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अफ़्रीका

सूची अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

675 संबंधों: चना, चमेली, चाड, चाड झील, चाडी भाषाएँ, चारी नदी, चिकनगुनिया, ऊगादोगो, चीड़, चीता, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टार्ज़न, टाइम (अंग्रेज़ी पत्रिका), टिड्डी, टिबेस्टी पर्वत, ट्रिपैनोसोमियासिस, ट्वाइलाइट (2008 फ़िल्म), टैगानिक झील, टेबल माउंटन, टोटम प्रथा, टोगो पहाड़ियाँ, ऍड्वर्ड झील, एचआईवी (HIV), एचआइवी, एन्शीएंट हीलिंग, एफ्रोडाईट टेरा, एमटीएन समूह, एल आइउन, एलेन फोरस्ट जू, एलेक्स, एस पी महादेवन, एस॰ चंद ग्रुप, एजूकेशनल कन्सल्टेंटस इंडिया लिमिटेड (एडसिल), एगुलस अन्तरीप, एकातेअर प्रान्त, एक्स ला चैपल संधि (१७४८), ऐल्बर्ट झील (अफ़्रीका), ऐसेंशन द्वीप, झाऊ, झील, डाकार, डिज़्नीलैंड पार्क (एनाहीम), डेविड बेखम, डेंगू बुख़ार, डोरिस लेसिंग, ढोर, ताड़, ताड़ का तेल, तानतानी, ..., ताना झील, ताना नदी, ताराबूलस, तारकनाथ दास, तिल, तिग्रे भाषा, तिग्रीन्या भाषा, तुगेला नदी, त्यूतन जातियाँ, त्रिस्तान दा कून्हा, त्वा लोग, तूनिसीया, तेन्दुआ, तोता, तोद्रा वादी, थलसन्धि, द फैण्टम, द रॉक होटल, दरियाई घोड़ा, दर्जिन चिड़िया, दासप्रथा (पाश्चात्य), दावा नदी, दक्षिण सूडान, दक्षिण कीवू 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क्रिकेट विश्व कप, २०१८ फीफा विश्व कप, ३जी, ९ जनवरी सूचकांक विस्तार (625 अधिक) »

चना

चना चना एक प्रमुख दलहनी फसल है। .

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चमेली

चमेली चमेली (Jasmine) का फूल झाड़ी या बेल जाति से संबंधित है, इसकी लगभग २०० प्रजाति पाई जती हैं। "चमेली" नाम पारसी शब्द "यासमीन" से बना है, जिसका मतलब "प्रभु की देन" है। चमेली, जैस्मिनम (Jasminum) प्रजाति के ओलिएसिई (Oleaceae) कुल का फूल है। भारत से यह पौधा अरब के मूर लोगों द्वारा उत्तर अफ्रीका, स्पेन और फ्रांस पहुँचा। इस प्रजाति की लगभग 40 जातियाँ और 100 किस्में भारत में अपने नैसर्गिक रूप में उपलब्ध हैं। जिनमें से निम्नलिखित प्रमुख और आर्थिक महत्व की हैं: 1.

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चाड

चाड, जिसे त्शाद भी उच्चारित किया जाता है, अफ्रीका में स्थित एक स्थलरुद्ध देश है। इसके उत्तर में लीबिया, दक्षिण में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, पूर्व में सूडान और पश्चिम में नाइजर, नाइजीरिया और कैमरून हैं। यह देश तीन विभिन्न भौगोलिक प्रांतों में बँटा हुआ है। उत्तरी इलाका रेगिस्तानी है जो कि सहारा का भाग है, मध्य का इलाका साहेल है और दक्षिणी भाग सवाना है। चाड झील, जिससे देश को नाम मिला है, चाड का सबसे बड़ा दलदली इलाका है और अफ़्रीका का दूसरा सबसे बड़ा। इसका सबसे बड़ा शहर अन्' ड्जमेना है जो कि इसकी राजधानी भी है। इस्लाम और इसाई धर्म सबसे प्रचलित धर्म हैं, हालाँकि करीब १५% जनसंख्या जीववादी और नास्तिक भी है। अरबी और फ़्रेन्च यहाँ की आधिकारिक भाषाएं हैं। चाड असफल देशों (Failed state) में से एक और दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में से एक है। .

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चाड झील

चाड झील की भौगोलिक स्थिति चाड झील अफ़्रीका मे स्थित एक मीठे पानी की झील है। यह झील ४ देशो के २ करोड़ लोगो के पीने की पानी की आवश्यकता को पूरी करती है। चारी नदी चाड झील के पानी का स्रोत है। चाड झील से ही अफ़्रीकी देश चाड का नाम पड़ा है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:अफ़्रीका की बन्द जलसम्भरीय झीलें.

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चाडी भाषाएँ

चाडी भाषाएँ (Chadic languages) अफ़्रीका के सहेल क्षेत्र में बोला जाने वाला एक भाषा-परिवार है। यह अफ़्रो-एशियाई भाषा-परिवार (सामी-हामी भाषा-परिवार) की एक शाखा है। चाडी भाषा-परिवार में लगभग 150 भाषाएँ आती हैं जो उत्तरी नाइजीरिया, दक्षिणी नाइजर, दक्षिणी चाड, मध्य अफ़्रीकी गणतंत्र और उत्तरी कैमरून में बोली जाती है। हाउसा भाषा सर्वाधिक बोली जाने वाली चाडी भाषा है और पश्चिमी अफ़्रीका के समुद्र से दूर वाले अधिकांश भागों में बोली जाती है। .

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चारी नदी

चारी या शारी नदी मध्य अफ़्रीका मे बहने वाली एक नदी है। अपने ९४९ किलोमीटर लंबे पथ मे यह नदी केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्यसे शुरू होकर चाड मे स्थित चाड झील मे समाप्त होती है। श्रेणी:अफ़्रीका.

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चिकनगुनिया

चिकनगुनिया लम्बें समय तक चलने वाला जोडों का रोग है जिसमें जोडों मे भारी दर्द होता है। इस रोग का उग्र चरण तो मात्र २ से ५ दिन के लिये चलता है किंतु जोडों का दर्द महीनों या हफ्तों तक तो बना ही रहता है। चिकनगुनिया विषाणु एक अर्बोविषाणु है जिसे अल्फाविषाणु परिवार का माना जाता है। यह मानव में एडिस मच्छर के काटने से प्रवेश करता है। यह विषाणु ठीक उसी लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है जिस प्रकार की स्थिति डेंगू रोग मे होती है। .

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ऊगादोगो

ऊगादोगो अफ्रीका के बुर्कीना फासो देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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चीड़

चीड़ (अंग्रेजी:Pine), एक सपुष्पक किन्तु अनावृतबीजी पौधा है। यह पौधा सीधा पृथ्वी पर खड़ा रहता है। इसमें शाखाएँ तथा प्रशाखाएँ निकलकर शंक्वाकार शरीर की रचना करती हैं। इसकी ११५ प्रजातियाँ हैं। ये ३ से ८० मीटर तक लम्बे हो सकते हैं। चीड़ के वृक्ष पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में पाए जाते हैं। इनकी 90 जातियाँ उत्तर में वृक्ष रेखा से लेकर दक्षिण में शीतोष्ण कटिबंध तथा उष्ण कटिबंध के ठंडे पहाड़ों पर फैली हुई हैं। इनके विस्तार के मुख्य स्थान उत्तरी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका के शीतोष्ण भाग तथा एशिया में भारत, बर्मा, जावा, सुमात्रा, बोर्नियो और फिलीपींस द्वीपसमूह हैं। .

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चीता

बिल्ली के कुल (विडाल) में आने वाला चीता (एसीनोनिक्स जुबेटस) अपनी अदभुत फूर्ती और रफ्तार के लिए पहचाना जाता है। यह एसीनोनिक्स प्रजाति के अंतर्गत रहने वाला एकमात्र जीवित सदस्य है, जो कि अपने पंजों की बनावट के रूपांतरण के कारण पहचाने जाते हैं। इसी कारण, यह इकलौता विडाल वंशी है जिसके पंजे बंद नहीं होते हैं और जिसकी वजह से इसकी पकड़ कमज़ोर रहती है (अतः वृक्षों में नहीं चढ़ सकता है हालांकि अपनी फुर्ती के कारण नीची टहनियों में चला जाता है)। ज़मीन पर रहने वाला ये सबसे तेज़ जानवर है जो एक छोटी सी छलांग में १२० कि॰मी॰ प्रति घंटे ऑलदो एकोर्डिंग टू चीता, ल्यूक हंटर और डेव हम्मन (स्ट्रुइक प्रकाशक, 2003), pp.

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टाटा मोटर्स

टाटा मोटर्स भारत में व्यावसायिक वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इसका पुराना नाम टेल्को (टाटा इंजिनीयरिंग ऐंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड) था। यह टाटा समूह की प्रमुख कंपनियों में से एक है। इसकी उत्पादन इकाइयाँ भारत में जमशेदपुर (झारखंड), पुणे (महाराष्ट्र) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) सहित अन्य कई देशों में हैं। जैसा कि नाम से स्पष्ट है टाटा घराने द्वा्रा इस कारखाने की शुरुआत अभियांत्रिकी और रेल इंजन के लिये हुआ था। किन्तु अब यह कम्पनी मुख्य रूप से भारी एवं हल्के वाहनों का निर्माण करती है। इसने ब्रिटेन के प्रसिद्ध ब्रांडों जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया है। .

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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड (टीसीएस) एक भारतीयबहुराष्ट्रीय कम्पनी सॉफ्टवेर सर्विसेस एवं कंसल्टिंग कंपनी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सूचना तकनीकी तथा बिज़नस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता कंपनियों में से है। साल २००७ में, इसे एशिया की सबसे बड़ी सूचना प्रोद्योगिकी कंपनी आँका गया। भारतीय आई टी कंपनियों की तुलना में टीसीएस के पास सबसे अधिक कर्मचारी हैं। टीसीएस के ४४ देशों में २,५४,००० कर्मचारी हैं। ३१ मार्च २०१२ को ख़त्म होने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने १०.१७ अरब अमेरिकी डॉलर का समेकित राजस्व हासिल किया। टीसीएस भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी है। टीसीएस एशिया की सबसे बड़ी कंपनी समूह में से एक टाटा समूह का एक हिस्सा है। टाटा समूह ऊर्जा, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, निर्माण, रसायन, इंजीनियरिंग एवं कई तरह के उत्पाद बनाता है। वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी का मुनाफा 33.19% बढ़कर 7,000.64 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की आमदनी करीब 8% बढ़कर 30,028.92 करोड़ रुपये हो गयी। अप्रैल 2018 में, टीसीएस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अपनी एम-कैप 6,79,332.81 करोड़ रुपये (102.6 अरब डॉलर) के बाद 100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण करने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बन गई, और दूसरी भारतीय कंपनी (रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2007 में इसे हासिल करने के बाद)। .

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टार्ज़न

टार्जन एक काल्पनिक चरित्र है, वह एक आदिरूप जंगली बच्चा है जिसे अफ्रीका के जंगलों में मंगानी "महान वानरों" के द्वारा पाल पोस कर बड़ा किया जाता है; बाद में वह सामाजिक जीवन में लौट आता है, लेकिन इसे स्वीकार नहीं कर पाता है और एक साहसी वीर के रूप में फिर से जंगल में लौट आता है। टार्ज़न एक ऐसा पात्र है जिसे एडगर राईस बरोज के द्वारा बनाया गया, सबसे पहले इस पात्र को उपन्यास टार्ज़न ऑफ़ द एप्स (मैगजीन प्रकाशन 1912, पुस्तक प्रकाशन 1914) में देखा गया और इसके बाद इसके 25 सिक्वल्स में, अन्य लेखकों की तीन अधिकृत पुस्तकों में और मीडिया के असंख्य अधिकृत या अनाधिकृत कामों में भी देखा गया। .

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टाइम (अंग्रेज़ी पत्रिका)

टाइम (Time) अमेरिकी साप्ताहिक समाचार पत्रिका है जिसका प्रकाशन न्यू यॉर्क शहर से होता है। इसकी स्थापना 1923 में हुई थी और कई दशकों तक इस पर हॅनरी ल्यूस का प्रभुत्व रहा। टाइम के विश्व में कई विभिन्न संस्करण प्रकाशित होते हैं। यूरोपीय संस्करण टाइम यूरोप (पूर्व नाम: टाइम अटलांटिक) का प्रकाशन लंदन से होता है और यह मध्य पूर्व, अफ़्रीका और 2003 से लॅटिन अमेरिका को कवर करता है। एशियाई संस्करण टाइम एशिया हॉन्ग कॉन्ग से संचालित होता है। दक्षिण प्रशांत संस्करण सिडनी में आधारित है और इसमें ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैंड सहित प्रशांत महासागर के द्वीप समूह कवर किए जाते हैं। 2008 में टाइम ने अपना कनाडा में स्थापित विज्ञापनदाता संस्करण बंद कर दिया था। साप्ताहिक समाचार पत्रिकाओं की श्रेणी में टाइम का संचलन विश्व में सर्वाधिक है। वर्ष 2014 के अनुसार, इसका कुल संचलन 3,281,557 प्रतियों का है, जो इसे अमेरिका की सर्वाधिक संचलन वाली सभी पत्रिकाओं में दसवाँ, तथा साप्ताहिक पत्रिकाओं में दूसरा स्थान देता है। मई 2006 से अक्टूबर 2013 तक इस पत्रिका के प्रबंध संपादक रिचर्ड स्टॅंगॅल थे, जिसके बाद से नॅन्सी गिब्स इस पद पर हैं। .

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टिड्डी

मरुस्थलीय टिड्डियाँ टिड्डी (Locust) ऐक्रिडाइइडी (Acridiide) परिवार के ऑर्थाप्टेरा (Orthoptera) गण का कीट है। हेमिप्टेरा (Hemiptera) गण के सिकेडा (Cicada) वंश का कीट भी टिड्डी या फसल डिड्डी (Harvest Locust) कहलाता है। इसे लधुश्रृंगीय टिड्डा (Short Horned Grasshopper) भी कहते हैं। संपूर्ण संसार में इसकी केवल छह जातियाँ पाई जाती हैं। यह प्रवासी कीट है और इसकी उड़ान दो हजार मील तक पाई गई है। .

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टिबेस्टी पर्वत

टिबेस्टी पर्वत अल्जीरिया, अफ्रीका में स्थित एक पर्वत है। यह ज्वालामुखी पर्वत है। श्रेणी:अल्जीरिया के पर्वत श्रेणी:सहारा मरुस्थल श्रेणी:ज्वालामुखी पर्वत.

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ट्रिपैनोसोमियासिस

ट्रिपैनोसोमियासिस या ट्रिपैनोसोमोसिस ट्रिपैनोसोमा जाति के परजीवी प्रोटोजोआ ट्रिपैनोसोमों द्वारा उत्पन्न पृष्ठजीवियों में होने वाले अनेक रोगों का नाम है। उप-सहाराई अफ्रीका के 36 देशों के लगभग 500,000 पुरूष, स्त्रियां और बच्चे मानवीय अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस से प्रभावित होते हैं जो ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी गैम्बियेंसी या ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी रोडेसियेंसी के कारण होता है। ट्रिपैनोसोमियासिस के एक अन्य प्रकार, जिसे चागास रोग कहते हैं, के कारण मुख्यतया लैटिन अमेरिका में प्रतिवर्ष 21000 मौतें होती हैं। .

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ट्वाइलाइट (2008 फ़िल्म)

ट्वाइलाइट एक रूमानी-फंतासी फ़िल्म है, जो कैथरीन हार्डविक द्वारा निर्देशित और स्टिफ़ेनी मेयेर के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। फ़िल्म के मुख्य पात्र हैं बेला स्वॉन और एडवर्ड कलन, जो क्रमशः क्रिस्टेन स्टिवर्ट और रॉबर्ट पैटिनसन द्वारा अभिनीत है। कथानक एक किशोर लड़की और एक पिशाच पर केंद्रित है, जिन्हें प्रेम हो जाता है। समिट एंटरटेनमेंट द्वारा निर्माण शुरू करने से पहले, पैरामाउंट पिक्चर्स में इस परियोजना का लगभग तीन साल तक विकास होता रहा। मेलिसा रोसेन्बर्ग द्वारा उपन्यास का पर्दे के लिए रूपांतरण 2007 के अंत में, 2007-2008 राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका की हड़ताल के कुछ पहले हुआ। 2008 के पूर्वार्ध में फ़िल्म का मुख्य रूप से वाशिंगटन और ओरेगन में फिल्मांकन हुआ।ट्वाइलाइट सिनेमा-घरों में 21 नवम्बर 2008 को प्रदर्शित की गई, और अपने प्रदर्शन के प्रथम दिन इसने US$35.7 मिलियन की कमाई की। यथा 19 सितम्बर 2009, फ़िल्म ने दुनिया भर के बॉक्स ऑफिस पर US$383,520,177 और यथा 12 जुलाई 2009 उत्तर अमेरिका में DVD की बिक्री से $157,078,128 अर्जित किए। साउंडट्रैक 4 नवम्बर 2008 को जारी किया गया। .

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टैगानिक झील

टैगानिक झील अफ्रीका की एक प्रमुख झील एवं कांगो नदी का उद्गम स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका.

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टेबल माउंटन

टेबल माउंटन (अंग्रेज़ी: Table Mountain, अर्थ: मेज़ पहाड़), जिसे स्थानीय अफ़्रीकी खोईखोई भाषा में होएरिकवाग्गो (Hoerikwaggo) कहते हैं, दक्षिण अफ़्रीका के केप टाउन नगर के पास स्थित एक चपटे और समतल शिखर वाला एक प्रसिद्ध पर्वत है। यह एक पर्यटक आकर्षण और थलचिन्ह है। इसे पास ही स्थित केप ऑफ़ गुड होप नामक अंतरीप से समुद्र से भी देखा जा सकता है। .

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टोटम प्रथा

कनाडा में टोटम खम्बे गणचिह्नवाद या टोटम प्रथा (totemism) किसी समाज के उस विश्वास को कहतें हैं जिसमें मनुष्यों का किसी जानवर, वृक्ष, पौधे या अन्य आत्मा से सम्बन्ध माना जाए। 'टोटम' शब्द ओजिब्वे (Ojibwe) नामक मूल अमेरिकी आदिवासी क़बीले की भाषा के 'ओतोतेमन' (ototeman) से लिया गया है, जिसका मतलब 'अपना भाई/बहन रिश्तेदार' है। इसका मूल शब्द 'ओते' (ote) है जिसका अर्थ एक ही माँ के जन्में भाई-बहन हैं जिनमें ख़ून का रिश्ता है और जो एक-दूसरे से विवाह नहीं कर सकते। अक्सर टोटम वाले जानवर या वृक्ष का उसे मानने वाले क़बीले के साथ विशेष सम्बन्ध माना जाता है और उसे मारना या हानि पहुँचाना वर्जित होता है, या फिर उसे किसी विशेष अवसर पर या विशेष विधि से ही मारा जा सकता है। कबीले के लोग अक्सर उसे क़बीले की चिह्नों में भी शामिल कर लेते हैं, मसलन मूल अमेरिकी आदिवासी अक्सर टोटम खम्बों में इन्हें प्रदर्शित करते थे।, Rajendra K. Sharma, Atlantic Publishers & Dist, 2004, ISBN 978-81-7156-665-5,...

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टोगो पहाड़ियाँ

टोगो पहाड़ियाँ (Togo Mountains) अफ़्रीका के पश्चिमी भाग में स्थित टोगो देश में एक पर्वतमाला है जो उस देश के मध्य से गुज़रती है और पूर्व में बेनिन देश और पश्चिम में घाना देश में भी जाती हैं। घाना में यह पहाड़ियाँ अक्वापिम पहाड़ (Akwapim Hills) और बेनिन में आताकोरा पहाड़ (Atakora Mountains) के नाम से जानी जाती हैं। भूतकाल में अफ़्रीकी जंगली कुत्ता इस पर्वतमाला में रहता था लेकिन अब उसे इस भूभाग से खदेड़ा जा चुका है। .

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ऍड्वर्ड झील

ऍड्वर्ड झील (अंग्रेज़ी: Lake Edward) या रुतनज़िगे (Rutanzige) या ऍड्वर्ड न्यान्ज़ा (Edward Nyanza) महान अफ़्रीकी झीलों की सबसे छोटी झील है। यह कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य और युगान्डा की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है और इसका उत्तरी छोर भूमध्य रेखा (इक्वेटर) से कुछ ही किलोमीटर दक्षिण में पड़ता है। यह अफ़्रीका की १५वीं सबसे बड़ी झील है। इस से कुछ दूरी पर जॉर्ज झील स्थित है और इन दोनों झीलों के बीच में काज़िन्गा नहर की धारा चलती है।, Jean-Pierre Chrétien, Mit Press, 2006, ISBN 9781890951351 .

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एचआईवी (HIV)

ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (Human immunodeficiency virus) (एचआईवी) (HIV) एक लेंटिवायरस (रेट्रोवायरस परिवार का एक सदस्य) है, जो अक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (acquired immunodeficiency syndrome) (एड्स) (AIDS) का कारण बनता है, जो कि मनुष्यों में एक अवस्था है, जिसमें प्रतिरक्षा तंत्र विफल होने लगता है और इसके परिणामस्वरूप ऐसे अवसरवादी संक्रमण हो जाते हैं, जिनसे मृत्यु का खतरा होता है। एचआईवी (HIV) का संक्रमण रक्त के अंतरण, वीर्य, योनिक-द्रव, स्खलन-पूर्व द्रव या मां के दूध से होता है। इन शारीरिक द्रवों में, एचआईवी (HIV) मुक्त जीवाणु कणों और प्रतिरक्षा कोशिकाओं के भीतर उपस्थित जीवाणु, दोनों के रूप में उपस्थित होता है। इसके संचरण के चार मुख्य मार्ग असुरक्षित यौन-संबंध, संक्रमित सुई, मां का दूध और किसी संक्रमित मां से उसके बच्चे को जन्म के समय होने वाला संचरण (ऊर्ध्व संचरण) हैं। एचआईवी (HIV) की उपस्थिति का पता लगाने के लिये रक्त-उत्पादों की जांच करने के कारण रक्ताधान अथवा संक्रमित रक्त-उत्पादों के माध्यम से होने वाला संचरण विकसित विश्व में बड़े पैमाने पर कम हो गया है। मनुष्यों में होने वाले एचआईवी (HIV) संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) (डब्ल्यूएचओ)(WHO) द्वारा महामारी माना गया है। इसके बावजूद, एचआईवी (HIV) के बारे में व्याप्त परितोष एचआईवी (HIV) के जोखिम में एक मुख्य भूमिका निभा सकता है। 1981 में इसकी खोज से लेकर 2006 तक, एड्स (AIDS) 25 मिलियन से अधिक लोगों की जान ले चुका है। विश्व की लगभग 0.6% जनसंख्या एचआईवी (HIV) से संक्रमित है। एक अनुमान के मुताबिक केवल 2005 में ही, एड्स (AIDS) ने लगभग 2.4–3.3 मिलियन लोगों की जान ले ली, जिनमें 570,000 से अधिक बच्चे थे। इनमें से एक-तिहाई मौतें उप-सहाराई अफ्रीका में हुईं, जिससे आर्थिक विकास की गति धीमी पड़ गई और गरीबी में वृद्धि हुई। वर्तमान अनुमानों के अनुसार, एचआईवी (HIV) अफ्रीका में 90 मिलियन लोगों को संक्रमित करने को तैयार है, जिसके चलते अनुमानित रूप से कम से कम 18 मिलियन लोग अनाथ हो जाएंगे.

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एचआइवी

एचआइवी अथवा कपोसी सार्कोमा प्रभावित महिला की नाक का चित्र एचआईवी (ह्युमन इम्युनडिफिशिएंशी वायरस) या मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु एक विषाणु है जो शरीर की रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रहार करता है और संक्रमणों के प्रति उसकी प्रतिरोध क्षमता को धीरे-धीरे कम करता जाता है। यह लाइलाज बीमारी एड्स का कारण है। मुख्यतः यौण संबंध तथा रक्त के जरिए फैलने वाला यह विषाणु शरीर की श्वेत रक्त कणिकाओं का भक्षण कर लेता है। इसमें उच्च आनुवंशिक परिवर्तनशीलता का गुण है। यह विशेषता इसके उपचार में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। .

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एन्शीएंट हीलिंग

“एन्शिएंट हीलिंग” कलर्स टीवी द्वारा प्रसारित एक टेलीविजन कार्यक्रम है जो कि हिमालय की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली के आधुनिक अनुप्रयोगों पर आधारित है I totesnewsworthy.com.

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एफ्रोडाईट टेरा

एफ्रोडाईट टेरा (Aphrodite Terra), शुक्र ग्रह पर भूमध्य रेखा के पास का एक उच्चभूम क्षेत्र है। यह प्यार की देवी पर नामित है जो कि शुक्र के रोमन देवता ग्रीक के समकक्ष है। यह आकार में लगभग अफ्रीका के बराबर और इश्तार टेरा से बहुत मामूली है। सतह झुकी हुई और टूटीफूटी नजर आती है जिससे बड़े सम्पीड़क बलों का पता चलता है। वहां अनेक व्यापक लावा प्रवाह भी हैं। नहरें इस इलाके को पार करती है और उनमें से कुछ तो मनोरम धनुष आकार लिए हुए है। एफ्रोडाईट टेरा पर पर्वत श्रृंखला भी है लेकिन वे इश्तार पर स्थित पहाड़ों के महज आधे हैं। एफ्रोडाईट टेरा के दो मुख्य क्षेत्र है: पश्चिम में ओवडा रीजियो और पूर्व में थेटिस रीजियो। ओवडा रीजियो की मेड़े दो दिशाओं में चल रही है, जो बताती है कि सम्पीड़क बल कई दिशाओं में कार्य कर रहे हैं। वहां के श्याह क्षेत्र जमे हुए लावा प्रवाहों का होना नजर आते हैं। श्रेणी:खगोलशास्त्र श्रेणी:शुक्र ग्रह श्रेणी:शुक्र का भूगोल.

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एमटीएन समूह

एमटीएन समूह दक्षिण अफ़्रीका-आधारित एक बहुराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार कंपनी है। ये अफ़्रीका और मध्य पूर्वईय देशों में कार्य करती है। दक्षिण अफ़्रीका में एमटीएन मोबाइल की दुकान .

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एल आइउन

एल आइउन अफ्रीका के पश्चिमी सहारा देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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एलेन फोरस्ट जू

1971 में खुला यह चिड़ियाघर भारत के सर्वोत्तम चिड़ियाघरों में एक है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह कानपुर शहर में स्थित है। यहाँ पर लगभग 1250 जीव-जंतु है। कुछ समय पिकनिट के तौर पर बिताने और जीव-जंतुओं को देखने के लिए यह चिड़ियाघर एक बेहतरीन जगह है। .

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एलेक्स

एलेक्स एक अफ्रिकन तोता था, जो कि तीव्र बुद्धिशाली था। वैज्ञानिक आइरिन ने अपने तोते का नाम भी अपने परीक्षण यानि Avian Learning EXperiment से लेकर ALEX रखा। इसके बाद अलेक्स का प्रशिक्षण शुरू हुआ। अलेक्स का प्रशिक्षण आम प्रशिक्षणों से एकदम अलग था। अलेक्स को वस्तुओं, उसके रंग, आकार, पदार्थ आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाता था। दो व्यक्ति अलेक्स के सामने खडे होते और दोनों में एक व्यक्ति अपने साथी से सवाल पूछता और सामने वाला जवाब देता.

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एस पी महादेवन

जनरल एसपी महादेवन अति विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त,को सेना के अति प्रभावी अधिकारी के रूप में जाना जाता था जिन्होंने अगस्त १९४६ में कलकत्ता दंगों के दौरान महात्मा गांधी की रक्षा की थी और बाद में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन ने तमिलनाडु सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था। मेजर जनरल एस पी महादेवन का दिनाक ६ अप्रैल २०१८ को निधन हो गया। वे ९२ वर्ष के थे। महादेवन को १९४६ में तत्कालीन बेंगलुरु स्थित अधिकारियों प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) से भारतीय सेना में नियुक्त किया गया था। .

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एस॰ चंद ग्रुप

कोई विवरण नहीं।

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एजूकेशनल कन्सल्टेंटस इंडिया लिमिटेड (एडसिल)

एजूकेशनल कन्सल्टेंटस इंडिया लिमिटेड (एडसिल) भारत सरकार का उद्यम है जो भारत और मानव संसाधन विकास के विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराता है। उसका विशेष ध्यान एशिया और अफ्रीका के विकासशील देशों पर है। सेवाओं का क्षेत्र: परामर्श सेवाओं में एडसिल का क्षेत्र.

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एगुलस अन्तरीप

एगुलस अंतरीप पर, अन्ध महासागर और हिन्द महासागर के बीच आधिकारिक विभाजन रेखा को इंगित करता हुआ एक निशान जिस पर अफ्रीकान और अंग्रेजी में अंकित है कि "'''एगुलस अन्तरीप''' आप अब अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणतम सिरे पर हैं" केप एगुलस या एगुलस अन्तरीप (अंग्रेजी: Cape Agulhas, पुर्तगाली: Cabo das Agulhas "सुईयों का अन्तरीप"), दक्षिण अफ्रीका के राज्य पश्चिमी केप, में स्थित एक चट्टानी अंतरीप है। भौगोलिक रूप से यह अफ्रीका का दक्षिणी सिरा है और आधिकारिक रूप से अन्ध महासागर और हिन्द महासागर का विभाजन बिंदु है। वैसे महासागरों के बीच का वास्तविक विभाजन बिंदु वो है जहां वर्तमान एगुलस धारा, बेंगुएला धारा से मिलती है, पर यह बिन्दु मौसम के अनुसार केप एगुलस और केप प्वाइंट के बीच बदलता रहता है। ऐतिहासिक रूप से नाविक इस अंतरीप को, परंपरागत क्लिपर मार्ग पर एक बड़ा खतरा माना करते थे और अक्सर इसे महान अंतरीप कह कर पुकारा जाता था। इस अंतरीप के निकट ला'एगुलस नामक गांव स्थित है। .

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एकातेअर प्रान्त

एकातेअर प्रान्त अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पश्चिमोत्तर हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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एक्स ला चैपल संधि (१७४८)

एक्स ला चैपल की द्वितीय संधि १७४८ में ऑस्ट्रियन उत्तराधिकार युद्ध को समाप्त करने हेतु हुई थी। २४ अप्रैल, १७४८ को पवित्र रोमन साम्राज्य के पश्चिम में इम्पीरियल फ़्री सिटी- आखन में कांग्रेस एकत्रित हुई और परिणामतः यह संधि तय हुई। इस संधि में ब्रिटेन और फ्रांस ही हावी रहे व अन्य देशों ने मात्र नतमस्तक हो उसे तब माना। हालांकि इस संधि ने ब्रिटेन और फ्रांस के बीच, अफ़्रीका, भारत और वेस्ट इंडीज़ के विवाद का कोई हल नहीं निकाला और यह लंबी शांति नहीं दे पाय़ी। .

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ऐल्बर्ट झील (अफ़्रीका)

ऐल्बर्ट झील (अंग्रेज़ी: Lake Albert) या ऐल्बर्ट न्यान्ज़ा (अंग्रेज़ी: Albert Nyanza) महान अफ़्रीकी झीलों में से एक है। यह युगान्डा और कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के बीच स्थित है। यह अफ़्रीका की सातवी सबसे बड़ी और पूरे विश्व की २७वीं सबसे बड़ी झील है।, Jean-Pierre Chrétien, Mit Press, 2006, ISBN 9781890951351 .

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ऐसेंशन द्वीप

अफ्रीका का देश। श्रेणीःअफ्रीका श्रेणीःदेश en:Ascension island.

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झाऊ

झाऊ (tamarisk) सपुष्पक पौधों की ५०-६० जीववैज्ञानिक जातियों वाला एक जीववैज्ञानिक कुल है, जो औपचारिक रूप से टमैरिकेसिए (Tamaricaceae) कहलाता है। यह जातियाँ एशिया, यूरोप और अफ़्रीका के शुष्क इलाकों में पाई जाती हैं। उत्तर भारत में यह बहुत क्षेत्रों में फैला हुआ वृक्ष है। .

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झील

एक अनूप झील बैकाल झील झील जल का वह स्थिर भाग है जो चारो तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है। झील की दूसरी विशेषता उसका स्थायित्व है। सामान्य रूप से झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं जिनमें जल भरा होता है। झीलों का जल प्रायः स्थिर होता है। झीलों की एक महत्वपूर्ण विशेषता उनका खारापन होता है लेकिन अनेक झीलें मीठे पानी की भी होती हैं। झीलें भूपटल के किसी भी भाग पर हो सकती हैं। ये उच्च पर्वतों पर मिलती हैं, पठारों और मैदानों पर भी मिलती हैं तथा स्थल पर सागर तल से नीचे भी पाई जाती हैं। किसी अंतर्देशीय गर्त में पाई जानेवाली ऐसी प्रशांत जलराशि को झील कहते हैं जिसका समुद्र से किसी प्रकार का संबंध नहीं रहता। कभी-कभी इस शब्द का प्रयोग नदियों के चौड़े और विस्तृत भाग के लिए तथा उन समुद्र तटीय जलराशियों के लिए भी किया जाता है, जिनका समुद्र से अप्रत्यक्ष संबंध रहता है। इनके विस्तार में भिन्नता पाई जाती है; छोटे छोटे तालाबों और सरोवर से लेकर मीठे पानीवाली विशाल सुपीरियर झील और लवणजलीय कैस्पियन सागर तक के भी झील के ही संज्ञा दी गई है। अधिकांशत: झीलें समुद्र की सतह से ऊपर पर्वतीय प्रदेशों में पाई जाती हैं, जिनमें मृत सागर, (डेड सी) जो समुद्र की सतह से नीचे स्थित है, अपवाद है। मैदानी भागों में सामान्यत: झीलें उन नदियों के समीप पाई जाती हैं जिनकी ढाल कम हो गई हो। झीलें मीठे पानीवाली तथा खारे पानीवाली, दोनों होती हैं। झीलों में पाया जानेवाला जल मुख्यत: वर्ष से, हिम के पिघलने से अथवा झरनों तथा नदियों से प्राप्त होता है। झीले बनती हैं, विकसित होती हैं, धीरे-धीरे तलछट से भरकर दलदल में बदल जाती हैं तथा उत्थान होंने पर समीपी स्थल के बराबर हो जाती हैं। ऐसी आशंका है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की बृहत झीलें ४५,००० वर्षों में समाप्त हो जाएंगी। भू-तल पर अधिकांश झीलें उत्तरी गोलार्ध में स्थित हैं। फिनलैंड में तो इतनी अधिक झीलें हैं कि इसे झीलों का देश ही कहा जाता है। यहाँ पर १,८७,८८८ झीलें हैं जिसमें से ६०,००० झीलें बेहद बड़ी हैं। पृथ्वी पर अनेक झीलें कृत्रिम हैं जिन्हें मानव ने विद्युत उत्पादन के लिए, कृषि-कार्यों के लिए या अपने आमोद-प्रमोद के लिए बनाया है। झीलें उपयोगी भी होती हैं। स्थानीय जलवायु को वे सुहावना बना देती हैं। ये विपुल जलराशि को रोक लेती हैं, जिससे बाढ़ की संभावना घट जाती है। झीलों से मछलियाँ भी प्राप्त होती हैं। .

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डाकार

डाकार, अफ्रीका महाद्वीप के राष्ट्र सेनेगल की राजधानी तथा प्रमुख बंदरगाह है। यह सेनेगल नदी तथा गैबिया नदी के बीच केप वर्ट प्रायद्वीप के पश्चिमी छोर पर स्थित है और पुराने विश्व का सबसे पश्चिमी नगर है। इस नगर का बड़ा महत्व है। यहाँ वायुसेना तथा नौसेना के अड्डे भी हैं। यूरोपीय लोगों के लिए यहाँ की ठंडी जलवायु बहुत अनुकूल है। डाकार का मुख्य बाजार बड़ा सुंदर बना है तथा बंदरगाह से २५ फुट ऊँचा है। यहाँ उद्योग साधारण वस्त्र, जूते, साबुन तथा अन्य मरम्मत के कायों तक सीमित है। डाकार बंदरगाह में जहाज मुख्यत: केवल कोयला पानी लेने के लिए ठहरते हैं। .

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डिज़्नीलैंड पार्क (एनाहीम)

डिज़्नीलैंड में एक कैसल। डिज़्नीलैंड एक मनोरंजन पार्क है डिज़्नीलैंड अमेरिका के कैलिफोर्निया के एनाहिम में स्थित है डिज़्नीलैंड का स्वामित्व और संचालन वॉल्ट डिज़्नी पार्क्स के पास है। मूल डिज़्नीलैंड की स्थापना 27जुलाई, 1955 को हुई। 28जुलाई1955 से डिज़्नीलैंड को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। डिज़्नीलैंड का निर्माण वॉल्ट डिज़्नी ने कराया था। जाहिर है वाॅल्ट डिज़्नी के नाम पर डिज़्नीलैंड का नाम रखा अभी तक डिज़्नीलैंड पार्क में 51.5करोड़ पर्यटक आ चुके हैं,पर्यटकों में कई राष्ट्रपति, शाही लोग और अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी हैं। डिज़्नीलैंड रेज़ोर्ट कॉम्प्लेक्स से भिन्नता प्रदान करने के लिए, 1998 में इसे "डिज़्नीलैंड पार्क" के नाम से पुनः नामित किया गया। वर्ष 2007 में यहाँ 1.48करोड़ पर्यटक आए पर्यटकों के क्षेत्र में वॉल्ट डिज़्नी वर्ल्ड के मैजिक किंग्डम के बाद दूसरे स्थान पर था। .

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डेविड बेखम

डेविड रॉबर्ट जोसफ बेखम, accessdate.

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डेंगू बुख़ार

डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं. मच्छर डेंगू वायरस को संचरित करते (या फैलाते) हैं। डेंगू बुख़ार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों। डेंगू बुख़ार के कुछ लक्षणों में बुखार; सिरदर्द; त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। कुछ लोगों में, डेंगू बुख़ार एक या दो ऐसे रूपों में हो सकता है जो जीवन के लिये खतरा हो सकते हैं। पहला, डेंगू रक्तस्रावी बुख़ार है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं (रक्त ले जाने वाली नलिकाएं), में रक्तस्राव या रिसाव होता है तथा रक्त प्लेटलेट्स  (जिनके कारण रक्त जमता है) का स्तर कम होता है। दूसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है, जिससे खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप होता है। डेंगू वायरस चार भिन्न-भिन्न प्रकारों के होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इनमें से किसी एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाये तो आमतौर पर उसके पूरे जीवन में वह उस प्रकार के डेंगू वायरस से सुरक्षित रहता है। हलांकि बाकी के तीन प्रकारों से वह कुछ समय के लिये ही सुरक्षित रहता है। यदि उसको इन तीन में से किसी एक प्रकार के वायरस से संक्रमण हो तो उसे गंभीर समस्याएं होने की संभावना काफी अधिक होती है।  लोगों को डेंगू वायरस से बचाने के लिये कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। डेंगू बुख़ार से लोगों को बचाने के लिये कुछ उपाय हैं, जो किये जाने चाहिये। लोग अपने को मच्छरों से बचा सकते हैं तथा उनसे काटे जाने की संख्या को सीमित कर सकते हैं। वैज्ञानिक मच्छरों के पनपने की जगहों को छोटा तथा कम करने को कहते हैं। यदि किसी को डेंगू बुख़ार हो जाय तो वह आमतौर पर अपनी बीमारी के कम या सीमित होने तक पर्याप्त तरल पीकर ठीक हो सकता है। यदि व्यक्ति की स्थिति अधिक गंभीर है तो, उसे अंतः शिरा द्रव्य (सुई या नलिका का उपयोग करते हुये शिराओं में दिया जाने वाला द्रव्य) या रक्त आधान (किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रक्त देना) की जरूरत हो सकती है। 1960 से, काफी लोग डेंगू बुख़ार से पीड़ित हो रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह बीमारी एक विश्वव्यापी समस्या हो गयी है। यह 110 देशों में आम है। प्रत्येक वर्ष लगभग 50-100 मिलियन लोग डेंगू बुख़ार से पीड़ित होते हैं। वायरस का प्रत्यक्ष उपचार करने के लिये लोग वैक्सीन तथा दवाओं पर काम कर रहे हैं। मच्छरों से मुक्ति पाने के लिये लोग, कई सारे अलग-अलग उपाय भी करते हैं।  डेंगू बुख़ार का पहला वर्णन 1779 में लिखा गया था। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में वैज्ञानिकों ने यह जाना कि बीमारी डेंगू वायरस के कारण होती है तथा यह मच्छरों के माध्यम से संचरित होती (या फैलती) है। .

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डोरिस लेसिंग

डोरिस लेसिंग (२२ अक्टूबर १९१९-१७ नवंबर, २०१३) २००७ में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली ब्रितानी लेखिका थीं। उन्हें यह पुरस्कार अपने पाँच दशक लंबे रचनाकाल के लिए दिया गया। महिला, राजनीति और अफ़्रीका में बिताए यौवनकाल उनके लेखन के प्रमुख विषय रहे। १९०१ से प्रारंभ इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली लेसिंग ११वीं महिला रचनाकार थीं। ब्रिटिश कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्य रह चुकी डोरिस ने हंगरी पर रूसी आक्रमण से व कार्यप्रणाली व नीतियों से क्षुब्ध होकर १९५४ में पार्टी ही छोड़ दी थी। अपने आरम्भिक दिनों में उन्होंने डिकेंस, स्कॉट, स्टीवेन्सन, किपलिंग, डी.एच.

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ढोर

ढोर (cattle) उस पशुवर्ग में आते हैं जिनके खुर होते हैं और प्रत्येक खुर आगे से मध्य भाग में फटा होता है। यह द्विखुरीयगण के अंतर्गत एक कुल है। अधिकांश ढोरों के सींग होते हैं, जो खोपड़ी के किनारों के ही बढ़े हुए हिस्से होते हैं। इनके ऊपरी जबड़े के अंत में दाँत नहीं होते। इस जाति के पालतु पशु जैसे गाय, बैल, भैंस तथा जंगली पशु जैसे बहुसिंगे आदि जुगाली करते हैं। .

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ताड़

भारत के कलकत्ता में ताड़ का वृक्ष ताड़ एकबीजपत्री वृक्ष है। इसकी 6 प्रजातियाँ होती हैं। यह अफ्रीका, एशिया तथा न्यूगीनी का मूल-निवासी है। इसका तना सीधा, सबल तथा शाखाविहिन होता है। ऊपरी सिरे पर कई लम्बी वृन्त तथा किनारे से कटी फलकवाली पत्तियाँ लगी होती हैं। इसका फल काष्ठीय गुठलीवाला होता है। ताड़ के वृक्ष 30 मीटर तक बढ़ सकते हैं। .

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ताड़ का तेल

उबाल के परिणाम स्वरूप ताड़ के तेल का ब्लॉक हल्के रंग दिखा रहा है। ताड़ का तेल, नारियल तेल और ताड़ की गरी का तेल ताड़ के पेड़ों के फल से निकाले गये खाने योग्य वनस्पति तेल हैं। ताड़ का तेल आयल पाम एलएईस गुइनीन्सिस के फल की लुगदी से निकाला जाता है; ताड़ की गरी का तेल आयल पाम के फल की गरी (बीज) से निकाला जाता है और नारियल का तेल नारियल (कोकोस नुसिफेरा) की गरी से प्राप्त किया जाता है। ताड़ के तेल का रंग स्वाभाविक रूप से लाल होता है, क्योंकि इसमें बीटा कैरोटीन का एक उच्च परिमाण शामिल रहता है। ताड़ का तेल, ताड़ की गरी का तेल और नारियल तेल कुछ अत्यधिक संतृप्त वनस्पति वसाओं में से तीन हैं। ताड़ का तेल कमरे के तापमान पर अर्ध ठोस रहता है। ताड़ के तेल में कई संतृप्त और असंतृप्त वसाएं ग्लिसरिल ल्यूरेट (0.1%, संतृप्त), मिरिस्टेट (1%, संतृप्त), पामिटेट (44%, संतृप्त), स्टीयरेट (5%, संतृप्त), ओलेट (39%, एकलअसंतृप्त) लीनोलियेट (10%, बहुलअसंतृप्त और लिनोलेनेट (0.3%, बहुलअसंतृप्त) के रूप में शामिल हैं। ताड़ की गरी का तेल और नारियल तेल, ताड़ के तेल से अधिक उच्च संतृप्त तेल हैं। सभी वनस्पति तेलों की तरह ताड़ के तेल में कोलेस्ट्रॉल (अपरिष्कृत पशु वसा में पाया जाने वाला) नहीं होता, हालांकि संतृप्त वसा के सेवन से एलडीएल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल दोनों बढ़ जाते हैं। ताड़ का तेल अफ्रीका, दक्षिणपूर्व एशिया और ब्राजील के कुछ भागों की उष्णकटिबंधीय पट्टी में खाना पकाने का एक आम उपादान है। इसकी कम लागत और तलने में उपयोग के समय परिष्कृत उत्पाद की उच्च जारणकारी स्थिरता (संतृप्ति) दुनिया के अन्य भागों में व्यावसायिक भोजन उद्योग में इसके बढ़ते उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है। .

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तानतानी

तानतानी या लंटाना (अंग्रेजी:Lantana) वेर्बेनाकेऐ कुल से संबंधित लगभग 150 सदाबहार पुष्पजनक प्रजातियों का एक वंश(जीनस) है। यह मूल रूप से अमेरिका और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का निवासी हैं लेकिन कई क्षेत्रों में भी विशेष रूप से ऑस्ट्रेलियाई प्रशांत क्षेत्र में भी यह पाया जाता है क्योंकि इसे इसके मूल क्षेत्रों से लाकर यहां लगाया गया था। तानतानी जीनस के अंतर्गत घास और झाड़ियां दोनों आती हैं, जिनकी ऊंचाई 0.5-2 मीटर (1.6-6.6 फुट) तक हो सकती है। .

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ताना झील

ताना झील (अंग्रेज़ी: Lake Tana, अम्हारी: ጣና ሐይቅ) पूर्वी अफ़्रीका के इथियोपिया देश की सबसे बड़ी झील है और नीली नील नदी का स्रोत है। यह इथियोपिया के अम्हारा प्रदेश में अबीसीनिया के पठार के पश्चिमोत्तरी भाग में स्थित है। .

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ताना नदी

ताना नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं।यह कीनिया की सबसे लंबी नदी है। .

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ताराबूलस

तराबुलुस, ‍‍طرابلس‌‌, ‍अफ़्रीका के लीबिया देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:लीबिया श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ श्रेणी:लीबिया के आबाद स्थान.

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तारकनाथ दास

तारकनाथ दास या तारक नाथ दास (बंगला: তারকানাথ দাস, 15 जून 1884 - 22 दिसम्बर 1958), एक ब्रिटिश-विरोधी भारतीय बंगाली क्रांतिकारी और अंतर्राष्ट्रवादी विद्वान थे। वे उत्तरी अमेरिका के पश्चमी तट में एक अग्रणी आप्रवासी थे और टॉल्स्टॉय के साथ अपनी योजनाओं के बारे में चर्चा किया करते थे, जबकि वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पक्ष में एशियाई भारतीय आप्रवासियों को सुनियोजित कर रहे थे। वे कोलंबिया विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर थे और साथ ही कई अन्य विश्वविद्यालयों में अतिथि प्रोफेसर के रूप में भी कार्यरत थे। .

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तिल

तिल (Sesamum indicum) एक पुष्पिय पौधा है। इसके कई जंगली रिश्तेदार अफ्रीका में होते हैं और भारत में भी इसकी खेती और इसके बीज का उपयोग हजारों वर्षों से होता आया है। यह व्यापक रूप से दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पैदा किया जाता है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है और इसकी खेती ५००० पहले शुरू हुई थी। तिल वार्षिक तौर पर ५० से १०० सेøमीø तक बढता है। फूल ३ से ५ सेøमीø तथा सफेद से बैंगनी रंग के पाये जाते हैं। तिल के बीज अधिकतर सफेद रंग के होते हैं, हालांकि वे रंग में काले, पीले, नीले या बैंगनी रंग के भी हो सकते हैं। तिल प्रति वर्ष बोया जानेवाला लगभग एक मीटर ऊँचा एक पौधा जिसकी खेती संसार के प्रायः सभी गरम देशों में तेल के लिये होती है। इसकी पत्तियाँ आठ दस अंगुल तक लंबी और तीन चार अंगुल चौड़ी होती हैं। ये नीचे की ओर तो ठीक आमने सामने मिली हुई लगती हैं, पर थोड़ा ऊपर चलकर कुछ अंतर पर होती हैं। पत्तियों के किनारे सीधे नहीं होते, टेढे़ मेढे़ होते हैं। फूल गिलास के आकार के ऊपर चार दलों में विभक्त होते हैं। ये फूल सफेद रंग के होते है, केवल मुँह पर भीतर की ओर बैंगनी धब्बे दिखाई देते हैं। बीजकोश लंबोतरे होते हैं जिनमें तिल के बीज भरे रहते हैं। ये बीज चिपटे और लंबोतरे होते हैं। भारत में तिल दो प्रकार का होता है— सफेद और काला। तिल की दो फसलें होती हैं— कुवारी और चैती। कुवारी फसल बरसात में ज्वार, बाजरे, धान आदि के साथ अधिकतर बोंई जाती हैं। चैती फसल यदि कार्तिक में बोई जाय तो पूस-माघ तक तैयार हो जाती है। वनस्पतिशास्त्रियों का अनुमान है कि तिल का आदिस्थान अफ्रीका महाद्वीप है। वहाँ आठ-नौ जाति के जंगली तिल पाए जाते हैं। पर 'तिल' शब्द का व्यवहार संस्कृत में प्राचीन है, यहाँ तक कि जब अन्य किसी बीज से तेल नहीं निकाला गया था, तव तिल से निकाला गया। इसी कारण उसका नाम ही 'तैल' (.

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तिग्रे भाषा

तिग्रे (ትግረ, Tigre), जिसे सूडान मे ख़ासा बुलाया जाता है, पूर्वोत्तरी अफ़्रीका में बोली जाने वाली एक सामी भाषा है। यह इरित्रिया और उसके पड़ोस में स्थित सुडान के कुछ क्षेत्रों में बसने वाले तिग्रे समुदाय के सदस्यों द्वारा बोली जाती है।, Stefan Weninger, pp.

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तिग्रीन्या भाषा

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तुगेला नदी

तुगेला नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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त्यूतन जातियाँ

त्यूतन जातियाँ (ट्यूटानिक पीपुल्स Teutonic peoples) से यूरोप की उन जनजातियों का बोध होता है जो विभिन्न त्यूतन भाषाओं में से कोई भी एक बोलती हैं; उदाहरणार्थ -- ब्रिटिश द्वीपसमूहों के अंग्रेजी भाषाभाषी लोग; जर्मनी, आस्रिया-हंगरी तथा स्विट्जरलैंड के जर्मन भाषाभाषी लोग; बेल्जियम के फ्लेमिश भाषी निवासी, स्वीडन तथा नार्वे के स्कैडिनेवियन भाषी लोग; हालैंड तथा डेनमार्क के लगभग सभी निवासी; इटली तथा फ्रांस के जर्मन तथा फ्लेमिश भाषाएँ बोलनेवाले अल्पसंख्यक लोग, रूस में निवास करनेवाले जर्मन और स्वीडिश भाषा बोलनेवाले अधिकांश लोग तथा अमरीका, अफ्रीका और आस्ट्रेलेशिया में बसे हुए वे लोग जो मूलत: उपर्युक्त देशों से वहाँ गए। "जर्मानिक", "गोथिक" आदि संज्ञाओं की तरह ही "ट्यूटानिक" शब्द की उत्पत्ति अब विद्वानों के अनुसंधान का ही विषय रह गई है। सामान्य जन उनके एक ही मूल की बात अब भूल गए हैं। टासिटस के समय में लोगों को इसकी पूरी जानकारी थी। उसने जानपद कविताओं के जो उद्धरण दिए हैं उनमें त्यूतन जातियों के मूल पुरुषों का उल्लेख है। उन कविताओं में "मानुस" नामक एक व्यक्तिविशेष से "जर्मनी" की तीन मुख्य शाखाएँ उत्पन्न हुईं, ऐसा वर्णन है। प्राचीन अंग्रेजी कागज पत्रों में भी इन जातियों के मूल पुरुषों की वंशावलियाँ मिलती हैं। शारीरिक गठन और रंग की दृष्टि से आज इन जातियों में काफी भिन्नता पाई जाती है। लेकिन ये जातियाँ आज यूरोप की सर्वाधिक ऊँची तथा गोरी जातियाँ हैं। प्रारंभिक काल में ये विशेषताएँ बहुत ही स्पष्ट रहीं होंगी। ऊँचा डीलडौल तथा लंबा चेहरा जो आज यूरोप के सुदूर उत्तर भाग में पाया जाता है वैसा ही स्विट्जरलैंड तथा उसके आसपास के प्रदेशों की पुरानी श्मशान भूमि में गड़े कंकालों तथा खोपड़ियों में पाया जाता है। इन पुराने अवशेषों के आधार पर यह कहा जाता है कि आज की ट्यूटन जातियों तथा उस समय के इनके मूल पुरुषों में बहुत अधिक अंतर नहीं है। उत्तर प्रस्तरयुग के प्राप्त अवशेषों से इन जातियों के संबंध में अधिक जानकारी नहीं मिलती। लेकिन एल्ब की घाटी, मेक्लेनबुर्ग, हालस्टीन, जुटलैंड, दक्षिण स्वीडन तथा बेल्ट द्वीपों में हुए कांस्य युग संबंधी अनुसंधानों से त्यूतन जातियों की प्रारंभिक सभ्यता पर काफी प्रकाश पड़ता है। कला तथा समृद्धि की दृष्टि से ये लोग उन्नत थे तथा दक्षिणी सभ्यता से इनका व्यापार तथा आदान प्रदान चलता था, ऐसा दिखाई देता है। लौह युग के प्रारंभ से केल्टिक प्रभाव बढ़ता गया और दक्षिणी सभ्यता के केंद्रों से त्यूतन लोगों का संबंध धीरे धीरे टूटता गया। .

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त्रिस्तान दा कून्हा

त्रिस्तान दा कून्हा अफ्रीका का देश। .

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त्वा लोग

त्वा लोग (Twa या Cwa) अफ़्रीका की कई जातियों व जनजातियों का नाम है जो शिकारी-फ़रमर जीवन बसर करते हैं। यह अक्सर बांटू लोगों के समीप रहते हैं, हालांकि त्वा अपनी जीवनी जंगलों से चलाते हैं जबकि बांटू लोग कृषक होते हैं। सामाजिक रूप से त्वा को बांटूओं की तुलना में निचला दर्जा दिया जाता था। इनमें परस्पर-निर्भरता रही है: त्वा वनों से जानवर माँस व अन्य वन्य उत्पाद लाकर बांटूओं द्वारा उगाये गये अन्न, सब्ज़ियाँ व अन्य कृषि उत्पादनों से अदल-बदल का व्यापार करते हैं। कई त्वा जातियाँ पिग्मी की श्रेणी में आती हैं, यानि त्वाओं का क़द औसत मानव क़द से असाधारण रूप से कम है। इतिहासकार मानते हैं कि त्वाओं के पूर्वज अपने क्षेत्रों के आदि-निवासी थे और बांटू बाद में आये। .

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तूनिसीया

तूनिसीया उत्तरी अफ़्रीक़ा महाद्वीप में एक अरब राष्ट्र है जिसका अरबी भाषा में नाम अल्जम्हूरीयाह अत्तूनिसीयाह (الجمهرية التونسية) या तूनिस है। यह भूमध्यसागर के किनारे स्थित है, इसके पूर्व में लीबिया और पश्चिम मे अल्जीरिया देश हैं। देश की पैंतालीस प्रतिशत ज़मीन सहारा रेगिस्तान में है जबकि बाक़ी तटीय जमीन खेती के लिए इस्तमाल होती है। रोमन इतिहास मे तूनिस का शहर कारथिज एक आवश्यक जगह रखता है और इस प्रान्त को बाद में रोमीय राज्य का एक प्रदेश बना दीया गया जिस का नाम अफ़्रीका यानी गरम प्रान्त रखा गया जो अब पूरे महाद्वीप का नाम है। .

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तेन्दुआ

तेन्दुआ (Panthera pardus उचारण: पैन्थेरा पार्डस) पैन्थरा जीनस का एक विडाल (बड़ी बिल्ली प्रजाति) है जो अफ़्रीका और एशिया में पाया जाता है। यह विडाल प्रजातियों जैसे शेर, बाघ और जैगुअर की तुलना में सबसे छोटा होता है। .

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तोता

तोता तोता या शुक एक पक्षी है जिसका वैज्ञानिक नाम 'सिटाक्यूला केमरी' है। यह कई प्रकार के रंग में मिलता है। .

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तोद्रा वादी

मोरक्को की तोद्रा वादी, जो तोद्रा नदी द्वारा काटी गयी तंग घाटी है तोद्रा वादी (अरबी) उत्तरी अफ़्रीका के मोरक्को देश में एटलस पर्वत शृंखला में तोद्रा नदी द्वारा काटी गई एक तंग घाटी है। यह तोद्रा नदी ने इन पहाड़ों में अपने अंतिम 40 किमी में काटी है, जिसके बिलकुल आख़िर के 600 मीटर देखने के क़ाबिल हैं क्योंकि यहाँ पर जगह-जगह पर घाटी की चौड़ाई सिमट कर 10 मीटर तक हो जाती है, जिसके दोनों तरफ 160 मीटर (525 फ़ुट) ऊंची की दीवार जैसी पत्थरीली चट्टानें हैं। युगों के साथ-साथ तोद्रा का बहाव बहुत कम हो गया है और अब अधिकतर उसका प्रवाह नाम-मात्र ही होता है, जो ऊपर पहाड़ों की पिघलती बर्फ़ से आता है। यहाँ के स्थानीय लोग अक्सर अपने गधों और ऊँटों के साथ देखे जा सकते हैं। किसी ज़माने में इस तंग घाटी तक पहुंचना भी मुश्किल होता था, लेकिन अब यहाँ तक एक पक्की सड़क बन गयी है और पर्यटकों के लिए तोद्रा वादी की शुरुआत के पास कुछ रहने के छोटे होटल भी बने हुए हैं। .

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थलसन्धि

250pxपनामा भूडमरुमध्य थलसन्धि या भूडमरुमध्य भूमि की एक पतली पट्टी होती है, जो दो बड़ी जलराशियों (अधिकांशतः सागर) को अलग करती है व दो बड़े भूभागों को जोड़ती है। जैसे पनामा भूडमरुमध्य उत्तरी अमरीका को दक्षिणी अमरीका से जोड़ता है एवं अंध महासागर को प्रशांत महासागर से अलग करता है। स्वेज भूडमरुमध्य एशिया को अफ्रीका से जोड़ता है। यह जलडमरुमध्य का उलटा होता है। .

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द फैण्टम

द फैण्टम (अंग्रेजी; The Phantom/ अनुवाद; बेताल), एक अमेरिकी एडवेंचर काॅमिक्स/चित्रकथाओं के दीर्घकालिक श्रंखला के काल्पनिक एवं फंतासी नायक हैं, जिसे पहली बार जादूगर मेण्ड्रेक के रचयिता ली फ़ाॅक ने फरवरी १९३६ में प्रकाशित किया, जिसे अब मुख्यतः अंतर्राष्ट्रीय तौर पर फ्रयु पब्लिकेशन प्रकाशित करती है। मुख्य किरदार, "फैण्टम", काल्पनिक पोशाक पहना एक क्राईम-फाईटर (अपराध-विरोधी) है जिसका शरणस्थल अफ्रीका के काल्पनिक राष्ट्र बैंगाला में बताया जाता हैं। इस किरदार की प्रसिद्धि को दूरदर्शन, फ़िल्म तथा विडियो गेम में काफी भूनाया गया है। इस श्रंखला का आरंभ फरवरी १७, १९३६ से दैनिक समाचार पत्रों में स्ट्रिप या पट्टी के रूप जारी किया गया, ओर फिर मई २८, १९३९ की रविवार के साप्ताहिक तौर पर रंगीन पट्टी के रूप में जारी किया गया;और दोनों ही वर्ष २०१६ तक अबभी जारी है। सन् १९६६ में, किंग फीचर्स का दावा था कि "द फैण्टम" तब वैश्विक स्तर पर ५८३ विभिन्न अखबारों में इसका प्रकाशन जारी रहा था। अपनी लोकप्रियता के चरम पर, इस पट्टी को प्रत्येक दिन १०० करोड़ से अधिक लोगों के द्वारा पढ़ा गया था। फ़ाॅक ने १९९९ तक अपने देहांत से पूर्व तक "द फैण्टम" पर करते रहें; उनके गुजरने के बाद वर्तमान में, उनकी काॅमिक्स का लेखन टोनी डी'पाउल और चित्र आदि का काम पाउल रयान (सोम-शनि) एवं टेरी बिटी (रवि) ने आज भी इसे जारी रखा। वहीं पूर्व कलाकार जिन्होंने अखबारों में इसके स्ट्रिप बनाने का योगदान दिया उनमें रे मूर, विल्सन मैक'काॅय, बिल लिगनेंट, सी बैरी, जाॅर्ज ऑलसेन, केथ विलियम्स, फ्रेड फ्रेडरिक, ग्राहम नोलान एवं एड्युआर्डो बैरेटो आदि शामिल रहे। चित्रकथाओं के पट्टी में, जैसा कहा जाता है कि फैण्टम की यह २१वीं पीढ़ियों तक चली क्राईम फाईटिंग का आरंभ सन् १५३६ से हुआ था, क्रिस्टोफर वाॅकर के पिता (जहाँ उनका भी क्रिस्टोफर नाम था) एक ब्रिटिश नाविक थे जिनपर समुद्री लुटेरों ने हमला कर मार डाला। अपने मृत पिता की खोपड़ी से वह प्रतिज्ञा लेता है कि सभी तरह के अपराध एवं अपराधियों के उन्मूलन करेगा, क्रिस्टोफर द्वारा शुरू किया "द फैण्टम" की विरासत पीढ़ी दर पीढ़ी पिता से बेटे तक निभाते रहें। कईयों ने फ़ैन्टम को "चलता फिरता प्रेत", "गार्जियन ऑफ द इस्टर्न डार्क" तथा "अजर-अमर वाले व्यक्ति" जैसे उपनामों की उपाधि दे दी।Peter Coogan,Superhero: The Secret Origin of a Genre.

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द रॉक होटल

द रॉक होटल (The Rock Hotel), जिसे रॉक होटल भी कहा जाता है, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक एतिहासिक होटल है। इसे भूमध्य सागर के सबसे प्रसिद्ध होटलों में से एक कहा गया है। वर्ष 1932 में जॉन क्राईटन-स्टूर्ट, ब्यूट के चौथे मार्क्वेस, द्वारा निर्माण किया गया यह होटल 3.6 हेक्टेयर (8.9 एकड़) के प्राकृतिक दृश्य वाले बगीचे के साथ बना हुआ है। इसमें कुल 104 कमरे हैं। यह यूरोपा सड़क पर विशाल सफ़ेद आर्ट डेको इमारत में जिब्राल्टर बोटेनिक गार्डन के सामने स्थित है। .

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दरियाई घोड़ा

अफ्रीका का विशाल पशु- '''जलीय घोड़ा''' दरियाई घोड़ा या जलीय घोड़ा (Hippopotamus) एक विशाल और गोलमटोल स्तनपायी प्राणी है जो अफ्रीका का मूल निवासी है। दरियाई घोड़े नाम के साथ घोड़ा शब्द जुड़ा है एवं "हिप्पोपोटामस" शब्द का अर्थ "वाटर होर्स" यानी "जल का घोड़ा" होता है परन्तु उसका घोड़ों से कोई संबंध नहीं है। प्राणिविज्ञान की दृष्टि में यह सूअरों का दूर का रिश्तेदार है। यह शाकाहारी प्राणी नदियों एवं झीलों के किनारे तथा उनके मीठे जल में समूहों में रहना पसन्द करता है। उसे आसानी से विश्व का दूसरा सबसे भारी स्थलजीवी स्तनी कहा जा सकता है। वह 14 फुट लंबा, 5 फुट ऊंचा और 4 टन भारी होता है। उसका विशाल शरीर स्तंभ जैसे और ठिंगने पैरों पर टिका होता है। पैरों के सिरे पर हाथी के पैरों के जैसे चौड़े नाखून होते हैं। आंखें सपाट सिर पर ऊपर की ओर उभरी रहती हैं। कान छोटे होते हैं। शरीर पर बाल बहुत कम होते हैं, केवल पूंछ के सिरे पर और होंठों और कान के आसपास बाल होते हैं। चमड़ी के नीचे चर्बी की एक मोटी परत होती है जो चमड़ी पर मौजूद रंध्रों से गुलाबी रंग के वसायुक्त तरल के रूप में चूती रहती है। इससे चमड़ी गीली एवं स्वस्थ रहती है। दरियाई घोड़े की चमड़ी खूब सख्त होती है। पारंपरिक विधियों से उसे कमाने के लिए छह वर्ष लगता है। ठीक प्रकार से तैयार किए जाने पर वह २ इंच मोटी और चट्टान की तरह मजबूत हो जाती है। हीरा चमकाने में उसका उपयोग होता है। .

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दर्जिन चिड़िया

दर्जिन चिड़िया, ओर्थोटोमस वंश और सिल्वाइडी (Sylviidae) कुल से संबंधित छोटे आकार के पक्षी (फुदकी) हैं। इनकी कुल नौ प्रजातियां अस्तित्व में हैं। दर्जिन चिड़िया को उसका यह नाम उसकी घोंसला बुनने की खास कला के कारण मिला है। यह चिड़िया अपनी लंबी पतली चोंच से एक पत्ती या कई पत्तियों में छेदों की एक श्रृंखला बनाता है और फिर इन छेद के बीच से पौधों के रेशों, कीटों के रेशम और कभी कभी घरेलू इस्तेमाल के धागों को पिरो कर एक दर्जी की तरह पत्तियों की सिलाई कर इन्हें आपस में जोड़ देते हैं। इन सिली हुई पत्तियों के बीच बनी जगह में फिर घास-पात या रूई इत्यादि बिछाकर एक सुविधाजनक घोंसला तैयार किया जाता है। दर्जिन चिड़ियायें, पुराने विश्व (यूरोप, एशिया और अफ्रीका) और मुख्य रूप से एशिया के उष्णकटिबंधीय भागों में पाई जाती हैं। यह फुदकियां आमतौर पर गहरे रंगों में पाई जाती हैं जिनका ऊपरी हिस्सा हरा या धूसर और निचला हिस्सा पीला या सफेद रंग का होता है। अक्सर इनके सिर का रंग भूरा-लाल होता है। दर्जिन चिड़िया के पंख छोटे और गोलाकार, पूंछ छोटी, पैर मजबूत और चोंच लंबी और घुमावदार होती है। यह फुदकियां अपनी पूंछ को आमतौर पर ऊपर की ओर सतर रखती हैं। यह आमतौर पर खुले जंगलों, मैदानों और उद्यानों में पाई जाती हैं। .

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दासप्रथा (पाश्चात्य)

मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है। मनुष्य के हाथों मनुष्य का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न इस प्रथा के अंर्तगत हुआ है। दासप्रथा को संस्थात्मक शोषण की पराकाष्ठा कहा जा सकता है। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमरीका आदि सभी भूखंडों में उदय हानेवाली सभ्यताओं के इतिहास में दासता ने सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्थाओं के निर्माण एवं परिचालन में महत्वपूर्ण योगदान किया है। जो सभ्यताएँ प्रधानतया तलवार के बल पर बनी, बढ़ीं और टिकी थीं, उनमें दासता नग्न रूप में पाई जाती थी। पश्चिमी सभ्यता के विकास के इतिहास में दासप्रथा ने विशिष्ट भूमिका अदा की है। किसी अन्य सभ्यता के विकास में दासों ने संभवत: न तो इतना बड़ा योग दिया है और न अन्यत्र दासता के नाम पर मनुष्य द्वारा मनुष्य का इतना व्यापक शोषण तथा उत्पीड़न ही हुआ है। पाश्चात्य सभ्यता के सभी युगों में - यूनानी, रोमन, मध्यकालीन तथा आधुनिक- दासों ने सभ्यता की भव्य इमारत को अपने पसीने और रक्त से उठाया है। .

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दावा नदी

दावा नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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दक्षिण सूडान

दक्षिण सूडान या 'जनूब-उस-सूडान' (आधिकारिक तौर पर दक्षिणी सूडान गणतंत्र) उत्तर-पूर्व अफ़्रीका में स्थित स्थल-रुद्ध देश है। जुबा देश की वर्तमान राजधानी और सबसे बड़ा शहर भी है। देश के उत्तर में सूडान गणतंत्र, पूर्व में इथियोपिया, दक्षिण-पूर्व में केन्या, दक्षिण में युगान्डा, दक्षिण-पश्चिम में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य और पश्चिम में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य है। दक्षिण सूडान को 9 जुलाई 2011 को जनमत-संग्रह के पश्चात स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इस जनमत-संग्रह में भारी संख्या (कुल मत का 98.83%) में देश की जनता ने सूडान से अलग एक नए राष्ट्र के निर्माण के लिए मत डाला। यह विश्व का 196वां स्वतंत्र देश, संयुक्त राष्ट्र का 193वां सदस्य तथा अफ्रीका का 55वां देश है। जुलाई 2012 में देश ने जिनेवा सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए। अपनी आजादी के ठीक बाद से राष्ट्र को आंतरिक संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। .

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दक्षिण कीवू प्रान्त

दक्षिण कीवू प्रान्त (फ़्रान्सीसी: Province du Sud-Kivu, अंग्रेज़ी: South Kivu Province) अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पूर्वी हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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दक्षिण अफ़्रीका

दक्षिण अफ़्रीका (साउथ अफ़्रीका भी कहा जाता है, अंग्रेज़ी उच्चारण: साउथ् ऍफ़्रिक) अफ़्रीका महाद्वीप के दक्षिणी छोर पर स्थित एक गणराज्य है। इसकी सीमाएँ उत्तर में नामीबिया, बोत्सवाना और ज़िम्बाब्वे और उत्तर-पूर्व में मोज़ाम्बिक़ और स्वाज़ीलैंड के साथ लगती हैं, जबकि लेसूथो एक स्वतंत्र देश है, जो पूरी तरह से दक्षिण अफ़्रीका से घिरा हुआ है। आधुनिक मानव की बसाहट दक्षिण अफ़्रीका में एक लाख साल पुरानी है। यूरोपीय लोगों के आगमन के दौरान क्षेत्र में रहने वाले बहुसंख्यक स्थानीय लोग आदिवासी थे, जो अफ़्रीका के विभिन्न क्षेत्रों से हजार साल पहले आए थे। 4थी-5वीं सदी के दौरान बांतू भाषी आदिवासी दक्षिण को ओर बढ़े और दक्षिण अफ़्रीका के वास्तविक निवासियों, खोई सान लोगों, को विस्थापित करने के साथ-साथ उनके साथ शामिल भी हो गए। यूरोपीय लोगों के आगमन के दौरान कोसा और ज़ूलु दो बड़े समुदाय थे। केप समुद्री मार्ग की खोज के करीबन डेढ़ शताब्दी बाद 1962 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस जगह पर खानपान केंद्र (रिफ्रेशमेंट सेंटर) की स्थापना की, जिसे आज केप टाउन के नाम से जाना जाता है। 1806 में केप टाउन ब्रिटिश कॉलोनी बन गया। 1820 के दौरान बुअर (डच, फ्लेमिश, जर्मन और फ्रेंच सेटलर्ज़) और ब्रिटिश लोगों के देश के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों में बसने के साथ ही यूरोपीय बसाहट में वृद्धि हुई। इसके साथ ही क्षेत्र पर क़ब्ज़े के लिए कोसा, जुलू और अफ़्रिकानरों के बीच झड़पें भी बढ़ती गई। हीरे और बाद में सोने की खोज के साथ ही 19वीं सदी में द्वंद शुरू हो गया, जिसे अंग्रेज़-बुअर युद्ध के नाम से जाना जाता है। हालाँकि ब्रिटिश ने बुअरों पर युद्ध में जीत हासिल कर ली थी, लेकिन 1910 में दक्षिण अफ़्रीका को ब्रिटिश डोमिनियन के तौर पर सीमित स्वतंत्रता प्रदान की। 1961 में दक्षिण अफ़्रीका को गणराज्य का दर्जा मिला। देश के भीतर और बाहर विरोध के बावजूद सरकार ने रंगभेद की नीति को जारी रखा। 20वीं सदी में देश की दमनकारी नीतियों के विरोध में बहिष्कार करना शुरू किया। काले दक्षिण अफ़्रीकी और उनके सहयोगियों के सालों के अंदरुनी विरोध, कार्रवाई और प्रदर्शन के परिणामस्वरूप आख़िरकार 1990 में दक्षिण अफ़्रीकी सरकार ने वार्ता शुरू की, जिसकी परिणति भेदभाव वाली नीति के ख़त्म होने और 1994 में लोकतांत्रिक चुनाव से हुई। देश फिर से राष्ट्रकुल देशों में शामिल हुआ। दक्षिण अफ़्रीका, अफ़्रीका में जातीय रूप से सबसे ज़्यादा विविधताओं वाला देश है और यहाँ अफ़्रीका के किसी भी देश से ज़्यादा सफ़ेद लोग रहते हैं। अफ़्रीकी जनजातियों के अलावा यहाँ कई एशियाई देशों के लोग भी हैं जिनमे सबसे ज़्यादा भारत से आये लोगों की संख्या है। .

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दक्षिण अफ़्रीका राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम

दक्षिण अफ़्रीका राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम, लोकप्रिय स्तर पर राइनो के रूप में बुलाया जाती है। दक्षिण अफ़्रीका की पुरुषों की राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम है। .

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दक्षिण अफ़्रीकी संघ

दक्षिण अफ़्रीकी संघ यानि यूनियन ऑफ़ साउथ ऍफ़्रिका, वर्त्तमान दक्षिण अफ़्रीका का पुरख राज्य था। इसकी स्थापना, ३१ मई १९१० में, अफ्रीका के दक्षिणी छोर पर ष्टिं चार पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश:केप कॉलोनी, नटाल कॉलोनी, ट्रांसवाल उपनिवेश और ऑरेंज रिवर कॉलोनी के एकीकरण से हुई थी। संयुक्त प्रशासन की स्थापना के बाद, इन चार पूर्व उपनिवेशों को, प्रांतों बना दिया गया। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात, जर्मनी के दक्षिण-पश्चिम अफ़्रीका उपनिवेश को भी लीग ऑफ़ नेशन्स द्वारा दक्षिण अफ़्रीकी संघ के प्रशासन के अंतर्गत एक मैंडेट के रूप में दे दिया गया। हालाँकि सैद्धान्तिक तौर पर यह एक मैंडेट था, परंतु वास्तविक रूप से इसे भी एक प्रान्त के रूप में प्रशासित किया जाता था। इसे ब्रिटिश साम्राज्य के एक डोमिनियन के रूप में स्थापित किया गया था। इसे ब्रिटेन द्वारा एक संवैधानिक राजशाही के रूप में प्रशासित किया जाता था, जिसमें एक गवर्नर-जनरल ब्रिटिश शासक के प्रतिनिधि के रूप में थे। ३१ मई १९६१ को, इस देश ने बिटिश ताज से अपना नाता तोड़ लिया और एक दक्षिण अफ़्रीकी गणराज्य के नाम से एक संप्रभु गणराज्य बन गयी। १९६१ के संविधान के परवर्तन के साथ ही इस राज्य का अंत हो गया। .

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दक्षिण अफ्रीका

कोई विवरण नहीं।

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दक्षिण अमेरिका का इतिहास

माचू पिच्चू में इंका सभ्यता के अवशेष दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको, वेस्ट इण्डीज़ एवं कैरीबियन देशों को मिलाकर लैटिन अमेरिका कहते हैं। लैटिन प्राचीन रोमवासियों की भाषा थी। जैसे अधिकांश भारतीय भाषाओं का विकास संस्कृत से हुआ है वैसे ही अनेक यूरोपीय भाषाओं जैसे स्पेनी, पुर्तगाली, फ्रांसीसी तथा इतालवी भाषाओं का विकास लैटिन से हुआ है। इन भाषाओं के बोलने वालों को लैटिन कहते हैं। सोलहवीं शताब्दी में पुर्तगाल और स्पेन से बड़ी संख्या में लैटिन लोग आकर इस भाग पर अधिकार करके यहीं पर बस गए। इसीलिए इस भाग को लैटिन अमेरिका कहा जाने लगा। परन्तु अब फ्रेंच गुयाना को छोड़कर ये सभी देश स्वतंत्र हो गए हैं। पेरू की केंद्रीय पहाड़ियों में लाखों वर्षों पूर्व मानव जीवन की शुरुआत हुई। यहाँ कई संस्कृतियों का विकास हुआ। दक्षिण अमेरिका की सर्वप्रमुख सभ्यता इंका की सभ्यता थी जिसका कार्यक्षेत्र पेरू, ईक्वाडोर, बोलीविया तथा अर्जेंटीना और चिली के उत्तरी भागों में फैला हुआ था। पंद्रहवी शताब्दी के अंत में यह चरमोत्कर्ष पर थी। इंका सभ्यता में शासक को इंका कहा जाता था एवं उसका सदैव आदर किया जाता था। यह सभ्यता अपनी उत्तम यातायात, संचार एवं डाक व्यवस्था के लिए जानी जाती है। माचू पिच्चू प्रमुख नगर था जिसके सुंदर पुरातात्विक अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। सूर्य यहाँ के सर्वोच्च देवता थे जिनके अलावा अन्य अनेक देवी देवताओं की भी पूजा होती थी। यहाँ के मंदिर स्वर्णपत्रों से अलंकृत होते थे। राजाओं को उनकी मृत्यु पश्चात मिस्र की प्राचीन सभ्यता की तरह ही ममी (परिरक्षित शव) बना कर सुरक्षित किया जाता था। शिल्पकला एवं शल्य चिकित्सा में यह सभ्यता अपने समकालीन सभ्यताओं से उन्नत थी। .

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दक्षिणध्रुवीय महासागर

दक्षिणध्रुवीय महासागर (हल्का नीला) दक्षिणध्रुवीय महासागर, जिसे दक्षिणी महासागर या अंटार्कटिक महासागर भी कहा जाता है, विश्व के सबसे दक्षिण में स्थित एक महासागर है। इसका विस्तार 60° दक्षिण अक्षांश से दक्षिण में है और यह संपूर्ण अंटार्कटिका महाद्वीप को घेरे हुये है (उत्तर दिशा से)। यह पाँच विशाल महासागरों मे से चौथा सबसे बड़ा महासागर है। इस महासागरीय क्षेत्र में उत्तर की ओर बहने वाला ठंडा अंटार्कटिक जल, गर्म उप-अंटार्कटिक जल से मिलता है। भूगोलविज्ञानियों में दक्षिणध्रुवीय महासागर की उत्तरी सीमा को लेकर मतभेद हैं यहाँ तक कि कुछ तो इसके अस्तित्व को ही नकारते हैं और इसे दक्षिणी प्रशांत महासागर, दक्षिणी अटलांटिक महासागर या हिन्द महासागर का दक्षिणी हिस्सा मानते हैं। कुछ भूगोलविज्ञानी अंटार्कटिक सम्मिलन को वह महासागरीय क्षेत्र मानते हैं जिसकी उत्तरी सीमा जो इसे अन्य महासागरों से पृथक करती हैं, 60वीं अक्षांश नहीं है, अपितु यह मौसमानुसार बदलती रहती हैं। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन ने अभी तक 60° दक्षिणी अक्षांश के दक्षिण में उपस्थित महासागरों से संबंधित अपनी 2000 परिभाषा की पुष्टि नहीं की है। इसकी सबसे ताजातरीन 1953 की महासागर परिभाषा में दक्षिणध्रुवीय महासागर का उल्लेख नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के मतानुसार, दक्षिणध्रुवीय महासागर ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी सिरे के ठीक नीचे से शुरु हो जाता है। हार्न अंतरीप के पास अंटार्कटिक महासागर की गहराई ९०० किमी है तो अफ्रीका के दक्षिण स्थित अमुलहस अंतरीप के समीप ३६०० किमी। अंटार्कटिक महासागर में अनेक प्लावी हिमशैल (आइसबर्ग) तैरते रहते हैं। कुछ हिमशैल तैरते-तैरते समीपस्थ अन्य महासागरों में भी चले जाते हैं। समुद्री खोजकर्ताओं ने इस सागर में एकाधिक ऐसे प्लावी हिमशैल भी देखे हैं जिनका क्षेत्रफल एक सौ वर्गमील से अधिक था। इनमें से कुछ हिमशैलों की मोटाई एक हजार फीट से भी अधिक थी। अंटार्कटिक महासागर के जल का, सतह पर, औसत तापमान २९.८° फारनहाइट रहता है और तल पर यह तापमान ३२° से ३५° फारनहाइट तक होता है। दक्षिण अमरीका तक पहुँचते-पहुँचते इस सागर की मुख्य धारा दो भागों में विभक्त हो जाती है। एक धारा अमरीका महाद्वीप के पूर्वी तट के साथ-साथ उत्तर की ओर चली जाती है तो दूसरी पूरब की ओर हार्न अंतरीप से आगे बढ़ जाती है। इस क्षेत्र में छोटे-छोटे पौधे, पक्षी तथा अन्य जीव-जंतु पाए जाते हैं। ह्वेल मछली के शिकार के लिए भी यह महासागर महत्वपूर्ण माना जाता है और यहाँ से ह्वेल का काफी व्यापार होता है। .

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दक्षिणी गोलार्ध

अपोलो १७ से पृथ्वी के एक प्रसिद्ध तस्वीर में मूल रूप से शीर्ष पर दक्षिण ध्रुव था, हालांकि, यह परंपरागत दृष्टिकोण फिट करने के लिए ऊपर से नीचे कर दिया गया था दक्षिणी गोलार्ध पीले में दर्शित दक्षिणी गोलार्ध दक्षिणी ध्रुव के ऊपर से दक्षिणी गोलार्ध किसी ग्रह का वह आधा भाग होता है, जो उसकी विषुवत रेखा के नीचे (दक्षिणी ओर) होता है। गोलार्ध का शाब्दिक अर्थ है आधा गोला। हमारा ग्रह अक्षवत् दो भागों में बंटा है, जिन्हे उत्तरी गोलार्ध व दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं। उत्तरी गोलार्ध का उत्तरी ‌छोर तथा दक्षिणी गोलार्ध का दक्षिणी ‌छोर बहुत ठंडे स्थान होने के कारण वहाँ बर्फ का साम्राज्य रहता है। दक्षिणी गोलार्ध के दक्षिणी ध्रुव पर तो बर्फ से बना विशाल महाद्वीप ही मौजूद है। दक्षिणी गोलार्ध में पांच महाद्वीप-आस्ट्रेलिया,नौ-दसवा दक्षिण अमेरिका,एक तिहाई अफ्रीका तथा एशिया के कुछ दक्षिणी द्वीपों मौजूद है। दक्षिण गोलार्द्ध चार महासागरों- हिन्द महासागर, अन्ध महासागर, दक्षिणध्रुवीय महासागर और प्रशान्त महासागर मौजूद है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव की वजह से उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु, दक्षिणायन (२२ दिसंबर के आसपास) से वसंत विषुव (लगभग २१ मार्च) तक चलता है और शीत ऋतु, उत्तरायण (२१ जून) से शरद विषुव (लगभग २३ सितंबर) तक चलता है। .

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दक्षिणी अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी भाग को दक्षिणी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बोत्सवानालेसोथोनामीबियादक्षिण अफ्रीकास्वाजीलैंड देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .

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द्राखेन्सबर्ग

अफ्रीका महाद्वीप के पूर्व एवं दक्षिण में उच्च पठारहैं। पठार के पूर्वी किनारे पर ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत है जो समुद्र तट की ओर एक दीवाल की भाँति खड़ा है। ड्रेकेन्सबर्ग का स्थानीय नाम क्वाथालम्बा है। केप प्रान्त में यह पठार दक्षिण की ओर चबूतरे के रूप में समुद्र तक नीचे उतरता है। इन चबूतरों को कारू कहते हैं। इनमें उत्तरी चबूतरे को महान कारू तथा दक्षिणी चबूतरे को लघू कारू कहते हैं। दक्षिणी-पश्चिमी भाग में कालाहारी का मरूस्थल है। यह दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित 2000 से 3000 मीटर ऊँची पहाड़ियाँ है।यह लेसोथो से पूर्वी केप तक फैला हुआ है। सबसे ऊँची चोटी 3482 मीटर है।इससे ऑरेंज नदी लिम्पोपो आदि नदियाँ निकलती है। यह नामीब मरुस्थल, कालाहारी रेगिस्तान और हिन्द महासागर से घिरा है। यह पूर्वी नम हवाओं को पश्चिम की ओर बढ़ने से रोकता है जिससे नामीब रेगिस्तान अधिक शुष्क हो गया है। श्रेणी:अफ़्रीका की पर्वतमालाएँ श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका की पर्वतमालाएँ श्रेणी:लिसूतू की पर्वतमालाएँ.

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द्वयोष्ठ्य लुण्ठित

द्वयोष्ठ्य लुण्ठित (bilabial trill) एक प्रकार का व्यंजन है। यह ध्वनि हिन्दी और अंग्रेज़ी में नहीं पाई जाती, हालांकि इसे भारत के नागालैण्ड राज्य के आओ भाषा समूह की संगताम भाषा में पाया जाता है। इसके अलावा, यह नया गिनी की केले भाषा, अफ़्रीका में कैमरून की कोम भाषा और प्रशांत महासागर में स्थित वानूआतू देश की लिंगारक भाषा में भी पाया जाता है। इसे अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में 'ʙ' लिखा जाता है। .

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दैवज्ञ

जॉन विलियम वाटरहाउस द्वारा रचित "दैवज्ञ से परामर्श"; जिसमे आठ महिला पुरोहितों को भविष्यवाणी के एक मंदिर में दिखाया गया है प्राचीन पुरातनता में, दैवज्ञ एक व्यक्ति या एजेंसी को कहा जाता था जिसे ईश्वरप्रेरित बुद्धिमत्तापूर्ण सलाह या भविष्यसूचक (पूर्वकथित) विचार, भविष्यवाणियों या पूर्व ज्ञान का एक स्रोत माना जाता था। इस प्रकार यह भविष्यवाणी का एक रूप है। इस शब्द की उत्पत्ति लैटिन क्रिया ōrāre (अर्थात "बोलना") से हुई है एवं यह सही-सही भविष्यवाणी करने वाले पुजारी या पुजारिन को संदर्भित करता है। विस्तृत प्रयोग में, दैवज्ञ अपने स्थल, एवं यूनानी भाषा में khrēsmoi (χρησμοί) कहे जाने वाले दैवीय कथनों को भी संदर्भित कर सकता है। देवज्ञों को ऐसा प्रवेश-द्वार माना जाता था जिसके माध्यम से ईश्वर मनुष्य से सीधे बात करते थे। इस अर्थ में, वे भविष्यद्रष्टाओं (manteis, μάντεις) से भिन्न होते थे जो पक्षियों के चिह्नों, पशु की अंतरियों एवं अन्य विभिन्न विधियों के माध्यम से ईश्वर के द्वारा भेजे गए प्रतीकों की व्याख्या करते थे।फ्लॉवर, माइकल एत्यह.

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देशों के दूरभाष कूट की सूची

यह ITU-T की सिफारिश E.164 के अनुसार देशों की दूरभाष कुट सँख्या कि सुची है। .

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दीया खान

दीया खान पंजाबी / पख्तून वंश की एक नर्विज्न फ़िल्म निर्देशक और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। दिया महिलाओं के अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांति की मुखर समर्थक हैं। २०१३ में दिया खान की निर्देशक और निर्माता के रूप में पहली फिल्म बाणाज़ ए लव स्टोरी (२०१२) ने सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज़ी फिल्म होनी का पीबॉडी अवार्डौर और एमी अवार्ड जीता। दिया की दूसरी फिल्म जिहाद ए स्टोरी ऑफ़ अदर्स कोब्रिटेन का बाफ्टा, ग्रियर्सन और मोंटी करलो टैलीविज़न फेस्टिवल सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज़ी फिल्म होने केलिए नामित किआ गया। वह फ्यूज मीडिया कंपनी की अध्यक्ष होने के अलावा सिस्टरहुड नामित पत्रिका की मुख्य संपादक भी हैं। २०१६ में दिया को युनेस्को की कलात्मक स्वतंत्रता और रचनात्मकता वर्ग के लिये सदभावना राजदूत नियुक्त किआ गया। वह इस श्रेणी के लिए नामांकित होने वाले पहली व्यक्ति हे। .

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धड़ निरावरण

धड़ निरावरण (टॉपलेस) उस अवस्था को कहते हैं जिसमें महिलाएँ कमर से ऊपर कोई वस्त्र धारण नहीं करती हैं। इस अवस्था में वे अपने स्तन उजागर करती हैं।  .

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धारीदार नेवला

धारीदार नेवला (अंग्रेज़ी: Banded mongoose) एक प्रकार का नेवला है जो मध्य और पूर्वी अफ़्रीका में पाया जाता है। यह सवाना, खुले जंगल और घास के मैदानों में रहता है और कनखजूरों और भृंगों पर पेट भरता है। हालांकि अधिकतर नेवले अकेला रहना पसंद करते हैं, धारीदार नेवले समुदायों में रहते हैं और अक्सर दीमकों की ख़ाली बाँबियों में अपना घर बनाते हैं।, Lex Hes, pp.

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नया रिवेरा

नया मरी रिवेरा (जन्म: जनवरी 12, 1987) अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका हैं जो अपनी संगीतमय कॉमेडी टीवी श्रृंखला ग्ली में निभाई गई चीयरलीडर सैन्टाना लोपेज़ की भूमिका के लिए जानी जाती हैं। .

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नस्लवाद

नस्लवाद या नृजातिवाद (रेसिज्म) वह सिद्धान्त या अवधारणा है, जो किसी एक नस्ल को दूसरी से श्रेष्ठतर या निम्नतर मानती है। नस्लवाद को ऐसे परिभाषित किया गया हैं-"यह विश्वास कि हर नस्ल के लोगों में कुछ खास खूबियां होती हैं, जो उसे दूसरी नस्लों से कमतर या बेहतर बनाती हैं।" नस्लवाद लोगों के बीच जैविक अंतर की सामाजिक धारणाओं में आधारित भेदभाव और पूर्वाग्रह दोनों होते हैं। यह विभिन्न नस्लों के सदस्यों को अलग ढंग से व्यवहार किया जाना चाहिए कि सोच और धारण भी हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभागम के मुताबिक, नस्लीय भेदभाव के आधार पर श्रेष्ठता, वैज्ञानिक दृष्टि से गलत, नैतिक रूप से निन्दनीय, सामाजिक अन्याय और खतरनाक है और नस्लीय भेदभाव के लिए कोई औचित्य नहीं है, सिद्धांत में या व्यवहार में, कहीं भी। इतिहास में, नस्लवाद अटलांटिक दास व्यापार के पीछे एक प्रेरणा शक्ति थी, अमेरिका में उन्नीसवीं और शुरुआती बीसवीं सदी के नस्लीय अलगाव और दक्षिण अफ्रीका के अंतर्गत रंगभेद भी इसी सिद्धांत पर आधारित थे। यह सिद्धांत नरसंहार के राजनीतिक और वैचारिक आधार का एक प्रमुख हिस्सा रहा है जैसे यहूदी नरसंहार, पर औपनिवेशिक संदर्भों में भी जैसे दक्षिण अमेरिका और कांगो में रबर बूम के रूप में, अमेरिका के ऊपर यूरोपीय विजय में और अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के औपनिवेशीकरण में। .

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नाब्रो ज्वालामुखी

नाब्रो ज्वालामुखी एक मिश्रित ज्वालामुखी है जो पूर्वी अफ़्रीका के इरीट्रिया देश में स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से यह अफ़र द्रोणी में स्थित है जो स्वयं महान दरार घाटी का एक हिस्सा है। नाब्रो ज्वालामुखी लाल सागर के काफ़ी पास पड़ता है। ठीक नाब्रो से दक्षिण में इथियोपिया में मल्लाहले नाम का एक ज्वालामुखी भी है। .

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नामीबिया

नाम्बिया (या नामीबिया) दक्षिणी अफ्रीका का एक देश है जिसकी राजधानी विंडहॉक हैं। इसके पड़ोसी देश हैं - अंगोला, बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका। देश का पश्चिमी भाग कालाहारी मरुस्थल के क्षेत्रों में से एक है। यहाँ के मूल वासियों में बुशमैन, दामाका जातियों का नाम आता है - जर्मनी ने १८८४ में इसको अपना उपनिवेश बनाया और प्रथम विश्युद्ध के बाद यह दक्षिण अफ्रीका का क्षेत्र बन गया। नामिब मरुस्थल भी यहीं है। .

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नामीबिया के प्रदेश

अफ़्रीका के दक्षिणी हिस्से में स्थित नामीबिया का देश प्रशासनिक दृष्टि से १३ प्रदेशों में विभाजित है।, pp.

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नायरोबी

नायरोबी पूर्व अफ़्रीका के कीनिया देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह कीनिया के दक्षिणी भाग में अथी नदी के किनारे 1,795 मीटर (5,889 फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित है। सन् 2011 में इसकी आबादी 33.6 लाख थी, जिसके आधार पर यह महान अफ़्रीकी झील क्षेत्र का (तंज़ानिया की राजधानी दार अस सलाम के बाद) दूसरा सबसे बड़ा नगर है। .

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नारायण साईं

नारायण साईं (जन्म: 29 जनवरी 1972, नारायण सिरुमलानी/हरपलानी) एक भारतीय अध्यात्मिक प्रवचनकर्ता हैं। वे वर्तमान में सूरत के लाजपोर जेल में एक साधिका का बलात्कार के विचाराधीन मामले में बंद हैं। वे आसाराम बापू के इकलौते पुत्र है। .

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नाईजीरिया

thumb फेडेरल रिपब्लिक ऑफ नाईजीरिया या नाईजीरिया संघीय गणराज्य पश्चिम अफ्रीका का एक देश है। इसकी सीमाएँ पश्चिम में बेनीन, पूर्व में चाड, उत्तर में hiकैमरून और दक्षिण में गुयाना की खाड़ी से लगती हैं। इस देश के बड़े शहरों में राजधानी अबुजा, भूतपूर्व राजधानी लागोस के अलावा इबादान, कानो, जोस और बेनिन शहर शामिल हैं। नाइजीरिया पश्चिमी अफ्रीका का एक प्रमुख देश है। पूरे अफ्रीका महाद्वीप में इस देश की आबादी सबसे अधिक है। नाइजीरिया की सीमा पश्चिम में बेनिन, पूर्व में चाड और कैमरून और उत्तर में नाइजर से मिलती हैं। .

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नाग मणि

नागमणि (snake-stone या viper's stone, black stone, schwarze Steine, pierres noire, piedritas negras या serpent-stone) किसी जन्तु की हड्डी या पत्थर को कहते हैं। अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में सर्प दंश की लोकचिकित्सा में इसका उपयोग होता है। .

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नाइजर

नाइजर (या); in French) अफ़्रीका का एक देश है। इसका नाम नाइजर नदी से पड़ा है। .

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नाइजर नदी

नाइजर नदी का प्रवाह क्षेत्र नाइजर नदी पश्चिम अफ़्रीका की प्रमुख नदी है। नील और कांगो नदी के बाद यह अफ़्रीका की तीसरी सबसे लंबी नदी है। नाइजर नदी फ्रेंच गुआना में समुद्र से केवल 175 मील दूर पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर समुद्र से विमुख होकर दक्षिणी सहारा मरुस्थल में 2,600 मील बहने के पश्चात दक्षिण की ओर मुड़कर गुआना की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की पुरानी धारा के चिन्ह मरुस्थल में बहुत दूर उत्तर तक मिलते हैं। नाइजर की सबसे महत्वपूर्ण सहायक नदी 'बेन्वे', इसके मुहाने से 250 मील ऊपर मिलती है। समुद्र में मिलने से पहले नाइजर कई धाराओं में बँटकर 1,400 वर्ग मील क्षेत्र में डेल्टा बनाती है। डेल्टा में, जो समुद्र के किनारे 120 मील लंबा है, धान, गन्ना तथा कपास की अच्छी उपज होती है। नाइजर में 5,84,000 वर्ग मील क्षेत्र का जल आता है। यद्यपि इसकी धारा में अनगिनत चट्टानें तथा झरने पड़ते हैं, तथापि इसका मध्य भाग छोटी नौकाओं के परिवहन का काम देता है। इस नदी में मछलियाँ, मगर तथा दरियाई घोड़े अधिक मिलते हैं। श्रेणी:अफ़्रीका.

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नाइजर-कांगो भाषा परिवार

नाइजर-कांगो भाषा समूह अफ़्रीका के उप-सहारा क्षेत्र में बोले जाने वाली भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। यह विश्व के प्रमुख भाषा-परिवारों में से एक गिना जाता है और अफ़्रीका में मातृभाषियों की संख्या, भाषाओं की संख्या और विस्तार क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा है। मातृभाषियों के आधार पर इसकी सबसे विस्तृत भाषाएँ योरुबा, इग्बो, फ़ूला, शोना और ज़ूलू हैं। कुल बोलने वालों के अनुसार स्वाहिली बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक है क्योंकि बहुत सी अन्य बोलियों के मातृभाषी इसे अपनी दूसरी भाषा के तौर पर प्रयोग करते हैं। .

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नियामे

नियामे अफ्रीका के नाइजर देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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निर्भरता का सिद्धान्त

अंतरराष्ट्रीय राजनीति में निर्भरता का सिद्धान्त (Dependency theory) यह है कि संसाधन, निर्धन एवं अल्पविकसित देशों (periphery/'परिधि') से धनी देशों (Core/केन्द्र या कोर) की ओर प्रवाहित होते हैं और निर्धन देशों को और गरीब करते हुए धनी देशों को और धनी बनाते हैं। निर्भरता का सिद्धान्त इस मूल मान्यता पर आधारित है कि राजनैतिक एवं आर्थिक कारकों के बीच एक गहन संबंध होता है। ये दोनों कारक परस्पर प्रभावित करते हैं तथा काफी हद तक आर्थिक कारकों के आधार पर राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलते हैं। निर्भरता का सिद्धान्त मूल रूप से मार्क्सवाद से प्रभावित रहा है। मार्क्सवाद के साथ-साथ होबसन व लेनिन के साम्राज्यवाद की अवधारणा ने इसे और मजबूत बना दिया है। परन्तु चुंकी मार्क्सवादी 'राज्य' के अस्तित्व को नहीं मानते इसीलिए इसे 'नव-मार्क्सवादी' अवधारणा मानना ज्यादा तर्कसंगत होगा। वैसे तो यह अवधारणा अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में 1950 के दशक से विद्यमान है, परन्तु 1970 के दशक से ज्यादा महत्वपूर्ण बन गई है। इस काल के अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन हेतु राजनीतिक-आर्थिक तत्वों में संबंध पर अधिक बल दिया जाने लगा है। इस सिद्धान्त के मुख्य समर्थकों में पॉल बरान, पॉल स्वीजी, हेरी मैडगाफ, एंड्रि गुंडर फैंक, अग्रहीरी इमेनुअल, समीर अमीन, इमेनुअल वालरस्टेन आदि प्रमुख हैं। .

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निलोत जनजाति

निलोत या निलोतिक अफ़्रीका में रहने वाली एक जनजाति है जो नीलो-साहरन भाषा समूह की भाषा उपयोग करती है। यह जनजाति दक्षिण सूडान,युगांडा,कीनिया और उत्तरी तन्स़ानिया में पायी जाती है। श्रेणी:अफ़्रीका.

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निगम

निगम एक विशेषाधिकार प्राप्त स्वतन्त्र कानूनी इकाई के रूप में पहचानी जाने वाली अलग संस्था है जिसके पास अपने सदस्यों से पृथक अपने अधिकार और दायित्व हैं। निगमों के कई प्रकार हैं, जिनमे से अधिकतर का उपयोग व्यापार करने के लिए किया जाता है। निगम कॉर्पोरेट कानून का एक उत्पाद हैं और इनके नियम उन प्रबंधकों के हितों को संतुलित करते हैं जो निगम, लेनदारों, शेयरधारकों तथा श्रम का योगदान करने वाले कर्मचारियों का संचालन करते हैं। आधुनिक समय में, निगम तेजी से आर्थिक जीवन का एक प्रमुख हिस्सा बन गए हैं। निगम की एक महत्वपूर्ण सुविधा सीमित देयता है। अगर एक निगम विफल होता है, तो शेयरधारक सामान्य रूप से केवल अपने निवेश को खोते हैं और कर्मचारी केवल अपनी नौकरी खो देंगे, किन्तु उन में से कोई भी निगम के लेनदारों के ऋणों के प्रति उत्तरदायी नहीं होगा.

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निअंडरथल मानव

निएंडरथल मानव का कंकाल निएंडरथल मानव होमो वंश का एक विलुप्त सदस्य है। जर्मनी में निअंडर की घाटी में इस आदिमानव की कुछ हड्डियाँ मिली है, इसलिए इसे निएंडरथल मानव का नाम दिया गया है। इसका कद अन्य मानवजातियों की अपेक्षा छोटा था। यह पश्चिम यूरोप, पश्चिम एशिया तथा अफ्रीका में रहता था। यह अब से लगभग 1,60,000 वर्ष पूर्व रहता था। इसका श्रेणीविभाजन मनुष्य की ही एक उपजाति के रूप में किया जाता है। इसका कद 4.5 से 5.5 फिट तक था। 2007 में किये गए अध्ययनों से यह पता चलता है कि इनके बालों का रंग लाल तथा त्वचा पीली थी। .

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नजरान प्रान्त

नजरान प्रान्त, जिसे औपचारिक अरबी में मिन्तक़ाह​ नजरान कहते हैं, सउदी अरब के दक्षिण में यमन की सरहद के साथ स्थित एक प्रान्त है। यहाँ 'याम' नामक एक शक्तिशाली क़बीला सदियों से बसा हुआ है और प्रांतीय आबादी के २ से ४ लाख के बीच लोग इस्माइली शिया इस्लाम के अनुयायी हैं।, Economist Newspaper Limited, 2006,...

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नव-उपनिवेशवाद

विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों के आन्तरिक मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किये जाने वाले हस्तक्षेप को नव-उपनिवेशवाद (Neocolonialism) कहा जाता है। नवउपनिवेशवाद की धारणा के मानने वालों का सोचना है कि पूर्व में उपनिवेशी शक्तियों ने जो आर्थिक ढांचा बना रखा था उनका अब भी उन उपनिवेशों पर नियन्त्रण करने में इस्तेमाल किया जा रहा है। यूरोप के देशों ने एक लम्बे समय तक एशिया और अफ्रीका के देशों पर अपना साम्राज्यवादी जाल फेंकर उनका राजनीतिक व आर्थिक शोषण किया लेकिन उन देशों में उभरने वाले स्वतन्त्रता आन्दोलनों ने साम्राज्यवादी देशों के मनसूबों पर पानी फेर दिया। धीरे-धीरे एशिया और अफ्रीका के देश एक-एक करके साम्राज्यवादी चुंगल से मुक्ति पाने लगे। जब साम्राज्यवादी शक्तियों को अपने दिन लदते नजर आए तो उन्होंने औपनिवेशिक शोषण के नए नए तरीके तलाशने शुरू कर दिए। उन्होंने इस प्रक्रिया में उन देशों पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए आर्थिक साम्राज्यवाद का सहारा लिया। स्वतन्त्र होने के बाद नवोदित राष्ट्र इस स्थिति में नही रहे कि वे अपना स्वतन्त्र आर्थिक विकास कर सकें। उनके आर्थिक विकास में सहायता के नाम पर विकसित साम्राज्यवादी देशों ने डॉलर की कूटनीति (डॉलर डिप्लोमैसी) का प्रयोग करके उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया और धीरे-धीरे वे नए साम्राज्यवाद के जाल में इस कदर फंस गए कि आज तक भी वे विकसित देशों के ही पराधीन हैं। इस व्यवस्था को नव-उपनिवेशवाद के नाम से जाना जाता है। .

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नवपाषाण युग

अनेकों प्रकार की निओलिथिक कलाकृतियां जिनमें कंगन, कुल्हाड़ी का सिरा, छेनी और चमकाने वाले उपकरण शामिल हैं नियोलिथिक युग, काल, या अवधि, या नव पाषाण युग मानव प्रौद्योगिकी के विकास की एक अवधि थी जिसकी शुरुआत मध्य पूर्व: फस्ट फार्मर्स: दी ओरिजंस ऑफ एग्रीकल्चरल सोसाईटीज़ से, पीटर बेल्वुड द्वारा, 2004 में 9500 ई.पू.

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नवाक्शूत

नुआकशोत या नवाक्शूत (फ़्रांसीसी: Nouakchott, अरबी: نواكشوط‎) पश्चिमी अफ़्रीका के मॉरीतानिया देश की राजधानी व सबसे बड़ा शहर है। सन् २०१३ में मॉरीतानिया की ३५ लाख की कुल जनसंख्या में से १० लाख लोग नुआकशोत में बसे हुए थे। यह अटलांटिक महासागर के किनारे देश के दक्षिणी भाग में स्थित है और सहारा रेगिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक गिना जाता है। १९५८ तक यह एक छोटा सा गाँव था। उस वर्ष यह मॉरीतानिया की राजधानी चुना गया और यहा १५,००० लोगों के बसने की व्यवस्था की गई। १९७० के बाद मॉरीतानिया के कई इलाकों में सूखा पड़ता रहा है और उन क्षेत्रों से विस्थापित लोग अक्सर नुआकशोत आ जाते हैं जिस से यहाँ भीड़ और धरों की कमी दोनों बढ़ी हैं। यह एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है और नुआकशोत विश्वविद्यालय भी यहीं स्थित है। .

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नवजगत

नवजगत (New World) पृथ्वी के पश्चिमी गोलार्ध (हेमिस्फ़ीयर) का क्षेत्र है, जिसमें उत्तर व दक्षिणी अमेरिका और उनके पास स्थित कैरिबियाई सागर के द्वीप आते हैं। १५वीं शताब्दी ईसवी में यूरोप के कुछ खोजयात्रियों द्वारा इनकी खोज होने से पहले नये विश्व से बाहर रहने वाले लोग यह समझते थे कि अफ़्रीका, यूरोप और एशिया का भूभाग ही पूरा विश्व है। नये विश्व की अवधारणा का प्रयोग पूर्वजगत से भौगोलिक, जीववैज्ञानिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक या अन्य तुलना करने के लिये किया जाता है। .

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नवीकरणीय संसाधन

नवीकरणीय संसाधन अथवा नव्य संसाधन वे संसाधन हैं जिनके भण्डार में प्राकृतिक/पारिस्थितिक प्रक्रियाओं द्वारा पुनर्स्थापन (replenishment) होता रहता है। हालाँकि मानव द्वारा ऐसे संसाधनों का दोहन (उपयोग) अगर उनके पुनर्स्थापन की दर से अधिक तेजी से हो तो फिर ये नवीकरणीय संसाधन नहीं रह जाते और इनका क्षय होने लगता है। उपरोक्त परिभाषा के अनुसार ऐसे संसाधनों में ज्यादातर जैव संसाधन आते है जिनमें जैविक प्रक्रमों द्वारा पुनर्स्थापन होता रहता है। उदाहरण के लिये एक वन क्षेत्र से वनोपजों का मानव उपयोग वन को एक नवीकरणीय संसाधन बनाता है किन्तु यदि उन वनोपजों का इतनी तेजी से दोहन हो कि उनके पुनर्स्थापन की दर से अधिक हो जाए तो वन का क्षय होने लगेगा। सामान्यतया नवीकरणीय संसाधनों में नवीकरणीय उर्जा संसाधन भी शामिल किये जाते हैं जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा इत्यादि। किन्तु सही अर्थों में ये ऊर्जा संसाधन अक्षय ऊर्जा संसाधन हैं न कि नवीकरणीय। .

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न्तेम नदी

न्तेम नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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न्यांगा नदी

न्यांगा नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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नौआक्चोट्ट

नौआक्चोट्ट अफ्रीका के मौरिशियाना देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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नैदानिक परीक्षण

अनुसन्धान के माध्यम से विकसित नई चिकित्सा पद्धतियों के सामान्य प्रयोग से पूर्व इनके प्रभाव व कुप्रभावों का अध्ययन करने के लिये किया गया शोध नैदानिक परीक्षण (क्लिनिकल ट्रायल) कहलाता है। चिकित्सा पद्धतियों के अन्तर्गत टीका, दवा, आहार संबंधी विकल्प, आहार की खुराक, चिकित्सीय उपकरण, जैव चिकित्सा आदि आते हैं। नैदानिक परीक्षण, नई पद्धतियों की सुरक्षा व दक्षता के संबंध में बेहतर आंकड़े प्रदान करता है। प्रत्येक अध्ययन वैज्ञानिक प्रश्नों का जवाब देता है और बीमारी को रोकने के, इसके परीक्षण के लिए, निदान, या उपचार के लिए बेहतर तरीके खोजने का प्रयास करता है। क्लीनिकल ट्रायल नए उपचार की पहले से उपलब्ध उपचार के साथ तुलना भी कर सकता है। हर क्लीनिकल ट्रायल में परीक्षण करने के लिए एक नियम (कार्य योजना) होती है। योजना बताती है कि अध्ययन में क्या-क्या किया जायेगा, यह कैसे पूरा होगा, और अध्ययन का प्रत्येक भाग आवश्यक क्यों है। प्रत्येक अध्ययन में हिस्सा लेने वाले लोगों के लिए इसके अपने नियम होते हैं। कुछ अध्ययनों के लिए किसी बीमारी से ग्रस्त स्वयंसेवकों की जरुरत होती है। कुछ के लिए स्वस्थ लोगों की आवश्यकता होती है। अन्य के लिए केवल पुरुष या केवल महिलाओं की जरुरत होती है। किसी देश या क्षेत्र विशेष में नैदानिक परीक्षण के लिये स्वास्थ्य एजेंसियों तथा अन्य सक्षम एजेंसियों की अनुमति लेना आवश्यक है। ये एजेंसियाँ परीक्षण के जोखिम/लाभ अनुपात का अध्ययन करने के लिये उत्तरदायी होती हैं। चिकित्सीय उत्पाद या पद्धति के प्रकार और उसके विकास के स्तर के अनुरूप ये एजेंसियाँ प्रारंभ में स्वयंप्रस्तुत व्यक्तियों (वालंटियर) या रोगियों के छोटे-छोटे समूहों पर पायलट प्रयोग के रूप में अध्ययन की अनुमति देती हैं और आगे उत्तरोत्तर बड़े पैमाने पर तुलनात्मक अध्ययन की अनुमति देती हैं। यूएसए में संस्थागत समीक्षा बोर्ड (आई.आर.बी.) कई क्लीनिकल ट्रायलों की समीक्षा, निरीक्षण करता है और उन्हें स्वीकार करता है। यह चिकित्सकों, सांख्यिकीविदों, और समुदाय के सदस्यों की एक स्वतंत्र समिति है। इसकी निम्न भूमिकाएं हैं-.

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नेवला

नेवला (अंग्रेज़ी: mongoose) एक मांसाहारी स्तनधारी जानवर है जो 'हरपेस्टीडाए' (Herpestidae) जीववैज्ञानिक कुल में आते हैं। इसकी 33 ज्ञात जातियाँ हैं जो सभी दक्षिणी यूरेशिया (भारतीय उपमहाद्वीप समेत) व अफ़्रीका में रहती हैं। माडागास्कर द्वीप पर भी यूप्लेरिडाए (Eupleridae) कुल की चार जातियाँ हैं जिन्हें कभी-कभी नेवला बुलाया जाता है।, Michael A. Mares, Oklahoma Museum of Natural History, pp.

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नीबू घास

नीबू घास (Cymbopogon या lemongrass) घास परिवार का पादप है जो एशिया, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है। .

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नीम

नीम भारतीय मूल का एक पूर्ण पतझड़ वृक्ष है। यह सदियों से समीपवर्ती देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यानमार (बर्मा), थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका आदि देशों में पाया जाता रहा है। लेकिन विगत लगभग डेढ़ सौ वर्षों में यह वृक्ष भारतीय उपमहाद्वीप की भौगोलिक सीमा को लांघ कर अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एवं मध्य अमरीका तथा दक्षिणी प्रशान्त द्वीपसमूह के अनेक उष्ण और उप-उष्ण कटिबन्धीय देशों में भी पहुँच चुका है। इसका वानस्पतिक नाम ‘Melia azadirachta अथवा Azadiracta Indica’ है। .

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नील (बहुविकल्पी)

नील के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

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नील नदी

संसार की सबसे लम्बी नदी नील है जो अफ्रीका की सबसे बड़ी झील विक्टोरिया से निकलकर विस्तृत सहारा मरुस्थल के पूर्वी भाग को पार करती हुई उत्तर में भूमध्यसागर में उतर पड़ती है। यह भूमध्य रेखा के निकट भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से निकलकर दक्षिण से उत्तर क्रमशः युगाण्डा, इथियोपिया, सूडान एवं मिस्र से होकर बहते हुए काफी लंबी घाटी बनाती है जिसके दोनों ओर की भूमि पतली पट्टी के रूप में शस्यश्यामला दिखती है। यह पट्टी संसार का सबसे बड़ा मरूद्यान है। नील नदी की घाटी एक सँकरी पट्टी सी है जिसके अधिकांश भाग की चौड़ाई १६ किलोमीटर से अधिक नहीं है, कहीं-कहीं तो इसकी चौड़ाई २०० मीटर से भी कम है। इसकी कई सहायक नदियाँ हैं जिनमें श्वेत नील एवं नीली नील मुख्य हैं। अपने मुहाने पर यह १६० किलोमीटर लम्बा तथा २४० किलोमीटर चौड़ा विशाल डेल्टा बनाती है। घाटी का सामान्य ढाल दक्षिण से उत्तर की ओर है। मिस्र की प्राचीन सभ्यता का विकास इसी नदी की घाटी में हुआ है। इसी नदी पर मिस्र देश का प्रसिद्ध अस्वान बाँध बनाया गया है। नील नदी की घाटी का दक्षिणी भाग भूमध्य रेखा के समीप स्थित है, अतः वहाँ भूमध्यरेखीय जलवायु पायी जाती है। यहाँ वर्ष भर ऊँचा तापमान रहता है तथा वर्षा भी वर्ष भर होती है। वार्षिक वर्षा का औसत २१२ से.

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नील नदी का मैदान

यह मिश्र (अफ्रीका) में स्थित प्रमुख मैदान हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख मैदान.

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नीला विल्डबीस्ट

नीला विल्डबीस्ट, सामान्य विल्डबीस्ट या सफ़ेद दाढ़ी वाला विल्डबीस्ट विल्डबीस्ट की दो जातियों में से एक है। इसका सबसे करीबी रिश्तेदार काला विल्डबीस्ट है। यह जाति अफ़्रीका महाद्वीप में पाई जाती है। यह खुले मैदानों में, दक्षिण अफ़्रीका और पूर्वी अफ़्रीका के खुले जंगलों में पाये जाते हैं और २० वर्ष से अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं। नर अपने क्षेत्र की रक्षा के मामले में बहुत उग्र होता है और अपने क्षेत्र को जताने के लिए गंध और अन्य तरीकों का इस्तेमाल करता है। इनकी सबसे बड़ी संख्या सेरेंगेटी, तंज़ानिया में है जहाँ यह १० लाख से भी ज़्यादा हैं। इनके प्रमुख शिकारी सिंह, लकड़बग्घे और नील नदी के मगरमच्छ होते हैं। कभी-कभी २ से ३ चीतों को भी इनका शिकार करते देखा गया है। इनका शिकार झुण्ड में अफ़्रीका के जंगली कुत्ते भी करते हैं। नर की कंधे तक औसतन ऊँचाई १४५ से.मी.

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नीलगिरी (यूकलिप्टस)

नीलगिरी मर्टल परिवार, मर्टसिया प्रजाति के पुष्पित पेड़ों (और कुछ झाडि़यां) की एक भिन्न प्रजाति है। इस प्रजाति के सदस्य ऑस्ट्रेलिया के फूलदार वृक्षों में प्रमुख हैं। नीलगिरी की 700 से अधिक प्रजातियों में से ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया मूल की हैं और इनमें से कुछ बहुत ही अल्प संख्या में न्यू गिनी और इंडोनेशिया के संलग्न हिस्से और सुदूर उत्तर में फिलपिंस द्वीप-समूहों में पाये जाते हैं। इसकी केवल 15 प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया के बाहर पायी जाती हैं और केवल 9 प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया में नहीं होतीं.

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नीलगिरी वृक्ष

नीलगिरी (अंग्रेज़ी:यूकेलिप्टस) मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में पाया जाने वाला पौघा है। इसके अलावा भारत, उत्तरी और दक्षिणी अफ्रीका और दक्षिणी यूरोप में भी नीलगिरी के पौघों की खेती की जाती है। दुनिया भर में इसकी लगभग ३०० प्रजातियां प्रचलन में हैं। यह पेड़ काफी लंबा और पतला होता है। इसकी पत्तियों से प्राप्त होने वाले तेल का उपयोग औषघि और अन्य रूप में किया जाता है। पत्तियां लंबी और नुकीली होती हैं जिनकी सतह पर गांठ पाई जाती है जिसमें तेल संचित रहता है। इस पौघे की पल्लवों पर फूल लगे होते हैं जो एक कप जैसी झिल्ली से अच्छी तरह ढंके होते हैं। फूलों से फल बनने की प्रक्रिया के दौरान यह झिल्ली स्वयं ही फट कर अलग हो जाती है। इसके फल काफी सख्त होते हैं जिसके अंदर छोटे-छोटे बीज पाए जाते हैं।। पत्रिका.कॉम। .

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नीलो-साहरन भाषा समूह

नीलो-साहरन भाषा समूह अफ़्रीका मे बोले जाने वाली भाषाओं का एक समूह है। यह भाषा समूह नील एवं चारी नदी के उपरी क्षेत्र मे प्रमुखता से बोली जाती है। श्रेणी:अफ़्रीका.

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नीली नील

नीली नील (ዓባይ; ʿअब्बाई, النيل الأزرق; अरबी: an-Nīl al-Āzraq) तना झील, इथियोपिया से निकली अफ्रीका की एक एक नदी है। .

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नीग्रोइड्स

नीग्रोइड्स प्रजाति, एक मानव प्रजाति हैं। अनेक विद्वान इस प्रजाति को विश्व की प्रथम प्रजाति का दर्जा देतें हैं। इसका निवास क्षेत्र दक्षिणी अफ्रीका से केप ऑफ गुड होप तक पाया जाता हैं। यह गहरे भूरे काले रंग वाली प्रजाति हैं एवं इसके बाल ऊन के समान घुंघराले होते हैं। श्रेणी:अफ़्रीका की मानव जातियाँ he:שחורים nl:Zwarten tr:Siyahiler.

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पतेना

पतेना (Bee-eater) पक्षियों के कोरैसीफ़ोर्मीस जीववैज्ञानिक गण का एक कुल है, जिसे जीववैज्ञानिक रूप से मेरोपिडाए (Meropidae) कहा जाता है। इस कुल में तीन वंश सम्मिलित हैं जिनमें मिलाकर २७ ज्ञात जातियाँ हैं। यह अपने रंग-बिरंगे पतले शरीरों और लम्बी दुमों से पहचानी जाती हैं। इस कुल की अधिकांश जातियाँ अफ़्रीका और एशिया में पाई जाती हैं, लेकिन कुछ दक्षिणी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और नया गिनी में भी रहती हैं। .

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परजीवी विज्ञान

परजीवीयों के अध्ययन को परजीवी विज्ञान कहते हैं| वयस्क काली मक्खी (सिमुलियम याहेंस) संग ऑनकोसेर्का वॉल्व्युलस (''Onchocerca volvulus'') कृमि के एण्टिना से निकलता हुआ। यह परजीवी अफ्रीका में रिवर ब्लाइंडनैस (नदी अंधता) नामक रोग के लिये उत्तरदायी होता है। यह नमूना रासायनिक विधि से जमाया व क्रिटिकल बिंदु तक सुखाया हुआ है। फिर परंपरागत स्कैनिंग इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा गया। 100X (सौ गुणा) आवर्धित चित्र परजीवी विज्ञान परजीवों सहित उनके मेजबान (होस्ट), तथा उनके बीच के संबंध का अध्ययन है। जीव विज्ञान के विषय के तौर पर, परजीवी विज्ञान का विस्तार, चर्चित प्राणी या उसके वातावरण पर निर्भर नहीं होता, वरन उनके जीवन के तरीके पर निर्भर होता है। अतएव यह अन्य विषयों के, संयोजन से बना है; व कई उप-विषयों की तकनीकों पर आधारित है, जैसे कोशिका जैविकी, सूचना-जैविकी, जैवरासायनिकी आण्विक जैविकी, इम्युनोलॉजी, अनुवांशिकी, विकासवाद एवं पारिस्थितिकी। जीवन की पद्धति पृथ्वी पर सर्व सामान्य है। जिसमें सभी प्रधान टैक्सा के प्रतिनिधि सम्मिलित हैं, जो साधारणतम एक कोशिकीय जीव से लेकर जटिल कशेरुकियों तक हो सकते हैं। प्रत्येक मुक्त-जीव जाति की अपनी अनुपम परजीवी प्रजातियां होतीं हैं। .

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पर्यटन भूगोल

वास्को डि गामा कालीकट, भारत के तट पर 20 मई 1498। पर्यटन भूगोल या भू-पर्यटन, मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इस शाखा में पर्यटन एवं यात्राओं से सम्बन्धित तत्वों का अध्ययन, भौगोलिक पहलुओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। नेशनल जियोग्रेफ़िक की एक परिभाषा के अनुसार किसी स्थान और उसके निवासियों की संस्कृति, सुरुचि, परंपरा, जलवायु, पर्यावरण और विकास के स्वरूप का विस्तृत ज्ञान प्राप्त करने और उसके विकास में सहयोग करने वाले पर्यटन को "पर्यटन भूगोल" कहा जाता है। भू पर्यटन के अनेक लाभ हैं। किसी स्थल का साक्षात्कार होने के कारण तथा उससे संबंधित जानकारी अनुभव द्वारा प्राप्त होने के कारण पर्यटक और निवासी दोनों का अनेक प्रकार से विकास होता हैं। पर्यटन स्थल पर अनेक प्रकार के सामाजिक तथा व्यापारिक समूह मिलकर काम करते हैं जिससे पर्यटक और निवासी दोनों के अनुभव अधिक प्रामाणिक और महत्त्वपूर्ण बन जाते है। भू पर्यटन परस्पर एक दूसरे को सूचना, ज्ञान, संस्कार और परंपराओं के आदान-प्रदान में सहायक होता है, इससे दोनों को ही व्यापार और आर्थिक विकास के अवसर मिलते हैं, स्थानीय वस्तुओं कलाओं और उत्पाद को नए बाज़ार मिलते हैं और मानवता के विकास की दिशाएँ खुलती हैं साथ ही बच्चों और परिजनों के लिए सच्ची कहानियाँ, चित्र और फिल्में भी मिलती हैं जो पर्यटक अपनी यात्रा के दौरान बनाते हैं। पर्यटन भूगोल के विकास या क्षय में पर्यटन स्थल के राजनैतिक, सामाजिक और प्राकृतिक कारणों का बहुत महत्त्व होता है और इसके विषय में जानकारी के मानचित्र आदि कुछ उपकरणों की आवश्यकता होती है। .

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पश्चिम गिनीआई निम्नभूमि वन

पश्चिम गिनीआई निम्नभूमि वन (Western Guinean lowland forests) पश्चिम अफ़्रीका में स्थित एक उष्णकटिबन्धीय एवं उपोष्ण आर्द्र पृथुपर्णी वन क्षेत्र है। यहाँ अटलांटिक महासागर से लेकर कई सौ मील मुख्यभूमि के अन्दर तक निचली ऊँचाई (निम्नभूमि) पर वन फैले हुए हैं। यह जंगल पश्चिमी कोत दिव्वार, लाइबेरिया, दक्षिणपूर्वी गिनी, सिएरा लियोन के अधिकांश भाग और फिर दक्षिणपश्चिमी गिनी में विस्तृत हैं। कोत दिव्वार की सस्सान्द्रा नदी पश्चिम गिनीआई वनों को पूर्वी गिनीआई वनों से अलग करती है। .

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पश्चिमी अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी भाग को दक्षिणी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बोत्सवानालेसोथोनामीबियादक्षिण अफ्रीकास्वाजीलैंड देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .

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पहला विश्व युद्ध

पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं। पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध ख़त्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएँ फिर से निर्धारित हुई और अमेरिका निश्चित तौर पर एक 'महाशक्ति ' बन कर उभरा। .

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पहेली

किसी व्यक्ति की बुद्धि या समझ की परीक्षा लेने वाले एक प्रकार के प्रश्न, वाक्य अथवा वर्णन को पहेली (Puzzle) कहते हैं जिसमें किसी वस्तु का लक्षण या गुण घुमा फिराकर भ्रामक रूप में प्रस्तुत किया गया हो और उसे बूझने अथवा उस विशेष वस्तु का ना बताने का प्रस्ताव किया गया हो। इसे 'बुझौवल' भी कहा जाता है। पहेली व्यक्ति के चतुरता को चुनौती देने वाले प्रश्न होते है। जिस तरह से गणित के महत्व को नकारा नहीं जा सकता, उसी तरह से पहेलियों को भी नज़रअन्दाज नहीं किया जा सकता। पहेलियां आदि काल से व्यक्तित्व का हिस्सा रहीं हैं और रहेंगी। वे न केवल मनोरंजन करती हैं पर दिमाग को चुस्त एवं तरो-ताजा भी रखती हैं। .

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पारम्परिक चिकित्सा

पारम्परिक चिकित्सा (traditional medicine) या लोक चिकित्सा (folk medicine) कई मानव पीढ़ीयों द्वारा विकसित वे ज्ञान प्रणालियाँ होती हैं जिनके प्रयोग से आधुनिक चिकित्सा प्रणाली से भिन्न तरीके से शारीरिक व मानसिक रोगों की पहचान, रोकथाम, निवारण और इलाज करा जाता रहा है। कई एशियाई और अफ़्रीकी देशों में ८०% तक जनसंख्या प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार में स्थानीय पारम्परिक चिकित्सा पर निर्भर है और केवल उन उपचारों के न काम करने पर ही आधुनिक चिकित्सा का सहारा लेती है। जब एक स्थान की पारम्परिक चिकित्सा शैली अपनी गृहभूमि से बाहर प्रयोग होती है तो उसे "वैकल्पिक चिकित्सा" (alternative medicine) कहते हैं। विश्व की प्रमुख पारम्परिक चिकित्सा शैलियों में आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सा, सिद्ध चिकित्सा, प्राचीन ईरानी चिकित्सा, पारम्परिक चीनी चिकित्सा, पारम्परिक कोरियाई चिकित्सा, एक्यूपंक्चर, मुटी (दक्षिणी अफ़्रीकी पारम्परिक चिकित्सा), इफ़ा (पश्चिमी अफ़्रीकी पारम्परिक चिकित्सा) और अन्य पारम्परिक अफ़्रीकी चिकित्सा शैलियाँ शामिल हैं। पारम्परिक चिकित्सा के भिन्न क्षेत्रों में जड़ी-बूटी चिकित्सा, नृजाति चिकित्साविज्ञान (ऍथ्नोमेडिसिन), लोक वानस्पतिकी (ऍथ्नोबोटेनी) और चिकित्सक मानवशास्त्र सम्मिलित हैं। .

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पार्श्व न्यूमोनिया

पार्श्व न्युमोनिया या प्लूरोन्युमोनिया (Pleuro-pneumonia) ढोरों (cattle) में अधिक होने वाला उग्र स्पर्शज जीवाणु रोग है, जो मुख्यतः फुफ्फुस (lungs) तथा वक्ष की अस्तर कला (lining membrane) को आक्रांत करता है। यह भैंस, जेबू और याक को भी होता है। इसे सामान्यतः फुफ्फुस ताऊन (Lung Plague) भी कहते हैं। इसके फलस्वरूप एक विशेष प्रकार का खंड एवं खंडशोथ (lobar and lobular pneumonia) की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। गोजातीय पशु (bovine animals) के अतिरिक्त यह रोग अन्य पशुओं में प्रसारित नहीं होता। यह रोग अनेक देशों में, जैसे भारत, चीन, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया तथा यूरोप के बहुत से देशों में भी होता है। मनुष्यों को जब होता है तब शरीर-विकृति-विज्ञान (pathology) के अंतर्गत होनेवाले मुख्य परिवर्तनों में फुफ्फुस की आकृति संगमरमर के समान हो जाती है तथा फुफ्फुसावरण (pleura) में फाइब्रिनस विक्षेप (fibrinous deposit) हो जाता है। कभी-कभी वक्षगुहा (cavity of thorax) में अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थों का भी संचय हो जाता है। .

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पालक

पालक पालक (वानस्पतिक नाम: Spinacia oleracea) अमरन्थेसी कुल का फूलने वाला पादप है, जिसकी पत्तियाँ एवं तने शाक के रूप में खाये जाते हैं। पालक में खनिज लवण तथा विटामिन पर्याप्त रहते हैं, किंतु ऑक्ज़ैलिक अम्ल की उपस्थिति के कारण कैल्शियम उपलब्ध नहीं होता। यह ईरान तथा उसके आस पास के क्षेत्र का देशज है। ईसा के पूर्व के अभिलेख चीन में हैं, जिनसे ज्ञात होता है कि पालक चीन में नेपाल से गया था। 12वीं शताब्दी में यह अफ्रीका होता हुआ यूरोप पहुँचा।Victor R. Boswell, "Garden Peas and Spinach from the Middle East".

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पितृवंश समूह टी

दुनिया में पितृवंश समूह टी का फैलाव - आंकड़े बता रहे हैं के किस इलाक़े के कितने प्रतिशत पुरुष इसके वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह टी या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप T एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह के से उत्पन्न हुई एक शाखा है। इस पितृवंश के पुरुष भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ समुदायों में मिलते हैं। दक्षिण भारत के येरुकाला आदिवासी, पश्चिम बंगाल के बाओड़ी जनजाति और राजस्थान के लोधा समुदाय के अधिकांश पुरुष इसके वंशज हैं। अफ़्रीका में सोमालिया और दक्षिणी मिस्र के पुरुषों में इसके वंशज भारी मात्रा में पाए जाते हैं। ईरान में केरमान शहर के पारसी समुदाय और दक्षिण-पश्चिमी ईरान के बख्तिआरी बंजारा समुदाय में भी इसके काफ़ी वंशज मिलते हैं। यूरोप में जर्मनी, इटली के सार्दिनिया द्वीप, स्पेन और पुर्तगाल में इसके सदस्य मिलते हैं। उत्तर-पूर्वी पुर्तगाल के यहूदी समुदाय में इसके वंशज भारी मात्रा में मौजूद हैं। माना जाता है के मूल पितृवंश समूह टी जिस पुरुष के साथ आरम्भ हुआ वह आज से २५,०००-३०,००० साल पहले मध्य पूर्व का रहने वाला था। .

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पितृवंश समूह ऍफ़

पितृवंश समूह ऍफ़ की शुरुआत भारतीय उपमहाद्वीप या मध्य पूर्व में हुई और इस पितृवंश की शाखाओं आगे चलकर हर दिशा में फैल गयी - विश्व के ९०% पुरुष इसकी उपशाखाओं के ही वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह ऍफ़ या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप F एक पितृवंश समूह है। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ५०,००० वर्ष पहले भारतीय उपमहाद्वीप या मध्य पूर्व में रहता था। इस पितृवंश से आगे चलकर बहुत सी पितृवंश उपशाखाएँ बनी और विश्व के ९०% पुरुष इन्ही उपशाखाओं के वंशज हैं। क्योंकि यह पितृवंश मनुष्यों के अफ़्रीका से निकलने के बाद ही उत्पन्न हुआ इसलिए इस पितृवंश के पुरुष उप-सहारा अफ़्रीका के क्षेत्रों में बहुत कम ही मिलते हैं। बाक़ी विश्व में ऐसे पुरुष जो सीधा इस पितृवंश के सदस्य हैं (यानि की इसकी उपशाखाओं के नहीं बल्कि केवल पितृवंश समूह ऍफ़ के वंशज हैं) भारत, उत्तरी पुर्तगाल, चीन के यून्नान राज्य के पहाड़ी इलाकों और कोरिया में पाए जाते हैं। भारतीय पुरुषों में से १२.५% इसके सीधे सदस्य हैं, लेकिन भारतीय जनजातियों के पुरुषों में यह मात्र बढ़ कर १८.१% पर देखी गयी है। कोरियाई पुरुषों में से ८% इस पितृवंश समूह की संतति हैं। पुर्तगाल में इसकी ०.५% तक की हलकी मौजूदगी का कारण भारतीय पुरुषों के साथ संबंधों को माना जाता है, क्योंकि पुर्तगाल और भारत का ५०० वर्ष तक संपर्क रहा है। चीन में इसे ज़्यादातर युन्नान क्षेत्र की लाहू जनजाति में देखा गया है। .

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पितृवंश समूह ए

दक्षिण अफ्रीका की बुशमैन जनजातियों के पुरुष अक्सर पितृवंश समूह ए के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह ए या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप A एक अत्यंत प्राचीनतम पितृवंश समूह है। पितृवंश समूह बी (B) और यह विश्व के दो सब से प्राचीन पितृवंश माने जाते हैं। इस पितृवंश समूह के सदस्य पुरुष ज़्यादातर अफ़्रीका के सुदूर दक्षिणी क्षेत्रों में और नील नदी के दक्षिण वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से ७५,००० वर्ष पूर्व इसी इलाक़े में रहता था। .

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पितृवंश समूह सी

पितृवंश समूह सी की शुरुआत भारतीय उपमहाद्वीप या मध्य पूर्व में हुई जब मनुष्य अफ्रीका से नए-नए पूर्व की और निकले थे - इस पितृवंश की शाखाओं के वंशजों ने आगे चलकर पूर्वी एशिया और उत्तरी अमरीका को मनुष्यों से सर्वप्रथम आबाद किया मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह सी या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप C एक पितृवंश समूह है। इस पितृवंश समूह के सदस्य पुरुष भारत और मंगोलिया, रूस के सुदूर पूर्व, ऑस्ट्रेलिया के आदिवासियों और कोरिया में पाए जाते हैं। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ६०,००० वर्ष पहले भारतीय उपमहाद्वीप या मध्य पूर्व में रहता था। मानना है के जब इस पितृवंश की शुरुआत हुई तो मनाव अफ्रीका के अपने जन्मस्थल से नए-नए पूर्व की ओर निकले थे। इस पितृवंश समूह की शाखाओं के वंशजों ने आगे चलकर पूर्वी एशिया और उत्तरी अमरीका में मनुष्यों की जाती को सर्वप्रथम स्थापित किया। .

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पितृवंश समूह जी

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह जी या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप G एक पितृवंश समूह है। जिस पुरुष से इस पितृवंश समूह की शुरुआत हुई उसके जीवनकाल का ठीक से अंदाज़ा नहीं लग पाया है, लेकिन अनुमान किया जाता है के वह आज से ९,५०० से लेकर २०,००० साल के अंतराल में कभी या तो मध्य पूर्व में या एशिया में कहीं बसता था। यह पुरुष स्वयं पितृवंश समूह ऍफ़ का वंशज था और इसलिए पितृवंश समूह जी को पितृवंश समूह ऍफ़ की उपशाखा माना जाता है। पितृवंश समूह जी के वंशज पुरुष हलकी मात्रा में पूरे यूरोप, उत्तर एशिया, मध्य पूर्व, उत्तर अफ़्रीका, भारत, श्रीलंका और मलेशिया में पाए जाते हैं। .

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पितृवंश समूह ई

अफ्रीका, यूरोप और मध्य पूर्व में पितृवंश समूह ई का फैलाव - आंकड़े बताते हैं के किस इलाक़े के कितने प्रतिशत पुरुष इसके वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह ई या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप E पितृवंश समूह है। इस पितृवंश समूह के सदस्य पुरुष ज़्यादातर अफ्रीका में पाए जाते हैं, हालाँकि इस पितृवंश समूह की एक उपशाखा है, जिसका नाम ई१बी१बी है, जो उत्तर और पूर्वी अफ्रीका के साथ-साथ एशिया और यूरोप के कुछ पुरुषों में भी पाई जाती है। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से ५०,००० या ५५,००० वर्ष पहले पूर्वी अफ्रीका में कहीं रहता था।Karafet et al.

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पिशाच

फिलिप बर्न-जोन्स द्वारा पिशाच, 1897 पिशाच कल्पित प्राणी है जो जीवित प्राणियों के जीवन-सार खाकर जीवित रहते हैं आमतौर पर उनका खून पीकर.

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पक्षी इन्फ्लूएंजा

बर्ड फ़्लू या पक्षी इन्फ्लूएंजा या पक्षी फ़्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) एक विषाणु जनित रोग है। यह विषाणु जिसे इन्फ्लूएंजा ए या टाइप ए विषाणु कहते हैं, आम तौर मे पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन कभी कभी यह मानव सहित अन्य कई स्तनधारिओं को भी संक्रमित कर सकता है, जब यह मानव को संक्रमित करता है तो इसे इन्फ्लूएंजा (श्लेष्मिक ज्वर) कहा जाता है। .

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पुरा-लवण परत

पुरा-लवण परत या नमक से पहले की परत (पुर्तगाली: Camada pré-sal; अंग्रेजी:Pre-salt layer), अफ्रीका और ब्राजील के सागरतट से परे महाद्वीपीय उपतट पर स्थित एक भूवैज्ञानिक संरचना है। इस परत का महत्व इसलिए है क्योंकि इसके नीचे महत्वपूर्ण पेट्रोरसायनिक संसाधनों का वृहद भण्डार छिपा है। पेट्रोब्रास के अनुसार इस परत के ऊपर नमक की एक मोटी परत स्थित है जिसकी मोटाई कुछ स्थानों पर लगभग 2000 मीटर तक है। इस परत में और इसके नीचे तेल और प्राकृतिक गैस के भण्डार स्थित है। हालांकि नमक की परत और चट्टानों को वेध कर तेल और गैस निकालने का काम बहुत महंगा है। चूँकि चट्टानों की इस विशाल शृंख्ला का निक्षेपण नमक की परत से पहले हुआ था इसीलिए इसे पुरा-लवण परत कहा जाता है। .

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पुर्तगाली भाषा

पुर्तगाली भाषा (पुर्तगाली: Língua Portuguesaपोर्तुगेस, पोर्तुगेश) एक यूरोपीय भाषा है। ये मूल रूप से पुर्तगाल की भाषा है और इसके कई भूतपूर्व उपनिवेशों में भी बहुमत भाषा है, जैसे ब्राज़ील। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसकी लिपि रोमन है। इस भाषा के प्रथम भाषी लगभग २० करोड़ हैं। .

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पुर्तगाली साम्राज्य

पुर्तगाली साम्राज्य का ध्वज पुर्तगाली साम्राज्य और विदेशी हित। लाल - वास्तविक नियंत्रण; जैतूनी - अन्वेषण; नारंगी - प्रभाव और व्यापार के क्षेत्र; गुलाबी - संप्रभुता का दावा; हरा - व्यापार चौकियां; नीला - प्रमुख समुद्री अन्वेषण, मार्ग और प्रभाव क्षेत्र पुर्तगाली साम्राज्य (पुर्तगाली:Império Português) इतिहास का पहला वैश्विक साम्राज्य था, जिसके शासित प्रदेश दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया मे फैले थे। यह आधुनिक यूरोप का एक सबसे लंबे समय तक रहने वाला औपनिवेशिक साम्राज्य भी है, जो लगभग छह सदियों तक कायम रहा, यह 1415 में सेउटा पर कब्जे़ के साथ शुरु होकर 1999 में मकाउ के हस्तांतरण तक रहा। .

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प्रमुख धार्मिक समूह

दुनिया के प्रमुख धर्म और आध्यात्मिक परम्पराओं को कुछ छोटे प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है, हालांकि यह किसी भी प्रकार से एकरूप परिपाटी नहीं है। 18 वीं सदी में यह सिद्धांत इस लक्ष्य के साथ शुरू किया गया कि समाज में गैर यूरोपीय सभ्यता के स्तर की पहचान हो। धर्मों की और अधिक व्यापक सूची और उनके मूल रिश्तों की रूपरेखा के लिए, कृपया धर्मों की सूची लेख देखें.

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प्रागितिहास

आज से लगभग २७,००० साल पहले फ़्रान्स की एक गुफ़ा में एक प्रागैतिहासिक मानव ने अपने हाथ के इर्दगिर्द कालख लगाकर यह छाप छोड़ी प्रागैतिहासिक (Prehistory) इतिहास के उस काल को कहा जाता है जब मानव तो अस्तित्व में थे लेकिन जब लिखाई का आविष्कार न होने से उस काल का कोई लिखित वर्णन नहीं है।, Chris Gosden, pp.

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प्राकृतिक आपदा

एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम (natural hazard) का परिणाम है (जैसे की ज्वालामुखी विस्फोट (volcanic eruption), भूकंप, या भूस्खलन (landslide) जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करता है। मानव दुर्बलताओं को उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन (emergency management) का आभाव और बढ़ा देता है, जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। परिणाम स्वरुप होने वाली हानि निर्भर करती है जनसँख्या की आपदा को बढ़ावा देने या विरोध करने की क्षमता पर, अर्थात उनके लचीलेपन पर। ये समझ केंद्रित है इस विचार में: "जब जोखिम और दुर्बलता (vulnerability) का मिलन होता है तब दुर्घटनाएं घटती हैं". जिन इलाकों में दुर्बलताएं निहित न हों वहां पर एक प्राकृतिक जोखिम कभी भी एक प्राकृतिक आपदा में तब्दील नहीं हो सकता है, उदहारण स्वरुप, निर्जन प्रदेश में एक प्रबल भूकंप का आना.बिना मानव की भागीदारी के घटनाएँ अपने आप जोखिम या आपदा नहीं बनती हैं, इसके फलस्वरूप प्राकृतिक शब्द को विवादित बताया गया है। .

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प्रिटोरिया

प्रिटोरिया अफ्रीका के दक्षिण अफ्रीका देश की राजधानी है। श्रेणी:ख़ाउतेन्ग प्रान्त श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका के नगर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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प्रेइया

प्रेइया अफ्रीका के केप वर्दे देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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प्रोबोसीडिया

हाथी गण या प्रोबोसीडिया (Proboscidea), शुंडधारी जंतुओं का एक गण है। भारत तथा अफ्रीका में पाए जानेवाले हाथी 'स्तनपायी' वर्ग के 'शुंडी' गण के जंतुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये जंतु अपने शुंड एवं विशाल शरीर के कारण अन्य जीवित स्तनपायी जंतुओं से भिन्न होते हैं। परंतु इन्हीं जंतुओं के सदृश आकारवाले कई विलुप्त जंतुओं के जीवाश्म पूर्व काल से ज्ञात हैं। उन प्राचीन जंतुओं की तुलना अन्य स्तनपायी जंतुओं से की जा सकती है। .

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पृथ्वी दिवस

पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है, जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी। अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है। यह तारीख उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत और दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद का मौसम है। संयुक्त राष्ट्र में पृथ्वी दिवस को हर साल मार्च एक्विनोक्स (वर्ष का वह समय जब दिन और रात बराबर होते हैं) पर मनाया जाता है, यह अक्सर 20 मार्च होता है, यह एक परम्परा है जिसकी स्थापना शांति कार्यकर्ता जॉन मक्कोनेल के द्वारा की गयी। .

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पैंजिया

पैंजिया का मानचित्र पैंजिया, पैन्जेया या पैंजी (प्राचीन यूनानी πᾶν पैन "संपूर्ण" और Γαῖα गैया "पृथ्वी", लैटिन भाषा में जेया से), एक विशाल एकीकृत महाद्वीप (सुपरकॉन्टीनेंट) था जिसका अस्तित्व लगभग 250 मिलियन वर्ष पहले पेलियोजोइक और मिजोजोइक युग के दौरान था; मौजूदा महाद्वीप अपने वर्तमान स्वरूप में इसी में से निकल कर आये हैं। यह नाम अल्फ्रेड वेजेनर के महाद्वीपीय प्रवाह के सिद्धांत की वैज्ञानिक चर्चा में गढ़ा गया था। अपनी पुस्तक "द ओरिजिन ऑफ कॉन्टिनेंट्स एंड ओशंस" (डाई एंटस्टेहंग डर कोंटिनेंट एंड ओजियेन) में उन्होंने माना था कि सभी महाद्वीप बाद में विखंडित होने और प्रवाहित होकर अपने वर्तमान स्थानों पर पहुँचने से पहले एक समय में एक विशाल महाद्वीप का हिस्सा थे जिसे उन्होंने "उरकॉन्टिनेंट" कहा था। पैंजिया शब्द 1928 में अल्फ्रेड वेजेनर के सिद्धांत पर चर्चा के लिए आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान प्रकाश में आया। एक विशाल महासागर जो पैंजिया को चारों ओर से घेरे हुए था, तदनुसार उसका नाम पैंथालासा रखा गया। .

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पूर्वजगत

पूर्वजगत (Old World) अफ़्रीका, यूरोप और एशिया का भूभाग था। यह इन क्षेत्रों द्वारा उत्तर व दक्षिण अमेरिका के खोजे जाने से पहले इन क्षेत्रों के निवासियों के लिये पूरा ज्ञात विश्व था। पूर्वजगत की अवधारणा का प्रयोग नवजगत से भौगोलिक, जीववैज्ञानिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक या अन्य तुलना करने के लिये किया जाता है। .

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पूर्वजगत बंदर

पूर्वजगत बंदर (Old World monkey) एशिया और अफ़्रीका के महाद्वीपों पर मिलने वाले बंदरों का जीववैज्ञानिक कुल है। इसमें वर्षावनों, सवाना घासभूमि और अन्य स्थानों पर रहने वाले कई बंदर आते हैं। यूरोप में भी इस कुल के बंदरों के जीवाश्म (फ़ॉसिल) मिले हैं और जिब्राल्टर पर भी कुछ बंदरों की टोलियाँ अस्तित्व में हैं हालांकि यह शायद अन्य जगहों से लाई गई हो। जीववैज्ञानिक नाम से पूर्वजगत बंदरों के कुल को सेर्कोपिथेसिडाए (Cercopithecidae) बुलाया जाता है। ध्यान दे कि केवल पूर्वजगत के बंदर ही इस कुल में आते है। नवजगत (मसलन दक्षिण अमेरिका) के बंदरों का कुल अलग है। .

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पूर्वकाल में विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के सकल घरेलू उत्पाद

१००० ई से आजतक विश्व के विभिन्न भागों के सकल घरेलू आय का परिवर्तन .

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पूर्वी प्रान्त (कांगो)

पूर्वी प्रान्त या ओरियेन्ताल प्रान्त (फ़्रान्सीसी व अंग्रेज़ी: Orientale Province) अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पूर्वोत्तरी हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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पूर्वी गोलार्ध

पूर्वी गोलार्ध ग्रीनवीच रेखा से पूर्व में स्थित पृथ्वी के आधे भाग के लिए प्रयुक्त भौगोलिक पद है। इस भाग में यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया शामील है। इस गोलार्द्ध "ओरिएंटल गोलार्द्ध" भी कहा जाता है। एक सांस्कृतिक या भू राजनीतिक भावना में इसे 'पुरानी दुनिया' भी संबोधित किया जाता है। उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों बांटता है जो भूमध्य रेखा के विपरीत, पूर्वी और पश्चिमी गोलार्द्धों को अलग करनेवाली एक मनमाना काल्पनिक रेखा है। 0° देशांतर पर प्रधान मध्याह्न और 180° देशांतर पर विरोधी मध्याह्न, पारंपरिक स्वीकृत सीमाओं हैं जो पश्चिमी देशांतर से पूर्वी देशांतर विभाजित करते हैं। पूर्वी गोलार्ध, पश्चिमी गोलार्ध से कुल भूमि में ज्यादा बड़ा है, यहाँ आवास की व्यापक विविधता है। .

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पूर्वी अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी भाग को पूर्वी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बुरूंडीकोमोरोज़जिबूतीईरीट्रियाइथियोपियाकीनियामैडागास्करमलावीमारीशसमोजाम्बिकरवांडासेशल्ससोमालियातंजानियायुगांडाजाम्बियाज़िम्बाबवे देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .

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पेट्रोलियम उत्पादक देशों की सूची

तेल उत्पादक देश इस सूची में उन देशों एवं उनके प्रान्तों/राज्यों की सूची दी गयी है जो तेल के कुओं से कच्चा तेल (crude oil) निकालते हैं। .

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पोटो

पोटो (Potto) अफ़्रीका के मुख्य महाद्वीप में मिलने वाला निशाचरी (रात्रि में सक्रीय) नरवानर प्राणी होते हैं। यह नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के लीमरिफ़ोर्मीस अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) के लोरिसिडाए कुल में पेरोडिकटिकस (Perodicticus) नामक वंश की इकलौती सदस्य जाति हैं। .

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पोप कॅलिक्स्टस तृतीय

पोप कॅलिक्स्टस तृतीय या कॅलिक्स्टस तृतीय (Pope Callixtus III; 31 दिसम्बर 1378 – 6 अगस्त 1458) 8 अप्रैल 1455 से 1458 में अपनी मृत्यु तक पोप थे, जो कि रोमन कैथोलिक गिरजाघर के राजाध्यक्ष होता है। ये ऐसे अंतिम पोप थे जिन्होंने चुनाव के पश्चात 'कॅलिक्स्टस' नाम ग्रहण किया। चुनाव से पूर्व इनका नाम अल्फोंस डी बोर्हा था। पश्चिमी मतभेद के दौरान कॅलिक्स्टस ने प्रतिपोप बेनेडिक्ट तृतीय का समर्थन किया था और 1429 में प्रतिपोप क्लेमेंट अष्टम को पोप मार्टिन पंचम के आधीन करने में ये प्रेरक शक्ति थे। अपने कैरियर की शुरुआती इन्होंने येइडा विश्विद्यालय में कानून के प्राध्यापक के रूप में गुजरा। इसके पश्चात ये आरागोन के महाराज की सेवा में राजनयिक बन गए। पोप यूजीन चतुर्थ की आरागोन के महाराज अल्फोंसो पंचम के साथ संधि कराने के पश्चात ये कार्डिनल बने व 1455 के पापल सम्मेलन में पोप चुने गए। धार्मिक रूप से ये बहुत कट्टर थे। पोप के पद पर रहते हुए इन्होंने कई विवादित व नवीन आदेश जारी किए थे, जिनमें से अफ्रीकियो और काफ़िरो को गुलाम बनाने का बुल जारी करना व दोपहर को गिरजाघर के घंटे बजाना कुछ प्रमुख हैं। कैथोलिक गिरजाघर की गतिविधियों में इन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को काफ़ी समर्थन किया व उन्हें लाभ भी पहुँचाया और शायद इन्ही की वजह से इनके एक भतीजे आगे चल कर पोप अलेक्जेंडर छठे बने। जोन ऑफ़ आर्क की मृत्यु के 24 साल बाद एक मुकदमे के पश्चात कॅलिक्स्टस ने उन्हें निर्दोष घोषित किया था। .

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पोरबन्दर बन्दरगाह

पोरबन्दर शहर का एक दृश्य पोरबन्दर बन्दरगाह गुजरात का एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। इसका अधिकतर व्यापार पूर्वी अफ्रीका से होता है। वर्षा के दिनों में यह बन्दरगाह बन्द रहता है। यहां से नमक और सीमेण्ट का निर्यात और कोयला, खजूर तथा मशीनों का आयात होता है। श्रेणी:बन्दरगाह.

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पोर्टो-नोवो

पोर्टो-नोवो अफ्रीका के बेनिन देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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पीताम्बर

पीताम्बर एक एकवर्षीय, झाड़ीदार, पुष्पीय पौधा है। इसकी २६० से अधिक जातियां हैं, जिनमें से अधिकांश दक्षिणी अमेरिका मूल की हैं। मौजूदा वक्त में यह प्रजाति विभिन्न उष्ण-कटिबंधीय देशों में पायी जाती है, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, एशिया में यह पौधा आक्रामक विदेशी प्रजाति के रूप में जाना जाता है, उत्तर भारत की तराई में पीतांबर लखीमपुर जनपद के कस्ता गाँव में देखा गया, यह तराई में इसकी मौजूदगी का पहला वाकया है, जिसे दर्ज किया गया पीताम्बर-कृष्ण पुष्प (पीतांबर भगवान कृष्ण का एक नाम) .

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पीतज्वर

पीतज्वर या 'यलो फीवर' (Yellow fever) एक संक्रामक तथा तीव्र रोग हैं, जो सहसा आरंभ होता है। इसमें ज्वर, वमन, मंद नाड़ी, मूत्र में ऐल्वुमेन की उपस्थिति, रक्तस्राव तथा पीलिया के लक्षण होते हैं। इस रोग का कारक एक सूक्ष्म विषाणु होता है, जिसका संवहन ईडीस ईजिप्टिआई (स्टीगोमिया फेसियाटा) जाति के मच्छरों द्वारा होता है। यह रोग कर्क तथा मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीका तथा अमरीका के भूभागों में अधिक होता है। .

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फलित ज्योतिष

फलित ज्योतिष उस विद्या को कहते हैं जिसमें मनुष्य तथा पृथ्वी पर, ग्रहों और तारों के शुभ तथा अशुभ प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। ज्योतिष शब्द का यौगिक अर्थ ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखनेवाली विद्या है। इस शब्द से यद्यपि गणित (सिद्धांत) ज्योतिष का भी बोध होता है, तथापि साधारण लोग ज्योतिष विद्या से फलित विद्या का अर्थ ही लेते हैं। ग्रहों तथा तारों के रंग भिन्न-भिन्न प्रकार के दिखलाई पड़ते हैं, अतएव उनसे निकलनेवाली किरणों के भी भिन्न भिन्न प्रभाव हैं। इन्हीं किरणों के प्रभाव का भारत, बैबीलोनिया, खल्डिया, यूनान, मिस्र तथा चीन आदि देशों के विद्वानों ने प्राचीन काल से अध्ययन करके ग्रहों तथा तारों का स्वभाव ज्ञात किया। पृथ्वी सौर मंडल का एक ग्रह है। अतएव इसपर तथा इसके निवासियों पर मुख्यतया सूर्य तथा सौर मंडल के ग्रहों और चंद्रमा का ही विशेष प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी विशेष कक्षा में चलती है जिसे क्रांतिवृत्त कहते हैं। पृथ्वी फलित ज्योतिष उस विद्या को कहते हैं जिसमें मनुष्य तथा पृथ्वी पर, ग्रहों और तारों के शुभ तथा अशुभ प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। ज्योतिष शब्द का यौगिक अर्थ ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखनेवाली विद्या है। इस शब्द से यद्यपि गणित (सिद्धांत) ज्योतिष का निवासियों को सूर्य इसी में चलता दिखलाई पड़ता है। इस कक्षा के इर्द गिर्द कुछ तारामंडल हैं, जिन्हें राशियाँ कहते हैं। इनकी संख्या है। मेष राशि का प्रारंभ विषुवत् तथा क्रांतिवृत्त के संपातबिंदु से होता है। अयन की गति के कारण यह बिंदु स्थिर नहीं है। पाश्चात्य ज्योतिष में विषुवत् तथा क्रातिवृत्त के वर्तमान संपात को आरंभबिंदु मानकर, 30-30 अंश की 12 राशियों की कल्पना की जाती है। भारतीय ज्योतिष में सूर्यसिद्धांत आदि ग्रंथों से आनेवाले संपात बिंदु ही मेष आदि की गणना की जाती है। इस प्रकार पाश्चात्य गणनाप्रणाली तथा भारतीय गणनाप्रणाली में लगभग 23 अंशों का अंतर पड़ जाता है। भारतीय प्रणाली निरयण प्रणाली है। फलित के विद्वानों का मत है कि इससे फलित में अंतर नहीं पड़ता, क्योंकि इस विद्या के लिये विभिन्न देशों के विद्वानों ने ग्रहों तथा तारों के प्रभावों का अध्ययन अपनी अपनी गणनाप्रणाली से किया है। भारत में 12 राशियों के 27 विभाग किए गए हैं, जिन्हें नक्षत्र कहते हैं। ये हैं अश्विनी, भरणी आदि। फल के विचार के लिये चंद्रमा के नक्षत्र का विशेष उपयोग किया जाता है। .

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फ़ासीवाद

नेशनल फैसिस्ट पार्टी का लोगो फासीवाद या फ़ासिस्टवाद (फ़ासिज़्म) इटली में बेनितो मुसोलिनी द्वारा संगठित "फ़ासिओ डि कंबैटिमेंटो" का राजनीतिक आंदोलन था जो मार्च, 1919 में प्रारंभ हुआ। इसकी प्रेरणा और नाम सिसिली के 19वीं सदी के क्रांतिकारियों- "फासेज़"-से ग्रहण किए गए। मूल रूप में यह आंदोलन समाजवाद या साम्यवाद के विरुद्ध नहीं, अपितु उदारतावाद के विरुद्ध था। .

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फ़ुला लोग

फ़ुला (Fula) या फ़ुलानी (Fulani) पश्चिमी अफ़्रीका और अफ़्रीका के साहेल क्षेत्र में पूर्व में सूडान व इथियोपिया तक विस्तृत एक समुदाय है। इनकी जनसंख्या २ से २.५ करोड़ के बीच है और यह इस्लाम के अनुयायी हैं। माना जाता है कि इनके कुछ पूर्वज उत्तर अफ़्रीका और मध्य पूर्व से और कुछ पश्चिमी अफ़्रीकी समुदायों से आए थे और यह उनका मिश्रण हैं। यह लगभग सभी फ़ुला भाषा बोलते हैं और इनकी एक विशेष संस्कृति है। इनमें से लगभग एक-तिहाई (यानि ७० से ८० लाख) ख़ानाबदोश हैं। .

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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फ़्रॅडरिक नॉमन संस्थापन

फ़्रॅडरिक नॉमन संस्थापन (जर्मन: Friedrich-Naumann-Stiftung für die Freiheit या FNF) उदारवादी राजनीति का एक जर्मन संस्थापन है जो जो मुक्त लोकतान्त्रिक दल से सम्बन्धित है। इस संस्थापन की स्थापना 1958 में जमर्न संघीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति थीओडोर हियूस ने की थी और यह वैयक्तिक स्वतन्त्रता और उदारवाद को प्रोत्साहित करता है। यह संस्थापन प्रोटॅस्टॅण्ट धर्मशास्त्री, फ़्रॅडरिक नॉमन के सिद्धान्तों का पालन करता है। पिछली सदी के आरम्भ में, नॉमन एक अग्रणी जर्मन मुक्त विचारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने कृतसंकल्पपूर्वक नागरिक शिक्षा का समर्थन किया। नॉमन का मानना था कि एक कार्यशील लोकतन्त्र के लिए शिक्षित और राजनैतिक दृष्टि से अवगत नागरिकों का होना आवश्यक है। उनके अनुसार, राजनैतिक भागीदारी और तत्पश्चात लोकतन्त्र के लिए नागरिक शिक्षा पूर्वाकांक्षित है। इस प्रकार, यह संस्थापन संगठित उदारवाद का एक अभिकर्ता है। यह नागरिक शिक्षा, अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक संवाद, और राजनीतिक परामर्श के माध्यम से इसे बढ़ावा देता है। इस संस्थापन के यूरोप, एशिया, अमेरिका, और अफ़्रीका में बहुत से कार्यालय है। इसके जर्मनी के मुक्त लोकतान्तिक दल और लिबरल इण्टरनॅश्नल से भी निकट के सम्बन्ध हैं। .

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फ़ोर्मोसी भाषाएँ

फ़ोर्मोसी भाषाएँ (Formosan languages) ताइवान के आदिवासियों की मूल भाषाएँ हैं, जो कि ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा-परिवार की सदस्य हैं। ताइवानी आदिवासी जनसंख्या सन् २०१४ में पाँच लाख से कुछ अधिक गिनी गई थी जो उस द्वीप की कुल आबादी का लगभग २.३% है, लेकिन इस समुदाय के केवल कुछ ही लोग इन भाषाओं को अब बोलते हैं - अन्यों ने चीनी भाषा का प्रयोग आरम्भ कर दिया है। २६ ज्ञात फ़ोर्मोसी भाषाओं में से १० विलुप्त हो चुकी हैं, ४ या ५ विलुप्त होने की कागार पर हैं और बाक़ी में से बहुत-सी संकटग्रस्त हैं। भाषावैज्ञानिक दृष्टि से फ़ोर्मोसी भाषाएँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कई भाषाविद् मानते हैं कि ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं की दस मुख्य शाखाओं में से ९ ताइवान की इन फ़ोर्मोसी भाषाओं में मिलती हैं और केवल एक शाखा (मलय-पोलेनीशियाई भाषाएँ, जिसकी १२०० सदस्य भाषाएँ हैं) ही ताइवान से बाहर मिलती है। इस से यह संकेत मिलता है कि ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ जो अब अफ़्रीका के तट के पास स्थित माडागास्कर देश से लेकर न्यू ज़ीलैण्ड की माओरी भाषा और संयुक्त राज्य अमेरिका के हवाई द्वीपों तक विस्तृत है, उनकी सांझी पूर्वज भाषा का मूल जन्मस्थान ताइवान ही है। .

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फाइनेंसियल टेक्नालोजीज समूह

फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज समूह (एफटी ग्रुप) सभी प्रकार की पूंजियों - इक्विटीज, कमोडिटीज, करेंसी और बांड्स के साथ नई पीढी के बाजारों के सृजन तथा उसमें ट्रेडिंग करने वाली टेक्नोलोजी आइपी (बौद्धिक संपत्ति) और डोमेन निपुणता प्रदान करने वाली विश्व की अग्रणी कंपनियों में एक है। एफटी समूह विश्व के सबसे बड़े 10 एक्सचेंजों के नेटवर्क को परिचालित करता है जो अफ्रीका, मध्य पूर्व, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया की तीव्र गति से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ता है। ग्रुप के पास 6 इकोसिस्टम वेंचर्स भी हैं जो एक्सचेंजेस के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम अवसरों पर कार्यकारी हैं और जिसमें अन्य के अलावा क्लीयरिंग, डिपॉजिटरी, इनफॉर्मेशन वेंडिंग, पेमेंट गेटवे का समावेश है। .

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फिश नदी, नामीबिया

right फिश नदी अफ्रीका महाद्वीप की नामीबिया देश की एक प्रमुख नदी हैं। .

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फुंचाल

फुंचाल अफ्रीका के मदेरा देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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फ्रांस का सैन्य इतिहास

फ्रांस के सैन्य इतिहास में आधुनिक फ्रांस, यूरोपीय महाद्वीप और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में 2,000 से अधिक वर्षों तक चले संघर्षों का एक विशाल काल शामिल है। आज आधुनिक फ्रांस के क्षेत्र में सबसे पहला बड़ा युद्ध गैलो-रोमन संघर्ष था, जो कि 60 ईसा पूर्व से 50 ईसा पूर्व तक लड़ा गया। अंततः रोमन,जूलियस सीज़र के अभियानों के माध्यम से विजयी हुए। रोमन साम्राज्य के पतन के बाद, एक जर्मनिक जनजाति,जिसे फ्रैंक्स के नाम से जाना जाता था, ने प्रतिस्पर्धा वाले जनजातियों को हराकर गॉल पर नियंत्रण कर लिया। "फ्रांसीया की भूमि", जिस से फ्रांस को अपना नाम मिला है, को राजा 'क्लोविस मैं' और 'शारलेमेन' ने विस्तरित किया। इन्होंने भविष्य के फ्रांसीसी राज्य के केंद्र का निर्माण किया था। मध्य युग में, इंग्लैंड के साथ प्रतिद्वंद्विता ने 'नोर्मन विजय' और;सौ साल के युद्ध' जैसे प्रमुख संघर्षों को प्रेरित किया। केंद्रीकृत राजतंत्र के साथ, रोमन काल के बाद पहली बड़ी पैदल सेना और तोपखाने का इस्तेमाल कर, फ्रांस ने अपने क्षेत्र से अंग्रेजो को निष्कासित कर दिया और मध्य युग में यूरोप के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में जाना गया। ये स्थिति रोमन साम्राज्य और 'स्पेन इतालवी युद्धों' में हार के बाद बदली। 16 वीं शताब्दी के अंत में धर्मयुद्धों ने फ्रांस को कमजोर किया, लेकिन 'तीस साल के युद्ध' में स्पेन पर एक बड़ी जीत ने फ्रांस को एक बार फिर महाद्वीप पर सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाया। समानांतर में, फ्रांस ने अपना पहला औपनिवेशिक साम्राज्य एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में विकसित किया। फ्रांस ने,लुई XIV के तहत अपने प्रतिद्वंद्वियों पर सैन्य वर्चस्व हासिल किया, लेकिन तेजी से शक्तिशाली होते दुश्मन गठबंधनों और बढ़ते संघर्ष ने फ़्रांसिसी महत्वाकांक्षाओं को रोका और 18 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में राज्य को दिवालिया कर दिया। फ्रांसीसी सेनाओं ने स्पेनिश, पोलिश और ऑस्ट्रियाई राजशाही के खिलाफ वंशवादी संघर्षों में जीत हासिल की। इसी समय, फ़्रांस अपनी उपनिवेशों पर हो रहे दुश्मनो के हमलों को रोक रहा था। 18 वीं शताब्दी में, ग्रेट ब्रिटेन के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा ने सात साल के युद्ध की शुरुआत की, जहां फ्रांस ने अपने उत्तरी अमेरिकी हिस्सेदारी खो दी। यूरोप और अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध में प्रभुत्व के रूप में फ्रांस को सफलता मिली, जहां धन और हथियारों के रूप में व्यापक फ्रेंच सहायता और अपनी सेना और नौसेना की प्रत्यक्ष भागीदारी ने अमेरिका की आजादी का नेतृत्व किया। अंततः आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल और फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्धों और नेपोलियन युद्धों में निरंतर संघर्ष के 23 साल गुजर गए। फ्रांस इस अवधि के दौरान अपनी शक्ति के चरम पर पहुंच गया, नेपोलियन बोनापार्ट के शासन काल में, एक अभूतपूर्व शक्ति के रूप में यूरोपीय महाद्वीप पर हावी रहा। हालांकि, 1815 तक, इसे उसी सीमा तक सीमित कर दिया गया था जो क्रांति से पहले नियंत्रित था। शेष 1 9वीं शताब्दी में दूसरी फ्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य के विकास के साथ ही बेल्जियम, स्पेन और मेक्सिको में फ्रांसीसी हस्तक्षेप हुआ। अन्य प्रमुख युद्ध,रूस के खिलाफ क्रिमिया में,इटली के खिलाफ ऑस्ट्रिया में और फ्रांस के भीतर प्रशिया के खिलाफ लड़े गए। फ्रेंको-प्रुसीयन युद्ध में हार के बाद, प्रथम विश्व युद्ध में फिर से फ्रेंको-जर्मन प्रतिद्वंद्विता उभर आयी। फ्रांस और उसके सहयोगी इस बार विजयी रहे थे। संघर्ष के मद्देनजर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में परिणीत हुआ, जिसमें फ्रांस ने लड़ाई में एक्सिस राष्ट्रों को हराया गया और फ्रांसीसी सरकार ने जर्मनी के साथ एक युद्धविराम पर हस्ताक्षर किए। निर्वासन में एक मुक्त फ्रांसीसी सैनिक सरकार की अगुआई वाली मित्र राष्ट्रों की सेना ने अंततः एक्सिस पॉवर्स के ऊपर विजयी प्राप्त की। नतीजतन, फ्रांस ने जर्मनी में एक व्यवसाय क्षेत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट हासिल की। पहले दो विश्व युद्धों के पैमाने पर तीसरे फ्रेंको-जर्मन संघर्ष से बचने की अनिवार्यता ने 1950 के दशक में शुरू होने वाले यूरोपीय एकीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त किया। फ्रांस एक परमाणु शक्ति बन गया और 20 वीं शताब्दी के अंत तक, नाटो और उसके यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर सहयोग किया गया है। जुलाई में 1453 में फ्रांसीसी सेना ने अपने ब्रितानी विरोधियों को कैस्टिलो की लड़ाई में पराजित किया .

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फ्रांस की संस्कृति

स्वच्छंदतावाद की शैलीगत विचारों का उपयोग करते हुए यूजीन देलाक्रोइक्स की जुलाई क्रांति का चित्रण करनेवाली सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग लि‍बर्टी लीडिंग द पीपुल कहलायी.चूंकि लिबर्टी (आजादी), आदर्श वाक्य «लिबर्टी एगैलाइट फ्रैंटर्नाइट» («Liberté, égalité, fraternité») का हिस्सा है, यह पेंटिंग फ्रांसिसी क्रांति का प्राथमिक प्रतीक है, जैसा कि फ्रांस ने इसे लिया है। फ्रांस की संस्कृति और फ्रांसीसियों की संस्कृति भूगोल, गंभीर ऐतिहासिक घटनाओं और विदेशी तथा आंतरिक शक्तियों और समूहों द्वारा गढ़ी गयी है। फ्रांस और विशेष रूप से पेरिस, ने सत्रहवीं सदी से उन्नीसवीं सदी तक विश्वव्यापी स्तर पर उच्च सांस्कृतिक केंद्र और आलंकारिक कला के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, इस मामले में यह यूरोप में प्रथम है। उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम चरण से, फ्रांस ने आधुनिक कला, सिनेमा, फैशन और भोजन शैली में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सदियों तक फ़्रांसिसी संस्कृति का महत्व इसके आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य महत्व के आधार पर घटता और बढ़ता रहा है। आज फ़्रांसिसी संस्कृति महान क्षेत्रीय तथा सामाजिक-आर्थिक अंतरों और सुदृढ़ एकीकृत प्रवृत्तियों दोनों के द्वारा चिह्नित है। चाहे फ्रांस या यूरोप में या सामान्य रूप से, सामाजिकीकरण प्रक्रिया और भौतिक कलाकृतियों के माध्यम से मान्यताओं और मूल्यों के मिलन को सीखा जाता है। समाज के सदस्यों के बीच सामाजिक संबंधों का मार्गदर्शन संस्कृति करती है और यह निजी मान्यताओं और मूल्यों को प्रभावित करती है जो व्यक्ति की अपने वातावरण की अभिज्ञता को आकार देते हैं: "संस्कृति एक समूह के सदस्यों के साझा विश्वासों, मूल्यों, मानदंडों और भौतिक वस्तुओं का विज्ञ समुच्चय है। बचपन से बुढ़ापे तक के जीवनक्रम के दौरान समूहों में हम जो कुछ भी सीखते हैं वो सब संस्कृति में शामिल है।" लेकिन "फ़्रांसिसी" संस्कृति की अवधारणा कुछ कठिनाइयां खड़ी करती है और "फ़्रांसिसी" ("फ्रेंच") अभिव्यक्ति का ठीक क्या मतलब है इस बारे में धारणाओं या अनुमानों की एक श्रृंखला है। जबकि अमेरिकी संस्कृति के बारे में "मेल्टिंग पौट" और सांस्कृतिक विविधता की धारणा को मान लिया गया है, लेकिन "फ़्रांसिसी संस्कृति" एक विशेष भौगोलिक इकाई (जैसे कि कह सकते हैं, "मेट्रोपोलिटन फ्रांस", आम तौर पर इसके विदेश स्थित क्षेत्रों को छोड़ दिया जाता है) या नस्ल, भाषा, धर्म और भूगोल द्वारा परिभाषित एक विशिष्ट ऐतिहासिक-सामाजिक समूह को अव्यक्त रूप से संदर्भित है। हालांकि "फ्रेंचनेस" की वास्तविकताएं अत्यंत जटिल हैं। उन्नीसवीं सदी के अंतिम चरण से पहले, "मेट्रोपोलिटन फ्रांस" मुख्यतः स्थानीय प्रथाओं और क्षेत्रीय अंतरों का एक पैबंद भर था, जिसका एन्सियन रिजीम (फ्रांस की राज्य क्रांति से पूर्व की शासन-पद्धति) के एकीकरण का उद्देश्य था और फ़्रांसिसी क्रांति ने इसके खिलाफ काम करना शुरू किया था; और आज का फ्रांस अनेक देशी और विदेशी भाषाओं, बहु-जातीयताओं और धर्मों तथा क्षेत्रीय विविधता वाला देश है, जिसमें कोर्सिका, ग्वाडेलोप, मार्टिनिक और विश्व में अन्य स्थानों के फ़्रांसिसी नागरिक शामिल हैं। इस बृहद विविधता के बावजूद, एक प्रकार की विशिष्ट या साझा संस्कृति या "सांस्कृतिक पहचान" का सृजन एक शक्तिशाली आंतरिक शक्तियों का परिणाम है - जैसे कि फ़्रांसिसी शिक्षा पद्धति, अनिवार्य सैन्य सेवा, सरकारी भाषाई व सांस्कृतिक नीतियां - और फ्रैंको-प्रशिया युद्ध तथा दो विश्व युद्धों जैसी गंभीर ऐतिहासिक घटनाएं ऎसी प्रभावशाली आंतरिक शक्ति रहीं जिनसे 200 सालों के दौरान एक राष्ट्रीय पहचान की भावना को पैदा हुई। हालांकि, इन एकीकृत शक्तियों के बावजूद, फ्रांस आज भी सामाजिक वर्ग और संस्कृति में महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मतभेदों (भोजन, भाषा/उच्चारण, स्थानीय परंपराएं) द्वारा चिह्नित होता है, जो कि समकालीन सामाजिक शक्तियों (ग्रामीण क्षेत्रों से आबादी का पलायन, अप्रवासन, केंद्रीकरण, बाजार की शक्तियां और विश्व अर्थव्यवस्था) का सामना करने में अक्षम रहेगा.

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फ्रीटाउन

फ्रीटाउन अफ्रीका के सियरा लियोन देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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फीफा क्लब विश्व कप

फीफा क्लब विश्व कप आमतौर पर क्लब विश्व कप के रूप में संदर्भित और पहले इंटरकांटिनेंटल कप (फुटबॉल) के रूप में जाना जाता है। फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा), खेल की वैश्विक शासी निकाय के सदस्यों के वरिष्ठ पुरुषों की क्लब टीमों द्वारा खेला एक अंतरराष्ट्रीय संघ फुटबॉल प्रतियोगिता। चैंपियनशिप पहले 2000 में फीफा क्लब वर्ल्ड चैम्पियनशिप के रूप में खेला गया था। 2005 के बाद से, प्रतियोगिता हर वर्ष आयोजित किया गया है। टूर्नामेंट एशिया, यूरोप, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, ओशिनिया और मेजबान देश की राष्ट्रीय चैंपियन से महाद्वीपीय क्लब चैंपियन के बीच प्रतियोगिता है। .

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बड़ा बटेर

बड़ा बटेर या घघुस बटेर (Common Quail) (Coturnix coturnix) फ़ीज़ैंट कुल का एक पक्षी है। यह उत्तरी यूरोप को छोड़कर लगभग पूरे यूरोप में, पूर्वी, पश्चिमी, मध्य तथा दक्षिणी अफ़्रीका में और पश्चिमोत्तर अफ़्रीका के कुछ इलाकों में, मध्य पूर्व, मध्य एशिया तथा दक्षिणी एशिया में व्यापक रूप से पाया जाता है। औसतन यह १८ से २२ से.मी.

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बबून

बबून अरब और अफ्रीका के पूर्वजगत बंदर हैं। श्रेणी:पूर्वजगत बंदर.

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बबूल

बबूल या कीकर (वानस्पतिक नाम: आकास्या नीलोतिका) अकैसिया प्रजाति का एक वृक्ष है। यह अफ्रीका महाद्वीप एवं भारतीय उपमहाद्वीप का मूल वृक्ष है। उत्तरी भारत में बबूल की हरी पतली टहनियां दातून के काम आती हैं। बबूल की दातुन दांतों को स्वच्छ और स्वस्थ रखती है। बबूल की लकड़ी का कोयला भी अच्छा होता है। हमारे यहां दो तरह के बबूल अधिकतर पाए और उगाये जाते हैं। एक देशी बबूल जो देर से होता है और दूसरा मासकीट नामक बबूल.

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बराक ओबामा

बराक हुसैन ओबामा (Barack Hussein Obama, जन्म: ४ अगस्त, १९६१) अमरीका के ४४वें राष्ट्रपति रहे हैं। वे इस देश के प्रथम अश्वेत (अफ्रीकी अमरीकन) राष्ट्रपति हैं। उन्होंने २० जनवरी, २००९ को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। ओबामा इलिनॉय प्रांत से कनिष्ठ सेनेटर तथा २००८ में अमरीका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार थे। ओबामा हार्वर्ड लॉ स्कूल से १९९१ में स्नातक बनें, जहाँ वे हार्वर्ड लॉ रिव्यू के पहले अफ्रीकी अमरीकी अध्यक्ष भी रहे। १९९७ से २००४ इलिनॉय सेनेट में तीन सेवाकाल पूर्ण करने के पूर्व ओबामा ने सामुदायिक आयोजक के रूप में कार्य किया है और नागरिक अधिकार अधिवक्ता के रूप में प्रेक्टिस की है। १९९२ से २००४ तक उन्होंने शिकागो विधि विश्वविद्यालय में संवैधानिक कानून का अध्यापन भी किया। सन् २००० में अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव में सीट हासिल करने में असफल होने के बाद जनवरी २००३ में उन्होंने अमरीकी सेनेट का रुख किया और मार्च २००४ में प्राथमिक विजय हासिल की। नवंबर २००३ में सेनेट के लिये चुने गये। १०९वें काँग्रेस में अल्पसंख्य डेमोक्रैट सदस्य के रूप में उन्होंने पारंपरिक हथियारों पर नियंत्रण तथा संघीय कोष के प्रयोग में अधिक सार्वजनिक उत्तरदायित्व का समर्थन करते विधेयकों के निर्माण में सहयोग दिया। वे पूर्वी युरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका की राजकीय यात्रा पर भी गये। ११०वें काँग्रेस में लॉबिंग व चुनावी घोटालों, पर्यावरण के बदलाव, नाभिकीय आतंकवाद और युद्ध से लौटे अमेरीकी सैनिकों की देखरेख से संबंधित विधेयकों के निर्माण में उन्होंने सहयोग दिया। विश्वशांति में उल्लेखनीय योगदान के लिए बराक ओबामा को वर्ष 2009 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। .

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बर्फ़ी

बर्फ़ी एक प्रकार भारतीय मिठाई है जो खोये तथा चीनी से बनाया जाता है। यह आकार में चौकोर होता है। यह त्यौहार के अवसर में काफी बनाई जाती है जो भारतीय उपमहाद्वीप, मॉरिशस, फिजी, दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में काफी लोकप्रिय है। .

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बर्लिन सम्मेलन

बर्लिन सम्मेलन बर्लिन सम्मेलन वर्ष १८८४-८५ में बर्लिन में हुआ था। इस सम्मेलन ने नव-उपनिवेशीकरण के काल में अफ्रीका के उपनिवेशीकरण तथा व्यापार को विनियमित करने का कार्य किया। इसे 'कांगो सम्मेलन' भी कहते हैं। इस सम्मेलन का समय जर्मनी के सहसा विश्व की साम्राज्यवादी शक्ति के रूप में उदय का समय भी था। .

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बर्ग नदी

बर्ग नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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बलोच लोग

बलोच लोगों का भौगोलिक फैलाव (गुलाबी रंग में) पारम्परिक बलोच पोशाक में ओमान की एक बलोच लड़की पारम्परिक बलोच स्त्रियों के ज़ेवर बलोच, बलौच या बलूच दक्षिणपश्चिमी पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त और ईरान के सिस्तान व बलूचेस्तान प्रान्त में बसने वाली एक जाति है। यह बलोच भाषा बोलते हैं, जो ईरानी भाषा परिवार की एक सदस्य है और जिसमें अति-प्राचीन अवस्ताई भाषा की झलक मिलती है (जो स्वयं वैदिक संस्कृत की बड़ी क़रीबी भाषा मानी जाती है। बलोच लोग क़बीलों में संगठित हैं। वे पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में रहते हैं और आसपास के समुदायों से बिलकुल भिन्न पहचान बनाए हुए हैं। एक ब्राहुई नामक समुदाय भी बलोच माना जाता है, हालांकि यह एक द्रविड़ भाषा परिवार की ब्राहुई नाम की भाषा बोलते हैं। सन् २००९ में बलोच लोगों की कुल जनसंख्या ९० लाख पर अनुमानित की गई थी।, Ethnologue.com., Ethnologue.com. Retrieved June 7, 2006., Library of Congress, Country Profile. Retrieved December 5, 2009. इसमें से लगभग ६०% पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त में और २५% ईरान के सिस्तान व बलूचेस्तान प्रान्त में रहते हैं। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रान्त के दक्षिणी भाग में भी बहुत से बलोच रहते हैं। अफ़्ग़ानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ओमान, बहरीन, कुवैत और अफ़्रीका के कुछ भागों में भी बलोच मिलते हैं। बलोच लोग अधिकतर सुन्नी इस्लाम के अनुयायी होते हैं। ईरान में शियाओं की बहुतायत है, इसलिए वहाँ इनकी एक अलग धार्मिक पहचान है। .

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बा-कोंगो प्रान्त

बा-कोंगो प्रान्त अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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बाञ्जुल

बांजुल (भूतपूर्व बाथर्स्ट), जिसका आधिकारिक नाम बांजुल नगर है, अफ़्रीका महाद्वीप के गाम्बिया की राजधानी, जो उसी नाम के विभाग में स्थित है। बांजुल नगर की जनसंख्या मात्र ३४,८२८ है जबकि वृहदतर बांजुल क्षेत्र, जिसमें बांजुल नगर और कानिफ़िंग नगरपालिका परिषद सम्मिलित हैं, की जनसंख्या ३,५७,२३८ (२००३ की जनगणना अनुसार) है। यह नगर सेंट मैरी द्वीप (जिसे बांजुल द्वीप भी कहते हैं) पर स्थित है। यहीं पर गाम्बिया नदी, अंध महासागर में मिलती है। यह द्वीप मुख्यभूमि से उत्तर की ओर यात्री और वाहन नौकाओं से और दक्षिण की ओर पुल से जुड़ा हुआ है। वर्तमान गाम्बिया राष्ट्र कभी घाना साम्राज्य और सोंघाई साम्राज्य का भाग हुआ करता था। इस क्षेत्र के संबंध में उपलब्ध प्रथम लिखित प्रमाण ९वीं और १०वीं शताब्दियों में अरब व्यापारियों के लिखे मिलते हैं। अरब व्यापारियों ने इस क्षेत्र में दासों, सोने और हाथी-दाँत के व्यापार के लिए ट्रांस-सहारा व्यापार मार्ग की स्थापना की थी। १५वीं शताब्दी में पुर्तगालियो ने समुद्री व्यापार मार्गों की स्थापना की। उस समय गाम्बिया, माली साम्राज्य का भाग था। सन १८१६ में अंग्रेज़ों ने बाजुंल की स्थापना एक व्यापार-गाह के रूप में और दास व्यापार को कुचलने के लिए की थी। इसका सर्वप्रथम नामकरण ब्रितानी औपनिवेशिक कार्यालय के सचिव हेनरी बाथर्स्ट के नाम पर बाथर्स्ट हुआ था, लेकिन १९७३ में इसका नाम बांजुल रख दिया गया। २२ जुलाई, १९९४ को बाजुंल में रक्तहीन सैन्य विद्रोह घटित हुआ था जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति दाव्डा जावारा को अपदस्थ कर दिया गया और उनके स्थान पर देश के वर्तमान राष्ट्रपति याह्या जाम्मे सत्तारूढ़ हुए। उस घटना की स्मृति स्वरूप, आर्क २२ को नगर के प्रवेशद्वार के रूप में बनाया गया। यह द्वार ३५ मीटर ऊँचा है और इसके बीच में एक वर्गाकार छिद्र है। इसमें एक वस्त्र संग्रहालय भी है। आर्क-२२ के अलावा नगर के अन्य दर्शनीय आकर्षणों में गाम्बियाई राष्ट्रीय संग्रहालय, अल्बर्ट बाज़ार, बांजुल राजकीय आवास, बांजुल न्यायालय आवास, दो गिरिजाघर और बहुत सी मस्जिदें हैं। बांजुल देश का आर्थिक और प्रशासनिक केन्द्र है और देश का प्रमुख बैंक गाम्बिया केन्द्रीय बैंक भी यहीं स्थित है। मूँगफली प्रक्रमण (प्रोसेसिंग) देश का प्रमुख उद्योग है, लेकिन मधु-मोम, ताड़ की लकड़ी, ताड़ का तेल और खालों इत्यादि का भी बांजुल बंदरगाह से निर्यात किया जाता है। बांजुल और बारा नगरों के बीच नौकाएं चलती हैं। बांजुल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र इस नगर को वायु-सेवाओं द्वारा बाहरी विश्व से जोड़ता है। बांजुल शहर ट्रांस-पश्विम अफ़्रीकी तटीय महामार्ग पर स्थित है जो इसे डकार और बिसाउ से जोड़ता है और जो अंततः इकोवास (ECOWAS) के ११ अन्य देशों के लिए पक्का महामार्ग उपलब्ध कराएगा। बांजुल विभाग (वृहदतर बांजुल क्षेत्र) दो जिलों में विभाजित है.

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बाँस

बाँस, ग्रामिनीई (Gramineae) कुल की एक अत्यंत उपयोगी घास है, जो भारत के प्रत्येक क्षेत्र में पाई जाती है। बाँस एक सामूहिक शब्द है, जिसमें अनेक जातियाँ सम्मिलित हैं। मुख्य जातियाँ, बैंब्यूसा (Bambusa), डेंड्रोकेलैमस (नर बाँस) (Dendrocalamus) आदि हैं। बैंब्यूसा शब्द मराठी बैंबू का लैटिन नाम है। इसके लगभग २४ वंश भारत में पाए जाते हैं। बाँस एक सपुष्पक, आवृतबीजी, एक बीजपत्री पोएसी कुल का पादप है। इसके परिवार के अन्य महत्वपूर्ण सदस्य दूब, गेहूँ, मक्का, जौ और धान हैं। यह पृथ्वी पर सबसे तेज बढ़ने वाला काष्ठीय पौधा है। इसकी कुछ प्रजातियाँ एक दिन (२४ घंटे) में १२१ सेंटीमीटर (४७.६ इंच) तक बढ़ जाती हैं। थोड़े समय के लिए ही सही पर कभी-कभी तो इसके बढ़ने की रफ्तार १ मीटर (३९ मीटर) प्रति घंटा तक पहुँच जाती है। इसका तना, लम्बा, पर्वसन्धि युक्त, प्रायः खोखला एवं शाखान्वित होता है। तने को निचले गांठों से अपस्थानिक जड़े निकलती है। तने पर स्पष्ट पर्व एवं पर्वसन्धियाँ रहती हैं। पर्वसन्धियाँ ठोस एवं खोखली होती हैं। इस प्रकार के तने को सन्धि-स्तम्भ कहते हैं। इसकी जड़े अस्थानिक एवं रेशेदार होती है। इसकी पत्तियाँ सरल होती हैं, इनके शीर्ष भाग भाले के समान नुकीले होते हैं। पत्तियाँ वृन्त युक्त होती हैं तथा इनमें सामानान्तर विन्यास होता है। यह पौधा अपने जीवन में एक बार ही फल धारण करता है। फूल सफेद आता है। पश्चिमी एशिया एवं दक्षिण-पश्चिमी एशिया में बाँस एक महत्वपूर्ण पौधा है। इसका आर्थिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। इससे घर तो बनाए ही जाते हैं, यह भोजन का भी स्रोत है। सौ ग्राम बाँस के बीज में ६०.३६ ग्राम कार्बोहाइड्रेट और २६५.६ किलो कैलोरी ऊर्जा रहती है। इतने अधिक कार्बोहाइड्रेट और इतनी अधिक ऊर्जा वाला कोई भी पदार्थ स्वास्थ्यवर्धक अवश्य होगा। ७० से अधिक वंशो वाले बाँस की १००० से अधिक प्रजातियाँ है। ठंडे पहाड़ी प्रदेशों से लेकर उष्ण कटिबंधों तक, संपूर्ण पूर्वी एशिया में, ५०० उत्तरी अक्षांश से लेकर उत्तरी आस्ट्रेलिया तथा पश्चिम में, भारत तथा हिमालय में, अफ्रीका के उपसहारा क्षेत्रों तथा अमेरिका में दक्षिण-पूर्व अमेरिका से लेकर अर्जेन्टीना एवं चिली में (४७० दक्षिण अक्षांश) तक बाँस के वन पाए जाते हैं। बाँस की खेती कर कोई भी व्यक्ति लखपति बन सकता है। एक बार बाँस खेत में लगा दिया जायें तो ५ साल बाद वह उपज देने लगता है। अन्य फसलों पर सूखे एवं कीट बीमारियो का प्रकोप हो सकता है। जिसके कारण किसान को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। लेकिन बाँस एक ऐसी फसल है जिस पर सूखे एवं वर्षा का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। बाँस का पेड़ अन्य पेड़ों की अपेक्षा ३० प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन छोड़ता और कार्बन डाईऑक्साइड खींचता है साथ ही यह पीपल के पेड़ की तरह दिन में कार्बन डाईऑक्साइड खींचता है और रात में आक्सीजन छोड़ता है। .

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बान्दुन्दु प्रान्त

बान्दुन्दु प्रान्त अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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बाब अल-मन्देब जलसन्धि

लाल सागर का नक़्शा जिसमें बाब अल-मन्देब नीचे दाई तरफ़ है बाब अल-मन्देब (अरबी:, अंग्रेजी: Bab el-Mandeb) अरबी प्रायद्वीप पर यमन और अफ़्रीका के सींग पर जिबूती, इरित्रिया और उत्तरी सोमालिया के बीच स्थित एक जलडमरू है जो लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ता है। .

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बायोम

दुनिया के मुख्य प्रकार के बायोम बायोम (biome) या जीवोम धरती या समुद्र के किसी ऐसे बड़े क्षेत्र को बोलते हैं जिसके सभी भागों में मौसम, भूगोल और निवासी जीवों (विशेषकर पौधों और प्राणी) की समानता हो।, David Sadava, H. Craig Heller, David M. Hillis, May Berenbaum, Macmillan, 2009, ISBN 978-1-4292-1962-4,...

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बार्कलेज

बार्कलेज समूह कैनरी व्हार्फ में स्थित है। बार्कलेज पीएलसी एक वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी है जिसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में है। यथा 2010, यह विश्व का 10वां सबसे बड़ा बैंकिंग और वित्तीय सेवा समूह है और फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार समग्र रूप से यह 21वें नम्बर की सबसे बड़ी कंपनी है। अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में करीब 50 से भी अधिक देशों और प्रांतों में इसका संचालन किया जाता है और इसके लगभग 48 मिलियन ग्राहक हैं। 30 जून 2010 तक इसके पास कुल €1.94 ट्रिलियन की संपत्ति थी, जो कि दुनिया भर के बेंकों में तीसरा सर्वाधिक है (बीएनपी परिबास और एचएसबीसी के बाद).

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बास्केटबॉल

बास्केटबॉल एक टीम खेल है, जिसमें 5 सक्रिय खिलाड़ी वाली दो टीमें होती हैं, जो एक दूसरे के खिलाफ़ एक 10 फुट (3,048 मीटर) ऊंचे घेरे (गोल) में, संगठित नियमों के तहत एक गेंद डाल कर अंक अर्जित करने की कोशिश करती हैं। बास्केटबॉल, विश्व के सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से देखे जाने वाले खेलों में से एक है। ---------------------------------- गेंद को ऊपर से टोकरी के आर-पार फेंक कर (शूटिंग) अंक बनाए जाते हैं; खेल के अंत में अधिक अंकों वाली टीम जीत जाती है। गेंद को कोर्ट में उछालते हुए (ड्रिब्लिंग) या साथियों के बीच आदान-प्रदान करके आगे बढ़ाया जाता है। बाधित शारीरिक संपर्क (फाउल) को दंडित किया जाता है और गेंद को कैसे संभाला जाए इस पर पाबंदियां हैं (उल्लंघन).

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बांटू भाषा परिवार

अफ़्रीका के भाषा परिवार - बांटू भाषाओँ का क्षेत्र नारंगी रंग में है बांटू भाषाएँ (Bantu languages) नाइजर-कांगो भाषा परिवार की एक उपशाखा है जिसमें अफ़्रीका के महाद्वीप के दक्षिणी भाग में बोले जाने वाली लगभग २५० भाषाएँ हैं। यह सारी कैमरुन देश के पूर्व और दक्षिण में बोली जाती हैं। इस भाषा परिवार में स्वाहिली भाषा भी आती है जो आठ राष्ट्रों में ८ करोड़ से ज़्यादा लोग बोलते हैं। इस परिवार की अन्य भाषाओँ में शोना भाषा (१.४ करोड़ मातृभाषी), ज़ूलू भाषा (१ करोड़) और कोसा भाषा भी शामिल हैं। माना जाता है कि आज से २५००-३००० वर्ष पूर्व नाइजीरिया या कैमरून के इलाक़े में आदिम-बांटू भाषा बोली जाती थी। इसे बोलने वाले हज़ारों सालों में उप-सहारा अफ़्रीका में फैलकर बस गए और आदिम-बांटू की बहुत सी संतान भाषाएँ ही अब परिवार की भिन्न-भिन्न सदस्य हैं। .

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बांजुल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

बांजुल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र जिसे स्थानीय लोग युन्दम इंटरनेशनल भी कहते हैं, अफ़्रीका के देश गाम्बिया की राजधानी बांजुल का अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। वर्ष २००४ में इस विमानक्षेत्र ने ९,६७,७१९ यात्रियों की आवाजाही की। .

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बांगुई

बांगुई अफ्रीका के मध्य अफ्रीकन गणराज्य देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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बियर

सीधे पीपा से 'श्लेंकेरला राउख़बियर' नामक बियर परोसी जा रही है​ बियर संसार का सबसे पुराना और सर्वाधिक व्यापक रूप से खुलकर सेवन किया जाने वाला मादक पेय है।Origin and History of Beer and Brewing: From Prehistoric Times to the Beginning of Brewing Science and Technology, John P Arnold, BeerBooks, Cleveland, Ohio, 2005, ISBN 0-9662084-1-2 सभी पेयों के बाद यह चाय और जल के बाद तीसरा सर्वाधिक लोकप्रिय पेय है।, European Beer Guide, Accessed 2006-10-17 क्योंकि बियर अधिकतर जौ के किण्वन (फ़र्मेन्टेशन​) से बनती है, इसलिए इसे भारतीय उपमहाद्वीप में जौ की शराब या आब-जौ के नाम से बुलाया जाता है। संस्कृत में जौ को 'यव' कहते हैं इसलिए बियर का एक अन्य नाम यवसुरा भी है। ध्यान दें कि जौ के अलावा बियर बनाने के लिए गेहूं, मक्का और चावल का भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। अधिकतर बियर को राज़क (हॉप्स) से सुवासित एवं स्वादिष्ट कर दिया जाता है, जिसमें कडवाहट बढ़ जाती है और जो प्राकृतिक संरक्षक के रूप में भी कार्य करता है, हालांकि दूसरी सुवासित जड़ी बूटियां अथवा फल भी यदाकदा मिला दिए जाते हैं।, Max Nelson, Routledge, Page 1, Pages 1, 2005, ISBN 0-415-31121-7, Accessed 2009-11-19 लिखित साक्ष्यों से यह पता चलता है कि मान्यता के आरंभ से बियर के उत्पादन एवं वितरण को कोड ऑफ़ हम्मुराबी के रूप में सन्दर्भित किया गया है जिसमें बियर और बियर पार्लर्स से संबंधित विनियमन कानून तथा "निन्कासी के स्रुति गीत", जो बियर की मेसोपोटेमिया देवी के लिए प्रार्थना एवं किंचित शिक्षित लोगों की संस्कृति के लिए नुस्खे के रूप में बियर का उपयोग किया जाता था। आज, किण्वासवन उद्योग एक वैश्विक व्यापार बन गया है, जिसमें कई प्रभावी बहुराष्ट्रीय कंपनियां और हजारों की संख्या में छोटे-छोटे किण्वन कर्म शालाओं से लेकर आंचलिक शराब की भट्टियां शामिल हैं। बियर के किण्वासन की मूल बातें राष्ट्रीय और सांस्कृतिक सीमाओं से परे भी एक साझे में हैं। आमतौर पर बियर को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है - दुनिया भर में लोकप्रिय हल्का पीला यवसुरा और आंचलिक तौर पर अलग किस्म के बियर, जिन्हें और भी कई किस्मों जैसे कि हल्का पीला बियर, घने और भूरे बियर में वर्गीकृत किया गया है। आयतन के दृष्टीकोण से बियर में शराब की मात्रा (सामान्य) 4% से 6% तक रहती है हालांकि कुछ मामलों में यह सीमा 1% से भी कम से आरंभ कर 20% से भी अधिक हो सकती है। बियर पान करने वाले राष्ट्रों के लिए बियर उनकी संस्कृति का एक अंग है और यह उनकी सामजिक परंपराओं जैसे कि बियर त्योहारों, साथ ही साथ मदिरालयी सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे कि मदिरालय रेंगना तथा मदिरालय में खेले जाने वाले खेल जैसे कि बार बिलियर्ड्स शामिल हैं। .

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बिसाउ

बिसाउ अफ्रीका के गीनिया-बिसाउ देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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बिस्मार्क

250px ओटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क (1 अप्रैल 1815 - 30 जुलाई 1898), जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर तथा तत्कालीन यूरोप का प्रभावी राजनेता था। वह 'ओटो फॉन बिस्मार्क' के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। उसने अनेक जर्मनभाषी राज्यों का एकीकरण करके शक्तिशाली जर्मन साम्राज्य स्थापित किया। वह द्वितीय जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर बना। वह "रीअलपालिटिक" की नीति के लिये प्रसिद्ध है जिसके कारण उसे "लौह चांसलर" के उपनाम से जाना जाता है। वह अपने युग का बहुत बड़ा कूटनीतिज्ञ था। अपने कूटनीतिक सन्धियों के तहत फ्रांस को मित्रविहीन कर जर्मनी को यूरोप की सर्वप्रमुख शक्ति बना दिया। बिस्मार्क ने एक नवीन वैदेशिक नीति का सूत्रपात किया जिसके तहत शान्तिकाल में युद्ध को रोकने और शान्ति को बनाए रखने के लिए गुटों का निर्माण किया। उसकी इस 'सन्धि प्रणाली' ने समस्त यूरोप को दो गुटों में बांट दिया। .

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बिज्जू

बिज्जू (अंग्रेज़ी: Honey badger) एक स्तनधारी जानवर है जो भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिणपश्चिमी एशिया और अफ़्रीका में मिलता है। यह एक मांसाहारी प्राणी है। अपने लड़ाके स्वभाव और मोटी चमड़ी के कारण अन्य जानवर इस से दूर ही रहते हैं और अन्य खूँखार प्राणी भी इसपर हमला कम ही करते हैं।, Maurice Burton, Robert Burton, pp.

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बिग ब्रदर (टीवी सीरिज़)

बिग ब्रदर एक रियलिटी टेलीविजन शो है, जहां एक बड़े घर में लोगों का एक समूह एक साथ रहता है, बाहरी दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग, लेकिन टेलीविजन कैमरों द्वारा उन्हें लगातार देखा जा रहा होता है। प्रत्येक सीरिज़ तीन महीने के करीब चलती है और इसमें आम तौर पर 15 से कम प्रतिभागी हुआ करते हैं। इस घर के सदस्य खुद को घर से होने वाले नियतकालिक निष्कासन से बचाते हुए एक नकद पुरस्कार जीतने की कोशिश करते हैं। जॉन डी मोल प्रोदुक्तिज़ (John de Mol Produkties) (इंडेमोल का एक स्वतंत्र भाग) नामक निर्माण संस्था के एक जबर्दस्त बहस-मुबाहिसे से इस शो का विचार 4 सितंबर 1997 सामने आया। 1999 में नीदरलैंड के वेरोनिका चैनल में पहले बिग ब्रदर का प्रसारण किया गया था। अगले साल से जर्मनी, पुर्तगाल, यूएसए (USA), यूके (UK), स्पेन, बेल्जियम, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और इटली में इसका प्रसारण शुरू हुआ और इस तरह यह एक विश्वव्यापी हलचल बन गया।‍ तब से यह लगभग 70 देशों में प्राइम-टाइम हिट बना हुआ है। शो का नाम जॉर्ज ऑरवेल के 1949 के उपन्यास नाइंटीन एटी-फोर (Nineteen Eighty-Four) से लिया गया, यह एक ऐसे आतंकराज की कहानी है जिसमे बिग ब्रदर अपनी तानाशाही के निवासियों पर हमेशा उनके टेलीविजन सेट के जरिये जासूसी कर सकता है, इस नारे के साथ कि "बिग ब्रदर इज वाचिंग यू " (Big Brother is watching you) अर्थात तुम पर बिग ब्रदर की नज़र है। .

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बजड़ी

बाजरा फसल फल रूप में लगे बाजरे के दाने अथवा सीटे (''Pennisetum glaucum'') बाजरा एक प्रमुख फसल है। एक प्रकार की बड़ी घास जिसकी बालियों में हरे रंग के छोटे छोटे दाने लगते हैं। इन दानों की गिनती मोटे अन्नों में होती है। प्रायाः सारे उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी भारत में लोग इसे खाते हैं। बाजरा मोटे अन्नों में सबसे अधिक उगाया जाने वाला अनाज है। इसे अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप में प्रागेतिहासिक काल से उगाया जाता रहा है, यद्यपि इसका मूल अफ्रीका में माना गया है। भारत में इसे बाद में प्रस्तुत किया गया था। भारत में इसे इसा पूर्व २००० वर्ष से उगाये जाने के प्रमाण मिलते है। इसका मतलब है कि यह अफ्रीका में इससे पहले ही उगाया जाने लगा था। यह पश्चिमी अफ्रीका के सहल क्षेत्र से निकल कर फैला है। बाजरे की विशेषता है सूखा प्रभावित क्षेत्र में भी उग जाना, तथा ऊँचा तापक्रम झेल जाना। यह अम्लीयता को भी झेल जाता है। यही कारण है कि यह उन क्षेत्रों में उगाया जाता है जहां मक्का या गेहूँ नही उगाये जा सकते। आज विश्व भर में बाजरा २६०,००० वर्ग किलोमीटर में उगाया जाता है। मोटे अन्न उत्पादन का आधा भाग बाजरा होता है। इस अनाज की खेती बहुत सी बातों में ज्वार की खेती से मिलती जुलती होती है। यह खरीफ की फसल है और प्रायः ज्वार के कुछ पीछे वर्षा ऋतु में बोई और उससे कुछ पहले अर्थात् जाड़े के आरंभ में काटी जाती हैं। इसके खेतों में खाद देने या सिंचाई करने की विशेष आवश्यकता नहीं होती। इसके लिये पहले तीन चार बार जमीन जोत दी जाती है और तब बीज बो दिए जाते हैं। एकाध बार निराई करना अवश्य आवश्यक होता है। इसके लिये किसी बहुत अच्छी जमीन की आवश्यकता नहीं होती और यह साधारण से साधारण जमीन में भी प्रायः अच्छी तरह होता है। यहाँ तक कि राजस्थान की बलुई भूमि में भी यह अधिकता से होता है। गुजरात आदि देशों में तो अच्छी करारी रूई बोने से पहले जमीन तयार करने के लिय इसे बोते हैं। बाजरे के दानों का आटा पीसकर और उसकी रोटी बनाकर खाई जाती है। इसकी रोटी बहुत ही बलवर्धक और पुष्टिकारक मानी जाती है। कुछ लोग दानों को यों ही उबालकर और उसमें नमक मिर्च आदि डालकर खाते हैं। इस रूप में इसे 'खिचड़ी' कहते हैं। कहीं कहीं लोग इसे पशुओं के चारे के लिये ही वोते हैं। वैद्यक में यह वादि, गरम, रूखा, अग्निदीपक पित्त को कुपित करनेवाला, देर में पचनेवाला, कांतिजनक, बलवर्धक और स्त्रियों के काम को बढा़नेवाला माना गया है। .

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बंगाल का गिद्ध

बंगाल का गिद्ध एक पुरानी दुनिया का गिद्ध है, जो कि यूरोपीय ग्रिफ़न गिद्ध का संबन्धी है। एक समय यह अफ़्रीका के सफ़ेद पीठ वाले गिद्ध का ज़्यादा करीबी समझा जाता था और इसे पूर्वी सफ़ेद पीठ वाला गिद्ध भी कहा जाता है। १९९० के दशक तक यह पूरे दक्षिणी तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में व्यापक रूप से पाया जाता था और इसको विश्व का सबसे ज़्यादा आबादी वाला बड़ा परभक्षी पक्षी माना जाता था लेकिन १९९२ से २००७ तक इनकी संख्या ९९.९% तक घट गई और अब यह घोर संकटग्रस्त जाति की श्रेणी में पहुँच गया है और अब बहुत कम नज़र आता है। .

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बुलबुल

बुलबुल, शाखाशायी गण के पिकनोनॉटिडी कुल (Pycnonotidae) का पक्षी है और प्रसिद्ध गायक पक्षी "बुलबुल हजारदास्ताँ" से एकदम भिन्न है। ये कीड़े-मकोड़े और फल फूल खानेवाले पक्षी होते हैं। ये पक्षी अपनी मीठी बोली के लिए नहीं, बल्कि लड़ने की आदत के कारण शौकीनों द्वारा पाले जाते रहे हैं। यह उल्लेखनीय है कि केवल नर बुलबुल ही गाता है, मादा बुलबुल नहीं गा पाती है। बुलबुल कलछौंह भूरे मटमैले या गंदे पीले और हरे रंग के होते हैं और अपने पतले शरीर, लंबी दुम और उठी हुई चोटी के कारण बड़ी सरलता से पहचान लिए जाते हैं। विश्व भर में बुलबुल की कुल ९७०० प्रजातियां पायी जाती हैं। इनकी कई जातियाँ भारत में पायी जाती हैं, जिनमें "गुलदुम बुलबुल" सबसे प्रसिद्ध है। इसे लोग लड़ाने के लिए पालते हैं और पिंजड़े में नहीं, बल्कि लोहे के एक (अंग्रेज़ी अक्षर -टी) (T) आकार के चक्कस पर बिठाए रहते हैं। इनके पेट में एक पेटी बाँध दी जाती है, जो एक लंबी डोरी के सहारे चक्कस में बँधी रहती है। .

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बुशमैन

बुशमैन, अथवा सान लोग अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल और आसपास के इलाकों में निवास में करने वाली एक बेहद प्राचीन व प्रमुख जनजाति हैं।.

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बुजुम्बुरा

बुजुम्बुरा अफ्रीका के बुरुंडी देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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ब्राज़िविले

ब्राज़िविले अफ्रीका के कांगो देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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ब्रिटिश काल में भारत की अर्थव्यवस्था

१८९० में मुम्बई के कल्बादेवी रोड का एक दृष्य १९०९ में भारतीय रेलवे का मानचित्र १९४५ में हुगली का दृष्य बहुत प्राचीन काल से भारतवर्ष का विदेशों से व्यापार हुआ करता था। यह व्यापार स्थल मार्ग और जल मार्ग दोनों से होता था। इन मार्गों पर एकाधिकार प्राप्त करने के लिए विविध राष्ट्रों में समय-समय पर संघर्ष हुआ करता था। जब इस्लाम का उदय हुआ और अरब, फारस मिस्र और मध्य एशिया के विविध देशों में इस्लाम का प्रसार हुआ, तब धीरे-धीरे इन मार्गों पर मुसलमानों का अधिकार हो गया और भारत का व्यापार अरब निवासियों के हाथ में चला गया। अफ्रीका के पूर्वी किनारे से लेकर चीन समुद्र तक समुद्र तट पर अरब व्यापारियों की कोठियां स्थापित हो गईं। यूरोप में भारत का जो माल जाता था वह इटली के दो नगर जिनोआ और वेनिस से जाता था। ये नगर भारतीय व्यापार से मालामाल हो गए। वे भारत का माल कुस्तुन्तुनिया की मंडी में खरीदते थे। इन नगरों की धन समृद्धि को देखकर यूरोप के अन्य राष्ट्रों को भारतीय व्यापार से लाभ उठाने की प्रबल इच्छा उत्पन्न इस इच्छा की पूर्ति में सफल न हो सके। बहुत प्राचीन काल से यूरोप के लोगों का अनुमान था कि अफ्रीका होकर भारतवर्ष तक समुद्र द्वारा पहुंचने का कोई न कोई मार्ग अवश्य है। चौदहवीं शताब्दी में यूरोप में एक नए युग का प्रारंभ हुआ। नए-नए भौगोलिक प्रदेशों की खोज आरंभ हुई। कोलम्बस ने सन् 1492 ईस्वी में अमेरिका का पता लगाया और यह प्रमाणित कर दिया कि अटलांटिक के उस पार भी भूमि है। पुर्तगाल की ओर से बहुत दिनों से भारतवर्ष के आने के मार्ग का पता लगाया जा रहा था। अंत में, अनेक वर्षों के प्रयास के अनंतर सन् 1498 ई. में वास्कोडिगामा शुभाशा अंतरीप (cape of good hope) को पार कर अफ्रीका के पूर्वी किनारे पर आया; और वहाँ से एक गुजराती नियामक को लेकर मालाबार में कालीकट पहुंचा। पुर्तगालवासियों ने धीरे-धीरे पूर्वी व्यापार को अरब के व्यापारियों से छीन लिया। इस व्यापार से पुर्तगाल की बहुत श्री-वृद्धि हुई। देखा -देखी, डच अंग्रेज और फ्रांसीसियों ने भी भारत से व्यापार करना शुरू किया। इन विदेशी व्यापारियों में भारत के लिए आपस में प्रतिद्वंद्विता चलती थी और इनमें से हर एक का यह इरादा था कि दूसरों को हटाकर अपना अक्षुण्य अधिकार स्थापित करें। व्यापार की रक्षा तथा वृद्धि के लिए इनको यह आवश्यक प्रतीत हुआ कि अपनी राजनीतिक सत्ता कायम करें। यह संघर्ष बहुत दिनों तक चलता रहा और अंग्रेजों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर विजय प्राप्त की और सन् 1763 के बाद से उनका कोई प्रबल प्रतिद्वंदी नहीं रह गया। इस बीच में अंग्रेजों ने कुछ प्रदेश भी हस्तगत कर लिए थे और बंगाल, बिहार उड़ीसा और कर्नाटक में जो नवाब राज्य करते थे वे अंग्रेजों के हाथ की कठपुतली थे। उन पर यह बात अच्छी तरह जाहिर हो गई थी कि अंग्रेजों ने कुछ प्रदेश भी हस्तगत कर लिए थे और बंगाल, बिहार उड़ीसा और कर्नाटक में जो नवाब राज्य करते थे वे अंग्रेजों के हाथ की कठपुतली थे। उन पर यह बात अच्छी तरह जाहिर हो गई थी कि अंग्रेजों का विरोध करने से पदच्युत कर दिए जाएंगे। यह विदेशी व्यापारी भारत से मसाला, मोती, जवाहरात, हाथी दांत की बनी चीजें, ढाके की मलमल और आबेरवां, मुर्शीदाबाद का रेशम, लखनऊ की छींट, अहमदाबाद के दुपट्टे, नील आदि पदार्थ ले जाया करते थे और वहां से शीशे का सामान, मखमल साटन और लोहे के औजार भारतवर्ष में बेचने के लिए लाते थे। हमें इस ऐतिहासिक तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि भारत में ब्रिटिश सत्ता का आरंभ एक व्यापारिक कंपनी की स्थापना से हुआ। अंग्रेजों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा तथा चेष्टा भी इसी व्यापार की रक्षा और वृद्धि के लिए हुई थी। उन्नीसवीं शताब्दी के पहले इंग्लैंड का भारत पर बहुत कम अधिकार था और पश्चिमी सभ्यता तथा संस्थाओं का प्रभाव यहां नहीं के बराबर था। सन् 1750 से पूर्व इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति भी नहीं आरंभ हुई थी। उसके पहले भारत वर्ष की तरह इंग्लैंड भी एक कृषिप्रधान देश था। उस समय इंग्लैंड को आज की तरह अपने माल के लिए विदेशों में बाजार की खोज नहीं करनी पड़ती थी। उस समय गमनागमन की सुविधाएं न होने के कारण सिर्फ हल्की-हल्की चीजें ही बाहर भेजी जा सकती थीं। भारतवर्ष से जो व्यापार उस समय विदेशों से होता था, उससे भारत को कोई आर्थिक क्षति भी नहीं थी। सन् 1765 में जब ईस्ट इंडिया कंपनी को मुगल बादशाह शाह आलम से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई, तब से वह इन प्रांतों में जमीन का बंदोबस्त और मालगुजारी वसूल करने लगी। इस प्रकार सबसे पहले अंग्रेजों ने यहां की मालगुजारी की प्रथा में हेर-फेर किया। इसको उस समय पत्र व्यवहार की भाषा फारसी थी। कंपनी के नौकर देशी राजाओं से फारसी में ही पत्र व्यवहार करते थे। फौजदारी अदालतों में काजी और मौलवी मुसलमानी कानून के अनुसार अपने निर्णय देते थे। दीवानी की अदालतों में धर्म शास्त्र और शहर अनुसार पंडितों और मौलवियों की सलाह से अंग्रेज कलेक्टर मुकदमों का फैसला करते थे। जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने शिक्षा पर कुछ व्यय करने का निश्चय किया, तो उनका पहला निर्णय अरबी, फारसी और संस्कृत शिक्षा के पक्ष में ही हुआ। बनारस में संस्कृत कालेज और कलकत्ते में कलकत्ता मदरसा की स्थापना की गई। पंडितों और मौलवियों को पुरस्कार देकर प्राचीन पुस्तकों के मुद्रित कराने और नवीन पुस्तकों के लिखने का आयोजन किया गया। उस समय ईसाइयों को कंपनी के राज में अपने धर्म के प्रचार करने किया गया। उस समय ईसाइयों को कंपनी के राज में अपने धर्म के प्रचार करने की स्वतंत्रता नहीं प्राप्त थी। बिना कंपनी से लाइसेंस प्राप्त किए कोई अंग्रेज न भारतवर्ष में आकर बस सकता था और न जायदाद खरीद सकता था। कंपनी के अफसरों का कहना था कि यदि यहां अंग्रेजों को बसने की आम इजाजत दे दी जाएगी तो उससे विद्रोह की आशंका है; क्योंकि विदेशियों के भारतीय धर्म और रस्म-रिवाज से भली -भांति परिचित न होने के कारण इस बात का बहुत भय है कि वे भारतीयों के भावों का उचित आदर न करेंगे। देशकी पुरानी प्रथा के अनुसार कंपनी अपने राज्य के हिंदू और मुसलमान धर्म स्थानों का प्रबंध और निरीक्षण करती थी। मंदिर, मस्जिद, इमामबाड़े और खानकाह के आय-व्यय का हिसाब रखना, इमारतों की मरम्मत कराना और पूजा का प्रबंध, यह सब कंपनी के जिम्मे था। अठारहवीं शताब्दी के अंत से इंग्लैंड के पादरियों ने इस व्यवस्था का विरोध करना शुरू किया। उनका कहना था कि ईसाई होने के नाते कंपनी विधर्मियों के धर्म स्थानों का प्रबंध अपने हाथ में नहीं ले सकती। वे इस बात की भी कोशिश कर रहे थे कि ईसाई धर्म के प्रचार में कंपनी की ओर से कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। उस समय देशी ईसाइयों की अवस्था बहुत शोचनीय थी। यदि कोई हिंदू या मुसलमान ईसाई हो जाता था तो उसका अपनी जायदाद और बीवी एवं बच्चों पर कोई हक नहीं रह जाता था। मद्रास के अहाते में देशी ईसाइयों को बड़ी-बड़ी नौकरियां नहीं मिल सकती थीं। इनको भी हिंदुओं के धार्मिक कृत्यों के लिए टैक्स देना पड़ता था। जगन्नाथ जी का रथ खींचने के लिए रथ यात्रा के अवसर पर जो लोग बेगार में पकड़े जाते थे उनमें कभी-कभी ईसाई भी होते थे। यदि वे इस बेगार से इनकार करते थे तो उनको बेंत लगाए जाते थे। इंग्लैंड के पादरियों का कहना था कि ईसाइयों को उनके धार्मिक विश्वास के प्रतिकूल किसी काम के करने के लिए विवश नहीं करना चाहिए और यदि उनके साथ कोई रियायत नहीं की जा सकती तो कम से कम उनके साथ वहीं व्यवहार होना चाहिए जो अन्य धर्माबलंबियों के साथ होता है। धीरे-धीरे इस दल का प्रभाव बढ़ने लगा और अंत में ईसाई पादरियों की मांग को बहुत कुछ अंश में पूरा करना पड़ा। उसके फलस्वरूप अपनी जायदाद से हाथ नहीं धोना पड़ेगा। ईसाइयों को धर्म प्रचार की भी स्वतंत्रता मिल गई। अब राज दरबार की भाषा अंग्रेजी हो गई और अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन देने का निश्चय हुआ। धर्म-शास्त्र और शरह का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया और एक ‘ला कमीश’ नियुक्त कर एक नया दंड़ विधान और अन्य नए कानून तैयार किए गए। सन् 1853 ई. में धर्म स्थानों का प्रबंध स्थानीय समितियां बनाकर उनके सुपुर्द कर दिया गया। सन् 1854 में अदालतों में जो थोड़े बहुत पंडित और मौलवी बच गए थे वे भी हटा दिए गए। इस प्रकार देश की पुरानी संस्थाएं नष्ट हो गईं और हिंदू और मुसलमानों की यह धारणा होने लगी कि अंग्रेज उन्हें ईसाई बनाना चाहते हैं। इन्हीं परिवर्तनों का और डलहौजी की हड़पने की नीति का यह फल हुआ कि सन् 1857 में एक बड़ी क्रांति हुई जिसे सिपाही विद्रोह कहते हैं। सन् 1857 के पहले ही यूरोप में औद्योगिक क्रांति हो चुकी थी। इस क्रांति में इंग्लैंड सबका अगुआ था; क्योंकि उसको बहुत-सी ऐसी सुविधाएं थीं जो अन्य देशों को प्राप्त नहीं थी। इंग्लैंड ने ही वाष्प यंत्र का आविष्कार किया। भारत के व्यापार से इंग्लैंड की पूंजी बहुत बढ़ गई थी। उसके पास लोहे और कोयले की इफरात थी। कुशल कारीगरों की भी कमी न थी। इस नानाविध कारणों से इंग्लैंड इस क्रांति में अग्रणी बना। इंग्लैंड के उत्तरी हिस्से में जहां लोहा तथा कोयला निकलता था वहां कल कारखाने स्थापित होने लगे। कारखानों के पास शहर बसने लगे। इंग्लैंड के घरेलू उद्योग-धंधे नष्ट हो गए। मशीनों से बड़े पैमाने पर माल तैयार होने लगा। इस माल की खपत यूरोप के अन्य देशों में होने लगी। देखा-देखी यूरोप के अन्य देशों में भी मशीन के युग का आरंभ हुआ। ज्यों-ज्यों यूरोप के अन्य देशों में नई प्रथा के अनुसार उद्योग व्यवसाय की वृद्धि होने लगी, त्यों-त्यों इंग्लैंड को अपने माल के लिए यूरोप के बाहर बाजार तलाश करने की आवश्यकता प्रतीत होने लगी। भारतवर्ष इंग्लैंड के अधीन था, इसलिए राजनीतिक शक्ति के सहारे भारतवर्ष को सुगमता के साथ अंग्रेजी माल का एक अच्छा-खासा बाजार बना दिया गया। अंग्रेजी शिक्षा के कारण धीरे-धीरे लोगों की अभिरुचि बदल रही थी। यूरोपीय वेशभूषा और यूरोपीय रहन-सहन अंग्रेजी शिक्षित वर्ग को प्रलोभित करने लगा। भारत एक सभ्य देश था, इसलिए यहां अंग्रेजी माल की खपत में वह कठिनाई नहीं प्रतीत हुई जो अफ्रीका के असभ्य या अर्द्धसभ्य प्रदेशों में अनुभूत हुई थी। सबसे पहले इस नवीन नीति का प्रभाव भारत के वस्त्र व्यापार पर पड़ा। मशीन से तैयार किए हुए माल का मुकाबला करना करघों पर तैयार किए हुए माल के लिए असंभव था। धीरे-धीरे भारत की विविध कलाएं और उद्योग नष्ट होने लगे। भारत के भीतरी प्रदेशों में दूर-दूर माल पहुंचाने के लिए जगह-जगह रेल की सड़कें निकाली गईं। भारत के प्रधान बंदरगाह कलकत्ता, बंबई और मद्रास भारत के बड़े-बड़े नगरों से संबद्ध कर दिए गए विदेशी व्यापार की सुविधा की दृष्टि से डलहौजी के समय में पहली रेल की सड़कें बनी थीं। इंगलैंड को भारत के कच्चे माल की आवश्यकता थी। जो कच्चा माल इन बंदरगाहों को रवाना किया जाता था, उस पर रेल का महसूल रियायती था। आंतरिक व्यापार की वृद्धि की सर्वथा उपेक्षा की जाती थी। इस नीति के अनुसार इंग्लैंड को यह अभीष्ट न था कि नए-नए आविष्कारों से लाभ उठाकर भारतवर्ष के उद्योग व्यवसाय का नवीन पद्धति से पुनः संगठन किया जाए। वह भारत को कृषि प्रधान देश ही बनाए रखना चाहता था, जिसमें भारत से उसे हर तरह का कच्चा माल मिले और उसका तैयार किया माल भारत खरीदे। जब कभी भारतीय सरकार ने देशी व्यवसाय को प्रोत्साहन देने का निश्चय किया, तब तब इंग्लैंड की सरकार ने उसके इस निश्चय का विरोध किया और उसको हर प्रकार से निरुत्साहित किया। जब भारत में कपड़े की मिलें खुलने लगीं और भारतीय सरकार को इंग्लैंड से आनेवाले कपड़े पर चुंगी लगाने की आवश्यकता हुई, तब इस चुंगी का लंकाशायर ने घोर विरोध किया और जब उन्होंने यह देखा कि हमारी वह बात मानी न जाएगी तो उन्होंने भारत सरकार को इस बात पर विवश किया कि भारतीय मिल में तैयार हुए कपड़े पर भी चुंगी लगाई जाए, जिसमें देशी मिलों के लिए प्रतिस्पर्द्धा करना संभव न हो। पब्लिक वर्क्स विभाग खोलकर बहुत-सी सड़के भी बनाई गईं जिसका फल यह हुआ कि विदेशी माल छोटे-छोटे कस्बों तथा गांवों के बाजारों में भी पहुंचने लगा। रेल और सड़कों के निर्माण से भारत के कच्चे माल के निर्यात में वृद्धि हो गई और चीजों की कीमत में जो अंतर पाया जाता था। वह कम होने लगा। खेती पर भी इसका प्रभाव पड़ा और लोग ज्यादातर ऐसी ही फसल बोने लगे जिनका विदेश में निर्यात था। यूरोपीय व्यापारी हिंदुस्तानी मजदूरों की सहायता से हिंदुस्तान में चाय, कहवा, जूट और नील की काश्त करने लगे। बीसवीं शताब्दी के पाँचवे दशक में भारतवर्ष में अग्रेजों की बहुत बड़ी पूँजी लगी हुई थी। पिछले पचास-साठ वर्षों में इस पूँजी में बहुत तेजी के साथ वृद्धि हुई। 634 विदेशी कंपनियां भारत में इस समय कारोबार कर रही थीं। इनकी वसूल हुई पूंजी लगभग साढ़े सात खरब रुपया थी और 5194 कंपनियां ऐसी थीं जिनकी रजिस्ट्री भारत में हुई थी और जिनकी पूंजी 3 खरब रुपया थी। इनमें से अधिकतर अंग्रेजी कंपनियां थीं। इंग्लैंड से जो विदेशों को जाता था उसका दशमांश प्रतिवर्ष भारत में आता था। वस्त्र और लोहे के व्यवसाय ही इंग्लैंड के प्रधान व्यवसाय थे और ब्रिटिश राजनीति में इनका प्रभाव सबसे अधिक था। भारत पर इंग्लैंड का अधिकार बनाए रखने में इन व्यवसायों का सबसे बड़ा स्वार्थ था; क्योंकि जो माल ये बाहर रवाना करते थे उसके लगभग पंचमांश की खपत भारतवर्ष में होती थी। भारत का जो माल विलायत जाता था उसकी कीमत भी कुछ कम नहीं थी। इंग्लैंड प्रतिवर्ष चाय, जूट, रुई, तिलहन, ऊन और चमड़ा भारत से खरीदता था। यदि केवल चाय का विचार किया जाए तो 36 करोड़ रुपया होगा। इन बातों पर विचार करने से यह स्पष्ट है कि ज्यों-ज्यों इंग्लैंड का भारत में आर्थिक लाभ बढ़ता गया त्यों-त्यों उसका राजनीतिक स्वार्थ भी बढ़ता गया। .

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ब्लड डायमण्ड

सियरा लोन में ब्लड डायमंड की पैनिंग प्रक्रिया हीरा कई रंगों में मिलता है जिनमें लाल रंग के हीरे को ब्लड डायमंड कहा जाता है। इसकी प्राप्ति के पीछे होने वाले खून-खराबे के कारण ही इसे ब्लड डायमंड यानि खूनी हीरा कहा जाता है। इन्हीं कारणों से इसे भिड़न्त यानि कन्फ्लिक्ट डायमंड या वॉर डायमंड भी कहते हैं। यह अफ्रीका में सिएरा लियोन और लाइबेरिया में सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। ब्लड डायमंड को कन्फ्लिक्ट डायमंड कहे जाने का एक बड़ा कारण है। १९८९ से २००१ तक इसके उत्पादक सिएरा लियोन और लाइबेरिया गृह युद्ध के शिकार थे। ऐसी स्थिति में लाइबेरियन राष्ट्रपति कारलोस जी.

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ब्लोयम्फोन्टेन

ब्लोयम्फोन्टेन अफ्रीका के दक्षिण अफ्रीका देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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बैडमिंटन

बैडमिंटन रैकेट से खेला जानेवाला एक खेल है, जो दो विरोधी खिलाडियों (एकल) या दो विरोधी जोड़ों (युगल) द्वारा नेट से विभाजित एक आयताकार कोर्ट में आमने-सामने खेला जाता है खिलाड़ी अपने रैकेट से शटलकॉक को मारकर के अपने विरोधी पक्ष के कोर्ट के आधे हिस्से में गिराकर प्वाइंट्स प्राप्त करते हैं। एक रैली तब समाप्त हो जाती है जब शटलकॉक मैदान पर गिर जाता है। प्रत्येक पक्ष शटलकॉक के उस पार जाने से पहले उस पर सिर्फ़ एक बार वार कर सकता है। शटलकॉक (या शटल) चिड़ियों के पंखों से बना प्रक्षेप्य है, जिसकी अनोखी उड़ान भरने की क्षमता के कारण यह अधिकांश रैकेट खेलों की गेंदों की तुलना में अलग तरह से उड़ा करती है। खासतौर पर, पंख कहीं ज़्यादा ऊंचाई तक खिंची जा सकती हैं, जिस कारण गेंद की तुलना में शटलकॉक कहीं अधिक तेज़ी से अवत्वरण करता है। अन्य रैकेट के खेलों की तुलना में शटलकॉक की शीर्ष गति बहुत अधिक होती है। चूंकि शटलकॉक की उड़ान हवा से प्रभावित होती है, इसीलिए बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा इनडोर में ही खेलना अच्छा होता है। कभी-कभी मनोरंजन के लिए बगीचे या समुद्र तट पर भी खुले में बैडमिंटन खेला जाता है। सन् 1992 से, पांच प्रकार के आयोजनों के साथ बैडमिंटन एक ओलम्पिक खेल रहा है: पुरुषों और महिलाओं के एकल, पुरुषों और महिलाओं के युगल और मिश्रित युगल, जिसमें प्रत्येक जोड़ी में एक पुरूष और एक महिला होती है। खेल के उच्च स्तर पर, खेल उत्कृष्ट शारीरिक फिटनेस की मांग करता है: खिलाड़ियों को एरोबिक क्षमता, दक्षता, शक्ति, गति और दुरूस्तता की आवश्यकता होती है। यह एक तकनीकी खेल भी है, इसमें अच्छे संचालन समन्वय और परिष्कृत रैकेट जुम्बिशों के विकास की ज़रुरत होती है। .

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बैसाखी

बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसीलिए बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रबी की फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है। इसी दिन, 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं। .

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बेनिन

150px 200px बेनिन, आधिकारिक रूप से बेनिन गणराज्य - पश्चिम अफ़्रीका में स्थित एक देश है। इसकी भूसीमा पश्चिम में टोगो से, पूर्व में नाइजीरिया से और बुर्कीना फ़ासो और नाइजर से उत्तर में मिलती है; दक्षिण में इसकी छोटी सी तटीय रेखा बेनिन की खाड़ी से लगती हुई है। इसका आकार लगभग १,१०,००० वर्ग किमी है और अनुमानित जनसंख्या ८५ लाख है। श्रेणी:बेनिन श्रेणी:देश श्रेणी:अफ़्रीका के देश श्रेणी:पश्चिम अफ्रीका के देश.

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बेल्जियम

किंगडम ऑफ़ बेल्जियम उत्तर-पश्चिमी यूरोप में एक देश है। यह यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य है और उसके मुख्यालय का मेज़बान है, साथ ही, अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों का, जिसमें NATO भी शामिल है। 10.7 मीलियन की जनसंख्या वाले बेल्जियम का क्षेत्रफल है। जर्मनिक और लैटिन यूरोप के मध्य अपनी सांस्कृतिक सीमा को विस्तृत किये हुए बेल्जियम, दो मुख्य भाषाई समूहों, फ्लेमिश और फ्रेंच-भाषी, मुख्यतः वलून्स सहित जर्मन भाषियों के एक छोटे समूह का आवास है। बेल्जियम के दो सबसे बड़े क्षेत्र हैं, उत्तर में 59% जनसंख्या सहित फ्लेंडर्स का डच भाषी क्षेत्र और वालोनिया का फ्रेंच भाषी दक्षिणी क्षेत्र, जहाँ 31% लोग बसे हैं। ब्रुसेल्स-राजधानी क्षेत्र, जो आधिकारिक तौर पर द्विभाषी है, मुख्यतः फ्लेमिश क्षेत्र के अंतर्गत एक फ्रेंच भाषी एन्क्लेव है और यहाँ 10% जनसंख्या बसी है। * * * * पूर्वी वालोनिया में एक छोटा जर्मन भाषी समुदाय मौजूद है। मूल (पहले ही) 71,500 निवासियों के बजाय 73,000 का उल्लेख करता है। बेल्जियम की भाषाई विविधता और संबंधित राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संघर्ष, राजनीतिक इतिहास और एक जटिल शासन प्रणाली में प्रतिबिंबित होता है। बेल्जियम नाम, गॉल के उत्तरी भाग में एक रोमन प्रान्त, गैलिया बेल्जिका से लिया गया है, जो केल्टिक और जर्मन लोगों के एक मिश्रण बेल्जी का निवास स्थान था। ऐतिहासिक रूप से, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग, निचले देश के रूप में जाने जाते थे, जो राज्यों के मौजूदा बेनेलक्स समूह की तुलना में अपेक्षाकृत कुछ बड़े क्षेत्र को आवृत किया करते थे। मध्य युग की समाप्ति से लेकर 17 वीं सदी तक, यह वाणिज्य और संस्कृति का एक समृद्ध केन्द्र था। 16वीं शताब्दी से लेकर 1830 में बेल्जियम की क्रांति तक, यूरोपीय शक्तियों के बीच बेल्जियम के क्षेत्र में कई लड़ाइयाँ लड़ी गईं, जिससे इसे यूरोप के युद्ध मैदान का तमगा मिला - एक छवि जिसे दोनों विश्व युद्ध ने और पुष्ट किया। अपनी स्वतंत्रता पर, बेल्जियम ने उत्सुकता के साथ औद्योगिक क्रांति में भाग लिया और उन्नीसवीं सदी के अंत में, अफ्रीका में कई उपनिवेशों पर अधिकार जमाया। 20वीं सदी के उत्तरार्ध को फ्लेमिंग्स और फ्रैंकोफ़ोन के बीच साँप्रदायिक संघर्ष की वृद्धि के लिए जाना जाता है, जिसे एक तरफ तो सांस्कृतिक मतभेद ने भड़काया, तो दूसरी तरफ फ्लेनडर्स और वालोनिया के विषम आर्थिक विकास ने. अब भी सक्रिय इन संघर्षों ने पूर्व में एक एकात्मक राज्य बेल्जियम को संघीय राज्य बनाने के दूरगामी सुधारों को प्रेरित किया। .

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बेली डांस

रक़्स शर्क़ी नर्तकी क्राईसैन्थी साहर शार्फ़, हाईडलबर्ग. माराकेच (मोरक्को) में एक बेली नर्तकी बेली डांस या बेलीडांस परंपरागत मध्य पूर्वी नृत्य, विशेषकर रक़्स शर्क़ी (رقص شرقي) का एक पश्चिम में गढ़ा हुआ नाम है। पश्चिम में इसे कभी-कभी मध्य पूर्वी नृत्य या अरबी नृत्य भी कहा जाता है या इसे ग्रीको-तुर्की शब्द çiftetelli (सिफ्टेटेली) (τσιφτετέλι.) के रूप में भी जाना जाता है। "बेली डांस" शब्द फ्रांसीसी "डेंस ड्यू वेंत्रे (danse du ventre)" का एक अनुवाद है जिसे विक्टोरियन युग में नृत्य के लिए प्रयोग किया गया था। यह कुछ हद तक एक मिथ्या नाम है क्योंकि इस नृत्य में शरीर का हर हिस्सा हरकत करता है; इसमें कूल्हे का उपयोग आमतौर पर सबसे अधिक किया जाता है। बेली नृत्य देश और क्षेत्र के आधार पर पोशाक और नृत्य शैली दोनों के मामले में कई अलग-अलग रूपों में होता है और क्योंकि इसकी लोकप्रियता दुनिया भर में फ़ैल गयी है, पश्चिम में इसकी नई शैलियां विकसित की गयी हैं। हालांकि इस नृत्य के समकालीन रूपों का प्रदर्शन आम तौर पर महिलाओं द्वारा किया जाता रहा है, केन डांस जैसे कुछ नृत्यों का मूल, प्रदर्शन के पुरुष स्वरूपों में निहित है।.

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बेंजामिन उम्कापा

बेंजामिन उम्कापा बेंजामिन उम्कापा अफ्रीका के देश तंजानिया के राष्ट्रपति थे, 1995 से 2005 तक। श्रेणी:राजनीतिज्ञ.

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बोतल वृक्ष

बोतल वृक्ष बोतल वृक्ष एक वृक्ष है। इसकी आठ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जिनमें से छः मेडागास्कर, एक अफ्रीका तथा एक आस्ट्रेलिया की मूल प्रजाति है। इस वृक्ष की ऊँचाई ५ से ३० मीटर (१६ से ९८ फीट) तथा तने का व्यास ७ से ११ मीटर (२३ से ३६ फीट) तक होता है। दक्षिण अफ्रीका के लिम्पोपो प्रांत में दुनिया का सबसे बड़ा बोतल वृक्ष है जिसके तने की परिधि ५० मीटर (१६० फीट) तथा औसत व्यास १५ मीटर (४९ फीट) है। बोतल वृक्ष हजारों सालों तक जीवित रहते हैं। इसकी सभी प्रजातियाँ शुष्क प्रदेशों में पाई जाती हैं। ये वृक्ष गर्मी की शुष्क ऋतु के प्रारम्भ में अपने पत्ते गिरा देते हैं। बोतल वृक्ष अपने फूले हुए तने में १,२०,००० लीटर तक जल जमा रखता है। सूखे के समय आस्ट्रेलियाई किसान पेड़ का तना काटकर उसमें जमा पानी अपने पशुओं को पिलाते हैं ताकि वे प्यास से मरें नहीं। इसी से इस बाओबा वृक्ष का नाम बोतल वृक्ष पड़ा है। बोतल वृक्ष मेडागास्कर का राष्ट्रीय वृक्ष है। इसका फल अत्यंत पौष्टिक होता है। इसमें विटामिन सी की मात्रा नारंगी के फल से अधिक होती है तथा कैल्सियम की मात्रा गाय के दूध से भी अधिक होती है। इसके फल का रस मालावी के लोग बड़े चाव से पीते हैं। इसके पत्तों की सब्जी तो पूरे अफ्रीका में खाई जाती है। नाइजीरिया में इसकी पत्तियों को कूका कहते हैं तथा इससे कूका सूप तैयार होती है। .

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बोत्सवाना

बोत्सवाना का मानचित्र बोत्सवाना गणराज्य (अंग्रेजी: Republic of Botswana, श्वाना: Lefatshe la Botswana), अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है। 30 सितम्बर 1966 को ब्रिटेन की संयुक्त राजशाही से स्वतंत्रता मिलने से पूर्व इसे ब्रिटिश संरक्षित राज्य, बेचुआनालैंड के नाम से जाना जाता था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ब्रिटिश राष्ट्रमंडल के अंतर्गत इस देश ने एक नया नाम बोत्सवाना अपना लिया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यहाँ लगातार स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतांत्रिक चुनाव आयोजित किये जा रहे हैं। जिम्बाब्वे,अंगोला, जांबिया और दक्षिण अफ्रीका इसके पड़ोसी देश हैं। भौगोलिक दृष्टि से बोत्सवाना एक सपाट देश है और इसके लगभग 70% भाग में कालाहारी मरुस्थल फैला है। इसके दक्षिण और दक्षिणपश्चिम में दक्षिण अफ्रीका, पश्चिम और उत्तर में नामीबिया तथा उत्तरपूर्व में जिम्बाब्वे स्थित है। यह सिर्फ एक बिंदु पर जाम्बिया से मिलता है। यह एक छोटा सा देश है, जिसकी जनसंख्या सिर्फ 20 लाख है। स्वतंत्रता के समय यह अफ्रीका के कुछ सबसे गरीब देशों मे से एक था जिसका सकल घरेलू उत्पाद प्रति व्यक्ति मात्र 70 अमेरिकी डॉलर था, लेकिन तब से लेकर अब तक बोत्सवाना ने आर्थिक रूप से तरक्की की है और अब इसकी गिनती अफ्रीका के मध्यम आय वाले देशों में होने लगी है। इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की कुछ सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से है, जिसकी औसत वृद्धि दर 9% की है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के 2010 के अनुमान के अनुसार इसका सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति समता) प्रति व्यक्ति लगभग 14,800 अमेरिकी डॉलर के बराबर है। बड़े स्तर पर व्याप्त गरीबी, असमानता और निम्न मानव विकास सूचकांक के बावजूद बोत्सवाना ने, सुशासन और व्यापक आर्थिक वित्तीय प्रबंधन द्वारा समर्थित विकास के स्तरों पर प्रभावशाली रूप से तरक्की की है। सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत शिक्षा पर व्यय किए जाने से इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण शैक्षिक उपलब्धियों हासिल हुई हैं और देश में लगभग लगभग सभी के लिए मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया गया है, हालाँकि इस सबके बावजूद देश में पर्याप्त कौशल और कार्यबल का अभाव है। बेरोजगारी की दर भी लगातार 20 प्रतिशत के साथ उच्च स्तर पर बनी हुई है। शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू आय काफी कम है, हालाँकि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी की दर में गिरावट आई है, लेकिन अभी भी वो शहरी क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक है। सरकार की ओर से एचआईवी /एड्स की दवाओं की नि:शुल्क उपलब्धता के चलते एचआईवी/एड्स संक्रमण की दर में अभूतपूर्व कमी दर्ज की गयी है। हीरे और मांस बाजार पर बुरी तरह निर्भर देश की अर्थव्यवस्था में, विविधता लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। .

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बोले अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

अदिस अबाबा बोले अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र इथियोपिया के शहर अदिस अबाबा खा अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह विमानक्षेत्र बोले क्षेत्र में अदिस अबाबा शहर से नगर केन्द्र से दक्षिण-पूर्व दिशा में एवं डेब्रे-ज़ेविट से उत्तर में स्थित है। इसका पूर्व नाम हैल सेलासी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र था और यह देश की ध्वजवाहिका वायुसेवा इथियोपियन एयरलाइंस का प्रमुख हब है। यह वायुसेवा देश के गंतव्यों सहित अफ़्रीका के अनेक शहरों एवं एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमरीका को निर्बाध वायुसेवाएं प्रदान करती है। बोले अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र को कई वायुसेवाओं द्वारा अफ़्रीका के लिये प्रवेशद्वार के रूप में देखा गया है। अतः यह एस महाद्वीप के अन्य भागों को इथियोपियन एयरलाइंस के अफ़्रीकी नेटवर्क द्वारा जोड़ने वाला महत्त्वपूर्ण विमानक्षेत्र है। यह कई स्थानीय चार्टर उड़ानों के लिये हब का उद्देश्य भी हल करता है। यह अफ़्रीका महाद्वीप के कुछ गिने हुए विमानचालक प्रशिक्षण केन्द्रों में से एक है। बोले अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र अफ़्रीका के व्यस्ततम विमानक्षेत्रों में से एक है जहां की अंकित यात्री मात्रा २००९ में 3,497,847 थी। इस बढ़ते हुए यात्री ट्रैफ़िक के समय में बोले विमानक्षेत्र क्षेत्रफ़ल के अनुसार अफ़्रीका का तृतीय बड़ा विमानक्षेत्र है। कार्गो ट्रैफ़िक के अनुसार २००१ तक यह अफ़्रीका का तीसरा बड़ा विमानक्षेत्र था जहां 2,420,997 टन कार्गो का पंजीकरण हुआ था। यह विमानक्षेत्र एयरबस ए३८० अवतरण सक्षम है। .

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में यूरोपीय आगमन

१५०१ से १७३९ के बीच भारत में यूरोपीय बस्तियाँ भारत के सामुद्रिक रास्तों की खोज 15वीं सदी के अन्त में हुई जिसके बाद यूरोपीयों का भारत आना आरंभ हुआ। यद्यपि यूरोपीय लोग भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में सफल हुए पर इनमें से कइयों का मुख्य आकर्षण भारत ही था। सत्रहवीं शताब्दी के अंत तक यूरोपीय कई एशियाई स्थानों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके थे और अठारहवीं सदी के उत्तरार्ध में वे कई जगहों पर अधिकार भी कर लिए थे। किन्तु उन्नासवीं सदी में जाकर ही अंग्रेजों का भारत पर एकाधिकार हो पाया था। भारत की समृद्धि को देखकर पश्चिमी देशों में भारत के साथ व्यापार करने की इच्छा पहले से थी। यूरोपीय नाविकों द्वारा सामुद्रिक मार्गों का पता लगाना इन्हीं लालसाओं का परिणाम था। तेरहवीं सदी के आसपास मुसलमानों का अधिपत्य भूमध्य सागर और उसके पूरब के क्षेत्रों पर हो गया था और इस कारण यूरोपी देशों को भारतीय माल की आपूर्ति ठप्प पड़ गई। उस पर भी इटली के वेनिस नगर में चुंगी देना उनको रास नहीं आता था। कोलंबस भारत का पता लगाने अमरीका पहुँच गया और सन् 1487-88 में पेडरा द कोविल्हम नाम का एक पुर्तगाली नाविक पहली बार भारत के तट पर मालाबार पहुँचा। भारत पहुचने वालों में पुर्तगाली सबसे पहले थे इसके बाद डच आए और डचों ने पुर्तगालियों से कई लड़ाईयाँ लड़ीं। भारत के अलावा श्रीलंका में भी डचों ने पुर्तगालियों को खडेड़ दिया। पर डचों का मुख्य आकर्षण भारत न होकर दक्षिण पूर्व एशिया के देश थे। अतः उन्हें अंग्रेजों ने पराजित किया जो मुख्यतः भारत से अधिकार करना चाहते थे। आरंभ में तो इन यूरोपीय देशों का मुख्य काम व्यापार ही था पर भारत की राजनैतिक स्थिति को देखकर उन्होंने यहाँ साम्राज्यवादी और औपनिवेशिक नीतियाँ अपनानी आरंभ की। .

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भारत में कुपोषण

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में हर साल कुपोषण के कारण मरने वाले पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या दस लाख से भी ज्यादा है.

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भारत में कॉफी उत्पादन

भारत में कॉफी वन भारत में कॉफी बागान भारत में कॉफ़ी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में होता है। यहां कुल 8200 टन कॉफ़ी का उत्पादन होता है जिसमें से कर्नाटक राज्य में अधिकतम 53 प्रतिशत, केरल में 28 प्रतिशत और तमिलनाडु में 11 प्रतिशत उत्पादन होता है। भारतीय कॉफी दुनिया भर की सबसे अच्छी गुणवत्ता की कॉफ़ी मानी जाती है, क्योंकि इसे छाया में उगाया जाता है, इसके बजाय दुनिया भर के अन्य स्थानों में कॉफ़ी को सीधे सूर्य के प्रकाश में उगाया जाता है। भारत में लगभग 250000 लोग कॉफ़ी उगाते हैं; इनमें से 98 प्रतिशत छोटे उत्पादक हैं। 2009 में, भारत का कॉफ़ी उत्पादन दुनिया के कुल उत्पादन का केवल 4.5% था। भारत में उत्पादन की जाने वाली कॉफ़ी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा निर्यात कर दिया जाता है। निर्यात किये जाने वाले हिस्से का 70 प्रतिशत हिस्सा जर्मनी, रूस संघ, स्पेन, बेल्जियम, स्लोवेनिया, संयुक्त राज्य, जापान, ग्रीस, नीदरलैंड्स और फ्रांस को भेजा जाता है। इटली को कुल निर्यात का 29 प्रतिशत हिस्सा भेजा जाता है। अधिकांश निर्यात स्वेज़ नहर के माध्यम से किया जाता है। कॉफी भारत के तीन क्षेत्रों में उगाई जाती है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु दक्षिणी भारत के पारम्परिक कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्र हैं। इसके बाद देश के पूर्वी तट में उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के गैर पारम्परिक क्षेत्रों में नए कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्रों का विकास हुआ है। तीसरे क्षेत्र में उत्तर पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और आसाम के राज्य शामिल हैं, इन्हें भारत के "सात बन्धु राज्यों" के रूप में जाना जाता है। भारतीय कॉफी, जिसे अधिकतर दक्षिणी भारत में मानसूनी वर्षा में उगाया जाता है, को "भारतीय मानसून कॉफ़ी" भी कहा जाता है। इसके स्वाद "सर्वश्रेष्ठ भारतीय कॉफ़ी के रूप में परिभाषित किया जाता है, पेसिफिक हाउस का फ्लेवर इसकी विशेषता है, लेकिन यह एक साधारण और नीरस ब्रांड है।" कॉफ़ी की चार ज्ञात किस्में हैं अरेबिका, रोबस्टा, पहली किस्म जिसे 17 वीं शताब्दी में कर्नाटक के बाबा बुदान पहाड़ी क्षेत्र में शुरू किया गया, का विपणन कई सालों से केंट और S.795 ब्रांड नामों के तहत किया जाता है। .

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भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

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भारत के वैदेशिक सम्बन्ध

किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है। भारत की विदेश नीति भी इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहासिक विरासत के रूप में भारत की विदेश नीति आज उन अनेक तथ्यों को समेटे हुए है जो कभी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से उपजे थे। शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्ष पुराने उस चिन्तन का परिणाम है जिसे महात्मा बुद्ध व महात्मा गांधी जैसे विचारकों ने प्रस्तुत किया था। इसी तरह भारत की विदेश नीति में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध महान राष्ट्रीय आन्दोलन की उपज है। भारत के अधिकतर देशों के साथ औपचारिक राजनयिक सम्बन्ध हैं। जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक व्यवस्था वाला देश भी है और इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ रूसी राष्ट्रपति, 34वाँ जी-8 शिखर सम्मेलन प्राचीन काल में भी भारत के समस्त विश्व से व्यापारिक, सांस्कृतिक व धार्मिक सम्बन्ध रहे हैं। समय के साथ साथ भारत के कई भागों में कई अलग अलग राजा रहे, भारत का स्वरूप भी बदलता रहा किंतु वैश्विक तौर पर भारत के सम्बन्ध सदा बने रहे। सामरिक सम्बन्धों की बात की जाए तो भारत की विशेषता यही है कि वह कभी भी आक्रामक नहीं रहा। 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अधिकांश देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है। वैश्विक मंचों पर भारत सदा सक्रिय रहा है। 1990 के बाद आर्थिक तौर पर भी भारत ने विश्व को प्रभावित किया है। सामरिक तौर पर भारत ने अपनी शक्ति को बनाए रखा है और विश्व शान्ति में यथासंभव योगदान करता रहा है। पाकिस्तान व चीन के साथ भारत के संबंध कुछ तनावपूर्ण अवश्य हैं किन्तु रूस के साथ सामरिक संबंधों के अलावा, भारत का इजरायल और फ्रांस के साथ विस्तृत रक्षा संबंध है। भारत की विदेश नीति के निर्माण की अवस्था को निम्न प्रकार से समझा जा सकता हैः- .

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भारती एयरटेल

भारती एयरटेल, जिसे पहले भारती टेलीवंचर उद्यम लिमिटेड (BTVL) के नाम से जाना जाता था, अब भारत की दूरसंचार व्यवसाय आॅपरेटरों की सबसे बड़ी कंपनी है जिसके जुलाई २००८ तक ६९.४ करोड़ उपभोक्ता थे। यह फिक्स्ड लाइन सेवा तथा ब्रॉडबैंड सेवाएँ भी प्रदान करती हैं। यह अपनी दूरसंचार सेवाएँ एयरटेल के ब्रांड तले प्रदान करती है और इसका नेतृत्व सुनील मित्तल (Sunil Mittal) करते हैं। यह कंपनी १४ सर्किलों में डीएसएल पर टेलीफोन सेवा तथा इंटरनेट की पहुंच भी उपलब्ध कराती है। यह कंपनी लंबी दूरी वाली राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं के साथ अपने मोबाइल, ब्रॉडबैंड तथा टेलीफोन सेवाओं की पूरक सेवाएँ का कार्य करती है। कंपनी के पास चैन्नई में पनडुब्बी केबल लैंडिंग स्टेशन भी है जो चेन्नई और सिंगापुर को जोड़ने वाली पनडुब्बी केबल को जोड़ता है। कंपनी अपने कॉरपोरेट ग्राहकों को देश में फाइबर आप्टिक बैकबोन द्वारा अंत:दर अंत: आंकड़े तथा उद्यम सेवाएं प्रदान कराती है, इसके अलावा फिक्स्ड लाइन एवं मोबाइल सर्किलों, वीसेट, आईएसपी तथा गेटवे एवं लैंडिंग स्टेशनों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बैंडविड्थ की पहुँच हेतु अंतिम मील तक संबंध जोड़ने का कार्य करती है। एयरटेल भारत में भारती एयरटेल द्वारा संचालित दूरसंचार सेवाओं की एक ब्रांड है। भारत में ग्राहकों की संख्या की दृष्टि से एयरटेल सेल्यूलर सेवा की सबसे बड़ी कंपनी है। भारती एयरटेल के पास एयरटेल ब्रांड का स्वामित्व है और अपने ब्रांड नाम एयरटेल मोबाइल सर्विसेज के नाम से जीएसएम (GSM) प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध कराती है: ब्राडबैंड तथा दूरसंचार सेवाएं, स्थिर लाइन इंटरनेट कनेक्टीविटी (डीएसएल तथा बंधक लाइन), लंबी दूरी की सेवाएं एवं उद्यम सेवाएं (कॉरपोरेट के दूरसंचार परामर्श).

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भाषाई साम्राज्यवाद

भाषिक साम्राज्यवाद या भाषाई साम्राज्यवाद (Linguistic imperialism) उस स्थिति को कहते हैं जिसमें किसी सबल राष्ट्र की भाषा किसी निर्बल राष्ट्र की शिक्षा और शासन आदि विविध क्षेत्रों से देशी भाषा (ओं) का लोप कर देती है। इसके लिये घोषित या अघोषित रूप से एक ऐसी व्यवस्था उत्पन्न करके जड़ जमाने दी जाती है जिसमें उस विदेशी भाषा को ना बोलने और जानने वाले लोग दूसरे दर्जे के नागरिक के समान होने को विवश हो जाते हैं। .

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भाई परमानन्द

भाई परमानन्द का एक दुर्लभ चित्र भाई परमानन्द (जन्म: ४ नवम्बर १८७६ - मृत्यु: ८ दिसम्बर १९४७) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। भाई जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे जहाँ आर्यसमाज और वैदिक धर्म के अनन्य प्रचारक थे, वहीं इतिहासकार, साहित्यमनीषी और शिक्षाविद् के रूप में भी उन्होंने ख्याति अर्जित की थी। सरदार भगत सिंह, सुखदेव, पं॰ राम प्रसाद 'बिस्मिल', करतार सिंह सराबा जैसे असंख्य राष्ट्रभक्त युवक उनसे प्रेरणा प्राप्त कर बलि-पथ के राही बने थे। देशभक्ति, राजनीतिक दृढ़ता तथा स्वतन्त्र विचारक के रूप में भाई जी का नाम सदैव स्मरणीय रहेगा। आपने कठिन तथा संकटपूर्ण स्थितियों का डटकर सामना किया और कभी विचलित नहीं हुए। आपने हिंदी में भारत का इतिहास लिखा है। इतिहास-लेखन में आप राजाओं, युद्धों तथा महापुरुषों के जीवनवृत्तों को ही प्रधानता देने के पक्ष में न थे। आपका स्पष्ट मत था कि इतिहास में जाति की भावनाओं, इच्छाओं, आकांक्षाओं, संस्कृति एवं सभ्यता को भी महत्व दिया जाना चाहिए। आपने अपने जीवन के संस्मरण भी लिखे हैं जो युवकों के लिये आज भी प्रेरणा देने में सक्षम हैं। .

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भूमध्य सागर

भूमध्य सागर (Mediterranean sea) पृथ्वी का एक सागर है, जो उत्तरी अफ्रीका, यूरोप, अनातोलिया तथा मध्य पूर्व के बीच स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग २५ लाख वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के क्षेत्रफल का लगभग तीन-चौथाई है। प्राचीन काल में यूनान, अनातोलिया, कार्थेज, स्पेन, रोम, यरुशलम, अरब तथा मिस्र जैसे प्रदेशों तथा नगरों के बीच स्थित होने की वजह से इसे भूमध्य (धरती के बीच का) सागर कहते थे। यह अटलांटिक महासागर से जिब्राल्टर द्वारा जुड़ा है, जो केवल १४ किलोमीटर चौड़ा एक जलडमरूमध्य है। भूमध्य सागर का मानचित्र .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण

वैश्‍विक माध्‍य सतह का ताप 1961-1990 के सापेक्ष से भिन्‍न है 1995 से 2004 के दौरान औसत धरातलीय तापमान 1940 से 1980 तक के औसत तापमान से भिन्‍न है भूमंडलीय ऊष्मीकरण (या ग्‍लोबल वॉर्मिंग) का अर्थ पृथ्वी की निकटस्‍थ-सतह वायु और महासागर के औसत तापमान में 20वीं शताब्‍दी से हो रही वृद्धि और उसकी अनुमानित निरंतरता है। पृथ्‍वी की सतह के निकट विश्व की वायु के औसत तापमान में 2005 तक 100 वर्षों के दौरान 0.74 ± 0.18 °C (1.33 ± 0.32 °F) की वृद्धि हुई है। जलवायु परिवर्तन पर बैठे अंतर-सरकार पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि "२० वीं शताब्दी के मध्य से संसार के औसत तापमान में जो वृद्धि हुई है उसका मुख्य कारण मनुष्य द्वारा निर्मित ग्रीनहाउस गैसें हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, धरती के वातावरण के तापमान में लगातार हो रही विश्वव्यापी बढ़ोतरी को 'ग्लोबल वार्मिंग' कहा जा रहा है। हमारी धरती सूर्य की किरणों से उष्मा प्राप्त करती है। ये किरणें वायुमंडल से गुजरती हुईं धरती की सतह से टकराती हैं और फिर वहीं से परावर्तित होकर पुन: लौट जाती हैं। धरती का वायुमंडल कई गैसों से मिलकर बना है जिनमें कुछ ग्रीनहाउस गैसें भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश धरती के ऊपर एक प्रकार से एक प्राकृतिक आवरण बना लेती हैं जो लौटती किरणों के एक हिस्से को रोक लेता है और इस प्रकार धरती के वातावरण को गर्म बनाए रखता है। गौरतलब है कि मनुष्यों, प्राणियों और पौधों के जीवित रहने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्शियस तापमान आवश्यक होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैसों में बढ़ोतरी होने पर यह आवरण और भी सघन या मोटा होता जाता है। ऐसे में यह आवरण सूर्य की अधिक किरणों को रोकने लगता है और फिर यहीं से शुरू हो जाते हैं ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव। आईपीसीसी द्वारा दिये गये जलवायु परिवर्तन के मॉडल इंगित करते हैं कि धरातल का औसत ग्लोबल तापमान 21वीं शताब्दी के दौरान और अधिक बढ़ सकता है। सारे संसार के तापमान में होने वाली इस वृद्धि से समुद्र के स्तर में वृद्धि, चरम मौसम (extreme weather) में वृद्धि तथा वर्षा की मात्रा और रचना में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के अन्य प्रभावों में कृषि उपज में परिवर्तन, व्यापार मार्गों में संशोधन, ग्लेशियर का पीछे हटना, प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा आदि शामिल हैं। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव

extreme weather). (Third Assessment Report) इस के अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change)। इस भविष्यवाणी की प्रभावों के ग्लोबल वार्मिंग इस पर पर्यावरण (environment) और के लिए मानव जीवन (human life) कई हैं और विविध.यह आम तौर पर लंबे समय तक कारणों के लिए विशिष्ट प्राकृतिक घटनाएं विशेषता है, लेकिन मुश्किल है के कुछ प्रभावों का हाल जलवायु परिवर्तन (climate change) पहले से ही होने जा सकता है।Raising sea levels (Raising sea levels), glacier retreat (glacier retreat), Arctic shrinkage (Arctic shrinkage), and altered patterns of agriculture (agriculture) are cited as direct consequences, but predictions for secondary and regional effects include extreme weather (extreme weather) events, an expansion of tropical diseases (tropical diseases), changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems (changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems), and drastic economic impact (economic impact)। चिंताओं का नेतृत्व करने के लिए हैं राजनीतिक (political) सक्रियता प्रस्तावों की वकालत करने के लिए कम (mitigate), समाप्त (eliminate), या अनुकूलित (adapt) यह करने के लिए। 2007 चौथी मूल्यांकन रिपोर्ट (Fourth Assessment Report) के द्वारा अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change) (आईपीसीसी) ने उम्मीद प्रभावों का सार भी शामिल है। .

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भूगोल

पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .

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मझगांव दुर्ग

मझगाँव दुर्ग भारत के राज्य महाराष्ट्र में स्थित एक दुर्ग है जिसका निर्माण तत्कालीन बॉम्बे (वर्तमान मुम्बई) में १६८० में हुआ था। यह किला वर्तमान के यूसुफ बाप्तिस्ता गार्डन में, भंडारवाड़ा पहाड़ी पर डॉकयार्ड रोड रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित है। .

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मदेरा

मदेरा का ध्वज मदेरा अफ्रीका का एक देश है। यह पुर्तगाली क्षेत्र है। यहां का क्षेत्रफल 797 कि.मी.

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मध्य पूर्व

मध्य पूर्व का राजनीतिक नक्शा मध्य पूर्व (या पूर्व में ज्यादा प्रचलित पूर्व के करीब (Near East)) दक्षिण पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्वी यूरोप और उत्तरी पूर्वी अफ़्रीका में विस्तारित क्षेत्र है। इसकी कोई स्पष्ट सीमा रेखा नहीं है, अक्सर इस शब्द का प्रयोग पूर्व के पास (Near East) के एक पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता, ठीक सुदूर पूर्व (Far East) के विपरित। मध्य पूर्व शब्द का प्रचलन १९०० के आसपास के यूनाइटेड किंगडम में शुरू हुआ। .

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मध्य अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के मध्य भाग को मध्य अफ्रीका कहते हैं। इसमें अंगोलाबुरुंडीकैमरुनमध्य अफ़्रीकी गणराज्यचाडकांगो लोकतान्त्रिक गणराज्यईक्वीटोरियल गिनीगैबोनकांगो गणराज्यरवांडासाओ तोमे और प्रिन्सीप देश आते हैं। इनके विस्तृत ब्यौरे इस प्रकार से हैं। .

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मध्यकालीन भारत

मध्ययुगीन भारत, "प्राचीन भारत" और "आधुनिक भारत" के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की लंबी अवधि को दर्शाता है। अवधि की परिभाषाओं में व्यापक रूप से भिन्नता है, और आंशिक रूप से इस कारण से, कई इतिहासकार अब इस शब्द को प्रयोग करने से बचते है। अधिकतर प्रयोग होने वाले पहली परिभाषा में यूरोपीय मध्य युग कि तरह इस काल को छठी शताब्दी से लेकर सोलहवीं शताब्दी तक माना जाता है। इसे दो अवधियों में विभाजित किया जा सकता है: 'प्रारंभिक मध्ययुगीन काल' 6वीं से लेकर 13वीं शताब्दी तक और 'गत मध्यकालीन काल' जो 13वीं से 16वीं शताब्दी तक चली, और 1526 में मुगल साम्राज्य की शुरुआत के साथ समाप्त हो गई। 16वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक चले मुगल काल को अक्सर "प्रारंभिक आधुनिक काल" के रूप में जाना जाता है, लेकिन कभी-कभी इसे "गत मध्ययुगीन" काल में भी शामिल कर लिया जाता है। एक वैकल्पिक परिभाषा में, जिसे हाल के लेखकों के प्रयोग में देखा जा सकता है, मध्यकालीन काल की शुरुआत को आगे बढ़ा कर 10वीं या 12वीं सदी बताया जाता है। और इस काल के अंत को 18वीं शताब्दी तक धकेल दिया गया है, अत: इस अवधि को प्रभावी रूप से मुस्लिम वर्चस्व (उत्तर भारत) से ब्रिटिश भारत की शुरुआत के बीच का माना जा सकता है। अत: 8वीं शताब्दी से 11वीं शताब्दी के अवधि को "प्रारंभिक मध्ययुगीन काल" कहा जायेगा। .

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मन्दारा पहाड़ियाँ

मन्दारा पहाड़ियाँ (Mandara Mountains) पश्चिम अफ़्रीका में एक ज्वालामुखी पहाड़ों की पर्वतमाला है जो २०० किमी तक नाइजीरिया व कैमरून की अंतरराष्ट्रीय सीमा के उत्तरी भाग में फैली हुई है। इनका विस्तार दक्षिण में बेनुए नदी से लेकर उत्तर में कैमरून के मारुआ शहर तक है। .

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मबिनी नदी

मबिनी नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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मबैब्ने

मबैब्ने अफ्रीका के स्वाज़ीलैंड देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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मरवान द्वितीय

मरवान इब्न मुहम्मद इब्न मरवान; या मरवान द्वितीय, (Marwan ibn Muhammad ibn Marwan or Marwan II), एक उमय्यद खलीफा थे जिन्होने 744 से 750 ईस्वी तक शासन किया थे और दमिश्क में उमय्यद खिलाफत के अन्तिम खलीफा। इनकी मृत्यु के बाद अब्बासी क्रांति शुरू हुई जो दमिश्क से उमय्यदो के पतन का मूल कारण बनी जिसके बाद उमय्यदो का साम्राज्य अफ्रीका और अंडालुस (वर्तमान स्पेन) तक सीमित रह गया और दमिश्क तथा शाम क्षेत्र में अब्बासियो ने अब्बासी ख़िलाफ़त की स्थापना की थी। .

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मरुस्थल

अटाकामा मरुस्थल मरुस्थल या रेगिस्तान ऐसे भौगोलिक क्षेत्रों को कहा जाता है जहां जलपात (वर्षा तथा हिमपात का योग) अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा काफी कम होती है। प्रायः (गलती से) रेतीले रेगिस्तानी मैदानों को मरुस्थल कहा जाता है जोकि गलत है। यह बात और है कि भारत में सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र (थार) एक रेतीला मैदान है। मरूस्थल (कम वर्षा वाला क्षेत्र) का रेतीला होना आवश्यक नहीं। मरुस्थल का गर्म होना भी आवश्यक नहीं है। अंटार्कटिक, जोकि बर्फ से ढका प्रदेश है, विश्व का सबसे बड़ा मरुस्थल है ! विश्व के अन्य देशों में कई ऐसे मरुस्थल हैं जो रेतीले नहीं है। .

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मरुस्थलीकरण

चिली के नोर्टे चिको में बकरी पालन आम है, लेकिन यह गंभीर कटाव और मरुस्थलीकरण पैदा करता है। लिमारी नदी की ऊपरी छवि मरुस्थलीकरण ज़मीन का क्षरण है, जो शुष्क और अर्द्ध-नम क्षेत्रों में विभिन्न कारकों की वजह से होता है: जिनमें विविध जलवायु और मानवीय गतिविधियांनिक मिडेलटन और डेविड थॉमस, वर्ल्ड एटलस ऑफ़ डिसर्टिफिकेशन: द्वितीय संस्करण, 1997 भी शामिल है। मरुस्थलीकरण मुख्यतः मानव निर्मित गतिविधियों के परिणाम स्वरूप होता है: विशेष तौर पर ऐसा अधिक चराई, भूमिगत जल के अत्यधिक इस्तेमाल और मानवीय एवं औद्योगिक कार्यों के लिए नदियों के जल का रास्ता बदलने की वजह से है और यह सारी प्रक्रियाएं मूलतः अधिक आबादी की वजह से संचालित होती हैं। मरुस्थलीकरण का सबसे गहरा प्रभाव है जैव विविधता और उत्पादक क्षमता में कमी, उदाहरण के लिए संक्रमण से झाड़ियों से भरे ज़मीनों के गैर देशीय चरागाह में तब्दील होना.

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मर्सिडीज़ बेन्ज़

मर्सिडीज़ कंपनी का चिह्न मर्सिडीज बेंज जर्मन निर्माता डेमलर एजी की एक बहुराष्ट्रीय इकाई है और यह ब्रांड ऑटोमोबाइल, बसों, कोच और ट्रकों के लिए मशहूर है। मर्सिडीज बेंज का मुख्यालय स्टटगार्ट, Baden-Württemberg, जर्मनी में है। मर्सिडीज-बेंज अपनी उत्पत्ति डेमलर-मोटर्स-गसेल्स्काफ्ट की 1 9 01 मर्सिडीज और कार्ल बेंज के 1886 बेंज पेटेंट-मोटरवागन को दर्शाती है, जिसे व्यापक रूप से पहली गैसोलीन-संचालित ऑटोमोबाइल माना जाता है। ब्रांड का नारा "सबसे अच्छा या कुछ नहीं" है .

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मलावी

मलावी गणराज्य दक्षिणपूर्व अफ्रीका में स्थित एक लैंडलॉक देश है। इसे पूर्व में 'न्यासालैंड' (Nyasaland) कहा जाता था। यह अफ्रीका की तृतीय सबसे बड़ी झील मलावी (निऐसा) के दक्षिणी तथा पश्चिमी किनारे के साथ साथ जैंबीजी नदी तक फैला हुआ है। इसकी संपूर्ण लंबाई २,५०० मील तथा चौड़ाई ५० से १३० मील है। संपूर्ण राष्ट्र तीन प्रांतों में विभक्त है। इसके उत्तरपश्चिम में तंजानिया और पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में मोजाम्बिक स्थित है। मलावी झील इस देश की सीमा तंजानिया और मोजाम्बिक से निर्धारित करती है। देश का कुल क्षेत्रफल 118,000 वर्ग किमी है, जहां 13,900,000 से ज्यादा लोग निवास करते हैं। इसकी राजधानी लिलोंग्वा और सबसे बड़ा शहर ब्लांतायर है। मलावी नाम क्षेत्र में रहने वाले न्यांजा लोगों के पुराने नाम 'मारावी' से पड़ा है। अंग्रेज़ी प्रमुख भाषा है परंतु निएंजा भाषा उन्नति कर रही है। मलावी दुनिया के सबसे निर्धन और सबसे सघन बसे देशों में शुमार किया जाता है। अर्थव्यवस्था ग्रामीण इलाकों में रहने वाली जनता के सहारे कृषि पर पूरी तरह से निर्भर है। मलावी सरकार विकास के लिए बहुत हद तक बाहरी मदद पर निर्भर है, हालांकि वर्ष 2000 के बाद से इस पर कमी आई है। मलावी सरकार के सामने अर्थव्यवस्था के विकास, शिक्षा में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य, पर्यावरण सुरक्षा और आर्थिक रूप से सक्षम बनने जैसी कई समस्याएं खड़ी हैं। वर्ष 2005 के बाद से इन बिन्दुओं की ओर ध्यान देने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसके परिणाम भी नजर आने लगे हैं। मलावी की जलवायु उष्णकटिबंधीय है। चीनी तथा गेहूँ को छोड़कर अन्य सभी खाद्यानों का उत्पादन यहाँ होता है। तंबाकू यहाँ की प्रधान कृषि उपज है। इसके साथ ही चाय, कपास आदि भी न्यूनाधिक मात्रा में पैदा की जाती है। सन् १९६४ में स्वतंत्रताप्राप्ति के बाद से कृषि की उन्नति पर काफी जोर दिया जा रहा है, परंतु संपूर्ण राष्ट्र के पहाड़ी एवं पठारी होने के कारण कृषियोग्य भूमि की कमी है। यहाँ के पर्वतों की ऊँचाई १,५०० फुट एवं १०,००० फुट के मध्य है। यहाँ से निर्यात की जानेवाली सामग्री में तंबाकू एवं कपास का स्थान प्रथम है। संपूर्ण राष्ट्र एक रेलमार्ग द्वारा विभक्त है। इस रेलमार्ग के अलावा यहाँ पर्याप्त पक्की सड़कें भी हैं। हवाई मार्ग की भी सेवाएँ अफ्रीका के विभिन्न भागों में सुलभ हैं। .

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मलावी झील

मलावी झील (अंग्रेज़ी: Lake Malawi) या न्यासा झील (अंग्रेज़ी: Lake Nyasa) महान अफ़्रीकी झीलों में से एक है और पूर्वी अफ़्रीकी दरार की दक्षिणतम झील है। यह मलावी, मोज़ाम्बीक और तान्ज़ानिया के बीच स्थित है। यह अफ़्रीका की तीसरी सबसे बड़ी और दूसरी सबसे गहरी झील है। यह पूरे विश्व की नौवीं सबसे बड़ी झील है। कुछ स्रोतों के अनुसार इस झील में दुनिया की किसी भी अन्य झील से ज़्यादा मछलियों की जातियाँ रहती हैं। यहाँ १,००० से अधिक तो सिर्फ़ सिक्लिडों की ही जातियाँ रहती है। १० जून २०११ को मोज़ाम्बीक ने इसे संरक्षित क्षेत्र धोषित कर दिया।, Jean-Pierre Chrétien, Mit Press, 2006, ISBN 9781890951351 .

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मलिक काफूर

मलिक काफूर (१३१६ में निधन), जिसे ताज अल-दिन इज्ज अल-द्वा के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली सल्तनत शासक अलाउद्दीन खिलजी के एक प्रमुख अनौपचारिक दास/गुलाम-जनरल था। इसे अलाउद्दीन के जनरल नुसरत खान द्वारा गुजरात १२९९ के आक्रमण के दौरान लाया गया। अलाउद्दीन की सेना के कमांडर के रूप में, काफुर ने १३०६ में मंगोल आक्रमणकारियों को हराया था। इसके बाद, इन्होंने यादव (१३०८), काकतीय (१३१०), होसैलस (१३११) और पांड्या (१३११) के खिलाफ भारत के दक्षिणी भाग में एक अभियान की श्रृंखला का नेतृत्व किया था। इन अभियानों के दौरान, इन्होंने दिल्ली सल्तनत के लिए बड़ी संख्या में खजाने, हाथी और घोड़े प्राप्त किए थे। १३१३-१३१५ के दौरान, काफूर देवगिरी के अलाउद्दीन के गवर्नर के रूप में कार्यरत थे। १३१५ में जब अलाउद्दीन गंभीर रूप से बीमार हो गए, तब उन्हें दिल्ली वापस बुला लिया गया और उन्हें नाइब (वायसरॉय) के रूप में रखा गया। अलाउद्दीन की मृत्यु के बाद, उन्होंने अलाउद्दीन के बेटे शिहाबुद्दीन ओमार की सत्ता को हड़पने की कोशिश की। इसके बाद ये गद्दी पर बैठ गए और उनकी सत्ता लगभग एक महीने तक चली, और बाद में अलाउद्दीन के पूर्व अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी। तत्पश्चात अलाउद्दीन के बड़े बेटे, मुबारक शाह शासक के रूप में सफल हुए, हालांकि बाद में सत्ता का त्याग कर दिया। .

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मलेरिया

मलेरिया या दुर्वात एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है। प्रत्येक वर्ष यह ५१.५ करोड़ लोगों को प्रभावित करता है तथा १० से ३० लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है जिनमें से अधिकतर उप-सहारा अफ्रीका के युवा बच्चे होते हैं। मलेरिया को आमतौर पर गरीबी से जोड़ कर देखा जाता है किंतु यह खुद अपने आप में गरीबी का कारण है तथा आर्थिक विकास का प्रमुख अवरोधक है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियंत्रण किया जा सकता है। मलेरिया की रोकथाम के लिये यद्यपि टीके/वैक्सीन पर शोध जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपलब्ध नहीं हो सका है। मलेरिया से बचने के लिए निरोधक दवाएं लम्बे समय तक लेनी पडती हैं और इतनी महंगी होती हैं कि मलेरिया प्रभावित लोगों की पहुँच से अक्सर बाहर होती है। मलेरिया प्रभावी इलाके के ज्यादातर वयस्क लोगों मे बार-बार मलेरिया होने की प्रवृत्ति होती है साथ ही उनमें इस के विरूद्ध आंशिक प्रतिरोधक क्षमता भी आ जाती है, किंतु यह प्रतिरोधक क्षमता उस समय कम हो जाती है जब वे ऐसे क्षेत्र मे चले जाते है जो मलेरिया से प्रभावित नहीं हो। यदि वे प्रभावित क्षेत्र मे वापस लौटते हैं तो उन्हे फिर से पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। .

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मसेरू

मसेरू अफ्रीका के लेसोथो देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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महाद्वीप

महाद्वीपों को समाहित या विभाजित किया जा सकता है, उदाहरणतः यूरेशिया को प्रायः यूरोप तथा एशिया में विभाजित किया जाता है लाल रंग में। बक्मिन्स्टर फुलर द्वारा डायमैक्सियम नक्शा जो दर्शित करता है भूमिखण्ड कम से कम विरूपण समेत, एक एक लगातार महाद्वीप में बंटे हुए विश्व के महाद्वीप महाद्वीप (en:Continent) एक विस्तृत ज़मीन का फैलाव है जो पृथ्वी पर समुद्र से अलग दिखाई देतै हैं। महाद्वीप को व्यक्त करने के कोई स्पष्ट मापदण्ड नहीं है। अलग-अलग सभ्यताओं और वैज्ञानिकों नें महाद्वीप की अलग परिभाषा दी है। पर आम राय ये है कि एक महाद्वीप धरती बहुत बड़ा का विस्तृत क्षेत्र होता है जिसकी सीमाएं स्पष्ट पहचानी जा सके.

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महाद्वीपीय विस्थापन

करोड़ों वर्षों तक चल रहे महाद्वीपीय प्रवाह से अंध महासागर खुलकर विस्तृत हो गया महाद्वीपीय विस्थापन (Continental drift) पृथ्वी के महाद्वीपों के एक-दूसरे के सम्बन्ध में हिलने को कहते हैं। यदि करोड़ों वर्षों के भौगोलिक युगों में देखा जाए तो प्रतीत होता है कि महाद्वीप और उनके अंश समुद्र के फ़र्श पर टिके हुए हैं और किसी-न-किसी दिशा में बह रहे हैं। महाद्वीपों के बहने की अवधारणा सबसे पहले १५९६ में डच वैज्ञानिक अब्राहम ओरटेलियस​ ने प्रकट की थी लेकिन १९१२ में जर्मन भूवैज्ञानिक ऐल्फ़्रेड वेगेनर​ ने स्वतन्त्र अध्ययन से इसका विकसित रूप प्रस्तुत किया। आगे चलकर प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धांत विकसित हुआ जो महाद्वीपों की चाल को महाद्वीपीय प्रवाह से अधिक अच्छी तरह समझा पाया।, Wallace Gary Ernst, pp.

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महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध (द्वितीय विश्वयुद्ध)

महान् देशभक्तिपूर्ण युद्ध का प्रचारपत्र "'''मातृभूमि बुला रही है'''" हिटलर वालों का जलूस सोवियत संघ का महान् देशभक्तिपूर्ण युद्ध (रूसी: Великая Отечественная Война - वेलीकया ओतेचेस्त्वेन्नया वोय्ना) - या द्वितीय विश्वयुद्ध, जो सोवियत जनता के लिए 1941-1945 वर्षों में विशेष रूप से अपने देश के अस्तितव की रक्षा को लेकर सब से बड़ी घटना के रूप में दुनिया के इतिहास में जाना जाता है। इस युद्ध में दो करोड़ अस्सी लाख से ज़्यादा सोवियत निवासी मारे गए। .

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महान घाट, दक्षिणी अफ़्रीका

दक्षिणी अफ़्रीकी महान घाट एक बड़े पठार को घेरने वाले पहाड़ व ढलाने हैं महान घाट (Great Escarpment) अफ़्रीका के दक्षिणी भाग में स्थित दक्षिण अफ़्रीकी पठार के अधिकांश भाग को घेरने वाला एक पहाड़ी घाट है। जिस तरह से भारत के पश्चिमी घाट भारत के दक्षिण-मध्य में स्थित दक्खन पठार के पश्चिमी छोर पर स्थित घाट है, उसी तरह से दक्षिणी अफ़्रीकी महान घाट भी एक ऐसी ही स्थलाकृति है। महान घाट की पहाड़ियाँ अधिकतर तो दक्षिण अफ़्रीका के देश में हैं लेकिन कुछ लेसूतू (लेसोथो), स्वाज़ीलैण्ड, मोज़ाम्बीक, नमीबिया, ज़िम्बाब्वे व अंगोला में भी हैं। इन्हें अलग देशों में अलग नामों से जाना जाता है। दक्षिण अफ़्रीका में इन्हें द्राखेन्सबर्ग के नाम से बुलाया जाता है। .

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महान अफ़्रीकी झीलें

महान अफ़्रीकी झीलें (अंग्रेज़ी: African Great Lakes) अफ़्रीका में पूर्वी अफ़्रीकी दरार के क्षेत्र में स्थित बड़े आकार की झीलों की एक शृंखला है। इनमें विक्टोरिया झील (सतही क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील) और तांगान्यीका झील (घनफल व गहराई के अनुसार विश्व की दूसरी सबसे बड़ी झील) शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ी से सबसे छोटी झीलें इस प्रकार मानी जाती हैं.

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महाअमेरिका

महाअमेरिका या अमेरिका उत्तर और दक्षिण अमेरिका संयुक रूप से कहा जाता है। महाअमेरिका में पृथ्वी के कुल भूभाग का २८.४ % (या कुल सतह का ८.३%) आता है और कुल जनसंख्या का १३.५% (या लगभग ९० करोड़)। अमेरिका को नई दुनिया के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि १५ वीं सदी में ही इन महाद्वीपों की खोज यूरोपियनों द्वारा की गई थी। हालांकि इससे पहले यह क्षेत्र वाइकिंग और इनूइट लोगों और स्थानिय लोगों को ज्ञात था। "अमेरिका" शब्द को हिन्दी और अन्य बहुत सी भाषाओं में अधिकांशतः संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो तकनीकी रूप से सही नहीं है क्योंकि अमेरिका शब्द यूरोप के लोगों द्वारा इस पूरी नई दुनिया के लिए प्रयुक्त किया गया था नाकि वर्तमान संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए। .

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महिंद्रा एक्स

महिंद्रा एक्स एक एएम जनरल हाई मोबिलिटी मल्टीपरपस व्हील्ड व्हीकल (HMMWV) प्रकार का एक वाहन है जिसे महिंद्रा एंड महिंद्रा के द्वारा बनाया गया है। महिंद्रा एक्स को भारतीय सेना के विनिर्देशनों को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया जा रहा है; भारतीय सेना वर्तमान महिंद्रा जीप व्युत्पन्नों का स्थान लेने के लिए इसका मूल्यांकन कर रही है। सेना परीक्षण के लिए दो प्रोटोटाइप विकसित किये गए हैं और उम्मीद की जाती है कि ये दोनों ही खुले और मजबूत-शीर्ष श्रेणी के संस्करण होंगे. .

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मातृवंश समूह ऍल१

मध्य अफ़्रीका की पिग्मी जनजातियों के स्त्री ओर पुरुष अक्सर मातृवंश समूह ऍल१ के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ऍल१ या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L1 एक अत्यंत प्राचीनतम मातृवंश समूह है। इस मातृवंश समूह के सदस्य व्यक्ति (स्त्री ओर पुरुष दोनों) ज़्यादातर मध्य ओर पश्चिम अफ़्रीका में पाए जाते हैं। इस इलाक़े की पिग्मी जनजाति की अम्बेंगा शाखा के लोगों में यह मातृवंश सब से अधिक मिलता है। अनुमान है के जिस नारी से यह मातृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग १५०,००० से १७०,००० वर्ष पहले पूर्वी अफ़्रीका में रहती थी। .

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मातृवंश समूह ऍल२

उत्तर-मध्य अफ़्रीका के चाड देश के लोग अक्सर मातृवंश समूह ऍल२ के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ऍल२ या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L2 एक मातृवंश समूह है। इस मातृवंश की उपशाखाएँ अफ़्रीका के पश्चिमी, उत्तरी ओर पूर्वी हिस्सों में कई स्थानों पर ओर कई समुदायों में मिलती हैं। चाड देश के लगभग ३८% लोग इसके वंशज हैं, लेकिन यह बहुत से और देशों में भी मिलता है। अनुमान है के जिस नारी से यह मातृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ६८,१०० से १११,१०० वर्ष पहले जीवित थी। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है के वह पूर्वी अफ़्रीका की निवासी थी, लेकिन इस को लेकर वैज्ञानिकों में काफ़ी आपसी मतभेद है। .

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मातृवंश समूह ऍल४

तानज़ानिया के हदज़ा समुदाय के ६०-८३% लोग मातृवंश समूह ऍल४ के वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ऍल४ या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L4 एक मातृवंश समूह है। इस मातृवंश समूह के सदस्य स्त्रियों और पुरुषों की तादाद ज़्यादा नहीं है, लेकिन वे पूर्वी अफ़्रीका और अफ़्रीका के सींग के कई समुदायों में मिलते हैं। तंज़ानिया के हदज़ा समुदाय के ६०-८३% लोग और संदावे समुदाय के ४८% लोग इसके वंशज हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक़ आज से हज़ारों साल पहले जिस स्त्री से इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह पूर्वी अफ़्रीका की वासी थी। .

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मातृवंश समूह ऍल५

मध्य अफ़्रीका की पिग्मी जनजातियों के कुछ स्त्री ओर पुरुष मातृवंश समूह ऍल५ के वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ऍल५ या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L5 एक मातृवंश समूह है। इस मातृवंश समूह के सदस्य स्त्रियों और पुरुषों की तादाद ज़्यादा नहीं है, लेकिन वे पूर्वी और मध्य अफ़्रीका के कुछ समुदायों में मिलते हैं। पिग्मी जनजाति की अम्बूटी शाखा के १५% लोग इसके वंशज हैं और तंज़ानिया के संदावे समुदाय के में भी कम तादाद में इसके वंशज मिलते हैं। अफ़्रीका से बाहर बहुत कम तादाद में इसके वंशज साउदी अरब में भी पाए गए हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक़ जिस स्त्री से इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह पूर्वी अफ़्रीका में आज से लगभग ११४,२०० से १२६,२०० साल पहले रहती थी। .

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मानचित्रण का इतिहास

मानचित्र निर्माण की विद्या अति प्राचीन है। मार्शल द्वीपवासी ताड़ के डंठलों एवं कौड़िओं की सहायता से समुद्र संतरण के मार्गों तथा द्वीपों को दिखाने के लिए चार्ट तैयार करते थे। एस्किमो, अमरीका के रेड इंडियन आदि भी नदियों, वनों, मंदिरों तथा बस्तियों, शिकार के रास्तों आदि का उल्लेख भौगोलिक शुद्धता के साथ रेखाचित्र पर कर लेते थे। इसी प्रकार एशिया तथा अफ्रीका के आदिवासियों तथा अन्य जातियों में भी मानचित्र बनाने के अनेक उदाहरण मिलते हैं। .

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मानिएमा प्रान्त

मानिएमा प्रान्त (फ़्रान्सीसी व अंग्रेज़ी: Maniema) अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के मध्य हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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मानव का विकास

चार्ल्स डार्विन की "ओरिजिन ऑव स्पीशीज़" नामक पुस्तक के पूर्व साधारण धारणा यह थी कि सभी जीवधारियों को किसी दैवी शक्ति (ईश्वर) ने उत्पन्न किया है तथा उनकी संख्या, रूप और आकृति सदा से ही निश्चित रही है। परंतु उक्त पुस्तक के प्रकाशन (सन् 1859) के पश्चात् विकासवाद ने इस धारणा का स्थान ग्रहण कर लिया और फिर अन्य जंतुओं की भाँति मनुष्य के लिये भी यह प्रश्न साधारणतया पूछा जाने लगा कि उसका विकास कब और किस जंतु अथवा जंतुसमूह से हुआ। इस प्रश्न का उत्तर भी डार्विन ने अपनी दूसरी पुस्तक "डिसेंट ऑव मैन" (सन् 1871) द्वारा देने की चेष्टा करते हुए बताया कि केवल वानर (विशेषकर मानवाकार) ही मनुष्य के पूर्वजों के समीप आ सकते हैं। दुर्भाग्यवश धार्मिक प्रवृत्तियोंवाले लोगों ने डार्विन के उक्त कथन का त्रुटिपुर्ण अर्थ (कि वानर स्वयं ही मानव का पूर्वज है) लगाकर, न केवल उसका विरोध किया वरन् जनसाधारण में बंदरों को ही मनुष्य का पूर्वज होने की धारणा को प्रचलित कर दिया, जो आज भी अपना स्थान बनाए हुए है। यद्यपि डार्विन मनुष्य विकास के प्रश्न का समाधान न कर सके, तथापि इन्होंने दो गूढ़ तथ्यों की ओर प्राणिविज्ञानियों का ध्यान आकर्षित किया: (1) मानवाकार कपि ही मनुष्य के पूर्वजों के संबंधी हो सकते हैं और (2) मानवाकार कपियों तथा मनुष्य के विकास के बीच में एक बड़ी खाईं है, जिसे लुप्त जीवाश्मों (fossils) की खोज कर के ही कम किया जा सकता है। यह प्रशंसनीय है कि डार्विन के समय में मनुष्य के समान एक भी जीवाश्म उपलब्ध न होते हुए भी, उसने भूगर्भ में छिपे ऐसे अवशेषों की उपस्थिति की भविष्यवाणी की जो सत्य सिद्ध हुई। अभी तक की खोज के अनुसार होमो सेपियन्स का उद्धव 2 लाख साल पहले पूर्वी अफ्रीका का माना जाता रहा है, लेकिन नई खोज के मुताबिक 3 लाख साल पहले ही होमो सेपिन्यस के उत्तर अफ्रीका में विकास के सबूत मौजूद है। .

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मानीया नदी

मानीया नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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मापुटो

मापुटो अफ्रीका के मोज़ाम्बीक देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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मापुटो नदी

मापुटो नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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माम्बा

माम्बा (Mamba) तीव्रता से हिलने-चलने वाले विषैले सर्पों का एक जीववैज्ञानिक वंश है जिसमें अफ़्रीका में रहने वाली चार जीववैज्ञानिक जातियाँ शामिल हैं। यह साँप बहुत ही ज़हरीले होते हैं और काले माम्बा को छोड़कर अन्य तीन अक्सर पेड़ो पर पाये जाते हैं। सभी दिन के समय अग्रसर रहते हैं और चूहों, पक्षियों, छिपकलियों को अपना ग्रास बनाते हैं। अफ़्रीका में इन सर्पों से सावधानी बर्तने की सीख दी जाती है क्योंकि यह बहुत ही शीघ्रता से उत्तेजित हो जाते हैं और फिर अत्यंत तेज़ी से वार भी कर सकते हैं। फिर भी वैज्ञानिकों का कहना है कि माम्बा जब भी सम्भव हो मनुष्यों से भिड़ने की बजाय भाग निकलने की कोशिश करते हैं। औपचारिक रूप से माम्बाओं के जीववैज्ञानिक वंश को डेन्ड्रोऐस्पिस (Dendroaspis) कहते हैं। .

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मामोद्ज़ोउ

मामोद्ज़ोउ अफ्रीका के मायोट्ट देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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मायोत

मायोत (फ़्रान्सीसी: Mayotte; मालागासी: Mahori, माहोरी) हिन्द महासागर के दक्षिणी भाग में अफ़्रीका की मुख्यभूमि के पास स्थित एक छोटा-सा द्वीपों का गुट है। प्रशासनिक दृष्टि से यह फ़्रान्स का हिस्सा है और उस देश की प्रशासन-प्रणाली में "समुद्र-पार विभाग" का दर्जा रखता है। .

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मारा नदी

मारा नदी अफ्रीका महाद्वीप की कीनिया और तंज़ानिया की एक प्रमुख नदी हैं। .

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मार्च २३ अभियान

मार्च २३ अभियान (Mouvement du 23-Mars), जिसे ऍम२३ (M23) और कांगोई क्रान्तिकारी सेना (Congolese Revolutionary Army) के नाम से भी जाना जाता है, अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पूर्वी भागों में सक्रीय एक विद्रोही सैनिक संगठन है। यह विशेषकर उत्तर कीवू प्रान्त में गतिविधियाँ करता है। वर्तमान में यह कांगो की केन्द्रीय सरकार के विरुद्ध लड़ रहा है और इन मुठभेड़ों की वजह से बहुत से स्थानीय नागरिक अपने घरों से विस्थापित हुए हैं। २० नवम्बर २०१२ को ऍम२३ ने उत्तर कीवू की राजधानी गोमा पर क़ब्ज़ा कर लिया था, जो १० लाख से अधिक की आबादी रखता है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसका नियंत्रण खो बैठा।, Human Rights Watch, pp.

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मालाबो

मालाबो अफ्रीका के इक्वेटोरियल गिनी देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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मालागासी भाषा

मालागासी कभी अरबी लिपि के एक रूप में लिखी जाती थी मलगासी (Malagasy) माडागास्कर देश की भाषा है। यह ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की सदस्या है और इसका अफ़्रीका की अन्य भाषाओं से कोई सम्बन्ध नहीं है। माडागास्कर की अधिकांश जनता, जो मालागासी समुदाय का भाग है, इसे पहली भाषा के रूप में प्रयुक्त करती है, वहीं दुनिया के दूसरे कोनों में रहने वाले मालागासी प्रवासी भी इस भाषा को बोलचाल में इस्तेमाल करते हैं। माडागास्कर की लगभग पूरी आबादी, यानि क़रीब १.५ करोड़ लोग, मालागासी को अपनी मातृभाषा के रूप में प्रयोग करते हैं।, Kenneth Katzner, pp.

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मालागासी लोग

मालागासी (Malagasy) दक्षिणपूर्वी अफ़्रीका की मुख्यभूमि से कुछ दूर हिन्द महासागर में स्थित माडागास्कर द्वीप-राष्ट्र की मुख्य मानव जाति का नाम है। यह लोग अधिकतर मालागासी भाषा बोलते हैं और माडागास्कर देश के लगभग सभी लोग इस समुदाय के सदस्य हैं। हालांकि माडागास्कर अफ़्रीका के इतना पास स्थित है, मालागासी लोगों के मूल पूर्वज प्राचीनकाल में नौकाओं द्वारा हिन्द महासागर के पार स्थित इंडोनीशिया व मलेशिया के बोर्नियो द्वीप के क्षेत्र से आये थे। इसके उपरांत पूर्वी अफ़्रीका से भी कुछ लोग आकर इनमें मिल गये और आधुनिक मालागासी जाति इसी मिश्रण से बनी है। .

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माज़ा

माज़ा (अंग्रेजी: Maaza, बंगाली: মাজ়া) एक कोका-कोला का एक उत्पाद है जो मध्य पूर्व अफ्रीका, पूर्वी यूरोप तथा एशिया में बहुत लोकप्रिय है। इसे पहली बार 1977 में बनाया गया था। माज़ा ने अनानास तथा नारंगी के ब्रांच भी खोले लेकिन इतने कामयाब नहीं हो सके। .

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माउण्ट कैमरून

कैमरून (Mount Cameroon) एक प्रमुख ज्वालामुखी पर्वत हैं। कैमरून (पर्वत) पश्चिमी अफ्रीका के कैमरून प्रदेश के उत्तर और उत्तरपश्चिमी छोर पर कटावपूर्ण (Broken structure) विषम धरातलीय चाप की तरह फैली पर्वतश्रेणी के पश्चिमी छोर पर स्थित है। इसका पदतलीय आधार लगभग १८०० वर्ग किलोमीटर है। इसके दो प्रमुख शिखर हैं - बड़ा कैमरून (१३,३७० फुट), जिसमें अनेक ज्वालामुखी विवर (Craters) हैं और छोटा कैमरून (५,८२० फुट), जिसकी ढाल सर्वथा वनाच्छादित है। यह पर्वतक्षेत्र संसार के सर्वाधिक वर्षावाले (औसत ४०० - ५४० इंच वार्षिक) क्षेत्रों में है। पर्वत के ठीक दक्षिण ३० किमी चौड़ी कैमरून इस्चुअरी या खाड़ी है जिसमें मुंगों तथा बुरी (Wuri) नदियाँ बहती हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख ज्वालामुखी श्रेणी:कैमरून के पर्वत.

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मिस्र

मिस्र (अरबी; مصر, अंग्रेजी:Egypt), आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य, एक देश है जिसका अधिकांश हालांकि उत्तरी अफ्रीका में स्थित है जबकि इसका सिनाई प्रायद्वीप, दक्षिणपश्चिम एशिया में एक स्थल पुल बनाता है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, तथा अफ्रीका, भूमध्य क्षेत्र, मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है। इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है और इसके उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्वोत्तर में गाजा पट्टी और इस्राइल, पूर्व में लाल सागर, दक्षिण में सूडान और पश्चिम में लीबिया स्थित है। मिस्र, अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से एक है। इसकी अनुमानित 7.90 करोड़ जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है। नील नदी का यह क्षेत्र लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर (15000 वर्ग मील) का है और पूरे देश का सिर्फ इसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पायी जाती है। सहारा मरुस्थल के एक बड़े हिस्से में विरल जनसंख्या निवास करती है। मिस्र के लगभग आधे निवासी शहरों में वास करते हैं जिनमें नील नदी के मुहाने के क्षेत्र में बसे सघन जनसंख्या वाले शहर जैसे कि काहिरा, सिकन्दरिया आदि प्रमुख हैं। मिस्र की मान्यता उसकी प्राचीन सभ्यता के लिए है। गीज़ा पिरामिड परिसर और महान स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारक यहीं स्थित है। मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे कि मेम्फिस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं, पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहां के शासक को फारो नाम से जाना जाता था। इस पदवी का प्रयोग ईसाई और इस्लाम काल के पूर्व काल में होता था। इसे फारोह भी लिखते हैं। फारो को मिस्र के देवता होरसका पुनर्जन्म माना जाता था। होरस द्यौ (आकाश) का देवता था और इसे सूर्य भी माना जाता था। मिस्र की कार्यशक्ति का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन और लाल सागर रिवेरा में कार्यरत है। मध्य पूर्व में, मिस्र की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक विकसित और विविध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पर्यटन, कृषि, उद्योग और सेवा जैसे क्षेत्रों का उत्पादन स्तर लगभग एक समान है। 2011 के शुरूआत में मिस्र उस क्रांति का गवाह बना, जिसके द्वारा मिस्र से होस्नी मुबारक नाम के तानाशाह के 30 साल के शासन का खात्मा हुआ। .

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मंगोक्य नदी

मंगोक्य नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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मुनिया

बिन्दुकित मुनिया मुनिया एक पक्षी है जो भारत, श्रीलंका, इण्डोनेशिया, फिलिपीन्स तथा अफ्रीका का देशज है। इसका आकार गौरैया से कुछ छोटा होता है। यह छोटे छोटे झुंडों में घास के बीच खाने निकलती है। खेतों में भूमि पर गिरे बीजों को खाती है। मंद-मंद कलरव करती है। यह छोटी झाड़ियों या वृक्षों में 5-10 फुट की उँचाई पर घोसला बनाती है। इसकी चार पाँच उपजातियाँ हैं: श्वेतपृष्ठ मुनिया, श्वेतकंठ मुनिया, कृष्णसिर मुनिया, बिंदुकित (spotted) मुनिया तथा लाल मुनिया। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुसब्बर

'मुसब्बर, जिसे Aloë भी लिखा जाता है, करीब चार सौ रसीले पुष्पित पौधों की प्रजातियों का एक वर्ग है। इनमें जो सबसे आम और सुविख्यात है वह घृतकुमारी या "ट्रु ऐलो" है। अफ्रीका मूल का यह वर्ग है और दक्षिण अफ्रीका के केप प्रॉविन्स, उष्णकटिबंधीय अफ्रीका के पहाड़ों, तथा मेडागास्कर जैसे पड़ोसी क्षेत्र, अरब प्रायद्वीप और अफ्रीका के द्वीपों में बहुत आम है। APG II प्रणाली (2003) ने इस वर्ग को एस्फोडेलैसिया परिवार में रखा। पहले इसे ऐलोसिया और लिलिसिया या लिली परिवार में भी रखा गया था। इस वर्ग के नजदीकी रूप से संबंद्ध सदस्य जस्टेरिया, हावॉर्थिया और क्निपोफिया है, जिनके विकास की प्रणाली एक समान हैं, भी ज्यादातर मुसब्बर के नाम से जानी जाती हैं। ध्यान रहे कि ये पौधे कभी-कभी अमेरिकी एलो (एगेव अमेरिकाना) भी कहलाती हैं एगेवासिया से संबंधित है, एक दूसरे परिवार की हैं। ज्यादातर मुसब्बर प्रजातियों के पत्ते बड़े, मोटे, गुद्देदार गुलाब की पंखुडि़यों की तरह सजावट वाले होते हैं। ये पत्ते अक्सर नुकीले शीर्ष के साथ बर्छे की आकार के होते हैं और किनारा कांटेदार होता है। मुसब्बर फूल नलीदार होते हैं, ज्यादातर पीले, गुलाबी या लाल के होते हैं और उद्गम में घने गुच्छेदार, साधारण या पत्ताविहीन तना शाखेदार होता है। मुसब्बर की कई प्रजातियां तनाविहीन होती है, निचले स्तर से एकदम सीधे गुलाब की तरह विकसित होती है, दूसरी प्रकार की प्रजातियों में शाखादार या शाखाविहीन तना हो सकती हैं, जिनसे गुद्देदार पत्ते निकलते हैं। ये धूसर से चटकीले हरे रंग के होते हैं और कभी-कभी धारीदार या चितकबरे होते हैं। दक्षिण अफ्रीका की कुछ देसी मुसब्बर आकार में वृक्ष के समान होते हैं। .

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म्बोमोऊ नदी

म्बोमोऊ नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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मृत्यु

मानव खोपड़ी मौत के लिए एक सार्वभौमिक प्रतीक है। किसी प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं। मृत्यु सामान्यतः दुर्घटना, चोट, बीमारी, कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। आँख "अनन्त जीवन के लिए प्राचीन मिस्र के प्रतीक है।" वे और कई अन्य संस्कृतियों के बाद से एक पोर्टल के रूप में एक जीवन के बाद में जैविक मौत देखी है। .

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मैस्टोडॉन

न्यू योर्क नगर के एक संग्राहलय में एक मैस्टोडॉन का अस्थिपंजर अमेरिकी मैस्टोडॉन का मनुष्य के साथ तुलनात्मक चित्रण मैस्टोडॉन (अंग्रेज़ी: mastodon) एक विशाल दांतों वाला हाथी-नुमा स्तनधारी जीव था जो लगभग ११,००० वर्ष पूर्व विलुप्त हो गया।, Charles Richard Harington, Canadian Museum of Nature, University of Toronto Press, 2003, ISBN 978-0-8020-4817-2,...

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मेडागास्कर

मेडागास्कर, या 'मेडागास्कर गणराज्य' (पुराना नाम: मालागासी गणराज्य, फ्रांसीसी: République malgache) हिन्द महासागर में अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित एक द्वीपीय देश है। मुख्य द्वीप, जिसे मेडागास्कर कहा जाता है विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है। यहाँ विश्व की पाँच प्रतिशत पादप और जीव प्रजातियाँ मौजूद हैं। इनमें से ८० प्रतिशत केवल मेडागास्कर में ही पाई जाती हैं। इस देश की दो तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (१.२५ अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन) से नीचे निवास करती है। .

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मेडागास्कर: एस्केप 2 अफ्रीका

मेडागास्कर: एस्केप 2 अफ्रीका (या बस सिर्फ मेडागास्कर 2) एटन कोहेन द्वारा लिखित तथा एरिक डारनेल और टॉम मैक्ग्रा द्वारा निदेशित 2008 की एक एनीमेटेड फिल्म है। 2005 की फिल्म मेडागास्कर की इस अगली कड़ी में भी एलेक्स शेर, मार्टी जेब्रा, मेलमन जिराफ तथा ग्लोरिया हिप्पो के साहसिक कारनामे जारी हैं। इस ने प्रिय एनीमेटेड फिल्म के लिए 2009 का किड्स च्वाइस अवार्ड जीता था। इसमें बेन स्टिलर, क्रिस ऱॉक, डेविड श्विमर, जैडा पिंकेट स्मिथ, सैचा बैरन कोहेन, मनोरंजनकर्ता सिडरिक और एंडी रिचर जैसे सितारों की आवाजें हैं। बर्नी मैक, एलेक बाल्डविन, शेरी शेफर्ड, एलिसा गैब्रिएली और विल.आई.एम.

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मेलिला

मेलिला का ध्वज मेलिला अफ्रीका का एक देश है। यह स्पेनिश क्षेत्र है। यहां का क्षेत्रफल १२ कि.मी.

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मोटर वाहन उद्योग

कार की असेम्बली लाइन विश्व में मोटर वाहनों का उत्पादन जो १९०० में ९५०० था वह २०१५ में १० करोड़ हो गया। मोटर वाहन उद्योग मोटर वाहनों की डिज़ाइन, विकास, विनिर्माण, विपणन और विक्रय करता है। 2008 के दौरान, विश्व भर में 70 मिलियन से भी ज़्यादा मोटर वाहनों का निर्माण किया गया, जिनमें कार और वाणिज्यिक वाहन भी शामिल हैं। 2007 में, कुल 79.9 मिलियन नए वाहन दुनिया भर में बेचे गए: यूरोप में 22.9 मिलियन, एशिया-पैसेफ़िक क्षेत्र में 21.4 मिलियन, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में 1.94 मिलियन, लातिन अमेरिका, में 4.4 मिलियन, मध्य पूर्व में 2.4 मिलियन और अफ़्रीका में 1.4 मिलियन.

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मोतियाबिंद शल्यक्रिया

मानव आंख में मोतियाबिंद- एक स्लिट लैंप के साथ परीक्षण में देखा गया परिवर्द्धित दृश्य मोतियाबिंद शल्यक्रिया आंख के प्राकृतिक लेन्स (मणिभ लेन्स भी कहा जाता है) जिसमें अपारदर्शन विकसित हो गया है तथा जो मोतियाबिंद कहलाता है, उसे शल्यक्रिया द्वारा हटाने की क्रिया है। समय के साथ मणिभ लेन्स तंतुओं के चयापचयी परिवर्तनों के कारण मोतियाबिंद का विकास होता है और पारदर्शिता चली जाती है, जिसके कारण दृष्टि कम या नष्ट हो जाती है। कई मरीजों के प्रथम लक्षण हैं रात में प्रकाश तथा छोटे प्रकाश स्रोतों से तीव्र चमक, प्रकाश के कम स्तर पर गतिविधियों में कमी.

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मोनरोविया

मोनरोविया अफ्रीका के लाइबेरिया देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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मोलोपो नदी

मोलोपो नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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मोज़ाम्बीक

मोज़ाम्बीक (अंग्रेजी: Mozambique, पुर्तगाली: Moçambique) दक्षिणपूर्वी अफ़्रीका में स्थित एक देश है जो पूर्व में हिन्द महासागर से, उत्तर में तंज़ानिया से, पश्चिमोत्तर में मालावी और ज़ाम्बिया से. पश्चिम में ज़िम्बाब्वे से और दक्षिण में स्वाज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका से बंधा हुआ है। पहली से पांचवी सदी ईसवी में यहाँ उत्तर और पश्चिम से बांटू-भाषी लोग आ बसे, जिसके बाद स्वाहिली-भाषी और फिर अरब लोगों का प्रभाव रहा। सन् १४९८ में पुर्तगाली खोजयात्री वास्को दा गामा जो अपनी नौकाएँ लेकर भारत जा रहा था रास्ते में यहाँ आ धमका। १५०५ में पुर्तगाल ने मोज़ाम्बीक पर अपना राज घोषित कर दिया और मोज़ाम्बीक उसका उपनिवेश (कोलोनी) बन गया। पुर्तगाली ज़माने में बहुत से भारतीय मूल के लोग भी मोज़ाम्बीक जा बसे और वे २००७ में आबादी का ०.०८% थे। १९७५ में मोज़ाम्बीक आज़ाद हुआ। १९७७ से १९९२ में यहाँ एक ज़बरदस्त गृह युद्ध चला। .

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यामूसोकुरो

यामूसोकुरो अफ्रीका के कोटे डी आइवोर देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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याओऊंडे

याओऊंडे अफ्रीका के कैमेरून देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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युगाण्डा

युगांडा गणराज्य पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक लैंडलाक देश है। इसकी सीमा पूर्व में केन्या, उत्तर में सूडान, पश्चिम में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, दक्षिण पश्चिम में रवांडा और दक्षिण में तंजानिया से मिलती है। देश के दक्षिणी हिस्से में विक्टोरिया झील का एक बड़ा भाग शामिल है, जिससे केन्या और तंजानिया से सीमा निर्धारित होती है। युगांडा नाम बुगांडा राजशाही से लिया गया है, जिसमें देश का दक्षिणी ह्स्सिा, राजधानी कंपाला को शामिल कर, आता था। देश की एक तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2 डालर प्रतिदिन) से नीचे जीवनयापन करती है। .

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युगाण्डा से भारतीयों का निष्कासन

युगाण्डा पूर्वी अफ़्रीका में स्थित एक देश है जहाँ 1970 के दशक के शुरुआती वर्षों से पहले भारतीय मूल की अच्छी-ख़ासी आबादी रहती थी। ये भारतीय ब्रिटिश नागरिकता के साथ युगाण्डा में रहते थे और तब के राष्ट्रपति ईदी अमीन के 4 अगस्त 1972 को दिए आदेश पर मजबूरन युगाण्डा छोड़ना पड़ा था। चूँकि इन भारतीयों के पूर्वज विभाजन से पहले वहाँ बसे थे इसलिए इनमें पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भी शामिल थे। अमीन के निष्कासन आदेश के बाद लगभग आधे भारतीयों ने ब्रिटेन में शरण ली और बाक़ी अमेरिका, कनाडा और भारत चले गए। .

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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यूबी समूह

गोवा में किंगफिशर बीयर का एक विज्ञापन किंगफिशर प्रीमियम लार्ज बीयर की एक बोतल बैंगलौर में स्थित, युनाइटेड ब्रूअरीज़ समूह या यूबी (UB) समूह, शराब (बीयर) और मादक पेय उद्योग पर विशेष ध्यान देने वाली कई अलग-अलग कंपनियों का एक विस्तृत समूह है। यह कंपनी अपने अधिकाँश बीयर किंगफिशर ब्रांड के तहत बाज़ार में बेचती है और यह कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस भी चलाती है, जो भारत की एक प्रमुख एयरलाइन सेवा है, जिसमें हाल ही में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की गयी हैं। युनाइटेड ब्रूअरीज़ भारत की सबसे बड़ी बीयर निर्माता कंपनी है, जिसकी बिक्री के आधार पर बाज़ार में हिस्सेदारी 48% के आसपास है। समूह का नेतृत्व डॉ॰ विजय माल्या के हाथों में है जो भारतीय संसद के एक सदस्य भी हैं। युनाइटेड ब्रूअरीज़ के पास अब भारतीय मादक पेय बाज़ार की 40% से अधिक हिस्सेदारी है जिसकी दुनिया भर में 79 डिस्टीलरीज़ और बॉटलिंग इकाइयां हैं। हाल ही में यूबी (UB) समूह ने भारत के स्पिरिट्स कारोबार का अधिकाँश हिस्सा देकर अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी शॉ-वालेस के स्पिरिट्स कारोबार के अधिग्रहण को वित्तपोषित किया। समूह के पास संयुक्त राज्य अमेरिका में मेंडोसिनो ब्रूइंग कंपनी (Mendocino Brewing Company) का स्वामित्व है। .

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यूरेनियम

यूरेनियम आवर्त सारणी की एक अंतर्वर्ती श्रेणी, ऐक्टिनाइड श्रेणी (actinide series), का तृतीय तत्व है। इस श्रेणी में आंतरिक इलेक्ट्रॉनीय परिकक्षा (5 परिकक्षा) के इलेक्ट्रॉन स्थान लेते हैं। प्रकृति में पाए गए तत्वों में यह सबसे भारी तत्व है। कुछ समय पहले तक इस तत्व को छठे अंतर्वर्ती समूह का अंतिम तत्व माना जाता था। .

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यूरेशिया

यूरेशिया (en:Eurasia) एक भौगोलिक भूखंड है जो यूरोप और एशिया महाद्वीप को मिलाकर नामित है। यूरेशिया मुख्यतः उत्तरी तथा पूर्वी गोलार्ध में स्थित है। इसके पश्चिम में अटलांटिक महासागर, पूरब में प्रशान्त महासागर, उत्तर में और दक्षीन में अफ्रीका महाद्वीप, भूमध्य सागर तथा हिन्द महासागर स्थित हैं। यूरोप और एशिया को दो अलग-अलग महाद्वीप कहना एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विभाजन है जबकि दोनों के बीच में कोई स्पष्ट भौतिक विभाजक है ही नहीं। इसी कारण विश्व के कुछ देशों में यूरेशिया को ही पाँच या छः महाद्वीपों में सबसे बड़ा माना जाता है। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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योरुबा भाषा

योरुबा (Yoruba) पश्चिमी अफ़्रीका, विशेषकर नाइजीरिया में बोले जाने वाली एक भाषा है। इसे लगभग ३ करोड़ लोग बोलते हैं, जिनमें से कई योरुबा समुदाय के सदस्य हैं। यह एक बहुकेन्द्रीय भाषा है जिसके भिन्न मानक रूप नाइजीरिया और बेनिन में बोले जाते हैं। यह नाइजर नदी के नदीमुख क्षेत्र में बोली जाने वाली इत्सेकिरी भाषा और मध्य नाइजीरिया में बोली जाने वाली इगाला भाषा से सम्बन्धित है। .

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योवेरी मुसेवेनी

योवेरी मुसेवेनी (जन्म 15 अगस्त (लगभग) 1944) युगाण्डा के राजनीतिज्ञ हैं। वो २९ जनवरी १९८६ से युगाण्डा के राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति मुसेवेनी ने दशकों से विद्रोही गतिविधि और गृह युद्ध में उलझे यूगांडा में स्थिरता और आर्थिक विकास लाने का काम किया है। उनका कार्यकाल अफ्रीका में एचआईवी/ एड्स के लिए सबसे प्रभावी राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं में से एक रहा है। .

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योआ झील (चाड)

योआ झील चाड, अफ्रीका में स्थित एक झील है। श्रेणी:झीलें श्रेणी:अफ़्रीका की झीलें.

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रत्न

रत्न प्रकृति प्रदत्त एक मूल्यवान निधि है। मनुष्य अनादिकाल से ही रत्नों की तरफ आकर्षित रहा है, वर्तमान में भी है तथा भविष्य में भी रहेगा। रत्न सुवासित, चित्ताकर्षक, चिरस्थायीव दुर्लभ होने तथा अपने अद्भुत प्रभाव के कारण भी मनुष्य को अपने मोहपाश में बाँधे हुए हैं। रत्न आभूषणों के रूप में शरीर की शोभा तो बढ़ाते ही हैं, साथ ही अपनी दैवीय शक्ति के प्रभाव के कारण रोगों का निवारण भी करते हैं। रत्नों में चिरस्थायित्व का ऐसा गुण है कि ये ऋतुओं के परिवर्तन के कारण तथा समय-समय पर प्रकृति के भीषण उथल-पुथल से तहस-नहस होने के कारण भी प्रभावित नहीं होते। .

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राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नेशनल बुक ट्रस्ट) भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वायत्तशासी संगठन (प्रकाशन समूह) है। इसकी स्थापना 1957 में हुई थी। इसके कार्य हैं - (1) प्रकाशन (२) पुस्तक पठन को प्रोत्साहन (3) विदेशों में भारतीय पुस्तकों को प्रोत्साहन (4) लेखकों और प्रकाशकों को सहायता (5) बाल साहित्य को बढ़ावा देना यह विभिन्न श्रेणियों के अर्न्तगत हिंदी, अंग्रेजी तथा अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओँ एवं ब्रेल लिपि में पुस्तकें प्रकाशित करता है। यह हर दूसरे वर्ष नई दिल्ली में 'विश्व पुस्तक मेले' का आयोजन करता है, जो एशिया और अफ्रीका का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। यह प्रतिवर्ष 14 से 20 नवम्बर तक 'राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह' भी मनाता है। .

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राष्ट्रीय राजधानियों की सूची

राष्ट्रीय राजधानियों की सूची में विश्व के सभी देशों और उनकी राजधानियों के नाम, महाद्वीप और जनसंख्या के साथ दिए गए हैं जिन्हें क्रमबद्ध किया जा सकता है। .

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राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान

राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ('एनआईआईटी), (बीएसई: 500,304, एनएसई: एनआईआईटी) एक वैश्विक शिक्षा और प्रशिक्षण, भारत.

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राजमा

राजमा (किडनी बीन्स) उष्ण कटिबंधी अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के भागों में यह एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। इसे उष्ण कटिबंधी भारत तथा एशिया के अन्य देशों में भी उगाया जाता है। भारत में इसे उत्तराखण्ड के पर्वतीय भागों, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक के कुछ भाग तथा तमिलनाडु व आन्ध्रप्रदेश में उगाया जाता है। इसके सूखे दानों को दाल के रूप में तथा तल कर खाया जाता है। हरी फलियों को सब्जी के रूप में खाया जाता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 21 प्रतिशत होता है। राजमा का कुल नाम लैगुमिनोसी तथा उपकुल पेपिलियोनेसी है। इसके पौधे सहारे से चढ़ने वाले बेल तथा झाड़ीनुमा होते है। जिसमें अच्छी तरह विकसित मूसला जड़ होती है। पुष्पक्रम एक कक्षीय-असीमाक्ष होता है, जिसमें अनेक पुष्प होते है। बीज का आकार अधिकतर आयताकार या गुर्दे के आकार का होता है। अंकुरण ऊपरिभूमिक होता है। वैज्ञानिक नाम: फैजियोलस बल्गेरिस प्रचलित नाम: फ्रेन्चबीन हिन्दी भाषा का नाम: राजमा उगाने के मौसम: रबी (मैदानी क्षेत्र) तथा खरीफ (पहाड़ी क्षेत्र) उत्पत्ति: राजमा की उत्पति अमेरिका में हुई है। .

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राज्य की भारतीय अवधारण

अभी तक यह समझा जाता रहा था कि अफ्रीका की भाँति भारत में भी राज्य की उत्पत्ति तथा विकास से सम्बन्धित सिद्धान्तों का पूर्ण अभाव रहा है। भारत की इस छवि के लिए साम्राज्यवादी इतिहासकार उत्तरदायी रहे हैं। इन्होंने पूर्वी निरंकुशतावाद अथवा अधिनायकवाद के रूप में भारतीय राज्य का वर्णन किया है। इस मत को पुख्ता करने में कुछ हद तक मार्क्सवादी एशियायी उत्पादन की पद्धति (Asiatic Mode of Production) का विचार भी रहा है। हालाँकि भारतीय मार्क्सवादी विचारकों ने इसे अव्यावहारिक बताकर अपनी असहमति जताई है परन्तु उनके विचारों को न सुनकर ब्रिटिश साम्राज्यवादी विचारकों के मत को ही सुदृढ़ करने का प्रयत्न किया गया है। यदि प्राचीन भारतीय ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया जाये तो यह स्पष्ट हो जाता है कि जिस प्रकार पाश्चात्य राजनीतिक चिन्तन क्रम में राज्य की उत्पत्ति से सम्बन्धित अनेक मत प्रचलित है इसी प्रकार भारतीय चिन्तन क्रम में भी अनेक मत उपलब्ध है जैसे-.

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रागी

रागी या मड़ुआ अफ्रीका और एशिया के सूखे क्षेत्रों में उगाया जाने वाला एक मोटा अन्न है। यह एक वर्ष में पक कर तैयार हो जाता है। यह मूल रूप से इथियोपिया के उच्च इलाकों का पौधा है जिसे भारत में कोई चार हजार साल पहले लाया गया। ऊँचे इलाकों में अनुकूलित होने में यह काफी समर्थ है। हिमालय में यह २,३०० मीटर की ऊंचाई तक उगाया जाता है। .

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राॅबर्ट वाॅशोप (ब्रिटिश नौसेना अधिकारी)

राॅबर्ट वाॅशोप(Robert Wauchope) (१७८८-१८६२) एक ब्रिटिश ऐडमिरल जिस ने, कभी सुप्रचलित रह चुके, टाइम बाॅल(कालगेंद) का आविष्कार किया था। उन्होंने ने अपना पूरा जिवन ब्रिटेन की शाही नौसेना की सेवा में गुज़ार दिया जिस बीच उन्होंने कई सैन्य अभियानों में शामिल भी थे। उनके बारे में यह भी जाना जाता है कि वे काफी धारमिक व्यक्ती थे। .

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रिफ़्ट (भूविज्ञान)

रिफ़्ट (अंग्रेज़ी: rift) भूविज्ञान में ऐसे क्षेत्र को कहते हैं जहाँ प्लेट विवर्तनिकी (भौगोलिक प्लेटों की चाल) के कारण पृथ्वी के भूपटल (क्रस्ट) और स्थलमंडल (लिथोस्फ़ेयर) खिचने से फटकर अलग हो रहा हो। इस से अक्सर धरती पर वहाँ भ्रंश बनते हैं और रिफ्ट घाटियाँ बन जाती हैं। इनमें अफ़्रीका व मध्य पूर्व की ग्रेट रिफ़्ट घाटी एक उदाहरण है जो अफ़्रीकी प्लेट के दो भागों में टूटकर अलग होने की प्रक्रिया से बन गई है।, pp.

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रुफिजी नदी

रुफिजी नदी अफ्रीका महाद्वीप की तंज़ानिया की एक प्रमुख नदी हैं। यह नदी दारे-सलाम से 200 किमी दक्षिण की ओर बहती है। .

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रुवुमा नदी

रुवुमा नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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रुआण्डा

रुआण्डा (Rwanda) मध्य-पूर्व अफ़्रीका में स्थित एक देश है। इसका क्षेत्रफल लगभग २६ हज़ार वर्ग किमी है, जो भारत के केरल राज्य से भी छोटा है। यह अफ़्रीका महाद्वीप की मुख्यभूमि पर स्थित सबसे छोटे देशों में से एक है। रुआण्डा पृथ्वी की भूमध्य रेखा (इक्वेटर) से ज़रा दक्षिण में स्थित है और महान अफ़्रीकी झीलों के क्षेत्र का भाग है। इसके पश्चिम में पहाड़ियाँ और पूर्व में घासभूमि है। .

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रुआण्डा-रुण्डी भाषाएँ

रुआण्डा-रुण्डी मध्य अफ़्रीका में बोली जाने वाली कुछ बांटू भाषाओं का समूह है जिसमें कई आपस में सम्बन्ध रखने वाली उपभाषाएँ हैं। सन् २००७ में लगे अनुमान के अनुसार इसकी सारी उपभाषाओं को लगभग २ करोड़ लोग बोलते थे। रुआण्डा-रुण्डी की अलग-अलग उपभाषाओं को बोलने वाले अगर समीप के गाँवों-बस्तियों के हों तो एक-दूसरे को समझने में सक्षम हैं लेकिन दूर रहने वालों को आपसी बातचीत समझने में कठीनाई होती है। रुआण्डा-रुण्डी की दो उपभाषाओं को अपने-अपने देशों में राजभाषा होने का दर्जा प्राप्त है: किन्यारुआण्डा भाषा रुआण्डा की एक राजभाषा है जबकि किरुण्डी उसके पड़ोसी देश बुरुण्डी की राजभाषा है। .

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रुकवान्ज़ी द्वीप

रुकवान्ज़ी द्वीप (Rukwanzi Island) मध्य अफ़्रीका की ऐल्बर्ट झील में स्थित एक द्वीप है। इसपर युगांडा और कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य दोनो अपने सम्प्रभुत्व होने का दावा करते हैं। द्वीप पर लगभग १,००० मछुआरे बसे हुए हैं और इसपर वर्तमान में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य का नियंत्रण है। .

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रेबीज़

रेबीज़ (अलर्क, जलांतक) एक विषाणु जनित बीमारी है जिस के कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क का सूजन) इंसानों एवं अन्य गर्म रक्तयुक्त जानवरों में हो जाता है। प्रारंभिक लक्षणों में बुखार और एक्सपोजर के स्थल पर झुनझुनी शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों के बाद निम्नलिखित एक या कई लक्षण होते हैं: हिंसक गतिविधि, अनियंत्रित उत्तेजना, पानी से डर, शरीर के अंगों को हिलाने में असमर्थता, भ्रम, और होश खो देना। लक्षण प्रकट होने के बाद, रेबीज़ का परिणाम लगभग हमेशा मौत है। रोग संक्रमण और लक्षणों की शुरुआत के बीच की अवधि आमतौर पर एक से तीन महीने होती है। तथापि, यह समय अवधि एक सप्ताह से कम से लेकर एक वर्ष से अधिक तक में बदल सकती है। यह समय अवधि उस दूरी पर निर्भर करता है जिसे विषाणु के लिए केंद्रीय स्नायुतंत्र तक पहुँचने के लिए तय करना आवश्यक है। .

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रेयूनियों

रेयूनियों (Réunion) अफ्रीका में स्थित एक द्वीप है। यह हिन्द महासागर में मैडागास्कर के पूर्व में २०० किमी और मॉरीशस के दक्षिण में स्थित है। इसकी राजधानी सेण्ट डैनिस है। यह द्वीप फ्रांस का एक ओवरसीज़ विभाग है। .

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रेशम मार्ग

रेशम मार्ग का मानचित्र - भूमार्ग लाल रंग में हैं और समुद्री मार्ग नीले रंग में रेशम मार्ग प्राचीनकाल और मध्यकाल में ऐतिहासिक व्यापारिक-सांस्कृतिक मार्गों का एक समूह था जिसके माध्यम से एशिया, यूरोप और अफ्रीका जुड़े हुए थे। इसका सबसे जाना-माना हिस्सा उत्तरी रेशम मार्ग है जो चीन से होकर पश्चिम की ओर पहले मध्य एशिया में और फिर यूरोप में जाता था और जिस से निकलती एक शाखा भारत की ओर जाती थी। रेशम मार्ग का जमीनी हिस्सा ६,५०० किमी लम्बा था और इसका नाम चीन के रेशम के नाम पर पड़ा जिसका व्यापार इस मार्ग की मुख्य विशेषता थी। इसके माध्यम मध्य एशिया, यूरोप, भारत और ईरान में चीन के हान राजवंश काल में पहुँचना शुरू हुआ। रेशम मार्ग का चीन, भारत, मिस्र, ईरान, अरब और प्राचीन रोम की महान सभ्यताओं के विकास पर गहरा असर पड़ा। इस मार्ग के द्वारा व्यापार के आलावा, ज्ञान, धर्म, संस्कृति, भाषाएँ, विचारधाराएँ, भिक्षु, तीर्थयात्री, सैनिक, घूमन्तू जातियाँ, और बीमारियाँ भी फैलीं। व्यापारिक नज़रिए से चीन रेशम, चाय और चीनी मिटटी के बर्तन भेजता था, भारत मसाले, हाथीदांत, कपड़े, काली मिर्च और कीमती पत्थर भेजता था और रोम से सोना, चांदी, शीशे की वस्तुएँ, शराब, कालीन और गहने आते थे। हालांकि 'रेशम मार्ग' के नाम से लगता है कि यह एक ही रास्ता था वास्तव में बहुत कम लोग इसके पूरे विस्तार पर यात्रा करते थे। अधिकतर व्यापारी इसके हिस्सों में एक शहर से दूसरे शहर सामान पहुँचाकर अन्य व्यापारियों को बेच देते थे और इस तरह सामान हाथ बदल-बदलकर हजारों मील दूर तक चला जाता था। शुरू में रेशम मार्ग पर व्यापारी अधिकतर भारतीय और बैक्ट्रियाई थे, फिर सोग़दाई हुए और मध्यकाल में ईरानी और अरब ज़्यादा थे। रेशम मार्ग से समुदायों के मिश्रण भी पैदा हुए, मसलन तारिम द्रोणी में बैक्ट्रियाई, भारतीय और सोग़दाई लोगों के मिश्रण के सुराग मिले हैं।, Susan Whitfield, British Library, pp.

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रेविवे नदी

रेविवे नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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रोटी

रोटी भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया में सामान्य खाने में पका कर खाये जाने वाली चपटी खाद्य सामग्री है। यह आटे एवं पानी के मिश्रण को गूंध कर उससे बनी लोई को बेलकर एवं आँच पर सेंक कर बनाई जाती है। रोटी बनाने के लिए आमतौर पर गेहूँ का आटा प्रयोग किया जाता है पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय अनाज जैसे मक्का, जौ, चना, बाजरा आदि भी रोटी बनाने के लिए प्रयुक्त होता है। भारत के विभिन्न भागों में रोटी के लिए विभिन्न हिंदी नाम प्रचलित हैं, जिनमे प्रमुख हैं: -.

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रोमन साम्राज्य

अपने महत्तम विस्तार पर 117 इस्वी में '''रोमन साम्राज्य''' रोमन साम्राज्य का उत्थान एवं पतन रोमन साम्राज्य (27 ई.पू. –- 476 (पश्चिम); 1453 (पूर्व)) यूरोप के रोम नगर में केन्द्रित एक साम्राज्य था। इस साम्राज्य का विस्तार पूरे दक्षिणी यूरोप के अलावे उत्तरी अफ्रीका और अनातोलिया के क्षेत्र थे। फारसी साम्राज्य इसका प्रतिद्वंदी था जो फ़ुरात नदी के पूर्व में स्थित था। रोमन साम्राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लातिनी और यूनानी भाषाएँ बोली जाती थी और सन् १३० में इसने ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया था। यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। .

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लाल सागर

लाल सागर लाल सागर अफ्रीका एवं एशिया के बीच हिंद महासागर का एक नमकीन पानी की एक खाड़ी हैं। दक्षिण में अदन की खाड़ी से लाल सागर हिंद महासागर से मिलता है। इसका पानी लाल नहीं है, हाँलांकि, समुद्री सतह पर प्रवाल की मौसमी उपस्थिति के कारण यह कभी-कभी लाल दिखता है। लगभग 2250 किलोमीटर लंबाई के इस समुद्री विस्तार की औसत गहराई 490 मीटर है तथा सबसे चौड़े स्थान पर इसके तटों के बीच 355 किलोमीटर की दूरी है। मिस्र और अरब-इस्राइल को पृथक करने वाले इस सागर को बाईबल तथा हिब्रू ग्रंथों में वर्णित सागर का यथार्थ माना जाता है। .

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लास पाल्मास दे ग्रैन कैनेरिया

लास पाल्मास दे ग्रैन कैनेरिया अफ्रीका के कैनेरी द्वीप देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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लाजवर्द

लाजवर्द का एक नमूना - प्राचीन भारतीय सभ्यता में यह नवरत्नों में से एक था लाजवर्द या राजावर्त (अंग्रेज़ी: Lapis lazuli, लैपिस लैज़्यूली) एक मूल्यवान नीले रंग का पत्थर है जो प्राचीनकाल से अपने सुन्दर नीले रंग के लिए पसंद किया जाता है। कई स्रोतों के अनुसार प्राचीन भारतीय संस्कृति में जिन नवरत्नों को मान्यता दी गई थी उनमें से एक लाजवर्द था। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लाजवर्द शुक्र ग्रह का प्रतीक है।, William Goonetilleke, pp.

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लिपि

लिपि या लेखन प्रणाली का अर्थ होता है किसी भी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग। ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, वही लिपि कहलाती है। लिपि और भाषा दो अलग अलग चीज़ें होती हैं। भाषा वो चीज़ होती है जो बोली जाती है, लिखने को तो उसे किसी भी लिपि में लिख सकते हैं। किसी एक भाषा को उसकी सामान्य लिपि से दूसरी लिपि में लिखना, इस तरह कि वास्तविक अनुवाद न हुआ हो, इसे लिप्यन्तरण कहते हैं। चीनी लिपि (चित्रलिपि) यद्यपि संसार भर में प्रयोग हो रही भाषाओं की संख्या अब भी हजारों में है, तथापि इस समय इन भाषाओं को लिखने के लिये केवल लगभग दो दर्जन लिपियों का ही प्रयोग हो रहा है। और भी गहराई में जाने पर पता चलता है कि संसार में केवल तीन प्रकार की ही मूल लिपियाँ (या लिपि परिवार) है-.

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लिब्रेविले

लिब्रेविले अफ्रीका के गैबोन देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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लिम्पोपो नदी

लिम्पोपो नदी का प्रवाह क्षेत्र लिम्पोपो नदी दक्षिण मध्य अफ़्रीका की एक प्रमुख नदी है। यह नदी हिन्द महासागर मे समाप्त होती है। जेम्बेजी नदी के बाद यह दुसरी सबसे बड़ी अफ़्रीकी नदी है जो हिन्द महासागर मे गिरती है। लिम्पोपो नदी को 'घड़ियाल नदी' कहकर भी सम्बोधित किया जाता है। अफ़्रीका की यह नदी मकर रेखा को दो बार काटती है। .

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लिलोंगवेल

लिलोंगवेल अफ्रीका के मालावी देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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लघु वित्त

कंबोडिया में समुदाय-आधारित बचत बैंक. ग़रीबों की सेवा करने वाले विविध वित्तीय संस्थान हैं। व्यष्टि-वित्त का मतलब है, उपभोक्ताओं तथा स्व-नियोजित व्यक्तियों सहित निम्न आय वर्ग के ग्राहकों को वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना.

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लंबाई के आधार पर नदियों की सूची

एक जलपोत से नील नदी का दृश्य, मिस्र में लक्सर और असवान के बीच. यह पृथ्वी पर सबसे लंबी नदियों की सूची है। इसमें 1,000 किलोमीटर से अधिक वाले नदी तंत्र शामिल हैं। .

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लकड़बग्घा

भूरा लकड़बग्घा लकड़बग्घा, हाइयेनिडी कुल से संबंधित एक मांसाहारी स्तनधारी जीव है। इसका प्राकृतिक आवास एशिया और अफ्रीका दोनो महाद्वीप हैं। वर्तमान काल में इसकी निम्न चार जीवित प्रजाति अस्तित्व में हैं।.

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लुफ़्थान्सा

डॉश लुफ़्थान्सा AG जर्मनी की ध्वजवाहिका वायुसेवा है और बेड़े के आकार एवं सम्पूर्ण यात्री आवाजाही तथा यूरोप की सबसे बड़ी वायुसेवा है। जर्मन सरकार का १९९७ तक लुफ़्थानसा में 35.68% अंश था, किन्तु अब ये कंपनी निजी निवेशकों द्वारा (88.52%), एमजीएल जेस्सेलशाफ़्ट फ़ूर लुफ़्तवर्केह्स्वर्त (10.05%), डॉश पोस्टवैंक (1.03%), तथा डॉश बैंक (0.4%) के स्वामित्त्व में है। इसमें २०११ के आंकड़ों के अनुसार 119,084 कर्मचारी कार्यरत हैं। कंपनी का नाम मूलतः वायु के लिये गर्मन शब्द लुफ़्त एवं हैन्सियेटिक लीग के लिये हांन्सा के संयोजन से बना है। डायचे लुफ्तांसा को सामान्य तौर पर लुफ्तांसा के नाम से जाने वाला एक जर्मन एयरलाइनर हैं। अगर इसकी सहायक कंपनियों को मिला दे तो ये यूरोप की सबसे बड़ी एयरलाइन्स कंपनी हैं। इसकी विशालता का अनुभव आप इस बात से कर सकते हैं कि लुफ्तांसा, एशिया, अफ्रीका, अमेरिका एवं यूरोप के 78 देशों के 197 अंतरराष्ट्रीय स्थानो की उड़ान भरता हैं। इसके अतिरिक्त, ये 18 घरेलु गंतव्य की भी उड़ान भरता हैं। इसके बड़े में 280 जहाज सम्मिलित हैं। 2012 में लुफ्तांसा की सारी अनुषंगी कंपनियों को मिला दे इसने 103 मिलियन यात्रिओं का परिचालन किया था। लुफ्तांसा का रजिस्टर्ड ऑफिस एवं मुख्यालय कोलोन में हैं। इसके प्रमुख संचालन केंद्र का नाम लुफ्तांसा अविअतािों सेंटर हैं।.

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लुसाका

लुसाका अफ्रीका के जांबिया देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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लुंग्वा नदी

लुंग्वा नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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लुआण्डा

लुआण्डा अफ्रीका के अंगोला देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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लुअलाबा नदी

लुअलाबा नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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लैटेराइट मृदा

भारत के अंगदिपुरम में लैटेराइट की खुली खान लैटेराइट मृदा या 'लैटेराइट मिट्टी'(Laterite) का निर्माण ऐसे भागों में हुआ है, जहाँ शुष्क व तर मौसम बार-बारी से होता है। यह लेटेराइट चट्टानों की टूट-फूट से बनती है। यह मिट्टी चौरस उच्च भूमियों पर मिलती है। इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूना अधिक होता है। गहरी लेटेराइट मिट्टी में लोहा ऑक्साइड और पोटाश की मात्रा अधिक होती है। लौह आक्साइड की उपस्थिति के कारण प्रायः सभी लैटराइट मृदाएँ जंग के रंग की या लालापन लिए हुए होती हैं। लैटराइट मिट्टी चावल, कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, सिनकोना, चाय, कहवा आदि फसलों के लिए उपयोगी है। लैटराइट मिट्टी वाले क्षेत्र अधिकांशतः कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बीच में स्थित हैं। भारत में लैटेराइट मिट्टी तमिलनाडु के पहाड़ी भागों और निचले क्षेत्रों, कर्नाटक के कुर्ग जिले, केरल राज्य के चौडे समुद्री तट, महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले, पश्चिमी बंगाल के बेसाइट और ग्रेनाइट पहाड़ियों के बीच तथा उड़ीसा के पठार के ऊपरी भागों में मिलती है। .

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लूई वीटॉन

लूई वीटॉन मालटियर -सामान्यतः लूई वीटॉन के नाम से जाना जाता है, (आमतौर पर अंग्रेजी में रुपान्तरित), या संक्षेप में एलवी (LV)- एक फ्रेंच फैशन हाउस है जिसकी स्थापना 1854 में हुई थी। यह लेबल अपने एलवी (LV) मोनोग्राम के कारण अच्छी तरह से जाना जाता है, जो अपने अधिकतर उत्पादों पर लगा होता है, जिनमें लक्ज़री संदूकों और चमड़े के उत्पादों से लेकर तैयार कपड़े, जूते, घड़ियां, गहने, सहायक सामग्रियां, धूप के चश्मे और किताबें शामिल हैं। लूई वीटॉन दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय फैशन हाउसों में से एक है। लूई वीटॉन अपने उत्पादों को उच्च स्तरीय डिपार्टमेण्ट स्टोर्स के छोटे बुटिक्स में और अपने वेबसाइट के ई-कामर्स विभाग के जरिए बेचता था। .

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लेगोस

लेगोस (Lagos, योरुबा: Èkó, एको) पश्चिमी अफ़्रीका के नाइजीरिया देश का सबसे बड़ा शहर है। लेगोस राज्य की सरकार के अनुसार सन् २०१३ में इस शहर की आबादी १ करोड़ ७५ लाख थी।http://www.lagosstate.gov.ng/pagelinks.php?p.

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लोथल

लोथल लोथल (गुजराती: લોથલ), प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। लगभग 2400 ईसापूर्व पुराना यह शहर भारत के राज्य गुजरात के भाल क्षेत्र में स्थित है और इसकी खोज सन 1954 में हुई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस शहर की खुदाई 13 फ़रवरी 1955 से लेकर 19 मई 1956 के मध्य की थी। लोथल, अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका के गाँव सरागवाला के निकट स्थित है। अहमदाबाद-भावनगर रेलवे लाइन के स्टेशन लोथल भुरखी से यह दक्षिण पूर्व दिशा में 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोथल अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और धोलका शहरों से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा है जिनमें से सबसे करीबी शहर धोलका और बगोदरा हैं। लोथल गोदी जो कि विश्व की प्राचीनतम ज्ञात गोदी है, सिंध में स्थित हड़प्पा के शहरों और सौराष्ट्र प्रायद्वीप के बीच बहने वाली साबरमती नदी की प्राचीन धारा के द्वारा शहर से जुड़ी थी, जो इन स्थानों के मध्य एक व्यापार मार्ग था। उस समय इसके आसपास का कच्छ का मरुस्थल, अरब सागर का एक हिस्सा था। प्राचीन समय में यह एक महत्वपूर्ण और संपन्न व्यापार केंद्र था जहाँ से मोती, जवाहरात और कीमती गहने पश्चिम एशिया और अफ्रीका के सुदूर कोनों तक भेजे जाते थे। मनकों को बनाने की तकनीक और उपकरणों का समुचित विकास हो चुका था और यहाँ का धातु विज्ञान पिछले 4000 साल से भी अधिक से समय की कसौटी पर खरा उतरा था। 1961 में भारतीय पुराततव सर्वेक्षण ने खुदाई का कार्य फिर से शुरु किया और टीले के पूर्वी और पश्चिमी पक्षों की खुदाई के दौरान उन वाहिकाओं और नालों को खोद निकाला जो नदी के द्वारा गोदी से जुड़े थे। प्रमुख खोजों में एक टीला, एक नगर, एक बाज़ार स्थल और एक गोदी शामिल है। उत्खनन स्थल के पास ही एक पुरात्तत्व संग्रहालय स्थित हैं जिसमें सिंधु घाटी से प्राप्त वस्तुएं प्रदर्शित की गयी हैं। .

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लोमामी नदी

लोमामी नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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लोमे

लोमे अफ्रीका के टोगो देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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लोरिसिडाए

लोरिसिडाए (Lorisidae) मध्य अफ़्रीका, भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया में मिलने वाले निशाचरी (रात्रि में सक्रीय) नरवानर प्राणी होते हैं। लोरिस, पोटो और आंगवांतीबो इस श्रेणी में आते हैं। यह नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के लीमरिफ़ोर्मीस अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) के लोरिसोइडेआ अधिकुल में एक कुल हैं। .

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लोरिसोइडेआ

लोरिसोइडेआ (Lorisoidea) नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के लीमरिफ़ोर्मीस अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) का एक अधिकुल है। इसमें अफ़्रीका के गलेगो और पोटो, और भारत व दक्षिणपूर्वी एशिया के लोरिस शामिल हैं। कुछ जीववैज्ञानिकों के अनुसार इन्हें अलग "लोरिसिफ़ोर्मीस" (Lorisiformes) नामक अधोगण में होना चाहिये। ध्यान दें कि लीमर इस उच्चकुल में नहीं हैं बल्कि लीमरोइडेआ नामक अलग अधिकुल में आते हैं। .

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लोहा

एलेक्ट्रोलाइटिक लोहा तथा उसका एक घन सेमी का टुकड़ा लोहा या लोह (Iron) आवर्त सारणी के आठवें समूह का पहला तत्व है। धरती के गर्भ में और बाहर मिलाकर यह सर्वाधिक प्राप्य तत्व है (भार के अनुसार)। धरती के गर्भ में यह चौथा सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है। इसके चार स्थायी समस्थानिक मिलते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या 54, 56, 57 और 58 है। लोह के चार रेडियोऐक्टिव समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या 52, 53, 55 और 59) भी ज्ञात हैं, जो कृत्रिम रीति से बनाए गए हैं। लोहे का लैटिन नाम:- फेरस .

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लोगोने नदी

लोगोने नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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लीमरिफ़ोर्मीस

लीमरिफ़ोर्मीस (Lemuriformes) नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के अंतर्गत एक अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) है। इसमें माडागास्कर के लीमर, अफ़्रीका के गलेगो और पोटो, और भारत व दक्षिणपूर्वी एशिया के लोरिस शामिल हैं। कुछ जीववैज्ञानिकों के अनुसार लोरिसों का अलग "लोरिसिफ़ोर्मीस" (Lorisiformes) नामक अधोगण होना चाहिये। लीमरिफ़ोर्मीस प्राणियों के जबड़ों के सामने के निचले दांत कंघी जैसी व्यवस्था में होते हैं जिनसे वे अपने बाल सँवार सकते हैं। .

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शल्य प्रसव

एक आधुनिक अस्पताल में एक दल द्वारा सीज़ेरियन अनुभाग का प्रदर्शन. शल्य प्रसव परिच्छेद (अमेरिका: सीज़ेरियन सेक्शन), जिसे सी-सेक्शन (C-section), सीज़ेरियन सेक्शन (Caesarian section), सीज़ेरियन सेक्शन (Cesarian section), सीज़र (Caesar), इत्यादि भी कहते हैं, एक ऐसी शल्यक्रिया है, जिसमें एक या एक से अधिक शिशुओं के जन्म के लिए या कभी-कभी मृत भ्रूण को बाहर निकालने के लिए मां के पेट (लैप्रोटोमी) और गर्भाशय में (हिस्टेरोटॉमी) एक या एक से अधिक चीरे लगाए जाते हैं। सीज़ेरियन सेक्शन प्रक्रिया के प्रयोग द्वारा देर से की जाने वाले गर्भपात को हिस्टेरोटॉमी गर्भपात कहते हैं तथा यह विरले ही प्रयोग में लाया जाता है। सीज़ेरियन सेक्शन (शल्य प्रसव परिच्छेद) का प्रयोग प्रायः योनिमार्ग द्वारा शिशु जन्म की प्रक्रिया में मां या शिशु की जान या स्वास्थ के खतरे में पड़ने पर किया जाता है, हालांकि इन दिनों प्राकृतिक विधि से शिशु जन्म होने की स्थिति में भी मांग किए जाने पर इसका प्रयोग किया जा रहा है। हाल के वर्षों में इसकी दर काफी तेजी से बढ़ी है, जिसमें चीन 46% तथा अन्य एशियाई, लेटिन अमेरिकी देशों तथा अमेरिका में 25% के स्तर पर हैं। .

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शाह बुलबुल

शाह बुलबुल (Terpsiphone paradisi) शाह बुलबुल (पैराडाइज फ्लाईकैचर) एक पक्षी है जो एशिया, अफ्रीका तथा अनेक द्वीपों में पाया जाता है। इसकी कुछ प्रजातियाँ प्रवास भी करतीं हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनके नर की पूँछ बहुत बड़ी होती है। नर शाह बुलबुल का रंग सफेद होता है और उसके सर पर काले रंग की कलंगी और २ लम्बे रिबन जैसी पूंछ होती है। मादा हल्के लाल भूरे रंग की होती है और उस में पूंछ नहीं होती है। .

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शिकरा

शिकरा एक छोटा शिकारी पक्षी है जो बाज़ की एक प्रजाति है। यह एशिया तथा अफ़्रीका में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। क्रमिक विकास के दौरान, शिकारियों से बचने के लिए इसके रूप की नक़्ल पपीहे ने की है। .

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शंगानी नदी

शंगानी नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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श्वेत नील

श्वेत नील (अरबी: النيل الأبيض, an-Nīl al-Ābyad) अफ्रीका की एक नदी है, जो नील नदी की एक मुख्य सहायक नदी है। दूसरी मुख्य सहायक नदी नीली नील नदी है। यह नो झील से बाहर-अल-जबाल एवं बाहर-अल-ग़ज़ल नदियों के संगम से निकलती है। यह नदी विक्टोरिया झील से ३७०० कि॰मी॰ (२३०० मील) लंबाई के बाद नील नदी में मिल जाती है। .

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शेबेल्ले नदी

शेबेल्ले नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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शेरोन स्टोन

शेरोन य्वोन स्टोन (जन्म - 10 मार्च 1958) एक अमेरिकी अभिनेत्री, फिल्म निर्माता और पूर्व फैशन मॉडल है। एक कामुक रोमांचक फिल्म, बेसिक इंस्टिंक्ट में अपने प्रदर्शन के लिए उसने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की.

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सफ़ेद गिद्ध

स्पेन के मैड्रिड स्थित एक चिड़ियाघर में सफ़ेद गिद्ध सफ़ेद गिद्ध (Egyptian Vulture) (Neophron percnopterus) पुरानी दुनिया (जिसमें दोनों अमरीकी महाद्वीप शामिल नहीं होते) का गिद्ध है जो पहले पश्चिमी अफ़्रीका से लेकर उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल में काफ़ी तादाद में पाया जाता था किन्तु अब इसकी आबादी में बहुत गिरावट आयी है और इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने संकटग्रस्त घोषित कर दिया है। भारत में जो उपप्रजाति पाई जाती है उसका वैज्ञानिक नाम (Neophron percnopterus ginginianus) है। उत्तर भारत के अलावा भारत में अन्य जगह यह प्रवासी पक्षी है। .

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सर शिवसागर रामगुलाम अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

सर शिवसागर रामगुलाम अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, एसएसआर एयरपोर्ट, मॉरीशस का प्रमुख विमानक्षेत्र है। यह राजधानी पोर्ट लुई से दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है। यहां का पूर्व नाम 'प्लैसान्स विमानक्षेत्र ' था, जिसे मारीशस के राष्ट्रपिता सीवूसागर रामगुलाम की स्मृति में उनके नाम पर रखा गया है। यह विमानक्षेत्र एक क्षेत्रीय हब का कार्य करता है और यहां से अफ़्रीका, यूरोप एवं एशिया के विभिन्न गंतव्यों को सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। इनके अलावा यह देश की राष्ट्रीय वायुसेवा एयर मारीशस का होम-बेस भी है। यहां एक नया यात्री टर्मिनल भवन एवं एक समानांतर टैक्सीमार्ग निर्माण कार्य प्रगति पर है और अप्रैल २०१३ तक पूर्ण होने की आशा है। .

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सर-ए-संग

सर-ए-संग (फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Sar-i Sang) उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रान्त के कूरान व मुन्जान ज़िले में कोकचा नदी की घाटी में स्थित एक बस्ती है। यह अपनी लाजवर्द (लैपिस लैज़्यूली) की खान के लिए मशहूर है जहाँ से हज़ारों सालों से यह मूल्यवान पत्थर निकाला जा रहा है। प्राचीन दुनिया में साइबेरिया की छोटी-मोटी दो-एक खानों को छोड़कर यह विश्व का एकमात्र लाजवर्द का स्रोत होता था। सर-ए-संग का लाजवर्द दुनिया का सब से उत्तम कोटि का लाजवर्द माना जाता है। २००० ईसापूर्व में अपने चरम पर सिन्धु घाटी सभ्यता ने भी यहाँ के शोरतुगई इलाक़े के पास एक व्यापारिक बस्ती बनाई थी जिसके ज़रिये लाजवर्द भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यताओं तक भी पहुँचाया जाता था।, Peter Roger Moorey, Eisenbrauns, pp.

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सर्वप्रथम पितृवंशी पुरुष

विश्व के सभी पितृवंश समूहों के सदस्य पुरुष इसी एक सर्वप्रथम पितृवंशी पुरुष के वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में सर्वप्रथम पितृवंशी पुरुष या वाए-क्रोमोज़ोमल ऐडम उस अज्ञात पुरुष को कहते हैं जो आज के विश्व में मौजूद सारे पुरुषों का निकटतम सांझा पूर्वज था। दुनिया में जितने भी मनुष्य पितृवंश समूह हैं वे सभी इसी सर्वप्रथम पितृवंशी पुरुष की संतति की उपशाखाएँ हैं। वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं के यह पुरुष अफ़्रीका के महाद्वीप पर आज से ६०,००० से ९०,००० साल पहले रहा करता था। यह ध्यान योग्य बात है के अनुसंधान से पता लगा है के आधुनिक मनुष्यों की सर्वप्रथम मातृवंशी नारी (जो विश्व के सारे स्त्रियों ओर पुरुषों की निकटतम सांझी पूर्वज थी) ने इस पुरुष से लगभग ५०,००० से ८०,००० साल पहले अपना जीवनकाल व्यतीत किया। .

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सर्वप्रथम मातृवंशी नारी

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में सर्वप्रथम मातृवंशी नारी या माइटोकांड्रियल ईव उस अज्ञात नारी को कहते हैं जो आज के विश्व में मौजूद सारे नारियों ओर पुरुषों की निकटतम सांझी पूर्वजा थी। दुनिया में जितने भी मनुष्य मातृवंश समूह हैं वे सभी इसी सर्वप्रथम मातृवंशी नारी की संतति की उपशाखाएँ हैं। वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं के यह नारी अफ़्रीका के महाद्वीप पर आज से २००,००० साल पहले रहा करता थी। यह ध्यान योग्य बात है के अनुसंधान से पता लगा है के आधुनिक मनुष्य जाती के पुरुषों के सर्वप्रथम पितृवंशी पुरुष (जो विश्व के सारे पुरुषों का निकटतम सांझा पूर्वज था) ने इस नारी से लगभग ५०,००० से ८०,००० साल बाद अपना जीवनकाल व्यतीत किया। .

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सरीसृप

सरीसृप (Reptiles) प्राणी-जगत का एक समूह है जो कि पृथ्वी पर सरक कर चलते हैं। इसके अन्तर्गत साँप, छिपकली,मेंढक, मगरमच्छ आदि आते हैं। .

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सहारा मरुस्थल

पाठ.

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सहारा का मैदान

यह अफ्रीका में स्थित प्रमुख मैदान हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख मैदान.

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सहेल

सहेल क्षेत्र साहेल या सहेल पट्टी अफ़्रीका के पश्चिम से पुर्व तक फ़ैला एक क्षेत्र है जो सहारा के रेगिस्तान को दक्षिण के घास के मैदानो से पृथक करता है। सहेल पट्टी की लंबाई ३,८६२ किलोमीटर है और यह अटलांटिक महासागर से लेकर लाल सागर तक फ़ैली हुई है। इस पट्टी की चोड़ाई कुछ सौ किलोमीटर से लेकर हजारों किलोमीटर तक है। सहेल पट्टी सेनेगल, मॉरीतानिया, माली, बुर्किना फासो, नाइजर, नाईजीरिया, चाड, सूडान और इरीट्रिया में फ़ैली हुई है। .

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साँप

साँप साँप या सर्प, पृष्ठवंशी सरीसृप वर्ग का प्राणी है। यह जल तथा थल दोनों जगह पाया जाता है। इसका शरीर लम्बी रस्सी के समान होता है जो पूरा का पूरा स्केल्स से ढँका रहता है। साँप के पैर नहीं होते हैं। यह निचले भाग में उपस्थित घड़ारियों की सहायता से चलता फिरता है। इसकी आँखों में पलकें नहीं होती, ये हमेशा खुली रहती हैं। साँप विषैले तथा विषहीन दोनों प्रकार के होते हैं। इसके ऊपरी और निचले जबड़े की हड्डियाँ इस प्रकार की सन्धि बनाती है जिसके कारण इसका मुँह बड़े आकार में खुलता है। इसके मुँह में विष की थैली होती है जिससे जुडे़ दाँत तेज तथा खोखले होते हैं अतः इसके काटते ही विष शरीर में प्रवेश कर जाता है। दुनिया में साँपों की कोई २५००-३००० प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसकी कुछ प्रजातियों का आकार १० सेण्टीमीटर होता है जबकि अजगर नामक साँप २५ फिट तक लम्बा होता है। साँप मेढक, छिपकली, पक्षी, चूहे तथा दूसरे साँपों को खाता है। यह कभी-कभी बड़े जन्तुओं को भी निगल जाता है। सरीसृप वर्ग के अन्य सभी सदस्यों की तरह ही सर्प शीतरक्त का प्राणी है अर्थात् यह अपने शरीर का तापमान स्वंय नियंत्रित नहीं कर सकता है। इसके शरीर का तापमान वातावरण के ताप के अनुसार घटता या बढ़ता रहता है। यह अपने शरीर के तापमान को बढ़ाने के लिए भोजन पर निर्भर नहीं है इसलिए अत्यन्त कम भोजन मिलने पर भी यह जीवीत रहता है। कुछ साँपों को महीनों बाद-बाद भोजन मिलता है तथा कुछ सर्प वर्ष में मात्र एक बार या दो बार ढेड़ सारा खाना खाकर जीवीत रहते हैं। खाते समय साँप भोजन को चबाकर नहीं खाता है बल्कि पूरा का पूरा निकल जाता है। अधिकांश सर्पों के जबड़े इनके सिर से भी बड़े शिकार को निगल सकने के लिए अनुकुलित होते हैं। अफ्रीका का अजगर तो छोटी गाय आदि को भी नगल जाता है। विश्व का सबसे छोटा साँप थ्रेड स्नेक होता है। जो कैरेबियन सागर के सेट लुसिया माटिनिक तथा वारवडोस आदि द्वीपों में पाया जाता है वह केवल १०-१२ सेंटीमीटर लंबा होता है। विश्व का सबसे लंबा साँप रैटिकुलेटेड पेथोन (जालीदार अजगर) है, जो प्राय: १० मीटर से भी अधिक लंबा तथा १२० किलोग्राम वजन तक का पाया जाता है। यह दक्षिण -पूर्वी एशिया तथा फिलीपींस में मिलता है। .

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साबूदाना

साबूदाना एक खाद्य पदार्थ है। यह छोटे-छोटे मोती की तरह सफ़ेद और गोल होते हैं। यह सैगो पाम नामक पेड़ के तने के गूदे से बनता है। सागो, ताड़ की तरह का एक पौधा होता है। ये मूलरूप से पूर्वी अफ़्रीका का पौधा है। पकने के बाद यह अपादर्शी से हल्का पारदर्शी, नर्म और स्पंजी हो जाता है। भारत में साबूदाने का उपयोग अधिकतर पापड़, खीर और खिचड़ी बनाने में होता है। सूप और अन्य चीज़ों को गाढ़ा करने के लिये भी इसका उपयोग होता है। भारत में साबूदाने का उत्पादन सबसे पहले तमिलनाडु के सेलम में हुआ था। लगभग १९४३-४४ में भारत में इसका उत्पादन एक कुटीर उद्योग के रूप में हुआ था। इसमें पहले टैपियाका की जड़ों को मसल कर उसके दूध को छानकर उसे जमने देते थे। फिर उसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर सेंक लेते थे। टैपियाका के उत्पादन में भारत अग्रिम देशों में है। लगभग ७०० इकाइयाँ सेलम में स्थित हैं। साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट की प्रमुखता होती है और इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम व विटामिन सी भी होता है। साबूदाना की कई किस्में बाजार में उपलब्ध हैं उनके बनाने की गुणवत्ता अलग होने पर उनके नाम बदल और गुण बदल जाते हैं अन्यथा ये एक ही प्रकार का होता है, आरारोट भी इसी का एक उत्पाद है। .

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साहित्य में नोबेल विजेताओं की सूची

ये साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची है: .

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साओ टोमे

साओ टोमे अफ्रीका के साओ टोमे एवं पिंसिपे देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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साओ तोमे और प्रिन्सिपी

130px 200px साओ तोमे और प्रिन्सिपी अफ्रीका का एक देश है। Jo ek chota desh hei .

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सिदी

गिर (गुजरात) के सिदी लोक नर्तक सिदी या शीदि भारत और पाकिस्तान का एक मानव समुदाय है जिसका मूल अफ्रीका है। भारत में ये मुख्यतः गुजरात में रहते हैं। कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश में भी इनका अस्तित्व है। .

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सिस्टोसोमियासिस

सिस्टोसोमियासिस (जिसे बिलहर्ज़िया, स्नेल फीवर और कत्यामा फीवरभी कहते हैं) एक रोग है जो सिस्टोसोमा प्रकार के परजीवी कीड़ों के कारण होता है। --> यह मूत्र मार्ग या आंतोंको संक्रमित कर सकता है। --> लक्षणों में पेट दर्द, डायरिया, खूनी पेचिश या मूत्रमें रक्त जाना शामिल है। --> वे लोग जो लंबे समय से संक्रमित है उनमें लीवर की क्षति, किडनी की विफलता, बांझपन या ब्लैडर का कैंसर हो सकता है। --> बच्चों में इसके कारण वृद्धि व सीखने की क्षमता का हास हो सकता है। .

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सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

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सिंगापुर में पर्यटन

सिंगापुर बॉटेनिकल गार्डन में ऑर्किड ऐतिहासिक रेफल्स होटल एक राष्ट्रीय स्मारक है सिंगापुर में पर्यटन एक प्रमुख उद्योग है और हर साल ये लाखों की संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसके सांस्कृतिक आकर्षण का श्रेय इसकी सांस्कृतिक विविधता को दिया जाता है जो इसके औपनिवेशिक इतिहास और चीनी, मलय, भारतीय और अरब जातीयता को दर्शाता है। इस देश में पर्यावरण का पूरा ख्याल रखा जाता है और प्रकृति तथा विरासत संरक्षण संबंधी कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं। यहां जिन चार भाषाओं को आधिकारिक दर्जा प्राप्त है उनमें अंग्रेजी सबसे ज्यादा प्रचलित है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंग्रेजी पूरी दुनिया में बोली और समझी जाने वाली भाषा है और जब कोई पर्यटक सिंगापुर पहुंचता है और वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत करता है, खासकर जब कुछ खरीदारी करता है तब उसे काफी सुविधा होती है। सिंगापुर की यातायात व्यवस्था बहुत अच्छी है और ये करीब-करीब वहां के सभी पर्यटन स्थलों को कवर करती है जिससे पर्यटकों को घूमने में आसानी रहती है। इसमें यहां का बेहद लोकप्रिय मास रैपिड ट्रांजिट (MRT) सिस्टम भी शामिल है। सिंगापुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों की बात करें तो ये दर्जा ऑर्चर्ड रोड डिस्ट्रिक्ट को जाता है; यहां बहुमंजिला शॉपिंग सेंटर्स की और होटलों की भरमार है। सिंगापुर के दूसरे आकर्षक पर्यटन स्थलों में सिंगापुर चिड़ियाघर और नाइट सफारी को शामिल किया जा सकता है, जहां पर्यटकों को एशियाई, अफ्रीकी और अमेरिकी जीवों को रात के अंधेरे में देखने का मौका मिलता है। खास बात ये है कि यहां पर्यटक इन जंगली जानवरों को पिंजरे के अंदर नहीं बल्कि आमने-सामने देख सकते हैं। सिंगापुर चिड़ियाघर एक खास तरह का ओपन जू है, जहां जानवरों को पिंजरे के बजाए एक ऐसे घेरे में रखा जाता है जिनके चारों ओर गहरी खाई बनी है। ये खाइयां सूखी अथवा पानी से भरी हो सकती हैं। जूरोंग बर्ड पार्क एक अन्य जूलॉजिकल गार्डन है जो पक्षियों पर केंद्रित है। यहां पर्यटकों को एक हजार फ्लैमिंगों पक्षियों के झुंड के अलावा दुनिया भर में पाए जाने वाले पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों और किस्मों को देखने का मौका मिलता है। सेंटोसा द्वीप भी पर्यटकों के आकर्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां हर साल पचास लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। ये द्वीप सिंगापुर के दक्षिण में स्थित है और यहां फोर्ट सिलोसो जैसे 20-30 प्रसिद्ध स्थान हैं; फोर्ट सिलोसो को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानी हमले से बचाव करने के लिए एक किले के रूप में बनाया गया था। फोर्ट सिलोसो में पर्यटकों को दूसरे विश्व युद्ध में इस्तेमाल की गयी छोटी बंदूकों से लेकर 16 पाउंड यानी करीब सात किलो वजनी बंदूकें भी देखने को मिल सकती हैं। इसके अलावा इस द्वीप पर टाइगर स्काई टावर बनाया गया है जहां से पूरे सेंटोसा द्वीप के साथ-साथ सेंटोसा ल्यूज का नजारा भी देखा जा सकता है; सेंटोसा ल्यूज में एक या दो लोग पैरों को सीधा आगे करके लेटते हैं और फिसलने का मजा लेते हैं। अपने वजन को इधर-उधर करके या लगाम को खींचकर इसे चलाया जाता है। सिंगापुर में मरिना बे सैंड्स और रिसॉर्ट्स वर्ल्ड सेंटोसा नामक दो एकीकृत रिसॉर्ट्स भी हैं जहां कैसिनो यानी जुआ खेलने के अड्डे मौजूद हैं। .

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सिकल-सेल रोग

सिकल-सेल रोग (SCD) या सिकल-सेल रक्ताल्पता या ड्रीपेनोसाइटोसिस एक आनुवंशिक रक्त विकार है जो ऐसी लाल रक्त कोशिकाओं के द्वारा चरितार्थ होता है जिनका आकार असामान्य, कठोर तथा हंसिया के समान होता है। यह क्रिया कोशिकाओं के लचीलेपन को घटाती है जिससे विभिन्न जटिलताओं का जोखिम उभरता है। यह हंसिया निर्माण, हीमोग्लोबिन जीन में उत्परिवर्तन की वजह से होता है। जीवन प्रत्याशा में कमी आ जाती है, एक सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं की औसत जीवन प्रत्याशा 48 और पुरुषों की 42 हो जाती है। सिकल सेल रोग, आमतौर पर बाल्यावस्था में उत्पन्न होता है और प्रायः ऐसे लोगों (या उनके वंशजों में) में पाया जाता है जो उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय भागों में पाए जाते हैं तथा जहां मलेरिया सामान्यतः पाया जाता है। अफ्रीका के उप सहारा क्षेत्र के एक तिहाई स्वदेशियों में यह पाया जाता है, क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में जहां मलेरिया आम तौर पर पाया जाता है वहां जीवन का अस्तित्व तभी संभव है जब एक सिकल-कोशिका का जीन मौजूद हो.

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संचार उपग्रह

U.स सैन्य MILSTAR संचार उपग्रह दूरसंचार के प्रयोजनों के लिए संचार उपग्रह (कभी-कभी संक्षेप में SATCOM प्रयुक्त) अंतरिक्ष में तैनात एक कृत्रिम उपग्रह है। आधुनिक संचार उपग्रह भू-स्थिर कक्ष, मोलनीय कक्ष, अन्य दीर्घवृत्ताकार कक्ष और पृथ्वी के निचले (ध्रुवीय और ग़ैर-ध्रुवीय) कक्ष सहित विभिन्न प्रकार के परिक्रमा-पथों का उपयोग करते हैं। निश्चित (बिंदु-दर-बिंदु) सेवाओं के लिए, संचार उपग्रह पनडुब्बी संचार केबल के पूरक माइक्रोवेव रेडियो प्रसारण तकनीक उपलब्ध कराते हैं। उनका इस्तेमाल मोबाइल अनुप्रयोगों, जैसे जहाज, वाहनों, विमानों और हस्तचालित टर्मिनलों तथा टी.वी.

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जिसका उत्तरदायित्व है अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना। परिषद को अनिवार्य निर्णयों को घोषित करने का अधिकार भी है। ऐसे किसी निर्णय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है। सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य है ः पांच स्थाई और दस अल्पकालिक (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए) पांच स्थाई सदस्य हैं चीन, फ़्रांस, रूस, ग्रेट ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका । इन पांच देशों को कार्यविधि मामलों में तो नहीं पर विधिवत मामलों में प्रतिनिषेध शक्ति है। बाकी के दस सदस्य क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है। .

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संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक तथा सामाजिक परिषद (अंग्रेज़ी लघुरूप:ईसीओएसओसी) संयुक्त राष्ट्र संघ के कुछ सदस्य राष्ट्रों का एक समूह है, जो सामान्य सभा को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग एवं विकास कार्यक्रमों में सहायता करता है। यह परिषद सामाजिक समस्याओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को प्रभावी बनाने में प्रयासरत है। इसके अनुसार विश्व में शांति बनाये करने का एकमात्र हल राजनीतिक नहीं है। इसकी स्थापना 1945 की गयी थी।।हिन्दुस्तान लाइव।14 नवंबर, 2009 आरंभिक समय में इस परिषद में मात्र 18 सदस्य होते थे। 1965 में संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र को संशोधित करके इसके सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 27 कर दी गई और 1971 में सदस्यों की संख्या बढ़कर 54 हो गई।।वॉयस ऑफ अमेरिका।23 अक्टूबर, 2008 प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। एक-तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पदमुक्त होते हैं, यानि प्रतिवर्ष 18 सदस्य बदले जाते हैं। पदमुक्त होने वाला सदस्य पुन: निर्वाचित भी हो सकता है। आर्थिक तथा सामाजिक परिषद में प्रत्येक सदस्य राज्य का एक ही प्रतिनिधि होता है। अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष के लिए होता है और उसका चयन ईसीओएसओसी के छोटे और मंझोले प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष सिल्वी ल्सूकस है। 1892 में आर्थिक और सामाजिक परिषद के अधिकारों को बढ़ाया गया। अल्जीरिया, चीन, बेलारुस, जापान, सूडान, न्यूजीलैंड इसके सदस्य हैं। यहां के निर्णय उपस्थित एवं मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत द्वारा लिए जाते हैं। किसी विशेष राज्य के विषय पर विचार करने के लिए जब परिषद की बैठक होती है, तो वह उस राज्य के प्रतिनिधि को आमंत्रित करती है। इस बैठक विशेष में उस प्रतिनिधि को मत देने का अधिकार नहीं होता है। परिषद हर वर्ष जुलाई में चार सप्ताह के लिए मिलती है और 1998 के बाद से वह अप्रैल में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक निधि के वित्तीय मंत्रियों के साथ एक और सम्मेलन होता है। आर्थिक एवं सामाजिक परिषद विश्व की जनसंख्या के जीवन में सुधार हेतु गरीबों, घायलों एवं अशिक्षितों की सहायता करके अंतर्राष्ट्रीय शांति बहाली के प्रयास करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय मामलों में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य आदि मामलों का अध्ययन करती है। .

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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव

महासचिव संयुक्त राष्ट्र का सबसे प्रमुख अधिकारी होता है। इसकी नियुक्ति सुरक्षा परिषद की संस्तुति पर महासभा द्वारा 5 वर्ष के लिए की जाती है। वह दुबारा भी चुना जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र के अनुरूप, महासचिव अपनी सहायता के लिए दक्ष, योग्य और सत्यनिष्ठ कर्मचारियों का अंतर्राष्ट्रीय समूह खुद चुनता है। संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान महासचिव एंटोनियो गुटेरेश है जो पुर्तगाल के हैं, जिन्होने 1 जनवरी 2017 को अपना कार्यकाल सँभाला।। .

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संख्या पद्धतियाँ

संख्याओं को लिखने एवं उनके नामकरण के सुव्यवस्थित नियमों को संख्या पद्धति (Number system) कहते हैं। इसके लिये निर्धारित प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है जिनकी संख्या निश्चित एवं सीमित होती है। इन प्रतीकों को विविध प्रकार से व्यस्थित करके भिन्न-भिन्न संख्याएँ निरूपित की जाती हैं। दशमलव पद्धति, द्वयाधारी संख्या पद्धति, अष्टाधारी संख्या पद्धति तथा षोडषाधारी संख्या पद्धति आदि कुछ प्रमुख प्रचलित संख्या पद्धतियाँ हैं। .

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संकेतन

संकेतन (Signalling), या संकेत संप्रेषण, का युद्ध में दीर्घ काल से प्रयोग हो रहा है। साधारण जीवन में भी संदेश भेजने की आवश्यकता बहुधा पड़ती ही है, पर सेना की एक टुकड़ी से दूसरी को, अथवा एक पोत से अन्य को, सूचनाएँ, आदेश आदि भेजने के कार्य का महत्व विशेष है। इसके लिए प्रत्येक संभव उपाय काम में लाए जाते हैं। पैदल और घुड़सवार, संदेशवाहकों के सिवाय, प्राचीन काल में झंडियों, प्रकाश तथा धुएँ द्वारा संकेतों से संदेश भेजने के प्रमाण मिलते हैं। अफ्रीका में यही कार्य नगाड़ों से लिया जाता रहा है। आधुनिक काल में संकेतन का उपयोग सड़कों पर आवागमन तथा रेलगाड़ियों के नियंत्रण में भी किया जा रहा है। .

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सुएज़ की खाड़ी

सुएज़ की खाड़ी (अरबी:, ख़लीज अल​-सुवेईस; अंग्रेज़ी: Gulf of Suez) लाल सागर के उत्तरी भाग में सीनाई प्रायद्वीप के पश्चिम में और मिस्र की मुख्यभूमि के पूर्व में स्थित एक खाड़ी है। इस खाड़ी के बीच की काल्पनिक रेखा एशिया और अफ़्रीका के महाद्वीपों की विभाजन रेखा मानी जाती है। खाड़ी के उत्तरी अंत पर मिस्र का सुएज़ शहर और सुएज़ नहर में प्रवेश करने का रास्ता है। .

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सुनहला चावल

सुनहला चावल (गोल्डन चावल) औरिजा सैटिवा चावल का एक किस्म है जिसे बेटा-कैरोटिन, जो खाने वाले चावल में प्रो-विटामिन ए का अगुआ है, के जैवसंश्लेषण के लिए जेनेटिक इंजिनियरिंग के द्वारा बनाया जाता है।ये एट अल.

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स्ट्रेपसिराइनी

स्ट्रेपसिराइनी (Strepsirrhini) या गिली-नाक नरवानर (dry-nosed primates) नरवानर गण (प्राइमेट) का एक क्लेड है जिसमें सभी लीमररूपी नरवानर शामिल हैं, जैसे कि माडागास्कर के लीमर, अफ़्रीका के गलेगो और पोटो, और भारत व दक्षिणपूर्वी एशिया के लोरिस। स्ट्रेपसिराइनी नरवानर गण के दूसरे प्रमुख क्लेड, हैप्लोराइनी (Haplorhini) से काफ़ी भिन्न होते हैं। इनका मस्तिष्क छोटा होता है। इनकी नाकें गीली रहती हैं, जब की हैप्लोराइनी नाकें बाहर से अधिकतर शुष्क होती हैं। इनकी सूंघने की शक्ति बहुत प्रखर होती है और आँखों में एक प्रतिबिम्बी व्यवस्था के कारण यह रात में देख पाने में अधिक सक्षम होते हैं (यही कारण भी है कि इनकी आँखे रात में चमकती हुई नज़र आती हैं)। इनमें विटामिन सी बना सकने वाला प्रकिण्व (एन्ज़ाइम) होता है और वे यह आवश्यक रसायन स्वयं बना लेते हैं, जबकि हैप्लोराइनी क्लेड के प्राणियों में यह नहीं रहा जिस कारणवश उन्हें विटामिन-सी युक्त भोजन खाने की आवश्यकता होती है। कई स्ट्रेपसिराइनी प्राणियों के जबड़ों के सामने के निचले दांत कंघी जैसी व्यवस्था में होते हैं जिनसे वे अपने बाल सँवार सकते हैं। वर्तमान में अस्तित्व रखने वाली अधिकतर जातियाँ निशाचरी (रात्रि को सक्रीय) हैं। .

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स्पेन

स्पेन (स्पानी: España, एस्पाञा), आधिकारिक तौर पर स्पेन की राजशाही (स्पानी: Reino de España), एक यूरोपीय देश और यूरोपीय संघ का एक सदस्य राष्ट्र है। यह यूरोप के दक्षिणपश्चिम में इबेरियन प्रायद्वीप पर स्थित है, इसके दक्षिण और पूर्व में भूमध्य सागर सिवाय ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र, जिब्राल्टर की एक छोटी से सीमा के, उत्तर में फ्रांस, अण्डोरा और बिस्के की खाड़ी (Gulf of Biscay) तथा और पश्चिमोत्तर और पश्चिम में क्रमश: अटलांटिक महासागर और पुर्तगाल स्थित हैं। 674 किमी लंबे पिरेनीज़ (Pyrenees) पर्वत स्पेन को फ्रांस से अलग करते हैं। यहाँ की भाषा स्पानी (Spanish) है। स्पेनिश अधिकार क्षेत्र में भूमध्य सागर में स्थित बेलियरिक द्वीप समूह, अटलांटिक महासागर में अफ्रीका के तट पर कैनरी द्वीप समूह और उत्तरी अफ्रीका में स्थित दो स्वायत्त शहर सेउटा और मेलिला जो कि मोरक्को सीमा पर स्थित है, शामिल है। इसके अलावा लिविया नामक शहर जो कि फ्रांसीसी क्षेत्र के अंदर स्थित है स्पेन का एक ''बहि:क्षेत्र'' है। स्पेन का कुल क्षेत्रफल 504,030 किमी² का है जो पश्चिमी यूरोप में इसे यूरोपीय संघ में फ्रांस के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बनाता है। स्पेन एक संवैधानिक राजशाही के तहत एक संसदीय सरकार के रूप में गठित एक लोकतंत्र है। स्पेन एक विकसित देश है जिसका सांकेतिक सकल घरेलू उत्पाद इसे दुनिया में बारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाता है, यहां जीवन स्तर बहुत ऊँचा है (20 वां उच्चतम मानव विकास सूचकांक), 2005 तक जीवन की गुणवत्ता सूचकांक की वरीयता के अनुसार इसका स्थान दसवां था। यह संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, नाटो, ओईसीडी और विश्व व्यापार संगठन का एक सदस्य है। .

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स्पेन में इस्लाम

मेड्रिड में स्थित एक मस्जिद इस्लाम का आरम्भ स्पेन में 711 ई0 में अरब के बनी उमैय्या के शासनकाल में हुआ था। मुस्लिम शासन वहाँ 1492 ई0 तक रहा। फिर वहाँ ना कोई मुस्लिम रहा ना ही कोई एक भी मस्जिद बची। 711 ई0 में इस्लाम तेज़ी से फैल रहा था। अरब ने अफ्रीका के बड़े हिससे जीत लिए थे, तथा अब यूरोप की तरफ देख रहे थे तभी सेस्ता का शासक ज्यूलियन अफ्रीका के अमीर मूसा बिन नसीर के पास आता है। वह प्रस्ताव रखता है एन्डालुसिया यानि स्पेन पे आक्रमण का। मूसा उसकी बातों पर गौर करते है कि तुम ईसाई हो कर मेरा साथ क्यों दे रहे हो? ज्यूलियन बताता है कि उसकी लड़की की इज़्ज़त एन्डालुसिया यानि स्पेन के राजा राडरकि ने लूट ली है। वह उसका बदला लेना चाहता है परन्तु उसके पास ज़्यादा सेना नहीं है। वह मूसा को हमले के तैयार कर लेता है तथा मूसा तारिक बिन ज़ियाद को 7000 की सेना के साथ हमले के लिए एन्डालुसिया यानि स्पेन भेजते हैं। अमीत कुमार तीवारी.

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स्पेनी भाषा

स्पेनी भाषा (español एस्पान्योल / castellano कास्तेल्यानो) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आने वाली एक भाषा है। ये दुनिया की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। लगभग 40 करोड़ लोग एक देशीय भाषा के रूप में स्पेनिश बोलते हैं। ये इन सभी देशों की मुख्य- और राजभाषा है: स्पेन, अर्जेन्टीना, चिली, बोलीविया, पनामा, परागुए, पेरु, मेक्सिको, कोस्टा रीका, एल सैलवाडोर, क्यूबा, उरुग्वे, वेनेजुएला, आदि। '''गहरा लाल''' - राष्ट्रीय स्तर पर स्पेनी एकमात्र भाषा। '''नीला''' - राष्ट्रीय स्तर पर स्पेनी सह आधीकारिक भाषा। '''हल्का लाल''' - कुछ अमेरिकी राज्यों, नगरों और काउंटीयों में स्पेनी आधिकारिक भाषा। दूसरी भाषा के रूप में लगभग 6 करोड़ लोग स्पेनिश बोलते हैं और विदेशी भाषा के रूप में लगभग 2 करोड़ छात्र स्पेनिश बोलते हैं। स्पेनिश (मैन्डरिन और अंग्रेजी के बाद), दुनिया की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। स्पेनिश संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यूरोपीय संघ में स्पेनिश का एक आधिकारिक भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है। अमेरिकी-अंग्रेजी के देशी वक्ताओं द्वारा सीखी जाने वाली सबसे लोकप्रिय दूसरी भाषा स्पेनिश है। 20वीं सदी के अंतिम दशकों से, एक विदेशी भाषा के रूप में स्पेनिश के अध्ययन की काफी वृद्धि हुई है। 21वीं सदी के बाद से, यह यकीनन अंग्रेजी के बाद दूसरी सबसे अधिक अध्ययन करी जाने वाली भाषा बन गई है। .

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स्वर्ण होड़

स्वर्ण होड़ या स्वर्ण दौड़ उस समय को कहते है जब किसी स्थान पर सोने की खोज के बाद उस स्थान पर बड़ी संख्या में लोग और कर्मी पहुँचने लगते हैं। १९वीं सदी के दौरान ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, दक्षिण अफ़्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका में इस प्रकार की स्वर्ण होड़ लगी थी, जबकि अन्य स्थानों पर कुछ छोटी स्वर्ण होड़ हुई थी। बहुत से स्वर्ण होड़ बाले नगर रातों-रात बढ़ते हैं और तेज़ी से फैलते हैं और अंततः छोड़ दिए जाते हैं। स्वर्ण होड़ के साथ आमतौर पर "सभी के लिए मुक्त" आय की गतिशीलता जैसी भावना जुड़ी होती है, जिसमें कोई भी व्यक्ति प्रचुर रूप से क्षणभर में धनी हो सकता है। एतिहासिक रूप से स्वर्ण होड़ का वही अर्थ है जो इस पद (पारिभाषिक शब्द) का है लेकिन आज के समय में यह पद किसी भी उस पूँजीवादी गतिविधि को दर्शाने के लिए होता है जिसमें प्रतिभागी किसी प्रत्यक्ष स्पष्ट रूप से लाभप्रद बाज़ार के लिए होड़ करते हैं। स्वर्ण होड़ो ने नए क्षेत्रों में बाहर से आए लोगों के अवस्थापन में बहुत सहायक भूमिका निभाई और उत्तर अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई संस्कृतियों को बहुत सीमा तक परिभाषित किया। ऐसे समय में, जब की मुद्रा सोने पर आधारित थी, रोमन साम्राज्य में नए-नए खननित सोने ने स्वर्ण खादानों से कहीं अधिक दूर तक आर्थिक सहायता प्रदान की। सामुदायिक और लघु खनन (कैस्म) के अनुसार वर्तमान में विश्वभर में लगभग १.३ करोड़ से ३ करोड़ तक लघु खननकर्ता हैं। लगभग १० करोड़ लोग परोक्ष या अपरोक्ष रूप से लघु खनन पर आश्रित हैं। कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में ८ से १५ लाख तक दस्तकार खननक हैं, सिएरा लियोन में ३.५ से ६.५ लाख और घाना में १.५ से २.५ लाख तक दस्तकार खननक हैं। इसके अतिरिक्त शेष अफ़्रीका में भी दसियों लाख खननक हैं। .

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स्वामी श्रद्धानन्द

स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती (२ फरवरी, १८५६ - २३ दिसम्बर, १९२६) भारत के शिक्षाविद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आर्यसमाज के संन्यासी थे जिन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती की शिक्षाओं का प्रसार किया। वे भारत के उन महान राष्ट्रभक्त संन्यासियों में अग्रणी थे, जिन्होंने अपना जीवन स्वाधीनता, स्वराज्य, शिक्षा तथा वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय आदि शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की और हिन्दू समाज को संगठित करने तथा १९२० के दशक में शुद्धि आन्दोलन चलाने में महती भूमिका अदा की। .

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स्वामी घनानन्द

स्वामी घनानन्द घाना, अफ्रीका में हिन्दू मठ के प्रणेता है। वह मूल अफ्रीकी हैं। .

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स्वेज़ नहर

स्वेज नहर की स्थिति तथा उसका अंतरिक्ष से लिया गया चित्र स्वेज नहर (Suez canal) लाल सागर और भूमध्य सागर को संबंद्ध करने वाली एक नहर है। सन् 1859 में एक फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डीनेण्ड की देखरेख में स्वेज नहर का निर्माण शुरु हुआ था। यह नहर आज 165 किमी लंबी, 48 मी चौड़ी और 10 मी गहरी है। दस वर्षों में बनकर यह तैयार हो गई थी। सन् 1869 में यह नहर यातायात के लिए खुल गई थी। पहले केवल दिन में ही जहाज नहर को पार करते थे पर 1887 ई. से रात में भी पार होने लगे। 1866 ई. में इस नहर के पार होने में 36 घंटे लगते थे पर आज 18 घंटे से कम समय ही लगता है। यह वर्तमान में मिस्र देश के नियंत्रण में है। इस नहर का चुंगी कर बहुत अधिक है। इस नहर की लंबाई पनामा नहर की लंबाई से दुगुनी होने के बाद भी इसमें पनामा नहर के खर्च का 1/3 धन ही लगा है। .

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सूडान

सूडान, आधिकारिक तौर पर सूडान गणराज्य, उत्तरी पूर्व अफ्रीका में स्थित एक देश है। यह अफ्रीका और अरब जगत का सबसे बड़ा देश है, इसके अलावा क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का दसवां सबसे बड़ा देश है। इसके उत्तर में मिस्र, उत्तर पूर्व में लाल सागर, पूर्व में इरिट्रिया और इथियोपिया, दक्षिणपूर्व में युगांडा और केन्या, दक्षिण पश्चिम में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, पश्चिम में चाड और पश्चिमोत्तर में लीबिया स्थित है। दुनिया की सबसे लंबी नदी नील नदी, देश को पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में विभाजित करती है। इसकी राजधानी खार्तूम है। सूडान दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जहां आज भी 3000 ईपू बसी बस्तियां अपना वजूद बचाए हुए हैं। यूनाइटेड किंगडम से 1956 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद सूडान को 17 साल तक चले लंबे गृह युद्ध का सामना करना पड़ा, जिसके बाद अरबी और न्यूबियन मूल की बहुतायत वाले उत्तरी सूडान और ईसाई और एनिमिस्ट निलोट्स बहुल वाले दक्षिणी सूडान के बीच जातीय, धार्मिक और आर्थिक युद्ध छिड़ गया, जिसकी वजह से 1983 में दूसरा गृहयुद्ध शुरू हुआ। इन लड़ाइयों के बीच कर्नल उमर अल बाशिर ने 1989 में रक्तविहिन तख्तापटल कर सत्ता हथिया ली। सूडान ने व्यापक आर्थिक सुधारों को लागू कर वृहदतर आर्थिक विकास दर हासिल की और 2005 में एक नया संविधान के माध्यम से दक्षिण के विद्रोही गुटों को सीमित स्वायत्तता प्रदान करने और 2011 में स्वतंत्रता के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की बात सहमति बनने के बाद गृहयुद्ध समाप्त किया। प्राकृतिक संसाधन के रूप में पेट्रोलियम और कच्चे तेल से भरे-पूरे सूडान की अर्थव्यवस्था वर्तमान में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जनवादी गणराज्य चीन और रूस सूडान के सबसे बड़े व्यापार भागीदार हैं। .

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सूर्य ग्रहण १५ जनवरी २०१०

१५ जनवरी २०१० का सूर्य ग्रहण एक वलयाकार या कंकणाकार सूर्य ग्रहण था। इसका परिमाण ०.९१९० रहा। वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सामान्य स्थिति की तुलना में पृथ्वी से दूर हो जाता है। परिणामस्वरूप उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक पाये। वलयाकार सूर्यग्रहण में चंद्रमा के बाहरी किनारे पर सूर्य मुद्रिका यानी वलय की तरह काफ़ी चमकदार नजर आता है।। बीबीसी हिन्दी। १५ जनवरी २०१० यह ग्रहण भारतीय समयानुसार ११ बजकर ०६ मिनट पर आरंभ हुआ और यह दोपहर ३ बजे के बाद तक चालू रहा। वैज्ञानिकों के अनुसार दोपहर १ बजकर १५ मिनट पर सूर्य ग्रहण अपने चरम पर था। भारत के अलावा सूर्यग्रहण अफ्रीका, हिन्द महासागर, मालदीव, श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया में दिखाई दिया। इससे पहले वलयाकार सूर्यग्रहण २२ नवम्बर १९६५ को दिखाई पड़ा था और इसके बाद अगला वलयाकार सूर्यग्रहण २१ जून २०२० को दिखेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार इतनी लंबी अवधि का सूर्यग्रहण इसके बाद वर्ष ३०४३ से पहले नहीं दिखाई पड़ेगा। .

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सूखा

अकाल भोजन का एक व्यापक अभाव है जो किसी भी पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इस घटना के साथ या इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है। जब किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक (कई महीने या कई वर्ष तक) वर्षा कम होती है या नहीं होती है तो इसे सूखा या अकाल कहा जाता है। सूखे के कारण प्रभावित क्षेत्र की कृषि एवं वहाँ के पर्यावरण पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था डगमगा जाती है। इतिहास में कुछ अकाल बहुत ही कुख्यात रहे हैं जिसमें करोंड़ों लोगों की जाने गयीं हैं। अकाल राहत के आपातकालीन उपायों में मुख्य रूप से क्षतिपूरक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कि विटामिन और खनिज पदार्थ देना शामिल है जिन्हें फोर्टीफाइड शैसे पाउडरों के माध्यम से या सीधे तौर पर पूरकों के जरिये दिया जाता है।, बीबीसी न्यूज़, टाइम सहायता समूहों ने दाता देशों से खाद्य पदार्थ खरीदने की बजाय स्थानीय किसानों को भुगतान के लिए नगद राशि देना या भूखों को नगद वाउचर देने पर आधारित अकाल राहत मॉडल का प्रयोग करना शुरू कर दिया है क्योंकि दाता देश स्थानीय खाद्य पदार्थ बाजारों को नुकसान पहुंचाते हैं।, क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर लंबी अवधि के उपायों में शामिल हैं आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे कि उर्वरक और सिंचाई में निवेश, जिसने विकसित दुनिया में भुखमरी को काफी हद तक मिटा दिया है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 9 जुलाई 2009 विश्व बैंक की बाध्यताएं किसानों के लिए सरकारी अनुदानों को सीमित करते हैं और उर्वरकों के अधिक से अधिक उपयोग के अनापेक्षित परिणामों: जल आपूर्तियों और आवास पर प्रतिकूल प्रभावों के कारण कुछ पर्यावरण समूहों द्वारा इसका विरोध किया जाता है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 2 दिसम्बर 2007, दी अटलांटिक .

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सेशेल्स

सेशेल्स की राजधानी विक्टोरिया का प्रसिद्ध घंटाघर सेशेल्स (Seychelles; आधिकारिक तौर पर सेशेल्स गणराज्य) हिंद महासागर में स्थित 115 द्वीपों वाला एक द्वीपसमूह राष्ट्र है। यह अफ्रीकी मुख्यभूमि से लगभग 1500 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा मे और मेडागास्कर के, उत्तर पूर्व मे हिंद महासागर में स्थित है। इसके पश्चिम मे ज़ांज़ीबार, दक्षिण मे मॉरीशस और रीयूनियन, दक्षिणपश्चिम मे कोमोरोस और मयॉट और उत्तर पूर्व मे मालदीव का सुवाडिवेस स्थित है। सेशेल्स मे अफ्रीकी महाद्वीप के किसी भी अन्य देश के मुकाबले सबसे कम आबादी है। सेशेल्स की राजधानी विक्टोरिया है। .

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सेवरी किला

सिवरी दुर्ग (सेवरी किला) ब्रिटिश द्वारा मुम्बई के सिवरी में बनवाया गया था। इस दुर्ग का निर्माण १६८० में एक उत्खनित पहाड़ी पर मुंबई बंदरगाह पर दृष्टि बनाये रखने हेतु एक पहरे की मीनार के रूप में किया गया था। .

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सेंट-डेनिस, रीयूनियन

सेंट-डेनिस, रीयूनियन अफ्रीका के रीयूनियन देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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सोफिया बुश

सोफिया आना बुश एक अमेरीकी फिल्म अभिनेत्री, निर्देशक, प्रवक्ता और कार्यकर्ता है। वहा 'वन ट्री हिल्ल' नाम के एक सीरियल के लिये प्रसिद्ध है। सोफिया बुश का जन्म क्यालिफोर्निया के पासाडीना में सन १९८२ के जुलै ८ को हुआ। वह मौरीन और चार्ल्स विल्यम बुश की एक लौती बेटी है। उनके माँं बाप दोनो फोटोग्राफर है। बचपन मे वह वालीबाल मे बहुत होशियार थी। बुश ने २००२ में फिल्म अभिनेता रायन रेनोल्ड्स के साथ 'न्याशनल लम्पून्स वान वैल्डर' नामक फिल्म मे पहली बार अभिनय किया। इसके बाद उन्होंने कइ सारे टी।वी। सीरियल में अभिनय किया है। सोफिया बुश ने अपने भूमिकाओं और विविध वर्णों की श्रेणी से फिल्म और टेलिविजन दर्शकों को कब्जा कर लिया। 'वन ट्री हिल्ल' नामक धारावाहिक के एक पूरे सीज़न में काम किया जिससे उनको प्रसिध्दी मिली। उसमें उन्होंने ब्रोक डेविस नामक लड़की का पात्र निभाया जो हमेशा मुसीबत खड़ी करती थी पर अंत मे उसे व्यवसायिक जीवन ही में लीन हो जाती है। वह फिसबूक, ट्विटर और इन्स्टग्राम के द्वारा लोगों को दुनिया के घटनाओं के बारे में जागृक्ता रखती है। वह कैइ सारे अनुदान संचय व्यवस्थित करती है और उस में बाग भी लेती है जैसे 'रन फोर द गल्फ' और 'ग्लोबल ग्रीन गल्फ रिलीफ'। बुश समलौंगिक विवाह की एक निष्टावान समर्थक है। आप्रैल २०१० मे जब 'गल्फ ऑफ मेक्सिको' के गहरेपानी मे तेल फैला था तब इस पर्यावरणीय अपादा के लिये उन्होंने एक अनुदान संचय व्यवस्थित किया था। यह अनुदान संचय इंटर्नेट के द्वारा भी हुआ था। इस अनुदान संचय को समर्थान करने के लिये उन्होने उसी वर्ष के नवेम्बर मे अस्थमा और घुटने की छोट होने के बावजूद एक मैरथोन दौडा था। वह 'डू समथिंग' के साथ मिलकर आधुनिक पीढी मे पर्यावरण के बारे मे जनजागृति पैदा कर रही है। सोफिया बुश को कई सारे पुरस्कार मिले हैं। २००७ के 'टीन चॉइस अवार्ड्स' में उन्हें 'चॉइस मूवी ऍक्ट्रेस: कॉमेडी', चॉइस मूवी ऍक्ट्रेस:हॉरर/थ्रिल्लर' और 'चॉइस मूवी ऑक्ट्रेस: ब्रेकौट फीमेल' श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त हुआ'। सारी दुनिया इस अभिनेत्री की सुरीली आवाज़ और गाल के नीचे के डिम्पलों पर एक प्रकार से फ़िदा मानी गई है। सोफिया बुश एक भावुक परोपकार है जो परियावरण और कला के उत्सव पर प्रकाश डालती है। वह मसाई वैल्डरनेस कन्सर्वेशन ट्रस्ट की अधिवक्ता है-एक आधार जो अफ़्रीका के मसाई अदिवासी भूमी के जीवों की रक्षा के लिये समर्पित है। वह अपना समय और प्र्तिभाओं को 'आर्ट ऑफ एलिसियम' नामक एक संस्था को समर्पित करती है- यह संस्था बहुत बिमार बच्चों की ज़िंदगियों को समृद्ध करने का प्रयास करती है। घुड़सवारी, मुक्केबाज़ी और तस्वीरें लेना उनके दूसरे शौक हैं।.

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सोमालिया

सोमालिया(Soomaaliya; الصومال), या आधिकारिक तौर पर संघीय गणराज्य सोमालियाThe Federal Republic of Somalia is the country's name per Article 1 of the.

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सीसी मक्खी

सीसी मक्खी सीसी मक्खी (Tsetse fly) अफ़्रीका में पाए जाने वाली एक प्रकार की मक्खी है। यह कीट प्रायः सहारा और कालाहारी मरुस्थल के बीच मध्य अफ्रीका में निवास करता है। यह मक्खी एक परजीवी है जो मनुष्य एवं जानवरों का रक्त पी कर जिन्दा रहती है। श्रेणी:अफ़्रीका.

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हनीश द्वीपसमूह

हनीश द्वीपसमूह (अरबी:, अंग्रेजी: Hanish Islands) लाल सागर में स्थित एक द्वीपसमूह है। इसके द्वीप लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ने वाली बाब अल-मन्देब जलसन्धि के पास यमन और इरित्रिया के तटों के बीच स्थित है। अफ़्रीका के पास होने के बावजूद यह एशिया के महाद्वीप का हिस्सा माना जाता है क्योंकि यह उसकी महाद्वीपीय जलसीमा के अंदर पड़ता है। इनमें से अधिकतर यमन के भाग हैं हालांकि १९९८-१९९९ से पहले इरित्रिया भी इन्हें अपना हिस्सा बताता था। १९९५ में हुई हनीश द्वीप झड़प के बाद (अंतरराष्ट्रीय) स्थाई मध्यस्थता न्यायालय ने इसपर ग़ौर किया और १९९६ में इसके बड़े द्वीप यमन के भाग घोषित किए गए।, Mussie Tesfagiorgis G., pp.

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हमारी गृहभूमि गाम्बिया के लिए

हमारी गृहभूमि गाम्बिया के लिए गाम्बिया का राष्ट्रगान है, जो वर्जिनिया जूली होवे द्वारा लिखा गया था और जेरिमि फ्रेडरिक होवे द्वारा रचा गया था। इसे १९६५ में देश के स्वतन्त्र होने पर अपनाया गया था। .

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हाथियों की बुद्धिमत्ता

मानव, पायलट व्हेल और हाथी का दिमाग पैमाने पर (1)-प्रमस्तिष्क (सेरीब्रम) (1 क)-टेम्पोरल लोब और (2)-सेरिबैलम (अनुमस्तिष्क) हाथी दुनिया की सबसे बुद्धिमान प्रजातियों में से एक हैं। 5 किलोग्राम से अधिक वज़न का हाथी का मस्तिष्क (दिमाग) किसी भी स्थलीय जानवर की तुलना में बड़ा होता है। हालांकि सबसे बड़े आकार की व्हेल के शरीर का वज़न एक प्रारूपिक हाथी की तुलना में 20 गुना अधिक होता है, व्हेल के मस्तिष्क का वज़न एक हाथी के मस्तिष्क की तुलना में दोगुना होता है। सरंचना और जटिलता के आधार पर हाथी का मस्तिष्क मनुष्य के मस्तिष्क से समानता रखता है- जैसे एक हाथी के वल्कुट (cortex) में उतने ही न्यूरोन (तंत्रिका कोशिकाएं) होते हैं, जितने की मानव मस्तिष्क में, जो संसृत विकास (convergent evolution) को दर्शाता है। हाथी कई प्रकार के व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, इनमें दुःख, सीखना, मातृत्व, अनुकरण (मिमिक्री या नक़ल करना), कला, खेल, हास्य, परोपकारिता, उपकरणों का उपयोग, करुणा और सहयोग इत्यादि भावनाएं शामिल हैं। इन व्यवहारों में आत्म जागरूकता, स्मृति और संभवतया भाषा भी शामिल हो सकती है। इनमें अत्यधिक बुद्धिमान प्रजातियों के वे सभी गुण पाए जाते हैं जिन्हें केटाशियन और प्राइमेट्स के समतुल्य माना जाता है। हाथियों की उच्च बुद्धिमत्ता और प्रबल पारिवारिक संबंधों के कारण, कुछ शोधकर्ता तर्क देते हैं कि मनुष्यों के लिए उन्हें चुनना नैतिक रूप से गलत है। अरस्तू ने एक बार कहा था कि हाथी "वे जानवर हैं जो मन और बुद्धि की दृष्टि से सभी अन्य जानवरों को पीछे छोड़ देते हैं".

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हाथी

अफ़्रीकी हाथी का कंकाल हाथी जमीन पर रहने वाला एक विशाल आकार का प्राणी है। यह जमीन पर रहने वाला सबसे विशाल स्तनपायी है। यह एलिफैन्टिडी कुल और प्रोबोसीडिया गण का प्राणी है। आज एलिफैन्टिडी कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ऍलिफ़स तथा लॉक्सोडॉण्टा। तीसरी प्रजाति मैमथ विलुप्त हो चुकी है।जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- ''लॉक्सोडॉण्टा'' प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) तथा (अफ़्रीकी जंगलों का हाथी) - और ऍलिफ़स जाति का भारतीय या एशियाई हाथी।हालाँकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,अन्य मानते हैं कि पश्चिमी अफ़्रीका का हाथी चौथी जाति है।ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले हिमयुग में ही विलुप्त हो गई थीं, हालाँकि मैमथ का बौना स्वरूप सन् २००० ई.पू.

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हारमैटन

नाइजेरिया की अबूजा राष्ट्रीय मसजिद को घेरे हुए हारमैटन धुंध पश्चिमी अफ्रीका में बहने वाली शुष्क एवं धूल-भरी व्यापारिक पवन को हारमैटन (Harmattan) कहते हैं। यह पवन नवम्बर के अन्त से मार्च के मध्य तक सहारा से गिनी की खाड़ी की तरफ उतर-पूर्व दिशा से बहती है। इसका तापमान ३ डिग्री सेल्सियस तक होता है। मरुस्थल से होकर बहने के फलस्वरूप इसमें महीन धूल कण (0.5 माइक्रॉन से 10 माइक्रॉन आकार के) मिल जाते हैं। जिसके कारण कुछ पश्चिमी अफ्रीकी देशों में सुरज कई दिनो तक दिखाई नहीं देता | श्रेणी:पवन.

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हाइनरिख़ गुस्ताव अडोल्फ एंगलर

एडॉल्फ एंगलर बर्लिन के वनस्पति उद्यान में एंगलर की समाधि का दृष्य हाइनरिख़ गुस्ताव अडोल्फ एंगलर (Heinrich Gustav Adolf Engler; 25 मार्च 1844 – 10 अक्टूबर 1930) जर्मन वनस्पति शास्त्रज्ञ थे। उन्होने पादप-वर्गिकी एवं पादप-भूगोल पर उल्लेखनीय कार्य किया। .

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हाउसा लोग

हाउसा (Hausa) पश्चिमी अफ़्रीका में बसने वाला एक समुदाय है जिसकी कुल आबादी लगभग ५ करोड़ है और जो पूरे अफ़्रीका महाद्वीप के सबसे बड़े समुदायों में से एक है। हाउसा उत्तरी नाइजीरिया और दक्षिणपूर्वी नाइजर देशों में रहते हैं हालांकि इनकी बस्तियाँ कैमरून, कोत दिव्वार, चाड, टोगो, घाना, गबोन और सेनेगल में भी मिलती हैं। इनकी हाउसा भाषा अफ़्रो-एशियाई भाषा-परिवार की चाडी शाखा की सदस्या है। यह अधिकतर इस्लाम के अनुयायी होते हैं। .

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हवाला

हवाला एक अवैध एवं अनौपचारिक धन-हस्तान्तरण की प्रणाली है। यह धन लेने-देने वाले दलालों के एक बहुत बड़े नेटवर्क के रूप में काम करती है। हवाला का पूरा काम इस नेटवर्क के 'विश्वास' एवं कार्यकुशलता पर आधारित होता है। हवाला का काम मुख्यत: मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका एवं दक्षिण एशिया में फैला हुआ है। .

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हक्कानी अंजुमन

हक्कानी अंजुमन (अंग्रेजी:Haqqani Anjuman;बांग्ला: হাক্কানী আঞ্জুমান उर्दू: حقانی انجمن; तमिल भाषा: ஹக்கானி அஞ்சுமான்; तेलुगू: హక్కాని అంజుమన్; गुजराती: હક્કાની અંજુમન;रूसी भाषा: Хаккани Анджуман;चीनी भाषा: 哈卡尼安朱曼 कन्नड़: ಹಕ್ಕಾನಿ ಅಂಜುಮನ್; मलयालम: ഹഖാനി അൻജുമൻ) एक इस्लामी सूफी गैर सरकारी संगठन है और यह इस्लाम धर्म के दूसरे खलीफा हजरत उमर (र०) के परिवार से 37 वे वंशज, हज़रत मौलाना सूफी मूफ्ती अज़ानगाछी साहेब (र०) द्वारा स्थापित है। यह सुफिवादी संगठन बिना किसी शुल्क के, पूरी मानव जाति की सेवा करने और उन्हें सही सलाह देने के साथ जुड़ा हुआ है। इस संगठन का केवल एक ही उद्देश्य है और वो है खुदा के सच्चे रास्ते का अनुसरण करना और प्रत्येक आदमी को एक बेहतर आदमी बनाना। इस हक्कानी अंजुमन का शाब्दिक अर्थ है: -"सत्य का संगठन"। इस हक्कानी अंजुमन के समर्थक दुनिया भर में मौजूद हैं। .

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हैमाइट्स

हैमाइट्स, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका में निवास में करने वाली एक प्रमुख जनजाति हैं। .

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हूपू

हूपू (Hoopoe) एक पक्षी है जो अफ़्रीका, एशिया और युरोप में बहुत स्थानों पर पाया जाता है। यह अपने रंगों, चोंच और सिर पर पंखों के मुकुट से आसानी से पहचाना जाता है। यह उपुपिडाए (Upupidae) जीववैज्ञानिक कुल की एकमात्र अस्तित्ववान जाति है। सेंट हेलेना हूपू एक भिन्न जाति हुआ करती थी लेकिन वह अब विलुप्त हो गई है। माडागास्कर में एक माडागास्कर हूपू नामक उपजाति मिलती है जिसे कुछ जीववैज्ञानिक कभी-कभी अलग जाति बताते हैं। .

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हेपेटाइटिस बी

यकृतशोथ ख (हेपाटाइटिस बी) हेपाटाइटिस बी वायरस (HBV) के काऱण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो मनुष्य के साथ बंदरों की प्रजाति के लीवर को भी संक्रमित करती है, जिसके कारण लीवर में सूजन और जलन पैदा होती है जिसे हेपाटाइटिस कहते हैं। मूलतः, "सीरम हेपेटाइटिस" के रूप में ज्ञात इस बीमारी के कारण एशिया और अफ्रिका में महामारी पैदा हो चुकी है और चीन में यह स्थानिक मारक है। विश्व की जनसंख्या के एक तिहाई लोग, दो अरब से अधिक, हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 35 करोड़ इस वायरस के दीर्घकालिक वाहक के रूप शामिल हैं। हेपेटाइटिस बी वायरस का संचरण संक्रमित रक्त या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में जाने से होता है। .

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हेपेटाइटिस सी

यकृतशोथ ग (हेपेटाइटिस सी) एक संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस सी वायरस एचसीवी (HCV) की वजह से होता है और यकृत को प्रभावित करता है.

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होमो

होमो लगभग २५ लाख वर्ष पहले ध्रुवीय हिमाच्छादन से जब पृथ्वी के बड़े-बड़े भाग बर्फ से ढक गए तो जलवायु तथा वनस्पति की स्थिति में भारी परिवर्तन आए ' जंगल कम हो गए तथा जंगलों में रहने के अभ्यस्त आस्ट्रेलोपिथिक्स के प्रारंभिक स्वरुप लुप्त होते गए तथा उनके स्थान पर उनकी दूसरी प्रजातियों का उद्भव हुआ जिनमें होमो के सबसे पुराने प्रतिनिधि सम्मिलित थे ' .

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होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है। मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है। आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले, सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे। होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है। .

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होगर पर्वत

टिबेस्टी पर्वत अल्जीरिया, अफ्रीका में स्थित एक पर्वत है। यह ज्वालामुखी पर्वत है। श्रेणी:अल्जीरिया के पर्वत श्रेणी:सहारा मरुस्थल श्रेणी:ज्वालामुखी पर्वत.

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जनसँख्या के आधार पर अफ्रीकी देशो की सूची

जनसँख्या के आधार पर अफ्रीकी देशो की सूची.

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जल संसाधन

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं। पृथ्वी के इस जलमण्डल का ९७.५% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल २.५% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है। शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है। मीठा पानी एक नवीकरणीय संसाधन है क्योंकि जल चक्र में प्राकृतिक रूप से इसका शुद्धीकरण होता रहता है, फिर भी विश्व के स्वच्छ पानी की पर्याप्तता लगातार गिर रही है दुनिया के कई हिस्सों में पानी की मांग पहले से ही आपूर्ति से अधिक है और जैसे-जैसे विश्व में जनसंख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हो रही हैं, निकट भविष्य मैं इस असंतुलन का अनुभव बढ़ने की उम्मीद है। पानी के प्रयोक्ताओं के लिए जल संसाधनों के आवंटन के लिए फ्रेमवर्क (जहाँ इस तरह की एक फ्रेमवर्क मौजूद है) जल अधिकार के रूप में जाना जाता है। आज जल संसाधन की कमी, इसके अवनयन और इससे संबंधित तनाव और संघर्ष विश्वराजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जल विवाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। .

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जलसम्भर

जलसंभर का उदहारण - लाल रंग की लकीर जलविभाजक क्षेत्र को दर्शा रही है जलसंभर या द्रोणी उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं जहाँ वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी नदियों, नेहरों और नालों से बह कर एक ही स्थान पर एकत्रित हो जाता है। उस स्थान से या तो एक ही बड़ी नदी में पानी जलसंभर क्षेत्र से निकास कर के आगे बह जाता है, या फिर किसी सरोवर, सागर, महासागर या दलदली इलाक़े में जा के मिल जाता है। इस सन्दर्भ में कभी-कभी जलविभाजक शब्द का भी प्रयोग होता है क्योंकि भिन्न-भिन्न जलसंभर किसी भी विस्तृत क्षेत्र को अलग-अलग जल मंडलों में विभाजित करते हैं। जलसंभर खुले या बंद हो सकते हैं। बंद जलसंभारों में पानी किसी सरोवर या सूखे सरोवर में जा कर रुक जाता है। जो बंद जलसंभर शुष्क स्थानों पर होते हैं उनमें अक्सर जल आ कर गर्मी से भाप बनकर हवा में वाष्पित (इवैपोरेट) हो जाता है या उसे धरती सोख लेती है। पड़ौसी जलसंभर अक्सर पहाड़ों, पर्वतों या धरती की भिन्न ढलानों के कारण एक-दुसरे से विभाजित होते हैं। भौगोलिक दृष्टि से जलसंभर एक कीप (यानि फनल) का काम करते हैं क्योंकि वे एक विस्तृत क्षेत्र के पानी को इक्कठा कर के एक ही नदी, जलाशय, दलदल या धरती के भीतर पानी सोखने वाले स्थान पर ले जाते हैं। .

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जहाजरानी का इतिहास

नदियों और समुद्रों में नावों और जहाजों से यात्रा तथा व्यापार का प्रारंभ लिखित इतिहास से पूर्व हो गया था। प्राय: साधारण जहाज ऐसे बनाए जाते थे कि आवश्यकता पड़ने पर उनसे युद्ध का काम भी लिया जा सके, क्योंकि जलदस्युओं का भय बराबर बना रहता था और इनसे जहाज की रक्षा की क्षमता आवश्यक थी। ये जहाज डाँड़ों या पालों अथवा दोनों से चलाए जाते थे और वांछित दिशा में ले जाने के लिये इनमें किसी न किसी प्रकार के पतवार की भी व्यवस्था होती थी। स्थलमार्ग से जलमार्ग सरल और सस्ता होता है, इसलिये बहुत बड़ी या भारी वस्तुओं को बहुत दूर के स्थानों में पहुँचाने के लिये आज भी नावों अथवा जहाजों का उपयोग होता है। प्राचीन काल में सभ्यता का उद्भव नौगम्य नदियों या समुद्रतटों पर ही विशेष रूप से हुआ और ये ही वे स्थान थे जहाँ विविध संस्कृतियों की, जातियों के सम्मिलन से, परवर्ती प्रगति का बीजारोपण हुआ। .

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ज़ाम्बिया

ज़ाम्बिया गणराज्य दक्षिणी अफ्रीका में स्थित एक लैंडलाक देश है। इसकी सीमा उत्तर में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, उत्तर-पूर्व में जिम्बाब्वे और बोत्सवाना, दक्षिण में नामीबिया और पश्चिम में अंगोला से मिलती है। देश की राजधानी लुसाका देश के दक्षिण-मध्य में स्थित है। देश की जनसंख्या दक्षिण में राजधानी लुसाका और उत्तर-पश्चिम के कांसे की खदान के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है। समाजवादी विचारधारा वाली सरकार के लंबे समय तक के शासनकाल का नतीजा आज जाम्बिया को भुगतना विकास दर में पिछड़े होने के तौर पर भुगतना पड़ रहा है, इसके अलावा एड्स की समस्या भी देश में विकराल है। एक अनुमान है कि व्यस्क आबादी का 10 प्रतिशत एड्स की चपेट में है। देश की 55 प्रतिशत जनसंख्या 2 डालर प्रतिदिन से कम में जीवनयापन करती है। * श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:देश श्रेणी:स्थलरुद्ध देश.

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ज़ांज़ीबार

ज़ांज़ीबार (फ़ारसी زنگبار; प्रत्यय bār (बार) से: "तट" और Zangi (जैंगि): "काला"), पूर्वी अफ्रीका के यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया का एक अर्द्ध-स्वायत्त हिस्सा है। इसमें हिंद महासागर में ज़ांज़ीबार द्वीपसमूह शामिल है जो मुख्य भू-भाग के तट से दूर है और यह कई छोटे-छोटे द्वीपों और दो बड़े द्वीपों: उन्गुजा (मुख्य द्वीप, जिसे अनौपचारिक रूप से ज़ांज़ीबार के रूप में संदर्भित किया जाता है) और पेम्बा से मिलकर बना है। अन्य समीपवर्ती द्वीप देशों और क्षेत्रों में दक्षिण की तरफ स्थित कोमोरोस और मैयट, सुदूर दक्षिण पूर्व की तरफ स्थित मॉरिशस और रीयूनियन और पूर्व में लगभग 1,500 किमी दूर स्थित सेशेल्स द्वीप समूह शामिल है। आरंभिक काल में अरबी और पुर्तगाली व्यापारियों ने इस क्षेत्र का दौरा किया और अठारहवीं और उन्नीसवीं सदियों में इस पर ओमानवासियों का नियंत्रण था। ब्रिटेन ने 1890 में यहाँ एक संरक्षित राज्य की स्थापना की थी जो दिसंबर 1963 में एक स्वतंत्र सल्तनत बन गया और जनवरी 1964 में एक विद्रोह के बाद यह एक गणतांत्रिक क्षेत्र बन गया। अप्रैल 1964 में यह तन्गानिका से जुड़ गया और एक नए गणतंत्र का निर्माण हुआ जिसे अक्टूबर 1964 में तंजानिया नाम दिया गया। (फ्रोमर्स, 2002) उन्गुजा द्वीप पर स्थित ज़ांज़ीबार की राजधानी का नाम ज़ांज़ीबार शहर है और स्टोन टाउन के नाम से मशहूर इसका ऐतिहासिक केन्द्र एक वर्ल्ड हेरिटेज साईट (विश्व विरासत स्थल) है। ज़ांज़ीबार के मुख्य उद्योग मसाले, रैफिया (ताड़ के पेड़ का रेशा) और पर्यटन है। खास तौर पर इन द्वीपों पर लौंग, जायफल, दालचीनी और काली मिर्च का उत्पादन होता है। इस वजह से तंजानिया के माफिया द्वीप के साथ इन द्वीपों को कभी-कभी मसाला द्वीप समूह (एक ऐसा शब्द जिसका संबंध इंडोनेशिया के मलुकू द्वीप समूह से भी है) कहा जाता है। स्थानिक ज़ांज़ीबार रेड कोलोबस और संभवतः विलुप्त जैजिबार तेंदुए का घर होने के नाते ज़ांज़ीबार की पारिस्थितिकी उल्लेखनीय है। .

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ज़िम्बाब्वे

ज़िम्बाब्वे, आधिकारिक तौर पर ज़िम्बाब्वे गणराज्य (अंग्रेजी: Republic of Zimbabwe), जिसे पहले दक्षिण रोडेशिया, रोडेशिया, रोडेशिया गणराज्य और ज़िम्बाब्वे रोडेशिया के नाम से जाना जाता था, अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिणी भाग में ज़ाम्बेज़ी और लिम्पोपो नदियों के बीच स्थित एक स्थल-रुद्ध (लैंडलॉक) देश है। इसकी सीमायें दक्षिण में दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण पश्चिम में बोत्सवाना पश्चिमोत्तर में ज़ाम्बिया और पूर्व में मोजाम्बिक से मिलती हैं। अंग्रेजी, शोना (एक बांतु भाषा) और देबेल (यह भी एक बांतु भाषा) ज़िम्बाब्वे की तीन आधिकारिक भाषायें हैं। ज़िम्बाब्वे की शुरुआत ब्रिटिश किरीट उपनिवेश के एक भाग रोडेशिया के रूप में हुई। राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे राष्ट्र प्रमुख और सशस्त्र बलों के सेनानायक हैं। मॉर्गन स्वानगिरई प्रधानमंत्री है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से मुगाबे देश की सत्ता पर काबिज हैं। .

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ज़ुलु भाषा

ज़ुलु (Zulu) या इसिज़ुलु (isiZulu) अफ़्रीका के दक्षिणी भाग में लगभग १ करोड़ लोगो द्वारा बोली जाने वाली एक भाषा है। इसे बोलने वाले ९५% लोग दक्षिण अफ़्रीका देश में रहते हैं जहाँ यह लगभग २५% जनसंख्या की मातृभाषा है और जहाँ के लगभग ५०% लोग इसे समझ-बोल सकते हैं। सन् १९९४ में यह दक्षिण अफ़्रीका की ११ राजभाषाओं में से एक बन गई। .

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ज़ुक़र द्वीप

ज़ुक़र द्वीप (अरबी:, अंग्रेजी: Zuqar Island) लाल सागर में स्थित एक द्वीप है जिसपर यमन का अधिकार है। यह लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ने वाली बाब अल-मन्देब जलसन्धि के पास यमन और इरित्रिया के तटों के बीच स्थित है। अफ़्रीका के पास होने के बावजूद यह एशिया के महाद्वीप का हिस्सा माना जाता है क्योंकि यह उसकी महाद्वीपीय जलसीमा के अंदर पड़ता है। अन्य हनीश द्विपों के साथ-साथ यह द्वीप भी यमन और इरित्रिया के बीच विवादित था और दोनों ही देश इसे अपना हिस्सा बताते थे। १९९५ में हुई हनीश द्वीप झड़प के बाद (अंतरराष्ट्रीय) स्थाई मध्यस्थता न्यायालय ने इसपर ग़ौर किया और १९९६ को यह द्वीप और हनीश द्वीपसमूह के कुछ अन्य बड़े द्वीप यमन के भाग घोषित किए गए।, Mussie Tesfagiorgis G., pp.

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ज़ैतून

ज़ैतून के फल यूनान में ज़ैतून के वृक्ष ज़ैतून अँग्रेजी नाम ओलिव (olive), वानस्पतिक नाम 'ओलेआ एउरोपैआ', (Olea europaea); प्रजाति ओलिया, जाति थूरोपिया; कुल ओलियेसी; एक वृक्ष है, जिसका उत्पत्तिस्थान पश्चिम एशिया है। यह प्रसिद्ध है कि यूनान के ऐटिका (एथेंस) प्रांत की पहाड़ियों में, चूनेदार चट्टानों द्वारा बनी हुई मिट्टी में, ज़ैतून के वृक्ष सर्वप्रथम पैदा किए गए। ये अब भूमध्य सागर के आस-पास के देशों, जैसे स्पेन, पुर्तगाल, ट्यूनीशिया और टर्की आदि में भली भाँति पैदा किए जाते हैं। यूनान के पर्वतीय प्रांतों में ज़ैतून की खेती व्यापारिक अभिप्राय से की जाती है। अफ्रीका के केप उपनिवेश, चीन तथा न्यूज़ीलैंड में भी इसकी खेती सफलता पूर्वक की जाती है। अमरीका के कैलिफोर्निया प्रांत में ज़ैतून के बाग लगाए गए हैं। यूरोप में ज़ैतून के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। एक जंगली काँटेदार और दूसरा बिना काँटे का होता है। जंगली वृक्ष छोटा या झाड़ी की भाँति होता है और उसकी डालियों पर काँटे होते हैं। पत्तियाँ विपरीत, दीर्घवत्‌ और नुकीली होती हैं। इसके पुष्प सफेद होते हैं तथा प्रत्येक पुष्प में चार विदरित बाह्यदलपुंज (calyx) तथा दलपुंज (corolla), दो पुंकेसर तथा द्विशाख वर्तिंकाग्र (stigma) होते हैं। बागों में लगाए गए वृक्ष ऊँचे, सुगठित और बिना काँटे के होते हैं। इनकी कई किस्में हैं। इस वृक्ष के फल से व्यापारिक महत्व का तेल प्राप्त किया जाता है। इसके फल में सूखे पदार्थ के आधार पर 50 से 60 प्रति शत तक तेल रहता है। इसे भली भाँति कुचल कर, दबाकर या दाबक से तेल निकालते हैं। फल का अचार बनाया जाता है। ये तिक्त होते हैं। नमक के पानी मे फल का रखने स तिक्तता दूर हो जाती है। ज़ैतून के नए पौधे कलम द्वारा प्राप्त किए जाते हैं। प्रौढ़ डालियों के 6 इंच के टुकड़े काट कर अक्टूबर या रवरी में कर्तन (Cutting) लगाते हैं। जब जड़ें निकल आती हैं तब उन्हें रोपण क्यारी में लगा देते हैं। दो वर्ष बाद स्थायी स्थान में 30-40 फुट की दूरी पर लगा कर बाग तैयार करते हैं। 5 वर्ष बाद वृक्ष फल देने लगते हैं। सर्वाधिक फल 15-20 वर्ष की अवस्था होने पर ही प्राप्त होते हैं। प्रति वर्ष वृक्षों की डालियों की कटाई-छँटाई की जाती है। नाइट्रोजन की खाद इसके लिय सबसे उपयोगी है। .

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ज़ीब्रा

ज़ीब्रा या ज़ेब्रा अफ़्रीका में घोड़े के कुल की कई जातियाँ हैं जो अपने शरीर में सफ़ेद और काली धारियों से पहचाने जाते हैं। इसकी धारियाँ अलग-अलग प्रकार की होती हैं और मनुष्य के अंगुलियों के निशान की तरह दो जानवरों की धारियाँ एक जैसी नहीं होती हैं। यह सामाजिक प्राणी होते हैं जो छोटे से लेकर बड़े झुण्डों में रहते हैं। अपने करीबी रिश्तेदारों घोड़े और गधे के विपरीत ज़ीब्रा को कभी पालतू नहीं बनाया जा सका। ज़ीब्रा की तीन जातियाँ जीवित हैं — मैदानी ज़ीब्रा, ग्रॅवी का ज़ीब्रा और पहाड़ी ज़ीब्रा। मैदानी और पहाड़ी ज़ीब्रा हिप्पोटिग्रिस उपवंश के हैं लेकिन ग्रॅवी का ज़ीब्रा डॉलिकोहिप्पस उपवंश का है। ग्रॅवी का ज़ीब्रा गधे की तरह ज़्यादा दीखता है और उससे करीबी रूप से सम्बन्धित भी है, जबकि पहले दो घोड़े रूपी अधिक होते हैं। तीनों ऍक्वस प्रजाति के अंतर्गत आते हैं। .

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जामा का युद्ध

PAGENAME जामा का युद्ध (Battle of Zama) 19 अक्टूबर 202 ईसापूर्व लड़ा गया था और द्वितीय प्यूनिक युद्ध का अंतिम और निर्णायक युद्ध था। .

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जिब्राल्टर में इस्लाम धर्म

जिब्राल्टर में इस्लाम एक अल्पसंख्यक धर्म है। 2001 की जनगणना के अनुसार ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में लगभग दो हजार व्यक्ति इस्लाम धर्म के अनुयायी हैं, जो जिब्राल्टर की सम्पूर्ण आबादी का लगभग चार प्रतिशत है। जिब्राल्टर हमेशा से ही कई सभ्यताओं व व्यक्तियों के लिए एक आकर्षण का स्थान रहा है। इनमें निएंडरथल काल से मूरिश, स्पेनी व वर्तमान ब्रिटिश साम्राज्य शामिल है। .

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जिबूती सिटी

जिबूती सिटी अफ्रीका के जिबूती देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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जिराफ़

जिराफ़ (जिराफ़ा कॅमेलोपार्डेलिस) अफ़्रीका के जंगलों मे पाया जाने वाला एक शाकाहारी पशु है। यह सभी थलीय पशुओं मे सबसे ऊँचा होता है तथा जुगाली करने वाला सबसे बड़ा जीव है। इसका वैज्ञानिक नाम ऊँट जैसे मुँह तथा तेंदुए जैसी त्वचा के कारण पड़ा है। .

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जिका विषाणु

जिका विषाणु फ्लाविविरिडए विषाणु परिवार से है। जो दिन के समय सक्रिय रहते हैं। इन्सानों में यह मामूली बीमारी के रूप में जाना जाता है, जिसे जिका बुखार, जिका या जिका बीमारी कहते हैं। 1947 के दशक से इस बीमारी का पता चला। यह अफ्रीका से एशिया तक फैला हुआ है। यह 2014 में प्रशांत महासागर से फ्रेंच पॉलीनेशिया तक और उसके बाद 2015 में यह मेक्सिको, मध्य अमेरिका तक भी पहुँच गया। .

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जुब्बा नदी

जुब्बा नदी अफ्रीका महाद्वीप की सोमालिया की एक प्रमुख नदी हैं। .

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जैव विविधता

--> वर्षावन जैव विविधता जीवन और विविधता के संयोग से निर्मित शब्द है जो आम तौर पर पृथ्वी पर मौजूद जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता को संदर्भित करता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (युएनईपी), के अनुसार जैवविविधता biodiversity विशिष्टतया अनुवांशिक, प्रजाति, तथा पारिस्थितिकि तंत्र के विविधता का स्तर मापता है। जैव विविधता किसी जैविक तंत्र के स्वास्थ्य का द्योतक है। पृथ्वी पर जीवन आज लाखों विशिष्ट जैविक प्रजातियों के रूप में उपस्थित हैं। सन् 2010 को जैव विविधता का अंतरराष्ट्रीय वर्ष, घोषित किया गया है। .

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जूना

जूना अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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जेनोआ

जेनोआ, इटली का एक प्रमुख शहर एवं बंदरगाह है। यहाँ से मुख्यतः अफ्रीका एवं एशिया जाने वाले जहाज रवाना होते हैं। श्रेणी:आधार श्रेणी:इटली के नगर श्रेणी:इटली के बंदरगाह.

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जेम्बेजी नदी

जेम्बेजी नदी का बेसिन जेम्बेजी नदी अफ़्रीका की चौथी सबसे लंबी और हिन्द महासागर मे गिरने वाली सबसे बड़ी अफ़्रीकी नदी है। इसी नदी पर 50 मीटर ऊँची विक्टोरिया जलप्रपात स्थित है। इस नदी के किनारे शेर, हाथी, मगरमच्छ आदि मिलते है। श्रेणी:अफ़्रीका.

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जेम्सटाउन, सेंट हेलेना

जेम्सटाउन, सेंट हेलेना अफ्रीका के सेंट हेलेना देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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जी ७७ राष्ट्र समूह

जी-७७ समूह (अंग्रेज़ी:ग्रुप ऑफ 77, या जी-77) विश्व के विकासशील देशों का एक समूह है। यह संगठन हालांकि संयुक्त राष्ट्र के शेष समूहों की अपेक्षा कम मजबूत है, किन्तु विकासशील देशों के हितों को आगे रखने वाला संयुक्त राष्ट्र में यह सबसे बड़ा समूह है। इसके कार्यालय विश्व के कई शहरों में हैं जिनमें जेनेवा, नैरोबी, रोम, वियना और वॉशिंगटन डी॰ सी॰ प्रमुख हैं। जी-77 समूह की मूल स्थापना ७७ देशों ने मिलकर की थी। बाद में बहुत से अन्य देश भी इसके सदस्य बनते गये और वर्तमान में इसकी कुल सदस्य संख्या १३० हो गई है, लेकिन इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता को देखते हुए इसका मूल नाम अभी तक वही पुराना जी-७७ समूह बनाये रखा गया है। अभी सूडान इस संगठन का नेतृत्व कर रहा है। भारत भी इसका सदस्य है। जी-७७ समूह की स्थापना जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) के सम्मेलन के पहले सत्र के बाद हुई थी। इस स्थापना की घोषणा सभी मूल संस्थापक ७७ देशों के संयुक्त घोषणा पत्र यानि ज्वाइंट डिक्लेरेशन ऑफ द सेवेंटी-सेवन कंट्रीज के तहत १५ जून, १९६४ को संयुक्त घोषणा के बाद हुई थी। जी-७७ की पहली मंत्रीस्तरीय बैठक अल्जीरिया की राजधानी अल्जियर्स में १०-२५ अक्तूबर, १९६७ को हुई थी। संयुक्त राष्ट्र में सूडान गणराज्य के स्थायी प्रतिनिधि अब्दल महमूद अब्दलहलीम मोहम्मद वर्तमान में इस समूह के अध्यक्ष हैं। अब्दल महमूद मुहम्मद संयुक्त राष्ट्र में सूडान के स्थायी प्रतिनिधि भी हैं। जी-७७ के अध्यक्ष पद के लिए एशिया, अफ्रीका और कैरीबियन देशों से पारीवार रूप में व्यक्ति का चुनाव होता है। दक्षिणी सम्मेलन यानि साउथ समिट जी-७७ समूह की सर्वोच्च निर्णायक इकाई है। इसकी बैठक प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार होती है। विश्व के दक्षिणी गोलार्ध के देशों के हितों की देखरेख करने वाले इस समूह का व्यय सभी सदस्य देश मिलकर उठाते हैं। .

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जी-20

बीस वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स का समूह (जी20,जी -20 और बीस का समूह के रूप में भी जाना जाता है), जो कि विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रीयों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जिसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया है। from the Official G-20 website 12 वें जी -20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 7और 8 जुलाई 2017 को हैैैम्बर्ग में चान्सलर एन्जेला मर्केल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। .

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घरेलू गौरैया

घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) एक पक्षी है जो यूरोप और एशिया में सामान्य रूप से हर जगह पाया जाता है। इसके अतिरिक्त पूरे विश्व में जहाँ-जहाँ मनुष्य गया इसने उनका अनुकरण किया और अमरीका के अधिकतर स्थानों, अफ्रीका के कुछ स्थानों, न्यूज़ीलैंड और आस्ट्रेलिया तथा अन्य नगरीय बस्तियों में अपना घर बनाया। शहरी इलाकों में गौरैया की छह तरह ही प्रजातियां पाई जाती हैं। ये हैं हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो। इनमें हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है। यह शहरों में ज्यादा पाई जाती हैं। आज यह विश्व में सबसे अधिक पाए जाने वाले पक्षियों में से है। लोग जहाँ भी घर बनाते हैं देर सबेर गौरैया के जोड़े वहाँ रहने पहुँच ही जाते हैं। .

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घृत कुमारी

घृत कुमारी या अलो वेरा/एलोवेरा, जिसे क्वारगंदल, या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। इसकी उत्पत्ति संभवतः उत्तरी अफ्रीका में हुई है। यह प्रजाति विश्व के अन्य स्थानों पर स्वाभाविक रूप से नहीं पायी जाती पर इसके निकट संबंधी अलो उत्तरी अफ्रीका में पाये जाते हैं। इसे सभी सभ्यताओं ने एक औषधीय पौधे के रूप में मान्यता दी है और इस प्रजाति के पौधों का इस्तेमाल पहली शताब्दी ईसवी से औषधि के रूप में किया जा रहा है। इसका उल्लेख आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। इसके अतिरिक्त इसका उल्लेख नए करार (न्यू टेस्टामेंट) में किया है लेकिन, यह स्पष्ट नहीं है कि बाइबल में वर्णित अलो और अलो वेरा में कोई संबंध है। घृत कुमारी के अर्क का प्रयोग बड़े स्तर पर सौंदर्य प्रसाधन और वैकल्पिक औषधि उद्योग जैसे चिरयौवनकारी (त्वचा को युवा रखने वाली क्रीम), आरोग्यी या सुखदायक के रूप में प्रयोग किया जाता है, लेकिन घृत कुमारी के औषधीय प्रयोजनों के प्रभावों की पुष्टि के लिये बहुत कम ही वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद है और अक्सर एक अध्ययन दूसरे अध्ययन की काट करता प्रतीत होता है। इस सबके बावजूद, कुछ प्रारंभिक सबूत है कि घृत कुमारी मधुमेह के इलाज में काफी उपयोगी हो सकता है साथ ही यह मानव रक्त में लिपिड का स्तर काफी घटा देता है। माना जाता है ये सकारात्मक प्रभाव इसमे उपस्थिति मन्नास, एंथ्राक्युईनोनेज़ और लिक्टिन जैसे यौगिकों के कारण होता है। इसके अलावा मानव कल्याण संस्थान के निदेशक और सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी डॉ॰गंगासिंह चौहान ने काजरी के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ॰ए पी जैन के सहयोग से एलोविरा और मशरूम के कैप्सूल तैयार किए हैं, जो एड्स रोगियों के लिए बहुत लाभदायक हैं। यह रक्त शुद्धि भी करता है। .

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वनमानुष

दो तरुण '''वनमानुष''' वनमानुष या चिंपैंज़ी (Chimpanzee - Pan troglodytes) प्राइमेट् गण (Order primate) का प्रसिद्ध स्तनपोषी जीव है, जो अफ्रीका के घने जंगलों में, गिनी से लेकर कांगो तथा पश्चिमी यूगैंडा तक के जंगलों में पाया जाता है। अफ्रीका का यह प्रसिद्ध (ape) कद में गोरिल्ला से कुछ छोटा होता है, किंतु बुद्धिमानी में सब वानरों से आगे है। .

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वाणिज्यिक क्रांति

विश्व के आर्थिक इतिहास में वाणिज्यिक क्रांति (Commercial Revolution) उस अवधि को कहते हैं जिसमें आर्थिक प्रसार, उपनिवेशवाद और व्यापारवाद (mercantilism) का जोर रहा। यह अवधि लगभग सोलहवीं शती से आरम्भ होकर अट्ठारहवीं शती के आरम्भ तक मानी जाती है। इसके बाद की अवधि में औद्योगिक क्रान्ति हुई। .

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वाद्य यन्त्र

एक वाद्य यंत्र का निर्माण या प्रयोग, संगीत की ध्वनि निकालने के प्रयोजन के लिए होता है। सिद्धांत रूप से, कोई भी वस्तु जो ध्वनि पैदा करती है, वाद्य यंत्र कही जा सकती है। वाद्ययंत्र का इतिहास, मानव संस्कृति की शुरुआत से प्रारंभ होता है। वाद्ययंत्र का शैक्षणिक अध्ययन, अंग्रेज़ी में ओर्गेनोलोजी कहलाता है। केवल वाद्य यंत्र के उपयोग से की गई संगीत रचना वाद्य संगीत कहलाती है। संगीत वाद्य के रूप में एक विवादित यंत्र की तिथि और उत्पत्ति 67,000 साल पुरानी मानी जाती है; कलाकृतियां जिन्हें सामान्यतः प्रारंभिक बांसुरी माना जाता है करीब 37,000 साल पुरानी हैं। हालांकि, अधिकांश इतिहासकारों का मानना है कि वाद्य यंत्र के आविष्कार का एक विशिष्ट समय निर्धारित कर पाना, परिभाषा के व्यक्तिपरक होने के कारण असंभव है। वाद्ययंत्र, दुनिया के कई आबादी वाले क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से विकसित हुए.

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वास्को द गामा

डॉम वास्को द गामा (पुर्तगाली: Vasco da Gama) (लगभग १४६० या १४६९ - २४ दिसंबर, १५२४) एक पुर्तगाली अन्वेषक, यूरोपीय खोज युग के सबसे सफल खोजकर्ताओं में से एक और यूरोप से भारत सीधी यात्रा करने वाले जहाज़ों का कमांडर था, जो केप ऑफ गुड होप, अफ्रीका के दक्षिणी कोने से होते हुए भारत पहुँचा। वह जहाज़ द्वारा तीन बार भारत आया। उसकी जन्म की सही तिथि तो अज्ञात है लेकिन यह कहा जाता है कि वह १४९० के दशक में साइन, पुर्तगाल में एक योद्धा था। वास्को को भारत का (समुद्री रास्तों द्वारा) अन्वेषक के अलावे अरब सागर का महत्वपूर्ण नौसेनानी और ईसाई धर्म के रक्षक के रूप में भी जाना जाता है। उसकी प्रथम और बाद की यात्राओं के दौरान लिखे गए घटना क्रम को सोलहवीं सदी के अफ्रीका और केरल के जनजीवन का महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। .

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वाइवेरिडाए

वाइवेरिडाए मध्यम आकार के स्तनधारी प्राणियों का एक जीववैज्ञानिक कुल है जिसमें १५ भिन्न जीववैज्ञानिक वंश शामिल हैं, जिनमें स्वयं ३८ प्राणी जातियाँ आती हैं। यह जानवर भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिणपूर्वी एशिया, अफ़्रीका और दक्षिणी यूरोप में पाये जाते हैं। .

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वि-उपनिवेशीकरण

१९४५ में उपनिवेश वि-उपनिवेशीकरण अथवा विउपनिवेशीकरण (Decolonization) किसी उपनिवेश को समाप्त करने के सम्बंध में प्रयुक्त शब्द है जहाँ एक राष्ट्र का निर्माण होता है जो स्वतंत्र और सम्प्रभू राष्ट्र के रूप में स्थापित होता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् यूरोपीय साम्राज्यवाद के विध्वंस की गति को तेज करने मेंं कई कारणों ने मदद की। वस्तुतः विश्व युद्ध के पश्चात् तमाम नवोदित राष्ट्र अस्तित्व में आते गए। एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों में गुलामी को समाप्त कर एक नये युग का आरम्भ किया। साम्राज्यवादी राष्ट्रों की पकड़ से इन राष्ट्रों की स्वतंत्रता की प्रक्रिया को विऔपनिवेशीकरण का नाम दिया। औपनिवेशिक मुक्ति के पश्चात् नव स्वतंत्र राष्ट्रों ने गुटीय राजनीति को छोड़कर अपनी स्वतंत्र पहचान कायम की। दूसरे शब्दों में दो विश्व में बंटे गुट से अपने को अलग रखा। इसी कारण नवोदित राष्ट्रों को 'तृतीय विश्व' (थर्ड वर्ड) भी कहा गया। इस दृष्टि से उपनिवेशवाद उन्मूलन प्रक्रिया ने तृतीय विश्व के उदय में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई। .

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विधारा

विधारा विधारा (वानस्पतिक नाम: Argyreia nervosa; अंग्रेजी:Elephant Creeper) सदाबहार लता है जो भारतीय उपमहाद्वीप की देशज है। यहाँ से यह हवाई, अफ्रीका, केरेबियन देशों में गई है। इसे 'अधोगुडा' भी कहते हैं। इसकी दो प्रजातियाँ हैं: अर्गीरिया नर्वोसा प्रजाति नर्वोसा (Argyreia nervosa var. nervosa) तथा अर्गीरिया नर्वोसा प्रजाति स्पेसिओसा (Argyrea nervosa var. speciosa) जो आयुर्वेदिक औषधियों में प्रयुक्त होती है। अर्गीरिया नर्वोसा प्रजाति नर्वोसा से मन:प्रभावी औषधि (psychoactive drug) बनाए जाते हैं। वर्षा ऋतु में इसके फूल आते हैं। विधारा को घाव बेल भी कहते हैं। यह मांस को जल्दी भर देता है या कहें कि जोड़ देता है। .

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विनीता बाली

विनीता बाली एक भारतीय महिला उद्यमी हैं, जो ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं। .

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विपवारम

The human whipworm (Trichuris trichiura or Trichocephalus trichiuris) is a round worm (a type of helminth) that causes trichuriasis (a type of helminthiasis which is one of the neglected tropical diseases) when it infects a human large intestine.

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विल्डबीस्ट

विल्डबीस्ट जिसे ग्नू भी कहते हैं अफ़्रीका में पाया जाने वाला द्विखुरीयगण प्राणी है जो कि सींग वाले हिरनों की बिरादरी का है। इसके नाम का डच (हॉलैंड) भाषा में मतलब होता है जंगली जानवर या जंगली मवेशी क्योंकि अफ़्रीकान्स भाषा में beest का मतलब मवेशी होता है जबकि इसका वैज्ञानिक नाम कॉनोकाइटिस यूनानी भाषा के दो शब्दों से बना है — konnos जिसका मतलब दाढ़ी होता है और khaite जिसका मतलब लहराते बाल होता है। ग्नू नाम खोइखोइ भाषा से उद्घृत है। यह बोविडी कुल का प्राणी है, जिसमें बारहसिंगा, मवेशी, बकरी और कुछ अन्य सम-अंगुली सींगवाले खुरदार प्राणी होते हैं। कॉनोकाइटिस प्रजाति में दो जातियाँ समाविष्ट हैं और यह दोनों ही अफ़्रीका के मूल निवासी हैं: काला विल्डबीस्ट (कॉनोकाइटिस नू) और नीला विल्डबीस्ट या सामान्य विल्डबीस्ट (कॉनोकाइटिस टॉरिनस)। जीवाश्म सबूत बताते हैं कि उपरोक्त दोनों जातियाँ लगभग १० लाख साल पहले विभाजित हो गई थीं, जिसके कारण उत्तरी (नीला विल्डबीस्ट) तथा दक्षिणी (काला विल्डबीस्ट) जातियाँ अलग-अलग हो गईं। नीली जाति में अपने पूर्वजों से शायद ही कोई बदलाव आया, जबकि काली जाति को ख़ुद को खुले मैदानों के अनुरूप ढालना पड़ा। .

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विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

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विश्व बैडमिंटन संघ

विश्व बैडमिंटन संघ (Badminton World Federation) (बीडब्ल्युएफ) बैडमिंटन के खेल के प्रबंधन के लिये अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसे अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी से मान्यता प्राप्त है। इसकी स्थापना १९३४ में इंटरनैशनल बैडमिंटन फ़ेडरेशन के नाम से ९ सदस्य देशों (कनाडा, डेनमार्क, इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स) के साथ हुई। तब से अब तक बीडब्ल्युएफ १७६ देशों में अपने पाँव पसार चुका है। २४ सितम्बर २००६ को मैड्रिड में आयोजित एक सामान्य सभा में बैडमिंटन वर्ल्ड फ़ेडरेशन नाम अपनाने का फैसला लिया गया। स्थापना के वक्त इसका मुख्यालय चेल्टेन्हैम, यूके में था लेकिन १ अक्टूबर २००५ को इसे कुआलाल्मपुर स्थानांतरित कर दिया गया। इसके वर्तमान अध्यक्ष पॉल एरिक हैं। .

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विश्व में बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है, और इसके संस्थापक गौतम बुद्ध (ईसवी पूर्व ५६३ - ईसवी पूर्व ४८३) थे। विश्व में करीब १९२ करोड़ (२८.७८%) लोक बौद्ध धर्म को माननेवाले है। दुसरे सर्वेक्षण के अनुसार १.६ अरब से १.८ अरब लोक (२३% से २५%) प्रतिनिधित्व बौद्ध करते है। बौद्ध धर्म एक धर्म और दर्शन है। संसार में ईसाई धर्म धर्म के बाद सबसे अधिक बौद्ध धर्म के ही अनुयायि पाये जाते। हालांकि कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार बौद्ध धर्म आबादी ४८.८ करोड़ से ५३.५ करोड़ (विश्व की जनसंख्या में ९% से १०%) भी बताई जाती है। विश्व के सभी महाद्विपों में बौद्ध धर्म के अनुयायि रहते है। बौद्ध धर्म दुनिया का पहला विश्व धर्म है, जो अपने जन्मस्थान से निकलकर विश्व में दूर दूर तक फैला। आज दुनिया में बौद्ध धर्म की आबादी हिन्दू धर्म से अधिक और इस्लाम धर्म के बराबर या इस्लाम धर्म से भी अधिक है। भारत में बौद्ध धर्म अल्पसंख्यक है, जबकि भारत में इस विश्व धर्म का उदय हुआ था। परंतु एशिया में बौद्ध धर्म प्रमुख धर्म बना रहा। २०१० में १.०७ अरब से १.२२ अरब जनसंख्या के साथ चीन बौद्धों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, चीन की कुल आबादी में ८०% से ९१% बौद्ध अनुयायि है। ज्यादातर चीनी बौद्ध महायान सम्प्रदाय के अनुयायि है। दुनिया की ६५% से ७०% बौद्ध आबादी चीन में रहती है। .

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विश्व में हिन्दू धर्म

विश्व की कुल आबादी में लगभग 23% हिन्दू धर्म के अनुयायी लोग हैं। जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर नेपाल पहले स्थान पर है और उसके बाद भारत और मॉरिशस का स्थान आता है। .

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विश्व में इस्लाम धर्म

इस्लाम; दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। 2010 के एक अध्ययन के अनुसार जनवरी 2011 में जारी किया गया था, इस्लाम के पास 1.6 अरब अनुयायी हैं, जो विश्व की आबादी का 23% हिस्सा बनाता हैं। 2015 में एक और अध्ययन के अनुसार इस्लाम में 1.7 बिलियन अनुयायी हैं। अधिकांश मुस्लिम दो संप्रदायों में हैं: सुन्नी (80-90%, करीब 1.5 अरब लोग) या शिया (20-30%, लगभग 340-510 मिलियन लोग)। मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, अफ्रीका का हॉर्न, सहारा, मध्य एशिया और एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में इस्लाम प्रमुख धर्म है। मुस्लिमों के बड़े समुदाय भी चीन, बाल्कन, भारत और रूस में पाए जाते हैं। दुनिया के अन्य बड़े हिस्सो में मुस्लिम आप्रवासी समुदायों की मेजबानी करते हैं; पश्चिमी यूरोप में, उदाहरण के लिए, ईसाई धर्म के बाद इस्लाम धर्म दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जहां यह कुल आबादी का 6% या 24 मिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। .

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विश्व आर्थिक मंच

विश्व आर्थिक फोरम स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका मुख्यालय जिनेवा में है। स्विस अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है। .

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विश्व का आर्थिक इतिहास

सन १००० से सन २००० के बीच महाद्वीपों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वितरण का परिवर्तन विश्व के विभिन्न भागों का सकल घरेलू उत्पाद (सन् 2014 में) बीसवीं शताब्दी में विश्व का सकल घरेलू उत्पाद .

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विश्व क्रिकेट लीग अफ्रीका क्षेत्र

विश्व क्रिकेट लीग अफ्रीका क्षेत्र या अफ्रीका विश्व क्रिकेट लीग एक दिवसीय क्रिकेट अफ्रीका में टीमों के क्रिकेट गैर टेस्ट देशों के लिए अफ्रीकी क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित टूर्नामेंट है। साथ ही एक समान मानक के अन्य लोगों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए राष्ट्रीय टीमों के लिए अवसर प्रदान करने के रूप में, यह भी आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग में योग्यता प्रदान करता है। लीग तीन प्रभागों एक बार पदोन्नति डिवीजनों के बीच जगह लेने के साथ हर दो साल में खेला शामिल हैं। अभी तक, वहाँ नहीं किया गया है एक प्रभाग एक टूर्नामेंट खेला और तो कोई मौजूदा चैंपियन हैं। वर्तमान में, वहाँ कोई नहीं है इस जगह लेने के लिए निर्धारित तिथि है। .

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विश्व के पर्वत

विश्व में विभिन्न पर्वत श्रृंखलाएं हैं जिनमें आयु, निर्माण ऊंचाई इत्यादि के आधार पर बहुत विविधताएं हैं।.

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विश्व के सभी देश

यह विश्व के देशों की सूची, एक सिंहावलोकन कराती है, विश्व के राष्ट्रों का, जो कि देवनागरी वर्णक्रमानुसार व्यवस्थित है। इसमें स्वतंत्र राज्य भी सम्मिलित हैं। (जो कि अन्तराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त हैं और जो अमान्यता प्राप्त), हैं, बसे हुए हैंपरतंत्र क्षेत्र, एवं खास शासकों के क्षेत्र भी। ऐसे समावेश मानदण्ड अनुसार यह सूची शब्द `देश' एवं `सार्वभौम राष्ट्र' को पर्यायवाची नहीं मानती। जैसा कि प्रायः साधारण बोलचाल में प्रयोग किया जाता है। कृप्या ध्यान रखें कि किन्हीं खास परिस्थितिवश एवं किन्हीं खास भाषाओं में 'देश' शब्द को सर्वथा प्रतिबंधात्मक अर्थ समझा जाता है। अतः केवल 193 निम्नलिखित प्रविष्टियाँ ही प्रथम शब्द (देश या राष्ट्र) में समझे जाएं। यह सूची दिए गए देशों के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी क्षेत्रों को आवृत्त करती है, अर्थात क्षेत्र, जलीय क्षेत्र (जिसमें जलीय आंतरिक क्षेत्र एवं थल से लगे जलीय क्षेत्र भी आते हैं), विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र, कॉण्टीनेण्टल शैल्फ, एवं हवाई क्षेत्र.

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विश्व की झीलें

विश्व की झीलों की सूची इस प्रकार है -.

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विश्व की नदियां

विश्व के नदियों की सूची महाद्वीप के आधार पर इस प्रकार हैं -.

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विश्वमारी

विश्वमारी (यूनानी (ग्रीक) शब्द πᾶν पैन "सब" + δῆμος डेमोस "लोग" से), संक्रामक रोगों की एक महामारी है जो मानव आबादी के माध्यम से एक विशाल क्षेत्र, उदाहरण के लिए, एक महाद्वीप, या यहां तक कि दुनिया भर में भी फ़ैल रहा है। एक व्यापक स्थानिक रोग जो इस दृष्टि से स्थिर होता है कि इससे कितने लोग बीमार हो रहे हैं, एक विश्वमारी नहीं है। इसके अलावा, फ्लू विश्वमारियों में मौसमी फ्लू को तब तक शामिल नहीं किया जाता है जब तक मौसम का फ्लू एक विश्वमारी न हो। सम्पूर्ण इतिहास में चेचक और तपेदिक जैसी असंख्य विश्वमारियों का विवरण मिलता है। अधिक हाल की विश्वमारियों में एचआईवी (HIV) विश्वमारी और 2009 की फ्लू विश्वमारी शामिल है। .

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विंडहोएक

विंडहोएक अफ्रीका के नामीबिया देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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विकियात्रा

कोई विवरण नहीं।

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विक्टोरिया झील

विक्टोरिया झील या विक्टोरिया न्यांज़ा (उकेरेवे और नलुबाले) अफ्रीका की झीलों में से सबसे बड़ी झील है। स्पॉट उपग्रह से दृश्य .

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विक्टोरिया जलप्रपात

विक्टोरिया जलप्रपात विक्टोरिया जलप्रपात जिसे स्थानिय भाषा मे मोसी-ओआ-तुन्या (Mosi-oa-Tunya) कहॉ जाता है अफ़्रीका की जेम्बेजी नदी पर स्थित एक जल प्रपात है। इस जलप्रपात को विश्व के सात प्राकृतिक आश्चर्यो मे से एक माना जाता है। शानदार जलप्रपातों में से यह प्रपात दूसरे नम्बर पर रखा जाता है। इस जलप्रपात का अफ़्रीकी नाम 'मोसी- ओआ-तुन्या' है, अर्थात 'धुआँ जो गरजे'।विक्टोरिया फॉल्स को इस धरती पर गिरते पानी का सबसे चौड़ा प्रपात (सबसे चौड़ा पानी का परदा) कहा जाता है। इसकी चौड़ाई सत्रह सौ मीटर है। दुनियाभर से लोगों के यहां सालभर आने के बाद भी इस जगह के जादू में कोई कमी नहीं आई है। वाटरफॉल्स से बनने वाला कुहासा बीस किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है। इसी तरह उसकी गर्जना भी बहुत दूर से सुनी जा सकती है। सौ मीटर नीचे पानी के गिरने से बाद उठने वाली बौछारें काफी हद तक उस इलाके में मौजूद रेनफॉरेस्ट को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं। नजारा तब और खूबसूरत हो उठता है जब अलग- अलग कोण से इंद्रधनुष पानी के ऊपर देखने को मिलते हैं। यह दक्षिणी अफ्रीका के सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों में से एक है। नवंबर 1855 में यहां पहुंचने वाले पहले विदेशी डेविड लिंगस्टोन थे। उन्होंने ब्रिटेन की महारानी के नाम पर इस फॉल्स का नाम रखा। चार साल पहले गरजने वाले धुंए के बारे में सुनकर उन्होंने इसकी खोज शुरू की थी। .

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विक्टोरिया, सेशाइल्स

विक्टोरिया, सेशाइल्स अफ्रीका के सेशाइल्स देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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वंदना शिवा

वंदना शिवा (जन्म. 5 नवम्बर 1952, देहरादून, उत्तराखंड, भारत), एक दार्शनिक, पर्यावरण कार्यकर्ता, पर्यावरण संबंधी नारी अधिकारवादी एवं कई पुस्तकों की लेखिका हैं। वर्तमान में दिल्ली में स्थित, शिवा अग्रणी वैज्ञानिक और तकनीकी पत्रिकाओं में 300 से अधिक लेखों की रचनाकार हैं। उन्होंने 1978 में डॉक्टरी शोध निबंध: "" के साथ पश्चिमी ओंटेरियो विश्वविद्यालय, कनाडा से अपनी पीएच.डी.

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वंश समूह

आण्विक क्रम-विकास के अध्ययन में वंश समूह या हैपलोग्रुप ऐसे जीन के समूह को कहतें हैं जिनसे यह ज्ञात होता है के उस समूह को धारण करने वाले सभी प्राणियों का एक ही पूर्वज था। .

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वैलेंटाइन दिवस

वैलेंटाइन दिवस या संत वैलेंटाइन दिवस (Valentine's Day), एक अवकाश दिवस है, जिसे 14 फ़रवरी को अनेकों लोगों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है। अंग्रेजी बोलने वाले देशों में, ये एक पारंपरिक दिवस है, जिसमें प्रेमी एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार वैलेंटाइन कार्ड भेजकर, फूल देकर, या मिठाई आदि देकर करते हैं। ये छुट्टी शुरुआत के कई क्रिश्चियन शहीदों में से दो, जिनके नाम वैलेंटाइन थे, के नाम पर रखी गयी हैउच्च मध्य युग में, जब सभ्य प्रेम की परंपरा पनप रही थी, जेफ्री चौसर के आस पास इस दिवस का सम्बन्ध रूमानी प्रेम के साथ हो गया। ये दिन प्रेम पत्रों के "वैलेंटाइन" के रूप में पारस्परिक आदान प्रदान के साथ गहरे से जुड़ा हुआ है। आधुनिक वैलेंटाइन के प्रतीकों में शामिल हैं दिल के आकार का प्रारूप, कबूतर और पंख वाले क्यूपिड का चित्र.19वीं सदी के बाद से, हस्तलिखित नोट्स की जगह बड़े पैमाने पर बनाने वाले ग्रीटिंग कार्ड्स ने ले ली है। ग्रेट ब्रिटेन में उन्नीसवीं शताब्दी में वैलेंटाइन का भेजा जाना एक फैशन था और, 1847 में, एस्थर हौलैंड ने अपने वोर्सेस्टर, मैस्साचुसेट्स स्थित घर में ब्रिटिश मॉडलों पर आधारित घर में ही बने कार्ड्स द्वारा एक सफल व्यवसाय विकसित कर लिया था। 19 वीं सदी के अमेरिका में वैलेंटाइन कार्ड की लोकप्रियता जहां कई वैलेंटाइन कार्ड अब सामान्य ग्रीटिंग कार्ड प्यार की घोषणाओं के बजाय, संयुक्त राज्य अमेरिका में छुट्टियों के भविष्य व्यावसायीकरण के एक अग्रदूत था रहे हैं। अमेरिका ने ग्रीटिंग कार्ड एसोसिएशन का अनुमान है कि लगभग एक अरब वैलेंटाइन हर साल पूरी दुनिया में भेजे जाते हैं, जिसके कारण,क्रिसमस के बाद, इस छुट्टी को कार्ड भेजने वाले दूसरे सबसे बड़े दिवस के रूप में जाना जाता है। एसोसिएशन का अनुमान है कि औसतन अमरीका में पुरुष महिलाओं के मुकाबले दुगना पैसा खर्चा करते हैं। .

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वैस्पाज़िअन्

वैस्पाज़िअन की मुर्ति मोटे अक्षर'वैस्पाज़िअन् (१८ नवम्बर ०९ - २९ जून ७९; शासनकाल: ७०-७९)) रोमन साम्राज्य का अत्यंत प्रभावशाली सम्राट था। वह बहादुर सैनिक, कुशल शासक, तथा चरित्रवान, ईमानदार, हँसमुख, मिलनसार और उदार व्यक्ति था। उसके समय में रोमन साम्राज्य का पहला सुप्रसिद्ध इतिहास लिखा गया। अपने सरल और मितव्ययी जीवन से उसने रोमन सामंतों और जनता के जीवन में बड़ा सुधार किया और सादगी से रहना सिखाया। उसका पूरा नाम टाइटस फ्लैवियस वैस्पाज़िअन था। उसका जन्म मामूली साहूकार के घर में हुआ था और उसका जीवन बहादुर सैनिक के रूप में शुरू हुआ। इसी हैसियत से वह जर्मनी, इंग्लैंड, अफ्रीका, यूनान और मिस्र गया। बड़ा यश पैदा किया। १ जुलाई ६९ ई. को मिस्र में रोमन सेनाओं ने उसको सम्राट् घोषित किया। अन्य स्थानों की सेनाओं ने भी उसके प्रति वफादारी की शपथ ली। उनके द्वारा ही वह रोमन साम्राज्य का शासक बनाया गया। उसने शीघ्र ही शासन सुधार की घोषणा करके अपने को लोकप्रिय बना लिया। गाल प्रदेश के विद्रोह को दबाकर जर्मन सीमाओं को सुरक्षित बनाया। जेरूसलम में भी रोमन साम्राज्य की स्थिति को सुरक्षित बनाया। जैनूस के मंदिर को बंद करके अपने शासन काल के ९ वर्ष में वहाँ रोमन आधिपत्य कायम रखा। ७८ ई. में इंग्लैंण्ड के वेल्स और आंग्लेसी द्वीप में रोमन साम्राज्य का विस्तार किया। सन् ७० में उसने रोम में प्रवेश किया। वह घरेलू युद्ध में आग की भेंट हो चुका था। उसका पुनर्निमाण कर उसको सुंदर एवं वैभवशाली बनाया। उसका सबसे बड़ा काम सिनेट के सहयोग से रोमन साम्राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाना, सेनाओं का पुनर्गठन कर उसमें फैली हुई अनैतिकता को दूर करना, साम्राज्य के अंतर्गत प्रदेशों को उन्नत बनाना और पिछड़े हुए प्रदेशों में रोमन संस्कृति का प्रसार करना था। एक रोमन सरदार की लड़की प्लेविया डामाटिला से उसका विवाह हुआ। उसके दो पुत्र हुए और दोनों रोमन साम्राज्य के सम्राट हुए। श्रेणी:रोमन साम्राज्य.

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वोल्टा झील

वोल्टा झील अफ्रीका के घाना देश में स्थित एक मानव निर्मित झील है। यह अकोसोम्बो बाँध के द्वारा सफ़ेद वोल्टा नदी और काली वोल्टा नदियों के पानी को रोककर बनाया गया जलाशय है जो अपने 8,502 km² (3,275 वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ विश्व का सतही क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जलाशय या मानव निर्मित झील है। इसकी जलधारण क्षमता 153,000,000,000 cubic m है। .

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वोले शोयिंका

वोले शोयिंकावोले शोयिंका-(पूरा नाम अकिन्वान्डे ओलुवोले शोयिंका)(१३ जुलाई १९३४-) १९८६ में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अफ्रीका के पहले साहित्यकार हैं। उनका जन्म ओगुन राज्य में स्थिति अव्योकुटा कस्बे में हुआ था। इनके पिता एनिओला शोंयिंका एक अध्यापक थे और मां आयोडेले (इया) ओलुवोले अपनी दुकान चलाती थीं। इस दम्पति ने ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया था इसलिए बालक शोयिंका का बपतिस्मा संस्कार हुआ। लेकिन बचपन से ही बालक शोयिंका पर अपने दादा के मूल योरूबा प्रकृति धर्म (एनिमिज्म) पर अटल रहने का गहरा प्रभाव पड़ा। इसी के फलस्वरूप उनके मन मनुष्य के प्रति अगाध आस्था जनमी। आगे चलकर योरूबा जनजाति की भाषा और संस्कृति से अभिन्न जुड़ाव का उनकी सृजनात्मकता में अद्भुद उपयोग हुआ। युवा होते-होते १९६३ में वोले शोयिंका ने ईसाई धर्म सार्वजनिक रूप से परित्याग करके प्रकृति धर्म में आस्था व्यक्ति की और उनकी पुर्नस्थापना के लिए प्रयत्नशील हो गए। रायल कोर्ट थियेटर लंदन में प्ले-रीडर के रूप में जीवन आरम्भ करके वह नाइजीरिया के कई विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी साहित्य और नाट्य कला के प्राध्यापक रहे। कालान्तर में लेगान विश्वविद्यालय घाना और शेफील्ड विश्वविद्यालय इंग्लैण्ड में विजिटिंग प्रोफेसर और चर्चित कालेज कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय इंगलैण्ड व कॉर्नेल विश्वविद्यालय अमरीका के फैलो बने। अपनी प्रतिबद्धताओं और अभिव्यक्ति के कारण कई बार जेल यात्रा करनी पड़ी। अश्वेत अफ्रीका की परंपरा, संस्कृति और धार्मिक विश्वास में युगों-युगों से रचे-बसे मिथकों की काव्यात्मकता और उनकी नई रचनात्मक सम्भावनाओं को शोयिंका ने ही पहली बार पहचाना। प्राचीन यूनानी मिथकों की आधुनिक यूरोपीय व्याख्या से प्रेरित हो उन्होंने योरूबा देवमाला की सर्वथा नई दृष्टि से देखा। साहित्य और कला के अपार रचना-सामर्थ्य को प्रतिबिम्बित करने वाले योरूबा देवता ओगुन इस नव्य दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। उनकी कविताओं के अनुवाद हिंदी में भी पढ़े जा सकते हैं। .

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वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग

एक ''टी३'' अल्ट्रा-हाई रिज़ॉल्यूशन टेलिप्रेसेन्स कक्ष। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आधुनिक संचार तकनीक है, जिसके माध्यम से दो या इससे अधिक स्थानों से एक साथ ऑडियो-वीडियो माध्यम से कई लोग जुड़ सकते हैं। इसे वीडियो टेलीकॉन्फ्रेंस भी कहा जाता है। इसका प्रयोग खासकर किसी बैठक या सम्मेलन के लिए तब किया जाता है, जब कई लोग अलग-अलग स्थानों में बैठे हों। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से अभिलेखों और कम्प्यूटर पर चल रही सूचनाओं का आदान-प्रदान भी किया जा सकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वीडियो कैमरा या वेब कैम, कम्प्यूटर मॉनिटर, टेलीविजन या प्रोजेक्टर, माइक्रोफोन, लाउडस्पीकर और इंटरनेट की आवश्यकता होती है। जिन देशों में टेलीमेडिसिन और टेलीनर्सिग को मान्यता प्राप्त है, वहां लोग आपातकाल में नर्स और डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। यह सेवा आजकल भारत संचार निगम लिमिटेड ने अपनी ३-जी दूरभाष सेवा में भी देनी आरंभ की है। आजकल इस आधुनिक तकनीक का शिक्षा और विदेश में बैठे लोगों की न्यायालयों में गवाही और कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी काफी प्रयोग होने लगा है। दुनिया के कई विश्वविद्यालयों ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को अपनाया है। भारत समेत कई देशों में सरकारी बैठकों और कार्य निर्देश भी अब इसके जरिए हो रहे हैं। इस प्रकार इससे समय और खर्च दोनों को कम किया जा सकता है। विश्व में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सार्वजनिक प्रयोग उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका के बीच किया गया था। यह तकनीक इतनी उपयोगी हो चली है कि अब वैज्ञानिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को मोबाइल फोन पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग अब कई आधुनिक मोबाइल फोन पर भी उपलब्ध है। .

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वीर दास

वीर दास (जन्म ३१ मई १९७९) में हुआ था ये एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म अभिनेता है। इन्होंने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत २००७ में की थी। वीर दास एक मंच पर कॉमेडी करने वाले हास्य कलाकार है। साल २०१३ में गो गोआ गोन २०१४ में शादी के साइड इफेक्ट जैसी फ़िल्मों में काम किया है। इनके अलावा ये टेलीविजन कार्यक्रमों में भी काम कर चूके है। साल २०१६ में इन्होंने वयस्क एवं हास्य फ़िल्म मस्तीज़ादे फ़िल्म में भी अभिनय किया है फ़िल्म में तुषार कपूर एवं सन्नी लियोन भी है। .

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वीज़ा इंक.

वीज़ा इंक. (Visa Inc.) एक वैश्विक भुगतान तकनीक कंपनी (ग्लोबल पेमेंट्स टेक्नोलोजी कंपनी) है जिसका मुख्यालय कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में है। यह दुनिया भर में सबसे अधिक आम तौर पर वीज़ा ब्रांड युक्त क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करती है। वीज़ा न तो कार्ड जारी करती है, न ऋण देती है और न ही उपभोक्ताओं के लिए दरों और शुल्कों का निर्धारण करती है; बल्कि वीज़ा वित्तीय संस्थाओं को वीज़ा ब्रांड के भुगतान संबंधी उत्पाद प्रदान करती है जिसका उपयोग वे अपने ग्राहकों को क्रेडिट, डेबिट, प्रीपेड और नकदी की प्राप्ति संबंधी सेवाएं प्रदान करने में करते हैं। वर्ष 2008 में निल्सन रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में वीज़ा के पास क्रेडिट कार्ड के बाजार में 38.3% का और डेबिट कार्ड के बाजार में 60.7% का मार्केट शेयर मौजूद था। 2009 में वीज़ा ग्लोबल नेटवर्क (जिसे वीज़ानेट के रूप में जाना जाता है) ने 62 बिलियन के लेन-देन (ट्रांजेक्शन) को अंजाम दिया था जिसकी कुल मात्रा 4.4 ट्रिलियन डॉलर थी। वीज़ा के ऑपरेशंस पूरे एशिया-प्रशांत, उत्तरी अमेरिका, मध्य और दक्षिण अमेरिका, कैरिबियन, मध्य और पूर्वी यूरोप, अफ्रीका और मध्य पूर्व में हैं। वीज़ा यूरोप एक अलग सदस्यता इकाई है जो यूरोपीय क्षेत्र में वीज़ा इंक के ट्रेडमार्क और तकनीक की एक विशिष्ट लाइसेंसी है और यह वीज़ा डेबिट जैसे कार्ड जारी करती है। .

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ख़ैबर दर्रा

ख़ैबर दर्रा ख़ैबर दर्रा ख़ैबर दर्रा या दर्र-ए-ख़ैबर (Khyber Pass) उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान की सीमा और अफगानिस्तान के काबुलिस्तान मैदान के बीच हिंदुकुश के सफेद कोह पर्वत शृंखला में स्थित एक प्रख्यात ऐतिहासिक दर्रा है। यह दर्रा ५० किमी लंबा है और इसका सबसे सँकरा भाग केवल १० फुट चौड़ा है। यह सँकरा मार्ग ६०० से १००० फुट की ऊँचाई पर बल खाता हुआ बृहदाकार पर्वतों के बीच खो सा जाता है। इस दर्रे के ज़रिये भारतीय उपमहाद्वीप और मध्य एशिया के बीच आया-जाया सकता है और इसने दोनों क्षेत्रों के इतिहास पर गहरी छाप छोड़ी है। ख़ैबर दर्रे का सबसे ऊँचा स्थान पाकिस्तान के संघ-शासित जनजातीय क्षेत्र की लंडी कोतल (لنڈی کوتل, Landi Kotal) नामक बस्ती के पास पड़ता है। इस दर्रे के इर्द-गिर्द पश्तून लोग बसते हैं। पेशावर से काबुल तक इस दर्रे से होकर अब एक सड़क बन गई है। यह सड़क चट्टानी ऊसर मैदान से होती हुई जमरूद से, जो अंग्रेजी सेना की छावनी थी और जहाँ अब पाकिस्तानी सेना रहती है, तीन मील आगे शादीबगियार के पास पहाड़ों में प्रवेश करती है और यहीं से खैबर दर्रा आरंभ होता है। कुछ दूर तक सड़क एक खड्ड में से होकर जाती है फिर बाई और शंगाई के पठार की ओर उठती है। इस स्थान से अली मसजिद दुर्ग दिखाई पड़ता है जो दर्रे के लगभग बीचोबीच ऊँचाई पर स्थित है। यह दुर्ग अनेक अभियानों का लक्ष्य रहा है। पश्चिम की ओर आगे बढ़ती हुई सड़क दाहिनी ओर घूमती है और टेढ़े-मेढ़े ढलान से होती हुई अली मसजिद की नदी में उतर कर उसके किनारे-किनारे चलती है। यहीं खैबर दर्रे का सँकरा भाग है जो केवल पंद्रह फुट चौड़ा है और ऊँचाई में २,००० फुट है। ५ किमी आगे बढ़ने पर घाटी चौड़ी होने लगती है। इस घाटी के दोनों और छोटे-छोटे गाँव और जक्काखेल अफ्रीदियों की लगभग साठ मीनारें है। इसके आगे लोआर्गी का पठार आता है जो १० किमी लंबा है और उसकी अधिकतम चौड़ाई तीन मील है। यह लंदी कोतल में जाकर समाप्त होता है। यहाँ अंगरेजों के काल का एक दुर्ग है। यहाँ से अफगानिस्तान का मैदानी भाग दिखाई देता है। लंदी कोतल से आगे सड़क छोटी पहाड़ियों के बीच से होती हुई काबुल नदी को चूमती डक्का पहुँचती है। यह मार्ग अब इतना प्रशस्त हो गया है कि छोटी लारियाँ और मोटरगाड़ियाँ काबुल तक सरलता से जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त लंदी खाना तक, जिसे खैबर का पश्चिम कहा जाता है, रेलमार्ग भी बन गया है। इस रेलमार्ग का बनना १९२५ में आरंभ हुआ था। सामरिक दृष्टि में संसार भर में यह दर्रा सबसे अधिक महत्व का समझा जाता रहा है। भारत के 'प्रवेश द्वार' के रूप में इसके साथ अनेक स्मृतियाँ जुड़ी हुई हैं। समझा जाता है कि सिकन्दर के समय से लेकर बहुत बाद तक जितने भी आक्रामक शक-पल्लव, बाख्त्री, यवन, महमूद गजनी, चंगेज खाँ, तैमूर, बाबर आदि भारत आए उन्होंने इसी दर्रे के मार्ग से प्रवेश किया। किन्तु यह बात पूर्णतः सत्य नहीं है। दर्रे की दुर्गमता और इस प्रदेश के उद्दंड निविसियों के कारण इस मार्ग से सबके लिए बहुत साल तक प्रवेश सहज न था। भारत आनेवाले अधिकांश आक्रमणकारी या तो बलूचिस्तान होकर आए या 2 साँचा:पाकिस्तान के प्रमुख दर्रे श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:पाकिस्तान के पहाड़ी दर्रे श्रेणी:अफ़्गानिस्तान के पहाड़ी दर्रे श्रेणी:पश्तून लोग श्रेणी:ऐतिहासिक मार्ग.

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खार्तूम

खार्तूम (الخرطوم अल-खार्तूम) अफ्रीका के सूडान की राजधानी है। यह उत्तर से विक्टोरिया झील से आती श्वेत नील एवं पश्चिम में इथियोपिया से आती ब्लू नील के संगम पर स्थित है। दोनों नदियों के संगम को अल-मोर्गन कहते हैं। मुख्य नदी नील अपनी यात्रा यहां से उत्तरावर्ती होकर मिस्र और अन्ततः भूमध्य सागर को करती है। नील नदी द्वारा तीन भागों में विभाजित होने से खार्तूम शहर एक त्रिकोणीय महानगर बनता है, जिसकी अनुमानित जनसंख्या दस लाख से अधिक है। ये तीन भाग उत्तरी खार्तूम (अल खार्तूम भाहरी) एवं ओमदर्मन (उम्म दर्मान) से पश्चिम में सेतुओं द्वारा जुड़े हैं। .

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खारे पानी के मगरमच्छ

कायर्न्स, क्वींसलैंड के बाहर खारे पानी के मगरमच्छ खारे पानी का मगरमच्छ या एस्टूएराइन क्रोकोडाइल (estuarine crocodile) (क्रोकोडिलस पोरोसस) सबसे बड़े आकार का जीवित सरीसृप है। यह उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, भारत के पूर्वी तट और दक्षिण-पूर्वी एशिया के उपयुक्त आवास स्थानों में पाया जाता है। .

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खजूर

खजूर खजूर (फीनिक्स डेक्टाइलेफेरा) एक ताड़ प्रजाति का वृक्ष है, जिसकी कृषि बड़े पैमाने पर इसके खाद्य फल के लिए की जाती है। चूँकि इसकी खेती बहुत पहले से हो रही है इसलिए इसका सटीक मूल स्थान तलाशना लगभग असंभव है, लेकिन जलवायु के परि इसकी अनुकूलता को देखते हुये कहा जा सकता है के इसका मूल शायद उत्तरी अफ्रीका के किसी नख़लिस्तान या शायद दक्षिण पश्चिम एशिया में है। यह एक मध्यम आकार का पेड़ है और इसकी ऊँचाई 15-25 मीटर तक होती है, अक्सर कई तने एक ही मूल (जड़) प्रणाली से जुडे़ होते हैं पर यह अक्सर अकेले भी बढ़ते हैं। श्रेणी:फल श्रेणी:उद्यान विज्ञान और बाग़बानी श्रेणी:वृक्ष.

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खुरदार

लामा एक खुरदार जानवर है, जो आर्टियोडैकटिला (सम-ऊँगली खुरदार) श्रेणी में आता है - लामाओं के खुरों में दो उंगलियाँ होती हैं खुरदार या अंग्युलेट (ungulate) ऐसे स्तनधारी जानवरों को कहा जाता है जो चलते समय अपना भार अपने पाऊँ की उँगलियों के अंतिम भागों पर उठाते हैं। यह भार सहन करने के लिए ऐसे पशुओं के पाऊँ अक्सर खुरों के रूप में होते हैं।, Colin Tudge, Simon and Schuster, 1997, ISBN 978-0-684-83052-0,...

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खोई भाषाएँ

खोई भाषाएँ (Khoe languages) अफ़्रीका के दक्षिणी हिस्से में बोली जाने वाली भाषाओं का वह सबसे बड़ा परिवार है जो बांटू भाषा-परिवार का सदस्य नहीं है। यह पहले खोईसान भाषाओं की एक शाखा मानी जाती थी और 'मध्य खोईसान' के नाम से जानी जाती थी, लेकिन आधुनिक काल में यह एक अलग परिवार समझा जाता है। खोई भाषाओं में से सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा नामा भाषा है जो नामीबिया में बोली जाती है। अन्य खोई भाषाएँ बोत्स्वाना में कालाहारी रेगिस्तान में बोली जाती हैं। खोई भाषाएँ अपने क्लिक व्यंजनो के लिये जानी जाती हैं।, Alan Barnard, pp.

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खोईसान भाषाएँ

अफ़्रीका के नक़्शे पर: खोईसान भाषाएँ पीले रंग वाले क्षेत्रों में बोली जाती हैं खोईसान भाषाएँ दक्षिण और पूर्वी अफ़्रीका में बोली जाने वाली वह भाषाएँ हैं जिनमें क्लिक व्यंजन होते हैं और जो किसी भी अन्य भाषा परिवार की सदस्य नहीं हैं। यह कभी काफ़ी विस्तृत क्षेत्र में बोली जाती थीं लेकिन अब केवल कालाहारी रेगिस्तान में और तंज़ानिया के छोटे से इलाक़े में बोली जाती हैं। दक्षिण अफ़्रीका में इन्हें खोई और बुशमैन (जिन्हें 'सान' भी कहते हैं) आदिवासी बोला करते हैं और तंज़ानिया में संडावे और हदज़ा लोग इनके मातृभाषी हैं। बहुत से भाषावैज्ञानिक इसे एक भाषा परिवार का दर्जा नहीं देते और समझते हैं की वास्तव में यह भाषाएँ एक-दुसरे से कोई गहरा सम्बन्ध नहीं रखती। बहुत सी खोईसान भाषाएँ ख़तरे में हैं या विलुप्त हो चुकी हैं। खोईखोई भाषा सब से अधिक बोले जाने वाली खोईसान भाषा है और इसे नमीबिया में लगभग २। ५ लाख लोग बोलते हैं। तंज़ानिया की संडावे भाषा को ४०,००० लोग और कालाहारी मरुस्थल के उत्तरी भाग में बोले जानी वाली जुउ भाषाओँ को ३०,००० लोग बोलते हैं। ऐतिहासिक रूप से यह दक्षिण अफ़्रीका से उत्तर में महान दरार घाटी तक बोली जाती थीं लेकिन बांटू भाषाओँ के फैलने से इनका प्रभाव सिकुड़ता रहा। .

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खोईखोई भाषा

खोईखोई भाषा (Khoekhoe), जिसे नामा भाषा (Nama) और खोईखोईगोवाब (Khoekhoegowab) भी कहते हैं, अफ़्रीका के दक्षिणी हिस्से में बोली जाने वाली एक भाषा है। यह क्लिक व्यंजन वाली भाषाओं में से सब से वस्तृत है और इसे नामा, दमारा और हाइǁओम समुदाय के लोग बोलते हैं (ध्यान दें कि 'हाइǁओम' में ǁ का चिह्न एक क्लिक ध्वनि दर्शाता है)। यह भाषा कुछ दबाव में है क्योंकि नई पीढ़ी के बहुत से नामा लोग इसकी बजाय आफ़्रीकान्स भाषा बोलने लगे हैं।, pp.

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खोईखोई लोग

खोईखोई (Khoekhoe), जिन्हें सिर्फ़ खोई (Khoi) भी कहा जाता है, अफ़्रीका के दक्षिणी भाग में बसने वाले खोईसान लोगों की एक शाखा है। यह समुदाय बुशमैन समुदाय से क़रीबी सम्बन्ध रखता है और ५वी सदी से दक्षिणी अफ़्रीका में बसा हुआ है। यहा वे मवेशी पालन और अस्थाई कृषि में लगे हुए हैं। वे खोईखोई भाषाएँ बोलते हैं। इन भाषाओं में मौजूद क्लिक व्यंजनों की नकल में यूरोपी लोग खोईखोई लोगों को हॉटेनटॉट (Hottentot) कहते थे लेकिन अब यह एक अपमानजनक नाम माना जाता है इसलिये इसका प्रयोग कम हो गया है। .

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गणराज्य

एक गणराज्य या गणतंत्र (रेस पब्लिका) सरकार का एक रूप है जिसमें देश को एक "सार्वजनिक मामला" माना जाता है, न कि शासकों की निजी संस्था या सम्पत्ति। एक गणराज्य के भीतर सत्ता के प्राथमिक पद विरासत में नहीं मिलते हैं। यह सरकार का एक रूप है जिसके अंतर्गत राज्य का प्रमुख राजा नहीं होता। गणराज्य की परिभाषा का विशेष रूप से सन्दर्भ सरकार के एक ऐसे रूप से है जिसमें व्यक्ति नागरिक निकाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और किसी संविधान के तहत विधि के नियम के अनुसार शक्ति का प्रयोग करते हैं, और जिसमें निर्वाचित राज्य के प्रमुख के साथ शक्तियों का पृथक्करण शामिल होता हैं, व जिस राज्य का सन्दर्भ संवैधानिक गणराज्य या प्रतिनिधि लोकतंत्र से हैं। 2017 तक, दुनिया के 206 सम्प्रभु राज्यों में से 159 अपने आधिकारिक नाम के हिस्से में "रिपब्लिक" शब्द का उपयोग करते हैं - निर्वाचित सरकारों के अर्थ से ये सभी गणराज्य नहीं हैं, ना ही निर्वाचित सरकार वाले सभी राष्ट्रों के नामों में "गणराज्य" शब्द का उपयोग किया गया हैं। भले राज्यप्रमुख अक्सर यह दावा करते हैं कि वे "शासितों की सहमति" से ही शासन करते हैं, नागरिकों को अपने स्वयं के नेताओं को चुनने की वास्तविक क्षमता को उपलब्ध कराने के असली उद्देश्य के बदले कुछ देशों में चुनाव "शो" के उद्देश्य से अधिक पाया गया है। गणराज्य (संस्कृत से; "गण": जनता, "राज्य": रियासत/देश) एक ऐसा देश होता है जहां के शासनतन्त्र में सैद्धान्तिक रूप से देश का सर्वोच्च पद पर आम जनता में से कोई भी व्यक्ति पदासीन हो सकता है। इस तरह के शासनतन्त्र को गणतन्त्र(संस्कृत; गण:पूरी जनता, तंत्र:प्रणाली; जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली) कहा जाता है। "लोकतंत्र" या "प्रजातंत्र" इससे अलग होता है। लोकतन्त्र वो शासनतन्त्र होता है जहाँ वास्तव में सामान्य जनता या उसके बहुमत की इच्छा से शासन चलता है। आज विश्व के अधिकान्श देश गणराज्य हैं और इसके साथ-साथ लोकतान्त्रिक भी। भारत स्वयः एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। .

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गबोन

गबोन या गबॉन पश्चिम मध्य अफ़्रीका में स्थित एक देश है, जिसके पश्चिम में गिनी की खाड़ी, उत्तर पश्चिम में ईक्वीटोरियल गिनी, उत्तर में कैमरून और पूर्व व दक्षिण में कांगो गणराज्य से सीमा मिलती है। लगभग २,७०,००० वर्ग किमी में फैले देश की जनसंख्या करीबन १,५००,००० है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर लिब्रेविल है। १७ अगस्त १९६० में फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल करने के बाद देश पर तीन राष्ट्रपति द्वारा शासन किया गया है। प्रचुर प्राकृतिक संसाधन और विदेशी निजी निवेश की वजह से कम आबादी वाला यह उप सहारा अफ्रीका क्षेत्र का सबसे समृद्ध और उच्च मानव विकास सूचकांक वाला देश है। श्रेणी:देश श्रेणी:अफ़्रीका के देश श्रेणी:गबोन.

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गलेगो

गलेगो (Galago), जो बुशबेबी (bushbaby, अर्थ: झाड़शिशु) और नागापाए (nagapie, आफ़्रीकान्स भाषा में अर्थ: रात का बंदर) भी कहलाता है, अफ़्रीका के मुख्य महाद्वीप में मिलने वाला निशाचरी (रात्रि में सक्रीय) नरवानर प्राणी होते हैं। यह रात को वृक्षों पर घूम कर बच्चों जैसी आवाज़ें करता है, जिस कारण उसका नाम "झाड़शिशु" (बुशबेबी) पड़ा। यह नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के लीमरिफ़ोर्मीस अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) के लोरिसोइडेआ अधिकुल में एक अलग गलेगिडाए (Galagidae) या गलेगोनिडाए (Galagonidae) नामक कुल हैं। .

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गाम्बिया

गाम्बिया (आधिकारिक रूप से इस्लामी गणराज्य गाम्बिया), पश्चिमी अफ्रीका में स्थित एक देश है। गाम्बिया अफ्रीकी मुख्य भूमि पर स्थित सबसे छोटा देश है, इसकी उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी सीमा सेनेगल से मिलती है, पश्चिम में अन्ध महासागर से लगा छोटा सा तटीय क्षेत्र है। देश का नाम गाम्बिया नदी पर से पड़ा है, जिसके प्रवाह के रास्ते इसकी सीमा लगी हुई है। नदी देश के मध्य से होते हुए अन्ध महासागर में जाकर मिल जाती है। लगभग १०,५०० वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले इस देश की अनुमानित जनसंख्या १७,००,००० है। १८ फरवरी, १९६५ को गाम्बिया ब्रिटेन से स्वतन्त्र हुआ और राष्ट्रमण्डल में सम्मिलित हो गया। बांजुल गाम्बिया की राजधानी है, लेकिन सबसे बड़ा महानगर सेरीकुंदा है। गाम्बिया अन्य पश्चिम अफ़्रीकी देशों के साथ एतिहासिक दास व्यापार का एक भाग था, जो गाम्बिया नदी पर उपनिवेश स्थापित करने का एक प्रमुख कारण था, प्रथम पुर्तगालियों द्वारा और बाद में अंग्रेज़ों द्वारा। १९६५ में स्वतन्त्रता प्राप्त करने के बाद, गाम्बिया अपेक्षाकृत स्थिर देश रहा है, केवल १९९४ में सैन्य शासन की एक संक्षिप्त अवधि के अपवाद को छोड़कर। यह एक कृषि सम्पन्न देश है और देश की अर्थव्यस्था में खेती-बाड़ी, मत्स्य-ग्रहण और पर्यटन-उद्योग की प्रमुख भूमिका है। लगभग एक तिहाई जनसंख्या अन्तर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा की सीमा १.२५ डॉलर प्रतिदिन से नीचे रहती है। .

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गाम्बिया नदी

निओकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान से बहती हुई गाम्बिया नदी गाम्बिया नदी, अफ़्रीका की एक प्रमुख नदी है, जो उत्तरी गिनी के फ़ोटा जालोन (Fouta Djallon) पठार से निकलकर १,१३० किमी पश्चिम में बहती हुई अंध महासागर में गिरती है। इस नदी का आधा भाग नौकायन के योग्य है। यह नदी प्रमुखतः गाम्बिया नामक देश के नाम से जानी जाती है जो अफ़्रीकी मुख्यभूमि पर सबसे छोटा देश है और इस देश में नदी के निचले बहाव का आधा भाग और दो किनारे पड़ते हैं। फ़ोटा जालोन से आगे बढ़ते हुए यह नदी उत्तर-पश्चिम में बहती हुई सेनेगल के टांबाकौन्डा प्रांत में प्रवेश करती है, जहाँ यह निओकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान (Parc National du Niokolo Koba) से बहती हुई निकलती है और फिर नीरी को और कोलोउन्तोउ नदियाँ इसमें मिलती हैं और फिर यह नदी गाम्बिया में फाटोटो नामक स्थान पर प्रवेश करती है। इस बिन्दू के बाद नदी आमतौर पर पश्चिम की ओर ही बहती है, लेकिन घुमावदार मार्ग से होती हुई यह महासागर में मिलने के स्थान पर लगभग १० किमी चौड़ी हो जाती है। नदी के मुहाने पर जुफुरे नामक स्थान पर स्थित, जेम्स द्वीप, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह स्थान दास-व्यापार के लिए प्रयुक्त किया जाता था। .

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गिनतारा

एक चीनी गिनतारा '''कैल्कुलेटिंग टेबल,: ग्रेगोर रेइश, मार्गरीटा फिलॉसोफिका, १५०९'''। गिनतारा (अंग्रेजी: ऐबकस्) जिसे गणक सांचा भी कह सकते हैं, एक गणन उपकरण होता है, जिसका प्रयोग एशिया के भागों में अंकगणितीय प्रकायों के लिये किया जाता था। आज, गिनतारा अपने वर्तमाण रूप में, तारों पर बंधे मोतियों वाले एक बांस फ्रेम के रूप में दिखाई पड़ता है, लेकिन वे मूल रूप से ये फली के बीजों या पत्थरों या लकड़ी, पत्थर या धातु की गोलियों को रेत में खांचों/क्यारियों में चला कर प्रयोग किये जाते थे। लिखित प्रणाली के आरंभ से शताब्दियों पूर्व इनका प्रयोग किया जाता था। आज भी एशिया, अफ़्रीका आदि कई स्थानों पर व्यापारियों द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है। इसके प्रयोक्ता को गिनतारारे कहते हैं। .

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गिनी की खाड़ी

ज्वालामुखियों द्वारा बनाए गए द्वीपों की शृंखला दिखाता गिनी की खाड़ी का मानचित्र गिनी की खाड़ी अंध महासागर में अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी ओर स्थित है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:अटलांटिक महासागर की खाड़ियाँ श्रेणी:खाड़ियाँ श्रेणी:गिनी की खाड़ी.

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गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य

गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य भारत में गुजरात में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यप्राणी अभयारण्य है। एशिया में सिंहों के एकमात्र निवास स्थान के लिए जाना जाता है। गिर अभयारण्य 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जिसमें, २५८ वर्ग किलोमीटर में राष्ट्रीय उद्यान और ११५३ वर्ग किलोमीटर वन्यप्राणियों के लिए आरक्षित अभयारण्य विस्तार है। इसके अतिरिक्त पास में ही मितीयाला वन्यजीव अभयारण्य है जो १८.२२ किलोमीटर में फैला हुआ है। ये दोनों आरक्षित विस्तार गुजरात में जूनागढ़, अमरेली और गिर सोमनाथ जिले के भाग है। सिंहदर्शन के लिए ये उद्यान एवं अभयारण्य विश्व में प्रवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। विश्व में सिंहों की कम हो रही संख्या की समस्या से निपटने और एशियाटिक सिंहों के रक्षण हेतु सिंहों के एकमेव निवासस्थान समान इस विस्तार को आरक्षित घोषित किया गया था। विश्व में अफ़्रीका के बाद इसी विस्तार में सिंह बचे हैं। .

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गिरगिट

गिरगिट (Chameleons, कैमीलियन) एक प्रकार का पूर्वजगत छिपकली का क्लेड है जिसकी जून २०१५ तक २०२ जीववैज्ञानिक जातियाँ ज्ञात थी। गिरगिटें कई रंगों की होती हैं और उनमें से कई में रंग बदलने की क्षमता होती है। .

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गिलहरी

गिलहरी की कई प्रजातियों में कालेपन की प्रावस्था पाई जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बड़े हिस्से में शहरी क्षेत्रों में सर्वाधिक आसानी से देखी जा सकने वाली गिलहरियाँ पूर्वी ग्रे गिलहरियों का कालापन लिया हुआ एक रूप है। गिलहरियाँ छोटे व मध्यम आकार के कृन्तक प्राणियों की विशाल परिवार की सदस्य है जिन्हें स्कियुरिडे कहा जाता है। इस परिवार में वृक्षारोही गिलहरियाँ, भू गिलहरियाँ, चिम्पुंक, मार्मोट (जिसमे वुड्चक भी शामिल हैं), उड़न गिलहरी और प्रेइरी श्वान भी शामिल हैं। यह अमेरिका, यूरेशिया और अफ्रीका की मूल निवासी है और आस्ट्रेलिया में इन्हें दूसरी जगहों से लाया गया है। लगभग चालीस मिलियन साल पहले गिलहरियों को पहली बार, इयोसीन में साक्ष्यांकित किया गया था और यह जीवित प्रजातियों में से पर्वतीय ऊदबिलाव और डोरमाइस से निकट रूप से सम्बद्ध हैं। .

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गुलाब

गुलाब एक बहुवर्षीय, झाड़ीदार, कंटीला, पुष्पीय पौधा है जिसमें बहुत सुंदर सुगंधित फूल लगते हैं। इसकी १०० से अधिक जातियां हैं जिनमें से अधिकांश एशियाई मूल की हैं। जबकि कुछ जातियों के मूल प्रदेश यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका भी है। भारत सरकार ने १२ फरवरी को 'गुलाब-दिवस' घोषित किया है। गुलाब का फूल कोमलता और सुंदरता के लिये प्रसिद्ध है, इसी से लोग छोटे बच्चों की उपमा गुलाब के फूल से देते हैं। .

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गुजरात का इतिहास

गुजरात, अखंड भारत का एक भौगोलिक क्षेत्र है जहां इतिहास के आरंभ होने के पूर्व से ही लोग निवास करते आ रहे हैं, यह सिद्ध हो चुका है। इस प्रदेश के पश्चिम में विशाल सागर तट है। इस तट पर आकर जो लोग बसे उनके आदिपुरुष अफ्रीका के पूर्वी किनारे से आए होंगे, ऐसा अनुमान किया जाता है। इस अनुमान का आधार यह है कि जब हिमालय का सृजन हुआ, उस दौरान भारत के पश्चिमी भाग से अफ्रीका का भू-खंड अलग हो गया। इस भौगोलिक नवसृजन की प्रक्रिया को ध्यान में रखा जाए तो इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता कि आदिमानव समूह, जो अफ्रीका में बसता था वही वर्तमान सौराष्ट्र कहे जाने वाले भू-भाग में भी बसा हुआ था। नक्शे को ध्यान से देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि ये दोनों भू-खंड एक दूसरे से अलग हुए हैं और उनके बीच का भाग अरब सागर बना है। विश्व में सिंहों की आबादी गुजरात के सौराष्ट्र स्थित गिर के जंगल और अफ्रीका के जंगल-केवल इन दो जगहों में ही पाई जाती है। इन दोनों—अफ्रीका के सिंह और गिरि के भारतीय सिंह में जो अंतर है, वह पर्यावरण की भिन्नता के साथ सामंजस्य बैठाने के कारण है आया है। सिंहों पर अध्ययन करनेवाले प्राणि वैज्ञानिकों का मानना है कि एशियन लायन और अफ्रीकन लायन का विकास किसी एक ही मूल से हुआ है। इस तरह गुजरात का इतिहास, उसकी भूमि और उस पर लोगों की बनावट अत्यंत प्राचीन है और यह हिमालय के सृजन की भौगोलिक प्रक्रिया से पहले की है। इसके बाद पाषाण युग के प्रगैतिहासिक काल के ताम्र व कांस्य युग तक के कालखंड तथा ईसा पूर्व 322 से सन् 1304 तक की समयावधि के कालखंड हैं। इन कालखंडों में यहाँ अनेक जातियों का आगमन हुआ। वे यहाँ आईं और आकर बस गईं। नृवंश-शास्त्रियों की खोजों के अनुसार सत्तर से बाइस लाख वर्ष पहले गुजरात में जो लोग रहते थे, वे नीग्रो या निग्रिटो जाति के थे। इसका प्रमाण यह है कि उनके अस्थि-पिंजर हमें सौराष्ट्र क्षेत्र में मिले हैं, जिनके सिर लंबे, कद साधारण, कपाल उभरा हुआ और भौहें तथा होंठ लटके हुए हैं। इसके बाद पौराणिक साहित्य तथा उसके पहले के वेदकालीन साहित्य में गुजरात-सौराष्ट्र के भू-प्रदेश और उस पर रहनेवालों के अनेक उल्लेख मिलते हैं। ऐतिहासिक युग के आरंभ के साथ ही विविध जातियों के आगमन और यहां बस जाने का भी इतिहास भी मिलता है। इस प्रकार गुजरात और उसके निवासियों का इतिहास अत्यंत प्राचीन और जीवंत है, जो पृथ्वी के पटल पर हिमालय जैसे भू-भौगोलिक परिवर्तन से पहले ही आरंभ हो चुका था। .

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गुग्गुल

गुग्गुल या 'गुग्गल' एक वृक्ष है। इससे प्राप्त राल जैसे पदार्थ को भी 'गुग्गल' कहा जाता है। भारत में इस जाति के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। एक को कॉमिफ़ोरा मुकुल (Commiphora mukul) तथा दूसरे को कॉ.

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ग्रूत नदी

ग्रूत नदी ग्रूत नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। श्रेणी:अफ़्रीका की नदियाँ.

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ग्रेट ब्रिटेन राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था। १ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस संयुक्त राजशाही से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है। इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई। .

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ग्रेटर क़ाहिरा

ग्रेटर काहिरा; Greater Cairo: ग्रेटर करो, (अरबी: القاهرة الكبرى अल क़ाहिरा अल कोबरा) मिस्र का सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और अफ्रीका का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। यह जकार्ता और कराची के बाद मुस्लिम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है, और दुनिया का 16 वां सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है, कुल जनसंख्या के साथ 20,500,000 (2012 तक) का अनुमान है; क्षेत्र: 1,70 9 किमी2; घनत्व: 10,400 किमी2 है। .

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ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों या ओलंपियाड के खेलों (Jeux olympiques d'été), जो पहली बार 1896 में आयोजित किया गया था, एक अंतर्राष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट इवेंट आयोजन है जो चार साल से एक अलग शहर द्वारा आयोजित किया जाता है। सबसे हालिया ओलंपिक रियो डी जनेरियो, ब्राजील में आयोजित किए गए थे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति खेल का आयोजन करती है और मेजबान शहर की तैयारियों की देखरेख करता है। प्रत्येक ओलंपिक आयोजन में, स्वर्ण पदक प्रथम स्थान पर दिए जाते हैं, दूसरे स्थान पर रजत पदक से सम्मानित किया जाता है, और तीसरे के लिए कांस्य पदक प्रदान किए जाते हैं; यह परंपरा 1904 में शुरू हुई। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की सफलता के कारण शीतकालीन ओलंपिक खेलों का निर्माण किया गया था। ओलंपिक में 42 स्पर्धाओं की प्रतियोगिता में वृद्धि हुई है, जो कि 1896 में 14 देशों के 250 से कम पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के साथ 2012 में 204 देशों से 10,768 प्रतिद्वंद्वियों (5,992 पुरुष, 4,776 महिलाओं) के साथ 302 घटनाओं के साथ बढ़ी है। अठारह देशों ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की है। संयुक्त राज्य अमेरिका में किसी भी अन्य देश से अधिक चार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1904, 1932, 1984, 1996), की मेजबानी की है, और ग्रेट ब्रिटेन लंदन में तीन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1908, 1948, 2012), सभी की मेजबानी की है। एथेंस (1896, 2004), पेरिस (1900, 1924), लॉस एंजिल्स (1932, 1984) और टोक्यो (1964, 2020): चार शहरों में दो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक आयोजित किए गए हैं। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक कई बार होस्ट करने के लिए पश्चिमी दुनिया के बाहर टोक्यो पहला शहर है। एशिया ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की है, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन में चार बार (1964, 1988, 2008, 2020)। दक्षिणी गोलार्ध में आयोजित केवल ग्रीष्मकालीन ओलंपिक ऑस्ट्रेलिया (1956, 2000) और ब्राजील (2016) में रहे हैं। 2016 के खेल दक्षिण अमेरिका में होने वाले पहले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक हैं और स्थानीय शीतकालीन सत्र के दौरान आयोजित होने वाले पहले थे। अफ्रीका अभी तक एक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी नहीं है। केवल पांच देशों-ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन, और हर ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों में स्विट्जरलैंड की है प्रतिनिधित्व करता रहा। प्रत्येक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में कम से कम एक स्वर्ण पदक जीतने वाला एकमात्र देश ग्रेट ब्रिटेन है संयुक्त राज्य अमेरिका ने सभी समय के पदक तालिका का नेतृत्व किया। .

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गैण्डा

'''गैंडा''' गैंडा (राइनोसरस / Rhinoceros) एक जानवर है जिसकी पाँच जातियाँ पायी जाती हैं। इसमें से दो प्रजातियाँ अफ्रीका सार्थक में तथा तीन दक्षिण एशिया में मिलती हैं। .

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गैबॉन नदी

गैबॉन नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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गैबोरोन

गैबोरोन अफ्रीका के बोत्स्वाना देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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गेबेले नदी

गेबेले नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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गोपाल कृष्ण गोखले

गोपाल कृष्ण गोखले गोपाल कृष्ण गोखले (9 मई 1866 - फरवरी 19, 1915) भारत एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। महादेव गोविंद रानाडे के शिष्य गोपाल कृष्ण गोखले को वित्तीय मामलों की अद्वितीय समझ और उस पर अधिकारपूर्वक बहस करने की क्षमता से उन्हें भारत का 'ग्लेडस्टोन' कहा जाता है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे प्रसिद्ध नरमपंथी थे। चरित्र निर्माण की आवश्यकता से पूर्णत: सहमत होकर उन्होंने 1905 में सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना की ताकि नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उनका मानना था कि वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। स्व-सरकार व्यक्ति की औसत चारित्रिक दृढ़ता और व्यक्तियों की क्षमता पर निर्भर करती है। महात्मा गांधी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। .

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गोबल बुटई

गोबल बुटई (King Quail) (Coturnix chinensis) बटेर परिवार का एक पक्षी है और असली बटेर प्रजाति में यह सबसे छोटा सदस्य है। इसे अंग्रेज़ी में और भी कई नाम से जाना जाता है जैसे button Quail, Chinese Painted Quail, Chun-chi, Asian Blue Quail या Blue-breasted Quail। यह पक्षी अफ़्रीका से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया तक और फिर आस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है। इसकी ठीक से गणना नहीं की गई है किन्तु इसका आवास क्षेत्र इतना विस्तृत है कि इस जाति को ख़तरे से बाहर बताया है। .

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गोबोर्नी

गाबोर्नी सिटी सेंटर गाबोर्नी अफ्रीका महादेश में स्थित बोत्सवाना की राजधानी है जो बोत्स्वाना के पूर्वी हिस्से में नोतवाने नदी के तट पर स्थित है, २००५ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग २०८,४११ थी। .

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गोह

गोह गोह (Monitor lizard) सरीसृपों के स्क्वामेटा (Squamata) गण के वैरानिडी (Varanidae) कुल के जीव हैं, जिनका शरीर छिपकली के सदृश, लेकिन उससे बहुत बड़ा होता है। गोह छिपकिलियों के निकट संबंधी हैं, जो अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, अरब और एशिया आदि देशों में फैले हुए हैं। ये छोटे बड़े सभी तरह के होते है, जिनमें से कुछ की लंबाई तो 10 फुट तक पहुँच जाती है। इनका रंग प्राय: भूरा रहता है। इनका शरीर छोटे छोटे शल्कों से भरा रहता है। इनकी जबान साँप की तरह दुफंकी, पंजे मजबूत, दुम चपटी और शरीर गोल रहता है। इनमें कुछ अपना अधिक समय पानी में बिताते हैं और कुछ खुश्की पर, लेकिन वैसे सभी गोह खुश्की, पानी और पेड़ों पर रह लेते हैं। ये सब मांसाहारी जीव हैं, जो मांस मछलियों के अलावा कीड़े मकोड़े और अंडे खाते है। .

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ऑरेंज रिवर कॉलोनी

ऑरेंज रिवर कॉलोनी यानि ऑरेंज नदी उपनिवेश, अफ़्रीका के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित एक पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश था, जिसे दुसरे बोअर युद्ध में विजय के बाद, अंग्रेजों ने स्थापित किया था। इसे १९०२ में स्थापित किया गया था। १९०१ में दक्षिणी अफ्रीका के अन्य तीन उपनिवेशों के साथ इसका विलय हो गया, और दक्षिण अफ़्रीकी संघ की स्थापना हुई। .

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ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ

ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं का ताइवान में ३००० ईपू में जन्मने के बाद फैलाव; संख्याएँ साल बताती हैं (– का अर्थ ईसापूर्व है और + का अर्थ ईसवी है) ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ (Austronesian languages) एक भाषा परिवार है जिसकी सदस्य भाषाएँ दक्षिण-पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर के बहुत से द्वीपों पर विस्तृत हैं। एशिया के महाद्वीप की मुख्यभूमि के भी कुछ क्षेत्रों में यह बोली जाती हैं। कुल मिलकर ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ बोलने वालों की जनसँख्या ३८.६ करोड़ अनुमानित की गई है। सबसे ज़्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा मलय भाषा है, जिसे लगभग १८ करोड़ लोग बोलते हैं और जो विश्व की ८वीं सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। कई ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं को १ करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं हालांकि ऐसी भी कुछ भाषाएँ है जो गिनती के लोग ही बोलते हैं। लगभग २० ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं को अपने देशों की राजभाषा होने का दर्जा प्राप्त है। यह भाषाएँ सुदूर पश्चिम में अफ़्रीका के तट के क़रीब स्थित माडागैस्कर से लेकर सुदूर पूर्व में हवाई द्वीपों तक बोली जाती हैं। .

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ओझा

ख़कास जाति की एक स्त्री ओझा की सन् १९०८ में ली गई तस्वीर ओझा (अंग्रेज़ी: shaman, शेमन या शामन) पारम्परिक समाजों में ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जिनके बारे में यह विश्वास हो कि उनमें प्रत्यक्ष दुनिया से बाहर किसी रूहानी दुनिया, आत्माओं, देवी-देवताओं या ऐसे अन्य ग़ैर-सांसारिक तत्वों से सम्पर्क रखने या उनकी शक्तियों से लाभ उठाने की क्षमता है। ओझाओं के बारे में यह धारणा होती है कि वे अच्छी और बुरी आत्माओं तक पहुँचकर उनपर प्रभाव डाल सकते हैं और अक्सर ऐसा करते हुए वे किसी विशेष चेतना की अवस्था में होते हैं। ऐसी अवस्था को अक्सर किसी देवी-देवता या आत्मा का 'चढ़ना' या 'हावी हो जाना' कहतें हैं। पारम्परिक समाजों में अक्सर चिकित्सा के उपचार भी ओझा ही जाना करते थे। अक्सर जनजातियों या पारम्परिक क़बीलों में ओझाओं का प्रभाव ज़्यादा होता है और उन्हें धर्म और चिकित्सा दोनों का स्रोत माना जाता है।, Michael Harner, Michael J. Harner, HarperCollins, 1990, ISBN 978-0-06-250373-2,...

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ओनील्हय नदी

ओनील्हय नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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ओमो नदी

ओमो नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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ओगूउए नदी

ओगूउए नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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ओकावंगो नदी

ओकावंगो नदी अफ्रीका महाद्वीप की चौथी सबसे लंबी प्रमुख नदी हैं जो अंगोला, नामीबिया बोत्सवाना तीन देशों से होकर गुजरती है। यह 1700 किमी लम्बी है और इसका बेसिन क्षेत्र 530000 वर्ग किमी है। .

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औरेस

औरेस (Ouarsenis या Ouanchariss; अरबी: الونشريس‎ El Ouanchariss, बर्बर: Ouarsnis, अर्थ: "इससे ऊँचा नहीं") अफ्रीका के उत्तर पश्चिम में स्थित एक पर्वतीय क्षेत्र है। अल्जीरिया के पूर्वी भाग में टेलऐटलस और सहारा की ऐटलस पर्वतश्रेणियों का जहाँ संधिस्थल है, उस पर्वतीय क्षेत्र को औरेस कहते हैं। दोनों पर्वतमालाओं के मिल जाने से ऊँचाई काफी अधिक हो गई है। यह अल्जीरिया का सबसे अधिक ऊँचा भाग है जिसकी औसतन ऊँचाई समुद्रतल से ६,००० फुट और सबसे ऊँची चोटी ७,६३८ फुट ऊँची है। यह क्षेत्र अधिकतर चूने के पत्थर का बना है। पुराने युग में औरेस पहाड़ बर्बर शरणार्थियों के छिपने का उत्तम स्थान था। रोम साम्राज्य में यह सेना का केंद्र था। कई पुराने टूटे किले अब भी दिखाई पड़ते हैं। इस क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा १२ इंच से २० इंच तक होती है। परंतु औरेस पहाड़ का दक्षिणी भाग, जो सहारा रेगिस्तान की ओर है, सूखा है और यहाँ प्राकृतिक वनस्पतियाँ बहुत कम हैं। इस पर्वतीय क्षेत्र में आबादी बहुत कम है; अधिकतर बर्बर लोग रहते हैं। यायावर बर्बर जानवर चराते हैं। जहाँ पानी मिल जाता है वहाँ खेती होती है तथा फलों के बाग लगाए जाते हैं। फलों में खूबानी और अंजीर मुख्य हैं। श्रेणी:पर्वत श्रेणी.

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आँवला

आँवला, एक स्वास्थ्यवर्धक फल। आंवले की एक डाली पर पत्ते एवं फल साम्राज्य - पादप विभाग - मैंगोलियोफाइटा वर्ग - मैंगोलियोफाइटा जाति - रिबीस प्रजाति - आर यूवा-क्रिस्पा वैज्ञानिक नाम - रिबीस यूवा-क्रिस्पा आँवला एक फल देने वाला वृक्ष है। यह करीब २० फीट से २५ फुट तक लंबा झारीय पौधा होता है। यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। हिमालयी क्षेत्र और प्राद्वीपीय भारत में आंवला के पौधे बहुतायत मिलते हैं। इसके फूल घंटे की तरह होते हैं। इसके फल सामान्यरूप से छोटे होते हैं, लेकिन प्रसंस्कृत पौधे में थोड़े बड़े फल लगते हैं। इसके फल हरे, चिकने और गुदेदार होते हैं। स्वाद में इनके फल कसाय होते हैं। संस्कृत में इसे अमृता, अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि, अंग्रेजी में 'एँब्लिक माइरीबालन' या इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry) तथा लैटिन में 'फ़िलैंथस एँबेलिका' (Phyllanthus emblica) कहते हैं। यह वृक्ष समस्त भारत में जंगलों तथा बाग-बगीचों में होता है। इसकी ऊँचाई 2000 से 25000 फुट तक, छाल राख के रंग की, पत्ते इमली के पत्तों जैसे, किंतु कुछ बड़े तथा फूल पीले रंग के छोटे-छोटे होते हैं। फूलों के स्थान पर गोल, चमकते हुए, पकने पर लाल रंग के, फल लगते हैं, जो आँवला नाम से ही जाने जाते हैं। वाराणसी का आँवला सब से अच्छा माना जाता है। यह वृक्ष कार्तिक में फलता है। आयुर्वेद के अनुसार हरीतकी (हड़) और आँवला दो सर्वोत्कृष्ट औषधियाँ हैं। इन दोनों में आँवले का महत्व अधिक है। चरक के मत से शारीरिक अवनति को रोकनेवाले अवस्थास्थापक द्रव्यों में आँवला सबसे प्रधान है। प्राचीन ग्रंथकारों ने इसको शिवा (कल्याणकारी), वयस्था (अवस्था को बनाए रखनेवाला) तथा धात्री (माता के समान रक्षा करनेवाला) कहा है। .

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आदिल खान

आदिल खान पंजाबी /पख्तून वंश के एक नॉर्वेजियाई नर्तक और अभिनेता हैं। आदिल, नॉर्वे में तब एक ‘सेलिब्रिटी’ बन गये जब वह दांसेफेबेर जीते। दांसेफेबेर एक नृत्य प्रतियोगिता कार्यक्रम था जिसे टीवी नोर्गे नामक एक नॉर्वेजियाई टीवी चैनल ने आयोजित किया था। दांसेफेबेर " सो यू थिंक यू कैन डांस " (So You Think You Can Dance) नामक अमेरिकी कार्यक्रम का नॉर्वेजियाई संस्करण था। यह एक कार्यक्रम था जिसे अमेरिकी चैनल फॉक्स टीवी द्वारा प्रस्तुत किया गया था। .

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आर्सेलर मित्तल

आर्सेलर मित्तल एक वैश्विक इस्पात कंपनी है जिसका मुख्यालय एवेन्यू डी ला लिबेर्टॅ, लक्ज़मबर्ग में स्थित है। यह विश्व में सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी है और मोटरवाहन, निर्माण, घरेलू उपकरणों और पैकेजिंग में उपयोग के लिए इस्पात में अग्रणी है। यह कच्चे माल की आपूर्ति के लिये विस्तृत आपूर्ति व्यवस्था और व्यापक वितरण नेटवर्क संचालित करती है। कंपनी की स्थापना २००६ में आर्सेलर और मित्तल इस्पात के विलयन से हुआ था। यह २०१० के फॉर्च्यून ग्लोबल ५०० की सूची में ९९ स्थान पर है .

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आंगवांतीबो

आंगवांतीबो (Angwantibo) अफ़्रीका के मुख्य महाद्वीप में मिलने वाला निशाचरी (रात्रि में सक्रीय) नरवानर प्राणी होते हैं। यह नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के लीमरिफ़ोर्मीस अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) के लोरिसिडाए कुल में आर्कटिसीबस (Arctocebus) नामक वंश की दो जातियों का साधारण नाम हैं। यह दिखने में पोटो जैसे लगते हैं लेकिन इनका रंग सुनहरा होता है, जिस कारणवश इन्हें सुनहरा पोटो (golden potto) भी कहा जाता है। आंगवांतीबो की दोनो जातियाँ - कालाबार आंगवांतीबो और सुनहरा आंगवांतीबो - दोनों मध्य अफ़्रीका में रहते हैं और उनका विस्तार नाइजीरिया और कैमरून से लेकर कांगो लोकतांत्रिक गणतंत्र के उत्तरी भाग तक है। .

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इटुरी

इटुरी (Ituri) अफ़्रीका के मध्य में स्थित कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पूर्वी प्रान्त (ओरियेन्ताल, Orientale) का एक पूर्वोत्तरी क्षेत्र है जो ऐल्बर्ट झील से पश्चिम में स्थित है। यह सन् १९६२-१९६६ काल में 'किबाली-इटुरी' (Kibali-Ituri) के नाम से एक अलग प्रान्त था लेकिन सन् २००६ के कांगो संविधान ने इसे कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के नवगठित प्रान्तों में से एक न बनाते हुए पूर्वी प्रान्त में विलय कर दिया। इस समय इटुरी को 'इटुरी अन्तरिम प्रशासन' (Ituri Interim Administration) का दर्जा मिला हुआ है और सम्भव है कि इसे एक अलग प्रान्त बना दिया जाये। .

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इण्डिया गेट

भारत की राजधानी नई दिल्ली का इण्डिया गेट इण्डिया गेट, (मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है), नई दिल्ली के राजपथ पर स्थित ४३ मीटर ऊँचा विशाल द्वार है। यह स्वतन्त्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे पूर्व में किंग्सवे कहा जाता था। इसका डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने तैयार किया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से प्रेरित है। इसे सन् १९३१ में बनाया गया था। मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में जाने वाले इस स्मारक का निर्माण अंग्रेज शासकों द्वारा उन ९०००० भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्धों में शहीद हुए थे। यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम, गेट पर उत्कीर्ण हैं। लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ यह स्मारक दर्शनीय है। जब इण्डिया गेट बनकर तैयार हुआ था तब इसके सामने जार्ज पंचम की एक मूर्ति लगी हुई थी। जिसे बाद में ब्रिटिश राज के समय की अन्य मूर्तियों के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया। अब जार्ज पंचम की मूर्ति की जगह प्रतीक के रूप में केवल एक छतरी भर रह गयी है। इण्डिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् इण्डिया गेट भारतीय सेना के अज्ञात सैनिकों के मकबरे की साइट मात्र बनकर रह गया है। इसकी मेहराब के नीचे अमर जवान ज्योति स्थापित कर दी गयी है। अनाम सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी सजा दी गयी है जिसके चारो कोनों पर सदैव एक ज्योति जलती रहती है। इस अमर जवान ज्योति पर प्रति वर्ष प्रधान मन्त्री व तीनों सेनाध्यक्ष पुष्प चक्र चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इण्डिया गेट की दीवारों पर हजारों शहीद सैनिकों के नाम खुदे हैं और सबसे ऊपर अंग्रेजी में लिखा हैः दिल्ली की कई महत्वपूर्ण सड़कें इण्डिया गेट के कोनों से निकलती हैं। रात के समय यहाँ मेले जैसा माहौल होता है। .

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इथियोपिया

इथियोपिया (गिइज़: ኢትዮጵያ, इत्योप्प्या) अफ्रीका के सींग में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है जो सरकारी तौर पर इथियोपिया संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में जाना जाता है। यह अफ़्रीका का दूसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश है और इसमें 85.2 लाख से अधिक लोग बसे हुए हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से यह अफ़्रीका का दसवाँ सबसे बड़ा देश है। इसकी राजधानी अदीस अबाबा है। इथियोपिया सूडान से दक्षिणपूर्व में, इरिट्रिया से दक्षिण में, जिबूती और सोमालिया से पश्चिम में, केन्या से उत्तर में और दक्षिण सूडान से पूर्व में स्थित है। यह दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला स्थल-रुद्ध देश है। .

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इब्राहिम-अल-इब्राहिम मस्जिद

इब्राहिम-अल-इब्राहिम मस्जिद इब्राहिम-अल-इब्राहिम मस्जिद (Ibrahim-al-Ibrahim Mosque), जिसे किंग फहद बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद मस्जिद (अंग्रेज़ी: King Fahd bin Abdulaziz al-Saud Mosque) या मोस्क ऑफ़ द कस्टोडियन ऑफ़ द टू होली मोस्क्स (अंग्रेज़ी: Mosque of the Custodian of the Two Holy Mosques) के नामों से भी जाना जाता है, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक मस्जिद है। यह मस्जिद क्षेत्र के दक्षिणी सिरे पर यूरोपा पॉईंट पर स्थित है। मस्जिद का मुख जिब्राल्टर जलसन्धि और अफ़्रीकी राष्ट्र मोरक्को की तरफ़ है, जो यहाँ से केवल कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। मस्जिद जिब्राल्टर की मुस्लिम आबादी के लिए साउदी अरब के महाराजा महाराजा फहद द्वारा दिया उपहार था। इसके निर्माण में दो वर्ष का समय लगा था और पाँच मिलियन यूरो का खर्चा आया था। इसका उद्घाटन 8 अगस्त 1997 के दिन हुआ था। यह महाद्वीपीय यूरोप के सबसे दक्षिणी सिरे पर स्थित है तथा गैर-इस्लामिक राष्ट्रों की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। मस्जिद परिसर में नमाज़ पढ़ने के हॉल के अलावा अन्य कई सुविधाएँ भी शामिल हैं, जैसे पुसतकालय, स्कूल, आदि। मस्जिद सम्पूर्ण जिब्राल्टर की मुस्लिम आबादी के लिए आधायात्मिक स्रोत है, जो जिब्राल्टर की कुल आबादी का चार प्रतिशत है तथा क्षेत्र का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है; ईसाईयत के पश्चात सबसे बड़ा धर्म। .

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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इस्लामी आतंकवाद

अपने को 'मुसलमान' कहने वाले चरमपंथियों द्वारा किये गये आतंक को इस्लामी आतंकवाद कहते हैं। ये तथाकथित मुसलमान भांति-भांति के राजनीतिक तथा/या मजहबी उद्देश्यों की पूर्ति के लिये आतंक फैलाते हैं। इस्लामी आतंकवाद मध्य पूर्व, अफ्रीका, यूरोप, दक्षिणपूर्व एशिया, भारत एवं अमेरिका में बहुत दिनों से मौजूद है। आतंकी संगठनों में ओसामा बिन लादेन द्वारा स्थापित अल कायदा नामक सैनिक संगठन कुख्यात है। .

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इहोस्य नदी

इहोस्य नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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इंगा बाँध

इंगा बाँध अफ्रीका के डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो देश में स्थित है। कांगो नदी के इंगा झरने को जोड़ने वाले दो हाइड्रोइलेक्ट्रिक बाँध बनाये गए हैं। श्रेणी:अफ्रीका के बाँध.

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कतर एयरवेज़

कतर एयरवेज़ कंपनी क्यू.सी.एस.सी. (القطرية, अल कतरिया), जिसे कतर एयरवेज़ के नाम से जाना जाता है, कतर की राष्ट्रीय ध्वजवाहिका वायुसेवा है। यह सेवा विश्व भर के १०० गंतव्यों को अपने दोहा स्थित आधार से जोड़ती है। इसमें १०० विमानों के बेड़े का सहयोग भी है। कतर एयरवेज कंपनी Q.C.S.C., कतर एयरवेज के रूप में काम करती है। यह कतर की एक राज्य के स्वामित्व वाली एयरवेज है । इसका मुख्यालय दोहा में कतर एयरवेज टॉवर में है, एयरलाइन हब और स्पोक नेटवर्क को संचालित करती है, जिससे यह दुनिया भर में १२५ से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्थलों जैसे की अफ्रीका, मध्य एशिया, यूरोप, सुदूर पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और ओशिनिया को अपने बेस हमद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से संचालित करती है, और साथ में यह एक १०० से भी अधिक विमानों के बेड़े का उपयोग करती है l कतर एयरवेज २२ नवंबर, १९९३ को स्थापित किया गया था, लेकिन इसका संचालन २० जनवरी १९९४ से शुरू करा गया थाl अम्मान पहले मई १९९४ में परोसा गया थाl अप्रैल १९९५ में, एयरलाइन के सीईओ ७५ वर्षीय जो शेख हमद बिन अली बिन जबोर अल थे। .

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कपंडा बाँध

कपंडा बाँध अफ़्रीका महाद्वीप के के अंगोला के क्वान्ज़ा नदी पर बना है। यह हाइड्रोइलेक्ट्रिक बाँध है। इसकी लम्बाई 1.47 कि॰मी॰ और ऊँचाई 110 मीटर है। यह कंक्रीट निर्मित ग्रेविटी बाँध है। यह बाँध मिलांजले प्रान्त में बनाया गया है। श्रेणी:अंगोला श्रेणी:अफ्रीका के बाँध.

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कम्पाला

कम्पाला अफ्रीका के युगांडा देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ श्रेणी:कम्पाला.

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कलिहारी

कलिहारी कलिहारी (वानस्पतिक नाम:Gloriosa superba) एक सुंदर बहुवर्षीय वृक्षारोही लता है; यह कोल्चिकेसी (Colchicaceae) परिवार का सदस्य है। इसके सुंदर पुष्पों के कारण अग्निशिखा के नाम से भी जाना जाता है। यह जंगल में सामान्य रूप से मिलता है। जिसके राइजोम आयताकार, अँग्रेजी के V के आकार के सफेद रंग के होते है।यह अफ्रीका, एशिया, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया जाता है। उष्णकटिबंधीय भारत में उत्तर पश्चिम हिमालय से लेकर असम और दक्षिणी प्रायदीप तक पाया जाता है। यह झाड़ी अल्सर, कुष्ठ रोग और बवासीर के उपचार में बहुत उपयोगी होती है। .

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कलौंजी

कलौंजी, (अंग्रेजी:Nigella) एक वार्षिक पादप है जिसके बीज औषधि एवं मसाले के रूप में प्रयुक्त होते हैं। कलौंजी और प्याज में फर्क .

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कसाई नदी

कसाई नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। यह कांगो की सहायक नदी हैं, जो हीरा उत्पादन हेतु प्रसिद्ध हैं। .

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कस्तूरी बिलाव

कस्तूरी बिलाव गंधमार्जार या गंधबिलाव या कस्तूरी बिलाव (Civet) एक छोटा स्तनधारी जानवर होता है। इसका अकार कुछ-कुछ बिल्ली से मिलता है, जिस वजह से इसे "बिलाव" का नाम मिला है, हालाँकि यह बिल्ली की नस्ल का प्राणी नहीं है। इस से एक विशेष प्रकार की गंध आती है इसलिए इसके नाम में "कस्तूरी" शब्द जोड़ा जाता है। यह एशिया और अफ़्रीका के उष्णकटिबंध (ट्रॉपिकल) क्षेत्रों में पाया जाता है। कस्तूरी बिलाव अपनी अधिकतर समय पेड़ों की टहनियों में ही गुज़ारना पसंद करते हैं। गंधमार्जार मांसभक्षी, स्तनपोषी जीवों के विवेरिडी कुल (Family Viverridae) के जीव हैं। इनकी कई जातियाँ संसार में फैली हैं। ये बिल्ली के पद के जीव हैं। इनके पैर छोटे और मुंह लंबा होता है। ये जीव पेड़ पर सरलता से चढ़ लेते है और रात में ही बाहर निकलते हैं। इन प्राणियों के दुम के नीचे एक गंधग्रंथि रहती है, जिससे गाढ़ा, गंधपूर्ण, पीला पदार्थ निकलता है। इसे व्यापारी लोग मुश्क या कस्तूरी में मिलाकर बेचते हैं। इसमें से सिवेटोन (Civetone) नामक कीटोन निकाला गया है। सुगंधित द्रव्यों के निर्माण में इसकी गंध प्रयुक्त होती है। इनकी वैसी तो कई जातियाँ हैं जिनमें एक भारत का प्रसिद्ध कस्तूरी मृग (The Zibeth, Viverra zibetha) है, जो आस्ट्रेलिया से भारत और चीन तक फैला हुआ है। कद लगभग तीन फुट लंबा और 10 इंच ऊँचा होता है। रंग स्लेटी, जिसपर काली चित्तियाँ रहती हैं। दूसरा अफ्रीका का कस्तूरी मृग (African civet, Civette des civetta) है, जो इससे बड़ा ऊँचा तथा इससे गाढ़े रंग का और बड़े बालोवाला होता है। इसे लोग पालतू करके मुश्क निकालते हैं। .

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क़त्तारा द्रोणी

बयाबान लग रही क़त्तारा द्रोणी का एक दृश्य क़त्तारा द्रोणी (अरबी:, मुनख़फ़थ़ अल-क़त्ताराह) उत्तरपश्चिमी मिस्र के मत्रूह राज्य में लीबयाई रेगिस्तान में स्थित एक रागिस्तानी द्रोणी (बेसिन) है। इस द्रोणी में अफ़्रीका का दूसरा सब से निचला ज़मीनी क्षेत्र आता है, जो समुद्री सतह से 133 मीटर (436 फ़ुट) नीचे है। इस द्रोणी का क्षेत्रफल लगभग 19,500 वर्ग किमी (7,500 वग मील) है, यानि भारत के मिज़ोरम राज्य से थोड़ा छोटा। क़त्तारा द्रोणी के बीच के सबसे नीचले भाग में एक नमक का मैदान है। इसके 20 किमी पश्चिम पर क़त्तारा से छोटी एक और द्रोणी में सीवा नख़लिस्तान (ओएसिस) है। इस द्रोणी में केवल एक स्थाई आबादी वाला क़स्बा है, जिसका नाम क़रा नख़लिस्तान है और जिसमें बर्बर जाति के लगभग 300 लोग रहते हैं।, Viorel Badescu, pp.

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कातांगा प्रान्त

कातांगा प्रान्त (फ़्रान्सीसी व अंग्रेज़ी: Katanga) अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के दक्षिण-पूर्व हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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कात्से बाँध

कात्से बाँध लेसोथो में स्थित है। यह बाँध कंक्रीट डबल आर्च बाँध है। यह अफ्रीका का सबसे ऊँचा और दूसरा सबसे बड़ा बाँध है। इसकी लम्बाई 710 मीटर और ऊँचाई 185 मीटर है। इस बाँध मो 1996 में खोला गया। यह बाँध मालिबमत-सो नदी पर बनाया गया है। यह हाइड्रोइलेक्ट्रिक बाँध है। यह भूकंप क्षेत्र में स्थित है। श्रेणी:अफ्रीका के बाँध.

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कादम्बिनी गांगुली

कादम्बिनी गांगुली (जन्म- 18 जुलाई, 1861, भागलपुर, बिहार; मृत्यु- 3 अक्टूबर, 1923, कलकत्ता, ब्रिटिश भारत) भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फ़िजीशियन थीं। यही नहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी कादम्बिनी गांगुली को ही प्राप्त है। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। इन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी कार्य किया। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जागृत हुई थी। .

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कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान

कानाईमा, वेनेजुएला. कानाईमा अनूप में पर्यटक विश्व का सर्वोच्च जलप्रपात एंजिल जलप्रपात कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान (स्पैनिश: Parque Nacional Canaima), वेनेजुएला के दक्षिण-पूर्व में 30000 किमी² क्षेत्र में फैला और ब्राजील और गुयाना की सीमाओं से सटा एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह बोलिवर राज्य में स्थित है और लगभग संपूर्ण उद्यान ही ग्रान सबाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान को 1994 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। उद्यान की स्थापना 12 जून 1962 को की गयी थी और यह वेनेजुएला का पारिमा तापिरापेको राष्ट्रीय उद्यान (स्पैनिश: Parque Nacional Parima Tapirapecó) के बाद दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है और इसका क्षेत्रफल बेल्जियम या मैरीलैंड के बराबर है। उद्यान का 65% हिस्सा प्रस्तरीय पठार जिन्हें टेपुई कहते हैं से घिरा है। यह क्षेत्र भूवैज्ञानिक रूप से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और एक अद्वितीय जैविक वातावरण उपलब्ध कराता है। इसकी खड़ी चट्टानें और जलप्रपात, जिनमें 1002 मीटर ऊंचा विश्व का सबसे ऊंचा जलप्रपात, एन्जिल जलप्रपात शामिल है, एक शानदार परिदृश्य उपलब्ध कराते हैं। उद्यान के सबसे प्रसिद्ध टेपुईयों में रोराइमा पर्वत और ऑयनटेपुई हैं। जहां रोराइमा पर्वत यहां का सबसे ऊंचा पर्वत है और जिसका आरोहण अपेक्षाकृत सरल है, वहीं ऑयनटेपुई विश्व के सबसे ऊंचे जलप्रपात, एन्जिल जलप्रपात का उद्गम स्थल है। बलुआ पत्थर से निर्मित यह टेपुई बेहद प्राचीन हैं और माना जाता है कि इनका निर्माण उस समय हुआ था जब दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका दोनों एक ही विशाल महाद्वीप का हिस्सा थे। उद्यान आदिवासी जनजाति पेमॉन लोगों का घर है, जो कैरिब भाषाई समूह से संबंधित हैं। पेमॉन लोगों का टेपुई के साथ एक अंतरंग संबंध है और उनका विश्वास है कि यह 'मावारी’ आत्माओं का घर हैं। उद्यान अपेक्षाकृत दूरदराज के क्षेत्र में पड़ता है और केवल कुछ सड़कें ही इसे शहरों से जोड़ती हैं। उद्यान के भीतर का अधिकांश परिवहन छोटे विमानों जिनकी हवाई पट्टियों को विभिन्न कैप्युषीन मिशनों द्वारा बनाया गया है, पैदल या फिर डोंगियों द्वारा किया जाता है। पेमॉन लोगों द्वारा कुछ बुनियादी और शानदार शिविरों का निर्माण किया गय है, जिनमें मुख्य रूप से दुनिया भर से आने वाले पर्यटक ठहरते है। .

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काफ़ुए नदी

काफुए नदी अफ्रीका महाद्वीप की ज़ाम्बिया एक प्रमुख नदी हैं।ज़ाम्बिया की सबसे बड़ी और लंबी नदी है। यह ज़ाम्बिया के इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह जेम्बेजी नदी की प्रमुख सहायक नदी है। 50% आबादी इसी नदी के किनारे रहती है। .

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कार्निवल

कोलोन, जर्मनी में रोसेनमोंटाग परेड में कार्निवल झांकियां. कार्निवल एक उत्सव का मौसम है जो लेंट से ठीक पहले पड़ता है; मुख्य कार्यक्रम आमतौर फरवरी के दौरान होते हैं। कार्निवल में आमतौर पर एक सार्वजनिक समारोह या परेड शामिल होता है जिसमें सर्कस के तत्त्व, मुखौटे और सार्वजनिक खुली पार्टियां की जाती हैं। समारोह के दौरान लोग अक्सर सजते संवरते हैं या बहुरुपिया बनते हैं, जो दैनिक जीवन के पलटाव को दर्शाता है। कार्निवल एक त्योहार है जिसे पारंपरिक रूप से रोमन कैथोलिक में आयोजित किया जाता है और एक हद तक पूर्वी रूढ़िवादी समाजों में भी.

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कार्क

कार्क जिसे सामान्यतः कार्क शहबलूत नाम से भी जाना जाता है मध्यम-आकार का क़ुएर्कुस सम्प्रदाय सर्रिस विभाग का सदाबहार पेड़ है। यह मुख्यतः कॉर्क फर्श बनाने और जैसे उपयोग सहित शराब की बोतलों के द्वार कॉर्क बनाने के लिए काम में लिया जाता है। इसका मूल स्थान दक्षिण-पूर्वी यूरोप एवं उत्तर-पश्चिमी अफ़्रीका हैं। .

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कालमेह ज्वर

कालमेह ज्वर से संक्रमित कोशिका मलेरिया मच्छरों के नियन्त्रण में हवाई जहाज द्वारा किया गया छिडकाव मलेरिया मच्छरों के नियन्त्रण में हवाई जहाज ठोकरें कालमेह ज्वर (Black water fever) अथवा मलेरियल हीमोग्लोबिन्युरिया (malarial hemoglobinuria) घातक तृतीयक मलेरिया के कई आक्रमण के उपरांत उपद्रव के रूप में होता है। इसमें मूत्र का रंग काला या गहरा लाल हो जाने से इसका नाम 'कालमेह ज्वर' रखा गया है। .

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काला विल्डबीस्ट

काला विल्डबीस्ट या सफ़ेद पूँछ वाला नू विल्डबीस्ट की दो जातियों में से एक है। यह जाति अफ़्रीका महाद्वीप के दक्षिणी इलाके में पाई जाती है। इसका सबसे करीबी रिशतेदार नीला विल्डबीस्ट है। यह दक्षिण अफ़्रीका, स्वाज़ीलैण्ड और लेसोथो में पाया जाता है। १९वीं शताब्दी के अंत तक अत्यधिक शिकार के कारण इनकी संख्या कुछ ही जानवर केवल दो फ़ार्मों तक सीमित रह गयी थी। तब से इसके संरक्षण का भर्सक प्रयत्न किया गया है और अब इनकी संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इनको इनके प्राकृतिक क्षेत्र के बाहर (नामीबिया) में भी प्रचलित किया गया है। एक अनुमान के मुताबिक इनकी संख्या १८००० के लगभग हो गई है जिसमें ८०% फ़ार्मों में और बचे २०% प्राकृतिक आवासों में रह रहे हैं। .

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कासाइ-पश्चिमी प्रान्त

कासाइ-पश्चिमी प्रान्त (फ़्रान्सीसी: Kasaï-Occidental, अंग्रेज़ी: West Kasai) अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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कासाइ-पूर्वी प्रान्त

कासाइ-पूर्वी प्रान्त (फ़्रान्सीसी: Kasaï-Oriental, अंग्रेज़ी: East Kasai) अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के मध्य हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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काहिरा

काहिरा एक शहर का नाम है। नील नदी के किराने बसा काहिरा अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा नगर है। अपने 3000 सालों के इतिहास में यह विभिन्न मिस्र शासकों के राज्य की राजधानी रहा। ब्रिटिश काल में भी इसका महत्व बरकरार रहा। मिस्र की राजधानी काहिरा आज औद्योगिकीकरण का प्रतीत है। यह मिस्र की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सांस्कूतिक गतिविधियों का केंद्र व प्रमुख पर्यटन केंद्र है। यहां के पिरामिड तो विश्‍व प्रसिद्ध हैं ही, यहां के संग्रहालयों और मस्जिदों में मिस्र की संस्कृति के दर्शन होते हैं। यहां के कुछ प्रमुख जगहों का जिक्र किया जाए तो ये नाम सामने आते हैं: .

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कांगो नदी

कांगो नदी, जो ज़ाइरे नदी भी कहलाती है, अफ़्रीका की एक प्रमुख नदी है। ४,७०० किलोमीटर की दूरी तय करने वाली यह नदी पश्चिम मध्य अफ़्रीका की सबसे विशाल और नील नदी के बाद अफ़्रीका की सबसे लम्बी नदी है। कांगो नदी विश्व की समस्त नदियों में, दक्षिण अमेरीका की ऐमेंज़न नदी के बाद, दूसरी सबसे अधिक जलप्रवाह वाली नदी है। लम्बाई में यह दुनिया की नौवी सबसे लम्बी नदी है और पूर्व अफ़्रीकी रिफ़्ट की पहाड़ियों-पठारों में अपने स्रोत से लेकर अटलांटिक महासागर में विलय तक ४,७०० किमी का फ़ासला तय करती है। अपने मार्ग में कांगो नदी दो बार भूमध्य रेखा पार करती है। इस विशाल नदी का जलसम्भर क्षेत्र भी विशाल है और इसमें लगभग ४० लाख वर्ग किमी आते हैं, जो कि पूरे अफ़्रीकी महाद्वीप का १३% क्षेत्रफल है। .

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कांगो बेसिन के पिग्मी

कांगो बेसिन के पिग्मी, एक मानव प्रजाति हैं। अपनी आनुवांशिक विशेषताओं के कारण पिग्मी भी एक विशेष प्रजाति हैं। इसका निवास क्षेत्र मध्य अफ्रीका की कांगो नदी घाटी हैं। इनका औसत कद पांच (५) फीट होती हैं। इनकी त्वचा का रंग काला, बाल घने घुमावदार होते हैं। इनके शरीर पर अधिक बाल पाए जाते हैं। श्रेणी:अफ़्रीका की मानव जातियाँ.

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कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य

कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य अफ्रीका महाद्वीप के मध्य में स्थित देश है, जिसका कुछ भू-भाग अंध महासागर से मिलता है। क्षेत्रफल के लिहाज से यह देश अफ्रीका महाद्वीप का तीसरा सबसे बड़ा देश है। पड़ोसी देश कांगो गणराज्य से भिन्नता के लिए इस देश को अक्सर डीआर कांगो, डीआरसी या फिर राजधानी किन्शासा के नाम पर कांगो-किन्शासा के नाम से पुकारा जाता है। कांगो नाम कांगो नदी के नाम पर पड़ा है, जिसे जाएर नदी के नाम से भी जाना जाता है। कांगो भले ही मध्य अफ्रीका में बसा हो, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) नामक संगठन की बदौलत दक्षिणी अफ्रीका से आर्थिक और क्षेत्रीय रूप से जुड़ा हुआ है। इसकी सीमाएं उत्तर में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य और सूडान, पूर्व में यूगांडा, रवांडा और अंगोला, पश्चिम में कांगो गणराज्य लगी हुई हैं। पूर्व में तंगानयिका झील इस देश को तंजानिया से अलग करती है। कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य क्षेत्रफल के अनुसार विश्व का ११वाँ सबसे बड़ा देश है और फ़्रान्सीसी भाषा बोलने वाला सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। .

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किनशसा

किनशसा अफ्रीका के कांगो जनतांत्रिक गणराज्य देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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किन्यारुआण्डा भाषा

किन्यारुआण्डा, जिसे कभी-कभी केवल रुआण्डा भी कहा जाता है और जो यूगांडा में फ़ुमबारी कहलाती है, मध्य अफ़्रीका में स्थित रुआण्डा देश की राजभाषा है। यह रुआण्डा-रुण्डी भाषा की एक उपभाषा है, जो स्वयं रुआण्डा, बुरुण्डी व युगांडा में लगभग २ करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। रुआण्डा-रुण्डी भाषा की एक अन्य उपभाषा, किरुण्डी, बुरुण्डी की राजभाषा है। किन्यारुआण्डा और किरुण्डी बोलने वाले एक-दूसरे को समझ सकते हैं हालांकि दोनों उपभाषाओं में ज़रा अंतर है। .

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किन्शासा

किन्शासा अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। इसे उस देश की प्रशासन-व्यवस्था में शहर-प्रान्त का दर्जा हासिल है।, Barry Sergeant, pp.

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किरुण्डी भाषा

किरुण्डी, जिसे कभी-कभी केवल रुण्डी भी कहा जाता है, मध्य अफ़्रीका में स्थित बुरुण्डी देश की राजभाषा है। यह रुआण्डा-रुण्डी भाषा की एक उपभाषा है, जो स्वयं रुआण्डा, बुरुण्डी व युगांडा में लगभग २ करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। रुआण्डा-रुण्डी भाषा की एक अन्य उपभाषा, किन्यारुआण्डा, रुआण्डा की राजभाषा है। किन्यारुआण्डा और किरुण्डी बोलने वाले एक-दूसरे को समझ सकते हैं हालांकि दोनों उपभाषाओं में ज़रा अंतर है। .

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किलिमंजारो

किलिमंजारो, अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्ज़ी, और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है और अफ्रीका का उच्चतम पर्वत है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से है (उहरू शिखर / किबो शिखर).

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किलुम-इजिम वन

किलुम-इजिम वन (Kilum-Ijim Forest) मध्य अफ़्रीका के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में स्थित एक पर्वतीय वर्षावन है। यह ओकू पर्वत और कैमरून पहाड़ियों पर फैला हुआ है और इसके मध्य में ओकू झील (Lake Oku) स्थित है। यह अफ़्रीका के अंतिम बचे पहाड़ी-वनों में से एक है और अपने अनूठे प्राणी व पक्षी जीवन के लिये संरक्षण प्रयासों का केन्द्र बना हुआ है। .

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किगाली

किगाली अफ़्रीका के रुआण्डा देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। इस शहर की स्थापना सन् १९०७ में जर्मन उपनिवेश काल में की गई थी लेकिन यह देश की राजधानी १९६२ में रुआण्डा की स्वतंत्रता के बाद ही बना। उस समय यह रुआण्डा का सबसे बड़ा या महत्व वाला शहर नहीं था लेकिन इसे देश में अपने केन्द्रीय भौगोलिक स्थान के लिये चुना गया। तब से इसमें तेज़ी से विकास हुआ है और अब यह रुआण्डा का सबसे महत्वपूर्ण राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक नगर बन गया है। .

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किंगफिशर

किंगफिशर कोरासीफोर्म्स वर्ग के छोटे से मध्यम आकार के चमकीले रंग के पंक्षियों का एक समूह है। इनका एक सर्वव्यापी वितरण है जिनमें से ज्यादातर प्रजातियाँ ओल्ड वर्ल्ड और ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती हैं। इस समूह को या तो एक एकल परिवार एल्सिडिनिडी के रूप में या फिर उपवर्ग एल्सिडाइन्स में माना जाता है जिनमें तीन परिवार शामिल हैं, एल्सिडिनिडी (नदीय किंगफिशर), हैल्सियोनिडी (वृक्षीय किंगफिशर) और सेरीलिडी जलीय किंगफिशर). किंगफिशर की लगभग 90 प्रजातियां हैं। सभी के बड़े सिर, लंबे, तेज, नुकीले चोंच, छोटे पैर और ठूंठदार पूंछ हैं। अधिकांश प्रजातियों के पास चमकीले पंख हैं जिनमें अलग-अलग लिंगों के बीच थोड़ा अंतर है। अधिकांश प्रजातियां वितरण के लिहाज से उष्णकटिबंधीय हैं और एक मामूली बड़ी संख्या में केवल जंगलों में पायी जाती हैं। ये एक व्यापक रेंज के शिकार और मछली खाते हैं, जिन्हें आम तौर पर एक ऊंचे स्थान से झपट्टा मारकर पकड़ा जाता है। अपने वर्ग के अन्य सदस्यों की तरह ये खाली जगहों में घोंसला बनाते हैं, जो आम तौर पर जमीन पर प्राकृतिक या कृत्रिम तरीके से बने किनारों में खोदे गए सुरंगों में होते हैं। कुछ प्रजातियों, मुख्यतः द्वीपीय स्वरूपों के विलुप्त होने का खतरा बताया जाता है। .

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किकूयू

किकूयू, पुर्वी अफ्रीका में निवास में करने वाली एक प्रमुख जनजाति हैं। .

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कजिंगा चैनल

कजिंगा चैनल अफ्रीका महाद्वीप की एक नहर है। .

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कगेरा नदी

कगेरा नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं।यह चार देशों बुरुंडी, रवांडा, तंज़ानिया यूगांडा में होकर बहती है। इस नदी का सम्बन्ध नील नदी के दक्षिणपूर्व उत्त्पत्ति स्रोत से भी है। .

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कुनेने नदी

कुनेने नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। इस नदी के किनारे हिम्बा जनजाति के लोग रहते हैं जो अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। .

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कुइसेब नदी

कुइसेब नदी अफ्रीका महाद्वीप की नामीबिया की एक आंतरिक नदी हैं। इसका बेसिन क्षेत्र 21000वर्ग किमी है। .

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क्योगा झील

क्योगा झील (अंग्रेज़ी: Lake Kyoga या Lake Kioga) अफ़्रीका के युगान्डा देश में स्थित एक बड़े आकार की लेकिन कम गहराई वाली झील है। १,७२० वर्ग किमी के क्षेत्रफल वाली यह झील १,०३४ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। नील नदी की विक्टोरिया नील नामक ऊपरी शाखा विक्टोरिया झील से निकलती है और क्योगा झील से गुज़रती हुई ऐल्बर्ट झील तक जाती है। क्योगा झील वैसे तो पूर्वी अफ़्रीकी दरार में स्थित है और महान अफ़्रीकी झीलों के क्षेत्रमंडल में ही पड़ती है, लेकिन इसका आकार इतना विशाल नहीं है कि इसे स्वयं महान अफ़्रीकी झीलों में से एक गिना जाए।, Jean-Pierre Chrétien, Mit Press, 2006, ISBN 9781890951351 .

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क्लिक व्यंजन

एक वर्त्स्य (एल्विओलर) क्लिक की ध्वनि सुनिए - इसे अ॰ध॰व॰ में ǁ (दो-नली) के चिन्ह से दर्शाया जाता है एक तालव्य (पलैटल) क्लिक की ध्वनि सुनिए - इसे अ॰ध॰व॰ में ǂ के चिन्ह से दर्शाया जाता है क्लिक व्यंजन कुछ भाषाओँ में प्रयोग होने वाले वर्ण होते हैं जिनकी आवाज़ स्वर्ग्रंथी से नहीं बल्कि जीभ या होंठों द्वारा मुंह में हवा के दबाव में अचानक परिवर्तन करने से आती है। हिन्दी बोलने वालों में इसकी मिसाल "च-च" की आवाज़ है जो किसी चीज़ के बारे में नापसन्दगी प्रकट करने के काम आती है। देहाती हिन्दी इलाक़ों में भेड़-बकरियों और गाय जैसे जानवरों को भी ऐसी क्लिक की आवाजों से निर्देश दिया जाता है। बच्चों और जानवरों को पुचकारने के लिए होठों से वायु के ज़रिये जो ध्वनी बनाई जाती है वह भी इसकी एक मिसाल है। .

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क्षेत्रफल के अनुसार देशों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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क्वांगो नदी

क्वांगो नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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कौइलाओ-निअरी नदी

कौइलाओ-निअरी नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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कृषि

कॉफी की खेती कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से संबंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कृषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है तथा इसी से संबंधित विषय बागवानी का अध्ययन बागवानी (हॉर्टिकल्चर) में किया जाता है। तकनीकों और विशेषताओं की बहुत सी किस्में कृषि के अन्तर्गत आती है, इसमें वे तरीके शामिल हैं जिनसे पौधे उगाने के लिए उपयुक्त भूमि का विस्तार किया जाता है, इसके लिए पानी के चैनल खोदे जाते हैं और सिंचाई के अन्य रूपों का उपयोग किया जाता है। कृषि योग्य भूमि पर फसलों को उगाना और चारागाहों और रेंजलैंड पर पशुधन को गड़रियों के द्वारा चराया जाना, मुख्यतः कृषि से सम्बंधित रहा है। कृषि के भिन्न रूपों की पहचान करना व उनकी मात्रात्मक वृद्धि, पिछली शताब्दी में विचार के मुख्य मुद्दे बन गए। विकसित दुनिया में यह क्षेत्र जैविक खेती (उदाहरण पर्माकल्चर या कार्बनिक कृषि) से लेकर गहन कृषि (उदाहरण औद्योगिक कृषि) तक फैली है। आधुनिक एग्रोनोमी, पौधों में संकरण, कीटनाशकों और उर्वरकों और तकनीकी सुधारों ने फसलों से होने वाले उत्पादन को तेजी से बढ़ाया है और साथ ही यह व्यापक रूप से पारिस्थितिक क्षति का कारण भी बना है और इसने मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। चयनात्मक प्रजनन और पशुपालन की आधुनिक प्रथाओं जैसे गहन सूअर खेती (और इसी प्रकार के अभ्यासों को मुर्गी पर भी लागू किया जाता है) ने मांस के उत्पादन में वृद्धि की है, लेकिन इससे पशु क्रूरता, प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) दवाओं के स्वास्थ्य प्रभाव, वृद्धि हॉर्मोन और मांस के औद्योगिक उत्पादन में सामान्य रूप से काम में लिए जाने वाले रसायनों के बारे में मुद्दे सामने आये हैं। प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर भोजन, रेशा, ईंधन, कच्चा माल, फार्मास्यूटिकल्स और उद्दीपकों में समूहित किया जा सकता है। साथ ही सजावटी या विदेशी उत्पादों की भी एक श्रेणी है। वर्ष 2000 से पौधों का उपयोग जैविक ईंधन, जैवफार्मास्यूटिकल्स, जैवप्लास्टिक, और फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में किया जा रहा है। विशेष खाद्यों में शामिल हैं अनाज, सब्जियां, फल और मांस। रेशे में कपास, ऊन, सन, रेशम और सन (फ्लैक्स) शामिल हैं। कच्चे माल में लकड़ी और बाँस शामिल हैं। उद्दीपकों में तम्बाकू, शराब, अफ़ीम, कोकीन और डिजिटेलिस शामिल हैं। पौधों से अन्य उपयोगी पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं, जैसे रेजिन। जैव ईंधनों में शामिल हैं मिथेन, जैवभार (बायोमास), इथेनॉल और बायोडीजल। कटे हुए फूल, नर्सरी के पौधे, उष्णकटिबंधीय मछलियाँ और व्यापार के लिए पालतू पक्षी, कुछ सजावटी उत्पाद हैं। 2007 में, दुनिया के लगभग एक तिहाई श्रमिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत थे। हालांकि, औद्योगिकीकरण की शुरुआत के बाद से कृषि से सम्बंधित महत्त्व कम हो गया है और 2003 में-इतिहास में पहली बार-सेवा क्षेत्र ने एक आर्थिक क्षेत्र के रूप में कृषि को पछाड़ दिया क्योंकि इसने दुनिया भर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। इस तथ्य के बावजूद कि कृषि दुनिया के आबादी के एक तिहाई से अधिक लोगों की रोजगार उपलब्ध कराती है, कृषि उत्पादन, सकल विश्व उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद का एक समुच्चय) का पांच प्रतिशत से भी कम हिस्सा बनता है। .

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कृषि का इतिहास

कृषि का विकास कम से कम १०,००० वर्ष पूर्व हो चुका था। तब से अब तक बहुत से महत्वपूर्ण परिवर्तन हो चुके हैं। कृषि भूमि को खोदकर अथवा जोतकर और बीज बोकर व्यवस्थित रूप से अनाज उत्पन्न करने की प्रक्रिया को कृषि अथवा खेती कहते हैं। मनुष्य ने पहले-पहल कब, कहाँ और कैसे खेती करना आरंभ किया, इसका उत्तर सहज नहीं है। सभी देशों के इतिहास में खेती के विषय में कुछ न कुछ कहा गया है। कुछ भूमि अब भी ऐसी है जहाँ पर खेती नहीं होती। यथा - अफ्रीका और अरब के रेगिस्तान, तिब्बत एवं मंगोलिया के ऊँचे पठार तथा मध्य आस्ट्रेलिया। कांगो के बौने और अंदमान के बनवासी खेती नहीं करते। .

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कैनरी द्वीपसमूह

कैनरी द्वीपसमूह का नक़्शा कैनरी द्वीपसमूह अफ़्रीका के उत्तरपश्चिमी छोर से आगे अंध महासागर में स्थित हैं पिको देल तेइदे (तेनरीफ़) कैनरी द्वीपसमूह स्पेन द्वारा नियंत्रित द्वीपों का एक समूह है जो अफ़्रीका के उत्तरपश्चिमी छोर से आगे अंध महासागर में स्थित है। प्रशासनिक दृष्टि से यह स्पेन का एक स्वायत्त समुदाय है, जो लगभग एक राज्य जैसा दर्जा रखता है। इस द्वीपसमूह में (बड़े से छोटे) यह द्वीप आते हैं: तेनरीफ़ (Tenerife), ग्रान कानारिया (Gran Canaria), फ़्वेरतेवेन्तूरा (Fuerteventura), लान्सारोते (Lanzarote), ला पाल्मा (La Palma), ला गोमेरा (La Gomera), ला ईएरो (La Hierro), ला ग्रासीओसा (La Graciosa), आलेग्रान्सा (Alegranza), मोन्तान्या क्लारा (Montaña Clara), रोक दॅल एस्ते (Roque del Este), रोक दॅल ओएस्ते (Roque del Oeste) और इस्ला दे लोबोस (Isla de Lobos)। इस प्रदेश की दो राजधानियाँ हैं: तेनरीफ़ के द्वीप पर स्थित सान्ता क्रूस दे तेनरीफ़ (Santa Cruz de Tenerife) और ग्रान कानारिया द्वीप पर स्थित लास पालमास दे ग्रान कानारिया (Las Palmas de Gran Canaria)। तेनरीफ़ पर पिको देल तेइदे (Pico del Teide) नाम का ज्वालामुखी स्थित है जो आकार में विश्व का तीसरा सब से बड़ा ज्वालामुखी है। .

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कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी)

विल्हेम द्वितीय या विलियम द्वितीय (जर्मन: Friedrich Wilhelm Viktor Albrecht von Preußen; अंगरेजी: Frederick William Victor Albert of Prussia; 27 जनवरी 1859 – 4 जून 1941) जर्मनी का अन्तिम सम्राट (कैसर) तथा प्रशा का राजा था जिसने जर्मन साम्राज्य एवं प्रशा पर १५ जून १८८८ से ९ नवम्बर १९१८ तक शासन किया। विलियम प्रथम की मृत्यु के उपरान्त उसका पुत्र फैड्रिक तृतीय जर्मनी के राजसिंहासन पर 9 मार्च 1888 ई. को आसीन हुआ। किन्तु केवल 100 दिन राज्य करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु होने पर उसका पुत्र विलियम द्वितीय राज्य सिंहासन पर आसीन हुआ। वह एक नवयुवक था। उसमें अनेक गुणों और दुर्गुणों का सम्मिश्रण था। वह कुशाग्र बुद्धि, महत्वकांक्षी आत्मविश्वासी तथा असाधारण नवयुवक था। वह स्वार्थी और घमण्डी था तथा उसका विश्वास राजा के दैवी सिद्धांत में था। किसी अन्य व्यक्ति के नियंत्रण में रहना उसको असह्य था जिसके कारण कुछ ही दिनों के उपरांत उसकी अपने चांसलर बिस्मार्क से अनबन हो गई। परिस्थितियों से बाध्य होकर बिस्मार्क को त्याग-पत्र देना पड़ा। बिस्मार्क के पतन के उपरांत विलियम ने समस्त सत्ता को अपने हाथों में लिया और उसके मंत्री आज्ञाकारी सेवक बन गये और वह स्वयं का शासन का कर्णधार बना। .

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कैक्टस

कैक्टस (cactus) सपुष्पक वनस्पतियों का एक जीववैज्ञानिक कुल है जो अपने मोटे, फूले हुए तनों में पानी बटोरकर शुष्क व रेगिस्तानी परिस्थितियों में जीवित रहने और अपने कांटों से भरे हुए रूप के लिए जाना जाता है। इसकी लगभग १२७ वंशों में संगठित १७५० जातियाँ ज्ञात हैं और वह सभी-की-सभी नवजगत (उत्तर व दक्षिण अमेरिका) की मूल निवासी हैं। इनमें से केवल एक जाति ही पूर्वजगत में अफ़्रीका और श्रीलंका में बिना मानवीय हस्तक्षेप के पहुँची थी और माना जाता है इसे पक्षियों द्वारा फैलाया गया था। कैक्टस लगभग सभी गूदेदार पौधे होते हैं जिनके तनों-टहनियों में विशेषीकरण से पानी बचाया जाता है। इनके पत्तों ने भी विशेषीकरण से कांटो का रूप धारण करा होता है। .

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कूयांजा नदी

कूयांजा नदी अफ्रीका महाद्वीप की अंगोला देश की एक प्रमुख नदी हैं। इस नदी में दुर्लभ प्रजाति की मछलियाँ पायी जाती है जो शोध का विषय है। .

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केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची

केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची में विभिन्न देशों के विभिन्न नगरों के केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्र दिए गए हैं। .

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केप प्वाइंट

केप प्वाइंट केप प्वाइंट, केप प्रायद्वीप, के दक्षिणपूर्व किनारे पर स्थित एक अंतरीप है। लगभग तीस किलोमीटर लंबा यह पहाड़ी और सुंदर क्षेत्र अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिणतम सिरे पर, उत्तर से दक्षिण की ओर फैला है और दक्षिण अफ्रीका में स्थित है। टेबल पर्वत और केपटाउन, केप प्रायद्वीप के उत्तरी छोर के करीब स्थित हैं। यह केप ऑफ गुड होप के दक्षिणपश्चिम में लगभग 2.3 किलोमीटर (1.4 मील) पूर्व और थोड़ा उत्तर में निम्न निर्देशांकों पर स्थित है। .

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केप वर्दे

केप वर्दे गणराज्य या वर्दे अंतरीप गणराज्य (पुर्तगाली: Cabo Verde, उच्चारण: काबु वर्दि) एक द्वीप देश है जो उत्तरी अटलांटिक महासागर मे अफ्रीका के पश्चिमी तट से दूर मैकरोनेशिया पारिस्थितिकक्षेत्र मे एक द्वीपसमूह के रूप मे फैला है। पहले यह एक निर्जन द्वीप था और इसकी खोज पंद्रहवीं शताब्दी मे पुर्तगालियों ने की थी। बाद मे पुर्तगालियों ने यहाँ अपनी बस्तियाँ बसाईं। वर्दे अंतरीप ने 1975 में पुर्तगाल से स्वतंत्रता प्राप्त की। 2007 के बाद से यह देश एक विकासशील देश बन गया है जबकि इससे पहले इसकी गणना सबसे कम विकसित देशों मे की जाती थी। द्वीप की लगभग 20% जनसंख्या की दिन की प्रतिव्यक्ति कमाई $ 1.25 से भी कम है। .

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केप ऑफ़ गुड होप

केप ऑफ गुड होप (पुर्तगाली: Cabo da Boa Esperança) अथवा उत्तमाशा अंतरीप अफ्रीका के सुदूर दक्षिणी कोने पर एक स्थान है। यह क्षेत्र इसलिए जाना जाता है क्योंकि यहाँ से बहुत से जहाज़ पूर्व की ओर अटलांटिक महासागर से हिन्द महासागर में जाते हैं। यह स्थान दक्षिण अफ्रीका में है। इस स्थान का एतिहासिक महत्व भी है। इस स्थान तक पहुँचने वाला सर्वप्रथम यूरोपीय व्यक्ति था पुर्तगाल का बारटोलोमीयु डियास। उसने इस स्थान को १४८८ में देखा और इसका नाम "केप ऑफ़ स्टॉर्मस" (तूफ़ानों का केप) (पुर्तगाली: Cabo das Tormentas) रखा। इसी स्थान से होकर पुर्तगाली अन्वेषक वास्को द गामा भारत पहुँचा था। .

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केप कॉलोनी

केप कॉलोनी यानि केप उपनिवेश, जिसे आम तौर पर केप ऑफ़ गुड होप कहा जाता था, अफ़्रीकी महाद्वीप के दक्षिणी छोर पर, वर्त्तमान दक्षिण अफ़्रीका और नामीबिया के स्थान पर स्थित एक ब्रिटिश उपनिवेश था, जिसे अंग्रेज़ों ने नीदरलैंड को हरा कर कब्ज़ा किया था। इसका नाम केप ऑफ़ गुड होप के नाम पर पड़ा था, जिसके आसपास डच लोगों ने अपने उपनिवेश को स्थापित किया था। डच लोगों ने १९६५ में कप ऑफ़ गुड होप के तट पर डच केप कॉलोनी स्थापित की थी, जिसे धीरे-धीरे अफ़्रीकी भूमि के भीतर विस्तार कर एक बहुत बड़े भूखंड पर कब्ज़ा क्र लिया गया। अंग्रेजों ने इसपर १९७५ में पहली बार, और अंत्यतः १८०२ में अंत्यतः पूरी तरह कब्ज़ा कर लिया था। यह ब्रिटिश साम्राज्य का एक उपनिवेश के रूप में शासित किया जाता था। १८७२ में यह एक स्वशासित उपनिवेश बन गया। १९१० में केप कॉलोनी, दक्षिणी अफ्रीका में स्थित अन्य तीन उपनिवेशों के साथ मिल कर दक्षिण अफ़्रीकी संघ में सम्मिलित हो गया। .

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केरियो

केरियो अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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कोड गीअस

, अक्सर बस कोड गीअस के रूप में ही संदर्भित किया जाने वाला, सनराइज़ निर्मित, गोरो तानिगुची द्वारा निर्देशित तथा इकिरो ओकोउंची लिखित, क्लैम्प द्वारा डिज़ाइन किए गए, चरित्रों (पात्रों) सहित, एक जापानी एनिमेशन सिरीज़ है। कोड गीअस पहली बार जापान में एमबीएस (MBS) पर 5 अक्टूबर 2006 से 28 जुलाई 2007 तक प्रदर्शित किया गया। इस सीरिज की अगली कड़ी एमबीएस (MBS) और टीबीएस (TBS) पर 6 अप्रैल 2008 से 28 सितम्बर 2008 तक प्रदर्शित की गई। दोनों ही सत्रों में इसने टोक्यो इंटरनैशनल एनिमे फेयर (Tokyo International Anime Fair), एनिमेज एनिमे ग्रैंडस प्रिक्स (Animage Anime Grand Prix) तथा एनिमेशन कोब कार्यक्रमों में कई पुरस्कार जीते। .

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कोनैक्री

कोनैक्री अफ्रीका के गीनिया देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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कोबाल्ट

कोबाल्ट एक रासायनिक तत्व है और संक्रमण धातु के समूह का सदस्य है। अपने शुद्ध रूप में यह धातु सख़्त, चमकीली और सलेटी-चाँदी रंग की है, लेकिन यह पृथ्वी पर केवल अन्य रासायनिक तत्वों के साथ बने यौगिकों के रूप में ही मिलती है। कुछ मात्रा में यह निकल की तरह पृथ्वी पर उल्काओं में गिरती है और वहीं शुद्ध रूप में देखी जा सकती है। .

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कोमोरो द्वीपसमूह

कोमोरो द्वीपसमूह कोमोरो द्वीपसमूह (शिकोमोरी: Komori कोमोरी; अरबी: جزر القمر जुज़ुर अल-कमर; फ़्राँसीसी: Les Comores ले कोमोरे) मोज़ाम्बिक चैनल के उत्तरी मुहाने पर स्थित एक ज्वालामुखीय द्वीपसमूह है। यह द्वीपसमूह हिन्द महासागर में अफ़्रीका की मुख्यभूमि और मेडागास्कर के बीच स्थित है। मुख्य द्वीप ग्रान्दे, कोमोरो, मोहेली और अंजोउन हैं, जो कोमोरोस राज्य के अधीन हैं और मायोत एक फ़्राँसीसी अधीनस्थ है। .

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कोमोरोस

thumb कोमोरोस हिन्द महासागर में अफ़्रीका के पूर्वी छोर पर उत्तरी मैडागास्कर और उत्तर-पूर्व मोज़ाम्बिक के बीच स्थित एक द्वीपीय देश है। यह अफ़्रीका महाद्वीप में क्षेत्रफल की दृष्टि तीसरा सबसे छोटा और जनसंख्या की दृष्टि से छठा सबसे छोटा देश है लेकिन यहाँ जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है। अरब जगत से सम्बन्ध रखने वाले कोमोरोस देश का नाम अरबी भाषा के शब्द क्वामार (चान्द) से निकला है। चार बड़े और अन्य छोटे द्वीपों वाला यह देश पर्यावरण की विविधता के कारण दुनिया में अलग ही स्थान रखता है। .

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कोहरा रेगिस्तान

दक्षिण अमेरिका में पेरू के लीमा और त्रुहिलो के बीच का कोहरा रेगिस्तान। पीछे कोहरे से आधे ढके ऐन्डीयाई पर्वत​ कोहरा रेगिस्तान या कोहरा मरुभूमि (fog desert) ऐसे रेगिस्तान को कहते हैं जहाँ पड़ने वाला अधिकतर जल कोहरे द्वारा पहुँची नमी से आता है। ऐसे क्षेत्रों में कोहरे से ही वनस्पतियों और जानवरों को जल मिलता है।, Federico Norte, University of Oklahoma Press, Page 224, 1999, ISBN 978-0-8061-3146-7 दक्षिणी अमेरिका में पेरू और चिली के तट पर स्थित आताकामा रेगिस्तान, अफ़्रीका में नामीबिया का नामीब रेगिस्तान, उत्तरी अमेरिका में मेक्सिको का बाहा कैलिफ़ोरनिया रेगिस्तान और अरबी प्रायद्वीप का तटीय कोहरा रेगिस्तान इसके कुछ उदाहरण हैं।, WildWorld Ecoregion Profiles, National Geographic Society, Accessed 2011-07-02 इन रेगिस्तानों में कोहरा आकर धरती, पेड़-पौधों, कीटों और जानवरों पर पड़ता है और इसी से वे जल ग्रहण करते हैं। नामीब रेगिस्तान में देखा गया है कि वहाँ वाहनों के चलने से स्थानीय लाइकेन को हानि पहुँची है। गाड़ियों के पहियों के निशानों में तापमान अन्य स्थानों से लगभग २ °सेंटीग्रेड ज़्यादा गर्म पाया गया। इस से वहाँ कोहरा जमने की रफ़्तार कम हुई और वनस्पति को हानि पहुँची। अध्ययन से पता चला है कि कोहरा रेगिस्तानों में ऐसे छोटे बदलावों का बड़ा प्रभाव दिखता है।Do vehicle track disturbances affect the productivity of soil-growing lichens in a fog desert?, J.S. Lalley, Wiley, Page 548–556, volume 20, issue 3, doi 10.1111/j.1365-2435.2006.01111.x, Accessed 2008-11-04 .

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कीनिया

कीनिया गणतंत्र पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक देश है। भूमध्य रेखा पर हिंद महासागर के सटे हुए इस देश की सीमा उत्तर में इथियोपिया, उत्तर-पूर्व में सोमालिया, दक्षिण में तंजानिया, पश्चिम में युगांडा व विक्टोरिया झील और उत्तर पश्चिम में सूडान से मिलती है। देश की राजधानी नैरोबी है। केन्या में 581,309 km2 (224,445 वर्ग मील) शामिल हैं और जुलाई 2012 तक इसकी जनसंख्या लगभग 4.4 करोड़ है। देश का नाम माउंट केन्या पर रखा गया है, जो एक महत्वपूर्ण भौगोलिक प्रतीक है और अफ्रीका महाद्वीप की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। 1920 से पहले, जिस क्षेत्र को अब कीनिया के नाम से जाना जाता है, उसे ब्रिटिश ईस्ट अफ्रीका संरक्षित राज्य के रूप में जाना जाता था। .

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कीनिया एयरवेज़

कीनिया एयरवेज़ (अंग्रेज़ी: Kenya Airways केन्या एयर्वेज़) कीनिया के सबसे बड़े एयरलाइन है और अफ़्रीका का पाँचवाँ सबसे बड़े (साउथ ऐफ़्रिकन एयरवेज़, ईजिप्टएयर, एयर अल्जेरी और रॉयल एयर मरॉक) के बाद में। कोई अन्य अफ़्रीकी एयरलाइन से कीनिया एयरवेज़ ज़्यादा transcontinental फ़्लाइट करता हि। इसका हब नैरोबी में जोमो केन्यत्ता इंटरनैशनल एयरपोर्ट में है और मोइ इंटरनैशनल एयरपोर्ट मोम्बासा में एक फ़ोकस शर है। कीनिया एयरवेज़ का चिह्न .

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अटलांटिक महासागर

ग्लोब पर अंध महासागर की स्थिति अन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर उस विशाल जलराशि का नाम है जो यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को नई दुनिया के महाद्वीपों से पृथक करती है। क्षेत्रफल और विस्तार में दुनिया का दूसरे नंबर का महासागर है जिसने पृथ्वी का १/५ क्षेत्र घेर रखा है। इस महासागर का नाम ग्रीक संस्कृति से लिया गया है जिसमें इसे नक्शे का समुद्र भी बोला जाता है। इस महासागर का आकार लगभग अंग्रेजी अक्षर 8 के समान है। लंबाई की अपेक्षा इसकी चौड़ाई बहुत कम है। आर्कटिक सागर, जो बेरिंग जलडमरूमध्य से उत्तरी ध्रुव होता हुआ स्पिट्सबर्जेन और ग्रीनलैंड तक फैला है, मुख्यतः अंधमहासागर का ही अंग है। इस प्रकार उत्तर में बेरिंग जल-डमरूमध्य से लेकर दक्षिण में कोट्सलैंड तक इसकी लंबाई १२,८१० मील है। इसी प्रकार दक्षिण में दक्षिणी जार्जिया के दक्षिण स्थित वैडल सागर भी इसी महासागर का अंग है। इसका क्षेत्रफल इसके अंतर्गत समुद्रों सहित ४,१०,८१,०४० वर्ग मील है। अंतर्गत समुद्रों को छोड़कर इसका क्षेत्रफल ३,१८,१४,६४० वर्ग मील है। विशालतम महासागर न होते हुए भी इसके अधीन विश्व का सबसे बड़ा जलप्रवाह क्षेत्र है। उत्तरी अंधमहासागर के पृष्ठतल की लवणता अन्य समुद्रों की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा ३.७ प्रतिशत है जो २०°- ३०° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है। .

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अदनसोनिया

अदनसोनिया वृक्षों की आठ प्रजातियों का एक वंश (जीनस) है, जिनमें से, छह मेडागास्कर, एक अफ्रीका की मुख्य भूमि और अरब प्रायद्वीप तथा एक ऑस्ट्रेलिया की मूल प्रजाति है। अफ्रीकी मुख्य भूमि की प्रजाति के वृक्ष मेडागास्कर में भी पाये जाते हैं, लेकिन यह इस द्वीप की मूल प्रजाति नहीं है। इसे आम तौर पर गोरक्षी (हिन्दी नाम) या बाओबाब के नाम से जाना जाता है। इसके अन्य आम नामों में बोआब, बोआबोआ, बोतल वृक्ष, उल्टा पेड़ तथा बंदर रोटी पेड़ आदि नाम शामिल हैं। अरबी में इसे 'बु-हिबाब' कहा जाता है जिसका अर्थ है 'कई बीजों वाला पेड़', शायद इसी बु-हिबाब शब्द का अपभ्रंश रूप है बाओबाब। बाओबाब का अफ्रीका के आर्थिक विकास में काफ़ी योगदान होने की वजह से अफ्रीका ने इसे 'द वर्ल्ड ट्री' की उपाधि भी प्रदान की है और इसे एक संरक्षित वृक्ष भी घोषित किया है। इसका अनुवांशिक नाम मिशेल एडनसन, जो कि एक फ्रांसीसी प्रकृतिवादी और अन्वेषक थे और जिन्होने पहले पहल इस वृक्ष का वर्णन किया था, के सम्मान में अदनसोनिया डिजिटाटा रखा गया है। .

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अधिमहाद्वीप

भूविज्ञान में अधिमहाद्वीप (supercontinent) पृथ्वी के दो या दो से अधिक परिभाषित महाद्वीपों को मिलाकर बनने वाले भूभाग को कहते हैं। इनमें से कुछ तो वास्तव में ही १९वीं शताब्दी तक ज़मीनी पुलों से जुड़े हुए थे और कुछ प्रागैतिहासिक पृथ्वी में लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व जुड़े हुए थे। यूरोप और एशिया को मिलाकर यूरेशिया बनता है जो आज भी एक ही भूभाग के अंश हैं। उत्तर और दक्षिण अमेरिका पनामा नहर खुदने से पहले जुड़े हुए थे। अफ़्रीका और एशिया सुएज़ नहर खुदने से पहले जुड़े हुए थे। करोड़ों वर्ष पूर्व पैन्जीया नामक अधिमहाद्वीप में पृथ्वी के लगभग सभी महाद्वीपों का भूभाग एकत्रित था।Rogers, John J.W., and M. Santosh.

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अन जमेना

एन जमेना अफ्रीका के चाड देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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अनुआक लोग

अनुआक (Anuak), जो अनयुआक, अगनवाक और अन्यवा भी कहलाते हैं, पूर्वी अफ़्रीका में बसने वाली एक जाति है। इस समुदाय के लोग दक्षिणपूर्वी दक्षिण सूडान और दक्षिणपश्चिमी इथियोपिया (विशेषकर गाम्बेला प्रदेश) में रहते हैं। विश्वभर में अनुआकों की जनसंख्या ३ से ३.५ लाख के बीच अनुमानित की गई है।, Facts On File, Incorporated, pp.

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अन्तरिक्ष एवं प्रमुख आपदाओं का अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर

अन्तरिक्ष एवं प्रमुख आपदाओं का अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर एक ऐसा गैर-बाध्यकारी चार्टर है जो प्रमुख आपदाओं के समय राहत संगठनों को परोपकारी एवं मानवीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से अन्तरिक्ष उपग्रह आंकड़ें पहुंचाने का कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका शुभारंभ ऑस्ट्रिया के वियेना में जुलाई 1999 को आयोजित यूनिस्पेस-3 सम्मेलन के बाद यूरोपियन अन्तरिक्ष एजेन्सी तथा फ्रांस की अन्तरिक्ष एजेन्सी सीएनईएस ने किया था, औपचारिक रूप से नवंबर 01, 2000 में कैनेडियन अन्तरिक्ष एजेन्सी द्वारा अक्तूबर 20, 2000 में चार्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद यह प्रचालित हुआ। तब तक अन्तरिक्ष अनुसंधान की ओर इनके योगदान में ईआरएस, एवं एन्विसैट, स्पॉट तथा फॉर्मसैट एवं रडारसैट शामिल हैं। विभिन्न निजी, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष एजेन्सियों के वर्गीकृत उपग्रह मानवीय हितों के लिए काम करते हैं जो कि हांलाकि आकस्मिक हुआ करते हैं। सबसे पहले दिसंबर 2001 में उत्तर पूर्वी फ्रांस में बाढ़ के लिए इसे सक्रिया किया गया, तभी से चार्टर अन्तरिक्ष से जुड़ी सूचना संबंधी संग्रह का विविध भूकंपों, तेल के रिसाव, दावाग्नि, सुनामी, विशाल हिमपात, ज्वालामुखी प्रस्फुटन, तूफानों एवं भूस्खलन के लिए उपयोग करने में प्रमुख भूमिका निभाता है, तथा इसके बाद मलेशिया एयरलाइन फ्लाइट 370 की खोज में भी उपयोग किया गया।http://www.disasterscharter.org/web/charter/activation_details?p_r_p_1415474252_assetId.

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अफ़ार द्रोणी

अफ़ार द्रोणी का नक़्शा डनाकील रेगिस्तान का एक दृश्य अफ़ार द्रोणी, डनाकील द्रोणी या अफ़ार त्रिकोण अफ़्रीका के सींग के पास स्थित एक धंसा हुआ इलाक़ा है जो तीन देशों (इरीट्रिया, इथियोपिया और जिबूटी) में फैली हुई है। यह एक बंद जलसम्भर है जिसमें सिर्फ़ एक नदी (अवाश नदी) दाख़िल होती है जिसका पानी कुछ खारी झीलों में रुक जाता है। अफ़र द्रोणी महान दरार घाटी का सुदूर उत्तर-पूर्वी हिस्सा है। .

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अफ़ार भाषा

अफ़ार (Qafár) एक अफ़्रीकी भाषा है जो इथियोपिया, इरीट्रिया और जिबूती में बोली जाती है। इस भाषा को बोलने वालो की संख्या १४-१५ लाख के लगभग है। इससे मिलती जुलती भाषा है साहो भाषा। भाषा, अफ़ार श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अफ़्रीका का इतिहास

अफ्रीका का इतिहास को मानव विकास का इतिहास भी कहा जा सकता है। मानव सभ्यता की नींव पूर्वी अफ्रीका में होमो सेपिएन्स प्रजाति के वानर द्वारा रखी गयी। यही प्रजाती आज के आधुनिक मनुष्य की पूर्वज प्रजाति है। लिखित इतिहास में सबसे पहले वर्णन मिलता है मिस्र सभ्यता का जो नील नदी के समीप ईसा से ४००० वर्ष पूर्व प्रारंभ हुई। .

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अफ़्रीका की प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव

प्राकृतिक परिवेश में जिर्राफ सवाना, घास का मैदान बोतल वृक्ष अफ़्रीका का शेर प्राकृतिक वनस्पति जलवायु का अनुसरण करती है। अफ़्रीका में जलवायु की विभिन्नता के आधार पर विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति पायी जाती है। भूममध्य-रेखीय क्षेत्र में अधिक गर्मी एवं वर्षा के कारण घने वन पाये जाते हैं। बड़े-बड़े वृक्षों के बीच छोटे वृक्ष, लताएँ तथा झाड़ियाँ पायी जाती हैं। वृक्ष पास-पास उगते हैं। वृक्षों की ऊपरी टहनियां इस प्रकार फैल जाती हैं कि सूर्य का प्रकाश भूमि पर नहीं पहुँच पाता और अंधकार छाया रहता है। वर्ष भर वर्षा होने के कारण वृक्ष किसी खाश समय में अपनी पत्तियाँ नहीं गिराते, अतः इन वृक्षों को सदाबहार वृक्ष कहा जाता है। इन वृक्षों की पत्तियाँ चौड़ी होती हैं, अतः इन वनों को चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार वन कहा जाता है। इन वनों के प्रमुख वृक्षों में महोगनी, रबड़, ताड़, आबनूस, गटापार्चा, बांस, सिनकोना और रोजउड हैं। इन वनों में विभिन्न प्रकार के बन्दर, हाथी, दरियाई घोड़ा (हिप्पो), चिम्पैंजी, गोरिल्ला, चीता, भैंसा, साँप, अजगर आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। यहाँ टिसीटिसी नामक मक्खी पाई जाती है। मैंड्रिल नामक विशालकाय बन्दर होते हैं। यहाँ पर ओकापी नामक भूरे रंग का जीव पाया जाता है जिसके पैर पर सफेद धारी पायी जाती है। यह घोड़े की तरह दिखलाई पड़ता है, पर यह जिराफ जाति का होता है। नदियों में मगर पाये जाते हैं। यहाँ पर चमीकले रंग की विभिन्न प्रकर की चिड़ियां पायी जाती हैं। भूमध्यरेखीय वनों के दोनों ओर, जहाँ वर्षा काफी कम होती है, पेड़ नहीं उग सकते। वहाँ मुख्यतः लम्बी-लम्बी (२ से ४ मीटर ऊँची) घासें उगती हैं। इन उष्ण कटिबन्धीय घास के मैदानों को सवाना कहते हैं। बीच-बीच में कहीं-कहीं पत्तों से रहित कुछ पेड़ भी पाए जाते हैं। यह प्रदेश विभिन्न प्रकार के घास खाने वाले पशुओं का घर है। इन पशुओं में हिरण, बारहसिंगा, जेब्रा, जिर्राफ तथा हाथी मुख्य हैं। जिर्राफ विश्व का सबसे ऊँचा जानवर माना जाता है। कुछ जन्तुशास्त्रियों का मानना है कि जिर्राफ कभी सोते नहीं हैं। यहाँ कुछ हिंसक पशु भी रहते हैं जो इन घास खाने वाले पशुओं का शिकार करते हैं। इनमें शेर, चीता एवं गीदड़ मुख्य हैं। दक्षिणी अफ़्रीका के शेर बहुत लम्बे होते हैं। चीता विश्व में सबसे तेज दोड़ने वाला जानवर है। सवाना घास के मैदान के दोनों ओर जहाँ की जलवायु अत्यन्त गर्म व शुष्क है, वहाँ उष्ण मरुस्थलीय वनस्पति पाई जाती है। यहाँ केवल कँटीली झाड़ियाँ हीं उगती हैं। मरुद्यानों में खजूर के पेड़ पाए जाते हैं। यहाँ का मुख्य पशु ऊँट है जिसे मरुस्थल का जहाज कहते हैं। यहाँ बड़े आकार तथा घोड़े के समान तेज दौड़ने वाले शुतुर्मुर्ग नामक पक्षी पाए जाते हैं। अफ़्रीका के उत्तरी एवं दक्षिणी-पश्चिमी तटीय क्षेत्रों पर केवल जाड़े में ही वर्षा होती है फिर भी यहाँ चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार वृक्ष पाए जाते हैं। क्योंकि यहाँ के वृक्ष अपने आपको वातावरण के अनुसार बदल लेते हैं। इन वृक्षों की जड़े लम्बी, पत्तियाँ छोटी तथा छालें मोटी होती हैं। इन विशेषताओं के कारण ये वृक्ष गर्मियों में भी हरे-भरे रहते हैं। यहाँ जैतुन, कार्क, लारेल एवं ओक के वृक्ष पाए जाते हैं। यहाँ की जलवायु फलों की खेती के लिए काफी उपयुक्त है। यहाँ नींबू, सन्तरा, अंगूर, सेव, अंजीर आदि रस वाले फलों की खेती की जाती है। यहाँ जंगली पशुओं का अभाव है। प्रायः पालतू पशु ही पाए जाते हैं। अफ़्रीका के दक्षिणी-पूर्वी भागों में भी वर्षा की कमी के कारण शुष्क घास के मैदान पाए जाते हैं। यहाँ पर उगने वाली घासें छोटी-छोटी मुलायम तथा गुच्छेदार होती हैं। इन घास के मैदानों को वेल्ड कहते हैं। घास के इन मैदानों में वृक्षों का एकदम अभाव होता है। इस भाग में पशुचारण का कार्य किया जाता है। अफ़्रीका के दक्षिणी एवं पूर्वी भागों में, जहाँ अधिक ऊँचाई के कारण हिमपात होता है, नुकीली पत्ती वाले सदाबहार वन पाए जाते हैं। मेडागास्कर द्वीप पर बोबाब नामक एक विचित्र वृक्ष पाया जाता हैजो जमीन के नीचे से नमी खींचकर अपने अन्दर जल का संचय करता है। जीव, अफ़्रीका की प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य.

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अफ़्रीका की भाषाएं

भाषाई विभिन्नता को दर्शाता अफ्रीका का एक मानचित्र युनेस्को के अनुसार अफ्रीका में २००० से भी ज्यादा भाषाएँ बोली जाती है। अधिकतर भाषाएं अफ्रीकी मूल की है परन्तु यूरोपीय एवं एशियाई प्रभाव भी देखा जा सकता है। अफ्रीका महाद्वीप में बुशमैन (बुल्मनिवासी), वांटू, सूडान तथा सामी-हामी-परिवार की भाषाएँ बोली जाती हैं। अफ्रीका के समस्त उत्तरी भग में सामी भषाओं का आधिपत्य प्राय: दो हजार वर्षों से रहा है। इधर दो-तीन शताब्दियों से दक्षिण के कोने पर और समस्त पश्चिमी किनारे पर यूरोपीय जातियों ने कब्जा करके मूल निवासियों को महाद्वीप मे भीतरी भागों की ओर हटा दिया। किंतु अब अफ्रीकी निवासियों में जागृति हो चली है और फलस्वरूप उनकी निजी भाषाएँ अपना अधिकार प्राप्त कर रही हैं। अफ्रीकी भाषाओँ को निम्नलिखित समूहों में बांटा जा सकता है।.

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अफ़्रीका की जल अपवाह प्रणाली

अफ़्रीका की अधिकांश नदीयाँ मध्य अफ़्रीका के उच्च पठारी भांग से निकलती हैं यहाँ खूब वर्षा होती है। अफ़्रीका के उच्च पठार इस महाद्वीप में जल विभाजक का कार्य करते हैं। नील, नाइजर, जेम्बेजी, कांगो, लिम्पोपो एवं ओरंज इस महाद्वीप की बड़ी नदियाँ हैं। महादेश के आधे से अधिक भाग इन्हीं नदियों के प्रवाह क्षेत्र के अन्तर्गत हैं। शेष का अधिकांश आन्तरिक प्रवाह-क्षेत्र में पड़ता है; जैसे- चाड झील का क्षेत्र, उत्तरी सहारा-क्षेत्र, कालाहारी-क्षेत्र इत्यादि। पठारी भाग से मैदानी भाग में उतरते समय ये नदियाँ जलप्रपात एवं द्रुतवाह बनाती हैं अतः इनमें अपार सम्भावित जलशक्ति है। संसार की सम्भावित जलशक्ति का एक-तिहाई भाग अफ़्रीका में ही कृता गया है। इन नदियों के उल्लेखनीय जलप्रपात विक्टोरिया (जाम्बेजी में), स्टैनली (कांगो में) और लिविंग्स्टोन (कांगो में) हैं। नील नाइजर, कांगो और जम्बेजी को छोड़कर अधिकांश नदियाँ नाव चलाने योग्य नहीं हैं। .

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अफ़्रीकी प्लेट

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अफ़्रीकी हाथी

अफ़्रीकी हाथी, लोक्सोडोंटा प्रजाति के हाथी हैं, ये एलिफेंटिडाए कुल की दो मौजूद प्रजातियों में से एक हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि इस प्रजाति का नाम १८२५ में जॉर्ज कुवियर ने किया था, लेकिन कुवियर ने इसका नाम लोक्सोडोंटे रखा था। एक अज्ञात व्यक्ति ने इसका नाम बदल के आईसीज़ेडएन में लोक्सोडोंटा रख दिया और इसी को ही प्रमाण मान लिया गया लोक्सोडोंटा के जीवाश्म केवल अफ़्रीका में मिले हैं, जहाँ पर ये मध्य प्लियोसीन में विकसित हुए। .

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अफानासी निकितिन

अफ़नासिय निकीतिन का स्मारक अफानासी निकितिन (रूसी: Афанасий Никитин) - एक रुसी व्यापारी था जिसने १५वीं शताब्दी में भारत की यात्रा की। वह लेखक के रूप में भी प्रसिद्ध है - उसकी पुस्तक "तीन समुद्र पार का सफरनामा" यह भारत के इतिहास का अहम सूत्र है। वास्को डि गामा से २५ वर्ष पूर्व भारत की धरती पर कदम रखने वाला पहला यूरोपीय अफ़नासी निकीतीन मूल रूप से रूस का रहने वाला था। वह सन् 1466 से 1475 के बीच लगभग तीन वर्ष तक भारत में रहा। निकीतीन रूस से चल कर जार्जिया, अरमेनिया, ईरान के रास्ते मुंबई पहुंचा था। सन् 1475 में वह अफ्रीका होता हुआ वापिस लौटा, लेकिन अपने घर त्वेर पहुंचने से पहले ही उसका निधन हो गया। निकीतीन द्वारा भारत-यात्रा पर लिखे संस्मरणों को १९वीं सदी में रूस के जाने-माने इतिहासविद् एन.एम.

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अफ्रीका का पश्चिमी तटीय का मैदान

यह अफ्रीका के पश्चिमी तटीय भाग में स्थित प्रमुख मैदान हैं। मैदान, अफ्रीका का पश्चिमी तटीय का श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अफ्रीका का पूर्वी तटीय का मैदान

यह अफ्रीका के पूर्वी तटीय भाग में स्थित प्रमुख मैदान हैं। मैदान, अफ्रीका का पूर्वी तटीय का श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अफ्रीका का सींग

अफ्रीका का सींग मे आने वाले अफ़्रीकी देश अफ्रीका का सींग, (सोमाली: Geeska Afrika, अंग्रेजी: Horn of Africa, गीज़: የአፍሪካ ቀንድ, अरबी: القرن الأفريقي) (वैकल्पिक रूप से पूर्वोत्तर अफ्रीका और कभी कभी सोमाली प्रायद्वीप) पूर्वी अफ्रीका का एक प्रायद्वीप है जो अरब सागर में सैकड़ों किलोमीटर तक फैला है और अदन की खाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। मानचित्र पर इसका स्वरूप एक सींग के समान लगता है इसी लिए इसे यह नाम दिया गया है। यह अफ्रीकी महाद्वीप का सबसे पूर्वी विस्तार है। इसको मध्ययुगीन काल में बिलाद अल बरबर ("बरबरों की भूमि") कहा जाता था। अफ्रीका का सींग के क्षेत्र में इरिट्रिया, जिबूती, इथियोपिया और सोमालिया जैसे देश स्थित हैं।Robert Stock, Africa South of the Sahara, Second Edition: A Geographical Interpretation, (The Guilford Press: 2004), p. 26Michael Hodd, East Africa Handbook, 7th Edition, (Passport Books: 2002), p. 21: "To the north are the countries of the Horn of Africa comprising Ethiopia, Eritrea, Djibouti and Somalia."Encyclopaedia Britannica, inc, Jacob E. Safra, The New Encyclopaedia Britannica, (Encyclopaedia Britannica: 2002), p.61: "The northern mountainous area, known as the Horn of Africa, comprises Djibouti, Ethiopia, Eritrea, and Somalia."Sandra Fullerton Joireman, Institutional Change in the Horn of Africa, (Universal-Publishers: 1997), p.1: "The Horn of Africa encompasses the countries of Ethiopia, Eritrea, Djibouti and Somalia.

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अफ्रीका का विभाजन

स्वतन्त्र सन १८८१ और १९१४ के बीच यूरोपीय शक्तियों द्वारा अफ्रीकी भूभाग पर आक्रमण करके उस पर अधिकार, उपनिवेशीकरण, और उस भूभाग को हड़प लेने को अफ्रीका का विभाजन (Partition of Africa) कहते हैं। इसको अफ्रीका के लिये हाथापाई (Scramble for Africa) और अफ्रीका पर विजय (Conquest of Africa) भी कहते हैं। इस समयावधि को 'नव उपनिवेशवाद काल' कहते हैं। सन १८७० में अफ्रीका के केवल १० प्रतिशत भूभाग पर यूरोपीय शक्तियों का अधिकार था किन्तु १९१४ तक उसके ९० प्रतिशत भूभाग पर यूरोप का अधिकार हो गया था। इस समय केवल अबीसिनिया (इथियोपिया) और लाइबेरिया ही स्वतन्त्र बचे थे। सन १८८४ में सम्पन्न हुए बर्लिन सम्मेलन को प्रायः अफ्रीका के विभाजन का आरम्भिक बिन्दु माना जाता है। १९ शताब्दी के अन्तिम भाग में यूरोपीय साम्राज्यों के बीच जबरदस्त राजनीतिक एवं आर्थिक स्पर्धा होने के बावजूद अफ्रीका को शान्तिपूर्ण ढंग से बाँट लिया और इस बंटवारे ने उन्हें आपस में युद्धरत होने से भी बचा लिया। अफ्रीका का विभाजन यूरोप के इतिहास की एक अत्यंत रोमांचक घटना मानी गयी है। विभाजन के महत्वपूर्ण कार्य को अत्यंत शीघ्रता से संपादित किया गया। यद्यपि विभाजनकर्ता विभिन्न राष्ट्रों में आपस में अनेक मतान्तर थे किन्तु फिर भी बिना कोई युद्ध लड़े इस कार्य को शांतिपूर्ण ढंग से पूर्ण कर लिया गया। .

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अफ्रीका के शहरों की सूची

यह सूची अफ्रीका महाद्वीप की राजधानियों/प्रमुख शहरों की है:-.

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अफ्रीका के क्षेत्र

अफ़्रीका महाद्वीप को पाँच मुख्य भागों में बांटा गया है -.

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अफ्रीका की नदियों की सूची

यह अफ्रीका की नदियों की एक सूची है। .

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अफ्रीकी पेंगुइन

अफ्रीकी पेंगुइन अफ्रीकी पेंगुइन दक्षिणी अफ्रीका में पाई जाने वाली पेंगुइन की एक जाति है। श्रेणी:पेंगुइन.

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अब्राहम ओरटेलियस

पीटर पॉल रूबेंस इब्राहीम Ortelius (/ɔːrˈटीiːliəएस/; भी Ortels, Orthellius, Wortels; 14 अप्रैल 1527 – 28 जून 1598) एक फ्लेमिश मानचित्रकार और भूगोलिक, पारंपरिक मान्यता के निर्माता के रूप में पहली आधुनिक एटलस, Theatrum Orbis Terrarum (रंगमंच की दुनिया).

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अबीदजन

अबीदजन अफ्रीका के कोटे डी आइवोर देश की राजधानी है। अबीदजन श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमेरिका में अश्वेतों का इतिहास

अमेरिका में अश्वेतों के इतिहास की प्रमुख घटनाएँ इस प्रकार हैं -.

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अमेरिकी गृहयुद्ध

गॅटीस्बर्ग की लड़ाई अमेरिका के संघीय राज्य (यूनियन, नीले रंग में) और अलगाववादी परिसंघीय राज्य (कन्फ़ेडरेसी, ख़ाक़ी रंग में) उत्तरी सैनिक खाइयों में वर्जिनिया में दक्षिणी शहर फ़्रेड्रिक्सबर्ग पर हमला करने से पहले दक्षिणी कन्फ़ेडरेसी की घटती ज़मीन का वार्षिक नक्शा अमेरिकी गृहयुद्ध (अंग्रेजी: American Civil War, अमॅरिकन सिविल वॉर) सन् १८६१ से १८६५ के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी राज्यों और दक्षिणी राज्यों के बीच में लड़ा जाने वाला एक गृहयुद्ध था जिसमें उत्तरी राज्य विजयी हुए। इस युद्ध में उत्तरी राज्य अमेरिका की संघीय एकता बनाए रखना चाहते थे और पूरे देश से दास प्रथा हटाना चाहते थे। अमेरिकी इतिहास में इस पक्ष को औपचारिक रूप से 'यूनियन' (Union यानि संघीय) कहा जाता है और अनौपचारिक रूप से 'यैन्की' (Yankee) कहा जाता है। दक्षिणी राज्य अमेरिका से अलग होकर 'परिसंघीय राज्य अमेरिका' (Confederate States of America, कन्फ़ेडरेट स्टेट्स ऑफ़ अमॅरिका) नाम का एक नया राष्ट्र बनाना चाहते थे जिसमें यूरोपीय मूल के श्वेत वर्णीय (गोरे) लोगों को अफ्रीकी मूल के कृष्ण वर्णीय (काले) लोगों को गुलाम बनाकर ख़रीदने-बेचने का अधिकार हो। दक्षिणी पक्ष को औपचारिक रूप से 'कन्फ़ेडरेसी' (Confederacy यानि परिसंघीय) और अनौपचारिक रूप से 'रेबेल' (Rebel, रॅबॅल, यानि विद्रोही) या 'डिक्सी' (Dixie) कहा जाता है।, Donald J. Meyers, Algora Publishing, 2005, ISBN 978-0-87586-358-0 इस युद्ध में ६ लाख से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे गए (सही संख्या ६,२०,०००) अनुमानित की गई है।, Therese Shea, The Rosen Publishing Group, 2005, ISBN 978-1-4042-0415-7,...

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अमेरिकी क्रन्तिकारी युद्ध

अमेरिकी क्रन्तिकारी युद्ध (17751783), जिसे संयुक्त राज्य में अमेरिकी स्वतन्त्रता युद्ध या क्रन्तिकारी युद्ध भी कहा जाता है, ग्रेट ब्रिटेन और उसके तेरह उत्तर अमेरिकी उपनिवेशों के बीच एक सैन्य संघर्ष था, जिससे वे उपनिवेश स्वतन्त्र संयुक्त राज्य अमेरिका बने। शुरूआती लड़ाई उत्तर अमेरिकी महाद्वीप पर हुई। सप्तवर्षीय युद्ध में पराजय के बाद, बदले के लिए आतुर फ़्रान्स ने 1778 में इस नए राष्ट्र से एक सन्धि की, जो अंततः विजय के लिए निर्णायक साबित हुई। अमेरिका के स्वतंत्रता युद्ध ने यूरोपीय उपनिवेशवाद के इतिहास में एक नया मोड़ ला दिया। उसने अफ्रीका, एशिया एवं लैटिन अमेरिका के राज्यों की भावी स्वतंत्रता के लिए एक पद्धति तैयार कर दी। इस प्रकार अमेरिका के युद्ध का परिणाम केवल इतना ही नहीं हुआ कि 13 उपनिवेश मातृदेश ब्रिटेन से अलग हो गए बल्कि वे उपनिवेश एक तरह से नए राजनीतिक विचारों तथा संस्थाओं की प्रयोगशाला बन गए। पहली बार 16वीं 17वीं शताब्दी के यूरोपीय उपनिवेशवाद और वाणिज्यवाद को चुनौती देकर विजय प्राप्त की। अमेेरिकी उपनिवेशों का इंग्लैंड के आधिपत्य से मुक्ति के लिए संघर्ष, इतिहास के अन्य संघर्षों से भिन्न था। यह संघर्ष न तो गरीबी से उत्पन्न असंतोष का परिणाम था और न यहां कि जनता सामंतवादी व्यवस्था से पीडि़त थी। अमेरिकी उपनिवेशों ने अपनी स्वच्छंदता और व्यवहार में स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए इंग्लैंड सरकार की कठोर औपनिवेशिक नीति के विरूद्ध संघर्ष किया था। अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। .

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अरबी प्रायद्वीप

अरबी प्रायद्वीप अरबी प्रायद्वीप (अरबी: شبه الجزيرة العربية सिब्ह अल-जजी़रा अल-अरबिया या جزيرة العرب जजी़रत अल-अरब) दक्षिण पश्चिम एशिया का एक प्रायद्वीप है। यह एशिया एवं अफ्रीका की संधि पर है। यह मुख्यतः रेगिस्तान है। यह मध्य एशिया का एक महत्वपूर्ण भाग है, एवं अपने खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार के कारण महत्वपूर्ण राजनैतिक भूमिका निभाता है। प्रायद्वीप के तट, पश्चिम छोर पर लाल सागर एवं अकाबा की खाडी़, दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर (हिंद महासागर का भाग), उत्तर-पश्चिम में ओमान की खाडी़ एवं हॉर्मज़ जलडमरुमध्य तथा फारस की खाडी़ हैं। इसकी उत्तरी सीमा ज़गरोस कोलीजज्ञ जो़न है, जहाँ अरबी प्लेट एवं एशिया के बीच संयोजन/टक्कर होने से महाद्वीपीय उठाव है। यह सीरियाई रेगिस्तान से जा मिलता है, बिना किसी रेखांकित सीमा के। भौगोलिक दृष्टि से अरबी प्रायद्वीप में ईराक एवं सीरिया के भाग आते हैं। राजनैतिक रूप से प्रायद्वीप को शेष एशिया से अलग करता है उत्तरी सीमाएं। ये उत्तरी सीमाएं कुवैत एवं सऊदी अरब की सीमाएं। निम्न राष्ट्र इस प्रायद्वीप के भाग माने जाते हैं.

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अरबी भाषा

अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .

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अरहर दाल

अरहर की दाल को तुवर भी कहा जाता है। इसमें खनिज, कार्बोहाइड्रेट, लोहा, कैल्शियम आदि पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह सुगमता से पचने वाली दाल है, अतः रोगी को भी दी जा सकती है, परंतु गैस, कब्ज एवं साँस के रोगियों को इसका सेवन कम ही करना चाहिए। भारत में अरहर की खेती तीन हजार वर्ष पूर्व से होती आ रही है किन्तु भारत के जंगलों में इसके पौधे नहीं पाये जाते है। अफ्रीका के जंगलों में इसके जंगली पौधे पाये जाते है। इस आधार पर इसका उत्पत्ति स्थल अफ्रीका को माना जाता है। सम्भवतया इस पौधें को अफ्रीका से ही एशिया में लाया गया है। दलहन प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत है जिसको आम जनता भी खाने में प्रयोग कर सकती है, लेकिन भारत में इसका उत्पादन आवश्यकता के अनुरूप नहीं है। यदि प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ानी है तो दलहनों का उत्पादन बढ़ाना होगा। इसके लिए उन्नतशील प्रजातियां और उनकी उन्नतशील कृषि विधियों का विकास करना होगा। अरहर एक विलक्षण गुण सम्पन्न फसल है। इसका उपयोग अन्य दलहनी फसलों की तुलना में दाल के रूप में सर्वाधिक किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसकी हरी फलियां सब्जी के लिये, खली चूरी पशुओं के लिए रातव, हरी पत्ती चारा के लिये तथा तना ईंधन, झोपड़ी और टोकरी बनाने के काम लाया जाता है। इसके पौधों पर लाख के कीट का पालन करके लाख भी बनाई जाती है। मांस की तुलना में इसमें प्रोटीन भी अधिक (21-26 प्रतिशत) पाई जाती है। .

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अर्चना भार्गव

अर्चना भार्गव (जन्म: 1955) युनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रह चुकी हैं। उन्होने 23 अप्रैल 2013 को यह कार्यभार ग्रहण कियातथा 20 फ़रवरी 2014 में उन्होने इस पद से इस्तीफा दे दिया। .

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अल-अशरफ मस्जिद

अल-अशरफ मस्जिद; या मस्जिद-अल-अशरफ बार्सबे और अल-अशरफ मस्जिद की मस्जिद (अरबी: مسجد ومدرسة الأشرف برسباي) मिस्र की राजधानी काहिरा, में स्थित मस्जिद और मदरसे का एक ऐतिहासिक परिसर है। मस्जिद मुज्ज़ स्ट्रीट पर स्थित है जो जवाहर अल-क्वैड स्ट्रीट से मिलता है। मामलुक सुल्तान अल-अशरफ अल-बरस्बे ने मस्जिद का निर्माण (826 हिजरी) 1424 ईस्वी में कराया था। यह सुल्तान बारस्बे द्वारा स्थापित तीन मस्जिदों में से एक है, और एक भाग मकबरा, खानख़ा और मामलुक कब्रिस्तान से जुड़ा हुआ है जिसे (841 हिजरी) 1437 ईस्वी में बनाया गया था। इन मस्जिदों में अपनी डिजाइन की सुंदरता और संगमरमर और दाग-कांच की खिड़कियों की विशेषता है। मस्जिद परिसर आयताकार आकार का 1760 वर्ग मीटर है जिसमें ऑर्थोगोनल लेआउट होता है। मस्जिद का उपयोग पुस्तकालय, मकबरे और छात्र निवास के लिए किया जाता है।.

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अल्जीयर्स

अल्जीयर्स अफ्रीका के अल्जीरिया देश की राजधानी है। .

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अलेक्जेण्डर वॉन हम्बोल्ट

अलेक्जेण्डर वॉन हम्बोल्ट''' 1859 में 89 साल की उम्र में अलेक्जेण्डर वॉन हम्बोल्ट (Alexander von Humboldt या Friedrich Wilhelm Heinrich Alexander von Humboldt; जन्म १७६९- मृत्यु १८५९ ई.) जर्मनी (तत्कालीन प्रशा) के भूगोलवेत्ता, प्रकृति विज्ञानी, और खोजकर्ता थे। उनका जन्म बर्लिन में तत्कालीन शाही परिवार में हुआ। हम्बोल्ट के बड़े भाई विल्हेम वॉन हम्बोल्ट एक प्रसिद्द भाषा विज्ञानी और प्रशा कि सरकार में मंत्री थे। हम्बोल्ट ने सर्वप्रथम वनस्पति विज्ञान में परिमाणात्मक विधियों का प्रयोग किया जिनसे जैव भूगोल की मजबूत आधारशिला का निर्माण हुआ। यह हम्बोल्ट ही थे जिनके द्वारा भूगोलीय घटनाओं की दीर्घावधिक मॉनिटरिंग वकालत की गयी और इस कार्य ने आधुनिक भूचुम्बकीय और मौसम वैज्ञानिक प्रेक्षणों का मार्ग प्रशस्त किया। हम्बोल्ट एक अनुभववादी विचारक थे और घटनाओं के प्रेक्षण और मापन में यकीन रखते थे। उन्होंने घर में बैठकर चिंतन करके लेखन करने की बजाय भ्रमण करके घटनाओं के प्रेक्षण के बाद उनके निरूपण की विधा पर कार्य किया। हम्बोल्ट ने अपने जीवन में लगबग साढ़े छह हजार किलोमीटर की यात्रायें कीं जिनमें सबसे प्रमुख उनकी दक्षिण अमेरिका की यात्रा है। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस महादीप की यात्रा और इसका वर्णन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने दूरबीन, तापमापी, साइनोमीटर, सेक्सटैंट, वायुदाबमापी इत्यादि उपकरणों से लैस होकर मापन कार्य किये और उनकी इस यात्रा के वर्णन का प्रकाशन २१ खण्डों में हुआ। हम्बोल्ट उन पहले लोगों में से थे जिन्होंने दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के कभी जुड़े हुए होने की बात कही थी। हम्बोल्ट कि सबसे प्रमुख कृति कॉसमॉस है जिसमें उन्होंने संश्लेषणात्मक विचारों के साथ ज्ञान की विभिन्न शाखाओं में सामंजस्य और एकता लाने का प्रयास किया है। इस कार्य में वे ब्रह्माण्ड को एक एकीकृत इकाई के रूप में भी पुरःस्थापित किया। वे अनेकता में एकता के सिद्धांत के पुरोधा थे। .

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अश्वेत राष्ट्रवाद

अश्वेत राष्ट्रवाद (बीएन) बहुसंस्कृतिवाद के विरोध में स्वदेशीय राष्ट्रीय पहचान की जातीय परिभाषा (या नई परिभाषा) की वकालत करता है। यहां विभिन्न प्रकार के स्वदेशी राष्ट्रवादी सिद्धांत हैं लेकिन सभी अफ्रीकी राष्ट्रवादी विचारधारा के सिद्धांत हैं एकता और स्वाधीनता या यूरोपीय समाज से स्वतंत्रता.

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असुर (आदिवासी)

असुर भारत में रहने वाली एक प्राचीन आदिवासी समुदाय है। असुर जनसंख्या का घनत्व मुख्यतः झारखण्ड और आंशिक रूप से पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में है। झारखंड में असुर मुख्य रूप से गुमला, लोहरदगा, पलामू और लातेहार जिलों में निवास करते हैं। समाजविज्ञानी के.

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अस्मारा

अस्मारा अफ्रीका के ईरीट्रिया देश की राजधानी है। अस्मारा श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.

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असेन्शियन द्वीप

असेंशियन द्वीप दक्षिण अंध महासागर में एक द्वीप समूह है। यह अफ्रीका के तट से 1,000 मील (1,600 किलोमीटर) है। यह सेंट हेलेना का एक ब्रिटिश सुदूर क्षेत्र है, जो कि लगभग 800 मील (1,287 किमि) दक्षिण पूर्व में है। द्वीप का नामकरण इसके खोज के दिवस पर किया गया है असेंशियन दिवस.

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अजगर

अजगर अजगर (Python) एक विशालकाय सर्प है। यह एक विषहीन साँपो की प्रजाति है जो एशिया, अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के वनो में पायी जाती है। श्रेणी:टाइगर श्रेणी:सर्प.

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अंटार्कटिका

अंटार्कटिका अंतरिक्ष से अंटार्कटिका का दृश्य। 230px लाम्बर्ट अजिमुथाल प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र।दक्षिणी ध्रुव मध्य में है। अंटार्कटिका (या अन्टार्टिका) पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है। यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र और लगभग पूरी तरह से अंटार्कटिक वृत के दक्षिण में स्थित है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद, पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से आच्छादित है। औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है और सभी महाद्वीपों की तुलना में इसका औसत उन्नयन सर्वाधिक है। अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है, क्योंकि यहाँ का वार्षिक वर्षण केवल 200 मिमी (8 इंच) है और उसमे भी ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में ही होता है। यहाँ का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं, पर उपस्थित रहते हैं। यहाँ सिर्फ शीतानुकूलित पौधे और जीव ही जीवित, रह सकते हैं, जिनमें पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी शामिल hai हालांकि पूरे यूरोप में टेरा ऑस्ट्रेलिस (दक्षिणी भूमि) के बारे में विभिन्न मिथक और अटकलें सदियों से प्रचलित थे पर इस भूमि से पूरे विश्व का 1820 में परिचय कराने का श्रेय रूसी अभियान कर्ता मिखाइल पेट्रोविच लाज़ारेव और फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन को जाता है। यह महाद्वीप अपनी विषम जलवायु परिस्थितियों, संसाधनों की कमी और मुख्य भूमियों से अलगाव के चलते 19 वीं शताब्दी में कमोबेश उपेक्षित रहा। महाद्वीप के लिए अंटार्कटिका नाम का पहले पहल औपचारिक प्रयोग 1890 में स्कॉटिश नक्शानवीस जॉन जॉर्ज बार्थोलोम्यू ने किया था। अंटार्कटिका नाम यूनानी यौगिक शब्द ανταρκτική एंटार्कटिके से आता है जो ανταρκτικός एंटार्कटिकोस का स्त्रीलिंग रूप है और जिसका अर्थ "उत्तर का विपरीत" है।" 1959 में बारह देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए, आज तक छियालीस देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। संधि महाद्वीप पर सैन्य और खनिज खनन गतिविधियों को प्रतिबन्धित करने के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करती है और इस महाद्वीप के पारिस्थितिक क्षेत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न अनुसंधान उद्देश्यों के साथ वर्तमान में कई देशों के लगभग 4,000 से अधिक वैज्ञानिक विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं। .

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अंतरजाल

अंतरजाल का आंशिक मैप, १५ जनवरी २००५। प्रत्येक पंक्ति को दो नोड्स के बीच खींचा जाता है, आईपी पते जोड़ने से। रेखा की लंबाई नोड्स के बीच समय की देरी (पिंग) को दर्शाती है मानचित्र २००५ में डेटा संग्रह के लिए उपलब्ध कक्षा सी नेटवर्क के ३०% से कम का प्रतिनिधित्व करता है। रेखा रंग आरएफसी १९१८ के अनुसार उसके स्थान से मेल खाती है। अंतरजाल (इंटरनेट) (Internet आई पी ए: ɪntəˌnɛt) विष्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। यह नेटवर्क का एक नेटवर्क है जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग। १९६० के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति संयुक्त राज्य संघीय सरकार द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत, गलती-सहिष्णु संचार के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। १९९० के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट पर संक्रमण की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। २००० के दशक के अंत तक, इसकी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया था। टेलीफ़ोनी, रेडियो, टेलीविज़न, पेपर मेल और अखबारों सहित अधिकांश पारंपरिक संचार मीडिया, ईमेल द्वारा पुनर्निर्मित, पुनर्निर्धारित, या इंटरनेट से दूर किए जाने वाले ईमेल सेवाओं, इंटरनेट टेलीफ़ोनी, इंटरनेट टेलीविजन, ऑनलाइन संगीत, डिजिटल समाचार पत्र, और वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइटें अखबार, पुस्तक, और अन्य प्रिंट प्रकाशन वेबसाइट प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं, या ब्लॉगिंग, वेब फ़ीड्स और ऑनलाइन समाचार एग्रीगेटर्स में पुन: स्थापित किए जा रहे हैं। इंटरनेट ने त्वरित मैसेजिंग, इंटरनेट फ़ौरम और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से व्यक्तिगत इंटरैक्शन के नए रूपों को सक्षम और त्वरित किया है। ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि यह कंपनियों को एक बड़े बाजार की सेवा या पूरी तरह से ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए अपनी "ईंट और मोर्टार" उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इंटरनेट पर व्यापार से व्यापार और वित्तीय सेवाओं को पूरे उद्योगों में आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है। इंटरनेट का उपयोग या उपयोग के लिए तकनीकी कार्यान्वयन या नीतियों में कोई केंद्रीकृत शासन नहीं है; प्रत्येक घटक नेटवर्क अपनी नीतियाँ निर्धारित करता है। इंटरनेट, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आए पी एड्रेस), स्पेस और डोमेन नेम सिस्टम (डी एन एस) में दो प्रमुख नाम रिक्त स्थान की केवल अति परिभाषा परिभाषाएँ एक रखरखाव संगठन, इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नाम और नंबर (आए सी ए एन एन)। मुख्य प्रोटोकॉल के तकनीकी आधारभूत और मानकीकरण, इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (आए ई टी एफ़) की एक गतिविधि है, जो कि किसी भी गैर-लाभप्रद संगठन के साथ संबद्ध अंतरराष्ट्रीय सहभागी हैं, जो किसी को भी तकनीकी विशेषज्ञता में योगदान दे सकते हैं। .

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अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चैनल

अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चैनल (Международный Славянский Канал रूसी में, Міжнародний Слов'янський Канал यूक्रेनी में, Slavonic Channel International अंग्रेज़ी में) टेलिविजन चन्नेल है। अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चन्नेल उद्देश्य कि सब स्लाव लोग और जगत् स्लाव रहने का तरीक़ा, अद्वितीय स्लाव इतिहास और स्लाव सांस्कृतिक महती देन को मिलना। अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चन्नेल प्रथम प्रदर्शन १२ सितम्बर २००८ यूक्रेन से उपग्रह द्वारा (Sirius-4 Satellite 5° East Frequency 12075 MHz (H) Symbol Rate: 27,5 Msymb/s FEC 3/4 & Astra-2 Satellite 31,5° East Frequency 12090 MHz (H) Vertical Symbol Rate: 27,5 Msymb/s FEC 9/10) था। अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चन्नेल बहुकरोड़ा आबादी के लिए चौबीसों घंटे यूक्रेनी, रूसी, अंग्रेज़ी और स्थानीय भाषा में प्रदर्शन करता। भविष्य में इकबारगी प्रदर्शन स्लाव, फ़्रांसीसी, जर्मन, स्पेन, पुर्तगाल, अरबी और चीनी भाषाऐं होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चन्नेल सांस्कृतिक विषयक्षेत्र देता। .

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अकसूम राज्य

अकसूम राज्य (Kingdom of Aksum) या अकसूमी साम्राज्य (Aksumite Empire) पूर्वी अफ़्रीका के आधुनिक इथियोपिया व इरित्रिया देशों के क्षेत्र में स्थित एक राज्य था। इस इलाक़े में लौह युग में चौथी सदी ईसापूर्व से विकसित होना शुरू होकर, यह लगभग १०० ईसवी से लेकर लगभग ९४० ईसवी तक अस्तितिव में रहा। प्राचीन भारत और प्राचीन रोम के बीच में इसने एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक भूमिका निभाई और अपनी मुद्रा जारी करके भी व्यापार को बढ़ावा दिया। एक तरफ़ इसने अपने पश्चिम में स्थित कूश राज्य को अपने अधीन कर लिया और दूसरी ओर हिम्यरी राज्य पर क़ब्ज़ा करके अरबी प्रायद्वीप की राजनीति में भी प्रवेश कर लिया। महाराजा एज़ाना (अनुमानित काल: ३२०-३६० ई) के शासनकाल में यह विश्व का पहला साम्राज्य बना जिसने ईसाई धर्म अपना लिया और ईरान के धार्मिक नेता मानी (२१६-२७६ ई) ने इसे ईरान, चीन और रोम की टक्कर की चौथी महान शक्ति बताया। ७वीं सदी में मक्का के कुछ मुस्लिम अनुयायी स्थानीय क़ुरैश क़बीले (जिन्होने तब इस्लाम नहीं अपनाया था और उसका बलपूर्वक विरोध कर रहे थे) के अत्याचार से बचने के लिए अकसूम में शरण लेने आ गए और यह घटना इस्लामी इतिहास में 'पहले हिज्र' के नाम से जानी जाती है। आज अकसूम राज्य की राजधानी, जिसका नाम भी अकसूम ही था, उत्तरी इथियोपिया में स्थित एक नगर है। यूरोप और मध्य-पूर्व के इतिहास में प्रसिद्ध 'शीबा की रानी' भी यहीं की निवासी मानी जाती थी।Stuart Munro-Hay (1991).

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अकसूमी मुद्रा

अकसूमी मुद्रा पूर्वी अफ़्रीका के अकसूम राज्य द्वारा जारी की जाती थी। इसका आरम्भ लगभग २७० ईसवी में रजा एन्दूबिस के राजकाल में हुआ। यह ७वीं सदी तक बनाई जाती रही लेकिन उसके बाद इसके सिक्कों का उत्पादन धीरे-धीरे कम होता गया। यह सिक्के सोने, चांदी या कांसे के बने होते थे और इनपर या तो गिइज़ भाषा में या फिर लाल सागर क्षेत्र में व्यापार के लिए प्रयोग होने वाली यूनानी भाषा में लिखा होता था।, Richard Pankhurst, pp.

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अक्रा

केन्द्रीय अक्रा अक्रा: घाना का सबसे बड़ा शहर एवं राजधानी है। यह वहां का प्रशासनिक एवं आर्थिक केन्द्र है। यह अफ़्रीका महादेश के सबसे आधुनिक शहरों में से एक है। इस शहर की जनसंख्या २०१२ जनगणना के अनुसार २.२७ मिलियन है। .

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अक्ष शक्तियाँ

अक्ष शक्तियाँ या ऐक्सिस शक्तियाँ या धुरी शक्तियाँ (Axis Powers,Achsenmächte, 枢軸国 Sūjikukoku, Potenze dell'Asse) उन देशों का गुट था जिन्होनें दूसरे विश्वयुद्ध में जर्मनी और जापान का साथ दिया और मित्रपक्ष शक्तियों (ऐलाइड शक्तियों) के ख़िलाफ़ लड़े। मध्य १९३० में अपने साम्राज्यवादी हितों को बचाए रखने के लिए जर्मनी, इटली और जापान द्वारा किए गये कूटनीतिक प्रयासों से अक्ष शक्तियों का उदय हुआ। अक्ष शक्तियों का गुट सन् १९३६ में तब शुरु हुआ जब जर्मनी ने जापान और इटली के साथ साम्यवाद विरोधी संधियों पर दस्तख़त किये। रोम-बर्लिन १९३९ स्टील संधि के अन्तर्गत सामरिक गुट बन गये, १९४० के ट्राइपर्टाइल संधि के साथ जर्मनी और उसके गुट के दोनो मित्र देशो के सामरिक लक्ष्य एक हो गये। दूसरे विश्वयुद्ध में अपने चरम पर अक्षीय शक्तियों ने यूरोप, अफ़्रीका और पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी एशिया के बड़े हिस्सों पर कब्जा किया। १९४५ में जाकर मित्रपक्ष शक्तियों की जीत होने पर अक्ष शक्तियों का गुट ख़त्म हो गया। युद्ध के दौरान अक्ष दल बदलता रहा क्योंकि कुछ राष्ट्र इसके अन्दर-बाहर आते और जाते रहे।, आर.एल.

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उएले नदी

उएले नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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उत्तर कीवू प्रान्त

उत्तर कीवू प्रान्त (फ़्रान्सीसी: Province du Nord-Kivu, अंग्रेज़ी: North Kivu Province) अफ़्रीका के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के पूर्वोत्तरी हिस्से में स्थित एक प्रान्त है।, Barry Sergeant, pp.

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उत्तर अफ़्रीका

उत्तर अफ़्रीका के देश (गहरे हरे रंग में) - हल्के हरे रंग के देश भी कभी-कभी उत्तर अफ़्रीका में माने जाते हैं तूनीशीया के सिदी बू सैद शहर की एक गली एटलस शृंखला के जबल तुबकल पहाड़ पर बर्फ़ तुनीसिया की एक बर्बर औरत (सन् 1900 के क़रीब ली गई तस्वीर) उत्तर अफ़्रीका (अरबी:, शुमाल अफ़्रीक़िया) अफ़्रीका के महाद्वीप का उत्तरी भाग है। इसके और उप-सहारा अफ़्रीका के दरमयान सहारा का विशाल रेगिस्तान आता है जो उत्तर अफ़्रीका और बाक़ी अफ़्रीका में इतना बड़ा फ़ासला बना देता है के उत्तर अफ़्रीका की जातियाँ, भाषाएँ, रीति-रिवाज, मौसम और जानवर बाक़ी अफ़्रीका के काफ़ी भिन्न हैं। संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार उत्तर अफ़्रीका में सात राष्ट्र आते हैं: मोरक्को, अल्जीरिया, तूनीशीया, लीबिया, मिस्र, सूडान और पश्चिमी सहारा। इस भूभाग में कुछ छोटे-से स्पेन-नियंत्रित उत्तर अफ़्रीकी क्षेत्र भी आते हैं। उत्तर अफ़्रीका में अरबी, बर्बरी भाषाएँ और कुछ अन्य भाषाएँ बोली जाती हैं। मोरक्को, अल्जीरिया, तूनीशीया, लीबिया और मौरितानिया के समूह को "मग़रिब" भी कहा जाता है, जिसका अर्थ अरबी में (और हिन्दी-उर्दु में भी) "पश्चिमी" है। .

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उत्तर अमेरिका

उत्तर अमेरिका (अंग्रेजी: North America; स्पेनी: América del Norte; फ़्रान्सीसी: Amérique du Nord) महाअमेरिका (उत्तर और दक्षिण अमेरिका संयुक रूप से) का उत्तरी महाद्वीप है, जो पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और पूर्णतः पश्चिमी गोलार्ध में आता है। उत्तर में यह आर्कटिक महासागर, पूर्व में उत्तरी अन्ध महासागर, दक्षिणपूर्व में कैरिबियाई सागर और पश्चिम में उत्तरी प्रशान्त महासागर से घिरा हुआ है। उत्तर अमेरिका का मुख्य भाग ४० उत्तरी अक्षांश से ८३० उत्तरी अक्षांश तथआ ५३० पश्चिमी देशान्तर से १६८० पश्चिमी देशान्तर के बीच स्थित है। इसका आकार त्रिभुज के समान है जिसका शीर्ष दक्षिण की ओर और आधार उत्तर की ओर है। उत्तर अमेरिका का कुल भूभाग २,४७,०९,००० वर्ग किलोमीटर है, पृथ्वी की कुल सतह का ४.८% या कुल भूभाग का १६.५%। जुलाई, २००८ तक, इसकी अनुमानित जनसंख्या ५२.९ करोड़ थी। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह एशिया और अफ़्रीका के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से यह एशिया, अफ़्रीका और यूरोप के बाद चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है। .

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उत्तर अमेरिका का भूगोल

उत्तर अमेरिका, अफ़्रीका और एशिया के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह महाद्वीप पश्चिम में प्रशांत महासागर, पूर्व और दक्षिण में अटलांटिक महासागर और उत्तर में आर्कटिक महासागर से घिरा हुआ है। उत्तर पश्चिम यह एशिया से लगभग लगता हुआ है जहाँ पर ८०० किमी की बेरिंग की खाड़ी इसे एशिया से पृथक करती है। उत्तरपूर्व में ग्रीनलैंड है और आइसलैंड जो ४८० किमी की दूरी पर है। अफ़्रीका से उत्तर अमेरिका की निकटतम दूरी १,६०० किमी है और एशिया-प्रशान्त की दूरी ९,६०० किमी है। उत्तर अमेरिका की प्रमुख नदी-घाटियाँ मिसिसिपी और मिसोरी नदियों से मिलकर बनी है और इन दोनो नदियों की संयुक्त लम्बाई अमेज़न नदी के बराबर है। नदी-घाटी का क्षेत्रफल ३१,६०,००० वर्ग किलोमीटर है। वनस्पति-जीवन इस क्षेत्र में विशेष है। उदाहरण के लिए, उत्तरी वनस्पति में आर्कटिक लिचेन्स, मोसेस और निम्न जड़ी बूटियाँ विशिष्ट हैं। कनाडा और अमेरिका के पश्चिमी विस्तार में कोनिफ़र, विशेष रूप से लाल-लकड़ी, पाइन और देवदार सम्मिलित हैं। .

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उत्तरी गोलार्ध

उत्तरी गोलार्ध पीले में दर्शित उत्तरी गोलार्ध उत्तरी ध्रुव के ऊपर से उत्तरी गोलार्ध पृथ्वी का वह भाग है जो भूमध्य रेखा के उत्तर में है। अन्य सौर मण्डल के ग्रहों की उत्तर दिशा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के स्थिर समतल में लिया जाता है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव की वजह से उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु, दक्षिणायन (२२ दिसंबर के आसपास) से वसंत विषुव (लगभग २३ मार्च) तक चलता है और ग्रीष्म ऋतु, उत्तरायण (२१ जून) से शरद विषुव (लगभग २३ सितंबर) तक चलता है। उत्तरी गोलार्ध का उत्तरी ‌छोर पूरी तरह ठोस नहीं है, वहाँ समुद्र के बीच जगह-जगह विशाल हिमखन्ड मिलते हैं। .

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उधम सिंह

अंगूठाकार सरदार उधम सिंह (26 दिसम्बर 1899 से 31 जुलाई 1940) का नाम भारत की आज़ादी की लड़ाई में पंजाब के क्रान्तिकारी के रूप में दर्ज है। उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ' ड्वायर (en:Sir Michael Francis O'Dwyer) को लन्दन में जाकर गोली मारी। कई इतिहासकारों का मानना है कि यह हत्याकाण्ड ओ' ड्वायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पंजाबियों को डराने के उद्देश्य से किया गया था। यही नहीं, ओ' ड्वायर बाद में भी जनरल डायर के समर्थन से पीछे नहीं हटा था। मिलते जुलते नाम के कारण यह एक आम धारणा है कि उधम सिंह ने जालियाँवाला बाग हत्याकांड के उत्तरदायी जनरल डायर (पूरा नाम - रेजिनाल्ड एडवार्ड हैरी डायर, Reginald Edward Harry Dyer) को मारा था, लेकिन इतिहासकारों का मानना है कि प्रशासक ओ' ड्वायर जहां उधम सिंह की गोली से मरा (सन् १९४०), वहीं गोलीबारी को अंजाम देने वाला जनरल डायर १९२७ में पक्षाघात तथा कई तरह की बीमारियों से ग्रसित होकर मरा। उत्तर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के एक ज़िले का नाम भी इनके नाम पर उधम सिंह नगर रखा गया है। .

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उप-सहारा अफ़्रीका

उप-सहारा अफ़्रीका उप-सहारा अफ़्रीका एक भौगोलिक शब्द है जिसका आशय अफ़्रीका के उस भू भाग से है जो सहारा रेगिस्तान के दक्षिण में स्थित है। उप-सहारा अफ़्रीका को अश्वेत अफ़्रीका भी कहॉ जाता है क्योंकि इस क्षेत्र में मुख्यतः अश्वेत आबादी है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:अफ़्रीका के क्षेत्र *.

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उपनिवेशवाद का इतिहास

1453 ई. में तुर्कों द्वारा कुस्तुनतुनिया पर अधिकार कर लेने के पश्चात् स्थल मार्ग से यूरोप का एशियायी देशों के साथ व्यापार बंद हो गया। अतः अपने व्यापार को निर्बाध रूप से चलाने हेतु नये समुद्री मार्गां की खोज प्रारंभ हुई। कुतुबनुमा, गतिमापक यंत्र, वेध यंत्रों की सहायता से कोलम्बस, मैगलन एवं वास्कोडिगामा आदि साहसी नाविकों ने नवीन समुद्री मार्गां के साथ-साथ कुछ नवीन देशों अमेरिका आदि को खोज निकाला। इन भौगोलिक खोजों के फलस्वरूप यूरोपीय व्यापार में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। धन की बहुलता एवं स्वतंत्र राज्यों के उदय ने उद्योगों को बढ़ावा दिया। कई नवीन उद्योग स्थापित हुए। स्पेन को अमेरिका रूपी एक ऐसी धन की कुंजी मिली कि वह समृद्धि के चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया। ईसाई-धर्म-प्रचारक भी धर्म प्रचार हेतु नये खोजे हुए देशों में जाने लगे। इस प्रकार अपने व्यापारिक हितों को साधने एवं धर्म प्रचार आदि के लिए यूरोपीय देश उपनिवेशों की स्थापना की ओर अग्रसर हुए और इस प्रकार यूरोप में उपनिवेश का आरंभ हुआ। उपनिवेशवाद का इतिहास साम्राज्यवाद के इतिहास के साथ अनिवार्य रूप से जुड़ा हुआ है। सन् 1500 के आसपास स्पेन, पुर्तगाल, ब्रिटेन, फ़्रांस और हालैण्ड की विस्तारवादी कार्रवाइयों को युरोपीय साम्राज्यवाद का पहला दौर माना जाता है। इसका दूसरा दौर 1870 के आसपास शुरू हुआ जब मुख्य तौर पर ब्रिटेन साम्राज्यवादी विस्तार के शीर्ष पर था। अगली सदी में जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका उसके प्रतियोगी के तौर पर उभरे। इन ताकतों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जीत हासिल करके अपने उपनिवेश कायम करने के ज़रिये शक्ति, प्रतिष्ठा, सामरिक लाभ, सस्ता श्रम, प्राकृतिक संसाधन और नये बाज़ार हासिल किये। साम्राज्यवादी विजेताओं ने अपने अधिवासियों को एशिया और अफ़्रीका में फैले उपनिवेशों में बसाया और मिशनरियों को भेज कर ईसाइयत का प्रसार किया। ब्रिटेन के साथ फ़्रांस, जापान और अमेरिका की साम्राज्यवादी होड़ के तहत उपनिवेशों की स्थापना दुनिया के पैमाने पर प्रतिष्ठा और आर्थिक लाभ का स्रोत बन गया। यही वह दौर था जब युरोपियनों ने अपनी सांस्कृतिक श्रेष्ठता के दम्भ के तहत साम्राज्यवादी विस्तार को एक सभ्यता के वाहक के तौर पर देखना शुरू किया। सन् १४४२ के पश्चात यूरोपियनों एवं अमेरिकियों द्वारा बनाये गये उपनिवेश जिन देशों ने उपनिवेश बनाए उनमें से प्रमुख ये हैं-.

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उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग

उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में होने वाले संक्रमणों के उस समूह को उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग कहते हैं अफ्रीका और एशिया के विकासशील क्षेत्रों के कम आयवर्ग की आबादी में विशेषरूप से पाया जाता है। इनको 'उपेक्षित' इसलिये कहा जाता है क्योंकि इनका इलाज या तो बहुत महंगा है या गरीब क्षेत्रों में उपलब्ध ही नहीं है। श्रेणी:रोग.

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उबला चावल

उबला चावल धान को छिलका सहित आंशिक रूप से उबालने के बाद उसे सुखाकर जो चावल निकाला जाता है उसे उबला चावल (Parboiled rice) कहते हैं। इसके लिये, धान को पहले पानी में कुछ समय के भिग्कर रखा जाता है, फिर उसे उबाला जाता है और अन्ततः सुखा लिया जाता है। इस प्रक्रिया को अपनाने से ढेंका या हाथ से भी चावल निकालने में आसानी होती है। इसके अलावा इस प्रक्रिया के करने से चावल में चमक आती है तथा उसमें पोषक तत्त्व अधिक रह जाते हैं। विश्व का लगभग ५०% उबला चावल खाया जाता है। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यान्मार, मलेशिया, नेपाल, श्री लंका, गिनिया, दक्षिण, अफ्रीका, इटली, स्पेन, नाइजेरिया, थाईलैण्ड, स्विट्जरलैण्ड और फ्रांस में उबालकर चावल निकालने की विधि प्रचलित है। .

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उबंगी नदी

उबंगी नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी हैं। .

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उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन

उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन ऐसे वन क्षेत्र हैं जो भूमध्य रेखा के दक्षिण या उत्तर में लगभग 28 डिग्री के भीतर पाए जाते हैं। ये एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, और प्रशांत द्वीपों पर पाए जाते हैं। विश्व वन्यजीव निधि के बायोम वर्गीकरण के भीतर उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन को उष्णकटिबंधीय वर्षावन वन (या उष्णकटिबंधीय नम चौड़े पत्ते के वन) का एक प्रकार माना जाता है और उन्हें विषुवतीय सदाबहार तराई वन के रूप में भी निर्दिष्ट किया जा सकता है। इस जलवायु क्षेत्र में न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 175 cm (69 इंच) और 200 cm (79 इंच) के बीच होती है। औसत मासिक तापमान वर्ष के सभी महीनों के दौरान 18 °से.

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उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन

ब्राजील में अमेज़न वर्षावन का एक क्षेत्र. दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन में धरती पर प्रजातियों की सबसे बड़ी विविधता है। उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन एक ऐसा क्षेत्र होता है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण या उत्तर में लगभग 28 डिग्री के भीतर होता है। वे एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको और प्रशांत द्वीपों पर पाए जाते हैं। विश्व वन्यजीव निधि के बायोम वर्गीकरण के भीतर उष्णकटिबंधीय वर्षावन को उष्णकटिबंधीय आर्द्र वन (या उष्णकटिबंधीय नम चौड़े पत्ते के वन) का एक प्रकार माना जाता है और उन्हें विषुवतीय सदाबहार तराई वन के रूप में भी निर्दिष्ट किया जा सकता है। इस जलवायु क्षेत्र में न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा और के बीच होती है। औसत मासिक तापमान वर्ष के सभी महीनों के दौरान से ऊपर होता है। धरती पर रहने वाले सभी पशुओं और पौधों की प्रजातियों की आधी संख्या इन वर्षावनों में रहती है। मिशिगन विश्वविद्यालय के रीजेण्ट.

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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छत

टोक्यो में कुछ घरों की छतें वास्तुकला में छत किसी कमरे, मकान, स्थापत्य या अन्य जगह को ऊपर से ढकने के लिए बनाए गए ढाँचे को कहते हैं। छत के द्वारा किसी इमारत की धूप, वर्षा, बर्फ़, हवा-आंधी और अन्य मौसमी तत्वों से, व जानवरों और कीटों से रक्षा की जा सकती है।, David Johnston, Scott Gibson, Taunton Press, 2008, ISBN 978-1-56158-973-9,...

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२००३

२००३ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००३ एफ्रो-एशियाई खेल

२००३ २००३ अफ़्रीकी-एशियाई खेल, जिन्हें आधिकारिक रूप से प्रथम अफ़्रीकी-एशियाई खेलों के नाम से भी जाना जाता है और अनौपचारिक रूप से अधिष्ठापन अफ़्रीकी-एशियाई खेलों के नाम से, एक अन्तर्राष्ट्रीय बहु-क्रीडा खेल प्रतियोगिता है जिसकी मेज़बानी २४ अक्टूबर से १ नवम्बर २००३ के बीच हैदराबाद, भारत में की गई थी। हैदराबाद में आयोजित यह अब तक की सबसे बडी खेल प्रतियोगिता है और भारत में आयोजित भी, जो २०१० राष्ट्रमण्डल खेलों के बाद दूसरे स्थान पर है। कुल ९६ देशों से २,००० से भी अधिक खिलाडियों ने इन खेलों में भाग लिया था। आठ क्रीड़ाओं में कुल १२९ खेल प्रतियोगिताएँ थीं। ९६ देशों द्वारा भाग लिए जाने के पश्चात भी इन खेलों की गुंजाइश कम थी जिसमें कुल मिलाकर केवल आठ खेल थे। इन खेलों में मात्र एक विश्व कीर्तिमान टूटा और ३७ देशों ने कम से कम एक पदक जीता था। .

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२००३ क्रिकेट विश्व कप

२००३ क्रिकेट विश्व कप क्रिकेट विश्व कप का आठवां संस्करण था जिसका संगठन आईसीसी ने किया था। इस विश्व कप का आयोजन दक्षिण अफ्रीका,ज़िम्बाब्वे तथा केन्या ने मिलकर किया था। २००३ विश्व कप की शुरुआत ०९ फ़रवरी को हुई थी तथा २३ मार्च २००३ को फाइनल मैच भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। यह पहला संस्करण था जो अफ्रीका में खेला गया था। २०१३ विश्व कप में कुल १४ क्रिकेट टीमों ने हिस्सा लिया था, जो कि सबसे ज्यादा टीमें थी जिन्होंने विश्व कप में हिस्सा लिया तथा कुल ५४ मैच खेले गए थे। १९९९ क्रिकेट विश्व कप के आधार पर दो ग्रुप बनाए गए थे। ग्रुप की उच्च तीन टीमों ने क्वालिफाई किया था। टूर्नामेंट का फाइनल ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच था, और ऑस्ट्रेलिया ने भारत को वेंडरर्स मे खेले गए फाइनल मे १२५ रनों से पराजित कर अपना तृतीय क्रिकेट विश्व कप जीता। .

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२०१० फीफा विश्व कप

२०१० फीफा विश्व कप १९वां फीफा विश्व कप है, जो ११ जून २०१० से ११ जुलाई २०१० के बीच दक्षिण अफ़्रीका में आयोजित किया जा रहा है। २०१० का फीफा विश्व कप उस योग्यता प्रक्रिया की परिणति होगी जो अगस्त २००७ में आरम्भ हुई थी और जिसमें फीफा की २०८ राष्ट्रीय टीमों में से २०४ सम्मिलित थीं। इस प्रकार, यह २००८ के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक की बराबरी पर है जिसमें सर्वाधिक टीमें प्रतिस्पर्धा करती हैं। यह पहली बार है जब यह प्रतियोगिता किसी अफ़्रीकी देश में आयोजित की जा रही है, जब दक्षिण अफ़्रीका ने मिस्र और मोरक्को को अखिल-अफ़्रीकी बोली प्रक्रिया में पछाड़ दिया। इस निर्णय के बाद अब केवल ओशियानिया फुटबॉल संघ ही एक ऐसा संघ है जिसने इस प्रतियोगिता की मेज़बानी नहीं की है। इटली पूर्वविजेता है, जिसने जर्मनी में आयोजित २००६ फीफा विश्व कप जीता था। फाइनल के लिए ड्रॉ ४ दिसंबर २००९ को केप टाउन में हुआ था। २०१० का विश्व कप की विजेता टीम रही स्पेन जिसने नीदरलैण्ड को फाइनल में हराकर यह कप जीता। .

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२०१४ फीफा विश्व कप

२०१४ फीफा विश्व कप (फीफा विश्व कप का 20वां संस्करण) 12 जून 2014 से 13 जुलाई 2014 के बीच ब्राज़ील में हुआ एक अंतर्राष्ट्रीय पुरूष फुटबॉल टूर्नामेंट है। 1950 के बाद, ब्राजील इस प्रतियोगिता की मेज़बानी दूसरी बार कर रहा है। इसी के साथ मेक्सिको, इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाद ब्राजील दो बार विश्व कप की मेजबानी करने वाला पांचवां देश बन गया है। साल 2014 का फीफा विश्व कप जर्मनी ने जीता है। बत्तीस देशों की टीमें फाइनल टूर्नामेंट में भाग लिया। सभी मैच ब्राजील के 12 विभिन्न शहरों में मैच खेले गए। अर्जेंटीना में आयोजित हुए 1978 विश्व कप के बाद से दक्षिण अमेरिका में आयोजित होने वाला यह पहला विश्व कप है। इससे पहले 2010 का टूर्नामेंट स्पेन ने जीता था। १३ जुलाई २०१४ को २०१४ फीफा विश्व कप के फाइनल में जर्मनी ने अर्जेण्टीना को अतिरिक्त समय के बाद 1-0 से पराजित किया, यह जर्मनी का चौथा खिताब है। .

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२०१५ क्रिकेट विश्व कप

आईसीसी (ICC) क्रिकेट विश्व कप २०१५, 11 वाँ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप था, और इसकी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा मिलकर की गई। यह 2015 फ़रवरी 14 - मार्च 29 तक चला जिसके दौरान 49 मैच 14 स्थानों में खेले गए। 26 मैच ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड, ब्रिस्बेन, कैनबरा, होबार्ट, मेलबोर्न, पर्थ और सिडनी में आयोजित किए गए तथा 23 मैच न्यूजीलैंड के ऑकलैंड, क्राइस्टचर्च, डुनेडिन, हैमिल्टन, नेपियर, नेल्सन और वेलिंग्टन में हुए। टूर्नामेंट का फाइनल मेलबोर्न क्रिकेट ग्रांउड पर खेला गया और इसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता। .

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२०१८ फीफा विश्व कप

२०१८ फीफा विश्व कप (फीफा विश्व कप का 21वां संस्करण) 14 जून 2018 से 15 जुलाई 2018 के बीच रूस में एक अंतर्राष्ट्रीय पुरूष फुटबॉल टूर्नामेंट है। रूस इस प्रतियोगिता की मेज़बानी प्रथम बार कर रहा है। बत्तीस देशों की टीमें फाइनल टूर्नामेंट में भाग लिया। सभी मैच ब्राजील के 12 विभिन्न स्टेडियमों में मैच खेले गए। अर्जेंटीना में आयोजित हुए 2006 विश्व कप के बाद से यूरोप में आयोजित होने वाला यह पहला विश्व कप है। इससे पहले 2014 का टूर्नामेंट जर्मनी ने जीता था। १५ जुलाई २०१८ को २०१८ फीफा विश्व कप का फाइनल है। .

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३जी

अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार- 2000 (International Mobile Telecommunications) (IMT-2000), को ३जी या तीसरी पीढ़ी के रूप में बेहतर जाना जाता है, इसे अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union) के द्वारा मोबाइल दूरसंचार के लिए मानक वर्ग के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें GSM EDGE, UMTS और CDMA2000, साथ ही DECT और WiMAX भी शामिल है। इसकी सेवाओं में मोबाइल पर्यावरण में व्यापक क्षेत्र वायरलेस वोईस टेलीफोन, वीडियो कॉल्स और वायरलेस डेटा शामिल हैं। 2G और 2.5G सेवाओं की तुलना में, 3G उच्च डेटा दरों के साथ (HSPA+ के साथ डाउनलिंक पर 14.0 Mbit/s तक और अपलिंक पर 5.8 Mbit/s तक) स्पीच और डेटा सेवाओं के स्वतः उपयोग में मदद करता है। इस प्रकार, 3 G नेटवर्क की मदद से, नेटवर्क ऑपरेटर, उपयोगकर्ता के लिए, आधुनिक स्पेक्ट्रल कुशलता (improved spectral efficiency) के माध्यम से अधिक नेटवर्क क्षमता प्राप्त करके आधुनिक सेवाओं की व्यापक रेंज पेश कर पाता है। अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union) (ITU) ने विकास को बढ़ावा देने, बैंडविड्थ को बढ़ाने और अधिक विविध अनुप्रयोगों को समर्थन देने के लिए मोबाइल टेलीफोनी मानकों – IMT-2000 -की तीसरी पीढ़ी (3G) को परिभाषित किया। उदाहरण के लिए, GSM (वर्तमान में सबसे लोकप्रिय सेलुलर फोन मानक) न केवल आवाज (voice) की डिलीवरी कर सकती है, बल्कि साथ ही 14.4 kbps तक की डाउनलोड की दरों के साथ सर्किट-स्विच डेटा की भी डिलीवरी करती है। लेकिन मोबाइल मल्टीमीडिया अनुप्रयोगों का समर्थन करने के लिए, 3G को अधिक बैंडविड्थ पर, बेहतर स्पेक्ट्रल कुशलता से युक्त पैकेट-स्विच डेटा की भी डिलीवरी करनी होती थी। .

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९ जनवरी

९ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ९वाँ दिन है। वर्ष में अभी और ३५६ दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में ३५७)।.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

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