्ध की अनेक जानकारियां दोनों पक्षों ने सार्वजनिक नहीं की। .

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