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एचआइवी और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

एचआइवी और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन के बीच अंतर

एचआइवी vs. ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन

एचआइवी अथवा कपोसी सार्कोमा प्रभावित महिला की नाक का चित्र एचआईवी (ह्युमन इम्युनडिफिशिएंशी वायरस) या मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु एक विषाणु है जो शरीर की रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रहार करता है और संक्रमणों के प्रति उसकी प्रतिरोध क्षमता को धीरे-धीरे कम करता जाता है। यह लाइलाज बीमारी एड्स का कारण है। मुख्यतः यौण संबंध तथा रक्त के जरिए फैलने वाला यह विषाणु शरीर की श्वेत रक्त कणिकाओं का भक्षण कर लेता है। इसमें उच्च आनुवंशिक परिवर्तनशीलता का गुण है। यह विशेषता इसके उपचार में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। . जीएसके (GSK) के नाम से प्रसिद्ध ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन पीएलसी (GlaxoSmithKline plc) एक वैश्विक स्तर की औषध, जीव-विज्ञान (बायोलॉजिक्स), टीका एवं उपभोक्ता स्वास्थ्य-देखभाल कंपनी है जिसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में स्थित है। आमदनी के आधार पर जॉन्सन एण्ड जॉन्सन एवं फाइज़र के बाद यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनी है। इसके उत्पादों की श्रृंखला में बड़ी बीमारियों जैसे कि दमा, कैंसर, वायरस नियंत्रण, संक्रमण, मानसिक स्वास्थ्य, मधुमेह एवं पाचन संबंधी उत्पाद शामिल हैं। इसका एक बहुत बड़ा उपभोक्ता स्वास्थ्य प्रभाग है जो कि मौखिक स्वास्थ्य उत्पादों, पौष्टिक पेय पदार्थों एवं आसानी से सुलभ चिकित्सा उत्पादों का उत्पादन एवं विपणन करता है, इनमें सेंसोडाइन, हॉर्लिक्स एवं गेविस्कॉन जैसे उत्पाद शामिल हैं। यह प्राथमिक रूप से लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है एवं यह FTSE 100 सूचकांक का एक घटक है। इसके अतिरिक्त यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी सूचीबद्ध है। .

एचआइवी और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन के बीच समानता

एचआइवी और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): एड्स, विषाणु

एड्स

उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण या एड्स (अंग्रेज़ी:एड्स) मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एच.आई.वी) संक्रमण के बाद की स्थिति है, जिसमें मानव अपने प्राकृतिक प्रतिरक्षण क्षमता खो देता है। एड्स स्वयं कोई बीमारी नही है पर एड्स से पीड़ित मानव शरीर संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु आदि से होती हैं, के प्रति अपनी प्राकृतिक प्रतिरोधी शक्ति खो बैठता है क्योंकि एच.आई.वी (वह वायरस जिससे कि एड्स होता है) रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर आक्रमण करता है। एड्स पीड़ित के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के क्रमशः क्षय होने से कोई भी अवसरवादी संक्रमण, यानि आम सर्दी जुकाम से ले कर क्षय रोग जैसे रोग तक सहजता से हो जाते हैं और उनका इलाज करना कठिन हो जाता हैं। एच.आई.वी.

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विषाणु

विषाणु अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव हैं जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते हैं। ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं, शरीर के बाहर तो ये मृत-समान होते हैं परंतु शरीर के अंदर जीवित हो जाते हैं। इन्हे क्रिस्टल के रूप में इकट्ठा किया जा सकता है। एक विषाणु बिना किसी सजीव माध्यम के पुनरुत्पादन नहीं कर सकता है। यह सैकड़ों वर्षों तक सुशुप्तावस्था में रह सकता है और जब भी एक जीवित मध्यम या धारक के संपर्क में आता है उस जीव की कोशिका को भेद कर आच्छादित कर देता है और जीव बीमार हो जाता है। एक बार जब विषाणु जीवित कोशिका में प्रवेश कर जाता है, वह कोशिका के मूल आरएनए एवं डीएनए की जेनेटिक संरचना को अपनी जेनेटिक सूचना से बदल देता है और संक्रमित कोशिका अपने जैसे संक्रमित कोशिकाओं का पुनरुत्पादन शुरू कर देती है। विषाणु का अंग्रेजी शब्द वाइरस का शाब्दिक अर्थ विष होता है। सर्वप्रथम सन १७९६ में डाक्टर एडवर्ड जेनर ने पता लगाया कि चेचक, विषाणु के कारण होता है। उन्होंने चेचक के टीके का आविष्कार भी किया। इसके बाद सन १८८६ में एडोल्फ मेयर ने बताया कि तम्बाकू में मोजेक रोग एक विशेष प्रकार के वाइरस के द्वारा होता है। रूसी वनस्पति शास्त्री इवानोवस्की ने भी १८९२ में तम्बाकू में होने वाले मोजेक रोग का अध्ययन करते समय विषाणु के अस्तित्व का पता लगाया। बेजेर्निक और बोर ने भी तम्बाकू के पत्ते पर इसका प्रभाव देखा और उसका नाम टोबेको मोजेक रखा। मोजेक शब्द रखने का कारण इनका मोजेक के समान तम्बाकू के पत्ते पर चिन्ह पाया जाना था। इस चिन्ह को देखकर इस विशेष विषाणु का नाम उन्होंने टोबेको मोजेक वाइरस रखा। विषाणु लाभप्रद एवं हानिकारक दोनों प्रकार के होते हैं। जीवाणुभोजी विषाणु एक लाभप्रद विषाणु है, यह हैजा, पेचिश, टायफायड आदि रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर मानव की रोगों से रक्षा करता है। कुछ विषाणु पौधे या जन्तुओं में रोग उत्पन्न करते हैं एवं हानिप्रद होते हैं। एचआईवी, इन्फ्लूएन्जा वाइरस, पोलियो वाइरस रोग उत्पन्न करने वाले प्रमुख विषाणु हैं। सम्पर्क द्वारा, वायु द्वारा, भोजन एवं जल द्वारा तथा कीटों द्वारा विषाणुओं का संचरण होता है परन्तु विशिष्ट प्रकार के विषाणु विशिष्ट विधियों द्वारा संचरण करते हैं। .

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एचआइवी और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन के बीच तुलना

एचआइवी 9 संबंध है और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन 30 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 5.13% है = 2 / (9 + 30)।

संदर्भ

यह लेख एचआइवी और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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