सामग्री की तालिका
7 संबंधों: एडगर मिशेल, नासा, नील आर्मस्ट्रांग, मिखाइल कोर्नियेंको, सुनीता विलियम्स, कल्पना चावला, अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन।
एडगर मिशेल
एडगर मिशेल (अँग्रेजी: Edgar Dean Mitchell, 17 सितंबर 1930 - 4 फ़रवरी 2016) एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थे, जिनका 4 फरवरी, 2016 को वेस्ट पाम बीच, फ्लोरिडा में निधन हो गया। वे 1971 में चंद्रमा से जुड़े अपोलो-14 मिशन के सदस्य थे। उनके साथ अपोलो-14 मिशन में एलन बी.
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नासा
नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (हिन्दी अनुवाद:राष्ट्रीय वैमानिकी और अन्तरिक्ष प्रबंधन; National Aeronautics and Space Administration) या जिसे संक्षेप में नासा (NASA) कहते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है। फ़रवरी 2006 से नासा का लक्ष्य वाक्य "भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज और एरोनॉटिक्स संशोधन को बढ़ाना" है। 14 सितंबर 2011 में नासा ने घोषणा की कि उन्होंने एक नए स्पेस लॉन्च सिस्टम के डिज़ाइन का चुनाव किया है जिसके चलते संस्था के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में और दूर तक सफर करने में सक्षम होंगे और अमेरिका द्वारा मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया कदम साबित होंगे। नासा का गठन नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1948 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था। इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1948 से कार्य करना शुरू किया। तब से आज तक अमेरिकी अंतरिक्ष अन्वेषण के सारे कार्यक्रम नासा द्वारा संचालित किए गए हैं जिनमे अपोलो चन्द्रमा अभियान, स्कायलैब अंतरिक्ष स्टेशन और बाद में अंतरिक्ष शटल शामिल है। वर्तमान में नासा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को समर्थन दे रही है और ओरायन बहु-उपयोगी कर्मीदल वाहन व व्यापारिक कर्मीदल वाहन के निर्माण व विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। संस्था लॉन्च सेवा कार्यक्रम (एलएसपी) के लिए भी जिम्मेदार है जो लॉन्च कार्यों व नासा के मानवरहित लॉन्चों कि उलटी गिनती पर ध्यान रखता है। .
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नील आर्मस्ट्रांग
नील एल्डन आर्मस्ट्रांग (५ अगस्त १९३० – २५ अगस्त २०१२) एक अमेरिकी खगोलयात्री और चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके अलावा वे एक एयरोस्पेस इंजीनियर, नौसेना अधिकारी, परीक्षण पायलट, और प्रोफ़ेसर भी थे। खगोलयात्री (ऍस्ट्रोनॉट) बनने से पूर्व वे नौसेना में थे। नौसेना में रहते हुए उन्होंने कोरिया युद्ध में भी हिस्सा लिया। नौसेना के बाद उन्होंने पुरुडु विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि ली और तत्पश्चात् एक ड्राइडेन फ्लाईट रिसर्च सेंटर से जुड़े और एक परीक्षण पायलट के रूप में ९०० से अधिक उड़ानें भरीं। यहाँ सेवायें देने के बाद उन्होंने दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि हासिल की। आर्मस्ट्रांग को मुख्यतः अपोलो अभियान के खगोलयात्री के रूप में चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। इससे पहले वे जेमिनी अभियान के दौरान भी अंतरिक्ष यात्रा कर चुके थे। अपोलो ११, वह अभियान था जिसमें जुलाई १९६९ में पहली बार चंद्रमा पर मानव सहित कोई यान उतरा और आर्मस्ट्रांग इसके कमांडर थे। उनके अलावा इसमें बज़ एल्ड्रिन, जो चाँद पर उतरने वाले दूसरे व्यक्ति बने, और माइकल कॉलिंस जो चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते मुख्य यान में ही बैठे रहे, शामिल थे। अपने साथियों के साथ, इस उपलब्धि के लिये आर्मस्ट्रांग को राष्ट्रपति निक्सन के हाथों प्रेसिडेंसियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने उन्हें १९७८ में कॉंग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर प्रदान किया और आर्मस्ट्रांग और उनके साथियों को वर्ष २००९ में कॉंग्रेसनल गोल्ड मेडल दिया गया। आर्मस्ट्रांग की मृत्यु, सिनसिनाती, ओहायो, में २५ अगस्त २०१२ को ८२ वर्ष की उम्र में बाईपास सर्जरी के पश्चात् हुई। .
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मिखाइल कोर्नियेंको
मिखाइल बोरिसोविच कोर्नियेंको एक रूसी अंतरिक्ष यात्री हैं जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लगभग एक वर्ष रहने के लिए जाने जाते हैं। .
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सुनीता विलियम्स
सुनीता विलियम्स (जन्म: १९ सितंबर, १९६५ यूक्लिड, ओहायो में) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है। यह भारत के गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती है। इन्होंने एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में १९५ दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व किर्तिमान स्थापित किया है। उनके पिता दीपक पाण्डया अमेरिका में एक डॉक्टर हैं। .
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कल्पना चावला
कल्पना चावला (17 मार्च 1962 - 1 फ़रवरी 2003), एक भारतीय अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी और अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी। वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों में से एक थीं। .
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अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन
अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन या केन्द्र (संक्षेप में आईएसएस, अंग्रेज़ी: International Space Station इंटर्नॅशनल् स्पेस् स्टेशन्, ISS) बाहरी अन्तरिक्ष में अनुसंधान सुविधा या शोध स्थल है जिसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया है। इस परियोजना का आरंभ १९९८ में हुआ था और यह २०११ तक बन कर तैयार होगा। वर्तमान समय तक आईएसएस अब तक बनाया गया सबसे बड़ा मानव निर्मित उपग्रह होगा। आईएसएस कार्यक्रम विश्व की कई स्पेस एजेंसियों का संयुक्त उपक्रम है। इसे बनाने में संयुक्त राज्य की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (आरकेए), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (सीएसए) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ईएसए) काम कर रही हैं। इनके अतिरिक्त ब्राजीलियन स्पेस एजेंसी (एईबी) भी कुछ अनुबंधों के साथ नासा के साथ कार्यरत है। इसी तरह इटालियन स्पेस एजेंसी (एएसआई) भी कुछ अलग अनुबंधों के साथ कार्यरत है। पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होने के बाद आईएसएस को नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। यह पृथ्वी से करीब ३५० किलोमीटर ऊपर औसतन २७,७२४ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से परिक्रमा करेगा और प्रतिदिन १५.७ चक्कर पूरे करेगा। पिछले आईएसएस में, जिसे नवंबर २००० में कक्षा में स्थापित किया गया था, के बाद से उसमें लगातार मानवीय उपस्थिति बनी हुई है। वर्तमान समय में इसमें तीन व्यक्तियों का स्थान है। भविष्य में इसमें छह व्यक्तियों के रहने लायक जगह बनेगी। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में स्थित एक वेधशाला के तौर पर कार्य करता है। अन्य अंतरिक्ष यानों के मुकाबले इसके कई फायदे हैं जिसमें इसमें रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स को अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहकर काम करने का मौका मिलता है। चित्र:ISS after STS-116 in December 2006.jpg|अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन खींचने अन्तरिक्ष यान डिस्कवरी से, 19 दिसम्बर, 2006 पर File:ISS_on_20_August_2001.jpg|२००१ में आई। एस.एस File:MLM_-_ISS_module.jpg|बहु-उद्देशीय मॉड्यूल File:Good Morning From the International Space Station.jpg|अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन से अमरीका पर चन्द्रोदय का दृश्य। .