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षडबल

सूची षडबल

षडबल ज्योतिष का वह भाग है, जो किसी ग्रह की 6 प्रकार की शक्तियों को व्यक्त करता है। एक ग्रह अपनी स्थिति, दूसरे ग्रहों कि दृष्टि, दिशा, समय, गति आदि के द्वारा बल प्राप्त करता है। षडबल कि गणना में राहू- केतु के अतिरिक्त अन्य सात ग्रहों की शक्तियों का आकलन किया जाता है। षडबल में अधिक अंक प्राप्त करने वाला ग्रह बली होकर अपनी दशा- अन्तर्दशा में अपने पूरे फल देता है। इसके विपरीत षडबल में कमजोर ग्रह अपने पूरे फल देने में असमर्थ होता है। षडबल में ग्रहों के छ: प्रकार के बल निकाले जाते हैं। स्थान बल- स्थानीय बल /शक्ति देता है। दिगबल - दिशा बल / शक्ति बताता है। काल बल - समय की शक्ति का निर्धारण करता है। चेष्टा बल - गतिशील बल है। नैसर्गिक बल - प्राकृ्तिक बल प्रदान करता है। दृष्टि बल - दृष्टि बल की व्याख्या करता है। .

2 संबंधों: दिगबल, काल बल

दिगबल

दिग का तात्पर्य दिशा है। ग्रह को किसी खास दिशा में स्थित होने पर बल को दिगबल कहा जाता है। षडबल में निकाले जाने वाले छ: बलों में से दूसरे स्थान पर दिगबल की गणना की जाती है। गुरु और बुध पूर्व दिशा अर्थात लग्न में, मंगल और सूर्य दक्षिण दिशा अर्थात 10 वें भाव में, शनि पश्चिम दिशा में अर्थात सांतवें भाव में, चन्द्र और शुक्र उतर दिशा अर्थात चतुर्थ भाव में दिगबली होते है। श्रेणी:ज्योतिष.

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काल बल

षडबल के अन्तर्गत निकाले जाने वाले छ: बलों में से तीसरा बल काल बल है। जन्म समय के आधार पर काल बल 9 प्रकार का होता है। इसके लिये नौ प्रकार की बल निकाल कर परिणाम निकाला जाता है।.

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