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इंग्लैण्ड राज्य

सूची इंग्लैण्ड राज्य

इंग्लैण्ड राजशाही(Kingdom of England) यानि आंग्ल राजतांत्रिक राज्य, जिसे आम वार्ता में केवल इंग्लैण्ड(ब्रिटिश उच्चारण:इंग्लॆन्ड्) कहा जाता था, ग्रेट ब्रिटेन द्वीप पर स्थित एक पूर्व सार्वभौमिक एकराष्टिय राजतांत्रिक राज्य था। इंग्लैंड का उदय १०वीं शताब्दी में विभिन्न आंग्ल-सैक्सन रजवाड़ों में से हुआ था, यह १७०७ में स्कॉटलैंड राजशाही के साथ विलय तथा ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापना तक असतित्व में रहा। ११वीं सदी में वर्त्तमान फ्रांस के नॉरमेंडी के तट से नार्मन लोगों ने आक्रमण कर इंग्लैंड पर विजय प्राप्त कर लिया था, जिस समय इंग्लैंड की राजधानी को विंचेस्टर से लंदन हस्तांतरित कर दिया गया था। अपने इतिहास के दौरान, इंग्लैंड पर चार विभिन्न वंशों का राज रहा था:नॉर्मन वंश १०६६-११५४, प्लैंटेजेनट वंश ११५४-१४८५, ट्यूडर वंश १४८५-१६०३ और स्टुअर्ट वंश १६०३-१७१४, हालाँकि इन सब को विभक्त राजवंश माना जाता है, परंतु ये सारे घराने, अंत्यतः नॉर्मनों के ही वंशज हैं। नार्मन शासन की शुरुआत के बाद से एंग्लो-सैक्सन भाषा(पुरानी अंग्रेज़ी) में फ़्रांसिस भाषा का प्रभाव अत्यंत बढ़ गया और आधुनिक अंग्रेज़ी विकसित हुई। १३वीं सदी के अंत तक इंग्लैंड ने वेल्स रियासत पर अपना अधिकार जमा लिया और १६वीं सदी में वेल्स को इंग्लैंड में पूर्णतः विलीन कर लिया गया। वेल्स पर अधिक्रमण ने इंग्लैंड को यूरोप के एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। ट्यूडर काल ने अंग्रेज़ी नवजागरण के काल को देखा, जोकि अंग्रेज़ी भाषा और संस्कृति के लिहाज़ से सबसे महत्वपूर्ण काल था। राजा हेनरी अष्टम् के राज ने अंग्रेज़ी पुनःस्थापन के काल को देखा, और तत्पश्चात उनकी पुत्री एलिज़ाबेथ प्र॰ के राज में पारित एलिज़ाबेथन धार्मिक समाधान ने चर्च ऑफ़ इंग्लैंड की स्वायत्तता पुनःस्थापि की, और इसने इंग्लैंड को एक प्राथमिक यूरोपीय महाशक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। एलिज़ाबेथन युग में इंग्लैंड ने नई दुनिया(अमरीकी महाद्वीप) के बड़े हिस्से पर अपना अधिकार स्थापित किया और अपने उपनिवेश स्थापित किये, जिसके साथ आगामी ब्रिटिश साम्राज्य की नीव पड़ी। इंग्लैंड में मैग्ना कार्टा और बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९ जैसे ऐतिहासिक विधान पारित हुए, जिसके बदौलत संसद की शक्ति बढ़ती गयी, और शासक की शक्तियों व अधिकारों पर अनेक सीमाएँ और अंकुश लगाए गए, जोकि आगे जाकर एक विशेष प्रशासनिक व्यवस्था के रूप में विकसित हुई, जिसे वेस्टमिंस्टर प्रणाली कहा जाता है। १६०३ में रानी एलिज़ाबेथ के निधन के पश्चात स्कॉटलैंड के राजा जेम्स षष्टम् ने इंग्लैंड के सिंघासन को उत्तराधिकृत किया, और इस के साथ इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड के साथ व्यक्तिगत विलय की स्थिति में आ गया, तथा स्टुअर्ट वंश के राज का प्रारम्भ हुआ। स्टुअर्ट काल में, अंग्रेज़ी गृह युद्ध हुआ, जोकि चार्ल्स प्रथम के प्राणदंड के साथ समाप्त हुआ, परंतु इस गृहयुद्ध ने शासक के शासनाधिकार पर अनेक अंकुश लगा दिए, और शासक को संसद की स्वीकृति के बिना शासन करने से वंचित कर दिया। १ मई १७०७ को, विलय के अधिनियमों के तहत इंग्लैंड का स्कॉटलैंड के साथ विलय होगया और संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापम हुई। .

13 संबंधों: ब्रिटिश राजतंत्र, यूनाइटेड किंगडम के सशस्त्र बाल, राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि, राजमुकुट, स्कॉट्लैण्ड राज्य, हैरल्ड द्वितीय, विलय के अधिनियम, १७०७, ग्रेट ब्रिटेन राजशाही, ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही, गैलिक आयरलैंड, आयरलैंड राजशाही, आयरलैंड की जागीरदारी, अंग्रेज शासकों की सूची

ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .

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यूनाइटेड किंगडम के सशस्त्र बाल

HMS "उत्कृष्ट"- शाही नौसेना का एक "अपराजय" वर्ग का विमान वाहकएक रॉयल नौसेना का "सेनाग्र" वर्ग की पनडुब्बियों में से ट्रिडेंट II MIRV SLBM का परीक्षण प्रक्षेपणशाही वायु सेना के यूरो फाईटर टाईफून - एक उन्नत लड़ाकू विमान ब्रिटिश सशस्त्र बल, यूनाइटेड किंगडम के सैन्य बल हैं, जिनका कार्य ब्रिटेन, उसी मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों की रक्षा और अन्य क्षेत्रों में ब्रिटेन के हितों की रक्षा व पूर्ती करना, तथा शांति-बहाली और मानवी कार्यों में यूके का प्रतिनिधित्व करना है। इनकी स्थापना सन् १७०७ में ऍक्ट्स ऑफ़ यूनियन के पारित होने के बाद होआ था, जब इंग्लैंड राज्य और स्कॉटलैंड राज्य का विलय कर, संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राजशाही स्थापित की गयी थी, साथ ही दोनों राज्यों के सैन्य बलों को भी एकीकृत किया गया था। स्थापना-पश्चात्, अपने ३०० वर्षों के इतिहास में ब्रिटिश बलों ने अनेक सैन्य कार्रवाईयों में भाग लिया है, जिनमें सप्तवर्षीय युद्ध, नेपोलियाई युद्ध, क्रीमियन युद्ध, तथा प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध भी शामिल हैं। बीती सदियों में इन बलों की लगातार विजेलीलाओं ने वैश्विक मंच पर ब्रिटेन को विश्व के महत्वपूर्णतम् सैन्य महाशक्तियों में से एक के रूप में स्थापित कर दिया है। इन बालों के बदौलत १८वीं शताब्दी से २०वीं शताब्दी के बीच, संयुक्त राजशाही ने इतिहास के सबसे बड़े औपनिवेशिक साम्राज्य पर राज किया और १९वीं शताब्दी के एकमात्र वैश्विक परमशक्ति बन कर उबरी। आज यह विश्व के कई क्षेत्रों में शांति-बहाली और मानवीय कार्यों में शरीक है, तथा विश्व-विस्तृत सैन्य ठिकानें प्रबंधित करती है। .

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राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि या राष्ट्रमण्डल प्रदेश, जिन्हें अंग्रेज़ी में कॉमनवेल्थ रॆयल्म कहा जाता है, राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल के उन १६ सार्वभौमिक राष्ट्रों को कहा जाता है, जिनपर एक ही शासक, महारानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ का राज है। ये सारे देश एक ही राजसत्ता, शासक, राजपरिवार और उत्तराधिकार क्रम को साँझा करते हैं। इस व्यवस्था की शुरुआत १९३१ की वेस्टमिंस्टर की संविधि के साथ हुई थी, जिसके द्वारा ब्रिटेन के तत्कालीन डोमीनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैण्ड, आयरिश मुक्त राज्य और न्यूफाउण्डलैण्ड को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के बराबर के सदस्य होने के साथ ही पूर्ण या पूर्णात्मत वैधिक स्वतंत्रता प्रदान की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से, विश्व भर में विस्तृत, ब्रिटिश साम्राज्य के तमाम देशों को एक डोमिनियन के रूप में स्वाधीनता प्रदान कर दी गयी। जिनमे से कुछ राज्यों ने पूर्णतः स्वाधीन होने के बावजूद राजतंत्र के प्रति अपनी वफ़ादारी को बरक़रार रखा, जबकि कुछ राज्यों ने ब्रिटिश राजतंत्र को नाममात्र प्रमुख मानने से इनकार कर स्वयं को गणतांत्रिक राज्य घोषित कर दिया। आज, विश्व बाहर में कुल १६ ऐसे राज्य हैं जो स्वयं को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के एक प्रजाभूमि के रूप में पहचान करव्वते हैं। .

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राजमुकुट

राजमुकुट अथवा द क्राउन(The Crown La Couronne, ला कोहुन्न्/लॅ कोऱुन) (अन्यथा "ताज" या सासामान्यतः "मुकुट"), एक विशेष राजनीतिक संकल्पना है, जिसकी ब्रिटेन तथा अन्य राष्ट्रमण्डल प्रदेशों के विधीशास्त्र तथा राजतांत्रिक व्यवस्था में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका है। इस सोच का विकास इंग्लैण्ड राज्य में सामंतवादी काल के दौरान शाब्दिक मुकुट तथा राष्ट्रीय संपदाओं को संप्रभु(नरेश) तथा उनके/उनकी व्यक्तिगत संपत्ति से विभक्त कर संबोधित करने हेतु हुआ था। इस सोच के अनुसार राजमुकुट को प्रशासन के समस्त अंगों तथा हर आयाम में राज्य तथा शासन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तथा ब्रिटिश संप्रभु को राजमुकुट के सतत अवतार के रूप में देखा जाता है। अतः ब्रिटेन तथा राष्ट्रमण्डल प्रदेशों मे इस शब्दावली को शासन अथवा सर्कार के लिए एक उपलक्षण(उपशब्द) के रूप में भी उपयोग किया जाता है, या सीधे-सीधे ऐसा भी कहा जा सकता है की यह राजतंत्र को ही संबोधित करने का एक दूसरा तरीका है। विधिक रूप से "राजमुकुट" को एक एकव्यक्ती संस्थान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कि विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संपूर्ण समुच्च न्यायिक अवतार है। अतः इस संदर्भ में इस शब्द को किसी शाही पोशाक के वास्तविक मुकुट के साथ संभ्रमित नहीं करना चाहिए। एक संस्थान के रूप में, राजमुकुट, ब्रिटेन की राजनीतिकव्यवस्था का सबसे पुराना कार्यशील संस्थान है। बीती सदियों के दौरान, क्रमशः पहले अंग्रेज़ी तथा तत्पश्चात् ब्रिटिश औपनिवेशिक विस्तार द्वारा यह संकल्पना विश्व के अन्य अनेक कोनों तक पहुची, और आज यह यूनाइटेड किंगडम के अतिरिक्त, अन्य 15 स्वतंत्र राष्ट्रों और तीन भिक्त मुकुटीय निर्भरताओं की प्रशासनिक प्रणाली तथा विधिकीय व्यवस्था के मूल आधारभूतियों में जड़ा हुआ है। इनमें से प्रत्येक राष्ट्र के शासन एक-दूसरे से पूर्णतः विभक्त हैं, परंतु सारे के सारे समान रूप से एक ही राजपरिवार को साझा करते हैं। अतः एक नरेश होने के बावजूद इन सारे राष्ट्रों के "राजमुकुट" एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं। इस शब्द को और भी कई आधिकारिक शब्दों में देखा जा सकता है, उदाहरणस्वरूप:मुकुट के मंत्री, मुकुटीय भूमि(क्राउन लैण्ड), इत्यादि। .

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स्कॉट्लैण्ड राज्य

स्कॉटलैण्ड राजशाही(Kinrick o Scotland; Rìoghachd na h-Alba), सामान्यतः स्कॉटलैंड पश्चिमोत्तर यूरोप खण्ड पर स्थित एक पूर्व ऐतिहासिक राज्य था, परंपरानुसार कहा जाता है की उसकी स्थापना सन् ८४३ में हुई थी। १७०७ में स्कॉटलैंड ने इंग्लैण्ड राज्य के साथ सम्मिलित होकर संयुक्त, ग्रेट ब्रिटेन राज्य स्थापित किया। ९वीं शताब्दी में स्थापना से १८वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड के साथ विलय के बीच, स्कॉटलैंड की अधिकारभूमि बढ़ती-घटती रही परंतु प्रभावी रूप से यह राज्य, अपनी अस्तित्व के दौरान, मूलतः ग्रेट ब्रिटेन द्वीप की उत्तरी तियाही भाग पर अवस्थित था। यह पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में समुद्र तट से घिरा था और दक्षिण में इसकी इंग्लैण्ड के साथ भूमिगत सीमा थी। ऐतिहासिक रूप से स्कॉटलैंड ने इंग्लैण्ड द्वारा अनेक आक्रमण झेले थे, परंतु रोबर्ट प्र॰ के नेतृत्व में स्कॉटलैंड ने एक सफल स्वतंत्रता युद्ध लड़ा और पूरे उत्तर मध्यकाल के दौरान एक विभक्त राज्य के रूप में स्थापित रहा। वर्ष १६०३ में, इंग्लैंड की रानी एलिज़ाबेथ प्रथम के निधन पश्चात, स्कॉटलैंड के राजा जेम्स प्रथम, इंग्लैंड के सिंघासन के भी वारिस बने, तथा स्कॉटलैंड, इंग्लैंड के साथ एक व्यक्तिगत संयुक्ति की स्थिति में आगयी। वर्ष १७०७ में इन दोनों देशों ने सम्मिलित रूप से आपस में विलय कर संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राज्य स्थापित किया। १४८२ में इंग्लैण्ड द्वारा बर्विक के क़िले पर अंग्रेज़ी कब्ज़े के बाद से, इस राज्य की सीमाएँ वर्त्तमान स्कॉटलैंड की सीमाओं के समान था। .

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हैरल्ड द्वितीय

हैरल्ड द्वितीय या हैरल्ड गॉडविनसन, इंग्लैंड राज्य के अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा थे। उन्होंने ६ जनवरी १०६६ से १४ ओक्टूबर १०६६ में हैस्टिंग्स् की लड़ाई में अपनी मृत्यु तक अंग्रेज़ी राजशाही पर हुकूमत की थी। १४ अक्टूबर १०६६ को इंग्लैंड पर नॉर्मन आक्रमण के दौरान हैस्टिंग्स् में नॉर्मन आक्रमणकारियों के खिलाफ़ लड़ते हुए, युद्धभूमि में उनकी मृत्यु होगयी थी। उनकी मृत्यु ने इंग्लैंड पर आंग्ल-सैक्सन राज का अंत कर दिया, और विलियम द कॉंकरर के नेतृत्व में इंग्लैंड पर नॉर्मन राज शुरू हुआ। हैरल्ड, एक शक्तिशाली अर्ल और एक रसूख़दार आंग्ल-सैक्सन परिवार के सदस्य थे, जिसके संबंध, राजा क्नुट् के साथ थे। एडवर्स द कंफ़ेसर की मृत्यु के बाद, उन्हें अगला राजा चुना गया था। ऐसा माना जाता है की उनका राज्याभिषेक वेस्टमिंस्टर ऐबी में किया गया था, हालाँकि इसके कोई प्रमाण मौजूद नहीं हैं। सितम्बर महीने के अंतिम दिनों में उन्होंने सिंघासन के एक प्रतिद्वंदी दावेदार को सफलतापूर्वक रूप से पराजित कर दिया, परंतु इस विजय के दो सप्ताह बाद, दक्षिण की और से कूच कर रही विलयम विजयी की सेना के हाथों हैस्टिंग्स में उन्हें स्वयं पराजय और मृत्यु का सामना करना पड़ा। .

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विलय के अधिनियम, १७०७

ऍक्ट्स ऑफ यूनियन अर्थात विलय के अधिनियम, तत्कालीन अंग्रेज़ी और स्कॉटिश राजशाही के सांसदों द्वारा पारित दो भिन्न अधिनियमों का नाम है, जिनके बदौलत सन 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की राजशाहीयाँ, जो उस समय दो भिन्न सांसदों समेत, अलग-अलग रियासतें हुआ करती थी, का, ग्रेट ब्रिटेन नमक, एक देश के रूप में विलय हो गया था। इन दो अधिनियमों का नाम था:यूनियन विथ स्कॉटलैंड एक्ट, जिसे अंग्रेजी संसद में १७०६ में पारित किया गया था, और यूनियन विद इंग्लैंड ऍक्ट जिसे स्कॉटिश संसद में १७०७ में पारित किया गया था। यह अधिनियम दोनों सांसदों के प्रतिनिधियों द्वारा 22 जुलाई १७०६ को हस्ताक्षर किए गए विलय की संधि(ट्रीटी ऑफ़ यूनियन) को लागू करने के लिए पारित किए गए थे। उस समय तक स्कॉटलैंड और इंग्लैंड करीब १०० सालों से एक ही शासक को साझा कर रहे थे। यह सिलसिला 1603 में स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम् द्वारा अपनी चचेरी बहन इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद अंग्रेजी सिंहासन को उत्तराधिकृत करने तथा दोनों राजमुकुटों के विलय द्वारा शुरू हुआ था। हालाँकि, इसे राजमुकुटों का विलय कहा गया था, परंतु वास्तविक तौर पर, दो भिन्न राजमुकुट थे जिन्हें एक की सर पर सुशोभित किया गया था, अर्थात हालाँकि दोनों देशों के शासक एक ही थे, परंतु दोनों की सरकार और साहसं व्यवस्था बिलकुल विभक्त और भिन्न था। अतः इन दोनों राष्ट्रों का एक ही देश में विलय करवाने क्व प्रयास एक से अधिक बार, १६०६, १६६७ और १६८९ में किया गया था, परंतु १८वीं सदी से पहले तक इस सुझाव को दोनों पक्षों की राजनीतिक व्यवस्थापिक का सकार्थक समर्थन नहीं मिल सका था। ये अधिनियम १ मई १७०७ से लागु हुए। उस दिन से स्कोटियाई संसद और अंग्रेज़ी संसद का विलय होकर ग्रेट ब्रिटेन की संसद की स्थापना हुई। साथ ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के विलय से ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना हुई। इस विलायकृत संसद का आसान लंदन का वेस्टमिंस्टर का महल था, जिसमें पूर्वतः अंग्रेज़ी संसद बैठ करती थी। इस विलय को अक्सर न केवल ब्रिटेन के, बल्कि पूरे यूरोप की राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं में से एक मन जाता है। .

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ग्रेट ब्रिटेन राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था। १ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस संयुक्त राजशाही से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है। इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई। .

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ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही, १ जनवरी वर्ष १८०१ में स्थापित, वर्त्तमान संयुक्त राजशाही और आयरिश गणराज्य का पुरख राज्य था। इसकी स्थापना ऍक्ट्स ऑफ़ यूनियन, १८०० द्वारा हुआ था। ततन्तर्गत, आयरिश राजशही का ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ विलय होगया तथा ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। वर्ष १९२२ में, आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, इस संयुक्त राजशाही से बहार निकल गया, जबकि आयरलैंड द्वीप का पूर्वोत्तर स्थित छायाही भाग, उत्तरी आयरलैंड के नाम से, संयुक्त राज में ही रहा। परिणामस्वरूप, इस राज्य को तथा "ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही" नाम देदिया गया। .

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गैलिक आयरलैंड

गेलिक आयरलैंड या आयरलैंड की सेल्टिक सभ्यता, आयरलैंड द्वीप की देशज गेलिक लोगों द्वारा विकिसित राजनैतिक व सामाजिक व्यवस्था की सभ्यता को कहा जाता है, यह प्रागैतिहासिक काल से १७वीं सदी की शुरुआत तक आयरलैंड द्वीप पर अस्तित्व में रही। इस दौरान आयरलैंड अनेक छोटे-बड़े राज्यों और जागीरों में बँटा हुआ था, जिनपर विभिन्न गाइल् राजनों का राज था। समाज कुल-समूहों में विभाजित था और, बाकी के तत्कालीन यूरोप के समान, कुलीनता के आधार पर अनुक्रमित भी था(प्राचीन भारत में वर्ण-व्यवस्था के समान)। नॉर्मन आक्रमण से पूर्व, गेलिक समाज की अर्थव्यवस्था मूलतः पशुचारण पर आधारित थी, और साधारण रूप से मुद्रा का उपयोग नहीं होता था। इस काल के दौरान आयरिश लोगोंकी पारंपरिक पोशाक, संगीत, नृत्य, खेल, वास्तु औए कला का विकास हुआ था, जोकि बाद में एंग्लो-सैक्सन शैली के साथ मिल गया। १६वीं सदी के अंतिम वर्षों के समय, इंग्लैंड राजशाही ने आयरलैंड पर पूरी तरह कब्ज़ा कर लिया और इसी के साथ गेलिक आयरलैंड का अंत हो गया। .

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आयरलैंड राजशाही

आयरलैंड राजशाही(शास्त्रीय आयरिश:Ríoghacht Éireann; आधुनिक आयरिश:Ríocht Éireann), आयरलैंड द्वीप पर १५४२ से १८०० के बीच विद्यमान अंग्रेज़ी राजशाही का एक कठपुतली राज्य था। यह तब अस्तित्व में आई जब १५४२ में आयरलैंड की संसद ने क्राउन ऑफ़ आयरलैंड ऍक्ट पारित कर इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम् को आयरलैंड का राजा घोषित कर दिया। राजतंत्र घोषित होने से पहले, इस राज्य को इंग्लैण्ड रियासत की एक जागीर(लॉर्डशिप) होने का पद प्राप्त था। इस राज्य की स्थापन के प्रारंभिक वर्षों में आयरिश राजतन्त्र को अन्य यूरोपीय राज्यों द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थी। हालाँकि, कुछ प्रोटोस्टेंट राज्यों ने इसे मान्यता दी थी, परंतु किसी भी कैथोलिक राज्य ने आयरलैंड को एक वाजिब राजतंत्र और इंग्लैंड के शासक को आयरिश सिंघासन का वैधिक वारिस मानने से इनकार कर दिया था। वर्ष १९५५ में पोप पॉल चतुर्थ ने रजा हेनरी की बेटी और उत्तराधिकारी, रानी मैरी प्र॰ को आयरलैंड की रानी होने की मान्यता प्रदान की। वर्ष १८०० में ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की सांसदों में एक्ट्स ऑफ़ यूनियन के पारित होने के कारण इसका विलय ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ होगया, और आयरलैंड की सरकार, प्रशासन तथा राजमुकुट को ग्रेट ब्रिटेन के साथ मिला कर एक संयुक्त रियासत को स्थापित किया गया। इस संयुक्त राज्य का नाम ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही(उनिदेत किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन एण्ड आयरलैंड) रखा गया, जिसमे से आयरलैंड के पांच-छ्याई भाग १९२२ में ब्रिटेन से आयरिश मुक्त राज्य के रूप में स्वतंत्र होगया। .

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आयरलैंड की जागीरदारी

आयरलैंड की जागीरदारी(आयरिश:Tiarnas na hÉireann) ११७७ से १५४२ के बीच आयरलैंड में विद्यमान सामंतवादी काल था, जोकि आयरलैंड पर नोएमन आक्रमण के बाद इंग्लैण्ड के राजा के अंदर शुरू हुआ था। इस काल के दौरान इंग्लैण्ड के राजा को आयरलैंड के अधिपति का दर्ज प्राप्त था, और आयरलैंड की ज़मीन पर इंग्लैंड के राजा के अधीन अनेक नॉर्मन सामंतों और जागीरदारों का कब्ज़ा था। आधिकारिक रूप से इस जागीरदारी को एक पेपल संपदा के रूप में, इंग्लैंड के राजा के अंतर्गत आधिकारित किया गया था। हालाँकि, सैद्धान्तिक रूप से इस जागीर की भूमि पूरे आयरलैंड द्वीप पर थी, परंतु वास्तविक रूप से पूरे द्वीप पर राजा का संपूर्ण कब्ज़ा नहीं था, और ऐसे अनेक क्षेत्र थे, जिनपर स्थानीय गैलिक सरदारों और अधिपतिगण का कब्ज़ा था। अंग्रेज़ी हुकूमत के अधीन क्षेत्र का आकार अनेकों बार घटता-बढ़ता था, तथा कई क्षेत्र अंग्रेजों की पहुँच से पूर्णतः बहार थे। सामंतवाद की ढीली व्यवस्था के कारण नॉर्मन सामंतों को काफी कार्यकारी स्वतंत्रता प्राप्त थी, और कई सामंतों ने स्वयं के लिए ज़मींदारी सामान अधिकार जमा लिया था। और स्थानीय गैलिक राजाओं की सामान शक्ति हासिल कर ली थी। .

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अंग्रेज शासकों की सूची

इंग्लैण्ड रियासत में राजतंत्र की शुरुवात अल्फ्रेड महान और समाप्ति महारानी ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी से हुई जब वो १७०७ में इंग्लैंड की राजशाही के स्कॉटलैंड की राजशाही से विलय के बाद बने ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की महारानी बनीं। महारानी ऐन के बाद के शासकों के लिये देखें ब्रिटेन के शासक। हालांकि कुछ इतिहासकारा कुछ अन्य राजाओं को भी इंग्लैंड का पहला राजा मानने का तर्क देते हैं जो आंग्ल-सैक्सनों के राज्यों पर नियंत्रण रखने का माद्दा व चाहत रखते थे। उदाहरण के तौर पर, ओफ्फा, मर्सिया का राजा और वेसेक्स का राजा एग्बर्ट को कभी-२ प्रसिध लेखकों द्वारा इंग्लैंड के राजा के रूप में निरूपित किया जाता है। लेकिन हर इतिहासकार इससे सहमत भी नहीं हैं। आठवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में ओफ़्फा ने दक्षिणी इंग्लैंड पर आधिपत्य हासिल कर अलिया था लेकिन ये राज ७९६ ई॰ में उसकी मृत्यु के पहले ही खत्म हो गया।८२९ ई॰ में एग्बर्ट ने मर्सिया पर अधिकार कर लिया लेकिन जल्द ही इसे गँवा भी दिया। नवीं शताब्दी के अंत तक वेसेक्स सबसे प्रभावशाली आंग्ल-सैक्सन साम्राज्य था। इसका राजा अल्फ्रेड महान पश्चिमी मर्सिया का एक शक्तिशाली सामंत था। वह अपने लिये आंग्ल और सैक्सनों का राजा की उपाधि का प्रयोग करता था लेकिन उसने कभी भी पूर्वी और उत्तरी इंग्लैंड पर शासन नहीं किया। उसके बेटे एडवर्ड द एल्डर ने पूर्वी डेनलॉ पर विजय हासिल की लेकिन एडवर्ड का बेटे ऍथेल्स्तन ९२७ ई में नॉर्थम्ब्रिया पर विजय हासिल करके पूरे इंग्लैंड पर शासन करने वाला पहला राजा बना। आधुनिक इतिहासकारों ऍथेल्स्तन को ही इंग्लैंड का पहला राजा मानते हैं। वेल्स की रियासत का इंग्लैंड के साम्राज्य में रुडलैन का स्टैचुएट के अंतर्गत १२८४ में विलय कर दिया गया और १३०१ में राजा एडवर्ड प्रथम ने अपने ज्येष्ठ पुत्र, भविष्य के राजा एडवर्ड द्वितीय को वेल्स का राजकुमार के तौर पर प्रतिष्ठित किया। तभी से एडवर्ड तृतीय के अलावा अंग्रेज अधीराटों के सभी बड़े बेटों ने यह पद हासिल किया है। १६०३ ई में एलिज़ाबेथ प्रथम की निसंतान मृत्यु के बाद इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के सिंहासनों का स्कॉटलैंड का जेम्स ६ के शासन में एक निजी एकीकरण कर दिया गया। शाही ऐलान के साथ जेम्स ने स्वयं को ग्रेट ब्रिटेन का राजा घोषित कर दिया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन जैसे किसी भी साम्राज्य का कानूनी तौर पर निर्माण १७०७ तक नहीं हुआ था। महारानी ऐन के शासन काल में १७०७ में हुए विलय के अधिनियमों के बाद इंग्लैंड कानूनी तौर पर स्कॉटलैंड के साथ जुड़ गया और इस तरह ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का गठन हुआ। १८०१ में विलय के अधिनियम के तहत आयरलैंड राजशाही जो हेनरी द्वि॰ के समय से अंग्रेजी शासन के अधीन था ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही में शामिल हो गया और १९२२ में आयरिश मुक्त राज्य के बनने तक इसका हिस्सा रहा। चूंकि उत्तरी आयरलैंड यूके के साथ रहा इसलिये इसके बाद से इस साम्राज्य को यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड के नाम से जानते हैं। .

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