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उर्वीजा

सूची उर्वीजा

उर्वीजा सीता का एक और नाम है। मिथिला नरेश जनक के हल-कर्षण-यज्ञ के फलस्वरूप पृथ्वी से उत्पन्न होने के कारण सीता का यह नाम पड़ा। "ऊर्वी" का अभिप्राय "पृथ्वी" से है और "जा" प्रत्यय का अभिप्राय है जन्मना अर्थात जन्म लेना। यानि उर्बीजा का मतलब है पृथ्वी से जन्मना। यद्यपि सीता पृथवी से उत्पन्न हुयी थी, इसलिए उन्हें उर्वीजा भी कहा जाता है। वे जनकपुर के राजा जनक की पुत्री,राम की पत्नी तथा अयोध्या के राजा दशरथ की पुत्रवधू थीं। .

3 संबंधों: सीता कुंड, सीतामढ़ी, अच्छा राई रसिक

सीता कुंड

पूनौरा धाम मंदिर स्थित सीता कुंड सीता-कुंड सीतामढ़ी के पुनौरा ग्राम स्थित एक हिन्दू तीर्थ स्थल है। यहाँ एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है। सीतामढ़ी से ५ किलोमीटर दूर यह स्थल पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। पुनौरा और जानकी कुंड:यह स्थान पौराणिक काल में पुंडरिक ऋषि के आश्रम के रूप में विख्यात था। सीतामढी से ५ किलोमीटर पश्चिम स्थित पुनौरा में हीं देवी सीता का जन्म हुआ था। मिथिला नरेश जनक ने इंद्र देव को खुश करने के लिए अपने हाथों से यहाँ हल चलाया था। इसी दौरान एक मृदापात्र में देवी सीता बालिका रूप में उन्हें मिली। मंदिर के अलावे यहाँ पवित्र कुंड है। .

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सीतामढ़ी

सीतामढ़ी (अंग्रेज़ी: Sitamarhi,उर्दू: سيتامارهى) भारत के मिथिला का प्रमुख शहर है जो पौराणिक आख्यानों में सीता की जन्मस्थली के रूप में उल्लिखित है। त्रेतायुगीन आख्यानों में दर्ज यह हिंदू तीर्थ-स्थल बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। सीता के जन्म के कारण इस नगर का नाम पहले सीतामड़ई, फिर सीतामही और कालांतर में सीतामढ़ी पड़ा। यह शहर लक्षमना (वर्तमान में लखनदेई) नदी के तट पर अवस्थित है। रामायण काल में यह मिथिला राज्य का एक महत्वपूर्ण अंग था। १९०८ ईस्वी में यह मुजफ्फरपुर जिला का हिस्सा बना। स्वतंत्रता के पश्चात ११ दिसम्बर १९७२ को इसे स्वतंत्र जिला का दर्जा प्राप्त हुआ। त्रेतायुगीन आख्यानों में दर्ज यह हिंदू तीर्थ-स्थल बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। वर्तमान समय में यह तिरहुत कमिश्नरी के अंतर्गत बिहार राज्य का एक जिला मुख्यालय और प्रमुख पर्यटन स्थल है। .

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अच्छा राई रसिक

अछा राय रसिक (1928-1952) नेपाली में हास्य-व्यंग्य से भरपूर कहानियों के लिए लोकप्रिय कथाकार। इनका उपन्यास लग्न और दो भान तथा कहानी संग्रह सप्तकोशी प्रकाशित है। .

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