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दलहन

सूची दलहन

विभिन्न प्रकार के दाल दलहन वनस्पति जगत में प्रोटीन का मुख्य स्रोत हैं। मटर, चना, मसूर, मूँग इत्यादि से दाल प्राप्त होती हैं। श्रेणी:दलहन.

21 संबंधों: तेंदुआ हरकेस, दाल, बांकुड़ा जिला, बिहार, बिहार का भूगोल, मणिपुर, मसूर, मोठ दाल, सलाद, स्नैक फूड (अल्पाहार), सीतामढ़ी, हरी उड़द, हलवा, ग्लाइसेमिक इंडेक्स, कुकी (एक प्रकार का बिस्कुट), कृषि जिंसों के सबसे बड़े उत्पादक देशों की सूची, केक, अरुणाचल प्रदेश, उड़द दाल, उड़द धुली, उड़द छिलका

तेंदुआ हरकेस

तेंदुआ हरकेस में भारत के बिहार राज्य के अन्तर्गत मगध मण्डल के औरंगाबाद जिले का एक गाँव है। बिहार के जिले यहाँ हिन्दु सनातन धर्म के लोग खेती और गो पालन करते हैं। .

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दाल

भारत में कई प्रकार की दालें प्रयोग की जाती हैं। दालें अनाज में आतीं हैं। इन्हें पैदा करने वाली फसल को दलहन कहा जाता है। दालें हमारे भोजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होती हैं। दुर्भाग्यवश आज आधुनिकता की दौड़ में फास्ट फूड के प्रचलन से हमारे भोजन में दालों का प्रयोग कम होता जा रहा है, जिसका दुष्प्रभाव लोगों, विशेषकर बच्चों एवं युवा वर्ग के स्वास्थ्य पर पड़रहा है। दालों की सर्व प्रमुख विशेषता यह होती है कि आँच पर पकने के बाद भी उनके पौष्टिक तत्व सुरक्षित रहते हैं। इनमें प्रोटीन और विटामिन बहुतायत में पाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख दालें हैं.

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बांकुड़ा जिला

बाँकुड़ा भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल का एक प्रशासकीय जिला है। इसके पश्चिम में पुरुलिया, दक्षिण में मेदनीपुर, पूर्व एवं पूर्वोत्तर में हुगली एवं वर्द्धमान जिले स्थित हैं। छोटा नागपुर पठार की पूर्वी श्रेणी यहाँ फैली है। यहाँ की प्रमुख नदी दामोदर उत्तरी सीमा बनाती है। निम्न वार्षिक ताप लगभग २७°सें.

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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बिहार का भूगोल

बिहार 21°58'10" ~ 27°31'15" उत्तरी अक्षांश तथा 82°19'50" ~ 88°17'40" पूर्वी देशांतर के बीच स्थित भारतीय राज्य है। मुख्यतः यह एक हिंदी भाषी राज्य है लेकिन उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, मगही, बज्जिका, अंगिका तथा एवं संथाली भी बोली जाती है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है जिसमें 92,257.51 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। 2001 की जनगणना के अनुसार बिहार राज्य की जनसंख्या 8,28,78,796 है जिनमें ६ वर्ष से कम आयु का प्रतिशत 19.59% है। 2002 में झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार का भूभाग मुख्यतः नदियों के बाढमैदान एवं कृषियोग्य समतल भूमि है। गंगा तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा लायी गयी मिट्टियों से बिहार का जलोढ मैदान बना है जिसकी औसत ऊँचाई १७३ फीट है। बिहार का उपग्रह द्वारा लिया गया चित्र .

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मणिपुर

मणिपुर भारत का एक राज्य है। इसकी राजधानी है इंफाल। मणिपुर के पड़ोसी राज्य हैं: उत्तर में नागालैंड और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम; और पूर्व में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। इसका क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी (8,628 वर्ग मील) है। यहां के मूल निवासी मेइती जनजाति के लोग हैं, जो यहां के घाटी क्षेत्र में रहते हैं। इनकी भाषा मेइतिलोन है, जिसे मणिपुरी भाषा भी कहते हैं। यह भाषा १९९२ में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई है और इस प्रकार इसे एक राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते हैं। मणिपुरी को एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य माना जाता है। .

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मसूर

मसूर एक दलहन है। इसका वानस्पतिक नाम (Lens esculenta) है। इसकी प्रकृति गर्म, शुष्क, रक्तवर्द्धक एवं रक्त में गाढ़ापन लाने वाली होती है। दस्त, बहुमूत्र, प्रदर, कब्ज व अनियमित पाचन क्रिया में मसूर की दाल का सेवन लाभकारी होता है। मसूर एक प्रमुख फसल है | काली और मलका मसुर मसूर के पौधे .

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मोठ दाल

मोठ एक प्रकार का दलहन होता है। इससे दाल मिलती है। यह केल्शियम, फॉस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट व विटामिनों से युक्त तथा कृमि नाशक व ज्वर नाशक होती है। .

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सलाद

एक सलाद की थाली. व्यंजनों के व्यापक विविध प्रकार में से एक है सलाद जिसमें शामिल है वेजीटेबल सलाद; पास्ता सलाद, फलियां, अंडा, या अनाज सलाद; मिश्रित सलाद जिसमें मांस, अंडा, या सीफ़ूड होता है; और फ्रुट सलाद.

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स्नैक फूड (अल्पाहार)

स्नैक (अल्पाहार) भोजन का वह भाग है जो अक्सर नियमित भोजन से कम होता है, आमतौर पर जिसे दो भोजनों के बीच में खाया जाता है। स्नैक्स कई किस्मों में आते हैं जिसमें शामिल हैं पैक किये हुए और संसाधित खाद्य पदार्थ और घर पर ताजा सामग्री से बनी चीज़ें.

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सीतामढ़ी

सीतामढ़ी (अंग्रेज़ी: Sitamarhi,उर्दू: سيتامارهى) भारत के मिथिला का प्रमुख शहर है जो पौराणिक आख्यानों में सीता की जन्मस्थली के रूप में उल्लिखित है। त्रेतायुगीन आख्यानों में दर्ज यह हिंदू तीर्थ-स्थल बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। सीता के जन्म के कारण इस नगर का नाम पहले सीतामड़ई, फिर सीतामही और कालांतर में सीतामढ़ी पड़ा। यह शहर लक्षमना (वर्तमान में लखनदेई) नदी के तट पर अवस्थित है। रामायण काल में यह मिथिला राज्य का एक महत्वपूर्ण अंग था। १९०८ ईस्वी में यह मुजफ्फरपुर जिला का हिस्सा बना। स्वतंत्रता के पश्चात ११ दिसम्बर १९७२ को इसे स्वतंत्र जिला का दर्जा प्राप्त हुआ। त्रेतायुगीन आख्यानों में दर्ज यह हिंदू तीर्थ-स्थल बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। वर्तमान समय में यह तिरहुत कमिश्नरी के अंतर्गत बिहार राज्य का एक जिला मुख्यालय और प्रमुख पर्यटन स्थल है। .

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हरी उड़द

उड़द एक दलहन होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्धघी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए। इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए। हरे रंग की उड़द को हरी उड़द कहते हैं। यह लखनऊ और निकटवर्ती क्षेत्रों में बहुत मिलती है। .

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हलवा

पिस्ता के साथ बाल्कन शैली में ताहिनी आधारित हलवा हलवा (या हलावा, हलेवेह, हेलवा, हलवाह, हालवा, हेलावा, हेलवा, हलवा, अलुवा, चालवा, चलवा) कई प्रकार की घनी, मीठी मिठाई को संदर्भित करता है, जिसे पूरे मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया, पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका, अफ्रीका का सींग, बाल्कन, पूर्वी यूरोप, माल्टा और यहूदी जगत में खाने के लिए पेश किया जाता है। शब्द हलवा (अरबी हलवा حلوى से) का प्रयोग दो प्रकार की मिठाई के वर्णन के लिए किया जाता है.

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ग्लाइसेमिक इंडेक्स

ग्लाइसेमिक सूचकांक, गलाइकेमिक सूचकांक, या जीआई रक्त शर्करा के स्तर पर कार्बोहाइड्रेट के प्रभाव की एक माप है। जो कार्बोहाइड्रेट पाचन के दौरान तेजी से टूटते हैं और रक्तधारा में ग्लुकोज को तेजी से छोड़ते हैं, उनमें उच्च जीआई होता है; जो कार्बोहाइड्रेट रक्त धारा में धीरे-धीरे ग्लुकोज छोड़ते हुए बहुत धीरे-धीरे टूटते हैं उनमें निम्न जीआई होता है। इस अवधारणा का विकास टोरंटो विश्वविद्यालय में डॉ॰ डैविड जे.

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कुकी (एक प्रकार का बिस्कुट)

संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में एक छोटे, चपटे आकार के पकाए गए स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ को कुकी कहते हैं, जिसमें आमतौर पर वसा, आटे, अण्डे तथा चीनी का मिश्रण होता है। उत्तरी अमेरिका के बाहर अंग्रेजी भाषा बोलने वाले ज्यादातर देशों में, इसका अधिक प्रचलित नाम बिस्कुट है, कई क्षेत्रों में दोनों नामों का प्रयोग होता है, जबकि बाकी जगहों पर दोनों शब्दों के अर्थ अलग-अलग हैं। स्कॉटलैंड में एक सादी पाव रोटी (बन) को कुकी कहा जाता है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक टिकिया जैसी क्विक ब्रेड (रोटी) को बिस्कुट कहा जाता है। ब्रिटेन में, पकाए गए बिस्कुट को कुकी कहा जाता है, जिसमें अधिकतर चॉकलेट के टुकड़े होते हैं। .

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कृषि जिंसों के सबसे बड़े उत्पादक देशों की सूची

प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर खाद्य पदार्थ, फाइबर, ईंधन और कच्चे माल में बांटा जा सकता है। .

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केक

रास्पबेरी जैम और नींबू दही से भरा और बटरक्रीम फ़्रॉस्टिंग के साथ सजाया हुआ एक तह वाला पाऊंड केक भोजन के अंत में परोसा जाने वाला मिष्ठान्न, केक सेंककर तैयार किया हुआ भोज्य पदार्थ है। आमतौर पर कई किस्मों वाला केक का आटा, चीनी, अंडे, मक्खन या तेल का मिश्रण है जिसे घोलने के लिए तरल (आम तौर पर दूध या पानी) और खमीर उठाने वाले पदार्थ (जैसे कि खमीर या बेकिंग पाउडर) की ज़रूरत होती है। स्वाद व महक के लिए अक्सर फलों का गाढ़ा गूदा, मेवे या अर्क मिला दिए जाते हैं और मुख्य सामग्री के अनेक विकल्प सुलभ हैं। अक्सर केक में फलों का मुरब्बा या मिष्ठान्न वाली सॉस (जैसे पेस्ट्री क्रीम) भर दी जाती है, उसके ऊपर मक्खन वाली क्रीम या अन्य आइसिंग लगाकर बादाम और अंडे के सफ़ेद हिस्से का मिश्रण, किनारों पर बिंदियां और चाशनी में डूबे फल लगाकर सजाया जाता है। विशेष रूप से शादी, वर्षगाँठ और जन्मदिन जैसे औपचारिक अवसरों पर अक्सर खाने के बाद मिठाई के तौर पर केक का चुनाव किया जाता है। केक बनाने की अनगिनत पाक विधियां हैं, कुछ रोटी की तरह, कुछ गरिष्ठ और बड़े परिश्रम से तैयार की जाने वाली और अनेक पारम्परिक हैं। किसी ज़माने में केक बनाने (विशेष रूप से अंडे की झाग उठाने में) में काफ़ी मेहनत लगा करती थी लेकिन अब केक बनाना कोई जटिल प्रक्रिया नहीं रही, सेंकने वाले उपकरण और विधियां इतनी सरल हो गई हैं कि कोई भी नौसिखिया केक सेंक सकता है। .

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अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश ('अरुणांचल' नहीं) भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी मे "उगते सूर्य का पर्वत" है (अरूण + अचल; 'अचल' का अर्थ 'न चलने वाला' .

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उड़द दाल

उरद या उड़द एक दलहन होता है। उरद को संस्कृत में 'माष' या 'बलाढ्य'; बँगला' में माष या कलाई; गुजराती में अड़द; मराठी में उड़ीद; पंजाबी में माँह, अंग्रेज़ी, स्पेनिश और इटालियन में विगना मुंगों; जर्मन में उर्डबोहने; फ्रेंच में हरीकोट उर्ड; पोलिश में फासोला मुंगों; पुर्तगाली में फेजों-द-इण्डिया तथा लैटिन में 'फ़ेसिओलस रेडिएटस', कहते हैं। इसका द्विदल पौधा लगभग एक हाथ ऊँचा है और भारतवर्ष में सर्वत्र ज्वार, बाजरा और रुई के खेतों में तथा अकेला भी बोया जाता है। इससे मिलनेवाली दाल भोजन और औषधि, दोनों रूपों में उपयोगी है। बीज की दो जातियाँ होती हैं: (1) काली और बड़ी, जो वर्षा के आरंभ में बोई जाती है और (2) हरी और छोटी, जिसकी बोआई दो महीने पश्चात्‌ होती है। इसकी हरी फलियों की भाजी तथा बीजों से दाल, पापड़ा, बड़े इत्यादि भोज्य पदार्थ बनाए जाते हैं। आयुर्वेद के मतानुसार इसकी दाल स्निग्ध, पौष्टिक, बलकारक, शुक्र, दुग्ध, मांस और मेदवर्धक; वात, श्वास और बवासीर के रोगों में हितकर तथा शौच को साफ करनेवाली है। रासायनिक विश्लेषणों से इसमें स्टार्च 56 प्रतिशत, अल्बुमिनाएड्स 23 प्रतिशत, तेल सवा दो प्रतिशत और फास्फोरस ऐसिड सहित राख साढ़े चार प्रतिशत पाई गई है। इसकी तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्ध घी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए। इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए। .

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उड़द धुली

उड़द एक दलहन होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्धघी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए। इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए। उड़द धुली छिलका उतार देने पर साधारण साबुत उड़द दाल ही धुली उड़द खलाती है। .

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उड़द छिलका

उड़द एक दलहन होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्धघी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए। इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए। उड़द छिलका साधारण साबुत उड़द दाल को ही दले जाने पर उड़द छिलका बनती है। .

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