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हरात्मक श्रेणी

सूची हरात्मक श्रेणी

गणित में हरात्मक श्रेणी अपसारी अनन्त श्रेणी है: इसका नामकरण समान्तर श्रेणी के व्युत्क्रम से हुआ है। समान्तर श्रेणी के पदों को यहां हर में लिखा जाता है अर्थात समान्तर श्रेणी के पद a_i से सम्बंधित हरात्मक श्रेणी का पद \frac है। अंग्रेजी में इसे हार्मोनिक श्रेणी कहते हैं जिसकी अवधारणा संगीत की धुन से हुआ। एक कम्पनशील तंतु से निकलने वाल अधिस्वरक (धुन) 1/2, 1/3, 1/4, आदि, तंतु की मूलभूत तरंगदैर्घ्य हैं। प्रथम पद के बाद श्रेणी का प्रत्येक पद अपने पास वाले पदों का हरात्मक माध्य होता है। .

12 संबंधों: परोक्षक, बरॉक, लियोनार्ड ओइलर, श्रेणी (गणित), समान्तर श्रेढ़ी, हरात्मक माध्य, हरात्मक श्रेढी, हरात्मक संख्या, वास्तुक, गणित, अपसारी श्रेणी, अंग्रेज़ी भाषा

परोक्षक

परोक्षक एक ऐसा वक्तव्य हुआ जिससे विरोधात्मक (असंगत) अर्थ निकले। उदाहरण.

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बरॉक

पीटर पॉल रूबेंस द्वारा आराधना. जिआन लॉरेंजों बर्निनी द्वारा रूपांकित सैंट'एंड्रिया एल क्युरिनेल का चर्च. बरॉक (bə-), यूरोप में 16वीं सदी के अंत और 18वीं सदी के आरंभ में प्रचलित एक कलात्मक शैली है। इसे अधिकतर "मैनेरिस्ट और रोकोको युगों में यूरोप की एक प्रभावशाली शैली के रूप में परिभाषित किया जाता है, एक ऐसी शैली, जिसे गतिशील आन्दोलन, खुली भावना और आत्मविश्वासी अलंकार विद्या" के रूप में जाना जाता है। बरॉक शैली की लोकप्रियता और सफलता को रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा प्रोत्साहित किया गया, जिसने प्रोटेस्टेंट सुधार की प्रतिक्रिया में, काउंसिल ऑफ ट्रेंट के समय यह निर्णय लिया था, कि कला को प्रत्यक्ष और भावनात्मक जुड़ाव के साथ धार्मिक प्रकरणों को संचारित करना चाहिए। अभिजात वर्ग ने भी बरॉक वास्तुकला की नाटकीय शैली और कला को आगंतुकों को प्रभावित करने और विजयी शक्ति और नियंत्रण को अभिव्यक्त करने वाले माध्यम के रूप में देखा। बरॉक महलों को परिसर के प्रवेश द्वार, भव्य सीढ़ियों और क्रमानुसार समृद्धि को बढ़ाने वाले स्वागत कक्ष के आस पास निर्मित किया जाता है। .

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लियोनार्ड ओइलर

लियोनार्ड ओइलर लियोनार्ड ओइलर (Leonhard Euler; १५ अप्रैल १७०७, बाज़ेल - १८ सितंबर १७८३) एक स्विस गणितज्ञ थे। ये जोहैन बेर्नूली के शिष्य थे। गणित के संकेतों को भी ऑयलर की देन अपूर्व है। इन्होंने संकेतों में अनेक संशोधन करके त्रिकोणमितीय सूत्रों को क्रमबद्ध किया। 1734 ई. में ऑयलर ने x के किसी फलन के लिए f (x), 1728 ई. में लघुगणकों के प्राकृत आधार के लिए e, 1750 ई. में अर्ध-परिमिति के लिए s, 1755 ई. में योग के लिए Σ और काल्पनिक ईकाई के लिए i संकेतों का प्रचलन किया। 1766 ई. में ये अंधे हो गए, परंतु मृत्यु पर्यंत (18 सितंबर 1783 ई.) शोधकार्य में संलग्न रहे। .

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श्रेणी (गणित)

गणित में किसी अनुक्रम के जोड़ को सीरीज कहा जाता है। उदाहरण के लिए, कोई श्रेणी सीमित (लिमिटेड) हो सकती है या अनन्त (इनफाइनाइट)। .

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समान्तर श्रेढ़ी

गणित में समान्तर श्रेणी (Arithmetic progression) अथवा समान्तर अनुक्रम संख्याओं का एक ऐसा अनुक्रम है जिसके दो क्रमागत पदो का अन्तर नियत होता है। जैसे अनुक्रम 4, 7, 10, 13, 16...

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हरात्मक माध्य

हरात्मक माध्य (harmonic mean) गणित में प्रयुक्त अनेकों माध्यों में से एक है। जब दरों का माध्य निकालना हो तो हरात्मक माध्य उपयुक्त होता हैं। धनात्मक वास्तविक संख्याओं x1, x2,..., xn > 0 का हरात्मक माध्य H निम्नाकित प्रकार से परिभाषित किया जाता है- अर्थात, दी हुई संख्याओं का हरात्मक माध्य उन संख्याओं के व्युत्क्रम संख्याओं (रेसिप्रोकल्स) के समान्तर माध्य के व्युत्क्रम के बराबर होता है। .

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हरात्मक श्रेढी

गणित में किसी समान्तर श्रेढ़ी के पदों के ब्युत्क्रम (reciprocals) से बनी श्रेणी को हरात्मक श्रेढी कहते हैं। दूसरे शब्दों में, जहाँ − 1/d प्राकृतिक संख्या (natural number) नहीं है।.

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हरात्मक संख्या

गणित में, nवीं हरात्मक संख्या प्रथम n प्राकृत संख्याओं के व्युत्क्रम का संकलन है। सामान्यतः इसे Hn से प्रदर्शित करते हैं: यह इन प्राकृत संख्याओं के हरात्मक माध्य के व्युत्क्रम का n गुणा भी होता है। .

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वास्तुक

वास्तुक वास्तुक, वास्तुविद् या आर्किटेक्ट (Architect) वह व्यक्ति है, जो भाँति-भाँति की इमारतों की व्यापक संकल्पना और दूरगामी कल्पनायुक्त अभिकल्पना (डिजाइन) से संबंधित कलाओं और विद्याओं में दक्ष हो तथा नक्शे द्वारा या पैमाने द्वारा प्रतिरूप बनाकर त्रिविमितीय दृश्य वास्तु संबंधी अपने विचार व्यक्त करने में समर्थ हो और फिर अपनी अभिकल्पित इमारतों के निर्माण कार्य का यथोचित रूप से निरीक्षण करता हो, अथवा जो उत्कृष्ट कोटि के भवन और उनके पर्यावरण तैयार करने में आस्था रखते हुए वास्तुकला को यथोचित रूप में समझता और काम में लाता हो तथा भवनों के अभिकल्पन और उनकी रचना के निर्देशन का भलीभाँति व्यवसाय करता हो। .

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गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

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अपसारी श्रेणी

गणित में अपसारी श्रेणी एक अनन्त श्रेणी है जो अभिसारी नहीं है, मतलब यह कि श्रेणी के आंशिक योग का अनन्त अनुक्रम का सीमान्त मान नहीं होता। यदि एक श्रेणी अभिसरण करती है तो इसका व्याष्‍टिकारी पद (nवाँ पद जहाँ n अनन्त की ओर अग्रसर है।) शून्य की ओर अग्रसर होना चहिए। अतः कोई भी श्रेणी जिसका व्याष्‍टिकारी पद शून्य की ओर अग्रसर नहीं होता तो वह अपसारी होती है। तथापि अभिसरण की शर्त थोडी प्रबल है: जिस श्रेणियों का व्याष्‍टिकारी पद शून्य की ओर अग्रसर हो वह आवश्यक रूप से अभिसारी नहीं होती। इसका एक गणनीय उदाहरण निम्न हरात्मक श्रेणी है: हरात्मक श्रेणी का अपसरण मध्यकालीन गणितज्ञ निकोल ऑरेसम द्वारा सिद्ध किया जा चुका है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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