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तमिल नाडु और पाण्ड्य राजवंश

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तमिल नाडु और पाण्ड्य राजवंश के बीच अंतर

तमिल नाडु vs. पाण्ड्य राजवंश

तमिल नाडु (तमिल:, तमिऴ् नाडु) भारत का एक दक्षिणी राज्य है। तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई (चेऩ्ऩै) है। तमिल नाडु के अन्य महत्त्वपूर्ण नगर मदुरै, त्रिचि (तिरुच्चि), कोयम्बतूर (कोऽयम्बुत्तूर), सेलम (सेऽलम), तिरूनेलवेली (तिरुनेल्वेऽली) हैं। इसके पड़ोसी राज्य आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं। तमिल नाडु में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तमिल है। तमिल नाडु के वर्तमान मुख्यमन्त्री एडाप्पडी  पलानिस्वामी  और राज्यपाल विद्यासागर राव हैं। . पाण्ड्य राजवंश (तमिल: பாண்டியர்) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। इसने भारत में 560 से 1300 ई तक राज किया। .

तमिल नाडु और पाण्ड्य राजवंश के बीच समानता

तमिल नाडु और पाण्ड्य राजवंश आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चोल राजवंश, तमिल भाषा, संगम साहित्य, विजयनगर साम्राज्य

चोल राजवंश

चोल (तमिल - சோழர்) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। दक्षिण भारत में और पास के अन्य देशों में तमिल चोल शासकों ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। 'चोल' शब्द की व्युत्पत्ति विभिन्न प्रकार से की जाती रही है। कर्नल जेरिनो ने चोल शब्द को संस्कृत "काल" एवं "कोल" से संबद्ध करते हुए इसे दक्षिण भारत के कृष्णवर्ण आर्य समुदाय का सूचक माना है। चोल शब्द को संस्कृत "चोर" तथा तमिल "चोलम्" से भी संबद्ध किया गया है किंतु इनमें से कोई मत ठीक नहीं है। आरंभिक काल से ही चोल शब्द का प्रयोग इसी नाम के राजवंश द्वारा शासित प्रजा और भूभाग के लिए व्यवहृत होता रहा है। संगमयुगीन मणिमेक्लै में चोलों को सूर्यवंशी कहा है। चोलों के अनेक प्रचलित नामों में शेंबियन् भी है। शेंबियन् के आधार पर उन्हें शिबि से उद्भूत सिद्ध करते हैं। 12वीं सदी के अनेक स्थानीय राजवंश अपने को करिकाल से उद्भत कश्यप गोत्रीय बताते हैं। चोलों के उल्लेख अत्यंत प्राचीन काल से ही प्राप्त होने लगते हैं। कात्यायन ने चोडों का उल्लेख किया है। अशोक के अभिलेखों में भी इसका उल्लेख उपलब्ध है। किंतु इन्होंने संगमयुग में ही दक्षिण भारतीय इतिहास को संभवत: प्रथम बार प्रभावित किया। संगमकाल के अनेक महत्वपूर्ण चोल सम्राटों में करिकाल अत्यधिक प्रसिद्ध हुए संगमयुग के पश्चात् का चोल इतिहास अज्ञात है। फिर भी चोल-वंश-परंपरा एकदम समाप्त नहीं हुई थी क्योंकि रेनंडु (जिला कुडाया) प्रदेश में चोल पल्लवों, चालुक्यों तथा राष्ट्रकूटों के अधीन शासन करते रहे। .

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तमिल भाषा

तमिल (தமிழ், उच्चारण:तमिऴ्) एक भाषा है जो मुख्यतः तमिलनाडु तथा श्रीलंका में बोली जाती है। तमिलनाडु तथा पुदुचेरी में यह राजभाषा है। यह श्रीलंका तथा सिंगापुर की कई राजभाषाओं में से एक है। .

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संगम साहित्य

संगम संगम के अन्य अर्थों के लिये यहां जाएं - संगम (बहुविकल्पी) ---- ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी से लेकर ईसा के पश्चात दूसरी शताब्दी तक (लगभग) लिखे गए तमिल साहित्य को संगम साहित्य कहते हैं। लोककथाओं के अनुसार तमिल शासकों ने कुछ समयान्तरालों की अवधि में सम्मेलनों का आयोजन किया जिसमें लेखक अपने ज्ञान की चर्चा तर्क-वितर्क के रूप में करते थे। ऐसा करने से तमिल साहत्य का उत्तरोत्तर विकास हुआ। संगम साहित्य के अन्तर्गत ४७३ कवियों द्वारा रचित २३८१ पद्य हैं। इन कवियों में से कोई १०२ कवि अनाम हैं। दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास के लिये संगम साहित्य की उपयोगिता अनन्य है। इस साहित्य में उस समय के तीन राजवंशों का उल्लेख मिलता है: चोल, चेर और पाण्ड्य। संगम तमिल कवियों का संघ था जो पाण्ड्य शासको के संरक्षण में हुए थे। कुल तीन संगमों का जिक्र हुआ है।प्रथम संगम मदुरा में अगस्त्य ऋषि के अध्यक्षता में हुआ था। शिलप्पादिकारम, जीवक चिन्तामणि, तोल्क्पियम, मणिमेखले कुछ महत्वपूर्ण संगम महाकाव्य हैं। जैसा कि प्राचीन भारतीय इतिहास ग्रंथो में अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णनों की भरमार मिलती है, संगम साहित्य भी इसका अपवाद नहीं है। इसलिए इन ग्रंथो को आधार मानकर इतिहास लिखना उचित नही माना गया है फिर भी दक्षिण भारत के प्राचीन समय के इतिहास की रुपरेखा जानने में यह बहुत सहायक है। .

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विजयनगर साम्राज्य

विजयनगर साम्राज्य - १५वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य (1336-1646) मध्यकालीन दक्षिण भारत का एक साम्राज्य था। इसके राजाओं ने ३१० वर्ष राज किया। इसका वास्तविक नाम कर्णाटक साम्राज्य था। इसकी स्थापना हरिहर और बुक्का राय नामक दो भाइयों ने की थी। पुर्तगाली इसे बिसनागा राज्य के नाम से जानते थे। इस राज्य की १५६५ में भारी पराजय हुई और राजधानी विजयनगर को जला दिया गया। उसके पश्चात क्षीण रूप में यह और ८० वर्ष चला। राजधानी विजयनगर के अवशेष आधुनिक कर्नाटक राज्य में हम्पी शहर के निकट पाये गये हैं और यह एक विश्व विरासत स्थल है। पुरातात्त्विक खोज से इस साम्राज्य की शक्ति तथा धन-सम्पदा का पता चलता है। .

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तमिल नाडु और पाण्ड्य राजवंश के बीच तुलना

तमिल नाडु 84 संबंध है और पाण्ड्य राजवंश 20 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 3.85% है = 4 / (84 + 20)।

संदर्भ

यह लेख तमिल नाडु और पाण्ड्य राजवंश के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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