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चीनी भावचित्र

सूची चीनी भावचित्र

चीनी लिपि में 'आँख' के लिए भावचित्र 'आँख' के भावचित्र का हस्त-लिखित रूप शांग राजवंश काल में हड्डियों पर खरोंचे गए स्वर-अर्थ संयुक्त भावचित्र - इनसे भविष्यवानियाँ की जाती थीं सन् १४३६ में बनी चीनी भावचित्र सिखाने के लिए एक पुस्तक का पृष्ठ गाय के चित्र से कैसे उसका आधुनिक भावचित्र बदलावों के साथ उत्पन्न हुआ चीनी भावचित्रों में हर दिशा में खीची जाने वाली हर प्रकार की लकीर का एक भिन्न नाम है - हर भावचित्र में यह लकीरें अलग तरह से सम्मिलित होती हैं - यहाँ दिखाए गए भावचित्र 永 का मतलब 'हमेशा' या 'सनातन' है हानज़ी अथवा चीनी भावचित्र (अंग्रेज़ी: Chinese characters, चाइनीज़ कैरॅक्टर्ज़) चीनी भाषा और (कुछ हद तक) जापानी भाषा लिखने के लिए इस्तेमाल होने वाले भावचित्र होते हैं। इन्हें चीनी के लिए जब प्रयोग किया जाए तो यह हानज़ी(汉字/漢字, hanzi) कहलाते हैं और जब जापानी के लिए प्रयोग किया जाए तो कानजी (漢字, kanji) कहलाते हैं। पुराने ज़माने में इनका प्रयोग कोरियाई भाषा और वियतनामी भाषा के लिए भी होता था। चीनी भावचित्र दुनिया की सब से पुरानी चलती आ रही लिखने की विधि है।, Hans Jensen, Allen & Unwin, 1969,...

24 संबंधों: चीनी भाषा, चीनी लिपि, झुआंग लोग, झेजियांग, तान्गूत भाषा, तान्गूत लोग, नोसू भाषा, पश्चिमी शिया, पुरानी तुर्की लिपि, बएकदू पर्वत, बेकजे, मंगोलों का गुप्त इतिहास, शांग राजवंश, हान राजवंश, हूनान, हूबेई, हेनान, हेबेई, हेइलोंगजियांग, जिआंगशी, जीलिन, वर्णमाला, गुइयांग, कानजी

चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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चीनी लिपि

चीनी लिपि संसार की प्राचीनतम लिपियों में से है। यह चित्रलिपि का ही रूपांतर है और इसमें अक्षरों की बजाए हज़ारों चीनी भावचित्रों के द्वारा लिखा जाता है। इसमें मानव जाति के मस्तिष्क के विकास की अद्भुत् कहानी मिलती है - मानव ने किस प्रकार मछली, वृक्ष, चंद्र, सूर्य आदि वसतुओं को देखकर उनके आधार पर अपने मनोभावों की व्यक्त करने के लिये एक विभिन्न चित्रलिपि ढूँढ़ निकाली। ईसवी सन् के 1700 वर्ष पूर्व से लगाकर आजतक उपयोग में आनेवाले चीनी शब्दों की आकृतियों में जो क्रमिक विकास हुआ है उसका अध्ययन इस दृष्टि से बहुत रोचक है। .

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झुआंग लोग

गुआंगशी प्रांत के लोंगझोऊ ज़िले की कुछ महिला झुआंग कलाकार पिंग आन, एक झुआंग गाँव झुआंग (झुआंग: Bouxcuengh, चीनी: 壮族, अंग्रेज़ी: Zhuang) दक्षिणी चीन में बसने वाली एक मानव जाति का नाम है। यह अधिकतर चीन के गुआंगशी प्रांत में रहते हैं, जिस वजह से उसे 'गुआंगशी झुआंग स्वशासित प्रदेश' (Guangxi Zhuang Autonomous Region) भी कहा जाता है। इसके आलावा झुआंग समुदाय युन्नान, गुआंगदोंग, गुइझोऊ और हूनान प्रान्तों में भी मिलते हैं। कुल मिलाकर दुनिया भर में झुआंग लोगों की आबादी १.८ करोड़ है। हान चीनी लोगों के बाद यह चीन का दूसरा सबसे बड़ा जातीय समुदाय है। झुआंग भाषाएँ ताई-कादाई भाषा-परिवार की सदस्य हैं - इस परिवार की भाषाएँ पूर्वोत्तर भारत में भी मिलती हैं। .

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झेजियांग

झेजिआंग (浙江, Zhejiang) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी तट पर स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त की राजधानी हांगझोऊ है। 'झेजिआंग' का मतलब 'टेढ़ी नदी' होता है, जो चिआनतांग नदी का पुराना नाम था। चीनी भावचित्रों में इस प्रान्त के नाम को संक्षिप्त रूप से '浙' ('झे') लिखा जाता है। झेजिआंग चीन के सबसे समृद्ध प्रान्तों में से एक है और ऐतिहासिक रूप से हांगझोऊ चीन की राजधानी भी रहा है।, Simon Holledge, Lynn Pan, Passport Books, 1987, Random House Digital, Inc., 2007, ISBN 9781400017317 .

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तान्गूत भाषा

बौद्ध सूत्र तान्गूत भाषा (Tangut) या शी शिया भाषा (西夏) एक प्राचीन उत्तरपूर्वी तिब्बती-बर्मी भाषा थी जो कभी पश्चिमी शिया साम्राज्य के तान्गूत लोगों द्वारा बोली जाती थी। इसे कभी-कभी तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की चिआंगी उपशाखा (Qiangic) में वर्गीकृत किया जाता है।, James Matisoff, 2004.

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तान्गूत लोग

चीन के निंगशिया प्रांत से १०वीं या ११वीं सदी में बनी एक तस्वीर जो शायद एक तान्गूत आदमी की है तान्गूत (चीनी भाषा: 党项, अंग्रेज़ी: Tangut) एक तिब्बती-बर्मी भाषा बोलने वाला समुदाय था जिसने प्राचीन चीन के पश्चिम में पश्चिमी शिया राज्य स्थापित किया। माना जाता है कि वे १०वीं सदी ईसवी से पहले उत्तर-पश्चिमी चीन में आ बसे थे। माना जाता है कि इनका तिब्बती लोगों से नसल का सम्बन्ध था लेकिन जहाँ ऐसी अन्य जातियाँ तिब्बती समुदाय में घुल गई वहाँ तान्गूत तिब्बत से दूर उत्तर में थे इसलिए इनकी अलग पहचान बनी रही।, Sam Van Schaik, Yale University Press, 2011, ISBN 978-0-300-15404-7,...

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नोसू भाषा

सिचुआन में एक मार्गदर्शक जिसमें सबसे ऊपर नोसू (यी) में, उसके नीचे चीनी में और सबसे नीचे अंग्रेज़ी में लिखा हुआ है नोसू (नोसू: ꆈꌠ, अंग्रेज़ी: Nuosu), जिसे उत्तरी यी, लिआंगशान यी और सिचुआन यी भी कहा जाता है, दक्षिणी चीन में बसने वाले यी लोगों द्वारा बोली जाने वाली तिब्बती-बर्मी भाषाओँ की सदस्य यी भाषाओँ की मानक भाषा है। सारी यी बोलियों में यह अकेली है जिसे पाठशालाओं में लिखित रूप से पढ़ाया जाता है। दुनिया भर में ८० लाख की आबादी रखने वाले यी समुदाय में से २० लाख अब नोसू बोलते हैं और यह तादाद बढ़ रही है। तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार में यी भाषाएँ बर्मी भाषा के करीब मानी जाती हैं।, Foong Ha Yap, Janick Wrona, Karen Grunow-harsta, John Benjamins Publishing Company, 2011, ISBN 978-90-272-0677-0,...

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पश्चिमी शिया

सन् ११११ ईसवी में पश्चिमी शिया राजवंश का क्षेत्र (हरे रंग में) तान्गूत सरकार द्वारा जारी यह कांसे के अधिकारपत्र धारक को 'घोड़े जलाने' (यानि आपातकाल में सरकारी घोड़े तेज़ी से दोड़ाकर थका डालने) की अनुमति देते थे पश्चिमी शिया राजवंश (चीनी: 西夏, शी शिया; अंग्रेजी: Western Xia) जिसे तान्गूत साम्राज्य (Tangut Empire) भी कहा जाता है पूर्वी एशिया का एक साम्राज्य था जो आधुनिक चीन के निंगशिया, गांसू, उत्तरी शान्शी, पूर्वोत्तरी शिनजियांग, दक्षिण-पश्चिमी भीतरी मंगोलिया और दक्षिणी मंगोलिया पर सन् १०३८ से १२२७ ईसवी तक विस्तृत था। तान्गूत लोग तिब्बती लोगों से सम्बंधित माने जाते हैं और उन्होंने चीनी लोगों का पड़ोसी होने के बावजूद चीनी संस्कृति नहीं अपनाई। तिब्बती और तान्गूत लोग इस साम्राज्य को मिन्याक साम्राज्य (Mi-nyak) बुलाते थे। तान्गुतों ने कला, संगीत, साहित्य और भवन-निर्माण में बहुत तरक्की की थी। सैन्य क्षेत्र में भी वे सबल थे - वे शक्तिशाली लियाओ राजवंश, सोंग राजवंश और जिन राजवंश (१११५–१२३४) का पड़ोसी होते हुए भी डट सके क्योंकि उनका फ़ौजी बन्दोबस्त बढ़िया था। रथी, धनुर्धर, पैदल सिपाही, ऊँटों पर लदी तोपें और जल-थल दोनों पर जूझने को तैयार टुकड़ियाँ सभी उनकी सेना का अंग थीं और एक-साथ आयोजित तरीक़े से लड़ना जानती थीं।, David Hartill, Trafford Publishing, 2005, ISBN 978-1-4120-5466-9,...

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पुरानी तुर्की लिपि

किज़िल में पुरानी तुर्की लिपि में तराशा हुआ एक शिलालेख विल्हेल्म तोमसेन द्वारा बनाई पुरानी तुर्की लिपि के वर्णों की फ़हरिस्त पुरानी तुर्की लिपि (Old Turkic script), जिसे ओरख़ोन लिपि (Orkhon script), ओरख़ोन-येनिसेय लिपि (Orkhon-Yenisey script) और गोएकतुर्क लिपि (Göktürk script) भी कहते हैं, गोएकतुर्क और अन्य तुर्की-भाषी ख़ानतों द्वारा पुरानी तुर्की भाषा को लिखने के लिए ८वीं से लेकर १०वीं सदी तक प्रयोग होने वाली एक वर्णमाला थी। इसे कभी-कभी रूनीनुमा तुर्की लिपि (Runiform Turkish script) भी कहते हैं क्योंकि दिखने में यह यूरोप की जर्मैनी भाषाएँ लिखने के लिए प्रयोग होने वाली रूनी लिपि जैसी थी, हालांकि इन दोनों लिपियों का वैसे कोई वास्तविक सम्बन्ध नहीं है। पुरानी तुर्की लिपि उर्दू और अरबी-फ़ारसी लिपि की तरह दाएँ से बाएँ पढ़ी जाती थी।, Wolfgang-Ekkehard Scharlipp, Kantzilaris Centre, 1994, ISBN 978-9963-8124-0-0 .

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बएकदू पर्वत

अंतरिक्ष से ली गई बएकदू ज्वालामुखी और उसके क्रेटर के कुछ भाग में स्थित 'तियान ची' नामक ज्वालामुखीय झील की तस्वीर उत्तर कोरिया और चीन की सरहद के नक़्शे पर बएकदू पर्वत सर्दियों में बर्फ़ से ढका बएकदू पर्वत और स्वर्ग झील (तियान ची) बएकदू पर्वत (कोरियाई: 백두산, Baekdu-san), जिसे चांगबाई पर्वत (चीनी: 长白山, Changbai shan) या बाईतोऊ (Baitou) भी कहा जाता है, उत्तर कोरिया और चीन की सरहद पर स्थित एक २,७४४ मीटर ऊंचा ज्वालामुखी है। यह चांगबाई पर्वत शृंखला का सबसे ऊंचा शिखर है। यह पूरे कोरियाई प्रायद्वीप (पेनिन्सुला) का भी सबसे ऊंचा पहाड़ है। कोरिया के लोग इसे एक पवित्र पर्वत मानते हैं और इसे कोरिया का एक राष्ट्रीय चिह्न समझते हैं।, Dale T. Irvin, Akintunde E. Akinade, Orbis Books, 1996, ISBN 978-1-57075-084-7,...

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बेकजे

३७५ ईसवी में अपने चरम पर बेकजे राज्य बेकजे (कोरियाई: 백제, अंग्रेज़ी: Baekje) या पेकचे एक प्राचीन कोरियाई राज्य था जो दक्षिण-पूर्वी कोरिया में स्थित था। यह १८ ईसापूर्व से ६६० ईसवी तक अस्तित्व में रहा। गोगुरयेओ और सिल्ला के साथ यह 'प्राचीन कोरिया के तीन राज्यों' में से एक था। बेकजे राज्य की स्थापना गोगुरयेओ राज्य के संस्थापक जुमोंग (추몽, Jumong) के तीसरे बेटे ओंजो (온조왕, Onjo) ने के थी। जैसे-जैसे तीनों राज्य कोरियाई प्रायद्वीप पर अपना प्रभाव बढ़ाते गए, बेकजे कभी गोगुरयेओ और सिला के साथ लड़ता था और कभी संधियाँ करता था।, Jae-un Kang, Jae-eun Kang, Homa & Sekey Books, 2006, ISBN 978-1-931907-37-8,...

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मंगोलों का गुप्त इतिहास

सन् १९०८ में चीनी भावचित्र लिपि में लिखी मंगोल भाषा में 'मंगोलों का गुप्त इतिहास' की एक प्रति मंगोलों का गुप्त इतिहास (प्राचीन मंगोल: 30px, मोंगग़्योल निग़ुचा तोबचियान; अंग्रेज़ी: Secret History of the Mongols) मंगोल भाषा की सबसे पुरानी साहित्य कृति है जो आधुनिक काल तक उपलब्ध है। चंगेज़ ख़ान की सन् १२२७ में हुई मृत्यु के बाद यह किसी अज्ञात लेखक द्वारा मंगोल शाही परिवार के लिए लिखी गई थी। माना जाता है कि इसे सबसे पहले प्राचीन मंगोल लिपि में लिखा गया था हालाँकि वर्तमान तक बची हुई इसकी प्रतियाँ सभी चीनी भावचित्रों में या उस से लिप्यान्तरण करके बनी हैं। यह चीनी लिपि में आधारित प्रतियाँ १४वीं शताब्दी में मिंग राजवंश द्वारा 'युआन राजवंश का गुप्त इतिहास' के नाम से मंगोल लिपि से लिप्यान्तरण करके बनवाई गई थी।, Herbert Franke, Cambridge University Press, 1994, ISBN 978-0-521-24331-5,...

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शांग राजवंश

चीन के शांग राजवंश का इलाक़ा (पीला रंग) शांग काल में हड्डियों पर खरोंची गई चीनी चित्रलिपि - इनसे भविष्यवानियाँ की जाती थीं शांग राजवंश (चीनी: 商朝, शांग चाओ; पिनयिन अंग्रेज़ीकरण: Shang dynasty) प्राचीन चीन में लगभग १६०० ईसापूर्व से १०४६ ईसापूर्व तक राज करने वाला एक राजवंश था, जिनका राज्य ह्वांगहो (पीली नदी) की वादी में स्थित था। चीनी स्रोतों के अनुसार यह राजवंश शिया राजवंश के राजकाल के बाद आया और शांग राजवंश के बाद चीन में झोऊ राजवंश सत्ता में आया। चीन के हेनान प्रांत के सुदूर उत्तरी इलाक़े में स्थित यिनशु पुरातत्व स्थल को शांग राजधानी का स्थान माना जाता है। यहाँ ग्याराह शाही मक़बरे मिले हैं और महलों-मंदिरों के खँडहर भी मिले हैं। इनसे हथियार और जानवरों और मानवों की बलि देने के स्थल भी देखे गए हैं। इसके अलावा हज़ारों कांसे, हरिताश्म (जेड), पत्थर, हड्डी और चिकनी मिटटी की वस्तुएँ मिली हैं, जिनकी बारीक़ कारीगिरी को देखकर इस संस्कृति के काफ़ी विकसित होने का पता चलता है।, James P. Holoka, Jiu-Hwa Lo Upshur, West Pub.

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हान राजवंश

चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...

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हूनान

चीन में हूनान प्रांत (लाल रंग में) हूनान (湖南, Hunan) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित एक प्रांत है। हूनान का अर्थ 'झील से दक्षिण' होता है, जो इस प्रांत की दोंगतिंग झील से दक्षिण की स्थिति पर पड़ा है। हूनान की राजधानी चांगशा (长沙, Changsha) शहर है। क्योंकि शिआंग नदी इस प्रान्त की एक प्रमुख नदी है इसलिए इस प्रान्त को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से 'शिआंग' (湘, Xiang) लिखा जाता है। यह प्राचीनकाल में शक्तिशाली चू राज्य का हिस्सा था। हूनान का क्षेत्रफल २,११,८०० वर्ग किमी है, यानि भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ६,५६,८३,७२२ थी, यानि भारत के झारखंड राज्य से ज़रा कम। हूनान का मौसम गरम और नम माना जाता है। सर्दियों में बर्फ़ कभी-कभार ही पड़ती है। मौसम में गर्मी और नमी के कारण खाना जल्दी ख़राब हो जाता है, इसलिए हुनानी खाना अपने मिर्च-मसालों के लिए प्रसिद्ध है जो इसे अधिक देर तक सुरक्षित रखते हैं।, Noelle Salmi, John Wiley & Sons, 2009, ISBN 978-0-470-38744-3,...

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हूबेई

चीन में हूबेई प्रांत (लाल रंग में) हूबेई (湖北, Hubei) जनवादी गणराज्य चीन के मध्य भाग में स्थित एक प्रांत है। हूबेई का अर्थ 'झील से उत्तर' होता है, जो इस प्रांत की दोंगतिंग झील से उत्तर की स्थिति पर पड़ा है। हुबेई की राजधानी वूहान (武汉, Wuhan) शहर है। चीनी इतिहास के चिन राजवंश काल में हुबेई के पूर्वी भाग में 'अ' (鄂) नामक प्रान्त होता था जिस वजह से हुबेई को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से '鄂' (अ, È) लिखा जाता है। यहाँ प्राचीनकाल में शक्तिशाली चू राज्य भी स्थित था इसलिए इसे लोक-संस्कृति में 'चू' (楚, Chu) भी बोला जाता है। हूबेई का क्षेत्रफल १,८५,९०० वर्ग किमी है, यानि भारत के कर्नाटक राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ५,७२,३७,७४० थी, यानि भारत के गुजरात राज्य से ज़रा कम। इस प्रान्त के पश्चिमी इलाक़े के वुदांग पहाड़ों (武当山, Wudang Shan, वुदांग शान) में बहुत से ऐतिहासिक ताओधर्मी मठ हैं, जिनमें से कुछ में कंग-फ़ू जैसी युद्ध कलाएँ सिखाई जाती थीं। हूबेई का मौसम अच्छा माना जाता है: न ज़्यादा गर्म और न अधिक सर्द। सर्दियों में बर्फ़ कभी-कभार ही पड़ती है। प्रान्त में हान चीनी लोग बहुसंख्य हैं, हालांकि दक्षिण-पश्चिमी भाग में मियाओ लोगों की ह्मोंग जाति और तुजिया लोगों के समुदाय रहते हैं।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2,...

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हेनान

हेनान (河南, Henan) जनवादी गणराज्य चीन के केन्द्रीय भाग में स्थित एक प्रांत है। हान राजवंश के ज़माने में इस क्षेत्र में एक युझोऊ (豫州, Yuzhou) नामक राज्य हुआ करता था इसलिए चीनी भावचित्रों में हेनान प्रांत को संक्षिप्त रूप में '豫' (उच्चारण: यु) लिखते हैं। 'हेनान' नाम दो शब्दों को जोड़कर बना है: 'हे' यानि 'नदी' और 'नान' यानि 'दक्षिण'। हेनान पीली नदी (ह्वांग हे) के दक्षिण में है, इसलिए इसका नाम यह पड़ा। हेनान को चीनी सभ्यता की जन्मभूमि माना जाता है क्योंकि चीन का एक अति-प्राचीन राजवंश, शांग राजवंश, यहीं केन्द्रित था।, Long River Press, 2008, ISBN 978-1-59265-060-6,...

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हेबेई

चीन में हेबेई प्रांत (लाल रंग में) हेबेई (河北, Hebei) जनवादी गणराज्य चीन के उत्तरी भाग में स्थित एक प्रांत है। हेबेई का अर्थ 'नदी से उत्तर' होता है, जो इस प्रांत की पीली नदी (ह्वांग हो) से उत्तर की स्थिति पर पड़ा है। हान राजवंश के ज़माने में यहाँ जी प्रांत होता था जिस वजह से हेबेई को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से '冀' (जी) लिखा जाता है।, Gregory Veeck, Clifton W. Pannell, Christopher J. Smith, Youqin Huang, Rowman & Littlefield, 2011, ISBN 978-0-7425-6783-2 हेबेई का क्षेत्रफल १,८७,७०० वर्ग किमी है, यानि भारत के कर्नाटक राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ७,१८,५४,२०२ थी, यानि भारत के तमिल नाडू राज्य से ज़रा कम। हेबेई की राजधानी और सबसे बड़ा शहर शिजियाझुआंग है। .

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हेइलोंगजियांग

चीन में हेइलोंगजियांग प्रांत (लाल रंग में) हेइलोंगजियांग (黑龙江省, Heilongjiang) जनवादी गणराज्य चीन के सुदूर पूर्वोत्तर में स्थित एक प्रांत है जो ऐतिहासिक मंचूरिया क्षेत्र का भाग है। हेइलोंगजियांग का मतलब 'काली अझ़दहा नदी' होता है, जो चीनी भाषा में अमूर नदी का नाम है। चीनी भावचित्रों में इसका संक्षिप्त एकाक्षरी चिह्न '黑' (हेइ) है। इस इलाक़े को मान्छु भाषा में 'साहालियान उला' (ᠰᠠᡥᠠᠯᡳᠶᠠᠨ ᡠᠯᠠ, अर्थ: काली नदी) कहते हैं और मंगोल भाषा में भी इसका नाम क़ारामोएरिन (यानि 'काली नदी') है। उत्तर और पूर्व में इस प्रांत की सीमाएँ रूस को लगती हैं। हेइलोंगजियांग प्रांत की राजधानी और सबसे बड़ा शहर हारबिन है। चीन के सबसे उत्तरी और सबसे पूर्वी स्थान दोनों इसी प्रांत में पड़ते हैं। इस शहर में बहुत सर्दी पड़ती है और यह सर्दियों में आयोजित होने वाले बर्फ़-मूर्तिकला उत्सवों के लिए प्रसिद्ध है। इस प्रांत में मान्छु, रूसी, मंगोल और बहुत से अन्य प्रभाव नज़र आते हैं।, Simon Foster, Jen Lin-Liu, Sharon Owyang, Sherisse Pham, Beth Reiber, Lee Wing-sze, John Wiley & Sons, 2010, ISBN 978-0-470-52658-3 .

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जिआंगशी

चीन में जिआंगशी प्रांत (लाल रंग में) जिआंगशी (江西, Jiangxi) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित एक प्रांत है। इसका विस्तार उत्तर में यांग्त्से नदी के मैदानी इलाक़ों से लेकर दक्षिण में पहाड़ी क्षेत्र तक है। जिआंगशी की राजधानी नानचांग शहर है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल १,६६,९०० वर्ग किमी है, यानि भारत के उड़ीसा राज्य से ज़रा ज़्यादा। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ४,४५,६७,४७५ थी और यह भी भारत के उड़ीसा राज्य से ज़रा ज़्यादा थी। जिआंगशी का नाम तंग राजवंश के काल से है जब इसे 'जिआंगनानशीदाओ' (江南西道, Jiangnanxidao) कहा जाता था, जिसका मतलब 'पश्चिमी जियांगनान प्रांत' है (जियांगनान एक भौगोलिक क्षेत्र का नाम है)। इस प्रांत से गान नदी निकलती है इसलिए इसका चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त नामांकन '赣' है (गान, Gan)। इस प्रांत में प्रसिद्ध पोयांग झील भी है, इसलिए इसे कभी-कभी 'गोमपोताइति' (贛鄱大地, Gompotaiti) भी कहते हैं, जिसका अर्थ है 'गान (उर्फ़ गोम) नदी और पो (उर्फ़ पोयांग) झील की महान भूमि'। जिआंगशी अपने पड़ोसी प्रान्तों से पिछड़ा हुआ है। यहाँ चावल की खेती पर ज़ोर है और इसे कभी-कभी 'चावल और मछली का देश' भी कहा जाता है। चीन में जिआंगशी के लोगों को कम महनती और आराम-पसंद भी समझा जाता है।, Khoon Choy Lee, World Scientific, 2005, ISBN 978-981-256-618-8,...

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जीलिन

चीन में जीलिन प्रांत (लाल रंग में) जीलिन (चीनी: 吉林, अंग्रेज़ी: Jilin, मान्छु: ᡤᡳ᠍ᡵᡳ᠌ᠨ ᡠᠯᠠ) जनवादी गणराज्य चीन के सुदूर पूर्वोत्तर में स्थित एक प्रांत है जो ऐतिहासिक मंचूरिया क्षेत्र का भाग है। 'जीलिन' शब्द मान्छु भाषा के 'गीरिन उला' (ᡤᡳ᠍ᡵᡳ᠌ᠨ ᡠᠯᠠ, Girin Ula) से आया है जिसका मतलब 'नदी के साथ' होता है। इसके चीनी भावचित्रों का अर्थ 'शुभ वन (जंगल)' है और इसका संक्षिप्त एकाक्षरी चिह्न '吉' (जी) है। जीलिन प्रान्त की सीमाएँ पूर्व में रूस और उत्तर कोरिया को लगती हैं। इस प्रान्त का क्षेत्रफल १,८७,४०० वर्ग किमी है, यानि भारत के कर्नाटक राज्य से ज़रा ज़्यादा। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी २,७४,६२,२९७ थी जो लगभग भारत के पंजाब राज्य के बराबर थी। जीलिन की राजधानी चांगचून शहर है। .

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वर्णमाला

तिब्बती वर्णमाला चित्रलिपि-आधारित शब्द है, जिसका अर्थ 'किताब' या 'लेख' होता है - यह अक्षर नहीं है और इसका सम्बन्ध किसी ध्वनि से नहीं है - जापान में इसे "काकू" पढ़ा जाता है जबकि चीन में इसे "शू" पढ़ा जाता है किसी एक भाषा या अनेक भाषाओं को लिखने के लिए प्रयुक्त मानक प्रतीकों के क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला (.

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गुइयांग

गुइयांग शहर में एक उद्यान और शहर का नज़ारा गुइयांग (贵阳, Guiyang) दक्षिणी चीन के गुइझोऊ प्रांत की राजधानी है। यह उस प्रांत के केन्द्रीय भाग में युन्नान-गुइझोऊ पठार पर वू नदी की नानमिंग उपनदी के किनारे बसा हुआ है। शहर १,१०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। सन् २०१० की जनगणना में गुइयांग की आबादी ४३,२४,५६१ थी जिनमें से २५,५२,६३५ शहरी इलाक़ों में बसे हुए थे। .

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कानजी

कानजी (漢字 Category:Articles containing Japanese-language text; जापानी उच्चारण: kandʑi  सुनो Category:Articles with hAudio microformats ), जापान द्वारा अपनाए गए शब्द-चिह्निक चीनी अक्षरों (हानज़ी) जिन्हें आधुनिक जापानी लेखन पद्धति में हिरागाना और काताकाना के साथ उपयोग किया जाता है। जापानी शब्द कानजी के चीनी अक्षरों का शाब्दिक अर्थ है "हान अक्षर" और चीनी शब्द हानज़ी के समान अक्षरों से लिखा जाता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

हानज़ी, चीनी भावचित्र लिपि, चीनी भावचित्रों

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