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सवाई माधोपुर और हम्मीर चौहान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

सवाई माधोपुर और हम्मीर चौहान के बीच अंतर

सवाई माधोपुर vs. हम्मीर चौहान

सवाई माधोपुर भारत के राजस्थान का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह जिला रणथम्‍भौर राष्‍ट्रीय उद्यान के लिए जाना जाता है, जो बाघों के लिए प्रसिद्ध है। सवाई माधोपुर जिले में निम्‍न तहसीलें हैं- गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर, चौथ का बरवाड़ा, बौंली, मलारना डूंगर, वजीरपुर, बामनवास और खण्डार. हम्मीर देव चौहान, पृथ्वीराज चौहान के वंशज थे। उन्होने रणथंभोर पर १२८२ से १३०१ तक राज्य किया। वे रणथम्भौर के सबसे महान शासकों में सम्मिलित हैं। हम्मीर देव का कालजयी शासन चौहान काल का अमर वीरगाथा इतिहास माना जाता है। हम्मीर देव चौहान को चौहान काल का 'कर्ण' भी कहा जाता है। पृथ्वीराज चौहान के बाद इनका ही नाम भारतीय इतिहास में अपने हठ के कारण अत्यंत महत्व रखता है। राजस्थान के रणथम्भौर साम्राज्य का सर्वाधिक शक्तिशाली एवं प्रतिभा सम्पन शासक हम्मीर देव को ही माना जाता है। इस शासक को चौहान वंश का उदित नक्षत्र कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा। डॉ॰ हरविलास शारदा के अनुसार हम्मीर देव जैत्रसिंह का प्रथम पुत्र था और इनके दो भाई थे जिनके नाम सूरताना देव व बीरमा देव थे। डॉक्टर दशरथ शर्मा के अनुसार हम्मीर देव जैत्रसिंह का तीसरा पुत्र था वहीं गोपीनाथ शर्मा के अनुसार सभी पुत्रों में योग्यतम होने के कारण जैत्रसिंह को हम्मीर देव अत्यंत प्रिय था। हम्मीर देव के पिता का नाम जैत्रसिंह चौहान एवं माता का नाम हीरा देवी था। यह महाराजा जैत्रसिंह चौहान के लाडले एवं वीर बेटे थे। .

सवाई माधोपुर और हम्मीर चौहान के बीच समानता

सवाई माधोपुर और हम्मीर चौहान आम में 9 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चौथ माता, चौथ का बरवाड़ा, भीमसिंह चौहान, माधो सिंह प्रथम, रणथम्भोर दुर्ग, रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान, सवाई मानसिंह अभयारण्य, हम्मीर चौहान, गंगापुर सिटी

चौथ माता

, चौथ का बरवाड़ा राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक छोटा सा शहर है, माता जी का भव्य मंदिर इसी छोटे से शहर के शक्तिगिरी पर्वत पर बना हुआ है। चौथ माता हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी मानी जाती है जो स्वयं माता पार्वती का ही एक रूप है। भारत का सबसे प्राचीन व सबसे सुप्रसिद्ध चौथ माता का मंदिर चौथ का बरवाड़ा शहर में स्थापित है जहाँ पर हर महीने की चतुर्थी पर लाखों दर्शनार्थी माता जी के दर्शन हेतु आते हैं। चौथ का बरवाड़ा शहर में हर चतुर्थी को स्त्रियाँ माता जी के मंदिर में माँ के दर्शन करने के बाद व्रत खोलती है एवं सदा सुहागन रहने आशीष प्राप्त करती है। करवा चौथ एवं माही चौथ पर माता जी के दरबार में लाखों की तादाद में दर्शनार्थी पहुँचते है जिससे छोटा सा चौथ का बरवाड़ा शहर माता जी के जयकारों से गुंजायमान रहता है। चौथ माता के स्त्रियों की भीड़ पुरुषों की अपेक्षा अधिक रहती है क्योंकि सुहाग के लिए सबसे उपयुक्त जगह माँ का दरबार जो जन जन की आस्था का केंद्र है। .

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चौथ का बरवाड़ा

चौथ का बरवाड़ा राजस्थान राज्य में सवाई माधोपुर जिले का एक छोटा सा शहर है और इसी नाम से तहसील मुख्यालय है। यह शहर राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है एवं इस शहर का विधान सभा क्षेत्र खण्डार लगता है। यहाँ का चौथ माता का मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है ! चौथ का बरवाड़ा शहर अरावली पर्वत श़ृंखला की गोद में बसा हुआ मीणा व गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है ! बरवाड़ा के नाम से मशहूर यह छोटा सा शहर संवत 1451 में चौथ माता के नाम पर चौथ का बरवाड़ा के नाम से प्रसिद्ध हो गया जो वर्तमान तक बना हुआ है ! चौथ माता मंदिर के अलावा इस शहर में मीन भगवान का भव्य मंदिर है ! वहीं चौथ माता ट्रस्ट धर्मशाला सभी धर्मावलंबियों के लिए ठहरने का महत्वपूर्ण स्थान है ! चौथ का बरवाड़ा तहसील में पड़ने वाले बड़े गाँव इस प्रकार है:- चौथ का बरवाड़ा भगवतगढ़ शिवाड़ झोंपड़ा ईसरदा सारसोपआदि.

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भीमसिंह चौहान

भीमसिंह चौहान राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले की चौथ का बरवाड़ा तहसील में स्थित चौथ माता मंदिर की स्थापना करने वाले शासक थे। चौथ माता भीमसिंह चौहान की आराध्य देवी थी। .

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माधो सिंह प्रथम

जयपुर राज्य के महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम प्रमुख महाराजा थे। राजस्थान के सवाई माधोपुर शहर की स्थापना जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई माधोसिंह ने 1765 ईस्वी के लगभग की थीं। सवाई माधोसिंह प्रथम की वजह से सवाई माधोपुर शहर 17वीं व 18वीं शताब्दी के आसपास एक ख्याति प्राप्त शहर माना जाने लगा था। राजस्थान सरकार ने 15 मई 1949 में सवाई माधोपुर शहर को सवाई माधोसिंह के नाम पर जिला बनाकर उनके द्वारा स्थापित शहर का सम्मान बढ़ा दिया। तब से लेकर आज तक जिले का नाम सवाई माधोपुर के रूप में भारत स्तर पर जाना जाता है। श्रेणी:जयपुर के लोग श्रेणी:सवाई माधोपुर जिला श्रेणी:जयपुर के महाराजा.

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रणथम्भोर दुर्ग

रणथंभोर दुर्ग दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन से १३ कि॰मी॰ दूर रन और थंभ नाम की पहाडियों के बीच समुद्रतल से ४८१ मीटर ऊंचाई पर १२ कि॰मी॰ की परिधि में बना एक दुर्ग है। दुर्ग के तीनो और पहाडों में प्राकृतिक खाई बनी है जो इस किले की सुरक्षा को मजबूत कर अजेय बनाती है। यूनेस्को की विरासत संबंधी वैश्विक समिति की 36वीं बैठक में 21 जून 2013 को रणथंभोर को विश्व धरोहर घोषित किया गया। यह राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। .

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रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान

रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान उत्तर भारत के बड़े उद्यानों में से एक है। यह जयपुर से १३० किलोमीटर दक्षिण और कोटा से ११० किलोमीटर उत्तर-पूर्व में राजस्थान के दक्षिणी जिले सवाई माधोपुर में स्थित है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन और कस्बा सवाई माधोपुर यहाँ से ११ किलोमीटर दूरी पर स्थित है। .

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सवाई मानसिंह अभयारण्य

सवाई मानसिंह अभयारण्य राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित एक प्रमुख अभयारण्य है। यह अभयारण्य सवाई माधोपुर जिले के अंतर्गत लगभग 113 वर्गकिलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है। राजस्थान सरकार ने इस अभयारण्य को 1984 ईस्वी में वन्य जीव अभयारण्य घोषित किया। सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से सटा हुआ यह वन्य जीव अभयारण्य मुख्य रूप से बघेरा, जंगली खरगोश, जंगली रीछ व भालू, जंगली सुअर, चिंकारा, सांभर, चीतल आदि वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध है। .

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हम्मीर चौहान

हम्मीर देव चौहान, पृथ्वीराज चौहान के वंशज थे। उन्होने रणथंभोर पर १२८२ से १३०१ तक राज्य किया। वे रणथम्भौर के सबसे महान शासकों में सम्मिलित हैं। हम्मीर देव का कालजयी शासन चौहान काल का अमर वीरगाथा इतिहास माना जाता है। हम्मीर देव चौहान को चौहान काल का 'कर्ण' भी कहा जाता है। पृथ्वीराज चौहान के बाद इनका ही नाम भारतीय इतिहास में अपने हठ के कारण अत्यंत महत्व रखता है। राजस्थान के रणथम्भौर साम्राज्य का सर्वाधिक शक्तिशाली एवं प्रतिभा सम्पन शासक हम्मीर देव को ही माना जाता है। इस शासक को चौहान वंश का उदित नक्षत्र कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा। डॉ॰ हरविलास शारदा के अनुसार हम्मीर देव जैत्रसिंह का प्रथम पुत्र था और इनके दो भाई थे जिनके नाम सूरताना देव व बीरमा देव थे। डॉक्टर दशरथ शर्मा के अनुसार हम्मीर देव जैत्रसिंह का तीसरा पुत्र था वहीं गोपीनाथ शर्मा के अनुसार सभी पुत्रों में योग्यतम होने के कारण जैत्रसिंह को हम्मीर देव अत्यंत प्रिय था। हम्मीर देव के पिता का नाम जैत्रसिंह चौहान एवं माता का नाम हीरा देवी था। यह महाराजा जैत्रसिंह चौहान के लाडले एवं वीर बेटे थे। .

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गंगापुर सिटी

गंगापुर सिटी (अंग्रेजी:Gangapur City), राजस्‍थान के सवाई माधोपुर जिले की सबसे बडी तहसील व उपकेन्‍द्र है। यह दिल्‍ली-मुंबई रेलमार्ग पर स्थित है। यहां राजस्‍थान की बडी अनाज मंडी है। शिक्षा का अच्‍छा माहौल है। यह एक स्‍वतंत्र विधानसभा क्षेत्र है तथा सवाई माधोपुर-टोंक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। जनसंख्या के मामले में, यह राजस्थान में 18वा सबसे बड़ा शहर है। श्रेणी:सवाई माधोपुर जिले के शहर श्रेणी:सवाई माधोपुर जिले की तहसीलें.

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

सवाई माधोपुर और हम्मीर चौहान के बीच तुलना

सवाई माधोपुर 55 संबंध है और हम्मीर चौहान 54 है। वे आम 9 में है, समानता सूचकांक 8.26% है = 9 / (55 + 54)।

संदर्भ

यह लेख सवाई माधोपुर और हम्मीर चौहान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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