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नासा

सूची नासा

नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (हिन्दी अनुवाद:राष्ट्रीय वैमानिकी और अन्तरिक्ष प्रबंधन; National Aeronautics and Space Administration) या जिसे संक्षेप में नासा (NASA) कहते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है। फ़रवरी 2006 से नासा का लक्ष्य वाक्य "भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज और एरोनॉटिक्स संशोधन को बढ़ाना" है। 14 सितंबर 2011 में नासा ने घोषणा की कि उन्होंने एक नए स्पेस लॉन्च सिस्टम के डिज़ाइन का चुनाव किया है जिसके चलते संस्था के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में और दूर तक सफर करने में सक्षम होंगे और अमेरिका द्वारा मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया कदम साबित होंगे। नासा का गठन नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1948 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था। इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1948 से कार्य करना शुरू किया। तब से आज तक अमेरिकी अंतरिक्ष अन्वेषण के सारे कार्यक्रम नासा द्वारा संचालित किए गए हैं जिनमे अपोलो चन्द्रमा अभियान, स्कायलैब अंतरिक्ष स्टेशन और बाद में अंतरिक्ष शटल शामिल है। वर्तमान में नासा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को समर्थन दे रही है और ओरायन बहु-उपयोगी कर्मीदल वाहन व व्यापारिक कर्मीदल वाहन के निर्माण व विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। संस्था लॉन्च सेवा कार्यक्रम (एलएसपी) के लिए भी जिम्मेदार है जो लॉन्च कार्यों व नासा के मानवरहित लॉन्चों कि उलटी गिनती पर ध्यान रखता है। .

290 संबंधों: चन्द्रमा, चंदा मामा दूर के, चंद्र टोही परिक्रमा, चंद्र ध्रुवीय हाइड्रोजन मैपर, चंद्र वातावरण और धूल वातावरण एक्सप्लोरर, चंद्र आर्बिटर 1, चंद्र आर्बिटर 2, चंद्र आर्बिटर 3, चंद्र आर्बिटर 4, चंद्र आर्बिटर 5, चंद्रमा के मिशन की सूची, चंद्रयान-२, चंद्रा एक्स-रे वेधशाला, चीयर्स, टाइटन (चंद्रमा), टाइटन (रॉकेट परिवार), टाइटन 3ई, ट्रैपिस्ट-१, टैंग (पेय), टेलस्टार (उपग्रह), टॉम हैंक्स, एटलस (रॉकेट परिवार), एडगर मिशेल, एनटीएससी, एम्स अनुसंधान केंद्र, एयरबस, एरियल १, एरिया 51, एलन बीन, एलक्रॉस, एसटीएस-107, एंटीमैटर, एक्सप्लोरर 1, ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम, डिएगो गार्सिया, डिस्कवरी अंतरिक्ष यान, डिजिटल फोटोग्राफी, डेविड ब्राउन, डॉन (अंतरिक्ष यान), डीप स्पेस 2, तरण ताल, तारा सूचीपत्र, तेल रिसाव, धनु ए*, ध्रुवीय बर्फ टोपी, ध्वनि संचालित एक्स्चेंज, धूप के चश्मे, नासा/आईपैक ग़ैर-गैलेक्सीय कोष, नास्ट्रान, निसार (उपग्रह), ..., निहारिका, निकोल औनापु मान, नंदिनी हरीनाथ, न्यू होराइज़न्स, नौवां ग्रह, नैस्टी-1, परिमित अवयव सॉफ्टवेयरों की सूची, पायनियर 0, पायनियर 1, पायनियर 2, पायनियर 3, पायनियर 4, पायनियर 5, पायनियर 6, 7, 8 और 9, पायोनियर १०, पायोनियर ११, प्रणव पांड्या, प्रदिश विश्लेषण, प्लैनम ऑस्ट्राले, प्लूटो (बौना ग्रह), पृथ्वी उदय, पैड एबॉर्ट परीक्षण 1, पेल ब्लू डॉट, पोलारिस, पीएसएलवी-सी37, फोटोग्राममिति सॉफ्टवेयरों की तुलना, बिबकोड, बज़ एल्ड्रिन, बुध (ग्रह), ब्रह्माण्ड (जैन धर्म), ब्लैक होल (काला छिद्र), बृहस्पति (ग्रह), बोइंग 747, बोइंग एक्स-37, बोइंग एक्स-40, बोइंग एक्स-51 वेवराइडर, भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, भूमंडलीय ऊष्मीकरण, भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव, भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान, मर्शा आईविंस, मानचित्र प्रक्षेप, मार्स साइंस लेबोरेटरी, मार्स ग्लोबल सर्वेयर, मार्स ओडिसी, मार्गरेट रिया सेडन, मावेन, माइकल फिलिप एंडरसन, मिखाइल कोर्नियेंको, मंगल 2022 ऑर्बिटर, मंगल टोही परिक्रमा यान, मंगल पाथफाइंडर, मंगल पोलर लैंडर, मंगल विज्ञान प्रयोगशाला, मंगल ग्रह, मंगल ग्रह के मिशन की सूची, मंगल ऑब्जर्वर, मंगल का उपनिवेशण, मंगल क्लाइमेट आर्बिटर, मंगल की टेराफॉर्मिंग, मंगल २०२०, मंगलयान, मुस्तफा इशक-बौशकी, मैरीनर 3, मैरीनर 6, मैरीनर 7, मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान, मैजलन (अंतरिक्ष यान), मेरिनर 10, मेरिनर ४, मेरिनर ९, मेसेंजर, युलीसेस, यूरोपा (उपग्रह), रानी फ़ाबिओला पर्वत, रामेश्वरम तीर्थ, रिचर्ड फिलिप्स फाइनमेन, रिक हसबैंड, रैनर वाइस, रेंजर 1, रेंजर 2, रेंजर 3, रेंजर 4, रेंजर 5, रेंजर 6, रेंजर 7, रेंजर 8, रेंजर 9, रोबॉटिक्स, रोबोट, लूनर फ्लैशलाइट, लूनर आइसक्यूब, लॉन्च नियंत्रण केंद्र, लॉरेल क्लॉर्क, लॉकहीड मार्टिन एक्स-44 मैंटा, शटल लैंडिंग सुविधा, शनि (ग्रह), शुक्र पारगमन, समुद्र तल, समुद्र विज्ञान, सर्वेयर 1, सर्वेयर 2, सर्वेयर 3, सर्वेयर 4, सर्वेयर 5, सर्वेयर 6, सर्वेयर 7, सर्गी ब्रिन, सितंबर २०१०, संचार उपग्रह, सुनीता विलियम्स, स्टर्लिंग इंजन, स्टार ट्रेक, स्टीफन हॉकिंग, स्पिट्ज़र अंतरिक्ष दूरदर्शी, स्पिरिट रोवर, स्पुटनिक, स्पेस लांच सिस्टम, स्कॉट केली, सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो), सौर पवन, सैली राइड, सूर्य, सेन्ट्री (निगरानी प्रणाली), सेरेना मारिया अुनोन, सोलर डायनामिक ओब्सर्वेटरी, सोलर प्रोब प्लस, सोहो, सोजॉर्नर (रोवर), सीएसटी-100 स्टारलाइनर, हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी, हिपेरायन (चंद्रमा), ह्युस्टन, हेलिक्स नेब्यूला, जनरल डायनामिक्स एफ-16एक्सएल, जिराफ़ तारामंडल, जुलाई 2006, ज्यावक्रीय प्रक्षेप, जूडिथ रेसनिक, जूनो (अंतरिक्ष यान), जेम्स ब्लंट, जेम्स वेब खगोलीय दूरदर्शी, जेम्स कैमरून, जेसन सिल्वा, जीवन समर्थन प्रणाली, वायुमंडलीय दाब, वाइकिंग 1, वाइकिंग 2, विलियम मैककूल, विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी २०१०, व्हीकल असेंबली बिल्डिंग, वेंडी बैरीयन लॉरेंस, वॅस्टा (क्षुद्रग्रह), वॉयेजर द्वितीय, वॉयेजर प्रथम, वॉल-ई, वोल्टा झील, खगोलयात्री, खगोलशास्त्र से सम्बन्धित शब्दावली, खंभात की खाड़ी, गांगेय वर्ष, ग्लीज़ ४४५, गैलिलेयो (अंतरिक्ष यान), गूगल, गूगल धरती, गूगल मानचित्र, गेक्को ग्रिपर्स, गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर, ओपल, ओप्रुच्युनिटी रोवर, ओजोन ह्रास, आताकामा मरुस्थल, आरसी4डब्लूडी, आर्किमिडीज़, इनसाइट, इनसैट-1ए, इनसैट-1बी, इंटरस्टेल्लर बाउंड्री एक्सप्लोरर उपग्रह, कल्पना चावला, काठियावाड़, कार्ल सेगन, किलिमंजारो, कक्षीय लांच प्रणालियों की तुलना, क्यूरोसिटी (रोवर), क्रिस्टोफ़र नोलन, कैनेडी स्पेस सेंटर, कैनेडी स्पेस सेंटर प्रक्षेपण परिसर 39, कैंटर (गड्ढा), केप केनवरल एयर फोर्स स्टेशन प्रक्षेपण परिसर 13, केप केनवरल एयर फोर्स स्टेशन अंतरिक्ष प्रक्षेपण परिसर 17, केप्लर अंतरिक्ष यान, कॅप्लर-२० तारा, कॅप्लर-२०ऍफ़, कॅप्लर-६९ तारा, कॉकपिट, अटलांटिस अंतरिक्ष यान, अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन, अप्रैल फूल दिवस, अपोलो 10, अपोलो 4, अपोलो 5, अपोलो 6, अपोलो 7, अपोलो 8, अपोलो 9, अपोलो अभियान, अपोलो १, अपोलो ११, अमेरिकन एयरलाइंस, अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार, अंटार्कटिका, अंतरिक्ष, अंतरिक्ष शटल, अंतरिक्ष विज्ञान, अक्टूबर स्काई, उड़न तश्तरी (अन्तरिक्ष), उद्धव भराली, उपग्रह, १३ नवम्बर, १९ सितम्बर, १९१५, १९८२, २०१०, २०११ आइरीन चक्रवात, २०१२, २६ अगस्त, २८ फ़रवरी, ३ मार्च, ५ जनवरी, ५ जुलाई, ५ अगस्त, ५१८२६ कल्पनाचावला, ६ सितम्बर, ७ दिसम्बर, ७ नवम्बर, 2014 भारत - पाकिस्तान बाढ़, 2017 में अंतरिक्ष उड़ान सूचकांक विस्तार (240 अधिक) »

चन्द्रमा

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चंदा मामा दूर के

चंदा मामा दूर के भारतीय हिन्दी सिनेमा की सबसे पहले स्पेस फ़िल्म है। इस फ़िल्म को डायरेक्ट संजय पूरण सिंह चौहान कर रहे हैं निर्माता विकी रजानी हैं। चंदा मामा दूर के में सुशांत सिंह राजपूत अंतरिक्ष यात्री बने हैं। इस फिल्म में माधवन पायलट की भूमिका निभाते हुए नज़र आएंगे। सुशांत ने निर्वात, अपकेंद्रन, गुरुत्वहीनता, चांद पर चलना और आईएसएस (अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन) परिचालन और भी काफी चीजों का अनुभव किया। उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का दौरा अंतरिक्ष अभियान और शून्य गुरुत्वाकर्षण का अनुभव लेने के लिए किया है। चंदा मामा दूर के हॉलीवुड फिल्म 2001: ए स्पेस ओडिसी से प्रेरित है। .

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चंद्र टोही परिक्रमा

चंद्र टोही परिक्रमा (Lunar Reconnaissance Orbiter) वर्तमान में चंद्रमा में एक विलक्षण ध्रुवीय मानचित्रण कक्षा में परिक्रमा कर रहा एक नासा के रोबोट अंतरिक्ष यान है.

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चंद्र ध्रुवीय हाइड्रोजन मैपर

चंद्र ध्रुवीय हाइड्रोजन मैपर (Lunar Polar Hydrogen Mapper या LunaH-Map) 2018 में एक्सप्लोरेशन मिशन 1 में लांच होने वाली लूनर आइसक्यूब और लूनर फ्लैशलाइट के साथ-साथ 13 क्यूबसैट में से एक सैटेलाइट है। चंद्र ध्रुवीय हाइड्रोजन मैपर, चंद्र पानी की संभावित उपस्थिति की जांच में मदद करेगा। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी को 2015 की शुरुआत में नासा द्वारा एक अनुबंध से सम्मानित किए जाने के बाद चंद्र ध्रुवीय हाइड्रोजन मैपर का विकास शुरू किया। इसका विकास करने के लिए 20 सदस्य छात्र की टीम बनायीं गयी। .

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चंद्र वातावरण और धूल वातावरण एक्सप्लोरर

श्रेणी:नासा के अंतरिक्ष प्रक्षेपण रॉकेट.

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चंद्र आर्बिटर 1

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चंद्र आर्बिटर 2

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चंद्र आर्बिटर 3

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चंद्र आर्बिटर 4

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चंद्र आर्बिटर 5

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चंद्रमा के मिशन की सूची

श्रेणी:चंद्र अभियानों की सूची‎.

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चंद्रयान-२

चंद्रयान-2 भारत का चंद्रयान -1 के बाद दूसरा चंद्र अन्वेषण अभियान है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) ने विकसित किया है। अभियान को जीएसएलवी प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपण करने की योजना है। इस अभियान में भारत में निर्मित एक लूनर ऑर्बिटर (चन्द्र यान) तथा एक रोवर एवं एक लैंडर शामिल होंगे। इस सब का विकास इसरो द्वारा किया जायेगा। भारत चंद्रयान-2 को 2018 में प्रक्षेपण करने की योजना बना रहा है। इसरो के अनुसार यह अभियान विभिन्न नयी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल तथा परीक्षण के साथ-साथ 'नए' प्रयोगों को भी करेगा। पहिएदार रोवर चन्द्रमा की सतह पर चलेगा तथा ऑन-साइट विश्लेषण के लिए मिट्टी या चट्टान के नमूनों को एकत्र करेगा। आंकड़ों को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के माध्यम से पृथ्वी पर भेजा जायेगा। मायलास्वामी अन्नादुराई के नेतृत्व में चंद्रयान-1 अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली टीम चंद्रयान-2 पर भी काम कर रही है। .

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चंद्रा एक्स-रे वेधशाला

(विकिपीडिया अंग्रेजी से अनुवादित) चंद्रा एक्स-रे वेधशाला (Chandra X-ray Observatory), एक कृत्रिम उपग्रह है जिसे २३ जुलाई १९९९ को STS-93 पर नासा द्वारा प्रक्षेपित किया गया। इसका नामकरण भारतीय - अमेरिकी भौतिक विज्ञानी सुब्रमण्यम चंद्रशेखर के सम्मान में किया गया जो कि सफ़ेद बौने तारों के लिए अधिकतम द्रव्यमान का निर्धारण करने के लिए जाने जाते हैं। संस्कृत में चन्द्र का अर्थ ' चन्द्रमा' और 'चमक' भी होता है। चंद्रा वेधशाला नासा की चार महान वेधशालाओं में से तीसरी वेधशाला है। सबसे पहली हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी, दूसरी कॉम्पटॉन गामा रे वेधशाला (१९९१ में प्रक्षेपित) और अंतिम स्पिट्जर अंतरिक्ष दूरदर्शी है। सफल प्रक्षेपण से पहले चंद्रा वेधशाला को AXAF ' एडवांस एक्स -रे एस्ट्रोफिजिक्स फेसिलिटी ' के रूप में जाना जाता था।| AXAF का परिक्षण रेडोन्ड़ो तट, केलिफोर्निया में TRW (अब नोर्थरोप ग्रुम्मान एयरोस्पेस सिस्टम) द्वारा किया गया था। चंद्रा एक्स-रे अपने उच्च कोणीय रिज़ॉल्यूशन दर्पण के कारण किसी भी पिछले एक्स-रे दूरबीन की तुलना में १०० गुना अधिक संवेदनशील है। पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा अधिकतम प्रकार की एक्स-रे का बड़ी मात्रा में अवशोषण कर लिया जाता है जिसका धरती आधारित दूरबीनों से पता नहीं लगाया जा सकता | इस कारण अवलोकन के लिए एक अंतरिक्ष आधारित दूरबीन बनानेकी आवश्यकता हुई। .

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चीयर्स

चीयर्स एक अमेरिकी स्थितिपरक कॉमेडी टीवी धारावाहिक है जिसे 1982 से 1993 तक ग्यारह सीज़न तक प्रसारित किया गया। इसका निर्माण पारामाउंट नेटवर्क टेलीविजन के साथ मिलकर चार्ल्स/बुरोस/चार्ल्स प्रोडक्शन द्वारा किया गया, जिसका प्रसारण एनबीसी ब्रोडकास्टिंग में किया गया था, जेम्स बुरोस, ग्लेन चार्ल्स और लेज चार्ल्स की एक टीम द्वारा इसका निर्माण किया गया। इस शो का नाम बौस्टन, मैसाचुसेट्स के चीयर्स बार ("चीयर्स" टोस्ट के लिए नाम) पर रखा गया, जहाँ स्थानीय लोग शराब पीने, आराम करने, बातचीत करने और आनंद उठाने के लिए इकट्ठा होते हैं। इस कार्यक्रम के थीम गीत को जुडी हार्ट एंजेलो और गेरी पोर्टनोय द्वारा लिखा गया और पोर्टनोय द्वारा प्रदर्शित किया गया, इसका प्रसिद्ध समवेत गान, "व्हेयर एवरीबॉडी नोज योर नेम" शो का टैगलाइन बना। 30 सितंबर 1982 को अपने प्रीमियर के बाद, यह पहले सीज़न के दौरान लगभग बंद ही हो चुका था, क्योंकि इसके प्रीमियर के समय रेटिंग्स में इसे अंतिम स्थान दिया गया था (77 शो में से 77वां).

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टाइटन (चंद्रमा)

टाइटन (या Τῑτάν), या शनि शष्टम, शनि ग्रह का सबसे बड़ा चंद्रमा है। यह वातावरण सहित एकमात्र ज्ञातचंद्रमा है, और पृथ्वी के अलावा एकमात्र ऐसा खगोलीय पिंड है जिसके सतही तरल स्थानों, जैसे नहरों, सागरों आदि के ठोस प्रमाण उपलब्ध हों। यूरोपीय-अमेरिकी के कासीनी अंतरिक्ष यान के साथ गया उसका अवतरण यान हायगन्स, १६ जनवरी २००४ को, टाइटन के धरातल पर उतरा जहां उसने भूरे-नारंगी रंग में रंगे टाईटन के नदियों-पहाडों और झीलों-तालाबों वाले जो चित्र भेजे। टाइटन के बहुत ही घने वायुमंडल के कारण इससे पहले उसकी ऊपरी सतह को देख या उसके चित्र ले पाना संभव ही नहीं था। २००८ अगस्त के मध्य में ब्राज़ील की राजधानी रियो दी जनेरो में अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान संघ के सम्मेलन में ऐसे चित्र दिखाये गये और दो ऐसे शोधपत्र प्रस्तुत किये गये, जिनसे पृथ्वी के साथ टाइटन की समानता स्पष्ट होती है। ये चित्र और अध्ययन भी मुख्यतः कासीनी और होयगन्स से मिले आंकड़ों पर ही आधारित थे। .

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टाइटन (रॉकेट परिवार)

टाइटन परिवार (Titan family) 1959 और 2005 के बीच अमेरिका द्वारा इस्तेमाल किया गया उपभोजित रॉकेट का परिवार है। इस परिवार के कुल 368 रॉकेट लांच किये गए। .

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टाइटन 3ई

टाइटन तृतीय ई या टाइटन ३ई, जिसे टाइटन III-सेन्टॉर भी कहा जाता है, एक अमरीकी एक्स्पेन्डेबल लॉन्च प्रणाली थी, जिसे १९७४ से १९७७ के बीच सात बार लॉन्च किया गया था। इसके द्वारा नासा की उच्च-प्रोफ़ाइल अभियानों को यात्रा करायी गयी थी, जिसमें वॉयेजर, वाइकिंग ग्रहीय अन्वेषण प्रोब और संयुक्त जर्मन-अमरीकी हेलियोस प्रोब अंतरिक्ष यान प्रमुख रहे हैं। .

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ट्रैपिस्ट-१

ट्रैपिस्ट-१ (TRAPPIST-1), जिसे 2MASS J23062928-0502285 भी नामांकित करा जाता है, कुम्भ तारामंडल के क्षेत्र में स्थित एक अतिशीतल बौना तारा है जो हमारे सौर मंडल के बृहस्पति ग्रह से ज़रा बड़ा है। यह सूरज से लगभग 39.5 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है। इसके इर्द-गिर्द एक ग्रहीय मंडल है और फ़रवरी 2017 तक इस मंडल में सात स्थलीय ग्रह इस तारे की परिक्रमा करते पाए गए थे जो किसी भी अन्य ज्ञात ग्रहीय मंडल से अधिक हैं। .

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टैंग (पेय)

टैंग अमेरिका का एक मीठा और तीखा, नारंगी के जायके वाला पेय है। इसके नाम को टैंगरीन (संतरे) के नाम पर रखा गया था; संतरे के जायके वाले मूल टैंग को 1957 में जनरल फूड्स कॉरपोरेशन के लिए विलियम ए. मिशेल द्वारा तैयार किया गया था और इसे 1959 में पहली बार पाउडर के स्वरूप में बाजार में उतारा गया था। शुरुआत में इसे एक नाश्ते के पेय के रूप में व्यवहार का इरादा था लेकिन नासा (NASA) द्वारा 1965 में जेमिनी फ्लाइटों पर इसका इस्तेमाल किये जाने से पहले इसकी बिक्री कुछ खास नहीं थी (नैटिक सोल्जर सिस्टम्स सेंटर में इसपर शोध किया गया; टैंग का जॉन ग्लेन की मरकरी फ्लाईट पर इस्तेमाल किये जाने वाले प्रथम पेय के रूप में काफी जोर-शोर से प्रचार किया गया).

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टेलस्टार (उपग्रह)

टेलस्टार उपग्रहटेलस्टार (Telstar) अमेरिका के नासा द्वारा प्रक्षेपित एक संचार उपग्रह है। इस श्रेणी के दो उपग्रहों में पहले उपग्रह टेलस्टार १ को थोर-डेल्टा रॉकेट की सहायता से १0 जुलाई १९६२ को अंतरिक्ष में भेजा गया। यह विश्व का पहला उपग्रह है जिसकी सहायता से सीधा प्रसारण संभव हुआ था। टेलस्टार २ को ७ मई १९६३ को प्रक्षेपित किया गया। हालांकि टेलस्टार १ और टेलस्टार २, दोनों वर्तमान में क्रियाशील नहीं हैं फिर भी अपनी कक्षा में विद्यमान (जुलाई २0१२ तक की सूचना) हैं। .

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टॉम हैंक्स

थॉमस जेफ्री "टॉम " हैंक्स (जन्म 9 जुलाई 1956) एक अमेरिकी अभिनेता, निर्माता, लेखक और निर्देशक हैं। एक नाटकीय अभिनेता के रूप में कई उल्लेखनीय भूमिका में सफलता प्राप्त करने के पूर्व हैंक्स ने एंड्रयू बेकेट की फिलाडेल्फिया, फॉरेस्ट गंप (Forrest Gump) में शीर्षक पात्र की भूमिका, अपोलो 13 में कमांडर जेम्स ए लवेल, सेविंग प्राइवेट रायन में कप्तान जॉन एच.

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एटलस (रॉकेट परिवार)

एटलस (Atlas) अमेरिकी मिसाइल और अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहन का परिवार है। .

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एडगर मिशेल

एडगर मिशेल (अँग्रेजी: Edgar Dean Mitchell, 17 सितंबर 1930 - 4 फ़रवरी 2016) एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थे, जिनका 4 फरवरी, 2016 को वेस्ट पाम बीच, फ्लोरिडा में निधन हो गया। वे 1971 में चंद्रमा से जुड़े अपोलो-14 मिशन के सदस्य थे। उनके साथ अपोलो-14 मिशन में एलन बी.

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एनटीएससी

राष्ट्र की टेलीविज़न इनकोडिंग सिस्टम्स; NTSC सिस्टम का उपयोग करने वाले देशों को हरे रंग से दर्शाया गया है। NTSC, अर्थात् नैशनल टेलीविज़न सिस्टम कमिटी अधिकांशतः उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, बर्मा और प्रशांत द्वीप के कुछ प्रदेशों और राष्ट्रों (नक्शा देखें) में प्रयोग किया जाने वाला एनालॉग टेलीविजन सिस्टम है। अमेरिका की उस मानकीकरण संस्था का भी नाम है जिसने प्रसारण मानक का विकास किया है।नैशनल टेलीवीज़न सिस्टम कमिटी (1951–1953), (रिपोर्ट और पैनेल नंबर 11, 11-A, 12-19, के रिपोर्ट और साथ में रिपोर्टों में उद्धृत कुछ अनुपूरक सन्दर्भ और फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन से पहले कलर टेलीविज़न के ट्रांसमिशन मानकों के ग्रहण की याचिका, n.p., 1953, 17 दृश्य, दृष्टान्त, रेखाचित्र, तालिका, 28 सेमी. LC नियंत्रण नंबर: 54021386 पहला NTSC मानक 1941 में विकसित किया गया था और उसमे रंगीन टीवी के लिए कोई प्रावधान नहीं था। 1953 में NTSC मानक के एक दूसरें संशोधित संस्करण को स्वीकृत किया गया था, जिसमें काले और सफेद रिसीवर्स के मौजूदा स्टॉक के साथ अनुकूल रंगीन प्रसारण की अनुमति थी। NTSC व्यापक रूप से स्वीकृत की जाने वाली पहली प्रसारित रंग प्रणाली थी। उपयोग करने के कम से कम आधी शताब्दी के बाद,12 जून 2009 को संयुक्त राज्य अमेरिका में बहुत सारी संख्या में ओवर- द - एअर NTSC प्रसारण को ATSC से परिवर्तित कर दिया गया था और 31 अगस्त 2011, तक कनाडा में भी परिवर्तित हो जाएगा. .

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एम्स अनुसंधान केंद्र

एम्स अनुसंधान केंद्र (अंग्रेजी: Ames Research Center - ARC), आमतौर पर नासा एम्स के रूप में जाना जाता है, कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली में मोफ्फेत फेडरल एयर फील्ड (en:Moffett Federal Airfield) पर स्थित एक प्रमुख नासा अनुसंधान केन्द्र है।.

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एयरबस

एयरबस SAS (अंग्रेज़ी मेंचित्र:ltspkr.png, फ़्रांसीसी में /ɛʁbys/ और जर्मन में) एक यूरोपीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कम्पनी EADS की एक वायुयान निर्माण सहायक कम्पनी है। ब्लैगनैक, फ़्रांस में ट्युलाउज़ के पास स्थित और पूरे यूरोप में महत्वपूर्ण गतिविधि वाली यह कम्पनी समस्त विश्व के जेट विमानों की कुल संख्या के लगभग आधे का उत्पादन करती है। एयरबस की शुरुआत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उत्पादकों के एक संघ के रूप में हुई। सदी के अंत के दौरान यूरोपीय सैन्य और अंतरिक्ष अनुसंधान कम्पनियों के एकीकरण ने 2001 में सरलीकृत संयुक्त स्टॉक कंपनी की स्थापना की अनुमति दी, जिसका स्वामित्व EADS (80%) और BAE सिस्टम्स (20%) के पास था। एक लंबी विक्रय प्रक्रिया के बाद 13 अक्टूबर 2006 को BAE ने अपनी हिस्सेदारी EADS को बेच दी। यूरोपीय संघ के चार देशों: जर्मनी, फ़्रांस, यूनाइटेड किंगडम और स्पेन, के सोलह स्थानों पर एयरबस के लगभग 57,000 कर्मचारी कार्य करते हैं। अंतिम असेम्बली उत्पादन ट्युलाउज़ (फ़्रांस), हैम्बर्ग (जर्मनी), सेविल (स्पेन) और, 2009 से, तियान्जिन (चीन) में होता है। संयुक्त राज्य अमरीका, जापान, चीन और भारत में एयरबस की सहायक कम्पनियां कार्यरत हैं। यह कम्पनी वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य पहले फ़्लाइ-बाइ-वायर (fly-by-wire) वायुयानों के उत्पादन और विपणन के लिये जानी जाती है। .

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एरियल १

एरियल १ को 'यूके १' तथा 'एस ५१' के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रिटेन द्वारा अपने 'एरियल' कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया पहला उपग्रह था। इसे २६ अप्रैल १९६२ को अमेरिका में स्थित केप केनावेरल एयरफोर्स स्टेशन से अमेरिकी थोर डेल्टा रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। इसके साथ ही ब्रिटेन दुनिया में सोवियत रूस और अमेरिका के बाद अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने वाला तीसरा देश बन गया। इस उपग्रह को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' द्वारा वर्ष १९५९ व १९६० में ब्रिटेन व अमेरिका के मध्य हुई राजनीतिक चर्चाओं के बाद एक अनुबंध के तहत निर्मित किया गया था। यह अंतरराष्ट्रीय सहभागिता के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया पहला उपग्रह भी था। ६२ किलोग्राम वजनी इस बेलनाकार उपग्रह का व्यास ५८ सेमी और उंचाई २२ सेमी थी। इसमे एक टेप रिकॉर्डर के अलावा कॉस्मिक किरणों, सौर-विकिरणों और आयनमंडल संबंधी प्रयोग व अध्ययन के लिए वैज्ञानिक उपकरण लगे थे। चौदह साल तक पृथ्वी की कक्षा में रहने के बाद यह उपग्रह २४ मई १९७६ को वहां से विस्थापित हो गया। श्रेणी:British space programme श्रेणी:1962 in spaceflight श्रेणी:United Kingdom–United States relations श्रेणी:Artificial satellites formerly orbiting Earth.

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एरिया 51

एरिया 51 एक सैन्य अड्डे का उपनाम है जो पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में नेवादा के दक्षिण में (लास वेगास शहर से 83 मील उत्तर-उत्तर पश्चिम में) स्थित है। ग्रूम झील के पश्चिमी तट पर इसके केंद्र में अवस्थित है एक विशाल गोपनीय सैन्य हवाई क्षेत्र.

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एलन बीन

एलन बीन (15 मार्च, 1932 - 26 मई, 2018) एक अमेरिकी नौसेना अधिकारी और नौसेना सलाहकार, एयरोनॉटिकल इंजीनियर, परीक्षण पायलट, और नासा के first1.

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एलक्रॉस

श्रेणी:रॉकेट श्रेणी:अंतरिक्ष.

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एसटीएस-107

एसटीएस-107 113वाँ अंतरिक्ष कार्यक्रम था। जो 16 दिन रह कर ही फ्लॉरिडा में 16 जनवरी 2003 को अलग अलग टूट कर गिर गया। .

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एंटीमैटर

एंटीमैटर क्लाउड कण भौतिकी में, प्रतिद्रव्य या एंटीमैटर (antimatter) वस्तुतः पदार्थ के एंटीपार्टिकल के सिद्धांत का विस्तार है। दूसरे शब्दों में, जिस प्रकार पदार्थ कणों का बना होता है उसी प्रकार प्रतिद्रव्य प्रतिकणों से मिलकर बना होता है। उदाहरण के लिये, एक एंटीइलेक्ट्रॉन (एक पॉज़ीट्रॉन, जो एक घनात्मक आवेश सहित एक इलेक्ट्रॉन होता है) एवं एक एंटीप्रोटोन (ऋणात्मक आवेश सहित एक प्रोटोन) मिल कर एक एंटीहाईड्रोजन परमाणु ठीक उसी प्रकार बना सकते हैं, जिस प्रकार एक इलेक्ट्रॉन एवं एक प्रोटोन मिल कर हाईड्रोजन परमाणु बनाते हैं। साथ ही पदार्थ एवं एंटीमैटर के संगम का परिणाम दोनों का विनाश (एनिहिलेशन) होता है, ठीक वैसे ही जैसे एंटीपार्टिकल एवं कण का संगम होता है। जिसके परिणामस्वरूप उच्च-ऊर्जा फोटोन (गामा किरण) या अन्य पार्टिकल-एंटीपार्टिकल युगल बनते हैं। वैसे विज्ञान कथाओं और साइंस फिक्शन चलचित्रों में कई बार एंटीमैटर का नाम सुना जाता रहा है। एंटीहाइड्रोजन परमाणु का त्रिआयामी चित्र एंटीमैटर केवल एक काल्पनिक तत्व नहीं, बल्कि असली तत्व होता है। इसकी खोज बीसवीं शताब्दी के पूर्वाद्ध में हुई थी। तब से यह आज तक वैज्ञानिकों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। जिस तरह सभी भौतिक वस्तुएं मैटर यानी पदार्थ से बनती हैं और स्वयं मैटर में प्रोटोन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन होते हैं, उसी तरह एंटीमैटर में एंटीप्रोटोन, पोसिट्रॉन्स और एंटीन्यूट्रॉन होते हैं।। नवभारत टाइम्स। १२ नवम्बर २००८। हिन्दुस्तान लाइव। ५ मार्च २०१० एंटीमैटर इन सभी सूक्ष्म तत्वों को दिया गया एक नाम है। सभी पार्टिकल और एंटीपार्टिकल्स का आकार एक समान किन्तु आवेश भिन्न होते हैं, जैसे कि एक इलैक्ट्रॉन ऋणावेशी होता है जबकि पॉजिट्रॉन घनावेशी चार्ज होता है। जब मैटर और एंटीमैटर एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो दोनों नष्ट हो जाते हैं। ब्रह्मांड की उत्पत्ति का सिद्धांत महाविस्फोट (बिग बैंग) ऐसी ही टकराहट का परिणाम था। हालांकि, आज आसपास के ब्रह्मांड में ये नहीं मिलते हैं लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मांड के आरंभ के लिए उत्तरदायी बिग बैंग के एकदम बाद हर जगह मैटर और एंटीमैटर बिखरा हुआ था। विरोधी कण आपस में टकराए और भारी मात्रा में ऊर्जा गामा किरणों के रूप में निकली। इस टक्कर में अधिकांश पदार्थ नष्ट हो गया और बहुत थोड़ी मात्रा में मैटर ही बचा है निकटवर्ती ब्रह्मांड में। इस क्षेत्र में ५० करोड़ प्रकाश वर्ष दूर तक स्थित तारे और आकाशगंगा शामिल हैं। वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार सुदूर ब्रह्मांड में एंटीमैटर मिलने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के खगोलशास्त्रियों के एक समूह ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के गामा-किरण वेधशाला से मिले चार साल के आंकड़ों के अध्ययन के बाद बताया है कि आकाश गंगा के मध्य में दिखने वाले बादल असल में गामा किरणें हैं, जो एंटीमैटर के पोजिट्रान और इलेक्ट्रान से टकराने पर निकलती हैं। पोजिट्रान और इलेक्ट्रान के बीच टक्कर से लगभग ५११ हजार इलेक्ट्रान वोल्ट ऊर्जा उत्सर्जित होती है। इन रहस्यमयी बादलों की आकृति आकाशगंगा के केंद्र से परे, पूरी तरह गोल नहीं है। इसके गोलाई वाले मध्य क्षेत्र का दूसरा सिरा अनियमित आकृति के साथ करीब दोगुना विस्तार लिए हुए हैं।। याहू जागरण। १४ जनवरी २००९ एंटीमैटर की खोज में रत वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लैक होल द्वारा तारों को दो हिस्सों में चीरने की घटना में एंटीमैटर अवश्य उत्पन्न होता होगा। इसके अलावा वे लार्ज हैडरन कोलाइडर जैसे उच्च-ऊर्जा कण-त्वरकों द्वारा एंटी पार्टिकल उत्पन्न करने का प्रयास भी कर रहे हैं। पार्टिकल एवं एंटीपार्टिकल पृथ्वी पर एंटीमैटर की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन वैज्ञानिकों ने प्रयोगशालाओं में बहुत थोड़ी मात्रा में एंटीमैटर का निर्माण किया है। प्राकृतिक रूप में एंटीमैटर पृथ्वी पर अंतरिक्ष तरंगों के पृथ्वी के वातावरण में आ जाने पर अस्तित्व में आता है या फिर रेडियोधर्मी पदार्थ के ब्रेकडाउन से अस्तित्व में आता है। शीघ्र नष्ट हो जाने के कारण यह पृथ्वी पर अस्तित्व में नहीं आता, लेकिन बाह्य अंतरिक्ष में यह बड़ी मात्र में उपलब्ध है जिसे अत्याधुनिक यंत्रों की सहायता से देखा जा सकता है। एंटीमैटर नवीकृत ईंधन के रूप में बहुत उपयोगी होता है। लेकिन इसे बनाने की प्रक्रिया फिल्हाल इसके ईंधन के तौर पर अंतत: होने वाले प्रयोग से कहीं अधिक महंगी पड़ती है। इसके अलावा आयुर्विज्ञान में भी यह कैंसर का पेट स्कैन (पोजिस्ट्रान एमिशन टोमोग्राफी) के द्वारा पता लगाने में भी इसका प्रयोग होता है। साथ ही कई रेडिएशन तकनीकों में भी इसका प्रयोग प्रयोग होता है। नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मैटेरियल है। 1 मिलिग्राम एंटीमैटर बनाने में 250 लाख डॉलर रुपये तक लग जाते हैं। एंटीमैटर का इस्तेमाल अंतरिक्ष में दूसरे ग्रहों पर जाने वाले विमानों में ईधन की तरह किया जा सकता है। 1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत 312500 अरब रुपये (3125 खरब रुपये) है। .

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एक्सप्लोरर 1

एक्सप्लोरर 1 (1958 अल्फ़ा 1) सयुंक्त राज्य अमरीका का सबसे पहला पृथवी उपग्रह था। इसका प्रक्षेपण अमरीका के अन्तराष्ट्रीय भूभौतिकीय वर्ष में भाग लेने के हिस्से के तौर पर किया गया था। मिशन सोवियत संघ के एक वर्ष पूर्व छोड़े गए स्पुतनिक 1 और 2 के पश्चात स्थापित किया गया था, तथा इसके साथ ही दोनो राष्ट्रो के बीच शीतयुद्ध अंतरिक्ष दौड़ का आरंभ हुआ। .

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ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम

अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम अथवा ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam), (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा। इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई। कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये। .

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डिएगो गार्सिया

डिएगो गार्सिया एक उष्णकटिबंधीय, पदचिह्न-आकार का मूंगे का प्रवालद्वीप (एटोल) है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण में मध्य हिंद महासागर में सात डिग्री, छब्बीस मिनट दक्षिण अक्षांश (भूमध्य रेखा के दक्षिण में) पर स्थित है। यह ब्रिटिश हिंद महासागरीय क्षेत्र का हिस्सा है और इसकी अवस्थिति 72°23' पूर्व देशांतर में है। यह एटोल अफ्रीकी तट के लगभग पूर्व में और भारत के दक्षिण सिरे से दक्षिण में है (चित्र 2.3).

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डिस्कवरी अंतरिक्ष यान

डिस्कवरी अंतरिक्ष यान। डिस्कवरी अंतरिक्ष यान (ऑर्बिटर वाहन पदनाम: OV-103) अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा के बेड़े में तीन वर्तमान में परिचालित परिक्रामकों (आर्बिटर्स) में से एक है। दो अन्य अंतरिक्ष यान है अटलांटिस और एंडियावर। जब १९८४ में डिस्कवरी ने पहली बार उडा़न भरी थी, तब यह तीसरा परिक्रामक था और अब ये सेवा में सबसे पुराना परिक्रामक है। डिस्कवरी मिशन दोनों, अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में काम कर चुका है। .

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डिजिटल फोटोग्राफी

डिजिटल फोटोग्राफी.

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डेविड ब्राउन

डेविड मैकडोवेल ब्राउन (अप्रैल १६, १९५६ – फ़रवरी १, २००३) संयुक्त राज्य वायुसेना कप्तान और नासा अंतरिक्षयात्री थे। वो कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गये सात यात्रियों में से एक थे। उनके साथ अन्य यात्री कल्पना चावला, माइकल फिलिप एंडरसन, लॉरेल क्लॉर्क, रिक हसबैंड, विलियम मैककूल और इलान रेमोन थे। यह उनकी प्रथम अंतरिक्ष यात्रा थी। .

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डॉन (अंतरिक्ष यान)

वॅस्टा) के साथ दर्शाया गया है डॉन अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान एजेंसी नासा का एक अंतरिक्ष यान है जिसे 27 सितम्बर 2007 को पृथ्वी से राकेट पर छोड़ा गया था और जिसका ध्येय हमारे सौर मंडल के क्षुद्रग्रह घेरे के दो प्रमुख सदस्यों पर शोध करना है। यह सीरीस नाम का बौना ग्रह है और वॅस्टा नाम का क्षुद्रग्रह है। 16 जुलाई 2011 को डॉन यान वॅस्टा पहुँच गया और उसके इर्द-गिर्द कक्षा (ऑर्बिट) में दाख़िल होकर उसकी परिक्रमा करने लगा। यह यान 2012 तक यहीं रहेगा और फिर सीरीस की तरफ़ रवाना हो जाएगा जहाँ यह 2015 में पहुँचेगा.

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डीप स्पेस 2

कोई विवरण नहीं।

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तरण ताल

बैकयार्ड तरण ताल नेवादा, लास वेगास, संयुक्त राज्य अमेरिका में छत के ऊपर बने एक तरण ताल का ऊपर से दृश्य तरण ताल, या स्वीमिंग पूल, तैराकी या जल-आधारित मनोरंजन के इरादे से पानी से भरे एक स्थान को कहते हैं। इसके कई मानक आकार हैं; ओलंपिक-आकार का स्विमिंग पूल सबसे बड़ा और सबसे गहरा होता है। पूल को जमीन से ऊपर या जमीन पर धातु, प्लास्टिक, फाइबरग्लास या कंक्रीट जैसी सामग्रियों से बनाया जा सकता है। जिस पूल को कई लोगों द्वारा या आम जनता के द्वारा उपयोग किया जा सकता है उसे पब्लिक पूल कहते हैं, जबकि विशेष रूप से कुछ लोगों द्वारा या किसी घर में इस्तेमाल किये जाने वाले पूल को प्राइवेट पूल कहा जाता है। कई हेल्थ क्लबों, स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी क्लबों में सार्वजनिक पूल होते हैं जिन्हें ज्यादातर व्यायाम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई होटलों और मसाज पार्लरों में तनाव से मुक्ति के लिए सार्वजनिक पूल मौजूद होते हैं। हॉट टब और स्पा ऐसे पूल होते हैं जिसमें गर्म पानी होता है जिसे तनाव मुक्ति या चिकित्सा के लिए इस्तेमाल किया जाता है और ये घरों, क्लबों एवं मसाज पार्लरों में आम तौर पर मौजूद होते हैं। स्विमिंग पूल (तरण ताल) का उपयोग ग़ोताख़ोरी (डाइविंग) और पानी के अन्य खेलों के साथ-साथ लाइफगार्ड्स और अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण में भी होता है। स्विमिंग पूलों में बैक्टीरिया, वायरस, शैवाल और कीट लार्वा के विकास और प्रसार को रोकने के लिए अक्सर रासायनिक कीटाणुनाशकों जैसे कि क्लोरीन, ब्रोमिन या खनिज सैनिटाइजर्स और अतिरिक्त फिल्टरों का उपयोग किया जाता है। वैकल्पिक रूप से पूल कीटाणुनाशकों के बगैर अतिरिक्त कार्बन फिल्टरों और यूवी कीटाणुशोधन के साथ बायोफ़िल्टर का इस्तेमाल कर तैयार किये जा सकते हैं। दोनों ही मामलों में तालों (पूल) में एक उचित प्रवाह दर को बनाये रखना आवश्यकता होता है। .

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तारा सूचीपत्र

तारा सूचीपत्र (star catalogue), एक खगोलीय सूचीपत्र है जो तारे सूचीबद्ध करता है। खगोल विज्ञान में अनेकों तारे सूचीपत्र संख्या द्वारा बस ऐसे ही उल्लेखित हुए है। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न प्रयोजनों के लिए बहुत सारे अलग अलग तारा सूचीपत्र बनाए गए है। तारा सूचीपत्र बेबिलोनियाई, यूनानी, चीनी, फारसी और अरब सहित कई अलग अलग प्राचीन लोगों द्वारा संकलित हुए थे। अधिकांश आधुनिक सूचीपत्र इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में उपलब्ध हैं और मुक्त रूप से नासा के खगोलीय डाटा केंद्र से डाउनलोड किया जा सकता है। श्रेणी:खगोलशास्त्र.

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तेल रिसाव

तेल रिसाव के बाद एक समुद्र तट तिमोर सागर में मोंटारा तेल रिसाव से ऑइल स्लिक, सितंबर, 2009. तेल रिसाव मानवीय गतिविधियों के कारण तरल पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन का पर्यावरण में मुक्त होना है तथा यह एक प्रकार का प्रदूषण है। इस शब्द का उपयोग अक्सर समुद्री तेल रिसाव के लिए किया जाता है, जहां तेल समुद्र में अथवा तटीय जल में मुक्त होता है। तेल रिसाव में कच्चे तेल का टैंकर से, अपतटीय प्लेटफार्म से, खुदाई उपकरणों से तथा कुओं से रिसाव, इसके साथ ही परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों (जैसे गैलोलिन, डीजल) तथा उनके उप-उत्पादों का रिसाव और बड़े जहाजों में प्रयुक्त होने वाले भारी ईंधन जैसे बंकर ईंधन का रिसाव या किसी तैलीय अवशिष्ट का या अपशिष्ट तेल का रिसाव शामिल है। रिसाव को साफ करने में महीनों या सालों लग सकते हैं। प्राकृतिक तेल रिसाव से भी तेल समुद्री पर्यावरण में प्रवेश करता है। सार्वजनिक ध्यान और विनियमन की वजह से गहरे समुद्र में तेल टैंकरों की ओर तेजी से ध्यान केंद्रित हो रहा है। .

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धनु ए*

धनु ए* (Sagittarius A, Sgr A) हमारी गैलेक्सी, क्षीरमार्ग के केन्द्र में स्थित एक संकुचित और शक्तिशाली रेडियो स्रोत है। यह धनु ए नामक एक बड़े क्षेत्र का भाग है और आकाश के खगोलीय गोले में धनु तारामंडल में वॄश्चिक तारामंडल की सीमा के पास स्थित है। बहुत से खगोलशास्त्रियों के अनुसार यह एक विशालकाय काला छिद्र है। माना जाता है कि अधिकांश सर्पिल और अंडाकार गैलेक्सियों के केन्द्र में ऐसा एक भीमकाय कालाछिद्र स्थित होता है। धनु ए* और पृथ्वी के बीच खगोलीय धूल के कई बादल हैं जिस कारणवश घनु ए* को प्रत्यक्ष वर्णक्रम में नहीं देखा जा सका है। फिर भी धनु ए* की तेज़ी से परिक्रमा कर रहे ऍस२ (S2) तारे के अध्ययन से धनु ए* के बारे में जानकारी मिल सकी है और उसके आधार पर धनु ए* का विशालकाय कालाछिद्र होने का भरोसा बहुत बढ़ गया है। धनु ए* हमारे सौर मंडल से २६,००० प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है। .

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ध्रुवीय बर्फ टोपी

अन्टार्कटिका, एक ध्रुवीय बर्फ टोपी ध्रुवीय बर्फ टोपी (Polar ice cap), किसी ग्रह या प्राकृतिक उपग्रह के उच्च अक्षांश क्षेत्र है जो कि बर्फ में ढंके होते है | ध्रुवीय बर्फ टोपी कहलाने के लिए बर्फीले ढाँचे के लिए आकार या बनावट से सम्बंधित किसी तरह की कोई शर्त नहीं होती है और ना ही इसके भूमि पर होने के लिए कोई भूवैज्ञानिक शर्त होती है; केवल इतना कि ध्रुवीय क्षेत्र में ठोस अवस्था के पदार्थ का ढांचा होना बहुत जरुरी है | File:North pole september ice-pack 1978-2002.png|सितम्बर में आर्कटिक समुद्र बर्फ की सीमा, १९७८-२००२ File:North pole february ice-pack 1978-2002.png|फरवरी में आर्कटिक समुद्र बर्फ की सीमा, १९७८-२००२ File:The Earth seen from Apollo 17.jpg|पृथ्वी, जिस रूप में अपोलो १७ से देखी गई, दृश्यमान दक्षिणी ध्रुवीय बर्फ टोपी के साथ (नासा के सौजन्य से) .

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ध्वनि संचालित एक्स्चेंज

आवाज क्रासिंग में से एक नोट यहाँ दिखाया गया है। ध्वनिसंचालित एक्स्चेंज (अंग्रेज़ी: वॉयस ऑपरेटेड एक्सचेंज, लघुरूप: वीओएक्स या वॉक्स) एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है, एक वॉकी-टॉकी जैसा होता है। इस प्रणाली द्वारा बहुत हल्की सी ध्वनि या मानव वार्तालाप को पकड़कर स्पीकर में संवर्धित कर सुनाया जा सकता है।। हिन्दुस्तान लाइव। २९ नवम्बर २००९ ये ध्वनि संकेत मिलते ही स्वतः ही कार्य चालू कर देता है। जब उपभोक्ता इसमें बोलता है, सिर्फ उतनी देर तक ही ट्रांसमीटर चालू रहता है और बोलना रूकते ही यह भी स्वतः ही बंद हो जाता है। यह प्रयोग किए जाने वाले पी.टी.टी (प्रेस टू टॉक) बटन से कहीं बेहतर होता है। इसके साथ ही इसे मैनुअल तरीके से भी प्रयोग किया जा सकता है। मोबाइल फोन उपकरणों में वी.ओ.एक्स का प्रयोग बैटरी चार्ज बचाने के किये किया जाता है। कुछ मोबाइल फोन, टू वे रेडियो, फोन रिकॉर्डर और टेप रिकॉर्डर आदि में भी वीओएक्स का विकल्प होता है। वीओएक्स में एक ट्रांसमीटर लगा होता है, जो कि सूचनाओं को ग्रहण करता है। इसका ध्वनि पकड़ने वाला माइक्रोफोन जिसे ईयरपीस भी कहते हैं, ये सिर के पास होता है और सेंसर चेहरे के पास, ताकि आवाज की जसा सी भी फुसफुसाहट को भी सुना जा सकें। ध्वनि के समाप्त होने के कुछ अंतराल तक इसका सर्किट सक्रिय रहता है, इस निश्चित अंतराल में कोई ध्वनि न मिलने की दशा में स्वत: ही बंद हो जाता है। दोबारा थोड़ी सी भी आवाज होते ही यह स्वतः ही सक्रिय हो जाता है। इसका प्रणाली का प्रयोग हाल ही में २६ नवम्बर २००८ मुंबई में श्रेणीबद्ध गोलीबारी में राष्ट्रीय सुरक्षा समूह की टीम ने किया था। नासा के अभियानों में भी दौरान वीओएक्स का प्रयोग बहुत हुआ था, जिसने इस तकनीक को चलन में ला दिया। बम कांड या गोलीबारी आदि की स्थिति में इस स्विच के लिए एक बड़ी समस्या होती है। भीषण गोलाबारी और फायरिंग के समय यह स्विच उसकी आवाज से भी सक्रिय हो जाता है, जो इस उपकरण की प्रमुख कमी है। .

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धूप के चश्मे

प्रत्यक्ष सूर्य के प्रकाश में धूप का चश्मा पहनना: बड़ा लेंस अच्छी सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन अगल-बगल से "अनचाहे प्रकाश" को रोकने के लिए चौड़ी बनावट वाले की ज़रूरत है। धूप के चश्मे एक प्रकार के सुरक्षात्मक नेत्र पहनावे हैं जिन्हें प्राथमिक रूप से आखों को सूरज की तेज़ रोशनी और उच्च-उर्जा वाले दृश्यमान प्रकाश के कारण होने वाली हानि या परेशानी से बचने के लिए डिजाइन किया गया है। वे कभी-कभी एक दृश्य सहायक के रूप में भी कार्य करते हैं, चूंकि विभिन्न नामों से ज्ञात चश्मे मौजूद हैं, जिनकी विशेषता यह होती है की उनका लेंस रंगीन, ध्रुवीकृत या गहरे रंग वाली होती है। 20वीं सदी के पूर्वार्ध में इन्हें सन चीटर्स के नाम से भी जाना जाता था (अमेरिकी अशिष्ट भाषा में चश्मो के लिए चीटर्स शब्द का इस्तेमाल किया जाता था).

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नासा/आईपैक ग़ैर-गैलेक्सीय कोष

नासा/आईपैक ग़ैर-गैलेक्सीय कोष (NASA/IPAC Extragalactic Database) इंटरनेट पर उपलब्ध एक खगोलशास्त्रीय कोष है जिसमें हमारी गैलेक्सी आकाशगंगा से बाहर स्थित खगोलीय वस्तुओं की जानकारी संचय की गई है। इन वस्तुओं में गैलेक्सियाँ, क्वेज़ार, एक्स-किरणों और अवरक्त-किरणों (इन्फ़्रारेड) के स्रोत, इत्यादि शामिल हैं। इसे १९८० के दशक में कैलिफ़ोर्निया के दो खगोलशास्त्रियों - जॉर्ज हेलू और बैरी मैडोर - ने स्थापित किया था और इसे चलाने का ख़र्च अमेरिकी अन्तरिक्ष अनुसन्धान प्राधिकरण नासा से आता है। जून २०१२ तक इस कोष में १७ करोड़ खगोलीय वस्तुओं पर जानकारी एकत्रित की गई जा चुकी थी, जिसमें भिन्न स्रोतों और प्रणालियों से मिली जानकारी और माप में तालमेल किया गया था। इसमें कई तरंगदैर्घ्य (वेवलेंथ) के प्रयोग से १८.२ करोड़ कड़ियाँ जोड़ी जा चुकी थीं। .

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नास्ट्रान

नास्ट्रान एक सीमित युका विश्लेषण सॉफ़्टवेयर है जिसे अमरीकी आंतरिक्ष संस्था नासा के लिए तैयार किया गया था। आज इसके कई व्यावसायिक अवतरण उपलब्ध हैं। श्रेणी:सांख्यिक विश्लेषण.

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निसार (उपग्रह)

नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर राडार या निसार मिशन (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar or NISAR) दोहरी आवृत्ति वाले सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह को विकसित करने और लॉन्च करने के लिए नासा और इसरो के बीच एक संयुक्त परियोजना है। यह उपग्रह दोहरी आवृत्ति का उपयोग करने वाला पहला रडार इमेजिंग सैटेलाइट होगा और इसे धरती के प्राकृतिक प्रक्रियाओं को समझने के लिए रिमोट सेंसिंग में इस्तेमाल किया जाएगा। .

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निहारिका

चील नॅब्युला का वह भाग जिसे "सृजन के स्तम्भ" कहा जाता है क्योंकि यहाँ बहुत से तारे जन्म ले रहे हैं। त्रिकोणीय उत्सर्जन गैरेन नीहारिका (द ट्रेंगुलम एमीशन गैरन नॅब्युला) ''NGC 604'' नासा द्वारा जारी क्रैब नॅब्युला (कर्कट नीहारिका) वीडियो निहारिका या नॅब्युला अंतरतारकीय माध्यम (इन्टरस्टॅलर स्पेस) में स्थित ऐसे अंतरतारकीय बादल को कहते हैं जिसमें धूल, हाइड्रोजन गैस, हीलियम गैस और अन्य आयनीकृत (आयोनाइज़्ड) प्लाज़्मा गैसे उपस्थित हों। पुराने जमाने में "निहारिका" खगोल में दिखने वाली किसी भी विस्तृत वस्तु को कहते थे। आकाशगंगा (हमारी गैलेक्सी) से परे कि किसी भी गैलेक्सी को नीहारिका ही कहा जाता था। बाद में जब एडविन हबल के अनुसन्धान से यह ज्ञात हुआ कि यह गैलेक्सियाँ हैं, तो नाम बदल दिए गए। उदाहरण के लिए एंड्रोमेडा गैलेक्सी (देवयानी मन्दाकिनी) को पहले एण्ड्रोमेडा नॅब्युला के नाम से जाना जाता था। नीहारिकाओं में अक्सर तारे और ग्रहीय मण्डल जन्म लेते हैं, जैसे कि चील नीहारिका में देखा गया है। यह नीहारिका नासा द्वारा खींचे गए "पिलर्स ऑफ़ क्रियेशन" अर्थात् "सृष्टि के स्तम्भ" नामक अति-प्रसिद्ध चित्र में दर्शाई गई है। इन क्षेत्रों में गैस, धूल और अन्य सामग्री की संरचनाएं परस्पर "एक साथ जुड़कर" बड़े ढेरों की रचना करती हैं, जो अन्य पदार्थों को आकर्षित करता है एवं क्रमशः सितारों का गठन करने योग्य पर्याप्त बड़ा आकार ले लेता हैं। माना जाता है कि शेष सामग्री ग्रहों एवं ग्रह प्रणाली की अन्य वस्तुओं का गठन करती है। .

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निकोल औनापु मान

निकोल औनापु मान (Nicole Victoria Aunapu Mann; जन्म 27 जून 1977) नासा की प्रशिक्षण कक्षा 2013 में प्रशिक्षित एक अंतरिक्ष यात्री हैं। वह यू.एस.

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नंदिनी हरीनाथ

नंदिनी हरीनाथ २०२० में शुरू करने के लिए तैयार किये जा रहे एक संयुक्त नासा-इसरो उपग्रह - निसार के इसरो द्वारा मिशन प्रणाली की सिस्टम आगू हैं। कई दशकों पहले टीवी की दुनिया के प्रसिद्ध अमेरिकी विज्ञान कथा मनोरंजन कार्यक्रम, स्टार ट्रेक, उनके लिए, विज्ञान का पहला प्रदर्शन था। इसरो की नौकरी उनकी पहली नौकरी थी और यहाँ काम करते हुए उन्हें बीस साल हो चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 14 परियोजनाओं पर काम किया। इसरो के मंगलयान परियोजनाओं में इन्हों ने मार्स ऑर्बिटर मिशन पर मिशन डिज़ाइन की परियोजना प्रबंधक और उप-ऑपेरशन संचालक के रूप में काम किया। भारत के सफल मंगल अभियान से पहले मंगल ग्रह के लिए किये जाने वाले मिशन में सफलता की दर केवल 40% ही थी और भारत इसे पहली बार में और वह भी बहुत कम लागत और बहुत कम समय में पूरा करने वाला पहला देश है। .

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न्यू होराइज़न्स

न्यू होराइज़न्स (अंग्रेज़ी: New Horizons, हिंदी अर्थ: "नए क्षितिज") अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था नासा का एक अंतरिक्ष शोध यान है जो हमारे सौर मंडल के बाहरी बौने ग्रह यम (प्लूटो) के अध्ययन के लिये छोड़ा गया था। इस यान का प्रक्षेपण 19 जनवरी 2006 किया गया था जो नौ वर्षों के बाद 14 जुलाई 2015 को प्लूटो के सबसे नजदीक से होकर गुजरा। यह प्लूटो और उसके पांचों ज्ञात उपग्रहों - शैरन, निक्स, हाएड्रा, स्टायक्स और ऍस/२०११ पी १ (S/2011 P 1) के आँकड़े भेजेगा। इसके बाद अगर कोई अन्य काइपर घेरे की वस्तु देखने योग्य मिलती है तो संभव है की इस यान के द्वारा उसके पास से भी निकलकर जानकारी और तस्वीरें हासिल की जा सकें। न्यू होराइजन्स यान को रॉकेट के ऊपर लगाकर १९ जनवरी २००६ को छोड़ा गया था। ७ अप्रैल २००६ को इसने मंगल ग्रह की कक्षा (ऑरबिट) पार की, २८ फ़रवरी २००७ को बृहस्पति ग्रह की, ८ जून २००८ को शनि ग्रह की और १८ मार्च २०११ को अरुण ग्रह (यूरेनस) की। इसे छोड़ने की गति किसी भी मानव कृत वस्तु से अधिक रही थी - अपने आखरी रॉकेट के बंद होने तक इसकी रफ़्तार १६.२६ किलोमीटर प्रति सैकिंड पहुँच चुकी थी। .

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नौवां ग्रह

नौवां ग्रह (Planet Nine) एक सम्भावित ग्रह है जो शायद हमारे सौर मंडल के बाहरी भाग में काइपर घेरे से भी आगे स्थित हो। कई खगोलशास्त्रियों ने कुछ वरुण-पार वस्तुओं की विचित्र कक्षाओं (अरबिटों) का अध्ययन कर के यह प्रस्ताव दिया है कि इन कक्षाओं के पीछे सूरज से सुदूर क्षेत्र में परिक्रमा करते हुए एक बड़े आकार के ग्रह का गुरुत्वाकर्षक प्रभाव ही हो सकता है। उनका कहना है कि यह एक महापृथ्वी श्रेणी का ग्रह होगा और इसका द्रव्यमान (मास) हमारी पृथ्वी से लगभग १० गुना अधिक हो सकता है। इसके पास हाइड्रोजन और हीलियम का बना एक घना वायुमंडल हो सकता है और सम्भव है कि यह इतना दूर हो कि इसे सूरज की एक परिक्रमा करने के लिये १५,००० से २०,००० वर्ष लग जाएँ। .

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नैस्टी-1

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परिमित अवयव सॉफ्टवेयरों की सूची

यहाँ उन सॉफ्तवेयरों की सूची दी गयी है जो आंशिक अवकल समीकरणों का हल निकालने के लिए परिमित अवयव विधि का उपयोग करते हैं। .

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पायनियर 0

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पायनियर 1

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पायनियर 2

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पायनियर 3

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पायनियर 4

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पायनियर 5

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पायनियर 6, 7, 8 और 9

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पायोनियर १०

१९७३ में बृहस्पति ग्रह के पास से गुज़रते हुए पायोनियर १० का काल्पनिक चित्रण पायोनियर १० एक २५८ किलोग्राम का अमेरिकी अंतरिक्ष यान है। इसे २ मार्च १९७२ को अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था नासा ने एक ऐटलस-सेंटौर रॉकेट के ज़रिये अंतरिक्ष में छोड़ा। १५ जुलाई १९७२ से १५ फ़रवरी १९७३ के काल में यह हमारे सौर मंडल के क्षुद्रग्रह घेरे (ऐस्टरौएड बॅल्ट) को पार करने वाला पहला मानव-कृत यान बना। ६ नवम्बर १९७३ को इसने बृहस्पति ग्रह की तस्वीरें लेना शुर किया और ४ दिसम्बर १९७३ को बृहस्पति से केवल १,३२,२५२ किमी की दूरी पर पहुँचकर फिर उस से आगे निकल गया। चलते-चलते यह हमारे सौर मंडल के बाहरी क्षेत्रों में जा पहुँचा है। कम ऊर्जा के कारण २३ जनवरी २००३ के बाद इस यान का पृथ्वी से संपर्क टूट गया। उस समय यह पृथ्वी से १२ अरब किमी (८० खगोलीय ईकाईयों) की दूरी पर था।, Joseph A. Angelo, Infobase Publishing, 2007, ISBN 978-0-8160-5773-3,...

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पायोनियर ११

शनि ग्रह के पास से गुज़रते हुए पायोनियर ११ का काल्पनिक चित्रण पायोनियर ११ एक २५९ किलोग्राम का अमेरिकी अंतरिक्ष यान है। इसे ६ अप्रैल १९७३ को अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था नासा ने एक रॉकेट के ज़रिये अंतरिक्ष में छोड़ा। हमारे सौर मंडल के क्षुद्रग्रह घेरे (ऐस्टरौएड बॅल्ट) और बृहस्पति ग्रह से गुजरने वाला यह दूसरा मानव-कृत यान था। २ दिसम्बर १९७४ में यह बृहस्पति से केवल ४३,००० किमी की दूरी से निकला। १९७९ में यह पहला यान बना जिसने शनि ग्रह के समीप जाकर उसपर अनुसन्धान किया और उसकी तस्वीरें वापस पृथ्वी भेजीं। चलते-चलते यह हमारे सौर मंडल के बाहरी क्षेत्रों में जा पहुँचा है। कम ऊर्जा के कारण ३० नवम्बर १९९५ के बाद इस यान का पृथ्वी से संपर्क टूट गया।, Joseph A. Angelo, Infobase Publishing, 2007, ISBN 978-0-8160-5773-3,...

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प्रणव पांड्या

डॉ॰ प्रणव पांड्या डॉ॰ प्रणव पांड्या (जन्म- 8 नवम्बर 1950 (रूप चतुर्दशी)), गायत्री परिवार के संचालक हैं। वे गायत्री परिवार के संस्थापक श्रीराम शर्मा आचार्य के दामाद हैं। इसके अतिरिक्त वे देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के निदेशक तथा अखण्ड ज्योति पत्रिका के सम्पादक भी हैं। .

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प्रदिश विश्लेषण

आतानक विश्लेषण (टेंसर ऐनालिसिस) का मुख्य उद्देश्य ऐसे नियमों की रचना और अध्ययन है, जो साधारणतया सहचर (कोवैरिऐंट) रहते हैं, अर्थात् यदि हम नियामकों की एक संहति से दूसरी में जाएं तो ए नियम ज्यों के त्यों बने रहते हैं। इसीलिए अवकल ज्यामिति के लिए यह विषय महत्वपूर्ण है। इस विषय के पुराने विचारकों में गाउस, रीमान और क्रिस्टॉफ़ेल के नाम उल्लेखनीय हैं। किंतु इस विषय को व्यवस्थित रूप रिची और लेवी चिविता ने दिया। इन्होंने इस विषय का नाम बदलकर निरपेक्ष चलन कलन (ऐब्सोल्यूट डिफ़रेशियल कैल्कुलस) कर दिया। इस विषय का प्रयोग अनुप्रयक्त गणित की बहुत सी शाखाओं में होता है। .

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प्लैनम ऑस्ट्राले

प्लैनम ऑस्ट्राले, मार्स ग्लोबल सर्वेयर द्वारा लिया गया I प्लैनम ऑस्ट्राले (Planum Australe) (लैटिन: "दक्षिणी मैदान"), मंगल ग्रह पर एक दक्षिणी ध्रुवीय मैदान है | यह लगभग ७५° दक्षिण की ओर फैला हुआ है और पर केंद्रित है | इस क्षेत्र के भूविज्ञान का अन्वेषण नासा के विफल अभियान मार्स पोलर लैंडर द्वारा होना था | जिसने मंगल के वातावरण में प्रवेश करने के साथ ही संपर्क खो दिया | श्रेणी:Plains on Mars.

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प्लूटो (बौना ग्रह)

यम या प्लूटो सौर मण्डल का दुसरा सबसे बड़ा बौना ग्रह है (सबसे बड़ा ऍरिस है)। प्लूटो को कभी सौर मण्डल का सबसे बाहरी ग्रह माना जाता था, लेकिन अब इसे सौर मण्डल के बाहरी काइपर घेरे की सब से बड़ी खगोलीय वस्तु माना जाता है। काइपर घेरे की अन्य वस्तुओं की तरह प्लूटो का अकार और द्रव्यमान काफ़ी छोटा है - इसका आकार पृथ्वी के चन्द्रमा से सिर्फ़ एक-तिहाई है। सूरज के इर्द-गिर्द इसकी परिक्रमा की कक्षा भी थोड़ी बेढंगी है - यह कभी तो वरुण (नॅप्टयून) की कक्षा के अन्दर जाकर सूरज से ३० खगोलीय इकाई (यानि ४.४ अरब किमी) दूर होता है और कभी दूर जाकर सूर्य से ४५ ख॰ई॰ (यानि ७.४ अरब किमी) पर पहुँच जाता है। प्लूटो काइपर घेरे की अन्य वस्तुओं की तरह अधिकतर जमी हुई नाइट्रोजन की बर्फ़, पानी की बर्फ़ और पत्थर का बना हुआ है। प्लूटो को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करते हुए २४८.०९ वर्ष लग जाते हैं। .

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पृथ्वी उदय

पृथ्वी उदय 1968 के अपोलो 8 अभियान के दौरान चन्द्रमा की कक्षा से लिया गया एक चित्र है जिसमें पृथ्वी और चन्द्रमा की सतह के कुछ भाग नज़र आते हैं। श्रेणी:चित्र.

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पैड एबॉर्ट परीक्षण 1

पैड एबॉर्ट टेस्ट 1 (Pad Abort Test 1) 17 नवंबर, 1963 को अपोलो अंतरिक्ष यान का पहला निरस्त परीक्षण था। .

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पेल ब्लू डॉट

पेल ब्लू डॉट या फीका नीला बिन्दु 14 फरबरी 1990 को वॉयेजर प्रथम अंतरिक्ष शोध यान द्वारा 6 अरब किलोमीटर की रिकॉर्ड दूरी से लिया गया पृथ्वी का एक चित्र है। श्रेणी:चित्र.

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पोलारिस

पोलारिस (यूएमआई (UMi), उर्से मिनोरिस (Ursae Minoris), अल्फा उर्से मिनोरिस (Alpha Ursae Minoris), आमतौर पर उत्तर (इय) तारा या, पोल तारा, या ध्रुव तारा, या कभी लोडस्टार) उर्सा माइनर तारासमूह का सबसे चमकता हुआ सितारा है। यह उत्तरीय खगोलीय ध्रुव के सबसे करीब है, जो इसे मौजूदा उत्तरीय पोल तारा बनाता है। पोलारिस एक विविध सितारा है और धरती से लगभग 430 प्रकाश-वर्ष दूर है। यूएमआई ए छह सूर्य भारविलैंड पृष्ठ 3: ए और पी के मासेस...(6.0+1.54M⊙) के बराबर है F7 ब्राईट जायेंट (II) या सुपरजायेंट (lb).

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पीएसएलवी-सी37

पीएसएलवी-सी37, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित पीएसएलवी श्रृंखला का एक उपग्रह प्रमोचन वाहन (लॉन्च व्हीकल) है जिसने 15 फरवरी 2017, बुधवार को कुल 104 उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करके एक नया विश्वकीर्तिमान स्थापित किया। भारत के 714 किलोग्राम वजन वाले पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (कार्टोसैट-2डी) और 664 किलोग्राम वजन के 103 अन्य सहायक उपग्रहों के साथ सतीश धवन स्पेस सेंटर के प्रथम लॉन्च पैड से सुबह 9 बजकर 28 मिनट (आईएसटी) पर रवाना हुआ। ये उपग्रह अनेक देशों के हैं। पीएसएलवी की यह कुल 39वीं और 37वीं सफल उड़ान थी। - राँची एक्सप्रेस - 12 फरवरी 2017 अभी तक किसी भी देश ने इतनी संख्या में उपग्रहों का एक साथ प्रक्षेपण नहीं किया है। पिछला रिकॉर्ड रूस के नाम था, रूस ने नेपर रॉकेट से 2014 में एक साथ 37 सैटेलाइट लांच कर वर्ष 2013 में मिनटॉर 1 से 29 सैटेलाइट एक साथ छोड़ने के अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इसरो भी 2016 में 20 उपग्रह एक साथ लॉन्च कर चुका है। - आज तक - 13 फरवरी 2017 .

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फोटोग्राममिति सॉफ्टवेयरों की तुलना

द्विमीय फोटोग्राफों से, अथवा विडियो से, ज्यामितीय सूचनाओं (जैसे दूरी, स्थिति (निर्देशांक) आदि) की गणना करना फोटोग्राममिति (Photogrammetry) कहलाता है। .

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बिबकोड

बिबकोड (अंग्रेज़ी: Bibcode) एक अभिज्ञापक (आइडॅन्टिफ़ायर) है जिसका प्रयोग खगोलशास्त्रीय ज्ञानकोशों में खगोलशास्त्र-सम्बन्धी लेखों और अन्य सामग्री की पहचान करने के लिए किया जाता है। इसका आविष्कार सिम्बाद और नासा के कोषों में प्रयोग के लिए हुआ था लेकिन अब इसे अन्य स्थानों पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें हर लेख या पुस्तक के लिए एक १९ अक्षरों और अंकों का अभिज्ञापक होता है जिसका रूप इस प्रकार होता है: YYYYJJJJJVVVVMPPPPA। इसमें.

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बज़ एल्ड्रिन

बज़ एल्ड्रिन (जन्म जनवरी 20, 1930) एक अमेरिकी यांत्रिक इंजीनियर हैं, वे संयुक्त राज्य की एयर फ़ोर्स के सेवानिवृत्त पायलट हैं। साथ ही वे एक अन्तरिक्ष यात्री भी थे। वे अपोलो 11 के ल्यूनर मोड्यूल पायलट थे। यह अन्तरिक्ष यात्रा के इतिहास का पहला यान था जिसने मानव के साथ चांद पर कदम रखा। 20 जुलाई 1969 को वे दूसरे इंसान थे जिन्होंने चांद की धरती पर कदम रखा। उनसे पहले मिशन के कमांडर नील आर्मस्ट्रांग ने चांद की धरती पर कदम रखा था। .

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बुध (ग्रह)

बुध (Mercury), सौरमंडल के आठ ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है। इसका परिक्रमण काल लगभग 88 दिन है। पृथ्वी से देखने पर, यह अपनी कक्षा के ईर्दगिर्द 116 दिवसो में घूमता नजर आता है जो कि ग्रहों में सबसे तेज है। गर्मी बनाए रखने के लिहाज से इसका वायुमंडल चुंकि करीब करीब नगण्य है, बुध का भूपटल सभी ग्रहों की तुलना में तापमान का सर्वाधिक उतार-चढाव महसूस करता है, जो कि 100 K (−173 °C; −280 °F) रात्रि से लेकर भूमध्य रेखीय क्षेत्रों में दिन के समय 700 K (427 °C; 800 °F) तक है। वहीं ध्रुवों के तापमान स्थायी रूप से 180 K (−93 °C; −136 °F) के नीचे है। बुध के अक्ष का झुकाव सौरमंडल के अन्य किसी भी ग्रह से सबसे कम है (एक डीग्री का करीब), परंतु कक्षीय विकेन्द्रता सर्वाधिक है। बुध ग्रह पर की तुलना में सूर्य से करीब 1.5 गुना ज्यादा दूर होता है। बुध की धरती क्रेटरों से अटी पडी है तथा बिलकुल हमारे चन्द्रमा जैसी नजर आती है, जो इंगित करता है कि यह भूवैज्ञानिक रूप से अरबो वर्षों तक मृतप्राय रहा है। बुध को पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों के समान मौसमों का कोई भी अनुभव नहीं है। यह जकडा हुआ है इसलिए इसके घूर्णन की राह सौरमंडल में अद्वितीय है। किसी स्थिर खडे सितारे के सापेक्ष देखने पर, यह हर दो कक्षीय प्रदक्षिणा के दरम्यान अपनी धूरी के ईर्दगिर्द ठीक तीन बार घूम लेता है। सूर्य की ओर से, किसी ऐसे फ्रेम ऑफ रिफरेंस में जो कक्षीय गति से घूमता है, देखने पर यह हरेक दो बुध वर्षों में मात्र एक बार घूमता नजर आता है। इस कारण बुध ग्रह पर कोई पर्यवेक्षक एक दिवस हरेक दो वर्षों का देखेगा। बुध की कक्षा चुंकि पृथ्वी की कक्षा (शुक्र के भी) के भीतर स्थित है, यह पृथ्वी के आसमान में सुबह में या शाम को दिखाई दे सकता है, परंतु अर्धरात्रि को नहीं। पृथ्वी के सापेक्ष अपनी कक्षा पर सफर करते हुए यह शुक्र और हमारे चन्द्रमा की तरह कलाओं के सभी रुपों का प्रदर्शन करता है। हालांकि बुध ग्रह बहुत उज्जवल वस्तु जैसा दिख सकता है जब इसे पृथ्वी से देख जाए, सूर्य से इसकी निकटता शुक्र की तुलना में इसे देखना और अधिक कठिन बनाता है। .

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ब्रह्माण्ड (जैन धर्म)

जैन धर्म सृष्टि को अनादिनिधन बताता है यानी जो कभी नष्ट नहीं होगी। जैन दर्शन के अनुसार ब्रह्मांड हमेशा से अस्तित्व में है और हमेशा रहेगा। यह ब्रह्मांड प्राकृतिक कानूनों द्वारा नियंत्रित है और अपनी ही ऊर्जा प्रक्रियाओं द्वारा रखा जा रहा है। जैन दर्शन के अनुसार ब्रह्मांड शाश्वत है और ईश्वर या किसी अन्य शक्ति ने इसे नहीं बनाया। आधुनिक विज्ञान के अनुसार ब्रह्माण्ड हमेशा से अस्तित्व में नहीं था, इसकी उत्पत्ति बिग बैंग से हुई थी। .

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ब्लैक होल (काला छिद्र)

बड़े मैग्लेनिक बादल के सामने में एक ब्लैक होल का बनावटी दृश्य। ब्लैक होल स्च्वार्ज़स्चिल्ड त्रिज्या और प्रेक्षक दूरी के बीच का अनुपात 1:9 है। आइंस्टाइन छल्ला नामक गुरुत्वीय लेंसिंग प्रभाव उल्लेखनीय है, जो बादल के दो चमकीले और बड़े परंतु अति विकृत प्रतिबिंबों का निर्माण करता है, अपने कोणीय आकार की तुलना में. सामान्य सापेक्षता (जॅनॅरल रॅलॅटिविटि) में, एक ब्लैक होल ऐसी खगोलीय वस्तु होती है जिसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि प्रकाश सहित कुछ भी इसके खिंचाव से बच नहीं सकता है। ब्लैक होल के चारों ओर एक सीमा होती है जिसे घटना क्षितिज कहा जाता है, जिसमें वस्तुएं गिर तो सकती हैं परन्तु बाहर कुछ भी नहीं आ सकता। इसे "ब्लैक (काला)" इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और कुछ भी परावर्तित नहीं करता, थर्मोडाइनामिक्स (ऊष्मप्रवैगिकी) में ठीक एक आदर्श ब्लैक-बॉडी की तरह। ब्लैक होल का क्वांटम विश्लेषण यह दर्शाता है कि उनमें तापमान और हॉकिंग विकिरण होता है। अपने अदृश्य भीतरी भाग के बावजूद, एक ब्लैक होल अन्य पदार्थों के साथ अन्तः-क्रिया के माध्यम से अपनी उपस्थिति प्रकट कर सकता है। एक ब्लैक होल का पता तारों के उस समूह की गति पर नजर रख कर लगाया जा सकता है जो अन्तरिक्ष के खाली दिखाई देने वाले एक हिस्से का चक्कर लगाते हैं। वैकल्पिक रूप से, एक साथी तारे से आप एक अपेक्षाकृत छोटे ब्लैक होल में गैस को गिरते हुए देख सकते हैं। यह गैस सर्पिल आकार में अन्दर की तरफ आती है, बहुत उच्च तापमान तक गर्म हो कर बड़ी मात्रा में विकिरण छोड़ती है जिसका पता पृथ्वी पर स्थित या पृथ्वी की कक्षा में घूमती दूरबीनों से लगाया जा सकता है। इस तरह के अवलोकनों के परिणाम स्वरूप यह वैज्ञानिक सर्व-सम्मति उभर कर सामने आई है कि, यदि प्रकृति की हमारी समझ पूर्णतया गलत साबित न हो जाये तो, हमारे ब्रह्मांड में ब्लैक होल का अस्तित्व मौजूद है। सैद्धांतिक रूप से, कोई भी मात्रा में तत्त्व (matter) एक ब्लैक होल बन सकता है यदि वह इतनी जगह के भीतर संकुचित हो जाय जिसकी त्रिज्या अपनी समतुल्य स्च्वार्ज्स्चिल्ड त्रिज्या के बराबर हो। इसके अनुसार हमारे सूर्य का द्रव्यमान ३ कि.

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बृहस्पति (ग्रह)

बृहस्पति सूर्य से पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह एक गैस दानव है जिसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर तथा सौरमंडल में मौजूद अन्य सात ग्रहों के कुल द्रव्यमान का ढाई गुना है। बृहस्पति को शनि, अरुण और वरुण के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन चारों ग्रहों को बाहरी ग्रहों के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह प्राचीन काल से ही खगोलविदों द्वारा जाना जाता रहा है तथा यह अनेकों संस्कृतियों की पौराणिक कथाओं और धार्मिक विश्वासों के साथ जुड़ा हुआ था। रोमन सभ्यता ने अपने देवता जुपिटर के नाम पर इसका नाम रखा था। इसे जब पृथ्वी से देखा गया, बृहस्पति -2.94 के सापेक्ष कांतिमान तक पहुंच सकता है, छाया डालने लायक पर्याप्त उज्जवल, जो इसे चन्द्रमा और शुक्र के बाद आसमान की औसत तृतीय सर्वाधिक चमकीली वस्तु बनाता है। (मंगल ग्रह अपनी कक्षा के कुछ बिंदुओं पर बृहस्पति की चमक से मेल खाता है)। बृहस्पति एक चौथाई हीलियम द्रव्यमान के साथ मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना हुआ है और इसका भारी तत्वों से युक्त एक चट्टानी कोर हो सकता है।अपने तेज घूर्णन के कारण बृहस्पति का आकार एक चपटा उपगोल (भूमध्य रेखा के पास चारों ओर एक मामूली लेकिन ध्यान देने योग्य उभार लिए हुए) है। इसके बाहरी वातावरण में विभिन्न अक्षांशों पर कई पृथक दृश्य पट्टियां नजर आती है जो अपनी सीमाओं के साथ भिन्न भिन्न वातावरण के परिणामस्वरूप बनती है। बृहस्पति के विश्मयकारी 'महान लाल धब्बा' (Great Red Spot), जो कि एक विशाल तूफ़ान है, के अस्तित्व को १७ वीं सदी के बाद तब से ही जान लिया गया था जब इसे पहली बार दूरबीन से देखा गया था। यह ग्रह एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र और एक धुंधले ग्रहीय वलय प्रणाली से घिरा हुआ है। बृहस्पति के कम से कम ६४ चन्द्रमा है। इनमें वो चार सबसे बड़े चन्द्रमा भी शामिल है जिसे गेलीलियन चन्द्रमा कहा जाता है जिसे सन् १६१० में पहली बार गैलीलियो गैलिली द्वारा खोजा गया था। गैनिमीड सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका व्यास बुध ग्रह से भी ज्यादा है। यहाँ चन्द्रमा का तात्पर्य उपग्रह से है। बृहस्पति का अनेक अवसरों पर रोबोटिक अंतरिक्ष यान द्वारा, विशेष रूप से पहले पायोनियर और वॉयजर मिशन के दौरान और बाद में गैलिलियो यान के द्वारा, अन्वेषण किया जाता रहा है। फरवरी २००७ में न्यू होराएज़न्ज़ प्लूटो सहित बृहस्पति की यात्रा करने वाला अंतिम अंतरिक्ष यान था। इस यान की गति बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल कर बढाई गई थी। इस बाहरी ग्रहीय प्रणाली के भविष्य के अन्वेषण के लिए संभवतः अगला लक्ष्य यूरोपा चंद्रमा पर बर्फ से ढके हुए तरल सागर शामिल हैं। .

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बोइंग 747

बोइंग 747 विमान एक विशाल व्यावसायिक विमान और कार्गो परिवहन विमान है, जिसे अक्सर जंबो जेट या आसमान की रानी के उपनाम से जाना जाता है। यह विमान विश्व का सर्वाधिक पहचाना जाने वाला वायुयान है तथा और बनाए गए विमानों में विशाल आकार का यह पहला विमान था। संयुक्त राज्य अमेरिका में बोइंग कॉमर्शियल एयरप्लेन इकाई द्वारा निर्मित 747 के मूल संस्करण का आकार, 1960 के दशक के आम बड़े व्यावसायिक विमानों में से एक, बोइंग 707 के आकार का ढाई गुना था। 747 ने सर्वप्रथम व्यावसायिक उड़ान 1970 में आरम्भ कर लगातार 37 वर्षों तक यात्री वहन क्षमता का कीर्तिमान बरकरार रखा चार-इंजन वाला 747 अपनी लम्बाई के भाग के लिए अपने द्वितलीय विन्यास का उपयोग करता है। यह यात्री, मालवाही और अन्य संस्करणों में उपलब्ध है। बोइंग ने 747 के कूबड़ जैसे ऊपरी तल को प्रथम श्रेणी के लाउंज के रूप में उपयोग में लाने (जैसा कि आजकल सामान्य नियम है) या अतिरिक्त बैठकों के लिए और सीटें हटा कर तथा सामने एक कार्गो दरवाजा संस्थापित कर के विमान को आसानी से एक मालवाही में परिवर्तित कर सकने के अनुरूप डिजाइन किया है। बोइंग ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि कंपनी को उम्मीद थी कि पराध्वनिक विमान (सुपरसोनिक एयरलाइनर्स) (जिनके विकास की घोषणा 1960 के दशक के शुरू में की गई थी) 747 तथा अन्य अवध्वनिक विमानों (सबसोनिक) को चलन से बाहर कर देंगे; जबकि उन्हें विश्वास था कि भविष्य में अवध्वनिक मालवाही विमानों की मांग जबर्दस्त होगी.

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बोइंग एक्स-37

बोइंग एक्स-37 (Boeing X-37) जिसे ऑर्बिटल टेस्ट व्हेकल (ओटीवी) के रूप में भी जाना जाता है, एक पुन: प्रयोज्य मानवरहित अंतरिक्ष यान है। इसे एक प्रक्षेपण वाहन द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाता है तथा फिर यह पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा से प्रवेश करता है। और जमीन पर एक विमान की तरह लैंड होता है। एक्स-37, संयुक्त राज्य अमेरिका वायुसेना द्वारा पुन: प्रयोज्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए कक्षीय अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के लिए संचालित होता है। यह पहले के बोइंग एक्स-40 से 120% बड़ा है। 2004 में एक्स-37 अमेरिकी रक्षा विभाग में स्थानांतरित होने से पहले, 1999 में यह नासा परियोजना के रूप में शुरू हुआ था। इसकी पहली उड़ान 2006 में एक ड्रॉप टेस्ट के दौरान थी। अभी तक पाँच एक्स-37 कक्षीय मिशन किए गए है। अंतरिक्षयान का पहला मिशन यूएसए-212 अप्रैल 2010 में लॉन्च किया गया था और यह दिसंबर 2010 में पृथ्वी पर लौट आया था। दूसरा मिशन यूएसए-226 मार्च 2011 में लॉन्च किया गया था और यह जून 2012 में पृथ्वी पर लौट आया था। तीसरा मिशन, यूएसए-240 दिसंबर 2012 में लॉन्च हुआ और अक्टूबर 2014 में लौट आया। चौथा मिशन यूएसए-261 मई 2015 में लॉन्च हुआ और मई 2017 में लौट आया। पांचवीं और नवीनतम एक्स-37 मिशन को 7 सितंबर 2017 में लॉन्च किया गया था। .

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बोइंग एक्स-40

बोइंग एक्स-40 (Boeing X-40) स्पेस वाहन भविष्य के पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन बोइंग एक्स-37 के लिए एक परीक्षण प्लैटफ़ार्म था। .

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बोइंग एक्स-51 वेवराइडर

बोइंग एक्स 51 वेवराइडर (Boeing X-51 Waverider) एक मानवरहित अनुसंधान स्कैमजेट विमान है जो हाइपरसोनिक उड़ान के लिए उपयोग होगा। यह मैक 5 (5,300 किमी/घं) और 21,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है। 2005 में विमान को एक्स-51 नामित किया गया था। इसने 26 मई 2010 को अपना पहला पावर हाइपरसोनिक फ्लाइट पूरा किया था। दो असफल परीक्षण उड़ानों के बाद, एक्स-51 ने 1 मई 2013 को छह मिनट से ज्यादा की और 210 सेकंड के लिए मैक 5 से अधिक की गति पर सबसे लंबे समय तक संचालित हाइपरसॉनिक उड़ान के लिए गति की उड़ान पूरी कर ली। वेवराइडर सामान्य तौर पर विमान को संदर्भित करता है जो अपने स्वयं के शॉक तरंगों द्वारा उत्पादित संपीड़न से लिफ्ट करने के लिए लाभ उठाते हैं। एक्स-51 कार्यक्रम संयुक्त राज्य वायुसेना, डीएआरएपीए, नासा, बोइंग, और प्रैट एंड व्हिटनी रॉकेटिनी द्वारा एक सहकारी प्रयास था। संयुक्त राज्य वायुसेना अनुसंधान प्रयोगशाला (एएफआरएल) के भीतर एरोस्पेस सिस्टम डायरेक्टोरेट द्वारा कार्यक्रम का प्रबंधन किया गया था। एक्स-51 तकनीक का प्रयोग हाई स्पीड स्ट्रीक हथियार में किया जाएगा, जो कि मैक 5+ गति वाली मिसाइल होगी इसे 2020 के मध्य में सेना में शामिल किया जा सकता है। .

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भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली

भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (Indian Regional Navigational Satellite System) अथवा इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आईआरएनएसएस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित, एक क्षेत्रीय स्वायत्त उपग्रह नौवहन प्रणाली है जो पूर्णतया भारत सरकार के अधीन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका नाम भारत के मछुवारों को समर्पित करते हुए नाविक रखा है। इसका उद्देश्य देश तथा देश की सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी तक के हिस्से में इसके उपयोगकर्ता को सटीक स्थिति की सूचना देना है। सात उपग्रहों वाली इस प्रणाली में चार उपग्रह ही निर्गत कार्य करने में सक्षम हैं लेकिन तीन अन्य उपग्रह इसकी द्वारा जुटाई गई जानकारियों को और सटीक बनायेगें। हर उपग्रह की कीमत करीब 150 करोड़ रुपए के करीब है। वहीं पीएसएलवी-एक्सएल प्रक्षेपण यान की लागत 130 करोड़ रुपए है। .

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भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम

भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम डॉ विक्रम साराभाई की संकल्पना है, जिन्हें भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा गया है। वे वैज्ञानिक कल्पना एवं राष्ट्र-नायक के रूप में जाने गए। वर्तमान प्रारूप में इस कार्यक्रम की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हाथों में है। .

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण

वैश्‍विक माध्‍य सतह का ताप 1961-1990 के सापेक्ष से भिन्‍न है 1995 से 2004 के दौरान औसत धरातलीय तापमान 1940 से 1980 तक के औसत तापमान से भिन्‍न है भूमंडलीय ऊष्मीकरण (या ग्‍लोबल वॉर्मिंग) का अर्थ पृथ्वी की निकटस्‍थ-सतह वायु और महासागर के औसत तापमान में 20वीं शताब्‍दी से हो रही वृद्धि और उसकी अनुमानित निरंतरता है। पृथ्‍वी की सतह के निकट विश्व की वायु के औसत तापमान में 2005 तक 100 वर्षों के दौरान 0.74 ± 0.18 °C (1.33 ± 0.32 °F) की वृद्धि हुई है। जलवायु परिवर्तन पर बैठे अंतर-सरकार पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि "२० वीं शताब्दी के मध्य से संसार के औसत तापमान में जो वृद्धि हुई है उसका मुख्य कारण मनुष्य द्वारा निर्मित ग्रीनहाउस गैसें हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, धरती के वातावरण के तापमान में लगातार हो रही विश्वव्यापी बढ़ोतरी को 'ग्लोबल वार्मिंग' कहा जा रहा है। हमारी धरती सूर्य की किरणों से उष्मा प्राप्त करती है। ये किरणें वायुमंडल से गुजरती हुईं धरती की सतह से टकराती हैं और फिर वहीं से परावर्तित होकर पुन: लौट जाती हैं। धरती का वायुमंडल कई गैसों से मिलकर बना है जिनमें कुछ ग्रीनहाउस गैसें भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश धरती के ऊपर एक प्रकार से एक प्राकृतिक आवरण बना लेती हैं जो लौटती किरणों के एक हिस्से को रोक लेता है और इस प्रकार धरती के वातावरण को गर्म बनाए रखता है। गौरतलब है कि मनुष्यों, प्राणियों और पौधों के जीवित रहने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्शियस तापमान आवश्यक होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैसों में बढ़ोतरी होने पर यह आवरण और भी सघन या मोटा होता जाता है। ऐसे में यह आवरण सूर्य की अधिक किरणों को रोकने लगता है और फिर यहीं से शुरू हो जाते हैं ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव। आईपीसीसी द्वारा दिये गये जलवायु परिवर्तन के मॉडल इंगित करते हैं कि धरातल का औसत ग्लोबल तापमान 21वीं शताब्दी के दौरान और अधिक बढ़ सकता है। सारे संसार के तापमान में होने वाली इस वृद्धि से समुद्र के स्तर में वृद्धि, चरम मौसम (extreme weather) में वृद्धि तथा वर्षा की मात्रा और रचना में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के अन्य प्रभावों में कृषि उपज में परिवर्तन, व्यापार मार्गों में संशोधन, ग्लेशियर का पीछे हटना, प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा आदि शामिल हैं। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव

extreme weather). (Third Assessment Report) इस के अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change)। इस भविष्यवाणी की प्रभावों के ग्लोबल वार्मिंग इस पर पर्यावरण (environment) और के लिए मानव जीवन (human life) कई हैं और विविध.यह आम तौर पर लंबे समय तक कारणों के लिए विशिष्ट प्राकृतिक घटनाएं विशेषता है, लेकिन मुश्किल है के कुछ प्रभावों का हाल जलवायु परिवर्तन (climate change) पहले से ही होने जा सकता है।Raising sea levels (Raising sea levels), glacier retreat (glacier retreat), Arctic shrinkage (Arctic shrinkage), and altered patterns of agriculture (agriculture) are cited as direct consequences, but predictions for secondary and regional effects include extreme weather (extreme weather) events, an expansion of tropical diseases (tropical diseases), changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems (changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems), and drastic economic impact (economic impact)। चिंताओं का नेतृत्व करने के लिए हैं राजनीतिक (political) सक्रियता प्रस्तावों की वकालत करने के लिए कम (mitigate), समाप्त (eliminate), या अनुकूलित (adapt) यह करने के लिए। 2007 चौथी मूल्यांकन रिपोर्ट (Fourth Assessment Report) के द्वारा अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change) (आईपीसीसी) ने उम्मीद प्रभावों का सार भी शामिल है। .

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भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान

भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (अंग्रेज़ी:जियोस्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, लघु: जी.एस.एल.वी) अंतरिक्ष में उपग्रह के प्रक्षेपण में सहायक यान है। जीएसएलवी का इस्तेमाल अब तक बारह लॉन्च में किया गया है, 2001 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से 29 मार्च, 2018 को जीएसएटी -6 ए संचार उपग्रह ले जाया गया था। ये यान उपग्रह को पृथ्वी की भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने में मदद करता है। जीएसएलवी ऐसा बहुचरण रॉकेट होता है जो दो टन से अधिक भार के उपग्रह को पृथ्वी से 36000 कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है जो विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा की सीध में होता है। ये रॉकेट अपना कार्य तीन चरण में पूरा करते हैं। इनके तीसरे यानी अंतिम चरण में सबसे अधिक बल की आवश्यकता होती है। रॉकेट की यह आवश्यकता केवल क्रायोजेनिक इंजन ही पूरा कर सकते हैं। इसलिए बिना क्रायोजेनिक इंजन के जीएसएलवी रॉकेट का निर्माण मुश्किल होता है। अधिकतर काम के उपग्रह दो टन से अधिक के ही होते हैं। इसलिए विश्व भर में छोड़े जाने वाले 50 प्रतिशत उपग्रह इसी वर्ग में आते हैं। जीएसएलवी रॉकेट इस भार वर्ग के दो तीन उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में ले जाकर निश्चित कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है। यही इसकी की प्रमुख विशेषता है।|हिन्दुस्तान लाईव। १८ अप्रैल २०१०। अनुराग मिश्र हालांकि भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 (जीएसएलवी मार्क 3) नाम साझा करता है, यह एक पूरी तरह से अलग लॉन्चर है। .

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मर्शा आईविंस

मर्शा आईविंस एक अमेरिकी पूर्व अंतरिक्ष यात्री और पांच अंतरिक्ष शटल मिशनों का अनुभव रखने वाली महिला है। उनका जन्म १५ अप्रैल १९५१ को बाल्टीमोर, मैरीलैंड में हुआ था। उन्होंने १९७३ में बोल्डर में कोलोराडो विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के लिए काम करने लगी। १९८० में फ्लाईट इंजीनियर और नासा प्रशासनिक विमानों पर सह-पायलट के रूप में निर्दिष्ट किए जाने से पहले वह मुख्य रूप से ऑर्बिटर डिस्प्ले और नियंत्रण पर काम कर रही थी। १९८४ में इविंस को अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। उन्होंने एसटीएस -32 (१९९०), एसटीएस -46 (१९९२), एसटीएस -62 (१९९४), एसटीएस -81 (१९९७), और एसटीएस -98 (२००१) में मिशन पर उड़ान भरी।.

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मानचित्र प्रक्षेप

विभिन्न प्रकार की भू-ग्रिड गोलाकार पृथ्वी अथवा पृथ्वी के किसी बड़े भू-भाग का समतल सतह पर मानचित्र बनाने के लिए प्रकाश अथवा ज्यामितीय विधियों के द्वारा निर्मित अक्षांस-देशान्तर रेखाओं के जाल या भू-ग्रिड को मानचित्र प्रक्षेप (map projection) कहा जाता हैं। मानचित्रकला (कार्टोग्राफी) के अंतर्गत ग्लोब की अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं को समतल धरातल (कागज) पर स्थानांतरित करने की विधि को मानचित्र प्रक्षेप कहते हैं। इस प्रकार खींची हुई अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं को "रेखाजाल" कहा जाता है। ग्लोब की अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं को किसी समतल धरातल पर विशुद्ध रूप से स्थानांतरित करना संभव नहीं, क्योंकि ग्लोब के वक्र धरातल को बिना किसी अशुद्धि के समतल नहीं किया जा सकता। .

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मार्स साइंस लेबोरेटरी

मार्स साइंस लेबोरेटरी (Mars Science Laboratory or MSL) 26 नवंबर 2011 को नासा द्वारा मंगल ग्रह के लिए लॉन्च किया गया एक रोबोट अंतरिक्ष यान मिशन है। जो सफलतापूर्वक 6 अगस्त 2012 को क्यूरोसिटी मार्स रोवर गेल गड्ढा(Gale Crater) में उतरा। समग्र उद्देश्यों मंगल पर आवास, जलवायु और भूविज्ञान अध्ययन की जांच करना हैं। रोवर अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक टीम द्वारा डिजाइन उपकरणों की एक किस्म भी ले के गया है। .

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मार्स ग्लोबल सर्वेयर

श्रेणी:खगोलशास्त्र श्रेणी:मंगल ग्रह.

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मार्स ओडिसी

मार्स ओडिसी या २००१ मार्स ओडिसी (2001 Mars Odyssey) मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान है। इस परियोजना को नासा द्वारा विकसित किया गया था। .

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मार्गरेट रिया सेडन

मार्गरेट रिया सेडन एक चिकित्सक और NASA की रिटायर्ड अंतरिक्ष यात्री है। अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा के बाद उन्होंने तीन अंतरिक्ष शटल उड़ानों पर उड़ान भरी मिशन विशेषज्ञ के रूप में STS-51-D,STS-40 में और STS-58 में पेलोड कमांडर के रूप में। अपने अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम के कैरियर के पहले और बाद में टेक्सास में वह चिकित्सा समुदाय में सक्रिय रहे। उनका जन्म ८ नवम्बर १९४७ में टेक्सास के शहर में हुआ था। और व्ही से ही उन्होंने अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई भी पूरी की। १९७० में में उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से फिजियोलॉजी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और १९७३ में उन्होंने टेनेसी कॉलेज ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय से चिकित्सा के डॉक्टरेट की पढाई पूरी की। मार्गरेट रिया सेडन को जनवरी १९७८ में NASA ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना और उनकी अंतरिक्ष की यात्रा अगस्त १९७९ में प्रारम्भ हुई। नासा में उनका काम विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों में था, जिसमें ओर्बिटर और पेलोड सॉफ्टवेयर, स्पेस शटल एवियोनिक्स एकत्रीकरण प्रयोगशाला, फ्लाइट डेटा फाइल,शटल चिकित्सा किट और चेकलिस्ट, लॉन्च और लैंडिंग बचाव हेलीकॉप्टर चिकित्सक, एसटीएस -6 के लिए चालक दल की सदस्य, चालक दल के उपकरण, नासा के एयरोस्पेस मेडिकल सलाहकार समिति की सदस्यता, फ्लाइट क्रू संचालन के निदेशक के तकनीकी सहायक और हेलीकॉप्टर कम्युनिकेटर मिशन नियंत्रण केंद्र में। वह शटल/मीर पेलोड के लिए फ्लाइट क्रू संचालन के निदेशक की सहायक भी थी। वह अंतरिक्ष की तीन उड़ानों की अनुभवी और ७२२ घंटे से अधिक समय अंतरिक्ष में बिताने का अनुभव भी रखती है। इसी दौरान उन्होंने कपने सहकर्मी अंतरिक्ष यात्री रोबर्ट गिब्ब्सों से विवाह किया और उनके तीन बच्चे हुए। सितंबर १९९६ में, उन्हें नासा द्वारा विस्तृत किया गया, नैशविले टेनेसी में वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल में। वहां उन्होंने अप्रैल १९८८ में न्यूरोलैब स्पैकेलाब फ्लाइट पर अंतरिक्ष शटल कोलंबिया में उड़ान भरने वाले कार्डियोवैस्कुलर प्रयोगों की तैयारी में सहायता करवाई। और नवम्बर १९९७ में वह NASA से retired हुई और अब वह वेंडरबिल्ट मेडिकल ग्रुप के सहायक चिकित्सा दल की मुख्य अधिकारी हैं। .

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मावेन

मार्स एटमोस्फेयर एंड वोलेटाइल एवोल्युसन (Mars Atmosphere and Volatile EvolutioN (MAVEN)) अर्थात मावेन मंगल ग्रह के परिवेश का अध्ययन के लिए बनाया गया अंतरिक्ष शोध यान है जो मंगल की कक्षा में परिक्रमा करता है। इसका लक्ष्य मंगल के वायुमण्डल और जल का पता लगाना है जिसके बारे में परिकल्पित है कि वहाँ पहले कुछ हुआ करता था जो समय के साथ खो गया।.

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माइकल फिलिप एंडरसन

माइकल फिलिप एंडरसन (दिसम्बर २५, १९५९ - फ़रवरी १, २००३) संयुक्त राज्य वायुसेना और नासा अंतरिक्षयात्री थे। वो कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गये सात यात्रियों में से एक थे। उनके साथ अन्य यात्री कल्पना चावला, डेविड ब्राउन, लॉरेल क्लॉर्क, रिक हसबैंड, विलियम मैककूल और इलान रेमोन थे। .

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मिखाइल कोर्नियेंको

मिखाइल बोरिसोविच कोर्नियेंको एक रूसी अंतरिक्ष यात्री हैं जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लगभग एक वर्ष रहने के लिए जाने जाते हैं। .

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मंगल 2022 ऑर्बिटर

मंगल 2022 ऑर्बिटर (Mars 2022 orbiter) एक प्रस्तावित नासा का मंगल संचार उपग्रह है जिसमे उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग पेलोड और दो सौर-इलेक्ट्रिक आयन थ्रस्टर शामिल हैं। ऑर्बिटर को सितंबर 2022 में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है यह उपग्रह लैंडर्स को ग्राउंड कंट्रोलर्स से जोड़ने में काम आयेगा। क्योकि मंगल रिकोन्सेंस ऑर्बिटर और मार्स ओडिसी 2020 तक काम करना बन्द कर सकते है। .

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मंगल टोही परिक्रमा यान

मंगल टोही परिक्रमा यान मंगल टोही परिक्रमा यान (Mars Reconnaissance Orbiter (MRO)), नासा का एक बहुउद्देशीय अंतरिक्ष यान है जिसे कक्षा से मंगल के अन्वेषण और टोह के लिए रचा गया है। जैसे ही MRO ने कक्षा में प्रवेश किया यह, कक्षा में के या ग्रह पर के, पांच अन्य अंतरिक्ष यानों से जुड़ गया: मार्स ग्लोबल सर्वेयर, मार्स ओडिसी, मार्स एक्सप्रेस और दो ​​मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर, यह मंगल के आसपास के क्षेत्र में सबसे अधिक अंतरिक्ष यान परिचालन के लिए एक कीर्तिमान है। इस ७२० मिलियन अमरीकी डॉलर के अंतरिक्ष यान को जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी के पर्यवेक्षण के अधीन लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाया गया था। यह १२ अगस्त २००५ को प्रक्षेपित किया गया और १० मार्च २००६ को इसने मंगल की कक्षा प्राप्त की। नवंबर २००६ में, पांच महीने की हवाई कलाबाजियों के बाद, इसने अपनी अंतिम विज्ञान कक्षा में प्रवेश किया और अपना प्राथमिक विज्ञान चरण शुरू किया। .

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मंगल पाथफाइंडर

श्रेणी:मंगल ग्रह.

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मंगल पोलर लैंडर

कोई विवरण नहीं।

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मंगल विज्ञान प्रयोगशाला

मंगल विज्ञान प्रयोगशाला (अंग्रेज़ी: Mars Science Laboratory, मार्ज़ साइन्स लबोरेटोरी) अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान परिषद्, नासा, की एक योजना है जिसके अंतर्गत मंगल ग्रह पर एक पहियों पर घूमने-फिरने वाला यान उतारा जाएगा जो उस ग्रह पर छानबीन करके पृथ्वी पर बैठे वैज्ञानिकों को तस्वीरें और जानकारी भेजेगा। किसी अन्य ग्रह पर ऐसे घूमने वाले यान को अंग्रेज़ी में "रोवर" (rover) कहा जाता है और इस योजना में भेजे गए रोवर का नाम "क्युरियौसिटि" (Curiosity), यानी "जिज्ञासा" है। यह २६ नवम्बर २०११ को पृथ्वी से राकेट पर मंगल की ओर रवाना हुआ था और अगस्त २०१२ में मंगल पर गेल क्रेटर नाम के क्रेटर की तह में उतरेगा। क्युरियौसिटि यान वहाँ पर मिटटी और पत्थरों की जाँच कर के वैज्ञानिकों को यह अंदाज़ा लगाने में मदद करेगा की क्या मंगल पर कभी भी जीवन पनपने के लिए अनुकूल वातावरण मौजूद था या नहीं। अकार में यह रोवर एक आम गाड़ी से ज़रा बड़ा है। मंगल विज्ञान प्रयोगशाला योजना का कुल ख़र्चा २.५ अरब अमेरिकी डालर अनुमानित किया गया है। .

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मंगल ग्रह

मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनमें ज़मीन होती है और "गैसीय ग्रह" जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है। हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स मंगल पर ही स्थित है। साथ ही विशालतम कैन्यन वैलेस मैरीनेरिस भी यहीं पर स्थित है। अपनी भौगोलिक विशेषताओं के अलावा, मंगल का घूर्णन काल और मौसमी चक्र पृथ्वी के समान हैं। इस गृह पर जीवन होने की संभावना है। 1965 में मेरिनर ४ के द्वारा की पहली मंगल उडान से पहले तक यह माना जाता था कि ग्रह की सतह पर तरल अवस्था में जल हो सकता है। यह हल्के और गहरे रंग के धब्बों की आवर्तिक सूचनाओं पर आधारित था विशेष तौर पर, ध्रुवीय अक्षांशों, जो लंबे होने पर समुद्र और महाद्वीपों की तरह दिखते हैं, काले striations की व्याख्या कुछ प्रेक्षकों द्वारा पानी की सिंचाई नहरों के रूप में की गयी है। इन् सीधी रेखाओं की मौजूदगी बाद में सिद्ध नहीं हो पायी और ये माना गया कि ये रेखायें मात्र प्रकाशीय भ्रम के अलावा कुछ और नहीं हैं। फिर भी, सौर मंडल के सभी ग्रहों में हमारी पृथ्वी के अलावा, मंगल ग्रह पर जीवन और पानी होने की संभावना सबसे अधिक है। वर्तमान में मंगल ग्रह की परिक्रमा तीन कार्यशील अंतरिक्ष यान मार्स ओडिसी, मार्स एक्सप्रेस और टोही मार्स ओर्बिटर है, यह सौर मंडल में पृथ्वी को छोड़कर किसी भी अन्य ग्रह से अधिक है। मंगल पर दो अन्वेषण रोवर्स (स्पिरिट और् ओप्रुच्युनिटी), लैंडर फ़ीनिक्स, के साथ ही कई निष्क्रिय रोवर्स और लैंडर हैं जो या तो असफल हो गये हैं या उनका अभियान पूरा हो गया है। इनके या इनके पूर्ववर्ती अभियानो द्वारा जुटाये गये भूवैज्ञानिक सबूत इस ओर इंगित करते हैं कि कभी मंगल ग्रह पर बडे़ पैमाने पर पानी की उपस्थिति थी साथ ही इन्होने ये संकेत भी दिये हैं कि हाल के वर्षों में छोटे गर्म पानी के फव्वारे यहाँ फूटे हैं। नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर की खोजों द्वारा इस बात के प्रमाण मिले हैं कि दक्षिणी ध्रुवीय बर्फीली चोटियाँ घट रही हैं। मंगल के दो चन्द्रमा, फो़बोस और डिमोज़ हैं, जो छोटे और अनियमित आकार के हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह 5261 यूरेका के समान, क्षुद्रग्रह है जो मंगल के गुरुत्व के कारण यहाँ फंस गये हैं। मंगल को पृथ्वी से नंगी आँखों से देखा जा सकता है। इसका आभासी परिमाण -2.9, तक पहुँच सकता है और यह् चमक सिर्फ शुक्र, चन्द्रमा और सूर्य के द्वारा ही पार की जा सकती है, यद्यपि अधिकांश समय बृहस्पति, मंगल की तुलना में नंगी आँखों को अधिक उज्जवल दिखाई देता है। .

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मंगल ग्रह के मिशन की सूची

| सोवियत संघ | आर्बिटर | | Failed to orbit | Proton-K/D |- | मैरीनर 7 | 27 March 1969 | नासासंयुक्त राज्य अमेरिका | फ्लाइब्य | | | Atlas SLV-3C Centaur-D |- | 2M No.522 | 2 April 1969 | सोवियत संघ | आर्बिटर | | Failed to orbit | Proton-K/D |- | मैरीनर 8 | 9 May 1971 | नासासंयुक्त राज्य अमेरिका | आर्बिटर | | Failed to orbit | Atlas SLV-3C Centaur-D |- | Kosmos 419(3MS No.170) | 10 May 1971 | सोवियत संघ | आर्बिटर | | Never left LEO; upper stage burn timer set incorrectly | Proton-K/D |- | मैरीनर 9 | 30 May 1971 | नासासंयुक्त राज्य अमेरिका | आर्बिटर | | Entered orbit on 14 November 1971, deactivated 516 days after entering orbit | Atlas SLV-3C Centaur-D |- | मंगल 2(4M No.171) | 19 May 1971 | सोवियत संघ | आर्बिटर | | Entered orbit 27 November 1971, operated for 362 orbits.

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मंगल ऑब्जर्वर

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मंगल का उपनिवेशण

मंगल उपनिवेशण की एक कला अवधारणा. मानव द्वारा मंगल का उपनिवेशण, अटकल और गंभीर अध्ययन का एक केंद्र बिंदु है, क्योंकि उसकी सतही परिस्थितियाँ और जल की उपलब्धता यकीनन मंगल ग्रह को सौरमंडल में पृथ्वी के अलावा अन्य सबसे अधिक मेहमाननवाज ग्रह बनाता है| चंद्रमा को मानव उपनिवेशण के लिए पहले स्थान के रूप में प्रस्तावित किया गया है, लेकिन मंगल ग्रह के पास एक पतला वायुमंडल है, जो इसे मानव और अन्य जैविक जीवन की मेजबानी के लिए सामर्थ्य क्षमता देता है | संभावित उपनिवेशण स्थलों के रूप में, मंगल और चाँद दोनों के साथ नीचे गहरे गुरुत्वीय कूपों में उतरने के साथ साथ लागत और जोखिम का नुकसान भी जुडा है, जो क्षुद्रग्रहों को सौरमंडल में मानव के प्रारंभिक विस्तार के लिए एक और विकल्प बना सकता है| .

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मंगल क्लाइमेट आर्बिटर

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मंगल की टेराफॉर्मिंग

मंगल की टेराफॉर्मिंग एक परिकल्पित प्रक्रिया है जिसके द्वारा मंगल ग्रह की जलवायु और सतह को जानबूझ परिवर्तित करके गृह के बड़े हिस्सों को मनुष्य के रहने के लायक बनाया जाएगा। श्रेणी:मंगल ग्रह श्रेणी:अंतरिक्ष उपनिवेशण.

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मंगल २०२०

मंगल २०२० (Mars 2020) नासा के द्वारा मंगल पर 2020 में भेजा जाने वाला रोवर है। यह रोवर क्यूरोसिटी रोवर के डिज़ाइन पर आधारित होगा। .

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मंगलयान

मंगलयान, (औपचारिक नाम- मंगल कक्षित्र मिशन, Mars Orbiter Mission; मार्स ऑर्बिटर मिशन), भारत का प्रथम मंगल अभियान है। यह भारत की प्रथम ग्रहों के बीच का मिशन है। वस्तुत: यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक महत्वाकांक्षी अन्तरिक्ष परियोजना है। इस परियोजना के अन्तर्गत 5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट पर मंगल ग्रह की परिक्रमा करने हेतु छोड़ा गया एक उपग्रह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसऍलवी) सी-25 के द्वारा सफलतापूर्वक छोड़ा गया। इसके साथ ही भारत भी अब उन देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने मंगल पर अपने यान भेजे हैं। वैसे अब तक मंगल को जानने के लिये शुरू किये गये दो तिहाई अभियान असफल भी रहे हैं परन्तु 24 सितंबर 2014 को मंगल पर पहुँचने के साथ ही भारत विश्व में अपने प्रथम प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश तथा सोवियत रूस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया है। इसके अतिरिक्त ये मंगल पर भेजा गया सबसे सस्ता मिशन भी है। भारत एशिया का भी ऐसा करने वाला प्रथम पहला देश बन गया। क्योंकि इससे पहले चीन और जापान अपने मंगल अभियान में असफल रहे थे। वस्तुतः यह एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना है जिसका लक्ष्य अन्तरग्रहीय अन्तरिक्ष मिशनों के लिये आवश्यक डिजाइन, नियोजन, प्रबन्धन तथा क्रियान्वयन का विकास करना है। ऑर्बिटर अपने पांच उपकरणों के साथ मंगल की परिक्रमा करता रहेगा तथा वैज्ञानिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आंकड़े व तस्वीरें पृथ्वी पर भेजेगा। अंतरिक्ष यान पर वर्तमान में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक),बंगलौर के अंतरिक्षयान नियंत्रण केंद्र से भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना की सहायता से नजर रखी जा रही है प्रतिष्ठित 'टाइम' पत्रिका ने मंगलयान को 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया। .

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मुस्तफा इशक-बौशकी

प्रोफेसर मुस्तफा इशक-बौशकी एक अल्जीरियाई खगोल जो समझ के महान योगदान ब्रह्मांडीय त्वरण और गुरुत्वाकर्षक लेंस हैैं। Ishak-Boushaki भी वैज्ञानिक अनुसंधान के एक प्रमोटर है। .

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मैरीनर 3

मैरीनर 3 (Mariner 3) नासा के मंगल ग्रह मैरीनर-1964 परियोजना के अन्तर्गत बनाया गया मंगल अंतरिक्ष यान था। जिसका निर्माण जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी (जेपीएल) ने था। परन्तु मिशन शुरू होने से पहले ही लांच विफलता के कारण असफल रहा। .

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मैरीनर 6

मैरीनर 6 (Mariner 6) .

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मैरीनर 7

श्रेणी:अमेरिका के मंगल अभियानों की सूची.

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मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान

मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (मैसाचुसेट्स इन्स्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी - एमआईटी) (Massachusetts Institute of Technology) कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में स्थित एक निजी शोध विश्वविद्यालय है। एमआईटी में 32 शैक्षणिक विभागों से युक्त पांच विद्यालय और एक महाविद्यालय है, जिसमें वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी अनुसंधान पर विशेष जोर दिया जाता है। एमआईटी दो निजी भूमि अनुदान विश्वविद्यालयों में से एक है और वह समुद्री-अनुदान और अंतरिक्ष-अनुदान विश्वविद्यालय भी है। विलियम बार्टन रोजर्स द्वारा 1861 में संयुक्त राज्य अमेरिका के औद्योगिकीकरण की जरुरतो को ध्यान में रख कर स्थापित किए गए इस विश्वविद्यालय ने यूरोपीय विश्वविद्यालय प्रतिमान को अपनाया और इसमें प्रारंभ से ही प्रयोगशाला शिक्षा पर जोर दिया गया। इसका मौजूदा परिसर 1916 में खुला, जो चार्ल्स नदी घाटी के उत्तरी किनारे पर फैला हुआ है। एमआईटी शोधकर्ता द्वितीय विश्वयुद्ध और शीतयुद्ध के दौरान सुरक्षा अनुसंधान के संबंध में कम्प्यूटर, रडार और इनर्टिअल (inertial) मार्गदर्शन रचने के प्रयत्नो में जुड़े हुए थे। पिछले 60 वर्षों में, एमआईटी के शिक्षात्मक कार्यक्रम भौतिक विज्ञान और अभियांत्रिकी से परे अर्थशास्त्र, दर्शन, भाषा विज्ञान, राजनीति विज्ञान और प्रबंधन जैसे सामाजिक विज्ञान तक भी विस्तरीत हुए है। एमआईटी में वर्ष 2009-2010 के पतझड़ के सत्र के लिए अवरस्नातक स्तर पर 4,232 और स्नातक स्तर पर 6,152 छात्रों को प्रवेश दिया गया है। इसमें करीबन 1,009 संकाय सदस्यों को रोजगार प्रदान किया है। इसकी बंदोबस्ती और अनुसंधान पर वार्षिक व्यय अन्य किसी भी अमेरिकी विश्वविद्यालयो में से सबसे अधिक है। अब तक 75 नोबल पुरस्कार विजेता, 47 राष्ट्रीय विज्ञान पदक प्रापक और 31 मैकआर्थर अध्येता इस विश्वविद्यालय के साथ वर्तमान या भूतपूर्व समय में सम्बद्ध रहे है। एमआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित कंपनियों का एकत्रित राजस्व विश्व की सबसे बड़ी सत्तरहवीं अर्थव्यवस्था है। इंजिनीयर्स द्वारा 33 खेल प्रायोजित है, जिनमें से ज्यादातर NCAA श्रेणी III के न्यू इंग्लैंड महिला और पुरुषों के व्यायामी सम्मेलन में भाग लेते है, श्रेणी I के नौकायन कार्यक्रम EARC और EAWRC प्रतिस्पर्धा के भाग है। .

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मैजलन (अंतरिक्ष यान)

मैगलन अंतरिक्ष यान (Magellan spacecraft), एक 1035 किग्रा (2280 पौंड) वजन का रोबोटिक अंतरिक्ष यान था जिसे सिंथेटिक एपर्चर रडार का उपयोग करते हुए शुक्र की सतह के मानचित्रण और ग्रहीय गुरुत्वाकर्षण को मापने के लिए 4 मई 1989 को नासा द्वारा शुरू किया गया था। इसे वीनस राडार मैपर के रूप में भी जाना जाता है। Category:Missions to Venus Category:NASA space probes Category:Destroyed extraterrestrial probes Category:1989 in spaceflight Category:Space radars.

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मेरिनर 10

मेरिनर 10 (Mariner 10), एक अमेरिकी रोबोटिक अंतरिक्ष यान था जिसे 3 नवम्बर 1973 को बुध और शुक्र ग्रहों से होकर उड़ान भरने के लिए नासा द्वारा प्रक्षेपित किया गया था। मेरिनर 10 को मेरिनर 9 के करीब दो साल बाद प्रक्षेपित किया गया और यह मेरिनर कार्यक्रम अंतर्गत अंतिम अंतरिक्ष यान था। (मेरिनर 11 और 12 वॉयजर कार्यक्रम के लिए आवंटित किए गए थे और वॉयजर 1 और वॉयजर 2 से नामांकित किए गए थे) मिशन के उद्देश्य, बुध के पर्यावरण, वातावरण, सतह और पिंड की विशेषताओं का मापन करना और शुक्र की इसी तरह की छानबीन करना था। द्वितियक उद्देश्यों में अंतरग्रहीय माध्यम में प्रयोगों का प्रदर्शन करना और एक दोहरा-ग्रह गुरुत्वाकर्षण सहारा के साथ अनुभव प्राप्त करना था। श्रेणी:अंतरिक्ष यान.

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मेरिनर ४

श्रेणी:अमेरिका के मंगल अभियानों की सूची.

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मेरिनर ९

श्रेणी:अंतरिक्ष यान.

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मेसेंजर

मेसेंजर (MESSENGER → MErcury Surface, Space ENvironment, GEochemistry, and Ranging), बुध ग्रह की परिक्रमा कर रहा नासा का एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान है | ऐसा करने वाला यह कभी का पहला अंतरिक्ष यान भी है। .

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युलीसेस

यूलिसिस (Ulysses) एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान है जिसे नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसा) के एक संयुक्त उद्यम के रूप में सूर्य का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया था। अंतरिक्ष यान को नजदीकी सौर दूरी के लिए अपनी लंबी और अप्रत्यक्ष प्रक्षेपवक्र की वजह से मूलतः ओडीसियस (Odysseus) नामित किया गया था। यह यूलिसिस नाम, जो ओडीसियस का लेटिन अनुवाद है, इसा के अनुरोध पर दिया गया था। मूल रूप से इसे अंतरिक्ष शटल चैलेंजर पर सवार होकर मई १९८६ में प्रक्षेपण के लिए निर्धारित किया गया था। चैलेंजर को खोने के कारण, डिस्कवरी (मिशन STS-41) पर सवारी हेतू, यूलिसिस का प्रक्षेपण ६ अक्टूबर १९९० तक विलंबित हो गया | इस अंतरिक्ष यान का मिशन सभी अक्षांशों पर सूर्य का अध्ययन करने के लिए था। इसके लिए एक बड़े कक्षीय तल स्थानांतरण की आवश्यकता होती है | शटल की वेग परिवर्तन सीमाओं के कारण, तल स्थानांतरण के लिए वेग परिवर्तन की आवश्यकता को इंजिन जलाने के बजाय, बृहस्पति के साथ एक मुठभेड़ का उपयोग करके पूरा किया गया | एक बृहस्पति मुठभेड़ की जरूरत का अर्थ है, यूलिसिस सौर बैटरियों द्वारा संचालित नहीं हो सकता था, बजाय इसे एक रेडियो आइसोटोप थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर (RTG) द्वारा संचालित किया गया था। श्रेणी:अंतरिक्ष यान.

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यूरोपा (उपग्रह)

यूरोपा (Europa), हमारे सौर मण्डल के पाँचवे ग्रह बृहस्पति का चौथा सब से बड़ा उपग्रह है। इसका व्यास (डायामीटर) लगभग 3,138 किमी है जो हमारे चन्द्रमा से चंद किलोमीटर ही छोटा है। .

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रानी फ़ाबिओला पर्वत

रानी फ़ाबिओला पर्वत (Queen Fabiola Mountains) पूर्वी अंटार्कटिका के रानी मौड धरती क्षेत्र में स्थित पर्वतों का एक समूह है। यह ५० किमी लम्बी कतार लुटज़ो-होल्म खाड़ी से १४० किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं। इसका सबसे ऊँचा पहाड़ २,७४० मीटर ऊँचा फ़ुकुशीमा पर्वत (Mount Fukushima) है। यामातो हिमानी (Yamato Glacier) इन्हीं पर्वतों में स्थित है और यहाँ सन् २००० में एक १३.७ किलोग्राम का एक उल्का पाया गया जो बनावट परखने पर मंगल ग्रह से आया ज्ञात हुआ। इसे यामातो ०००५९३ (Yamato 000593) का नामांकन मिला और यह पृथ्वी पर गिरा दूसरा सबसे बड़ा ज्ञात मंगल-ग्रहीय उल्का है। .

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रामेश्वरम तीर्थ

रामेश्वरम हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ है। यह तमिल नाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह तीर्थ हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। इसके अलावा यहां स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। भारत के उत्तर मे काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वरम् की है। रामेश्वरम चेन्नई से लगभग सवा चार सौ मील दक्षिण-पूर्व में है। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा हुआ एक सुंदर शंख आकार द्वीप है। बहुत पहले यह द्वीप भारत की मुख्य भूमि के साथ जुड़ा हुआ था, परन्तु बाद में सागर की लहरों ने इस मिलाने वाली कड़ी को काट डाला, जिससे वह चारों ओर पानी से घिरकर टापू बन गया। यहां भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व एक पत्थरों के सेतु का निर्माण करवाया था, जिसपर चढ़कर वानर सेना लंका पहुंची व वहां विजय पाई। बाद में राम ने विभीषण के अनुरोध पर धनुषकोटि नामक स्थान पर यह सेतु तोड़ दिया था। आज भी इस ३० मील (४८ कि.मी) लंबे आदि-सेतु के अवशेष सागर में दिखाई देते हैं। यहां के मंदिर के तीसरे प्राकार का गलियारा विश्व का सबसे लंबा गलियारा है। .

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रिचर्ड फिलिप्स फाइनमेन

right रिचर्ड फिलिप्स फाइनमेन (11 मई, 1918 – 15 फरवरी, 1988) बीसवी शताब्दी के अन्तिम भाग के सबसे चर्चित वैज्ञानिक थे। वे 1966 मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हुए। बीसवीं शताब्दी के बीच मे अच्छे विश्वविद्यालयों मे भौतिक शास्त्र को पढ़ाये जाने के तरीके पर विवाद चल रहा था।.

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रिक हसबैंड

रिक डगलस हसबैंड (१२ जुलाई १९५७ - १ फ़रवरी २००३) संयुक्त राज्य वायुसेना कर्नल और नासा अंतरिक्षयात्री थे। वो कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गये सात यात्रियों में से एक थे। उनके साथ अन्य यात्री कल्पना चावला, माइकल फिलिप एंडरसन, डेविड ब्राउन, लॉरेल क्लॉर्क, विलियम मैककूल और इलान रेमोन थे। .

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रैनर वाइस

रैनर "राय" वाइस (जन्म: सितम्बर 29, 1932) अमेरिकी भौतिक विज्ञानी हैं जिन्हें भौतिकी गुरुत्वाकर्षण भौतिकी और खगोलिकी में उनके योगदानों के लिए जाना जाता है। वो मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान में भौतिकी के सेवामुक्त प्रोफेसर हैं। उन्हें लेसर व्यतिकरणमापी तकनीकी के लिए जाना जाता है जो लिगो प्रयोग की आधारभूत संक्रिया है। रैनर अन्तरिक्ष किरण पृष्ठभूमि पर काम करने वाले समूह के प्रमुख थे। उन्हें वर्ष २०१७ में किप थोर्न और बैरी बैरिश के साथ "लिगो संसूचक में उनके अमूल्य योगदान और गुरुत्वीय तरंगों के प्रेक्षण" में योगदान के लिए संयुक्त रूप से भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रेंजर 1

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रेंजर 2

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रेंजर 3

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रेंजर 4

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रेंजर 5

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रेंजर 6

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रेंजर 7

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रेंजर 8

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रेंजर 9

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रोबॉटिक्स

बल्ब पकडे हुऐ रोबॉटी 'शैडो हैंड'रोबॉटिक्स रोबॉट की अभिकल्पना, निर्माण और अभिप्रयोग के विज्ञान और तकनीकों को कहते हैं। इस क्षेत्र में कार्य करने के लिये इलेक्ट्रॉनिकी, यान्त्रिकी और सॉफ्टवेयर के सिवाय कई अन्य क्षेत्रों में व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। हालाँकि रोबॉट के स्वरूप और क्षमताओं में काफी विविधता हैं पर इन सभी में कई समानताएँ भी हैं। उदाहरण के लिए यांत्रिक चलनशील ढाँचा और स्वनियंत्रण सभी में होता है। रोबॉट के ढाँचे की उपमा मानव अस्थिपंजर है और उसे शुद्ध-गति माला कहा जा सकता है। यह माला है इसकी हड्डियाँ, प्रवर्तक इसकी माँस पेशियाँ और जोड़, जो इसे एक या एक से अधिक स्वातंत्र्य परिमाण देते हैं। अधिकांश रोबॉट क्रमिक माला रूपी होते हैं, जिसमें एक कड़ी दूसरी से जुड़ती है - इन्हें क्रमिक रोबॉट कहते हैं और ये मानव हाथ के समान हैं। अन्य रोबॉट सामानांतर शुद्ध-गति मालाओं का प्रयोग करते हैं। जीव-यांत्रिकी के अंतर्गत मानव या अन्य जीवों की नकल कर ढाचों को बनाने पर अनुसन्धान चल रहा है। माला की अंतिम कड़ी किसी तरह की प्रवर्तक हो सकती है, जैसे एक यांत्रिक हाथ या वेल्डिंग मशीन। .

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रोबोट

एक कारखाने में चीजों को उठाने और सही स्थान पर रखने वाला रोबोट रोबोट एक आभासी (virtual) या यांत्रिक (mechanical)कृत्रिम (artificial) एजेंट है व्यवहारिक रूप से, यह प्रायः एक विद्युत यांत्रिकी निकाय (electro-mechanical system) होता है, जिसकी दिखावट और गति ऐसी होती है की लगता है जैसे उसका अपना एक इरादा (intent) और अपना एक अभिकरण (agency) है।रोबोट शब्द भौतिक रोबोट और आभासी (virtual) सॉफ्टवेयर एजेंट (software agent), दोनों को ही प्रतिबिंबित करता है लेकिन प्रायः आभासी सॉफ्टवेयर एजेंट को बोट्स (bots) कहा जाता है। ऐसी कोई भी सर्वसम्मति नहीं बन पाई है की मशीन रोबोटों के रूप में योग्य हैं, लेकिन एक विशेषज्ञों और जनता के बीच आम सहमति है कि कुछ या सभी निम्न कार्य कर सकता है जैसे: घूमना, यंत्र या कल सम्बन्धी अवयव को संचालित करना, वातावरण की समझ और उसमें फेर बदल करना और बुद्धिमानी भरे व्यवहार को प्रधार्षित करना जो की मानव और पशुओं के व्यवहारों की नक़ल करना। कृत्रिम सहायकों और साथी की कहानिया और और उन्हें बनाने के प्रयास का एक लम्बा इतिहास है लेकिन पूरी तरह से स्वायत्त (autonomous) मशीने केवल 20 वीं सदी में आए डिजिटल (digital) प्रणाली से चलने वाला प्रोग्राम किया हुआ पहला रोबोट युनिमेट (Unimate), १९६१ में ठप्पा बनाने वाली मशीन से धातु के गर्म टुकड़ों को उठाकर उनके ढेर बनाने के लिए लगाया गया था। आज, वाणिज्यिक और औद्योगिक रोबोट (industrial robot) व्यापक रूप से सस्ते में और अधिकसे अधिक सटीकता और मनुष्यों की तुलना में ज्यादा विश्वसनीयता के साथ प्रयोग में आ रहे हैं उन्हें ऐसे कार्यों के लिए भी नियुक्त किया जाता है जो की मानव लिहाज़ से काफी खतरनाक, गन्दा और उबाऊ कार्य होता है रोबोट्स का प्रयोग व्यापक रूप से विनिर्माण (manufacturing), सभा और गठरी लादने, परिवहन, पृथ्वी और अन्तरिक्षीय खोज, सर्जरी, हथियारों के निर्माण, प्रयोगशाला अनुसंधान और उपभोक्ता और औद्योगिक उत्पादन के लिए किया जा रहा है आमतौर पर लोगों का जिन रोबोटों से सामना हुआ है उनके बारे में लोगों के विचार सकारात्मक हैं घरेलू रोबोट (Domestic robot) सफाई और रखरखाव के काम के लिए घरों के आस पास आम होते जा रहे हैंबहरहाल रोबोटिक हथियारों और स्वचालन के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता बनी हुई है, ऐसी चिंता जिसका समाधान लोकप्रिय मनोरंजन में वर्णित खलनायकी, बुद्धिमान, कलाबाज़ रोबोट के सहारे नहीं होता अपने काल्पनिक समकक्षों की तुलना में असली रोबोट्स अभी भी सौम्य, मंद बुद्धि और स्थूल हैं .

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लूनर फ्लैशलाइट

लूनर फ्लैशलाइट (Lunar Flashlight) कम लागत वाली क्यूबसैट चन्द्र आर्बिटर मिशन है। इसे जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर की एक टीम द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह नवंबर 2018 में प्रक्षेपण के लिए नासा उन्नत एक्सप्लोरेशन सिस्टम्स (एईएस) द्वारा 2015 में चुना गया था। .

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लूनर आइसक्यूब

लूनर आइसक्यूब (Lunar IceCube) 2018 में एक्सप्लोरेशन मिशन 1 में लांच होने वाली 13 क्यूबसैट में से एक नैनोसैटेलाइट है। यह संभावित है कि यह स्पेस लांच सिस्टम की पहली उड़ान पर एक द्वितीयक पेलोड मिशन के रूप में उड़ान भरे। .

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लॉन्च नियंत्रण केंद्र

लॉन्च नियंत्रण केंद्र (Launch Control Center) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का प्रक्षेपण नियंत्रण केंद्र है। जिसका प्रयोग प्रक्षेपण के दौरान प्रक्षेपण यान को नियंत्रित करने में किया जाता है। .

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लॉरेल क्लॉर्क

लॉरेल ब्लेयर साल्टोन क्लार्क (१० मार्च १९६१ - १ फ़रवरी २००३) चिकित्सक, संयुक्त राज्य वायुसेना कप्तान और नासा अंतरिक्षयात्री थीं। वो कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गये सात यात्रियों में से एक थे। उनके साथ अन्य यात्री कल्पना चावला, माइकल फिलिप एंडरसन, डेविड ब्राउन, रिक हसबैंड, विलियम मैककूल और इलान रेमोन थे। .

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लॉकहीड मार्टिन एक्स-44 मैंटा

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शटल लैंडिंग सुविधा

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शनि (ग्रह)

शनि (Saturn), सूर्य से छठां ग्रह है तथा बृहस्पति के बाद सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह हैं। औसत व्यास में पृथ्वी से नौ गुना बड़ा शनि एक गैस दानव है। जबकि इसका औसत घनत्व पृथ्वी का एक आठवां है, अपने बड़े आयतन के साथ यह पृथ्वी से 95 गुने से भी थोड़ा बड़ा है। इसका खगोलिय चिन्ह ħ है। शनि का आंतरिक ढांचा संभवतया, लोहा, निकल और चट्टानों (सिलिकॉन और ऑक्सीजन यौगिक) के एक कोर से बना है, जो धातु हाइड्रोजन की एक मोटी परत से घिरा है, तरल हाइड्रोजन और तरल हीलियम की एक मध्यवर्ती परत तथा एक बाह्य गैसीय परत है। ग्रह अपने ऊपरी वायुमंडल के अमोनिया क्रिस्टल के कारण एक हल्का पीला रंग दर्शाता है। माना गया है धातु हाइड्रोजन परत के भीतर की विद्युतीय धारा, शनि के ग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को उभार देती है, जो पृथ्वी की तुलना में कमजोर है और बृहस्पति की एक-बीसवीं शक्ति के करीब है। बाह्य वायुमंडल आम तौर पर नीरस और स्पष्टता में कमी है, हालांकि दिर्घायु आकृतियां दिखाई दे सकती है। शनि पर हवा की गति, 1800 किमी/घंटा (1100 मील) तक पहुंच सकती है, जो बृहस्पति पर की तुलना में तेज, पर उतनी तेज नहीं जितनी वह नेप्च्यून पर है। शनि की एक विशिष्ट वलय प्रणाली है जो नौ सतत मुख्य छल्लों और तीन असतत चाप से मिलकर बनी हैं, ज्यादातर चट्टानी मलबे व धूल की छोटी राशि के साथ बर्फ के कणों की बनी हुई है। बासठ चन्द्रमा ग्रह की परिक्रमा करते है; तिरेपन आधिकारिक तौर पर नामित हैं। इनमें छल्लों के भीतर के सैकड़ों " छोटे चंद्रमा" शामिल नहीं है। टाइटन, शनि का सबसे बड़ा और सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है। यह बुध ग्रह से बड़ा है और एक बड़े वायुमंडल को संजोकर रखने वाला सौरमंडल का एकमात्र चंद्रमा है। .

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शुक्र पारगमन

शुक्र पारगमन (Transit of Venus), तब होता है जब शुक्र ग्रह सीधे सूर्य और पृथ्वी (या कोई अन्य ग्रह) के बीच आ जाता है। पारगमन के दरम्यान शुक्र ग्रह सूर्य के मुखाकृति पर एक तिल की भांति नजर आता है तथा आर पार खिसकता हुआ दिखाई देता है। यह सूर्य के मामूली हिस्से भर को ढंक पाता है। इस तरह के पारगमन के दौर आम तौर पर (2012 का पारगमन 6 घंटे और 40 मिनट तक चला था) घंटों में मापे गए है। पारगमन असल में चंद्रमा द्वारा किए गए किसी सूर्यग्रहण के समान है। शुक्र का व्यास चन्द्रमा का तिगुना है फिर भी छोटा दिखाई देता है और सूर्य के मुखाबिंद के आर पार बहुत धीमे चलता हुआ प्रतीत होता है क्योंकि यह पृथ्वी से अपेक्षाकृत कहीं अधिक दूर है। शुक्र के पारगमन दुर्लभतम् पूर्वानुमानित खगोलीय घटनाओं में से हैं। पारगमन चक्रों में पाए जाते है और सामान्यतः हर 243 वर्षों में दोहराए जाते हैं। पहले दो पारगमन आठ वर्षों के अंतराल में होते हैं, फिर करीब 105.5 वर्षीय या 121.5 वर्षीय लंबा विराम और फिर से वही आठ वर्षीय अंतराल के नए पारगमन जोड़ो का दौर शूरू होता है। इस दोहराहट के असली कारण पृथ्वी व शुक्र के कक्षीय अनुनादों में छिपे हुए हैं जो क्रमशः 8:13 और 243:395 है। शुक्र का विगत पारगमन 5 व 6 जून 2012 को था, साथ ही यह 21 वीं सदी का अंतिम शुक्र पारगमन भी था, इसके पूर्व का पारगमन 8 जून 2004 को संपन्न हुआ। पारगमन की पूर्ववर्ती जोड़ी दिसंबर 1874 और दिसंबर 1882 में हुई; आगामी जोड़ी दिसंबर 2117 और दिसंबर 2125 में घटित होगी। .

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समुद्र तल

समुद्र तल से ऊँचाई दिखाता एक बोर्ड समुद्र तल या औसत समुद्र तल (अंग्रेज़ी:Mean sea level) समुद्र के जल के उपरी सतह की औसत ऊँचाई का मान होता है। इसकी गणना ज्वार-भाटे के कारण होने वाले समुद्री सतह के उतार चढ़ाव का लंबे समय तक प्रेक्षण करके उसका औसत निकाल कर की जाती है। इसे समुद्र तल से ऊँचाई (MSL-Metres above sea level) में व्यक्त किया जाता है। इसका प्रयोग धरातल पर स्थित बिंदुओं की ऊँचाई मापने के लिये सन्दर्भ तल के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग उड्डयन में भी होता है। उड्डयन में समुद्र की सतह पर वायुमण्डलीय दाब को वायुयानों के उड़ान की उँचाई के सन्दर्भ (डैटम) के रूप में उपयोग किया जाता है। .

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समुद्र विज्ञान

समुद्र विज्ञान (Oceanography या oceanology या marine science) भूविज्ञान की एक शाखा है जो समुद्रों का अध्ययन करती है। इसके अन्तर्गत समुद्र, तटीय क्षेत्र, एस्ट्युरीज (नदी मुख), तटीय जल, शेलव्ज और ओशन बेड, समुद्री जीवों, समुद्री धाराओं, तरंगों, भूभौतिकीय तरलगतिकी एवं अनेक अन्यान्य विषयों का अध्ययन किया जता है। इसमें जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, जिओलोजी, भौतिकी आदि सबकी आवश्यकता पड़ती है। इस क्षेत्र में काम करने वालों को ओशनोग्राफर कहते हैं। ओशियनोग्राफी वह विज्ञान है जिसमें सागरों तथा महासागरों के हरपहलू का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। ओशियनोग्राफी में समुद्र, उसके तट, समुद्री शाखाओं से लेकर कोस्टल वाटरऔर समुद्री चट्टानों की गहराई का जायजा लेना होता है। ओशियनोग्राफी कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासाओं का समंदरहै। महासागरमें ढेरों जानकारी के खजाने छिपे हैं जिनके रहस्य पर से परदा उठना बाकी है। इस काम में समुद्र के भीतर घंटों गुजारकर सेंपल जुटाना, सर्वे करना, डाटा विश्लेषित करना होता है। यह खोज आधारित क्षेत्र है इसलिए इसमें काम करने वाले लोगों को समुद्र के आस-पास के इलाकों में लंबा समय गुजारना पड़ता है। ओशियनोग्राफर महासागरों व कोस्टल वाटर के रहस्य बारीकी से जाँचता है। वह महासागरीय जल की गति, जल के वितरण और उसके फिजिकल व केमिकल गुण व लक्षण का अध्ययन करता है औरयह जानने की कोशिश करता है कि इनका समुद्र के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों और जलवायु परक्या असर पड़ता है। यह क्षेत्र शोध आधारित है जहां एक लंबा समय समुद्री उथल-पुथल के बीच बिताना होता है। मिलने वाली चुनौतियों व खतरों के करीब से गुजरना होता है। .

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सर्वेयर 1

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सर्वेयर 2

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सर्वेयर 3

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सर्वेयर 4

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सर्वेयर 5

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सर्वेयर 6

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सर्वेयर 7

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सर्गी ब्रिन

सर्गी मिखायलोविच ब्रिन (Серге́й Миха́йлович Брин) जन्म - 21 अगस्त 1973, एक रूसी अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक, सॉफ्टवेयर डेवलपर और उद्यमी हैं जिन्हें लैरीपेज के साथ गूगल, इंक.

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सितंबर २०१०

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संचार उपग्रह

U.स सैन्य MILSTAR संचार उपग्रह दूरसंचार के प्रयोजनों के लिए संचार उपग्रह (कभी-कभी संक्षेप में SATCOM प्रयुक्त) अंतरिक्ष में तैनात एक कृत्रिम उपग्रह है। आधुनिक संचार उपग्रह भू-स्थिर कक्ष, मोलनीय कक्ष, अन्य दीर्घवृत्ताकार कक्ष और पृथ्वी के निचले (ध्रुवीय और ग़ैर-ध्रुवीय) कक्ष सहित विभिन्न प्रकार के परिक्रमा-पथों का उपयोग करते हैं। निश्चित (बिंदु-दर-बिंदु) सेवाओं के लिए, संचार उपग्रह पनडुब्बी संचार केबल के पूरक माइक्रोवेव रेडियो प्रसारण तकनीक उपलब्ध कराते हैं। उनका इस्तेमाल मोबाइल अनुप्रयोगों, जैसे जहाज, वाहनों, विमानों और हस्तचालित टर्मिनलों तथा टी.वी.

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सुनीता विलियम्स

सुनीता विलियम्स (जन्म: १९ सितंबर, १९६५ यूक्लिड, ओहायो में) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है। यह भारत के गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती है। इन्होंने एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में १९५ दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व किर्तिमान स्थापित किया है। उनके पिता दीपक पाण्डया अमेरिका में एक डॉक्टर हैं। .

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स्टर्लिंग इंजन

अल्फा प्रकार का स्टर्लिंग इंजन। एक विस्तारित सिलेंडर (लाल) को एक उच्च तापमान पर बनाए रखा गया है जबकि संपीड़न सिलेंडर (नीला) ठंडा है। दो सिलेंडरों के बीच पैसेज में पुनर्योजी शामिल हैं। स्टर्लिंग इंजिन एक ऐसा उष्मीय इंजिन है जो हवा, गैस या किसी तरल पदार्थ के भिन्न-भिन्न तापमानों में चक्रीय दबावों एवं फैलाव से इस तरह कार्यान्वित होती है कि वहां पर शुद्ध रूप में उष्मीय उर्जा का बदलाव यांत्रिक क्रिया में हो जाता है। यह इंजन एक भाप इंजन की तरह होता है जिसमें इंजन दीवार के माध्यम से पूर्ण ताप को स्थानांतरित किया जाता है। इसे परम्परागत रूप से आंतरिक दहन इंजन के विपरीत एक बाह्य दहन इंजन के रूप में जाना जाता है जहां कार्यरत तरल की राशी के भीतर ईंधन के दहन के द्वारा ताप इनपुट होता है। भाप इंजन द्वारा कार्यरत तरल के रूप में तरल और गैस, दोनों पदार्थों में पानी के इस्तेमाल के विपरीत स्टर्लिंग इंजन हवा या हीलियम जैसे गैसीय तरल की निश्चित मात्रा को स्थायी रूप से संलग्न करता है। जैसा कि सभी ताप इंजन में होता है, सामान्य चक्र में शामिल है ठंडी गैस का सम्पीड़न, गैस को गर्म करना, गर्म गैस का विस्तार करना और अंत में चक्र के दोहराव से पहले गैस को ठंडा करना। इसे भाप इंजन के प्रतिद्वंद्वी के रूप में मूलतः 1816 में एक औद्योगिक मुख्य चालक के रूप में विचारित किया गया था, इसका व्यावहारिक उपयोग एक बड़े पैमाने पर एक सदी से भी अधिक तक न्यून-बिजली घरेलू अनुप्रयोगों के लिए सीमित था। स्टर्लिंग इंजन को अपनी उच्च कार्यक्षमता (40% तक), निर्बाध संचालन और उस सुगमता के लिए जाना जाता है जिससे वह लगभग कोई भी ताप स्रोत का इस्तेमाल कर सकता है। वैकल्पिक और अक्षय ऊर्जा स्रोतों के साथ यह संगतता, पारम्परिक ईंधन की कीमत बढ़ने और जलवायु परिवर्तन और तेल के सीमित उत्पादन के मद्देनज़र तेज़ी से महत्वपूर्ण बन गई है। वर्तमान में यह इंजन, सूक्ष्म संयुक्त ताप और शक्ति (CHP) इकाई के मुख्य घटक के रूप में रूचि को बढ़ा रहा है, जिसमें यह एक तुलनीय भाप इंजन के मुकाबले अधिक कुशल और सुरक्षित है। अंतरिक्ष अनुसंधान में उपयोग के लिए स्टर्लिंग इंजन पर (विशेषकर मुक्त पिस्टन प्रकार) नासा द्वारा भी विचार किया जा रहा है। .

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स्टार ट्रेक

स्टार ट्रेक एक अमेरिकी कल्पित विज्ञान मनोरंजन श्रृंखला है। मूल स्टार ट्रेक, जीन रॉडेनबेरी द्वारा निर्मित एक अमेरिकी टेलीविज़न श्रृंखला थी, जो पहली बार 1966 में प्रसारित हुई और तीन सीज़नों तक चली, जिसमें कैप्टन जेम्स टी. कर्क और फ़ेडरेशन स्टारशिप ''एंटरप्राइज़'' के चालक दल के अंतरातारकीय रोमांचक कारनामों का अनुगमन किया गया.

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स्टीफन हॉकिंग

स्टीफन विलियम हॉकिंग (८ जनवरी १९४२– १४ मार्च २०१८)), एक विश्व प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (Centre for Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक थे। .

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स्पिट्ज़र अंतरिक्ष दूरदर्शी

स्पिट्ज़र अंतरिक्ष दूरदर्शी (Spitzer Space Telescope), एक खगोलीय दूरदर्शी है जो अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थित है। यह ब्रह्माण्ड की विभिन्न वस्तुओं की अवरक्त (इन्फ़्रारॅड) प्रकाश में जाँच करता है। इसे सन् २००३ में रॉकेट के ज़रिये अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था नासा ने अंतरिक्ष में पहुँचाकर पृथ्वी के इर्द-गिर्द कक्षा (ऑरबिट) में डाला था।, Lee Armus, William Thomas Reach, Astronomical Society of the Pacific, 2006, ISBN 978-1-58381-225-9 इसे चलते रहने के लिए अति-ठंडी द्रव्य हीलियम की आवश्यकता थी जो १५ मई २००९ को ख़त्म हो गया। उसके बाद से इस यान पर मौजूद अधिकतर यंत्रों ने काम करना बंद कर दिया लेकिन इसका कैमरा कुछ हद तक अभी भी खगोलीय वस्तुओं की तस्वीरें उतारने में सक्षम है।, Muriel Gargaud, स्प्रिंगर, 2011, ISBN 978-3-642-11271-3,...

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स्पिरिट रोवर

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स्पुटनिक

स्पुटनिक स्पुटनिक (रूसी: Спутник) जिसका शाब्दिक अर्थ है "यात्रा का साथी", सोवियत संघ का प्रथम उपग्रह कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ४ अक्टूबर, १९५७ के बाद से पाँच उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए। स्पुटनिक १ विश्व का सर्वप्रथम मानव निर्मित उपग्रह था। .

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स्पेस लांच सिस्टम

स्पेस लांच सिस्टम (Space Launch System or SLS) एक अमेरिकी विकासाधीन प्रक्षेपण यान है। इसका प्रयोग अंतरिक्ष यात्रियों को चांद तथा मंगल की सतह पर उतारने में किया जायेगा। .

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स्कॉट केली

स्कॉट केली एक अमरीकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लगभग एक वर्ष रहने के लिए जाने जाते हैं। केली का पहला अंतरिक्ष यान स्पेस शटल डिस्कवरी के पायलट के रूप में था, दिसंबर 1 999 में एसटीएस -103 के दौरान। यह हबल स्पेस टेलीस्कॉप के लिए तीसरा सर्विसिंग मिशन था, और यह आठ दिनों के लिए चली थी। केली का दूसरा अंतरिक्ष यान एसटीएस -118 के मिशन कमांडर के रूप में था, जो अगस्त 2007 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए 12-दिवसीय अंतरिक्ष शटल मिशन था। केली का तीसरा अंतरिक्ष यान आईएसएस पर एक्सपीडिशन 26 के कमांडर थे। वह 9 अक्टूबर 2010 को एक रूसी सोयुज अंतरिक्ष यान पर पहुंचा, एक्सपिडिशन 25 के दौरान, और यह समाप्त होने तक एक फ्लाइट इंजीनियर के रूप में काम किया। उन्होंने 25 नवंबर 2010 को स्टेशन की कमान संभाली, 26 अभियान की शुरुआत में आधिकारिक तौर पर शुरू हुआ जब अंतरिक्ष यान सोयूज़ टीएमए -19 अंडकोल्ड, स्टेशन के पिछले कमांडर डगलस एच। व्हीलॉक को ले गए। 16 मार्च 2011 को सोयुज टीएमए 01 एम के प्रस्थान के साथ अभियान 26 का समापन हुआ। यह केली की पहली लंबी अवधि अंतरिक्ष उड़ान थी नवंबर 2012 में, केली को मिखाइल कोर्नियेंको के साथ, एक विशेष 340 दिन के लिए चुना गया, ताकि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए वर्षभर का मिशन किया जा सके। अंतरिक्ष में उनका वर्ष 27 मार्च 2015 को एक्स्पिशडन 43 की शुरुआत के साथ शुरू हुआ, जिसमें निरन्तर 44 अभियान और 45 के दौरान जारी रखा गया था, जो दोनों ने केली का आदेश दिया था। उन्होंने 29 फरवरी 2016 को टिमोथी कोपरा को आदेश पारित किया, जब आईएसएस 11 महीने का मिशन समाप्त हुआ। वह 1 मार्च 2016 को सोयुज टीएमए -18 एम पर धरती पर लौट आया। अक्टूबर 2015 में, उन्होंने अंतरिक्ष के खर्च में 520 अंकों की कुल संचित संख्या के लिए रिकॉर्ड बनाया। यह रिकॉर्ड 2016 में अंतरिक्ष यात्री जैफ विलियम्स द्वारा खोला गया था। तथाकथित आईएसएस साल के लंबे मिशन के लिए, केली ने अंतरिक्ष में लगातार 340 दिन (11 महीने, 3 दिन) खर्च किए। केली के समान जुड़वां भाई, मार्क केली, एक पूर्व अंतरिक्ष यात्री है केली भाई अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले एकमात्र भाई हैं। 12 मार्च 2016 को, कैली ने अप्रैल 2016 के लिए अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की। .

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सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो)

सूर्य के नज़दीक सोहो का चित्रसौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो) (Solar and Heliospheric Observatory (SOHO)) यूरोप के एक औद्योगिक अल्पकालीन संघटन ऐस्ट्रियम द्वारा निर्मित एक अंतरिक्ष यान है। इस वेधशाला को लॉकहीड मार्टिन एटलस २ एएस रॉकेट द्वारा २ दिसम्बर १९९५ को अंतरिक्ष में भेजा गया। इस प्रयोगशाला का लक्ष्य सूर्य और सौरचक्रीय परिवेश का अध्ययन करना और क्षुद्रग्रहों की उपस्थिति संबंधित आँकड़े उपलब्ध कराना है। सोहो द्वारा अब तक कुल २३00 से अधिक क्षुद्रग्रहों का पता लगाया जा चुका है। सोहो, अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संबद्ध, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा की संयुक्त परियोजना है। हालांकि सोहो मूल रूप से द्विवर्षीय परियोजना थी, लेकिन अंतरिक्ष में १५ वर्षों से अधिक समय से यह कार्यरत है। २00९ में इस परियोजना का विस्तार दिसंबर २0१२ तक मंज़ूर कर लिया गया है।.

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सौर पवन

प्लाज़्मा हेलियोपॉज़ से संगम करते हुए सौर वायु (अंग्रेज़ी:सोलर विंड) सूर्य से बाहर वेग से आने वाले आवेशित कणों या प्लाज़्मा की बौछार को नाम दिया गया है। ये कण अंतरिक्ष में चारों दिशाओं में फैलते जाते हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। २७ नवम्बर २००९ इन कणों में मुख्यतः प्रोटोन्स और इलेक्ट्रॉन (संयुक्त रूप से प्लाज़्मा) से बने होते हैं जिनकी ऊर्जा लगभग एक किलो इलेक्ट्रॉन वोल्ट (के.ई.वी) हो सकती है। फिर भी सौर वायु प्रायः अधिक हानिकारक या घातक नहीं होती है। यह लगभग १०० ई.यू (खगोलीय इकाई) के बराबर दूरी तक पहुंचती हैं। खगोलीय इकाई यानि यानि एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट्स, जो पृथ्वी से सूर्य के बीच की दूरी के बराबर परिमाण होता है। १०० ई.यू की यह दूरी सूर्य से वरुण ग्रह के समान है जहां जाकर यह अंतरतारकीय माध्यम (इंटरस्टेलर मीडियम) से टकराती हैं। अमेरिका के सैन अंटोनियो स्थित साउथ वेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट के कार्यपालक निदेशक डेव मैक्कोमास के अनुसार सूर्य से लाखों मील प्रति घंटे के वेग से चलने वाली ये वायु सौरमंडल के आसपास एक सुरक्षात्मक बुलबुला निर्माण करती हैं। इसे हेलियोस्फीयर कहा जाता है। यह पृथ्वी के वातावरण के साथ-साथ सौर मंडल की सीमा के भीतर की दशाओं को तय करती हैं।। नवभारत टाइम्स। २४ सितंबर २००८ हेलियोस्फीयर में सौर वायु सबसे गहरी होती है। पिछले ५० वर्षों में सौर वायु इस समय सबसे कमजोर पड़ गई हैं। वैसे सौर वायु की सक्रियता समय-समय पर कम या अधिक होती रहती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। .

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सैली राइड

सैली क्रिस्टेन राइड एक अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और अंतरिक्ष यात्री थी। उनका जन्म 26 मई, १९५१ को लॉस एंजेलिस में हुआ था। वह १९७८ में NASA में शामिल हुई और १९८३ में वह पहली अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बनी। परन्तु अंतरिक्ष में जाने वाली वह तीसरी महिला थी। सैली राइड सबसे कम उम्र की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थी जो मात्र 32 साल की उम्र में ही अंतरिक्ष की यात्रा की थी। नेत्र-कक्षीय चुनौती में दो बार उड़ान भरने के बाद १९८७ में सैली राइड ने नासा छोड़ दिया था। उसके बाद उन्होंने दो साल भौतिक विज्ञान की प्रोफेसर के रूप में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और शस्त्र नियंत्रण, कैलिफोर्निया में, सैन डिएगो विश्वविद्यालय में और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंटर में काम किया और फिर मुख्य रूप से प्रकाशिक विषम दैशिकता और त्रिज्या या थॉमसन बिखरने शोध पर अनुसंधान किया। .

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सूर्य

सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K. (1995) The Barnhart Concise Dictionary of Etymology, page 776.

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सेन्ट्री (निगरानी प्रणाली)

सेन्ट्री (Sentry, अर्थ: संतरी) अमेरीकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान नासा की एक स्वचालित (ऑटोमैटिक) प्रणाली है जो लगातार क्षुद्रग्रहों पर इस दृष्टि से निगरानी रखती है कि कहीं उनमें से कोई भविष्य के लगभग १०० वर्षों के भीतर पृथ्वी से न आ टकराये। अगर सेन्ट्री को किसी सम्भवित प्रहार का संकेत मिलता है तो उसे तुरंत ही पृथ्वी-समीप वस्तु कार्यक्रम (Near Earth Object Program) में प्रकाशित कर दिया जाता है। .

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सेरेना मारिया अुनोन

सेरेना मारिया अुनोन एक अमेरिकी चिकित्सक, इंजीनियर और नासा की अंतरिक्ष यात्री हैं। जून २००७ में अुनोन को अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। उन्होंने २०११ में अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया और जून २०१२ में फ्लोरिडा के लार्गो से नासा/एनओएएएए के पानी के नीचे की खोज के अभियान "नीमो-16" के तहत "डीपवर्कर 2000 सबमर्सिबल" यान की पाइलट के रूप में कार्य किया। इसके बाद पुनः, जुलाई २०१५ में अुनोन ने "नीमो-20" अभियान में भी चालक दल के सदस्य के रूप में, अर्थात एक एक्वानॉट के रूप में, भाग लिया। अुनोन-चांसलर को नासा द्वारा एक उड़ान सर्जन के रूप में लिया गया था और इन्होने रूस में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चिकित्सा अभियानों का संचालन करते हुए नौ महीने व्यतीत किये। एसटीएस -127 और ऍक्सपेडिशन 22 के लिए डिप्टी क्रू सर्जन के रूप में सेवा की और ओरियन के लिए डिप्टी लीड के रूप में भी काम किया। उन्हें २००९ में "एयरोस्पेस मेडिकल एसोसिएशन" से जूलियन ई. वार्ड मेमोरियल अवार्ड मिला जो उन्हें अंतरिक्षयान चालकदल के नैदानिक ​​देखभाल के लिए दिया गया। .

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सोलर डायनामिक ओब्सर्वेटरी

सोलर डायनामिक ओब्सर्वेटरी (Solar Dynamics Observatory (SDO)), एक नासा मिशन है जो पांच से ज्यादा वर्षों तक सूर्य की जांच पड़ताल करेगा। .

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सोलर प्रोब प्लस

नासा के सोलर प्रोब+ का कलाकार द्वारा चित्र नासा द्वारा सूर्य के कोरोना व सौर वायु का रहस्य जानने के लिए एक अंतरिक्ष यान प्रस्तावित है। सोलर प्रोब प्लस नामक यान वर्ष २०१५ में भेजा जाएगा। सोलर प्रोब प्लस सूर्य के काफी निकट तक पहुंचेगा और इसका डिजाइन व निर्माण कार्य अनुभवी एप्लाइड फिजिक्स लैब (एपीएल) द्वारा किया जाएगा। इस अभियान को भेजे जाने में सात वर्ष का समय लग जाएगा। ये यान सूर्य के काफी निकट पहुंचकर लगभग ७० लाख किमी दूरी पर रहकर अपना कार्य करेगा। सूर्य के कोरोना व सौर वायु के बारे में इससे काफी तथ्य उजागर होने की संभावनाएं हैं। नासा का यह अभियान एरीज के वैज्ञानिकों द्वारा सूर्य पर किए जा रहे अध्ययन में भी लाभकारी सिद्ध होगा।। याहू जागरण। ११ जून २००९ .

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सोहो

सोहो नाम का शहर अमेरिका और संयुक्त राजशाही दोनों में बसा हुआ है। वहीं सोहो नाम का एक अंतरिक्ष यान नासा और ईसा की संयुक्त परियोजना है।.

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सोजॉर्नर (रोवर)

कोई विवरण नहीं।

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सीएसटी-100 स्टारलाइनर

सीएसटी-100 स्टारलाइनर (क्रू स्पेस ट्रांसपोर्टेशन) कैप्सूल बोईंग द्वारा बिगेलो एयरोस्पेस के साथ मिलकर निर्माणाधीन चालकदल अंतरिक्ष यान डिजाइन है क्योंकि बोईंग नासा के वाणिज्यिक चालक विकास कार्यक्रम का हिस्सा है। इसका प्राथमिक मिशन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और निजी अंतरिक्ष स्टेशनों जैसे कि प्रस्तावित बिगेलो एयरोस्पेस वाणिज्यिक स्पेस स्टेशन में चालकदल को परिवहन करना है। यह लॉकहीड मार्टिन द्वारा नासा के लिए बनाया जा रहे एक अंतरिक्ष यान ओरायन अंतरिक्ष यान के समान है। कैप्सूल का व्यास 4.56 मीटर (15.0 फीट) है जो अपोलो कमांड मॉड्यूल से थोड़ा बड़ा है और ओरियन कैप्सूल से छोटा है। स्टारलाइनर सात लोगों तक के बड़े चालक दल को ले जाने में सक्षम है और दस मिशन तक की पुन: प्रयोज्यता के साथ सात महीनों तक कक्षा में रहने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एटलस 5, डेल्टा 4 और फाल्कन 9 सहित कई लॉन्च वाहनों से लॉन्च किया जा सकता है। सीएसटी-100 स्टारलाइनर का प्रारंभिक प्रक्षेपण वाहन एटलस 5 422 होगा। जिसे फ्लोरिडा में केप कैनवेरल वायु सेना स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स-41 से लॉन्च किया जायेगा। अपने वाणिज्यिक चालक विकास कार्यक्रम के पहले चरण में नासा ने अंतरिक्ष यान के प्रारंभिक विकास के लिए बोइंग को यूएस $18 मिलियन से सम्मानित किया। दूसरे चरण में बोइंग को आगे के विकास के लिए 93 मिलियन डॉलर का पुरस्कार मिला। 3 अगस्त 2012 को, नासा ने वाणिज्यिक क्रू एकीकृत क्षमता (सीसीकैप) कार्यक्रम के तहत सीएसटी-100 पर काम जारी रखने के लिए बोइंग को $460 मिलियन के पुरस्कार घोषिण की। 16 सितंबर 2014 को, नासा ने वाणिज्यिक क्रू परिवहन क्षमता (सीसीटीसीएप) कार्यक्रम के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन वी2 के साथ सीएसटी-100 का चयन किया, जिसमें 4.2 अरब डॉलर का पुरस्कार दिया गया था। अंतरिक्ष यान की जून 2018 में मानवरहित उड़ान भरने की उम्मीद है अगस्त 2018 में पहली चालक दल उड़ान और दिसंबर 2018 में पहली पूर्ण परिचालन उड़ान की उम्मीद है पूर्ण परिचालन उड़ान में दो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा जायेगा। .

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हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी

हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी (Hubble Space Telescope (HST)) वास्तव में एक खगोलीय दूरदर्शी है जो अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थित है, इसे २५ अप्रैल सन् १९९० में अमेरिकी अंतरिक्ष यान डिस्कवरी की मदद से इसकी कक्षा में स्थापित किया गया था। हबल दूरदर्शी को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ' नासा ' ने यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से तैयार किया था। अमेरिकी खगोलविज्ञानी एडविन पोंवेल हबल के नाम पर इसे ' हबल ' नाम दिया गया। यह नासा की प्रमुख वेधशालाओं में से एक है। पहले इसे वर्ष १९८३ में लांच करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों और बजट समस्याओं के चलते इस परियोजना में सात साल की देरी हो गई। वर्ष १९९० में इसे लांच करने के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि इसके मुख्य दर्पण में कुछ खामी रह गई, जिससे यह पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहा है। वर्ष १९९३ में इसके पहले सर्विसिंग मिशन पर भेजे गए वैज्ञानिकों ने इस खामी को दूर किया। यह एक मात्र दूरदर्शी है, जिसे अंतरिक्ष में ही सर्विसिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है। वर्ष २००९ में संपन्न पिछले सर्विसिंग मिशन के बाद उम्मीद है कि यह वर्ष २०१४ तक काम करता रहेगा, जिसके बाद जेम्स वेब खगोलीय दूरदर्शी को लांच करने कि योजना है। .

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हिपेरायन (चंद्रमा)

हिपेरायन (Hyperion) (यूनानी: Ὑπερίων), शनि का एक चंद्रमा है। यह सेटर्न VII रूप में भी जाना जाता है। इसकी खोज 1848 में विलियम क्रांच बॉण्ड, जॉर्ज फिलिप्स बॉण्ड और विलियम लासेल द्वारा हुई थी। यह अपने अनियमित आकार, अस्त-व्यस्त घूर्णन और अस्पष्टीकृत स्पंज जैसी दिखावट के कारण विलक्षण है। यह खोजा गया पहला अगोलीय चंद्रमा था। .

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ह्युस्टन

270px ह्युस्टन संयुक्त राज्य अमेरिका के टेक्सास राज्य का सबसे बड़ा नगर है। यह संरा अमेरिका के भी सबसे बड़े नगरों में से एक है, चौथा सबसे बड़ा। ह्युस्टन के महापौर हैं बिल व्हाइट। इस नगर में २० लाख के लगभग लोग रहते हैं। इस नगर का नाम सैम ह्युस्टन के नाम पर रखा गया जिसने १८३६ में टेक्सास की स्वतन्त्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। यह नगर मुख्यतः नासा का मुख्यालय नगर होने के लिए जाना जाता है। इस नगर के लिए एक उपनाम भी प्रयुक्त किया जाता है, स्पेस सिटी अर्थात 'अन्तरिक्ष नगर'। .

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हेलिक्स नेब्यूला

हेलिक्स नेब्यूला अथवा हेलिक्स निहारिका (Helix Nebula) एक ग्रहीय निहारिका है। जिसकी खोज कार्ल हार्डिंग ने सन् १८२४ में की थी। यह पृथ्वी से कुछ सबसे नज़दीकी निहारिकाओं में से एक है जो ७०० प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। इसका रूप आखों के समान है जिसके कारण इसकी उच्च धार्मिक महत्ता है। सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे "ईश्वर की आँख" अथवा "सोरोन की आँख" भी कहते हैं। .

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जनरल डायनामिक्स एफ-16एक्सएल

जनरल डायनामिक्स एफ-16एक्सएल (General Dynamics F-16XL) एक प्रयोगात्मक लडाकू विमान है जो जनरल डायनामिक्स एफ-16 फाइटिंग फॉल्कन का नया संस्करण है। श्रेणी:लड़ाकू विमान.

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जिराफ़ तारामंडल

जिराफ़ तारामंडल जिराफ़ या कमॅलपार्डलिस (अंग्रेज़ी: Camelopardalis) खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित एक अकार में बड़ा लेकिन धुंधला-सा तारामंडल है। इसकी परिभाषा सन् १६१२ या १६१३ में पॅट्रस प्लैंकियस (Petrus Plancius) नामक डच खगोलशास्त्री ने की थी। इसका अंग्रेज़ी नाम दो हिस्सों का बना है: कैमल (यानि ऊँट) और लेपर्ड (यानि धब्बों वाला तेंदुआ)। लातिनी में कैमलेपर्ड का मतलब था "वह ऊँट जिसपर तेंदुएँ जैसे धब्बे हों", यानि की जिराफ़। .

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जुलाई 2006

आंद्रे आगासी ने अपना आखरी विंबलडन सिंगल्स टेनिस मैच खेला। विंबलडन के तीसरे दौर मे वे राफ़ेल नडाल से ७-६ (७-५), ६-२, ६-४ से हार गए। श्रेणी:जुलाई श्रेणी:2006.

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ज्यावक्रीय प्रक्षेप

Jean Cossin, Carte cosmographique ou Universelle description du monde, Dieppe, 1570 विश्व का ज्यावक्रीय प्रक्षेप पर मानचित्र। समान क्षेत्रफल वाले वृत्तों के विरूपण को दर्शाता ज्यावक्रीय प्रक्षेप पर बना नक्शा ज्यावक्रीय प्रक्षेप एक छद्म-बेलनाकार समक्षेत्र प्रक्षेप है जिसे कभी-कभी सैन्सन-फ्लैमस्टेड प्रक्षेप भी कहा जाता है अथवा मर्केटर का समक्षेत्र प्रक्षेप कहा जाता है। दायपे के जीन कॉसीं ने संभवतः सबसे पहले इस प्रक्षेप का प्रयोग विश्व के मानचित्र को प्रदर्शित करने हेतु १५७० में किया था। यह  प्रक्षेप निम्नवत परिभाषित होता है: जहाँ φ अक्षांश है, λ देशांतर है, और λ₀ केन्द्रीय मध्याह्न रेखा है। मापनी (स्केल) हमेशा केन्द्रीय मध्याह्न रेखा के सहारे शुद्ध होती है और पूरब से पश्चिम की ओर यह सर्वत्र सही होती है। यही कारण है कि नक़्शे पर प्रत्येक समान्तर रेखा की लंबाई ग्लोब पर अपने अक्षांश के सह्ज्या (cosine) के अनुपात में होती है। इसके कारण मानचित्र के दाहिने और बाएं पार्श्व एक दूसरे के प्रतिबिम्बवत् ज्यावक्रों के अर्धकों की आकृति वाले होते हैं। प्रधान मध्याह्न रेखा - जो एक सीधी रेखा होती है - के अलावा बाकी प्रत्येक मध्याह्न रेखा भी ज्यावक्रीय तरंग का अर्द्धांश होती है किन्तु  सभी अपने देशांतर के मान के अनुसार अलग-अलग एम्प्लीच्यूड वाली होती है, जिससे इस प्रक्षेप का नाम सिनुसॉइडल या ज्यावक्रीय पड़ा। सभी मध्याह्न रेखाओं की लंबाई प्रधान मध्याह्न रेखा से अधिक प्रदर्शित की जाती है जबकि ग्लोब पर वे सभी समान लंबाई की होती हैं।मानचित्र के किनारों की ओर यह पैटर्न अधिक प्रबल होता जाता है, और विरूपण का कारण बनता है। दो बिंदुओं के मध्य शुद्ध दूरियाँ केन्द्रीय मध्याह्न रेखा के सहारे और विषुवत रेखा के सहारे नापी जा सकती हैं। किसी अन्य मध्याह्न रेखा के सहारे शुद्ध दूरियाँ उन स्थानों से गुजरने वाली समान्तर रेखाओं के मध्य ऊर्ध्वाधर दूरी नाम कर प्राप्त की जा सकती हैं। मानचित्र पर केन्द्रीय मध्याह्न रेखा और विषुवत रेखा के आसपास के क्षेत्रों में विरूपण सबसे कम होता है और इनसे दूर होने पर बढ़ता जाता है। ज्यावक्रीय प्रक्षेप आपसी आकारों (sizes) को तुलनात्मक दृष्टि से सही दिखाता है परन्तु आकृति (shapes) को और दिशा को सही नहीं प्रदर्शित करता और किनारों की ओर विरूपण हो जाता है; इससे कुछ हद तक मानचित्र को विच्छेदित करके (interrupting) बचा जा सकता है। ज्यावक्रीय प्रक्षेप की तरह ही वार्नर प्रक्षेप, इंटरमीडिएट बोन प्रक्षेप और बॉटमली का प्रक्षेप कुछ ऐसे अन्य प्रक्षेप हैं जिनपर निर्मित मानचित्रों में ध्रुवों की ओर होने वाले विरूपण के कारण ये क्षेत्र सिकुड़े हुए प्रदर्शित होते हैं। मॉडलैण्ड (MODLAND) ग्रिड नासा द्वारा विकसित एक भूमीतीय ग्रिड है जो ज्यावक्रीय प्रक्षेप पर आधारित है और यह मॉडिस - Moderate-Resolution Imaging Spectroradiometer (MODIS) - आँकड़ों के प्रदर्शन हेतु इस टीम द्वारा निर्मित किया गया है। .

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जूडिथ रेसनिक

जूडिथ अर्लेन रेसनिक अंतरिक्ष में जाने वाली दूसरी अमेरिकी महिला अंतरिक्ष यात्री थी। वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली यहूदी अमेरिकी थी और यहूदी जाति की पहली महिला थी। वह एक अमेरिकी इंजीनियर और एक नासा की अंतरिक्ष यात्री थी जिनकी मृत्यु अंतरिक्ष शटल चैलेंजर मिशन STS-51-L के लॉन्च के दौरान हुई थी। .

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जूनो (अंतरिक्ष यान)

बृहस्पति के आगे जूनो शोध यान का काल्पनिक चित्र जूनो (अंग्रेज़ी: Juno) अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान परिषद्, नासा, द्वारा हमारे सौर मंडल के पाँचवे ग्रह, बृहस्पति, पर अध्ययन करने के लिए पृथ्वी से ५ अगस्त २०११ को छोड़ा गया एक अंतरिक्ष शोध यान है। लगभग ५ वर्ष लंबी यात्रा के बाद ५ जुलाई २०१६ को यह बृहस्पति तक पहुँचने में सफल रहा। इस अभियान पर लगभग १.१ अरब डॉलर की लागत का अनुमान है। .

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जेम्स ब्लंट

जेम्स ब्लंट, (जन्मतः जेम्स हिलियर ब्लॉन्ट; 22 फ़रवरी 1974 को जन्मे) ग्रैमी एवार्ड के लिये नामांकित अंग्रेज़ गायक-गीतकार द्वारा अपनाया गया स्टेज नेम (मंच नाम) है। अपने पहले एल्बम बैक टू बेडलैम ' और "यू'आर ब्यूटीफुल" तथा "गुडबाय माय लवर" जैसे गानों के रिलीज होने के साथ 2005 में उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हुई.

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जेम्स वेब खगोलीय दूरदर्शी

100px जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरदर्शी (James Webb Space Telescope (JWST)) एक प्रकार की अवरक्त अंतरिक्ष वेधशाला है। यह हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी का वैज्ञानिक उत्तराधिकारी और आधुनिक पीढ़ी का दूरदर्शी है, जिसे जून २०१४ में एरियन ५ राकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा। इसका मुख्य कार्य ब्रह्माण्ड के उन सुदूर निकायों का अवलोकन करना है जो पृथ्वी पर स्थित वेधशालाओं और हबल दूरदर्शी के पहुँच के बाहर है। JWST, नासा और यूनाइटेड स्टेट स्पेस एजेंसी की एक परियोजना है जिसे यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA), केनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA) और पंद्रह अन्य देशों का अन्तराष्ट्रीय सहयोग प्राप्त है। इसका असली नाम अगली पीढ़ी का अंतरिक्ष दूरदर्शी (Next Generation Space Telescope (NGST)) था, जिसका सन २००२ में नासा के द्वितीय प्रशासक जेम्स एडविन वेब (१९०६-१९९२) के नाम पर दोबारा नामकरण किया गया। जेम्स एडविन वेब ने केनेडी से लेकर ज़ोंनसन प्रशासन काल (१९६१-६८) तक नासा का नेतृत्व किया था। उनकी देखरेख में नासा ने कई महत्वपूर्ण प्रक्षेपण किए, जिसमे जेमिनी कार्यक्रम के अंतर्गत बुध के सारे प्रक्षेपण एवं प्रथम मानव युक्त अपोलो उड़ान शामिल है। JWST की कक्षा पृथ्वी से परे पंद्रह लाख किलोमीटर दूर लग्रांज बिन्दु L2 पर होगी अर्थात पृथ्वी की स्थिति हमेंशा सूर्य और L2 बिंदु के बीच बनी रहेगी। चूँकि L2 बिंदु में स्थित वस्तुएं हमेंशा पृथ्वी की आड़ में सूर्य की परिक्रमा करती है इसलिए JWST को केवल एक विकिरण कवच की जरुरत होगी जो दूरदर्शी और पृथ्वी के बीच लगी होगी। यह विकिरण कवच सूर्य से आने वाली गर्मी और प्रकाश से तथा कुछ मात्रा में पृथ्वी से आने वाली अवरक्त विकिरणों से दूरदर्शी की रक्षा करेगी। L2 बिंदु के आसपास स्थित JWST की कक्षा की त्रिज्या बहुत अधिक (८ लाख कि.मी.) है, जिस कारण पृथ्वी के किसी भी हिस्से की छाया इस पर नहीं पड़ेगी। सूर्य की अपेक्षा पृथ्वी से काफी करीब होने के बावजूद JWST पर कोई ग्रहण नहीं लगेगा। .

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जेम्स कैमरून

जेम्स फ्रांसिस कैमरूनस्पेस फाउंडेशन.

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जेसन सिल्वा

जेसन लुइस सिल्वा (जन्म 6 फ़रवरी 1 9 82) एक वेनेजुएलाई अमेरिकी टेलीविजन व्यक्तित्व, फिल्म निर्माता और सार्वजनिक वक्ता हैं। उनका लक्ष्य दर्शन और विज्ञान के बारे में लोगों को उत्तेजित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है| अटलांटिक सिल्वा को "वायरल वीडियो आयु के ए टिमोथी लेरी" के रूप में वर्णित करता है। वर्तमान टीवी पर एक पूर्व प्रस्तुतकर्ता सिल्वा, रचनात्मकता, आध्यात्मिकता, प्रौद्योगिकी और मानवता जैसे विषयों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याख्यान देते हैं, लघु फिल्मों को लिखते हैं और तैयार करते हैं, और नेशनल ज्योग्राफिक के ब्रेन गेम्स को सह-मेजबान करते हैं। .

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जीवन समर्थन प्रणाली

मानवीय अंतरिक्षउड़ान में, जीवन समर्थन प्रणाली उपकरणों का एक समूह है जो एक मनुष्य को अंतरिक्ष में जीवित रहने की अनुमति देता है। अमेरिकी सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी नासा, और निजी अंतरिक्षउड़ान कंपनियां मानवीय अंतरिक्षउड़ान मिशन के लिए इन पद्धतियों का वर्णन करते समय पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली या परिवर्णी शब्द ECLSS का प्रयोग किया जाता है। जीवन समर्थन प्रणाली हवा, पानी और भोजन की आपूर्ति कर सकते हैं। यह शरीर के सही तापमान को, शरीर पर स्वीकृत दबाव को बनाए रखता है और शरीर के अपशिष्ट उत्पादों से आवश्यक रूप से निपटता है। विकिरण और सूक्ष्म-उल्कापिंड जैसे बाहरी हानिकारक प्रभावों के खिलाफ भी सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है। जीवन समर्थन प्रणाली के घटक जीवन-जोखिम हैं जिसकी डिजाइन और जिसका निर्माण सुरक्षा इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग करते हुए किया गया है। .

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वायुमंडलीय दाब

ऊँचाई बढ़ने पर वायुमण्डलीय दाब का घटना (१५ डिग्री सेल्सियस); भू-तल पर वायुमण्डलीय दाब १०० लिया गया है। वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी के वायुमंडल में किसी सतह की एक इकाई पर उससे ऊपर की हवा के वजन द्वारा लगाया गया बल है। अधिकांश परिस्थितियों में वायुमंडलीय दबाव का लगभग सही अनुमान मापन बिंदु पर उसके ऊपर वाली हवा के वजन द्वारा लगाए गए द्रवस्थैतिक दबाव द्वारा लगाया जाता है। कम दबाव वाले क्षेत्रों में उन स्थानों के ऊपर वायुमंडलीय द्रव्यमान कम होता है, जबकि अधिक दबाव वाले क्षेत्रों में उन स्थानों के ऊपर अधिक वायुमंडलीय द्रव्यमान होता है। इसी प्रकार, जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती जाती है उस स्तर के ऊपर वायुमंडलीय द्रव्यमान कम होता जाता है, इसलिए बढ़ती ऊंचाई के साथ दबाव घट जाता है। समुद्र तल से वायुमंडल के शीर्ष तक एक वर्ग इंच अनुप्रस्थ काट वाले हवा के स्तंभ का वजन 6.3 किलोग्राम होता है (और एक वर्ग सेंटीमीटर अनुप्रस्थ काट वाले वायु स्तंभ का वजन एक किलोग्राम से कुछ अधिक होता है)। .

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वाइकिंग 1

कोई विवरण नहीं।

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वाइकिंग 2

कोई विवरण नहीं।

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विलियम मैककूल

विलियम कैमरून "विली" मैककूल (२३ सितम्बर १९६१ - १ फ़रवरी २००३) संयुक्त राज्य वायुसेना कमाण्डर और नासा अंतरिक्षयात्री थे। वो कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गये सात यात्रियों में से एक थे। उनके साथ अन्य यात्री कल्पना चावला, माइकल फिलिप एंडरसन, डेविड ब्राउन, लॉरेल क्लॉर्क, रिक हसबैंड और इलान रेमोन थे। .

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विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची

पृथ्वी पर कम-से-कम 109 पर्वत हैं जिनकि ऊँचाई समुद्रतल से 7,200 मीटर (23,622 फ़ुट) से अधिक है। इनमें से अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप और तिब्बत की सीमा पर स्थित हैं, और कुछ मध्य एशिया में हैं। इस सूचि में केवल ऐसे ही शिखर सम्मिलित हैं जिन्हें अकेला खड़ा पर्वत माना जा सकता है, यानि एक ही पर्वत के अलग-अलग शिखरों को नहीं गिना गया है। .

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी २०१०

इन्हें भी देखें- भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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व्हीकल असेंबली बिल्डिंग

व्हीकल असेंबली बिल्डिंग या उर्ध्वाधर असेंबली बिल्डिंग (Vehicle Assembly Building या VAB) नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर (KSC) में स्थित एक बड़ी इमारत है जो सैटर्न V और स्पेस शटल जैसे बड़े वाहनों को जोड़ने में प्रयोग की जाती हैं। भविष्य में इस इमारत में स्पेस लांच सिस्टम राकेट को भी जोड़ा जायेगा। इसका आयतन 36,64,883 घन मीटर (12,94,28,000 घन फीट) है जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी इमारतों में से एक बनाता है। व्हीकल असेंबली बिल्डिंग दुनिया में सबसे बड़ी एकल मंजिला इमारत है और यह 1974 तक फ्लोरिडा में सबसे ऊंची इमारत (160.3 मीटर (526 फीट) थी और अब भी एक शहरी क्षेत्र के बाहर संयुक्त राज्य में सबसे ऊंची इमारत है। .

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वेंडी बैरीयन लॉरेंस

वेंडी बैरीयन लॉरेंस एक सेवानिवृत्त संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना कप्तान, पूर्व हेलीकॉप्टर पायलट, एक इंजीनियर और नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री है। वह अंतरिक्ष में जाने वाली संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना अकादमी की पहली महिला स्नातक थीं और उन्होंने रूसी अंतरिक्ष स्टेशन मीर का दौरा भी किया है। वह एसटीएस -114 की मिशन विशेषज्ञ थी, जो अंतरिक्ष शटल कोलंबिया की आपदा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली पहली अंतरिक्ष शटल थी। उनका जन्म २ जुलाई १९५९ को जैक्सनविल, फ्लोरिडा में हुआ था। वह एक नौटंकी विमानियों की बेटी और पोती है, उनके दादा जी ने छात्र एथलीट फैटी लॉरेंस का उल्लेख किया था। और उनके पिता वाइस एडमिरल विलियम पी लॉरेंस थे, एक बुध अंतरायल फाइनलिस्ट और वियतनाम के पूर्व विद्रोही कैदी थे, जो अमेरिकी नौसेना अकादमी के अधीक्षक थे। लॉरेन ने १९७७ में वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में फोर्ट हंट हाई स्कूल से अपनी पड़ी पुती की। और वह १९८१ में वह यू.एस.

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वॅस्टा (क्षुद्रग्रह)

घूर्णन (रोटेशन) करते हुए वॅस्टा का चित्रण डॉन शोध यान द्वारा ली गई वॅस्टा की तस्वीर वॅस्टा (Vesta), जिसका औपचारिक नाम 4 वॅस्टा है, सौर मंडल के क्षुद्रग्रह घेरे में स्थित एक क्षुद्रग्रह है। इसका व्यास (डायामीटर) लगभग 530 किलोमीटर है और सीरीस बौने ग्रह के बाद यह क्षुद्रग्रह घेरे की दूसरी सब से बड़ी वस्तु है। पूरे क्षुद्रग्रह घेरे की सारी वस्तुओं को अगर मिला लिया जाए तो उसका 9% द्रव्यमान (मास) वॅस्टा में है। यह क्षुद्रग्रह घेरे की सब से रोशन वस्तु भी है। 16 जुलाई 2011 को अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान एजेंसी नासा का डॉन शोध यान वॅस्टा के इर्द-गिर्द कक्षा में आकर उसकी परिक्रमा करने लगा। .

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वॉयेजर द्वितीय

वायेजर द्वितीय एक अमरीकी मानव रहित अंतरग्रहीय शोध यान था जिसे वायेजर १ से पहले २० अगस्त १९७७ को अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा प्रक्षेपित किया गया था। यह काफी कुछ अपने पूर्व संस्करण यान वायेजर १ के समान ही था, किन्तु उससे अलग इसका यात्रा पथ कुछ धीमा है। इसे धीमा रखने का कारण था इसका पथ युरेनस और नेपचून तक पहुंचने के लिये अनुकूल बनाना। इसके पथ में जब शनि ग्रह आया, तब उसके गुरुत्वाकर्षण के कारण यह युरेनस की ओर अग्रसर हुआ था और इस कारण यह भी वायेजर १ के समान ही बृहस्पति के चन्द्रमा टाईटन का अवलोकन नहीं कर पाया था। किन्तु फिर भी यह युरेनस और नेपच्युन तक पहुंचने वाला प्रथम यान था। इसकी यात्रा में एक विशेष ग्रहीय परिस्थिति का लाभ उठाया गया था जिसमे सभी ग्रह एक सरल रेखा मे आ जाते है। यह विशेष स्थिति प्रत्येक १७६ वर्ष पश्चात ही आती है। इस कारण इसकी ऊर्जा में बड़ी बचत हुई और इसने ग्रहों के गुरुत्व का प्रयोग किया था। .

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वॉयेजर प्रथम

वोयेजर प्रथम अंतरिक्ष यान एक ७२२ कि.ग्रा का रोबोटिक अंतरिक्ष प्रोब था। इसे ५ सितंबर, १९७७ को लॉन्च किया गया था। वायेजर १ अंतरिक्ष शोध यान एक ८१५ कि.ग्रा वजन का मानव रहित यान है जिसे हमारे सौर मंडल और उसके बाहर की खोज के लिये प्रक्षेपित किया गया था। यह अभी भी (मार्च २००७) कार्य कर रहा है। यह नासा का सबसे लम्बा अभियान है। इस यान ने गुरू और शनि ग्रहों की यात्रा की है और यह यान इन महाकाय ग्रहों के चन्द्रमा की तस्वीरें भेजने वाला पहला शोध यान है। वायेजर १ मानव निर्मित सबसे दूरी पर स्थित वस्तु है और यह पृथ्वी और सूर्य दोनों से दूर अनंत अंतरिक्ष में अभी भी गतिशील है। न्यू हॉराइज़ंस शोध यान जो इसके बाद छोड़ा गया था, वायेजर १ की तुलना में कम गति से चल रहा है इसलिये वह कभी भी वायेजर १ को पीछे नहीं छोड़ पायेगा। .

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वॉल-ई

WALL-E (वॉल-ई) का प्रचार एक मध्य बिंदु (इंटरपंक्ट) के साथ WALL•E के रूप में किया गया, जो 2008 में बनायी गयी एक कंप्यूटर-एनीमेटेड विज्ञान कथा फिल्म है, जिसका निर्माण पिक्सर एनीमेशन स्टुडियोज ने किया और जिसके निर्देशक एंड्रयू स्टैनटॉन तथा सह-निर्देशक ली अन्क्रीच हैं। कहानी WALL-E नामक एक रोबोट की है, जिसे भविष्य में कूड़े-कचरे से भरी पृथ्वी की सफाई के लिए बनाया गया है। अंततः वह EVE नामक एक अन्य रोबोट के साथ प्रेम करने लगता है और एक साहसिक अभियान में वह उसका अनुसरण करता हुआ बाहरी अंतरिक्ष में चला जाता है, जिससे उसके स्वभाव और मनुष्यत्व - दोनों की नियति में परिवर्तन आ जाता है। फाइंडिंग नेमो का निर्देशन करने के बाद स्टैंटन ने महसूस किया कि पिक्सर ने पानी के नीचे की प्रकृति का विश्वसनीय अनुकरण किया है और वे अंतरिक्ष के सेट पर एक फिल्म निर्देशित करने की सोचने लगे। अधिकांश पात्रों की आवाज वास्तविक मानव की नहीं है, बल्कि इसके बजाय भाव-भंगिमाओं और रोबोट की ध्वनियां हैं, जो आवाज के सदृश हैं, जिसे बेन बर्ट द्वारा डिजाइन किया गया है, जो आवाज़ के सदृश है। इसके अलावा, यह पिक्सर द्वारा पहली एनीमेटेड फीचर है जिसमें एक खंड में पात्र लाइव-एक्शन करते नजर आते हैं। वॉल्ट डिज़्नी पिक्चर्स (Walt Disney Pictures) ने इसे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में 27 जून 2008 को रिलीज किया। फिल्म ने पहले दिन कुल 23.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर कमाया और पहले सप्ताहांत के दौरान 3,992 थिएटरों से 63 मिलियन डॉलर कमा कर बॉक्स ऑफिस में इसका रैंक #1 रहा। 31 मई 2009 तक पिक्सर फिल्म के लिए अब तक का यह चौथा सर्वोच्च पहले सप्ताहांत का रैंक है। थिएटरों में इसे रिलीज करने के लिए पिक्सर की परंपरा का अनुसरण करते हुए WALL-E के साथ एक लघु फिल्म प्रेस्टो को भी रखा गया। समीक्षकों ने WALL-E जबरदस्त सकारात्मक समालोचना की, इसे समूहक राटन टमैटोज की समीक्षा में 96% रेटिंग का अनुमोदन मिला। दुनिया भर से इसने 534 डॉलर कमाया, 2008 में इसने सर्वश्रेष्ठ एनीमेटेड फीचर फिल्म के लिए गोल्डेन ग्लोब अवार्ड मिला, 2009 में बेस्ट ड्रामैटिक प्रेजेंटेशन के लिए हुगो अवार्ड, लौंग फोरम, सर्वश्रेष्ठ एनीमेटेड फीचर का ऐकडमी अवार्ड के साथ ही साथ 81वें ऐकडमी अवार्ड में अन्य पांच ऐकडमी अवार्ड मिले। WALL-E को पहली बार TIME का दशक का सर्वश्रेष्ठ सिनेमा का खिताब मिला। .

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वोल्टा झील

वोल्टा झील अफ्रीका के घाना देश में स्थित एक मानव निर्मित झील है। यह अकोसोम्बो बाँध के द्वारा सफ़ेद वोल्टा नदी और काली वोल्टा नदियों के पानी को रोककर बनाया गया जलाशय है जो अपने 8,502 km² (3,275 वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ विश्व का सतही क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जलाशय या मानव निर्मित झील है। इसकी जलधारण क्षमता 153,000,000,000 cubic m है। .

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खगोलयात्री

खगोलयात्री या अंतरिक्षयात्री या खगोलबाज़ ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल से ऊपर जाकर अंतरिक्ष में प्रवेश करे। वर्तमान काल में यह अधिकतर विश्व की कुछ सरकारों द्वारा चलाए जा रहे अंतरिक्ष शोध कार्यक्रमों के अंतर्गत अंतरिक्ष-यानों में सवार यात्रियों को कहा जाता है, हालाँकि हाल में कुछ निजी कम्पनियाँ भी अंतरिक्ष-यान में पर्यटकों को वायुमंडल से ऊपर ले जाने वाले यानों के विकास में जुटी हुई हैं। .

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खगोलशास्त्र से सम्बन्धित शब्दावली

यह पृष्ठ खगोलशास्त्र की शब्दावली है। खगोलशास्त्र वह वैज्ञानिक अध्ययन है जिसका सबंध पृथ्वी के वातावरण के बाहर उत्पन्न होने वाले खगोलीय पिंडों और घटनाओं से होता है। .

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खंभात की खाड़ी

खंभात की खाड़ी (पूर्व नाम: कैंबे की खाड़ी) अरब सागर स्थित एक तिकोनी आकृति की खाड़ी है। यह दक्षिणी ओर से अरब सागर में खुलती है। यह भारतीय राज्य गुजरात के सागर तट, पश्चिमी भारत के शहर मुंबई और काठियावाड़ प्रायद्वीप के मध्य स्थित है और उसे पूर्व और पश्चिमी, दो भागों में बांटती है। केन्द्र शासित प्रदेश दमन और दीव के निकट इसका मुहाना लगभग १९० किलोमीटर चौड़ा है, जो तीव्रता सहित २४ किमी तक संकरा हो जाता है। इस खाड़ी में साबरमती, माही, नर्मदा और ताप्ती सहित कई नदियों का विलय होता है। दक्षिण दिशा से दक्षिण पश्चिमी मानसून के सापेक्ष इसकी आकृति और इसकी अवस्थिति, इसकी लगभग १०-१५ मीटर ऊँची उठती और प्रवेश करती लहरों की ६-७ नॉट्स की द्रुत गति के कारण है। इसे शैवाल और रेतीले तट नौपरिवहन के लिए दुर्गम बनाते हैं साथ ही खाड़ी में स्थित सभी बंदरगाहों को लहरों व नदियों में बाढ़ द्वारा लाई गई गाद का बाहुल्य मिलता है। गुजरात से ४ बड़ी, ५ मध्यम, २५ छोटी एवं ५ मरुस्थलीय नदियां खाड़ी में गिरती हैं एवं खाड़ी में प्रतिवर्ष ७१,००० घन मि.मी जल विसर्जित करती हैं। खाड़ी की पूर्व में भरुच नामक भारत का एक प्राचीनतम बंदरगाह शहर एवं सूरत हैं, जो भारत और यूरोप के बीच का आरंभिक वाणिज्यिक संपर्क स्थल के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं। ये शहर इसके मुहाने पर स्थित हैं। हालांकि इस खाड़ी में स्थित बंदरगाहों का महत्त्व स्थानीय लोगों हेतु ही है, फिर भी यहाँ पर खनिज तेल के लिये किये गए खोज प्रयासों ने, विशेषकर भरुच के निकट, खाड़ी के मुहाने और बॉम्बे हाई के अपतटीय क्षेत्रों में वाणिज्यिक पुनरुत्थान हुआ है। वर्ष २००० में भारत के तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, डॉ॰ मुरली मनोहर जोशी ने जल के नीचे बड़े स्तर पर मानव-निर्मित ढांचों के मिलने की घोषणा की थी। यद्यपि खाड़ी पर स्थित बंदरगाहों का महत्त्व स्थानीय मात्र ही है, लेकिन यहाँ पर तेल के मिलने और खोज प्रयासों ने, विशेषकर भरुच के निकट, खाड़ी के मुहाने और बॉम्बे हाई के अपतटीय क्षेत्रों में वाणिज्यिक पुनरुत्थान हुआ है। खंभात की खाड़ी में तृतीय कल्प (Tertiary) के निक्षेप मिलते हैं। भूगर्भिक क्रियाओं का प्रभाव इस क्षेत्र पर रहा है, अत: यहाँ अनेक भ्रंश (Faults) पाए जाते हैं। बाद के युग में यह क्षेत्र ऊपर की ओर उठ गया। तटीय क्षेत्र में नदियों की पुरानी घाटियाँ तथा झीलें आज भी दृष्टिगत होती हैं। नर्मदा, ताप्ती, माही, साबरमती तथा काठियावाड की अन्य नदियों के वेगवान निक्षेपण के कारण विस्तृत तटीय क्षेत्र दलदल से परिपूर्ण हो गए हैं और खाड़ी के बीच कुछ द्वीप बन गए हैं। .

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गांगेय वर्ष

गांगेय वर्ष (Galactic year), सौरमंडल द्वारा आकाशगंगा के केंद्र का एक पूर्ण चक्कर लगाने में लिया जाने वाला समय है |, Fact Guru, University of Ottawa एक गांगेय वर्ष का अनुमानित मान २२ से २५ करोड़ वर्ष है | इसे GY संकेत द्वारा दर्शाया जाता है | नासा के अनुसार, सौर मंडल 8,28,000 किमी/घंटा (230 किमी/सेकंड) या 5,14,000 मील प्रति घंटा (143 मील/सेकंड) की औसत गति से यात्रा कर रहा है,http://starchild.gsfc.nasa.gov/docs/StarChild/questions/question18.html NASA - StarChild Question of the Month for February 2000 जो प्रकाश की गति का 1300वां है। यदि आप इसी गति से एक जेट विमान में भूमध्य रेखा के साथ-साथ यात्रा कर सकते हो, तो आपका दुनिया भर में जाना करीब 2 मिनट और 54 सेकंड में हो पाएगा। नासा के अनुसार, यहां तक ​​कि इस अविश्वसनीय गति पर, यह भी मिल्कीवे आकाशगंगा के केन्द्र की एक बार परिक्रमा के लिए सौरमंडल के 23 करोड़ साल लेता है | गांगेय वर्ष ब्रह्मांडीय और भूवैज्ञानिक समयावधि के चित्रण के लिए एक साथ एक सुविधाजनक उपयोगी इकाई प्रदान करता है। इसके विपरीत, एक "अरब-वर्ष" पैमाना भूगर्भिक घटनाओं के बीच उपयोगी विभेद की अनुमति नहीं देता है और एक "लाख-वर्ष" पैमाने को कुछ हद तक ही बड़ी संख्या की जरुरत होती है | .

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ग्लीज़ ४४५

ग्लीज़ ४४५ (Gliese 445 या Gl 445) एक ऍम-श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है जो पृथ्वी के आकाश में जिराफ़ तारामंडल के क्षेत्र में ध्रुव तारे के पास नज़र आता है। वर्तमानकाल में यह हमारे सूरज से १७.६ प्रकाश-वर्ष दूर है और इसका सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) १०.८ है। पृथ्वी पर यह कर्क रेखा से उत्तर के सभी क्षेत्रों में रातभर देखा जा सकता है लेकिन इसकी चमक इतनी मंद है कि इसे देखने के लिये दूरबीन आवश्यक है। यह हमारे सूरज का एक-तिहाई द्रव्यमान (मास) रखने वाला एक लाल बौना तारा है और वैज्ञानिक इसके इर्द-गिर्द मौजूद किसी ग्रह पर जीवन होने की सम्भावना कम समझते हैं।Page 168, Planets Beyond: Discovering the Outer Solar System, Mark Littmann, Mineola, New York: Courier Dover Publications, 2004, ISBN 0-486-43602-0.

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गैलिलेयो (अंतरिक्ष यान)

गैलिलेयो यान निर्मित होते हुए गैलिलेयो (या गैलिलियो) एक अमेरिकी अंतरिक्ष अन्वेषण यान था जो कि बृहस्पति ग्रह का अन्वेषण करता था। गैलिलेयो (Galileo) अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था नासा द्वारा अंतरिक्ष शटल अटलांटिस से भेजा गया अंतरिक्ष यान था जो हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति और उसके प्राकृतिक उपग्रहों का अध्ययन करने के लिए भेजा गया था। यह परिक्रमा करने वाले ऑर्बिटर प्रकार का था। .

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गूगल

यह लेख गूगल नामक संस्था के संबंद्ध में है। सर्च इंजन के लिए, गूगल सर्च देखें। अन्य के लिए, देखें। गूगल एक अमेरीकी बहुराष्ट्रीय सार्वजनिक कम्पनी है, जिसने इंटरनेट सर्च, क्लाउड कम्प्यूटिंग और विज्ञापन तंत्र में पूँजी लगायी है। यह इंटरनेट पर आधारित कई सेवाएँ और उत्पाद बनाता तथा विकसित करता है और यह मुनाफा मुख्यतया अपने विज्ञापन कार्यक्रम ऐडवर्ड्स (AdWords) से कमाती है। यह कम्पनी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से पी॰एच॰डी॰ के दो छात्र लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन द्वारा स्थापित की गयी थी। इन्हें प्रायः "गूगल गाइस" के नाम से सम्बोधित किया जाता है। सितम्बर 4, 1998 को इसे एक निजि-आयोजित कम्पनी में निगमित किया गया। इसका पहला सार्वजनिक कार्य/सेवा 19 अगस्त 2004 को प्रारम्भ हुआ। इसी दिन लैरी पेज, सर्गेई ब्रिन और एरिक स्ख्मिड्ट ने गूगल में अगले बीस वर्षों (2024) तक एक साथ कार्य करने की रजामंदी की। कम्पनी का शुरूआत से ही "विश्व में ज्ञान को व्यवस्थित तथा सर्वत्र उपलब्ध और लाभप्रद करना" कथित मिशन रहा है। कम्पनी का गैर-कार्यालयीन नारा, जोकि गूगल इन्जीनियर पौल बुखीट ने निकाला था— "डोन्ट बी इवल (बुरा न बनें)"। सन् 2006 से कम्पनी का मुख्यालय माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया में है। गूगल विश्वभर में फैले अपने डाटा-केन्द्रों से दस लाख से ज़्यादा सर्वर चलाता है और दस अरब से ज़्यादा खोज-अनुरोध तथा चौबीस उपभोक्ता-सम्बन्धी जानकारी (डाटा) संसाधित करता है। गूगल की सन्युक्ति के पश्चात् इसका विकास काफ़ी तेज़ी से हुआ है, जिसके कारण कम्पनी की मूलभूत सेवा वेब-सर्च-इंजन के अलावा, गूगल ने कई नये उत्पादों का उत्पादन, अधिग्रहण और भागीदारी की है। कम्पनी ऑनलाइन उत्पादक सौफ़्ट्वेयर, जैसे कि जीमेल ईमेल सेवा और सामाजिक नेटवर्क साधन, ऑर्कुट और हाल ही का, गूगल बज़ प्रदान करती है। गूगल डेस्कटॉप कम्प्युटर के उत्पादक सोफ़्ट्वेयर का भी उत्पादन करती है, जैसे— वेब ब्राउज़र गूगल क्रोम, फोटो व्यवस्थापन और सम्पादन सोफ़्ट्वेयर पिकासा और शीघ्र संदेशन ऍप्लिकेशन गूगल टॉक। विशेषतः गूगल, नेक्सस वन तथा मोटोरोला ऍन्ड्रोइड जैसे फोनों में डाले जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम ऍन्ड्रोइड, साथ-ही-साथ गूगल क्रोम ओएस, जो फिलहाल भारी विकास के अन्तर्गत है, पर सीआर-48 के मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में प्रसिद्ध है, के विकास में अग्रणी है। एलेक्सा google.com को इंटरनेट की सबसे ज़्यादा दर्शित वेबसाइट बताती है। इसके अलावा गूगल की अन्य वेबसाइटें (google.co.in, google.co.uk, आदि) शीर्ष की सौ वेबासाइटों में आती हैं। यही स्थिती गूगल की साइट यूट्यूब और ब्लॉगर की है। ब्रैंडज़ी के अनुसार गूगल विश्व का सबसे ताकतवर (नामी) ब्राण्ड है। बाज़ार में गूगल की सेवाओं का प्रमुख होने के कारण, गूगल की आलोचना कई समस्याओं, जिनमें व्यक्तिगतता, कॉपीराइट और सेंसरशिप शामिल हैं, से हुई है। .

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गूगल धरती

गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल (virtual globe) चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे प्रारम्भ में अर्थ व्यूअर नाम दिया गया, तथा इसे कीहोल, इंक (Keyhole, Inc) द्वारा तैयार किया गया है, जो 2004 में गूगल द्वारा अधिगृहीत की गई एक कंपनी है। यह कार्यक्रम उपग्रह चित्रावली (satellite imagery), हवाई छायांकन (aerial photography) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) त्रि आयामी (3D) भूमंडल से प्राप्त चित्रों का अध्यारोपण (superimposition) करते हुए धरती का चित्रण करता है। यह तीन विभिन्न अनुज्ञप्तियों के अधीन उपलब्ध है: गूगल अर्थ, सीमित कार्यात्मकता के साथ एक मुक्त संस्करण; गूगल अर्थ प्लस ($ २० प्रति वर्ष), जो अतिरिक्त विशेषताओं से युक्त है तथा गूगल अर्थ प्रो ($ ४०० प्रति वर्ष), जो कि वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया गया है। २००६ में इस उत्पाद का नाम बदलकर गूगल अर्थ कर दिया गया, जो कि वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) २००० (2000), एक्स पी अथवा विस्ता, मैक ओएस एक्स (Mac OS X) १०.३.९ तथा उससे अधिक, लिनुक्स(१२ जून, २००६ को जारी) तथा फ्री BSD (FreeBSD) से युक्त निजी कंप्यूटरों (personal computer) पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। गूगल अर्थ फायरफॉक्स, आई ई 6 (IE6) अथवा आई ई 7 (IE7) के लिए एक ब्राउज़र प्लगइन (02 जून, 2008 को जारी) के रूप में भी उपलब्ध है। एक अद्यतन कीहोल आधारित क्लाइंट को जारी करने के साथ, गूगल ने अपने वेब आधारित प्रतिचित्रण सॉफ़्टवेयर में अर्थ डेटाबेस की चित्रावली भी शामिल की है। वर्ष २००६ के मध्य जनता के लिए गूगल अर्थ जारी होने के साथ २००६ तथा २००७ के बीच आभासी भूमंडल (virtual globes) पर मीडिया कवरेज में दस गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई तथा भूस्थानिक (geospatial) तकनीकों तथा अनुप्रयोगों में जनता की रूचि बढ़ गई। .

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गूगल मानचित्र

गूगल मानचित्र (Google Maps) (पूर्व में गूगल लोकल) गूगल द्वारा निःशुल्क रूप से प्रदत्त (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) एक वेब मैपिंग सर्विस एप्लिकेशन और तकनीक है जिसके द्वारा गूगल मानचित्र वेबसाइट, गूगल राइड फाइंडर, गूगल ट्रांजिट और गूगल मानचित्र एपीआई के माध्यम से तीसरे पक्ष की वेबसाइटों में सन्निहित मानचित्रों सहित कई मानचित्र-आधारित सेवाएं संचालित होती हैं। यह दुनिया भर के अनेकों देशों के लिए सड़कों के नक़्शे उपलब्ध कराता है जो पैदल, कार या सार्वजनिक वाहन से यात्रा करने वालों और शहर में व्यवसायों की खोज करने वालों के लिए मार्ग योजनाकार का काम करता है। गूगल मानचित्र के उपग्रह से लिए गए चित्र वास्तविक समय को नहीं दर्शाते हैं; ये कई महीनों या वर्षों पुराने होते हैं। गूगल मानचित्र मर्केटर प्रोजेक्शन के एक करीबी संस्करण का उपयोग करते हैं, इसलिए यह ध्रुवों के आसपास के क्षेत्रों को नहीं दिखा सकते हैं। इसका एक संबंधित उत्पाद गूगल अर्थ अकेला ऐसा प्रोग्राम है जो ध्रुवीय क्षेत्रों सहित ग्लोब को दिखाता है और साथ ही कई सुविधाएं भी प्रदान करता है। .

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गेक्को ग्रिपर्स

विकसित किये जा रहे गेक्को ग्रिपर्स पर सिंथेटिक बाल हैं जो गेको छिपकलियों के पैरों पर पाए जाने वाले छोटे बाल की तरह हैं। इन सिंथेटिक बालों को स्ताल्क्स भी कहा जाता हैं। ये पच्चर के आकार के हैं और दूसरी तरफ ये मशरूम के टोपी जैसे है। ग्रिप्पिंग पैड हल्के से किसी वस्तु के हिस्से को छू लेती है तो बालों का केवल उपरी भाग किसी वस्तु को छू पाता हैं, ग्रिपर्स की चिपचिपाहट को प्रारंभ या बंद किया जा सकता हैं साथ ही इनकी दिशा भी परिवर्तित की जा सकती हैं। गेक्को ग्रिपर्स की अस्थायी चिपचिपाहट वान डर वाल्स बल के प्रयोग के माध्यम से हासिल की जाती है। इस बल को नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी योहानेस डिडरिक वान डर वाल्स के नाम पर रखा गया है। जब वान डर वाल्स बल को चिपकने वाला पैड पर लागू किया जाता है, तो सिंथेटिक बाल झुक जाते हैं। इस तरह से बाल और सतह के बीच संपर्क का वास्तविक क्षेत्र बढ़ जाता है, जो अधिक से अधिक आसंजन के लिए संगत हैं। जब बल का प्रभाव समाप्त कर दिया जाता हैं तो बाल पुनः सीधे हो जाते हैं तथा इस प्रक्रिया से चिपचिपाहट बंद हो जाती है। परमाणुओं के नाभिक की परिक्रमा करने वाले इलेक्ट्रॉनों का समान वितरण नहीं होने से हल्का विद्युतीय आवेश उत्पन्न होता हैं जिसके कारण ये अस्थायी चिपकने वाला बल उत्पन्न होता हैं.

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गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर

गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर (Goddard Space Flight Center (GSFC)), 1 मई 1959 को नासा के पहले अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के रूप में, स्थापित किया गया एक प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान प्रयोगशाला है। .

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ओपल

ओपल या दूधिया पत्थर धातु से बना जैल है जो बहुत कम तापमान पर किसी भी प्रकार के चट्टान की दरारों में जमा हो जाता है, आमतौर पर चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, आग्नेय चट्टान, मार्ल और बेसाल्ट के बीच पाया जा सकता है। ओपल शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ओपलस और यूनानी शब्द ओपैलियस से हुई है। पानी की मात्रा अक्सर तीन और दस प्रतिशत के बीच होती है लेकिन बहुत ऊंची बीस प्रतिशत तक हो सकती है। ओपल धवल से सफेद, भूरे, लाल, नारंगी, पीले, हरे, नीले, बैंगनी, गुलाबी, स्लेटी, ऑलिव, बादामी और काले रंगों में पाई जाती हैं। इन विविध रंगों में, काले रंग के खिलाफ लाल सबसे अधिक दुर्लभ है जबकि सफेद और हरा सबसे आम है। इन रंगों में भिन्नता लाल और अवरक्त तरंगदैर्घ्य के आकार और विकास के कारण आती है। ओपल ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय रत्न है। .

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ओप्रुच्युनिटी रोवर

कोई विवरण नहीं।

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ओजोन ह्रास

वैश्विक मासिक औसत कुल ओजोन राशि ओजोन ह्रास या ओजोन अवक्षय (ओजोन डिप्लीशन) दो अलग लेकिन सम्बंधित प्रेक्षणों का वर्णन करता है; 1970 के दशक के बाद से पृथ्वी के समतापमंडल (stratosphere) में ओजोन की कुल मात्रा में प्रति दशक लगभग चार प्रतिशत की धीमी लेकिन स्थिर कमी आ रही है;और समान अवधि के दौरान पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के ऊपर समतापमंडल की ओजोन में अधिक लेकिन मौसमी कमी आ रही है। बाद वाली घटना को सामान्यतः ओजोन छिद्र के रूप में जाना जाता है। इस जाने माने संताप मंडलीय ओजोन (stratospheric ozone) रिक्तीकरण के अलावा, क्षोभ मंडलीय ओजोन रिक्तीकरण की घटनाएँ (tropospheric ozone depletion events) भी पाई गई हैं, जो बसंत ऋतु के दौरान ध्रुवीय क्षेत्रों की सतह के पास होता है। विस्तृत क्रियाविधि जिसके द्वारा ध्रुवीय ओजोन छेद, मध्य अक्षांश रिक्तीकरण से भिन्नता रखता है, लेकिन दोनों प्रवृतियों में सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है परमाणु क्लोरीन और ब्रोमीन द्वारा ओजोन का अपघटनी (catalytic) विनाश.

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आताकामा मरुस्थल

आताकामा नासा वर्ल्ड विंड के द्वारा आताकामा मरुस्थल के किनारे स्थित पैन दे एजुकार राष्ट्रीय उद्यान में एक चिल्ला आताकामा मरुस्थल, दक्षिण अमेरिका में स्थित एक लगभग शुष्क पठार है और इसका विस्तार एण्डीज़ पर्वतमाला के पश्चिम में महाद्वीप के प्रशांत तट पर लगभग 1000 किमी (600 मील) की दूरी तक है। नासा, नेशनल ज्योग्राफिक तथा अन्य कई प्रकाशनों के अनुसार यह दुनिया का सबसे शुष्क मरुस्थल है।चिली की तट शृंखला और एण्डीज़, के अनुवात पक्ष का वृष्टिछाया प्रदेश और शीतल अपतटीय हम्बोल्ट धारा द्वारा निर्मित तटीय प्रतिलोम परत, इस 20 करोड़ साल से ज्यादा पुराने मरुस्थल को कैलिफोर्निया स्थित मौत की घाटी से 50 गुणा अधिक शुष्क बनाते हैं। उत्तरी चिली में स्थित अटाकामा मरुस्थल का कुल क्षेत्रफल है और इसका अधिकांश नमक बेसिनों (सलारेस), रेत, और बहते लावा से बना है। .

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आरसी4डब्लूडी

RC4WD Inc. एक अमेरिकी कंपनी है जिसका मुख्यालय सेन जोस, कैलिफ़ोर्निया में है। RC4WD को रेडियो नियंत्रित मॉडल  (R/C) हिस्से और उपकरण डिजाईन, विकसित और विक्रय करने में विशेषज्ञता प्राप्त है। उनके उत्पाद नासा द्वारा चुने गए हैं और टीवी व पत्रिकाओं सहित कई देशों के कई मीडिया निर्गमों में छपे या प्रदर्शित हुए हैं। उनकी अनेक उपलब्धियों में से एक है - सबसे तेज रेडियो नियंत्रित कार के भाग का निर्माण.

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आर्किमिडीज़

सेराक्यूस के आर्किमिडीज़ (यूनानी:; 287 ई.पू. - 212 ई.पू.), एक यूनानी गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी, अभियंता, आविष्कारक और खगोल विज्ञानी थे। हालांकि उनके जीवन के कुछ ही विवरण ज्ञात हैं, उन्हें शास्त्रीय पुरातनता का एक अग्रणी वैज्ञानिक माना जाता है। भौतिक विज्ञान में उन्होनें जलस्थैतिकी, सांख्यिकी और उत्तोलक के सिद्धांत की व्याख्या की नीव रखी थी। उन्हें नवीनीकृत मशीनों को डिजाइन करने का श्रेय दिया जाता है, इनमें सीज इंजन और स्क्रू पम्प शामिल हैं। आधुनिक प्रयोगों से आर्किमिडीज़ के इन दावों का परीक्षण किया गया है कि दर्पणों की एक पंक्ति का उपयोग करते हुए बड़े आक्रमणकारी जहाजों को आग लगाई जा सकती हैं। आमतौर पर आर्किमिडीज़ को प्राचीन काल का सबसे महान गणितज्ञ माना जाता है और सब समय के महानतम लोगों में से एक कहा जाता है। उन्होंने एक परवलय के चाप के नीचे के क्षेत्रफल की गणना करने के लिए पूर्णता की विधि का उपयोग किया, इसके लिए उन्होंने अपरिमित श्रृंखला के समेशन का उपयोग किया और पाई का उल्लेखनीय सटीक सन्निकट मान दिया। उन्होंने एक आर्किमिडीज सर्पिल को भी परिभाषित किया, जो उनके नाम पर आधारित है, घूर्णन की सतह के आयतन के लिए सूत्र दिए और बहुत बड़ी संख्याओं को व्यक्त करने के लिए एक सरल प्रणाली भी दी। आर्किमिडीज सेराक्यूस की घेराबंदी के दौरान मारे गए जब एक रोमन सैनिक ने उनकी हत्या कर दी, हालांकि यह आदेश दिया गया था कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। सिसरो आर्किमिडिज़ का मकबरा, जो एक बेलन के अंदर अन्दर स्थित गुंबद की तरह है, पर जाने का वर्णन करते हैं कि, आर्किमिडीज ने साबित किया था कि गोले का आयतन और इसकी सतह का क्षेत्रफल बेलन का दो तिहाई होता है (बेलन के आधार सहित) और इसे उनकी एक महानतम गणितीय उपलब्धि माना जाता है। उनके आविष्कारों के विपरीत, आर्किमिडीज़ के गणितीय लेखन को प्राचीन काल में बहुत कम जाना जाता था। एलेगज़ेनडरिया से गणितज्ञों ने उन्हें पढ़ा और उद्धृत किया, लेकिन पहला व्याख्यात्मक संकलन सी. तक नहीं किया गया था। यह 530 ई. में मिलेटस के इसिडोर ने किया, जब छठी शताब्दी ई. में युटोकियास ने आर्किमिडीज़ के कार्यों पर टिप्पणियां लिखीं और पहली बार इन्हें व्यापक रूप से पढने के लिये उपलब्ध कराया गया। आर्किमिडीज़ के लिखित कार्य की कुछ प्रतिलिपियां जो मध्य युग तक बनी रहीं, वे पुनर्जागरण के दौरान वैज्ञानिकों के लिए विचारों का प्रमुख स्रोत थीं, हालांकि आर्किमिडीज़ पालिम्प्सेट में आर्किमिडीज़ के द्वारा पहले से किये गए अज्ञात कार्य की खोज 1906 में की गयी थी, जिससे इस विषय को एक नयी अंतर्दृष्टि प्रदान की कि उन्होंने गणितीय परिणामों को कैसे प्राप्त किया। .

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इनसाइट

इनसाइट (InSight या Interior Exploration using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport) एक रोबोट मंगल ग्रह लैंडर है। जो मूल रूप से मार्च 2016 में प्रक्षेपण के लिए योजना बनाई थी। इसके उपकरण की विफलता के कारण लांच करने से पहले दिसंबर 2015 में नासा ने मिशन स्थगित की घोषणा की। और मार्च 2016 में, लांच 5 मई 2018 के लिए पुनर्निर्धारित किया गया। .

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इनसैट-1ए

इनसैट-1ए (INSAT-1A) एक भारतीय संचार उपग्रह था जो भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इनसैट) का हिस्सा था। इस उपग्रह को 1982 में लॉंच किया गया था। इसे 74° पूर्व के एक रेखांश पर भूभौतिकीय कक्षा में संचालित किया गया था। कई विफलताओं की एक श्रृंखला के बाद, इस उपग्रह को सितंबर 1983 में, 18 महीने से कम समय के बाद मिशन को रद्द दिया गया था। इसे फोर्ड एयरोस्पेस द्वारा निर्मित किया गया था और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित किया गया था। इनसैट-1बी इनसैट-1 श्रृंखला के उपग्रहों के लिए विकसित कस्टम उपग्रह बस पर आधारित था। इसका लॉंच के समय 1,152 किलोग्राम (2,540 पाउंड) वजन था और इसकी सात साल तक काम करने की उम्मीद थी। अंतरिक्ष यान में सौर सरणी के द्वारा संचालित बारह सी बैंड और तीन एस बैंड ट्रांसपोंडर्स थे। .

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इनसैट-1बी

इनसैट-1बी (INSAT-1B) एक भारतीय संचार उपग्रह था जो भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली का हिस्सा था। इसे 1983 में लॉंच किया गया था और 74 डिग्री पूर्व के रेखांश पर भूस्तरण कक्षा में संचालित किया गया था। इसे फोर्ड एयरोस्पेस द्वारा निर्मित किया गया था और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित किया गया था। इनसैट-1बी इनसैट-1 श्रृंखला के उपग्रहों के लिए विकसित कस्टम उपग्रह बस पर आधारित था। इसका लॉंच के समय 1,152 किलोग्राम (2,540 पाउंड) वजन था और इसकी सात साल तक काम करने की उम्मीद थी। अंतरिक्ष यान में सौर सरणी के द्वारा संचालित बारह सी बैंड और तीन एस बैंड ट्रांसपोंडर्स थे। स्थिरीकरण बूम का उपयोग उपग्रह के विषम डिजाइन से विकिरण टॉर्कों को संतुलित करने के लिए किया गया था। अंतरिक्षयान को आर-4 डी-11 एपोजी मोटर द्वारा चालित किया गया था। .

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इंटरस्टेल्लर बाउंड्री एक्सप्लोरर उपग्रह

कोई विवरण नहीं।

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कल्पना चावला

कल्पना चावला (17 मार्च 1962 - 1 फ़रवरी 2003), एक भारतीय अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी और अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी। वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों में से एक थीं। .

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काठियावाड़

काठियावाड़ (કાઠીયાવાડ) पश्चिम भारत में एक प्रायद्वीपहै। ये गुजरात का भाग है, जिसके उत्तरी ओर कच्छ के रण की नम भूमि, दक्षिण और पश्चिम की ओर अरब सागर और दक्षिण-पश्चिम की ओर कैम्बे की खाड़ी है। इस क्षेत्र की दो प्रमुख नदियाँ भादर और शतरंजी हैं जो क्रमश: पश्चिम और पूर्व की ओर बहती हैं। इस प्रदेश का मध्यवर्ती भाग पहाड़ी है। इस स्थान का नाम राजपुत शासक वर्ग की काठी जाति से पड़ा है। प्रतिहार शासक सम्राट मिहिर भोज के काल में क्षत्रिये प्रतिहार की पश्चिमी सीमा काठियावाड़ और पूर्वी सीमा बंगाल की खाड़ी थी। हड्डोला शिलालेखों से यह सुनिश्चित होता है कि क्षत्रिये प्रतिहार शासकों का शासन सम्राट महिपाल २ के काल तक भी उत्कर्ष पर रहा। काठिय़ावाड़ के वर्तमान जिले काठियावाड़ क्षेत्र के प्रमुख शहरों में प्रायद्वीप के मध्य में मोरबी राजकोट, कच्छ की खाड़ी में जामनगर, खंबात की खाड़ी में भावनगर मध्य-गुजरात में सुरेंद्रनगर और वधावन, पश्चिमी तट पर पोरबंदर और दक्षिण में जूनागढ़ हैं। पुर्तगाली उपनिवेश का भाग रहे और वर्तमान में भारतीय संघ में जुड़े दमन और दीव संघ शासित क्षेत्र काठियावाड़ के दक्षिणी छोर पर हैं। सोमनाथ का शहर और मंदिर भी दक्षिणी छोर पर स्थित हैं। इस मंदिर में हिन्दू धर्म के बारह ज्योतिर्लिंगोंमें से एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है। इसके अलावा दूसरा प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ द्वारका भी यहीं स्थित है, जहां भगवान कृष्ण ने अपनी नगरी बसायी थी। पालिताना प्रसिद्ध जैन तीर्थ है, जहां पर्वत शिखर पर सैंकड़ो मंदिर बने हैं। विश्व का सबसे बड़ा शिपब्रेकिंग यार्ड अलंग और विश्व की सबसे बड़ी जामनगर तेल शोधनी (ऑयल रिफ़ाइनरी) भी इस क्षेत्र में ही स्थित हैं। गिर वन स्थित सासन भी यहीं है, जहां एशिया के एशियाटिक जाति के प्रसिद्ध गिर लॉयन का प्राकृतिक आवास है और सिंह सफ़ारी का भी आयोजन होता है। यहाँ चूने का पत्थर पर्याप्त रूप में मिलता है जो आर्थिक दृष्टि से महत्वूपर्ण है। इस प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर पर दीव स्थित है। .

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कार्ल सेगन

कार्ल सेगन (9 नवम्बर 1934 - 20 दिसम्बर 1996) प्रसिद्ध यहूदी खगोलशास्त्री और खगोल रसायनशास्त्री थे जिन्होंने खगोल शास्त्र, खगोल भौतिकी और खगोल रसायनशास्त्र को लोकप्रिय बनाया। इन्होंने पृथ्वी से इतर ब्रह्माण्ड में जीवन की खोज करने के लिए सेटी नामक संस्था की स्थापना भी की। इन्होंने अनेक विज्ञान संबंधी पुस्तकें भी लिखी हैं। ये 1980 के बहुदर्शित टेलिविजन कार्यक्रम कॉसमॉस: ए पर्सनल वॉयेज (ब्रह्माण्ड: एक निजी यात्रा) के प्रस्तुतकर्ता भी थे। इन्होंने इस कार्यक्रम पर आधारित कॉसमॉस नामक पुस्तक भी लिखी। अपने जीवनकाल में सेगन ने 600 से भी अधिक वैज्ञानिक शोधपत्र और लोकप्रिय लेख लिखे और 20 से अधिक पुस्तकें लिखी। अपनी कृतियों में ये अकसर मानवता, वैज्ञानिक पद्धति और संशयी अनुसंधान पर जोर देते थे। .

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किलिमंजारो

किलिमंजारो, अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्ज़ी, और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है और अफ्रीका का उच्चतम पर्वत है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से है (उहरू शिखर / किबो शिखर).

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कक्षीय लांच प्रणालियों की तुलना

यह एक कक्षीय लांच प्रणालियों की तुलना (Comparison of orbital launch systems) है। यह निम्नलिखित पारंपरिक कक्षीय लांच सिस्टम की पूरी सूची उजागर है। पारंपरिक लांचर परिवारों की सरल छोटी सूची के लिए देखें: कक्षीय लांचर परिवारों की तुलना। तालिका में कक्षा संक्षिप्त रूपों के लिए लीजेंड.

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क्यूरोसिटी (रोवर)

क्यूरोसिटी (Curiosity) नासा के द्वारा मंगल पर मंगल विज्ञान प्रयोगशाला के साथ भेजा गया रोवर है। .

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क्रिस्टोफ़र नोलन

क्रिस्टोफ़र "एडवर्ड" नोलेन (Christopher Edward Nolan) (उच्चारण; /ˈnoʊlən/; जन्मतिथि 30 जुलाई 1970) एक अंग्रेज-अमेरिकी फ़िल्म निर्देशक, लेखक और निर्माता हैं। उन्हें इतिहास में व्यावसायिक रूप सबसे कामयाब निर्देशक, तथा 21वीं सदी के बेहद सफल और प्रशंसनीय फ़िल्मकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने अपनी पहली निर्देशकीय पारी फ़िल्म फाॅलोइंग (1998) से शुरूआत की, लेकिन नोलेन की दूसरी फ़िल्म मोमेन्टो (2000) ने, उनके प्रति ध्यानाकर्षण दिलाया। अपनी स्वतंत्र तौर पर निर्मित फ़िल्मों को मिली प्रशंसा ने अगली बार नोलेन को बड़े बजट की थ्रिलर फ़िल्म इन्सोमनिया (2002) और मिस्ट्री-ड्रामा प्रधान द प्रेस्टिज में फ़िल्मांकन का अवसर प्राप्त हुआ। हालाँकि उनकी प्रसिद्धि और समीक्षात्मक सफलता तब चरम पर आई जब उनकी द डार्क नाईट ट्रायलाॅजी (2005-2012), इंसेप्शन (2010), और इंटरस्टेलर (2014) रिलीज हुई। उनकी नौ फ़िल्मों ने वर्ल्डवाईड अमेरिकी $4.2 बिलियन डाॅलर से अधिक की कमाई बटोरी और ऑस्कर अवार्ड में 26 नामांकन और सात खिताबों के साथ कामयाब रही। नोलेन की अधिकांश फ़िल्मों के सह-लेखन में उनके छोटे भाई, जोनाथन नोलेन ने सहयोग दिया है और साथ उनकी निर्माता कंपनी सिनकाॅपी इनकाॅर्पेरेट के संचालन में उनकी पत्नी एमा थाॅमस भी भागीदारी निभाती है। नोलेन की फ़िल्मों में कई विषयों पर आधारित होते हैं जैसे दर्शनशास्त्र, समाजिक-विज्ञान और नीतिपरक अवधारणाओं, मानवीय सदाचार की खोज, काल-निर्माण तथा स्मृतियों का लचीला स्वभाव एवं निजी पहचान। उनके काम करने के ढंग में कई सारे अकाल्पनिक तत्वों जैसे लौकिक परिवर्तन, आत्मावादी दृष्टिकोण, अरेखित कहानियाँ, व्यवहारपूर्ण स्पेशल इफैक्टस, और दृश्यात्मक भाषाओं एवं भावात्मक वर्णनों के बीच उनके अनुरूप संबंध व्यक्त करना आदि का समावेश रहता है। .

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कैनेडी स्पेस सेंटर

जॉन एफ.

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कैनेडी स्पेस सेंटर प्रक्षेपण परिसर 39

प्रक्षेपण परिसर 39 (Launch Complex 39) कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा में स्थित राकेट प्रक्षेपण स्थल है। इसका प्रयोग सैटर्न V और स्पेस शटल जैसे राकेट लांच करने में हुआ था। इस प्रक्षेपण परिसर से ही मानव को चाँद पे भेजा गया था। तथा भविष्य में इस प्रक्षेपण परिसर का प्रयोग स्पेस लांच सिस्टम को लांच करने में होगा। .

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कैंटर (गड्ढा)

कैंटर (Cantor) चंद्रमा के फार साइड की ओर उत्तरी गोलार्ध में स्थित एक चंद्र इम्पैक्ट गड्ढा है। गड्ढा के बाहरी रिम में एक स्पष्ट रूप से हेक्सागोनल आकार है और उत्तर-दक्षिण दिशा में थोड़ा अधिक बड़ा है। आंतरिक दीवारें बहुत सीढ़ीदार हैं, हालांकि पश्चिमी रिम यह कम है। मंजिल के मध्य बिंदु पर एक कम केंद्रीय शिखर है। कैंटर के आस-पास के इलाके में कई छोटे खड्डों है। जिसमे काफी इम्पैक्ट है। .

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केप केनवरल एयर फोर्स स्टेशन प्रक्षेपण परिसर 13

श्रेणी:अमेरीका के रॉकेट प्रक्षेपण स्थल.

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केप केनवरल एयर फोर्स स्टेशन अंतरिक्ष प्रक्षेपण परिसर 17

श्रेणी:अमेरीका के रॉकेट प्रक्षेपण स्थल.

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केप्लर अंतरिक्ष यान

निर्मित होते हुआ कॅप्लर अंतरिक्ष यान कॅप्लर अंतरिक्ष यान (अंग्रेज़ी:Kepler spacecraft) अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान, नासा, का एक अंतरिक्ष यान है, जिसका काम सूरज से अलग किंतु उसी तरह अन्य तारों के इर्द-गिर्द ऐसे ग़ैर-सौरीय ग्रहों को ढूंढना है जो पृथ्वी से मिलते-जुलते हों। कॅप्लर को ७ मार्च २००९ में रोकेट के ज़रिये अंतरिक्ष में भेजा गया था, जहाँ यह अब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है और अन्य तारों पर अपनी नज़रें रखे हुए है। अनुमान है कि यह कम-से-कम ३.५ वर्ष तक अपना कार्य करेगा। .

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कॅप्लर-२० तारा

शुक्र ग्रहों से तुलना कॅप्लर-२० उर्फ़ कॅप्लर-२०ए (Kepler-20a) पृथ्वी से ९५० प्रकाश वर्ष दूर लायरा तारामंडल के क्षेत्र में स्थित एक G8 श्रेणी का तारा है। यह आकार में हमारे सूरज से ज़रा छोटा है - इसका द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज के द्रव्यमान का ०.९१ गुना और इसका व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का ०.९४ गुना अनुमानित किया गया है। सम्भव है कि यह एक मुख्य अनुक्रम तारा है हालाँकि वैज्ञानिकों को अभी यह पक्का ज्ञात नहीं हुआ है। पृथ्वी से देखा गई इसकी चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +१२.५१ मैग्नीट्यूड मापी गई है, यानी इसे देखने के लिए दूरबीन आवश्यक है। इसके इर्द-गिर्द एक ग्रहीय मंडल मिला है, जिसमें पांच ज्ञात ग़ैर-सौरीय ग्रह इस तारे की परिक्रमा कर रहे हैं। .

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कॅप्लर-२०ऍफ़

शुक्र ग्रहों से तुलना कॅप्लर-२०ऍफ़ (Kepler-20f) एक ग़ैर-सौरीय ग्रह है जो पृथ्वी से लगभग ९५० प्रकाश वर्षों की दूरी पर लायरा तारामंडल में स्थित कॅप्लर-२० तारे की परिक्रमा कर रहा है। यह पहला ज्ञात ग़ैर-सौरीय ग्रह है जिसका अकार पृथ्वी से मिलता-जुलता है। इसका व्यास (डायामीटर) पृथ्वी के व्यास का लगभग १.०३ गुना है। यह अपने तारे से १.६ करोड़ किलोमीटर की दूरी पर परिक्रमा करता है, जो सूरज से बुध ग्रह (मरक्युरी) की दूरी से भी कम है। इस वजह से इसका सतही तापमान काफी गरम है और ४२७ °सेंटीग्रेड अनुमानित किया गया है। इस तापमान पर इसकी सतह पर पानी होने की कोई संभावना नहीं है और यह अपने तारे के वासयोग्य क्षेत्र में नहीं है। इस ग्रह की मिल जाने की घोषणा वैज्ञानिकों ने २० दिसम्बर २०११ को की। इस से पहले ब्रह्माण्ड में मिलने वाले सभी ग़ैर-सौरीय ग्रह पृथ्वी से बड़े थे - या तो वे गैस दानव ग्रह थे और या फिर महापृथ्वी के श्रेणी के बड़े ग्रह थे। पृथ्वी के आकार के ग्रह को देख पाने का अर्थ है कि अब वैज्ञानिकों में इस अकार के ग्रह इतनी दूरी पर खोज निकालने की क्षमता विकसित होनी शुरू हो गई है। इस ग्रह का पता कॅप्लर अंतरिक्ष यान के प्रयोग से लगाया गया। कॅप्लर-२० तारे के मंडल में कुल मिलकर पांच ग्रह ज्ञात हुए हैं और कॅप्लर-२०ऍफ़ से भी छोटा एक ग्रह मिला है जो इस तारे के और भी पास परिक्रमा करता है - इस ग्रह का नामकरण कॅप्लर-२०ई (Kepler-20e) किया गया है। .

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कॅप्लर-६९ तारा

कॅप्लर-६९ (Kepler-69) पृथ्वी से २,७०० प्रकाश-वर्ष की दूरी पर आकाश में हंस तारामंडल के क्षेत्र में स्थित एक हमारे सूरज के जैसा G-श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है। १८ अप्रैल २०१३ को वैज्ञानिकों ने इसके इर्द-गिर्द दो ग्रहों की मौजूदगी ज्ञात होने की घोषणा करी। शुरु में उनका अनुमान था कि इनमें से एक 'कॅप्लर-६९सी' द्वारा नामांकित ग्रह इस ग्रहीय मंडल के वासयोग्य क्षेत्र में स्थित है लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह वास-योग्य क्षेत्र से अन्दर है। इसका अर्थ था कि यह हमारे सौर मंडल के शुक्र जैसी परिस्थितियाँ रखता होगा और यहाँ जीवन का पनप पाना बहुत कठिन है। .

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कॉकपिट

कॉकपिट या फ्लाइट डेक आम तौर पर वायुयान के अगले भाग के निकट वह क्षेत्र होता है, जिससे पायलट वायुयान पर नियंत्रण रखता है। सिवाय कुछ छोटे वायुयान के, अधिकांश आधुनिक कॉकपिट बंद होते हैं और बड़े वायुयानों के कॉकपिट भी भौतिक रूप से केबिन से अलग होते हैं। कॉकपिट से वायुयान को जमीन पर और हवा में नियंत्रित किया जाता है। 1914 में पहली बार वायुयान में पायलट के कक्ष के लिए कॉकपिट शब्द का प्रयोग हुआ। लगभग 1935 से अनौपचारिक रूप से कॉकपिट का प्रयोग कार के चालक के बैठने की जगह, विशेष रूप से एक उच्च प्रदर्शन वाले में, के सन्दर्भ में भी किया जाने लगा और फॉर्म्यूला वन में यह आधिकारिक शब्दावली है। संभवत: यह शब्द अधिकांशतः एक रॉयल नेवी जहाज में कॉक्सवेन के स्टेशन के लिए नौकायन शब्द से एवं बाद में जहाज के पतवार नियंत्रण की स्थिति से संबंधित है। एयरबस A380 कॉकपिट.अत्यधिक एयरबस कॉकपिट कंप्यूटरीकृत ग्लास कॉकपिट्स होते हैं जो फ्लाई-बाई-वायर प्रौद्योगिकी को भी पेश करता है। नियंत्रण स्तंभ को एक इलेक्ट्रॉनिक साइडस्टिक से प्रतिस्थापित किया गया है। स्विस एचबी-आईज़ेडएक्स (HB-IZX) साब 2000 कॉकपिट रॉबिन DR400/500 1936 डे हैविललैंड हौर्नेट मौथ कॉकपिट वायुयान के कॉकपिट के उपकरण पैनल में उड़ान संबंधी उपकरण और नियंत्रण शामिल होते हैं जो पायलट को वायुयान उड़ाने में सक्षम बनाता है। अधिकांश वायुयानों में एक दरवाजा कॉकपिट को यात्री कक्ष से अलग करता है। 11 सितम्बर 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद सभी प्रमुख हवाई कंपनियों ने कॉकपिट को अपहरणकर्ताओं के प्रवेश के विरुद्ध सुदृढ़ किया। आम तौर पर एक बड़े वायुयान में कॉकपिट को फ्लाइट डेक के रूप में जाना जाता है। इस शब्द की उत्पत्ति आरएएफ के द्वारा अलग, ऊपरी प्लेटफार्म के लिए उपयोग किये जाने वाले शब्द से हुई है, जहां पायलट और सह-पायलट बड़ी तैरने वाली नौकाओं में बैठते थे। .

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अटलांटिस अंतरिक्ष यान

अटलांटिस अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक अंतरिक्ष यान है। अक्टूबर 1985 में इसने पहली बार उड़ान भरी। श्रेणी:अंतरिक्ष यान.

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अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन

अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन या केन्द्र (संक्षेप में आईएसएस, अंग्रेज़ी: International Space Station इंटर्नॅशनल् स्पेस् स्टेशन्, ISS) बाहरी अन्तरिक्ष में अनुसंधान सुविधा या शोध स्थल है जिसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया है। इस परियोजना का आरंभ १९९८ में हुआ था और यह २०११ तक बन कर तैयार होगा। वर्तमान समय तक आईएसएस अब तक बनाया गया सबसे बड़ा मानव निर्मित उपग्रह होगा। आईएसएस कार्यक्रम विश्व की कई स्पेस एजेंसियों का संयुक्त उपक्रम है। इसे बनाने में संयुक्त राज्य की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (आरकेए), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (सीएसए) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ईएसए) काम कर रही हैं। इनके अतिरिक्त ब्राजीलियन स्पेस एजेंसी (एईबी) भी कुछ अनुबंधों के साथ नासा के साथ कार्यरत है। इसी तरह इटालियन स्पेस एजेंसी (एएसआई) भी कुछ अलग अनुबंधों के साथ कार्यरत है। पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होने के बाद आईएसएस को नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। यह पृथ्वी से करीब ३५० किलोमीटर ऊपर औसतन २७,७२४ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से परिक्रमा करेगा और प्रतिदिन १५.७ चक्कर पूरे करेगा। पिछले आईएसएस में, जिसे नवंबर २००० में कक्षा में स्थापित किया गया था, के बाद से उसमें लगातार मानवीय उपस्थिति बनी हुई है। वर्तमान समय में इसमें तीन व्यक्तियों का स्थान है। भविष्य में इसमें छह व्यक्तियों के रहने लायक जगह बनेगी। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में स्थित एक वेधशाला के तौर पर कार्य करता है। अन्य अंतरिक्ष यानों के मुकाबले इसके कई फायदे हैं जिसमें इसमें रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स को अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहकर काम करने का मौका मिलता है। चित्र:ISS after STS-116 in December 2006.jpg|अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन खींचने अन्तरिक्ष यान डिस्कवरी से, 19 दिसम्बर, 2006 पर File:ISS_on_20_August_2001.jpg|२००१ में आई। एस.एस File:MLM_-_ISS_module.jpg|बहु-उद्देशीय मॉड्यूल File:Good Morning From the International Space Station.jpg|अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन से अमरीका पर चन्द्रोदय का दृश्य। .

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अप्रैल फूल दिवस

अप्रैल फूल दिवस पश्चिमी देशों में हर साल पहली अप्रैल को मनाया जाता है। कभी-कभी ऑल फूल्स डे के रूप में जाना जाने वाला यह दिन, 1 अप्रैल एक आधिकारिक छुट्टी का दिन नहीं है लेकिन इसे व्यापक रूप से एक ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है जब एक दूसरे के साथ व्यावाहारिक मजाक और सामान्य तौर पर मूर्खतापूर्ण हरकतें की जाती हैं। इस दिन दोस्तों, परिजनों, शिक्षकों, पड़ोसियों, सहकर्मियों आदि के साथ अनेक प्रकार की शरारतपूर्ण हरकतें और अन्य व्यावहारिक मजाक किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य होता है बेवकूफ और अनाड़ी लोगों को शर्मिंदा करना। पारंपरिक तौर पर कुछ देशों जैसे न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस तरह के मजाक केवल दोपहर तक ही किये जाते हैं और अगर कोई दोपहर के बाद किसी तरह की कोशिश करता है तो उसे "अप्रैल फूल" कहा जाता है। ऐसा इसीलिये किया जाता है क्योंकि ब्रिटेन के अखबार जो अप्रैल फूल पर मुख्य पृष्ठ निकालते हैं वे ऐसा सिर्फ पहले (सुबह के) एडिशन के लिए ही करते हैं। इसके अलावा फ्रांस, आयरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान रूस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में जोक्स का सिलसिला दिन भर चलता रहता है। 1 अप्रैल और मूर्खता के बीच सबसे पहला दर्ज किया गया संबंध चॉसर के कैंटरबरी टेल्स (1392) में पाया जाता है। कई लेखक यह बताते हैं कि 16वीं सदी में एक जनवरी को न्यू ईयर्स डे के रूप में मनाये जाने का चलन एक छुट्टी का दिन निकालने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन यह सिद्धांत पुराने संदर्भों का उल्लेख नहीं करता है। .

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अपोलो 10

श्रेणी:अपोलो कार्यक्रम श्रेणी:अमेरिका के चन्द्र अभियानों की सूची‎.

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अपोलो 4

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अपोलो 5

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अपोलो 6

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अपोलो 7

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अपोलो 8

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अपोलो 9

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अपोलो अभियान

अपोलो कार्यक्रम यह संयुक्त राज्य अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मानव उड़ानो की एक श्रंखला थ। इस में सैटर्न राकेट और अपोलो यानो का प्रयोग किया गया था। यह श्रंखला उड़ान १९६१-१९७४ के मध्य में हुयी थी। यह श्रंखला अमरीकी राष्ट्रपति जान एफ केनेडी के १९६० के दशक में चन्द्रमा पर मानव के सपने को समर्पित थी। यह सपना १९६९ में अपोलो ११ की उड़ान ने पूरा किया था। यह अभियान १९७० के दशक के शुरुवाती वर्षो में भी चलता रहा, इस कार्यक्रम में चन्द्रमा पर छः मानव अवतरणो के साथ चन्द्रमा का वैज्ञानिक अध्ययन कार्य किया गया। इस कार्यक्रम के बाद आज २००७ तक पृथ्वी की निचली कक्षा के बाहर कोई मानव अभियान नहीं संचालित किया गया है। बाद के स्कायलैब कार्यक्रम और अमरीकी सोवियत संयुक्त कार्यक्रम अपोलो-सोयुज जांच कार्यक्रम जिन्होने अपोलो कार्यक्रम के उपकरणो का प्रयोग किया था, इसी अपोलो कार्यक्रम का भाग माना जाता है। बहुत सारी सफलताओ के बावजूद इस कार्यक्रम को दो बड़ी असफलताओ को झेलना पड़ा। इसमे से पहली असफलता अपोलो १ की प्रक्षेपण स्थल पर लगी आग थी जिसमे विर्गील ग्रीसम, एड व्हाईट और रोजर कैफी शहीद हो गये थे। इस अभियान का नाम AS२०४ था लेकिन बाद में शहीदो की विधवाओं के आग्रह पर अपोलो १ कर दिया गया था। दूसरी असफलता अपोलो १३ में हुआ भीषण विस्फोट था लेकिन इसमे तीनो यात्रीयों को सकुशल बचा लीया गया था। इस अभियान का नाम सूर्य के ग्रीक देवता अपोलो को समर्पित था। नील आर्मस्ट्रांग २० जुलाई १९६९ को चन्द्रमा की धरती पर पहला कदम रखा यह अमेरिकी नागरिक थे १ .

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अपोलो १

अपोलो उपग्रह से प्राप्त पृथ्वी का चित्र चन्द्रमा यह मानव मन को सदीयो से ललचाता रहा है। कवियो ने इस चन्द्रमा के लिये क्या क्या नहीं लिखा। विज्ञानीयो के लिये भी चन्द्रमा एक कुतुहल का विषय रहा। जब मानव पृथ्वी की सीमा को लांघ का ब्रम्हांड की गहराईयो में गोते लगाने निकला, तब चन्द्रमा उसका पहला पडाव था। अपोलो अभियान इस यात्रा का पहला कदम ! ए एस २०४ यह नाम था उस यान का जो अपोलो १ कैपसूल को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने वाला था। यह सैटर्न १बी(Saturn 1B) राकेट से प्रक्षेपित होने वाला अमरीका का पहला अपोलो अभियान था, जो कि चन्द्रमा पर मानव के पहले कदम के लिये एक मील का पत्थर साबीत होने वाला था। इसे १९६७ की पहली तिमाही में प्रक्षेपित किया जाना था। इस अभियान का लक्ष्य था, प्रक्षेपण प्रक्रिया की जांच, भूमीकेन्द्र द्वारा यान नियंत्रण और मार्गदर्शण की जांच था। .

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अपोलो ११

अपोलो ११ का कर्मीदल्, बायीं ओर से, नील आर्मस्ट्रांग, कॉलिन्स और ऐल्ड्रिन अपोलो ११ (Apollo 11) वह अंतरिक्ष उड़ान थी जिसने चंद्रमा पर पहले इंसान, नील आर्मस्ट्रांग और ऐडविन "बज़" ऐल्ड्रिन.

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अमेरिकन एयरलाइंस

अमेरिकन एयरलाइंस इंक, American Airlines, Inc. (AA) संयुक्त राज्य अमेरिका ^ का एक प्रमुख एयरलाइन है और यात्रियों को ले जाने की क्षमता, यात्री विमानों की संख्‍या और सुनिश्‍चित आय अर्जित करने वाली विश्‍व की दूसरी सबेस बड़ी (डेल्‍टा एयर लाइंस के बाद) एयरलाइन है। अमेरिकन एयरलाइंस AMR कॉरपोरेशन का सहायक है और इसका मुख्‍यालय फोर्ट वॉर्थ, टेक्‍सास में है, इसके समीप इसका सबसे बड़ा हब डलास/फोर्ट वॉर्थ अंतर्राष्‍ट्रीय हवाईअड्डा है। अमेरिकी एक व्‍यापक अंतर्राष्‍ट्रीय और घरेलू नेटवर्क को पूरे उत्‍तरी अमेरिका, लैटिन अमेरिका, युरोप, ऐशिया/पैसेफिक और करेबिया में निर्धारित फ्लाइट्स के साथ संचालित करता है। अमेरिकी एयरलाइंस 2010 में फॉर्चून 500 सूची में #120 पर सूचीबद्ध हुआ था। .

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अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार

अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार (जिसे कभी-कभी अल्बर्ट आइंस्टीन मेडल भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें स्वर्ण पदक दिया जाता था) सैद्धांतिक भौतिकी में एक पुरस्कार था, जिसे प्राकृतिक विज्ञान में किसी की उच्च उपलब्धि के लिए प्रदान किया जाता था। अल्बर्ट आइंस्टीन के ७०वें जन्मदिन पर उनके सम्मान में लुईस और रोजा स्ट्रॉस मेमोरियल फंड द्वारा इस पुरस्कार का वितरण शुरू किया गया था। यह पुरस्कार पहली बार १९५१ में वितरित किया गया था, और इसमें पुरस्कार स्वरुप एक स्वर्ण पदक और मूर्तिकार गिलरॉय रॉबर्ट्स द्वारा रचित आइंस्टीन की प्रतिमा के अतिरिक्त, १५,००० डॉलर की पुरस्कार राशि भी शामिल थी, from University of St Andrews, MacTutor History of Mathematics Archive (Last accessed Dec. 17, 2006).

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अंटार्कटिका

अंटार्कटिका अंतरिक्ष से अंटार्कटिका का दृश्य। 230px लाम्बर्ट अजिमुथाल प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र।दक्षिणी ध्रुव मध्य में है। अंटार्कटिका (या अन्टार्टिका) पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है। यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र और लगभग पूरी तरह से अंटार्कटिक वृत के दक्षिण में स्थित है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद, पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से आच्छादित है। औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है और सभी महाद्वीपों की तुलना में इसका औसत उन्नयन सर्वाधिक है। अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है, क्योंकि यहाँ का वार्षिक वर्षण केवल 200 मिमी (8 इंच) है और उसमे भी ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में ही होता है। यहाँ का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं, पर उपस्थित रहते हैं। यहाँ सिर्फ शीतानुकूलित पौधे और जीव ही जीवित, रह सकते हैं, जिनमें पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी शामिल hai हालांकि पूरे यूरोप में टेरा ऑस्ट्रेलिस (दक्षिणी भूमि) के बारे में विभिन्न मिथक और अटकलें सदियों से प्रचलित थे पर इस भूमि से पूरे विश्व का 1820 में परिचय कराने का श्रेय रूसी अभियान कर्ता मिखाइल पेट्रोविच लाज़ारेव और फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन को जाता है। यह महाद्वीप अपनी विषम जलवायु परिस्थितियों, संसाधनों की कमी और मुख्य भूमियों से अलगाव के चलते 19 वीं शताब्दी में कमोबेश उपेक्षित रहा। महाद्वीप के लिए अंटार्कटिका नाम का पहले पहल औपचारिक प्रयोग 1890 में स्कॉटिश नक्शानवीस जॉन जॉर्ज बार्थोलोम्यू ने किया था। अंटार्कटिका नाम यूनानी यौगिक शब्द ανταρκτική एंटार्कटिके से आता है जो ανταρκτικός एंटार्कटिकोस का स्त्रीलिंग रूप है और जिसका अर्थ "उत्तर का विपरीत" है।" 1959 में बारह देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए, आज तक छियालीस देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। संधि महाद्वीप पर सैन्य और खनिज खनन गतिविधियों को प्रतिबन्धित करने के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करती है और इस महाद्वीप के पारिस्थितिक क्षेत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न अनुसंधान उद्देश्यों के साथ वर्तमान में कई देशों के लगभग 4,000 से अधिक वैज्ञानिक विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं। .

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अंतरिक्ष

किसी ब्रह्माण्डीय पिण्ड, जैसे पृथ्वी, से दूर जो शून्य (void) होता है उसे अंतरिक्ष (Outer space) कहते हैं। यह पूर्णतः शून्य (empty) तो नहीं होता किन्तु अत्यधिक निर्वात वाला क्षेत्र होता है जिसमें कणों का घनत्व अति अल्प होता है। इसमें हाइड्रोजन एवं हिलियम का प्लाज्मा, विद्युतचुम्बकीय विकिरण, चुम्बकीय क्षेत्र तथा न्युट्रिनो होते हैं। सैद्धान्तिक रूप से इसमें 'डार्क मैटर' dark matter) और 'डार्क ऊर्जा' (dark energy) भी होती है। .

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अंतरिक्ष शटल

अंतरिक्ष शटल संयुक्त राज्य अमरीका में नासा द्वारा मानव सहित या रहित उपग्रह यातायात प्रणाली को कहा जाता है। यह शटल पुन: प्रयोगनीय यान होता है और इसमें कंप्यूटर डाटा एकत्र करने और संचार के तमाम यंत्र लगे होते हैं।|हिन्दुस्तान लाइव|२७ दिसम्बर २००९ इसमें सवार होकर ही वैज्ञानिक अंतरिक्ष में पहुंचते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों के खाने-पीने और यहां तक कि मनोरंजन के साजो-सामान और व्यायाम के उपकरण भी लगे होते हैं। अंतरिक्ष शटल को स्पेस क्राफ्ट भी कहा जाता है, किन्तु ये अंतरिक्ष यान से भिन्न होते हैं। इसे एक रॉकेट के साथ जोड़कर अंतरिक्ष में भेजा जाता है, लेकिन प्रायः यह सामान्य विमानों की तरह धरती पर लौट आता है। इसे अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए कई बार प्रयोग किया जा सकता है, तभी ये पुनःप्रयोगनीय होता है। इसे ले जाने वाले रॉकेट ही अंतरिक्ष यान होते हैं। आरंभिक एयरक्राफ्ट एक बार ही प्रयोग हो पाया करते थे। शटल के ऊपर एक विशेष प्रकार की तापरोधी चादर होती है। यह चादर पृथ्वी की कक्षा में उसे घर्षण से पैदा होने वाली ऊष्मा से बचाती है। इसलिए इस चादर को बचाकर रखा जाता है। यदि यह चादर न हो या किसी कारणवश टूट जाए, तो पूरा यान मिनटों में जलकर खाक हो जाता है। चंद्रमा पर कदम रखने वाले अभियान के अलावा, ग्रहों की जानकारी एकत्र करने के लिए जितने भी स्पेसक्राफ्ट भेजे जाते है, वे रोबोट क्राफ्ट होते है। कंप्यूटर और रोबोट के द्वारा धरती से इनका स्वचालित संचालन होता है। चूंकि इन्हें धरती पर वापस लाना कठिन होता है, इसलिए इनका संचालन स्वचालित रखा जाता है। चंद्रमा के अलावा अभी तक अन्य ग्रहों पर भेजे गये शटल इतने लंबे अंतराल के लिये जाते हैं, कि उनके वापस आने की संभावना बहुत कम या नहीं होती है। इस श्रेणी का शटल वॉयेजर १ एवं वॉयेजर २ रहे हैं। स्पेस शटल डिस्कवरी कई वैज्ञानिकों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत करने और अध्ययन के लिए अंतरिक्ष में गया था। .

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अंतरिक्ष विज्ञान

गैलेक्सी के एक भाग को प्रदर्शित करता हुआ एक तस्वीर अंतरिक्ष विज्ञान एक व्यापक शब्द है जो ब्रह्मांड के अध्ययन से जुड़े विभिन्न विज्ञान क्षेत्रों का वर्णन करता है तथा सामान्य तौर पर इसका अर्थ "पृथ्वी के अतिरिक्त" तथा "पृथ्वी के वातावरण से बाहर" भी है। मूलतः, इन सभी क्षेत्रों को खगोल विज्ञान का हिस्सा माना गया था। हालांकि, हाल के वर्षों में खगोल के कुछ क्षेत्रों, जैसे कि खगोल भौतिकी, का इतना विस्तार हुआ है कि अब इन्हें अपनी तरह का एक अलग क्षेत्र माना जाता है। कुल मिला कर आठ श्रेणियाँ हैं, जिनका वर्णन अलग से किया जा सकता है; खगोल भौतिकी, गैलेक्सी विज्ञान, तारकीय विज्ञान, पृथ्वी से असंबंधित ग्रह विज्ञान, अन्य ग्रहों का जीव विज्ञान, एस्ट्रोनॉटिक्स/ अंतरिक्ष यात्रा, अंतरिक्ष औपनिवेशीकरण और अंतरिक्ष रक्षा.

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अक्टूबर स्काई

अक्टूबर स्काई (October Sky) १९९९ का एक चलचित्र है, जिसके निर्माता है चार्ल्स गॉर्डन और निर्देशक जोइ जॉन्स्टन और मुख्य भुमिका में हैं - जेक गिलनहॉल, क्रिस कूपर और लॉरा डर्न। यह चलचित्र हौमर हिकैम कि सच्ची कहानी पर आधारित है, जो एक कोयले की खादान में काम करने वाले व्यक्ति का बेटा होता है जो सोवियत संघ द्वारा प्रथम स्पुतनिक के प्रक्षेपण के बाद रॉकेट विज्ञान में रुचि लेता है और अंततः नासा का एक वैज्ञानिक बनता है। .

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उड़न तश्तरी (अन्तरिक्ष)

कुछ ऐसी दिखाई देने वाली वस्तुओं को उड़न तश्तरी कहा जाता है। उड़न तश्तरी आकाश में उड़ती किसी अज्ञात उड़ती वस्तु (यूएफओ (UFO)) को कहा जाता है। इन अज्ञात उड़ती वस्तुओं का आकार किसी डिस्क या तश्तरी के समान होता है या ऐसा दिखाई देता है, जिस कारण इन्हें उड़न तश्तरीयों का नाम मिला। कई चश्मदीद गवाहों के अनुसार इन अज्ञात उड़ती वस्तुओं के बाहरी आवरण पर तेज़ प्रकाश होता है और ये या तो अकेले घुमते हैं या एक प्रकार से लयबद्ध होकर और इनमें बहुत गतिशीलता होती है। ये उड़न तश्तरीयाँ बहुत छोटे से लेकर बहुत विशाल आकार तक हो सकतीं हैं। .

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उद्धव भराली

उद्धव भराली असम के लखिमपुर जिले के एक विज्ञानी और अभियन्ता है। सन २०१२ के जुलाई महीने के ५ तारीख को भराली को उनके द्वारा आविष्कृत अनार के बीज निकालने वाले यंत्र के लिए नासा द्वारा अयोजित क्रियेट द फ्यूचर डिज़ाइन प्रतियोगिता में दूसरे स्थान के लिये निर्वाचित किया गया। उद्धव के पास ३९ आविष्कारो का पेटेन्ट है। उन्होने लगभग ९८ यन्त्र उद्भावन किए हैं। सन १९८८ में उन्होने कम खर्चे में पोलिथिन निर्मान करने की मशीन बनाई। वे वार्ल्ड तेक्नोलोजी एवार्द के लिए भी मनोनित हुए था। .

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उपग्रह

ERS 2) अन्तरिक्ष उड़ान (spaceflight) के संदर्भ में, उपग्रह एक वस्तु है जिसे मानव (USA 193) .

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१३ नवम्बर

१३ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१७वॉ (लीप वर्ष मे ३१८ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४८ दिन बाकी है। .

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१९ सितम्बर

19 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 262वॉ (लीप वर्ष मे 263 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 103 दिन बाकी है। .

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१९१५

१९१५ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८२

१९८२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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२०११ आइरीन चक्रवात

उपग्रह चित्र २०११ आइरीन चक्रवात एक समुद्री-तूफ़ान है जो अगस्त २०११ में आरम्भ हुआ था। यह तूफ़ान अन्ध महासागर में सक्रिय हुआ था और इसने अबतक बहुत से कैरिबियाई देशों में क्षति पहुँचाई है और अब यह तूफ़ान संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट की ओर बढ़ रहा है। इसका उद्गम लॅसर एण्टिलीज़ के पूर्व में है। इसक तूफ़ान से श्रेणी तीन और चार का खतरा है और इस तूफ़ान में हवाओं की गति १९० किमी/घ तक है। २७ अगस्त २०११ को संराअमेरिका में यह उद्घोषणा हुई की इस तूफ़ान के कारण न्यूजर्सी में १० लाख लोगों को अपने आवासों को छोड़ना पड़ सकता है। उत्तर कैरोलाइना में इस तूफ़ान के कारण २,७३,०० लोग बिजली के बिना थे, दो पिअर क्षतिग्रस्त हो गए, तीन लोग मारे गए। वर्जीनिया में भी एक बच्चा मारा गया। .

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२०१२

२०१२ (MMXII) ग्रेगोरियन कैलेंडर के रविवार को शुरू होने वाला एक अधिवर्ष अथवा लीप ईयर होगा। इस वर्ष को गणितज्ञ ट्यूरिंग, कंप्यूटर के अग्र-दूत और कोड -भंजक, की याद में उनकी सौवीं वर्षगांठ पर एलन ट्यूरिंग वर्ष नामित किया गया है। .

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२६ अगस्त

26 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 238वॉ (लीप वर्ष में 239 वॉ) दिन है। साल में अभी और 127 दिन बाकी है। .

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२८ फ़रवरी

28 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 59वॉ दिन है। साल मे अभी और 306 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 307)। .

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३ मार्च

3 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 62वॉ (लीप वर्ष में 63 वॉ) दिन है। साल में अभी और 303 दिन बाकी है। .

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५ जनवरी

5 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 5वाँ दिन है। साल में अभी और 360 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 361)। .

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५ जुलाई

५ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८६वॉ (लीप वर्ष में १८७ वॉ) दिन है। साल में अभी और १७९ दिन बाकी है। .

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५ अगस्त

5 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 217वॉ (लीप वर्ष मे 218 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 148 दिन बाकी है। .

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५१८२६ कल्पनाचावला

५१८२६ कल्पनाचावला (2001 OB34)एक उल्का (लघुग्रह) है। इसका नाम भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के सम्मन में रखा गया है। इस ग्रह की खोज को खत्म करने के बाद कोलंबिया में १ फ़रवरी २००३ को अंतरिक्षयान दुर्घटना में कल्पना की मौत हो गई थी। .

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६ सितम्बर

6 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 249वॉ (लीप वर्ष मे 250 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 116 दिन बाकी है। .

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७ दिसम्बर

7 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 341वॉ (लीप वर्ष मे 342 वॉ) दिन है। साल में अभी और 24 दिन बाकी है। .

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७ नवम्बर

७ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३११वॉ (लीप वर्ष में ३१२ वॉ) दिन है। साल में अभी और ५४ दिन बाकी है। .

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2014 भारत - पाकिस्तान बाढ़

सितम्बर 2014 में, मूसलाधार मानसूनी वर्षा के कारण भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर ने अर्ध शताब्दी की सबसे भयानक बाढ़ आई। यह केवल जम्मू और कश्मीर तक ही सीमित नहीं थी अपितु पाकिस्तान नियंत्रण वाले आज़ाद कश्मीर, गिलगित-बल्तिस्तान व पंजाब प्रान्तों में भी इसका व्यापक असर दिखा। 8 सितम्बर 2014 तक, भारत में लगभग 200 लोगों तथा पाकिस्तान में 190 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भारत के गृह मंत्रालय के अनुसार 450 गाँव जल समाधि ले चुके हैं। .

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2017 में अंतरिक्ष उड़ान

2017 में उल्लेखनीय अंतरिक्ष गतिविधियों के रूप में नासा के वाणिज्यिक क्रू विकास कार्यक्रम द्वारा अनिवार्य, संयुक्त राज्य अमेरिका से मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए क्षमताओं को बहाल करने के लिए एक लक्ष्य के साथ दोनों बोइंग सीएसटी-100 स्टारलाइनर और स्पेसक्स ड्रैगन 2 कैप्सूल की पहली उड़ानें, शामिल होंगे। अमरीकी मानवयुक्त उड़ान 2011 में अंतरिक्ष शटल सेवानिवृत्ति के बाद से रुक गई थी। हालांकि, बोर्ड नए यान पर अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहली बार परीक्षण उड़ान 2018 तक धकेल दिया गया है। चीन नवंबर में अपने चांग्ए 5 चंद्र नमूना रिटर्न मिशन को लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जो 2016 में उद्घाटन हुआनान द्वीप पर वेनबैंक लॉन्च सुविधा से अपने नए भारी उठाने वाले लांग मार्च 5 के शीर्ष पर है। .

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