12 संबंधों: नेपाल, नेपाल का इतिहास, नेपाल के प्रधानमन्त्री, नेपाली सेना, बालनरसिंह कुँवर, भीमसेन थापा, माथवरसिंह थापा, राणा वंश, रामकृष्ण कुँवर, काजी, कुँवर, क्षेत्री।
नेपाल
नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .
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नेपाल का इतिहास
नेपाल का इतिहास भारतीय साम्राज्यों से प्रभावित हुआ पर यह दक्षिण एशिया का एकमात्र देश था जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद से बचा रहा। हँलांकि अंग्रेजों से हुई लड़ाई (1814-16) और उसके परिणामस्वरूप हुई संधि में तत्कालीन नेपाली साम्राज्य के अर्धाधिक भूभाग ब्रिटिश इंडिया के तहत आ गए और आज भी ये भारतीय राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के अंश हैं। .
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नेपाल के प्रधानमन्त्री
सबसे पहले नेपाल में प्रधानमन्त्री का पद सन् १७९९ में शुरु किया गया था। नेपाल के प्रधानमन्त्रियों की नामावली (प्रधानमन्त्री व मन्त्रीपरिषद के अध्यक्ष) .
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नेपाली सेना
नेपाली सेना नेपालकी राष्ट्रिय सेना है, यह दक्षिण एशिया का सबसे पुराना सैनिक संगठन है हाल में इस संगठन में एक लाख से ज्यादा जनशक्ति है। इस सेनाको गोर्खाली सेना भी कहते हैं। .
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बालनरसिंह कुँवर
बालनरसिंह कुँवर वा बालनरसिंह कँवर नेपाल राज्य के एक काजी थे। उन्होंने राजा रण बहादुर शाहके हत्यारे सौतेला भाइ शेरबहादुर शाहकी ततपश्चात हत्या कि थि। उनके दादा जनरल गोरखाली सरदार रामकृष्ण कुँवर थे। उन्होंने काजी नैनसिंह थापा की पुत्री और मुख्तियार भीमसेन थापा के भतिजी गणेश कुमारी से विवाह किया था। गणेशकुमारके ज्येष्ठ पुत्र जंगबहादुर राणा ने बादमें राणा वंश का स्थापना किया और नेपाल अधिराज्यमें पारिवारिक शासन लागु कि थि। http://www.royalark.net/Nepal/lamb2.htm उनके पुत्रहरूः.
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भीमसेन थापा
भीमसेन थापा नेपालके सर्वाधिक लम्बे समय तकके मुख्तियार (प्रधानमन्त्री) हैं। भण्डरखाल पर्वके बादमें उन्होंने सारे उच्च अधिकारियोंकी हत्या करते हुए थापा वंशकी उदय कराया। .
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माथवरसिंह थापा
माथवरसिंह थापा नेपालके प्रधानमन्त्री एवम् नेपाली सेना के कमाण्डर-इन-चिफ थे। उनका कार्यकाल सन् १८४३ से १८४५ तक रहा जब उनके भान्जा जंगबहादुर राणा द्वारा हत्या हुई। प्रधानमन्त्री भीमसेन थापाको सजाय मिल्नेके बाद, उनके भतिजा होनेके कारण वो शिमला, भारत में शरण लिए। विक्रम सम्वत १९०० में थापा वंशके ज्येष्ठ पुरुष होने के कारण उन्हें महारानी राज्यलक्ष्मी से वापसी का पत्र मिला और वो पंजाब से नेपाल पहुंचे। उन्हें प्रधानमन्त्री पद एवम् मुकुट से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने चाचा के मुद्दे को अनुसन्धान करते हुए पाँडे वंशके रणजंग पाँडे को छोडकर सबही ज्येष्ठ सदस्य को प्राणदण्ड दिया। उनका हत्या अपने भान्जे जंगबहादुर राणा ने किया। .
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राणा वंश
राणा वंश नेपाल का एक क्षत्रिय शासक वंश है। सन् १८४६ से १९५१ तक नेपाल अधिराज्य में शाह वंश ने नाम मात्र के शासक बनाकर निरंकुश शासन जमाया था। सन् १९५१ सालके क्रान्तिसे राणा शासनका अन्त्य हो गया और फिरसे राजा त्रिभुवन शक्तिशाली बनगए। इस वंश को काजी बालनरसिंह कुँवर के पुत्र जंगबहादुर राणा ने स्थापित किया था। थापा वंशके माथवरसिंह थापाकी हत्या करने के पश्चात कोत पर्व और भण्डरखाल पर्व दोनो हत्याकांड के बाद कुँवर परिवार का उदय हुआ था। बाद में उन्होनें कुँवर से राणा नाम लिखना सुरु किया था। .
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रामकृष्ण कुँवर
रामकृष्ण कुँवर गोरखाली सेनाके सरदार थे। उन्होंने गोरखा राज्यके लिए विभिन्न युद्धमें नेतृत्व किया था। उन्होंने २५ अगस्ट १७६७ के हरिहरपुरगढीके युद्धमें ब्रिटिस सेनाको परास्त किया था। http://www.royalark.net/Nepal/lamb2.htm उनके वंशजने नेपालके एक शक्तिशाली राणा वंश स्थापित किया था। उनके नाति काजी बालनरसिंह कुँवर थे जिनके पुत्र जंगबहादुर राणा नेपालके प्रधानमन्त्री एवम् कमाण्डर-इन-चिफ बन गए। .
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काजी
काजी नेपालके उच्च घरानेके क्षत्रिय पुरूषोंको दियाजानेवाला उपाधि है। ये नेपाली पहाडी जाति क्षेत्रीको दियाजाता था। काजी पुरूष नेपाल दरबारमेंं १८ सताब्दी से जंगबहादुर राणाके उदयतक सशक्त रुपसे राजनीति करते थे। पाँच काजी परिवारोंमे बस्नेत, बिष्ट, पाण्डे, कुँवर और थापा है। http://www.karma99.com/2013/01/chhettri.html?m.
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कुँवर
कुँवर वा कँवर नेपाली क्षत्रिय वर्णके क्षेत्री जातिके पारिवारिक नाम है। इस परिवारकी उत्पत्ति नेपालके कर्णाली प्रदेशमे अन्य क्षेत्री जातिके साथ हुआ था। कुँवरका अर्थ नेपाली भाषामें कुमार है। यिनका भारतीय राजपुत और मराठा राजाओं से कुछ वैवाहिक सम्बन्ध है। भारतमे पाएजानेवाले कुँवर अलग वंशजके है। कुँवर पाँच पुस्त्यौनी काजी परिवार मध्ये एक है। अन्य चार परिवार बिष्ट, पाण्डे, बस्नेत और थापा है। इनके गोत्र वत्स गोत्र है। रामकृष्ण कुँवर पृथ्वीनारायण शाहके सेनामे सरदार थे। बलभद्र कुंवर भीमसेन थापाके भान्जा है। बलभद्र ने नेपाल अंग्रेज युद्धमें नेतृत्व किया था। जब बालनरसिंहके बेटे जंगबहादुर राणा प्रधानमन्त्री हुए तब बालनरसिंह कुँवर, बलराम कुँवर र रेवन्त कुँवरके वंशजोने बादमे राणा नाम लिया था। .
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क्षेत्री
क्षेत्री या छेत्री नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले योद्धा वर्ण के मुल निवासी हैं, इन्हें पहाड़ी राजपुत, खस राजपुत, नेपाली या गोर्खाली क्षत्रिय भी कहाँ जाता है। ये एक हिन्द-आर्य भाषिक जाति हैं। क्षेत्री या छेत्री या क्षथरीय सब क्षत्रिय के अपभ्रंश हैं और ये हिन्दू वर्ण व्यवस्था के अन्तर्गत क्षत्रिय वर्ण में आते हैं। ये लोग मूल रूप से सैनिक, राजा और प्रशासनिक क्षेत्र में काफी आगे हैं। ये बाहुन (खस ब्राह्मण) और खस दलित के जैसे खस समुदाय के एक विभाजन हैं। क्षेत्री नेपाल के कुल जनसंख्या में सर्वाधिक १६.६% हैं। इस जाति को नेपाल में सत्तारुढ माना जाता है। इन लोगों की उत्पत्ति के बारे में विभिन्न इतिहासकार और खोजकर्ता जेसै कि डोरबहादुर विष्ट और सूर्यमणि अधिकारी, आदि के अनुसार नेपाल के पश्चिमी पहाड़ी इलाका कर्णाली प्रदेश में हुआ था। इस जाति के पूर्वज पूर्वी इरानी भाषिक खस जाति हैं जो बाह्लिक-गान्धार क्षेत्रमें पाए जाते थे। आज ये नेपाल के सभी क्षेत्रों और भारत के कुछ क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं। ये लोग पूर्णत: हिन्दु होते हैं और स्थानिय मष्टो देवता की पुजा करते हैं। इस पुजा को मष्ट पुजा या देवाली कहते हैं। इन का मातृभाषा नेपाली भाषा है और ये इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार के सदस्य हैं। नेपाल के खस राजवंश, खप्तड राजवंश, सिंजा राजवंश, थापा वंश, बस्नेत, कुँवर और पाँडे वंश, दरबारिया समुह और नेपाल के पिछले समय के क्रुर शासक राणा वंश भी क्षेत्री(छेत्री) जाति में आते हैं। क्षेत्री (छेत्री) अधिकतर नेपाल सरकार और नेपाली सेना के उच्च पद पर कार्यरत पाए जाते हैं। इन के लिए भारतिय सेना में एक सैनिक दस्ता ९वीं गोरखा रेजिमेन्त आरक्षित है। .
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