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हिंदुस्तान अर्ध्रा

सूची हिंदुस्तान अर्ध्रा

हिंदुस्तान अर्ध्रा (Hindustan Ardhra) 1970 के दशक के अंत में एटीएस-1 अर्ध्रा के रूप में भारत के नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा पायलट को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार किया गया था। यह परंपरागत विन्यास और लकड़ीसे निर्मित दो सीट वाला विमान था। भारतीय वायु सेना द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 1980 के दशक के आरंभ में पचास विमानो का आदेश दिया था। .

5 संबंधों: एचएएल तेजस, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय वायुसेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड

एचएएल तेजस

तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। इसका विकास 'हल्का युद्धक विमान' या (एलसीए) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा। तेजस की सीमित श्रृंखला का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ। दो सीटों वाला एक ट्रेनर संस्करण विकसित किया जा रहा है (नवम्बर 2008 तक उत्पादन के क्रम में था।), क्योंकि इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना को एकल सीट वाले 200 और दो सीटों वाले 20 रूपांतरण प्रशिक्षक विमानों की जरूरत है, जबकि भारतीय नौसेना अपने सी हैरियर की जगह एकल सीटों वाले 40 विमानों का आदेश दे सकती है।जैक्सन, पॉल, मूनसौन, केनेथ; & पीकॉक, लिंडसे (एड्स.) (2005).

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नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार

नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार भारत सरकार का एक मंत्रालय है। श्रेणी:भारत सरकार के मंत्रालय.

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भारतीय वायुसेना

भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना ८ अक्टूबर १९३२ को की गयी थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और १९४५ के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया। आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन ''विजय'' - गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है एवं २००६ के आंकडों के अनुसार इसमें कुल मिलाकर १७०,००० जवान एवं १,३५० लडाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है। .

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (अंग्रेज़ी:DRDO, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है। इस संस्थान की स्थापना १९५८ में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी। वर्तमान में संस्थान की अपनी इक्यावन प्रयोगशालाएँ हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण इत्यादि के क्षेत्र में अनुसंधान में रत हैं। पाँच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं। यहां राडार, प्रक्षेपास्त्र इत्यादि से संबंधित कई बड़ी परियोजनाएँ चल रही हैं। I love my India .

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हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड

हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत का एक सार्वजनिक प्रतिष्ठान है, जो हवाई संयन्त्र निर्माण करता है। इसका मुख्यालय बंगलुरु में है। दिसम्बर, १९४० में भूतपूर्व मैसूर राजसी राज्य एवं असाधारण दूरद्रष्टा उद्यमी श्री सेठ वालचन्द हीराचन्द के सहयोग से बेंगलूर में शुरु हुआ। एच ए एल की आपूर्तियाँ / सेवाएँ प्रमुख रूप से भारतीय रक्षा सेनाओं, तटरक्षक तथा सीमा सुरक्षा बल के लिए हैं। भारतीय विमान - वाहकों तथा राज्य सरकारों को भी परिवहन विमानों तथा हेलिकाप्टरों की पूर्ति की गयी है। कंपनी ने गुणवत्ता एवं किफायती दरों के माध्यम से ३० से अधिक देशों में निर्यात क्षेत्र में पदार्पण किया है। आज भारत भर में एच ए एल की १६ उत्पादन इकाइयाँ एवं ९ अनुसंधान व विकास केन्द्र हैं। इसके उत्पाद-क्रम में देशीय अनुसंधान व विकास के अधीन १२ प्रकार के विमान एवं लाइसेंस के अधीन १३ प्रकार के विमान हैं। एच ए एल द्वारा अब तक ३३०० से भी अधिक विमानों, ३४०० से अधिक विमान-इंजनों का उत्पादन तथा ७७०० से अधिक विमानों एवं २६,००० से अधिक इंजनों का ओवरहाल किया गया है। एच ए एल को अनुसंधान व विकास, प्रौद्योगिकी, प्रबंधकीय निष्पादन, निर्यात, ऊर्जा की बचत, गुणवत्ता एवं सामाजिक दायित्वों के निर्वहण में अनेक अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। गुणवत्ता एवं दक्षता में कारपोरेट उपलब्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय सूचना एवं विपणन केन्द्र (आई आई एम सी) ने मेसर्स ग्लोबल रेटिंग, युनाइटेड किंगडम के संयोजन से मेसर्स हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड को अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (वैश्विक मूल्यांकन नेता २००३), लंदन, यू.के.

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