सामग्री की तालिका
20 संबंधों: ए के हंगल, दारा सिंह, प्रीति गाँगुली, पृथ्वी नाथ धर, पीएस अप्पू, बाल ठाकरे, यश चोपड़ा, राजेश खन्ना, रवि शंकर, श्रीराम शंकर अभयंकर, सुरेश सरैया, जसपाल भट्टी, जॉय मुखर्जी, वर्गीज कुरियन, इन्द्र कुमार गुजराल, अचला सचदेव, अजमल क़साब, अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार', २०११ में निधन, २०१३ में निधन।
ए के हंगल
ए॰के॰ हंगल (१ फ़रवरी १९१४ – २६ अगस्त २०१२) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता, रंगमंच एवं दूरदर्शन कलाकार थे। इनका पूरा नाम है-अवतार कृष्ण हंगल .
देखें २०१२ में निधन और ए के हंगल
दारा सिंह
दारा सिंह (पूरा नाम: दारा सिंह रन्धावा, अंग्रेजी: Dara Singh, जन्म: 19 नवम्बर, 1928 पंजाब, मृत्यु: 12 जुलाई 2012 मुम्बई) अपने जमाने के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान रहे हैं। उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को पराजित करके कामनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। 1968 में वे अमरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बन गये। उन्होंने पचपन वर्ष की आयु तक पहलवानी की और पाँच सौ मुकाबलों में किसी एक में भी पराजय का मुँह नहीं देखा। 1983 में उन्होंने अपने जीवन का अन्तिम मुकाबला जीतने के पश्चात कुश्ती से सम्मानपूर्वक संन्यास ले लिया। उन्नीस सौ साठ के दशक में पूरे भारत में उनकी फ्री स्टाइल कुश्तियों का बोलबाला रहा। बाद में उन्होंने अपने समय की मशहूर अदाकारा मुमताज के साथ हिन्दी की स्टंट फ़िल्मों में प्रवेश किया। दारा सिंह ने कई फ़िल्मों में अभिनय के अतिरिक्त निर्देशन व लेखन भी किया। उन्हें टी० वी० धारावाहिक रामायण में हनुमान के अभिनय से अपार लोकप्रियता मिली। उन्होंने अपनी आत्मकथा मूलत: पंजाबी में लिखी थी जो 1993 में हिन्दी में भी प्रकाशित हुई। उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किया। वे अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक पूरे छ: वर्ष राज्य सभा के सांसद रहे। 7 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल मुम्बई में भर्ती कराया गया किन्तु पाँच दिनों तक कोई लाभ न होता देख उन्हें उनके मुम्बई स्थित निवास पर वापस ले आया गया जहाँ उन्होंने 12 जुलाई 2012 को सुबह साढ़े सात बजे दम तोड़ दिया। .
देखें २०१२ में निधन और दारा सिंह
प्रीति गाँगुली
प्रीति गाँगुली(१७ मई १९५३ – २ दिसम्बर २०१२) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। उन्होंने बहुत सरे फिल्मों मे हास्य भूमिकाएं निबाई है। .
देखें २०१२ में निधन और प्रीति गाँगुली
पृथ्वी नाथ धर
पृथ्वी नाथ धर (1 मार्च 1919 – 19 जुलाई 2012) जिन्हें सामान्यतः पी एन धर के नाम से जाना जाता है, अर्थशास्त्री थे और इन्दिरा गान्धी के निजि सलाहकार एवं सचिव थे। .
देखें २०१२ में निधन और पृथ्वी नाथ धर
पीएस अप्पू
पीएस अप्पू(1929-28 मार्च 2012) एक भारतीय सिविल सेवक थे जो लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (ला॰ब॰शा॰रा॰प्र॰अ॰) के निर्देशक पद से सेवानिवृत्त हुए। अप्पू ने अपना करियर १९५१ में भारतीय प्रशासनिक सेवा के बिहार कैडर से आरम्भ किया। इस राज्य में उन्होंने दरभंगा जिले का कलेक्टर, वित्त सचिव और मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएँ दी। राज्य से संघीय सरकार में प्रतिनियुक्ति पर उन्होंने १९७० से १९७५ तक कृषि और योजना आयोग मंत्रालय में भूमि सुधार आयुक्त के रूप में कार्य किया। ला॰ब॰शा॰रा॰प्र॰अ॰ के निर्देशक नियुक्त हो जाने के बाद १९८२ में उन्होंने उपरोक्त सेवा को स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति के लिए चुना। उनके कई तरह के विशेषण नाम भी थे, यथा "विकास अर्थशास्त्री"। ऐसा इंसान जिसे नेताओं से अपनी बात साफ़ साफ़ कहने में कोई गुरेज़ नहीं था, "ऐसा शख़्स जिसे दस्तूर की कोई फ़िक्र नहीं थी। पीएस अप्पू को २००६ में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। .
देखें २०१२ में निधन और पीएस अप्पू
बाल ठाकरे
बालासाहेब केशव ठाकरे (२३ जनवरी १९२६ - १७ नवम्बर २०१२) भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता थे जिन्होने शिव सेना के नाम से एक प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी दल का गठन किया था। उन्हें लोग प्यार से बालासाहेब भी कहते थे। वे मराठी में सामना नामक अखबार निकालते थे। इस अखबार में उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पूर्व अपने सम्पादकीय में लिखा था-"आजकल मेरी हालत चिन्ताजनक है किन्तु मेरे देश की हालत मुझसे अधिक चिन्ताजनक है; ऐसे में भला मैं चुप कैसे बैठ सकता हूँ?" उनके अनुयायी उन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते थे। ठाकरे ने अपने जीवन का सफर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया था। पहले वे अंग्रेजी अखबारों के लिये कार्टून बनाते थे। बाद में उन्होंने सन १९६० में मार्मिक के नाम से अपना एक स्वतन्त्र साप्ताहिक अखबार निकाला और अपने पिता केशव सीताराम ठाकरे के राजनीतिक दर्शन को महाराष्ट्र में प्रचारित व प्रसारित किया। सन् १९६६ में उन्होंने शिव सेना की स्थापना की। मराठी भाषा में सामना के अतिरिक्त उन्होंने हिन्दी भाषा में दोपहर का सामना नामक अखबार भी निकाला। इस प्रकार महाराष्ट्र में हिन्दी व मराठी में दो-दो प्रमुख अखबारों के संस्थापक बाला साहब ही थे। खरी-खरी बात कहने और विवादास्पद बयानों के कारण वे मृत्यु पर्यन्त अखबार की सुर्खियों में बने रहे। १७ नवम्बर २०१२ को मुम्बई में अपने मातोश्री आवास पर दोपहर बाद ३ बजकर ३३ मिनट पर उन्होंने अन्तिम साँस ली। .
देखें २०१२ में निधन और बाल ठाकरे
यश चोपड़ा
यश चोपड़ा (अंग्रेजी: Yash Chopra जन्म: 27 सितम्बर 1932 – मृत्यु: 21 अक्टूबर 2012) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक थे। बाद में उन्होंने कुछ अच्छी फिल्मों का निर्माण भी किया। उन्होंने अपने भाई बी० आर० चोपड़ा और आई० एस० जौहर के साथ बतौर सहायक निर्देशक फिल्म जगत में प्रवेश किया। 1959 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म धूल का फूल बनायी थी। उसके बाद 1961 में धर्मपुत्र आयी। 1965 में बनी फिल्म वक़्त से उन्हें अपार शोहरत हासिल हुई। उन्हें फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए। बालीवुड जगत से फिल्म फेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के अतिरिक्त भारत सरकार ने उन्हें 2005 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। .
देखें २०१२ में निधन और यश चोपड़ा
राजेश खन्ना
राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .
देखें २०१२ में निधन और राजेश खन्ना
रवि शंकर
पण्डित रवि शंकर (রবি শংকর; जन्म: रवीन्द्र शंकर चौधरी, ७ अप्रैल १९२०, बनारस - ११ दिसम्बर २०१२) एक सितार वादक और संगीतज्ञ थे। उन्होंने विश्व के कई मह्त्वपूर्ण संगीत उत्सवों में हिस्सा लिया है। उनके युवा वर्ष यूरोप और भारत में अपने भाई उदय शंकर के नृत्य समूह के साथ दौरा करते हुए बीते। .
देखें २०१२ में निधन और रवि शंकर
श्रीराम शंकर अभयंकर
श्रीराम शंकर अभयंकर (२२ जुलाई १९३० - २ नवम्बर २०१२) बीजगणितीय ज्यामिति में उनके योगदान के लिए विख्यात भारतीय गणितज्ञ हैं। .
देखें २०१२ में निधन और श्रीराम शंकर अभयंकर
सुरेश सरैया
सुरेश सरैया (१९३८-२०१२) क्रिकेट की दुनिया में एक रेडियो क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में विख्यात हैं। सरैया १०० से अधिक क्रिकेट टेस्ट मैचों और १५० से अधिक एकदिवसीय क्रिकेट मैचों के कमेंटरी टीम के सदस्य रहे। .
देखें २०१२ में निधन और सुरेश सरैया
जसपाल भट्टी
जसपाल भट्टी (3 मार्च 1955 – 25 अक्टूबर 2012) हिन्दी टेलिविज़न और सिनेमा के एक जाने-माने हास्य अभिनेता, फ़िल्म निर्माता एवं निर्देशक थे।उन्होंने पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज से विद्युत अभियांत्रिकी की डिग्री ली, लेकिन बाद में वे नुक्कड़ थिएटर आर्टिस्ट बन गए.
देखें २०१२ में निधन और जसपाल भट्टी
जॉय मुखर्जी
जॉय मुखर्जी (জয় মুখার্জী; २४ फ़रवरी १९३९ – ९ मार्च २०१२) एक भारतीय फिल्म अभिनेता थे। .
देखें २०१२ में निधन और जॉय मुखर्जी
वर्गीज कुरियन
डॉ॰ वर्गीज़ कुरियन (26 नवम्बर 1921 - 9 सितंबर 2012) एक प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक उद्यमी थे और 'फादर ऑफ़ द वाइट रेवोलुशन' के नाम से अपने 'बिलियन लीटर आईडिया' (ऑपरेशन फ्लड) - विश्व का सबसे बड़ा कृषि विकास कार्यक्रम - के लिए आज भी मशहूर हैं। इस ऑपरेशन ने 1998 में भारत को अमरीका से भी ज़यादा तरक्की दी और दूध -अपूर्ण देश से दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया| डेयरी खेती भारत की सबसे बड़ी आत्मनिर्भर उद्योग बन गयी। उन्होंने पदभार संभालकर भारत को खाद्य तेलों के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता दी। उन्होंने लगभग 30 संस्थाओं कि स्थापना की (AMUL, GCMMF, IRMA, NDDB) जो किसानों द्वारा प्रबंधित हैं और पेशेवरों द्वारा चलाये जा रहे हैं। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCMMF), का संस्थापक अध्यक्ष होने के नाते डॉ॰ कुरियन अमूल इंडिया के उत्पादों के सृजन के लिए ज़िम्मेदार थे। अमूल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी की उन्होंने प्रमुख दुग्ध उत्पादक राष्ट्रों मैं गाय के बजाय भैंस के दूध का पाउडर उपलब्ध करवाया| डॉ॰ कुरियन की अमूल से जुडी उपलब्धियों के परिणाम स्वरुप तब प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें 1965 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का संस्थापक अध्यक्ष नियुक्त किया तांकि वे राष्ट्रव्यापी अमूल के "आनंद मॉडल" को दोहरा सकें.
देखें २०१२ में निधन और वर्गीज कुरियन
इन्द्र कुमार गुजराल
इ Indra kumar raj Mistar sang m k न्द् र कुमार गुजराल (अंग्रेजी: I. K. Gujral जन्म: ४ दिसम्बर १९१९, झेलम - मृत्यु: ३० नवम्बर २०१२, गुड़गाँव) भारतीय गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और १९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वे जेल भी गये। अप्रैल १९९७ में भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में विभिन्न पदों पर काम किया। वे संचार मन्त्री, संसदीय कार्य मन्त्री, सूचना प्रसारण मन्त्री, विदेश मन्त्री और आवास मन्त्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। राजनीति में आने से पहले उन्होंने कुछ समय तक बीबीसी की हिन्दी सेवा में एक पत्रकार के रूप में भी काम किया था। १९७५ में जिन दिनों वे इन्दिरा गान्धी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मन्त्री थे उसी समय यह बात सामने आयी थी कि १९७१ के चुनाव में इन्दिरा गान्धी ने चुनाव जीतने के लिये असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया है। इन्दिरा गान्धी के बेटे संजय गांधी ने उत्तर प्रदेश से ट्रकों में भरकर अपनी माँ के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिये दिल्ली में लोग इकट्ठे किये और इन्द्र कुमार गुजराल से दूरदर्शन द्वारा उसका कवरेज करवाने को कहा। गुजराल ने इसे मानने से इन्कार कर दिया क्योंकि संजय गांधी को कोई सरकारी ओहदा प्राप्त नहीं था। बेशक वे प्रधानमन्त्री के पुत्र थे। इस कारण से उन्हें सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय से हटा दिया गया और विद्याचरण शुक्ल को यह पद सौंप दिया गया। लेकिन बाद में उन्हीं इन्दिरा गान्धी की सरकार में मास्को में राजदूत के तौर पर गुजराल ने १९८० में सोवियत संघ के द्वारा अफ़गानिस्तान में हस्तक्षेप का विरोध किया। उस समय भारतीय विदेश नीति में यह एक बहुत बड़ा बदलाव था। उस घटना के बाद ही आगे चलकर भारत ने सोवियत संघ द्वारा हंगरी और चेकोस्लोवाकिया में राजनीतिक हस्तक्षेप का विरोध किया। .
देखें २०१२ में निधन और इन्द्र कुमार गुजराल
अचला सचदेव
अचला सचदेव (३ मई १९२० – ३० अप्रैल २०१२) हिंदी चलचित्र की मशहूर अभिनेत्री जिन्होंने लगभग २५० फिल्मों में अभिनय किया था। .
देखें २०१२ में निधन और अचला सचदेव
अजमल क़साब
अजमल क़साब (पाकिस्तानी आतंकवादी) अजमल क़साब (पूरा नाम: मुहम्मद अजमल आमिर क़साब, उर्दू: محمد اجمل امیر قصاب, जन्म: १३ जुलाई १९८७ ग्राम: फरीदकोट, पाकिस्तान - फांसी: २१ नवम्बर २०१२ यरवदा जेल, पुणे) २६/११/२००८ को ताज़ होटल मुंबई पर वीभत्स हमला करने वाला एक पाकिस्तानी आतंकवादी था। मुहम्मद आमिर क़साब उसके बाप का नाम था। वह कसाई जाति का मुसलमान था। "क़साब" (قصاب) शब्द अरबी भाषा का है जिसका हिन्दी में अर्थ कसाई या पशुओं की हत्या करने वाला होता है। साधारणतया लोगबाग उसे अजमल क़साब के नाम से ही जानते थे। क़साब पाकिस्तान में पंजाब प्रान्त के ओकरा जिला स्थित फरीदकोट गाँव का मूल निवासी था और पिछले कुछ साल से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त था। हमलों के बाद चलाये गये सेना के एक अभियान के दौरान यही एक मात्र ऐसा आतंकी था जो जिन्दा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस अभियान में इसके सभी नौ अन्य साथी मारे गये थे। इसने और इसके साथियों ने इन हमलों में कुल १६६ निहत्थे लोगों की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी थी। पाकिस्तान सरकार ने पहले तो इस बात से इनकार किया कि क़साब पाकिस्तानी नागरिक है किन्तु जब भारत सरकार द्वारा सबूत पेश किये गये तो जनवरी २००९ में उसने स्वीकार कर लिया कि हाँ वह पाकिस्तान का ही मूल निवासी है। ३ मई २०१० को भारतीय न्यायालय ने उसे सामूहिक ह्त्याओं, भारत के विरुद्ध युद्ध करने तथा विस्फोटक सामग्री रखने जैसे अनेक आरोपों का दोषी ठहराया। ६ मई २०१० को उसी न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर मृत्यु दण्ड की सजा सुनायी। २६-११-२००८ को मुम्बई में ताज़ होटल पर हुए हमले में ९ आतंकवादियों के साथ कुल १६६ निरपराध लोगों की हत्या में उसके विरुद्ध एक मामले में ४ और दूसरे मामले में ५ हत्याओं का दोषी होना सिद्ध हुआ था। इसके अतिरिक्त नार्को टेस्ट में उसने ८० मामलों में अपनी संलिप्तता भी स्वीकार की थी। २१ फ़रवरी २०११ को मुम्बई उच्च न्यायालय ने उसकी फाँसी की सजा पर मोहर लगा दी। २९ अगस्त २०१२ को भारत के उच्चतम न्यायालय ने भी उसके मृत्यु दण्ड की पुष्टि कर दी। बाद में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास भिजवायी गयी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा उसे अस्वीकार करने के बाद पुणे की यरवदा केन्द्रीय कारागार में २१ नवम्बर २०१२ को प्रात: ७ बजकर ३० मिनट पर उसे फाँसी दे दी गयी। .
देखें २०१२ में निधन और अजमल क़साब
अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार'
अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान (१६ जून १९३६ – १३ फ़रवरी २०१२), जिन्हें उनके तख़ल्लुस या उपनाम शहरयार से ही पहचाना जाना जाता है, एक भारतीय शिक्षाविद और भारत में उर्दू शायरी के दिग्गज थे। .
देखें २०१२ में निधन और अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार'
२०११ में निधन
निम्नलिखित सूची २०१२ में निधन हो गये लोगों की है। यहाँ पर सभी दिनांक के क्रमानुसार हैं और एक दिन की दो या अधिक प्रविष्टियाँ होने पर उनके मूल नाम को वर्णक्रमानुसार में दिया गया है। यहाँ लिखने का अनुक्रम निम्न है.
देखें २०१२ में निधन और २०११ में निधन
२०१३ में निधन
निम्नलिखित सूची २०१३ में निधन हो गये लोगों की है। यहाँ पर सभी दिनांक के क्रमानुसार हैं और एक दिन की दो या अधिक प्रविष्टियाँ होने पर उनके मूल नाम को वर्णक्रमानुसार में दिया गया है। यहाँ लिखने का अनुक्रम निम्न है.