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कुशध्वज

सूची कुशध्वज

कुशध्वज कई हुए हैं- कुशध्वज (१): भागवत के अनुसार राजा जनक के पुत्र जिनकी बहन सीता और उर्मिला थीं। इनके पुत्र धर्मध्वज और पौत्र कृतध्वज एवं मितध्वज थे। कुशध्वज (२): वाल्मीकि रामायण, विष्णु पुराण, रामचरितमानस आदि के अनुसार जनक (सीरध्वज) के भाई मांडवी और श्रुतिकीर्ति के पिता। इन दोनों लड़कियों का विवाह क्रमश: भरत और शत्रुघ्न से हुआ था। कुशध्वज (३): देवगुरु बृहस्पति के एक पुत्र, जिनकी कन्या वेदवती थीं। इनके अतिरिक्त कुशध्वज नाम के और कई राजा तथा राजपुत्र हुए जिनमें सबसे प्रसिद्ध काशिराज कुशध्वज हैं जो परम शिवभक्त थे।.

1 संबंध: जनक

जनक

जनक नाम से अनेक व्यक्ति हुए हैं। पुराणों के अनुसार इक्ष्वाकुपुत्र निमि ने विदेह के सूर्यवंशी राज्य की स्थापना की, जिसकी राजधानी मिथिला हुई। मिथिला में जनक नाम का एक अत्यंत प्राचीन तथा प्रसिद्ध राजवंश था जिसके मूल पुरुष कोई जनक थे। मूल जनक के बाद मिथिला के उस राजवंश का ही नाम 'जनक' हो गया जो उनकी प्रसिद्धि और शक्ति का द्योतक है। जनक के पुत्र उदावयु, पौत्र नंदिवर्धन् और कई पीढ़ी पश्चात् ह्रस्वरोमा हुए। ह्रस्वरोमा के दो पुत्र सीरध्वज तथा कुशध्वज हुए। जनक नामक एक अथवा अनेक राजाओं के उल्लेख ब्राह्मण ग्रंथों, उपनिषदों, रामायण, महाभारत और पुराणों में हुए हैं। इतना निश्चित प्रतीत होता है कि जनक नाम के कम से कम दो प्रसिद्ध राजा अवश्य हुए; एक तो वैदिक साहित्य के दार्शनिक और तत्वज्ञानी जनक विदेह और दूसरे राम के ससुर जनक, जिन्हें वायुपुराण और पद्मपुराण में सीरध्वज कहा गया है। असंभव नहीं, और भी जनक हुए हों और यही कारण है, कुछ विद्वान् वशिष्ठ और विश्वामित्र की भाँति 'जनक' को भी कुलनाम मानते हैं। सीरध्वज की दो कन्याएँ सीता तथा उर्मिला हुईं जिनका विवाह, राम तथा लक्ष्मण से हुआ। कुशध्वज की कन्याएँ मांडवी तथा श्रुतिकीर्ति हुईं जिनके व्याह भरत तथा शत्रुघ्न से हुए। श्रीमद्भागवत में दी हुई जनकवंश की सूची कुछ भिन्न है, परंतु सीरध्वज के योगिराज होने में सभी ग्रंथ एकमत हैं। इनके अन्य नाम 'विदेह' अथवा 'वैदेह' तथा 'मिथिलेश' आदि हैं। मिथिला राज्य तथा नगरी इनके पूर्वज निमि के नाम पर प्रसिद्ध हुए। .

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