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हिंगलाज

सूची हिंगलाज

हिंगलाज पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रदेश के दक्षिण में मकरान मरुभूमित में स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थ-स्थल है। यहाँ हिंगलाज माता का मन्दिर है, इसको ५६ में से एक शक्तिपीठों में गिना जाता है। देवी का नाम बांग्ला, असमिया और सस्कृत में इसी नाम से जाना जाता है। आय़ुर्वेद शास्त्र में भी यह नाम आता है। कराची के यह कोई २५० किलोमीटर उत्तर पश्चिम में आता है। अधिकतर श्रद्धालु सिन्ध से आते हैं। इसके पास ही एक राष्ट्रीय उद्यान भी है। इसी नाम से (हिंगलाज देवी) भारत में एक और मन्दिर मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की बरेली तहसील में बारी में है। इस जगह को स्थानीय रूप से छोटी काशी कहा जाता है। .

5 संबंधों: चन्द्रगुप, पाकिस्तान, बलूचिस्तान (पाकिस्तान), मकरान, रायसेन ज़िला

चन्द्रगुप

अंतरिक्ष से चन्द्रगुप और उसके आसपास के गारामुखियों का दृश्य चन्द्रगुप (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Chandragup), जिसे कभी-कभी चन्द्रकुप (Chandrakup) भी कहा जाता है, पाकिस्तान के पश्चिमी बलोचिस्तान प्रान्त के तटीय मकरान क्षेत्र में स्थित एक गारामुखी (लावा के स्थान पर मिट्टी-कीचड़ उगलने वाला ज्वालामुखी) है। ५८ मीटर ऊँचा यह गारामुखी एक शुद्ध शंकु (कोन) का आकार रखता है। इस क्षेत्र में कई सारे गारामुखी मिलते हैं और चन्द्रगुप इनमें से एक है।, pp.

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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बलूचिस्तान (पाकिस्तान)

बलूचिस्तान (उर्दू: بلوچستان) पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह ईरान (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रांत) तथा अफ़ग़ानिस्तान के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहां की राजधानी क्वेटा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची के नाम से जानी जाती है। १९४४ में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था पर १९४७ में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। १९७० के दशक में एक बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की मांग उठी। यह प्रदेश पाकिस्तान के सबसे कम आबाद इलाकों में से एक है। .

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मकरान

अंतरिक्ष से लिए गए इस चित्र में मकरान अरब सागर से लगी ज़मीन की अर्ध-रेगिस्तानी पट्टी है - यह दक्षिणी पाकिस्तान और ईरान में पड़ती है ग्वादर में मकरान का तटीय क्षेत्र मकरान तटीय राजमार्ग पर चलता ट्रक मकरान (फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Makran) पाकिस्तान के सिंध और बलोचिस्तान प्रान्तों के दक्षिणतम भाग में और ईरान के सिस्तान व बलोचिस्तान प्रान्त के दक्षिणतम भाग में अरब सागर से लगा एक शुष्क, अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र है। इस इलाक़े से भारतीय उपमहाद्वीप और ईरान के बीच का एक महत्वपूर्ण मार्ग गुज़रता है जिस से कई तीर्थयात्री, खोजयात्री, व्यापारी और आक्रामक इन दोनों भूभागों के बीच आते-जाते थे। Mecran region in the Map of Persia by Bowen 1747 .

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रायसेन ज़िला

रायसेन ज़िला भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का एक जिला है। रायसेन मालवा क्षेत्र का मध्यकालीन नगर मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िले की विंध्य पर्वत शृंखला की तलहटी में अवस्थित है। मध्यकाल में रायसेन सिलहारी राजपूत सरदारों का मज़बूत गढ़ था। बाबर के समय यहाँ का शासक शिलादित्य था, जो ग्वालियर के विक्रमादित्य, चित्तौड़ के राणा सांगा, चंदेरी के मेदनीराय तथा अन्य राजपूत नरेशों के साथ खानवा के युद्ध में बाबर के विरुद्ध लड़ा था। 1543 ई. में रायसेन के दुर्ग पर शेरशाह ने आक्रमण किया था। उसने इस क़िले पर अधिकार तो कर लिया किंतु इसके बाद विश्वासघात करके उसने दुर्ग की रक्षा नियुक्त उन राजपूतों को मार डाला, जिनकी रक्षा का वचन उसने पहले दिया था। इस बात से राजपूत शेरशाह के शत्रु बन गये और कालिंजर के युद्ध में उन्होंने शेरशाह का डटकर मुक़ाबला किया। रायसेन मुग़लों का एक महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक केन्द्र था। अकबर के शासनकाल में यह नगर उज्जैन के सूबे में शामिल 'सरकार' था। यहाँ बलुआ पत्थर से निर्मित क़िला है, जिसकी दीवारों पर शिकार के दृश्य अंकित है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

हिंगलाज माता

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