लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

औद्योगिक संबंध

सूची औद्योगिक संबंध

औद्योगिक संबंध एक बहु-विषयक कार्य क्षेत्र है जो रोजगार संबंध का अध्ययन करता है। औद्योगिक संबंधों को तेजी से रोजगार संबंध कहा जाने लगा है, ऐसा गैर-औद्योगिक रोजगार संबंधों के महत्व के कारण हुआ है। कई बाहरी लोग औद्योगिक संबंधों को श्रम संबंधों के बराबर भी मानते हैं और समझते हैं कि औद्योगिक संबंध केवल संगठित रोजगार स्थितियों का ही अध्ययन करते हैं, मगर यह एक अत्यधिक सरलीकरण है। स्वामी और श्रमिक के निजी उद्देश्यों की भिन्नता ने औद्योगिक संबंधों की समस्या को जन्म दिया। मानव कल्याण के प्रसाधन के रूप में अब उद्योगों के समाजिक उद्देश्य भली भाँति स्वीकार कर लिया गया है। इसका अर्थ है, काम करने के लिए अधिक अनुकूल ऐसी अवस्थाओं का सृजन जिनके अंतर्गत उत्पादन को सुव्यवस्थित किया जा सके और उत्पादन के दो मुख्य प्रसाधनों, पूँजी और श्रम, के बीच होनेवाली क्रिया प्रतिक्रिया को सुविभाजित करने के लिए एक उपयुक्त सिद्धांत बन सके। कारखानों की पुरानी व्यवस्था के अंतर्गत पूँजीपति श्रमिकों के साथ एक विक्रेय वस्तु की भाँति व्यवहार करते थे और वे पारश्रमिक, काम के घंटों और नौकरी के प्रतिबंधों के लिए माँग एवं पूर्ति के नियम के अनुसार अनुशासित होते थे। आरंभ में तो श्रमिकों ने इसे टल जानेवाली विपत्ति समझा, किंतु बाद में उन्हें यह भान हुआ कि उनके ये दु:ख प्राय: स्थायी से हो चले हैं। स्वामी के अधिकारक्षेत्र में उनके सामाजिक एवं भौतिक अभाव दिन दूने रात चौगुने होते गए और इस प्रकार दोनों के संबंध इस ढंग के न रहे जिन्हें किसी भी प्राकर सद्भावनापूर्ण कहा जा सके। समस्या दिनों-दिन उग्र रूप धारण करती गई। अब औद्योगिक संबंधों का अर्थ केवल स्वामी श्रमिक का संबंध ही नहीं रहा, अपितु वैयक्तिक संबंध, सह परामर्श, समितियों के संयुक्त लेन-देन तथा इन संबंधों के निर्वाह कार्य में सरकार की भूमिका आदि सब कुछ है। मध्ययुग में व्यापारों का क्षेत्र छोटा था तथा स्वामी एवं श्रमिक अधिक निकट संपर्क में थे। श्रमिक स्वामियों से पृथक अपनी एक भिन्न जाति ही समझते थे। धीरे-धीरे उन्हें बोध हुआ कि उनकी व्यक्तिगत शक्ति कितनी अल्प थी। फिर उनकी स्थिति में और भी पतन हुआ जिससे वे क्रीतदास के समान हो गए और अंतत: स्वामी श्रमिक का संबंध इसी आधार पर स्थिर हुआ। उत्पादन कार्य में कारखानों की पद्धति प्रारंभ होने पर श्रमिक वर्ग ने अपना संघ स्थापित करना आरंभ किया। इस दिशा में सर्वप्रथम ब्रिटेन के श्रमिक १९वीं सदी में अग्रगामी सिद्ध हुए, यद्यपि उनके संघ १८२४ ई. तक गैरकानूनी प्रतिबंध लगा ही रहा। फिर भी, औद्योगिक संघटनों (ट्रेड यूनियन) के आंदोलन के विकास के साथ-साथ संयुक्त मोल भाव (कलेक्टिव बार्गेनिंग) की प्रणाली शक्तिशाली बनती गई, और आज यह प्रणाली न केवल ब्रिटेन में, वरन् विश्व भर के देशों में, औद्योगिक संबंधों को सुनिश्चित करने की मुख्य प्रणाली के रूप में व्यवहृत हो रही है। इन संघटनों (यूनियन) का महत्व इतने से ही समझा जा सकता है कि १९०० ई. से इन्होंने कुछ देशों की राजनीति पर भी अपना प्रभाव डालना आरंभ कर दिया और उनके वर्तमान एवं भविष्य को अधिकाधिक प्रभावित करने लगे। औद्योगिक-श्रम-संघटनों का अंतर्राष्ट्रीय संघ १९१९ ई. में स्थापित हुआ जिसमें ६० देशों के मालिकों, श्रमिकों एवं सरकारों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। कुछ यूरोपीय देशों में मालिकों एवं श्रमिकों के संघटन सरकारी नियंत्रण में ले लिए गए। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान और उसके बाद भी अधिकांश देशों की सरकारों ने अपने मामलों में मालिकों एवं श्रमिकों के प्रतिनिधियों से परामर्श ग्रहण किया। अब सामान्यत: सभी श्रमिक देश के लिए अपना महत्व समझने लगे हैं और यह भी जान गए हैं कि उनकी सुखसुविधा अंतत: उत्पादन को विकसित करने पर ही अवलंबित है। .

4 संबंधों: मानव संसाधन प्रबंधन, श्रमावर्त, व्यावसायिक आयुर्विज्ञान, औद्योगिक संगठन

मानव संसाधन प्रबंधन

मानव संसाधन प्रबंधन (HRM) किसी प्रतिष्ठान की सबसे मूल्यवान उन आस्तियों के प्रबंधन का कौशलगत और सुसंगत दृष्टिकोण है- जो वहां काम कर रहे हैं तथा व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से व्यापार के उद्देश्यों की प्राप्ति में योगदान दे रहे हैं। "मानव संसाधन प्रबंधन" और "मानव संसाधन" (HR) शब्दों का स्थान मुख्यतः "कार्मिक प्रबंधन" शब्द ने ले लिया है, जो प्रतिष्ठान में लोगों के प्रबंधन में शामिल प्रक्रियाओं की व्याख्या करता है। सामान्य अर्थ में HRM का मतलब लोगों को रोजगार देना, उनके संसाधनों का विकास करना, उपयोग करना, उनकी सेवाओं को काम और प्रतिष्टान की आवश्यकता के अनुरूप बनाये रखना और बदले में (भरण-पोषण) मुआवजा देते रहना है। .

नई!!: औद्योगिक संबंध और मानव संसाधन प्रबंधन · और देखें »

श्रमावर्त

मानव संसाधन के सन्दर्भ में किसी कर्मचारी को किसी दूसरे कर्मचारी के द्वारा प्रतिस्थापित करने को श्रमावर्त या श्रम-प्रतिस्थापन (turnover) कहते हैं। किसी संगठन से कोई कर्मचारी कई कारणों से अलग हो सकता है- निष्कासन (टर्मिनेशन), सेवानिवृत्ति, मृत्यु, स्थानान्तरण, त्यागपत्र आदि। किसी संगठन का श्रमावर्त दर (turnover rate) एक निश्चित समय (जैसे एक वर्ष) में उस संगठन को छोड़ने वाले कर्मचारियों की संख्या, कर्मचारियों की कुल संख्या के प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है, अर्थात .

नई!!: औद्योगिक संबंध और श्रमावर्त · और देखें »

व्यावसायिक आयुर्विज्ञान

व्यावसायिक आयुर्विज्ञान (Occupational medicine) नैदानिक आयुर्विज्ञान (clinical medicine) की वह शाखा है जो व्यावसायिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित है। इसके विशेषज्ञ प्रत्यन करते हैं कि व्यावसायिक संरक्षा एवं स्वास्थ्य के उच्चतम मानदण्ड प्राप्त किये जा सके। इसका संबंध उद्योग के स्थलों में अंतर्व्याप्त परिस्थितियों के अध्ययन तथा नियंत्रण से है। बहुत पहले से ही स्वास्थ्यवेत्ता यह मानते आ रहे हैं कि काम करने वालों के स्वास्थ्य और कल्याण करने की परिस्थितियों का प्रभाव पड़ता है, जैसा बरडर्डाइन रमज़्ज़ने (Berdardine Ramazzne (७०० ई.)) की इस टिप्पणी से प्रत्यक्ष हो जाता है- .

नई!!: औद्योगिक संबंध और व्यावसायिक आयुर्विज्ञान · और देखें »

औद्योगिक संगठन

अर्थशास्त्र में, औद्योगिक संगठन (industrial organization) की संकल्पना का विकास फर्म के सिधान्त से विकसित हुई है। .

नई!!: औद्योगिक संबंध और औद्योगिक संगठन · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »