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सी वी रामन पिल्लै

सूची सी वी रामन पिल्लै

युवावस्था में सी वी रामन पिल्ला सी वी रामन पिल्लै (मलयालम:സി.വി. രാമന്‍പിള്ള; १८५७-१९२१) मलयालम के महान उपन्यासकार, नाटककार तथा पत्रकार थे। उन्हें प्रायः 'सी वी' कहा जाता है। मलयालम में वे सबसे महान ऐतिहासिक उपन्यासकार हुए हैं। सी वी का जन्म तिरुवनंतपुरम् में हुआ था। उनके उपन्यासों की पृष्ठभूमि १८वीं शताब्दी की घटनाओं की शृंखलाएँ हैं जिनके द्वारा तिरुवितांकूर राज्य का निर्माण एवं संस्थापन हुआ। मार्तंड वर्मा उपन्यास में रामनतपि और मार्तंडवर्मा के बीच उत्तराधिकारी के कलह की कहानी का वर्णन है। धर्मराजा उपन्यास कार्तिकतिरुनाल रामवर्मराज के शासनकाल की राजनीतिक एवं सैनिक घटनाओं के ऊपर आधारित है। रामराजबहादुर उपन्यास टीपू सुल्तान के तिरुवितांकूर पर किए गए आक्रमण की पृष्ठभूमि पर तैयार किया गया है। इन सभी उपन्यासों के कथानक विस्तृत हैं। केरल के इतिहास की गतिविधियों में उनकी अंतर्दृष्टि और सजीव पात्रों के चित्रण की योग्यता ने पाठकों के नेत्रों के समक्ष तत्कालीन घटनाओं का जीता-जागता चित्र उपस्थित कर दिया है। उनकी शैली में सरलता की कमी है। उन्होंने बहुत से व्यंगमय प्रहसन भी लिखे हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 8 संबंधों: टीपू सुल्तान, तिरुवनन्तपुरम, नाटककार, पत्रकार, मलयालम भाषा, मार्ताण्ड वर्मा (उपन्यास), केरल, उपन्यासकार

टीपू सुल्तान

टीपू सुल्तान टीपू सुल्तान (1750 - 1799) कर्नाटक (ಟಿಪ್ಪು ಸುಲ್ತಾನ್, سلطان فتح علی خان ٹیپو) भारत के तत्कालीन मैसूर राज्य के शासक थे। .

देखें सी वी रामन पिल्लै और टीपू सुल्तान

तिरुवनन्तपुरम

തിരുവനന്തപുരം --> तिरुवनन्तपुरम (मलयालम - തിരുവനന്തപുരം) या त्रिवेन्द्रम केरल प्रान्त की राजधानी है। यह नगर तिरुवनन्तपुरम जिले का मुख्यालय भी है। केरल की राजनीति के अलावा शैक्षणिक व्यवस्था का केन्द्र भी यही है। कई शैक्षणिक संस्थानों में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केन्द्र, राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केन्द्र कुछ प्रसिद्ध नामों में से हैं। भारत की मुख्य भूमि के सुदूर दक्षिणी पश्चिमी तट पर बसे इस नगर को महात्मा गांधी ने भारत का सदाबहार नगर की संज्ञा दी थी। .

देखें सी वी रामन पिल्लै और तिरुवनन्तपुरम

नाटककार

निबंधकार वह है जो साहित्य और रंगमंच की एक विधा नाटक लिखने का व्यावसायिक काम करता है। श्रेणी:साहित्य.

देखें सी वी रामन पिल्लै और नाटककार

पत्रकार

पत्रकार उस व्यक्ति को कहते हैं जो समसामयिक घटनाओं, लोगों, एवं मुद्दों आदि पर सूचना एकत्र करता है एवं जनता में उसे विभिन्न माध्यमों की मदद से फैलाता है। इस व्यवसाय या कार्य को पत्रकारिता कहते हैं। संवाददाता एक प्रकार के पत्रकार हैं। स्तम्भकार (कॉलमिस्ट) भी पत्रकार हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के सम्पादक, फोटोग्राफर एवं पृष्ठ डिजाइनर आदि भी पत्रकार ही हैं। .

देखें सी वी रामन पिल्लै और पत्रकार

मलयालम भाषा

मलयालं (മലയാളം, मलयालम्‌) या कैरली (കൈരളി, कैरलि) भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है। मलयालं, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। इस पर संस्कृत का प्रभाव ईसा के पूर्व पहली सदी से हुआ है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। अरबों के साथ सदियों से व्यापार संबंध अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर भी भाषा पर पड़ा है। .

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मार्ताण्ड वर्मा (उपन्यास)

मार्ताण्ड वर्मा, केरल का साहित्यकार सी॰ वी॰ रामन् पिल्लै का १९८१ में प्रकाशित हुआ एक मलयालम उपन्यास है। राजा रामा वर्मा के अंतिम शासनकाल से मार्ताण्ड वर्मा का राज्याभिषेक तक वेणाट (तिरुवितान्कूर) का इतिहास आख्यान करना एक अतिशयोक्तिपूर्ण कथा | url .

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केरल

केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.

देखें सी वी रामन पिल्लै और केरल

उपन्यासकार

उपन्यास के लेखक को उपन्यासकार कहते हैं। यह साहित्य की एक गद्य विधा है जिसमें किसी कहानी को विस्तृत रूप से कहा जाता है।। यह साहित्य की अत्यंत प्रचिलित विधा है इसलिये उपन्यासकार भी बहुत से मिलते हैं। उनमे से कुछ प्रमुख इस प्रकार से हैं - प्रेमचन्द नरेन्द्र कोहली शिवानी आचार्य चतुरसेन चार्ल्स डिकेंस आचार्य गणपतिचंद्र गुप्त ने उपन्यासों के वैज्ञानिक वर्गीकरण की चर्चा करते हुए निम्न वर्गीकरण किया है। श्रेणी:साहित्यकार.

देखें सी वी रामन पिल्लै और उपन्यासकार

सी. बी. रामन पिल्ला, सी. वी. रामन पिल्ल, सी. वी. रामन् पिल्ल, सी. वी. रामन् पिल्लै, सी॰ वी॰ रामन पिळ्ळ, सी॰ वी॰ रामन पिळ्ळा, सी॰ वी॰ रामन् पिल्लै, सी॰ वी॰ रामन् पिळ्ळ के रूप में भी जाना जाता है।