मूर्धन्य व्यंजन और स्वनविज्ञान
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
मूर्धन्य व्यंजन और स्वनविज्ञान के बीच अंतर
मूर्धन्य व्यंजन vs. स्वनविज्ञान
मूर्धन्य व्यंजन (retroflex consonant) ऐसे किरीट व्यंजन (यानि जिह्वा के लचीले के सामने के हिस्से से उच्चारित) होते हैं जो जिह्वा द्वारा वर्त्स्य कटक और कठोर तालू के बीच उच्चारित होते हैं। इनमें "ट", "ठ", "ड", "ढ", "ड़" और "ण" शामिल हैं। . स्वानिकी या स्वनविज्ञान (Phonetics), भाषाविज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत मानव द्वारा बोली जाने वाली ध्वनियों का अध्ययन किया जाता है। यह बोली जाने वाली ध्वनियों के भौतिक गुण, उनके शारीरिक उत्पादन, श्रवण ग्रहण और तंत्रिका-शारीरिक बोध की प्रक्रियाओं से संबंधित है। .
मूर्धन्य व्यंजन और स्वनविज्ञान के बीच समानता
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मूर्धन्य व्यंजन और स्वनविज्ञान के बीच तुलना
मूर्धन्य व्यंजन 4 संबंध है और स्वनविज्ञान 13 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (4 + 13)।
संदर्भ
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