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जर्मनी का इतिहास (१९४५-९०)

सूची जर्मनी का इतिहास (१९४५-९०)

द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी की पराजय के फलस्वरूप जर्मनी को दो भागों में बांट दिया गया और इन्हें 'पूर्वी जर्मनी' तथा 'पश्चिमी जर्मनी' कहा गया। इसी को 'जर्मनी का विभाजन' कहा जाता है। युद्ध में जर्मनी ने जिन-जिन क्षेत्रों पर अधिकार किया था उन्हें उससे वापस ले लिया गया। इसके अलावा जर्मनी के पूर्वी भाग में कुछ भाग पोलैण्ड को तथा कुछ सोवियत संघ को दे दिया गया। युद्ध की समाप्ति पर जर्मनी में लगभग ८० लाख दूसरे देशों के विस्थापित लोग मौजूद थे जो मुख्यतः बंधुआ मजदूर और बन्दी लोग थे जिनमें से लगभग ४ लाख कान्सेन्ट्रेशन कैम्पों में सताये गये लोग थे जो किसी प्रकार बच गये थे। मध्य यूरोप और पूर्वी यूरोप के क्षेत्रों के जर्मन-भाषी शरणार्थी भी थे जिनकी संख्या १ करोड़ से अधिक थी। ९० लाख से अधिक जर्मन युद्धबन्दी थे, जिनमें से बहुतों को बंधुआ मजदूर के रूप में कई वर्ष तक रखा गया ताकि उन देशों को कुछ मिल जाय जिन्हें जर्मनी ने युद्ध में उजाड़ दिया था। .

6 संबंधों: द्वितीय विश्वयुद्ध, नाज़ी जर्मनी, पोलैंड, युद्ध-बन्दी, सोवियत संघ, जर्मनी

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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नाज़ी जर्मनी

नाज़ी जर्मनी, नाट्सी जर्मनी या तीसरा राइख (Drittes Reich, "द्रीत्तेस रय्ख़्") १९३३ और १९४५ के बीच जर्मनी के लिए इतिहासकारों द्वारा सामान्य नाम दिया गया है, जब जर्मनी पर अडोल्फ़ हिटलर के नेतृत्व वाली नेशनल सोशलिस्ट जर्मन कार्यकर्ता पार्टी (NSDAP) का एकछत्र राज्य था। इसके अतिरिक्त इसे - नाजीवादी जर्मनी (Das nazistische Deutschland "दस नत्सीस्तिशे दोय्च्लन्द्") तथा सहस्रवर्षीय साम्राज्य (Das Tausendjähriges Reich "दस थाउज़ेन्द्येरिगेस रय्ख़्") भी कहा जाता है। तृतीय साम्राज्य वैमार गणराज्य के बाद सत्ता में आया, जब 4 मार्च 1933 को राष्ट्रीय-समाजवादी जर्मन श्रमिकों की पार्टी ने (NSDAP "एन-एस-दे-आ-पे", Die Nationalsozialistische Deutsche Arbeiterpartei "दी नत्सिओनाल-सोत्सिअलीस्तिशे दोय्चे आर्बाय्तेर्पर्ताय") हिटलर के नेतृत्व में राजसत्ता हथिया ली। ३० जनवरी १९३३ को अडोल्फ़ हिटलर जर्मनी का चांसलर बना और जल्दी ही सारे विरोध को ख़त्म करके वह उस देश का इकलौता नेता बन बैठा। देश ने उसे फ़्युअरर (जर्मन भाषा में लीडर) कहकर पूजना शुरु कर दिया और सारी ताक़त उसके हाथ में सौंप दी। इतिहासकारों ने बड़ी सभाओं में उसके वाक्चातुर्य और कमरे में हुयी बैठकों में उसकी आँखों से होने वाले मंत्रमुग्ध लोगों का ज़ोर देकर बताया है। शनैः शनैः यह बात प्रचलन में आ गई कि फ़्युअरर का वचन विधि से भी ऊपर है। दरअसल यह मत लोगों के बीच हिटलर के मतप्रचालन (propaganda) मंत्री गॅबॅल्स ने रखा था जिसे प्रथम विश्वयुद्ध और वर्साय की संधि से सताई गई जनता ने दोनों हाथों से हड़प लिया। सरकार के शीर्षस्थ अधिकारी केवल हिटलर को रिपोर्ट देते थे और उसी की नीतियों का अनुसरण भी करते थे, हालांकि उनकी कार्यशैली में कुछ हद तक स्वायत्ता बरक़रार थी। .

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पोलैंड

पोलैंड आधिकारिक रूप से पोलैंड गणराज्य एक मध्य यूरोप राष्ट्र है। पोलैंड पश्चिम में जर्मनी, दक्षिण में चेक गणराज्य और स्लोवाकिया, पूर्व में युक्रेन, बेलारूस और लिथुआनिया एवं उत्तर में बाल्टिक सागर व रूस के कालिनिनग्राद ओब्लास्ट के द्वारा घिरा हुआ है। पोलैंड का कुल क्षेत्रफ़ल ३ लगभग लाख वर्ग कि.मि. (1.20 लाख वर्ग मील) है, जिससे ये दुनिया का ६९वां व युरोप का ९वां विशालतम राष्ट्र बन जाता है। लगभग 4 करोड़ की जनसंख्या के साथ यह दुनिया का ३३वां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाता है। एक राष्ट्र के रूप में पोलैंड की स्थापना को इसके शासक मिस्जको प्रथम द्वारा ९६६ इसवी में इसाई धर्म को राष्ट्रधर्म बनाने के साथ जोड़ कर देखा जाता है। तत्कालीन समय में पोलैंड का आकार वर्तमान पोलैंड के जैसा ही था। १०२५ में पोलैंड राजाओं के अधीन आया और १५६९ में पोलैंड ने लिथुआनिया के ग्रैंड डचि के साथ मिलकर पोलिश-लिथुआनियन कामनवेल्थ की स्थापना करते हुए एक लंबे रिश्ते की नींव डाली। ये कामनवेल्थ १७९५ में तोड़ दिया गया और पोलैंड को आस्ट्रिया, रूस और प्रुसिया के बीच बांट लिया गया। पोलैंड ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद १९१८ में अपनी स्वाधीनता पुनः हसिल की मगर द्वितीय विश्वयुद्ध के समय फ़िर से पराधीन होकर नाजी जर्मनी और सोवियत संघ के अधीन चला गया। द्वितीय विश्वयुद्ध में पोलैंड ने अपने साठ लाख नागरिकों को खो दिया। कई साल बाद पोलैंड रूस से प्रभावित एक साम्यवादी गणराज्य के रूप में ईस्टर्न ब्लॉक में उभरा। १९८९ में साम्यवादी शासन का पतन हुआ और पोलैंड एक नये राष्ट्र के रूप में उभरा जिसे सांविधानिक तौर पे "तृतीय पोलिश गणतंत्र" कहा जाता है। पोलैंड एक स्वयंशासित स्वतंत्र राष्ट्र है जो कि सोलह अलग-अलग वोइवोदेशिप या राज्यों (पोलिश: वोयेवुद्ज़त्वो) को मिलाकर गठित हुआ है। पोलैंड यूरोपीय संघ, नाटो एवं ओ.ई.सि.डी का सदस्य राष्ट्र है। .

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युद्ध-बन्दी

आस्ट्रिया और हंगरी के युद्धबन्दी, रूस में युद्धबन्दी (prisoner of war (POW, PoW) उस व्यक्ति को कहते हैं जो किसी सशस्त्र संघर्ष के दौरान या तुरन्त बाद शत्रु देश द्वारा हिरासत में ले लिया गया है। पकड़ा गया व्यक्ति लड़ाकू हो या न हो, वह 'युद्धबन्दी' ही कहा जाता है। श्रेणी:युद्ध.

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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जर्मनी

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