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सलीम द्वितीय

सूची सलीम द्वितीय

सलीम द्वितीय (उस्मानी तुर्कीयाई: سليم ثانى सेलिम-इ सानी, तुर्कीयाई: II.Selim; 28 मई 1524 – 12/15 दिसम्बर 1574), सार्होश सेलिम, मेश्त सेलिम (Sarhoş Selim; Mest Selim - शराबी सलीम) या सारे सेलिम (Sarı Selim - सुनहरे बालों का सलीम) के नामों से भी मशहूर हैं, 1566 से 1574 में उनकी मौत तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। वे शानदार सुलेमान और ख़ासकी ख़ुर्रम सुल्तान के पुत्र थे। सलीम उस्मानी तख़्त के लिए उम्मीदवार नहीं थे। जब उनके भाई शहज़ादे महमद की मौत चेचक की वजह से हुई, उनके सौतेले भाई शहज़ादे मुस्तफ़ा को उनके पिता के हुकम पर गला घोंटने से मार दिया गया और उनके भाई शहज़ादे बायज़ीद को उनके और उनके पिता द्वारा रचित साज़िश में मार दिया गया था; तब उनके पिता के गुज़रने के बाद वे साम्राज्य के आख़री जीवित वारिस थे। 1566 में शानदार सुलेमान के देहांत के बाद उनकी मौत की ख़बर 50 रोज़ तक जनता से छुपाई गई जिसके बाद सलीम द्वितीय क़ुस्तुंतुनिया में तख़्त नशीन हुआ। उस वक़्त उनकी उम्र 42 साल थी। उस्मानिया साम्राज्य उस वक़्त अपना चरम उत्कर्ष पर पहुँच चुका था। .

सामग्री की तालिका

  1. 9 संबंधों: तुर्कीयाई भाषा, मुराद तृतीय, सुन्नी इस्लाम, सुलेमान प्रथम, हागिया सोफिया, ख़ुर्रम सुल्तान, इस्तांबुल, क़ुस्तुंतुनिया, उस्मानी साम्राज्य

  2. १५७४ में निधन

तुर्कीयाई भाषा

तुर्की-भाषी क्षेत्र: '''गहरा नीला''': वे क्षेत्र जहाँ तुर्की भाषा को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है, '''हल्का नीला''': जहाँ तुर्की भाषा को अल्पसंख्यक भाषा की मान्यता प्राप्त है। तुर्की भाषा (Türkçe), आधुनिक तुर्की और साइप्रस की प्रमुख भाषा है। पूरे विश्व में कोई 6.3 करोड़ लोग इस मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। यह तुर्क भाषा परिवार की सबसे व्यापक भाषा है जिसका मूल मध्य एशिया माना जाता है। बाबर, जो मूल रूप से मध्य एशिया (आधुनिक उज़्बेकिस्तान) का वासी था, चागताई भाषा बोलता था जो तुर्क भाषा परिवार में ही आती है। .

देखें सलीम द्वितीय और तुर्कीयाई भाषा

मुराद तृतीय

मुराद तृतीय (उस्मानी तुर्कीयाई: مراد ثالث मुराद-इ सालिस, तुर्कीयाई: III.Murat) (4 जुलाई 1546 – 15/16 जनवरी 1595) 1574 से 1595 में अपनी मौत तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। मुराद तृतीय एक कमज़ोर और ऐश-परस्त शासक थे जो हरम से बहुत ग्रस्त थे जहाँ पहले उनकी माँ नूरबानो सुल्तान और फिर उनकी पसंदीदा बीवी सफ़िया सुल्तान का ज़ोर चलता था। उनके दौर में साम्राज्य संभालने के ज़िम्मे मुख्य रूप से वज़ीरेआज़म महमद सौकुली पाशा के हाथों में था जो अक्तूबर 1579 में अपने क़तल तक पदाधिकारी रहे और सुल्तान की कमज़ोरी का असर साम्राज्य पर न पड़ने दिया। मुराद तृतीय के दौर में ईरान और ऑस्ट्रिया के साथ कई जंगें लड़ी गईं। उनके दौर में उसमानी अर्थव्यवस्था और अन्य संस्थाओं के पतन का आग़ाज़ हुआ था। .

देखें सलीम द्वितीय और मुराद तृतीय

सुन्नी इस्लाम

सुन्नी मुस्लिम इस्लाम के सबसे बड़े सम्प्रदाय सुन्नी इस्लाम को मानने वाले मुस्लिम हैं। सुन्नी इस्लाम को अहले सुन्नत व'ल जमाअत (अरबी: أهل السنة والجماعة‎ "(मुहम्म्द के) आदर्श लोग और समुदाय") या संक्षिप्त में अहल अस- सुन्नाह (अरबी: أهل السنة‎) भी कहते हैं। सुन्नी शब्द अरबी के सुन्नाह (अरबी: سنة) से आया है, जिसका अर्थ (पैगम्बर मोहम्मद) की बातें और कर्म या उनके आदर्श है। सामान्य अर्थों में सुन्नी -पवित्र ईशसन्देश्टा मुहम्मद स० के निधन के पश्चात जिन लोगों ने मुहम्मद स० द्वारा बताये गये नियमों का पालन किया सुन्नी कहलाऐ। सुन्नी दुनिया में 80% हैं ये आंकड़ा 5 गिरोह को मिलाकर बनता हैं।.

देखें सलीम द्वितीय और सुन्नी इस्लाम

सुलेमान प्रथम

सुलेमान प्रथम, सुलेमान क़ानूनी, सुलेमान महान या शानदार सुलेमान (उस्मानी तुर्की: سلطان سليمان اول‎ सुल्तान सुलेमान अव्वल, आधुनिक तुर्की: Süleyman I या Kanunî Sultan Süleyman) उस्मानी सल्तनत के दसवें शासक थे जिन्होंने 1520 से 1566, 46 साल तक शासन किया। वे सम्भवतः उस्मानी सल्तनत के सबसे महान शासकों में से एक थे जिन्होंने अपने अनोखी न्यायप्रणाली और अतुलनीय प्रबन्धन की बदौलत समस्त इस्लामी विश्व को समृद्धि और विकास का मार्ग पर लाया था। उन्होंने सल्तनत के लिए क़ानून की विशेष व्यवस्था स्थापित की थी और इस कारण से उन्हें सुलेमान क़ानूनी के नाम से याद किया जाता है। पश्चिमी विश्व उनकी महानता से इतने प्रभावित हुए कि पश्चिमी लेखकों ने उन्हें शानदार सुलेमान का नाम दिया। उनकी सरकार के मुख्य इलाक़ों में हिजाज़, तुर्की, मिस्र, अल्जीरिया, इराक़, कुर्दिस्तान, यमन, शाम, फ़ारस की खाड़ी और भूमध्य तटीय क्षेत्र, यूनान और हंगरी शामिल थे। .

देखें सलीम द्वितीय और सुलेमान प्रथम

हागिया सोफिया

हागिया सोफिया का बाहरी दृश्य। हागिया सोफिया या आयासोफ़िया (Church of Holy Wisdom या वर्तमान आयादफया संग्रहालय) एक पूर्व पूर्वी आरथोडोकस चर्च जिसे १४५३ में जीत कस्न्निया के बाद उस्मान बिजान्तिनों ने मस्जिद में बदल दिया। १९३५ में आतातुर्क ने उसकी गिरजे व मस्जिद के रूप समाप्त करके उसे संग्रहालय बना दिया। हागिया सोफिया तुर्की के शहर इस्तांबुल में स्थित है और बलाशक और संदेह दुनिया के इतिहास में सबसे इमारतों में गिना जाता है। लातिनी भाषा में उसे सेंकटा सोफ़िया (Sancta Sophia) और तुर्की भाषा में आयासोफ़िया (Ayasofya) कहा जाता है। अंग्रेजी में कभी कभी उसे सेंट सोफ़िया(Saint Sophia) भी कहा जाता है। .

देखें सलीम द्वितीय और हागिया सोफिया

ख़ुर्रम सुल्तान

''ला सुल्ताना रोज़्ज़ा'', तितियन द्वारा चित्र, 1550. ख़ुर्रम सुल्तान (तुर्कीयाई: हुर्रेम सुल्टान, उच्चारण:, उस्मान तुर्कीयाई: خرم سلطان) जो पश्चिमी दुनिया में रोक्सेलाना (Roxelana) के नाम से प्रसिद्ध सुलैमान प्रथम की पत्नी और शहज़ादा महमद, महर माह सुल्तान, शहज़ादा अब्दुल्लाह, सलीम द्वितीय, शहज़ादा बायज़ीद और शहज़ादा जहाँगीर की माँ थीं वे ख़ासकी सुल्तान के पद की सर्वप्रथम पदाधिकारी थीं और इसलिए उस्मान साम्राज्य के इतिहास में सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक थीं। वे महिलाओं की सल्तनत की एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थीं। उन्होंने अपने पति के माध्यम से उस्मान साम्राज्य में राजकीय शक्ति प्राप्त की और राजनीति में उन्होंने एक प्रभावशाली भूमिका निभाई थीं। .

देखें सलीम द्वितीय और ख़ुर्रम सुल्तान

इस्तांबुल

इतिहास में कस्न्निया के नाम से प्रसिद्ध तुर्की शहर इस्तांबुल (तुर्की: İstanbul) के नाम से जाना जाता है) देश का सबसे बड़ा शहर और उसकी सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है। शहर राज्य इस्तांबुल राष्ट्रपति स्थान है। आबनाईे बासतुरस और उसकी प्राकृतिक बंदरगाह शाखा मुहाना (तुर्की: Haliç) के किनारे स्थित तुर्की का उत्तर पश्चिमी शहर बासतुरस एक ओर यूरोप क्षेत्र थरेस और दूसरी ओर एशिया के क्षेत्र आना्ऑलियह तक फैला हुआ है इस तरह वह दुनिया का एकमात्र शहर है जो दो महाद्वीपों में स्थित है। इस्तांबुल तारीख़े आलम का एकमात्र शहर जो तीन महान सटिनतों की राजधानी रहा है जिनमें ३३० ई.

देखें सलीम द्वितीय और इस्तांबुल

क़ुस्तुंतुनिया

क़ुस्तुंतुनिया या कांस्टैंटिनोपुल (यूनानी: Κωνσταντινούπολις कोन्स्तान्तिनोउपोलिस या Κωνσταντινούπολη कोन्स्तान्तिनोउपोली; लातीनी: Constantinopolis कोन्स्तान्तिनोपोलिस; उस्मानी तुर्कीयाई: قسطنطینية, Ḳosṭanṭīnīye कोस्तान्तिनिये‎), बोस्पोरुस जलसन्धि और मारमरा सागर के संगम पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो रोमन, बाइज़ेंटाइन, और उस्मानी साम्राज्य की राजधानी थी। 324 ई.

देखें सलीम द्वितीय और क़ुस्तुंतुनिया

उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

देखें सलीम द्वितीय और उस्मानी साम्राज्य

यह भी देखें

१५७४ में निधन