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परमाणु बम

सूची परमाणु बम

सन् १९४५ में जापान के नागासाकी पर गिराये बम से उत्पन्न कुकुरमुता के सदृश बादल - ये बादल बम के गिरने के स्थान से लगभग १८ किमी उपर तक उठे थे। नाभिकीय अस्त्र या परमाणु बम एक विस्फोटक युक्ति है जिसकी विध्वंसक शक्ति का आधार नाभिकीय अभिक्रिया होती है। यह नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) या नाभिकीय विखण्डन (nuclear fission) या इन दोनो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियों के सम्मिलन से बनाये जा सकते हैं। दोनो ही प्रकार की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप थोड़े ही सामग्री से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। आज का एक हजार किलो से थोड़ा बड़ा नाभिकीय हथियार इतनी ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है जितनी कई अरब किलो के परम्परागत विस्फोटकों से ही उत्पन्न हो सकती है। नाभिकीय हथियार महाविनाशकारी हथियार (weapons of mass destruction) कहे जाते हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध में सबसे अधिक शक्तिशाली विस्फोटक, जो प्रयुक्त हुआ था, उसका नाम 'ब्लॉकबस्टर' (blockbuster) था। इसके निर्माण में तब तक ज्ञात प्रबलतम विस्फोटक ट्राईनाइट्रोटोलुईन (TNT) का 11 टन प्रयुक्त हुआ था। इस विस्फोटक से 2000 गुना अधिक शक्तिशाली प्रथम परमाणु बम था जिसका विस्फोट टी.

80 संबंधों: ऊर्जा, ट्रांसयूरेनिक, डी एफ-41, द जेनेसिस ऑफ साउथ एशियन न्यूक्लियर डिटरेन्स पाकिस्तान्स परस्पेक्टिव, द्वितीय चीन-जापान युद्ध, द्वितीय विश्व युद्घ, द्वितीय विश्वयुद्ध काल की प्रौद्योगिकी, ध्वंसशीर्ष, नाभिकीय ऊर्जा, नाभिकीय पुनर्सन्साधन, नाभिकीय प्रचुरोद्भवन, नाभिकीय प्रौद्योगिकी, नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया, नाभिकीय संलयन, नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह, नाभिकीय कमान प्राधिकरण (भारत), नाभिकीय अभियांत्रिकी, नाभिकीय अभिक्रिया, नाभिकीय उर्जा, नागासाकी, परमाणु, परमाणु परीक्षण, परमाणु युद्ध, परमाणु अप्रसार संधि, पियारा सिंह गिल, प्लूटोनियम, पृथ्वी-समीप वस्तु, पी॰ के॰ अयंगार, बम, बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र, भारत, भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध, भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ, मैनहट्टन परियोजना, यूरेनियम, रसायन विज्ञान का इतिहास, रिचर्ड फिलिप्स फाइनमेन, रोडरनर, लिटिल बॉय, लेबर पार्टी, शस्त्र, शौर्य प्रक्षेपास्त्र, सडाको ससाकी, समकालीन, सलीमा हाशमी, संवर्धित यूरेनियम, सुपरमैन II, सोवियत संघ, हथियारों का इतिहास, हिरोशिमा, ..., हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी, जनरल इलेक्ट्रिक, जर्मनी का इतिहास, जापान का इतिहास, जिन्को बाइलोबा, जेम्स कैमरून, वायु प्रदूषण, विद्युत, विस्फोटक, विखण्डन, खाड़ी युद्ध, ग्राहम का विसरण का नियम, गूगल धरती, ऑपरेशन ओपेरा, कारगिल युद्ध, किलाबंदी, कृष्णास्वामी सुंदरजी, केन्ज़ाबुरो ओए, कोरिया का इतिहास, उचकुदुक, १३ जुलाई, १६ जुलाई, १९४५, १९५३, १९९१ बीए, २९ अगस्त, ८ मार्च, 2013 बोहोल भूकम्प, 2016 के उत्तर कोरियाई परमाणु परीक्षण, 2016 उड़ी हमला सूचकांक विस्तार (30 अधिक) »

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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ट्रांसयूरेनिक

आवर्त सारणी में अत्यंत भारी (ट्रांस-यूरेनिक तत्त्वों का स्थान अत्यंत रेडियोधर्मी तत्त्व। इनके बारे में बहुत कम ज्ञात है, इनकी अत्यंत अस्थिरता और रेडियोधर्मिता के कारण यूरेनियमोत्तर तत्व या परायूरेनियम तत्व या ट्रांसयूरेनिक तत्त्व (Transuranic elements) वे रासायनिक तत्त्व हैं, जिनका परमाणु भार ९२ से अधिक होता है। ९२, यूरेनियम का परमाणु भार है। अतः ये सभी आवर्त सारणी में यूरेनियम के बाद आते हैं। इनमें से कोई भी तत्त्व स्थिर नहीं होता है, व रेडियोधर्मी क्षय के उपरांत अन्य छोटे तत्त्वों में बदल जाते हैं। आवर्त सारणी (Periodic table) को देखने से ज्ञात होगा कि प्रकृति में पाए जानेवाले तत्वों में यूरेनियम सबसे भारी है और इसकी परमाणु संख्या 92 है, परंतु कुछ ऐसे मनुष्यनिर्मित तत्व भी हैं जिनकी परमाणु संख्या 92 से अधिक है। इन तत्वों को हम यूरेनियमोत्तर तत्व, या परायूरेनियम तत्व, कहते हैं। ये सारे तत्व अस्थिर तथा रेडियोऐक्टिव गुण के हैं। इनकी खोज तत्वांतरण (transmutation) क्रियाओं द्वारा हुई और ये यूरेनियम तत्व से निर्मित किए गए। रासायनिक गुणों में इनमें बहुत समानता है, जिससे इन्हें एक्टिनाइड (actinide) श्रेणी में रखा जाता है। यूरेनियमोत्तर तत्वों में प्लूटोनियम का महत्वपूर्ण स्थान है। इसका आरंभ में ही उपयोग परमाणु बम में हो चुका था और 1950 ई0 से पूर्व ही इसका उत्पादन भी अधिक मात्रा में हो चुका था। इससे उच्च परमाणु संख्या वाले तत्व अधिक अस्थिर होते तत्वों के समस्थानिक इतने अस्थिर हैं कि उनके रासायनिक प्रयोग रासायनिक गुण विरल मृदाओं (rare earths), या लैंथेनाइड (Lanthhanide) तत्वों से मिलते-जुलते हैं। यदि भविष्य में 104, या इससे अधिक परमाणु संख्या के तत्वों का निर्माण संभव हो सका, तो उनके गुण इनसे भिन्न होंगे। वे क्रमश: चौथे, पाँचवें, छठे आदि समूहों के तत्वों के समान होंगे। .

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डी एफ-41

डोंगफेंग -41 (चीनी: 东风-41; शाब्दिक अर्थ: "पुरवाई -41") चीन में विकसित की जा रही एक मिसाइल है। यह ठोस ईंधन से चलने वाली, रोड-मोबाइल, अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक परमाणु मिसाइल हैं। डोंगफेंग-41 कई वारहेड ले जाने में सक्षम एक चीनी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। डोंगफेंग-41 एक समय में 10 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल 12,000 से करीब 15,000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं। .

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द जेनेसिस ऑफ साउथ एशियन न्यूक्लियर डिटरेन्स पाकिस्तान्स परस्पेक्टिव

पाकिस्तान के रणनीतिक योजना प्रखंड में शस्त्र नियंत्रण और निशस्त्रीकरण के पूर्व निदेशक ब्रिगेडियर नईम अहमद सालिक द्वारा लिखी गई इस पुस्तक का प्रकाशन 2009 में हुआ। उन्होंने इसमें दावा किया है कि पाकिस्तान द्वारा परमाणु बम के परीक्षण का उद्देश्य दक्षिण एशिया में एक बार फिर से सामरिक संतुलन को बहाल करना था। उन्होंने इसमें इसका भी खुलासा किया है कि देश के तत्कालीन वित्त मंत्री सरताज अजीज ने परमाणु बम के परीक्षण का विरोध किया था। श्रेणी:पुस्तक.

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द्वितीय चीन-जापान युद्ध

द्वितीय चीन-जापान युद्ध चीन तथा जापान के बीच 1937-45 के बीच लड़ा गया था। 1945 में अमेरिका द्वारा जापान पर परमाणु बम गिराने के साथ ही जापान ने समर्पण कर दिया और युद्ध की समाप्ति हो गई। इसके परिणामस्वरूप मंचूरिया तथा ताईवान चीन को वापस सौंप दिए गए जिसे जापान ने प्रथम चीन-जापान युद्ध में उससे लिया था। 1941 तक चीन इसमें अकेला रहा। 1941 में जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर किए गए आक्रमण के बाद यह द्वितीय विश्व युद्ध का अंग बन गया। .

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द्वितीय विश्व युद्घ

विश्व युद्ध II, अथवा द्वितीय विश्व युद्ध, (इसको संक्षेप में WWII या WW2 लिखते हैं), ये एक वैश्विक सैन्य संघर्ष था जिसमें, सभी महान शक्तियों समेत दुनिया के अधिकांश देश शामिल थे, जो दो परस्पर विरोधी सैन्य गठबन्धनों में संगठित थे: मित्र राष्ट्र एवं धुरी राष्ट्र.इस युद्ध में 10 करोड़ से ज्यादा सैन्य कर्मी शामिल थे, इस वजह से ये इतिहास का सबसे व्यापक युद्ध माना जाता है।"पूर्ण युद्ध" की अवस्था में, प्रमुख सहभागियों ने नागरिक और सैन्य संसाधनों के बीच के अंतर को मिटा कर युद्ध प्रयास की सेवा में अपनी पूरी औद्योगिक, आर्थिक और वैज्ञानिक क्षमताओं को झोक दिया। इसमें सात करोड़ से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश साधारण नागरिक थे, इसलिए इसको मानव इतिहास का सबसे खूनी संघर्ष माना जाता है। युद्ध की शुरुआत को आम तौर पर 1 सितम्बर 1939 माना जाता है, जर्मनी के पोलैंड के ऊपर आक्रमण करने और परिणामस्वरूप ब्रिटिश साम्राज्य और राष्ट्रमंडल के अधिकांश देशों और फ्रांस द्वारा जर्मनी पर युद्ध की घोषणा के साथ.

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द्वितीय विश्वयुद्ध काल की प्रौद्योगिकी

१६ जुलाई १९४५ का ट्रिनिटी विस्फोट: इससे परमाणु बम के युग का आरम्भ हुआ। जर्मन एनिग्मा: कूट का रहस्य खोज निकालने वाली मशीन प्रौद्योगिकी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम को बहुत हद तक प्रभावित और निर्धारित किया। द्वितीय विश्वयुद्ध में बाहर आयी प्रौद्योगिकी का अधिकांश हिस्सा १९२० और १९३० के बीच विकसित किया गया था। लगभग हर प्रकार की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हुआ था जिसमें से प्रमुख हैं-.

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ध्वंसशीर्ष

एक रासायनिक ध्वंसशीर्ष का प्रदर्शन मॉडल मिसाइल, रॉकेट, या टॉरपीडो से किसी जगह पर गिराये जाने वाले विस्फोटक या विषाक्त पदार्थ को ध्वंसशीर्ष (वारहेड) कहते हैं। .

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नाभिकीय ऊर्जा

इकाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, एक दबावयुक्त जल रिएक्टर जो समुद्र के साथ माध्यमिक शीतलक विनिमय द्वारा ठंडा करता है। सुसक्युहाना वाष्प विद्युत् केंद्र, एक उबलता जल रिएक्टर. रिएक्टर, शीतलक टावरों के सामने की ओर आयताकार रोकथाम इमारतों के अंदर स्थित हैं। परमाणु ऊर्जा चालित तीन जहाज, (ऊपर से नीचे) परमाणु क्रूजर USS बेनब्रिज और USS लोंग ब्रिज, USS इंटरप्राइज़ के साथ जो 1964 में पहला परमाणु संचालित विमान वाहक. चालक दल के सदस्य, उड़ान डेक पर आइंस्टीन के द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता सूत्र को लिख रहे हैं E.

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नाभिकीय पुनर्सन्साधन

नाभिकीय पुनर्सन्साधन (nuclear reprocessing) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा विखण्ड-योग्य (fissionable) प्लूटोनियम और यूरेनियम को पहले से ही प्रयोग किये गये नाभिकीय ईन्धन से अलग किया जाता है। यह एक ख़तरनाक और कठिन प्रक्रिया है। नाभिकीय पुनर्सन्साधन द्वारा मिले प्लूटोनियम व यूरेनियम को फिर से नाभिकीय ईन्धन की तरह प्रयोग किया जा सकता है लेकिन इस से परमाणु हथियार भी बनाये जा सकते हैं। .

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नाभिकीय प्रचुरोद्भवन

नाभिकीय हथियारों, विखण्डनीय नाभिकीय पदार्थों, हथियारों में प्रयोग आने वाली नाभिकीय प्रौद्योगिकी तथा जानकारी का 'नाभिकीय हथियार देशों' से 'अनाभिकीय हथियार देशों' में प्रसार होना नाभिकीय प्रचुरोद्भवन (Nuclear proliferation) कहलाता है। श्रेणी:नाभिकीय हथियार.

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नाभिकीय प्रौद्योगिकी

नाभिकीय औषधि: पॉजि़ट्रान उत्सर्जन टोमोग्राफी (PET) उन सभी प्रौद्योगिकियों को नाभिकीय प्रौद्योगिकी (Nuclear technology) कहते हैं जिनमें कोई नाभिकीय अभिक्रिया सम्मिलित हो। नाभिकीय ऊर्जा, नाभिकीय औषधि, परमाणु हथियार आदि नाभिकीय प्रौद्योगिकी के प्रमुख उदाहरण हैं। वास्तव में नाभिकीय प्रौद्योगिकी का क्षेत्र बहुत विस्तृत हो चुका है तथा यह धूम संसूचक (smoke detectors) से लेकर नाभिकीय रिएक्टर और परमाणु अस्त्रों तक फैली हुई है। .

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नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया

नाभिकीय विखण्डन का एक सम्भावित चित्र जब कोई नाभिकीय अभिक्रिया औसतन उसी तरह की एक या एक से अधिक अन्य नाभिकीय अभिक्रियाओं को सम्भव करती है तो इसे नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया (nuclear chain reaction) कहते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि यह अभिक्रिया स्वयंचालित (self-propagating) या स्वावलम्बी (self sustaining) हो जाती है। 235U आदि भारी नाभिकों का विखण्डन (fission) नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया का प्रमुख उदाहरण है। परमाणु बम एवं परमाणु भट्ठी इसी अभिक्रिया के परिणामस्वरूप कार्य करते हैं। इसी प्रकार दो हल्के नाभिकों जैसे 2H एवं 3H के संलयन (fusion) की अभिक्रिया भी एक नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया है। यही शृंखला अभिक्रिया सूर्य की गर्मी एवं उर्जा का कारण है। .

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नाभिकीय संलयन

publisher.

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नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह

भूरे (Gray) रंग के क्षेत्र एनएसजी के सदस्य देश हैं। नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह (Nuclear Suppliers Group (NSG)) बहुत से देशों का एक समूह है जो नाभिकीय निरस्त्रीकरण (nuclear disarmament) के लिये प्रयासरत है। इस कार्य के लिये यह समूह नाभिकीय शस्त्र बनाने योग्य सामग्री के निर्यात एवं पुनः हस्तान्तरण को नियन्त्रित करता है। इसका वास्तविक लक्ष्य यह है कि जिन देशों के पास नाभिकीय क्षमता नहीं है वे इसे अर्जित न कर सकें। यह समूह ऐसे परमाणु उपकरण, सामग्री और टेक्नोलॉजी के निर्यात पर रोक लगाता है जिसका प्रयोग परमाणु हथियार बनाने में होना है और इस प्रकार यह परमाणु प्रसार को रोकता है। .

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नाभिकीय कमान प्राधिकरण (भारत)

भारत की नाभिकीय कमान प्राधिकरण (Nuclear Command Authority (NCA)) भारत के परमाणु हथियारों के कमान, नियंत्रण एवं संचालन से सम्बन्धित निर्णयों के लिये निर्मित प्राधिकरण है। .

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नाभिकीय अभियांत्रिकी

नाभिकीय ऊर्जा संयन्त्र B-61 bomb नाभिकीय अभियांत्रिकी (Nuclear engineering), इंजिनियरी की वह शाखा है जो नाभिक के विखण्डन (fission) एवं संलयन (fusion) के उपयोगों से सम्बन्धित है। नाभिकीय विखण्दन के अन्तर्गत परमाणु रिएक्टर, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र, तथा/या परमाणु हथियार आदि आते हैं। इसी के अन्तर्गत आयनकारी विकिरण के चिकित्सीय एवं अन्य उपयोग, नाभिकीय सुरक्षा, ऊष्मा का संचरण, नाभिकीय ईंधन, रेडियोसक्रिय कचरे का निपटान (radioactive waste disposal), तथा नाभिकीय प्रचुरोद्भवन से संबन्धित खतरे आते हैं। .

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नाभिकीय अभिक्रिया

लिथियम-६ एवं ड्युटिरियम के नाभिकों की अभिक्रिया नाभिकीय अभिक्रिया वह प्रक्रम है जिसमें में दो नाभिक या नाभिकीय कण आपस में टक्कर करने के बाद नये उत्पाद बनाते हैं। सिद्धांततः नाभिकीय अभिक्रिया में दो से अधिक नाभिक भी भाग ले सकते हैं किन्तु दो से अधिक नाभिकों के एक ही समय पर टकराने की प्रायिकता बहुत कम होती है, इसलिये ऐसी अभिक्रियाएं अत्यन्त कम होती हैं। Li-6 + H-2 -> n + He .

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नाभिकीय उर्जा

एक दाबित जल परमाणु रिएक्टर नियंत्रित नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणामस्वरूप प्राप्त उर्जा नाभिकीय उर्जा या परमाणु उर्जा कहलाती है। दो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियाओं से नाभिकीय उर्जा प्राप्त हो सकती है - नाभिकीय संलयन एवं नाभिकीय विखंडन। किन्तु वर्तमान समय में सभी वाणिज्यिक परमाणु-उर्जा इकाइयाँ नाभिकीय विखंडन पर ही आधारित हैं। सन् २००९ में विश्व की संपूर्ण विद्युत शक्ति का १३-१४% भाग नाभिकीय उर्जा से प्राप्त हुआ। .

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नागासाकी

250px नागासाकी (長崎市) जापान का एक शहर है। यह वही शहर है जो बम गिरने से तबाह हुआ था। नागासाकी का मतलब "लम्बा प्रायद्वीप" है। वह दक्षिण पश्चिम क्यूशू द्वीप में समुद्र के किनारे पर है। वह दूसरा शहर है जिसपर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में अमरीका ने परमाणु बम गिराया था। नागासाकी की आबादी (२००४) ४,४७,४१९ है और उसका क्षेत्रफल ४०६.३५ km² है। .

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परमाणु

एक परमाणु किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक रासायनिक तत्व के गुण होते हैं। हर ठोस, तरल, गैस, और प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 100 pm (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं। हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं। परमाणुओं इतने छोटे है कि शास्त्रीय भौतिकी इसका काफ़ी गलत परिणाम देते हैं। हर परमाणु नाभिक से बना है और नाभिक एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन्स से सीमित है। नाभिक आम तौर पर एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन और प्रोटॉन की एक समान संख्या से बना है। प्रोटान और न्यूट्रान न्यूक्लिऑन कहलाता है। परमाणु के द्रव्यमान का 99.94% से अधिक भाग नाभिक में होता है। प्रोटॉन पर सकारात्मक विद्युत आवेश होता है, इलेक्ट्रॉन्स पर नकारात्मक विद्युत आवेश होता है और न्यूट्रान पर कोई भी विद्युत आवेश नहीं होता है। एक परमाणु के इलेक्ट्रॉन्स इस विद्युत चुम्बकीय बल द्वारा एक परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की ओर आकर्षित होता है। नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक अलग बल, यानि परमाणु बल के द्वारा एक दूसरे को आकर्षित करते है, जोकि विद्युत चुम्बकीय बल जिसमे सकारात्मक आवेशित प्रोटॉन एक दूसरे से पीछे हट रहे हैं, की तुलना में आम तौर पर शक्तिशाली है। परमाणु के केन्द्र में नाभिक (न्यूक्लिअस) होता है जिसका घनत्व बहुत अधिक होता है। नाभिक के चारो ओर ऋणात्मक आवेश वाले एलेक्ट्रान चक्कर लगाते रहते हैं जिसको एलेक्ट्रान घन (एलेक्ट्रान क्लाउड) कहते हैं। नाभिक, धनात्मक आवेश वाले प्रोटानों एवं अनावेशित (न्यूट्रल) न्यूट्रानों से बना होता है। जब किसी परमाणु में एलेक्ट्रानों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटानों की संख्या के समान होती है तब परमाणु वैद्युकीय दृष्टि से अनावेशित होता है; अन्यथा परमाणु धनावेशित या ऋणावेशित ऑयन के रूप में होता है। आधुनिक रसायनशास्त्र में शताधिक मूल भूत माने गए हैं, जिनमें से कुछ तो धातुएँ हैं जैसे ताँबा, सोना, लोहा, सीसा, चाँदी, राँगा, जस्ता; कुछ और खनिज हैं, जैसे, गंधक, फासफरस, पोटासियम, अंजन, पारा, हड़ताल, तथा कुछ गैस हैं, जैसे, आक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन आदि। इन्हीं मूल भूतों के अनुसार परमाणु आधुनिक रसायन में माने जाते हैं। पहले समझा जाता था कि ये अविभाज्य हैं। अब इनके भी टुकड़े कर दिए गए हैं। नाभिक में प्रोटॉन की संख्या किसी रासायनिक तत्व को परिभाषित करता है: जैसे सभी तांबा के परमाणु में 29 प्रोटॉन होते हैं। न्यूट्रॉन की संख्या तत्व के समस्थानिक को परिभाषित करता है। इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक परमाणु के चुंबकीय गुण को प्रभावित करता है। परमाणु अणु के रूप में रासायनिक यौगिक बनाने के लिए रासायनिक आबंध द्वारा एक या अधिक अन्य परमाणुओं को संलग्न कर सकते हैं। परमाणु की संघटित और असंघटित करने की क्षमता प्रकृति में हुए बहुत से भौतिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है, और रसायन शास्त्र के अनुशासन का विषय है। .

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परमाणु परीक्षण

२७ मार्च, १९५४ को अमरीका द्वारा किये गये कैसल रोमियो नाभिकीय परीक्षण का चित्र "बेकर शॉट", संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया ऑपरेशन क्रॉसरोड्स अभियान का एक भाग, १९४६ नाभिकीय अस्त्र परीक्षण (अंग्रेज़ी:Nuclear weapons tests) या परमाण परीक्षण उन प्रयोगों को कहते हैं जो डिजाइन एवं निर्मित किये गये नाभिकीय अस्त्रों के प्रभाविकता, उत्पादकता एवं विस्फोटक क्षमता की जाँच करने के लिये किये जाते हैं। परमाणु परीक्षणों से कई जानकारियाँ प्राप्त होतीं हैं; जैसे - ये नाभिकीय हथियार कैसा काम करते हैं; विभिन्न स्थितियों में ये किस प्रकार का परिणाम देते हैं; भवन एवं अन्य संरचनायें इन हथियारों के प्रयोग के बाद कैसा बर्ताव करतीं हं। सन् १९४५ के बाद बहुत से देशों ने परमाणु परीक्षण किये। इसके अलावा परमाणु परीक्षणों से वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सैनिक शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश भी की जाती है। .

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परमाणु युद्ध

जिस युद्ध में शत्रु को नुकसान पहुँचाने के लिये परमाणु हथियारों का उपयोग किया जाता है उसे परमाणु युद्ध या नाभिकीय युद्ध (atomic warfare या Nuclear warfare) कहते हैं। श्रेणी:युद्ध.

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परमाणु अप्रसार संधि

परमाणु अप्रसार संधि (अंग्रेज़ी:नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी) को एनपीटी के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य विश्व भर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ परमाणु परीक्षण पर अंकुश लगाना है। १ जुलाई १९६८ से इस समझौते पर हस्ताक्षर होना शुरू हुआ। अभी इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके देशों की संख्या १९0 है। जिसमें पांच के पास आण्विक हथियार हैं। ये देश हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। सिर्फ पांच संप्रभुता संपन्न देश इसके सदस्य नहीं हैं। ये हैं- भारत, इजरायल, पाकिस्तान द.सुदान और उत्तरी कोरिया। एनपीटी के तहत भारत को परमाणु संपन्न देश की मान्यता नहीं दी गई है। जो इसके दोहरे मापदंड को प्रदर्शित करती है। इस संधि का प्रस्ताव आयरलैंड ने रखा था और सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाला राष्ट्र है फिनलैंड। इस संधि के तहत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र उसे ही माना गया है जिसने १ जनवरी १९६७ से पहले परमाणु हथियारों का निर्माण और परीक्षण कर लिया हो। इस आधार पर ही भारत को यह दर्जा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं प्राप्त है। क्योंकि भारत ने पहला परमाणु परीक्षण १९७४ में किया था। उत्तरी कोरिया ने इस सन्धि पर हस्ताक्षर किये, इसका उलंघन किया और फिर इससे बाहर आ गया। .

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पियारा सिंह गिल

पियारा सिंह गिल एक महान भारतीय नाभिकीय भौतिकशास्त्री थे जो ब्रह्मांडीय किरण नाभिकीय भौतिकी में अग्रणी थे। इन्होने अमेरिका की मैनहट्टन परियोजना में काम किया था। इसी परियोजना ने विश्व के प्रथम परमाणु बम और इसकी तकनीक की खोज की थी। वह केंद्रीय वैज्ञानिक - यंत्र संगठन (भारत) मे पहले निद्रेशक रहे। उनिवरसीटि औफ छिकागो (1940) मे अध्येता रहे। वह टाटा इन्सटिठ्युट औफ फंड्म्नतल रिस्र्च (1947) मे अनुसंधान प्रोफेसरशिप के साथी रहे और् परमाणु ऊर्जा आयोग नई दिल्ली के साथ काम किया। उन्होने अपनें वैज्ञानिक जीवन में विभिन्न स्ंस्थानों में कायृ करके भारत के वैज्ञानिक कायृक्रमों को गति प्रदान की। १९५०-१९६० मे गिल, भारत की परमाणु हथियार रणनीति मे नेहरु जी के सल्हाकार रह चुके है। रॉबर्ट ओप्पेन्हेइमेर गिल के सहयोगी और दोस्त थे, मेनहेतन प्रोज्ट मे साथ काम किया। .

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प्लूटोनियम

प्लूटोनियम एक दुर्लभ ट्रांसयूरेनिक रेडियोधर्मी तत्त्व है। इसका रासायनिक प्रतीक Pu और परमाणु भार ९४ होता है। प्लूटोनियम के छः अपरूप होते हैं। यह एक ऐक्टिनाइड तत्त्व है जो दिखने में रुपहले श्वेत (सिल्वर व्हाइट) रंग का होता है। प्लूटोनियम-२३८ का अर्धायु काल ८७.७४ वर्ष होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। १० दिसम्बर २००९ प्लूटोनियम-२३९, प्लूटोनियम का एक महत्वपूर्ण समस्थानिक है जिसकी अर्धायु काल २४,१०० वर्ष होता है। प्लूटोनियम-२४४, प्लूटोनियम का सर्वाधिक स्थाई समस्थानिक होता है। इसका अर्धायु काल ८ करोड़ वर्ष होता है। .

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पृथ्वी-समीप वस्तु

४३३ इरोस, एक पृथ्वी-समीप वस्तु ४१७९ तूतातिस, एक ४ किमी लम्बा पृथ्वी-समीप क्षुद्रग्रह पृथ्वी-समीप वस्तु (Near-Earth object) हमारे सौर मंडल में मौजूद ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जो सूरज के इर्द-गिर्द ऐसी कक्षा (ऑरबिट) में परिक्रमा कर रही हो जो उसे समय-समय पर पृथ्वी के समीप ले आती हो। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ की परिभाषा के अनुसार ऐसी वस्तुओं को ही पृथ्वी-समीप कहा जाता है जो अपनी परिक्रमा-पथ में किसी बिन्दु पर सूरज से १.३ खगोलीय ईकाई की दूरी या उस से भी समीप आती हो। सन् २०१५ तक ज्ञात​ पृथ्वी-समीप वस्तुओं की सूची में १०,००० से अधिक पृथ्वी-समीप क्षुद्रग्रह (ऐस्टेरोयड), पृथ्वी-समीप धूमकेतु, सूरज की परिक्रमा करते कई अंतरिक्ष यान और पृथ्वी से दिख सकने वाले उल्का शामिल हैं। वैज्ञानिक मत अब यह बात स्वीकारता है कि ऐसी पृथ्वी-समीप वस्तुएँ हमारे ग्रह से अरबों वर्षों से टकराती आई हैं और उनके इन प्रहारों से पृथ्वी पर अक्सर महान बदलाव आएँ हैं। .

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पी॰ के॰ अयंगार

पद्मनाभन कृष्णगोपाल अयंगार (29 जून 1931 – 21 दिसम्बर 2011) भारत के गणमान्य परमाणु वैज्ञानिक थे। वे भारत के प्रथम परमाणु बम परीक्षण के सूत्रधार थे। वे भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (BARC) के निदेशक और उसके बाद परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष रहे। वे भारत-अमेरिका असैनिक नाभिकीय सहयोग के विरुद्ध बोलने वालों में अग्रणी थे। उनका मत था कि यह समझौता अमेरिका का अधिक हित साधता है। .

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बम

विशाल आयुध एयर ब्लास्ट (मोआब) संयुक्त राज्य अमेरिका में उत्पादित बम दुनिया का एक सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बमें हैं। बम विस्फोटक उपकरणों का कोई एक प्रकार है, जो आमतौर पर एक अत्यंत तेज और प्रबल उर्जा निर्गमन उत्पन्न करने के लिए विस्फोटक सामग्री की उष्माक्षेपी (एक्सोथर्मिक) रासायनिक प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है। यह शब्द ग्रीक शब्द βόμβος (बम्बोस) से आया है, यह एक अनुकरणात्मक शब्द है, जिसका अर्थ अंग्रेजी के 'बूम' शब्द के लगभग समान है। एक परमाणु हथियार बहुत बड़े परमाणु-आधारित विस्फोट को करने के लिए रसायनिक-आधारित विस्फोटकों का प्रयोग करता है। "बम" शब्द को आमतौर पर नागरिक उद्देश्यों जैसे निर्माण या खनन के लिए प्रयोग की जाने वाली विस्फोटक उपकरणों पर लागू नहीं किया जाता है, यद्यपि लोग इन उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए इसे बम के रूप में संदर्भित करते हैं। सैन्य में "बम" या विशेष रूप से हवाई बम इस शब्द का प्रयोग आमतौर पर हवा से गिराये गए बम के संदर्भ में होता है, यह एक संचालनरहित विस्फोटक हथियार है जिसका सबसे ज्यादा प्रयोग वायु सेना और नौसेना के विमानन द्वारा किया जाता हैं। अन्य सैन्य विस्फोटक हथियार जिन्हें "बम" के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया हैं उनमें ग्रेनेड, गोला (शेल्स), जलबम (पानी में प्रयुक्त), स्फोटक शीर्ष जब मिसाइलों में रहती हैं, या बारूदी सुरंग शामिल हैं। अपरंपरागत युद्ध में, "बम" को आक्रामक हथियार के रूप में या विस्फोटक उपकरणों के असीमित कोई एक प्रकार के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। .

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बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र

पहली बैलिस्टिक मिसाइल V-2 का रेखाचित्र तकनीकी दृष्टि से बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र या बैलिस्टिक मिसाइल (ballistic missile) उस प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं जिसका प्रक्षेपण पथ सब-आर्बिटल बैलिस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (प्राय: नाभिकीय अस्त्र) को किसी पूर्वनिर्धारित लक्ष्य पर दागने के लिये किया जाता है। यह मिसाइल अपने प्रक्षेपण के प्रारम्भिक चरण में ही केवल गाइड की जाती है; उसके बाद का पथ कक्षीय यांत्रिकी (या आर्बिटल मेकैनिक्स) के सिद्धान्तों एवं बैलिस्टिक्स के सिद्धान्तों से निर्धारित होता है। अभी तक इन्हें रासायनिक रॉकेट इंजनों के द्वारा प्रणोदित (प्रोपेल) किया जाता है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध

भारत (हरा) तथा संयुक्त राज्य अमेरिका (केशरिया) भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध से आशय भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध से है। यद्यपि भारत १९६१ में गुट निरपेक्ष आन्दोलन की स्थापना करने वाले देशों में प्रमुख था किन्तु शीत युद्ध के समय उसके अमेरिका के बजाय सोवियत संघ से बेहतर सम्बन्ध थे। .

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भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी हैं। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्रिमंडल के पास होता है। इसका निर्वहन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना और इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र बलों भारतीय तटरक्षक बल और अर्धसैनिक संगठनों (असम राइफल्स, और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) और विभिन्न अंतर-सेवा आदेशों और संस्थानों में इस तरह के सामरिक बल कमान अंडमान निकोबार कमान और समन्वित रूप से समर्थन कर रहे हैं डिफेंस स्टाफ। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर है। भारतीय सशस्त्र बलों भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) के प्रबंधन के तहत कर रहे हैं। 14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ,यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है। अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ जैसे: भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि। भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं। यह दुनिया के सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। सँख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की सँख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है। जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है, भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है। भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध 1948, 1965, तथा 1971 में लड़े हैं जबकि एक बार चीन से 1962 में भी युद्ध हुआ है। इसके अलावा 1999 में एक छोटा युद्ध कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ दुबारा लड़ा गया। भारतीय सेना परमाणु हथियार, उन्नत अस्त्र-शस्त्र से लैस है और उनके पास उचित मिसाइल तकनीक भी उपलब्ध है। हलांकि भारत ने पहले परमाणु हमले न करने का संकल्प लिया हुआ है। भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है। .

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मैनहट्टन परियोजना

द्वितीय विश्व युद्ध के समय पहला परमाणु बम बनाने के लिये अमेरिका ने जो परियोजना चलायी थी उससका नाम मैहट्टन परियोजना (Manhattan Project) था। इसमें यूएसए, यूके एवं कनाडा शामिल थे। .

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यूरेनियम

यूरेनियम आवर्त सारणी की एक अंतर्वर्ती श्रेणी, ऐक्टिनाइड श्रेणी (actinide series), का तृतीय तत्व है। इस श्रेणी में आंतरिक इलेक्ट्रॉनीय परिकक्षा (5 परिकक्षा) के इलेक्ट्रॉन स्थान लेते हैं। प्रकृति में पाए गए तत्वों में यह सबसे भारी तत्व है। कुछ समय पहले तक इस तत्व को छठे अंतर्वर्ती समूह का अंतिम तत्व माना जाता था। .

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रसायन विज्ञान का इतिहास

रसायन विज्ञान का इतिहास बहुत पुराना है। १००० ईसापूर्व में प्राचीन सभ्यताओं के लोग ऐसी प्राविधियों काo.

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रिचर्ड फिलिप्स फाइनमेन

right रिचर्ड फिलिप्स फाइनमेन (11 मई, 1918 – 15 फरवरी, 1988) बीसवी शताब्दी के अन्तिम भाग के सबसे चर्चित वैज्ञानिक थे। वे 1966 मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हुए। बीसवीं शताब्दी के बीच मे अच्छे विश्वविद्यालयों मे भौतिक शास्त्र को पढ़ाये जाने के तरीके पर विवाद चल रहा था।.

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रोडरनर

कंप्यूटर बनाने वाली शीर्ष कंपनी आईबीएम दुनिया का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर बना रही है जो प्रति सेकेंड में 1.6 हज़ार खरब तक गणना करने में सक्षम होगा। कंपनी ने इसका नाम 'रोडरनर' रखा है और इसे अमरीकी शहर न्यू मेक्सिको की लॉस अलामोस प्रयोगशाला में तैयार किया जाएगा.

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लिटिल बॉय

द्वितीय विश्वयुद्ध के समय ६ अगस्त १९४५ को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर जो परमाणु बम गिराया था उसका कूट नाम लिटिल बॉय था। श्रेणी:परमाणु अस्त्र.

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लेबर पार्टी

लेबर पार्टी ब्रिटेन की एक सेंटर - लेफ्ट यानि (उदार वामपंथी विचारधारा वाली) राजनीतिक पार्टी है। इसका जन्म उन्नीसवीं शताब्दी के मजदूर संगठनो के आंदोलन और समाजवादी राजनैतिक दलों के उदय के साथ हुआ जिसे उदार गिरिजाघर (ब्रॉड चर्च) कह के परिभाषित किया गया। इस दल की विचारधारा बहुत विस्तृत है जिसमें प्रखर समाजवाद से लेकर उदारवादी समाजवादी लोकतंत्र की विचारधारा शामिल हैं। १९०० में बनने के बाद लेबर पार्टी ने शुरुवाती १९२० के आम चुनावों में उस समय की लिब्रल पार्टी की जगह ले ली और रामसे मैक्डोनाल्ड के नेतृत्व में १९२४ और १९२९-३१ के दौरान अल्पमत की सरकारें बनाईं। १९४०-४५ के दौरान यह दल चर्चिल युद्ध मंत्रालय (Churchill war ministry) का हिस्सा रहा जिसके बाद इसने क्लीमेंट ऐट्टली के नेतृत्व में बहुमत की सरकार बनाई। लेबर दल १९६४-७० के दौरान हैरॉल्ड विल्सन के नेतृत्व वाले पहले विल्सन मंत्रीमंडल का भी हिस्सा रहा। इसके बाद 1974 से 1979, पहले विल्सन और फिर जेम्स कैलेघन के नेतृत्व में सरकार में रही। लेबर पार्टी 1997 और 2010 के दौरान टोनी ब्लेयर और गौर्डन ब्राउन के नेतृत्व में १७९ सीटों से घटकर २००१ के आम चुनावों में १६७ और फिर २००५ के चुनावों में ६६ सीटों के साथ अंतिम स्थान पर आती रही। २०१० के आम चुनावों में २५८ सीटें और २०१५ के आम चुनावों में २३२ सीटें जीतकर यह पार्टी अब ब्रिटेन की संसद में आधिकारिक विपक्ष की भूमिका निभा रही है। वेल्श के सदन में लेबर पार्टी की अल्पमत की सरकार है जबकि स्कॉटिश संसद में यह मुख्य विपक्ष की भूमिका में है और यूरोपीय संसद में इसके २० सांसद हैं जो प्रोग्रेसिव एलाएंस ऑफ सोसलिस्ट्स एंड डेमोक्रेट्स समूह के साथ बैठते हैं। लेबर दल यूरोपीय समाजवादी दल और प्रोग्रेसिव एलाएंस (अंतर्राष्ट्रीय) का एक पूर्णकालिक सदस्य है। और सोशलिस्ट इंटरनैशनल में पर्यवेक्षक की भूमिका निभा रहा है। दल के वर्तमान नेता हैरिएट हर्मन हैं जो ८ मई २०१५ को एड मिलिबैंड के त्यागपत्र देने के बाद चुने गए हैं। .

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शस्त्र

भारत में प्रयुक्त मध्ययुगीन हथियार कोई भी उपकरण जिसका प्रयोग अपने शत्रु को चोट पहुँचाने, वश में करने या हत्या करने के लिये किया जाता है, शस्त्र या आयुध (weapon) कहलाता है। शस्त्र का प्रयोग आक्रमण करने, बचाव करने अथवा डराने-धमकाने के लिये किया जा सकता है। शस्त्र एक तरफ लाठी जितना सरल हो सकता है तो दूसरी तरफ बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र जितना जटिल भी। .

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शौर्य प्रक्षेपास्त्र

शौर्य प्रक्षेपास्त्र एक कनस्तर से प्रक्षेपित सतह से सतह पर मार करने वाला सामरिक प्रक्षेपास्त्र है जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने भारतीय सशस्त्र बलों के उपयोग के लिए विकसित किया है। इसकी मारक सीमा ७५०-१९०० किमी हैhttp://www.indiaresearch.org/Shourya_Missile.pdf तथा ये एक टन परंपरागत या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह किसी भी विरोधी के खिलाफ कम - मध्यवर्ती श्रेणी में प्रहार की क्षमता देता है। शौर्य प्रक्षेपास्त्र भारत को द्वितिय प्रहार की महत्वपूर्ण क्षमता देता है। .

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सडाको ससाकी

सन् १९४५ में जापान के हिरोशिमा पर अमरीका एक एटम बम गिराया। इसकी वजह से सडाको ससाकि (जापानी: 佐々木 禎子) ल्यूकेमिया का शिकार हो गई। उसने काग़ज़ के हज़ार सारस बनाने की कोशिश की क्योंकि जापान में कहते हैं कि अगर आप हज़ार सारस बनाये, आपकी एक ख़्वाहिश सच होगी। उसके पास बहुत काग़ज़ नहीं था, तो जो मिल सकी उस काग़ज़ का इस्तेमाल किया। उसकी दोस्त चिज़ूको हामामोतो भी उसको काग़ज़ लाया। सडाको ने हज़ार सारस बनाये मगर बेहतर नहीं हुई और मरी। वह बस बारह साल की थी। एलानॉर कॉर ने सडाको के बारे में एक किताब "सडाको और हज़ार काग़ज़ के सारस" लिखी। इस किताब में सडाको ने बस ६४४ सारस बनाये, फिर मरी। उसके दोस्त दूसरे ३५६ सारस बनाये और उसके साथ सारे हज़ार सारस रखे। .

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समकालीन

समकालीन इतिहास के उस अवधि के बारे में बताता है जो आज के लिए एकदम प्रासंगिक है तथा आधुनिक इतिहास के कुछ निश्चित परिप्रेक्ष्य से संबंधित है। हाल के समकालीन इतिहास की कमजोर परिभाषा विश्व युद्ध-II जैसी घटनाओं को शामिल करती है, लेकिन उन घटनाओं को शामिल नहीं करती जिनके प्रभाव को समाप्त किया जा चुका है। .

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सलीमा हाशमी

सलीमा हाशमी (जन्म 1942) एक पाकिस्तानी चित्रकार, कलाकार, पूर्व कॉलेज प्रोफेसर और परमाणु हथियार विरोधी कार्यकर्ता है।  उस ने चार साल तक एक प्रोफेसर के रूप में और नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स के डीन के लिए काम किया है। वह प्रसिद्ध कवि फ़ैज अहमद फैज और उनकी ब्रिटिश-मूल की पत्नी एलीज़ फैज की सबसे बड़ी बेटी है। http://kazbar.org/jazbah/salima.php, Profile of Salima Hashmi, Retrieved 1 March 2017 वह पाकिस्तान में आधुनिक कलाकारों की पहली पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं जो स्वदेशी कलाकारों से अलग एक कलात्मक पहचान बना लेती हैं। उसे पाकिस्तानी और भारतीय परमाणु कार्यक्रमों की निंदा करने के लिए जाना जाता है; वह कुछ पाकिस्तानी बुद्धिजीवियों में से एक है जिन्होंने 1998 में भारत और पाकिस्तान के परमाणु परीक्षणों की निंदा की थी। 1999 में उसे राष्ट्र के लिए अपनी सेवाओं के लिए प्राइड ऑफ परफारमेंस पुरस्कार मिला। .

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संवर्धित यूरेनियम

प्राकृतिक एवं संवर्धित यूरेनियम में '''U-238''' (नीला) तथा '''U-235''' (लाल) के अनुपात प्राकृतिक रूप से प्राप्त यूरेनियम में यूरेनियम-२३५ की मात्रा केवल ०.०७% होती है शेष 99.284% यूरेनियम-२३८ होता है। जिस यूरेनियम में यूरेनियम-२३५ का की प्रतिशत मात्रा किसी विधि से बढ़ा दी गयी हो उसे संवर्धित यूरेनियम (Enriched uranium) कहते हैं। U-235 ही प्राकृतिक रूप से प्राप्त एकमात्र आइसोटोप (समस्थानिक) है जो उष्मीय न्यूट्रानों (thermal neutrons) द्वारा विखंडित हो सकता है। संवर्धित यूरेनियम नाभिकीय रिएक्टर बनाने अथवा सैन्य हथियार (परमाणु बम) बनाने के लिये अति आवश्यक है। अन्तरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेन्सी विश्व भर में संवर्धित यूरेनियम पर नजर रखती है। .

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सुपरमैन II

सुपरमैन II डीसी कॉमिक्स के चरित्र सुपरमैन पर आधारित १९८० की एक ब्रिटिश-अमेरिकी फ़िल्म है। रिचर्ड लेस्टर द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म १९७८ की सुपरमैन की सीक्वल है। जीन हैकमैन, क्रिस्टोफर रीव, टेरेंस स्टाम्प, नेड बैटी, सारा डगलस, मार्गोट किडर और जैक ओ'हैल्लोरा ने फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। यह फ़िल्म ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में ४ दिसंबर १९८० को रिलीस हुई, और फिर बाकी के देशों में पूरे १९८१ में रिलीस होती रही। इस फिल्म को अपने विसुअल इफेक्ट्स और कहानी के साथ-साथ रीव के निर्देशन के लिए फिल्म आलोचकों से सकारात्मक समीक्षाऐं मिली। ५४ मिलियन डॉलर के बजट पर बनी इस फिल्म ने कुल १९० मिलियन कमाए। फिल्म की रिलीज के तीन साल बाद, १९८३ में इसका एक सीक्वल, सुपरमैन III जारी किया गया, जिसके लिए लेस्टर एक बार फिर निर्देशक के रूप में लौट आए थे। .

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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हथियारों का इतिहास

जापानी 'शीत युद्ध' के हथियार हथियारों की समाज में अहम भूमिका रही है और हथियारों ने इतिहास को बदलने और उसे बनाने का काम किया है। उन्होने सभ्यताओं को नष्ट किया और बनाया। बारूद का आविष्कार चीन में हुआ और मध्य युग में यह यूरोप के रणक्षेत्रों में प्रयोग की जाने लगी। इससे सैन्यनीति में क्रांति आ गयी। प्रथम विश्वयुद्ध में पराजय के बाद जर्मन नये और उत्कृष्ट हथियार बनाने में जुट गये, जैसे जेट फाइटर आदि। द्वितीय विश्वयुद्ध ने तो हथियारों की दौड़ ही शुरू कर दी जिसकी परिनति परमाणु बम के विकास में हुई। प्रागैतिहासिक काल में बड़े ही सरल हथियारों के निर्माण से शुरुआत हुई। इसमें पत्थर के औजार, लकडी के भाले आदि थे। इसके बाद धनुष और वाण का प्रयोग हुआ। .

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हिरोशिमा

हिरोशिमा (जापानी: 広島市) जापान का एक नगर है जहाँ द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराया गया था जिससे पूरा का पूरा नगर बरबाद हो गया था। इस विभिषका के परिणाम आज भी इस नगर के लोग भुगत रहे हैं। जापान के एक दूसरे नगर नागासाकी पर भी परमाणु बम से हमला किया गया था। इसी का परिणाम है कि जापान ने परमाणु हथियार कभी निर्माण न करने की नीति स्थापित की है। आज हिरोशिमा जापान का एक बड़ा नगर है। हिरोशिमा में ११,९६,२७४ लोग रहते हैं। बराक ओबामा हिरोशिमा गया २०१७ में और काग़ज़ के सारस बनाये हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क में। हिरोशिमा में बहुत लोग काग़ज़ के सारस बनाते हैं, शांति के लिए। यह है क्योंकि जब हिरोशिमा पे बम गिरा एक लड़की, जिसका नाम सडाको ससाकी था, को ल्यूकेमिया हुई। उसने हज़ार सारस बनाने की कोशिश की क्योंकि जापान में कहते हैं कि अगर आप हज़ार सारस बनाये, आपकी एक ख़्वाहिश सच होगी। सडाको ने हज़ार सारस बनाये मगर बेहतर नहीं हुई और मरी। सडाको के लिए आज भी लोग सारस बनाते हैं हिरोशिमा में। श्रेणी:जापान के नगर.

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हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी

हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी 6 अगस्त 1945 की सुबह अमेरिकी वायु सेना ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम "लिटिल बॉय" गिराया था। तीन दिनों बाद अमरीका ने नागासाकी शहर पर "फ़ैट मैन" परमाणु बम गिराया। हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम को अमेरीका पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट के सन्दर्भ में "लिटिल ब्वाय" और नागासाकी के बम को विन्सटन चर्चिल के सन्दर्भ में "फ़ैट मैन" कहा गया। .

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जनरल इलेक्ट्रिक

जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी, या GE, न्यूयॉर्क राज्य में निगमित एक बहुराष्ट्रीय अमेरिकी प्रौद्योगिकी और सेवा समूह है। 2009 में, फोर्ब्स ने GE को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के रूप में स्थान दिया। दुनिया भर में कंपनी के 323,000 कर्मचारी हैं। .

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जर्मनी का इतिहास

प्राचीन रोमन डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले "बर्बर कबीलों" वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द 'Germany' पड़ा। ये कबीले 'पुरानी जर्मन भाषा' की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया। दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पश्चिमी यूरोप में जर्मन जातियों के अभ्युदय का उल्लेख मिलता है। कुछ जातियाँ जैसे अलामन्नी (Alamanni) बरगंडियाई (Burgundians), फ्रांक (Franks) लंबार्ड (Lombards) ओस्ट्रोगोथ (Ostrogoths) और विज़ीगोथ (Visigoths) पूर्व में राइन नदी के मुहाने, पश्चिम में एल्बे नदी और दक्षिण में उत्तरी इटली के भागों के बीच धीरे-धीरे बसीं। उनमें से कुछ ने इटली पर आक्रमण किया और रोम साम्राज्य का विनाश किया, अन्य फ्रांस और ब्रिटेन में बस गई। राइन नदी के दोनों ओर का क्षेत्र कुछ दिन विवाद में रहने के पश्चात्‌ फ्रांकों के रोमन सम्राट् शार्लमेन द्वारा नवीं शताब्दी में अधिकृत किया गया। लेकिन शताब्दी के अंतिम दिनों जर्मन साम्राज्य तीन भागों में बँट गया। सैस्कन सम्राट् ओटो प्रथम ने 962 ई. में इटली और जर्मनी को एक सूत्र में बाँधा। आगे चलकर अशांतिपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। फ्रैडरिक द्वितीय ने अपने शासन को सिसली में ही केंद्रित रखा, इस प्रकार जर्मनी लगभग उपेक्षित रहा। 1273 में हप्सबर्ग का रुडाल्फ सम्राट् निर्वाचित हुआ, किंतु उसके लिये भी बड़े साम्राज्य को कायम रखना असाध्य हो गया था। रोमन साम्राज्य जिस समय लड़खड़ा रहा था, इंग्लैंड, फ्रांस ओर स्पेन शक्तिशाली राज्य बन रहे थे। जर्मनी उस समय समृद्ध था- इसके विरुद्ध उपर्युक्त तीनों राज्यों ने संधि की। लेकिन जर्मनी की राजनैतिक अस्थिरता के कारण वहाँ 16वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर के नेतृत्व में आंदोलन हुआ। अंत में इस आंदोलन ने 30 वर्षीय धर्मयुद्ध (1618-1648) का रूप लिया। इसमें जर्मनी के लगभग 300 टुकड़े हुए। 18वीं शताब्दी में इन छोटी-छोटी स्वतंत्र इकाइयों ने प्रशा में अत्यधिक उन्नति की। फ्रांसीसी क्रांति ओर नेपोलियन के युद्धों के समय से जर्मनी में राष्ट्रीयता की चेतना का आविर्भाव हुआ। यह चेतना आगे चलकर उदारवादी आंदोलन के रूप में बदली। 1871 में तत्कालीन चाँसलर ओटाबान बिसमार्क ने आस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से युद्ध करके जर्मन राज्य को संगठित किया। फ्रांस की पराजय के बाद जर्मनी ने सैनिक, औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की। विसमार्क ने इस स्थिति में अन्य यूरोपीय शक्तियों से संबंध स्थापित किया। 1888 ई. में विलियम द्वितीय सम्राट् हुआ। देश की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में पुन: अशांति उत्पन्न हुई, जिसने 20वीं शताब्दी में प्रथम विश्वयुद्ध का रूप लिय। इस युद्ध में जर्मन सेनाएँ पराजित हुई। इस पराजय से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक अव्यवस्थाओं तथा 'मित्र राष्ट्रों' की 'वार्सा-संधि' के अनुसार आर्थिक दबावों की परिस्थिति में एडाल्फ हिटलर तथा नेशनल सोशलिस्ट पार्टी (नाजी दल) ने 1933 में जर्मनी की सत्ता ग्रहण की। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वीमर (Weimer) संविधान के अनुसार गणराज्य घोषित जर्मनी में हिटलर ने अपना अधिनायकत्व स्थापित किया। उसने अपने शासनकाल में जर्मनी को सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ किया। उसकी साम्राज्यवादी नीति ने, जिससे उसने यूरोप का बड़ा भाग 1939 तक कुछ संधियों से और कुछ सैनिक तरीकों से जर्मनी में जोड़ लिया, द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियाँ मित्र राष्ट्रों के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। रूस, ब्रिटेन, संयुक्तराज्य अमरीका और फ्रांस ने जर्मनी के चार भाग करके परस्पर बाँट लिए। 1949 में शांति समझौते के अनुसार जर्मनी की फेडरल जर्मन रिपब्लिक (पश्चिमी) और जर्मन डिमाक्रेटिक रिपब्लिक (पूर्वी) दो भाग हुए। पूर्वी भाग, जिसमें पूर्वी प्रशा भी संमिलित है, जो कि 1937 के पूर्व जर्मनों के और अब पोलैंड और रूस के अधिकार में हैं। 1990 में कम्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी की मार्क्सवादी सरकार ढह गयी और जर्मनी का वापिस एकीकरण हुआ। .

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जापान का इतिहास

जापान के प्राचीन इतिहास के संबंध में कोई निश्चयात्मक जानकारी नहीं प्राप्त है। जापानी लोककथाओं के अनुसार विश्व के निर्माता ने सूर्य देवी तथा चन्द्र देवी को भी रचा। फिर उसका पोता क्यूशू द्वीप पर आया और बाद में उनकी संतान होंशू द्वीप पर फैल गए। हँलांकि यह लोककथा है पर इसमें कुछ सच्चाई भी नजर आती है। पौराणिक मतानुसार जिम्मू नामक एक सम्राट् ९६० ई. पू.

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जिन्को बाइलोबा

जिन्को (जिन्को बाइलोबा; चीनी और जापानी में 银杏, पिनयिन रोमनकृत: यिन जिंग हेपबर्न रोमनकृत ichō या जिन्नान), जिसकी अंग्रेज़ी वर्तनी gingko भी है, इसे एडिअंटम के आधार पर मेडेनहेयर ट्री के रूप में भी जाना जाता है, पेड़ की एक अनोखी प्रजाति है जिसका कोई नज़दीकी जीवित सम्बन्धी नहीं है। जिन्को को अपने स्वयं के ही वर्ग में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें एकल वर्ग जिन्कोप्सिडा, जिन्कोएल्स, जिन्कोएशिया, जीनस जिन्को शामिल हैं और यह इस समूह के अन्दर एकमात्र विद्यमान प्रजाति है। यह जीवित जीवाश्म का एक सबसे अच्छा ज्ञात उदाहरण है, क्योंकि जी.

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जेम्स कैमरून

जेम्स फ्रांसिस कैमरूनस्पेस फाउंडेशन.

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वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण रसायनों, सूक्ष्म पदार्थ, या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है, जो मानव को या अन्य जीव जंतुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है। वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग.

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विद्युत

वायुमण्डलीय विद्युत विद्युत आवेशों के मौजूदगी और बहाव से जुड़े भौतिक परिघटनाओं के समुच्चय को विद्युत (Electricity) कहा जाता है। विद्युत से अनेक जानी-मानी घटनाएं जुड़ी है जैसे कि तडित, स्थैतिक विद्युत, विद्युतचुम्बकीय प्रेरण, तथा विद्युत धारा। इसके अतिरिक्त, विद्युत के द्वारा ही वैद्युतचुम्बकीय तरंगो (जैसे रेडियो तरंग) का सृजन एवं प्राप्ति सम्भव होता है? विद्युत के साथ चुम्बकत्व जुड़ी हुई घटना है। विद्युत आवेश वैद्युतचुम्बकीय क्षेत्र पैदा करते हैं। विद्युत क्षेत्र में रखे विद्युत आवेशों पर बल लगता है। समस्त विद्युत का आधार इलेक्ट्रॉन हैं। इलेक्ट्रानों के हस्तानान्तरण के कारण ही कोई वस्तु आवेशित होती है। आवेश की गति ही विद्युत धारा है। विद्युत के अनेक प्रभाव हैं जैसे चुम्बकीय क्षेत्र, ऊष्मा, रासायनिक प्रभाव आदि। जब विद्युत और चुम्बकत्व का एक साथ अध्ययन किया जाता है तो इसे विद्युत चुम्बकत्व कहते हैं। विद्युत को अनेकों प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है किन्तु सरल शब्दों में कहा जाये तो विद्युत आवेश की उपस्थिति तथा बहाव के परिणामस्वरूप उत्पन्न उस सामान्य अवस्था को विद्युत कहते हैं जिसमें अनेकों कार्यों को सम्पन्न करने की क्षमता होती है। विद्युत चल अथवा अचल इलेक्ट्रान या प्रोटान से सम्बद्ध एक भौतिक घटना है। किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न उर्जा को विद्युत कहते हैं। .

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विस्फोटक

विस्फोटक (explosives) कुछ यौगिक या मिश्रण ऐसे होते हैं जिनमें आग लगाने पर या अघात करने पर बड़े धमाके के साथ वे विस्फुटित होते हैं। धमाके का कारण बड़े अल्प काल में बहुत बड़ी मात्रा में गैसों का बनना होता है। ऐसे पदार्थों को "विस्फोटक" कहते हैं। आज बहुत बड़ी मात्रा में विस्फोटकों का निर्माण होता है। .

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विखण्डन

नाभिकीय विखंडन का चलित चित्रण (एनिमेशन) वह प्रक्रिया जिसमे एक भारी नाभिक दो लगभग बराबर नाभिकों में टूट जाता हैं विखण्डन (fission) कहलाती हैं। इसी अभिक्रिया के आधार पर बहुत से परमाणु रिएक्टर या परमाणु भट्ठियाँ बनायी गयीं हैं जो विद्युत उर्जा का उत्पादन करतीं हैं। यूरेनियम-२३५ नाभिक का न्यूट्रॉन द्वारा विखण्डन .

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खाड़ी युद्ध

कोई विवरण नहीं।

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ग्राहम का विसरण का नियम

ग्राहम का विसरण का नियम गैस की विसरण की दर से सम्बन्धित एक नियम है जिसे स्कॉटलैण्ड के रसायन शास्त्री थॉमस ग्राहम ने प्रतिपादित किया था। थॉमस ने प्रयोगों के आधार पर पाया कि किसी गैस के विसरण (effusion) की की दर उसके कणों के द्रव्यमान के वर्गमूल के व्युत्क्रामुपाती होती है। इसे सूत्र रूप में इस प्रकार लिखा जा सकता है- जहाँ: ग्राहम के इस नियम की पूर्ण सैद्धान्तिक व्याख्या वर्षों बाद गैसों के गत्यात्मक सिद्धान्त के द्वारा हुई। यह नियम तभी शुद्धता पूर्वक लागू होता है जब केवल एक गैस के अणु ही एक समय में विसरण कर रहे हों। जब कोई गैसोंका मिश्रण का किसी छेद से होकर विसरण हो रहा हो, या एक गैस दूसरी गैस मेंविसरित हो रही हो तब यह नियम पूर्णत: सत्य न होकर लगभग सत्य होता है। .

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गूगल धरती

गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल (virtual globe) चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे प्रारम्भ में अर्थ व्यूअर नाम दिया गया, तथा इसे कीहोल, इंक (Keyhole, Inc) द्वारा तैयार किया गया है, जो 2004 में गूगल द्वारा अधिगृहीत की गई एक कंपनी है। यह कार्यक्रम उपग्रह चित्रावली (satellite imagery), हवाई छायांकन (aerial photography) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) त्रि आयामी (3D) भूमंडल से प्राप्त चित्रों का अध्यारोपण (superimposition) करते हुए धरती का चित्रण करता है। यह तीन विभिन्न अनुज्ञप्तियों के अधीन उपलब्ध है: गूगल अर्थ, सीमित कार्यात्मकता के साथ एक मुक्त संस्करण; गूगल अर्थ प्लस ($ २० प्रति वर्ष), जो अतिरिक्त विशेषताओं से युक्त है तथा गूगल अर्थ प्रो ($ ४०० प्रति वर्ष), जो कि वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया गया है। २००६ में इस उत्पाद का नाम बदलकर गूगल अर्थ कर दिया गया, जो कि वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) २००० (2000), एक्स पी अथवा विस्ता, मैक ओएस एक्स (Mac OS X) १०.३.९ तथा उससे अधिक, लिनुक्स(१२ जून, २००६ को जारी) तथा फ्री BSD (FreeBSD) से युक्त निजी कंप्यूटरों (personal computer) पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। गूगल अर्थ फायरफॉक्स, आई ई 6 (IE6) अथवा आई ई 7 (IE7) के लिए एक ब्राउज़र प्लगइन (02 जून, 2008 को जारी) के रूप में भी उपलब्ध है। एक अद्यतन कीहोल आधारित क्लाइंट को जारी करने के साथ, गूगल ने अपने वेब आधारित प्रतिचित्रण सॉफ़्टवेयर में अर्थ डेटाबेस की चित्रावली भी शामिल की है। वर्ष २००६ के मध्य जनता के लिए गूगल अर्थ जारी होने के साथ २००६ तथा २००७ के बीच आभासी भूमंडल (virtual globes) पर मीडिया कवरेज में दस गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई तथा भूस्थानिक (geospatial) तकनीकों तथा अनुप्रयोगों में जनता की रूचि बढ़ गई। .

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ऑपरेशन ओपेरा

ऑपरेशन ओपेरा या ऑपरेशन बेबीलोन एक आकस्मिक इज़राइली हवाई हमला था जो ७ जून १९८१ को हुआ। इस हमलेमें बग़दाद के दक्षिण-पूर्व में १७ किलोमीटर पर स्थित इराक़ के परमाणु भट्ठी ओसिराक को नष्ट कर दिया गया। इस परमाणु भट्ठी के निर्माण में इराक की मदद फ्रांस ने की थी। ७०-मेगावाट की यूरेनियम संचालित भट्ठीका का निर्माण पुरा होने को था और इज़राइल के अनुसार हे जूलाई या सितम्बर में शुरू होनेवाली थी। इज़राइल के अनुसार इस परमाणु भट्ठी में परमाणु हथियार का निर्माण होनेवाला था और इन हथियारोंसे इज़राइली जनता को बचानेहेतु ये हमला किया गया था। हालांकि इराक़ और फ्रांस का दावा था कि ये हथियारोंके निर्माण के लिए नहीं थी। .

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कारगिल युद्ध

right कारगिल युद्ध (ऑपरेशन विजय भी) भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है। पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था। .

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किलाबंदी

बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में किलेबन्दी का चित्रात्मक वर्णन दुर्गबन्दी या किलाबंदी (fortification) शत्रु के प्रतिरोध और उससे रक्षा करने की व्यवस्था का नाम होता है। इसके अन्तर्गत वे सभी सैनिक निर्माण और उपकरण आते हैं जो अपने बचाव के लिए उपयोग किए जाते हैं (न कि आक्रमण के लिए)। वर्तमान समय में किलाबन्दी सैन्य इंजीनियरी के अन्तर्गत आती है। यह दो प्रकार की होती है: स्थायी और अस्थायी। स्थायी किलेबंदी के लिए दृढ़ दुर्गों का निर्माण, जिनमें सुरक्षा के साधन उपलब्ध हो, आवश्यक है। अस्थायी मैदानी किलाबंदी की आवश्यकता ऐसे अवसरों पर पड़ती है जब स्थायी किले को छोड़कर सेनाएँ रणक्षेत्र में आमने सामने खड़ी होती हैं। मैदानी किलाबंदी में अक्सर बड़े-बड़े पेड़ों को गिराकर तथा बड़ी बड़ी चट्टानों एवं अन्य साधनों की सहायता से शत्रु के मार्ग में रूकावट डालने का प्रयत्न किया जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह निष्कर्ष निकला कि स्थायी किलाबंदी धन तथा परिश्रम की दृष्टि से ठीक नहीं है; शत्रु की गति में विलंब अन्य साधनों से भी कराया जा सकता है। परंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि इसका महत्व बिल्कुल ही खत्म हो गया। अणुबम के आक्रमण में सेनाओं को मिट्टी के टीलों या कंकड़ के रक्षक स्थानों में आना ही होगा। नदी के किनारे या पहाड़ी दर्रों के निकट इन स्थायी गढ़ों का उपयोग अब भी लाभदायक है। हाँ, यह अवश्य कहा जा सकता है कि आधुनिक तृतीय आयोमात्मक युद्ध में स्थायी दुर्गो की उपयोगिता नष्ट हो गई है। .

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कृष्णास्वामी सुंदरजी

जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी, पीवीएसएम (२८ अप्रैल १९३० - ८ फरवरी १९९९), १९८६ से १९८८ तक भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष थे। अपने सेना के करियर के दौरान, उन्होंने इंदिरा गांधी के आदेशों के तहत,स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर करने के लिए,ऑपरेशन ब्लू स्टार के संचालन की स्वीकृति दी थी । मानव अधिकारों के उल्लंघनों के आरोपों के साथ, सैन्य विफलता के रूप में व्यापक रूप से इसकी आलोचना की गई है। उन्होंने भारतीय सेना के लिए कई तकनीकी सुधारों की शुरुआत की। बोफोर्स स्कैंडल में बोफोर्स होविट्जर की सिफारिश करने में उनकी भूमिका के लिए उनसे भी सवाल किया गया था। सेना प्रमुख के रूप में, उन्होंने राजस्थान सीमा के साथ ऑपरेशन ब्रैस्स्टैक की योजना बनाई और निष्पादित किया जो एक प्रमुख सैन्य अभ्यास था। उनका आधिकारिक नाम कृष्णस्वामी सुंदरराजन था, लेकिन वह सुंदरजी के अनौपचारिक नाम के लोकप्रिय रूप से जाने जाते थे। .

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केन्ज़ाबुरो ओए

एक जापानी लेखक और समकालीन जापानी साहित्य एक बड़ी हस्ती है। फ्रेंच और अमेरिकी साहित्य और साहित्यिक सिद्धांत से प्रभावित उनके उपन्यासों, लघु कहानियों और निबंधों, में राजनीतिक, सामाजिक और दार्शनिक मुद्दों को डील किया गया है जिन में परमाणु हथियार, परमाणु ऊर्जा, सामाजिक गैर-समझौतावाद और अस्तित्ववाद भी शामिल हैं। उन्हें एक " काल्पनिक दुनिया यहाँ जीवन और मिथक आज मानव दुर्दशा का एक चिंताजनक चित्र बनाने के लिए ओत्पोत होते हैं" के सृजन के लिए 1994 में साहित्य में नोबेल पुरस्का से सम्मानित किया गया।, Yomiuri.co.jp; May 18, 2008.

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कोरिया का इतिहास

बुलगुक्सा मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किया गया है। कोरिया, पूर्वी एशिया में मुख्य स्थल से संलग्न एक छोटा सा प्रायद्वीप जो पूर्व में जापान सागर तथा दक्षिण-पश्चिम में पीतसागर से घिरा है (स्थिति: ३४० ४३ उ. अ. से १२४० १३१ पू. दे.)। उसके उत्तरपश्चिम में मंचूरिया तथा उत्तर में रूस की सीमाएँ हैं। यह प्रायद्वीप दो खंडों में बँटा हुआ है। उत्तरी कोरिया का क्षेत्रफल १,२१,००० वर्ग किलोमीटर है। इसकी राजधनी पियांगयांग है। दक्षिणी कोरिया का क्षेत्रफल ९८,००० वर्ग किलोमीटर है। यहाँ पर ई. पू.

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उचकुदुक

उचकुदुक (उज़बेक: Учқудуқ, उचक़ुदुक़; अंग्रेज़ी: Uchkuduk) मध्य एशिया के उज़बेकिस्तान देश के नवोई प्रान्त का एक शहर है। भौगोलिक निर्देशांकों के हिसाब से यह नगर ४२°९'२४ उत्तर और ६३°३३'२० पूर्व में स्थित है। सन् २००७ में इसकी आबादी २७,००० से थोड़ी ज़्यादा अनुमानित की गई थी। यह शहर किज़िल कुम रेगिस्तान के बीच में पड़ता है। सोवियत संघ के ज़माने में यह एक 'बंद शहर' था (यानि बहार वालों को यहाँ आने पर पाबंदी थी) क्योंकि यहाँ से सोवियत संघ के परमाणु हथियारों के लिए युरेनियम की खाने चलाई जाती थी।, OECD Nuclear Energy Agency, OECD Publishing, 2006, ISBN 978-92-64-02806-7,...

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१३ जुलाई

१३ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९४वॉ (लीप वर्ष में १९५ वॉ) दिन है। साल में अभी और १७१ दिन बाकी है। .

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१६ जुलाई

१६ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९७वॉ (लीप वर्ष में १९८ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६८ दिन बाकी है। .

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१९४५

1945 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५३

1953 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९१ बीए

१९९१ बीए (1991 BA) एक पत्थरीला पृथ्वी-समीप क्षुद्रग्रह है। इसकी खोज १८ जनवरी १९९१ में हुई थी। भूतकाल में यह पृथ्वी से १,६०,००० किमी की दूरी तक पहुँच चुका है, जो धरती-चंद्रमा की दूरी का केवल आधा है। इसका व्यास (डायामीटर) ५-१० मीटर है। अपने छोटे आकार के कारण यह पृथ्वी से तभी देखा जा सकता है जब यह पृथ्वी के पास हो। वर्तमान समय में यह ज्ञात नहीं है कि यह किस स्थान पर है और इसे एक खोया हीन ग्रह श्रेणित किया जाता है। क्योंकि यह भविष्य में पृथ्वी पर प्रहार करने का ख़तरा रखता है, इसलिये इसे सेन्ट्री संकट तालिका में शामिल किया गया है। .

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२९ अगस्त

29 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 241वॉ (लीप वर्ष मे 242 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 124 दिन बाकी है। .

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८ मार्च

8 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 67वॉ (लीप वर्ष में 68 वॉ) दिन है। साल में अभी और 298 दिन बाकी है। अंतराष्ट्रीय नारी दिवस (संयुक्त राष्ट्र संघ) .

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2013 बोहोल भूकम्प

2013 बोहोल भूकम्प अक्टूबर 15, 2013, को फ़िलीपीन्स के द्वीप प्रांत बोहोल में स्थानीय समय अनुसार सुबह 8:12:31 बजे आया था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.2 मापी गई। इसका उपरिकेंद्र कार्मेन नगरपालिका था और गहराई 33 किलोमीटर (21 मील) थी। भूकम्प के झटके दूसरे कई द्वीपों पर भी महसूस किए गए। देश की आपदा या आपात स्थितियों से निपटने वाली एजेंसी राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) की नवीनतम आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार 144 लोगों को मृत सूचित किया गया, 23 लापता थे और 291 लोग घायल हुए। फ़िलीपीन्स में पिछले 23 वर्षों में आए भूकंपों में यह सबसे घातक भूकम्प था। इसकी उर्जा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा शहर पर गिराए गए परमाणु बम से निकली उर्जा की 32 गुना थी। इस से पहले बोहोल में फ़रवरी 8, 1990, को भूकम्प आया था जिसके कारण कई इमारतों को क्षति पहुँची थी व सूनामी भी उत्पन्न हो गई थी। Loon 2 earthquake.JPG Loon 5 earthquake.JPG Tubigon 3 earthquake.JPG Tubigon 4 earthquake.JPG .

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2016 के उत्तर कोरियाई परमाणु परीक्षण

6 जनवरी 2016 को 10:00:01 यूटीसी+०८:३० पर, उत्तर कोरिया ने किल्जु शहर, किल्जु काउंटी से लगभग दूर उत्तर-पश्चिम में अपने पुंग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल पर एक भूमिगत परमाणु परीक्षण किया। उत्तर कोरियाई मीडिया ने इन परीक्षणों के बाद इसके सफल होने का दावा किया; उत्तर कोरिया के पास इस क्षमता का होना लगभग एक महीने पहले से ही चर्चा का विषय बना हुआ था। संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण ने इस जगह के पास 5.1 परिमाण के भूकंप आने का दावा किया; चीनी भूकम्प नेटवर्क केंद्र ने इसके 4.9 परिमाण के होने का दावा किया; वहीं दक्षिण कोरियाई मौसम विभाग के अनुसार इसकी तीव्रता 4.2 पैमान की थी। द न्यूयॉर्क टाईम्स के अनुसार, उत्तर कोरिया ने परीक्षण को सफल बताया, जबकि द गार्जियन के अनुसार कोरियाई सरकार ने इसे अमेरिका के बेहद ज्यादा परमाणु हथियारों के जवाब में अपनी सुरक्षा के लिये किया गया परीक्षण बताया है।एन॰के॰ न्यूज ने अपनी रपट में कोरियाई केंद्रीय दूरदर्शन को उद्धृत करते हुए कहा कि, हालांकि दक्षिण कोरिया की गुप्तचर संस्था और बाहरी परमाणु विशेषज्ञ प्योंगयांग के दावों पर शक़ करते हुए कह रहे हैं कि उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन नहीं बल्कि किसी आम परमाणु बम का परीक्षण किया है। .

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2016 उड़ी हमला

उरी हमला 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुआ, एक आतंकी हमला है जिसमें 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला है। उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है। इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। हमलावरों के द्वारा निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके। - एनडीटीवी - 19 सितम्बर 2016 अमेरिका ने उड़ी हमले को "आतंकवादी" हमला करार दिया। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

नाभिकीय हथियार, नाभिकीय अस्त्र, परमाणु हथियार, परमाणु हथियारों, हाइड्रोजन बम, अणुबम

निवर्तमानआने वाली
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