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दो-वस्तु समस्या

सूची दो-वस्तु समस्या

खगोलीय यांत्रिकी में दो-वस्तु समस्या (two-body problem) दो बिन्दु-आकार की वस्तुओं की गति व चाल को समझने को कहते हैं जो केवल एक-दूसरे को ही प्रभावित करती हैं (यानि कोई भी तीसरी वस्तु इस अध्ययन में शामिल नहीं करी जाती)। इस अध्ययन में किसी ग्रह के इर्द-गिर्द कक्षा में परिक्रमा करता उपग्रह, किसी तारे की परिक्रमा करता एक ग्रह, किसी द्वितारा मंडल में एक-दूसरे की परिक्रमा करते दो तारे, इत्यादि शामिल हैं। चिरसम्मत भौतिकी में किसी परमाणु में नाभिक की परिक्रमा करता हुआ एक इलेक्ट्रान भी इसका उदाहरण है (हालांकि प्रमात्रा यान्त्रिकी की नई समझ में यह दो-वस्तु समस्या नहीं समझी जाती)। इसी प्रकार तीन वस्तुओं की आपसी चाल को समझने के लिये तीन-वस्तु समस्या (three-body problem) नामक अध्ययन भी किया जाता है। .

3 संबंधों: दीर्घवृत्त कक्षा, वृत्ताकार कक्षा, औसत अनियमितता

दीर्घवृत्त कक्षा

खगोलशास्त्र में दीर्घवृत्त कक्षा (elliptic orbit) एक ऐसी केप्लर कक्षा होती है जिसकी कक्षीय विकेन्द्रता १ से कम है। वृत्ताकार कक्षा इसमें शामिल है, क्योंकि वह एक विशेष प्रकार का दीर्घवृत्त आकार है। .

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वृत्ताकार कक्षा

खगोलशास्त्र में वृत्ताकार कक्षा (circular orbit) एक ऐसी केप्लर कक्षा होती है जिसकी कक्षीय विकेन्द्रता ठीक शून्य है, यानि पूरी तरह गोलाकार है। दीर्घवृत्त कक्षा इस से भिन्न होती है, क्योंकि उसकी कक्षाएँ दीर्घवृत्त आकार की हो सकती हैं। .

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औसत अनियमितता

खगोलीय यांत्रिकी में औसत अनियमितता (mean anomaly) दो-वस्तु समस्या के सन्दर्भ में किसी दीर्घवृत्त कक्षा में परिक्रमा करती वस्तु की स्थिति का अनुमान लगाने के लिये प्रयोग होने वाले एक कोण (ऐंगल) है। यह उस कक्षा के उपकेन्द्र (pericenter) के दृष्टिकोण से दीर्घवृत्त कक्षा में इस वास्तविक वस्तु और ठीक उस के बराबर कक्षीय अवधि की एक काल्पनिक वृत्ताकार कक्षा में स्थित एक काल्पनिक वस्तु के बीच की कोणीय दूरी को कहते हैं। .

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