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सीरियाई अरब वायु सेना

सूची सीरियाई अरब वायु सेना

सीरियाइ अरब वायु सेना; (Syrian Arab Air Force), (القوات الجوية العربية السورية‏‎), अल-क्वाट अल-जवाविया अल अरबिया एशोरिया), मूल रूप से सीरियाई अरब वायु सेना, जिसे अक्सर सीरियाई वायु सेना के रूप में जाना जाता है, सीरियाई सशस्त्र की वायु सेना की शाखा है। यह अंग्रेजी में एसएएफ, सैफ, या एसएएएएफएफ के लिए अलग-अलग संक्षिप्त है। यह 1948 में स्थापित की गयी थी। भूमि आधारित वायु रक्षा प्रणालियों को सीरियाई वायु रक्षा बल के तहत वर्गीकृत किया गया है, जो वायु सेना और सेना दोनों से विभाजित है। सीरियाई अरब वायु सेना में रात में परिचालन करने की क्षमता नहीं है। .

सामग्री की तालिका

  1. 6 संबंधों: द्वितीय विश्वयुद्ध, फ़्रान्स, मध्य पूर्व, सीरिया, सीरियाई गृहयुद्ध, वायुसेना

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई.

देखें सीरियाई अरब वायु सेना और द्वितीय विश्वयुद्ध

फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

देखें सीरियाई अरब वायु सेना और फ़्रान्स

मध्य पूर्व

मध्य पूर्व का राजनीतिक नक्शा मध्य पूर्व (या पूर्व में ज्यादा प्रचलित पूर्व के करीब (Near East)) दक्षिण पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्वी यूरोप और उत्तरी पूर्वी अफ़्रीका में विस्तारित क्षेत्र है। इसकी कोई स्पष्ट सीमा रेखा नहीं है, अक्सर इस शब्द का प्रयोग पूर्व के पास (Near East) के एक पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता, ठीक सुदूर पूर्व (Far East) के विपरित। मध्य पूर्व शब्द का प्रचलन १९०० के आसपास के यूनाइटेड किंगडम में शुरू हुआ। .

देखें सीरियाई अरब वायु सेना और मध्य पूर्व

सीरिया

सीरिया ('''سوريّة'''. or), आधिकारिक रूप से सीरियाई अरब गणराज्य (अरबी: الجمهورية العربية السورية), दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक राष्ट्र है। इसके पश्चिम में लेबनॉन तथा भूमध्यसागर, दक्षिण-पश्चिम में इजराइल, दक्षिण में ज़ॉर्डन, पूरब में इराक़ तथा उत्तर में तुर्की है। इसराइल तथा इराक़ के बीच स्थित होने के कारण यह मध्य-पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी दमास्कस है जो उमय्यद ख़िलाफ़त तथा मामलुक साम्राज्य की राजधानी रह चुका है। अप्रैल 1946 में फ्रांस से स्वाधीनता मिलने के बाद यहाँ के शासन में बाथ पार्टी का प्रभुत्व रहा है। 1963 से यहाँ आपातकाल लागू है जिसके कारण 1970 के बाद से यहाँ के शासक असद परिवार के लोग होते हैं। .

देखें सीरियाई अरब वायु सेना और सीरिया

सीरियाई गृहयुद्ध

सीरियाई गृह्युध्ह जो कि सीरियाई विद्रोह या सीरियाई संकट के नाम से भी जाना जाता है, सीरिया में सत्तारूढ़ 'बाथ सरकार' के समर्थकों एवं विपक्षियो के बीच चल रहा सशस्त्र संघर्ष है। यह संघर्ष १५ मार्च,२०११ को लोक-सम्मत प्रदर्शनों के साथ शुरू हुआ एवं अप्रैल, २०११ तक पूरे देश में फैल गया। यह प्रदर्शन समस्त उत्तर-पूर्व में चल रही 'अरब क्रांति' का हिस्सा थे। विरोधकर्ताओं की मांगें थी की राष्ट्रपति बशर अल - असद, जो कि १९७१ से सीरिया में सत्तारूढ़ थे, पदत्याग करें एवं 'बाथ पार्टी' का शासन, जो कि १९६३ से आ रहा है, का अंत हो। अप्रैल, २०११ में सीरियाई सेना को क्रांति के निर्देष मिले, तथा सैनिकों ने पूरे देश में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। महीनों की सैन्य घेराबंदी के बाद यह विरोध सशस्त्र विद्रोह में बदल गया। आज विपक्षी ताकतें, जो कि मुख्यतः विरोधी सैनिकों एवं नागरिकों से बनीं हैं एक केन्द्रीय नेतृत्व के बिना हैं। पूरे देश के कई छोटे-बड़े नगरों में चल रहा यह विद्रोह असममात्रिक है। २०११ के अन्त में विपक्षी ताकतों में इस्लामी संगठन 'जबात-उल-नसरा' का बढ़ता प्रभाव देखा गया। सन २०१३ में हिजबुल्ला ने सीरियाई सेना की ओर से जंग में प्रवेश किया। सीरियाई सरकार को रूस एवं ईरान से सैनिक सहायता प्राप्त है, जबकि विद्रोहियों को क़तर एवं सउदी अरब से हथियारों की पूर्ती हो रही है। जुलाई २०१३ तक सीरियाई सरकार देश की ३०-४० प्रतिशत भूमि व ६० प्रतिशत जनता पर शासन कर रही है, जबकि विप्लवियों के नियंत्रण में देश के उत्तर एवं पूर्व में भूमि है। अरब लीग, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, एवं अन्य देशों ने प्रदर्शनकारियों पर हिंसा के प्रयोग कि निंदा की। अरब संघ ने इस संकट पर राज्य की प्रतिक्रिया के कारण सीरिया को संघ से निकाल दिया, एवं उसकी जगह सीरियाई राष्ट्रीय गठबंधन, सीरिया के राजनीतिक विपक्षी समूहों के एक गठबंधन, को ६ मार्च २०१३ को संघ में जगह दी। श्रेणी:सीरियाई गृहयुद्ध श्रेणी:सीरिया श्रेणी:गृहयुद्ध.

देखें सीरियाई अरब वायु सेना और सीरियाई गृहयुद्ध

वायुसेना

एक वायुसेनिक अड्डा, चित्र में उड़नपट्टी पे गोर करे वायुसेना एक राष्ट्र की सैन्य संगठन की एक शाखा होती है जिसका मुख्य कार्य उस देश की वायु सुरक्षा, वायु चौकसी एव जरूरत होने पर वायु युद्ध करना होता है। इस सेन्य संगठन की संरचना थलसेना, नौसेना या अन्य शाखाओं से अलग और स्वतंत्र होती है। आमतौर पर वायुसेना अपना कर्तव्य पालन करने के लिए वायु नियंत्रण करती है जिसमे की दुश्मन सेना के विमान विशेष तोर पर लड़ाकू विमानों को नष्ट करना, शत्रु पर बमबारी और सतेही सेना को सामरिक सहायता प्रदान करना होता है। वायुसेना कई प्रकार के साजो सामान काम में लेती है व जिसमे विभिन्न प्रकार के हथियार व विमान शामिल होते है। किसी भी वायुसेना के बेड़े में कई प्रकार के लड़ाकू, बम डोही, टोही, तेल टेंकर व सेन्य परिवहन विमान शामिल हो सकते है। सुखोई एसयु-३० एमकेआई लड़ाकू विमान .

देखें सीरियाई अरब वायु सेना और वायुसेना