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वी कृष्णस्वामी ऐयर

सूची वी कृष्णस्वामी ऐयर

वेंकटराम ऐयर कृष्णस्वामी ऐयर (15 जून 1863 – 28 दिसम्बर 1911) भारत के एक अधिवक्ता तथा मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति थे। उन्होने मद्रास संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की। वे ब्रिटिश कम्पनी 'आर्बुथनॉट ऐण्ड कम्पनी' (जो अक्टूबर १९०६ में दिवालिया हो गयी थी) के अंशधारक पर मुकदमा चलाने के लिये प्रसिद्ध है। श्रेणी:भारत के अधिवक्ता श्रेणी:१८६३ जन्म.

3 संबंधों: मद्रपुरी संस्कृत महाविद्यालय, मद्रास उच्च न्यायालय, अधिवक्ता

मद्रपुरी संस्कृत महाविद्यालय

मद्रपुरी संस्कृत महाविद्यालय (Madras Sanskrit College) चेन्नै स्थित एक संस्कृत महाविद्यालय है जिसकी स्थापना १९०६ में हुई थी। इसके संस्थापक न्यायमूर्ति वी कृष्णस्वामी ऐयर थे। वर्तमान समय में यह महाविद्यालय मद्रास विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। .

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मद्रास उच्च न्यायालय

मद्रास उच्च न्यायालय विहंगम दृश्य मद्रास उच्च न्यायालय भारत के तमिलनाडु प्रान्त का न्यायालय हैं। यह राज्य की राजधानी चेन्नई में स्थित है। इसका भवन दर्शनीय है और समुद्रतट पर चेन्नई के व्यापारिक केंद्र में स्थित है। यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा न्यायालय परिसर है। .

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अधिवक्ता

अधिवक्ता, अभिभाषक या वकील (ऐडवोकेट advocate) के अनेक अर्थ हैं, परंतु हिंदी में ऐसे व्यक्ति से है जिसको न्यायालय में किसी अन्य व्यक्ति की ओर से उसके हेतु या वाद का प्रतिपादन करने का अधिकार प्राप्त हो। अधिवक्ता किसी दूसरे व्यक्ति के स्थान पर (या उसके तरफ से) दलील प्रस्तुत करता है। इसका प्रयोग मुख्यत: कानून के सन्दर्भ में होता है। प्राय: अधिकांश लोगों के पास अपनी बात को प्रभावी ढ़ंग से कहने की क्षमता, ज्ञान, कौशल, या भाषा-शक्ति नहीं होती। अधिवक्ता की जरूरत इसी बात को रेखांकित करती है। अन्य बातों के अलावा अधिवक्ता का कानूनविद (lawyer) होना चाहिये। कानूनविद् उसको कहते हैं जो कानून का विशेषज्ञ हो या जिसने कानून का व्यावसायिक अध्ययन किया हो। वकील की भूमिका कानूनी न्यायालय में काफी भिन्न होती है। भारतीय न्यायप्रणाली में ऐसे व्यक्तियों की दो श्रेणियाँ हैं: (१) ऐडवोकेट तथा (२) वकील। ऐडवोकेट के नामांकन के लिए भारतीय "बार काउंसिल' अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक प्रादेशिक उच्च न्यायालय के अपने-अपने नियम हैं। उच्चतम न्यायालय में नामांकित ऐडवोकेट देश के किसी भी न्यायालय के समक्ष प्रतिपादन कर सकता है। वकील, उच्चतम या उच्च न्यायालय के समक्ष प्रतिपादन नहीं कर सकता। ऐडवोकेट जनरल अर्थात्‌ महाधिवक्ता शासकीय पक्ष का प्रतिपादन करने के लिए प्रमुखतम अधिकारी है। अभी महाराष्ट्र के महाधीवक्ता रोहित देव है। ● अपनी मुकद्दमे की पैरवी स्वम कर सकते है इसके लिए कुछ कुछ महत्वपूर्ण बातो को धयान में रखने की जरूरत है क्यो की वकील के पास अनेको मुकद्दमे देखने की जिम्मेदारी होती है इस कारण से जितनी बातें पीड़ित की रखनी होती है नही रख पाते इस कारण मुकद्दमा हल्का हो जाता है मुवक्किल अपना पछ रखने के लिए स्वतंत्र है वह अपनी बात अच्छे से प्रस्तुत कर सकता है क्यो की उसे न किसी वकालत नामे की जरूरत नही होती है न वकालत के डिग्री की............#लेख जारी है .

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