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एचआइवी

सूची एचआइवी

एचआइवी अथवा कपोसी सार्कोमा प्रभावित महिला की नाक का चित्र एचआईवी (ह्युमन इम्युनडिफिशिएंशी वायरस) या मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु एक विषाणु है जो शरीर की रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रहार करता है और संक्रमणों के प्रति उसकी प्रतिरोध क्षमता को धीरे-धीरे कम करता जाता है। यह लाइलाज बीमारी एड्स का कारण है। मुख्यतः यौण संबंध तथा रक्त के जरिए फैलने वाला यह विषाणु शरीर की श्वेत रक्त कणिकाओं का भक्षण कर लेता है। इसमें उच्च आनुवंशिक परिवर्तनशीलता का गुण है। यह विशेषता इसके उपचार में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। .

48 संबंधों: चयापचय, ऍचआइवी परीक्षण, एड्स, तपेदिक उपचार, नैदानिक निगरानी, प्रसूति-विज्ञान, पेशीशोषी पार्श्व काठिन्य (एमियोट्रॉफ़िक लैटरल स्कलिरॉसिस), फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, भारत की स्वास्थ्य समस्याएँ (2009), मदर टेरेसा, मलेरिया, मैट बोमर, यक्ष्मा, यूनिसेफ, योवेरी मुसेवेनी, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, रंगहीनता, रक्तदान, रक्ताधान, लिम्फाडेनोपैथी, शल्य प्रसव, श्वेतशल्कता, समर्थ प्रतिष्ठान, स्टीवेंस-जॉन्सन सिंड्रोम, हेपेटाइटिस सी, जीन चिकित्सा, विलियम एच॰ गेट्स, सीनियर, विश्व एड्स दिवस, विश्वमारी, विषाणु, वैश्विक स्वास्थ्य, वैकल्पिक चिकित्सा, वीर्य, खतना, ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन, ओजोन थेरेपी, आत्महत्या, आरएनए हस्तक्षेप, आर्थर ऐश, आईज़ैक असिमोव, कुष्ठरोग, क्लैमाइडिया संक्रमण, कृत्रिम परिवेशी निषेचन (इन विट्रो फ़र्टिलाइज़ेशन), कैनबिस (ड्रग), कोलकाता रेस्क्यू, अम्प्य्लोबक्तेरिओसिस, अलिसिया कीज़, २०१०

चयापचय

कोएन्ज़ाइम एडीनोसाइन ट्रायफ़ोस्फेट का संरचना, उर्जा मेटाबॉलिज़्म में एक केंद्र मध्यवर्ती चयापचय (metabolism) जीवों में जीवनयापन के लिये होने वाली रसायनिक प्रतिक्रियाओं को कहते हैं। ये प्रक्रियाएं जीवों को बढ़ने और प्रजनन करने, अपनी रचना को बनाए रखने और उनके पर्यावरण के प्रति सजग रहने में मदद करती हैं। साधारणतः चयापचय को दो प्रकारों में बांटा गया है। अपचय कार्बनिक पदार्थों का विघटन करता है, उदा.

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ऍचआइवी परीक्षण

रैंडाल एल. तोबियास, पू्र्व यूएस ग्लोबल एड्स कोआर्डिनेटर, इथियोपिया में परीक्षण के कलंक को कम करने के प्रयास में जनता के सामने एचआईवी का एड्स का जोखिम है। 16 फ़रवरी 2010 को प्राप्त. एचआईवी (HIV) जांच या परीक्षण सीरम, थूक या पेशाब में मानवी इम्यून डेफिशियेंसी वाइरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिये किया जाता हैं। ऐसे परीक्षण एचआईवी (HIV) एंटीबॉडियों, एंटीजनों या आरएनए (RNA) का पता लगा सकते हैं। .

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एड्स

उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण या एड्स (अंग्रेज़ी:एड्स) मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एच.आई.वी) संक्रमण के बाद की स्थिति है, जिसमें मानव अपने प्राकृतिक प्रतिरक्षण क्षमता खो देता है। एड्स स्वयं कोई बीमारी नही है पर एड्स से पीड़ित मानव शरीर संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु आदि से होती हैं, के प्रति अपनी प्राकृतिक प्रतिरोधी शक्ति खो बैठता है क्योंकि एच.आई.वी (वह वायरस जिससे कि एड्स होता है) रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर आक्रमण करता है। एड्स पीड़ित के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के क्रमशः क्षय होने से कोई भी अवसरवादी संक्रमण, यानि आम सर्दी जुकाम से ले कर क्षय रोग जैसे रोग तक सहजता से हो जाते हैं और उनका इलाज करना कठिन हो जाता हैं। एच.आई.वी.

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तपेदिक उपचार

विभिन्न फार्मास्युटिकल तपेदिक उपचार उनकी क्रिया तपेदिक उपचार शब्द का उपयोग संक्रामक रोग तपेदिक (क्षय या टीबी) के चिकित्सकीय उपचार के लिए किया जाता है। अगर सक्रिय तपेदिक का उपचार न किया जाये, हर तीन में से लगभग दो रोगियों की मृत्यु हो जाती है। तपेदिक के जिन रोगियों का उपयुक्त उपचार किया जाता है, उनमें मृत्यु दर केवल 5 प्रतिशत होती है। टीबी के लिए मानक उपचार में आइसोनियाज़िड, रिफाम्पिसिन (इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में रिफाम्पिन के नाम से भी जाना जाता है), पायराज़ीनामाईड और एथेमब्युटोल का उपयोग दो महीने के लिए किया जाता है, इसके बाद केवल आइसोनियाज़िड और रिफाम्पिसिन का उपयोग चार महीने के लिए किया जाता है। छह महीने बाद ऐसा माना जाता है कि रोगी का उपचार पूरा हो गया है। (हालांकि अभी भी 2 से 3 प्रतिशत मामलों में रोग के फिर से होने की संभावना होती है).

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नैदानिक निगरानी

नैदानिक निगरानी (या रोगलक्षणिक निगरानी) विश्लेषण का संदर्भ देता है और व्याख्या शिक्षा स्वास्थ्य नीति और स्वास्थ्य के बारे में निर्णय करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। ये अभी की निगरानी से अलग है, जो सभी के लिए लागू होता है। .

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प्रसूति-विज्ञान

प्रसूति-विज्ञान (लैटिन शब्द ऑब्स्टेयर, अर्थात्, "साथ देते रहना" से) गर्भावस्था (प्रसव से पहले की अवधि), शिशु-जन्म और प्रसव के बाद की अवधि के दौरान महिलाओं और उनके बच्चों की देखभाल से जुड़ी हुई शल्य चिकित्सीय विशेषता है। प्रसूति-विद्या गैर-शल्य समतुल्य है। पशु प्रसूति-विज्ञान, पशु चिकित्सा की अवधारणा के समान है। लगभग सभी आधुनिक प्रसूति-विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ भी हैं। .

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पेशीशोषी पार्श्व काठिन्य (एमियोट्रॉफ़िक लैटरल स्कलिरॉसिस)

पेशीशोषी पार्श्व काठिन्य (संक्षिप्त ALS, जिसे लाउ गेहरिग रोग के रूप में भी संदर्भित किया जाता है) गतिजनक न्यूरॉन रोग का एक रूप है। ALS, एक प्रगामी, घातक, तंत्रिका-अपजननात्मक रोग है, जो स्वैच्छिक मांसपेशियों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली केंद्रीय स्नायु प्रणाली की तंत्र कोशिकाएं गतिजनक न्यूरॉन के ह्रास के कारण होता है। उत्तरी अमेरिका में इस अवस्था को लोकप्रिय न्यूयॉर्क यांकीज़ बेसबॉल खिलाड़ी के नाम पर अक्सर लाउ गेहरिग रोग कहा जाता है, 1939 में जिनका इस रोग से पीड़ित के रूप में निदान किया गया था। .

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फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन

फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA या USFDA) संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग की एक एजेंसी है, यह विभाग संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय कार्यपालिका विभागों में से एक है, खाद्य सुरक्षा, तम्बाकू उत्पादों, आहार अनुपूरकों, पर्चे और पर्चे-रहित दवाओं(चिकित्सीय औषधि), टीका, जैवऔषधीय, रक्त आधान, चिकित्सा उपकरण, विद्युत चुम्बकीय विकिरण करने वाले उपकरणों (ERED), पशु उत्पादों और सौंदर्य प्रसाधनों के विनियमन और पर्यवेक्षण के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ज़िम्मेदार है। FDA अन्य कानून भी लागू करती है, विशेष रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम की धारा 361 और सम्बद्ध विनियम जिनमें से कई खाद्य या औषधि से सीधे संबंधित नहीं है। इनमें अंतर्राज्यीय यात्रा के दौरान स्वच्छता और कुछ पालतू पशुओं से लेकर प्रजनन सहायतार्थ शुक्राणु दान तक के उत्पादों पर रोग नियंत्रण शामिल है। FDA का नेतृत्व सेनेट की सहमति और सलाह से राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त आयुक्त, खाद्य और औषधि करते हैं। आयुक्त स्वास्थ्य और मानव सेवा के सचिव के नियंत्रणाधीन काम करते हैं। 21वें और वर्तमान आयुक्त हैं डॉ॰ मार्गरेट ए. हैम्बर्ग.

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भारत की स्वास्थ्य समस्याएँ (2009)

वर्ष 2009 में भारत के लोगों को पोलियो, एचआईवी और मलेरिया जैसी चिरपरिचित बिमारियों के साथ ही स्वाइन फ्लू नामक नई बीमारी का भी सामना करना पडा। इस वर्ष की दस प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएँ निम्नलिखित हैं- .

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मदर टेरेसा

मदर टेरेसा (२६ अगस्त १९१० - ५ सितम्बर १९९७) जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है, का जन्म अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, उस्मान साम्राज्य (वर्त्तमान सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य) में हुआ था। मदर टेरसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने १९४८ में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी। इन्होंने १९५० में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की। ४५ सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोगों की इन्होंने मदद की और साथ ही मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया। १९७० तक वे गरीबों और असहायों के लिए अपने मानवीय कार्यों के लिए प्रसिद्द हो गयीं, माल्कोम मुगेरिज के कई वृत्तचित्र और पुस्तक जैसे समथिंग ब्यूटीफुल फॉर गॉड में इसका उल्लेख किया गया। इन्हें १९७९ में नोबेल शांति पुरस्कार और १९८० में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। मदर टेरेसा के जीवनकाल में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी का कार्य लगातार विस्तृत होता रहा और उनकी मृत्यु के समय तक यह १२३ देशों में ६१० मिशन नियंत्रित कर रही थीं। इसमें एचआईवी/एड्स, कुष्ठ और तपेदिक के रोगियों के लिए धर्मशालाएं/ घर शामिल थे और साथ ही सूप, रसोई, बच्चों और परिवार के लिए परामर्श कार्यक्रम, अनाथालय और विद्यालय भी थे। मदर टेरसा की मृत्यु के बाद इन्हें पोप जॉन पॉल द्वितीय ने धन्य घोषित किया और इन्हें कोलकाता की धन्य की उपाधि प्रदान की। दिल के दौरे के कारण 5 सितंबर 1997 के दिन मदर टैरेसा की मृत्यु हुई थी। .

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मलेरिया

मलेरिया या दुर्वात एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है। प्रत्येक वर्ष यह ५१.५ करोड़ लोगों को प्रभावित करता है तथा १० से ३० लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है जिनमें से अधिकतर उप-सहारा अफ्रीका के युवा बच्चे होते हैं। मलेरिया को आमतौर पर गरीबी से जोड़ कर देखा जाता है किंतु यह खुद अपने आप में गरीबी का कारण है तथा आर्थिक विकास का प्रमुख अवरोधक है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियंत्रण किया जा सकता है। मलेरिया की रोकथाम के लिये यद्यपि टीके/वैक्सीन पर शोध जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपलब्ध नहीं हो सका है। मलेरिया से बचने के लिए निरोधक दवाएं लम्बे समय तक लेनी पडती हैं और इतनी महंगी होती हैं कि मलेरिया प्रभावित लोगों की पहुँच से अक्सर बाहर होती है। मलेरिया प्रभावी इलाके के ज्यादातर वयस्क लोगों मे बार-बार मलेरिया होने की प्रवृत्ति होती है साथ ही उनमें इस के विरूद्ध आंशिक प्रतिरोधक क्षमता भी आ जाती है, किंतु यह प्रतिरोधक क्षमता उस समय कम हो जाती है जब वे ऐसे क्षेत्र मे चले जाते है जो मलेरिया से प्रभावित नहीं हो। यदि वे प्रभावित क्षेत्र मे वापस लौटते हैं तो उन्हे फिर से पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। .

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मैट बोमर

मैथ्यू स्टेटन "मैट" बोमर (Matthew Staton "Matt" Bomer; जन्म: अक्टूबर 11, 1977) अमेरिकी फ़िल्म, रंगमंच और टेलिविज़न अभिनेता हैं। टॅक्सस में जन्मे और पले-बढ़े बोमर को छोटी उम्र में ही अभिनय से लगाव हो गया था और अपने इसी लगाव के कारण इन्होंने विद्यालय में पढ़ते समय ही रंगमंच पर अभिनय शुरू कर दिया। उच्च शिक्षा भी इन्होंने कारनेग मेलन यूनिवर्सिटी के ललित कला कार्यक्रम में प्राप्त की व 2001 में स्नातक हुए। इसके पश्चात ये न्यू यॉर्क शहर चले गए जहाँ से इन्होंने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की। बोमर ने कई टीवी शृंखलाओं में अभिनय किया है परन्तु ये अपने व्हाइट कॉलर के नील कैफ्री के किरदार के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं, जो कुशल जालसाज और चोर है लेकिन एफबीआई के लिए सलाहकार की तरह काम करता है। इन्होंने टेलिविज़न जगत में अपने कैरियर की शुरुआत गाइडिंग लाईट से 2001 में की। बोमर को अपनी एनबीसी टेलिविज़न शृंखला चक में निभाई गई ब्रायस लार्किन की आवर्ती भूमिका के लिए सराहना मिली। इन्होंने सहायक अभिनेता के तौर पर फ्लाइटप्लान (2005), इन टाइम (2011) और मैजिक माइक (2012) जैसी फ़िल्मों में काम किया है। बोमर डस्टिन लांस ब्लैक के ब्रॉडवे पर आयोजित हुए 8 नाटक में भी काम कर चुके हैं। बोमर वर्तमान में कई फ़िल्म परियोजनाओं से जुड़े हुए हैं जो 2014 या 2015 में रिलीज़ होने के लिए निर्धारित की गई हैं। इन्हें अपनी सुंदरता व समाज कार्य के लिए कई खिताब प्राप्त हुए हैं तथा 2013 में मैजिक माइक में अपनी भूमिका के लिए साझा तौर पर ये एमटीवी मूवी पुरस्कार के लिए भी नामांकित हुए थे। .

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यक्ष्मा

यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है। क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण स्पर्शोन्मुख और भीतरी होते हैं, लेकिन दस में से एक भीतरी संक्रमण, अंततः सक्रिय रोग में बदल जाते हैं, जिनको अगर बिना उपचार किये छोड़ दिया जाये तो ऐसे संक्रमित लोगों में से 50% से अधिक की मृत्यु हो जाती है। सक्रिय टीबी संक्रमण के आदर्श लक्षण खून-वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना हैं (बाद का यह शब्द ही पहले इसे "खा जाने वाला/यक्ष्मा" कहा जाने के लिये जिम्मेदार है)। अन्य अंगों का संक्रमण, लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है। सक्रिय टीबी का निदान रेडियोलोजी, (आम तौर पर छाती का एक्स-रे) के साथ-साथ माइक्रोस्कोपिक जांच तथा शरीर के तरलों की माइक्रोबायोलॉजिकल कल्चर पर निर्भर करता है। भीतरी या छिपी टीबी का निदान ट्यूबरक्यूलाइन त्वचा परीक्षण (TST) और/या रक्त परीक्षणों पर निर्भर करता है। उपचार मुश्किल है और इसके लिये, समय की एक लंबी अवधि में कई एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से उपचार की आवश्यकता पड़ती है। यदि आवश्यक हो तो सामाजिक संपर्कों की भी जांच और उपचार किया जाता है। दवाओं के प्रतिरोधी तपेदिक (MDR-TB) संक्रमणों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है। रोकथाम जांच कार्यक्रमों और बेसिलस काल्मेट-गुएरिन बैक्सीन द्वारा टीकाकरण पर निर्भर करती है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया की आबादी का एक तिहाई एम.तपेदिक, से संक्रमित है, नये संक्रमण प्रति सेकंड एक व्यक्ति की दर से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, 2007 में विश्व में, 13.7 मिलियन जटिल सक्रिय मामले थे, जबकि 2010 में लगभग 8.8 मिलियन नये मामले और 1.5 मिलियन संबंधित मौतें हुई जो कि अधिकतर विकासशील देशों में हुई थीं। 2006 के बाद से तपेदिक मामलों की कुल संख्या कम हुई है और 2002 के बाद से नये मामलों में कमी आई है। तपेदिक का वितरण दुनिया भर में एक समान नहीं है; कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में जनसंख्या का 80% ट्यूबरक्यूलाइन परीक्षणों में सकारात्मक पायी गयी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी का 5-10% परीक्षणों के प्रति सकारात्मक रहा है। प्रतिरक्षा में समझौते के कारण, विकासशील दुनिया के अधिक लोग तपेदिक से पीड़ित होते हैं, जो कि मुख्य रूप से HIV संक्रमण की उच्च दर और उसके एड्स में विकास के कारण होता है। .

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यूनिसेफ

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (अंग्रेज़ी:यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड, लघुनाम:यूनीसेफ) की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने ११ दिसंबर, १९४६ को की थी।। हिन्दुस्तान लाइव। १७ जनवरी २०१० १९५३ में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया। उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड की जगह यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया।। हिन्दी रेडियो। १० जून २००८ इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। वर्तमान में इसके मुखिया ऐन वेनेमन है। यूनीसेफ को १९६५ में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। १९८९ में संगठन को इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। डॉक्युमेंट आइ.डी:afpr000020011031dpbk02rxb, अभिगमन तिथि:४ नवम्बर २००६ इसके १२० से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और १९० से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में यूनीसेफ फंड एकत्रित करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट और टीमों की सहायता लेता है। यूनीसेफ का सप्लाई प्रभाग कार्यालय कोपनहेगन, डेनमार्क में है। यह कुछ महत्वपूर्ण सामान जैसे जीवन रक्षक टीके, एचआईवी पीड़ित बच्चों व उनकी माताओं के लिए दवा, कुपोषण के उपचार के लिए दवाइयां, आकस्मिक आश्रय आदि के वितरण की प्राथमिक जगह होती है। ३६ सदस्यों का कार्यकारी दल यूनीसेफ के कामों की देखरेख करता है। यह नीतियाँ बनाता है और साथ ही यह वित्तीय और प्रशासनिक योजनाओं से जुड़े कार्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान करता है। वर्तमान में यूनीसेफ मुख्यत: पांच प्राथमिकताओं पर केन्द्रित है। बच्चों का विकास, बुनियादी शिक्षा, लिंग के आधार पर समानता (इसमें लड़कियों की शिक्षा शामिल है), बच्चों का हिंसा से बचाव, शोषण, बाल-श्रम के विरोध में, एचआईवी एड्स और बच्चों, बच्चों के अधिकारों के वैधानिक संघर्ष के लिए काम करता है। .

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योवेरी मुसेवेनी

योवेरी मुसेवेनी (जन्म 15 अगस्त (लगभग) 1944) युगाण्डा के राजनीतिज्ञ हैं। वो २९ जनवरी १९८६ से युगाण्डा के राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति मुसेवेनी ने दशकों से विद्रोही गतिविधि और गृह युद्ध में उलझे यूगांडा में स्थिरता और आर्थिक विकास लाने का काम किया है। उनका कार्यकाल अफ्रीका में एचआईवी/ एड्स के लिए सबसे प्रभावी राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं में से एक रहा है। .

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राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन

एड्स जांच के लिए रक्त निकाला गया और परीक्षण किया गया। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नाको (NACO) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत संचालित विभाग है। यह भारत में एचआईवी / एड्स की रोकथाम के लिए 35 नियंत्रण समुदायों के माध्यम से कार्यक्रम का नियंत्रण तथा नेतृत्व प्रदान करता है। .

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रंगहीनता

रंगहीनता (ऐल्बिनिज़म) (लैटिन ऐल्बस, "सफ़ेद" से; विस्तारित शब्द व्युत्पत्ति देखें, इसे ऐक्रोमिया, ऐक्रोमेसिया, या ऐक्रोमेटोसिस (वर्णांधता या अवर्णता) भी कहा जाता है), मेलेनिन के उत्पादन में शामिल एंजाइम के अभाव या दोष की वजह से त्वचा, बाल और आँखों में रंजक या रंग के सम्पूर्ण या आंशिक अभाव द्वारा चिह्नित किया जाने वाला एक जन्मजात विकार है। ऐल्बिनिज़म, वंशानुगत तरीके से रिसेसिव जीन एलील्स को प्राप्त करने के परिणामस्वरूप होता है और यह मानव सहित सभी रीढ़धारियों को प्रभावित करता है। ऐल्बिनिज़म से प्रभावित जीवधारियों के लिए सबसे आम तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द "रजकहीन जीव (एल्बिनो) " है। अतिरिक्त क्लिनिकल विशेषणों के तहत कभी-कभी जानवरों को संदर्भित करने के लिए "ऐल्बिनोइड" और "ऐल्बिनिक" शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐल्बिनिज़म कई दृष्टि दोषों के साथ जुड़ा हुआ है, जैसे फोटोफोबिया (प्रकाश की असहनीयता), नीस्टैगमस (अक्षिदोलन) और ऐस्टिगमैटिज्म (दृष्टिवैषम्य).

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रक्तदान

रक्तदान का चित्रीय आरेख रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं। गरीब देशों में, स्थापित आपूर्ति सीमित हैं और आमतौर पर परिवार या मित्रों के लिए आधान की जरूरत होने पर ही रक्तदाता रक्त दिया करते हैं। अनेक दाता दान के रूप में रक्त देते हैं, लेकिन कुछ लोगों को भुगतान किया जाता है और कुछ मामलों में पैसे के बजाय काम के समय में सवैतनिक छुट्टी के रूप में प्रोत्साहन दिए जाते हैं। कोई दाता अपने भविष्य के उपयोग के लिए रक्त दान कर सकता है। रक्त दान अपेक्षाकृत सुरक्षित है, लेकिन कुछ दाताओं को उस जगह खरोंच आ जाती है जहां सूई डाली जाती है या कुछ लोग मूर्छा महसूस कर सकते है। संभावित दाताओं का मूल्यांकन किया जाता है ताकि उनके खून का उपयोग असुरक्षित न रहे। जांच में एचआईवी और वायरल हैपेटाइटिस जैसी बिमारियों के परीक्षण शामिल हैं जो रक्त-आधान के जरिये संक्रमित हो सकते हैं। दाता से उसके चिकित्सा इतिहास के बारे में भी पूछा जाता है और दाता के स्वास्थ्य पर दान से कोई क्षतिकारक प्रभाव नहीं पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए उसकी एक संक्षिप्त शारीरिक जांच की जाती है। कितनी बार एक दाता दान कर सकता है यह दिनों और महीनों में भिन्न हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर है कि वह क्या दान कर रहा या कर रही है और किस देश में दान दिया-लिया जा रहा है। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक दाता को पूर्ण रक्त दानों के बीच 8 हफ्ते (56 दिन) का इंतजार करना पड़ता है, लेकिन प्लेटलेटफेरेसिस दानों के लिए सिर्फ तीन दिनों का। दिए जाने वाले रक्त की मात्रा और तरीके अलग-अलग हो सकते है, लेकिन एक आदर्श दान पूरे खून का 450 मिलीलीटर (या लगभग एक यूएस पिंट) होता है। इसे मैनुअली या स्वचालित उपकरण से संग्रहित किया जा सकता है जो कि केवल खून के विशिष्ट भाग को लेता है। आधान के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले खून के अधिकांश घटक का छोटा अचल जीवन होता है और लगातार आपूर्ति बनाये रखना एक स्थायी समस्या है। .

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रक्ताधान

रक्ताधान रक्त या रक्त-आधारित उत्पादों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के परिसंचरण तंत्र में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है। कुछ स्थितियों में, जैसे कि चोट लगने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव होने पर, रक्ताधान जीवन-रक्षी हो सकता है, या शल्य-चिकित्सा के दौरान होने वाले रक्त की हानि की आपूर्ति करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। रक्ताधान का उपयोग रक्त संबंधी बीमारी के द्वारा उत्पन्न गंभीर रक्तहीनता या बिम्बाणु-अल्पता (रक्त में प्लेटलेटों की संख्या में कमी) का उपचार करने के लिए भी किया जा सकता है। अधिरक्तस्राव (हीमोफ़ीलिया) या अर्द्धचन्द्राकार लाल रक्तकोशिका संबंधी बीमारी से प्रभावित व्यक्ति के लिए बहुधा रक्ताधान की आवश्यकता हो सकती है। प्रारंभिक रक्ताधानों में संपूर्ण रक्त का उपयोग होता था, लेकिन आधुनिक चिकित्सा प्रणाली आम तौर पर केवल रक्त के अवयवों का उपयोग करती हैं। .

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लिम्फाडेनोपैथी

लिम्फाडेनोपैथी का शाब्दिक अर्थ "लिम्फ नोड्स (लसीका ग्रीवा) का रोग" है। हालांकि, इसका अक्सर "सूजे/बढ़े हुए लिम्फ नोड्स" के समान अर्थ के साथ ही उपयोग किया जाता है। यह संक्रमण, स्वतः-प्रतिरक्षित रोग, या असाध्यता के कारण हो सकता है। लिम्फ नोड की सूजन को लिम्फाडेनिटिस कहा जाता है। हालांकि दैनिक उपयोग में लिम्फाडेनोपैथी और लिम्फाडेनिटिस के बीच के अंतर को बहुत कम ही प्रकट किया जाता है। (लिम्फ चैनल की सूजन को लिम्फांजाइटिस कहा जाता है।) .

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शल्य प्रसव

एक आधुनिक अस्पताल में एक दल द्वारा सीज़ेरियन अनुभाग का प्रदर्शन. शल्य प्रसव परिच्छेद (अमेरिका: सीज़ेरियन सेक्शन), जिसे सी-सेक्शन (C-section), सीज़ेरियन सेक्शन (Caesarian section), सीज़ेरियन सेक्शन (Cesarian section), सीज़र (Caesar), इत्यादि भी कहते हैं, एक ऐसी शल्यक्रिया है, जिसमें एक या एक से अधिक शिशुओं के जन्म के लिए या कभी-कभी मृत भ्रूण को बाहर निकालने के लिए मां के पेट (लैप्रोटोमी) और गर्भाशय में (हिस्टेरोटॉमी) एक या एक से अधिक चीरे लगाए जाते हैं। सीज़ेरियन सेक्शन प्रक्रिया के प्रयोग द्वारा देर से की जाने वाले गर्भपात को हिस्टेरोटॉमी गर्भपात कहते हैं तथा यह विरले ही प्रयोग में लाया जाता है। सीज़ेरियन सेक्शन (शल्य प्रसव परिच्छेद) का प्रयोग प्रायः योनिमार्ग द्वारा शिशु जन्म की प्रक्रिया में मां या शिशु की जान या स्वास्थ के खतरे में पड़ने पर किया जाता है, हालांकि इन दिनों प्राकृतिक विधि से शिशु जन्म होने की स्थिति में भी मांग किए जाने पर इसका प्रयोग किया जा रहा है। हाल के वर्षों में इसकी दर काफी तेजी से बढ़ी है, जिसमें चीन 46% तथा अन्य एशियाई, लेटिन अमेरिकी देशों तथा अमेरिका में 25% के स्तर पर हैं। .

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श्वेतशल्कता

श्वेतशल्कता एक रोग-विषयक शब्द है जिसका प्रयोग श्रृंगीयता (केरेटोसिस) के धब्बों का वर्णन करने के लिए किया जाता है।अंडरवुड.

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समर्थ प्रतिष्ठान

समर्थ प्रतिष्ठान (स्थापना 2 अक्टूबर 1999) सांस्कृतिक, सामाजिक गतिविधिया करने और अनुशासन तथा रचनात्मकता के साथ एक महान पथक बनाने के लिए संवाद है। .

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स्टीवेंस-जॉन्सन सिंड्रोम

स्टीवेंस-जॉन्सन सिंड्रोम (एसजेएस) तथा टॉक्सिक एपीडर्मल नेक्रोलिसिस (टीईएन) त्वचा को प्रभावित करने वाली प्राण-घातक स्थिति के दो प्रकार हैं जिसमें कोशिकाओं की मृत्यु के कारण एपीडर्मिस, डर्मिस से अलग होने लगती है। यह सिंड्रोम एक हाइपरसेंस्टिविटी समष्टि माना जाता है जिससे त्वचा एवं म्यूकस मेम्ब्रेन प्रभावित होते हैं। हालांकि अधिकांश मामलों में कारण इडियोपैथी होता है, ज्ञात कारणों में मुख्य श्रेणी के अंतर्गत औषधियां आती हैं, जिसके पश्चात संक्रमण तथा (दुर्लभ रूप से) कैंसर होता हैं। .

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हेपेटाइटिस सी

यकृतशोथ ग (हेपेटाइटिस सी) एक संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस सी वायरस एचसीवी (HCV) की वजह से होता है और यकृत को प्रभावित करता है.

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जीन चिकित्सा

कोशिकाओं और ऊतकों में किसी जीन की प्रविष्टि कराकर किसी बीमारी की चिकित्सा करना जीन चिकित्सा है, जैसे कि वंशानुगत बीमारी को ठीक करने के लिए उसका कारण बनने वाले किसी घातक उत्परिवर्ती एलील को किसी क्रियाशील जीन से प्रतिस्थापित करना.

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विलियम एच॰ गेट्स, सीनियर

विलियम हेनरी "बिल" गेट्स (जन्म विलियम हेनरी गेट्स II; 30 नवंबर, 1925) एक सेवानिवृत्त अमेरिकी वकील और परोपकारी तथा Showing Up for Life: Thoughts on the Gifts of a Lifetime पुस्तक के लेखक हैं। वो माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स के पिता है। 'विलियम एच गेट्स' नाम व्यवसायियों की एक लाइन में से एक और कभी-कभी उनके पेशे में 'विलियम गेट्स, जूनियर' कहा जाता है, अपने बेटे से और अधिक विशिष्ठता के कारण, वह अब आम तौर पर विलियम हेनरी गेट्स, सीनियर के रूप में जाने जाते है।  .

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विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस, 1988 के बाद से 1 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढाना, और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनना है। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी, ग़ैर सरकारी संगठन और दुनिया भर में लोग अक्सर एड्स की रोकथाम और नियंत्रण पर शिक्षा के साथ, इस दिन का निरीक्षण करते हैं। .

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विश्वमारी

विश्वमारी (यूनानी (ग्रीक) शब्द πᾶν पैन "सब" + δῆμος डेमोस "लोग" से), संक्रामक रोगों की एक महामारी है जो मानव आबादी के माध्यम से एक विशाल क्षेत्र, उदाहरण के लिए, एक महाद्वीप, या यहां तक कि दुनिया भर में भी फ़ैल रहा है। एक व्यापक स्थानिक रोग जो इस दृष्टि से स्थिर होता है कि इससे कितने लोग बीमार हो रहे हैं, एक विश्वमारी नहीं है। इसके अलावा, फ्लू विश्वमारियों में मौसमी फ्लू को तब तक शामिल नहीं किया जाता है जब तक मौसम का फ्लू एक विश्वमारी न हो। सम्पूर्ण इतिहास में चेचक और तपेदिक जैसी असंख्य विश्वमारियों का विवरण मिलता है। अधिक हाल की विश्वमारियों में एचआईवी (HIV) विश्वमारी और 2009 की फ्लू विश्वमारी शामिल है। .

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विषाणु

विषाणु अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव हैं जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते हैं। ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं, शरीर के बाहर तो ये मृत-समान होते हैं परंतु शरीर के अंदर जीवित हो जाते हैं। इन्हे क्रिस्टल के रूप में इकट्ठा किया जा सकता है। एक विषाणु बिना किसी सजीव माध्यम के पुनरुत्पादन नहीं कर सकता है। यह सैकड़ों वर्षों तक सुशुप्तावस्था में रह सकता है और जब भी एक जीवित मध्यम या धारक के संपर्क में आता है उस जीव की कोशिका को भेद कर आच्छादित कर देता है और जीव बीमार हो जाता है। एक बार जब विषाणु जीवित कोशिका में प्रवेश कर जाता है, वह कोशिका के मूल आरएनए एवं डीएनए की जेनेटिक संरचना को अपनी जेनेटिक सूचना से बदल देता है और संक्रमित कोशिका अपने जैसे संक्रमित कोशिकाओं का पुनरुत्पादन शुरू कर देती है। विषाणु का अंग्रेजी शब्द वाइरस का शाब्दिक अर्थ विष होता है। सर्वप्रथम सन १७९६ में डाक्टर एडवर्ड जेनर ने पता लगाया कि चेचक, विषाणु के कारण होता है। उन्होंने चेचक के टीके का आविष्कार भी किया। इसके बाद सन १८८६ में एडोल्फ मेयर ने बताया कि तम्बाकू में मोजेक रोग एक विशेष प्रकार के वाइरस के द्वारा होता है। रूसी वनस्पति शास्त्री इवानोवस्की ने भी १८९२ में तम्बाकू में होने वाले मोजेक रोग का अध्ययन करते समय विषाणु के अस्तित्व का पता लगाया। बेजेर्निक और बोर ने भी तम्बाकू के पत्ते पर इसका प्रभाव देखा और उसका नाम टोबेको मोजेक रखा। मोजेक शब्द रखने का कारण इनका मोजेक के समान तम्बाकू के पत्ते पर चिन्ह पाया जाना था। इस चिन्ह को देखकर इस विशेष विषाणु का नाम उन्होंने टोबेको मोजेक वाइरस रखा। विषाणु लाभप्रद एवं हानिकारक दोनों प्रकार के होते हैं। जीवाणुभोजी विषाणु एक लाभप्रद विषाणु है, यह हैजा, पेचिश, टायफायड आदि रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर मानव की रोगों से रक्षा करता है। कुछ विषाणु पौधे या जन्तुओं में रोग उत्पन्न करते हैं एवं हानिप्रद होते हैं। एचआईवी, इन्फ्लूएन्जा वाइरस, पोलियो वाइरस रोग उत्पन्न करने वाले प्रमुख विषाणु हैं। सम्पर्क द्वारा, वायु द्वारा, भोजन एवं जल द्वारा तथा कीटों द्वारा विषाणुओं का संचरण होता है परन्तु विशिष्ट प्रकार के विषाणु विशिष्ट विधियों द्वारा संचरण करते हैं। .

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वैश्विक स्वास्थ्य

वैश्विक स्वास्थ्य वैश्विक संदर्भ में लोगों का स्वास्थ्य से संबंधित मामला है और यह किसी व्यक्ति के राष्ट्र की चिंताओं और दृष्टिकोण से परे मामला है। स्वास्थ्य समस्याएं, जो राष्ट्रीय सीमाओं को पार कर जाती हैं या जिनका वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव पड़ता है, पर हमेशा जोर दिया जाता है। इसे कुछ इस तरह से परिभाषित किया गया है, 'यह अध्ययन, शोध और अभ्यास का वह क्षेत्र है जिसमें दुनिया के लोगों के स्वास्थ्य सुधार और स्वास्थ्य में समानता प्राप्त करने को प्राथमिकता दी जाती है'.

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वैकल्पिक चिकित्सा

पश्चिमी जगत में उन सभी चिकित्सा पद्धतियों को वैकल्पिक चिकित्सा कहते हैं जो परम्परागत चिकित्सा पद्धति के अन्तरगत नहीं रखी जा सकतीं। या “ऐसी पद्धति जिसे एक समान रूप से कभी प्रभावी नहीं माना जाता.” इसे प्रायः साक्ष्य आधारित चिकित्सा पद्धति के रूप में देखा जाता है और इसमें वैज्ञानिक आधार के स्थान पर ऐतिहासिक या सांस्कृतिक उपचार पद्धतियां शामिल होती हैं। अमेरिका के नैशनल सेंटर फॉर कम्प्लीमेंटरी एंड ऑल्टरनेटिव मेडिसीन (National Center for Complementary and Alternative Medicine) (एनसीसीएएम) (NCCAM) ऐसे उदाहरणों का उल्लेख करता है, जिसमें अन्य पद्धतियों के अतिरिक्त प्राकृतिक चिकित्सा, पाद-चिकित्सा (chiropractic), जड़ी-बूटी चिकित्सा, पारंपरिक चीनी चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद, ध्यान, योग, जैवप्रतिपुष्टि, सम्मोहन, होम्योपैथी, एक्युपंक्चर और पोषण-आधारित उपचार-पद्धतियां शामिल हैं। इसे प्रायः पूरक चिकित्सा पद्धति के समूह में रखा जाता है, जिसका सामान्य अर्थ होता है, मुख्य धारा वाली तकनीकों के संयोजन में प्रयोग किए जाने वाले समान हस्तक्षेप, जिन्हें पूरक तथा वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति या कैम (CAM) के तहत रखा जाता है। वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के कुछ अनुसंधानकर्ता इस समूहीकरण का विरोध करते हैं और इन विधियों के बीच अंतर स्थापित करना पसंद करते हैं, तथापि वे कैम (CAM) शब्द का प्रयोग करते हैं, जो मानक बन चुका है। .

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वीर्य

ऑल्ट.

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खतना

मध्य एशिया (तुर्कमेनिस्तान की अधिकांश सम्भावना) में खतना किया जा रहा है, लगभग1865-1872.अंडे की सफ़ेदी के निशान को बहाल रखा गया। खतना खतना पुरूषों का खतना उनके शिश्न की अग्र-त्वचा(खाल) को पूरी तरह या आंशिक रूप से हटा देने की प्रक्रिया है। “खतना (circumcision)" लैटिन भाषा का शब्द है circum (अर्थात “आस-पास”) और cædere (अर्थात “काटना”).

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ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन

जीएसके (GSK) के नाम से प्रसिद्ध ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन पीएलसी (GlaxoSmithKline plc) एक वैश्विक स्तर की औषध, जीव-विज्ञान (बायोलॉजिक्स), टीका एवं उपभोक्ता स्वास्थ्य-देखभाल कंपनी है जिसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में स्थित है। आमदनी के आधार पर जॉन्सन एण्ड जॉन्सन एवं फाइज़र के बाद यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनी है। इसके उत्पादों की श्रृंखला में बड़ी बीमारियों जैसे कि दमा, कैंसर, वायरस नियंत्रण, संक्रमण, मानसिक स्वास्थ्य, मधुमेह एवं पाचन संबंधी उत्पाद शामिल हैं। इसका एक बहुत बड़ा उपभोक्ता स्वास्थ्य प्रभाग है जो कि मौखिक स्वास्थ्य उत्पादों, पौष्टिक पेय पदार्थों एवं आसानी से सुलभ चिकित्सा उत्पादों का उत्पादन एवं विपणन करता है, इनमें सेंसोडाइन, हॉर्लिक्स एवं गेविस्कॉन जैसे उत्पाद शामिल हैं। यह प्राथमिक रूप से लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है एवं यह FTSE 100 सूचकांक का एक घटक है। इसके अतिरिक्त यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी सूचीबद्ध है। .

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ओजोन थेरेपी

एक चिकित्सकीय ओज़ोन जनरेटर।सौजन्य: http://www.medpolinar.com/eng_version/ozon.htm www.medpolinar.com ओजोन थेरेपी में ओजोन और ऑक्सीजन के मिश्रण को मनुष्य के शरीर के लाभ हेतु प्रयोग किया जाता है। ओजोन एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सक्षम है, इसलिए यह ऑक्सीडेटिव मानसिक तनाव को कम कर सकता है। ओजोन का यह एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक तंत्र विकिरण और कीमोथेरेपी के दौरान पैदा होने वाले रेडिकल्स को संतुलित करता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ९ मई २०१० चाहे शरीर में शीघ्र थकान होने की शिकायत हो, सुस्ती अनुभव होती हो, छाती में दर्द की समस्या हो या उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्राल वृद्धि, मधुमेह आदि की चिंता हो, या कैंसर से लेकर एचआईवी जैसे घातक रोगों में, ओजोन थेरेपी इन सभी में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में समान रूप से सहायक हो सकती है। यह अल्पजीवी गैस शरीर के अंदर जाकर ऑक्सीकरण प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक ले जाने की क्षमता बढ़ा देती है। इससे शरीर द्वारा बनाये गए अफल विषैले तत्वों को बाहर निकालने एवं क्षय हो रही ऊर्जा के पुनर्संचय में मदद मिलती है। .

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आत्महत्या

आत्महत्या (लैटिन suicidium, sui caedere से, जिसका अर्थ है "स्वयं को मारना") जानबूझ कर अपनी मृत्यु का कारण बनने के लिए कार्य करना है। आत्महत्या अक्सर निराशा के चलते की जाती है, जिसके लिए अवसाद, द्विध्रुवीय विकार, मनोभाजन, शराब की लत या मादक दवाओं का सेवनजैसे मानसिक विकारों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। तनाव के कारक जैसे वित्तीय कठिनाइयां या पारस्परिक संबंधों में परेशानियों की भी अक्सर एक भूमिका होती है। आत्महत्या को रोकने के प्रयासों में आग्नेयास्त्रों तक पहुंच को सीमित करना, मानसिक बीमारी का उपचार करना तथा नशीली दवाओं के उपयोग को रोकना तथा आर्थिक विकास को बेहतर करना शामिल हैं। आत्महत्या करने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे आम विधि, देशों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है और आंशिक रूप से उपलब्धता से संबंधित है। आम विधियों में निम्नलिखित शामिल हैं: लटकना, कीटनाशक ज़हर पीना और बंदूकें। लगभग 8,00,000 से 10,00,000 लोग हर वर्ष आत्महत्या करते हैं, जिस कारण से यह दुनिया का दसवे नंबर का मानव मृत्यु का कारण है। पुरुषों से महिलाओं में इसकी दर अधिक है, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में इसके होने का समभावना तीन से चार गुना तक अधिक है। अनुमानतः प्रत्येक वर्ष 10 से 20 मिलियन गैर-घातक आत्महत्या प्रयास होते हैं। युवाओं तथा महिलाओं में प्रयास अधिक आम हैं। इतिहास सम्मान और जीवन का अर्थ जैसे व्यापक अस्तित्व विषयों द्वारा आत्महत्या के विचारों पर प्रभाव पड़ता है। अब्राहमिक धर्म पारम्परिक रूप से आत्महत्या को ईश्वर के समक्ष किया जाने वाला पाप मानते हैं क्योंकि वे जीवन की पवित्रतामें विश्वास करते हैं। जापान में सामुराई युग में, सेप्पुकू को विफलता का प्रायश्चित या विरोध का एक रूप माना जाता था। सती, जो अब कानूनन निषिद्ध है हिंदू दाह संस्कार है, जो पति की चिता पर विधवा द्वारा खुद को बलिदान करने से संबंधित है, यह अपनी इच्छा या परिवार व समाज के दबाव में किया जाता था। आत्महत्या और आत्महत्या का प्रयास, पूर्व में आपराधिक रूप से दंडनीय था लेकिन पश्चिमी देशों में अब ऐसा नहीं है। बहुत से मुस्लिम देशों में यह आज भी दंडनीय अपराध है। 20वीं और 21 वीं शताब्दी में आत्मदाह के रूप में आत्महत्या विरोध का एक तरीका है और कामीकेज़ और आत्मघाती वम विस्फोट को फौजी या आतंकवादी युक्ति के रूप में उपयोग किया जाता है। .

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आरएनए हस्तक्षेप

स्तनपाई कोशिकाओं में RNA के हस्तक्षेप की व्यवस्था और shRNA की डिज़ाइन की डिलिवरी. आरएनए हस्तक्षेप (RNAi) सजीव कोशिकाओं के अंदर की एक प्रणाली है जो यह नियंत्रण करने में सहायता करती है कि कौन-कौन से जीन सक्रिय हैं और कितने सक्रिय हैं। आरएनए अणुओं के दो छोटे प्रकार - माइक्रोआरएनए (miRNA) और लघु हस्तक्षेप करने वाले आरएनए (siRNA)- आरएनए हस्तक्षेप के केन्द्र में होते हैं। RNAs जीन के प्रत्यक्ष उत्पाद्य होते हैं और ये छोटे RNAs अन्य विशिष्ट RNAs से जुड़े हुए हो सकते हैं और उनकी गतिविधियों को या तो बढ़ा सकते हैं या घटा सकते हैं, उदाहरण के लिए वे एक मैसेंजर आरएनए को प्रोटीन उत्पादन करने से रोक सकते हैं। कोशिकाओं को परजीवी जीनों - वायरस एवं ट्रांसपोसोन - से बचाने में आरएनए हस्तक्षेप की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन साधारणत: यह विकास के निर्देशन के साथ ही जीन अभिव्यक्ति में भी अपनी भूमिका निभाता है। पशुओं के साथ कई यूक्रायोट में आरएनएआई (RNAi) मार्ग पाया जाता है और एंजाइम डिसर द्वारा प्रारंभ किया जाता है, जो लंबे दुहरे-धंसे हुए आरएनए (dsRNA) अणुओं को ~20 न्युक्लिओटाइड के छोटे टुकड़ों में विभाजित करता है। गाइड स्ट्रैंड के रूप में ज्ञात टुकड़े के दो स्ट्रैंड में से एक को तब आरएनए-प्रेरित सायलेंसिंग कॉम्प्लेक्स (RISC) में निगमित किया जाता है। अध्ययन का सबसे अच्छा परिणाम पोस्ट ट्रांस्क्रिप्शनल जीन सायलेंसिंग है, जो तब पैदा होता है जब गाइड स्ट्रैंड बेस मैसेंजर आरएनए अणु के संपूरक क्रम के साथ जुड़ता है और दरार को आर्गोनॉट, आरआइएससी कॉम्प्लेक्स का एक कैटालिटिक घटक, के द्वारा प्रेरित करता है। इसे siRNA के शुरूआती रूप में सीमित दाढ़ सांद्रता को छोड़कर दैहिक रूप से सभी जीवधारियों में फैल जाने वाली प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है। जीन अभिव्यक्ति पर dsRNA का चयनित औप मजबूत प्रभाव इसे एक महत्वपूर्ण शोध बना देता है, कोशिका कल्चर और सजीव प्राणी होनों में ही क्योंकि कोशिका में दाखिल सिंथेटिक dsRNA रूचि के विशेष जीनों के दबाव को प्रेरित कर सकता है। RNAi भारी पैमाने के स्क्रीन के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है जो योजनाबद्ध तरीके से प्रत्येक जीन को कोशिका में बंद कर सकता है, जो एक विशेष कोशिकीय प्रक्रिया या कोशिका विभाजन की घटना के लिए जरूरी घटकों की पहटान में सहायता कर सकता है। इस मार्ग का उपयोग जैवप्रौद्योगिकी और औषधि के लिए एक आशाजनक उपकरण हो सकता है। ऐतिहासिक रूप से, आरएनए हस्तक्षेप को पोस्ट ट्रांस्क्रिप्शनल जीन सायलेंसिंग और क्वेलिंग की तरह ही अन्य नाम से जाता जाता था। इन स्पष्टतया असंबंधित प्रक्रियाओं को पूरी तरह से समझ लेने के बाद ही यह साफ हो पाया कि ये सभी RNAi के ही तथ्य को व्याख्यायित करते हैं। 2006 में, एंड्रयू फायर और क्रेग सी.

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आर्थर ऐश

आर्थर रॉबर्ट ऐश का जन्म १० जुलाई १९४३ को रिचमंड, अमेरिका मे हुआ था। ऐश अंतरराष्ट्रीय टेनिस में सर्वोच्च स्तर पर खेलने वाले प्रथम अफ्रीकी अमेरिकन खिलाड़ी थे। हृदय की दो बार तथा मस्तिष्क की एक बार शल्य चिकित्सा होने के बाद उन्होंने समय से पहले ही कोर्ट छोड़ दिया था। बाद में उन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के जरिये समाज में मानवाधिकार, जन स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े कार्यों में अहम् योगदान दिया.

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आईज़ैक असिमोव

आईज़ैक असिमोव (Айзек Азимов; जन्मतः आईज़ैक युडोविच ओज़िमोव, Исаак Юдович Озимов 2 जनवरी 1920 - 6 अप्रैल 1992), एक अमेरिकी लेखक और बोस्टन विश्वविद्यालय में जैव-रसायन (बायोकेमिस्ट्री) के प्रोफेसर थे जिन्हें अपने साइंस फिक्शन से संबंधित कार्यों तथा साइंस की लोकप्रिय किताबों के लिए जाना जाता है। असिमोव, लेखन के क्षेत्र में अब तक सर्वाधिक कार्य करने वाले लेखकों में से एक हैं जिन्होंने 500 से अधिक पुस्तकों तथा अनुमानतः 9000 पत्रों और पोस्टकार्डों को लिखा अथवा सम्पादित किया है। उनके कार्यों को ड्यूवी डेसिमल सिस्टम की दस में से नौ श्रेणियों में प्रकाशित किया जा चुका है (100s: फिलोसोफी एंड साइकोलोजी इसका एकमात्र अपवाद है).

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कुष्ठरोग

कुष्ठरोग (Leprosy) या हैन्सेन का रोग (Hansen’s Disease) (एचडी) (HD), चिकित्सक गेरहार्ड आर्मोर हैन्सेन (Gerhard Armauer Hansen) के नाम पर, माइकोबैक्टेरियम लेप्री (Mycobacterium leprae) और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस (Mycobacterium lepromatosis) जीवाणुओं के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक बीमारी है। कुष्ठरोग मुख्यतः ऊपरी श्वसन तंत्र के श्लेष्म और बाह्य नसों की एक ग्रैन्युलोमा-संबंधी (granulomatous) बीमारी है; त्वचा पर घाव इसके प्राथमिक बाह्य संकेत हैं। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो कुष्ठरोग बढ़ सकता है, जिससे त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों में स्थायी क्षति हो सकती है। लोककथाओं के विपरीत, कुष्ठरोग के कारण शरीर के अंग अलग होकर गिरते नहीं, हालांकि इस बीमारी के कारण वे सुन्न तथा/या रोगी बन सकते हैं। कुष्ठरोग ने 4,000 से भी अधिक वर्षों से मानवता को प्रभावित किया है, और प्राचीन चीन, मिस्र और भारत की सभ्यताओं में इसे बहुत अच्छी तरह पहचाना गया है। पुराने येरुशलम शहर के बाहर स्थित एक मकबरे में खोजे गये एक पुरुष के कफन में लिपटे शव के अवशेषों से लिया गया डीएनए (DNA) दर्शाता है कि वह पहला मनुष्य है, जिसमें कुष्ठरोग की पुष्टि हुई है। 1995 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन) (डब्ल्यूएचओ) (WHO) के अनुमान के अनुसार कुष्ठरोग के कारण स्थायी रूप से विकलांग हो चुके व्यक्तियों की संख्या 2 से 3 मिलियन के बीच थी। पिछले 20 वर्षों में, पूरे विश्व में 15 मिलियन लोगों को कुष्ठरोग से मुक्त किया जा चुका है। हालांकि, जहां पर्याप्त उपचार उपलब्ध हैं, उन स्थानों में मरीजों का बलपूर्वक संगरोध या पृथक्करण करना अनावश्यक है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी पूरे विश्व में भारत (जहां आज भी 1,000 से अधिक कुष्ठ-बस्तियां हैं), चीन, रोमानिया, मिस्र, नेपाल, सोमालिया, लाइबेरिया, वियतनाम और जापान जैसे देशों में कुष्ठ-बस्तियां मौजूद हैं। एक समय था, जब कुष्ठरोग को अत्यधिक संक्रामक और यौन-संबंधों के द्वारा संचरित होने वाला माना जाता था और इसका उपचार पारे के द्वारा किया जाता था- जिनमें से सभी धारणाएं सिफिलिस (syphilis) पर लागू हुईं, जिसका पहली बार वर्णन 1530 में किया गया था। अब ऐसा माना जाता है कि कुष्ठरोग के शुरुआती मामलों से अनेक संभवतः सिफिलिस (syphilis) के मामले रहे होंगे.

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क्लैमाइडिया संक्रमण

स्त्री रोगी में क्लेमाइडियल सर्विसाइटिस (गर्भाशय ग्रीवा संक्रमण) पुरुष रोगी में श्वेत, बादली जल स्राव, शिश्न के मुख पर क्लैमिडिया एक सामान्य यौन संचारित रोग (एसटीडी) है जो क्लैमिडिया ट्राकोमोटिस जीवाणु से होता है और यह महिला के प्रजनन इंद्रियों को क्षति पहुंचाता है। क्लैमिडिया योनिक, गुदा मैथुन या मुख मैथुन से संचारित हो सकता है। क्लैमिडिया संक्रमित मां से उसके बच्चे में योनि से जन्म लेते समय लग सकता है। यौनिक सक्रिय व्यक्ति में क्लैमिडिया संक्रमित हो सकता है। .

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कृत्रिम परिवेशी निषेचन (इन विट्रो फ़र्टिलाइज़ेशन)

पात्रे निषेचन (IVF) का सरलीकृत चित्रण जिसमें एकल-वीर्य इन्जेक्शन का चित्रण है। कृत्रिम परिवेशी निषेचन (आईवीएफ (IVF)) वह प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय से बाहर, अर्थात इन विट्रो यानी कृत्रिम परिवेश में, शुक्राणुओं द्वारा अंड कोशिकाओं का निषेचन किया जाता है। जब सहायता-प्राप्त प्रजनन तकनीक की अन्य पद्धतियां असफल हो जाती हैं, तो आईवीएफ़ (IVF) बंध्यता का एक प्रमुख उपचार होता है। इस प्रक्रिया में डिम्बक्षरण प्रक्रिया को हार्मोन द्वारा नियंत्रि‍त करते हुए स्त्री की डिम्बग्रंथि से डिम्ब (अंडाणु) निकाल कर एक तरल माध्यम में शुक्राणुओं द्वारा उनका निषेचन करवाया जाता है। इसके बाद सफल गर्भाधान को स्थापित करने के उद्देश्य से इस निषेचित अंडाणु (ज़ाइगोट) को रोगी के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। प्रथम सफल ‘’टेस्ट ट्यूब शिशु’’, लुइस ब्राउन का जन्म 1978 में हुआ था। उससे पहले ऑस्ट्रलियन फ़ॉक्सटन स्कूल के शोधकर्ताओं ने 1973 में एक अस्थायी जैव-रासायनिक गर्भाधान की और 1976 में स्टेप्टो और एडवर्ड्स ने एक बहिगर्भाशयिक गर्भाधान की घोषणा की थी। लातिनी मूल के शब्द इन विट्रो, जिसका अर्थ कांच के भीतर होता है, का उपयोग इसलिए किया गया था क्योंकि जीवित प्राणी के ऊतकों का उस प्राणी के शरीर से बाहर संवर्धन करने के जो आरंभिक जीव वैज्ञानिक प्रयोग हुए थे, वे सारे प्रयोग कांच के बर्तनों, जैसे, बीकरों, परखनलियों, या पेट्री डिशेज़ में किए गए थे। आज कृत्रिम परिवेशी शब्द का उपयोग ऐसी किसी भी जीववैज्ञानिक प्रक्रिया के लिए किया जाता है जो उस जीव से बाहर की जाती है जिसके भीतर वह सामान्यतः घटती है। यह इन वाइवो (in vivo) प्रक्रिया से अलग है, जिसमें ऊतक उस जीव के भीतर ही रहता है जिसमें वह सामान्यतः पाया जाता है। आईवीएफ़ (IVF) प्रक्रिया की मदद से जन्म लेने वाले बच्चों के लिए एक आम बोलचाल का शब्द है टेस्ट ट्यूब बेबी, जिसका कारण रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की प्रयोगशालाओं में कांच या प्लास्टिक रेज़ि‍न के बने नली के आकार के कंटेनर हैं, जिन्हें टेस्ट ट्यूब (परखनली) कहा जाता है। हालांकि कृत्रिम परिवेशी निषेचन आम तौर पर उथले कंटेनरों में किया जाता है जिन्हें पेट्री डिश कहते हैं। (पेट्री डिश भी प्लास्टिक रेज़ि‍न की बनी हो सकती हैं।) हालांकि ऑटोलॉगस एंडोमेट्रियल कोकल्चर नामक आईवीएफ़ (IVF) पद्धति असल में कार्बनिक पदार्थों पर संपन्न की जाती है, लेकिन उसे भी कृत्रिम परिवेशी कहा जाता है। यह तब किया जाता है जब माता पिता बंध्यता की समस्या का सामना कर रहे हों या वे एक से अधिक शिशु चाहते हों.

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कैनबिस (ड्रग)

कैनबिस का पौधा कैनबिस भांग के पौधे से तैयार किया जाता है जिसे एक प्सैकोएक्टिव ड्रग या औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। कैनबिस को मारिजुआना, गांजा और भांग के नामों से भी पुकारा जाता है। कैनबिस का मुख्य प्सैकोएक्टिव हिस्सा टेट्राहैड्राकैनबिनोल (टी.एछ.सी) होता है; यह ४८३ यौगिकों में से एक है, कम से कम 84 अन्य कैनाबिनोइड सहित, जैसे कैनाबिओल (सी.बी.डी), कैनबिनोल (सी.बी.एल), और टेट्राहैड्रोकैनबिवरिन (टी.एछ.सी.वी)। कैनबिस भांग अक्सर अपने मानसिक और शारीरिक प्रभाव के लिए लिया जाता है, जैसे बढा मनोदशा, विश्राम, और भूख बढना। अल्पकालिक स्मृति में कमी होना, शुष्क मुँह, बिगड़ा मोटर कौशल, लाल आँखें और व्यामोह की भावनाओं संभावित दुष्प्रभाव हैं। जब धुआं से लिया जाता है तो प्रभाव की शुरुआत बहुत जल्दी होता है। जब खाया जाता है, तब प्रभाव की शुरुआत तीस मिनट के बाद होता है। प्रभाव दो से छः घंटे रहता है। कैनबिस ज्यादातर विश्राम के लिए या एक औषधीय दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। यह धार्मिक या आध्यात्मिक संस्कार के हिस्से के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। २०१३ इस्वी में १२८०-२३२० लाख लोगों ने कैनबिस का इस्तेमाल किये। २०१५ इस्वी में, अमरीका के आधे जनसंख्या भांग का प्रयोग किया था। उसमें से %१२ पिछले वर्ष में, और %७.३ पिछले महीने में। कैनबिस का उपयोग २०१३ से बहुत बढ गया है। कैनबिस के उपयोग के बारे में सबसे पहला लिखा हुआ तारीख तीसरी सहस्राब्दी बी.सी में है। बीसवी सदी के शुरु से ही, भांग कानूनी प्रतिबंध के अधीन कर दिया गया है। भांग के कब्जे, उपयोग और बिक्री जिसमें प्सैकोएक्टिव कैनबिनोइड्स होता है, वह ज़्यादातर सब देशों में अवैध है। युनाइटड नेषन्स ने कहाँ है कि भांग दुनिया के सबसे ज़्यादा उपयोग किया गया अवैध ड्रग है। मेडिकल कैनबिस वह कैनबिस को पुकारा जाता है जो डॉक्टरों लिखके देते हैं। मेडिकल कैनबिस का इस्तेमाल केनडा, बेलजियम, औस्ट्रेलिया, नेधर्लेंड्स, स्पैन और अम्रीका के २३ स्टेटों में होता है। पिछले कुछ वषों से कैनबिस का प्रयोग और वैधीकरण के लिए समर्थन, दुनियाभर बढ रही है। .

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कोलकाता रेस्क्यू

कोलकाता रेस्क्यू जैक प्रेगेर द्वारा 1980 में स्थापित की गई कोलकाता, भारत में स्थित ब्रिटेन से दान प्राप्त करने वाली समाज-सेवी संस्था है। यह पश्चिम बंगाल में वंचित लोगों के लिए चिकित्सा, शिक्षा और सहायता सेवाओं को चलाती है। यह लोगों को हस्तशिल्प भी बनाने और बेचने के लिए प्रशिक्षित करती है। .

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अम्प्य्लोबक्तेरिओसिस

अम्प्य्लोबक्तेरिओसिस सबसे अधिक होनेवाला संक्रमणहै जो काम्प्य्लोबक्टेर जीवाणु द्वारा होता है, सी.

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अलिसिया कीज़

एलिसिया ऑगेलो कुक (25 जनवरी 1981 को जन्मे) जिन्हें उनके स्टेज नाम एलिसिया कीज़ के नाम से जाना जाता है, एक अमरीकी कलाकार, संगीतकार और अभिनेत्री हैं। उनका पालन पोषण न्यूयार्क सिटी के मेनहट्टम क्षेत्र में हेल्स किचन एक मां के द्वारा किया गया। कीज़ ने सात वर्ष की उम्र में पियानो पर शास्त्रीय संगीत बजाना शुरू किया। उन्होंने प्रोफेशनल परफार्मिंग ऑर्ट्स स्कूल में अध्ययन किया और वैलेडिक्टोरियन के रूप में स्नातक किया। उन्होंने संगीत में अपने कैरियर का शुभारंभ करने से पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अपना अध्ययन जारी रखा। कीज़ ने अपनी एलबम को जे रिकॉर्ड्स के साथ रिलीज़ किया जिन्होंने कोलंबिया में और उसके बाद अरिस्ता रिकॉर्ड्स के साथ अनुबंध किया। कीज़ की सबसे पहली एलबम सांग्स इन ए मिरर (Songs in A Minor) उनकी व्यवसायिक सफलता थी दुनिया भर में जिसकी 12 लाख से अधिक प्रतियों की हुई। वह वर्ष 2001 में सबसे बेहतरीन बिक्री वाली नई कलाकार और सर्वश्रेष्ठ बिक्री वाली आरएंडडी बन गई। इस एल्बम को वर्ष 2002 में, पांच ग्रेमी अवार्ड दिए गए जिसमें बेस्ट न्यू ऑर्टिस्ट (Best New Artist) और सांग ऑफ द इयर फॉर "फालिन"(Song of the Year for "Fallin'") शामिल हैं। उनकी दूसरी स्टूडियो एलबम, द डायरी ऑफ अलिसिया कीज़(The Diary of Alicia Keys) का 2003 में रिलीज़ किया गया था और अस्सी लाख प्रतियां बेचकर दुनिया भर में दूसरी सबसे बड़ी सफलता था। इस एल्बम को एक बार फिर से 2005 में ग्रेमी पुरस्कार दिया गया। उस वर्ष के बाद, उन्होंने अपनी पहली लाइव एलबम अनप्लग्ड (Unplugged) को रिलीज़ किया जो अमेरिका में पहले नंबर पर रही। वह नंबर एक पर आने वाली पहली एमटीवी अनप्लग्ड (MTV Unplugged) महिला बनी उन्हें 1994 में निर्वाना (Nirvana) की तुलना में अधिक सफलता मिली। आगामी अनेक वर्षों तक कीज़ अतिथि के रूप में टेलीविजन सीरीज़ में दिखाई पड़े जिसकी शुरुआत उन्होंने चार्म्ड (Charmed) से की। उन्होंने अपनी सबसे पहली फिल्म स्मोकिन' एसेस (Smokin' Aces) की शुरुआत की और 2007 में, द नैनी डायरीज़(The Nanny Diaries) के लिए चली गईं। उनकी तीसरी स्टूडियो एल्बम, एज आई एम (As I Am) को उसी वर्ष रिलीज़ किया गया और दुनिया भर में बेचा साठ लाख प्रतियां बेची गईं जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त तीन ग्रेमी पुरस्कार दिए गए। अगले वर्ष वह द सीक्रेट लाइफ ऑफ बीज़(The Secret Life of Bees) में नज़र आईं, जिन्हें नाच इमेज़ अवार्ड (NAACP Image Awards) प्रदान किया गया। उन्होंने अपनी चौथी फिल्म द एलीमेंट ऑफ फ्रीडम (The Element of Freedom) को दिसंबर 2009 में रिलीज़ किया जो यूनाइटेड किंगडम में कीज़ की सबसे विख्यात एलबम बन गई। अपने पूरे करियर के दौरान कीज़ ने अनेक पुरस्कार जीते और दुनिया भर में उसकी एलबम की 3 लाख से अधिक प्रतियों की बिक्री हुई। बिलबोर्ड (Billboard) ने 2000-2009 के दशक में उन्हें सबसे शीर्ष आरएंडडी कलाकार के रूप में स्थान दिया जिन्होंने अपने समय में सबसे अधिक प्रतियों की बिक्री करने वाली बनी। .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

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