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सल्फर हेक्साफ्लोराइड

सूची सल्फर हेक्साफ्लोराइड

सल्फर हेक्साफ्लोराइड (Sulfur hexafluoride (SF6) एक अकार्बनिक गैस है। यह रंगहीन, गंधहीन, अज्वलनशील गैस है। यह गैस अत्यन्त उच्च गुणवत्ता वाली विद्युत इंसुलेटर है और उच्च वोल्टता के उपकरणों में इसका उपयोग होता है (जैसे, SF6 सर्किट ब्रेकर में)। यह एक ग्रीनहाउस गैस है। SF6 का अणु अष्टफलकीय (octahedral) होता है। इसके केन्द्र में सल्फर परमाणु होता है जिसके चारों ओर ६ फ्लोरीन परमाणु जुड़े होते हैं। यह एक अध्रुवी (nonpolar) गैस है जो जल में बहुत कम विलेय है किन्तु अध्रुवीय कार्बनिक विलायकों में विलेय है। इसे प्रायः द्रवीकृत संपीडित गैस के रूप में लाया-ले जाया जाता है। इसका सामान्य ताप और दाब पर घनत्व 6.12 g/L है जो वायु के घनत्व (1.225 g/L) से काफी अधिक है। .

6 संबंधों: परिपथ विच्छेदक, फ्लोरीन, घनत्व, वायु, गंधक, गैस

परिपथ विच्छेदक

१२५० अम्पीयर का वायु परिपथ विच्छेदक परिपथ विच्छेदक के अन्दर का दृष्य VA47-29 नामक परिपथ विच्छेदक के अन्दर का दृष्य परिपथ विच्छेदक या 'परिपथ वियोजक' (सर्किट ब्रेकर / circuit breaker) स्वतःचालित वैद्युत स्विच है जो दोष (फाल्ट) आदि की दशा में कार्य करता है जिससे दोषी भाग स्वस्थ भाग से अलग कर दिया जाता है और दूसरे उपकरण खराब होने से बच जाते हैं। इसका मूल काम दोषपूर्ण स्थिति की पहचान करके दोषी भाग को जाने वाली विद्युत शक्ति को शीघ्रातिशीघ्र काट देना है। फ्यूज से यह इस मामले में अलग है कि इसे रिसेट करके पुनः विद्युत प्रदाय चालू किया जा सकता है। परिपथ विच्छेदक भिन्न-भिन्न आकार, क्षमता, एवं प्रकार के होते हैं। .

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फ्लोरीन

फ्लोरीन एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी (periodic table) के सप्तसमूह का प्रथम तत्व है, जिसमें सर्वाधिक अधातु गुण वर्तमान हैं। इसका एक स्थिर समस्थानिक (भारसंख्या 19) प्राप्त है और तीन रेडियोधर्मिता समस्थानिक (भारसंख्या 17,18 और 20) कृत्रिम साधनों से बनाए गए हैं। इस तत्व को 1886 ई. में मॉयसाँ ने पृथक्‌ किया। अत्यंत क्रियाशील तत्व होने के कारण इसको मुक्त अवस्था में बनाना अत्यंत कठिन कार्य था। मॉयसाँ ने विशुद्ध हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा दहातु तरस्विनिक के मिश्रण के वैद्युत्‌ अपघटन द्वारा यह तत्व प्राप्त किया था। तरस्विनी मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता। इसके यौगिक चूर्णातु तरस्विनिक (फ्लुओराइड), (चूर.त2) (CaF2) और क्रायोलाइड, (क्षा3स्फ.त6) (Na3AlF6) अनेक स्थानों पर मिलते हैं। तरस्विनी का निर्माण मॉयसाँ विधि द्वारा किया जाता है। महातु घनातु मिश्रधातु का बना यू (U) के आकार का विद्युत्‌ अपघटनी कोशिका लिया जाता है, जिसके विद्युदग्र भी इसी मिश्रधातु के बने रहते हैं। हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल में दहातु तरस्विनिक (फ्लुओराइड) विलयित कर - 23° सें.

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घनत्व

भौतिकी में किसी पदार्थ के इकाई आयतन में निहित द्रव्यमान को उस पदार्थ का घनत्व (डेंसिटी) कहते हैं। इसे ρ या d से निरूपित करते हैं। अर्थात अतः घनत्व किसी पदार्थ के घनेपन की माप है। यह इंगित करता है कि कोई पदार्थ कितनी अच्छी तरह सजाया हुआ है। इसकी इकाई किग्रा प्रति घन मीटर होती है। .

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वायु

वायु पंचमहाभूतों मे एक हैं| अन्य है पृथिवी, जल, अग्नि व आकाश वायु वस्तुत: गैसो का मिश्रण है, जिसमे अनेक प्रकार की गैस जैसे जारक, प्रांगार द्विजारेय, नाट्रोजन, उदजन ईत्यादि शामिल है।.

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गंधक

हल्के पीले रंग के गंधक के क्रिस्टल गंधक (Sulfur) एक रासायनिक अधातुक तत्त्व है। .

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गैस

गैसों का कण मॉडल: गैसों के कणों के बीच की औसत दूरी अपेक्षाकृत अधिक होती है। गैस (Gas) पदार्थ की तीन अवस्थाओं में से एक अवस्था का नाम है (अन्य दो अवस्थाएँ हैं - ठोस तथा द्रव)। गैस अवस्था में पदार्थ का न तो निश्चित आकार होता है न नियत आयतन। ये जिस बर्तन में रखे जाते हैं उसी का आकार और पूरा आयतन ग्रहण कर लेते हैं। जीवधारियों के लिये दो गैसे मुख्य हैं, आक्सीजन गैस जिसके द्वारा जीवधारी जीवित रहता है, दूसरी जिसे जीवधारी अपने शरीर से छोड़ते हैं, उसका नाम कार्बन डाई आक्साइड है। इनके अलावा अन्य गैसों का भी बहु-प्रयोग होता है, जैसे खाना पकाने वाली रसोई गैस। पानी दो गैसों से मिलकर बनता है, आक्सीजन और हाइड्रोजन। .

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