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तमिल नाडु और मद्रास प्रैज़िडन्सी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तमिल नाडु और मद्रास प्रैज़िडन्सी के बीच अंतर

तमिल नाडु vs. मद्रास प्रैज़िडन्सी

तमिल नाडु (तमिल:, तमिऴ् नाडु) भारत का एक दक्षिणी राज्य है। तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई (चेऩ्ऩै) है। तमिल नाडु के अन्य महत्त्वपूर्ण नगर मदुरै, त्रिचि (तिरुच्चि), कोयम्बतूर (कोऽयम्बुत्तूर), सेलम (सेऽलम), तिरूनेलवेली (तिरुनेल्वेऽली) हैं। इसके पड़ोसी राज्य आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं। तमिल नाडु में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तमिल है। तमिल नाडु के वर्तमान मुख्यमन्त्री एडाप्पडी  पलानिस्वामी  और राज्यपाल विद्यासागर राव हैं। . मद्रास प्रेसीडेंसी (சென்னை மாகாணம், చెన్నపురి సంస్థానము, മദ്രാസ് പ്രസിഡന്‍സി, ಮದ್ರಾಸ್ ಪ್ರೆಸಿಡೆನ್ಸಿ, ମଦ୍ରାସ୍ ପ୍ରେସୋଦେନ୍ଚ୍ଯ), जिसे आधिकारिक तौर पर फोर्ट सेंट जॉर्ज की प्रेसीडेंसी तथा मद्रास प्रोविंस के रूप में भी जाना जाता है, ब्रिटिश भारत का एक प्रशासनिक अनुमंडल था। अपनी सबसे विस्तृत सीमा तक प्रेसीडेंसी में दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों सहित वर्तमान भारतीय राज्य तमिलनाडु, उत्तरी केरल का मालाबार क्षेत्र, लक्षद्वीप द्वीपसमूह, तटीय आंध्र प्रदेश और आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र, गंजाम, मल्कानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, नवरंगपुर और दक्षिणी उड़ीसा के गजपति जिले और बेल्लारी, दक्षिण कन्नड़ और कर्नाटक के उडुपी जिले शामिल थे। प्रेसीडेंसी की अपनी शीतकालीन राजधानी मद्रास और ग्रीष्मकालीन राजधानी ऊटाकामंड थी। 1639 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रासपट्टनम गांव को खरीदा था और इसके एक साल बाद मद्रास प्रेसीडेंसी की पूर्ववर्ती, सेंट जॉर्ज किले की एजेंसी की स्थापना की थी, हालांकि मछलीपट्टनम और आर्मागोन में कंपनी के कारखाने 17वीं सदी के प्रारंभ से ही मौजूद थे। 1655 में एक बार फिर से इसकी पूर्व की स्थिति में वापस लाने से पहले एजेंसी को 1652 में एक प्रेसीडेंसी के रूप में उन्नत बनाया गया था। 1684 में इसे फिर से एक प्रेसीडेंसी के रूप में उन्नत बनाया गया और एलीहू येल को पहला प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया। 1785 में पिट्स इंडिया एक्ट के प्रावधानों के तहत मद्रास ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा स्थापित तीन प्रांतों में से एक बन गया। उसके बाद क्षेत्र के प्रमुख को "प्रेसिडेंट" की बजाय "गवर्नर" का नाम दिया गया और कलकत्ता में गवर्नर-जनरल का अधीनस्थ बनाया गया, यह एक ऐसा पद था जो 1947 तक कायम रहा.

तमिल नाडु और मद्रास प्रैज़िडन्सी के बीच समानता

तमिल नाडु और मद्रास प्रैज़िडन्सी आम में 22 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चोल राजवंश, टीपू सुल्तान, तमिल भाषा, तंजावुर, तेलुगू भाषा, पाण्ड्य राजवंश, बृहदेश्वर मन्दिर, भरतनाट्यम्, मद्रास विश्वविद्यालय, मलयालम भाषा, मिर्च, मुसलमान, मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर, लक्षद्वीप, सेलम, हिन्दू धर्म, ईसाई, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, कर्नाटक संगीत, केरल, कोयंबतूर

चोल राजवंश

चोल (तमिल - சோழர்) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। दक्षिण भारत में और पास के अन्य देशों में तमिल चोल शासकों ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। 'चोल' शब्द की व्युत्पत्ति विभिन्न प्रकार से की जाती रही है। कर्नल जेरिनो ने चोल शब्द को संस्कृत "काल" एवं "कोल" से संबद्ध करते हुए इसे दक्षिण भारत के कृष्णवर्ण आर्य समुदाय का सूचक माना है। चोल शब्द को संस्कृत "चोर" तथा तमिल "चोलम्" से भी संबद्ध किया गया है किंतु इनमें से कोई मत ठीक नहीं है। आरंभिक काल से ही चोल शब्द का प्रयोग इसी नाम के राजवंश द्वारा शासित प्रजा और भूभाग के लिए व्यवहृत होता रहा है। संगमयुगीन मणिमेक्लै में चोलों को सूर्यवंशी कहा है। चोलों के अनेक प्रचलित नामों में शेंबियन् भी है। शेंबियन् के आधार पर उन्हें शिबि से उद्भूत सिद्ध करते हैं। 12वीं सदी के अनेक स्थानीय राजवंश अपने को करिकाल से उद्भत कश्यप गोत्रीय बताते हैं। चोलों के उल्लेख अत्यंत प्राचीन काल से ही प्राप्त होने लगते हैं। कात्यायन ने चोडों का उल्लेख किया है। अशोक के अभिलेखों में भी इसका उल्लेख उपलब्ध है। किंतु इन्होंने संगमयुग में ही दक्षिण भारतीय इतिहास को संभवत: प्रथम बार प्रभावित किया। संगमकाल के अनेक महत्वपूर्ण चोल सम्राटों में करिकाल अत्यधिक प्रसिद्ध हुए संगमयुग के पश्चात् का चोल इतिहास अज्ञात है। फिर भी चोल-वंश-परंपरा एकदम समाप्त नहीं हुई थी क्योंकि रेनंडु (जिला कुडाया) प्रदेश में चोल पल्लवों, चालुक्यों तथा राष्ट्रकूटों के अधीन शासन करते रहे। .

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टीपू सुल्तान

टीपू सुल्तान टीपू सुल्तान (1750 - 1799) कर्नाटक (ಟಿಪ್ಪು ಸುಲ್ತಾನ್, سلطان فتح علی خان ٹیپو) भारत के तत्कालीन मैसूर राज्य के शासक थे। .

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तमिल भाषा

तमिल (தமிழ், उच्चारण:तमिऴ्) एक भाषा है जो मुख्यतः तमिलनाडु तथा श्रीलंका में बोली जाती है। तमिलनाडु तथा पुदुचेरी में यह राजभाषा है। यह श्रीलंका तथा सिंगापुर की कई राजभाषाओं में से एक है। .

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तंजावुर

तमिलनाडु के पूर्वी तट पर स्थित तंजावुर या तंजौर ऐतिहासिक शहर है। कावेरी के उपजाऊ डेल्टा क्षेत्र में होने के कारण इसे दक्षिण में चावल का कटोरा के नाम से भी जाना जाता हैं। 850 ई. में चोल वंश ने मुथरयार प्रमुखों को पराजित करके तंजावर पर अधिकार किया और इसे अपने राज्य की राजधानी बनाया। चोल वंश ने 400 वर्ष से भी अधिक समय तक तमिलनाडु पर राज किया। इस दौरान तंजावुर ने बहुत उन्नति की। इसके बाद नायक और मराठों ने यहां शासन किया। वे कला और संस्कृति के प्रशंसक थे। कला के प्रति उनका लगाव को उनके द्वारा बनवाई गई उत्‍कृष्‍ट इमारतों से साफ झलकता है। .

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तेलुगू भाषा

तेलुगु भाषा (तेलुगू:తెలుగు భాష) भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों की मुख्यभाषा और राजभाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार के अन्तर्गत आती है। यह भाषा आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के अलावा तमिलनाडु, कर्णाटक, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में भी बोली जाती है। तेलुगु के तीन नाम प्रचलित हैं -- "तेलुगु", "तेनुगु" और "आंध्र"। .

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पाण्ड्य राजवंश

पाण्ड्य राजवंश (तमिल: பாண்டியர்) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। इसने भारत में 560 से 1300 ई तक राज किया। .

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बृहदेश्वर मन्दिर

बृहदेश्वर मंदिर का प्रवेश द्वार बृहदेश्वर अथवा बृहदीश्वर मन्दिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित एक हिंदू मंदिर है जो 11वीं सदी के आरम्भ में बनाया गया था। इसे तमिल भाषा में बृहदीश्वर के नाम से जाना जाता है। बृहदेश्वर मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट नि‍र्मि‍त है। विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता, वास्‍तुशिल्‍प और केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। इसका निर्माण 1003-1010 ई. के बीच चोल शासक प्रथम राजराज चोल ने करवाया था। उनके नाम पर इसे राजराजेश्वर मन्दिर का नाम भी दिया जाता है। यह अपने समय के विश्व के विशालतम संरचनाओं में गिना जाता था। इसके तेरह (13) मंजिलें भवन (सभी हिंदू अधिस्थापनाओं में मंजिलो की संख्या विषम होती है।) की ऊंचाई लगभग 66 मीटर है। मंदिर भगवान शिव की आराधना को समर्पित है। यह कला की प्रत्येक शाखा - वास्तुकला, पाषाण व ताम्र में शिल्पांकन, प्रतिमा विज्ञान, चित्रांकन, नृत्य, संगीत, आभूषण एवं उत्कीर्णकला का भंडार है। यह मंदिर उत्कीर्ण संस्कृत व तमिल पुरालेख सुलेखों का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर के निर्माण कला की एक विशेषता यह है कि इसके गुंबद की परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती। शिखर पर स्वर्णकलश स्थित है। जिस पाषाण पर यह कलश स्थित है, अनुमानत: उसका भार 2200 मन (80 टन) है और यह एक ही पाषाण से बना है। मंदिर में स्थापित विशाल, भव्य शिवलिंग को देखने पर उनका वृहदेश्वर नाम सर्वथा उपयुक्त प्रतीत होता है। मंदिर में प्रवेश करने पर गोपुरम्‌ के भीतर एक चौकोर मंडप है। वहां चबूतरे पर नन्दी जी विराजमान हैं। नन्दी जी की यह प्रतिमा 6 मीटर लंबी, 2.6 मीटर चौड़ी तथा 3.7 मीटर ऊंची है। भारतवर्ष में एक ही पत्थर से निर्मित नन्दी जी की यह दूसरी सर्वाधिक विशाल प्रतिमा है। तंजौर में अन्य दर्शनीय मंदिर हैं- तिरुवोरिर्युर, गंगैकोंडचोलपुरम तथा दारासुरम्‌। .

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भरतनाट्यम्

भरतनाट्यम् नृत्य पर डाक टिकटभरतनाट्यम् या चधिर अट्टम मुख्य रूप से दक्षिण भारत की शास्त्रीय नृत्य शैली है। यह भरत मुनि के नाट्य शास्त्र (जो ४०० ईपू का है) पर आधारित है। वर्तमान समय में इस नृत्य शैली का मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अभ्यास किया जाता है। इस नृत्य शैली के प्रेरणास्त्रोत चिदंबरम के प्राचीन मंदिर की मूर्तियों से आते हैं। भरतनाट्यम् को सबसे प्राचीन नृत्य माना जाता है। इस नृत्य को तमिलनाडु में देवदासियों द्वारा विकसित व प्रसारित किया गया था। शुरू शुरू में इस नृत्य को देवदासियों के द्वारा विकसित होने के कारण उचित सम्मान नहीं मिल पाया| लेकिन बीसवी सदी के शुरू में ई. कृष्ण अय्यर और रुकीमणि देवी के प्रयासों से इस नृत्य को दुबारा स्थापित किया गया। भरत नाट्यम के दो भाग होते हैं इसे साधारणत दो अंशों में सम्पन्न किया जाता है पहला नृत्य और दुसरा अभिनय| नृत्य शरीर के अंगों से उत्पन्न होता है इसमें रस, भाव और काल्पनिक अभिव्यक्ति जरूरी है। भरतनाट्यम् में शारीरिक प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा जाता है -: समभंग, अभंग, त्रिभंग भरत नाट्यम में नृत्य क्रम इस प्रकार होता है। आलारिपु - इस अंश में कविता(सोल्लू कुट्टू) रहती है। इसी की छंद में आवृति होती है। तिश्र या मिश्र छंद तथा करताल और मृदंग के साथ यह अंश अनुष्ठित होता है, इसे इस नृत्यानुष्ठान कि भूमिका कहा जाता है। जातीस्वरम - यह अंश कला ज्ञान का परिचय देने का होता है इसमें नर्तक अपने कला ज्ञान का परिचय देते हैं। इस अंश में स्वर मालिका के साथ राग रूप प्रदर्शित होता होता है जो कि उच्च कला कि मांग करता है। शब्दम - ये तीसरे नम्बर का अंश होता है। सभी अंशों में यह अंश सबसे आकर्षक अंश होता है। शब्दम में नाट्यभावों का वर्णन किया जाता है। इसके लिए बहुविचित्र तथा लावण्यमय नृत्य पेश करेक नाट्यभावों का वर्णन किया जाता है। वर्णम - इस अंश में नृत्य कला के अलग अलग वर्णों को प्रस्तुत किया जाता है। वर्णम में भाव, ताल और राग तीनों कि प्रस्तुति होती है। भरतनाट्यम् के सभी अंशों में यह अंश भरतनाट्यम् का सबसे चुनौती पूर्ण अंश होता है। पदम - इस अंश में सात पन्क्तियुक्त वन्दना होती है। यह वन्दना संस्कृत, तेलुगु, तमिल भाषा में होती है। इसी अंश में नर्तक के अभिनय की मजबूती का पता चलता है। तिल्लाना - यह अंश भरतनाट्यम् का सबसे आखिरी अंश होता है। इस अंश में बहुविचित्र नृत्य भंगिमाओं के साथ साथ नारी के सौन्दर्य के अलग अलग लावणयों को दिखाया जाता है। .

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मद्रास विश्वविद्यालय

मद्रास विश्विद्यालय भारत के तमिलनाडु प्रांत की राजधानी चेन्नई नगर में स्थित है। यह दक्षिण भारत के विश्वविद्यालयों में सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। ११ नवम्बर १८३९ में एक सार्वजनिक याचिका द्वारा मद्रास विश्वविद्यालय का प्रारंभ हुआ। १८४० में जार्ज नॉर्टन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय समिति का निर्माण हुआ और ५ सितंबर १८५७ से यह विश्वविद्यालय प्रारंभ हुआ। .

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मलयालम भाषा

मलयालं (മലയാളം, मलयालम्‌) या कैरली (കൈരളി, कैरलि) भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है। मलयालं, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। इस पर संस्कृत का प्रभाव ईसा के पूर्व पहली सदी से हुआ है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। अरबों के साथ सदियों से व्यापार संबंध अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर भी भाषा पर पड़ा है। .

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मिर्च

मिर्च मिर्च कैप्सिकम वंश के एक पादप का फल है, तथा यह सोलेनेसी (Solanaceae) कुल का एक सदस्य है। वनस्पति विज्ञान में इस पौधे को एक बेरी की झाड़ी समझा जाता है। स्वाद, तीखापन और गूदे की मात्रा, के अनुसार इनका उपयोग एक सब्जी (शिमला मिर्च) या एक मसाले (लाल मिर्च) के रूप में किया जाता है। मिर्च प्राप्त करने के लिए इसकी खेती की जाती है। मिर्च का जन्म स्थान दक्षिण अमेरिका है जहाँ से यह पूरे विश्व में फैली। अब इनकी विभिन्न किस्में पूरे विश्व में उगायी जा रही हैं। मिर्च का प्रयोग एक औषधि के रूप में भी होता है। मिर्ची का तीखापन केप्सेसिन के कारण होता है। .

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मुसलमान

मिसरी (ईजिप्ट) मुस्लिमान नमाज़ पढ रहे हैं, एक तस्वीर। मुसलमान (अरबी: مسلم، مسلمة फ़ारसी: مسلمان،, अंग्रेजी: Muslim) का मतलब वह व्यक्ति है जो इस्लाम में विश्वास रखता हो। हालाँकि मुसलमानों के आस्था के अनुसार इस्लाम ईश्वर का धर्म है और धर्म हज़रत मुहम्मद से पहले मौजूद था और जो लोग अल्लाह के धर्म का पालन करते रहे वह मुसलमान हैं। जैसे कुरान के अनुसार हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम भी मुसलमान थे। मगर आजकल मुसलमान का मतलब उसे लिया जाता है जो हज़रत मुहम्मद लाए हुए दीन का पालन करता हो और विश्वास रखता हो। मध्यकालीन मुस्लिम इतिहासकारों ने भारत को हिन्द अथवा हिन्दुस्तान कहा है । .

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मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर

मीनाक्षी सुन्दरेश्वरर मन्दिर या मीनाक्षी अम्मां मन्दिर या केवल मीनाक्षी मन्दिर (மீனாக்ஷி அம்மன் கோவில்) भारत के तमिल नाडु राज्य के मदुरई नगर, में स्थित एक ऐतिहासिक मन्दिर है। यह हिन्दू देवता शिव (“‘सुन्दरेश्वरर”’ या सुन्दर ईश्वर के रूप में) एवं उनकी भार्या देवी पार्वती (मीनाक्षी या मछली के आकार की आंख वाली देवी के रूप में) दोनो को समर्पित है। यह ध्यान योग्य है कि मछली पांड्य राजाओं को राजचिह्न है। यह मन्दिर तमिल भाषा के गृहस्थान 2500 वर्ष पुराने मदुरई नगर, की जीवनरेखा है। हिन्दु पौराणिक कथानुसार भगवान शिव सुन्दरेश्वरर रूप में अपने गणों के साथ पांड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरई नगर में आये थे। मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। इस मन्दिर को देवी पार्वती के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। अन्य स्थानों में कांचीपुरम का कामाक्षी मन्दिर, तिरुवनैकवल का अकिलन्देश्वरी मन्दिर एवं वाराणसी का विशालाक्षी मन्दिर प्रमुख हैं। इस मन्दिर का स्थापत्य एवं वास्तु आश्चर्यचकित कर देने वाला है, जिस कारण यह आधुनिक विश्व के सात आश्चर्यों की सूची में प्रथम स्थान पर स्थित है, एवं इसका कारण इसका विस्मयकारक स्थापत्य ही है। इस इमारत समूह में 12 भव्य गोपुरम हैं, जो अतीव विस्तृत रूप से शिल्पित हैं। इन पर बडी़ महीनता एवं कुशलतापूर्वक रंग एवं चित्रकारी की गई है, जो देखते ही बनती है। यह मन्दिर तमिल लोगों का एक अति महत्वपूर्ण द्योतक है, एवं इसका वर्णन तमिल साहित्य में पुरातन काल से ही होता रहा है। हालांकि वर्तमान निर्माण आरम्भिक सत्रहवीं शताब्दी का बताया जाता है। .

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लक्षद्वीप

कोई विवरण नहीं।

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सेलम

सेलम (तमिल:சேலம்) या सलेम भारत के तमिलनाडु राज्य का एक शहर है। .

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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ईसाई

ईसाई वो व्यक्ति है जो ईसाई धर्म को मानता है। ईसाइयों कई साम्प्रदायों में बटे हैं, जैसे रोमन कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स। देखिये: ईसाई धर्म। श्रेणी:ईसाई धर्म.

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आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक संगीत

300px कर्नाटक संगीत या संस्कृत में कर्णाटक संगीतं भारत के शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय शैली का नाम है, जो उत्तरी भारत की शैली हिन्दुस्तानी संगीत से काफी अलग है। कर्नाटक संगीत ज्यादातर भक्ति संगीत के रूप में होता है और ज्यादातर रचनाएँ हिन्दू देवी देवताओं को संबोधित होता है। इसके अलावा कुछ हिस्सा प्रेम और अन्य सामाजिक मुद्दों को भी समर्पित होता है। जैसा कि आमतौर पर भारतीय संगीत मे होता है, कर्नाटक संगीत के भी दो मुख्य तत्व राग और ताल होता है। कर्नाटक शास्त्रीय शैली में रागों का गायन अधिक तेज और हिंदुस्तानी शैली की तुलना में कम समय का होता है। त्यागराज, मुथुस्वामी दीक्षितार और श्यामा शास्त्री को कर्नाटक संगीत शैली की 'त्रिमूर्ति' कहा जाता है, जबकि पुरंदर दास को अक्सर कर्नाटक शैली का पिता कहा जाता है। कर्नाटक शैली के विषयों में पूजा-अर्चना, मंदिरों का वर्णन, दार्शनिक चिंतन, नायक-नायिका वर्णन और देशभक्ति शामिल हैं। .

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केरल

केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.

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कोयंबतूर

कोयंबतूर या कोयंबटूर तमिलनाडु प्रान्त का एक शहर है। कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर बसा शहर मुख्य रूप से एक औद्योगिक नगरी है। शहर रेल और सड़क और वायु मार्ग से अच्छी तरह पूरे भारत से जुड़ा है। कोयंबटूर एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है। दक्षिण भारत के मैनचेस्टर के नाम से प्रसिद्ध कोयंबटूर एक प्रमुख कपड़ा उत्पादन केंद्र है। नीलगिरी की तराई में स्थित यह शहर पूरे साल सुहावने मौसम का अहसास कराता है। दक्षिण से नीलगिरी की यात्रा करने वाले पर्यटक कोयंबटूर को आधार शिविर की तरह प्रयोग करते हैं। कपड़ा उत्पादन कारखानों के अतिरिक्त भी यहां बहुत कुछ है जहां सैलानी घूम-फिर सकते हैं। यहां का जैविक उद्यान, कृषि विश्‍वविद्यालय संग्रहालय और वीओसी पार्क विशेष रूप से पर्यटकों को आकर्षित करता है। कोयंबटूर में बहुत सारे मंदिर भी हैं जो इस शहर के महत्व को और भी बढ़ाते हैं। .

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तमिल नाडु और मद्रास प्रैज़िडन्सी के बीच तुलना

तमिल नाडु 84 संबंध है और मद्रास प्रैज़िडन्सी 79 है। वे आम 22 में है, समानता सूचकांक 13.50% है = 22 / (84 + 79)।

संदर्भ

यह लेख तमिल नाडु और मद्रास प्रैज़िडन्सी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: