8 संबंधों: ननकाना साहिब ज़िला, पाकिस्तान के दूरभाष कोडों की सूची, पाकिस्तान के ज़िले, पूर्णसिंह, बैसाखी, सेवासिंह ठीकरीवाल, गुरु नानक, अरदास।
ननकाना साहिब ज़िला
ननकाना साहिब ज़िला, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक ज़िला है। इसका प्रशासनिक मुख्यालय, ननकाना साहिब शहर है। इस ज़िले का कुल क्षेत्रफल 2,960 है, तथा वर्ष 1998 की जनगणना के अनुसार, इसकी कुल जनसंख्या 1,410,000 थी। यहाँ बोले जाने वाली प्रमुख भाषा पंजाबी है, जबकि उर्दू प्रायः हर जगह समझी जाती है। साथ ही अंग्रेज़ी भी अधिकांश शहरी केन्द्रों में समझी जाती है। प्रभुख प्रशासनिक भाषाएँ उर्दू और अंग्रेज़ी है। .
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पाकिस्तान के दूरभाष कोडों की सूची
टेलीफ़ोन पाकिस्तान के शहरों और ज़िलों के दूरभाष कोडों की सूची निम्न है। .
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पाकिस्तान के ज़िले
पाकिस्तान के ज़िले पाकिस्तान के तीसरे दर्जे की प्रशासनिक इकाइयाँ हैं। पाकिस्तान में कुल 135 ज़िले और 7 आदिवासी क्षेत्र हैं। अगस्त 2000 से पूर्व ज़िले डिवीज़न के तहत होते थे लेकिन उस वक़्त डिवीज़न को ख़त्म करके ज़िलों को सीधे सूबों के अधीन कर दिया गया। .
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पूर्णसिंह
सरदार पूर्ण सिंह पूर्णसिंह (पंजाबी: Punjabi: ਪ੍ਰੋ. ਪੂਰਨ ਸਿੰਘ; १८८१ - १८३१ ई.) भारत के देशभक्त, शिक्षाविद, अध्यापक, वैज्ञानिक एवं लेखक थे। वे पंजाबी कवि थे और आधुनिक पंजाबी काव्य के संस्थापकों में उनकी गणना होती है। .
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बैसाखी
बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसीलिए बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रबी की फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है। इसी दिन, 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं। .
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सेवासिंह ठीकरीवाल
सेवासिंह ठीकरीवाल सेवासिंह ठीकरीवाला (१८८६ ई.-१९३५ ई.) पंजाब के अकाली दल और रियासती प्रजामंडल के महान् नेता थे। आपकी अनेक धार्मिक, शैक्षणिक एवं राजनैतिक संस्थाओं में प्रतिष्ठित स्थान मिला है। दैनिक 'कौमी दर्द' (अमृतसर), साप्ताहिक 'रियासती दुनिया' (लाहौर) एवं 'देशवर्दी' (अमृतसर) के जन्मदाता भी आप ही थे। आपकी स्मृति में प्रति वर्ष १९ जनवरी को ठीकरीवाल में शहीदी मेला लगता है। सन् १९१२ से प्रारंभ किया हुआ गुरु का लंगर निरंतर चल रहा है। स. सेवासिंह गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठीकरीवाल में है। पटियाला नगर के प्रसिद्ध माल रोड पर (फूल थिएटर के समीप) सिंहसभा के सामने इनकी आदमकर मूर्ति भी लगाई गई है। .
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गुरु नानक
नानक (पंजाबी:ਨਾਨਕ) (15 अप्रैल 1469 – 22 सितंबर 1539) सिखों के प्रथम (आदि गुरु) हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। लद्दाख व तिब्बत में इन्हें नानक लामा भी कहा जाता है। नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु - सभी के गुण समेटे हुए थे। .
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अरदास
अरदास का सामान्य अर्थ परमशक्ति के आगे विनती करने से है। सिख धर्म की प्रथाओं (रहत मर्यादा) में अरदास का एक मानक रूप है, जो कि गुरुद्वारों में प्रतिदिन की जाती है।यह किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को आरंभ करने से पहले या करने के बाद की जाती है; सुबह और शाम को बाणी के पाठ के बाद की जाती है। दुःख हो या खुशी हर अवसर पर, गुरु का सिख गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अरदास करता है। अरदास का यह मानक रूप इस प्रकार है - .
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