5 संबंधों: पाकिस्तान की राजनीति, पाकिस्तानी, ब्रिटिश राज, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल।
पाकिस्तान की राजनीति
पाकिस्तान की राजनीति (پاکستان کی سیاست) ने सालों के दौरान कई तब्दीलियाँ देखी हैं। समय-समय पर फ़ौज मुल्क का शासन को संभाल लेता है। परन्तु वर्तमान स्थिति में मुल्क में लोकतांत्रिक व्यवस्था वापस आ गई है। पाकिस्तान एक संघीय गणराज्य है, पाकिस्तान के राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख पाकिस्तान में राजनीति को बहुत महत्व प्राप्त किया है। श्रेणी:पाकिस्तान की राजनीति.
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पाकिस्तानी
पाकिस्तान में रहने वाले या विदेशों में बसे पाकिस्तान मूल के लोग।.
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ब्रिटिश राज
ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .
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ख़ैबर पख़्तूनख़्वा
मकरा चोटी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा (पहले:उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त) पाकिस्तान का एक प्रान्त या सूबा है। इसे सूबा-ए-सरहद के नाम से भी जाना जाता है जो अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर पश्तूनों की आबादी अधिक है जिन्हें स्थानीय रूप से पख़्तून भी कहते हैं। इनकी मातृभाषा पश्तो है। इस प्रांत की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान से आए शरणार्थियों की 15 लाख की आबादी सम्मिलित नहीं है। .
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ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल
राज्यपाल खैबर पख्तूनख्वा, प्रांत ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान की प्रांतीय सरकार के प्रमुख एवं औप्चारिक तौरपर उच्चतम् पदाधिकारी हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति पाकिस्तान, प्रधानमंत्री की परामर्श पर करते हैं और, पाकिस्तान के अन्य प्रांतीय राज्यपाल पदों के समान ही, आमतौर पर यह भी एक औपचारिक पद है, यानी राज्यपाल पास बहुत अधिक अधिकार नहीं होते हैं। हालांकि इतिहास में कई बार ऐसे अवसर आए हैं जब प्रांतीय गवर्नरों को अतिरिक्त व पूर्ण कार्याधिकार मिला है, खासकर इस मामले में जब प्रांतीय विधायिका भंग कर दी गई हो, तब प्रशासनिक विकल्प सीधे राज्यपाल के अधिकार-अंतर्गत आ जाते हैं जैसा 1958 से 1972 और 1977 से 1985 तक सैन्य शासन और 1999 से 2002 के राज्यपाल शासनों के दौरान राज्यपालों को जबरदस्त प्रशासनिक शक्ति मिलते रहे हैं। ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में दो बार, 1975 और 1994 में, राज्यपाल शासन लागू किया जा चुका है, जब मुख्यमंत्री और विधानसभा को बर्खास्त कर दिया गया था। .
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